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Monday, July 29, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 10. ज़ाय्त्सोवो - भाग 4

ई दिन हमर यात्रा खराब रहल; घोड़वन खराब हल, मिनटे-मिनटे बदले पड़ल; आखिर एगो छोटगर पहाड़ी से निच्चे उतरते बखत किबित्का के धुरा (axle) टूट गेल आउ हम आगू के यात्रा गाड़ी से नञ् कर पइलूँ। पैदल चल्ले के हमर आदत हले। छड़ी उठाके हम डाक स्टेशन तरफ आगू बढ़लूँ। लेकिन पितिरबुर्ग वासी लगी उच्च पथ (राजमार्ग, highway) पर सैर करना बहुत मनोरम नञ् होवऽ हइ, कम से कम ग्रीष्म उद्यान चाहे बाबा[1] में चहलकदमी नियन तो नञ्, जल्दीए हम एकरा से थक गेलूँ, आउ बैठ जाय लगी लचार हो गेलूँ।
[*148] दौरान जब हम पत्थल पर बैठल बालू पर कभी-कभी विभिन्न प्रकार के वक्राकार तिरछा आउ कोनाहा आकृति बनाब करऽ हलिअइ, आउ सोचब करऽ हलिअइ कि हमरा भिर से एगो कल्यास्का (घोड़ागाड़ी) गुजरऽ हइ। ओकरा में बैठल व्यक्ति हमरा देखके गाड़ी रोके के आदेश देलकइ आउ ओकरा में हम अपन एगो परिचित के पछनलिअइ।
"तूँ कीऽ कर रहलऽ हऽ?" हमरा पुछलकइ।
"बस सोचब करऽ हियो। सोचे लगी हमरा पास बहुत समय हइ; गाड़ी के धुरा टूट गेले हऽ।"
"कोय नावा खबर?"
"ओहे पुरनका कचरा। हवा के बदलाव के अनुसार मौसम, कभी पाँका (बारिश), कभी सुहाना मौसम। ओह! ... अइकी नयका खबर, दुरिन्दिन[2] शादी कर लेलकइ।"
"झूठ। ऊ तो अस्सी बरिस के हो चुकले ह।"
"बिलकुल सही। अइकी तोरा लगी एगो चिट्ठी हको ... अराम से पढ़ऽ, लेकिन हमरा तो जल्दी हको। अलविदा।" आउ हमन्हीं अलग हो गेते गेलिअइ।
ई चिट्ठी हमर एगो प्रिय मित्र से हलइ। सब तरह के समाचार के शौकीन ऊ हमरा वचन देलका हल कि हमर अनुपस्थिति में एकरा से सूचित करते रहता आउ ऊ अपन वचन पर कायम रहला। एहे दौरान हमर किबित्का में नयका धुरा लगा देवल गेले हल, जे भाग्यवश, अतिरिक्त (spare) में हलइ। यात्रा के दौरान हम पढ़लिअइ –
[*149]                                                                                                             पितिरबुर्ग
प्रिय मित्र!
हाल में हियाँ परी 78 साल के युवक आउ 62 साल के युवती के बीच शादी होलइ। एतना देरी के जोड़ी बनावे के कारण जानना तोरा लगी जरी मोसकिल होतो, अगर हम तोरा नञ् बतइबो। कान जरी खोलके रक्खऽ, हमर दोस्त, आउ सुन्नऽ। अभी 62 साल के मिसेज़ श... अपन तरह के अन्तिम हीरोइन नञ् हइ, 25 साल के उमर से विधवा हलइ। ऊ एगो व्यापारी के साथ बियाहल हलइ, जेकर व्यापार सफल नञ् हो पइले हल; ओकर चेहरा सुन्दर हलइ; पति के मौत के बाद गरीब अनाथ होल अपन पति के सहयोगी लोग के क्रूरहृदयता के बारे जानते ओकन्हीं से अपमानजनक भीख लगी निवेदन करे लगी नञ् चहलकइ, बल्कि अपन मेहनत से अपन पेट भरना उचित समझलकइ। जब तक जवानी के सुन्दरता ओकर चेहरा पर रहलइ, ऊ हमेशे अपन काम में लगल रहलइ आउ अपन प्रेमी लोग से उदार अदायगी पइते रहलइ। लेकिन जइसीं ऊ नोटिस कइलकइ कि ओकर सुन्दरता अब [*150] कम होवे लगले ह आउ ओकर कामुक कर्तव्य अब उबाऊ एकाकीपन के जगह दे रहले ह, त ऊ सोच में पड़ गेलइ आउ अपन पुरनका सौन्दर्य के अब कोय खरीदार नञ् पाके दोसरकन के साथ व्यापार करे लगी शुरू कइलकइ, जेकरा में अगर हमेशे सौन्दर्य के गुण नञ् रहऽ हलइ, तइयो कम से कम नयापन के गुण तो रहऽ हलइ। ई तरह से खुद लगी कुछ हजार (रूबल) जामा कर लेला पर, ऊ कुटनी (procuress) के घृणास्पद समाज से इज्जत के साथ बाहर निकस गेलइ आउ ऊ पैसा के सूद पर लगावे लगलइ, जे ऊ अप्पन आउ दोसर के निर्लज्जता से अर्जित कइलके हल। समय के साथ ओकर पहिलौका पेशा भुला देवल गेलइ; आउ भूतपूर्व कुटनी, बदचलन लोग के समाज में एगो अनिवार्य जीव हो गेलइ। 62 साल तक शांतिपूर्वक जीवन गुजारला पर ओकरा शैतान शादी करे के सलाह देलकइ। ओकर सब परिचित लोग के अचरज होवऽ हइ। ओकर सबसे नजदीकी सहेली N. ... ओकरा हीं मिल्ले लगी अइलइ।
"अफवाह हको, हमर प्रिये", ऊ उज्जर केश वली दुलहिन से बोलऽ हइ, "कि तूँ शादी करे लगी चाहऽ हकहो। हमरा लगऽ हको कि ई झूठ हइ। कोय जोकर (विदूषक) ई परीकथा के आविष्कार कइलको ह।" [*151]
श॰ - बिलकुल सही हको। कल मंगनी हको, हमन्हीं साथ दावत उड़ावे लगी आवऽ।
न॰ - तूँ पगला गेलऽ ह। कीऽ तोर बुढ़ाल खून गरमा गेलो ह; कीऽ कोय दुधपिलुआ तोरा भिर शरण में अइलो ह?
श॰ - आह, माय हमर! की तूँ समझऽ हीं कि हम एगो बुतरू नियन हवाई किला बनावऽ हिअइ? हम अपना लगी एगो योग्य वर चुन्ने वली हकिअइ ...
न॰ - हाँ, ई तो हम जन्नऽ हियो कि ऊ तोरा लगी योग्य वर हको। लेकिन आद रक्खऽ कि हमन्हीं नियन के अब कोय प्यार नञ् करे वला, सिवाय पैसा के खातिर।
श॰ - हम अइसन के नञ् लेवे वली जे हमरा धोखा दे। हमर दुलहा हमरा से 16 साल जादे उमर के हइ।
न॰ - तूँ मजाक करऽ ह!
श॰ - हमर बात पर विश्वास करऽ, ई सही हइ; बैरन (Baron) दुरिन्दिन।
न॰ - अइसन नञ् हो सकऽ हइ!
