अपमानित आउ तिरस्कृत
भाग 1
अध्याय 4
हम
पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह, कि ऊ विधुर हलइ। शादी-शुदा हलइ ऊ अपन पहिलउकी जवानी में
हीं आउ शादी कइलके हल पैसा पर। अपन माता-पिता के तरफ से, जे आखिरकार मास्को में कंगाल
हो चुकले हल, ओकरा लगभग कुच्छो नञ् मिलले हल। वसील्येव्स्कए कइएक तुरी गिरवी पर रक्खल
गेले हल; एकरा पर कर्ज बड़गो हलइ। बाईस साल के प्रिंस के पास, जे ऊ बखत मास्को में, कोय सरकारी विभाग में, सेवा करे लगी मजबूर हलइ,
एक कोपेक तक नञ् बचले हल, आउ ऊ जिनगी में प्रवेश कइलकइ, "कंगाल - पुरनका शाखा
के वंशज" नियन। कोय टैक्स ठेकेदार के प्रौढ़ बेटी के साथ शादी ओकरा बचा लेलकइ।
ठेकेदार, निस्सन्देह, ओकरा दहेज पर धोखा देलके हल, लेकिन तइयो पत्नी के पैसा से अपन
पारिवारिक जायदाद फेर से वापिस खरीदके अपन गोड़ पर खड़ी होना संभव हो गेलइ। ठेकेदार के
बेटी, जे प्रिंस के भाग्य में मिलले हल, मोसकिल से लिक्खे लगी जानऽ हलइ, दू शब्द के
जोड़ नञ् सकऽ हलइ, बदसूरत हलइ आउ खाली ओकरा एक्के महत्त्वपूर्ण गुण हलइ - स्वभाव के
निम्मन आउ विनम्र हलइ। प्रिंस ई गुण के पूरा लाभ उठइलकइ - शादी के पहिला साल के बाद
ऊ अपन पत्नी के छोड़ देलकइ, जे ई दौरान ओकरा से एगो बेटा पैदा लेलके हल, मास्को में
ओकर ठेकेदार बाप के हाथ में, आउ खुद -आयऽ गुबेर्निया में सर्विस करे लगी चल गेलइ, जाहाँ
परी, पितिरबुर्ग के एगो नामी-गिरामी रिश्तेदार के संरक्षण में, ओकरा एगो काफी निम्मन
पद मिल गेलइ। ओकरा आत्मा पिपासु हलइ विशिष्टता (पुरस्कार), प्रगति, पदोन्नति, आउ, ई
समझके, कि अपन पत्नी के साथ ऊ न तो पितिरबुर्ग में रह सकऽ हइ, न मास्को में, [*182] ऊ फैसला कर लेलकइ, निम्मन के आशा में, अपन जीविका
प्रान्तीय क्षेत्र में शुरू करे के। लोग के कहना हइ, कि पत्नी के साथ जिनगी गुजारते
अपन पहिलहीं साल के दौरान, ऊ अपन क्रूर व्यवहार से ओकरा लगभग यातना देलकइ। ई अफवाह
हमेशे निकोलाय सिर्गेयिच के क्रोधित कर दे हलइ, आउ ऊ गरमजोशी के साथ प्रिंस के पक्ष
ले हलइ, ई दावा करते, कि प्रिंस नीच काम नञ् कर सकऽ हथिन। लेकिन लगभग सात साल के बाद
आखिरकार ओकर पत्नी मर गेलइ, आउ ओकर विधुर पति तुरते पितिरबुर्ग स्थानान्तरित हो गेलइ।
पितिरबुर्ग में ऊ अपन कुछ प्रभाव भी छोड़लकइ। जब ऊ नवयुवके हलइ, त अपन सौन्दर्य, धन-दौलत
के साथ-साथ कइएक उज्ज्वल गुण, अशंकनीय बुद्धि, स्वाद, असीम विनोदशीलता से सम्पन्न,
ऊ पितिरबुर्ग में सुख आउ संरक्षण के खोज में नञ् उपस्थित होलइ, बल्कि काफी स्वतंत्र
रूप से। लोग कहऽ हलइ, कि ओकरा में वास्तव में कुछ तो सम्मोहक हलइ, कुछ तो प्रभावकारी,
कुछ तो शक्तिशाली हलइ। औरतियन लोग के ऊ बहुत जादे पसीन हलइ, आउ समाज के एगो सुन्दरी
के साथ ओकर संबंध ओकरा लगी बदनामी लइलकइ। ऊ पैसा पानी नियन बहावऽ हलइ, ओकरा लगी बिन
