अंक -5
(मेयर के घर के
ओहे कमरा)
दृश्य-1
(मेयर, आन्ना
अंद्रेयेव्ना आउ मारिया अंतोनोव्ना)
मेयर
- की आन्ना अंद्रेयेव्ना ? ऐं ? कभी एकरा बारे सोचवो कइलहो हल ? एतना धनगर पुरस्कार,
धुरफनई ! अच्छऽ, साफ दिल से स्वीकार करऽ - तोरा सपनो में नयँ सुझलो होत - खाली एगो
कइसनो मेयर के बीवी आउ अचानक ... ओह, धुरफनई ! ... कइसन शैतान के साथ तोर रिश्तेदारी
हो गेलो !
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - बिलकुल नयँ । हमरा बहुत पहिलहीं से ई मालुम हले । ई तोहरा लगी अचरज
हको, काहेकि तूँ एगो सीधा-सादा व्यक्ति हकऽ, कभियो भद्रजन से भेंट-मोलकात नयँ होलो
ह ।
मेयर
- हम खुद, प्रिये, एगो भद्रजन हकूँ । लेकिन, ई बात सच हइ, जइसन कि सोचऽ हो आन्ना अंद्रेयेव्ना,
कि हमन्हीं दुन्नु अभी कइसन पक्षी के जोड़ी हिअइ ! हइ न आन्ना अंद्रेयेव्ना ? उँचगर
उड़ान के, शैतान पकड़े ! जरी ठहरऽ, अब ई सब शिकायत आउ रिपोर्ट करे वलन के फटकारऽ हिअइ
। ए, ओज्जा केऽ हँ ?
(सिपाही स्विस्तुनोव के प्रवेश ।)
ओह,
तूँ हँ, इवान कार्पोविच ! व्यापारी सब के बोलाके ले आव, भाय ! अइकी हम ओकन्हीं धूर्त्त
सब के ! हमरा बारे शिकायत करते गेले हल ! अच्छऽ, देख अभिशप्त यहूदी लोग ! ठहरते जा,
प्यारे ! पहिले हम तोहन्हीं के खाली मोंछ पकड़लियो हल, लेकिन अब दाढ़ी तक आ जइबउ । ऊ
सब के नाम लिख ले, जे खाली हमरा विरुद्ध शिकायत करे लगी अइले हल, आउ खास करके ऊ सब
के, जे ओकन्हीं लगी याचिका गढ़ते गेलइ (concocted the petitions) । आउ सब के घोषणा कर
देहीं, ताकि ओकन्हीं जान लेइ - कि कइसन सम्मान भगमान मेयर लगी भेजलथिन हँ - जे अपन
बेटी के शादी कइसनो साधारण अदमी से नयँ करतइ, बल्कि अइसन व्यक्ति के साथ, जइसन ई दुनियाँ
भी तक नयँ देखलके ह, जे सब कुछ कर सकऽ हइ, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ ! सब के घोषणा कर
देहीं, ताकि सब कोय जान लेइ । सब लोग के बीच चिल्लाके बता देहीं, घंटा बजाहीं, शैतान
पकड़े ! जब विजयोत्सव हइ, त विजयोत्सव हइ !
(सिपाही के प्रस्थान ।)
त
आन्ना अंद्रेयेव्ना ? अब हमन्हीं कइसे, काहाँ रहते जइबइ ? हियाँ कि पितिरबुर्ग में
?
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - निस्संदेह पितिरबुर्ग में । हियाँ कइसे रहल जा सकऽ हइ !
मेयर
- अच्छऽ, पितिरबुर्ग में त पितिरबुर्ग में, लेकिन हियों तो निमने होतइ । वस्तुतः हमरा
लगऽ हइ, मेयर के काम भाड़ में जाय, हइ न आन्ना अंद्रेयेव्ना ?
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - निस्संदेह, मेयर के काम में की रक्खल हइ !
