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Saturday, April 09, 2016

रूसी उपन्यास "कालापानी" ; भाग-2; अध्याय-4: अकुल्का के पति (कहानी)



कालापानी
(साइबेरिया में जेल के जिनगी)

भाग-2; अध्याय-4: अकुल्का के पति (कहानी)

देर रात हो चुकले हल, एगारह से उपरे बज रहले हल । हमरा नीन पड़ चुकले हल, लेकिन अचानक जग गेलिअइ । रात के दीपक के दूर के मद्धिम छोटगर लौ मोसकिल से वार्ड में रोशनी कर रहले हल ... लगभग सब कोय सुत चुकले हल । उस्त्यान्त्सेव भी सो गेले हल, आउ सन्नाटा में सुनाय देब करऽ हलइ, कि ओकरा साँस लेवे में केतना तकलीफ हो रहले ह आउ हरेक साँस के साथ ओकर गला में बलगम के चलते घरघराहट हो रहले ह । दूर में, ड्योढ़ी में, अचानक ड्यूटी में बदली खातिर पास अइते संतरी के भारी कदम के अवाज सुनाय पड़लइ । फर्श पर राइफल के कुंदा के खटका होलइ (banged) । वार्ड खुललइ; कार्पोरल सवधानी से कदम बढ़इते, रोगी सब के गिनती कइलकइ । एक मिनट के बाद वार्ड बन कर देल गेलइ, नयका संतरी के रक्खल गेलइ, गार्ड चल गेलइ, आउ फेर से पहिले नियन सन्नाटा छा गेलइ । हिएँ परी हम नोटिस कइलिअइ, कि हमरा से थोड़हीं दूर पर, बामा करगी, दू अदमी नयँ सुत्तल हइ आउ मानूँ आपस में फुसफुसा रहले ह । ई वार्ड में अइसन होवऽ हलइ, कि कभी-कभी कइएक दिन आउ महिन्नों एक दोसरा के बगली में पड़ल हइ आउ एक्को शब्द नयँ बोलऽ हइ, आउ अचानक कइसूँ रात के उत्तेजनात्मक घड़ी में, एगो दोसरा के सामने अपन सब अतीत साफ-साफ बता दे हइ ।  

ओकन्हीं स्पष्टतया बहुत देरहीं से बात कर रहले हल । बातचीत के शुरुआत हम पकड़ नयँ पइलिअइ, आउ अभियो हम सब कुछ सुन नयँ सकलिअइ; लेकिन धीरे-धीरे अभ्यस्त हो गेलिअइ आउ सब कुछ समझे लगलिअइ। हमरा नीन नयँ आ रहल हल - की कइल जाय, कइसे नयँ सुन्नल जाय ? ... एगो जोश में कह रहले हल, बिछावन पर आधा लेटे-लेटे, सिर उपरे कइले आउ अपन गरदन साथी दने तानले । ऊ स्पष्टतया तमतमाल, उत्तेजित हलइ; ओकरा अपन खिस्सा सुनावे के बड़ी मन कर रहले हल । श्रोता ओकरा उदास आउ बिलकुल भावशून्य मुद्रा में अपन बेड पर गोड़ पसारले बइठल, बीच-बीच में जवाब के तौर पे चाहे कहानी सुनावे वला के प्रति सहानुभूति के तौर पे कुच्छो बुदबुदा दे हलइ, लेकिन मानूँ नम्रता हेतु अधिक, आउ असलियत में नयँ, आउ मिनट-मिनट छोटा सींग से सुँघनी नाक में ठूँस ले हलइ । ई हलइ सुधार कंपनी सैनिक चेरेविन, लगभग पचास साल के, एगो उदास नियमनिष्ठ व्यक्ति, शीत विचारक (cold reasoner), आउ अहंकारी मूर्ख । कहानी सुनावे वला शिश्कोव अभियो एगो नवयुवक हलइ, तीस साल से कमती उमर के, हमन्हीं के असैनिक कैदी, जे दर्जी के दोकान में काम कइलके हल । अभी तक हम ओकरा तरफ बहुत कम ध्यान देलिए हल; आउ बादो में अपन पूरे जेल के जिनगी के दौरान हमरा कइसूँ ओकरा में कोय दिलचस्पी नयँ होलइ । ऊ एगो बेकार आउ सनकी अदमी हलइ । कभी चुप रहइ, उदास रहइ, रूखाई से व्यवहार करइ, कइएक सप्ताह तक बात नयँ करइ । आउ कभी अचानक ऊ कउनो प्रसंग में दखल देइ, विवाद करे लगइ, मामूली बात पर उत्तेजित हो जाय, बैरक बैरक में दौड़धूप करे लगइ, समाचार पहुँचावइ, चुगलखोरी करइ, अपन आपा खो देइ । ओकरा लोग पिट्टइ, त फेर ऊ चुप हो जाय । ऊ अदमी कायर आउ तुच्छ हलइ । सब कोय ओकरा साथ घृणापूर्वक व्यवहार करऽ हलइ । ऊ नटगर आउ दुब्बर-पातर हलइ; आँख एक प्रकार से चंचल, आउ कभी कइसूँ भावशून्य नियन विचारमग्न । कभी ऊ कुछ कहे लगइ - शुरुआत जोश के साथ करइ, गरमी के साथ, हथवो लहरावइ - आउ अचानक रुक जाय चाहे विषय बदल देइ, नयका विवरण से आकर्षित हो जाय आउ जेकरा बारे शुरू कइलके हल, ऊ बात के भूल जाय । ऊ अकसर गारी-गल्लम करऽ हलइ आउ जब कभी अइसन करऽ हलइ त हमेशे अपन सामने कोय न कोय दोष के आधार पर ऊ अदमी के बुरा-भला सुनावऽ हलइ, भावुक होके बोलऽ हलइ, लगभग कन जा हलइ ... बलालाइका निम्मन से बजा ले हलइ आउ बजाना पसीन करऽ हलइ, आउ छुट्टी के अवसर पर ऊ नाचवो करऽ हलइ, आउ निम्मन से नाचऽ हलइ, जब ओकरा कोय नच्चे लगी बाध्य कर दे हलइ ... बड़ी फुरती से ओकरा से कोय काम करवा लेल जा सकऽ हलइ ... ई बात नयँ हलइ कि ऊ ओतना आज्ञाकारी हलइ, बल्कि दोस्ती करना पसीन करऽ हलइ आउ दोस्ती के नाम पर संतुष्ट करे लगी चाहऽ हलइ । बहुत दीर्घ काल तक हम समझ नयँ पइलिअइ, जि ऊ कउची बारे बात करऽ हइ । हमरा शुरू-शुरू में एहो लगलइ, कि ऊ हमेशे विषय से भटक जा हइ आउ दोसरे-दोसरे बात में आकर्षित हो जा हइ । ऊ शायद नोटिस कइलके होत, कि चेरेविन के अपन कहानी से लगभग कोय मतलब नयँ रहऽ हइ, लेकिन, प्रतीत होवऽ हइ, कि ऊ जान-बूझके खुद के आश्वस्त करे लगी चाहऽ हलइ, कि श्रोता ओकरा पूरा ध्यान से सुन्नऽ हइ, आउ शायद ओकरा बहुत कष्ट होते हल, अगर ऊ एकर विपरीत आश्वस्त हो जइते हल ।
" ... ऊ जब बजार जाय", ऊ बात जारी रखलकइ, "त सब कोय ओकरा झुकके सलाम करइ, आदर करइ, एक शब्द में -  धनी हलइ ।"
"मतलब, ऊ व्यापारी हलइ ?"
