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Tuesday, September 19, 2017

रूसी उपन्यास "कप्तान के बिटिया" में क्रमांकानुसार टिप्पणी

"कप्तान के बिटिया" में क्रमांकानुसार टिप्पणी
संकेताक्षरः
ओक्समान॰ - यू॰ गे॰ ओक्समान (सं॰): "आ॰एस॰ पुश्किन: कपितान्स्कयऽ दोच्का", इज़्दातेल्स्त्वो "नऊका", मस्क्वा, 1964; 285 पृष्ठ; टिप्पणी - पृ॰245-260; ई रूसी उपन्यास के विभिन्न भाषा में अनुवाद के विवरण - पृ॰261-282 ।
नोविकोव॰ - एन॰ नोविकोव (प्रकाशक): "Новое и полное собрание российских песен” (नोवए इ पोल्नए सब्रानिए रसिस्किख़ पेसिन), 4 भाग में, मास्को, प्रकाशन वर्ष - 1780; भाग-1: х+208 पृष्ठ (पृष्ठ 191 के बाद पृष्ठ 192-208 के स्थान पर 182-198 छप्पल हइ, हलाँकि पाठ सब ठीक हइ); भाग-2: х+208 पृष्ठ; भाग-3: х+202 पृष्ठ; भाग-4: х+184 पृष्ठ; भाग-5: х+174 पृष्ठ ।
प्राच॰ - इवान प्राच (संकलनकर्ता): "Собрание народных русских песен (सब्रानिए नरोदनिख़ रूसकिख़ पेसिन), 1790; xviii+192 पृष्ठ ।
बिल्यायेव॰ - इवान प्राच (संकलनकर्ता): "Собрание народных русских песен (सब्रानिए नरोदनिख़ रूसकिख़ पेसिन), 1790; xviii+192 पृष्ठ; В.М. Беляев (वे॰एम॰ बिल्यायेव) द्वारा भूमिका सहित पुनः संपादित, मास्को, 1955; कुल 350 पृष्ठ ।
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अध्याय-1
[1] क्न्याझनिन - ई उद्धरण याकोव बोरिसोविच क्न्याज़निन (1742-1791) के प्रहसन Хвастун (शेखीबाज) (1786) से लेल गेले ह (अंक 3, दृश्य 6) । ई नाटक के पात्र वेर्ख़ोलेत आउ चेस्तोन के ई डायलॉग 1830 में भी बड़गो प्रचार में हलइ आउ एकर पुनः प्रकाशन कइल गेले हल - दे॰: एन॰ ई॰ ग्रेच - "रूसी साहित्य के पाठ्य पुस्तक" (Учебная книга русской словесности), भाग-4, द्वितीय संस्करण, पितिरबुर्ग, पृ॰67-68 । महारानी एकातेरिना महान (1729-1796) के शासन (1762-1796) के दौरान क्न्याज़निन एगो प्रसिद्ध नाटककार हलथिन ।
[2] काउंट म्यूनिख़ - बुर्खार्द क्रिस्टोफ़ फ़ॉन म्यूनिख़ (1683-1767), एगो जर्मन परिवार में जन्म लेल मिलिट्री अफसर आउ इंजीनियर । सन् 1721 में रूस अइलइ आउ रूसी सेना में प्योत्र महान द्वारा नियुक्त कइल गेलइ । फ़ील्ड मार्शल आउ काउंट के पद तक ऊँचा उठलइ । रूसी मिलिट्री आउ राजनैतिक मामले में कइएक सम्राट् के अधीन बड़गो भूमिका अदा कइलकइ । एकातेरिना द्वितीय (बाद में "एकातेरिना महान" से प्रसिद्ध) के सत्ता-परिवर्तन के दौरान एकर पति सम्राट् प्योत्र तृतीय के प्रति निष्ठावान रहलइ ।
[3] फ़स्ट मेजर (First Major) = लेफ़्टेनेंट कर्नल
[4] सिम्योनोव्स्की रेजिमेंट - प्योत्र महान द्वारा 1683 में स्थापित । ई रूस के दू गो प्राचीनतम आउ सबसे विख्यात गार्ड रेजिमेंट में से एक हलइ ।
[5] बोर्ज़्वा (borzoi) - एगो बड़गर नसल के रूसी कुत्ता, जेकर प्रयोग मूल रूप से भेड़िया के शिकार में कइल जा हइ।
[6] मौँस्य [Monsieur (फ्रेंच)] - अंग्रेजी के "मिस्टर" के पर्यायवाची ।
[7] कोर्ट कैलेंडर - (प्रकाशन वर्ष 1735-1917) कैलेंडर आउ अन्य सूचना के अलावे एकरा में सीनियर मिलिट्री आउ सिविल रैंक के सूची, राजमहल के स्वागत-समारोह के पेंटिंग आदि रहऽ हलइ ।
[8] पासपोर्ट – रूसी लोग के रूस के अंदर यात्रा के दौरान भी "आंतरिक पासपोर्ट" साथ में रक्खे पड़ऽ हलइ ।
[9] ओरेनबुर्ग – मास्को से 1478 कि.मी. दक्षिण-पूरब, दक्षिणी यूराल क्षेत्र में यूराल नदी के किनारे अवस्थित, एगो शहर (51°46'22" उ॰, 55°5'56" पू॰) । सन् 1743 में खानाबदोश कज़ाख़ लोग के क्षेत्र के सिमाना पर सीमा चौकी के रूप में स्थापित ।
[10] किबित्का (Kibitka) – लमगर यात्रा लगी टेंट से आच्छादित एक प्रकार के रूसी घोड़ागाड़ी ।
[11] क्वास - एगो रूसी पेय, जेकर स्वाद कुछ-कुछ कोका-कोला नियन होवऽ हइ ।
[12] 'हमर पैसा, कपड़ा-लत्ता, सब मामला के बड़ी ध्यान से देखभाल करे वला' – रूसी कवि देनिस फ़ोनविज़िन के कविता "हमर नौकर शुमिलोव, वानका आउ पित्रुश्का के नाम पत्र" (1769) नामक कविता से उद्धृत ।
अध्याय-2
[13] अपन पीठ तरफ से एगो कुल्हाड़ी लेलकइ - रूसी किसान साधारणतः कुल्हाड़ी अपन पीठ दने टाँगले रहऽ हइ ।
[14] याइक कज़ाक – यूराल नदी के पुराना नाम याइक हलइ । याइक आउ दोन नदी के किनारे बसल कज़ाक लोग, कुछ स्वतंत्रता के बदले में, रूस के सरहदी गार्ड के रूप में कार्यरत हलइ । पुगाचोव विद्रोह के समर्थन के बाद याइक कज़ाक लोउ अपन विशेषाधिकार खो देलकइ, आउ नदी के नाम के साथ-साथ ओकन्हिंयों के नाम बदलके यूराल कज़ाक कर देल गेलइ ।
[15] पोलाती – - अंग्रेजी में साधारणतः "स्टोव" शब्द से अनूदित । रूसी पोलाती बड़गो आउ विस्तृत संरचना होवऽ हलइ, जेकर प्रयोग खाना बनावे, वस्त्र धुलाई, स्नान, सोवे आउ गरम करे में कइल जा हलइ ।
[16] अर्म्याक – पुराना जमाना में कृषक लोग द्वार प्रयुक्त जैकेट, जे मोटगर कपड़ा के सीधा आउ लंबा गरदन वला कफ़्तान के रूप में बिन कोय अस्तर के होवऽ हलइ ।
[17] समोवार (samovar) - समोवार (शाब्दिक अर्थ "स्वयं उबले वला", self-boiler) पूरे रूस में प्रचलन में धातु के अइसन कलश होवऽ हइ जेकरा में पानी उबालल जा सकऽ हइ आउ बाद में बिना कोय आग जलइले गरम रक्खल जा सकऽ हइ । साधारणतः एकर प्रयोग चाय बनावे लगी होवऽ हइ । पुराना जमाना में गरम करे लगी कोयला चाहे चारकोल के प्रयोग कइल जा हलइ, लेकिन आजकल के समोवार में बिजली के प्रयोग होवऽ हइ ।
[18] “चर्चा याइक सेना के बारे चल रहले हल, जेकरा सन् 1772 के विद्रोह के बाद ऊ जमाना में अभी-अभी शांत कइल गेले हल” – एकर विस्तृत चर्चा पुश्किन के अन्य रचना "पुगाचोव के इतिहास" (1833), अध्याय-1, में कइल गेले ह ।
[19] स्टोव - रूस में स्टोव अकसर उपरे में समतल बनावल जा हइ, आउ कभी-कभी एतना बड़गर कि ओकरा पर सुत्तल जा सकऽ हइ, आउ एकर प्रयोग ऊ लोग करते जा हइ जेकरा गरम जगह चाही ।
[20] आन्ना इओआन्नोव्ना – आन्ना इओआन्नोव्ना (1693-1740) प्योत्र महान के शारीरिक आउ मानसिक रूप से अपंग भाई इवान पंचम के बेटी हलइ । सन् 1730 में ऊ रूस के साम्राज्ञी बनलइ ।
अध्याय-3
[21] नादान (Недоросль) - रूसी कवि देनिस इवानोविच फ़ोन्विज़िन (1744-1792) दू गो प्रहसन लिखलथिन हल, जे रूसी थियेटर लगी पहिला क्लासिक हो गेले हल । एकरा में दोसरका प्रहसन 'नादान' उनकर उत्कृष्ट रचना समझल जा हइ, जेकर मंचन 1782 में होले हल ।
[22] क्यूस्त्रिन आउ ओचाकोव पर कब्जा - तुर्की किला ओचाकोव आस्ट्रिया-रूसी-तुर्की युद्ध के दौरान सन् 1737 में रूसी के कब्जा में अइलइ; प्रुशिया के (Prussian) किला क्यूस्त्रिन (Küstrin) के रूसी लोग सप्तवर्षीय युद्ध के दौरान सन् 1758 में नाकाबंदी कइलकइ, लेकिन एकरा पर कब्जा नयँ हो पइलइ ।
[23] बश्कीर - तुर्की लोग जे ओरेनबुर्ग के उत्तर में यूराल के दुन्नु तरफ बस्सल हलइ । ओकन्हीं ओरेनबुर्ग के किला के बिल्डिंग के मामले में रूसी लोग के विरुद्ध युद्ध करते गेले हल आउ बाद में पुगाचोव के विद्रोह में साथ देते गेले हल ।
अध्याय-4
[24] क्न्याज़निन - ई उद्धरण याकोव बोरिसोविच क्न्याज़निन (1742-1791) के प्रहसन "Чудаки" (सनकी) से उद्धृत हइ (अंक 4, दृश्य 12) । महारानी कतेरिना महान (1729-1796) के शासन के दौरान क्न्याज़निन एगो प्रसिद्ध नाटककार हलथिन ।
[25] दे॰ नोविकोव॰ - भाग-1, पृ॰41, गीत संख्या-34.
[26] ई गीत पुश्किन द्वारा निम्नलिखित पुस्तक से उद्धृत कइल गेले ह - इवान प्राच (संकलनकर्ता): "Собрание народных русских песен (सब्रानिए रूसकिख़ नरोदनिख़ पेसिन), 1790, पृ॰85, नृत्य लोकगीत संख्या-10.
मूल रूसी में गीत ई प्रकार हइ -
Капитанская дочь,
Не ходи гулять в полночь.
(कपितान्स्कयऽ दोच,
नि ख़जी गुल्याच् व् पोल्नच् ।)

[27] एक आत्मा आउ एक शरीर – एक आत्मा आउ एक शरीर - पारंपरिक विवाह सेवा में पुरोहित भगमान से निवेदन करऽ हइ - "दुन्नु के एक आत्मा में जोड़ देथिन; दुन्नु के एक शरीर में विवाह कर देथिन ।" बाइबिल के ओल्ड टेस्टामेंट में उत्पत्ति (Genesis) 2:22-24 से शुरू करके कइएक पाठ में "पति आउ पत्नी एक आत्मा आउ एक शरीर" हइ - ई धारणा दोहरावल गेले ह ।
अध्याय-5
[28] दे॰ नोविकोव॰ - भाग-1, पृ॰182, गीत संख्या-176 के अंतिम छो पंक्ति; इवान प्राच (संकलनकर्ता): "Собрание народных русских песен” (सब्रानिए रूसकिख़ नरोदनिख़ पेसिन), 1790, पृ॰29, गीत संख्या-15; В.М. Беляев (वे॰एम॰ बिल्यायेव) द्वारा भूमिका सहित पुनः संपादित, मास्को, 1955, पृ॰80, गीत संख्या-15.
[29] दे॰ नोविकोव॰ - भाग-1, पृ॰165, गीत संख्या-153 के अंतिम चार पंक्ति में से पहिला दू पंक्ति ।
[30] 1 विर्शोक = 4.44 सें॰मी॰ = 1.75 इंच
       डेढ़ विर्शोक = 4.44 x 1.5 = 6.66 सें॰मी॰ = 2.62 इंच ।

