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Wednesday, July 28, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 5

                                अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 5

ई तरह, इख़मेनेव परिवार पितिरबुर्ग स्थानान्तरित हो गेलइ। एतना लमगर वियोग के बाद नताशा से अपन मिलन के वर्णन हम नञ् करबइ। ई चारो साल के दौरान हम कभियो ओकरा नञ् भुलइलिअइ। निस्सन्देह, हम खुद ऊ भावना के पूरा नञ् समझऽ हलिअइ, जेकरा से हम ओकरा आद करऽ हलिअइ; लेकिन जब हमन्हीं दुबारा मिललिअइ, त हम तुरते समझ गेलिअइ, कि ऊ हमर भाग्य में बद्दल हलइ। [*186] शुरू में, उनकन्हीं के आगमन के बाद प्रारम्भिक दिन में, हमरा हमेशे लगऽ हलइ, कि ऊ कइसूँ ई चार साल में बहुत कम बढ़ले होत, मानु बिलकुल नञ् बदलले होत आउ ओइसने लड़की रहले होत, जइसन हमन्हीं के वियोग के पहिले हलइ। लेकिन बाद में रोज दिन हम ओकरा में कुछ तो नावा देखऽ हलिअइ, तब तक हमरा लगी बिलकुल अनजान, मानु हमरा से जान-बूझके गुप्त रक्खल, मानु लड़की जान-बूझके हमरा से खुद के छिपइले रक्खऽ हलइ - आउ ई अंदाज केतना खुशी दे हलइ! बुढ़उ, पितिरबुर्ग में स्थानान्तरित होला पर, पहिले तुरी झुँझलाल आउ चिड़चिड़ा हलथिन। मामला उनकर खराब चल रहले हल; ऊ गोसाऽ जा हलथिन, आपा खो दे हलथिन, बिज़नेस दस्तावेज सब में लीन हो जा हलथिन, आउ उनका हमन्हीं लगी कोय समय नञ् मिल्लऽ हलइ। आन्ना अन्द्रेयेव्ना तो खोवल-खोवल नियन चल्लऽ हलइ आउ शुरू-शुरू में तो कुच्छो ओकरा समझ में नञ् आवऽ हलइ। पितिरबुर्ग से ओकरा भय लगऽ हलइ। ऊ उच्छ्वास ले हलइ आउ सहम जा हलइ, अपन पहिलउका जिनगी के बारे रोवऽ हलइ, इख़मेनेवका के बारे, एकरा बारे, कि नताशा बड़गो हो गेल ह, आउ ओकरा बारे सोचे वला कोय नञ् हके, आउ हमरा साथ विचित्र स्पष्टवादिता से बात करे लगऽ हलइ, कोय आउ दोसरा जादे मित्रतापूर्ण विश्वास के काबिल नञ् रहे के कारण।

अइकी एहे समय, उनकन्हीं के आगमन के थोड़हीं समय बाद, हम अपन पहिला उपन्यास पूरा कइलिअइ, ठीक ओहे, जेकरा से हमर साहित्यिक वृत्ति चालू होले हल, आउ, एगो नौसिखिया के रूप में, शुरू में हमरा समझ में नञ् आवऽ हले, कि एकरा साथ की करूँ। इख़मेनेव परिवार के हम एकरा बारे कुच्छो नञ् बतइलिअइ; उनकन्हीं तो हमरा से ई बात लगी लड़वो कइलथिन, कि हम निकम्मा जिनगी गुजारऽ हिअइ, मतलब, न तो कोय सर्विस करऽ हइ आउ न कोय स्थान पावे के प्रयास करऽ हिअइ। बुढ़उ तो हमरा बुरी तरह से आउ हियाँ तक कि झुँझलाके बुरा-भला सुनइलथिन, जाहिर हइ, हमरा तरफ पैतृक सहानुभूति के चलते। हमरा तो बस लाज बरलइ उनका ई बात बतावे में कि हम कउची करऽ हिअइ। लेकिन वास्तव में सीधे कइसे घोषित कइल जाय, कि हम कोय सर्विस करे लगी नञ् चाहऽ हिअइ, बल्कि उपन्यास लिक्खे लगी चाहऽ हिअइ, आउ ओहे से ऊ बखत तक हम धोखा देलिअइ, बोललिअइ, कि हमरा कोय जगह (पद) नञ् देते जा हइ, कि हम यथाशक्ति एकर खोज में हिअइ। उनका हमरा में विश्वास करे के कोय फुरसत नञ् हलइ। हमरा आद पड़ऽ हइ, कि एक रोज नताशा, हमन्हीं के बातचीत के सुनके, हमरा गुप्त रूप से बगल में ले गेलइ आउ आँसू भरले हमर भाग्य के बारे सोचे लगी निवेदन कइलकइ, हमरा से पूछताछ कइलकइ, पूछके मालुम कइलकइ - कि हम ठीक-ठीक की करऽ हिअइ, आउ, जब हम ओकरा सामने खुलके बात नञ् कइलिअइ, त हमरा से वचन लेलकइ, कि हम आलसी आउ निकम्मा बनके खुद के बरबाद नञ् करबइ। सच हइ, कि हम हलाँकि ओकरा नञ् बतइलिअइ कि हम की करऽ हिअइ, लेकिन आद पड़ऽ हइ, कि अपन रचना के बारे, अपन पहिला उपन्यास के बारे, ओकर एक्को गो प्रशंसासूचक शब्द खातिर, हम आलोचक आउ समीक्षक लोग के सब्भे सम्मानसूचक टिप्पणी, जे बाद में अपना बारे सुनलिअइ, वापिस कर देतिए हल। आउ अइकी, आखिरकार, हमर उपन्यास प्रकाशित हो गेलइ। एकर प्रकाशन के बहुत पहिलहीं से साहित्यिक जगत् में हलचल आउ शोर-गुल उठले हल। बी॰ एगो बुतरू नियन खुश हो गेलथिन हल, हमर पांडुलिपि के पढ़ला पर। नञ्! अगर हम कभी खुश होलिअइ, त ई हमर सफलता के पहिलउका आनंददायक क्षण के खुशी भी नञ् हलइ, बल्कि तब, जब हम न तो केकरो पढ़के सुनइलिए हल आउ न तो केकरो अपन पांडुलिपि देखइलिए हल - ऊ लमगर रतियन में, उल्लासपूर्ण आशा आउ सपना आउ रचना के प्रति भावनात्मक लगाव के बीच; जब हम अपन कल्पना जगत् में जीयऽ हलिअइ, ऊ सब पात्र के साथ, जेकर हम खुद निर्माण कइलिअइ, अपन रिश्तेदार नियन, मानु वस्तुतः ओकन्हीं अस्तित्व में हलइ; ओकन्हीं के प्यार करऽ हलिअइ, ओकन्हीं साथ खुश आउ दुखी होवऽ हलिअइ, आउ कभी-कभी अपन सीधा-सादा हीरो पर अत्यंत निष्कपट आँसू के साथ रोवो करऽ हलिअइ। आउ हम वर्णन नञ् कर सकऽ हिअइ, कि बूढ़ा-बूढ़ी हमर सफलता देखके केतना खुश होलथिन, हलाँकि पहिले तो अत्यंत अचंभित होलथिन - एतना भयंकर रूप से उनकन्हीं के ई बात विचित्र लगलइ! आन्ना अन्द्रेयेव्ना के, मसलन, कइसूँ विश्वास नञ् हो रहले हल, कि नयका, सब्भे लोग द्वारा प्रशंसित होल, लेखक - ओहे [*187] वान्या हइ, जे इत्यादि, इत्यादि, ... आउ लगातार सिर हिला रहले हल। बुढ़उ देर तक नञ् माने लगी तैयार होलथिन आउ शुरू में, पहिलउका अफवाह पर, डरियो गेलथिन; गमा देल सेवावृत्ति के बारे बोले लगलथिन, सामान्यतः सब्भे लेखक के अव्यवस्थित व्यवहार के बारे। लेकिन लगातार नयका अफवाह, पत्रिका सब में विज्ञापन आउ आखिरकार कइएक प्रशंसात्मक शब्द, जे हमरा बारे ऊ सुनलथिन ओइसन लोग के मुँह से, जेकन्हीं के आदरपूर्वक विश्वास करऽ हलथिन, उनका ई मामला पर अपन विचार बदले लगी बाध्य कर देलकइ। जब ऊ देखलथिन, कि हमरा पास अचानक ढेर सारा पैसा आ टपकलइ, आउ पता चललइ, कि केतना पैसा साहित्यिक रचना खातिर मिल सकऽ हइ, त उनकर अन्तिम सन्देह भी दूर हो गेलइ। सन्देह से पूरा उत्साहवर्द्धक विश्वास में संक्रमण (transitions) में तीव्र, बुतरू नियन हमर भाग्य पर खुश होते, ऊ अचानक अत्यंत अनियंत्रित आशा में निमग्न हो गेलथिन, हमर भविष्य के मामले में अत्यंत चकाचौंध कर देवे वला स्वप्न में। रोज दिन ऊ हमरा लगी नयका वृत्ति आउ योजना के कल्पना करऽ हलथिन, आउ ई सब योजना में कउची-कउची नञ् हलइ! ऊ हमरा प्रति कुछ तो विशेष, अभी तक अवर्तमान, आदर प्रदर्शित करे लगलथिन। लेकिन तइयो, हमरा आद पड़ऽ हइ, कभी-कभी, सन्देह उनका पर हावी हो जा हलइ, अकसर अत्यन्त उत्साहपूर्ण कपोल-कल्पना के बीच, आउ फेर से ऊ भ्रमित हो जा हलथिन।

"लेखक, कवि! कइसूँ विचित्र लगऽ हइ ... कब कवि रैंक में अइला ह? लोग तो अइसूँ कलम घिसते रहऽ हइ, जेकरा पर विश्वास नञ् कइल जा सकऽ हइ!"

हम नोटिस कइलिअइ, कि अइसन सन्देह आउ सब अइसन नाजुक सवाल उनका सबसे अकसर गोधूलि वेला में आवऽ हलइ (एतना निम्मन से सब विवरण हमरा आद हइ आउ सब्भे ऊ सुनहरा समय!)। गोधूलि वेला में हमन्हीं के बुढ़उ कइसूँ विशेष रूप से नर्भस हो जा हलथिन, भावुक आउ शक्की। नताशा आउ हम ई बात के जानऽ हलिअइ आउ पहलिहीं से हँस्सऽ हलिअइ।

हमरा आद हइ, कि हम उनका सुमारोकोव के जेनरल (सेनापति) बन्ने के मजेदार कहानी से प्रोत्साहित करऽ हलिअइ, ई बात के बारे, कि कइसे देर्झाविन के दस रूबल के बैंकनोट सहित नासदान (snuff-box) भेजल गेले हल, कि कइसे खुद साम्राज्ञी लोमोनोसोव के हियाँ भेंट देलथिन हल; पुश्किन के बारे बतइलिअइ, गोगल के बारे भी।

"जानऽ हिअइ, भाय, सब कुछ जानऽ हिअइ", बुढ़उ एतराज कइलथिन, शायद, जिनगी में पहिले तुरी ई सब कहानी सुनके। "हूँ! सुन, वान्या, लेकिन आखिर हम तइयो खुश हिअउ, कि तोर भद्दी रचना कविता में नञ् लिक्खल हउ। कविता तो, भाय, बकवास हइ; तूँ तो बहस नञ् कर, आउ हमरा, बुढ़वा, पर विश्वास कर; हम तोर भलाय चाहऽ हिअउ; पक्का बकवास हइ, फुरसत के समय के उपयोग! कविता तो जिमनैसियम (हाई स्कूल) के छात्र लोग के लिक्खे के रहऽ हइ; कविता तो तोहन्हीं नवयुवक लोग के पागलखाना ले जइतउ ... मानऽ हिअइ, कि पुश्किन महान हलथिन, केऽ ई बात से इनकार करतइ! लेकिन तइयो ई सब तुकबन्दी हइ, आउ एकरा से जादे कुछ नञ्; ई तरह, कुछ तो अल्पकालिक ... हम, लेकिन, ई बहुत कम पढ़लियो ह ... गद्य साहित्य के अलगहीं बात हइ! हियाँ लेखक सिखाइयो सकऽब हइ - एकरा से पितृभूमि के प्रति प्रेम के चर्चा कइल जा सकऽ हइ, चाहे सामान्य रूप से सद्गुण के बारे ... हाँ! हमरा तो, भाय, खुद के अभिव्यक्त करे नञ् आवऽ हउ, लेकिन तूँ तो हमरा समझऽ हँ; प्यार से बोलऽ हिअउ। अच्छऽ, अच्छऽ, पढ़!" - ऊ कइसूँ बात खतम कइलथिन कइसनो संरक्षण के लहजा में, जब हम आखिरकार पुस्तक लइलिअइ आउ हम सब चाय के बाद गोल मेज भिर बैठ गेते गेलिअइ, "पढ़ जरी, कि तूँ ओकरा में कउची लिखलऽ हँ; लोग तोरा बारे बहुत चिल्ला हउ! देखल जाय, देखल जाय!"