श॰ - बिहान शाम के तो आवऽ; तूँ देखबऽ कि हमरा झूठ पसीन नञ्। [*152]
न॰ - आउ अगर अइसन बात हइ, त पक्का ऊ तोरा से बियाह नञ् करतो, बल्कि तोर पैसा के चलते।
श॰ - लेकिन केऽ ओकरा ऊ देतइ? हमर दिमाग नञ् खराब होले ह कि पहिलौके रात ओकरा अपन पूरा संपत्ति दे देबइ; ओइसन समय कब के गुजर चुकले ह। सोना के नासदानी (snuffbox) , चानी के कुछ बकसुआ (buckles) आउ अइसनके कूड़ा, जे हमरा पास गिरवी रक्खल हइ, जेकरा छोड़ावल नञ् जा सकऽ हइ। त अइकी एतने दहेज हइ जे हमर प्रिय दुलहा के मिलतइ। आउ अगर ऊ खर्राटा भरके सोतइ, त ओकरा बिस्तर पर से भगा देबइ।
न॰ - ओकरा तो कम से कम नासदानी मिलतइ, लेकिन तोरा कीऽ मिलतो?
श॰ - अइसे कइसे, माय? एकरा अलावे आझकल के समय में एगो निम्मन उपाधि मिलना भी खराब नञ् हइ, कि हमरा लोग बोलतइ - "उच्च कुलोत्पन्ना!" (You Highborn), आउ जे जादे मूरख होतइ ऊ बोलतइ - "महामहिम!" (Your Excellency); लेकिन अइसन कोय तो होतइ, जेकरा साथ लमगर जाड़ा के शाम में कइसूँ अंट-संट में समय गुजारे लगी मिलतइ। लेकिन अभी तो हमेशे अकेल्ले बैठल रहऽ, बैठल रहऽ; आउ एहो खुशी के पल [*153] नञ् मिल्लऽ हके कि जब छींक आवे त कोय कहे - "छतन जी!" (शतं जीवऽ!) आउ जब अपन पति होत, त हमरा कभियो सरदी काहे नञ् धरे, हमेशे हमरा सुन्ने लगी मिल्लत - "छतन जी! हमर प्रिये, छतन जी! हमर डार्लिंग ..."
न॰ - अलविदा, प्रिये।
श॰ - बिहान मंगनी, आउ दू सप्ताह के बाद बियाह।
न॰ - (बाहर चल जा हइ।)
श॰ - (छिंक्कऽ हइ।) शायद वापिस नञ् अइतइ। केतना बेहतर होत, जब हमर पति साथ होत!
हैरान नञ् होवऽ, हमर दोस्त! ई संसार में सब कुछ पहिया नियन घुम्मऽ हइ। आझ समझदार, त कल मूर्ख नियन फैशन में होवऽ हइ। आशा करऽ हियो कि तूहूँ कइएक दुरिन्दिन के देखभो। अगर शादी से हमेशे ओकन्हीं के नाम नञ् होतइ त आउ कुछ से। बिन दुरिन्दिन के ई दुनियाँ तीनों दिन नञ् चलतइ।



[1] राजकुमार नरिश्किन के पारिवारिक ग्रीष्म निवास के इंग्लिश उद्यान, जे पितिरबुर्ग से तीन मील दूर, फ़िनलैंड खाड़ी के नगीच, पितिरबुर्ग-पितिरगोफ़ रोड पर पड़ऽ हइ। ई उद्यान रविवार के सब लोग लगी खुल्लल रहऽ हलइ। ई एतना सुन्दर हलइ कि लोग एकर प्रशंसा में चिल्ला हलइ - "बा! बा!"
[2] दुरिन्दिन - ई नाम "दुरिन्दा" शब्द से बनावल हइ। "दुरिन्दा", रूसी शब्द "दुराक" (मूर्ख) से दीर्घाकार अर्थ में व्युत्पन्न एगो शब्द हइ, अर्थात् दुरिन्दा - महामूर्ख।

Sunday, July 28, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 10. ज़ाय्त्सोवो - भाग 3

जल्दीए नमेस्त्निक[1] के ई मामला में हमर विचार मालुम पड़लइ कि हम अपन सहकर्मी लोग के अपन विचार के अनुयायी बनाब करऽ हिअइ, आउ ओकन्हीं अपन निर्णय में दुविधा में पड़े लगले ह, लेकिन अइसन प्रभाव हमर तर्क के दृढ़ता आउ विश्वसनीयता के नञ् हलइ, बल्कि असेसर के पत्नी के पैसा। कृषक वर्ग पर निर्विवाद प्रभुत्व के सिद्धान्त पर खुद पल्लल-बढ़ल ऊ हमर विचार से सहमत नञ् हो सकलइ, आउ ई देखके ऊ क्रोधित हो गेलइ कि ई केस के  निर्णय में ओकन्हीं अधिक प्रबल होवे लगलइ, हलाँकि कइएक कारण के आधार पर। ऊ हमर सहकर्मी लोग के बोला भेजऽ हइ, ओकन्हीं के समझावऽ हइ, अइसन विचार के मूर्खता बतइलकइ, [*141] कि ई सब (विचार) कुलीन समाज लगी अपमानजनक हइ, कि सर्वोच्च सत्ता लगी अपमानजनक हइ, जे एकर नियम-कानून के नष्ट कर दे हइ; कानून के पालन करे वला के पुरस्कार देवे के वचन दे हइ, आउ अइसन नञ् करे वला के दंडित करे के धमकी दे हइ; आउ जल्दीए ई सब कमजोर जज के, जेकन्हीं के निर्णय खातिर न कोय सिद्धान्त हलइ आउ न आत्मिक दृढ़ता, ओकन्हीं के पहिलौका विचार में प्रवृत्त कर दे हइ। ओकन्हीं में परिवर्तन देखके हमरा कोय अचरज नञ् होलइ, काहेकि ओकन्हीं में पहिलहूँ परिवर्तन होला पर हमरा कोय अचरज नञ् होले हल। शासक के धमकी से काँप जाना आउ ओकर अनुग्रह से खुश होना कमजोर, डरपोक आउ नीच आत्मा के स्वभाव होवऽ हइ।
हमन्हीं के नमेस्त्निक हमर सहकर्मी लोग के विचार परिवर्तित करके इरादा कइलकइ आउ खुद के शायद ई बात के आशा से बहला रहले हल कि हमरो विचार के परिवर्तित कर देतइ। अइसन इरादा से ऊ हमरा अपन पास बोलइलकइ, सुबह में जबकि ऊ बखत संयोगवश छुट्टी हलइ। ऊ हमरा बोलावे लगी लचार हलइ, काहेकि हम कभियो अइसन विवेकहीन आदर के अभिव्यक्ति खातिर नञ् झुकलिए हल, जेकरा अहंकार [*142] अधीनस्थ लोग में एगो कर्तव्य मानऽ हइ, चाटुकारी के आवश्यक समझऽ हइ, लेकिन विवेकी लोग जेकरा घृणास्पद आउ मानवता लगी अपमानजनक मानऽ हइ। ऊ जान-बूझके उत्सव के दिन चुनलकइ, जब ओकरा हीं कइएक लोग एकत्र हलइ; जान-बूझके अपन संबोधन लगी सार्वजनिक सभा चुनलकइ, ई आशा के साथ, कि अइसे ऊ हमरा अधिक विस्मयकारी ढंग से आशएवस्त कर पइतइ। ऊ आशा कइलके हल कि हमरा में आत्मा के भय, चाहे विचार के मामले में कमजोर पइतइ। ऊ अपन शब्द के दुन्नु दने संबोधित कइलकइ। लेकिन हम ई जरूरी नञ् समझऽ हियो कि तोरा ऊ सब कुछ बतइयो जेकरा से अहंकार, शक्ति के अहसास आउ कुशाग्र बुद्धि आउ विद्वत्ता के अपन पूर्वधारणा ओकर वक्तृत्व के प्रेरित करऽ हलइ। ओकर अहंकार के जवाब हम विरक्ति (equanimity) आउ शांति से, ओकर शक्ति प्रदर्शन के हम अपन दृढ़ता से, ओकर तर्क के अपन तर्क से दे हलिअइ आउ देर तक हम शांतचित्त होके बोलऽ हलिअइ। लेकिन आखिर हमर फट्टल हृदय से शब्दातिरेक फूट पड़लइ। सामने खड़ी लोग दने जेतने जादे हम देखऽ हलिअइ, ओतने जादे जोशीला होल जा हलइ हमर [*143] भाषा। दृढ़ आउ स्पष्ट स्वर में आखिर हम ई तरह बोल उठलिअइ।
