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Tuesday, June 25, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 6. स्पास्कयऽ पोलेस्त - भाग 2


स्पास्कयऽ पोलेस्त - भाग 2
[*61] हम कल्पना कइलिअइ कि हम त्सार (रूसी सम्राट्), शाह, ख़ान, राजा, बेय[1], नवाब, सुलतान, अथवा सिंहासनासीन अइसने उपाधि वला कोय प्रशासक हिअइ।
हमर सिंहासन शुद्ध स्वर्ण के हलइ, आउ चतुराई से विभिन्न तरह के रंगीन बेशकीमती पत्थर से जड़ल हलइ, देदीप्यमान चमक रहले हल । हमर पोशाक के चमक से कुच्छो के तुलना नञ् हो सकऽ हलइ । हमर सिर जयपत्र (laurel) के माला से सज्जित हलइ । हमर चारो दने हमर शासन के राजचिह्न प्रदर्शित हो रहले हल । हियाँ परी चानी में ढालल एगो स्तम्भ पर तलवार पड़ल हलइ, जेकरा पर चित्रित हलइ - समुद्र आउ स्थल पर के संग्राम, शहर के कब्जा आउ अइसने तरह के दृश्य; ई सब उपलब्धि पर मँड़रा रहल कीर्ति के प्रतिभा से वहन कइल जाल, उपरे में सगरो हमर नाम दृश्यमान हलइ । हिएँ परी दृश्यमान हलइ हमर राजदंड (sceptre), जे शुद्ध स्वर्ण से ढालल आउ प्रकृति के पूर्ण रूप से अनुकरण कर रहल अनाज के प्रचुर बाल के बोझा पर टिक्कल हलइ । [*62] एगो तराजू एक ठो दृढ़ दंड से टँगल हलइ । तराजू के एक पलड़ा में एगो पुस्तक पड़ल हलइ जेकर शीर्षक हलइ - "दया के कानून"; दोसर पुस्तक के शीर्षक हलइ "अंतःकरण के कानून"। उज्जर संगमरमर में नक्काशी कइल डैना वला बुतरुअन, पत्थल के एक्के शिला पर उत्कीर्ण कइल देर्झावा[2] पकड़ले हलइ। हमर ताज सबसे उपरे हलइ आउ एगो बलशाली राक्षस के कन्हा पर टिक्कल हलइ आउ ओकर किनारा सत्य से टिक्कल हलइ ।  चमकदार इस्पात से तपाके गढ़ल (forged) एगो बड़गो साइज के साँप हमर सिंहासन के  पायदान के चारो दने लपेटल हलइ, आउ पूँछ के आखरी हिस्सा के अपन ग्रसनी (pharynx) में धइले शाश्वतता के निरूपित करऽ हलइ ।
खाली ई निर्जीव चित्रण हमर शक्ति आउ प्रभुत्व घोषित करऽ हलइ । नम्र ताबेदारी के साथ आउ हमर दृष्टि प्राप्त करे के आकांक्षी सरकारी अधिकारी (state officilals) हमर सिंहासन के चारो दने खड़ी हलइ । हमर सिंहासन से कुछ दूरी पर अनगिनत लोग के भीड़ हलइ, जेकर [*63] विविध पोशाक, चेहरा-मोहरा, रूप, आकृति आउ काठी ओकन्हीं के जनजाति (race) के विविधता दर्शावऽ हलइ । ओकन्हीं के चिंताकुल चुप्पी हमरा आश्वस्त कर देलकइ कि ओकन्हीं सब्भे हमर इच्छाधीन हइ । बगल में, थोड़े सन उँचगर जगह पर, बड़गो संख्या में शानदार पोशाक में महिला सब खड़ी हलइ । ओकन्हीं के दृष्टि हमरा देखे लगी प्रसन्नता अभिव्यक्त कर रहले हल, आउ ओकन्हीं के इच्छा हमर इच्छा, अगर कहीं पैदा होवे तो ओकर पूर्वानुमान लगावे के प्रयास कर रहले हल ।
दरबार में घोर सन्नाटा छाल हलइ; लगऽ हलइ कि सब कोय कइसनो महत्त्वपूर्ण घटना के प्रत्याशा करब करऽ हलइ, जेकरा पर पूरे समाज के शान्ति आउ खुशी निर्भर करऽ हलइ । आत्मकेन्द्रित होल आउ जल्दीए परितृप्त करे वला एकरसता से पैदा हो रहल हमर आत्मा के अंदर तक के गंभीर ऊबाहट अनुभव करते हम प्रकृति के सामने आत्मसमर्पण कर देलिअइ, आउ मुँह एक कान से दोसरा कान तक खोलके पूरा जोर लगाके जम्हाई लेलिअइ । सब कोय [*64]  हमर मूड के समझ गेते गेलइ । अचानक आनन्द के चेहरा पर अपन निराशापूर्ण परदा पसार देलकइ, कोमल होंठ पर से मुसकान आउ आरक्त (flushed) गाल पर से खुशी के चमक उड़ गेलइ । विकृत दृष्टि आउ अवलोकन अप्रत्याशित आतंक के आक्रमण आउ आसन्न विपत्ति निर्दिष्ट करब करऽ हलइ । सुनाय देब करऽ हलइ आह, शोक के तीक्ष्ण अग्रदूत (forerunners) ; भय के उपस्थिति में अटकावल विलाप भी सुनाय देवे लगले हल । मौत से भी अधिक कष्टकारी निराशा आउ मारक कँपकँपी सबके हृदय में तेजी से घर करे लगले हल । एतना शोकजनक दृश्य से हम हृदय के गहराई तक मर्माहत होल, हमर चेहरा के मांसपेशी संवेदनहीनतापूर्वक हमर कान दने सिकुड़ गेल, आउ अपन होंठ के पसारते चेहरा के हाव-भाव में मुसकान जइसन मुँह बनइलिअइ, जेकर बाद हमरा बहुत जोर से छींक आ गेलइ । ई मानूँ अइसन होलइ जइसे घना कुहरा से आउ अधिक गम्भीर होल अंधकारमय वायमंडल में दुपहरिया सूरज के किरण प्रवेश कर जा हइ । [*65] एकर सक्रिय गरमी से वाष्प में घनीभूत नमी उड़ जा हइ, आउ अपन संघटक कण में विभाजित अंशतः हलका होके ईथर के अपरिमेय अंतरिक्ष में तेजी से उपरे उठ जा हइ, आउ अंशतः खुद में केवल पार्थिव कण के भार के संजोके तेजी से निच्चे गिर जा हइ । ऊ अन्हेरा, जे पहिले उज्ज्वल गोला के अनुपस्थिति में सगरो फैलल हलइ, अचानक पूरे तरह से गायब हो जा हइ, आउ अपन अभेद्य आवरण के तेजी से उतारके पल भर में अपन