हम पुस्तक खोललिअइ आउ पढ़े के तैयारी कइलिअइ। ऊ शाम के अभी-अभी हमर उपन्यास मुद्रित होके निकसले हल, आउ हम, एक प्रति आखिरकार हथियाके, इख़मेनेव परिवार के हियाँ अपन रचना के पढ़े खातिर दौड़ पड़लिअइ।

[*188] हमरा केतना संताप आउ झुँझलाहट होलइ, कि हम उनकन्हीं के ओकरा पहिले पढ़के नञ् सुनइलिअइ, पांडुलिपि से, जे संपादक के हाथ में हलइ! नताशा भी झुँझलाहट से रो उठलइ, हमरा से लड़ पड़लइ, हमरा बुरा-भला सुनइलकइ, कि दोसर लोग हमर उपन्यास पहिले पढ़ऽ हइ, बनिस्पत ओकरा के ... लेकिन अइकी आखिरकार हम सब टेबुल भिर बैठऽ हिअइ। बुढ़उ असामान्य रूप से गंभीर आउ संदेहात्मक चेहरा बनइले हलथिन। बहुत कठोरतापूर्वक निर्णय करे लगी चाहऽ हलथिन, "खुद के आश्वस्त करे लगी" बुढ़ियो असामान्य रूप से खुश देखाय दे रहला हल; पाठन खातिर लगभग नयका टोपी पहिन लेलका हल। ऊ बहुत पहिलहीं से नोटिस कर चुकले हल, कि हम ओकर अमूल्य नताशा के तरफ असीम प्रेम से देखऽ हिअइ; कि हमर आत्मा आँख में लीन होके विलीन हो जा हइ, जब हम ओकरा साथ बात करऽ हिअइ, कि नताशा भी कइसूँ हमरा तरफ पहिले के अपेक्षा अधिक प्रसन्नता से देखऽ हइ। हाँ! आखिरकार ऊ समय आ गेलइ, सफलता के पल में आ गेलइ, स्वर्णिम आशा के आउ बिलकुल पूर्ण आनंद के, सब कुछ एक्के साथ, सब कुछ एक्के तुरी आ गेलइ! बुढ़ियो देखलकइ, कि ओकर बुढ़उ भी हमरा बहुत जादे प्रशंसा करे लगला ह आउ कइसूँ विशेष ढंग से हमरा दने आउ अपन बेटी दने ताकऽ हका ... आउ अचानक डर गेलइ - आखिर हम न तो काउंट हलिअइ, न प्रिंस, न राजकीय प्रिंस, चाहे कम से कम जूरी लोग में से कॉलेजिएट काउंसेलर, नवयुवक, ऑर्डर के साथ आउ सुंदर! आन्ना अन्द्रेयेव्ना आधा देखे लगी नञ् चाहऽ हलइ।

"लोग व्यक्ति के प्रशंसा करऽ हइ", ऊ हमरा बारे सोचऽ हलइ, "लेकिन काहे लगी - मालुम नञ्। लेखक, कवि ... लेकिन आखिर की होवऽ हइ लेखक?"

 

भूमिका                       भाग 1, अध्याय 4                   भाग 1, अध्याय 6   

Tuesday, July 27, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 4

                                अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 4

हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह, कि ऊ विधुर हलइ। शादी-शुदा हलइ ऊ अपन पहिलउकी जवानी में हीं आउ शादी कइलके हल पैसा पर। अपन माता-पिता के तरफ से, जे आखिरकार मास्को में कंगाल हो चुकले हल, ओकरा लगभग कुच्छो नञ् मिलले हल। वसील्येव्स्कए कइएक तुरी गिरवी पर रक्खल गेले हल; एकरा पर कर्ज बड़गो हलइ। बाईस साल के प्रिंस के पास, जे ऊ बखत मास्को में,  कोय सरकारी विभाग में, सेवा करे लगी मजबूर हलइ, एक कोपेक तक नञ् बचले हल, आउ ऊ जिनगी में प्रवेश कइलकइ, "कंगाल - पुरनका शाखा के वंशज" नियन। कोय टैक्स ठेकेदार के प्रौढ़ बेटी के साथ शादी ओकरा बचा लेलकइ। ठेकेदार, निस्सन्देह, ओकरा दहेज पर धोखा देलके हल, लेकिन तइयो पत्नी के पैसा से अपन पारिवारिक जायदाद फेर से वापिस खरीदके अपन गोड़ पर खड़ी होना संभव हो गेलइ। ठेकेदार के बेटी, जे प्रिंस के भाग्य में मिलले हल, मोसकिल से लिक्खे लगी जानऽ हलइ, दू शब्द के जोड़ नञ् सकऽ हलइ, बदसूरत हलइ आउ खाली ओकरा एक्के महत्त्वपूर्ण गुण हलइ - स्वभाव के निम्मन आउ विनम्र हलइ। प्रिंस ई गुण के पूरा लाभ उठइलकइ - शादी के पहिला साल के बाद ऊ अपन पत्नी के छोड़ देलकइ, जे ई दौरान ओकरा से एगो बेटा पैदा लेलके हल, मास्को में ओकर ठेकेदार बाप के हाथ में, आउ खुद -आयऽ गुबेर्निया में सर्विस करे लगी चल गेलइ, जाहाँ परी, पितिरबुर्ग के एगो नामी-गिरामी रिश्तेदार के संरक्षण में, ओकरा एगो काफी निम्मन पद मिल गेलइ। ओकरा आत्मा पिपासु हलइ विशिष्टता (पुरस्कार), प्रगति, पदोन्नति, आउ, ई समझके, कि अपन पत्नी के साथ ऊ न तो पितिरबुर्ग में रह सकऽ हइ, न मास्को में, [*182] ऊ फैसला कर लेलकइ, निम्मन के आशा में, अपन जीविका प्रान्तीय क्षेत्र में शुरू करे के। लोग के कहना हइ, कि पत्नी के साथ जिनगी गुजारते अपन पहिलहीं साल के दौरान, ऊ अपन क्रूर व्यवहार से ओकरा लगभग यातना देलकइ। ई अफवाह हमेशे निकोलाय सिर्गेयिच के क्रोधित कर दे हलइ, आउ ऊ गरमजोशी के साथ प्रिंस के पक्ष ले हलइ, ई दावा करते, कि प्रिंस नीच काम नञ् कर सकऽ हथिन। लेकिन लगभग सात साल के बाद आखिरकार ओकर पत्नी मर गेलइ, आउ ओकर विधुर पति तुरते पितिरबुर्ग स्थानान्तरित हो गेलइ। पितिरबुर्ग में ऊ अपन कुछ प्रभाव भी छोड़लकइ। जब ऊ नवयुवके हलइ, त अपन सौन्दर्य, धन-दौलत के साथ-साथ कइएक उज्ज्वल गुण, अशंकनीय बुद्धि, स्वाद, असीम विनोदशीलता से सम्पन्न, ऊ पितिरबुर्ग में सुख आउ संरक्षण के खोज में नञ् उपस्थित होलइ, बल्कि काफी स्वतंत्र रूप से। लोग कहऽ हलइ, कि ओकरा में वास्तव में कुछ तो सम्मोहक हलइ, कुछ तो प्रभावकारी, कुछ तो शक्तिशाली हलइ। औरतियन लोग के ऊ बहुत जादे पसीन हलइ, आउ समाज के एगो सुन्दरी के साथ ओकर संबंध ओकरा लगी बदनामी लइलकइ। ऊ पैसा पानी नियन बहावऽ हलइ, ओकरा लगी बिन कोय परवाह कइले, अपन जन्मजात मितव्ययिता के बावजूद, जे कंजूसी के हद तक चल जा हलइ; ऊ जेकरा भी जरूरत रहऽ हलइ, ओकरा साथ जुआ में हार जा हलइ आउ बड़गो रकम हारलो पर ओकर निरार पर शिकन तक नञ् आवऽ हलइ। लेकिन पितिरबुर्ग में ऊ मनोरंजन खातिर नञ् अइले हल - ओकरा आखिरकार जरूरत हलइ रस्ता पर आवे के आउ अपन स्थिति के मजबूत करे के। ऊ एकरा प्राप्त कर लेलकइ। काउंट नईन्स्की, ओकर नामी-गिरामी रिश्तेदार, जे ओकरा तरफ ध्यानो नञ् देते हल, अगर ऊ साधारण निवेदक के रूप में अइते हल, समाज में ओकर सफलता से अचंभित होल, ओकरा तरफ अपन विशेष ध्यान देना संभव आउ उचित समझलकइ आउ हियाँ तक कि अपन घर में ओकर सात साल के बेटा के परवरिश खातिर रक्खे के अनुग्रह कइलकइ। एहे समय प्रिंस के वसील्येव्सकए के आगमन आउ इख़मेनेव परिवार से परिचय होलइ। आखिरकार काउंट के माध्यम से सबसे महत्त्वपूर्ण राजदूतावास (embassies) में से एक में निम्मन पद प्राप्त करके, ऊ विदेश चल गेलइ। एकर आगू, ओकरा बारे अफवाह कुछ अस्पष्ट हो गेलइ - लोग कोय अप्रिय घटना के बारे बोलऽ हलइ, जे विदेश में ओकरा साथ घटले हल, लेकिन कोय ई बात के साफ-साफ नञ् बता सकलइ, कि ई कइसन घटना हलइ। एतने मालुम चललइ, कि ऊ चार सो आत्मा के जायदाद खरीदे में सफल हो गेले हल, जेकरा बारे हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह। ऊ विदेश से कइएक साल के बाद वापिस अइलइ, एगो महत्त्वपूर्ण रैंक में, आउ तुरते पितिरबुर्ग में बहुत बड़गो पद पा लेलकइ। इख़मेनेवका में अफवाह पहुँचलइ, कि ऊ दोसर शादी कर रहले ह आउ जे कोय तो नामी-गिरामी, धनी आउ शक्तिशाली घराना से संबंधित हइ। "बड़गर असामी के देखऽ हथिन!" - निकोलाय सिर्गेयिच बोललथिन, खुशी से अपन हाथ रगड़ते। हम तहिना पितिरबुर्ग में हलिअइ, यूनिवर्सिटी में, आउ हमरा आद पड़ऽ हइ, कि इख़मेनेव हमरा सोद्देश्य लिखलथिन हल आउ हमरा हमरा ई खबर के जाँच करे लगी निवेदन कइलथिन हल - शादी के अफवाह की सही हइ? ऊ प्रिंस के भी लिखलथिन हल, हमर संरक्षण के बारे निवेदन करते; लेकिन प्रिंस उनकर पत्र के अनुत्तरित छोड़ देलके हल। हमरा खाली एतना मालुम हलइ, कि ओकर बेटा, जेकर परवरिश पहिले काउंट के हियाँ हो रहले हल, आउ बाद में कॉलेज (lyceum) में, उनइस साल के उमर में अपन विज्ञान के कोर्स समाप्त कर लेलकइ। हम एकरा बारे इख़मेनेव परिवार के लिखलिअइ, आउ एहो बारे, कि प्रिंस अपन बेटा के बहुत प्यार करऽ हइ,  दुलार से ओकरा बिगाड़ रहले ह, आउ ओकर भविष्य के अब प्लानो बना रहले ह। ई सब कुछ हमरा अपन सहपाठी छात्र लोग से मालुम चललइ, जेकन्हीं नवयुवक प्रिंस से परिचित हलइ। एहे समय में निकोलाय सिर्गेयिच के एक निम्मन सुबह में प्रिंस के हियाँ से पत्र मिललइ, जे उनका अचंभित कर देलकइ ...