अध्याय-6
[31] दे॰ नोविकोव॰ - भाग-1, पृ॰141, कज़ान पर कब्जा से संबंधित गीत संख्या-125 के पहिला दू पंक्ति ।
[32] मेजर जेनरल त्राउबेनबेर्ग - मेजर जेनरल मिख़ाइल मिख़ाइलोविच त्राउबेनबेर्ग (1719-1772) - दे॰ नोट सं॰18.
[33] सम्राट् प्योत्र तृतीय – प्योत्र तृतीय (1728-1762), प्योत्र महान (1672-1725) के ज्येष्ठ पुत्री के एकमात्र संतान, केवल छो महिन्ना शासन कर पइलका [शासनकाल (25 दिसंबर 1761 - 6 जुलाई 1762)] । एगो षड्यंत्र में उनकर हत्या हो गेलइ, जेकर अध्यक्षता कहल जा हइ कि उनकर पत्नी द्वारा कइल गेले हल, जे एगो जर्मन राजकुमारी हलइ, आउ जे आगू कतेरिना महान [1729-1796] के नाम से प्रसिद्ध होलइ । उनकर निधन के बाद चार नकली प्योत्र तृतीय प्रकट होले हल, जेकर प्रजा सब विद्रोह के साथ समर्थन करते गेले हल । प्रजा के विश्वास हलइ कि प्योत्र तृतीय के निधन नयँ होले हल, बल्कि उनका अपन पत्नी कतेरिना द्वारा गुप्त रूप से कारागार में डाल देवल गेले हल । ई नकली सम्राट् में सबसे प्रसिद्ध कज़ाक इमिल्यान पुगाचोव हलइ । ई वेष में ऊ जे विद्रोह के नेतृत्व कइलकइ, ओकरा 1774 के पुगाचोव विद्रोह के नाम से जानल जा हइ, जेकरा कतेरिना के सेना द्वारा कुचल देल गेलइ ।
[34] यातना ... समाप्त कर देल गेले हल - यातना के रूस में 1740 के दशक से नियंत्रित कइल गेले हल; कतेरिना द्वितीय के आदेशपत्र द्वारा सन् 1768 में यातना के समाप्त कर देवल गेले हल; लेकिन वास्तव में एकरा से ई दूर नयँ हो पइले हल; औपचारिक रूप से एकर उन्मूलन सम्राट् अलिक्सान्द्र प्रथम के आदेशपत्र द्वारा सन् 1801 में कइल गेलइ ।
[35] सन् 1741 में दंडित एगो विद्रोही के पछानके - सन् 1741 में ओरेनबुर्ग किला निर्माण के विरुद्ध बश्कीर लोग के पहिला विद्रोह होले हल, जेकरा ज़ारशाही प्रशासन द्वारा क्रूरतापूर्वक कुचल देल गेले हल । कइएक विद्रोही के दंडित करे बखत नाक आउ कान काट देवल गेले हल ।
[36] याक्शी - ठीक हउ (तातार भाषा) ।
[37] सम्राट् अलिक्सांद्र के नम्र शासनकाल - सम्राट् अलिक्सांद्र प्रथम (1777-1825), कतेरिना महान के पौत्र, अपन शासनकाल (1801-1825) में शुरुआत तो नम्र मनोभाव से कइलका हल, लेकिन नैपोलियन के युद्ध (1812) के बाद अधिक रूढ़िवादी हो गेला हल । सम्राट् अलिक्सांद्र प्रथम के वास्तविक छवि पुश्किन द्वारा काव्य उपन्यास "इव्गेनी अनिगिन" (Eugene Onegin) के अध्याय-10 के पहिला चतुष्पदी छन्द में निम्मन से अभिव्यक्त कइल गेले ह -
शासक हइ कमजोर आउ धूर्त्त,
चांदिल छैला, दुश्मन मजदूर के,
संयोगवश गरमाल कीर्ति से,
हमन्हीं पर शासन करऽ हलइ तहिया ।

अध्याय-7
[38] ई उद्धरण स्त्रिलेत्स (strelets) के सरदार के फाँसी से संबंधित गीत से लेल गेले ह । दे॰ नोविकोव॰ - भाग-2, पृ॰146-147, गीत संख्या-130 के प्रारंभिक 12 पंक्ति । स्त्रिलेत्स - (रूस में सोलहमी शताब्दी के शुरुआत से अठारहमी शताब्दी तक) युद्ध में स्थायी रूप से सेवा करे वला विशेष सेना ।
[39] सम्राट् के शहर में आगमन पर स्वागत आउ आत्मसमर्पण स्वरूप पारंपरिक भेंट ।
[40] सम्राट् प्योत्र फ़्योदरोविच - अर्थात् सम्राट् प्योत्र तृतीय । दे॰ नोट 33.
[41] कंपनी के दर्जी अपन भोथर कैंची से ओकन्हीं के चोटी काटब करऽ हलइ – अठारहमी शताब्दी में सैनिक लोग कसके गूँथल चोटी में नकली केश धारण करते जा हलइ । पुगाचोववादी सब सैनिक लोग के चोटी काट दे हलइ, जे ज़ारशाही सेना में सेवा से मुक्ति के निशानी हलइ ।

अध्याय-8
[42] चुमाकोव - याइक कज़ाक, फ़्योदर फ़िदोतोविच चुमाकोव (1729-1786), पुगाचोव के गोलंदाज फौज (artillery) के कमांडर हलइ । लेकिन सन् 1775 में ऊ पुगाचोव के पकड़के रूसी लोग के समर्पित कर देलकइ - ई वचन पर कि ओकरा क्षमा कर देल जइतइ आउ एक लाख रूबल पुरस्कार के रूप में देल जइतइ ।
[43] दे॰ नोविकोव॰ - भाग-1, पृ॰147; गीत संख्या-131, जेकर पहिला दू पंक्ति पुश्किन के उपन्यास "दुब्रोव्सकी", अध्याय-19, में भी उद्धृत हइ ।
[44] ग्रिश्का ओत्रेप्येव - ग्रिगोरी (ग्रीशा, ग्रिश्का) ओत्रेप्येव, जे एगो भगोड़ा साधु हलइ, ई दावा कइलके हल कि ऊ सम्राट् इवान रौद्र (Ivan the Terrible) के पुत्र द्मित्री इवानोविच आउ रूसी सिंहासन के उत्तराधिकारी हइ । वास्तविक सम्राट्-पुत्र द्मित्री के नो बरस के उमर में सन् 1591 में हत्या कर देल गेले हल । ओत्रेप्येव सम्राट् बन्ने में सफल हो गेले हल आउ दस महिन्ना (1605-1606) तक शासन कइलके हल ।

अध्याय-9
[45] पुश्किन द्वारा ई उद्धरण मिख़ाइल ख़ेरास्कोव (1733-1807) के सन् 1796 में प्रकाशित छो चतुष्पदी छंद के गीत में से दोसरका चतुष्पदी छंद (quatrain) हइ ।

अध्याय-10
[46] ई उद्धरण, रूसी सम्राट् इवान रौद्र (Ivan the Terrible) द्वारा सन् 1552 में कज़ान शहर पर कब्जा करे के स्मृति में मिख़ाइल ख़ेरास्कोव (1733-1807) द्वारा रचित महाकाव्य "रोसियादा" के गीत संख्या 11, पंक्ति सं॰83-86 से लेल गेले ह, जेकरा में पंक्ति सं॰83 के पहिला चरण "एहे दौरान रूसी सम्राट्" के उद्धरण में छोड़ देवल गेले ह । ई उद्धरण में "ऊ" सर्वनाम इवान रौद्र के निरूपित करऽ हइ ।
[47] लिज़ावेता ख़ार्लोवा - निझ्निओज़ेर्नाया किला के कमांडर मेजर ख़ार्लोव हलइ, जेकरा ई किला के कब्जा कइला के बाद पुगाचोव हत्या कर देलके हल । एकर विधवा पत्नी लिज़ावेता ख़ार्लोवा के पुगाचोव अपन रखैल बना लेलके हल, आउ जेकरा ओकर साथी सब बाद में हत्या कर देते गेले हल । विस्तृत विवरण खातिर देखल जाय "पुगाचोव के इतिहास", अध्याय-2 आउ 3 ।
अध्याय-11
 [48] अ॰ सुमारोकोव - अलिक्सांद्र पित्रोविच सुमारोकोव (1717-1777), रूसी कवि, नाटककार आउ साहित्य आलोचक; अठारहमी शताब्दी के रूसी साहित्य के सबसे बड़गो प्रतिनिधि; रूसी साहित्य के पहिला व्यावसायिक (professional) लेखक ।
पुश्किन द्वारा उद्धृत ई पद्यांश सुमारोकोव के कोय रचना में नयँ मिल्लऽ हइ । रूसी विद्वज्जन के मत हइ कि एकर रचना स्वयं पुश्किन सुमारोकोव के भाषा आउ शैली में कइलथिन हँ, जे उनकर रफ़ पांडुलिपि से स्पष्ट होवऽ हइ । विस्तृत सूचना खातिर दे॰ – ओक्समान॰, पृ॰254.
[49] प्रतिमा सब के निच्चे बैठल - प्रतिमा सब (क्राइस्ट, माँ मेरी, आउ संत सब के प्रतिमा) परंपरागत रूप से कमरा के दहिना तरफ के अंतिम छोर पर टाँगल रहऽ हइ, जेकरा आदरसूचक स्थान मानल जा हइ ।
[50] अर्म्याक - दे॰ अध्याय-2, नोट-16.
[51] कन्हा पर डालल नीला रिब्बन - संत अन्द्रेय के और्डर (पदक), जे प्योत्र महान द्वारा 1698 में स्थापित, रूस में शौर्य के उच्चतम पदक हलइ, जे कन्हा के दहिना दने हलका नीला रिब्बन पर लगावल जा हलइ ।
[52] युज़ेयेवो के लड़ाई – ओरेनबुर्ग से उत्तर-पश्चिम लगभग 125 कि.मी. दूर युज़ेयेवो गाँव हइ, जाहाँ 8 नवंबर 1773 के पुगाचोव से किला के मुक्त करे लगी रूसी सेना भेजल गेले हल, जेकरा पुगाचोव पराजित कर देलके हल ।
[53] फ़्रेड्रिक – - अर्थात् प्रुशिया के राजा फ़्रेड्रिक द्वितीय (1712-1786), जेकरा मिलिट्री, राजनैतिक आउ सांस्कृतिक उपलब्धि के चलते "महान" के उपाधि प्राप्त होले हल । पुगाचोव रूसी कृषक रीति-रिवाज के अनुसार ओकरा रूसी नाम (फ़्योदर) आउ पैतृक नाम (फ़्योदरोविच) से पुकारऽ हइ ।
[54] फ़्योदर फ़्योदरोविच – दे॰ उपर्युक्त नोट-53.
[55] ग्रिश्का ओत्रेप्येव - दे॰ अध्याय-8, नोट-44.
अध्याय-13
 [56] ई पद्यांश क्न्याझनिन के कोय रचना में नयँ मिल्लऽ हइ । लेकिन लगऽ हइ कि एकर अंतिम दू पंक्ति क्न्याझनिन के प्रहसन (कॉमेडी) "ख़्वास्तून" के अंक-5, दृष्य-6 में पात्र प्रोस्तादूम के वक्तव्य "Так должен был мое он кончить дело прежде. Ты можешь потерпеть и быть дотоль в надежде..." के आधार पर पुश्किन द्वारा खुद रचल गेले ह ।
[57] दे॰ "पुगाचोव के इतिहास", अध्याय-5.
[58] ई वाक्य पहिला संस्करण में सेंसर द्वारा हटा देल गेले हल ।
[59] इवान इवानोविच मिख़ेलसोन - मिख़ेलसोन (1740-1807) रूसी सेना के एगो सर्वोत्कृष्ट कमांडर हलइ । जब ऊ लेफ़्टेनेंट कर्नल हलइ, त कज़ान शहर पर पुगाचोव के कब्जा से सफलतापूर्वक मुक्त कर देलके हल आउ ओकर पीछा करके त्सारीत्सिन आउ चोर्नी यार के बीच 25 अगस्त 1774 के होल लड़ाई में ओकरा पूरा तरह से पराजित कइलके हल । विस्तृत विवरण खातिर दे॰ "पुगाचोव के इतिहास", अध्याय-6 आउ 8.
अध्याय-14
 [60] वोलिन्स्की आउ ख़्रुश्शेव - अर्तेमी पित्रोविच वोलिन्स्की (1689-1740) प्योत्र महान के शारीरिक आउ मानसिक रूप से अपंग भाई इवान पंचम के बेटी आउ क्रूर एवं स्वेच्छाचारी साम्राज्ञी आन्ना इओआनोव्ना (1693-1740) के शासनकाल (1730-1740) में एगो मन्त्री हलइ । ऊ, आउ ओकर मित्र आउ सहयोगी अन्द्रेय फ़्योदरोविच ख़्रुश्शेव (1691-1740) पर आन्ना के प्योत्र महान के बेटी एलिज़ावेता से प्रतिस्थापित करे के षड्यंत्र के अभियोग लगावल गेले हल, आउ दुन्नु के प्राणदंड देल गेले हल ।
[61] त्सार्स्कए सेलो (Tsarskoe Selo) - शाब्दिक अर्थ "त्सार (सम्राट्) के गाँव", जे पितिरबुर्ग से 24 कि.मी. दक्षिण में अवस्थित हइ । मूलतः ई एगो जायदाद (estate) हलइ, जे प्योत्र महान द्वारा अपन पत्नी के 1708 में देल गेले हल, जे समय के साथ शाही परिवार आउ कुलीन वर्ग के एगो प्रिय ग्रामीण निवास के रूप में विकसित हो गेलइ आउ आखिरकार एगो शहर में । सोफ़िया, जे एगो पड़ोसी शहर हलइ, सन् 1808 में त्सार्स्कए सेलो में शामिल कर लेल गेलइ। सम्राट् अलिक्सांद्र प्रथम द्वारा त्सार्स्कए सेलो में सन् 1811 में स्थापित लिसे ( lycée - उच्च विद्यालय) के पहिला ग्रेजुएट बनके निकसे वलन में राष्ट्रकवि पुश्किन हलथिन । सन् 1937 में उनकर निधन के शताब्दी सम्मान में ई शहर के नाम बदलके पुश्किन रख देवल गेलइ ।

[62] रुम्यान्त्सेव के हाल के विजय - काउंट प्योत्र अलिक्सांद्रोविच रुम्यान्त्सेव (1725-1796) एगो प्रतिभाशाली जेनरल हलइ आउ बाद में फ़ील्ड मार्शल, जे मुख्य रूप से रूसी-तुर्की युद्ध में शामिल होले हल । 1768-1774 के रूसी-तुर्की युद्ध में ओकर विजय सुलतान अब्दुल हमीद प्रथम के 1774 में शांति समझौता करे पर बाध्य कर देलकइ ।