डैना से उड़ जा हइ, बिन अपन उपस्थिति के कोय लेश छोड़ते । अइसीं हमर मुसकान जमा होल सब लोग के चेहरा पर के उदासी तितर-बितर कर देलकइ; आनन्द सब के हृदय में तेजी से प्रवेश कर गेलइ, आउ कधरो उदासी के चलते विकृत मुख के कइसनो चिन्हा नञ् रह गेलइ । सब कोय चिल्लाय लगलइ - "हमर महान सम्राट् दीर्घायु होवें ! हमेशे लगी जीएँ!" जइसे दुपहरिया के मंद समीर, जे पेड़ के पत्ता के हिलावऽ हइ आउ बलूत उपवन (oak grove) में शृंगारात्मक [*66] फुसफुसाहट उत्पन्न करऽ हइ, ओइसीं पूरे दरबार में खुशी के फुसफुसाहट सुनाय देवे लगलइ । एक व्यक्ति धीरे से बोललइ - "ऊ बाहरी आउ आंतरिक शत्रु के शांत कइलथिन, पितृभूमि के सीमाना के विस्तृत कइलथिन, हजारो विभिन्न लोग के अपन नियंत्रण में लेलथिन।" दोसरा चिल्लइलइ - "ऊ साम्राज्य के समृद्ध कइलथिन, आंतरिक आउ विदेशी व्यापार के विस्तार कइलथिन, ऊ विज्ञान आउ कला के प्रेमी हथिन, कृषि आउ कशीदाकारी के प्रोत्साहन दे हथिन।" महिला सब कोमल स्वर में कहते गेलइ - "ऊ हजारो उपयोगी नागरिक के मरे नञ् देलथिन, ओकन्हीं के दुधपिलुए अवस्था में मौत के मुँह में जाय से बचाके ।" एगो दोसरा कोय शान से उद्घोषित कइलकइ - "ऊ सरकारी आय के कइएक गुना बढ़इलथिन, लोग के कर (टैक्स) हलका कइलथिन, लोग के पक्का जीविका प्रदान कइलथिन ।" युवक वर्ग अपन हाथ आकाश दने उठइते बोललइ - "ऊ दयालु आउ न्यायी हथिन, उनका लगी कानून सब लगी बराबर हइ, खुद के ओकर पहिला सेवक समझऽ हथिन । [*67] ऊ एगो बुद्धिमान विधिकर्ता (legislator), सच्चा जज, उत्साही कार्यसंचालक हथिन, ऊ सब राजा से अधिक महान हथिन, ऊ सबके स्वतंत्रता प्रदान करऽ हथिन ।"
अइसन शब्द हमर कान के परदा पर प्रहार करते हमर आत्मा में जोर से सुनाय पड़लइ। ई सब प्रशंसा हमर मस्तिष्क के सच प्रतीत होलइ, काहेकि ई सब निष्कपटता के बाहरी अभिव्यक्ति के सहगामी हलइ। अइसीं स्वीकार करते हमर आत्मा चारो बगल के सामान्य दृष्टि क्षेत्र के उपरे उठलइ; अपन अस्तित्व में विस्तृत होलइ आउ पूरे रूप से आलिंगन करते दैवी प्रज्ञा (divine wisdom) के दहलीज के स्पर्श कइलकइ। लेकिन अपन आज्ञा सुनावे के बखत आत्म-संतुष्टि वला आनन्द के साथ कुच्छो के तुलना नञ् हलइ। हम सेनापति के आज्ञा देलिअइ कि असंख्य सेना के साथ, हमरा से पूरे खगोलीय कटिबंध (celestial zone) से पृथक् होल भूभाग (अर्थात् विषुवत् रेखा के आगू) के विजय लगी प्रस्थान करे । "सम्राट्", ऊ हमरा उत्तर देलकइ, "तोर खाली नामे के गौरव ऊ भूभाग में रहे वला लोग पर विजय प्राप्त कर लेतइ । तोर सेना के पहिले आतंक [*68] पहुँच जइतइ, आउ बलशाली राजा सब के प्रशस्ति लेके वापिस हम अइबइ।" नौसेनापति (admiral) के हम बोललिअइ - "हमर जहाज सब सब्भे समुद्र में जलयात्रा करे, आउ अनजान लोग ओकरा देखे; आउ हमर झंडा उत्तर, पूरब, दक्षिण आउ पश्चिम में जानल जाय ।" - "कइल जइतइ, सम्राट् ।" आउ त्वरित गति से (हमर आज्ञा के) कार्यान्वयन लगी, जइसे विशेष हवा नाव के पाल के फुला दे हइ, प्रस्थान कर गेलइ । "हमर राज्य के अन्तिम सीमाना तक घोषणा कर देल जाय", हम कानून के रक्षक के कहलिअइ, "कि आझ हमर जन्म दिन हइ, आउ वर्षवृत्तान्त (chronicles) में ई हमेशे लगी सार्वत्रिक क्षमा के रूप में प्रसिद्ध होवे । कारागार सब खोल देल जाय, अपराधी लोग के स्वतंत्र कर देल जाय, ओकन्हीं के सत्य पथ से भटक गेल लोग नियन अपन-अपन घर वापिस जाय देल जाय।" - "तोहर कृपा, सम्राट् !, अनन्त उदार जीव के प्रतीक हइ। हम त्वरित गति से ई खुशखबरी अपन पुत्र सब लगी शोकाकुल पिता सब के, अपन पति सब लगी शोकाकुल स्त्री लोग के सूचित करे जाब करऽ हिअइ।" हम स्थपति (chief architect) के कहलिअइ - "कलादेवी (Muses) खातिर शानदार भवन बनावल जाय, [*69] ओकरा प्रकृति के विभिन्न अनुकृति (imitations) के रूप में सज्जित कइल जाय; आउ ऊ सब अविनाशी होवइ, जइसे कि खगोलीय निवासी लोग जेकन्हीं लगी ऊ सब के निर्माण कइल जा हइ।" - "ओ सर्वज्ञ", ऊ हमरा उत्तर देलकइ, "जब तोर आदेश के प्राकृतिक शक्ति सब पालन कइलकइ, आउ अपन शक्ति के एकत्र करके मरुभूमि आउ जंगल में विशाल शहर स्थापित कइलकइ, जे शालीनता में प्राचीन काल के सबसे गौरवशाली शहर से बढ़के हलइ; त तोर आज्ञा के उत्साही कार्यान्वयनकर्ता लोग खातिर ई कार्य के संचालन केतना असान बात होतइ । तूँ कहलहो आउ कच्चा निर्माण सामग्री तोर आज्ञानुसार तैयार हइ ।" -"उदारता के हाथ आझ खोल देल जाय", हम कहलिअइ, "प्रचुरता के अधिशेष (surplus) के दुर्बल (गरीब) लोग के बीच बाँट देल जाय, अनावश्यक खजाना ओकर स्रोत के हियाँ वापिस कर देल जाय ।" - "ओ सर्वोच्च द्वारा