[*183] प्रिंस, जे अभी तक, जइसन कि हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए , निकोलाय सिर्गेयिच के साथ संबंध में खाली शुष्क, बिज़नेस पत्राचार तक सीमित हलइ, उनका अब अत्यंत विस्तार से लिखलके हल, अपन पारिवारिक परिस्थिति के बारे, साफ-साफ आउ मित्रतापूर्ण ढंग से - अपन बेटवा के शिकायत कइलके हल, लिखलके हल, कि बेटा ओकरा अपन दुर्व्यवहार से दुखी कर रहले ; कि, निस्सन्देह, अइसन बुतरू के हरक्कत के बहुत गंभीरतापूर्वक नञ् लेल जा सकऽ हइ (, स्पष्टतः, ओकर समर्थन करे के प्रयास कर रहले हल), लेकिन बेटा के दंडित करे के निर्णय कर चुकले हल, ओकरा भयभीत करे के, मतलब - कुछ समय खातिर ओकरा गाम में भेजे के, इख़मेनेव के देखभाल में। प्रिंस लिखलके हल, कि ऊ "अपन अत्यंत दयालु, उदार निकोलाय सिर्गेयिच आउ विशेष रूप से आन्ना अन्द्रेयेव्ना पर" भरोसा करऽ हइ, उनकन्हीं दुन्नु के अपन बददिमाग (निकम्मा) बेटा के अपन परिवार में रक्खे लगी निवेदन कइलके हल, एकान्त में समझावे लगी, अगर संभव होवे, त ओकरा प्यार देवे लगी, आउ मुख्य बात, ओकर अविवेकपूर्ण चाल-चलन के सुधारे लगी आउ "उद्धारक आउ कठोर नियम बनावे लगी, जे मानव जीवन हेतु एतना अनिवार्य हइ"। जाहिर हइ, बुढ़उ इख़मेनेव खुशी-खुशी काम में लग गेलथिन। नवयुवक प्रिंस भी पहुँचलइ; उनकन्हीं ओकरा अपन बेटा नियन स्वागत करते गेलथिन। जल्दीए निकोलाय सिर्गेयिच ओकरा माने लगलथिन, अपन नताशा से कइसूँ कम नञ्; हियाँ तक कि बाद में भी, जब पिता प्रिंस आउ इख़मेनेव के बीच आखिर संबंध विच्छेद हो चुकले हल, बुढ़उ हार्दिक प्रसन्नता से कभी-कभी अपन अल्योशा के आद करऽ हलथिन - जइसे कि ऊ प्रिंस अलिक्सेय पित्रोविच के पुकारे के अभ्यस्त हो गेलथिन हल। वास्तव में, ई बहुत प्यारा लड़का हलइ - सुन्दर, औरत नियन नाजुक आउ चिड़चिड़ा, लेकिन साथे-साथ प्रसन्नचित्त आउ सरलहृदय, खुला दिल के आउ अत्यंत उदार संवेदना के प्रति सक्षम, स्नेही, सच्चा आउ कृतज्ञ हृदय वला - ऊ इख़मेनेव घर में एगो आदर्श हलइ। अपन उनइस साल के उमर के बावजूद, ऊ अभियो एगो पक्का बच्चा हलइ। कल्पना करना मोसकिल हलइ, कि ओकर बाप, जे, जइसन कि लोग कहऽ हलइ, ओकरा बहुत प्यार करऽ हलइ, काहे लगी ओकरा निर्वासित कर सकलइ? लोग के कहना हलइ, कि नवयुवक पितिरबुर्ग में निकम्मा आउ ओछा जिनगी जीयऽ हलइ, सर्विस करे लगी नञ् चाहऽ हलइ आउ ई बात से अपन बाप के निराश कर देलके हल। निकोलाय सिर्गेयिच अल्योशा से पूछताछ नञ् कइलथिन, कि काहे लगी प्योत्र अलिक्सान्द्रोविच, प्रतीयमानतः, अपन बेटा के निर्वासित करे के असली कारण के बारे अपन पत्र में चुप्पी साध लेलके हल। लेकिन, अल्योशा के कइसनो अक्षम्य करतूत के बारे अफवाह पहुँचलइ, एगो महिला के साथ कइसनो संबंध के बारे, द्वन्द्वयुद्ध के कोय चुनौती के बारे, जुआ में कोय अविश्वसनीय हार के बारे; एहो अफवाह पहुँचलइ कि दोसर के कइसनो पैसा, मानु ऊ पानी नियन बहा देलके हल। एहो अफवाह हलइ, कि प्रिंस अपन बेटा के कोय दोष के चलते दूर बिलकुल नञ् करे के निश्चय कइलके हल, बल्कि कोय तो विशेष, स्वार्थी खयाल से। निकोलाय सिर्गेयिच ई अफवाह के क्रोधपूर्वक अस्वीकार कर देलथिन, खास करके ई चलते कि अल्योशा अपन बाप के अत्यधिक प्यार करऽ हलइ, जेकरा अपन पूरे बचपन आउ किशोरावस्था के दौरान जान नञ् पइलके हल; ऊ ओकरा बारे प्रसन्नतापूर्वक, उत्साह से बात करऽ हलइ; ई बात साफ हलइ, कि ऊ अपन बाप के पूरा अधीन में हलइ। अल्योशा कभी-कभी कोय तो काउंटेस के बारे में बड़बड़ा हलइ, जेकरा पीछू ऊ आउ ओकर बाप दुन्नु फिरते रहऽ हलइ, लेकिन ऊ, अल्योशा, आगू हाथ मार लेलके हल, आउ ओकर बाप ई चलते ओकरा पर भयंकर रूप से नराज हलइ। ऊ हमेशे ई कहानी खुशी से सुनावऽ हलइ, शिशुजन्य सरलहृदयता से, स्पष्ट प्रसन्नचित्त हँसी के साथ; लेकिन निकोलाय सिर्गेयिच ओकरा तुरते रोक दे हलथिन। [*184] अल्योशा एहो अफवाह के पुष्टि कइलकइ, कि ओकर बाप शादी करे लगी चाहऽ हइ।

ऊ लगभग एक साल निर्वासन में गुजरलकइ, बीच-बीच में ऊ अपन बाप के आदरणीय आउ समझदारी के पत्र लिखते रहऽ हलइ आउ आखिरकार वसील्येव्स्कए में एतना हिल-मिल गेलइ, कि जब प्रिंस खुद ग्रीष्मकाल में गाम आवऽ हलइ (जेकरा बारे इख़मेनेव परिवार के पहिलहीं सूचित कर दे हलइ), त निर्वासित खुद्दे अपन बाप के निवेदन करऽ हलइ कि ओकरा यथासंभव जादे से जादे वसील्येव्स्कए में रहे के अनुमति दे देल जाय, ई विश्वास देलइते, कि गाम के जिनगी - ओकर असली लक्ष्य हइ। अल्योशा के सब्भे निर्णय आउ शौक ओकर अत्यंत, चिड़चिड़ा भावुकता के कारण हलइ, जोशीला दिल के कारण, तुच्छ सोच के कारण, जे कभी-कभी बकबक के हद तक पहुँच जा हलइ; हरेक बाह्य प्रभाव में बहुत असानी से आ जाय के कारण आउ इच्छा शक्ति के बिलकुल अभाव के कारण। लेकिन प्रिंस कइसूँ तो सन्देह के दृष्टि से ओकर निवेदन के सुनलकइ ... सामान्यतया निकोलाय सिर्गेयिच मोसकिल से अपन पहिलउका "मित्र" के पछान पइलथिन - प्रिंस प्योत्र अलिक्सान्द्रोविच बहुत जादे बदल गेले हल। ऊ अचानक निकोलाय सिर्गेयिच के प्रति छिद्रान्वेषी हो गेलइ; जायदाद के हिसाब-किताब के जाँच में ऊ कइसनो घृणास्पद लालच, कंजूसी आउ अनजान सन्देहात्मकता देखइलकइ। ई सब उदार इख़मेनेव के भयंकर रूप से दुखी कर देलकइ; देर तक ऊ खुद पर विश्वास नञ् करे के प्रयास कइलकइ। अबरी चौदह साल पहिले के वसिल्येव्स्की के पहिला भेंट के अपेक्षा सब कुछ विपरीत हलइ - अबरी प्रिंस सब्भे पड़ोसी के साथ दोस्ती बनइलकइ, निस्सन्देह, सबसे मुख्य लोग के साथ; निकोलाय सिर्गेयिच के हियाँ ऊ कभियो नञ् मिललइ आउ ओकरा मानु अपना से हीन नियन बर्ताव करऽ हलइ। अचानक कुछ तो दुर्बोध (incomprehensible) घटलइ - बिन कोय स्पष्ट कारण के प्रिंस आउ निकोलाय सिर्गेयिच के बीच जोरदार संबंध विच्छेद हो गेलइ। दुन्नु तरफ से गरम, अपमानजनक शब्द सुनाय दे हलइ। क्रोधपूर्वक इख़मेनेव वसिल्येव्स्कए से दूर चल गेलथिन, लेकिन कहानी हिएँ खतम नञ् होलइ। अचानक समुच्चे पड़ोस में घृणास्पद अफवाह पसर गेलइ। विश्वास देलावल जा हलइ, कि निकोलाय सिर्गेयिच, नवयुवक प्रिंस के स्वभाव के अंदाज लगाके, ओकर सब खामी के लाभ उठावे के इरादा कइले हलइ; कि ओकर बेटी नताशा (जे ऊ बखत सतरह साल के हो चुकले हल) बीस साल के युवक के प्रेम में पड़ गेले हल; कि माय-बाप दुन्नु ई प्यार के समर्थन कइलके हल, हलाँकि अइसन देखावा कइलकइ, कि ओकन्हीं के कुच्छो मालुम नञ् हइ; कि चलाँक आउ "दुराचारी" नताशा, आखिरकार, नवयुवक के बिलकुल मोहित कर लेलके हल, जे पूरे साल ओकर (नताशा के) प्रयास के चलते, ऊ एक्को असली कुलीन लड़की देख नञ् पइलके हल, जे एतना बहुतायत में विवाह लायक पड़ोस के जमींदार घराना सब में हकइ। विश्वास देलावल जा हलइ, आखिरकार, कि दुन्नु प्रेमी के बीच विवाह करे के सहमति बन चुकले हल, वसिल्येव्स्की से पनरह विर्स्ता दूर, ग्रिगोरियेव नामक गाम में, प्रतीयमानतः नताशा के माय-बाप के बिन जनकारी के, लेकिन जे, तइयो, एक-एक बात बारीकी से विस्तारपूर्वक जान गेले हल आउ बेटी के अपन घृणास्पद परामर्श से मार्गदर्शन कइलके हल। एक शब्द में, समुच्चे पुस्तक में ऊ सब कुछ के समाहित नञ् कइल जा सकऽ हइ, जे स्त्री-पुरुष दुन्नु, ई कहानी के संबंध में जिला के अफवाह के फैलावे में सफल हो गेले हल। लेकिन सबसे जादे अचरज के बात हलइ, कि प्रिंस ई सब अफवाह के बिलकुल विश्वास कर लेलकइ आउ वसिल्येव्स्कए भी खास करके एहे कारण से अइलइ, कोय तो गुमनाम पत्र पाके, [*185] जे प्रान्तीय क्षेत्र से ओकरा हीं पितिरबुर्ग भेजल गेले हल। निस्सन्देह, हरेक कोय, जे निकोलाय सिर्गेयिच के थोड़हूँ बहुत जानऽ हलइ, लगऽ हइ, ओकरा पर कइल गेल आरोप में से एक्को शब्द पर विश्वास करते हल; लेकिन तइयो, जइसन कि रिवाज हइ, सब कोय हलचल मचइले हलइ, सब कोय बल रहले हल, सब कोय विशेष रूप से उल्लेख कर रहले हल, सब कोय सिर हिला रहले हल आउ ... पक्का दोषी ठहरा रहले हल। इख़मेनेव एतना जादे अहंकारी हलथिन, कि अपन बेटी के अफवाह के सामने सफाई देवे के जरूरत नञ् समझऽ हलथिन, आउ अपन आन्ना अन्द्रेयेव्ना के पड़ोसी लोग के साथ कइसनो स्पष्टीकरण देवे से कठोरतापूर्वक मनाही कर देलथिन। खुद नताशा तो, एतना कलंकित होल, पूरे साल के बादो, ई सब तोहमत आउ अफवाह के बारे लगभग एक्को शब्द नञ् जान पइलकइ - ओकरा से सावधानीपूर्वक पूरी कहानी छिपावल गेलइ, आउ ऊ प्रसन्न आउ निर्दोष हलइ, बारह साल के बुतरू नियन।

ई दौरान झगड़ा लगातार आगू आउ आगू बढ़ते रहलइ। सेवापरायण लोग ऊँघ नञ् रहले हल। मुखबिर आउ गोवाह लोग प्रकट होते गेलइ, आउ प्रिंस के आखिरकार विश्वास देलावे में सफल हो गेते गेलइ, कि निकोलाय सिर्गेयिच के वसिल्येव्स्की के एतना लमगर अवधि के प्रबंधन ईमानदारी के आदर्श से दूर हलइ।  एकरा अलावे, कि तीन साल पहिले, उपवन (copse, grove) के बिक्री के दौरान, निकोलाय सिर्गेयिच बारह हजार चानी के रूबल के गबन कइलके हल, कि एकरा पर कोर्ट के सामने बिलकुल स्पष्ट, वैध प्रमाण (कानूनी सबूत) प्रस्तुत कइल जा सकऽ हइ, विशेष रूप से जबकि उपवन के बिक्री खातिर प्रिंस के तरफ से ओकरा पास कोय कानूनी एटॉर्नी प्राप्त नञ् हलइ, बल्कि ऊ अपन समझ से ई कदम उठइलकइ, बाद में प्रिंस के बिक्री के अनिवार्यता के बारे समझाके आउ उपवन के बिक्री से वस्तुतः प्राप्त रकम से कम रकम जमा करके। जाहिर हइ, ई सब खाली तोहमत हलइ, जइसन कि बाद में साबित होलइ, लेकिन प्रिंस सब कुछ के विश्वास कइलकइ आउ गोवाह के उपस्थिति में निकोलाय सिर्गेयिच के चोर कहलकइ। इख़मेनेव के बरदास नञ् होलइ आउ ओतने दमदार अपमानजनक उत्तर देलथिन; भयंकर दृश्य प्रकट होलइ। तुरते अदालती कार्यवाही कइल गेलइ। निकोलाय सिर्गेयिच, कइसनो दस्तावेज के नञ् रहला से, आउ मुख्य बात, बिन कोय संरक्षक के, न अइसन मामला से निपटे के कोय अनुभव के, तुरते अपन मुकदमा हारे लगला। उनकर जायदाद पर प्रतिबंध लगा देवल गेलइ। झुँझलाल बुढ़उ सब कुछ छोड़ देलका आउ आखिरकार पितिरबुर्ग स्थानान्तरित हो जाय के निर्णय कइलका, ताकि व्यक्तिगत रूप से अपन केस के मामले में दौड़धूप कइल जा सकइ, आउ गुबेर्निया में अपन पीछू एगो अनुभवी एटॉर्नी के छोड़ देलका। लगऽ हइ, प्रिंस तुरते समझे लगलइ, कि ऊ बेकारे में इख़मेनेव के अपमानित कइलकइ। लेकिन अपमान दुन्नु तरफ से एतना प्रचंड हलइ, कि समझौता के सवाले नञ् पैदा होवऽ हलइ, आउ चिढ़ल प्रिंस अपन सब प्रयास कइलकइ, केस के अप्पन पक्ष में करे के, मतलब, वस्तुतः अपन भूतपूर्व मैनेजर के रोटी के अन्तिम टुकरी भी ममोसर (मयस्सर) नञ् होवे देवे के।