“मानव ई दुनियाँ में जन्म ले हइ बाकी सबके बराबर। हम सब के शारीरिक अंग एक नियन हइ, हम सब के बुद्धि आउ इच्छा हइ। ओहे से, समाज के संबंध के बेगर मानव अइसन जीव हइ जे अपन क्रिया-कलाप में केकरो पर निर्भर नञ् हइ। लेकिन ऊ अपन क्रिया-कलाप में स्वतंत्रता पर रोक लगावऽ हइ, हरेक बात पर अपन इच्छा के अनुसार नञ् चल्ले लगी सहमत होवऽ हइ, अपन बराबर के लोग के बात के मानऽ हइ, एक शब्द में, ऊ नागरिक हो जा हइ। कउन कारण से ऊ अपन इच्छा पर रोक लगावऽ हइ? काहे लगी खुद के ऊपर शासक स्थापित करऽ हइ? जबकि ओकरा अपन इच्छा के पूर्ति में कोय रोक नञ् हइ, त काहे लगी आज्ञापालन के सीमा से सीमित करऽ हइ? अपन लाभ खातिर तर्क बता देतइ; अपन लाभ खातिर आंतरिक भावना बता देतइ; अपन लाभ खातिर चतुर कानून बता देतइ। परिणामस्वरूप, जाहाँ परी ओकरा नागरिक बन्ने से फयदा नञ् हइ, हुआँ ऊ [*144] नागरिक भी नञ् हइ। ओहे से ऊ, जे नागरिकता के लाभ से ओकरा वंचित करे लगी चाहतइ, ओकर दुश्मन हइ। अपन दुश्मन के विरुद्ध कानून में ऊ रक्षा आउ बदला खोजऽ हइ। अगर कानून ओकर रक्षा करे में समर्थ नञ् हइ, चाहे अइसन नञ् चाहऽ हइ, चाहे शासक वर्तमान विपत्ति में तुरन्त मदत नञ् कर सकऽ हइ, त नागरिक आत्म-रक्षा, आत्म-संरक्षण आउ कल्याण के अपन नैसर्गिक अधिकार के सहारा ले हइ। काहेकि नागरिक नागरिक रहते मानव बन्नल रहे लगी समाप्त नञ् कर दे हइ, जेकर अंतर्निहित प्रकृति के कारण ओकर पहिला कर्तव्य हइ आत्म-संरक्षण, सुरक्षा, कल्याण। कृषक लोग द्वारा हत्या कइल गेल असेसर अपन वहशी क्रूरता से ओकन्हीं के नागरिकता के अधिकार समाप्त कर चुकले हल। ऊ क्षण में, जब ऊ अपन बेटवन के बलात्कार करे लगी छूट दे देलकइ, जब दम्पती के हार्दिक कष्ट में ऊ आउ अपमान जोड़ देलकइ, जब अपन नारकीय शासन के विरोध देखके ऊ ओकन्हीं के दंडित करे लगी आगू बढ़लइ, [*145] त नागरिक के रक्षा करे वला कानून दूर चल गेलइ आउ एकर शक्ति बेअसर हो गेलइ; त नैसर्गिक कानून पुनर्जीवित हो गेलइ, आउ अपमानित नागरिक के शासन, जे ओकर अपमान के दशा में सकारात्मक कानून के अनुसार ओकर अभिन्न भाग हो जा हइ, क्रियाशील हो गेलइ; आउ असेसर के हत्यारा कृषक लोग कानूनन दोषी नञ् हइ। विवेक के तर्क के आधार पर हमर हृदय ओकन्हीं के समर्थन करऽ हइ, आउ असेसर के हत्या हिंसात्मक रहलो पर उचित हइ। आउ राजनीति के समझदारी में, चाहे सार्वजनिक शांति कायम रक्खे में, कोय ऊ असेसर के हत्यारा लोग के दोषी ठहरावे के आधार खोजे के प्रयास नञ् करे, जे घृणा में मर गेलइ। नागरिक, चाहे ओकरा कइसनो हालत में पैदा होवे के भाग्य में बद्दल रहइ, मानव हकइ आउ हमेशे रहतइ; आउ जब तक ऊ मानव हइ, नैसर्गिक नियम, अच्छाई के प्रचुर स्रोत के रूप में, ओकरा में कभी नञ् सुखतइ; आउ ऊ, जे ओकरा नैसर्गिक आउ अलंघनीय (inviolable) अधिकार में आघात पहुँचावे के साहस करऽ हइ, [*146] अपराधी हइ। ऊ शोकग्रस्त होवे अगर सिविल कानून ओकरा दंडित नञ् करऽ हइ। ऊ अपन सह-नागरिक सब के बीच घृणा के पात्र ठहरावल जइतइ, आउ जे कोय यथेष्ट शक्तिशाली होवे, ऊ ओकर कइल बुराई के बदला ले। हम चुप हो गेलिअइ। नमेस्त्निक हमरा से एक शब्द नञ् बोललइ; कभी-कभी हमरा दने नजर निच्चे कइले देखलकइ, जेकरा में विवशता के क्रोध आउ प्रतिशोध के दुर्भावना राज करऽ हलइ। सब कोय चुप्पी साधले हलइ, ई इंतजार में कि सब कानून के अनादर करे वला हमरा गिरफ्तार कर लेल जइतइ। कभी-कभार चाटुकारी के होंठ से रोष के फुसफुसाहट सुनाय दे हलइ। सब कोय हमरा तरफ से नजर फेर लेलकइ। लगऽ हलइ कि हमरा भिर खड़ी लोग के मन में भय व्याप्त हो गेले हल। अगोचर रूप से ओकन्हीं दूर हो गेलइ, जइसे कोय मारक प्लेग से ग्रस्त व्यक्ति भिर से लोग बचके निकस जइते जा हइ। अहंकार आउ निम्नतम नीचता के मिश्रण के अइसन दृश्य से ऊबके हम चापलूस लोग के ई सभा से प्रस्थान कर गेलिअइ।”
[*147] “हमर हृदय में जेकन्हीं लगी समर्थन हलइ, अइसन निर्दोष हत्यारा लोग के बचावे के कोय उपाय नञ् देखके हम ओकन्हीं के दंडित होवे में सहकर्मी चाहे एकरो से बत्तर ओकन्हीं के दंडित होवे के गवाह बन्ने लगी नञ् चाहऽ हलूँ; हम सेवा-निवृत्ति के आवेदन दे देलूँ आउ मिल गेला पर अब हम कृषक वर्ग के करुण भाग्य पर विलाप करे खातिर अपन राह पर जा रहलूँ हँ आउ अपन ऊबाहट से राहत खातिर अपन दोस्त लोग के साथ समय गुजारे लगी चाहऽ हूँ।एतना कहके हमरा से विदा हो गेला आउ हमन्हीं दुन्नु अपन-अपन राह पर चल पड़लूँ।




[1] दे॰ स्पास्कयऽ पोलेस्त, नोट 2.

