tag:blogger.com,1999:blog-31786609.post6758215182124396341..comments2023-11-02T06:24:56.857-07:00Comments on मगही भाषा एवं साहित्य: 4. मगही उपन्यास "गोदना" में प्रयुक्त ठेठ मगही शब्दनारायण प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/15182186669695068747noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-31786609.post-48916258145425964662009-04-05T21:27:00.000-07:002009-04-05T21:27:00.000-07:00कौशल जी, हम अपने के सब विचार से सहमत हिअइ । मगही...कौशल जी,<BR/> हम अपने के सब विचार से सहमत हिअइ । मगही के हरेक प्रातिनिधिक क्षेत्र से (विशेष रूप से ग्रामीण भाग से) टेप कइल सामग्री के जालस्थल पर डालल जा सकऽ हइ । परन्तु एकरा लगी सामूहिक रूप से काम कईल जाय त बेहतर होतइ । अभी तो घर पर रहते जे कुछ सम्भव हइ, हम पूरा करे के कोरसिस कर रहऽलिये ह ।नारायण प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/15182186669695068747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31786609.post-81929546678667804142009-04-05T08:01:00.000-07:002009-04-05T08:01:00.000-07:00मगही के लिए आपके प्रयास के जेतना प्रसंसा कईल जाए क...मगही के लिए आपके प्रयास के जेतना प्रसंसा कईल जाए कम हई.<BR/>आप के पढ़त पढ़त हमरा ई लगे हे की अब मगही के अप्पन शब्द ( जेकरा आप ठेठ कह हथीन ) के संजोग कर एक बृहद मगही शब्द कोष बनवल जा सक s हई. और ओकरा ला माल मटेरिअल आप तैयार कर देल्तीं हें.<BR/>एक और बात laud थिंकिंग के तौर पर हम कर रहली हे की अप्पन ई प्रयास के - खास कर विषय वस्तु के सन्दर्भ में - थोडा व्यापक बानवे के दरकार हई.<BR/>मसलन - मगही क्षेत्र के समसामयिक हलचल ,राजनैतिक , सामाजिक ,सांस्कृतिक , ऐतिहासिक , कोई दृष्टिकोण से भी . जे भी विमर्श सम्भाभ हई उ सब के काठा कईल जाय .<BR/>एक और काम करे लायक हई. उ हई ठेठ मगही - मसलन बिहारशरीफ के आस पास के लोग द्वारा खास कर किसान मजदूर ,कारीगर ,कोई बूढी औरत के मगही वार्तालाप के मगही भाषा के एक रूप के तौर पर टेप कर ( रिकॉर्ड कर ) ओकरा ब्लॉग पर सौंड ट्रैक के रूप में लावल जाये.<BR/>उसी तरह से अपन स्वाभाविक तौर पर साडी बियाह में गावल जाय वाला गीत के भी अपन नैचुरल सेटिंग में रिकॉर्ड कर ओकर सौंड ट्रैक पोस्ट कईल जाए. और ई बात हर मगही क्षेत्र लगी हो त तो सोने में सुहागा.<BR/>कभी मौका मिले त ठुमरी ब्लॉग स्पॉट पर जाथिन . वहाँ बहुत सुन्दर ठुमरी और कजरी के सौंड ट्रंक पोस्ट कईल रह हई. <BR/>हम इ मामला में थोडा challenged ही ओही से ई काम न कर पीली हे.<BR/>इ सौंड ट्रैक के ख्याल हमरा एक इंग्लिश किताब - स्टोरी ऑफ़ इंग्लिश - ए कोमपनिओन बुक पुब्लिशेड इन मिड १९८०,s अलोंग विथ बीबीसी दोचुमेंट्री ऑफ़ the same name , से मिलालाई . उ किताब हमरा पास हई . हम आप के और डिटेल दवाई. ई बात अगर मगही याहू ग्रुप पर भी अगर रहल जाए तो बढ़िया होतई.<BR/>सादरKaushal Kishore , Kharbhaia , Patna : कौशल किशोर ; खरभैया , तोप , पटनाhttps://www.blogger.com/profile/07416678636893602698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31786609.post-71465587796161855642009-04-01T20:47:00.000-07:002009-04-01T20:47:00.000-07:00इस जालस्थल पर भेंट देने और टिप्पणी के लिए बहुत-बहु...इस जालस्थल पर भेंट देने और टिप्पणी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ।नारायण प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/15182186669695068747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-31786609.post-50862035279262302622009-04-01T11:30:00.000-07:002009-04-01T11:30:00.000-07:00बहुत मेहनत करते हैं आप भी।बहुत मेहनत करते हैं आप भी।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com