Monday, September 18, 2017

रूसी उपन्यास - "कप्तान के बिटिया" ; परिशिष्ट - परित्यक्त अध्याय

परिशिष्ट
परित्यक्त अध्याय *
[* ई अध्याय के उपन्यास "कप्तान के बिटिया" के प्रकाशन हेतु अंतिम रूपांतर में शामिल नयँ कइल गेले हल आउ रफ़ पांडुलिपि में हीं एकरा सुरक्षित रक्खल गेले हल, जाहाँ खुद पुश्किन एकरा "परित्यक्त अध्याय" के नाम देलथिन हँ । ई अध्याय के पाठ में ग्रिनेव के बुलानिन नाम देल हइ, आउ ज़ूरिन के ग्रिनेव । - मूल रूसी पाठ के संपादक के टिप्पणी ।
ई अध्याय मूल अध्याय-13 के बाद चाहे एकरे विस्तार होते हल । लेकिन हम ई दुन्नु नाम के उपन्यास में अन्यत्र प्रयुक्त रूप में हीं रखलिए ह ताकि पाठक के कोय भ्रम नयँ होवे । - अनुवादक. ]
हम सब वोल्गा के तट के नगीच पहुँच रहलिए हल; हमन्हीं के पलटन ** गाँव में प्रवेश कइलकइ आउ हिएँ रात गुजारे लगी ठहर गेलइ । गाँव के मुखिया हमरा बतइलकइ कि नदी के दोसरा तट दने के सब्भे गाँव विद्रोह कर देते गेले ह, कि पुगाचोव के गिरोह सगरो घूम रहले ह । ई समाचार हमरा बहुत चिंतित कर देलकइ । हम सब के अगले दिन सुबह में नदी पार करे के हलइ । अधीरता हमरा पर हावी हो गेलइ । पिताजी के गाँव नदी के ऊ तट से तीस विर्स्ता के दूरी पर हलइ । हम पुछलिअइ कि कोय नाविक मिल सकऽ हइ कि नयँ । सब्भे किसान लोग मछुआरा हलइ; नाव बहुत सारा हलइ । हम ज़ूरिन के पास गेलिअइ आउ ओकरा अपन इरादा बतइलिअइ । "सावधान", ऊ हमरा कहलकइ । "अकेल्ले जाना खतरनाक हको । सुबह होवे के इंतजार करऽ । हम सब सबसे पहिले पार करते जइबइ आउ कोय जरूरत नयँ पड़ जाय, ओहे से सुरक्षा के खियाल से, पचास हुस्सार के साथे लेके तोहर पिताजी के हियाँ जइते जइबइ ।"
हम अप्पन बात पर अड़ल रहलिअइ । नाव तैयार हलइ । हम ओकरा में दू गो नाविक के साथ बैठ गेलिअइ । ओकन्हीं नाव खोललकइ आउ जोर-जोर से चप्पू (डाँड़) चलावे लगलइ ।  
आकाश निर्मल हलइ । चान चमक रहले हल । मौसम शांत हलइ - वोल्गा नदी समरूप गति से आउ शांतिपूर्वक बह रहले हल । नाव लयदार ढंग से हिलते-डुलते कार लहर पर तेजी से जा रहले हल । हम कल्पना के स्वप्न में खो गेलिअइ । लगभग आधा घंटा गुजर गेलइ । हम सब नदी के बिच्चे में पहुँच चुकलिए हल ... अचानक नाविक आपस में खुसुर-फुसुर करे लगलइ । "की बात हइ ?" सँभलके हम पुछलिअइ । "मालुम नयँ, भगमान जाने", दुन्नु नाविक एक्के तरफ देखते जवाब देलकइ । हमर नजर ओहे दिशा में टिक गेलइ, आउ गोधूलि वेला के धुँधला प्रकाश में हम वोल्गा के अनुप्रवाह में (downstream) कुछ तो बहके अइते देखलिअइ । ई अनजान चीज नगीच आब करऽ हलइ । हम नाविक के रुकके ओकरा पास आवे तक इंतजार करे लगी कहलिअइ । चान बादर में छुप गेलइ । बहते आ रहल साया आउ अधिक अस्पष्ट हो गेलइ । ऊ हमरा से बहुत नगीच आ गेलइ, आउ तइयो हम ओकरा अभियो पछान नयँ पा रहलिए हल । "ई की हो सकऽ हइ ?" नाविक बोलते गेलइ । "ई न तो पाल हइ आउ न मस्तूल ..." अचानक चान बादर से बहरसी निकस गेलइ आउ एगो भयानक दृश्य उभरलइ । हमन्हीं तरफ बहके बेड़ा (raft) पर चढ़ावल एगो टिकठी (gallows) आब करऽ हलइ, जेकर अर्गला (cross-beam) पर तीन गो लाश लटकल हलइ । एगो विकृत उत्सुकता (morbid curiosity) हमरा पर हावी हो गेलइ । हम फाँसी पर लटकावल लोग के चेहरा पर एक नजर डाले लगी चहलिअइ । हमर औडर देला पर नाविक नाव के अँकुसी (boat-hook) से बेड़ा के पकड़ लेलकइ, हमर नाव दहलाल टिकठी से टकरा गेलइ । हम उछलके बेड़ा पर चल गेलिअइ आउ खुद के भयंकर स्तंभ के बीच पइलिअइ । चमकीला चान अभागल लोग के विकृत चेहरा के प्रकाशित कर रहले हल । ओकन्हीं में से एगो हलइ बूढ़ा चुवाश, दोसरा एगो (फैक्टरी में काम करे वला) रूसी किसान, बरियार आउ  स्वस्थ  करीब  बीस साल के छोकरा । लेकिन तेसरा पर नजर गेला पर हमरा जोर के आघात लगलइ आउ दुख से चीख नयँ रोक सकलिअइ - ई वानका हलइ, हमर बेचारा वानका, जे अपन बेवकूफी से पुगाचोव के साथ हो गेले हल । ओकन्हीं के उपरे एगो कार तख्ता ठोंक देल गेले हल, जेकरा पर बड़गो उज्जर अक्षर में लिक्खल हलइ - "चोर आउ विद्रोही" । नाविक भावशून्य दृष्टि से देखब करऽ हलइ आउ बेड़ा के अँकुसी से थामले हमर प्रतीक्षा करब करऽ हलइ । हम फेर से नाव में बैठ गेलिअइ । बेड़ा नदी में निच्चे बहते चल गेलइ । टिकठी बहुत देर तक अन्हरवा में कार देखाय देते रहलइ । आखिरकार ऊ गायब हो गेलइ, आउ हमर नाव एगो उँचगर आउ खड़ा तट पर लग गेलइ ...
हम नाविक के उदारतापूर्वक पैसा देलिअइ । ओकन्हीं में से एगो हमरा घाट के निकटवर्ती गाँव के मुखिया के पास ले गेलइ । हम ओकरा साथ इज़्बा (लकड़ी के बन्नल झोपड़ी) में प्रवेश कइलिअइ । मुखिया, ई सुनके कि हमरा घोड़ा चाही, हमरा साथ काफी रुखाई से पेश अइलइ, लेकिन हमर गाइड ओकरा धीरे से कुछ शब्द कहलकइ, आउ ओकर कठोरता तुरतम्मे खिदमतगारी में बदल गेलइ । एक मिनट में त्रोयका तैयार हो गेलइ, हम गाड़ी में बैठ गेलिअइ आउ (कोचवान के) अपन गाँव ले जाय लगी औडर देलिअइ ।
हम सुत्तल गाँव सब से होके बड़गर सड़क पर तेजी से जाब करऽ हलिअइ । हमरा एक्के डर हलइ - कहीं रस्ते में नयँ रोक लेल जइअइ । अगर वोल्गा पर रात के समय (बेड़ा पर के टिकठी पर लटकल लाश से होल) हमर भेंट विद्रोही लोग के उपस्थिति प्रमाणित करऽ हलइ, त एकर साथे-साथ सरकार के तरफ से एहे दृढ़ विरोध के भी प्रमाण हलइ । कइसनो हालत में हमरा पास पुगाचोव के देल अनुमति-पत्र (पास) हलइ आउ कर्नल ज़ूरिन के आदेश-पत्र भी । लेकिन केकरो से भेंट नयँ होलइ, आउ सुबह होते-होते हमरा नदी आउ देवदारु वृक्ष के उपवन (fir copse) नजर अइलइ, जेकर पीछू हमर गाँव हलइ । कोचवान घोड़वन पर चाबुक के प्रहार कइलकइ, आउ पनरह मिनट के बाद हम ** गाँव में प्रवेश कइलिअइ ।
हवेली गाँव के दोसरा छोर पर हलइ । घोड़वन बेतहाशा दौड़ल जाब करऽ हलइ । अचानक गाँव के गल्ली के बिच्चे में कोचवान रास खींचके ओकन्हीं के रोके लगलइ । "की बात हइ ?" हम अधीरतापूर्वक पुछलिअइ । "मार्ग-बाधा (barrier), मालिक", अपन क्रोधोन्मत्त घोड़वन के मोसकिल से रोकते कोचवान उत्तर देलकइ । वास्तव में हमरा एगो मार्ग-बाधा आउ लाठी लेले संतरी पर नजर पड़लइ । मुझीक हमरा भिर अइलइ आउ अपन टोपी उतारके हमर पासपोर्ट के बारे पुछलकइ ।
"की मतलब हइ एकर ?" हम ओकरा पुछलिअइ, "हियाँ परी मार्ग-बाधा काहे लगी हइ ? केकर पहरेदारी करब करऽ हीं ?"
"अइसन बात हइ, श्रीमान, कि हमन्हीं विद्रोह कर रहलिए ह", अपन सिर खुजलइते ऊ जवाब देलकइ ।
"आउ तोहर मालिक लोग काहाँ हथुन ?" अपन बैठ रहल दिल के साथ हम पुछलिअइ ...
"हमर मालिक लोग काहाँ हथिन ?" मुझीक दोहरइलकइ । "हमर मालिक लोग अन्न-भंडार (बखार) में हथिन।"
"बखार में कइसे ?"
"बात ई हइ कि ज़ेम्स्त्वा (zemstvo - स्थानीय स्वशासन) के मुखिया, अन्द्र्यूख़ा, उनकन्हीं के बेड़ी में डाल देलके ह - आउ पिता-सम्राट् के हियाँ ले जाय लगी चाहऽ हइ ।"
"हे भगमान ! ई बाधा के उपरे उठा, बेवकूफ । मुँह बइले की खड़ी हकँऽ ?"
संतरी जरी आसकत देखइलकइ । हम गाड़ी से उछलके निच्चे आ गेलिअइ, ओकर कान ऐंठ देलिअइ (माफी चाहऽ हिअइ) - आउ खुद मार्ग के बाधा उठा देलिअइ । मुझीक किंकर्तव्यविमूढ़ होल बुद्धू नियन टुकुर-टुकुर हमरा दने देखते रह गेलइ । हम फेर से गाड़ी में बैठ गेलिअइ आउ कोचवान के हवेली चल्ले लगी औडर देलिअइ । बखार प्रांगण में हलइ । ताला लगल दरवाजा भिर दू गो मुझीक ओइसीं लाठी लेले खड़ी हलइ । गाड़ी सीधे ओकन्हीं के सामने रुकलइ । हम उछलके सीधे ओकन्हीं भिर गेलिअइ । "दरवाजा खोल !" हम ओकन्हीं के कहलिअइ । शायद हमर मुखमुद्रा भयंकर हलइ । कम से कम लाठी फेंकके तो ओकन्हीं भाग गेते गेलइ । हम ताला आउ दरवाजा तोड़े के प्रयास कइलिअइ, लेकिन दरवाजा बलूत (oak) के लकड़ी के हलइ आउ विशाल ताला अडिग हलइ । एहे पल एगो हट्ठा-कट्ठा जवान मुझीक नौकर लोग के इज़्बा से बहरसी अइलइ आउ ऐंठके हमरा पुछलकइ कि हम हंगामा करे के साहस कइसे करऽ हिअइ ।
"काहाँ हइ अन्द्र्यूश्का - ज़ेम्स्त्वा के मुखिया", हम ओकरा चिल्लाके पुछलिअइ । "ओकरा हमरा भिर भेज ।"
"हम खुद्दे अन्द्रेय अफ़ानास्येविच हिअइ, कोय अन्द्र्यूश्का नयँ", अभिमान से अपन दुन्नु बाँह कमर पर रखले (akimbo) हमरा उत्तर देलकइ । "की चाही ?"
जवाब देवे के बदले हम ओकर कालर पकड़ लेलिअइ, आउ ओकरा बखार के दरवाजा भिर घसीटले लाके ओकरा खोले लगी कहलिअइ । ज़ेम्स्त्वा के मुखिया अड़ल रहलइ, लेकिन पैतृक दंड ओकरो पर असर कइलकइ। ऊ चाभी निकसलकइ आउ बखार के दरवाजा खोल देलकइ । हम दहलीज से होके तेजी से अंदर गेलिअइ आउ अन्हार कोना में, छत में काटल एगो सकेत भुड़की से आ रहल हलका रोशनी में, माता-पिता पर हमर नजर पड़लइ । उनकर हाथ बान्हल हलइ, आउ गोड़ में बेड़ी डालल हलइ । हम उनका गले लगावे लगी लपकलिअइ आउ एक्को शब्द हमर मुँह से नयँ निकस पइलइ । दुन्नु हमरा दने अचरज से देखे लगलथिन - सैनिक जीवन के तीन बरिस हमरा एतना बदल देलके हल कि हमरा ऊ पछान नयँ पइते गेलथिन । माय आह भरलकइ आउ अश्रु बहावे लगलइ ।
अचानक हमरा एगो जानल-पछानल मधुर स्वर सुनाय देलकइ । "प्योत्र अन्द्रेइच ! ई अपने हथिन !" हम तो स्तब्ध रह गेलिअइ ... चारो दने नजर डललिअइ त देखऽ हिअइ कि दोसरा कोना में मारिया इवानोव्ना भी ओइसीं बान्हल हइ ।
पिताजी चुपचाप हमरा दने तक रहलथिन हल, उनका खुद पर विश्वास नयँ हो रहले हल । खुशी उनकर चेहरा पर चमक रहले हल । हम उनकर रस्सी के गाँठ तलवार से काटे लगी शीघ्रता कइलिअइ ।
"निम्मन स्वास्थ्य, निम्मन स्वास्थ्य, पित्रुशा", हमरा छाती से चिपकइले पिताजी बोललथिन, "भगमान के किरपा से तोरा देखे तक जीवित रहलिअउ ... "
"पित्रुशा, हमर दोस्त", माय बोललइ । "भगमान तोरा हियाँ ले अइलथुन ! तूँ ठीक-ठाक तो हकँऽ ?"
हम उनका ई जेल से बाहर करे लगी शीघ्रता कइलिअइ, लेकिन दरवाजा भिर अइला पर एकरा फेर से बंद पइलिअइ । "अन्द्र्यूश्का", हम चिल्लइलिअइ, "खोल !"