मेयर
- तोर की विचार हको, आन्ना अंद्रेयेव्ना, हो सकऽ हइ कि हमरा एगो बड़गो रैंक मिल जाय,
काहेकि सब मंत्री के साथ उनका मेलजोल हइ आउ उनका राजमहल आना-जाना रहऽ हइ, ओहे से हमर
प्रोन्नति के जोगाड़ लगा सकऽ हथिन, आउ समय के साथ जेनरल (सेनापति) के रैंक तक पहुँच
जा सकऽ हिअइ । तोर की सोच हको, आन्ना अंद्रेयेव्ना - की जेनरल के रैंक तक पहुँच सकऽ
हिअइ ?
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - निस्संदेह ! वास्तव में संभव हइ ।
मेयर
- ओहो, शैतान पकड़े, जेनरल बनना तो सम्मान के बात हइ ! कन्हा से रिब्बन लटकावल जइतइ
। आउ कइसन रिब्बन बेहतर हइ, आन्ना अंद्रेयेव्ना - लाल कि नीला ? [27]
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - निस्संदेह नीला बेहतर हइ ।
मेयर
- ऐं ? देखऽ, कइसन सपना देखऽ हका ! लाल वला भी निम्मन हइ । वास्तव में जेनरल बन्ने
के काहे मन करऽ हइ ? - काहेकि कभी कहीं यात्रा पर जाय के होवऽ हइ, त कुरियर आउ सहायक
(adjutants) सगरो सबसे आगू सरपट जा हइ सूचित करे लगी - "घोड़ा !" (अर्थात्
जेनरल साहब पधार रहलथिन हँ, उनका लगी सबसे उम्दा घोड़ा चाही ।) आउ हुआँ डाक स्टेशन में
आउ केकरो घोड़ा नयँ देल जा हइ, सब कोय इंतजार करते जा हइ - ई सब्भे टिट्युलर काउंसिलर,
कप्तान, मेयर, आउ तूँ कुच्छो पर ध्यान नयँ दे हो । कहीं पर तो गवर्नर के साथ भोज पर
बैठल रहऽ, आउ हुआँ - ठहरऽ, मेयर इंतजार करऽ ! हे, हे, हे ! (हँसी से लोटपोट हो जा हइ
आउ ओकर आँख में लोर ढरक जा हइ ।) त ई हइ धुरफनई, मोहक !
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - तोरा हमेशे अइसन बेहूदा बात पसीन आवऽ हको । तोरा आद रक्खे के चाही,
कि जिनगी अब बिलकुल बदले के चाही, कि तोहर परिचित में से कोय कुत्ता-प्रेमी जज नियन
नयँ होवे के चाही, जेकरा साथ तूँ खरहा के शिकार पर जा हो, चाहे कोय ज़िमल्यान्का नियन;
एकर विपरीत, तोहर परिचित बिलकुल शिष्ट व्यवहार वला होवे के चाही - काउंट आउ सब उच्च
समाज के लोग ... खाली हमरा, सचमुच, तोरा लगी चिंता हको - तोहर मुँह से कभी-कभी अइसन
शब्द निकस जा हको, जे सभ्य समाज में कभियो नयँ सुन्ने में अइतो ।
मेयर
- त एकरा से की ? शब्द तो कोय हानि नयँ पहुँचावऽ हइ ।
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - ई तभिए तक ठीक हलो, जब तक तूँ मेयर हलऽ । लेकिन हुआँ के जिनगी बिलकुल
दोसर तरह के हइ ।
मेयर
- हाँ, कहल जा हइ कि हुआँ दू तरह के मछली होवऽ हइ - रियापुश्का (मीठा पानी में पावल
जाय वला सालमन प्रजाति के एगो छोटगर मछली, cisco) आउ कोर्युश्का (smelt, एक प्रकार
के छोटगर मछली) , अइसन कि जइसीं खाय लगी शुरू करबऽ कि तोर मुँह में पानी आवे लगतो ।
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - इनका तो बस खाली मछलिए सुज्झऽ हइ ! हम बस एहे चाहऽ ही, कि हमर घर रजधानी
में एक नंबर के होवे आउ हमर कमरा में अइसन सुगंध होवे कि अंदर आना असंभव होवे आउ बस
खाली अइसे आँख मिचकावे पड़े । (आँख मिचकावऽ हइ आउ सुँग्घऽ हइ ।) आह, केतना निम्मन हइ
!
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