भूमिका                       भाग 1, अध्याय 3                   भाग 1, अध्याय 5   

Saturday, July 24, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 3

                               अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 3

निकोलाय सिर्गेयिच इख़मेनेव एगो निम्मन घराना में पैदा होलथिन हल, लेकिन बहुत पहिलहीं ई घराना निर्धन हो चुकले हल। लेकिन, अपन माता-पिता के बाद उनका डेढ़ सो आत्मा के साथ निम्मन जागीर विरासत में मिलले हल। बीस बरिस के उमर में उनका हुस्सार में योगदान करे के आदेश देल गेलइ। सब कुछ ठीक चल रहले हल; लेकिन अपन सेवा के छट्ठा साल में एक बदकिस्मत शाम में ऊ अपन सब जायदाद हार गेला। ऊ रात भर सुत नञ् पइला। अगले शाम ऊ फेर से ताश के टेबुल भिर प्रकट होला आउ अपन घोड़ा के बाजी पर लगा देलका - जे उनकर अन्तिम संपत्ति बच्चल रह गेले हल। ऊ बाजी जीत गेला, ओकर पीछू दोसरा, तेसरा, आउ आधा घंटा बाद अपन गाम में से एक के वापिस जीत लेलका, इख़मेनेवका गाम, जेकरा में पिछला जनगणना के अनुसार पचास आत्मा ओकरा से जुड़ल हलइ। ऊ सेवा बंद कर देलका आउ दोसरे दिन सेवानिवृत्त हो गेला। सो आत्मा हमेशे लगी समाप्त हो गेलइ। दू महिन्ना बाद उनका लेफ़्टेनेंट के पद से बरखास्त कर देल गेलइ आउ अपन गाम लगी रवाना हो गेला। जिनगी में कभियो ऊ जुआ में अपन हार के बारे नञ् बोललथिन, आउ अपन उदारता लगी प्रसिद्ध होलो पर, ऊ अवश्य झगड़ पड़थिन हल, अगर कोय उनका एकरा बारे आद देलइते हल। गाम में ऊ परिश्रपूर्वक अपन जायदाद के देखभाल में लग गेलथिन, आउ पैंतीस के उमर में, एगो गरीब कुलीन घराना में शादी कर लेलथिन, आन्ना अन्द्रेयेव्ना शुमिलोवा से, जे बिलकुल बिन दहेज के हलइ, लेकिन एगो उत्प्रवासी (emigrant) महिला मोन-रेवेश (Mon-Reveche) द्वारा संचालित प्रादेशिक कुलीन आवासीय विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कइल हलइ, जेकर आन्ना अन्द्रेयेव्ना के जिनगी भर गौरव हलइ, हलाँकि कोय कभियो अंदाज नञ् लगा पइलकइ कि ओकर शिक्षा कउन प्रकार के हलइ। निकोलाय सिर्गेयिच एगो उत्तम कृषक हलथिन। पड़ोस के जमींदार लोग उनका से खेती करना सीखते गेलइ। कुछ साल गुजर गेलइ, जब अचानक पड़ोस के जागीर, गाम वसील्येव्स्कए में, जेकरा में नो सो आत्मा (भूदास, serfs) जुड़ल हलइ, पितिरबुर्ग से जमींदार, प्रिंस (राजकुमार) प्योत्र अलिक्सान्द्रोविच वलकोव्स्की, अइलइ। ओकर आगमन पूरे जिला में काफी प्रभावकारी छाप छोड़लकइ। प्रिंस अभियो नवयुवक हलइ, [*180] हलाँकि पहिलउका जवानी में नञ्, तइयो बड़गो रैंक वला हलइ, निम्मन संपर्क वला, खुद सुन्दर हलइ, धन-संपत्ति हलइ, आउ आखिरकार, विधुर हलइ, जे खास करके पूरे जिला में महिला लोग आउ कुँआरी लड़कियन खातिर रोचक हलइ। लोग ओकर भव्य स्वागत के बारे बोलते जा हलइ, जे ओकरा प्रादेशिक शहर में गवर्नर द्वारा कइल गेले हल, जेकरा साथ ओकर कोय रिश्ता हलइ; एकरा बारे, कि गुबेर्निया के सब महिला "ओकर शिष्टाचार आउ कृपा पर पगलाऽ गेले हल", इत्यादि, इत्यादि। एक शब्द में, ई पितिरबुर्ग के उच्च समाज के उज्ज्वल प्रतिनिधि में से एक हलइ, जेकन्हीं विरले गुबेर्निया में पधारऽ हइ, आउ आके असाधारण प्रभाव डालऽ हइ। प्रिंस, लेकिन, दयालु लोग में से नञ् हलइ, खास करके ऊ लोग के साथ, जे ओकर कोय काम के नञ् हलइ आउ जेकरा ऊ खुद से जरी निचगर समझऽ हलइ। अपन पड़ोसी लोग के साथ परिचित होना ऊ उचित आउ जरूरी नञ् समझऽ हलइ, जेकरा चलते तुरतम्मे खुद लगी कइएक दुश्मन बना लेलकइ। आउ ओहे से लोग के बड़गो अचरज होलइ, जब अचानक ओकर दिमाग में निकोलाय सिर्गेयिच के हियाँ भेंट देवे के विचार अइलइ। सच हइ, कि निकोलाय सिर्गेयिच ओकर पड़ोसी लोग में से सबसे नगीच में से एक हलथिन। इख़मेनेव के घर में प्रिंस प्रचंड प्रभाव डललकइ। ऊ तुरतम्मे दुन्नु के मुग्ध कर देलकइ; खास करके ओकरा से हर्षातिरेक में हला आन्ना अन्द्रेयेव्ना। कुछ समय बाद उनकन्हीं साथ ऊ घुल-मिल चुकले हल, रोज दिन आवऽ हलइ, उनकन्हीं के खुद हीं आमंत्रित करऽ हलइ, मजाक करऽ हलइ, मजेदार घटना सुनावऽ हलइ, उनकन्हीं के खराब हो चुकल पियानो बजावऽ हलइ, गावऽ हलइ। इख़मेनेव परिवार प्रशंसा करते नञ् थक्कऽ हलइ - कइसे अइसन प्रिय, बहुत निम्मन व्यक्ति के बारे कहल जा सकऽ हलइ, कि ऊ अभिमानी, घमंडी, पक्का स्वार्थी हइ, जइसन कि सब पड़ोसी एक स्वर से चिल्ला हलइ? सोचल जाय के चाही कि प्रिंस के वास्तव में निकोलाय सिर्गेयिच पसीन पड़लथिन, जे सीधा-सादा, ईमानदार, निःस्वार्थी, उदार हलथिन। लेकिन, जल्दीए सब कुछ स्पष्ट हो गेलइ। प्रिंस वसील्येव्स्की अइले हल, अपन मैनेजर के निकास बाहर करे लगी, जे एगो बदचलन जर्मन हलइ, महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति, सस्यविज्ञानी (कृषिशास्त्री, agronomist); आदरणीय धूसर केश, चश्मा आउ तोता नियन नाक से प्रतिभासम्पन्न; लेकिन, ई सब श्रेष्ठता के बावजूद, ऊ प्रिंस के बेशरमी से बिन रोक-टोक के लुट्टऽ हलइ आउ ओकरा अलावे, कइएक मुझीक के यातना देलके हल। इवान कार्लोविच आखिरकार पकड़ल गेलइ आउ रंगे हाथों दोषी सिद्ध कइल गेलइ, जेकरा पर ऊ बहुत अपमानित अनुभव कइलकइ, जर्मन ईमानदारी पर बहुत कुछ बोललइ; लेकिन, ई सब के बावजूद, ओकरा बाहर हाँक देल गेलइ आउ कुछ बदनामी के साथ भी। प्रिंस के मैनेजर के जरूरत हलइ, आउ ओकर चयन निकोलाय सिर्गेयिच पर पड़लइ, जे एगो उत्तम कृषक हलथिन आउ सबसे ईमानदार व्यक्ति, जेकरा में कुच्छो सन्देह  नञ् हो सकऽ हलइ। लगऽ हइ, प्रिंस के बहुत इच्छा हलइ, कि निकोलाय सिर्गेयिच खुद्दे मैनेजरी के काम लगी प्रस्ताव रक्खे; लेकिन अइसन नञ् होलइ, आउ प्रिंस एक निम्मन सुबह के खुद्दे प्रस्ताव रखलकइ, अत्यंत मित्रतापूर्ण आउ नम्र निवेदन के रूप में। इख़मेनेव शुरू में इनकार कइलकइ; लेकिन निम्मन वेतन आन्ना अन्द्रेयेव्ना के आकृष्ट कर लेलकइ, आउ निवेदनकर्ता के दोगना शिष्टाचार सब तरह के हिचकिचाहट के दूर कर देलकइ। प्रिंस अपन लक्ष्य पा लेलकइ। सोचे के चाही, कि ऊ लोग के पछाने में बहुत दक्ष हलइ। इख़मेनेव के साथ अपन परिचय के थोड़हीं समय बाद ओकरा मालुम चल गेलइ, कि ओकरा कइसन अदमी के साथ व्यवहार करे के हइ, आउ समझ गेलइ, कि इख़मेनेव के मित्रतापूर्ण, हार्दिक व्यवहार से जित्तल जा सकऽ हइ, अपना तरफ ओकर हृदय के आकृष्ट करे के चाही, आउ एकरा बेगर पैसा बहुत नञ् कर पइतइ। ओकरा अइसने मैनेजर के जरूरत हलइ, जेकरा पर ऊ आँख मूनके आउ हमेशे लगी विश्वास कर सकइ, ताकि वसील्येव्स्कए आवे के [*181] कभी जरूरते नञ् पड़े, जइसन कि ऊ वास्तव में आशा कर रहले हल। सम्मोहन, जे ऊ इख़मेनेव पर कइलके हल, एतना अधिक प्रबल हलइ, कि ऊ सच में ओकर मित्रता में विश्वास कर लेलथिन। निकोलाय सिर्गेयिच ओइसन अत्यंत उदार आउ बचकाना रोमांटिक लोग में हलथिन, जे हम सब के रूस में एतना निम्मन होवऽ हथिन, उनकन्हीं बारे लोग चाहे कुच्छो बोलइ, आउ जेकन्हीं, अगर केकरो प्यार करे लगऽ हथिन (कभी-कभी भगमान जाने काहे लगी), त ओकरा अपन पूरा दिल दे दे हथिन, कभी-कभी तो अपन लगाव के हास्यास्पद सीमा तक बढ़ा देते जा हथिन।

कइएक साल गुजर गेलइ। प्रिंस के जायदाद बहुत फललइ-फुललइ। वसील्येव्सकए के मालिक आउ ओकर मैनेजर के बीच संबंध दुन्नु तरफ से, बिन कोय अत्यंत छोटको अप्रिय घटना के, जारी रहलइ, जे शुष्क बिज़नेस पत्राचार तक सीमित हलइ। प्रिंस, निकोलाय सिर्गेयिच के प्रबंधन में दखल नञ् दे हलइ, कभी-कभी उनका अइसन सलाह दे हलइ, जे इख़मेनेव के अपन असाधारण व्यवहारकुशलता आउ व्यावहारिकता से अचंभित कर दे हलइ। स्पष्ट हलइ, कि ऊ नञ् खाली फालतू के पैसा बरबाद करे लगी नञ् पसीन करऽ हलइ, बल्कि पैसा बनावे लगी जानवो करऽ हलइ। वसील्येव्स्कए अइला के लगभग पाँच साल बाद ऊ निकोलाय सिर्गेयिच के ओहे गुबेर्निया में चार सो आत्मा के जनसंख्या वला एगो आउ दोसर शानदार जायदाद खरीदे लगी एटॉर्नी के रूप में अधिकार भेजलकइ। निकोलाय सिर्गेयिच के बड़गो खुशी होलइ; प्रिंस के सफलता, ओकर सफलता के बारे अफवाह, ओकर प्रगति के अपन दिल से स्वागत कइलथिन, मानु मामला उनकर अपन भाय के चल रहल होवे। लेकिन उनकर हर्षातिरेक शीर्ष तक पहुँच गेलइ, जब प्रिंस वास्तव में उनका एक अवसर पर अपन असाधारण विश्वास देखइलकइ। अइकी ई अइसे होलइ ... लेकिन, हियाँ हम अनिवार्य समझऽ हिअइ, ई प्रिंस वलकोव्स्की के जिनगी से कुछ विशेष विवरण के उल्लेख करना, जे हमर कहानी के आंशिक रूप से सबसे मुख्य पात्र सब में से एक हइ।

 

    भूमिका                       भाग 1, अध्याय 2                    भाग 1, अध्याय 4   

Friday, July 23, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 2

 अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 2

ऊ बखत, ठीक एक साल पहिले, हम पत्रिका के मामले में सहभागिता निभा रहलिए हल, लेख (articles) लिक्खऽ हलिअइ आउ हमरा पक्का विश्वास हलइ, कि हमरा कोय तो बड़गो, निम्मन चीज लिक्खे में सफलता मिलतइ। हम तब एगो बड़गो उपन्यास लगी बैठल हलिअइ; लेकिन तइयो अइसे समाप्त होलइ, कि हम - अब अस्पताल में हिअइ, आउ लगऽ हइ, जल्दीए मर जइबइ। आउ अगर जल्दीए मर जइबइ, त लगऽ हइ, काहे लगी नोट लिक्खल जाय?