Wednesday, July 24, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 10. ज़ाय्त्सोवो - भाग 2

ओकर गाम में एगो सुंदर किसैनी लड़की हलइ, जे ओहे गाम के एगो जवान किसान के वाग्दत्ता हलइ। ऊ असेसर के मँझला बेटा के पसीन पड़ गेलइ, जे ओकरा अपन प्रेम में आकृष्ट करे खातिर यथासंभव सब प्रयास कइलकइ; लेकिन किसैनी लड़की अपन वाग्दत्त के देल प्रतिज्ञा के प्रति विश्वासी बन्नल रहलइ, जे हलाँकि कृषक वर्ग में विरले होवऽ हइ, लेकिन संभव हइ। एतवार के शादी होवे वला हलइ। कइएक जमींदार के हियाँ रिवाज के मोताबिक दुलहा के बाप अपन बेटा के साथ मालिक के कोठी पर गेलइ, आउ अपन मालिक के हियाँ दू पूद वैवाहिक (bridal ) मध लइलकइ। ई अंतिम क्षण भी जवान कुलीन (young 'nobleman' ) [*130] अपन हवस के पूरा करे खातिर उपयोग करे लगी चहलकइ। ऊ साथ में अपन दुन्नु भाय के ले लेलकइ आउ एगो अनजान लड़का के माध्यम से दुलहिन के प्रांगण में बोलवइलकइ, आउ ओकर मुँह बंद करके घसीटके एगो भंडार-कक्ष (स्टोर-रूम) में ले गेलइ। चिल्लाय में असमर्थ ऊ अपन पूरा ताकत लगाके अपन जवान मालिक के वहशी इरादा के विरोध कइलकइ। आखिर तीनों द्वारा काबू में हो गेला पर ओकरा ताकत के सामने झुक्के पड़लइ; आउ ई नीच राक्षस जइसीं अपन प्लान कइल इरादा के पूरा करे लगी शुरू करे लगलइ कि तखनिएँ दुलहा मालिक के घर से वापिस आ रहल प्रांगण में घुसलइ आउ भंडार में एक जवान मालिक के देखके ओकन्हीं के बदनीयती के अंदाज लगा लेलकइ। अपन बाप के मदत लगी पुकारके ऊ बिजली के गति से उड़के भंडार में गेलइ। ई कइसन दृश्य हलइ ओकरा लगी! जइसीं ऊ भंडार भिर पहुँचलइ कि दरवाजा बंद हो गेलइ; लेकिन दुन्नु भाय के मिल्लल ताकत गोस्सा में लाल होल दुलहा के रोके में असमर्थ हलइ। ऊ पास में पड़ल एगो खूँटा उठा लेलकइ [*131] आउ दौड़ल भंडार में जाके अपन दुलहिन के शिकारी के पीठ पर प्रहार कर देलकइ। ओकन्हीं ओकरा पकड़हीं वला हलइ कि दुलहा के बाप के देखके, जे एगो खूँटा लेले मदत लगी दौड़ल आब करऽ हलइ, अपन शिकार के छोड़ देते गेलइ, भंडार-कक्ष से उछलके निकस गेते गेलइ आउ भाग गेलइ। लेकिन दुलहा पीछा करते ओकन्हीं में से एगो के पकड़ लेलकइ, आउ ओकर सिर पर खुँटवा से प्रहार कइलकइ आउ ओकरा तोड़ देलकइ। ई सब बदमाश अपन अपमान के बदला लेवे के इच्छा से सीधे अपन बाप के पास गेते गेलइ आउ ओकरा बोललइ कि गाम में घूमते बखत दुलहिन से मोलकात होले हल आउ ओकरा साथ मजाक कर रहते गेले हल; कि ओकर दुलहा देखके अपन बाप के साथ ओकन्हीं के पिट्टे लगलइ। सबूत के रूप में अपन एक भाय के घायल सिर देखइते गेलइ। अपन बेटा के घायल देखके बाप गोस्सा से लाल हो गेलइ। ऊ बिन कोय देरी कइले अपना भिर हाजिर करे के आदेश देलकइ तीनों दुष्ट के, जइसन कि ऊ कहलकइ दुलहा, दुलहिन आउ दुलहा के बाप के। ओकरा सामने हाजिर होला पर, ओकर पहिला सवाल [*132]  हलइ ई कि के ओकर बेटा के सिर फोड़लकइ। दुलहा जे कुछ कइलके हल ओकरा नकार न सकलइ आउ जे कुछ घटले हल, कह सुनइलकइ। "तोर साहस कइसे होलउ", बूढ़ा असेसर बोललइ, "अपन मालिक के उपरे हाथ उठावे के? आउ अगर ऊ तोर दुलहिन के साथ तोर शादी के ठीक पहिले वला रात गुजारवो कइलको होत, त तोरा ओकर शुक्रगुजार होवे के चाही। तूँ ओकरा साथ शादी नञ् करम्हीं; ऊ हमर घर में रहतउ, आउ तोहन्हीं के दंड देल जइतउ। अइसन फैसला के बाद, ऊ दुलहवा के अपन बेटवन के मर्जी पर सौंपके, ओकरा रस्सा के चाभुक से बिन कोय दया-माया के मारे के आदेश देलकइ। ऊ मरदानगी के साथ पिटाई के बरदास कइलकइ; आउ साहस करके देखलकइ जब ओकर बाप के ओहे यातना देवे जाय लगलइ। लेकिन ओकरा बरदास नञ् हो पइलइ जब ऊ देखलकइ कि मालिक के बेटवन दुलहिन के घर के अन्दर ले जाय लगी चहलकइ। दंड देवे का काम प्रांगण में चल रहले हल। एक पल में, ऊ ओकरा अहरणकर्ता सब के हाथ से झपट लेलकइ, आउ ऊ दुन्नु अब मुक्त होल प्रांगण से भाग गेलइ। ई देखके मालिक के [*133] बेटवन बुढ़ऊ के चाभुक मारना बन्द कर देलकइ आउ ओकन्हीं के पीछा करे लगलइ। दुलहा ई देखके कि ओकन्हीं अब हमरा भिर पहुँच जात, त छरदेवाली के एगो पोल झपटके हाथ में लेलकइ आउ अपन रक्षा करे लगलइ। एहे दौरान, शोर से गाम के अन्य कृषक लोग कोठी के प्रांगण दने आ गेते गेलइ। ओकन्हीं जवान कृषक के साथ सहानुभूति जतइते आउ अपन मलिकवन के प्रति क्रोधित होल ओकर रक्षा करे लगलइ। ई देखके असेसर खुद हुआँ दौड़ल अइलइ, ओकन्हीं के बुरा-भला सुनावे लगलइ आउ जे पहिला अदमी मिललइ ओकरा पर अपन बेंत के छड़ी से एतना जोर से प्रहार कइलकइ कि ऊ बेहोश होके जमीन पर गिर गेलइ। ई घटना सामान्य  रूप से आक्रमण के संकेत हलइ। ओकन्हीं चारो मलिकवन के घेर लेते गेलइ, आउ संक्षेप में कहल जाय, तो ओकन्हीं सब के ओहे जगुन पीट-पीटके जान से मार देते गेलइ। ओकन्हीं एतना नफरत ओकन्हीं से करते जा हलइ कि ई हत्या में भागीदार होवे के मोक्का से एक्को अदमी चुक्के लगी नञ् चाहऽ हलइ, जइसन कि बाद में ओकन्हीं सब खुद्दे स्वीकार करते गेलइ। संयोगवश ठीक ओहे समय ऊ जिला के पुलिस चीफ़ के अपन दल के साथ हुआँ आना होलइ। ऊ [*134] ई घटना के आंशिक रूप से प्रत्यक्ष गवाह हलइ। दोषी लोग के गार्ड के अधीन करके - आउ दोषी आधा गाम के लोग हलइ - खोज-बीन करइलकइ, जे चरणबद्ध क्रम से फौजदारी अदालत तक पहुँचलइ। केस बहुत असानी से स्थापित हो गेलइ, आउ दोषी लोग सब कुछ स्वीकार कर लेते गेलइ; अपन सफाई में खाली अपन मालिक सब के कष्टदायक व्यवहार बतइते गेलइ, जेकरा बारे पूरा गुबेर्निया (प्रांत) मालुम हलइ। अइसन केस में अपन पद पर के ड्यूटी के अनुसार दोषी लोग के मृत्युदंड सुनावे आउ ओकरा बदले जायदाद से वंचित करके आजीवन कठिन श्रम (penal servitude) के अन्तिम निर्णय देवे लगी हम कर्तव्यबद्ध हलिअइ।