"कइसूँ नयँ", दरवाजा के पीछू से ज़ेम्स्त्वा के मुखिया उत्तर देलकइ । "हिएँ बैठल रह । अइकी हम तोरा हंगामा करे आउ सरकारी कर्मचारी सब के कालर पकड़के घसीटे के सबक सिखावऽ हिअउ !"
हम ई आशा से बखार के जाँच करे लगलिअइ कि कहीं से बाहर निकसे के कोय उपाय हइ कि नयँ ।
"बेकार कोशिश मत कर", पिताजी हमरा कहलथिन, "हम अइसन मालिक नयँ हिअइ कि हमर बखार में चोर लगी कोय छेद होतइ जेकरा से ऊ अंदर आउ बाहर जा सकइ ।
माय, जे हमरा प्रकट होवे पर पल भर लगी खुश हो गेले हल, अब निराश हो गेलइ, ई देखके कि पूरे परिवार के मौत के हमरो हिस्सा बँटावे पड़तइ ।  लेकिन हम ऊ बखत से कुछ जादहीं शांत हलिअइ जब उनका साथे-साथ हमरा मारिया इवानोव्ना के भी साथ मिललइ । हमरा पास एगो तलवार आउ दू गो पिस्तौल हलइ - हम अभियो नाकाबंदी के सामना कर सकऽ हलिअइ । ज़ूरिन के शाम तक ठीक समय पर पहुँच जाय के संभावना हलइ आउ तब हमन्हीं के मुक्त कर लेवे के भी । हम ई सब कुछ अपन माता-पिता के बतइलिअइ आउ माय के शांत करे में सफल हो गेलिअइ । उनकन्हीं मिलन के खुशी में पूरा डूब गेलथिन ।
"अच्छऽ, प्योत्र", हमरा पिताजी कहलथिन, "तूँ बहुत शरारत कर चुकलँऽ हँ आउ हम तोरा से बहुत नराज हलिअउ । लेकिन पुरनका बात के आद करे से की फयदा । आशा करऽ हिअउ कि अब तूँ सुधर गेलँऽ हँ आउ समझदार हो गेलँऽ हँ । हम जानऽ हिअउ कि तूँ एगो ईमानदार अफसर के शोभा देवे लायक सैनिक सेवा कइलँऽ हँ । धन्यवाद । हमरा, ई बुजुर्ग के, तसल्ली देलँऽ । अगर मुक्ति लगी हमरा तोर आभारी रहे पड़तउ त हमर जीवन दोगना मधुर हो जात ।"
हम अश्रु के साथ उनकर हाथ के चुमलिअइ आउ मारिया इवानोव्ना दने देखलिअइ, जे हमर उपस्थिति से एतना खुश होले हल कि ऊ बिलकुल सुखी आउ शांत प्रतीत हो रहले हल ।
लगभग दुपहर के हमन्हीं के असाधारण शोर-गुल आउ चीख सुनाय पड़लइ । "एकर की मतलब हइ", पिताजी कहलथिन, "कहीं तोर कर्नल तो नयँ पहुँच गेलथुन ?" - "असंभव", हम जवाब देलिअइ । "ऊ शाम के पहिले नयँ पहुँचथिन ।" शोरगुल बढ़ते जा रहले हल । खतरा के घंटी बजावल जा रहले हल । प्रांगण (अहाता) में घुड़सवार लोग घोड़ा दौड़ाब करऽ हलइ; तखनिएँ देवाल में काटल सकेत भुड़की से सावेलिच अपन पक्कल केश वला सिर घुसइलकइ, आउ हमर बेचारा प्राथमिक शिक्षक दयनीय स्वर में बोललइ – "अन्द्रेय पित्रोविच, अवदोत्या वसील्येव्ना, हमर प्यारे प्योत्र अन्द्रेइच, दुलारी मारिया इवानोव्ना, मुसीबत ! दुष्ट लोग गाँव में घुस गेते गेलइ । आउ जानऽ हो, प्योत्र अन्द्रेइच, केऽ ओकन्हीं के लइलके ह ? श्बाब्रिन, अलिक्सेय इवानिच, ओकरा शैतान पकड़इ !" ई घृणित नाम सुनके मारिया इवानोव्ना अपन हाथ झटक लेलकइ आउ बुत बन्नल रह गेलइ।
"सुन", हम सावेलिच के कहलिअइ, "केकरो घोड़ा से * घाट पर जाके हुस्सार पलटन से मिल्ले लगी भेज; आउ हमन्हीं के खतरनाक परिस्थिति के बारे कर्नल के सूचित करे लगी कह दे ।"
"लेकिन केकरा भेजल जाय, छोटे मालिक ! सब लड़कन विद्रोह कइले हइ, आउ सब्भे घोड़वन के हथियाऽ लेते गेले ह ! हे भगमान ! अइकी प्रांगण में पहुँच गेते गेलइ - आउ सब्भे बखार भिर आब करऽ हइ ।"
तखनिएँ दरवाजा के पीछू कइएक अवाज सुनाय पड़लइ । हम चुपचाप माय आउ मारिया इवानोव्ना के दूर कोना में चल जाय के इशारा कइलिअइ, अपन तलवार निकास लेलिअइ आउ ठीक दरवाजा भिर देवाल से सटके ओठंग गेलिअइ । पिताजी पिस्तौल ले लेलथिन, दुन्नु के घोड़ा चढ़ा लेलथिन आउ हमर बगल में खड़ी हो गेलथिन । ताला में चाभी लगावे के अवाज अइलइ, दरवाजा खुललइ, आउ ज़ेम्स्त्वा के मुखिया के सिर प्रकट होलइ । हम ओकरा पर तलवार के प्रहार कइलिअइ, आउ ऊ गिर पड़लइ जेकरा से प्रवेश बाधित हो गेलइ । तखनिएँ पिताजी दरवाजा से होके पिस्तौल से फ़ायर कर देलथिन । हमन्हीं के घेरे वलन के भीड़ गरिअइते भाग गेलइ । हम घायल के दहलीज से घसीटके अंदर कर लेलिअइ आउ अंदर से घड़का लगा लेलिअइ । प्रांगण हथियार से लैस लोग से भरल हलइ । ओकन्हीं बीच हम श्वाब्रिन के पछान लेलिअइ ।
"डरते नयँ जा", हम औरतियन के कहलिअइ, "अभियो आशा हइ । आउ अपने, पिताजी, अब आउ फ़ायर नयँ करथिन । अंतिम गोली बचावे के चाही ।"
माय चुपचाप भगमान के प्रार्थना कर रहले हल, मारिया इवानोव्ना ओकरे भिर हलइ आउ देवदूतीय शांति के साथ हमन्हीं के भाग्य के निर्णय के प्रतीक्षा कर रहले हल ।
दरवाजा के पीछू से धमकी, गारी आउ शाप सुनाय देब करऽ हलइ । पहिला दुस्साहस करके अंदर आवे वला के तलवार से काट डाले लगी हम अपन जगह पर खड़ी हलिअइ । अचानक दुष्ट लोग चुप हो गेते गेलइ । हमरा नाम लेके पुकारते श्वाब्रिन के अवाज सुनाय पड़लइ ।
"हम हियाँ हिअउ, तोरा की चाही ?"
"आत्म-समर्पण कर दे, ग्रिनेव, विरोध करना बेकार हउ । अपन बुढ़वन पर तरस खो । जिद कइला से तूँ खुद के बचा नयँ पइमँऽ । हम तोहन्हीं तक पहुँच जइबउ !"
"कोशिश करके देख ले, गद्दार !"
"न तो खुद हम बेकार में अंदर अइबउ, आउ न अपन लोग के जान खतरा में डालबउ । हम तो बखार में आग लगा देवे के औडर देबउ आउ तब देखबउ कि तूँ की करऽ हीं, बेलागोर्स्क के दोन किख़ोते (Don Quixote) । अब तो दुपहर के भोजन के समय हो गेलउ । अभी लगी बैठ, आउ फुरसत में सोच । फेर भेंट होतइ, मारिया इवानोव्ना, अपने के सामने क्षमा नयँ माँगबइ - अपने के, शायद, अन्हरवा में अपन सूरमा के साथ ऊब महसूस नयँ होब करऽ होतइ ।"
श्वाब्रिन चल गेलइ आउ बखार भिर संतरी छोड़ गेलइ । हमन्हीं चुप रहलिअइ । हमन्हीं में से हरेक कोय खुद में विचारमग्न हलइ, अपन विचार दोसरा के सूचित करे के हिम्मत नयँ कर रहले हल । हम ऊ सब कुछ के कल्पना करब करऽ हलिअइ, जे क्रूर श्वाब्रिन हमन्हीं पर कर सके के स्थिति में हलइ । खुद के बारे हम लगभग कुछ नयँ चिंता कर रहलिए हल । की हम स्वीकार करिअइ ? अपन माता-पिता के भाग्य हमरा ओतना आतंकित नयँ कर रहले हल, जेतना मारिया इवानोव्ना के भाग्य । हम जानऽ हलिअइ कि माय के किसान आउ घर के नौकर-चाकर आदर करऽ हलइ, पिताजी भी, अपन कड़ाई के बावजूद, प्रिय हलथिन, काहेकि ऊ न्यायप्रिय हलथिन आउ अपन अधीनस्थ लोग के वास्तविक आवश्यकता के बारे जानऽ हलथिन । ओकन्हीं के विद्रोह एगो भ्रांति हलइ, क्षणिक नशा, न कि ओकन्हीं के क्रोध के अभिव्यक्ति । हियाँ परी दया संभव हलइ । लेकिन मारिया इवानोव्ना ? कइसन भाग्य ओकरा लगी ई दुराचारी आउ निर्लज्ज अदमी तैयार कइलके हल ? हम तो ई भयंकर विचार पर स्थिर रहे के हिम्मत नयँ कर पा रहलिए हल आउ भगमान हमरा क्षमा करे, हम ओकरा क्रूर शत्रु के हाथ में दोबारा देखे के अपेक्षा ओकरा पहिलहीं मार देवे लगी खुद के तैयार कर लेलिअइ ।
लगभग एक घंटा गुजर गेलइ । गाँव में नशा में धुत्त लोग के गीत सुनाय देब करऽ हलइ । हमन्हीं के संतरी लोग के ओकन्हीं से ईर्ष्या होवऽ हलइ, आउ हमन्हीं पर झुँझलइते हमन्हीं के कोस रहले हल आउ यातना आउ मौत से आतंकित करे के प्रयास करब करऽ हलइ । हमन्हीं श्वाब्रिन के धमकी के नतीजा के इंतजार कर रहलिए हल । आखिरकार प्रांगण में बड़गो चहल-पहल होवे लगलइ, आउ हमन्हीं के फेर से श्वाब्रिन के अवाज सुनाय देलकइ ।
"त तोहन्हीं सब सोच-विचार कर लेते गेलऽ ? की स्वेच्छा से खुद के हमर हाथ में हवाले करबऽ ?"
ओकरा कोय उत्तर नयँ देलकइ । थोड़े देर इंतजार कइला के बाद, श्वाब्रिन पोवार लावे लगी औडर देलकइ । कुछ मिनट के बाद आग भड़क उठलइ आउ अन्हार बखार प्रकाशित हो गेलइ आउ दहलीज के सूराक के निच्चे से धुआँ निकसे लगलइ । तब मारिया इवानोव्ना हमरा भिर अइलइ आउ हमर हाथ अपन हाथ में लेके धीरे से कहलकइ –
"बहुत हो गेलइ, प्योत्र अन्द्रेइच ! हमरा खातिर खुद के आउ माता-पिता के प्राण नयँ लेथिन । हमरा बाहर जाय देथिन । श्वाब्रिन हमर बात मान लेतइ ।"
"कउनो हालत में नयँ", हम गोस्सा में चीख उठलिअइ । "अपने जानऽ हथिन कि अपने के साथ की होवे वला हइ ?"
"बेइजती से हम जिंदा नयँ बच पइबइ", ऊ शांतिपूर्वक उत्तर देलकइ । "लेकिन, हो सकऽ हइ, कि हम अपन मुक्तिदाता आउ ऊ परिवार के बचा पइअइ, जे एतना उदारता से हमरा जइसन बेचारी अनाथ के शरण देलकइ। अलविदा, अन्द्रेय पित्रोविच । अलविदा, अवदोत्या वसील्येव्ना । अपने हमरा लगी उपकारकर्ता से कहीं अधिक हलथिन । हमरा आशीर्वाद देथिन । अपने के भी अलविदा, प्योत्र अन्द्रेइच । ई बात लगी आश्वस्त रहथिन, कि ... कि ..." हियाँ परी ऊ रो पड़लइ ... आउ अपन चेहरा हाथ से ढँक लेलकइ ... हम तो मानूँ पगलाऽ गेलिअइ । माय रो रहले हल ।
"बहुत बकवास हो गेलो, मारिया इवानोव्ना", हमर पिताजी बोललथिन । "केऽ तोरा अकेल्ले ऊ डाकू लोग भिर जाय देतो ! हियाँ परी चुपचाप बैठल रहऽ । अगर मरे के होतइ, त सब कोय साथे मरते जइबइ । सुनऽ तो, हुआँ परी आउ की बोलते जा हइ ?"
"की आत्म-समर्पण करे जा रहलऽ ह ?" श्वाब्रिन चीख रहले हल । "देखऽ हो ? पाँच मिनट के बाद तोहन्हीं के जराके राख कर देल जइतो ।"
"आत्म-समर्पण नयँ करते जइबउ, दुष्ट !" पिताजी ओकरा दृढ़ स्वर में कहलथिन । पिताजी के झुर्री से भरल चेहरा पर अद्भुत साहस के सजीवता हलइ, आँख उज्जर भौंह के निच्चे से भयंकर रूप से चमक रहले हल । आउ हमरा दने मुड़के कहलथिन - "अब समय हो गेलो ह !"
ऊ दरवाजा खोल देलथिन । आग के ज्वाला अंदर तरफ लपकलइ आउ शहतीर सब पर पहुँच गेलइ, जेकर दरार सब में सुक्खल काई गँस्सल हलइ । पिताजी पिस्तौल से फ़ायर कर देलथिन आउ "सब कोय हमरा पीछू!" चिल्लइते दहकइत दहलीज पार कर गेलथिन । हम माय आउ मारिया इवानोव्ना के हाथ पकड़ लेलिअइ आउ ओकन्हीं के तेजी से खुल्लल हावा में ले अइलिअइ । दहलीज पर श्वाब्रिन पड़ल हलइ, जे हमर पिताजी के कमजोर हाथ से फ़ायर कइला पर घायल हो गेले हल; हमन्हीं के अप्रत्याशित धावा से भाग खड़ी होल डाकू लोग के भीड़ तुरते साहस जुटा लेलकइ आउ हमन्हीं के घेरे लगलइ । हम तलवार के आउ कइएक वार करे में सफल हो गेलिअइ, लेकिन ठीक निशाना साधल एगो फेंकल अइँटा सीधे हमर छाती पर आके लगलइ । हम गिर पड़लिअइ आउ मिनट भर तक बेहोश रहलिअइ । होश में अइला पर हम खून से रंगल घास पर श्वाब्रिन के देखलिअइ, आउ ओकर सामने हमर पूरा परिवार हलइ । हमरा बाँह के सहारा देल हलइ । किसान, कज़ाक आउ बश्कीर लोग के भीड़ हमन्हीं के घेरले हलइ । श्वाब्रिन के चेहरा भयंकर रूप से पीयर पड़ल हलइ । एक हाथ से ऊ अपन घायल बगल के दाबले हलइ । ओकर चेहरा पीड़ा आउ क्रोध चित्रित कर रहले हल । ऊ धीरे-धीरे सिर उठइलकइ, हमरा दने तकलकइ आउ क्षीण एवं अस्पष्ट स्वर में बोललइ - "एकरा फाँसी दे दे  ... आउ सब के ... खाली ओकरा (ऊ लड़की के) छोड़के ..."