हमरा ई जिनगी के सब कुछ कठिन, पिछला साल के जाने-अनजाने लगातार आद पड़ जा हइ। अब सब कुछ लिख डाले के मन करऽ हके, आउ, अगर हम ई काम के आविष्कार नञ् करतूँ हल, त हमरा लगऽ हके, कि हम अवसाद से मर जइतूँ हल। [*178]  ई सब विगत छाप कभी-कभी हमरा दर्द तक, यातना तक उत्तेजित करऽ हइ। लेखनी के अधीन ऊ सब अधिक सांत्वनादायक, अधिक सुव्यवस्थित हो जइतइ; कमती सरसाम, कमती भयानक सपना नियन लगतइ। अइसन हमरा लगऽ हइ। खाली लिक्खे के क्रियाविधि (mechanism) हइ, जे महत्त्वपूर्ण हइ - ई सांत्वना दे हइ, ठंढा कर दे हइ, हमरा में पहिलउका लेखक के आदत के प्रेरित करऽ हइ, हमर संस्मरण के आउ दुःस्वप्न के काम में, व्यस्तता में परिवर्तित करऽ हइ ... हाँ, हमरा निम्मन विचार सुझलइ। एकरा अलावे डाक्टर के सहायक (feldscher) के उत्तराधिकार; कम से कम खिड़कियन पर हमर नोट के चिपकइतइ, जब शीतकाल के फ्रेम लगावल जइतइ

लेकिन, शायद, हम अपन कहानी, नञ् मालुम काहे, बीच से शुरू कइलिअइ। अगर सब कुछ लिक्खल जाय के चाही, त शुरुए से शुरू करे के चाही। अच्छऽ, त शुरुए से शुरू कइल जाय। तइयो, हमर आत्मकथा बड़गो नञ् होतइ।

हमर जन्म हियाँ नञ् होले हल, बल्कि हियाँ से दूर, -स्की गुबेर्निया में। ई मानल जाय के चाही, कि हमर माता-पिता निम्मन लोग हलथन, लेकिन हमरा बचपने में अनाथ छोड़ गेलथन, आउ हमर पालन-पोषण निकोलाय सिर्गेयिच इख़मेनेव,एगो छोटगर जमींदार, के घर में होल, जे हमरा दया करके रख लेलका। उनकर बाल-बुतरू में खाली एगो बेटी हलइ, नताशा, हमरा से तीन साल छोटगर। हमन्हीं दुन्नु भाय-बहिन नियन बड़गो होलिअइ। ओह हमर प्रिय बचपन! केतना मूर्खतापूर्ण हइ तोरा बारे उदास होना आउ खेद प्रकट करना जिनगी के पचीसमा बरिस में, आउ मरते बखत, आद करना खाली तोरा बारे उत्साह आउ कृतज्ञतापूर्वक! तहिना आसमान में एतना उज्ज्वल सूर्य हलइ, एतना पितिरबुर्ग से भिन्न सूर्य आउ हम सब के छोटगर हृदय एतना तेजी से आउ आनंदपूर्वक धड़कऽ हलइ। तहिना चारो बगल खेत आउ जंगल हलइ, आउ मरल पत्थल के ढेर नञ्, जइसन अभी हइ। केतना आश्चर्यजनक हलइ बाग आउ पार्क वसिल्येव्स्की में, जाहाँ परी निकोलाय सिर्गेयिच मैनेजर हलथिन; ई बाग में नताशा आउ हम टहले लगी जा हलिअइ, आउ बाग के पीछू हलइ बड़गो, नम जंगल, जाहाँ परी हम, बुतरुअन, दुन्नु एक तुरी भुला गेलिए हल ... सुनहरा, उत्तम समय! जिनगी अपन पहिलउका अनुभव रहस्मय आउ मोहक रूप से बतावऽ हलइ, आउ केतना मिठगर हलइ ओकरा से परिचित होना। ऊ जमाना में हरेक झाड़ी के पीछू, हरेक पेड़ के पीछू, मानु आउ कोय तो रहऽ हलइ, हम सब लगी रहस्यमय आउ अनजान; परीलोक (fairyland) वास्तविकता से मिल गेले हल; आउ, जब, कभी-कभार, गहरी घाटी में शाम के कुहासा घना हो जा हलइ आउ धूसर घुमावदार जटा के रूप में ऊ सब झाड़ी से चिपक जा हलइ, जे हमन्हीं के विशाल दर्रा के पथरीला किनारा से चिपकल रहऽ हलइ, त नताशा आउ हम, किनारा पर, एक दोसरा के हाथ थामले, भयानक उत्सुकता से गहराई में हुलकऽ हलिअइ आउ आशा करऽ हलिअइ, कि अइकी कोय तो दर्रा के तल से कुहासा के बीच से हमन्हीं तरफ अइतइ चाहे प्रतिसाद (respond) देतइ आउ धाय के परीकथा असली, कानूनी सच लगतइ। एक तुरी बाद में, बहुत बाद में, हम नताशा के आद देलइलिअइ, जइसीं हमन्हीं लगी ऊ बखत एक तुरी "बाल पुस्तक" उपलब्ध कइल गेलइ, तइसीं तुरतम्मे दौड़ल बाग में चल गेलिअइ, पोखरा भिर, जाहाँ परी पुरनका घना मेपल के निच्चे हमन्हीं के प्रिय हरियरका बेंच हलइ, हुआँ बैठ गेते गेलिअइ आउ पढ़े लगलिअइ "अल्फ़ोन्सो आउ दालिन्दा" - एगो परीकथा। अभियो तक हम ई कहानी के बिन कइसनो विचित्र हृदय सिहरन के आद नञ् कर पावऽ हिअइ, आउ जब हम, एक साल पहिले, नताशा के पहिला दू पंक्ति आद देलइलिअइ - "अल्फ़ोन्स, हमर कहानी के हीरो, पुर्तगाल में पैदा होले हल; दोन रामिरो, ओकर पिता" इत्यादि, त हम लगभग रो पड़लिअइ। हो सकऽ हइ, ई बहुत मूर्खतापूर्ण लगले होत, आउ ओहे से, शायद, नताशा हमर हर्षातिरेक पर एतना विचित्र ढंग से मुसकइलइ। लेकिन, तुरतम्मे खुद के नियंत्रित कर लेलकइ (हमरा ई आद हइ) आउ हमर सांत्वना खातिर खुद [*179] पुरनका जमाना के बारे आद करे लगलइ। शब्द पर शब्द आउ खुद द्रवीभूत हो गेलइ। गौरवशाली हलइ ई शाम; हमन्हीं सब कुछ स्मरण करे लगलिअइ - आउ ओहो, जब हमरा प्रान्तीय शहर में आवासीय विद्यालय में भेज देल गेले हल, केतना ऊ तब कनले हल! - आउ हमन्हीं के अन्तिम बिदाई, जब हम हमेशे लगी वसील्येव्स्की छोड़ देलिए हल। हम तब अपन आवासीय विद्यालय के पढ़ाई समाप्त कर चुकलिए हल आउ विश्विद्यालय में दाखिला हेतु तैयारी करे लगी पितिरबुर्ग जा रहलिए हल। हमर तब सतरह साल के हलिअइ, ऊ पनरह साल के। नताशा बोलऽ हइ, कि हम तहिया एतना बेढब हलिअइ, एतना लमढेंग कि हमरा तरफ देखके हँसले बेगर नञ् रहल जा सकऽ हलइ। बिदाई के बखत हम ओकरा बगल में ले गेलिअइ, ओकरा कुछ तो महत्त्वपूर्ण बात बतावे लगी; लेकिन हमर जीभ कइसूँ अचानक अकड़ गेलइ आउ तालु में चिपकल रह गेलइ। ऊ आद करऽ हइ, कि हम बड़गो उत्तेजना में हलिअइ। जाहिर हइ, हमन्हीं के बातचीत निम्मन से नञ् हो पइलइ। हमरा समझ में नञ् आ रहल हल, कि कउची कहूँ, आउ ओहो, शायद, हमरा समझ नञ् पइलकइ। हम खाली जोर से रो पड़लिअइ, आउ अइसीं चल गेलिअइ, बिन कुच्छो कहले। हमन्हीं के बहुत बाद में भेंट होलइ, पितिरबुर्ग में। ई दू साल पहिले के बात हइ। बुढ़उ इख़मेनेव हियाँ अपन केस के मामले में दौड़धूप करे लगी अइलथिन हल, आउ हम अभी-अभी साहित्यकार के पेशा शुरू कइलिए हल।

 

भूमिका                 भाग 1, अध्याय 1                   भाग 1, अध्याय 3



रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 1

                    अपमानित आउ तिरस्कृत

         मूल रूसी लेखकः फ़्योदर दस्तयेव्स्की (1821-1881)      

          मगही अनुवादः नारायण प्रसाद

[*169]

भाग 1

अध्याय 1.

पिछले साल, बारह मार्च के, शाम में, हमरा साथ एगो विचित्र घटना घटलइ। दिन भर हम शहर में घूमते रहलिअइ आउ अपना लगी एगो फ्लैट खोजलिअइ। पुरनका फ्लैट बहुत नमी भरल हलइ, आउ हमरा तहिया बड़ी खोंखी होवे लगले हल। शरत्काल से हीं हम स्थानान्तरित होवे लगी चाहऽ हलिअइ, लेकिन वसंत तक कइसूँ काम चलइलिअइ। दिनो भर हम कुच्छो ढंग के नञ् खोज पइलिअइ। पहिला, हमरा विशेष फ्लैट चाही हल, जेकरा में आउ कोय किरायेदार नञ् रहे; आउ दोसरा, बल्कि एक्के कमरा होवे, लेकिन जरूर बड़गर होवे के चाही, जाहिर हइ कि साथे-साथ यथासंभव सस्ता भी। हम नोटिस कइलिअइ, कि संकीर्ण फ्लैट में विचार भी संकीर्ण होवऽ हइ। हम जब अपन भावी लघु उपन्यास के बारे सोचऽ हलिअइ, त हमेशे कमरा में आगू-पीछू चहलकदमी करना पसीन करऽ हलिअइ। प्रसंगवश, हमरा हमेशे निम्मन लगऽ हलइ अपन रचनावली के बारे सोच-विचार करना आउ सपना देखना, कि ऊ सब कइसे लिखइतइ, बनिस्पत कि वस्तुतः ऊ सब के लिक्खे के, आउ, सचमुच, ई आसकत के वजह से नञ् हलइ। त फेर कउन वजह से?

सुबहे से हमरा तबीयत ठीक नञ् लग रहल हल, आउ सूर्यास्त होवे तक हमरा बहुत खराब लगे लगल - एक प्रकार के बोखार चालू हो गेल। एकरा अलावे दिन भर हम चलते रहलूँ हल आउ थक गेलूँ हल। शाम में, ठीक गोधूलि वेला के पहिले, हम वोज़निसेन्स्की प्रोस्पेक्त से होके गुजर रहलूँ हल। हमरा पितिरबुर्ग में मार्च के सूर्य पसीन पड़ऽ हके, विशेष रूप से सूर्यास्त, जाहिर हइ, स्वच्छ ठंढगर शाम में। पूरा रोड अचानक चमके लगतइ, उज्ज्वल प्रकाश में प्रकाशित होल। सब्भे घर मानु अचानक जगमगाय लगतइ। ऊ सब के धूसर, पीयर आउ धुँधला हरियर रंग पल भर लगी अपन धुँधलाहट खो दे हइ; मानु हृदय में निर्मलता आ जइतइ, मानु चौंक जइबहो आउ कोय तो तोहरा केहुनी से धकिअइतो। नयका दृष्टिकोण, नयकन विचार ... अचरज के बात हइ, कि सूर्य के एक किरण व्यक्ति के हृदय के कीऽ कर सकऽ हइ!

[*170] लेकिन सूर्य के किरण बुत गेलइ; ठंढी बढ़े लगलइ आउ नाक में चुनचुनाहट पैदा होवे लगलइ; धुँधलका गहराय लगलइ; दोकान आउ स्टॉल सब के गैस जगमगा उठलइ। मिलर (Miller) हलुआय (हलवाई) के दोकान भिर पहुँचके, हम अचानक स्तब्ध होके रुक गेलिअइ आउ हम रोड के दोसरा तरफ देखे लगलिअइ, मानु अइसन पूर्वाभास होलइ, कि अइकी अब हमरा साथ कुछ तो अनहोनी होत, आउ ठीक एहे पल दोसरा तरफ हमरा एगो बूढ़ा आउ ओकर कुत्ता पर नजर पड़लइ। हमरा निम्मन से आद हइ, कि हमर दिल कोय तो अप्रिय संवेदना से बैठ गेलइ आउ हम खुद नञ् समझ पइलिअइ, कि ई कइसन संवेदना हइ।

हम रहस्यवादी नञ्; हमरा पूर्वाभास आउ भविष्यवाणी में लगभग विश्वास नञ्; तइयो हमरा साथ, जइसन, शायद, सबके साथ भी, जिनगी में कइएक अइसन घटना घटले ह, जेकर बिलकुल व्याख्या नञ् कइल जा सकऽ हइ। मसलन, बल्कि एहे बूढ़ा - काहे तखनी के हमर ओकरा साथ भेंट के साथ, हमरा तुरतम्मे लगलइ, कि ओहे शाम के हमरा साथ कुछ तो बिलकुल असाधारण घतटतइ? लेकिन, हम बेमार हलिअइ; आउ रोगजन्य संवेदना लगभग हमेशे भ्रामक होवऽ हइ। बुढ़उ अपन मन्थर, दुर्बल कदम के साथ, गोड़ बढ़इते, मानु छड़ी नियन, मानु बिन ओकरा मोड़ले, कुब्बड़ होल आउ फुटपाथ के टाइल पर छड़ी से जरी ठुनकइते, हलुआय के दोकान के नगीच जा रहले हल। अपन जिनगी में हम अइसन विचित्र, बेढंगा आकृति नञ् देखलूँ हँ। आउ ई भेंट होवे के पहिले, जब हमर ओकरा साथ मिलर के दोकान के पास भेंट होले हल, त ऊ हमेशे हमरा पर एगो दर्दनाक छाप छोड़लके हल। ओकर उँचगर कद, कुब्बड़ पीठ, बेजान अस्सी बरिस के चेहरा, सीयन बिजुन फट्टल पुरनका ओवरकोट, फट्टल-फुट्टल गोल बीस बरिस के हैट, ओकर नंगा सिर के ढँकले, जेकरा पर ठीक चनिया पर के, अभियो धूसर नञ्, बल्कि उज्जर-पीयर केश के एगो लट बच्चल हलइ; ओकर सब चाल, जे कइसूँ बेतुका ढंग से कइल जा हलइ, मानु चाभी देल स्प्रिंग से - ई सब कुछ, पहिले तुरी ओकरा देखे वला हरेक व्यक्ति के, जाने-अनजाने अचंभित कर दे हलइ। वस्तुतः, कइसूँ अपेक्षा से अधिक अपन जिनगी जीयल अइसन बुढ़उ के अकेल्ले, बिन देखभाल के, देखे में विचित्र लगऽ हलइ, खास करके जबकि ऊ, अपन गार्ड लोग से भागल, एगो पागल नियन लगऽ हलइ। ओकर दुबलापन भी हमरा अचंभित करऽ हलइ - ओकर देह लगभग नञ् हलइ, आउ मानु ओकर हडिया पर खाली चमड़ा चिपकावल हलइ। ओकर बड़गर, लेकिन धुँधला आँख, कइसनो नीला वृत्त में बैठावल, हमेशे अपन सामने सीधे देखऽ हलइ, कभियो अगल-बगल नञ् आउ कभियो बिन कुछ देखले - एकरा में हमरा तो पक्का विश्वास हइ। ऊ हलाँकि तोहरा दने देखवो कइलको, तइयो ऊ तोरा भिर से सीधे चल गेलो, मानु ओकरा सामने खाली अंतरिक्ष (empty space) हइ। हम ई बात के कइएक तुरी नोटिस कइलिअइ। मिलर के दोकान के पास ऊ हाल से आना चालू कइलके हल, मालुम नञ् काहाँ से आउ हमेशे अपन साथ कुत्ता लेले। हलुआय के ग्राहक में से कोय ओकरा साथ कभी बात करे के साहस नञ् कइलके हल, आउ न ऊ खुद ओकन्हीं में से केकरो साथ बातचीत के शुरुआत कइलके हल।