ई केस पर विचार करते बखत हमरा अपराधी लोग पर दोषारोपण के यथेष्ट आउ विश्वसनीय कारण नञ् देखाय देलकइ। कृषक लोग, जे अपन मालिक के हत्या कइलके हल, हत्या के दोषी हलइ। लेकिन कीऽ ई हत्या लगी बाध्य नञ् कइल गेले हल? कीऽ मकतूल असेसर खुद एकर कारण नञ् हलइ? अगर अंकगणित में दू संख्या से निरपवाद रूप से (invariably) तेसर संख्या आवऽ हइ; [*135] त एहो घटना में परिणाम अनिवार्य हलइ। हत्यारा लोग के निर्दोषता हमरा लगी कम से कम गणितीय स्पष्टता हलइ। अगर हम जा रहलिए ह आउ कोय दुर्जन हमरा पर आक्रमण करऽ हइ आउ हमर सिर पर खंजर उठावऽ हइ आउ ओकरा में घोंप देवे लगी चाहऽ हइ; त कीऽ हम हत्यारा कहलइबइ, अगर हम ओकर बदनीयती के भाँप ले हिअइ आउ ओकरा मारके अपन पैर पर गिरा दे हिअइ? जे उचित रूप से खुद लगी घृणा पैदा कर लेलके ह, अइसन अगर आझकल के कोय छैला हमरा से बदला लेवे लगी चाहऽ हइ आउ एकान्त जगह में हमरा से मिलके तलवार निकासके हमरा पर हमला करऽ हइ, आउ हमरा जीवन से वंचित करे या कम से कम हमरा घायल करे लगी चाहऽ हइ; त कीऽ हम दोषी हो जइबइ, अगर रक्षा हेतु अपन तलवार निकासके शांति में बाधा डाले वला समाज के एक अंग के मुक्त कर दे हिअइ? कीऽ ई काम के समाज के एक सदस्य के संरक्षण खातिर अपमानजनक समझल जा सकऽ हइ, अगर हम ई काम अपन प्राण रक्षा लगी करऽ हिअइ, अगर [*136] ई हमर सर्वनाश रोकऽ हइ, अगर एकरा बेगर हमर खुशहाली हमेशे लगी दयनीय हो जाय?
अइसन विचार में मग्न हमर ई केस पर विचार करते बखत, तूँ हमर आत्मा के पीड़ा के कल्पना कर सकऽ हो। अपन सामान्य स्पष्टवादिता के साथ हम अपन विचार अपन सहकर्मी लोग के सूचित कइलिअइ। सब कोय समवेत स्वर में हमर विरोध में चिल्ला उठलइ। सरलहृदयता आउ मानवप्रेम के ओकन्हीं अपराध के निंदनीय संरक्षण समझऽ हलइ; हमरा हत्या के प्रोत्साहक कहलकइ; हमरा हत्यारा लोग के सह-अपराधी कहलकइ। ओकन्हीं के विचार में, हमर अनिष्टकारी विचार के प्रसार से घरेलू सुरक्षा लुप्त हो जइतइ। "कीऽ एगो कुलीन", ओकन्हीं के कहना हलइ, "अब से शांति से गाम में जी पइतइ? कीऽ ऊ अपन आदेश के पालन देख सकऽ हइ? अगर अपन मालिक के इच्छा पर ध्यान नञ् देवे वला, आउ ओकरो से बढ़के ओकर हत्यारा, के निर्दोष मानल जइतइ, त अनुशासन समाप्त हो जइतइ, घरेलू संबंध नष्ट हो जइतइ, आउ आदिम समाज वला नियन अव्यवस्था फेर से चालू हो जइतइ। [*137] कृषि कार्य मर जइतइ, एकर उपकरण सब बरबाद हो जइतइ, अन्नभूमि निर्जन हो जइतइ आउ अनुपयोगी घास से भर जइतइ; लोग, अपन ऊपर बिन कोय शासन के, आलस्य, बेकारी, परोपजीविता में एन्ने-ओन्ने बौअइतइ आउ तितर-बितर हो जइतइ। शहर सर्वनाश के शासनधारक हाथ के अनुभव करतइ। नागरिक लोग खातिर पेशा अनजान हो जइतइ, हस्तशिल्प अपन परिश्रम आउ उत्साह के छोड़ देतइ, व्यापार अपन स्रोत में समाप्त हो जइतइ, सम्पत्ति निकृष्ट दरिद्रता के स्थान देतइ, आलीशान बिल्डिंग जर्जर हो जइतइ, कानून दुरूह हो जइतइ आउ अप्रभावी हो जइतइ। तब समाज के विशाल गठन टुकड़ा-टुकड़ा होके ढहे लगतइ, आउ संपूर्णता से दूर अंतिम साँस ले लेतइ; तब राजकीय सिंहासन, जाहाँ परी आझ समाज के बुनियाद, दृढ़ता आउ जुड़ाव आधारित हइ, कमजोर होके नष्ट हो जइतइ; तब राष्ट्र के शासक सामान्य नागरिक समझल जइतइ, आउ समाज [*138] अपन अन्त देखतइ। नारकीय ब्रश के योग्य ई चित्र के हमर सहकर्मी लोग ऊ सब लोग के आँख के सामने देखावे के प्रयास कइलकइ जेकरा ई केस के भनक लग चुकले हल। "हमन्हीं के अध्यक्ष", ओकन्हीं कहलकइ, "कृषक लोग द्वारा कइल हत्या के समर्थन करे लगी चाहऽ हथिन। पुच्छल जाय कि ऊ कउन कुल के हथिन। अगर हमन्हीं गलत नञ् हिअइ त ऊ खुद बचपन में हर (plough) के पीछू जाय के कृपा करऽ हलथिन।  ई नयका बनावल कुलीन लोग के हमेशे कृषकवर्ग के ऊपर कुलीनवर्ग के नैसर्गिक अधिकार के बारे विचित्र विचार होवऽ हइ। अगर उनकर वश में होते हल, त ऊ, हमरा लगऽ हइ, हमन्हीं सब्भे के एकठौए (एक कतार में) अद्नोद्वोर्त्सी[1] वर्ग के बना देथिन हल, ताकि हमन्हीं सब उनकर आदि कुल के हो जइते जइअइ।" अइसन शब्द के साथ हमर सहकर्मी लोग हमरा अपमानित करे लगी आउ हमरा पूरे समाज के सामने घृणित बनावे लगी सोचते जा हलइ। लेकिन ओकन्हीं एतने से ओकन्हीं संतुष्ट नञ् होवऽ हलइ। ओकन्हीं के कहना हलइ कि हम मकतूल असेसर के पत्नी से घूस लेलिए हल ताकि कठिन श्रम के दंड से दंडित होला पर निर्वासित कर देल गेला के वजह से अपन कृषक लोग से ऊ वंचित नञ् हो जाय, कि एहे असली वजह हलइ [*139] हमर विचित्र आउ खतरनाक विचार के, जे सामान्य रूप से समुच्चे कुलीन वर्ग के अधिकार लगी  अपमानजनक हलइ। ई वेवकूफ सब सोचऽ हलइ कि ओकन्हीं के ई व्यंग्य हमरा मर्माहत कर देतइ, कि ओकन्हीं के मिथ्यापवाद (तोहमत) से हमर अपमान होतइ, कि हमर निम्मन इरादा के ओकन्हीं के झूठ प्रस्तुतीकरण से हम विचलित हो जइबइ! हमर हृदय से ओकन्हीं अपरिचित हलइ। ओकन्हीं नञ् जानऽ हलइ कि हम अपन अंतःकरण के निर्णय से हमेशे बिन कोय कंपन के दृढ़ रहलिए ह, कि हमर गाल कभियो (दोषी) अंतःकरण के लाली से लाल नञ् होले ह।