तुरते दुष्ट लोग के भीड़ हमन्हीं के घेर लेते गेलइ आउ चीखते घींचके फाटक दने ले गेलइ । लेकिन अचानक ओकन्हीं हमन्हीं के छोड़ देते गेलइ आउ तितर-बितर हो गेलइ; फाटक के अंदर घोड़ा पर सवार ज़ूरिन प्रवेश कइलकइ आउ ओकर पीछू-पीछू नंगा तलवार लेले पूरा अश्वारोही पलटन ।
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विद्रोही लोग चारो दने बिखर गेलइ; हुस्सार सब ओकन्हीं के पीछा कइलकइ, तलवार से काट गिरइलकइ आउ कैद कर लेते गेलइ । ज़ूरिन घोड़वा पर से उछलके निच्चे उतर गेलइ, पिताजी आउ माताजी के अभिवादन कइलकइ आउ हमरा साथ जोर से हाथ मिलइलकइ । "संयोगवश हम ठीक समय पर पहुँच गेलिअइ", ऊ हमन्हीं के कहलकइ । "ओह ! त ई हको तोर मंगेतर ।" मारिया इवानोव्ना के चेहरा कान तक लाल हो गेलइ । पिताजी ओकरा पास अइलथिन आउ हलाँकि द्रवीभूत होल, तइयो शांत मुद्रा में ओकरा धन्यवाद देलथिन । माय ओकरा गले लगा लेलकइ, आउ देवदूत-मुक्तिदाता कहके पुकरलकइ । "अपने के हमर घर में स्वागत हइ", पिताजी ओकरा कहलथिन आउ ओकरा हमन्हीं के घर दने लइलथिन ।
श्वाब्रिन भिर से होके गुजरते बखत ज़ूरिन रुक गेलइ । "ई केऽ हइ ?" घायल दने देखते ऊ पुछलकइ । "ई खुद नेता हइ, गिरोह के सरदार", पुराना फौजी हिअइ अइसन प्रकट करते जरी गर्व के साथ पिताजी उत्तर देलथिन, "भगमान जवान दुष्ट के दंड देवे आउ हमर बेटा के खून के बदला लेवे में हमर कमजोर हाथ के ई मदत कइलथिन।"
"ई श्वाब्रिन हइ", हम ज़ूरिन के बतइलिअइ ।
"श्वाब्रिन ! बहुत खुशी के बात हइ । हुस्सार लोग ! पकड़ लेते जा ओकरा ! आउ हमन्हीं के डाक्टर के कह दऽ कि ओकर घाव में मरहम-पट्टी कर देल जाय आउ आँख के तारा नियन ओकर देखभाल कइल जाय । श्वाब्रिन के कज़ान के गुप्त आयोग के सामने अनिवार्य रूप से प्रस्तुत कइल जाय के चाही । ई मुख्य अपराधी लोग में से एक हइ, आउ एकर गोवाही महत्त्वपूर्ण होवे के चाही ।"
श्वाब्रिन क्लांत आँख खोललकइ । ओकर चेहरा पर शारीरिक पीड़ा के अलावे आउ कुछ चित्रित नयँ हो रहले हल । हुस्सार लोग ओकरा बरसाती (रेनकोट) पर ढोके ले गेते गेलइ ।
हमन्हीं सब कमरा में प्रवेश कइलिअइ। अपन बचपन के बरिस आद करते आउ काँपते अपन चारो तरफ देख रहलिए हल । घर में कुछ नयँ बदलले हल, सब कुछ पहिलौके जगह पर हलइ । श्वाब्रिन एकरा लुट्टे नयँ देलके हल, अपन असीम पतन में भी अनादरणीय धनलोलुपता के प्रति स्वाभाविक घृणा बरकरार रखले हलइ । नौकर-चाकर लोग प्रवेश-कक्ष में प्रकट होते गेलइ । ओकन्हीं विद्रोह में भाग नयँ लेते गेले हल आउ हमन्हीं के मुक्ति से तहे दिल से खुशी मनइलकइ । सावेलिच विजयोल्लास में हलइ । ई बात जाने के चाही कि डाकू लोग के आक्रमण से पैदा होल घबराहट के बखत, ऊ अस्तबल में दौड़ल गेलइ, जाहाँ परी श्वाब्रिन के घोड़वा हलइ, ओकरा पर जीन कसलकइ, धीरे से ओकरा बाहर निकसलकइ आउ भगदड़ के अनुकूल वातावरण के चलते अगोचर रूप से घाट दने सरपट दौड़इते ले गेलइ । ओकरा रेजिमेंट से भेंट होलइ, जे वोल्गा के ई पार हो चुकल अराम कर रहले हल । ज़ूरिन ओकरा से हमन्हीं के बारे खतरा जानके सवार होवे आउ कूच करे के आदेश देलकइ, सरपट कूच करे के - आउ भगमान के किरपा से सरपट घोड़ा दौड़इते ठीक समय पर पहुँच गेते गेलइ।
ज़ूरिन ई बात के जिद कइलकइ कि ज़ेम्स्त्वा के मुखिया के सिर शराबखाना भिर कुछ घंटा तक खंभा पर टाँगके प्रदर्शित कइल जाय ।
हुस्सार सब कइएक लोग के बंदी बनाके अनुधावन (पीछा, pursuit) से वापिस आ गेते गेलइ । ओकन्हीं के ओहे बखार में ताला लगाके बंद कर देल गेलइ, जेकरा में हमन्हीं अपन स्मरणीय घेराबंदी के सामना करते गेलिए हल ।
हम सब में से हरेक कोय अपन-अपन कमरा में गेते गेलिअइ । वृद्ध लोग के अराम के जरूरत हलइ । रात भर सुत नयँ पावे के चलते हम पलंग पर पड़ गेलिअइ आउ गहरा नीन सुत गेलिअइ । ज़ूरिन अपन आदेश देवे लगी चल गेलइ ।
शाम में हमन्हीं अतिथि-कक्ष (ड्राइंग रूम) में समोवार बिजुन एकत्र होते गेलिअइ, आउ गुजर गेल खतरा के बारे खुशी-खुशी बातचीत करते रहलिअइ । मारिया इवानोव्ना चाय ढार रहले हल, हम ओकर बगल में बैठलिअइ आउ पूरा तरह से ओकरे में खो गेलिअइ ।
हमर माता-पिता, लगऽ हलइ, हमन्हीं के संबंध के स्नेहशीलता के अनुकूल भाव से देखऽ हलथिन । अभी तक ई शाम हमर स्मृतिपटल पर सजीव हइ । हम खुश हलिअइ, बिलकुल खुश, लेकिन मानव के अभागल जिनगी में की अइसन क्षण बहुत होवऽ हइ ?
दोसरा दिन पिताजी के सूचित कइल गेलइ कि किसान सब अपन गलती स्वीकार करे खातिर हवेली के प्रांगण में अइते गेले ह । पिताजी बहरसी ड्योढ़ी पर ओकन्हीं भिर अइलथिन । उनका अइतहीं मुझीक सब टेहुना के बल पड़ गेते गेलइ ।
"त बेवकूफो", ऊ ओकन्हीं से कहलथिन, "की सोचके विद्रोह करे के सोचते गेलहीं हल ?"
"दोषी हिअइ, मालिक", समवेत स्वर में ओकन्हीं उत्तर देलकइ ।
"एहे तो बात हइ, दोषी । शरारत करते जा हइ, आउ खुद्दे खुश नयँ होवऽ हइ । हम तोहन्हीं के ई खुशी लगी माफ करऽ हिअउ कि भगमान हमरा बेटा प्योत्र अन्द्रेयेविच से मिला देलका । खैर, पश्चात्ताप करे वला सिर के तलवार नयँ काटऽ हइ । दोषी ! निस्संदेह, दोषी हकहीं । भगमान निम्मन मौसम देलथिन हँ, सुक्खल घास काटके लावे के समय हो चुकले ह; आउ तोहन्हीं, बेवकूफ, पूरे तीन दिन तक की करते गेलहीं ? बराहिल ! हरेक अदमी के घास काटे खातिर भेज दे; आउ ई बात के ध्यान रख, लाल केश वला शैतान, कि संत इल्या के दिन तक सब घास टाल में समटाय जाय के चाही । जइते जो ।"
मुझीक सब झुकके अभिवादन कइलकइ आउ बेगारी करे लगी अइसे चल गेते गेलइ मानूँ कुछ होवे नयँ कइले हल । श्वाब्रिन के घाव घातक साबित नयँ होलइ । ओकरा गार्ड के अधीन कज़ान भेज देल गेलइ । हम खिड़की से ओकरा घोड़ा-गाड़ी में पाड़ल जाय जइते देखलिअइ । हमन्हीं के परस्पर नजर मिललइ, ऊ अपन मूड़ी गोत लेलकइ, आउ हम जल्दी से खिड़की भिर से दूर हट गेलिअइ । हमरा अइसन देखाय देवे से डर लगऽ हलइ कि दुश्मन के दुख आउ अपमान से हमरा खुशी होब करऽ हइ ।
ज़ूरिन के आउ आगू जाय के हलइ । अपन ई इच्छा के बावजूद कि हम कुछ दिन आउ परिवार के साथ रहूँ, हम ओकरा साथ जाय के निर्णय कइलिअइ । कूच करे के पूर्वसंध्या पर हम अपन माता-पिता के पास अइलिअइ आउ ऊ जमाना के रस्म के अनुसार उनकर गोड़ लगलिअइ आउ मारिया इवानोव्ना के साथ शादी करे लगी उनका आशीर्वाद देवे के अनुरोध कइलिअइ । बुजुर्ग लोग हमरा उठइलथिन आउ खुशी के अश्रु के साथ अपन सहमति व्यक्त कइलथिन । हम उनकर सामने पीयर होल आउ काँपते मारिया इवानोव्ना के लइलिअइ । हमन्हीं दुन्नु के आशीर्वाद देलथिन ... तखने हम की अनुभव कइलिअइ, एकर वर्णन करे के प्रयास नयँ करबइ । जे कोय हमरा नियन स्थिति से गुजरले होत, ऊ एकरा बेगर हमरा समझ जइतइ; आउ जे नयँ गुजरलइ, ओकरा पर हम खाली तरस खा सकऽ हिअइ आउ परामर्श दे सकऽ हिअइ कि जब तक अभियो समय हको, प्यार कर लऽ आउ माता-पिता से आशीर्वाद ले लऽ ।
दोसरा दिन रेजिमेंट (कूच करे लगी) तैयार हो गेलइ । ज़ूरिन हमर परिवार से विदा लेलकइ । हम सब्भे ई बात से आश्वस्त हलिअइ कि सैनिक कार्रवाई जल्दीए समाप्त हो जइतइ; एक महिन्ना में हम पति बन्ने के आशा कर रहलिए हल । मारिया इवानोव्ना, हमरा से विदा होते बखत, सबके सामने हमरा चुमलकइ । हम घोड़ा पर सवार हो गेलिअइ । सावेलिच फेर से हमर पीछू-पीछू अइलइ - आउ रेजिमेंट रवाना हो गेलइ ।
देर तक हम दूर से गाँव के घर दने तकते रहलिअइ, जेकरा हम फेर से छोड़के जाब करऽ हलिअइ । उदासी भरल पूर्वाभास हमरा चिंतित कर रहले हल । कोय तो हमर कान में फुसफुसाब करऽ हलइ कि हमर सब्भे दुर्भाग्य के अभी तक अंत नयँ होले हल । हमर दिल कोय नयका तूफान महसूस कर रहले हल । हम हमन्हीं के अभियान आउ पुगाचोव युद्ध के अंत के वर्णन करे के प्रयास नयँ करबइ । हमन्हीं पुगाचोव द्वारा तबाह कइल गाँव सब से गुजरलिअइ, आउ अनिच्छापूर्वक अभागल लोग से ऊ सब छीन लेलिअइ, जे ओकन्हीं के पास डाकू लोग छोड़ देलके हल ।
ओकन्हीं के मालुम नयँ हलइ कि केक्कर आदेश के पालन कइल जाय । शासन सगरो समाप्त हो गेले हल । जमींदार लोग जंगल में नुक गेते गेले हल । डाकू के गिरोह सगरो लूट-मार मचा रहले हल । अलग-अलग पलटन के अफसर, जेकन्हीं के ऊ बखत अस्त्रख़ान तरफ भाग रहल पुगाचोव के पीछा करे लगी भेजल गेले हल, मनमाना ढंग से दोषी आउ निर्दोष लोग के दंड देब करऽ हलइ ... जाहाँ कहीं आग भड़कल हलइ, ऊ सब इलाका के स्थिति भयंकर हलइ । भगमान नयँ करे कि अइसन विवेकहीन आउ क्रूर रूसी विद्रोह देखे पड़े । ऊ सब, जे हमन्हीं हीं असंभव क्रांति के प्लान बनइते जा हइ, खयँ तो नवयुवक हइ आउ हमन्हीं के जनता के नयँ जानऽ हइ, खयँ कठोर दिल वला हइ, जेकन्हीं लगी दोसर के सिर के कीमत एक चौथाई कोपेक हइ, आउ खुद के गरदन कोपेक भर के ।
इ(वान) इ(वानोविच) मिख़ेल्सोन द्वारा पीछा कइल जा रहल पुगाचोव भाग रहले हल । जल्दीए हमन्हीं के ओकर संपूर्ण हार के बारे पता चललइ । आखिरकार ज़ूरिन के अपन जेनरल से नकली सम्राट् के बंदी बना लेवल जाय के सूचना मिललइ, आउ एकरे साथ रुक जाय के आदेश भी । आखिरकार हमरा घर जाना संभव हो गेलइ । हम हर्षावेश में हलिअइ; लेकिन एगो विचित्र भावना हमर खुशी पर पानी फेर रहले हल ।
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Monday, September 11, 2017