कोय परवाह कइले, अपन जन्मजात मितव्ययिता के बावजूद, जे कंजूसी के हद तक चल जा हलइ;
ऊ जेकरा भी जरूरत रहऽ हलइ, ओकरा साथ जुआ में हार जा हलइ आउ बड़गो रकम हारलो पर ओकर निरार
पर शिकन तक नञ् आवऽ हलइ। लेकिन पितिरबुर्ग में ऊ मनोरंजन खातिर नञ् अइले हल - ओकरा
आखिरकार जरूरत हलइ रस्ता पर आवे के आउ अपन स्थिति के मजबूत करे के। ऊ एकरा प्राप्त
कर लेलकइ। काउंट नईन्स्की, ओकर नामी-गिरामी रिश्तेदार, जे ओकरा तरफ ध्यानो नञ् देते
हल, अगर ऊ साधारण निवेदक के रूप में अइते हल, समाज में ओकर सफलता से अचंभित होल, ओकरा
तरफ अपन विशेष ध्यान देना संभव आउ उचित समझलकइ आउ हियाँ तक कि अपन घर में ओकर सात साल
के बेटा के परवरिश खातिर रक्खे के अनुग्रह कइलकइ। एहे समय प्रिंस के वसील्येव्सकए के
आगमन आउ इख़मेनेव परिवार से परिचय होलइ। आखिरकार काउंट के माध्यम से सबसे महत्त्वपूर्ण
राजदूतावास (embassies) में से एक में निम्मन पद प्राप्त करके, ऊ विदेश चल गेलइ। एकर
आगू, ओकरा बारे अफवाह कुछ अस्पष्ट हो गेलइ - लोग कोय अप्रिय घटना के बारे बोलऽ हलइ,
जे विदेश में ओकरा साथ घटले हल, लेकिन कोय ई बात के साफ-साफ नञ् बता सकलइ, कि ई कइसन
घटना हलइ। एतने मालुम चललइ, कि ऊ चार सो आत्मा के जायदाद खरीदे में सफल हो गेले हल,
जेकरा बारे हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह। ऊ विदेश से कइएक साल के बाद वापिस अइलइ,
एगो महत्त्वपूर्ण रैंक में, आउ तुरते पितिरबुर्ग में बहुत बड़गो पद पा लेलकइ। इख़मेनेवका
में अफवाह पहुँचलइ, कि ऊ दोसर शादी कर रहले ह आउ जे कोय तो नामी-गिरामी, धनी आउ शक्तिशाली
घराना से संबंधित हइ। "बड़गर असामी के देखऽ हथिन!" - निकोलाय सिर्गेयिच बोललथिन,
खुशी से अपन हाथ रगड़ते। हम तहिना पितिरबुर्ग में हलिअइ, यूनिवर्सिटी में, आउ हमरा आद
पड़ऽ हइ, कि इख़मेनेव हमरा सोद्देश्य लिखलथिन हल आउ हमरा हमरा ई खबर के जाँच करे लगी
निवेदन कइलथिन हल - शादी के अफवाह की सही हइ? ऊ प्रिंस के भी लिखलथिन हल, हमर संरक्षण
के बारे निवेदन करते; लेकिन प्रिंस उनकर पत्र के अनुत्तरित छोड़ देलके हल। हमरा खाली
एतना मालुम हलइ, कि ओकर बेटा, जेकर परवरिश पहिले काउंट के हियाँ हो रहले हल, आउ बाद
में कॉलेज (lyceum) में, उनइस साल के उमर में अपन विज्ञान के कोर्स समाप्त कर लेलकइ।
हम एकरा बारे इख़मेनेव परिवार के लिखलिअइ, आउ एहो बारे, कि प्रिंस अपन बेटा के बहुत
प्यार करऽ हइ, दुलार से ओकरा बिगाड़ रहले ह,
आउ ओकर भविष्य के अब प्लानो बना रहले ह। ई सब कुछ हमरा अपन सहपाठी छात्र लोग से मालुम
चललइ, जेकन्हीं नवयुवक प्रिंस से परिचित हलइ। एहे समय में निकोलाय सिर्गेयिच के एक
निम्मन सुबह में प्रिंस के हियाँ से पत्र मिललइ, जे उनका अचंभित कर देलकइ ...