"हाँ, व्यापारी । हमन्हीं बीच व्यापारी लोग गरीब होवऽ हइ । कहल जा सकऽ हइ कि लंगटा । औरतियन तीव्र ढलान वला नद्दी के किछार पर जाके पानी लावऽ हलइ पाकशाला-उद्यान के सिंचाई करे लगी; जी तोड़ परिश्रम करऽ हइ, जी तोड़ परिश्रम करऽ हइ, लेकिन शरद् ऋतु अइते-अइते बंदागोभी के शोरबा तक बनावे लगी काफी नयँ रहऽ हइ । बिलकुल तंग हालत । ओकरा पास बड़गो फार्म हलइ, खेत मजूर सब जोतऽ हलइ, तीन गो रखले हलइ, फेर अपन मधुवाटिका (apiary),  मध के व्यापार करऽ हलइ आउ जानवरो के, मतलब, हमन्हीं के क्षेत्र में बहुत आदरणीय व्यक्ति हलइ । बहुत जादे बूढ़ा हलइ, सत्तर साल के, हड्डी भारी हलइ, पक्कल केश, बड़गो लमछड़ अदमी । ऊ जब लोमड़ी के चमड़ा के कोट में बजार जाय, त ओकरा सब कोय आदर देइ । मतलब, लोग अनुभव करऽ हलइ ।
"प्रणाम, बाबा अन्कुदिम त्रोफ़िमिच !"
"प्रणाम", ओहो बोलइ । ऊ केकरो मजाक नयँ उड़ावइ ।
"लम्मा उमर जीथिन, अन्कुदिम त्रोफ़िमिच !"
"आउ तोर की हाल-चाल हको ?" ऊ पुच्छइ ।
"हम्मर हाल-चाल कारिख नियन उज्जर । तोहर कइसन, बाबा ?"
"हमहूँ जी रहलियो ह", ऊ बोलइ, "अपन पाप के मोताबिक, हमरो कइसूँ दुक्खम-सुक्खम कट रहलो ह जिनगी।"
"लम्मा उमर जीथिन, अन्कुदिम त्रोफ़िमिच !"
मतलब ऊ केकरो साथ मजाक नयँ करऽ हइ, आउ अगर बोलऽ हइ - त ओकर हरेक शब्द मानूँ एक-एक रूबल के बराबर होवऽ हइ । ऊ बाइबिल के वाचक हलइ, पढ़ल-लिक्खल, हमेशे धार्मिक पुस्तक पढ़ते रहऽ हइ । ऊ अपन बूढ़ी घरवली के अपन सामनहीं बइठावइ - "अच्छऽ, सुन, घरवली, समझे के कोशिश कर !" आउ ओकरा समझावे लगइ । आउ ई बूढ़ी तो बूढ़ी नयँ हलइ, ऊ ओकर दोसर घरवली हलइ, बाल-बच्चा लगी, मतलब, पहिलौकी से कोय नयँ हलइ । खैर, लेकिन दोसरकी, मारिया स्तेपानोव्ना, से दूगो बेटा हलइ, सबसे छोटका वास्या, पैदा होले हल जब ऊ (बुढ़उ) साठ साल के हलइ, आउ अकुल्का, बेटी, सबसे बड़, मतलब, अठारह साल के हलइ ।
"ई तोर घरवली हउ न ?"
"ठहर, पहिले हियाँ फ़िल्का मोरोज़ोव अपन फर्ज निभइतइ । 'तूँ', फ़िल्का अन्कुदिम के बोलऽ हइ, 'हम्मर हिस्सा दे; पूरा चार सो (रूबल) दे, आउ हम की तोर मजूर हिअउ ? तोरा साथ व्यापार करे लगी नयँ चाहऽ हिअउ आउ अकुल्का तोर', ऊ बोलऽ हइ, 'नयँ लेवे लगी चाहऽ हिअउ । 'हम अब थोड़े रंगरेली मनइबउ ।', ऊ बोलऽ हइ । 'हमर माय-बाप तो', ऊ बोलऽ हइ, 'अभी जिंदा नयँ, त हम पूरा पइसा के पी-पाके खतम कर देम, आउ बाद में सैनिक के रूप में भरती हो जाम, आउ दस साल में तोरा सामने फ़ील्ड-मार्शल के रूप में अइबउ । अन्कुदिम ओकरा पइसा दे देलकइ, पूरा हिसाब चुकता कर देलकइ - काहेकि ओकर (फ़िल्का के) बाप आउ बुढ़उ एक्के मूलधन (capital) पर व्यापार कइलके हल । ऊ बोलऽ हइ, 'तूँ दू कौड़ी के अदमी हकँऽ' । आउ ऊ ओकरा कहऽ हइ, 'खैर, हम दू कौड़ी के अदमी रहूँ चाहे नयँ, लेकिन तोरा साथ, पक्कल दाढ़ी, अदमी सूआ से दूध सिड़ोके लगी सीख लेतइ। तूँ दू अद्धी बचावे लगी रेहट-रेहट के मर जाय लगी चाहऽ हँ, हर तरह के कूड़ा जामा करऽ हँ - ताकि ई तोर काशा (दलिया) लगी योग्य होबउ । हम, की कहल आवे, एकरा पर थुक्कऽ हिअउ । तूँ बचावऽ हँ, बचावऽ हँ, आउ शैतान खरीदऽ हँ । हमरा पास', ऊ बोलऽ हइ, 'चरित्र हइ । आउ तोर अकुल्का के हम नयँ स्वीकार करबउ - हम ओकरा साथ अइसीं सुत चुकलियो ह ..."