रूसी उपन्यास - "कप्तान के बिटिया" ; अध्याय-14

अध्याय - 14
मोकदमा

संसार के अफवाह - समुद्र के लहर (जइसन) । [अर्थात् अफवाह दावानल नियन फैलऽ हइ ।]
--- कहावत
हमरा पक्का विश्वास हलइ कि हमर जे कुछ दोष हलइ ऊ ओरेनबुर्ग से स्वेच्छानुसार हमर अनुपस्थिति हलइ । हम असानी से अपन सफाई पेश कर सकऽ हलिअइ - घुड़सवार सैनिक के दुश्मन पर अचानक धावा बोलना (sally, sortie) नयँ खाली कभियो नयँ प्रतिबंधित कइल गेले हल, बल्कि एकर विपरीत आउ जोरदार ढंग से एकरा प्रोत्साहित कइल गेले हल । हमरा पर कुछ जादहीं उत्साह देखावे के दोष लगावल जा सकऽ हलइ, लेकिन अनुशासन भंग के नयँ । लेकिन पुगाचोव के साथ हमर मित्रतापूर्ण संबंध कइएक गोवाह द्वारा साबित कइल जा सकऽ हलइ आउ कम से कम बहुत संदेहजनक लग सकऽ हलइ । पूरे रस्ता भर अपेक्षित पूछताछ पर विचार करते रहलिअइ, आउ अपन उत्तर के बारे सोचते रहलिअइ आउ अदालत के सामने सब कुछ सच-सच बता देवे के निर्णय कइलिअइ, अपन सफाई के एहे तरीका सबसे सरल आउ साथ-साथ सबसे विश्वसनीय मानके ।
हम कज़ान पहुँचलिअइ, जे बरबाद आउ जलाके खाक कइल हलइ । गलियन में घर के स्थान पर राख आउ जल्लल वस्तु सब के ढेर हलइ आउ बिन छत आउ खिड़की के धुआँ से कार होल देवाल खड़ी हलइ । अइसन निशान हलइ पुगाचोव के छोड़ल ! हमरा एगो किला में लावल गेलइ, जे जलके खाक होल शहर के बीच पूरा सुरक्षित बच्चल हलइ । हुस्सार लोग हमरा गार्ड अफसर के सौंप देते गेलइ । ऊ एगो लोहार के बोलावे के औडर देलकइ । हमर गोड़ में बेड़ी डाल देल गेलइ आउ कीलक (rivet) से निम्मन से कस देल गेलइ । फेर हमरा जेल ले जाल गेलइ आउ एगो सकेत आउ अन्हार कोठरी में छोड़ देवल गेलइ, जेकरा में खाली देवाल आउ लोहा के जंगला लग्गल एगो छोटगर खिड़की हलइ ।
अइसन प्रारंभ हमरा लगी कइसनो निम्मन बात के पूर्वसूचना नयँ हलइ । लेकिन तइयो हम न तो साहस खोलिअइ आउ न आशा । हम सब दुखी लोग के सांत्वना (के मार्ग) के आश्रय लेलिअइ, आउ एगो पवित्र किंतु सतावल हृदय से पहिले तुरी प्रार्थना के माधुर्य के रसास्वादन करके, चैन के नीन सुत गेलिअइ, एकर बिन चिंता कइले कि हमरा साथ की होतइ ।
दोसरा दिन जेल के गार्ड हमरा जगइलकइ आउ बतइलकइ कि अन्वेषण आयोग में बोलावल गेले ह । दू सैनिक हमरा प्रांगण से होते कमांडर के घर ले गेलइ, प्रवेश-कक्ष में रुक गेते गेलइ आउ हमरा अकेल्ले कमरा के अंदर जाय देलकइ ।
हम एगो काफी बड़गर हॉल में प्रवेश कइलिअइ । कागज से ढँक्कल टेबुल के पीछू दू अदमी बैठल हलइ - एगो बुजुर्ग जेनरल, जे देखे में कठोर आउ रूखा लगऽ हलइ, आउ एगो नवयुवक कप्तान, करीब अठाइस बरिस के, देखे में बहुत मनोहर, व्यवहार में कुशल आउ निस्संकोच । खिड़की भिर एगो विशिष्ट टेबुल के पीछू एगो मुंशी बैठल हलइ, कान के पीछू कलम रखले, कागज पर झुक्कल आउ हमर बयान लिक्खे लगी तैयार । पूछताछ शुरू होलइ । हमर नाम आउ रैंक पुच्छल गेलइ । जेनरल पुछलकइ कि हम अन्द्रेय पित्रोविच ग्रिनेव के पुत्र तो नयँ हिअइ ? आउ हमर उत्तर पर कठोरता से कहलकइ - "अफसोस के बात हइ कि अइसन सम्माननीय व्यक्ति के अइसन नालायक बेटा हइ !" हम शांति से उत्तर देलिअइ कि हमरा पर कइसनो आरोप काहे नयँ लगावल गेले होत, हमरा आशा हइ कि सच्चाई के निश्छल व्याख्या से ओकरा गलत साबित कर देबइ । हमर आत्मविश्वास ओकरा पसीन नयँ पड़लइ । "तूँ तो, भाय, तेज हकऽ", नाक-भौं सिकोड़ते ऊ हमरा कहलकइ, "लेकिन हमन्हीं तोरा से जादे तेज लोग के देखलिए ह !"
तब नवयुवक हमरा पुछलकइ - कइसन परिस्थिति में आउ कब हम पुगाचोव के नौकरी कइलिअइ आउ कइसन काम ऊ हमरा सौंपलके हल ?
हम गोस्सा से उत्तर देलिअइ कि हम एगो अफसर आउ कुलीन होवे के हैसियत से पुगाचोव के कइसनो नौकरी नयँ कर सकऽ हलिअइ आउ ओकरा से कइसनो काम स्वीकार नयँ कर सकऽ हलिअइ ।
"त फेर कइसे", हमर प्रश्नकर्ता एतराज कइलकइ, "खाली एगो कुलीन आउ अफसर के नकली सम्राट् द्वारा बकस देल गेलइ, जबकि ओकर सब्भे साथी के निर्दयतापूर्वक हत्या कर देल गेलइ ? कइसे एहे अफसर आउ कुलीन विद्रोही लोग के साथ दावत उड़ावऽ हइ, बदमाश लोग के सरदार से फ़रकोट, घोड़ा आउ पचास कोपेक के उपहार स्वीकार करऽ हइ ? कइसे अइसन विचित्र मित्रता होलइ आउ कउची पर आधारित हलइ, अगर गद्दारी चाहे कम से कम कमीना आउ आपराधिक कायरता पर नयँ हलइ त ?"
गार्ड अफसर के शब्द से हमर दिल के बड़गो ठेस लगलइ आउ जोश के साथ अपन स्पष्टीकरण चालू कइलिअइ। हम बतइलिअइ कि बरफीला तूफान के बखत कइसे स्तेप में पुगाचोव के साथ हमर परिचय शुरू होलइ; कइसे बेलागोर्स्क किला के कब्जा कइला पर ऊ हमरा पछान लेलकइ आउ हमर जान बकस देलकइ । हम कहलिअइ कि ई सच हइ कि नकली सम्राट् से तुलूप आउ घोड़ा स्वीकार करे में हम लज्जा अनुभव नयँ कइलिअइ; लेकिन हम अंतिम हद तक दुष्ट के विरुद्ध किला के रक्षा कइलिअइ । आखिरकार हम अपन जेनरल के भी संदर्भ देलिअइ, जे ओरेनबुर्ग के विपत्तिजनक किलाबंदी के समय हमर उत्साह के गोवाही दे सकऽ हलथिन ।
कठोर बुजुर्ग टेबुल पर से खुल्लल पत्र उठा लेलकइ आउ ओकरा उच्च स्वर में पढ़े लगलइ –
"महामहिम के लेफ़्टेनेंट ग्रिनेव संबंधी पूछताछ के मामले में, जे मानूँ हाल के विद्रोह में शामिल हलइ आउ दुष्ट के साथ संबंध स्थापित कइलकइ, जे सैनिक सेवा में अनुचित आउ कर्तव्य शपथ के विरुद्ध हइ, हम सादर स्पष्ट करऽ हिअइ कि उपर्युक्त लेफ़्टेनेंट ग्रिनेव पिछले साल 1773 के अक्तूबर के प्रारंभ से वर्तमान वर्ष के 24 फरवरी तक ओरेनबुर्ग में सैनिक सेवा में हलइ, आउ ई तारीख के शहर से चल गेलइ आउ ऊ बखत से हमर कमांड में अभी तक ड्यूटी पर नयँ अइले ह । आउ भगोड़ा लोग से सुन्ने में अइले ह कि ऊ पुगाचोव के साथ बस्ती में हलइ आउ ओकरा साथ बेलागोर्स्क किला के यात्रा कइलकइ, जाहाँ परी ऊ पहिले सैनिक सेवा में रहले हल; जाहाँ तक ओकर आचरण के बात हइ, त हम कह सकऽ हिअइ कि ..."
हियाँ परी ऊ पत्र पढ़ना रोक देलकइ आउ हमरा कठोरतापूर्वक कहलकइ - "अब तोरा की कहना हको अपन सफाई में ?"
हम जइसे शुरू कइलिए हल ओइसीं बात जारी रक्खे जा रहलिए हल, आउ मारिया इवानोव्ना के साथ अपन संबंध के बारे ओइसीं निष्कपटता के साथ स्पष्ट करे जा रहलिए हल, जइसे कि बाकी सब । लेकिन अचानक हम अदम्य घृणा अनुभव कइलिअइ । हमर दिमाग में विचार अइलइ कि अगर ओकर नाम ले हिअइ, त आयोग ओकरा उत्तर देवे लगी बोलावे के माँग करतइ; आउ दुष्ट लोग के घटिया लांछन के साथ ओकर नाम जोड़े आउ खुद ओकरा ओकन्हीं के सामना करे लगी लावे के विचार - ई भयंकर विचार हमरा एतना सन्न कर देलकइ कि हम असमंजस आउ उलझन में पड़ गेलिअइ ।
हमर जज लोग, जे लगऽ हलइ कि हमर उत्तर के कुछ अनुकूल भाव के अनुसार सुन्ने लगी शुरुआत करते गेलथिन हल, अब हमर घबराहट देखके फेर से हमर विरुद्ध पूर्वाग्रहग्रस्त हो गेते गेलथिन । गार्ड अफसर माँग कइलकइ कि हमरा मुख्य रिपोर्टर (सूचना देवे वला, informer) के आमने-सामने खड़ी कइल जाय । जेनरल कल के दुष्ट के बोलावे के आज्ञा देलकइ । हम अपन अभियोक्ता (accuser) के प्रकट होवे के प्रतीक्षा में उत्सुकता से दरवाजा दने देखे लगलिअइ । कुछ मिनट के बाद बेड़ी खनखनइलइ, दरवाजा खुललइ, आउ अंदर अइलइ - श्वाब्रिन । हम ओकर बदलाव देखके अचंभित हो गेलिअइ । ऊ भयंकर रूप से दुबराल आउ पीयर पड़ल हलइ। ओकर केश, जे हाल तक राल नियन कार हलइ, अब एकदम उज्जर हो गेले हल; लमगर दाढ़ी ओझराल हलइ। ऊ अपन दोषारोपण (अभियोग) क्षीण, किंतु दृढ़ स्वर में दोहरइलकइ । ओकर कथनानुसार, हम पुगाचोव द्वारा ओरेनबुर्ग एगो गुप्तचर के रूप में भेजल गेलिए हल; रोज दिन हम अचानक धावा करऽ हलिअइ ताकि जे कुछ शहर में हो रहले हल ओकर लिखित रूप में सब समाचार दिअइ; कि आखिरकार हम खुलके नकली सम्राट् के तरफ हो गेलिअइ, ओकरा साथ हम एक किला से दोसरा किला जाय लगलिअइ, अपन साथी-गद्दार लोग के हर तरह से बरबाद करे के प्रयास करते ताकि ओकन्हीं के स्थान पर खुद आसीन हो जइअइ आउ नकली सम्राट् द्वारा देल गेल पुरस्कार के फयदा उठा सकिअइ । हम चुपचाप ओकर बयान सुनलिअइ आउ एक बात से खुश हलिअइ - ई कमीना दुष्ट मारिया इवानोव्ना के नाम नयँ लेलके हल, शायद ई कारण से कि ओकर आत्माभिमान के ओकरा बारे विचार से ठेस लगलइ, जे ओकरा तिरस्कारपूर्वक अस्वीकार कर देलके हल; चाहे ई कारण से कि ओकर दिल में ओहे भावना के चिनगारी छिप्पल हलइ, जे हमरो चुप रहे लगी बाध्य कर देलके हल - कारण चाहे जे रहइ, बेलागोर्स्क के किला के कमांडर के बेटी के नाम आयोग के सामने नयँ लेल गेलइ । हम अपन इरादा में आउ अधिक दृढ़ हो गेलिअइ, आउ जब जज लोग पुछलथिन कि हम श्वाब्रिन के बयान के कइसे खंडन कर सकऽ हिअइ, हम उत्तर देलिअइ कि  हम पहिलौका देल स्पष्टीकरण पर कायम हिअइ आउ अपन सफाई में आउ कुछ नयँ कह सकऽ हिअइ । जेनरल हमन्हीं के ले जाय के औडर देलकइ । हमन्हीं दुन्नु साथे निकसलिअइ । हम शांति से श्वाब्रिन पर नजर डललिअइ, लेकिन ओकरा से एक्को शब्द नयँ बोललिअइ । ऊ द्वेष भरल मुसकान मुसकइलइ आउ अपन बेड़ी उठाके हमरा से आगू बढ़ गेलइ आउ अपन कदम के गति तेज कर देलकइ । हमरा फेर से जेल में ले जाल गेलइ आउ तखने से फेर कोय पूछताछ खातिर नयँ बोलावल गेलइ।