[*183] प्रिंस, जे अभी
तक,
जइसन कि
हम पहिलहीं
उल्लेख कर
चुकलिए ह,
निकोलाय सिर्गेयिच
के साथ
संबंध में
खाली शुष्क,
बिज़नेस पत्राचार
तक सीमित
हलइ,
उनका अब
अत्यंत विस्तार
से लिखलके
हल,
अपन पारिवारिक
परिस्थिति के
बारे, साफ-साफ आउ
मित्रतापूर्ण ढंग
से
- ऊ अपन बेटवा के
शिकायत कइलके
हल,
लिखलके हल,
कि बेटा
ओकरा अपन
दुर्व्यवहार से
दुखी कर
रहले ह;
कि,
निस्सन्देह, अइसन
बुतरू के
हरक्कत के
बहुत गंभीरतापूर्वक
नञ् लेल
जा सकऽ
हइ
(ऊ,
स्पष्टतः, ओकर समर्थन करे
के प्रयास
कर रहले
हल),
लेकिन ऊ
बेटा के
दंडित करे
के निर्णय
कर चुकले
हल,
ओकरा भयभीत
करे के,
मतलब - कुछ समय खातिर
ओकरा गाम
में भेजे
के,
इख़मेनेव के
देखभाल में।
प्रिंस
लिखलके हल, कि ऊ "अपन अत्यंत दयालु, उदार निकोलाय सिर्गेयिच आउ विशेष रूप से आन्ना
अन्द्रेयेव्ना पर" भरोसा करऽ हइ, उनकन्हीं दुन्नु के अपन बददिमाग (निकम्मा) बेटा
के अपन परिवार में रक्खे लगी निवेदन कइलके हल, एकान्त में समझावे लगी, अगर संभव होवे,
त ओकरा प्यार देवे लगी, आउ मुख्य बात, ओकर अविवेकपूर्ण चाल-चलन के सुधारे लगी आउ
"उद्धारक आउ कठोर नियम बनावे लगी, जे मानव जीवन हेतु एतना अनिवार्य हइ"।
जाहिर हइ, बुढ़उ इख़मेनेव खुशी-खुशी काम में लग गेलथिन। नवयुवक प्रिंस भी पहुँचलइ; उनकन्हीं
ओकरा अपन बेटा नियन स्वागत करते गेलथिन। जल्दीए निकोलाय सिर्गेयिच ओकरा माने लगलथिन,
अपन नताशा से कइसूँ कम नञ्; हियाँ तक कि बाद में भी, जब पिता प्रिंस आउ इख़मेनेव के
बीच आखिर संबंध विच्छेद हो चुकले हल, बुढ़उ हार्दिक प्रसन्नता से कभी-कभी अपन अल्योशा
के आद करऽ हलथिन - जइसे कि ऊ प्रिंस अलिक्सेय पित्रोविच के पुकारे के अभ्यस्त हो गेलथिन
हल। वास्तव में, ई बहुत प्यारा लड़का हलइ - सुन्दर, औरत नियन नाजुक आउ चिड़चिड़ा, लेकिन
साथे-साथ प्रसन्नचित्त आउ सरलहृदय, खुला दिल के आउ अत्यंत उदार संवेदना के प्रति सक्षम,
स्नेही, सच्चा आउ कृतज्ञ हृदय वला - ऊ इख़मेनेव घर में एगो आदर्श हलइ। अपन उनइस साल
के उमर के बावजूद, ऊ अभियो एगो पक्का बच्चा हलइ। कल्पना करना मोसकिल हलइ, कि ओकर बाप,
जे, जइसन कि लोग कहऽ हलइ, ओकरा बहुत प्यार करऽ हलइ, काहे लगी ओकरा निर्वासित कर सकलइ?