"की !", अन्कुदिम बोलऽ हइ, "तूँ कइसे एगो इज्जतदार बाप के इज्जतदार बेटी के बदनाम करे के जुर्रत करऽ हीं ? कहिया तूँ ओकरा साथ सुतलहीं, तूँ साँप के चरबी, बरछा के खून ?" आउ खुद ओकर पूरा देह कँप्पे लगलइ । खुद फ़िल्का (हमरा) बतइलकइ ।
"आउ खाली हमरा साथ नयँ", ऊ बोलऽ हइ, "हम अइसन करबउ, कि तोर अकुल्का आउ केकरो साथ अब नयँ जइतउ, कोय नयँ स्वीकार करतउ, आउ मिकिता ग्रिगोरिच अब नयँ स्वीकार करतउ, काहेकि ऊ अब अपवित्र हकउ । हमरा ओकरा साथ शरत्काल से हीं संबंध हकउ । आउ अब हम सोवो (सैकड़ो) किकुड़ा पर सहमत नयँ होबउ । अइकी तूँ अभी जाँचे लगी सो किकुड़ा दे - हम नयँ सहमत होबउ ..."

आउ ऊ हमन्हीं हीं खूब रंगरेली मनइलकइ, ऊ छोकरा ! आउ अइसे, कि पृथ्वी कराहऽ हइ, शहर में तो धूम मच्चल हइ । साथी सब के जामा कइलकइ, पइसा के अंबार, तीन महिन्ना रंगरेली मनइलकइ, सब पइसा उड़ा देलकइ । "हम", ऊ बोलऽ हइ, "सब पइसा खतम कर लेला के बाद, घर बेच देबइ, सब कुछ बेच देबइ, आउ फेर चाहे रंगरूट बन जइबइ, चाहे अवारागर्दी करे लगी चल जइबइ !" सुबह से साँझ तलक ऊ पीके धुत्त रहइ, आउ छोटगर-छोटगर घंटी लेले गाड़ी में एन्ने-ओन्ने चक्कर लगाबइ । आउ ओकरा लड़कियन बहुत प्यार करऽ हलइ, पागल नियन । ऊ तोर्बा (एगो यूक्रेनी वाद्ययंत्र) बड़ी निम्मन बजावऽ हलइ ।
"मतलब, ओकरा अकुल्का के साथ पहिलहीं से चक्कर चल्लब करऽ हलइ ?"
"दम धर, जरी इंतजार कर । हम तखने अपन बाप के भी दफनइलिए हल, आउ हमर माय केक बनइलके हल, हमन्हीं अन्कुदिमा लगी काम करऽ हलिअइ, आउ ओकरे से भरण-पोषण होवऽ हलइ । हमन्हीं के जीना मोसकिल हलइ । जंगल के पीछू हमन्हीं के जमीन के एगो प्लॉट हलइ, गोहूम लगइलिअइ, लेकिन हमर बाप के बाद सब कुछ खतम हो गेलइ, बाद में हमहूँ रंगरेली मनइलिअइ, हमर भाय । माय हीं से पीट-पाटके पइसा ऐंठ ले हलिअइ ..."
"ई तो अच्छा बात नयँ कि तूँ मइया के पिट्टऽ हलहीं । ई तो बड़गो पाप हइ ।"
"हम तो सुबह से रात तक नीसा में धुत्त रहिअइ, भाय हमर । हमन्हीं के घर हलइ जइसन-तइसन, बल्कि सड़ल-गल्लल, लेकिन कइसूँ तो अप्पन, हलाँकि ई लकड़ी के घर में खरहा के पीछू दौड़ल जा सकऽ हलइ । भुक्खल बइठल रहे पड़इ, सप्ताहो भर गुदड़ी चिबइते । माय तो हमरा डाँटते-फटकारते रहइ, बात सुनइते रहइ; लेकिन हमरा एकरा से की ! ... हम तो, भाय, तखने फ़िल्का मोरोज़ोव से दूर नयँ होवऽ हलिअइ । सुबह से रात तक ओकरे साथ । "बजाव", ऊ बोलइ, "हमरा लगी गिटार आउ नच, आउ हम हियाँ पड़ल रहबउ आउ तोरा दने पइसा फेंकबउ, काहेकि हम सबसे धनी अदमी हकिअउ ।" आउ ऊ की-की नयँ करऽ हलइ ! चोरी के माल नयँ ले हलइ - "हम", ऊ बोलइ, "चोर नयँ हकूँ, बल्कि एगो ईमानदार अदमी ।" "आउ चलल जाय", ऊ बोलऽ हइ, "अकुल्का के गेट पर अलकतरा पोत देवे लगी; काहेकि हम ई नयँ चाहऽ हिअइ, कि अकुल्का मिकिता ग्रिगोरिच से शादी करइ । ई अभी हमरा लगी किसेल (एक प्रकार के जेली या अवलेह) से जादे महँग हइ ।" आउ बुढ़उ पहिलहीं ई लड़की के मिकिता ग्रिगोरिच के साथ शादी कर देवे लगी चहलके हल । मिकिता भी तो बूढ़ा हलइ, एगो विधुर, चश्मा लगाके चल्लऽ-बुल्लऽ हलइ, व्यापार करऽ हलइ । जइसीं ऊ सुनलकइ, कि अकुल्का के बारे अफवाह फैल गेलइ, त ऊ पीछू हट गेलइ - "हमरा", ऊ बोलऽ हइ, "अन्कुदिम त्रोफ़िमिच, ई तो