हम ऊ सब घटना के साक्षी नयँ हलिअइ, जेकरा बारे हमरा पाठक के बतावे के बाकी हइ; लेकिन हम एतना अकसर एकरा बारे कइएक कहानी सुनलिए ह कि छोटगर से छोटगर विवरण हमर स्मृतिपटल पर अंकित हो गेलइ आउ हमरा लगऽ हइ, जइसे अगोचर रूप से ई सब घटना के हम साक्षी हलिअइ ।
मारिया इवानोव्ना के हमर माता-पिता ओइसने हार्दिक स्वागत कइलथिन, जे पुरनका जमाना में लोग के विशिष्ट लक्षण हलइ । उनका एकरा में भगमान के आशीर्वाद देखाय देलकइ कि उनका एगो बेचारी अनाथ के शरण आउ स्नेह देवे के अवसर मिललइ । जल्दीए उनकर ओकरा प्रति हृदय से लगाव हो गेलइ, काहेकि ई संभव नयँ हलइ कि ओकरा जानला-पछानला के बाद ओकरा से प्यार नयँ कइल जाय । हमर प्यार अब पिताजी के खाली एगो सनक मात्र नयँ लगऽ हलइ; आउ माय तो खाली एहे चाहऽ हलइ कि ओकर पित्रुशा कप्तान के प्रिय बेटी से शादी कर लेइ ।
हमर गिरफ्तारी के खबर हमर पूरे परिवार के हैरत में डाल देलकइ । मारिया इवानोव्ना पुगाचोव के साथ हमर विचित्र परिचय के बारे हमर माता-पिता के अइसन सरल तरीका से बतइलकइ कि एकरा से उनका नयँ खाली कोय चिंता नयँ होलइ, बल्कि अकसर उनका तहे दिल से हँस्से लगी भी मजबूर कर देलकइ । पिताजी ई बात के विश्वास नयँ करे लगी चाहऽ हलथिन कि हमरा ऊ नीचतापूर्ण विद्रोह से कुछ लेना-देना हलइ, जेकर उद्देश्य हलइ राजसिंहासन के तख्तापलट करे आउ कुलीन लोग के नाश करे के । ऊ कड़ाई से सावेलिच से पूछताछ कइलथिन । हमर प्राथमिक शिक्षक ई बात के नयँ छिपइलकइ कि छोटे मालिक इमिल्यान पुगाचोव के हियाँ अतिथि के रूप में भेंट कइलथिन हल आउ दुष्ट उनका वास्तव में स्वागत कइलके हल; लेकिन कसम खइलकइ कि ऊ कइसनो गद्दारी के बारे में नयँ सुनलके हल । वृद्ध लोग (माता-पिता) शांत हो गेलथिन आउ अधीरतापूर्वक कोय निम्मन समाचार सुन्ने के इंतजार करे लगलथिन । मारिया इवानोव्ना अत्यंत चिंतित हलइ, लेकिन चुप हलइ, काहेकि ओकरा में नम्रता आउ सावधानी के चरम सीमा तक गुणसंपन्नता हलइ ।
कुछ सप्ताह गुजर गेलइ ... अचानक पिताजी के पितिरबुर्ग से हमन्हीं के रिश्तेदार राजुकमार बी॰॰ से एगो पत्र मिललइ । राजकुमार उनका हमरा बारे लिखलथिन हल । सामान्य भूमिका के बाद ऊ उनका सूचित कइलथिन कि विद्रोही लोग के प्लान में हमर सहभागिता से संबंधित संशय, दुर्भाग्यवश, बहुत ठोस सिद्ध होलइ, आउ उदाहरणात्मक दंड हमरा देल जाय के चाही हल, लेकिन साम्राज्ञी, पिता के सेवा आउ बुढ़ापा के सम्मान के कारण, अपराधी पुत्र पर दया करे, आउ ओकर शरमनाक दंड देवे के बजाय खाली साइबेरिया के दूरस्थ क्षेत्र में स्थायी प्रवास पर भेजे के निर्णय कइलथिन हँ ।
ई अप्रत्याशित आघात हमर पिताजी के तो लगभग प्राणे ले लेलकइ । ऊ अपन सामान्य दृढ़ता खो देलथिन, आउ उनकर शोक (सामान्यतः मूक) कटु शिकायत सब में फूट पड़इ । "की !" ऊ अपन आपा खोके दोहराथिन, "हमर बेटा पुगाचोव के प्लान में भाग लेलकइ ! हे भगमान, की देखे लगी हम एतना दिन तक जीलूँ ! साम्राज्ञी ओकरा प्राणदंड से बचावऽ हथिन ! की एकरा से हमर दुख कम हो जा हइ ? प्राणदंड भयानक नयँ हइ - हमर एक पूर्वज टिकठी पर मर गेलथिन, ऊ चीज के रक्षा करते जेकरा उनकर अंतःकरण पवित्र मानऽ हलइ; हमर पिताजी वोलिन्स्की आउ ख़्रुश्शेव [60] के साथे-साथ शहीद हो गेलथिन हल । लेकिन कुलीन अपन शपथ के तोड़ दे; डाकू, हत्यारा, भगोड़ा भूदास लोग के साथ मिल जाय ! ... ई तो हमन्हीं के कुल के लज्जा आउ बदनामी के बात हइ !" पिताजी के हताशा से भयभीत माय उनकर सामने रोवे के हिम्मत नयँ कर पावऽ हलइ आउ ई कहके कि अफवाह झूठ हइ, लोग के विचार चंचल हइ, उनकर हौसला वापिस लावे के प्रयास करऽ हलइ । लेकिन हमर पिताजी के चैन नयँ मिललइ ।
मारिया इवानोव्ना सबसे जादे यातना सह रहले हल । ई बात से आश्वस्त होल, कि हम जब कभी चाहिअइ, खुद के निर्दोष सिद्ध कर सकऽ हलिअइ, ऊ सच्चाई के अनुमान लगा रहले हल आउ खुद के हमर दुर्भाग्य के दोषी मान रहले हल । ऊ सबसे अपन आँसू आउ तकलीफ के छिपावइ आउ एहे दौरान हमरा बचावे लगी लगातार उपाय सोचते रहइ ।
एक दिन साँझ के पिताजी सोफा पर बैठल कोर्ट कैलेंडर के पन्ना उलटब करऽ हलथिन; लेकिन उनकर विचार दूर के चक्कर काटब करऽ हलइ, आउ ई कैलेंडर के पढ़ते बखत उनका पर हमेशे नियन के प्रभाव नयँ उत्पन्न हो रहले हल । ऊ सेना के कूच करे वला एगो पुराना धुन पर सीटी बजाब करऽ हलथिन । माय चुपचाप एगो ऊनी स्वेटर बुन रहले हल, आउ कभी-कभार आँसू के बूँद ओकरा (स्वेटर) पर टपक पड़ऽ हलइ । अचानक मारिया इवानोव्ना, जे ओज्जी परी अपन काम में बैठल हलइ, ई घोषणा कइलकइ कि एगो आवश्यक काम ओकरा पितिरबुर्ग जाय लगी बाध्य करऽ हइ आउ प्रस्थान करे के साधन के ओकरा लगी व्यवस्था करे खातिर निवेदन करऽ हइ । माय बहुत दुखी हो गेलइ । "की जरूरत हको तोरा पितिरबुर्ग जाय के ?" ऊ कहलकइ । "कहीं ई बात तो नयँ, मारिया इवानोव्ना कि तूहूँ हमन्हीं के त्याग देवे लगी चाहऽ हकऽ ?" मारिया इवानोव्ना उत्तर देलकइ कि ओकर पूरा भावी जीवन ई यात्रा पर निर्भर हइ, कि अपन निष्ठा के खातिर शहीद होल एगो व्यक्ति के बेटी होवे के हैसियत से ऊ प्रभावशाली लोग के संरक्षण आउ सहायता प्राप्त करे लगी जाब करऽ हइ।
हमर पिताजी सिर झुका लेलथिन - बेटा के सही मान लेल गेल (supposed) अपराध के आद देलावे वला हरेक शब्द उनका पर भारी हलइ आउ तीक्ष्ण तिरस्कार प्रतीत होवऽ हलइ । "जा, दुलारी !" आह भरते ऊ ओकरा कहलथिन । "हम सब तोर खुशी में बाधा नयँ डाले लगी चाहऽ हियो । भगमान तोरा पति के रूप में एगो निम्मन व्यक्ति दे, कोय बदनाम गद्दार नयँ ।" ऊ खड़ी हो गेलथिन आउ कमरा के बाहर हो गेलथिन ।
मारिया इवानोव्ना, माय के साथ अकेल्ले रह गेला पर, आंशिक रूप से ओकरा अपन प्लान समझइलकइ । माय अश्रु बहइते ओकरा गले से लगा लेलकइ आउ ओकर प्लान के अनुकूल परिणाम खातिर भगमान से प्रार्थना कइलकइ । मारिया इवानोव्ना के यात्रा के तैयारी कइल गेलइ आउ कुछ दिन के बाद विश्वसनीय पलाशा आउ विश्वसनीय सावेलिच के साथ, जे हमरा से बलपूर्वक अलग कइल, कम से कम ई बात से खुद के तसल्ली दे हलइ कि हमर भावी पत्नी के सेवा करब करऽ हइ, प्रस्थान कर गेलइ ।
मारिया इवानोव्ना सकुशल सोफ़िया पहुँच गेलइ, आउ डाक स्टेशन में ई जानकारी पाके कि ऊ बखत कोर्ट त्सार्स्कए सेलो [61] में हलइ, हुएँ ठहर जाय के निर्णय कइलकइ । ओकरा परदा (partition) के पीछू एक कोना ठहरे लगी दे देल गेलइ । स्टेशन मास्टर के पत्नी तुरतम्मे ओकरा साथ बतियाय लगलइ, आउ बतइलकइ कि ऊ दरबार (कोर्ट) के स्टोकर (आगवाला) के भतीजी हइ, आउ ऊ ओकरा कोर्ट के जीवन के सब रहस्य के जानकारी दे देलकइ । ऊ बतइलकइ कि केतना बजे साम्राज्ञी साधारणतः जागऽ हलथिन, कॉफी पीयऽ हलथिन, टहले लगी जा हलथिन; कइसन दरबारी लोग तखने उनका साथ रहऽ हलइ; पिछले दिन भोजन के मेज पर ऊ की-की बोललथिन हल, शाम के केकरा से भेंट कइलथिन हल - एक शब्द में, आन्ना व्लास्येव्ना के बातचीत ऐतिहासिक संस्मरण के कइएक पृष्ठ के बराबर हलइ आउ भावी पीढ़ी लगी बहुमूल्य हलइ । मारिया इवानोव्ना ओकर बात ध्यान से सुनलकइ । ओकन्हीं बाग में गेते गेलइ । आन्ना व्लास्येव्ना हरेक वीथि (alley) आउ हरेक छोटकुन्ना पुल के इतिहास बतइलकइ, आउ जी भरके टहल लेला के बाद ओकन्हीं एक दोसरा से बहुत प्रसन्न होल वापिस स्टेशन आ गेते गेलइ ।
दोसरा दिन मारिया इवानोव्ना जल्दीए सुबह जग गेलइ, पोशाक पेन्हलकइ आउ शांतिपूर्वक बाग में चल गेलइ। सुबह बहुत सुहावना हलइ, सूरज पतझड़ के ताजा साँस से पीयर पड़ चुकल लिंडेन (लाइम) वृक्ष सब के फुलंगी धूप में चमक रहले हल । चौड़गर झील निश्चल चमचमा रहले हल । जाग चुकल हंस सब, तट के उपरे लटकल झाड़ी सब के निच्चे से शान से पैर रहले हल । मारिया इवानोव्ना ऊ मनोहर चारागाह के आसपास टहल रहले हल, जाहाँ परी काउंट प्योत्र अलिक्सांद्रोविच रुम्यान्त्सेव के हाल के विजय [62] के सम्मान में अभी-अभी स्मारक स्थापित कइल गेले हल । अचानक अंग्रेजी नस्ल के एगो उज्जर कुत्ता भुँक्के लगलइ आउ ओकरा दने दौड़ते अइलइ । मारिया इवानोव्ना डर गेलइ आउ रुक गेलइ । ठीक एहे समय एगो महिला के मधुर स्वर सुनाय पड़लइ - "डरथिन नयँ, ई नयँ काटतइ ।" आउ मारिया इवानोव्ना के एगो महिला पर नजर पड़लइ, जे स्मारक के सामने एगो बेंच पर बैठल हलइ । मारिया इवानोव्ना बेंच के दोसरा किनारा पर बैठ गेलइ । महिला ओकरा दने एकटक देखब करऽ हलइ; आउ मारिया इवानोव्ना अपना तरफ से कनखियाके कुछ नजर डालके ओकरा आपादमस्तक निम्मन से देख लेलकइ । ऊ उज्जर प्रातःकालीन पोशाक, रात्रि टोपी आउ जैकेट धारण कइले हलइ । ओकर उमर कोय चालीस साल के लग रहले हल । ओकर उभरल (plump) आउ लाल-लाल चेहरा पर रोब आउ शांति व्यक्त हो रहले हल, आउ नीला-नीला आँख आउ मंद-मंद मुसकान में अनिर्वचनीय (inexpressible) आकर्षण शक्ति हलइ । महिला चुप्पी के पहिले तोड़लकइ ।