लोग के कहना हलइ, कि नवयुवक पितिरबुर्ग में निकम्मा आउ ओछा जिनगी जीयऽ हलइ, सर्विस
करे लगी नञ् चाहऽ हलइ आउ ई बात से अपन बाप के निराश कर देलके हल। निकोलाय सिर्गेयिच
अल्योशा से पूछताछ नञ् कइलथिन, कि काहे लगी प्योत्र अलिक्सान्द्रोविच, प्रतीयमानतः,
अपन बेटा के निर्वासित करे के असली कारण के बारे अपन पत्र में चुप्पी साध लेलके हल।
लेकिन, अल्योशा के कइसनो अक्षम्य करतूत के बारे अफवाह पहुँचलइ, एगो महिला के साथ कइसनो
संबंध के बारे, द्वन्द्वयुद्ध के कोय चुनौती के बारे, जुआ में कोय अविश्वसनीय हार के
बारे; एहो अफवाह पहुँचलइ कि दोसर के कइसनो पैसा, मानु ऊ पानी नियन बहा देलके हल। एहो
अफवाह हलइ, कि प्रिंस अपन बेटा के कोय दोष के चलते दूर बिलकुल नञ् करे के निश्चय कइलके
हल, बल्कि कोय तो विशेष, स्वार्थी खयाल से। निकोलाय सिर्गेयिच ई अफवाह के क्रोधपूर्वक
अस्वीकार कर देलथिन, खास करके ई चलते कि अल्योशा अपन बाप के अत्यधिक प्यार करऽ हलइ,
जेकरा अपन पूरे बचपन आउ किशोरावस्था के दौरान जान नञ् पइलके हल; ऊ ओकरा बारे प्रसन्नतापूर्वक,
उत्साह से बात करऽ हलइ; ई बात साफ हलइ, कि ऊ अपन बाप के पूरा अधीन में हलइ। अल्योशा
कभी-कभी कोय तो काउंटेस के बारे में बड़बड़ा हलइ, जेकरा पीछू ऊ आउ ओकर बाप दुन्नु फिरते
रहऽ हलइ, लेकिन ऊ, अल्योशा, आगू हाथ मार लेलके हल, आउ ओकर बाप ई चलते ओकरा पर भयंकर
रूप से नराज हलइ। ऊ हमेशे ई कहानी खुशी से सुनावऽ हलइ, शिशुजन्य सरलहृदयता से, स्पष्ट
प्रसन्नचित्त हँसी के साथ; लेकिन निकोलाय सिर्गेयिच ओकरा तुरते रोक दे हलथिन। [*184] अल्योशा एहो अफवाह के पुष्टि कइलकइ, कि ओकर बाप
शादी करे लगी चाहऽ हइ।
ऊ
लगभग एक साल निर्वासन में गुजरलकइ, बीच-बीच में ऊ अपन बाप के आदरणीय आउ समझदारी के
पत्र लिखते रहऽ हलइ आउ आखिरकार वसील्येव्स्कए में एतना हिल-मिल गेलइ, कि जब प्रिंस
खुद ग्रीष्मकाल में गाम आवऽ हलइ (जेकरा बारे इख़मेनेव परिवार के पहिलहीं सूचित कर दे
हलइ), त निर्वासित खुद्दे अपन बाप के निवेदन करऽ हलइ कि ओकरा यथासंभव जादे से जादे
वसील्येव्स्कए में रहे के अनुमति दे देल जाय, ई विश्वास देलइते, कि गाम के जिनगी -
ओकर असली लक्ष्य हइ। अल्योशा के सब्भे निर्णय आउ शौक ओकर अत्यंत, चिड़चिड़ा भावुकता के
कारण हलइ, जोशीला दिल के कारण, तुच्छ सोच के कारण, जे कभी-कभी बकबक के हद तक पहुँच
जा हलइ; हरेक बाह्य प्रभाव में बहुत असानी से आ जाय के कारण आउ इच्छा शक्ति के बिलकुल
अभाव के कारण। लेकिन प्रिंस कइसूँ तो सन्देह के दृष्टि से ओकर निवेदन के सुनलकइ
... सामान्यतया निकोलाय सिर्गेयिच मोसकिल से अपन पहिलउका "मित्र" के पछान
पइलथिन - प्रिंस प्योत्र अलिक्सान्द्रोविच बहुत जादे बदल गेले हल। ऊ अचानक निकोलाय