हमरा लगी बड़गो बदनामी के बात होतइ, आउ हम बुढ़ारी में शादियो करे लगी नयँ चाहऽ ही" । त अइकी हमन्हीं अकुल्का के गेट के पोत देलिअइ । आउ ओकरा लोग चाबुक से पिटाय करते गेलइ, ई चलते घर पर ओकरा पिटाय करते गेलइ ... मारिया स्तेपानोव्ना चिल्ला हइ, "हम तोरा दुनियाँ से मेटा देबउ !" आ बुढ़उ - "पुरनका जमाना में, ईमानदार मुखिया लोग के रहते, हम ओकरा", ऊ बोलऽ हइ, "आग में जारके मार देतिए हल, लेकिन आझकल तो दुनियाँ में अन्हेरा आउ भ्रष्टाचार हइ ।" पड़ोसी लोग के पूरे गली में सुनाय देइ, कि कइसे अकुल्का चिल्ला हइ - सुबह से रात तक ओकन्हीं चाबुक से पिटाय करते रहलइ । आउ फ़िल्का पूरे बजार में चिल्ला हइ - "निम्मन लौंडिया हइ अकुल्का, दारू पीये में साथ देवे वली । मटक-मटकके चल्लऽ हीं, उज्जर पेन्हऽ हीं, बोल, केकरा से प्यार करऽ हीं ! हम", ऊ बोलऽ हइ, "ओकन्हीं के नकिया पर अइसन लगइबइ, कि जिनगी भर आद करते जइतइ।" ऊ बखत हमरा एक तुरी अकुल्लका से भेंट हो गेलइ, बाल्टी मैं पानी लेले जा हलइ, आउ हम चिल्ला हिअइ - "नमस्ते, अकुलिना कुदिमोव्ना ! नमस्ते महोदया, मटक-मटकके चल्लऽ हो, जाहाँ मन करऽ हको, जरी लिखके बताहो, जेकरा साथ रहबहो !" एतनहीं हम कहलिअइ; आउ ऊ कइसे हमरा दने देखलकइ, केतना बड़गर-बड़गर ओकर आँख हलइ, आउ खुद दुबरा गेले ह, खपची नियन । आउ जब ऊ हमरा दने तक रहले हल, ओकर मइया तो सोचलकइ, कि ऊ हमरा साथ हँस रहले ह, आउ गेट पर से चिल्ला हइ - "काहे लगी दँतवा खिसोड़ रहलहीं हँ गे बेशरम !" आउ ऊ दिन ओकरा फेर से पिटम्मस । ऊ ओकरा घंटा भर पिटते रहलइ । "मार-मारके चमड़िया उधेड़ लेबइ", ऊ बोलऽ हइ, "काहेकि ऊ अब हमर बेटी नयँ हइ ।"
"मतलब ऊ छिनार हलइ ।"  
"तूँ बस सुन्नऽ, बाबा । त अइकी हम फ़िल्का के साथ तखने पीते रहलिअइ, आउ माय हमरा भिर आवऽ हइ, आउ हम पड़ल हिअइ - 'अरे नीच, हियाँ तूँ', ऊ बोलऽ हइ, 'पड़ल-पड़ल की करऽ हीं ? डकैत कहीं के ।' मतलब ऊ हमरा बुरा-भला कहऽ हइ । 'शादी कर ले', ऊ बोलऽ हइ, 'अइकी अकुल्का से शादी कर ले । ओकन्हीं अभियो तोरा खुशी से अपन बेटी दे देतउ, तीन सो रूबल नगद देतउ ।' आउ हम ओकरा बोलऽ हिअइ - 'ऊ तो अब पूरे संसार में बेइज्जत होल हइ ।' 'आउ तूँ बेवकूफ हँ', ऊ बोलऽ हइ; 'शादी हो गेला पर सब कुछ छिप जा हइ; तोरा लगी तो आउ बेहतर हउ, अगर ऊ तोरा सामने जिनगी भर लगी दोषी सिद्ध होवऽ हउ । आउ ओकन्हीं के पइसा से हमन्हीं के जिनगी सुधर जात; हम तो मारिया स्तेपानोव्ना के साथ', ऊ बोलऽ हइ,  'बात कइलिअइ । हमर बात ध्यान से सुन्नऽ हइ ।' आउ हम - 'पइसा पूरे बीस रूबल हमर टेबुल पर दे देइ', बोलऽ हिअइ, 'त हम शादी कर लेबइ ।' आउ अइकी, विश्वास करहो चाहे नयँ, शादी के ठीक पहिले तक बिन सुतले हम नीसा में धुत्त हलिअइ । आउ हियाँ परी फ़िल्का मोरोज़ोव गरजऽ हइ - 'ए अकुल्का के शौहर', ऊ बोलऽ हइ, 'हम तोर सब हड्डी-पसली तोड़ देबउ, आउ तोर घरवली के साथ, अगर हम चाहबउ, हरेक रात सुतबउ ।' आउ हम ओकरा - 'तूँ बकवास करऽ हँ, कुत्ता के मांस !' खैर, हियाँ परी ऊ हमरा समुच्चे गल्ली में लजइलक । हम दौड़के घर चल अइलूँ - 'हम नयँ चाहऽ हूँ', बोलऽ हिअइ, 'शादी करे लगी, अगर अभिए ओकन्हीं आउ पूरे पचास रूबल हमरा सामने नयँ रक्खऽ हइ !' "
"आउ ओकन्हीं अपन लड़की तोरा दे देलकउ ?"
"हमरा न ? काहे नयँ ? हमन्हीं वस्तुतः बदनाम नयँ हलिअइ । हमर बाप खाली आग लगे के चलते अंत में बरबाद हो गेला, लेकिन ओकरा से पहिले हमन्हीं ओकन्हीं से जादे धनगर जिनगी गुजरलिअइ । अन्कुदिम तो कहवो करऽ हइ - 'तोहन्हीं तो', ऊ बोलऽ हइ, 'नंगा भिखारी हकँऽ ।' आउ हम जवाब दे हिअइ - 'मतलब तोहर गेट पर काफी अलकतरा नयँ पोतल गेलो ।' आउ ऊ हमरा - 'काहे लगी', ऊ बोलऽ हइ, 'हमन्हीं साथ डींग हाँकऽ हँ ? तूँ साबित कर, कि ऊ अपवित्र हइ, हरेक मुँह के कपड़ा ठूँसके नयँ बन कइल जा सकऽ हइ । अइकी भगमान हथुन, आउ अउकी दहलीज', ऊ बोलऽ हइ, 'ओकरा मत स्वीकार कर । खाली पइसा, जे लेलँऽ, वापिस दे दे ।' त अइकी तखने हम फ़िल्का के साथ फैसला कइलिअइ - मित्री बिकोव के ओकरा कहे लगी भेजलिअइ, कि हम ओकरा (फ़िल्का के) सब तरह से अब बेइज्जत करबइ, आउ शादी होवे के ठीक पहिले तक, हमर भाय, बिन सुतले नीसा में धुत्त रहलिअइ । खाली शादी के बखत हमर नीसा उतरलइ । शादी हो गेला के बाद (गिरजाघर से) हमरा वापिस लावल गेलइ, बइठावल गेलइ, आउ मित्रोफ़ान स्तेपानिच, मतलब ओकर चाचा, बोलऽ हइ - 'हलाँकि ई बिन आदर के होलइ, लेकिन पक्का होलइ, काम हो गेलइ आउ खतम हो गेलइ ।' बुढ़उ, अन्कुदिम, भी नीसा में हलइ आउ रो पड़लइ, बइठल हइ - ओकर लोर दाढ़ी पर से होके ढरक रहले ह । खैर हम, भाय, तखने अइकी हम की कइलिअइ - हम अपन जेभी में कोड़ा रखलिअइ, एकरा हम शादी के पहिलहीं तैयार कर लेलिए हल, आउ हम अइसीं रखलिअइ, कि हम अकुल्का पर बहुत कुछ मजाक करबइ, कि ऊ जान लेइ कि बेईमानी से धोखा देके शादी करे के की मतलब होवऽ हइ, आउ लोग भी जान लेइ, कि हम बेवकूफ नियन ओकरा से शादी नयँ कइलिअइ ... "
"बिलकुल ठीक ! मतलब, कि ऊ भविष्य में भी अनुभव करइ ..."
"नयँ बाबा, तूँ जरी चुप रहऽ । हमन्हीं के प्रदेश में शादी के तुरते बाद एगो अलग कमरा में ले जाल जा हइ, आउ ऊ दौरान बाकी लोग हुआँ (बाहरे में) पीते जा हइ । त अइकी हमरा आउ अकुल्का के अलगे कमरा में छोड़ देल गेलइ । ऊ उज्जर होल बइठल हइ, ओकर चेहरा में एक्को बून खून नयँ । मतलब, भयभीत हलइ । ओकर केशियो बिलकुल सन नियन उज्जर हलइ । आँख बड़गर-बड़गर । आउ ऊ हमेशे चुपचाप रहइ, ओकर मुँह से कुछ सुनाय नयँ पड़इ, जइसे कोय गोंग घर में रहब करऽ हइ । बिलकुल विचित्र लड़की । त भाय, एकरा बारे की सोच सकऽ हकहो - हम तो कोड़ा तैयार कइलिअइ आउ हिएँ बिछौना के पास रख देलिअइ, आउ ऊ, भाय हमर, हमर सामने कउनो मामला में दोषी नयँ निकसलइ ।"
"ई तूँ की कह रहलहीं हँ !"
"कउनो मामला में नयँ (दोषी हलइ); जइसन कि इज्जतदार घर के इज्जतदार लड़की होवऽ हइ । आउ अइसन हालत में, भाय हमर, ऊ काहे लगी एतना यातना सहलकइ ? काहे लगी फ़िल्का मोरोज़ोव पूरे दुनिया के सामने ओकरा बेइज्जत कइलकइ ?"
"सही हइ ।"
"हिएँ परी बिछौना से निच्चे हम टेहुना के बल खड़ी हो गेलिअइ, हाथ जोड़लिअइ - 'प्यारी अकुलिना कुदिमोव्ना', हम बोलऽ हिअइ, 'तूँ हमरा, ई बेवकूफ के, माफ कर दे, कि हम तोरो ओइसन लड़की समझ लेलिअउ । हमरा माफ कर दे', हम बोलऽ हिअइ, 'ई नीच के ! ' आउ ऊ हमरा सामने बिछौना पर बइठल हइ, हमरा दने तक्कऽ हइ, अपन दुन्नु हाथ हमर कन्हा पर रखलकइ, हँस्सऽ हइ, आउ साथे-साथ ओकर आँख से लोर ढरकऽ हइ; कन्नऽ हइ आउ हँस्सऽ हइ ...  हम तखने बाहर निकसके सबके तरफ गेलिअइ (अर्थात् बाहरी कमरा में जे सब पी रहते गेले हल ओकन्हीं तरफ) - 'अच्छऽ', हम बोलऽ हिअइ, 'अभी हम फ़िल्का मोरोज़ोव से मिलबइ - आउ ओकरा दुनियाँ में आउ जादे जीए नयँ देबइ !' आउ बुढ़वा-बुढ़िया के समझ में नयँ आवइ कि केकर प्रार्थना कइल जाय - माय तो लगभग ओकर (अकुल्का के) गोड़ पर गिर पड़लइ, आउ विलाप करे लगलइ । आउ बुढ़वो बोललइ - 'अगर हम पहिले से जनतियो हल, हमन्हीं के प्यारी बेटी, त तोरा लगी अइसन पति नयँ खोजतियो हल ।' आउ कइसे हम ओकरा साथ पहिलौका एतवार के गिरजाघर गेलिअइ - हम अस्त्रखान टोप, पतरा बनात (एक प्रकार के रंगीन ऊनी कपड़ा) के कफ्तान, मखमल के शरोवारी (ढीला-ढाला पैजामा) पेन्हले; आउ ऊ खरहा के चमड़ा के नयका कोट, रेशमी दुपट्टा में - मतलब ओकरा लगी हम आउ हमरा लगी ऊ पक्का जोड़ी - आउ ई तरह हमन्हीं जा रहलिए ह ! लोग हमन्हीं के प्रशंसा करऽ हइ - हम तो जइसन हिअइ हकिअइ, लेकिन अकुलिनुश्का के भी हलाँकि दोसरा लोग के सामने प्रशंसा नयँ कइल जा सकऽ हइ, लेकिन घटिया भी नयँ समझल जा सकऽ हइ, आउ पहिलौकी दस में से तो नयँ नकारल जा सकऽ हइ ..."