प्रदत्त, उदारतम सम्राट्, अपन बुतरुअन के पिता, निर्धन लोग के समृद्धकर्ता, तोर इच्छा के अनुसार होतइ।" हमर हरेक बात पर हमर सामने सब लोग खुशी से चिल्ला उठलइ आउ [*70]  हाथ के ताली खाली हमर हरेक बतिए के साथ-साथ नञ् बजलइ, बल्कि हमर विचार के पूर्वाभासो पा ले हेलइ । ई मीटिंग में खाली एक्के गो औरत, जे एगो स्तम्भ से कसके टिकइले हलइ, दुख से आह भर रहले हल आउ ओकर चेहरा पर घृणा आउ क्रोध के लक्षण व्यक्त हो रहले हल । ओकर चेहरा-मोहरा कठोर हलइ आउ पोशाक साधारण । ओकर सिर टोपी से ढँक्कल हलइ, जबकि बाकी सब लोग के सिर खाली हलइ । - "ई केऽ हइ?" हम पास में खड़ी एक अदमी के पुछलिअइ । "ऊ एगो राहगीर हइ, हमन्हीं लगी अनजान, खुद के निष्कपट-दृष्टि आउ नेत्रचिकित्सक बतावऽ हइ । लेकिन ऊ बड़ी खतरनाक डायन हइ, जहर रक्खऽ हइ, शोक आउ विनाश में खुश होवऽ हइ; हमेशे नाक-भौं सिकोड़ले रहऽ हइ, सब्भे से घृणा करऽ हइ, सबके अपमानित करऽ हइ; तिरस्कार करे में ऊ तोहरो पवित्तर नाम के नञ् बकसऽ हइ ।" - "त फेर कइसे ई अपराधी के हमर राज्य में बरदास कइल जा हइ? लेकिन एकरा से कल निपटल जइतइ। आझ दया आउ खुशी मनावे के दिन हइ। अइते जा हमर सहकर्मी सब, सरकार के बड़गो भार के वहन करते जा, अपन परिश्रम आउ [*71] उपलब्धि के अनुरूप पुरस्कार स्वीकार करते जा।" तब हम अपन जगह से उठके उपस्थित लोग के विभिन्न प्रकार के सम्मान चिह्न (पदक) प्रदान कइलिअइ; अनुपस्थित लोग के भुलावल नञ् गेलइ, लेकिन ओकन्हीं, जे खुशी-खुशी हमर आज्ञा के स्वीकार कइलकइ, हमर बड़गो अनुग्रह प्राप्त कइलकइ ।
आउ हम अपन बात जारी रखलिअइ - "चलल जाय, हमर शक्ति के स्तम्भ, हमर राज्य के पाया, चलल जाय परिश्रम कइला के बाद मौज-मस्ती कइल जाय । काहेकि परिश्रम करे वला के अपन परिश्रम के फल चखे के अधिकार हइ । सम्राट् के खुशी चखना उचित हइ, काहेकि ओहे सबके एतना खुशी उँड़ेलऽ हइ । हमन्हीं के भोज के रस्ता देखावऽ, जे तूँ तैयार कइलऽ ह", हम उत्सव के प्रबन्धकर्ता (organizer) के कहलिअइ। "हम सब तोर अनुगमन करते जइबइ ।" - "ठहरऽ", अपन जगह भिर से राहगीर औरत कहलकइ, "ठहरऽ, आउ हमरा भिर आवऽ। हम तोरा आउ तोरा नियन भिर भेजल डाक्टर हियो, आउ तोर आँख के स्वच्छ करबो । - "कइसन मोतियाबिंद हको !" ऊ अचरज से कहलकइ । एक प्रकार के अदृष्ट शक्ति ओकरा सामने जाय लगी हमरा प्रेरित कइलकइ; [*72] हलाँकि ऊ सब कोय जे हमरा घेरले हलइ, हमरा जाय से रोकलकइ, बल्कि हमरा पर जबरदस्ती करके । "तोर दुन्नु आँख में मोतियाबिन्द हको", राहगीर कहलकइ, "आउ तूँ एतना दृढ़तापूर्वक सब कुछ के निश्चय कर लेलऽ । फेर ऊ हमर दुन्नु आँख के स्पर्श कइलकइ आउ ओकरा से एगो मोटगर झिल्ली निकसलकइ, सींग के लेई (paste) नियन । "तूँ देखऽ हो", ऊ हमरा कहलकइ, "कि तूँ आन्हर हलऽ, बिलकुल आन्हर। हम सत्य ही । सर्वोच्च, तोर प्रजा के कष्ट से प्रभावित होल, अंतरिक्ष क्षेत्र से हमरा भेजलथुन हँ ताकि तोर दृष्टि में बाधा दे रहल अंधकार के दूर कर सकियो । हम एहे कइलियो । अब तोर आँख के सामने सब कुछ अपन स्वाभाविक रूप में देखाय देतो । तूँ हृदय के अन्दर में घुस सकबऽ । आत्मा के मोड़ सब (meanders of the soul) में छिप्पल साँप अब तोरा से छिप्पल नञ् रह पइतो । अब तूँ अपन विश्वासी प्रजा सब के पहचान पइबऽ, जे तोरा से दूर तोरा से प्रेम नञ् करऽ हको, लेकिन पितृभूमि के प्यार करऽ हइ; [*73] जे हमेशे तोर पराजय लगी तैयार रहऽ हको, अगर एकरा से मानव के दासता के बदला लेल जा सकइ। लेकिन ओकन्हीं सामाजिक शान्ति के अनुचित समय में आउ बेकार में भंग नञ् करे वला । ओकन्हीं के मित्र के रूप में अपना भिर बोलाहो । ई अभिमानी जनसमूह के भगा दऽ, जे तोरा सामने खड़ी हको आउ जे अपन आत्मा के निर्लज्जता के बेशकीमती पोशाक के अन्दर छिपइले हको। ओकन्हीं तोर सच्चा दुश्मन हको, तोर आँख के धुँधला करे वला हको, आउ तोर राजमहल में हमर प्रवेश के रोक रहलो ह। राजा लोग के सम्पूर्ण राज्यकाल में हम खाली एक्के तुरी हाजिर होवऽ हिअइ, ताकि ऊ लोग हमरा हमर सच्चा रूप में पछान पावें; लेकिन हम मरणशील लोग के घर के कभी नञ् छोड़ऽ हिअइ । हमर रहना राजामहल में नञ् होवऽ हइ। पहरेदार सब, जे ओकन्हीं के चारो तरफ रहऽ हइ आउ दिन-रात सो आँख से देखते रहऽ हइ, हुआँ पर प्रवेश करे में हमरा रोक दे हइ। अगर कभी हम ई घनगर भीड़ के पार कर जइबो, त ऊ सब जे तोरा घेरले रहऽ हको, दमन के चाबुक उठाके हमरा तोर निवास स्थान से भगा देवे के प्रयास करतो; सावधान रहऽ कि कहीं हम तोरा से दूर नञ् चल जइयो। तब [*74] चापलूसी के शब्द, जहरीला भाफ निकासते, फेर से तोर मोतियाबिन्द पुनर्जीवित कर देतो, आउ तोर आँख पर प्रकाश लगी अभेद्य झिल्ली से ढँक देतो । तब तोर अन्धापन सम्पूर्ण होतो; तोर आँख मोसकिल से एक कदम आगू देख पइतो । तोरा सब कुछ आनन्ददायक लगतो । तोर कान आर्त्तनाद से दुखी नञ् हो पइतो; हरेक पल तोर कान के मीठा गीत सुनाय देतो। चापलूसी के यज्ञीय धूप (sacrificial incense)  तोर खुल्लल आत्मा के धोखा देतो। तोर स्पर्श के हमेशे चिकनाहट (समतलता) अनुभव होतो। उपकारक खुरदरापन (beneficent roughness) कभियो तोर स्पर्शता के स्नायु (nerves) में चिड़चिड़ाहट पैदा नञ् करतो। त अब अइसन दशा से काँप (सावधान हो) जा । तोर सिर के उपरे तूफानी बादल उठतो आउ दंडात्मक गड़गड़ाहट के बाण तोरा धराशायी करे लगी तैयार होतो। लेकिन हम तोरा वचन दे हियो कि हम तोर राज्य के सीमाना में रहबो । जब तूँ हमरा देखे लगी चाहबऽ, जब तोर आत्मा चापलूसी के साजिश से घिरल हमरा देखे के इच्छा करो; त तूँ केतनो दूर रहला पर हमरा आद करिहऽ; [*75]  जाहाँ कहीं हमर कठोर वचन सुनाय दे, हुआँ हमरा पइबऽ । हमर बोली से कभियो नञ् भयभीत हइहऽ । अगर लोग के बीच में से कोय अदमी तोर काम के आलोचना करे, त समझ लऽ कि ऊ तोर सच्चा दोस्त हको । बिन कोय बख्शीश के आशा के, बिन कोय दासोचित भय के, ऊ दृढ़ स्वर में हमरा बारे तोरा सामने घोषणा करतो । सावधान रहिहऽ आउ ओकरा विद्रोही समझके मौत के घाट उतारे के साहस नञ् करिहऽ । ओकरा पास बोलइहऽ, ओकरा तीर्थयात्री के रूप में स्वागत करिहऽ । काहेकि हरेक ऊ व्यक्ति, जे राजा के ओकर तानाशाही खातिर आलोचना करऽ हइ, पृथ्वी पर के तीर्थयात्री हइ, जाहाँ परी ओकरा सामने सब कोय काँपऽ हइ। ओकरा स्वागत करिहो, हम तोरा कहऽ हियो, ओकरा आदर करिहो, ताकि वापिस गेला पर ऊ बाद में अधिकाधिक सत्य बोले । लेकिन अइसन दृढ़ हृदय के लोग विरले होवऽ हइ; ई दुनियाँ के मंच पर पूरे शताब्दी में एकागो । लेकिन तोर जागरूकता शक्ति के आनन्द में कहीं सुत नञ् जाय, ई अंगूठी हम तोरा दे हियो, ई तोरा सतर्क करतो जब कभी तूँ [*76] अन्याय करे के साहस करभो[3] । काहेकि ई बात जान लऽ कि समाज में तूँ सबसे बड़गो हत्यारा, सबसे बड़गो डाकू, सबसे बड़गो विश्वासघाती (देशद्रोही), सार्वजनिक शान्ति के सबसे बड़गो विनाशक, सबसे मारक दुश्मन जे कमजोर लोग के अंतःकरण पर अपन द्वेष प्रकट करे के प्रयास करते रहऽ हइ। तूँ दोषी होबऽ, अगर कोय माय अपन बेटा के, चाहे कोय पत्नी अपन पति के युद्धक्षेत्र में मारल गेला पर विलाप करऽ हइ; काहेकि कैदी बने के खतरा मोसकिल से युद्ध नामक हत्या के न्यायसंगत कहल जा सकऽ हइ। तूँ दोषी होबऽ, अगर (अनाज के) खेत के उपेक्षा कइल जा हइ, अगर किसान के दुधपिलुआ बुतरू सब माय के छाती से बिन स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन के अपन जिनगी खो दे हइ । लेकिन खुद पर आउ अपन सामने के लोग पर अपन दृष्टि डालऽ, अपन आज्ञा के कार्यान्वयन पर दृष्टि डालऽ, आउ अगर तोर आत्मा अइसन दृष्टि पर भय से नञ् काँप जा हको, त हम तोरा छोड़ देबो आउ तोर राजमहल हमेशे लगी हमर आदगारी से मिट जइतो।
[*77] बोलते बखत राहगीर के चेहरा खुश आउ भौतिक चमक से चमकीला प्रतीत हो रहले हल। ओकरा पर दृष्टि हमर आत्मा में खुशी उँड़ेलऽ हलइ। हम ओकरा में अब अहंकार के लहर आउ घमंड के स्फीति (फुलाव) अनुभव नञ् करऽ हलिअइ। हम ओकरा में शांति अनुभव करऽ हलिअइ; महत्त्वाकांक्षा के उत्तेजना आउ ओकर सत्तालोलुपता के झंझावात स्पर्श नञ् करऽ हलइ । हमर पोशाक, जे एतना चमक रहले हल, अब खून से लथपथ आउ अश्रु से तरबतर लगऽ हलइ । हमर अँगुरियन पर हमरा मानवीय मस्तिष्क के अवशेष देखाय दे हलइ; हमर टाँग कादो में हलइ। हमर सामने के लोग आउ अधिक दयनीय लगऽ हलइ। ओकन्हीं सब्भे के अंतःकरण कार लगऽ हलइ आउ लालच के तेज ज्वाला में प्रज्वलित हो रहले हल। ओकन्हीं हमरा पर आउ एक दोसरा पर विकृत दृष्टि डाल रहले हल, जेकरा में लोलुपता, ईर्ष्या, कपट आउ घृणा के राज्य हलइ। हमर सेनापति, जे युद्ध में विजय लगी भेजल गेले हल, ऐश आउ रंगरेली में डुब्बल हलइ। सेना में कोय अनुशासन नञ् हलइ; हमर योद्धा (सैनिक) लोग के जानवर से बत्तर समझल जा हलइ। [*78] ओकन्हीं के न तो स्वास्थ्य के आउ न भोजन के बारे कोय परवाह कइल गेलइ; ओकन्हीं के जिनगी के कोय कीमत नञ् हलइ; ओकन्हीं के निश्चित वेतन से वंचित रक्खल गेलइ, जेकर उपयोग सजावट में कइल जा हलइ जे ओकन्हीं लगी अनावश्यक हलइ। अधिकांश नयकन सैनिक ओकन्हीं के कमांडर के लापरवाही के चलते चाहे अनावश्यक आउ असामयिक कठोरता के चलते मर जा हलइ। सेना के रखरखाव लगी निश्चित कइल निधि रंगरेली मनावे वला लोग के हाथ में हलइ। सैनिक उपलब्धि (military distinction) खातिर मेडल देल जा हलइ बहादुरी लगी नञ्, बल्कि घटिया चापलूसी लगी । हम अपन सामने एगो प्रसिद्ध कमांडर के देखलिअइ, जेकरा हम अपन अनुग्रह से विशिष्ट मेडल देलिए हल; हम अब स्पष्ट रूप से देखलिअइ कि ओकर कुल विशिष्ट गुण खाली ई हलइ कि ओकरा में अपन वरिष्ठ कमांडर के ऐयाशी के संतुष्टि के क्षमता हलइ; ओकरा अपन बहादुरी देखावे के कोय अवसर नञ् मिलले हल; काहेकि ऊ दूर से भी दुश्मन के नञ् देखलके हल । अइसन योद्धा लोग से [*79] हम नयका विजयमाला (laurels) के प्रत्याशा कइले हलिअइ। हम अपन दृष्टि के ऊ हजारो विपत्ति के तरफ से मोड़ लेलिअइ, जे हमर आँख के सामने हलइ।