"अपने, शायद, हियाँ के नयँ हथिन ?" ऊ कहलकइ ।
"जी, बिलकुल सही । हम कल्हिएँ प्रान्त से अइलिए ह ।"
"अपने अपन माता-पिता के साथे अइलथिन हँ ?"
"जी नयँ । हम अकेल्ले अइलिए ह ।"
"अकेल्ले ! लेकिन अपने तो अभियो एतना कम उमर के हथिन ।"
"हमरा न तो पिता हथिन, न माता ।"
"अपने हियाँ, निस्संदेह, कोय तो काम से अइलथिन होत ?"
"जी, बिलकुल सही । हम साम्राज्ञी के याचिका दायर करे लगी अइलिए ह ।"
"अपने अनाथ हथिन । शायद अपने अन्याय आउ अपमान के विरुद्ध शिकायत करे लगी चाहऽ हथिन ?"
"जी नयँ । हम दया लगी निवेदन करे अइलिए ह, न्याय लगी नयँ ।"
"की हम पूछ सकऽ हिअइ कि अपने केऽ हथिन ?"
"हम कप्तान मिरोनोव के बेटी हिअइ ।"
"कप्तान मिरोनोव के ? ओहे मिरोनोव के, जे ओरेनबुर्ग के एक किला के कमांडर हलथिन ?"
"जी, बिलकुल सही ।"
महिला, लगलइ, कि द्रवित हो उठले हल ।
"हमरा क्षमा करथिन", ऊ हमरा आउ अधिक मधुर स्वर में कहलथिन, "अगर हम अपने के मामले में दखल देब करऽ हिअइ; लेकिन हम कोर्ट में अइते-जइते रहऽ हिअइ; हमरा स्पष्ट करथिन कि अपने के याचिका कउची से संबंधित हइ, आउ संभव हइ, कि हमरा अपने के सहायता करे में सफलता मिल जाय ।"
मारिया इवानोव्ना खड़ी हो गेलइ आउ ओकरा आदरपूर्वक धन्यवाद देलकइ । ई अनजान महिला के सब कुछ ओकर हृदय के सहज भाव से (spontaneously) आकृष्ट कर ले हलइ आउ विश्वास पैदा करऽ हलइ । मारिया इवानोव्ना अपन जेब से तह कइल कागज निकसलकइ आउ ऊ अनजान अपन संरक्षिका के सौंप देलकइ, जे मने-मन ओकरा पढ़े लगलइ ।
शुरू-शुरू में ऊ ध्यान आउ सहानुभूति भरल मुद्रा में पढ़ रहले हल, लेकिन अचानक ओकर चेहरा के रंगत बदल गेलइ - आउ मारिया इवानोव्ना, जे ओकर सब्भे भाव-भंगिमा के देख रहले हल, ई चेहरा के कठोर भाव से भयभीत हो गेलइ, जे कुछ कुछ देर पहिले एतना मनोहर आउ शांत हलइ ।
"त अपने ग्रिनेव लगी याचिका दायर करे लगी चाहऽ हथिन ?" महिला भावशून्य मुद्रा में कहलकइ । "साम्राज्ञी ओकरा क्षमा नयँ कर सकऽ हथिन । ऊ अज्ञानता आउ भोलापन से नकली सम्राट् के साथ नयँ देलकइ, बल्कि एगो अनैतिक आउ हानिकारक दुष्ट नियन ।"
"ओह, ई सच नयँ हइ !" मारिया इवानोव्ना चीख उठलइ ।
"ई कइसे सच नयँ हइ !" पूरा तमतमाल महिला एतराज कइलकइ ।
"ई सच नयँ हइ, भगमान कसम, ई सच नयँ हइ ! हमरा सब कुछ मालुम हइ, हम सब कुछ अपने के बतइबइ। ऊ खाली हमरा खातिर सब कुछ भुगतलथिन, जे कुछ विपत्ति उनका पर अइलइ । आउ अगर जज लोग के सामने सफाई नयँ देलथिन, त वास्तव में खाली ई चलते, कि ऊ हमरा ई मामले में फँसावे लगी नयँ चाहऽ हलथिन ।" हियाँ परी ऊ उत्साह के साथ सब कुछ बतइलकइ, जे हमर पाठक के पहिलहीं से मालुम हइ ।
महिला ओकर बात ध्यान से सुनलकइ । "काहाँ अपने ठहरलथिन हँ ?" ऊ बाद में पुछलकइ; आउ ई सुनके कि आन्ना व्लास्येव्ना के हियाँ, त मुसकइते आगू बोललइ - "अच्छऽ, हमरा मालुम हइ । अलविदा, केकरो हमन्हीं के ई भेंट के बारे नयँ बतइथिन । हमरा आशा हइ, कि अपने के अपन पत्र के उत्तर लगी जादे देर प्रतीक्षा नयँ करे पड़तइ ।"
एतना कहके ऊ उठ गेलइ आउ आच्छादित वीथि (covered alley) में प्रवेश कर गेलइ, आउ मारिया इवानोव्ना खुशी भरल आशा के साथ आन्ना व्लास्येव्ना के हियाँ वापिस आ गेलइ ।
ओकर मकान मालकिन (hostess) ओकरा पतझड़ (autumn) में एतना जल्दी टहले लगी जाय खातिर बात सुनइलकइ, जे ओकर शब्द के अनुसार, एगो जवान लड़की के स्वास्थ्य लगी हानिकारक हलइ । ऊ समोवार ले अइलइ आउ चाय के चुस्की लेते कोर्ट के बारे अपन अंतहीन किस्सा-कहानी चालू करहीं वली हलइ कि अचानक एगो कोर्ट के करेता (घोड़ागाड़ी) ड्योढ़ी पर आके रुकलइ, आउ शाही नौकर प्रवेश करके सूचित कइलकइ कि साम्राज्ञी अपन पास सुश्री मिरोनोवा के आमंत्रित करे के किरपा कइलथिन हँ । आन्ना व्लास्येव्ना आश्चर्चकित हो गेलइ आउ दौड़-धूप करे लगलइ । "हे भगमान !" ऊ चिल्ला उठलइ । "साम्राज्ञी अपने के कोर्ट में बोलाब करऽ हथिन । कइसे उनका अपने के बारे पता चललइ ? लेकिन कइसे अपने, दुलारी, साम्राज्ञी के सामने जइथिन? अपने के तो, हमरा लगऽ हइ, दरबारी शिष्टाचार भी नयँ मालुम ... की हम अपने के साथे चलिअइ? तइयो हम अपने के कम से कम कोय चीज के बारे आगाह तो कर सकऽ हिअइ । आउ अपने यात्रा के पोशाक में कइसे जइथिन ? की दाई (midwife) के हियाँ से पियरका रोब्रौँद [robe ronde - (फ्रेंच) औरतानी पोशाक जेकरा में क्रिनोलिन (crinoline - कड़ा कइल चाहे छल्लेदार पेटिकोट जे पेन्हला पर बाहर दने लमगर स्कर्ट बन जा हइ) लगावल रहऽ हइ] नयँ मँगवा लेल जाय ?" शाही नौकर बतइलकइ कि साम्राज्ञी के इच्छा हलइ कि मारिया इवानोव्ना अकेल्ले आउ जे पोशाक में हथिन ओकरे में चलथिन । कुछ नयँ कइल जा सकऽ हलइ - मारिया इवानोव्ना करेता में बैठ गेलइ आउ आन्ना व्लास्येव्ना के सलाह आउ आशीर्वाद के साथ राजमहल लगी प्रस्थान कर गेलइ ।
मारिया इवानोव्ना के हमन्हीं के भाग्य के निर्णय के पूर्वाभास हो रहले हल; ओकर दिल कभी जोर से धक्-धक् करइ त कभी बैठ जाय । कुछ मिनट के बाद करेता राजमहल के पास खड़ी होलइ । मारिया इवानोव्ना कँपते ज़ीना चढ़े लगलइ । ओकर सामने के दरवाजा पूरा खुल गेलइ । ऊ खाली आउ शानदार कमरा सब के एगो लमगर कतार से होके गुजरलइ; शाही नौकर रस्ता देखइते जा हलइ । आखिरकार, एगो बंद दरवाजा भिर पहुँचला पर ऊ बतइलकइ कि अभी अंदर जाके उनकर आवे के रिपोर्ट करतइ आउ ओकरा अकेल्ले छोड़ देलकइ।
साम्राज्ञी के आमने-सामने देखे के विचार ओकरा एतना भयभीत कर रहले हल कि ऊ मोसकिल से अपन गोड़ पर खड़ी हो पा रहले हल । एक मिनट के बाद दरवाजा खुललइ, आउ ऊ साम्राज्ञी के शृंगार-कक्ष में प्रवेश कइलकइ ।
साम्राज्ञी अपन शृंगार के टेबुल भिर बैठल हलथिन । कइएक दरबारी लोग उनका घेरले हलइ आउ आदरपूर्वक मारिया इवानोव्ना के रस्ता दे देते गेलइ । साम्राज्ञी ओकरा प्यार से संबोधित कइलथिन, आउ मारिया इवानोव्ना ऊ महिला के पछान लेलकइ जेकरा सामने एतना खुलके कुछ समय पहिले अपन बात रखलके हल । साम्राज्ञी ओकरा आउ पास बोलइलथिन आउ मुसकइते कहलथिन - "हमरा ई बात के खुशी हइ कि हम अपने के देल वचन के पालन कर सकलिअइ  आउ अपने के याचिका के पूरा कइलिअइ । अपने के मामला के निपटारा हो गेलइ । हमरा अपने के मंगेतर के निर्दोषता पर पक्का विश्वास हइ । अइकी ई पत्र हइ, जेकरा खुद्दे अपन भावी श्वसुर तक पहुँचावे के कष्ट करथिन ।"
मारिया इवानोव्ना अपन काँपते हाथ से पत्र ले लेलकइ, आउ रोते-रोते साम्राज्ञी के गोड़ पर गिर पड़लइ, जे ओकरा उठाके चूम लेलथिन । साम्राज्ञी ओकरा साथ बातचीत करे लगलथिन । "हम जानऽ हिअइ कि अपने धनी नयँ हथिन", ऊ कहलथिन, "लेकिन हम कप्तान मिरोनोव के बेटी के सामने कर्जदार हिअइ । अपन भविष्य के चिंता नयँ करथिन । हम अपने के कल्याण के भार अपन उपरे ले हिअइ ।"
बेचारी अनाथ लड़की के दुलारके साम्राज्ञी ओकरा विदा कइलथिन । मारिया इवानोव्ना ओहे करेता में सवार होके रवाना होलइ । आन्ना व्लास्येव्ना, जे ओकर लौटे के अधीरतापूर्वक प्रतीक्षा कर रहले हल, ओकरा पर प्रश्न के झड़ी लगा देलकइ, जेकर मारिया इवानोव्ना कइसूँ उत्तर देलकइ । आन्ना व्लास्येव्ना ओकर अइसन विस्मरणशीलता से हलाँकि असंतुष्ट हलइ, ऊ एकरा प्रांतीय संकोच मानके उदारतापूर्वक क्षमा कर देलकइ । ओहे दिन मारिया इवानोव्ना, पितिरबुर्ग देखे लगी बिन कोय उत्सुकता के, वापिस गाँव रवाना हो गेलइ ...
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हियाँ परी प्योत्र अन्द्रेयेविच ग्रिनेव के संस्मरण समाप्त हो जा हइ । पारिवारिक परंपरा से ई पता चलऽ हइ कि सन् 1774 के अंत तक शाही आदेश के अनुसार ओकरा जेल से मुक्त कर देल गेलइ; कि ऊ पुगाचोव के प्राणदंड के बखत उपस्थित हलइ, जे ओकरा भीड़ में पछान लेलकइ आउ ओकरा दने अपन सिर हिलइलकइ, जेकरा एक मिनट बाद मरल आउ खून से लथपथ हालत में लोग के सामने देखावल गेलइ । बाद में जल्दीए प्योत्र अन्द्रेइच मारिया इवानोव्ना के साथ शादी कर लेलकइ । ओकन्हीं के वंशज सिम्बिर्स्क प्रांत में फल-फूल रहले ह । *** से तीस विर्स्ता दूर एगो गाँव हइ, जेकर दस जमींदार लोग मालिक हइ । हुआँ हवेली के एक विंग में एकातेरिना द्वितीय (Catherine-II) के हाथ के लिक्खल, काँच आउ फ्रेम में जड़ल, पत्र रक्खल हइ । ई पत्र प्योत्र अन्द्रेयेविच के पिता के नाम हइ आउ एकरा में उनकर पुत्र के दोषमुक्ति के बात हइ आउ कप्तान मिरोनोव के बेटी के बुद्धि आउ साहस के प्रशंसा हइ । प्योत्र अन्द्रेयेविच ग्रिनेव के पांडुलिपि हमरा ओकर एक पौत्र से प्राप्त होले हल, जेकरा मालुम चललइ कि हम ऊ जमाना के शोध-कार्य में व्यस्त हिअइ, जेकर चर्चा उनकर बाबा (दादा) कइलथिन हँ । रिश्तेदार लोग के अनुमति से हम, हरेक अध्याय खातिर उचित आदर्श वाक्य खोजके आउ कुछ व्यक्तिवाचक नाम के परिवर्तन करे के स्वतंत्रता लेके, एकरा पृथक् रूप से प्रकाशित करे के निर्णय कइलिअइ।
प्रकाशक
19 अक्तूबर 1836

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