"अच्छऽ, ठीक ।"
"अच्छऽ, सुन्नऽ । हम शादी के दोसरे दिन, हलाँकि हम पीयल हलिअइ, हम अतिथि सब से दूर चल गेलिअइ; हम बाहर निकसलिअइ आउ दौड़ल जा हिअइ - 'कन्ने हइ', हम बोलऽ हिअइ, 'हियाँ करमहीन फ़िल्का मोरोज़ोव - ऊ नीच के हमरा भिर हाजिर कर !' समुच्चे बजार हम चिल्ला हिअइ ! आउ पीयल भी हलिअइ; ओहे से हमरा व्लासोव परिवार के घर भिर तीन लोग हमरा पकड़ लेलकइ आउ बलजबरी घर ले अइलइ । आउ पूरे शहर में बात फइल जा हइ । बजार में लड़कियन आपस में बोलऽ हइ - 'ए बुद्धिमान छोकड़ी लोग, तोहन्हीं सब के मालूम हकउ ? अकुल्का तो पवित्तर निकसलइ ।' आउ फ़िल्का तो हमरा कुछ देर बाद लोग के उपस्थिति में बोलऽ हइ - 'अपन घरवली के बेच दे - तोरा पीके मस्त होवे लगी काफी पइसा मिल जइतउ । हमन्हीं हीं के सैनिक', ऊ बोलऽ हइ, 'याश्का एहे लगी शादी कइलकइ - अपन घरवली के साथ नयँ सुतलइ, आउ तीन साल तक पीके मस्त रहलइ ।' हम ओकरा बोलऽ हिअइ - 'नीच कहीं के !' 'आउ तूँ', ऊ बोलऽ हइ, 'बेवकूफ हकँऽ । तोर शादी कर देल गेलउ जब तूँ पीयल हलँऽ । तूँ ई सब के मामले में ओक्कर बाद की समझ सकलहीं ?' हम घर अइलिअइ आउ चिल्ला हिअइ - 'तोहन्हीं हमर तब शादी कर देते गेलहीं', हम बोलऽ हिअइ, 'जब हम पीयल हलिअइ !' हिएँ परी हमरा मइया धर लेलकइ । 'तोर तो माय', हम बोलऽ हिअइ, 'सोना से कान लटकल हकउ । हमरा अकुल्का दे दे!' आउ हम ओकरा पिट्टे लगलिअइ । ओकरा पिटलिअइ, भाय, पिटलिअइ, दू घंटा तक पिटते रहलिअइ, जब तक कि हमर गोड़ में ताकत नयँ रहे से गिर नयँ पड़लिअइ; तीन सप्ताह तक बिछौना से नयँ उठलिअइ ।
"वास्तव में", चेरेविन जड़पूर्वक टिप्पणी कइलकइ, "अगर ओकन्हीं के नयँ पिटहीं ... आउ की तूँ वास्तव में ओकरा प्रेमी के साथ पकड़लहीं ?"
"नयँ, ओकरा नयँ पकड़ सकलिअइ ।" थोड़े देर चुप रहला के बाद आउ मानूँ प्रयास के साथ शिश्कोव टिप्पणी कइलकइ ।
"हाँ, हम बहुत अपमानित अनुभव कइलूँ, लोग हमरा चिढ़इते रहल, आउ ई सब के सरदार फ़िल्का हलइ । 'तोर घरवली', ऊ बोलऽ हइ, 'देखावा लगी हकउ, ताकि लोग ओकरा देख सकउ ।' हमन्हीं के अतिथि के रूप में निमंत्रित कइलकइ; आउ शुरुआत कुछ ई तरह कइलकइ - 'ओकर घरवली', ऊ बोलऽ हइ, 'दयालु आत्मा हइ, नम्र, शिष्ट, प्रभावशाली, सब लगी निम्मन, अइसन अभी ओकर सोच हइ ! आउ तूँ भूल गेलहीं, बच्चा, कि कइसे तूँहीं खुद्दे ओकर गेट पर अलकतरा पोत देलहीं हल ?' हम तो नीसा में धुत्त बइठल हलिअइ, आउ ऊ तखने हमर केश धर ले हइ, जइसीं धरऽ हइ, कि हमरा धकेलके निच्चे कर देलकइ - 'नच', ऊ बोलऽ हइ, 'अकुल्का के शौहर, हम तोरा केश पकड़के धरले रहबउ, आउ तूँ नचहीं, हमरा मनोरंजन करहीं !' 'अरे नीच !' हम चिल्ला हिअइ । आउ ऊ हमरा से कहऽ हइ - 'हम तोरा पास पूरा पलटन के साथ अइबउ आउ तोर घरवली, अकुल्का, के तोर सामनहीं बेंत से जेतना मन करतउ ओतना मारबउ ।' हम तो, विश्वास करहो चाहे नयँ करहो, ओकर बाद पूरे महिन्ना घर से बाहर निकसे में डेराऽ हलिअइ - अइतइ', हम सोचिअइ, 'आउ हमरा बेइज्जत करतइ । आउ एहे कारण से हम ओकरा पिट्टे लगलिअइ … ' "   
"लेकिन ओकरा पिट्टऽ हलहीं काहे लगी ? केकरो हाथ बान्हल जा सकऽ हइ, जीभ नयँ । बहुत जादे पिटाय करना भी उचित नयँ हइ । दंड देहीं, सिखाहीं-समझाहीं, लेकिन दुलारहीं-मलारहीं । एहे लगी तो घरवली होवऽ हइ ।"
शिश्कोव कुछ देर चुप रहलइ ।
"हमरा अपमानजनक लगऽ हलइ", ऊ फेर से बोलना चालू कइलकइ, "फेर से ई आदत पकड़ लेलिअइ; कोय-कोय दिन सुबह से साँझ तक ओकरा पिटिअइ - ओकरा से ठीक से खड़ी नयँ होल जा हलइ, ठीक से चल नयँ पावऽ हलइ । ओकरा जब पिटिअइ नयँ, त हम बोर होवऽ हलिअइ । ऊ बइठल रहइ, चुप रहइ, खिड़की से देखते रहइ, कनते रहइ ... हमेशे रोते रहइ, हमरा ओकरा पर तरस आवइ, लेकिन हम ओकरा पिटिअइ । मइया हमरा ओकरा लगी बुरा-भला सुनावइ - 'नीच कहीं के', ऊ बोलइ, 'अपराधी के मांस !' 'मार देबइ', हम चिल्लइअइ, 'हमरा से अभी कोय कुछ नयँ बोले; काहेकि हमरा धोखा से शादी करा देल गेलइ ।'  शुरू में बुढ़उ अन्कुदिम तो ओकर बचाव कइलकइ, खुद अइलइ - 'भगमान जानऽ हथुन', ऊ बोलऽ हइ, 'तूँ अभियो कोय हस्ती नयँ हकँऽ; हम तोरा पर नालिश करबउ !' लेकिन बाद में ऊ छोड़ देलकइ । लेकिन मारिया स्तेपानोव्ना बिलकुल शांत हो गेलइ । एक रोज अइलइ - कनते-कनते प्रार्थना करऽ हइ - 'हम तोरा तकलीफ देवे लगी अइलियो ह, इवान सिम्योनिच, बात छोटगर हइ, लेकिन निवेदन बड़गो हइ । बबुआ, कुछ तो प्रकाश डालऽ', ऊ झुक झा हइ, 'शांत हो जा, तूँ ओकरा माफ कर देहो ! बदमाश लोग हमर बेटी के बदनाम कर देलके ह - खुद जानऽ हकहो, कि एगो पवित्र लड़की से शादी कइलहो हल ...' हमर गोड़ पर झुक जा हइ, कन्नऽ हइ । आउ हम तो शान से बोलऽ हिअइ - 'हम अपने के बात तो अभी सुन्ने लगी नयँ चाहऽ हिअइ ! जे हम अभी चाहऽ हिअइ, ऊ अपने सब के उपरे करऽ हिअइ, काहेकि हम अभी खुद के मालिक नयँ हिअइ; बल्कि फ़िल्का मोरोज़ोव', हम बोलऽ हिअइ, 'हमर यार आउ पहिला दोस्त ... ' "      
"मतलब, फेर से दुन्नु साथे रंगरेली मनावे लगलहीं ?"     