हमर घूसखोरी के आरोप ओकन्हीं ई आधार पर लगइलके हल कि असेसर के पत्नी अपन पति के हत्या के बदला नञ् लेवे लगी चाहऽ हलइ, बल्कि अपन लोभ से प्रेरित होके आउ अपन पति के नियम के अनुकरण पर कृषक लोग के दंड से बचावे लगी चाहऽ हलइ ताकि ऊ अपन जायदाद नञ् खो देइ, जइसन कि ऊ खुद बोलले हल। अइसन निवेदन के साथ ऊ हमरा भिर अइले हल। ओकर पति के हत्या लगी माफी के मामले में हम ओकरा से सहमत हलिअइ; लेकिन प्रयोजन (motive) के मामले में हमन्हीं दुन्नु के मत भिन्न हलइ। ऊ हमरा विश्वास देलइलकइ कि ऊ खुद [*140] ओकन्हीं के यथेष्ट दंड देतइ; लेकिन ओकर पति के हत्यारा लोग के समर्थन करते हम ओकरा समझइलिअइ कि ओकन्हीं के फेर से ओहे अति करे लगी प्रेरित नञ् कइल जाय के चाही ताकि फेर ओकन्हीं अपराधी नञ् बन जाय, जइसन कि ओकन्हीं के गलती से कहल जा हलइ।




[1] अद्नोद्वोर्त्सी [(रूसी) एकल-महल वला लोग] - मूल रूप से, 16मी - 17मी शताब्दी में, निचला रैंक के राजकीय सेवक, जेकर कर्तव्य मास्को राज्य के पूर्वी आउ दक्षिणी सीमा के रक्षा करना हलइ। ओकन्हीं के सेवा खातिर, ओकन्हीं के किसान के साथ संपत्ति नञ् मिल्लऽ हलइ (जइसे कुलीन आउ बयार (boyar) के बाल-बुतरू के मिल्लऽ हलइ) , बल्कि बिन भूदास (serfs) के एगो छोटगर भूखंड; एकरा पर ओकन्हीं आमतौर पर एगो प्रांगण बनावऽ हलइ आउ खुद खेती करते जा हलइ। 18मी शताब्दी में, अद्नोद्वोर्त्सी के राज्य के कृषकवर्ग के साथ बराबर कर देल गेलइ, ई अंतर के साथ कि ओकन्हीं 15 साल सैन्य सेवा में रह सकऽ हलइ, 25 साल नञ्।

Monday, July 22, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 10. ज़ाय्त्सोवो - भाग 1


[*119]                                                             ज़ाय्त्सोवो
ज़ाय्त्सोवो के डाक स्टेशन में हमर मोलकात अपन पुरनका मित्र मि॰ क्रिस्त्यानकिन से होल। हम उनका से बचपने से परिचित हलिअइ। विरले हमन्हीं एक्के शहर में रहऽ हलिअइ; लेकिन हमन्हीं के बातचीत अकसर नञ् होलो पर ओकरा में स्पष्टवादिता होवऽ हलइ। मि॰ क्रिस्त्यानकिन लमगर अवधि तक सेना में रहलथिन हल, आउ एकरा में क्रूरता से, विशेष रूप से युद्ध के समय, जब युद्ध के नाम पर बड़गो हिंसा न्यायसंगत समझल जा हइ, ऊबके सिविल सेवा में खुद स्थानांतरित हो गेलथिन हल। दुर्भाग्यवश उनका सिविल सेवा में भी ओकरा से बच नञ् सकलथिन, जेकरा चलते सैन्य सेवा छोड़के दूर होवे लगी चहलथिन। उनकर आत्मा भावुक हलइ आउ हृदय मानवप्रेमी। उनकर अशंकनीय अइसन उत्तम गुण उनका आपराधिक न्यायालय (फौजदारी अदालत) में जज के स्थान देला देलकइ। पहिले ऊ ई पद स्वीकार करे लगी नञ् चाहऽ हलथिन, लेकिन कुछ समय सोचला के बाद हमरा से [*120] कहलथिन – “हमर मित्र, केतना विशाल क्षेत्र हमर आत्मा के सबसे प्रिय प्रवृत्ति के संतुष्टि खातिर खुल्लल हइ! नम्रहृदय खातिर कइसन अभ्यास हइ! निर्दयता के राजदंड (scepter) के हम सब तोड़ देबइ, जे एतना अकसर निर्दोष के कन्हा पर गिरऽ हइ; जेलखाना सब खाली कर देल जाय, आउ ओकरा भ्रान्तिपूर्ण दुर्बलता, असावधान अनुभवहीनता ओकरा नञ् देखे, आउ यादृच्छिक घटना (random incident) के अपराध कभी नञ् घोषित कइल जाय। ओ हमर मित्र! अपन कर्तव्यपालन से बुतरुअन के मामले में ओकन्हीं के माता-पिता के आँसू ढरका देबइ, दंपती सब के आह निकसवा देबइ; लेकिन ई आँसू कल्याण खातिर नवीनीकरण होतइ; लेकिन कष्ट झेल रहल निर्दोष आउ सरलहृदय लोग के आँसू सूख जइतइ। ई विचार हमरा केतना भावविह्वल कर दे हइ! चलऽ, हमर प्रस्थान खातिर जल्दी कइल जाय। शायद, हुआँ हमर त्वरित उपस्थिति के आवश्यकता हइ। देरी कइला से हम हत्यारा हो जा सकऽ हिअइ, अगर हम कारावास चाहे अभियोग के मामले में क्षमा के पूर्वाभास नञ् कर पइअइ, चाहे बेड़ी से मुक्ति के।"
[*121] अइसन विचार के साथ हमर मित्र अपन स्थान लगी रवाना हो गेला। केतना अचरज हमरा होल जब हम उनका से जनलिअइ कि ऊ सेवा से इस्तीफा (त्यागपत्र) दे देलथिन आउ हमेशे लगी निवृत्त जीवन बितावे के इरादा कर लेलथिन।