हमर जहाज, जेकरा दूर के समुद्री यात्रा करे के निश्चय कइल हलइ, हम देखलिअइ कि बन्दरगाह के मुख पर ओकर लंगर डालल हइ। नौसेनापति, जे हवा के डैना से उड़के हमर आदेश के कार्यान्वयन खातिर गेले हल, एगो गद्देदार बिछौना पर अपन देह पसारके पड़ल ऐयाशी में मदमस्त हलइ आउ एगो किराया के औरत ओकरा आलिंगन में लेले ओकर कामुकता के उत्तेजित कर रहले हल। ओकर आदेश के अनुसार कइल काल्पनिक समुद्री यात्रा के कार्यान्वित चार्ट में दुनियाँ के सब भाग में नयका-नयका टापू देखाय दे हलइ, जेकरा में तत्तत् जलवायु के अनुसार प्रचुर मात्रा में फल हलइ । विशाल भूभाग आउ असंख्य देश ई नयकन समुद्रयात्री के ब्रश से चित्रित कइल गेले हल । रात के दीपक के प्रकाश में ई यात्रा आउ प्राप्त उपलब्धि के ओकन्हीं आलंकारिक आउ उत्तम शैली में वर्णन कइलके हल। [*80] एतना महत्त्वपूर्ण रचना के सुसज्जित करे खातिर सोना के पट्टी (gold plates) तैयार कइल जा चुकले हल। ओ कूक[4]! काहे लगी तूँ अपन जिनगी कठिन मेहनत आउ गरीबी में गुजारलऽ? काहे लगी एकरा दयनीय हालत में खतम कइलऽ? अगर तूँ अइसन जहाज पर बैठतऽ हल, त खुशी-खुशी यात्रा शुरू करके आउ खुशी में एकरा अन्त करके एक्के जगह पर बैठल ओतने खोज कर लेतऽ हल (आउ हमर राज्य में) ओतने मशहूर होतऽ हल; काहेकि तूँ अपन राजा से सम्मानित कइल जइतऽ हल।
हमर उपलब्धि, जेकरा पर अन्धापन में हमर आत्मा सबसे जादे गौरवान्वित अनुभव करऽ हलइ, अर्थात् मृत्यु दंड के क्षमा आउ अपराधी सब के क्षमा, मोसकिल से विस्तृत सार्वजनिक क्रियाकलाप में दृष्टिगोचर होवऽ हलइ। हमर आदेश के, या तो एकरा ऊ दिशा में कार्यान्वित नञ् करके बिलकुल उल्लंघन कइल गेलइ, चाहे विकृत अर्थ आउ देरी से कार्यान्वयन के चलते वांछित प्रभाव नञ् हो पइलइ। हमर दया के व्यापार बना देल गेलइ, आउ जे [*81] जादे देलकइ ओकरा (जज के) हथौड़ा दया आउ विशाल उदारता झड़लकइ। दोष के क्षमा से हमर प्रजा में उदार मानल जाय के बजाय हमरा धोखेबाज, पाखंडी आउ घातक विदूषक (जोकर) समझल गेलइ। "अपन दया के अपने पास रक्खऽ", हजारो अवाज कहलकइ, "हमन्हीं के ई शानदार शब्द में घोषित नञ् करऽ, अगर एकरा कार्यान्वित (पूरा) करे लगी नञ् चाहऽ हऽ। अपमान के साथ मजाक के नञ् जोड़ऽ, आउ भार के साथ ओकर अहसास के । हम सब सुत्तल हलूँ आउ बेफिक्र हलूँ, तूँ हमन्हीं के नीन में बाधा डाल देलऽ, हम सब जागे लगी नञ् चाहऽ हलूँ, काहेकि जागे के कोय प्रयोजन नञ् हल। शहर के निर्माण में हम खाली सरकारी पैसा के बरबादी देखलिअइ, अकसर अपन प्रजा के खून आउ अश्रु से लथपथ । शानदार बिल्डिंग खड़ी करे में पैसा के बरबादी के साथ अकसर वास्तविक कला के बारे भ्रम (गलतफहमी) जुड़ल रहऽ हलइ। हम ओकर आन्तरिक आउ बाहरी विन्यास (arrangements) में लेश मात्र भी रोचक नञ् देखलिअइ। ई सब गोथ आउ वैंडल (Goths and Vandals) के जमाना के हलइ। विद्यादेवी (Muses) खातिर तैयार कइल घर में [*82] हमरा कस्तालिया आउ हिप्पोक्रीन[5] (Castalia and Hippocrene) के प्रोत्साहन देवे वला झरना नञ् देखाय देलकइ; रेंग रहल कला अपन दृष्टि के परम्परागत स्तर के मोसकिल से उपरे उठावे के साहस करऽ हलइ। बिल्डिंग के ड्राइंग पर झुकके वास्तुकार (आर्किटेक्ट) लोग ओकर सुन्दरता के बारे नञ् सोच रहले हल, बल्कि एकरा से खुद लगी लाभ कइसे मिलत। हमरा अपन शानदार घमंड पर घृणा होवे लगलइ आउ हम नजर फेर लेलिअइ। लेकिन हमर आत्मा के सबसे अधिक आघात पहुँचल हमर उदारता के परिणाम से । हम अपन अन्धापन में सोचऽ हलिअइ कि ऊ सार्वजनिक निधि जेकरा सरकारी जरूरत पूरा करे में नञ् प्रयोग कइल जा हइ, ओकरा आउ बेहतर तरीका से नञ् उपयोग कइल जा सकऽ हइ, बजाय गरीब लोग के मदत करे, नंगा लोग के बस्तर देवे, भुक्खल लोग के खिलावे, चाहे विपरीत परिस्थिति में मर रहल लोग के सहारा देवे, चाहे लाभ के बारे फिकिर नञ् करे वला के गुण आउ मेधा हेतु पुरस्कृत करे के । लेकिन केतना दुख के बात हलइ ई देखना कि हमर उदारता पानी के तरह