"काहाँ ! ओकरा भिर जाना नयँ होवऽ हलइ । बिलकुल पीके नीसा में धुत्त रहऽ हलइ । ओकरा पास जे कुछ हलइ ऊ पी-पाके अँचा देलकइ आउ एगो व्यापारी के हियाँ खुद के पट्टा पर लगा देलकइ; ओकर बड़का बेटवा के जगह पे खुद सेना में भरती होवे लगी । आउ हमन्हीं के क्षेत्र के रिवाज के मोताबिक, अगर कोय अदमी खुद के पट्टा पर लगा दे हइ, त ठीक ऊ दिन तलक, जब ओकरा (सेना में भरती करे लगी) ले जाल जा हइ, ओकर खरीदार के घर के सब कुछ ओकर मन मोताबिक होवे के चाही, आउ सब कुछ के ऊ पूरा मालिक होवऽ हइ । जब ओकरा ले जाल जा हइ, त ओकरा पूरा पइसा चुकावल जा हइ, लेकिन ओकर पहिले तक मालिक (खरीदार) के घर में रहऽ हइ, कभी-कभी छोवो महिन्ना तक, आउ मालिक के परिवार के लोग के साथ कइसन-कइसन हरक्कत नयँ करऽ हइ, शरम से घर के देवप्रतिमा के भी बाहर ले जाय लगी लचार कर दे हइ ! 'हम तोर बेटा के बदले सेना में जा रहलियो ह, मतलब, तोरा उपकार कर रहलियो ह', ऊ बोलऽ हइ, 'त तोहन्हीं सब के हमरा इज्जत करे के चाही, नयँ तो हम सेना में जाय से इनकार कर देबउ ।' फ़िल्का तो ऊ व्यापारी के घर नरक बना देलकइ, ओकर बेटी के साथ सुत्तइ, दुपहर के भोजन के बाद रोज दिन ओकर दाढ़ी पकड़के खिंच्चइ - सब कुछ मनमानी करइ । रोज दिन ऊ भाफ स्नान करऽ हलइ, आउ शराब से भाफ बनवावऽ हलइ, आउ औरतियन के लचार कर दे हलइ कि ओकन्हीं अपन हाथ से पकड़के ओकरा स्नानघर में ले जाय । ऊ शराब के रंगरेली मनाके घर लौटऽ हइ, बाहर खड़ी हइ - 'हम गेट से अंदर जाय लगी नयँ चाहऽ हिअउ, छरदेवारी तोड़ दे !' त ओकरा लगी गेट बिजुन दोसरा जगह में छरदेवारी तोड़ देवे के चाही, त ऊ अंदर घुसतइ । आखिरकार मामला समाप्त हो गेलइ, ओकरा ले जाल गेलइ, होश में लावल गेलइ । लोग के भीड़ पूरे गल्ली में उमड़ पड़ऽ हइ - फ़िल्का मोरोज़ोव के सैनिक में भरती करे लगी ले जाल जा रहले ह ! ऊ सगरो तरफ झुकके सलाम करऽ हइ । आउ अकुल्का ऊ बखत पाक-उद्यान (kitchen garden) से आ रहले हल; जइसीं फ़िल्का ओकरा देखलकइ, ठीक हमन्हीं के गेट बिजुन - 'ठहर !', ऊ चिल्ला हइ, गाड़ी से उछल पड़लइ आउ सीधे ओकरा सामने जमीन पर झुक गेलइ - 'हमर तूँ आत्मा', ऊ बोलऽ हइ, 'हमर बेरी फल, हम तोरा दू बरिस प्यार कइलिअउ, आउ अभी हमरा संगीत के साथ सैनिक के रूप में ले जइते जा हइ । माफ कर दे', ऊ बोलऽ हइ, 'इज्जतदार बाप के इज्जतदार बेटी, काहेकि हम तोरा सामने नीच हकिअउ - सब तरह से दोषी हिअउ !' आउ दोसरा तुरी जमीन तक झुक गेलइ । अकुल्का तो रुक गेलइ, शुरू-शुरू में डर गेलइ, लेकिन बाद में कमर तक झुकके ओकरा बोलऽ हइ - 'तूहूँ हमरा माफ कर दे, प्यारे नौजवान, आउ हम तो तोरा में कोय दुर्भाव नयँ जानऽ हिअउ ।' हम ओकर पीछू-पीछू लकड़ी के घर के अंदर गेलिअइ - 'ए कुतिया के मांस, तूँ ओकरा की कहलहीं ?' आउ ऊ, हमरा पर विश्वास करहो चाहे नयँ, हमरा दने देखे लगलइ - 'हाँ हम ओकरा', ऊ बोलऽ हइ, 'दुनियाँ भर से जादे प्यार करऽ हिअइ !' "  
"तूँ कीऽ बोलब करऽ हीं ! ..."      