"हम सोचलिए हल, हमर मित्र", मि॰ क्रिस्त्यानकिन हमरा से बोललथिन, "कि अपन कर्तव्य पालन में हमरा आनन्दायक तर्क आउ प्रचुर मात्रा में फसल (सुंदर परिणाम) मिलत। लेकिन एकर बदले हम ओकरा में पित्त (चिड़चिड़ापन) आउ काँटेदार झाड़ी (कष्ट) पइलूँ। अब ओकरा से ऊब चुकलूँ हँ, अब कल्याण के काम करे के शक्ति नञ् हके, ई पद के हम वास्तविक हिंसक पशु लगी छोड़ देलूँ हँ। थोड़हीं समय में लंबित मामला के त्वरित निर्णय के कारण ऊ प्रशंसा के पात्र हो गेलथिन; आउ हम दीर्घसूत्री समझल गेलिअइ। कुछ लोग हमरा कभी-कभी घूसखोर समझते जा हलइ, ई कारण से कि हम ऊ अभागल लोग के भाग्य पर भार डाले लगी कोय जल्दी नञ् करऽ हलिअइ, जे अकसर अनिच्छा से अपराध कर बैठले हल। सिविल सेवा में प्रवेश के पहिले हमरा लगी एगो सम्मानसूचक नाम, मानवप्रेमी कमांडर (philanthropic commander), मिल गेले हल। अब बिलकुल ओहे गुण के, जेकरा पर [*122] हमर हृदय एतना गौरव करऽ हलइ, लोग कमजोरी या अनुचित अनुग्रह (inadmissible indulgence) समझऽ हइ। हम अपन निर्णय के बिलकुल ओकरे लगी हास्यास्पद देखऽ हलिअइ, जे ओकरा सुन्दर बनावऽ हलइ; हम ओकरा अप्रभावी बन्नल देखऽ हलिअइ। घृणा सहित हम देखलिअइ कि वास्तविक अपराधी आउ समाज के खतरनाक सदस्य के मुक्त करे खातिर, चाहे काल्पनिक अपराध खातिर जायदाद, प्रतिष्ठा आउ जीवन से वंचित करे खातिर हमर वरिष्ठ अधिकारी हमरा से अवैध रूप से अपराध से मुक्ति देलावे, चाहे कोय निर्दोष पर अभियोग लगवावे खातिर हमरा झुकावे के स्थिति में नञ् हलइ, त ऊ हमर सहकर्मी (colleagues) के अइसन काम लगी झुका दे हलइ, आउ अकसर हम अपन कल्याणकारी प्रवृत्ति (well-intentioned dispositions) के हवा में धुआँ नियन गायब होते देखऽ हलिअइ। आउ ओकन्हीं (हमर सहकर्मी) अपन शरमनाक आज्ञापालन खातिर पुरस्कार के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कइलकइ, जे हमर दृष्टि में ओतने चमक से हीन हलइ, जेतना अपन चमक से ओकन्हीं के लुभावऽ हलइ। अकसर कठिन परिस्थिति में, जब अभियुक्त अपराधी के निर्दोषता में विश्वास [*123] हमरा में दया उत्पन्न करऽ हलइ, त हम कानून के आश्रय ले हलिअइ ताकि ओकरा में हम अनिश्चितता के सहारा खोज सकूँ; लेकिन अकसर ओकरा में मानवप्रेम के स्थान पर निर्दयता मिल्लऽ हल, जेकर उत्पत्ति कानून में नञ्, बल्कि ओकर पुरानापन (obsoleteness) में हलइ। दंड के अपराध से वैषम्य अकसर हमरा आँख में आँसू ला दे हल। हम देखऽ हलिअइ (आउ कीऽ ई आउ तरह के हो सकऽ हलइ?) कि कानून कर्म देखके निर्णय ले हइ, बिन एकर कारण पर विचार कइले, जे ओकरा पैदा कइलकइ। आउ अइसन कर्म से संबंधित अन्तिम घटना हमरा सेवा से त्यागपत्र देवे लगी बाध्य कर देलक। काहेकि हम ऊ अभियुक्त लोग के बचावे में अशक्त होल, जे शक्तिशाली भाग्य के हाथ से अपराध में घसीटल गेले हल, हम ओकन्हीं के दंड में भागीदार नञ् होवे लगी चाहऽ हलूँ। ओकन्हीं के भाग्य के हलका करे में अशक्त होल हम अपन हाथ अपन निर्दोषता में धो लेलूँ आउ क्रूरता से दूर हट गेलूँ।
हमर गुबेर्निया (प्रान्त) में एगो संभ्रान्त व्यक्ति (nobleman) रहऽ हलथिन, जे कुछ साल पहिलहीं [*124] सेवा से त्यागपत्र दे चुकलथिन हल। अइकी उनकर सर्विस रेकर्ड हइ। ऊ कोर्ट में अपन सेवा स्टोकर (आगवाला) के रूप में शुरू कइलथिन हल, उनकर प्रोन्नति होलइ लैकी (lackey, टहलुआ) में,  वरिष्ठ लैकी में, फेर मुन्दशेन्क [Mundschenk (जर्मन) - कोर्ट में पेय के जनकारी वला सेवक] में; कोर्ट सर्विस[1] में ई सब चरण में प्रोन्नति लगी कइसन गुण के आवश्यकता होवऽ हइ, हमरा नञ् मालुम। लेकिन हमरा ई मालुम हइ कि ओकरा शराब हद से जादे पसीन हलइ। 15 बरिस तक मुन्दशेन्क रहला पर ओकरा रैंक स्थापित करे खातिर हेराल्ड कॉलेज भेजल गेलइ। लेकिन काम में अयोग्य अनुभव करके ऊ सेवानिवृत्ति के आवेदन कइलकइ, आउ ओकरा कॉलेजिएट असेसर[2] के रैंक मिललइ; जेकरा साथ ऊ अपन जन्म स्थान में आ गेलइ, मतलब हमन्हीं के गुबेर्निया में छो बरिस पहिले। अपन जन्मभूमि से विशेष लगाव के स्रोत अकसर अहंकार में होवऽ हइ। छोटगर हस्ती के अदमी, जे प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुकले ह, चाहे एगो निर्धन व्यक्ति, जे सम्पत्ति अर्जित कर चुकले ह, लज्जा के संकोचशीलता, जे गुण के अंतिम आउ दुर्बलतम [*125] जड़ हइ, ओकरा झाड़के अपन जन्मभूमि में अपन तड़क-भड़क आउ अहंकार के देखावा करे के प्राथमिकता दे हइ। हुआँ परी असेसर के एगो गाम खरीदे के अवसर मिललइ[3], जाहाँ ऊ अपन काफी बड़गर परिवार के साथ बस गेलइ। अगर हमन्हीं हीं एगो होगार्थ[4] (Hogarth) पैदा होते हल त ओकरा मि॰ असेसर के परिवार में अपन व्यंग्य-चित्र (caricatures) खातिर उपजाऊ जमीन मिल जइते हल। लेकिन हम एगो खराब पेंटर ही; अगर हम मानव के चेहरा-मोहरा में लावातेर[5] के सूक्ष्मदृष्टि के साथ अन्दरूनी विचार पढ़ सकतिए हल, त हमरा ऊ बखत असेसर के परिवार के ध्यान आकृष्ट करे लायक चित्र बना सकतिए हल। चूँकि हमरा में अइसन गुण नञ् हके, ओहे से हम ओकन्हीं के क्रिया-कलाप के हीं बोले दे हिअइ, जे हमेशे सच आत्मिक विकास के विशिष्टता होवऽ हइ।