सिर्गेयिच के प्रति छिद्रान्वेषी हो गेलइ; जायदाद के हिसाब-किताब के जाँच में ऊ कइसनो
घृणास्पद लालच, कंजूसी आउ अनजान सन्देहात्मकता देखइलकइ। ई सब उदार इख़मेनेव के भयंकर
रूप से दुखी कर देलकइ; देर तक ऊ खुद पर विश्वास नञ् करे के प्रयास कइलकइ। अबरी चौदह
साल पहिले के वसिल्येव्स्की के पहिला भेंट के अपेक्षा सब कुछ विपरीत हलइ - अबरी प्रिंस
सब्भे पड़ोसी के साथ दोस्ती बनइलकइ, निस्सन्देह, सबसे मुख्य लोग के साथ; निकोलाय सिर्गेयिच
के हियाँ ऊ कभियो नञ् मिललइ आउ ओकरा मानु अपना से हीन नियन बर्ताव करऽ हलइ। अचानक कुछ
तो दुर्बोध (incomprehensible) घटलइ - बिन कोय स्पष्ट कारण के प्रिंस आउ निकोलाय सिर्गेयिच
के बीच जोरदार संबंध विच्छेद हो गेलइ। दुन्नु तरफ से गरम, अपमानजनक शब्द सुनाय दे हलइ।
क्रोधपूर्वक इख़मेनेव वसिल्येव्स्कए से दूर चल गेलथिन, लेकिन कहानी हिएँ खतम नञ् होलइ।
अचानक समुच्चे पड़ोस में घृणास्पद अफवाह पसर गेलइ। विश्वास देलावल जा हलइ, कि निकोलाय
सिर्गेयिच, नवयुवक प्रिंस के स्वभाव के अंदाज लगाके, ओकर सब खामी के लाभ उठावे के इरादा
कइले हलइ; कि ओकर बेटी नताशा (जे ऊ बखत सतरह साल के हो चुकले हल) बीस साल के युवक के
प्रेम में पड़ गेले हल; कि माय-बाप दुन्नु ई प्यार के समर्थन कइलके हल, हलाँकि अइसन
देखावा कइलकइ, कि ओकन्हीं के कुच्छो मालुम नञ् हइ; कि चलाँक आउ "दुराचारी"
नताशा, आखिरकार, नवयुवक के बिलकुल मोहित कर लेलके हल, जे पूरे साल ओकर (नताशा के) प्रयास
के चलते, ऊ एक्को असली कुलीन लड़की देख नञ् पइलके हल, जे एतना बहुतायत में विवाह लायक
पड़ोस के जमींदार घराना सब में हकइ। विश्वास देलावल जा हलइ, आखिरकार, कि दुन्नु प्रेमी
के बीच विवाह करे के सहमति बन चुकले हल, वसिल्येव्स्की से पनरह विर्स्ता दूर, ग्रिगोरियेव
नामक गाम में, प्रतीयमानतः नताशा के माय-बाप के बिन जनकारी के, लेकिन जे, तइयो, एक-एक
बात बारीकी से विस्तारपूर्वक जान गेले हल आउ बेटी के अपन घृणास्पद परामर्श से मार्गदर्शन
कइलके हल। एक शब्द में, समुच्चे पुस्तक में ऊ सब कुछ के समाहित नञ् कइल जा सकऽ हइ,
जे स्त्री-पुरुष दुन्नु, ई कहानी के संबंध में जिला के अफवाह के फैलावे में सफल हो
गेले हल। लेकिन सबसे जादे अचरज के बात हलइ, कि प्रिंस ई सब अफवाह के बिलकुल विश्वास
कर लेलकइ आउ वसिल्येव्स्कए भी खास करके एहे कारण से अइलइ, कोय तो गुमनाम पत्र पाके,
[*185] जे प्रान्तीय क्षेत्र से ओकरा हीं पितिरबुर्ग
भेजल गेले हल। निस्सन्देह, हरेक कोय, जे निकोलाय सिर्गेयिच के थोड़हूँ बहुत जानऽ हलइ,
लगऽ हइ, ओकरा पर कइल गेल आरोप में से एक्को शब्द पर विश्वास करते हल; लेकिन तइयो, जइसन
कि रिवाज हइ, सब कोय हलचल मचइले हलइ, सब कोय बल रहले हल, सब कोय विशेष रूप से उल्लेख