"हम तहिया दिन भर ओकरा साथ एक शब्द नयँ बोललिअइ ... खाली साँझ होवे बखत कहलिअइ - 'अकुल्का ! हम तोरा अभी जान मार देबउ ।' रात में तो हमरा नीन नयँ आ रहल ह, हम स्वागत-कक्ष में गेलिअइ क्वास पीये लगी, आउ हियाँ भोर होवे लगलइ । हम अंदर गेलिअइ । 'अकुल्का', हम बोलऽ हिअइ, 'फार्म पर चल्ले के तैयारी कर ।' आउ हम पहिलहीं से एकरा लगी तैयार होब करऽ हलिअइ, आउ मइया के मालूम हलइ, कि हमन्हीं जाय वला हकिअइ । 'त ई बात हइ', ऊ बोलऽ हइ, 'फसल के कटनी के समय हो गेले ह, आउ मजूर के बारे सुन्ने में आवऽ हइ, कि हुआँ पेट गड़बड़ होवे के चलते तेसरा दिन पड़ल हइ ।' हम गाड़ी जोतलिअइ, चुपचाप । जब हमन्हीं के शहर से निकसबहो, त हियाँ तोरा पनरह विर्स्ता तक चीड़ के जंगल मिलतो, आउ जंगल के पीछू हमन्हीं के फार्म हइ । हमन्हीं तीन विर्स्ता पार कइलिअइ, आउ घोड़वा के रोकलिअइ - 'उठ अकुलिना', हम बोलऽ हिअइ; 'तोर अंत आ गेलउ ।' ऊ हमरा दने तक्कऽ हइ, डरल, हमरा सामने खड़ी हो गेलइ, चुपचाप । 'तोरा से हम ऊब गेलियो ह', हम बोलऽ हिअइ; 'भगमान के प्रार्थना कर ले !' आउ ओकर झोंटा पकड़ऽ हिअइ; ओकर जूरा एतना मोटगर, लमगर हलइ, हथवा से ओकरा लपेट लेलिअइ, ओकरा पीछू से अपन दुन्नु टेहुना के बीच दाबके रखले रहलिअइ, छूरी निकसलिअइ, ओकर सिर मोड़के पीछू कइलिअइ आउ ओकर गला रेत देलिअइ ... ऊ चिल्लाय लगऽ हइ, खून के फुहारा निकसे लगलइ, हम छूरी फेंक देलिअइ, ओकरा आगू दने से अपन दुन्नु हाथ से लपेट लेलिअइ, जमीन पर पड़ गेलिअइ, ओकरा आलिंगन कइलिअइ आउ ओकरे पीछू चिल्ला हिअइ, करुण क्रन्दन करे लगऽ हिअइ; आउ ऊ चिल्ला हइ, आउ हमहूँ चिल्ला हिअइ; ओकर पूरा देह थरथरा हइ, अपन हाथ एन्ने-ओन्ने बजाड़ऽ हइ, आउ खून के धार हमरा पर चोट करऽ हइ - चेहरा पर, हाथ पर । हम ओकरा छोड़ देलिअइ, हमरा भय समा गेलइ, आउ घोड़वो के छोड़ देलिअइ, आउ खुद दौड़ पड़लिअइ, दौड़ पड़लिअइ, वापिस अपन घर दौड़ल अइलिअइ, आउ स्नानघर में - स्नानघर हमन्हीं के एतना पुराना हइ, कि एकर इस्तेमाल नयँ कइल जा हइ; एगो शेल्फ (shelf ) के निच्चे दुबक गेलिअइ आउ ओज्जी परी बइठ गेलिअइ । हुआँ रात भर बइठल रहलिअइ ।"  
"आउ अकुल्का के की होलइ ?"
"आउ ऊ, मालूम पड़लइ, हमर बाद उठलइ आउ ओहो घर रवाना हो गेलइ । ओकरा ऊ जगह से सो कदम दूर पावल गेलइ ।"
"मतलब, ओकरा मरे लायक तक गला नयँ रेतलहीं ।"
"हाँ ...", शिश्कोव मिनट भर लगी रुक गेलइ ।
"ई नस अइसन हइ", चेरेविन टिप्पणी कइलकइ, "अगर एकरा, ठीक एहे नस के, अगर पहिलहीं तुरी पूरा काट नयँ देल जाय, त अदमी छटपटइते रहतइ, आउ खून चाहे केतनो बह जाय, ऊ नयँ मरतइ ।"
"लेकिन ऊ मर तो गेवे कइलइ । लाश सँझिया के मिललइ । प्राधिकारी लोग के सूचित कइल गेलइ, हमर खोज होवे लगलइ आउ हमरा रात में स्नानघर में खोज निकासल गेलइ ...  आउ अइकी ई चौठा साल हो गेलइ हियाँ रहते", थोड़े देर चुप रहला के बाद ऊ आगू बतइलकइ ।
"हूँ ... वास्तव में, अगर ओकरा (अर्थात् घरवली के) पिट्टल नयँ जाय, त ऊ ठीक रस्ता पर आवे वली नयँ", भावशून्य मुद्रा में आउ तरीका से चेरेविन टिप्पणी कइलकइ, फेर से सूँघनी के सींग निकासते । ऊ बीच-बीच में ठहर-ठहरके आउ देर तक ओकरा सूँघे लगलइ । "फेर तइयो, भाय", "ऊ बात जारी रखलकइ, "तूँ खुद्दे बेवकूफ बन जा हो । हमहूँ एक तुरी अपन घरवली के ओकर प्रेमी के साथ पकड़ लेलिअइ । ओकरा शेड में बोलइलिअइ; चाबुक के दोहरा करके पकड़लिअइ । बोलऽ हिअइ, 'केकरा साथ वफादारी के कसम खाहीं ? केकरा साथ वफादारी के कसम खाहीं ?' आउ ओकरा हम पीटते रहलिअइ, पीटते रहलिअइ, चाबुक से पीटते रहलिअइ, डेड़ घंटा तक ओकरा पिटलिअइ, त ऊ हमरा चिल्लइते बोलऽ हइ, 'तोहर गोड़ धोबो आउ ऊ पानी पीबो ।' ओकर नाम ओवदोत्या हलइ ।"

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