"आउ काहे लगी ऊ खुद के घसीटले मिलर के हियाँ आवऽ हइ, आउ ओकरा हुआँ की करे के हइ?" हम सोचऽ हलिअइ, रोड के दोसरा तरफ खड़ी-खड़ी एकटक ओकरा दने तकते। कइसनो झुँझलाहट - बेमारी आउ थकावट के परिणाम - हमरा में उबल रहले हल। "ऊ कउची के बारे सोचऽ हइ?" हम मने-मन सोचते रहऽ हलिअइ, "ओकर दिमाग में की हइ? आउ की ऊ कोय चीज के बारे सोचवो करऽ हइ? ओकर चेहरा एतना मरल हइ, कि कुच्छो अभिव्यक्त नञ् करऽ हइ। आउ ओकरा काहाँ ई घिनौना कुत्ती मिल गेलइ, जे ओकरा छोड़के [*171] कहीं नञ् जा हइ, मानु ऊ दुन्नु अविभाज्य समुच्चय हइ, आउ जे ओकरा से मिल्लऽ-जुल्लऽ हइ।?"

ई अभागल कुतवो, लगऽ हइ, लगभग अस्सी बरिस के हलइ; हाँ, ई पक्का हो सकऽ हलइ। पहिला, देखे में ऊ एतना बूढ़ा लगऽ हलइ, जइसन कइसनो कुत्ता नञ् होवऽ हइ; आउ दोसर, काहे पहिलहीं तुरी से, जब हम ओकरा देखलिए हल, तुरते हमर दिमाग में अइलइ, कि ई कुतवा ओइसन नञ् हो सकऽ हइ, जइसन कि बाकी सब; कि ई, शायद, असाधारण हइ; कि एकरा में पक्का कुछ तो अनोखा, जादुई हइ; कि ई, शायद, कुत्ता या के रूप में कइसनो मेफ़िस्तोफ़िलिस[1] हइ आउ ओकर किस्मत कइसनो रहस्यमय, अनजान बेड़ी में जकड़ल ओकर मालिक के साथ जुड़ल हइ। ओकरा तरफ देखके, तुरते सहमत हो जइतहो हल, कि, शायद, बीस साल गुजर चुकले होत, जब ऊ अन्तिम तुरी खइलके होत। ऊ दुब्बर हलइ, ढढरी (कंकाल) नियन, चाहे (की बेहतर हो सकऽ हइ?) अपन मालिक नियन। ओकर देह के लगभग सब केश गिर गेले हल, पुँछियो पर के, जे छड़ी नियन लटकल रहऽ हलइ, हमेशे कसके दब्बल। लमगर कान वला सिर उदास नियन निच्चे लटकल रहऽ हलइ। जिनगी में हम अइसन घिनौना कुत्ता नञ् देखलूँ हँ। जब ओकन्हीं दुन्नु रोड पर चल्लऽ हलइ - मालिक आगू, आउ कुतवा ओकर पीछू - त ओकर नाक सीधे मालिक के पोशाक के पल्ला के स्पर्श करऽ हलइ, मानु ओकरा से चिपकल हलइ।  आउ ओकन्हीं के चाल आउ ओकन्हीं के पूरा बाह्याकृति ऊ बखत हरेक कदम पर लगभग बोलऽ हलइ -

हम सब बूढ़ा हिअइ, बूढ़ा, हे भगमान, हम सब केतना बुढ़ाऽ गेलिए ह!

हमरा आद पड़ऽ हइ, कि एक दिन एहो हमर दिमाग में अइलइ, कि बुढ़उ आउ कुत्ता कइसूँ, गवार्नी [2] द्वारा चित्रित[3], होफ़मान [4] के कोय पृष्ठ से निकस गेले ह, आउ ई दुनियाँ में प्रकाशन के चलता-फिरता विज्ञापन (पोस्टर) के रूप में घूम रहले ह। हम रोड पार कइलिअइ आउ बुढ़उ के पीछू-पीछू हलुआय के दोकान गेलिअइ।

हलुआय के दोकान में बुढ़उ विचित्र ढंग से व्यवहार करऽ हलइ, आउ मिलर, अपन काउंटर के पीछू खड़ी, अनामंत्रित आगंतुक के प्रवेश कइला पर हाल में नराजगी से मुँह बिचकावे लगले हल। पहिला, विचित्र अतिथि कभियो कुच्छो नञ् माँगऽ हलइ। हरेक तुरी ऊ सीधे कोना में स्टोव बिजुन चल जा हलइ आउ हुआँ कुरसी पर बैठ जा हलइ। अगर स्टोव बिजुन के ओकर जगह पर कोय पहिले से बैठल रहऽ हलइ, त ऊ, कुछ देर लगी ओकर जगह पर बैठल सज्जन के विरुद्ध निर्रथक आश्चर्य में खड़ी रहके, मानु हैरान होल, दोसरा कोना के खिड़की तरफ चल जा हलइ। हुआँ कोय कुरसी चुन ले हलइ, धीरे से ओकरा पर बैठ जा हलइ, हैट उतार ले हलइ, ओकरा फर्श पर अपन बगल में रख दे हलइ, छड़ी के हैट के बगल में रक्खऽ हलइ आउ तब, कुरसी के पीठ तरफ अड़के, बिन हिलले-डुलले तीन-चार घंटा तक बिलकुल स्थिर रहऽ हलइ। कभियो ऊ अपन हाथ में एक्को अखबार नञ् ले हलइ, एक्को शब्द नञ् बोलऽ हलइ, एक्को अवाज नञ् करऽ हलइ; बल्कि खाली बैठल रहऽ हलइ, अपन सामने अपन  भर नजर से देखते, लेकिन अइसन विचारशून्य, बेजान नजर से, कि बाजी लगावल जा सकऽ हलइ, कि ऊ अपन आसपास के सब कुछ में से कुच्छो नञ् देखऽ हइ आउ कुच्छो नञ् सुन्नऽ हइ। कुतियो, दु-तीन तुरी अपन जगह पर मुड़के, उदास ओकर गोड़वा भिर पड़ल रहऽ हलइ, अपन थुथना ओकर बूट के बीच में घुसइले, गहरा साँस ले हलइ, आउ फर्श पर अपन पूरा देह पसारले, ओहो पूरे शाम तक बिन हिलले-डुलले रहऽ हलइ, मानु [*172] ई समय मर जा हलइ। लगऽ हलइ, ई दुन्नु जीव दिन भर कहीं पर मरल पड़ल रहऽ हइ, आउ जइसीं सूर्यास्त होवऽ हइ, अचानक सजीव हो उट्ठऽ हइ, खाली मिलर हलुआय के दोकान पहुँचके कइसनो रहस्यमय, सब लगी अनजान कर्तव्य पूरा करे खातिर। तीन-चार घंटा बैठके, बुढ़उ, आखिरकार, उठ जाय, अपन हैट उठावइ आउ कहीं घर तरफ रवाना हो जाय। कुतियो उठ जाय, आउ फेर से अपन दुम दबइते आउ सिर निच्चे लटकइले, पहिलहीं नियन मन्थर गति से ओकर पीछू-पीछू जाय। हलुआय के दोकान के भेंटकर्ता आखिरकार बुढ़उ से बच्चे लगलइ आउ ओकर पास भी नञ् बैठऽ हलइ, मानु ऊ ओकन्हीं लगी नफरत पैदा करऽ हलइ। ऊ ई सब पर ध्यान नञ् दे हलइ।

ई हलुआय के दोकान के अधिकतर भेंटकर्ता जर्मन लोग रहऽ हइ। ओकन्हीं हियाँ परी वोज़निसेन्स्की प्रोस्पेक्त के सब भाग से एकत्र होवऽ हइ - ऊ सब विभिन्न प्रकार के दोकान के मालिक हइ - बड़ही, नानबाई (ब्रेड, केक आदि बनावे वला) , पेंटर, हैट निर्माता, चारजामा (जीन) निर्माता - सब्भे जर्मन अर्थ में पितृसत्तात्मक (पुरातनपंथी) लोग। साधारणतः मिलर के दोकान में पुरातनपंथ के पालन कइल जा हलइ। अकसर दोकान के मालिक परिचित लोग बिजुन जा हलइ आउ ओकन्हीं साथ टेबुल भिर बैठऽ हलइ, आउ पंच[5] के कोय मात्रा पीयल जा हलइ। मालिक के कुतवन आउ छोटकन बुतरुअन भी कभी-कभी भेंटकर्ता लोग के पास आवऽ हलइ, आउ भेंटकर्ता लोग बुतरुअन आउ कुतवन के पुचकारऽ हलइ। सब लोग एक दोसरा से परिचित हलइ, आउ सब एक दोसरा के आदर करऽ हलइ। आउ जब अतिथि लोग जर्मन अखबार पढ़े में निमग्न रहऽ हलइ, त दरवाजा के पीछू से, मालिक के फ्लैट में, अगस्तीन[6] (Augustine) चरचराय लगऽ हलइ, जे झनझनइते पियानो पर बजावल जा हलइ, मालिक के बड़की बेटी द्वारा, जे एगो छोटगर जर्मन लड़की हलइ, जेकर केश, उजरका चूहा से बहुत मिलते-जुलते, उज्जर आउ घुँघराला हलइ। वाल्स (waltz) नृत्य के धुन के स्वागत कइल जा हलइ। हम मिलर के दोकान में हरेक महिन्ना के शुरुआत में रूसी पत्रिका पढ़े खातिर जा हलिअइ, जे ओकरा हीं उपलब्ध रहऽ हलइ।

हलुआय के दोकान में प्रवेश कइला पर, हम देखलिअइ, कि बुढ़उ पहिलहीं से खिड़की बिजुन बैठल हइ, आउ कुतवा पड़ल हइ, पहिलहीं नियन, ओकर गोड़ भिर पसरल। चुपचाप हम कोना में बैठ गेलिअइ आउ मने-मन प्रश्न कइलिअइ - "हम काहे लगी हियाँ घुसलिअइ, जबकि हमरा बिलकुल कुछ नञ् करे के हइ, जबकि हम बेमार ही आउ जल्दी से जल्दी घर चल जाय के चाही हल, चाय पीए के आउ बिछौना पर पड़ जाय के चाही हल? की वास्तव में हम हियाँ परी खाली ई बुढ़वा के देखे लगी हिअइ?" हमरा पर झुँझलाहट हावी हो गेलइ। "हमरा ओकरा से की लेना-देना हइ", हम सोचलिअइ, विचित्र, दर्दनाक संवेदना के आद करते, जेकरा से हम रोड पर पहिले ओकरा तरफ देख रहलिए हल। "आउ ई सब बोरिंग जर्मन लोग से हमरा की लेना-देना हइ? काहे लगी ई विचित्र मूड?  काहे लगी तुच्छ बात पर ई सस्ता चिन्ता-फिकिर, जे हाल में हम खुद में नोटिस करऽ हिअइ आउ जे जिनगी के जीए आउ साफ-साफ देखे में बाधा डालऽ हइ, जेकरा बारे पहिलहीं हमरा एगो गंभीर आलोचक टिप्पणी कइलकइ, क्रोधावेश में हमर अद्यतन लघु उपन्यास के विश्लेषण करते।" लेकिन, सोचलिअइ आउ पछतइलिअइ, तइयो हम जगह पर स्थिर रहलिअइ, आउ ई दौरान रोग हमरा पर अधिकाधिक हावी हो रहल हल, आउ हमरा आखिरकार गरम कमरा छोड़े में खराब लगल। हम फ़्रांकफ़ुर्ट (Frankfurt) अखबार लेलूँ, दू लाइन पढ़लूँ आउ झुक्के लगलूँ। जर्मन लोग हमरा बाधा नञ् डललकइ। ओकन्हीं पढ़ऽ हलइ, धूम्रपान करऽ हलइ आउ खाली कभी-कभार, आध घंटा में एक तुरी, एक दोसरा के सूचित करऽ हलइ, अचानक आउ धीमे स्वर में, फ़्रांकफ़ुर्ट से कइसनो समाचार के आउ एकरा अलावे कइसनो प्रसिद्ध जर्मन वाक्चतुर साफ़िर[7] [*173] के कोय चुटकुला चाहे सूक्ति के; जेकर बाद फेर दोगना राष्ट्रीय गौरव के साथ पढ़े में लीन हो जा हलइ।