मि॰ असेसर खुद निम्न वर्ग में जन्म लेला से खुद के अप्पन नियन सैकड़ो के मालिक समझऽ हलइ। ई बात ओकर सिर चकरा दे हलइ। ऊ अकेल्ले नञ् हइ जे शिकायत कर सकऽ हइ कि शक्ति के उपलब्धि ओकर सिर चकरावऽ हइ। [*126] ऊ खुद के उँचगर रैंक के समझऽ हलइ, किसान लोग के जानवर समझऽ हलइ, जे ओकरा देल गेले हल (ऊ लगभग एहे समझऽ हलइ कि ओकन्हीं पर ओकर प्रभुत्व भगमान से अइले ह) आउ ओकन्हीं के इस्तेमाल काम में अपन मन-मरजी से करऽ हइ। ऊ स्वार्थलोलुप हलइ, पैसा के संग्रह करऽ हलइ, स्वभाव से निर्दय, आशुक्रोधी (चिड़चिड़ा), नीच हलइ, आउ ओहे से खुद से बहुत कमजोर लोग के उपरे अभिमान दर्शावऽ हलइ। एकरा से कल्पना कर सकऽ हो कि ऊ कृषक लोग से कइसन व्यवहार करऽ हलइ। ओकन्हीं अपन पहिलौका मालिक के मुक्ति-कर (commutation tax) चुकइलके हल, लेकिन ऊ ओकन्हीं के अपन खेत में काम करे लगी लगा देलके हल; ओकन्हीं हीं से सब जमीन छीन लेलके हल, ओकन्हीं हीं से सब जानवर खरीद लेलके हल, अइसन कीमत पर जे ऊ खुद निश्चित कइलके हल, पूरे सप्ताह अपने लगी काम करे लगी बाध्य कर देलके हल, आउ ओकन्हीं भूख से कहीं मर नञ् जाय, ई लगी अपन कोठी के प्रांगण में ओकन्हीं के खिलावऽ हलइ, आउ ओहो, दिन में एक्के तुरी, आउ कुछ लोग के अनुग्रहपूर्वक मेसिचिना[6] दे हलइ। अगर कोय ओकरा आलसी देखाय दे हलइ, त आलस्य के कोटि (degree ) के अनुसार, बेंत के छड़ी, चाभुक, डंडा, चाहे रस्सा के चाभुक (cat-o'-nine-tails) से पिट्टऽ हलइ; जाहाँ तक वास्तविक [*127] अपराध के मामला हइ, जइसे चोरी, ओकर घर में नञ् बल्कि दोसर केकरो हियाँ, त ऊ एक्को शब्द नञ् बोलऽ हलइ। लगऽ हलइ मानूँ ऊ अपन गाम में प्राचीन काल के रिवाज लाकेदेमोन[7] (Lacedaemon) चाहे ज़पोरोझियन सेच[8] (Zaporozhian Setch) के पुनर्जीवित करे लगी चाहऽ हलइ। अइसन भी होवऽ हलइ कि ओकर मुझीक (कृषक) लोग भोजन खातिर रस्ता में कोय राहगीर के लूट ले हलइ आउ केकरो जान मार दे हलइ। ओकरा लगी ऊ ओकन्हीं के मोकदमा में नञ् फँसावऽ हलइ, बल्कि ओकन्हीं के अपना हीं छिपा ले हलइ आउ सरकार के घोषित कर दे हलइ कि ओकन्हीं भाग गेते गेलइ; ई समझके कि अइसन कइला से ओकरा कोय फयदा नञ् होतइ, अगर ओकर कृषक के चाभुक लगावल जइतइ आउ अपराध के चलते दंडस्वरूप कठिन काम पर भेज देवल जइतइ। अगर ओकर कोय कृषक ओकरा हीं कुछ चोरा ले हलइ, त ऊ ओकरा आलस्य के नाम पर नियन, चाहे साहस या तीव्रबुद्धि वला उत्तर लगी नियन पिट्टऽ हलइ, आउ एकरा अलावे पैर में कुंदा, बेड़ी, आउ गरदन में जुआ डाल दे हलइ। हम तोरा ओकर कइएक तरह के चतुर व्यवस्था के बारे बता सकऽ हियो; लेकिन हमर हीरो के जनकारी लगी एतना काफी हको। ओकर घरवली के गाम के औरतयिन पर पूरा धाक हलइ। ओकर आदेश के पालन खातिर [*128] ओकर बेटवन आउ बेटियन सहायता करऽ हलइ, ठीक ओइसीं जइसे ओकर पति। काहेकि ओकन्हीं खुद लगी एगो नियम बना लेते गेले हल कि कउनो कारण से कृषक लोग के मन काम से विचलित नञ् होवे। प्रांगण में (नौकर) लोग के बीच एगो लड़का हलइ, जेकरा ओकन्हीं मास्को में खरदलके हल, बेटियन खातिर एगो हेअर ड्रेसर; आउ एगो बुढ़िया रसोइया। ओकनन्हीं के न तो कोय ड्राइवर हलइ आउ न घोड़ा; (मालिक) हमेशे खेत जोते वला घोड़वन से आवऽ जा हलइ। चाभुक चाहे रस्सा के चाभुक से कृषक लोग के खुद बेटवन पिट्टऽ हलइ। औरतियन आउ लड़कियन के गाल पर मारऽ हलइ, चाहे ओकन्हीं के केश तीरऽ हलइ बेटियन। बेटवन अवकाश के समय गाम में घुम्मऽ हलइ चाहे खेत पर लड़कियन आउ औरतियन के साथ खेले आउ हुल्लड़बाजी करे लगी जा हलइ, आउ कोय ओकन्हीं के बलात्कार से बच नञ् पावऽ हलइ। बेटियन, जेकरा लगी कोय प्रेमी नञ् हलइ, अपन ऊबाहट दूर करऽ हलइ कताई करे वली औरतियन के ऊपर, जेकन्हीं में से कइएक लोग के अपंग कर दे हलइ। तूँ हीं बताहो, कइसन नतीजा अइसन व्यवहार के हो सकऽ हलइ? हम कइएक उदाहरण से नोटिस कइलिए ह कि रूसी लोग बहुत धैर्यवान होवऽ हइ, आउ बिलकुल हद तक बरदास करऽ हइ; [*129] लेकिन जब बरदास से बाहर हो जा हइ, त ओकन्हीं के क्रूरता पर उतारू होवे से कुछ नञ् रोक सकऽ हइ। ठीके एहे बात असेसर के साथ होलइ। ई घटना के अवसर देलकइ ओकर एक बेटा के बेलगाम आउ दुराचारी, चाहे बेहतर कहल जाय, वहशी व्यवहार।




[1] सिविल सर्विस आउ मिलिट्री सर्विस के साथ-साथ कोर्ट सर्विस के भी रैंक स्थापित कइल गेले हल। दे॰ -
http://marksrussianmilitaryhistory.info/Ranks.html
[2] कोय व्यक्ति जे कॉलेजिएट असेसर (रैंक 8) के रैंक तक पहुँच जा हलइ ऊ कुलीन वर्ग (gentry) में आ जा हलइ।
[3] कुलीन वर्ग (gentry) के कोय भी व्यक्ति भूदास (serfs) वला गाम खरीद सकऽ हलइ।
[4] विलियम होगार्थ [William Hogarth (1697-1764)] - अंग्रेज पेंटर आउ उत्कीर्णक (engraver) जे अपन जमाना के समाज के चित्रांकण (caricatured) कइलथिन हल। अन्य वस्तु के अतिरिक्त सैमुएल बटलर के उपन्यास "हुडिब्रास" के चित्रित (illustrated) कइलथिन हल।.
[5] लावातेर - दे॰ "नोवगोरद" के अंतर्गत, नोट 13.
[6] मेसिचिना - खाद्य पदार्थ के निश्चित परिमाण, जे जमींदार लोग महिन्ना में भूमिहीन कृषक लोग के देते जा हलइ।
[7] लाकेदेमोन  (Lacedaemon) - स्पार्टा, प्राचीन यूनानी राज्य लैकोनिया के राजधानी। स्पार्टा परवरिश के मुख्य कार्य बुतरुअन के शारीरिक विकास हलइ, आउ हियाँ तक कि निपुणता विकसित करे खातिर चोरी के भी अनुमति देल गेले हल।
[8] ज़पोरोझियन सेच (Zaporozhian Setch) - सोलहमी से अठारहमी शताब्दी में कज़ाक लोग के अर्द्ध-स्वायत्त आउ आदिमतम राज्य हलइ, जे आझकल के काख़ोव्का जलाशय के आसपास केन्द्रित हलइ आउ यूक्रेन के द्नियेपर (Dnieper) नदी के निचला भाग तक फैलल हलइ। सन् 1775 में एकरा समाप्त करके रूसी साम्राज्य में मिला लेवल गेलइ।