बहावल गेलइ धनी व्यक्ति पर, चापलूस पर, विश्वासघाती मित्र पर, हत्यारा पर आउ कभी-कभार गुप्त हत्यारा पर, [*83] देशद्रोही पर आउ सार्वजिनक अधिकारपत्र (letter of attorney) के उल्लंघन करे वला पर, हमर अनुग्रह प्राप्त कर लेवे वला पर, हमर कमजोरी के नजायज फयदा उठावे वला पर, अपन निर्लज्जता पर डींग हाँके वली औरत पर। हमर उदारता के छोटगर-छोटगर स्रोत मोसकिल से सामान्य गरिमा (dignity) आउ सामान्य मेधा (merit) तक पहुँच पइलइ। हमर आँख से अश्रु झरे लगलइ, आउ हमर अविवेकी उदारता के एतना दयनीय प्रदर्शन हमरा से छिपा लेलकइ। अब हम साफ-साफ देखे लगलिअइ कि हमरा से देल गेल सम्मानजनक पदक हमेशे अयोग्य लोग के हाथ में पहुँचलइ। अनुभवहीन गरिमा, ई काल्पनिक सुख के चमक से पराजित होके, मरणशील द्वारा स्वप्न के वांछित सम्मान प्राप्त करे लगी चापलूसी आउ आत्मा के नीचता के हीं रस्ता पर चल पड़लइ; लेकिन टेढ़ा कदम रखके, हमेशे पहिलौके कुछ कदम के बाद थक जा हलइ, आउ खुद के अनुमोदन के साथ एहे आश्वासन से संतुष्ट रहना भाग्य में बद्दल हलइ कि सांसारिक सम्मान [*84] धूल आउ धुआँ हइ। अपन दुर्बलता आउ हमर मंत्री सब के विश्वासघात से ई सब में एतना हेर-फेर देखके; ई देखके कि हमर आकर्षण अइसन स्त्री पर हलइ जे हमर प्यार में ऊ खाली अपन घमंड के संतुष्टि खोजऽ हलइ, आउ जे हमरा खाली अपन बाहरी सौन्दर्य से खुश करे लगी चाहऽ हलइ, जबकि ओकर हृदय में हमरा लगी खाली घृणा अनुभव करऽ हलइ; हम क्रोध के ज्वाला में चीख पड़लिअइ। "अयोग्य अपराधियो, दुर्जनो! बतइते जो, काहे तूँ अपन मालिक विश्वास के दुरुपयोग करते गेलहीं? अब अपन जज के सामने खड़ी होते जो । अपन दुर्जनता में जड़ीभूत होल तूँ थर्रा जो। अपन दुष्कर्म के सफाई में की कह सकऽ हँऽ? अपन क्षमायाचना में की कहे के हउ? अइकी ऊ हउ, ओकरे हम अपमान के झोपड़ी से बोलावऽ हिअउ। आवऽ", हम ऊ बुजुर्ग के कहलिअइ, जेकरा हम अपन विशाल राज्य के सीमाना पर देखलिअइ, जे काई से भरल एगो झोपड़ी में छिप्पल हलइ, "आवऽ, हमर भार के हलका करऽ; आवऽ आउ हमर चिंतित [*85] हृदय आउ उद्विग्न मन के शांति बहाल करऽ।" एतना कहके हम अपन गौरव तरफ नजर फेरलिअइ, अपन कर्तव्य के विशालता के अनुभव कइलिअइ, समझ गेलिअइ कि हमर अधिकार आउ प्रभुत्व काहाँ से आवऽ हइ। हम अपन अंतःकरण में कावप गेलिअइ, अपन जिम्मेवारी से भयभीत हो गेलिअइ। हमर खून खौले लगलइ आउ हम जग गेलिअइ। अभी तक हम होश में नञ् अइलूँ हल, हम अपन अँगुरी भींच लेलूँ, लेकिन एकरा में काँटेदार अँगूठी[6] नञ् हल। काश, कम से कम ई राजा लोग के कनिष्ठा (कानी अँगुरी) में रहते हल!
हे महीपाल, अगर हमर सपना के पढ़ते बखत तूँ मजाक के साथ हँसबऽ, चाहे भौंह चढ़इबऽ, त जान लऽ कि जे राहगीर औरत के हम देखलियो हल, ऊ तोरा भिर से उड़के दूर चल गेलो आउ तोर राजमहल से घृणा करऽ हको।



[1] बेय (फारसी में 'बेग') - मुखिया या सरदार खातिर तुर्की उपाधि; पारम्परिक रूप से ओटोमान साम्राज्य में कइएक साइज के क्षेत्र के नेता या सरदार अथवा शासक लगी प्रयुक्त । स्त्रीलिंग समानार्थक उपाधि हलइ बेगम ।
[2] देर्झावा - स्वर्ण आउ बहुमूल्य पत्थर के गोला जेकरा पर एगो क्रॉस हइ । ज़ारशाही रूस में ई सम्राट् के पार्थिव शक्ति के प्रतीक हलइ ।
[3] परी "सच्चाई" (fairy Truth) के कहानी, जेकरा में परी राजा के एगो अँगूठी दे हइ, जे ओकरा गड़ऽ हइ (pricks) जब कभी ऊ कुच्छो गलत करऽ हइ । ई कहानी सर्वप्रथम परी कथा के फ्रेंच जर्नल "Cabinet des Fées" (एकर प्रकाशन 1785-1789 के दौरान कुल 41 खंड में कइल गेले हल) में "Le Prince Chéri" शीर्षक से प्रकाशित होले हल । एकर अंग्रेजी अनुवाद खातिर दे॰ Andrew Lang (1921): "The Blue Fairy Book", Philadelphia, David Mckay Company, 303 pp. में "Prince Darling", pp.216-225.
[4] कप्तान जेम्स कूक (1728-1779) - ब्रिटिश खोजकर्ता, नौचालक (navigator), मानचित्रकार (cartographer), आउ राजकीय नौसेना में कप्तान हला। न्यूफ़ाउंडलैंड के विस्तृत नक्शा बनइलका हल, बाद में प्रशांत महासागर के तीन समुद्री यात्रा कइलका, जेकर दौरान आस्ट्रेलिया के पूरबी समुद्रतट आउ हवाई द्वीप के पहला रेकर्ड कइल यूरोपीय संपर्क बनइलका आउ न्यूज़ीलैंड के रेकर्ड कइल चारो तरफ के समुद्री यात्रा कइलका । 14 फरवरी 1779 में हवाई द्वीप के लोग द्वारा मारल गेला ।
[5] कस्तालिया (Castalia) - परनासुस पर्वत (Mt. Parnassus) पर के झरना; हिप्पोक्रीन (Hippocrene) - हिलिकॉन पर्वत (Mt. Helicon) पर के झरना, दुन्नु झरना विद्यादेवी (Muses) लगी पवित्र आउ ओहे से प्रेरणा के स्रोत हलइ।
[6] दे॰ फुटनोट सं॰3.