हम आधा घंटा तक झुकते (झपकी लेते) रहलिअइ आउ प्रचंड कँपकँपी से जग गेलिअइ। घर जाय के बिलकुल जरूरत हलइ। लेकिन तखनिएँ एगो एगो मूक दृश्य, जे कमरा में घट रहले हल, फेर से हमरा रोक लेलकइ। हम पहलिहीं कह चुकलिए ह, कि बुढ़उ, जइसीं कुरसी पर बैठऽ हलइ, ओइसीं अपन नजर कहीं तो टिका दे हलइ आउ साँझ तक दोसरा कोय चीज पर नञ् ले जा हलइ। अइसन अनर्थक, अटल, आउ कुछ नञ् पछाने वला नजर हमरो किस्मत में लिक्खल हलइ - संवेदना अप्रिय हलइ, असह्य भी, आउ हम साधारणतः यथासंभव जल्दी से जल्दी अपन स्थान बदल ले हलिअइ। ई पल में बुढ़उ के शिकार हलइ एगो छोटगर, गोल आउ अत्यंत साफ-सुथरा जर्मन, खड़ा, कड़ा कलफ चढ़ावल (stiffly starched) कालर के साथ आउ असाधारण लाल चेहरा वला, आगंतुक अतिथि, रीगा के व्यापारी, आदाम इवानिच शुल्त्स (Adam Ivanitch Schultz), जइसन कि हमरा बाद में मालुम चललइ, मिलर के घनिष्ठ मित्र, लेकिन अभियो तक बुढ़उ आउ भेंट कर्ता लोग में से कइएक लोग से अपरिचित। आनन्दपूर्वक ‘Dorfbarbier’ [8] पढ़ते आउ अपन पंच के चुसकी लेते, ऊ अचानक, सिर उपरे कइला पर, बुढ़उ के खुद पर एकटक निहारते नोटिस कइलकइ। ई ओकरा हैरान कर देलकइ। आदाम इवानिच बहुत भावुक आउ नाजुक व्यक्ति हलइ, जइसन कि सामन्यतया सब्भे "कुलीन" जर्मन लोग होवऽ हइ। ओकरा विचित्र आउ अपमानजनक लगलइ, कि ओकरा अइसन एकटक आउ अशिष्टता से निहारल जा हइ। ऊ दब्बल क्रोध से अशिष्ट अतिथि के तरफ से अपन नजर हटा लेलकइ, कुछ तो खुद से बड़बड़इलइ आउ चुपचाप अखबार से अपन चेहरा ओकरा तरफ से ढँक लेलकइ। लेकिन ऊ धीरज नञ् रख पइलकइ आउ लगभग दू मिनट बाद अखबार के पीछू से सन्देह के दृष्टि से देखलकइ - ओहे निर्निमेष दृष्टि, ओहे अनर्थक अवलोकन। एहो समय आदाम इवानिच चुप रहलइ। लेकिन जब ओहे परिस्थिति तेसरा तुरी दोहरइलइ, त ऊ भड़क गेलइ आउ अपन शान के रक्षा करना आउ कुलीन लोग के सामने सुन्दर शहर रीगा के नाम बदनाम नञ् होवे देना अपन कर्तव्य समझलकइ, जेकर, शायद, ऊ खुद के प्रतिनिधि मानऽ हलइ। ऊ अधीर संकेत से अखबार के टेबुल पर फेंक देलकइ, छड़ी से ओजस्वितापूर्क ठकठकइते, जेकरा से ई संलग्न हलइ, आउ व्यक्तिगत शान से तमतमइते, पंच से आउ अहंकार से पूरा लाल होल, अपन तरफ से अपन उद्दीप्त आँख से झुंझलाहट पैदा करे वला बुढ़उ दने एकटक देखे लगलइ। लगऽ हलइ, ओकन्हीं दुन्नु, जर्मन आउ ओकर प्रतिस्पर्द्धी, अपन-अपन चुम्बकीय दृष्टि से एक दोसरा के पराजित करे लगी चाहऽ हलइ आउ प्रतीक्षा कर रहले हल, कि केऽ पहिले सकपका हइ आउ नजर निच्चे कर ले हइ। लकड़ी के ठकठकाहट आउ आदाम इवानिच के विचित्र स्थिति सब्भे भेंटकर्ता के ध्यान अपना तरफ आकृष्ट कर लेलकइ। सब कोय तुरतम्मे अपन-अपन काम छोड़ देलकइ आउ गंभीर, मूक उत्सुकता से दुन्नु प्रतियोगी के प्रेक्षण करे लगलइ। दृश्य बहुत हास्यजनक हो गेलइ। लेकिन लाल चेहरा वला आदाम इवानिच के चुनौती भरल दृष्टि के चुम्बकत्व बिलकुल बेकार हो गेलइ। बुढ़उ, बिन केकरो परवाह करते, क्रोधाविष्ट मिस्टर शुल्त्स के सीधे एकटक देखना जारी रखलकइ आउ बिलकुल नञ् देख पइलकइ, कि ऊ सब लोग के उत्सुकता के पात्र बन्नल हलइ, मानु ओकर सिर [*174] चान पर हलइ, न कि धरती पर। आदाम इवानिच के धैर्य आखिरकार टूट गेलइ, आउ ऊ फूट पड़लइ।

"काहे अपने हमरा दने एतना ध्यानपूर्वक देखऽ हथिन?" जर्मन में ऊ कर्कश, तीक्ष्ण स्वर में आउ भयंकर रूप से चीख उठलइ।

लेकिन ओकर प्रतियोगी चुप्पी साधले रहलइ, मानु ऊ प्रश्न के नञ् समझलकइ आउ सुनवो नञ् कइलकइ। आदाम इवानिच रूसी में बोले के निर्णय कइलकइ।

"हम अपने के पुच्छऽ हिअइ, कि काहे अपने हमरा दने एतना एकटक तक रहलथिन हँ?" ऊ दोगना गोस्सा में चिल्लइलइ। "हमरा कोर्ट निम्मन से जानऽ हइ, लेकिन अपने कोर्ट लगी अनजान हथिन!" ऊ आगू बोललइ, कुरसी पर से उछलते।

लेकिन बुढ़उ चालो-चपट नञ् कइलकइ। जर्मन लोग के बीच गोस्सा के सुगबुगाहट सुनाय देलकइ। खुद मिलर, शोर से आकृष्ट होके, कमरा में घुसलइ। मामला की हइ, ई जान लेला पर, ऊ सोचलकइ, कि बुढ़उ बहिर हइ, आउ ओकर ठीक कान तक मुड़ गेलइ।

"मिस्टर शुल्त्स अपने के निवेदन कइलथिन हँ कि उनका दने एकटक नञ् देखथिन", यथासंभव उच्च स्वर में ऊ बोललइ, विलक्षण भेंटकर्ता दने एकटक देखते।

बुढ़उ यंत्रवत् मिलर दने तकलकइ, आउ अचानक ओकर चेहरा पर, जे अब तक गतिहीन हलइ, कोय तो चिंताजनक विचार के संकेत प्रकट होलइ, कइसनो परेशानी में घबराहट के। ऊ हलचल करे लगलइ, निच्चे तरफ मुड़लइ, हाँफते अपन हैट उठावे खातिर, तेजी से ओकरा छड़ी सहित उठा लेलकइ, कुरसी पर से उठलइ आउ कइसनो दयनीय मुसकान के साथ - भिखारी के अपमानित मुसकान के साथ, जेकरा गलती से बैठल जगह पर से हाँक देल जा हइ - कमरा से बाहर चल जाय के तैयारी कइलकइ। बेचारा खूसट बुढ़उ के ई विनम्र शीघ्रता में एतना सहानुभूति उत्पन्न करे के शक्ति हलइ, एतना जादे कि जेकरा से छाती में हृदय भी उलट-पलट जा हइ, कि आदाम इवानिच से लेके, पूरा पब्लिक तक, तुरतम्मे मामला के दोसरे दृष्टिकोण अपनाऽ लेलकइ। ई बात साफ हलइ, कि बुढ़उ नञ् खाली केकरो अपमानित नञ् कर सकऽ हलइ, बल्कि खुद हरेक पल समझऽ हलइ, कि ओकरा कहीं से भी भिखारी नियन दुतकार देल जा सकऽ हइ।

मिलर उदार आउ दयालु व्यक्ति हलइ।

"नञ्, नञ्", ऊ बोल पड़लइ, ओकर कन्हा के हौसला देते थपथपइते, "बैठ जाथिन! Aber Herr Schultz[9] अपना तरफ एकटक नञ् देखे के अपने के बहुत निवेदन कइलथिन हल। ऊ कोर्ट में नामी व्यक्ति हथिन।"

लेकिन बेचारा बुढ़उ एतनो पर नञ् समझलइ; ऊ पहिले से आउ जादे हलचल करे लगलइ, अपन रूमाल, पुरनका आउ फट्टल-फुट्टल नीला रूमाल, उठावे लगी झुकलइ, जे हैट से गिर गेले हल, आउ अपन कुतवा के पुकारे लगलइ, जे फर्श पर बिन कोय चाल-चपट करते पड़ल हलइ, आउ देखे में, गढ़गर नीन में सुत्तल हलइ, अपन थुथुना के दुन्नु पंजा से ढँकले।

"अज़ोर्का, अज़ोर्का!" ऊ बुदबुदइलइ, काँपते, बुढ़ाल स्वर में, "अज़ोर्का!"

अज़ोर्का कोय चाल-चपट नञ् कइलकइ।

"अज़ोर्का, अज़ोर्का!" चिंतातुर होल बुढ़उ दोहरइलकइ आउ छड़िया से हिलइलकइ, लेकिन ऊ पहिलउके स्थिति में रहलइ।

[*175] छड़िया ओकर हाथ से छुट गेलइ। ऊ निच्चे झुकलइ, दुन्नु टेहुना के बल बैठ गेलइ आउ दुन्नु हाथ से अज़ोर्का के थुथना उठइलकइ। बेचारा अज़ोर्का! ऊ मर चुकले हल। ऊ अगोचर रूप से मर गेलइ, अपन मालिक के गोड़ भिर, शायद बुढ़ारी से, चाहे शायद भूख से। बुढ़उ ओकरा तरफ एक मिनट तक तकते रहलइ, स्तब्ध होल, मानु ओकरा समझ में नञ् आ रहले हल, कि अज़ोर्का मर चुकले ह; फेर शांतिपूर्वक अपन भूतपूर्व नौकर के तरफ झुकलइ आउ अपन पीयर चेहरा के ओकर थुथुना से दबइलकइ। मिनट भर के मौन रहलइ। हम सब के दिल पसीज गेलइ ... आखिरकार बेचारा उठलइ। ऊ बहुत पीयर हलइ आउ काँप रहले हल, जइसन कि जूड़ी बोखार में होवऽ हइ।

"भरवाँ जानवर (stuffed animal) बनावल जा सकऽ हइ", दयालु मिलर बोललइ, कइसूँ बुढ़उ के सान्त्वना देवे के इच्छा करते। "निम्मन भरवाँ बनावल जा सकऽ हइ; फ़्योदर कार्लोविच क्रिगर निम्मन भरवाँ बनावऽ हथिन; फ़्योदर कार्लोविच क्रिगर निम्मन भरवाँ बनइथिन; फ़्योदर कार्लोविच क्रिगर भरवाँ बनावे में दक्ष हथिन", मिलर पुष्टि कइलकइ, जमीन पर से छड़ी उठाके बुढ़उ के देते।

"हाँ, हम बहुत निम्मन भरवाँ बनावऽ हिअइ", नम्रतापूर्वक खुद मिस्टर क्रिगर बोललइ, आगू तरफ आके। ई हलइ एगो लमगर, पतरा आउ उदार जर्मन, लाल उलझल केश वला आउ तोता नियन नोकदार नाक पर चश्मा लगइले।

"फ़्योदर कार्लोविच क्रिगर के बड़गो प्रतिभा हइ, हर तरह के भरवाँ बनावे में", मिलर आगू बोललइ, अपन विचार पर हर्षातिरेक में अइते।

"हाँ, हमरा बड़गो प्रतिभा हइ, हर तरह के भरवाँ बनावे में", फेर से मिस्टर क्रिगर दोहरइलकइ, "आउ हम अपने के कुतवा के मँगनी में भरवाँ बना देबइ", उदार आत्म-बलिदान के दौरा में ऊ आगू बोललइ।

"नञ्, हम अपने के भुगतान कर देबइ भरवाँ बनावे खातिर!" आवेश में आके आदाम इवानिच शुल्त्स चिखलइ, दोगना लाल होते, अप्पन बारी में उदारता से चमकते आउ बिन दोष के सब विपत्ति के खुद के कारण समझते।

बुढ़उ ई सब कुछ सुनलकइ, स्पष्टतः बिन कुछ समझले आउ पहिलहीं नियन पूरे देह से काँपते।

"ठहरथिन! एक गिलास निम्मन कोन्याक[10] पी लेथिन!" मिलर चिखलइ, ई देखते, कि रहस्यमय अतिथि चल जाय के प्रयास कर रहले ह।

कोन्याक लावल गेलइ। बुढ़उ यंत्रवत् गिलास उठइलकइ, लेकिन ओकर हाथ थरथरा रहले हल, आउ, एकर पहिले कि ऊ ओकरा अपन होंठ से लगावइ, ऊ आधा गिलास तो छलका देलकइ, आउ बिन एक्को बून पीले, ओकर वापिस ट्रे पर रख देलकइ। फेर, एक प्रकार के विचित्र, बिलकुल अनुचित मुसकान के साथ, तेज, अनियमित कदम भरते, हलुआय के दोकान से बाहर निकस गेलइ, अज़ोर्का के ओज्जी छोड़ते। सब कोय हक्का-बक्का हो गेलइ; विस्मयोद्गार सुनाय देलकइ।

Schwernot! Was für eine Geschichte![11] जर्मन लोग बोललइ, एक दोसरा तरफ आँख फाड़के देखते।

आउ हम बुढ़उ के पीछू लपकल गेलिअइ। हलुआय के दोकान से कुछ डेग पर, ओकरा से दहिने मुड़के, एगो गल्ली हइ, सँकरा आउ अन्हार, इर्द-गिर्द विशाल-विशाल घर से घिरल। कुछ तो हमरा प्रेरित कइलकइ, कि बुढ़उ पक्का एज्जी से मुड़ले होत। हिएँ परी दहिना तरफ के दोसरा घर के निर्माण हो रहले हल आउ सब कुछ पाड़ (scaffolding) से घिरल हलइ। घर के छरदेवाली, [*176] लगभग गल्ली के बीच में आवऽ हलइ, राहगीर खातिर छरदेवाली से लगके चारो तरफ लकड़ी के पटरा डालल हलइ। छरदेवाली आउ घर से बन्नल, एगो अन्हार कोना में, हमरा बुढ़उ मिललइ। ऊ लकड़ी के फुटपाथ के छोर पर बैठल हलइ आउ दुन्नु हाथ से, टेहुना पर केहुनी के टेकले, सिर के सहारा देले हलइ। हम ओकर बगल में बैठ गेलिअइ।

"सुनथिन", हम कहलिअइ, लगभग ई नञ् जानते कि हम काहाँ से शुरू करिअइ, "अज़ोर्का के बारे शोक नञ् करथिन। साथ-साथ चलथिन, हम अपने के घर पहुँचा दे हिअइ। शान्त हो जाथिन। हम अभी कोचवान के बोलावऽ हिअइ। अपने काहाँ रहऽ हथिन?"