कर रहले हल, सब कोय सिर हिला रहले हल आउ ... पक्का दोषी ठहरा रहले हल। इख़मेनेव एतना
जादे अहंकारी हलथिन, कि अपन बेटी के अफवाह के सामने सफाई देवे के जरूरत नञ् समझऽ हलथिन,
आउ अपन आन्ना अन्द्रेयेव्ना के पड़ोसी लोग के साथ कइसनो स्पष्टीकरण देवे से कठोरतापूर्वक
मनाही कर देलथिन। खुद नताशा तो, एतना कलंकित होल, पूरे साल के बादो, ई सब तोहमत आउ
अफवाह के बारे लगभग एक्को शब्द नञ् जान पइलकइ - ओकरा से सावधानीपूर्वक पूरी कहानी छिपावल
गेलइ, आउ ऊ प्रसन्न आउ निर्दोष हलइ, बारह साल के बुतरू नियन।
ई
दौरान झगड़ा लगातार आगू आउ आगू बढ़ते रहलइ। सेवापरायण लोग ऊँघ नञ् रहले हल। मुखबिर आउ
गोवाह लोग प्रकट होते गेलइ, आउ प्रिंस के आखिरकार विश्वास देलावे में सफल हो गेते गेलइ,
कि निकोलाय सिर्गेयिच के वसिल्येव्स्की के एतना लमगर अवधि के प्रबंधन ईमानदारी के आदर्श
से दूर हलइ। एकरा अलावे, कि तीन साल पहिले,
उपवन (copse, grove) के बिक्री के दौरान, निकोलाय सिर्गेयिच बारह हजार चानी के रूबल
के गबन कइलके हल, कि एकरा पर कोर्ट के सामने बिलकुल स्पष्ट, वैध प्रमाण (कानूनी सबूत)
प्रस्तुत कइल जा सकऽ हइ, विशेष रूप से जबकि उपवन के बिक्री खातिर प्रिंस के तरफ से
ओकरा पास कोय कानूनी एटॉर्नी प्राप्त नञ् हलइ, बल्कि ऊ अपन समझ से ई कदम उठइलकइ, बाद
में प्रिंस के बिक्री के अनिवार्यता के बारे समझाके आउ उपवन के बिक्री से वस्तुतः प्राप्त
रकम से कम रकम जमा करके। जाहिर हइ, ई सब खाली तोहमत हलइ, जइसन कि बाद में साबित होलइ,
लेकिन प्रिंस सब कुछ के विश्वास कइलकइ आउ गोवाह के उपस्थिति में निकोलाय सिर्गेयिच
के चोर कहलकइ। इख़मेनेव के बरदास नञ् होलइ आउ ओतने दमदार अपमानजनक उत्तर देलथिन; भयंकर
दृश्य प्रकट होलइ। तुरते अदालती कार्यवाही कइल गेलइ। निकोलाय सिर्गेयिच, कइसनो दस्तावेज
के नञ् रहला से, आउ मुख्य बात, बिन कोय संरक्षक के, न अइसन मामला से निपटे के कोय अनुभव
के, तुरते अपन मुकदमा हारे लगला। उनकर जायदाद पर प्रतिबंध लगा देवल गेलइ। झुँझलाल बुढ़उ
सब कुछ छोड़ देलका आउ आखिरकार पितिरबुर्ग स्थानान्तरित हो जाय के निर्णय कइलका, ताकि
व्यक्तिगत रूप से अपन केस के मामले में दौड़धूप कइल जा सकइ, आउ गुबेर्निया में अपन पीछू
एगो अनुभवी एटॉर्नी के छोड़ देलका। लगऽ हइ, प्रिंस तुरते समझे लगलइ, कि ऊ बेकारे में
इख़मेनेव के अपमानित कइलकइ। लेकिन अपमान दुन्नु तरफ से एतना प्रचंड हलइ, कि समझौता के
सवाले नञ् पैदा होवऽ हलइ, आउ चिढ़ल प्रिंस अपन सब प्रयास कइलकइ, केस के अप्पन पक्ष में
करे के, मतलब, वस्तुतः अपन भूतपूर्व मैनेजर के रोटी के अन्तिम टुकरी भी ममोसर (मयस्सर)
नञ् होवे देवे के।
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