Monday, June 10, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 6. स्पास्कयऽ पोलेस्त - भाग 1


[*41]                                    स्पास्कयऽ पोलेस्त - भाग 1

हम अपन मित्र के पीछू-पीछू एतना तेजी से सरपट घोड़ा दौड़वइते गेलिअइ कि अगला डाक स्टेशन पर पकड़ लेलिअइ । उनका पितिरबुर्ग वापिस आ जाय के समझावे के प्रयास कइलिअइ, उनका साबित करे के प्रयास कइलिअइ कि समाज में छोटगर आउ विशेष अव्यवस्था एकर बन्धन के नञ् बरबाद कर सकऽ हइ, जइसे एगो कंकड़ समुद्र के विस्तार में गिरला पर पानी के सतह के अस्तव्यस्त नञ् कर सकऽ हइ । लेकिन ऊ हमर बात काटते कहलका - "अगर एगो कंकड़ के रूप में तल में पहुँच जइतिए हल, त फ़िनलैंड के खाड़ी में निश्चय हीं तूफान नञ् पैदा होते हल, आउ हम सील (seals) के साथ रहे लगी चल जइतिए हल ।" आउ हमरा तरफ एगो गोस्सा के नजर से अलविदा कहके अपन किबित्का में पड़ गेला आउ तेजी से प्रस्थान कर गेला ।
घोड़ा पहिलहीं से जोतल हल; आउ हम किबित्का में पड़ जाय लगी कदम रखहीं जा रहलूँ हल कि अचानक बारिश होवे लगल । "कोय बड़गो आफत नञ्", हम सोचलूँ; "हम चटाई से खुद के ढँक लेम [*42] आउ भिंगम नञ् ।" लेकिन ई विचार मोसकिल से हमर दिमाग में अइलइ कि लगलइ मानूँ हमरा बरफ के छेद में हमरा घुसाड़ देवल गेल । आसमान हमर बिन इजाजत के बादर फैला देलकइ आउ मूसलाधार बारिश होवे लगलइ । मौसम से बहस नञ् कर सकऽ हो; कहावत के अनुसार "जेतना धीरे जइबऽ, ओतने जादे दूर पहुँचबऽ" - किबित्का से हम उतरलिअइ आउ हम पहिलौका झोपड़ी में दौड़के घुस गेलिअइ । मालिक सुत चुकले हल आउ झोपड़ी में अन्हेरा हलइ । लेकिन अन्हरवो में हम खुद के सुखावे के अनुमति प्राप्त कइलिअइ । हम भिंगल कपड़ा उतार लेलूँ आउ जे सुक्खल हले ओकरा सिर पर डालके बेंच पर तुरतम्मे सुत गेलूँ । लेकिन बिछौना रोमिल (रोएँदार) नञ् हल, जादे देर तक निम्मन से नञ् सुत पइलूँ । जगला पर हमरा फुसफुसाहट सुनाय देलक । हम दू अवाज पछान पइलिअइ, जे आपस में बतिआब करऽ हलइ ।
"अच्छऽ पति जी, सुनावऽ", एगो औरत के अवाज सुनाय देलकइ ।
"सुन घरवली । एक समय ..."
"ई तो परी के कहानी नियन लगऽ हको; लेकिन परी-कथा में कइसे विश्वास कइल जाय", घरवली जरी धीमे अवाज में बोललइ, निनारू में जम्हाई लेते; [*43] की हम ई विश्वास करबो कि पोलकान हलइ, चाहे बोवा या बुलबुल डाकू (Nightingale the Robber) हलइ?"[1]
"त केऽ तोरा गरदनियाँ देब करऽ हउ, विश्वास करे के हउ त कर । लेकिन ई बात तो सच हइ कि पुराना जमाना में शारीरिक शक्ति के आदर देल जा हलइ, आउ बलशाली ओकरा बुरा नीयत से इस्तेमाल करऽ हलइ । उदाहरण लगी तोरा भिर पोलकान हउ । आउ बुलबुल डाकू के बारे, माय, पढ़ ऊ लोग के जे रूसी पुरनका जमाना के बारे बतावऽ हथिन । ओकन्हीं तोरा बतइथुन कि ओकरा बुलबुल कहल जा हलइ ओकर वाक्पटुता (eloquence) के कारण । हमर कहानी के बीच में नञ् टोक । त एक समय कहीं पर गवर्नर-जेनरल (वायसराय)[2] हलइ । जवानी में ऊ विदेश में घुमले हल, शुक्ति (oysters) खाय लगी सीख लेलके हल, आउ ओकरा एकर लत लग गेले हल । जब तक ओकरा पास खुद के कुछ पैसा हलइ, तब तक ऊ अपन लत के नियंत्रण में रखलकइ, एक तुरी में दस खा हलइ आउ ओहो जब ऊ पितिरबुर्ग में हलइ । जइसीं ऊ रैंक के सिड़ही चढ़े लगलइ, त ओकर टेबुल पर शुक्ति के संख्या बढ़े लगलइ । आउ जब ऊ गवर्नर-जेनरल हो गेलइ आउ ओकरा खुद के पास [*44] बहुत पैसा हो गेलइ, आउ बहुत सरकारी निधि भी ओकर नियंत्रण में हो गेलइ, तब ऊ शुक्ति के कामना एगो दोपस्ता औरत नियन करे लगलइ । सुत्तल रहे चाहे जग्गल, ऊ खाली शुक्ति खाय के बारे सोचे । जब ओकर ऋतु आ जाय त केकरो चैन नञ् रहइ । सब अधीनस्थ शहीद बन गेलइ । चाहे जे कुछ हो जाय, ओकरा पास शुक्ति पहुँचहीं के चाही । ऊ ऑफिस में औडर भेजऽ हइ कि तुरतम ओकरा पास कुरियर भेजल जाय, जेकरा महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट के साथ पितिरबुर्ग भेजे के हइ । सब कोय के मालुम हइ कि कुरियर के शुक्ति लावे खातिर भेजल जइतइ, लेकिन ऊ कहीं जाय ओकर यात्रा के खरचा के अनुमोदित करवा ले हइ । सरकारी पैसा में कइएक छेद होवऽ हइ।  कुरियर के यात्रा परमिट आउ पैसा देल जा हइ; पूरे तरह से तैयार हइ आउ जैकेट आउ घुड़सवारी वला पैंट (riding breeches) में महामहिम के पास हाजिर हो गेलइ।
"जल्दी से ले जा, हमर दोस्त", मेडल से सज्जल ओकरा कहऽ हइ, "ई पैकेट के बृहत् मोर्स्कयऽ (Great Morskaya) पहुँचाव"।
"जी किनका हीं?"
"पता पढ़ ले ।"
"सेवा में, महामहिम ... महामहिम ..."
[*45] "तूँ ठीक से नञ् पढ़ब करऽ हँऽ ।"
"सेवा में, आदरणीय हमर आद..."