बुढ़उ जवाब नञ् देलकइ। हमरा समझ में नञ् आ रहले हल कि हम की करिअइ। कोय राहगीर नञ् देखाय दे रहले हल। अचानक ऊ हमरा हथवा से पकड़े लगलइ।

"दम घुट रहल ह!" ऊ भर्राल अवाज में बोललइ, मोसकिल से सुनाय देवे वला अवाज में, "दम घुट रहल ह!"

"अपन घर चलथिन!" हम चिल्लइलिअइ, उठते आउ ओकरा जबरदस्ती उठइते, "अपने चाय पी लेथिन आउ बिछौना पर पड़ जइथिन... हम अभी कोचवान के बोलावऽ हिअइ। हम डाक्टर के बोलावऽ हिअइ ... हम एगो डाक्टर से परिचित हिअइ ..."

हमरा आद नञ्, कि हम ओकरा से आउ की बोललिअइ। ऊ उठहीं वला हलइ, लेकिन, थोड़हीं सन उठला पर, फेर से जमीन पर गिर गेलइ आउ फेर से बड़बड़ाय लगलइ ओहे भर्राल, दमघोंटू अवाज में। हम ओकर आउ नगीच झुक गेलिअइ आउ सुनलिअइ।

"वसील्येव्स्की टापू पर", बुढ़उ भर्राल अवाज में बोललइ, "छट्ठा गल्ली में ... छ-ट्ठा ग-ल्ली में ..."

ऊ चुप हो गेलइ।

"अपने वसील्येव्स्की में रहऽ हथिन? लेकिन अपने ओद्धिर नञ् गेलथिन; ई बामा दने होतइ, दहिना दने नञ्। हम अभी अपने के पहुँचा दे हिअइ ..."

बुढ़उ चाल-चपट नञ् कइलकइ। हम ओकरा हाथ से पकड़ लेलिअइ; हाथ गिर गेलइ, मानु मरल हलइ। हम ओकर चेहरा तरफ नजर डललिअइ, ओकर स्पर्श कइलिअइ - ऊ मर चुकले हल। हमरा लगलइ, कि ई सब कुछ सपना में हो रहल ह।

ई साहसपूर्ण कार्य के कारण हमरा बड़गो तकलीफ उठावे पड़लइ, जेकर दौरान हमर बोखार अपने आप ठीक हो गेलइ। बुढ़उ के घर खोजल गेलइ। ऊ, लेकिन, वसील्येव्स्की टापू में नञ् रहऽ हलइ, बल्कि ऊ जगह से दुइए डेग पर, जाहाँ परी ऊ मरलइ, क्लूगेन के घर में, ओहे छत के निच्चे, पचमा मंजिला पर, एगो अलग फ्लैट में, जेकर प्रवेश छोटगर आउ कमरा बड़गो, बहुत निचगर छत वला हलइ, जेकरा में खिड़की के रूप में तीन गो छेद हलइ। ऊ बहुत गरीबी के जिनगी जी रहले हल। फर्नीचर में कुल्लम एगो टेबुल, दू गो कुरसी आउ बहुत बहुत पुराना सोफा, कठोर, पत्थल नियन, आउ जेकरा से सगरो तरफ से रेशा निकसल हलइ; आउ ओहो घर के मालिक के हलइ। स्टोव, प्रतीयमानतः, लमगर अवधि से गरम नञ् कइल गेले हल; मोमबत्ती भी कहूँ नञ् मिललइ। हम गंभीरतापूर्वक अब सोचऽ हिअइ, कि बुढ़उ मिलर के हियाँ जाय लगी सोचलके होत खाली ई लगी, कि कुछ समय खातिर रोशनी में बैठइ आउ जरी गरम हो लेइ। टेबुल पर एगो खाली मट्टी के मग हलइ आउ एगो पुराना, बासी ब्रेड (पावरोटी) के टुकड़ा पड़ल हलइ। एक्को कोपेक पैसा नञ् मिललइ। ओकरा दफनावे खातिर दोसर कपड़ो नञ् हलइ; कोय तो ओकरा अपन कमीज दे देलके हल। ई बात साफ हलइ, कि ऊ अइसे नञ् रह सकले होत, बिलकुल अकेल्ले, आउ, शायद, कोय तो, बल्कि कभी-कभारे सही, ओकरा से मिल्ले आवऽ हलइ। टेबुल के दराज (ड्राअर) में ओकर पासपोर्ट मिललइ। मृत व्यक्ति एगो विदेशी हलइ, लेकिन रूसी नागरिक, येरेमिया स्मिथ, इंजीनियर, अठत्तर साल के। टेबुल पर दू गो पुस्तक [*177] पड़ल हलइ - एगो छोटगर भूगोल आउ न्यू टेस्टामेंट, रूसी में अनूदित, हाशिया में पेंसिल से जाहाँ-ताहाँ लकीर घिंच्चल आउ अँगुरी के नाखुन के निशान लगल। ई दुन्नु पुस्तक हम खुद लगी खरीद लेलिअइ। घर के किरायेदार आउ मालिक के पुच्छल गेलइ - कोय भी ओकरा बारे कुच्छो नञ् जानऽ हलइ। ई घर में कइएक किरायेदार हइ, लगभग सब्भे शिल्पकार आउ जर्मन औरत लोग, टेबुल आउ नौकर सहित फ्लैट के मालकिन। घर के मैनेजर, जे कुलीन लोग में से एक हलइ, ओहो अपन भूतपूर्व किरायेदार के बारे जादे कुछ बता नञ् पइलकइ, सिवाय ई बात के, कि फ्लैट के किराया छो रूबल प्रति महिन्ना हलइ, कि मृत व्यक्ति ओकरा में चार महिन्ना रहले हल, लेकिन पिछला दू महिन्ना के किराया एक्को कोपेक नञ् देलके हल, ओहे से ओकरा फ्लैट से निकास देवल जाय पड़ते हल। पुच्छल गेलइ - की ओकरा हीं कोय अइवो करऽ हलइ? लेकिन कोय एकरा बारे संतोषजनक उत्तर नञ् दे पइलकइ। घर बड़गो हइ - अइसन नूह पोत[12] में केतना सारा लोग अइते रहऽ हइ, सब के आद नञ् रख सकऽ हो। पोर्टर (फ्लैट के देखभाल करे वला), जे हियाँ लगभग पाँच साल से काम कर रहले हल, आउ शायद, कुछ स्पष्ट कर सकऽ हलइ, दू सप्ताह पहिले अपन गाम चल गेले हल, छुट्टी पर, अपन जगह पर अपन भतीजा के रखके, जे एगो अल्पवयस्क लड़का हलइ, आउ व्यक्तिगत रूप से किरायेदार लोग में से आधो लोग के नञ् जानऽ हलइ। हमरा पक्का मालुम नञ्, कि तखने ई सब पूछताछ के ठीक-ठीक की नतीजा निकसलइ, लेकिन, आखिरकार, बुढ़उ के दफना देल गेलइ। ई सब दिन दोसर काम से दौड़धूप के बीच हम वसील्येव्स्की टापू, छट्ठा गल्ली में, होके अइलिअइ, आउ खाली हुएँ गेला पर, हमरा खुद पर हँस्सी बरलइ - कउची हम छट्ठा गल्ली में देखलिअइ, सिवाय साधारण घर के शृंखला के? "लेकिन काहे लगी", हम सोचलिअइ, "बुढ़उ, मरते बखत, छट्ठा गल्ली के बारे बोललइ आउ वसील्येव्स्की टापू के बारे? कहीं ऊ सरसाम में तो नञ् हलइ?"

हम स्मिथ के खाली कइल फ्लैट के मुआइना कइलिअइ, आउ ई हमरा पसीन पड़ गेलइ। हम एकरा अपन पीछू छोड़ देलिअइ। मुख्य बात, कमरा बड़गो हलइ, चाहे बल्कि निचगर छत वला ही सही, ओहे से पहिले तुरी हमरा लगलइ, कि हम अपन सिर के छत से टकरा देबइ। लेकिन, हम एकर जल्दीए आदी हो गेलिअइ। छो रूबल फी महिन्ना किराया वला फ्लैट एकरा से बेहतर नञ् मिल सकऽ हलइ। हवेली हमरा ललचा देलकइ; रह गेले हल खाली नौकर लगी दौड़धूप करे के, काहेकि बिलकुल बिन नौकर के रहना हमरा लगी मोसकिल हलइ। पोर्टर पहिले तुरी दिन में कम से कम एक तुरी आवे के वचन देलकइ, कि कहीं हमरा कोय जरूरी काम नञ् आ जाय, ई देखे लगी। "आउ केऽ जानऽ हइ", हम सोचलिअइ, "शायद, कोय बुढ़उ के बारे पुछार करे खातिर अइतइ!" लेकिन, पाँच दिन गुजर गेलइ, ओकर मरला के बाद, लेकिन अभी तक कोय नञ् अइलइ।

 

भूमिका                                                      भाग 1, अध्याय 2



[1] मेफ़िस्तोफ़िलिस (Mephistopheles) - पश्चिमी यूरोप के पौराणिक कथा में: दुष्ट आत्मा, शैतान। जर्मन लोक पुस्तक "द स्टोरी ऑफ डॉक्टर फ़ाउस्ट" (लगभग 1587 ई॰), जर्मन लेखक ग्योटऽ (Goethe)  के दुःखान्त नाटक "फ़ाउस्ट" (Faust, 1831) इत्यादि में एगो साहित्यिक पात्र।

[2] Paul Gavarni [छद्म नाम (nom de plume) - Sulpice Guillaume Chevalier (1804–1866)] -  पेरिस में पैदा होल एगो फ्रांसीसी चित्रकार।

[3] गवार्नी द्वारा चित्रांकित होफ़मान के कहानी "Das Fräulein von Scudéri: Erzählung aus dem Zeitalter Ludwig des Vierzehnten (1843)" [स्कुदेरी के मिस (Miss) - लुई चौदहमा के काल के कहानी] हेतु दे॰:

https://germanstories.vcu.edu/hoffmann/scuderi_pics.html

[4] Ernst Theodor Amadeus Hoffmann (E. T. A. Hoffmann; born Ernst Theodor Wilhelm Hoffmann; 1776-1822) - फंतासी और गॉथिक हॉरर के एक जर्मन रोमांटिक लेखक, न्यायविद, संगीतकार, संगीत समीक्षक आउ कलाकार।

[5] पंच (punch) - पानी, फल के रस, मसाला आदि के शराब में मिश्रित कइल एक पेय। [व्युत्पत्ति, प्रतीयमानतः, संस्कृत के "पञ्च" शब्द से, अर्थात् पाँच प्रकार के (काहेकि पेय में पाँच अवयव रहऽ हइ)]

[6] अगस्तीन - सेंट अगस्तीन [St Augustine (354–430)] या उनकर उपदेश।

[7] Moritz Gottlieb Saphir (1795-1858) - ऑस्ट्रियाई-यहूदी व्यंग्य लेखक आउ पत्रकार।

[8] Dorfbarbier - (जर्मन) "ग्रामीण नापित" (गाम के नौआ) - लाइप्त्सिग (Leipzig) में 1844 से प्रकाशित होवे वला, एगो जर्मन व्यंग्य पत्रिका; 1852 से ई पत्रिका "Der illustrierte Dorfbarbier" (सचित्र ग्रामीण नापित) नाम से प्रकाशित होलइ।

[9] (जर्मन) लेकिन मिस्टर शुल्त्स।

[10] कोन्याक (cognac) - अंगूर के तेज शराब।

[11] Schwernot! Was für eine Geschichte! - [(जर्मन) श्वेरनोत! वास फ़्यूर आइनऽ गेशिष्टऽ!] बड़गो विपत्ति! कइसन कहानी हइ!

[12] नूह पोत (Noah’s Ark) - यहूदी लोग के आदि पुरुष, नूह, द्वारा निर्मित पोत, जेकरा में बैठाके ऊ प्रलयकारी बाढ़ से अपन आउ अपन परिवार आउ पशु के जान बचइलथिन हल।