"गलत ... सेवा में, मिस्टर कोरज़िनकिन, आदरणीय दोकनदार, सांक्त पितिरबुर्ग, बृहत् मोर्स्कयऽ ।"
"जी जानऽ हिअइ, महामहिम ।"
"त जल्दी कर दोस्त आउ जइसीं मिल जाव, तुरतम लौट, कोय देरी नञ् होवे के चाही; हम तोरा बहुत धन्यवाद देबउ।"
आउ अइकी सरपट जा हइ, सरपट जा हइ; जेतना तेजी से ओकरा त्रोयका ले जा हइ, सीधे पितिरबुर्ग, सीधे कोरज़िनकिन के प्रांगण।
"स्वागत! कइसन जोकर महामहिम हथुन कि एगो एतना छोटगर चीज हजार विर्स्ता दूर से लावे लगी भेजऽ हथुन । लेकिन मालिक बड़ी निम्मन हथुन । उनकर सेवा करे में हमरा खुशी होवऽ हइ । अइकी अभी बजार के बिलकुल ताजा शुक्ति हको । कह दिहऽ कि 150 प्रति बैरेल से कम में हम नञ् बेच सकऽ हियो; हमरा खुद्दे बहुत महँग में मिलल । हम महामहिम के साथ हिसाब कर लेबइ ।"
बैरेल के किबित्का में लोड कइल गेलइ; कुरियर (गाड़ी के) बम मोड़के फेर से सरपट दौड़ पड़लइ; मोसकिल से [*46] सराय में रुकलइ आउ दू कप वोदका पिलकइ ।
टन-टन ... जइसीं शहर के गेट भिर डाक के घंटी के अवाज सुनाय देलकइ, ड्यूटी पर के अफसर दौड़ल गवर्नर-जेनरल भिर आवऽ हइ, (ई सबसे निम्मन बात हइ कि हियाँ सब कुछ व्यवस्थित हइ) आउ ओकरा रिपोर्ट करऽ हइ कि किबित्का दूर में देखाय पड़ले ह आउ घंटी के अवाज सुनाय देलके ह । ऊ रिपोर्ट पूरो नञ् कर पइलके हल कि लऽ देखऽ, कुरियर तो दरवाजा पर पहुँचियो गेल ।
"ले अइलिअइ, महामहिम ।"
"बिलकुल सही बखत पर।" (उपस्थित लोग के तरफ मुड़केः) "वास्तव में आदमी योग्य, कर्तव्यनिष्ठ हइ आउ पियक्कड़ नञ् । अभी केतना साल होले ह, साल में दू तरी पितिरबुर्ग के यात्रा करऽ हइ; आउ मास्को के कइएक तुरी, हमरा आद नञ् कि केतना तुरी। सचिव, अनुशंसा (recommendation) लिख । "एकर कुरियर के रूप में कइएक मिशन खातिर आउ ओकर सामयिक कार्यान्वयन के कारण एकरा पदोन्नति के अनुशंसा करऽ हिअइ । ...
खजाँची के खरचा बही में लिक्खल हइः "महामहिम के [*47] अनुशंसा के अनुसार कुरियर N. N. के, जेकरा अत्यंत महत्त्वपूर्ण संदेश के साथ सांक्त पितिरबुर्ग भेजल गेले हल, तीन घोड़ा से दुन्नु तरफ के यात्रा करे के खरचा विशेष निधि से स्वीकार कइल गेलइ ... " खजाँची के खरचा बही लेखा-परीक्षा (audit) से गुजरलइ, लेकिन एकरा में शुक्ति के गन्ध नञ् हइ
जेनरल महोदय आउ अन्य अधिकारी द्वारा औडर देल गेलइ – “सर्जेंट N. N. के सूबेदार में पदोन्नति देल जाय ...”
" घरवली", मरदानी अवाज बोललइ, "देखहीं, कइसे लोग पदोन्नति प्राप्त करते जा हइ, आउ हमरा की फयदा होवऽ हइ जब हम ईमनदारी से सेवा करऽ हिअइ  आउ एक अंगुरी आगू नञ् बढ़ पावऽ हिअइ नियम के अनुसार, निम्मन सेवा खातिर हमरा पुरस्कार मिल्ले के चाही हल लेकिन सम्राट् कृपालु हथिन, जबकि कुत्ताखाना (श्वानालय) के रखवाला नञ् अइसने हथिन हमर महाशय खजाँची; दोसरा तुरी हइ जब हमरा उनकर अनुशंसा पर फौजदारी अदालत (criminal court) में भेजल जा रहले अगर हम उनकर साथ सहमत होतिए हल, एगो सामान्य जिनगी नञ् होते हल बल्कि कार्निवाल उत्सव "
"आउ ... बहुत हो गेलो क्लिमेन्तिच, बकवास बन्द करऽ! जानऽ हो, तोरा काहे नञ् मानऽ हको ? काहेकि तूँ सब्भे से मुद्रा विनिमय में कमीशन[3] [*48] ले हो आउ ओकरा साथ शेयर नञ् करऽ हो "
"जरी धीरे कुज़मिनिचना, जरी धीरे; कोय सुन ले सकऽ हउ " दुन्नु अवाज शान्त हो गेलइ आउ फेर से सुत गेलइ।
सुबह में हमरा मालुम चललइ कि हमरा साथ झोपड़ी में रात बितइलके हल जूरी के एगो सदस्य (पंच) अपन पत्नी के साथ, जे भोर होला पर नोवगोरद लगी रवाना हो गेते गेलइ दौरान जबकि हमर गाड़ी में घोड़ा जोतल जा रहले हल, एगो आउ किबित्का पहुँचलइ, एगो त्रोयका के साथ जोतल ओकरा सेबाहर अइलइ बड़गो ओवरकोट में एगो अदमी, आउ चौड़गर किनारा वला टोप ओकर सिर से जरी निच्चे झुक्कल हलइ, जे से ओकर चेहरा देखे में बाधा हो रहले हल बिन यात्रापत्र के घोड़ा के माँग कइलकइ; आउ जब कइएक ड्राइवर ओकरा घेरले मोलजोल करब करऽ हलइ, ओकन्हीं के मोलजोल के अन्त के इंतजार कइले बेगर ओकन्हीं में से एगो के अधीर होल कहलकइ - "जल्दी से घोड़ा जोत, हम तोरा हरेक विर्स्ता पर चार कोपेक देबउ "
ड्राइवर घोड़ा लावे लगी दौड़ल गेलइ दोसर सब देखके कि मोलजोल करना [*49] अब बेकार हके, ओकरा भिर से चल गेते गेलइ
हम ओकरा से पाँच साझिन[4] से जादे दूर पर नञ् हलिअइ । ऊ हमरा भिर आके आउ बिन टोपी उतारले कहलकइ - "प्रिय महोदय, ई अभागल के कुछ तो देथिन।"
एकरा से हमरा बड़गो अचरज होलइ, आउ हमरा ओकरा कहे बेगर नञ् रहल गेलइ कि हमरा ओकर सहायता के निवेदन से अचरज होवऽ हइ काहेकि ऊ मोलजोल करे लगी नञ् चहलके हल, जबकि दोसर लोग के अपेक्षा दोगना देब करऽ हलिअइ।
"लगऽ हइ", ऊ हमरा कहलकइ, "कि अपने कि जिनगी में कुच्छो विपरीत नञ् घटले ह ।"
अइसन दृढ़ उत्तर हमरा बड़ी पसीन पड़लइ, आउ अपन बटुआ से तुरतम कुछ निकासके ... "माफ करिहऽ", हम कहलिअइ, "एकरा से जादे हम अभी मदत नञ् कर सकऽ हकियो, लेकिन अगर हम अपन गन्तव्य स्थान पर पहुँच जइबो त शायद कुछ अधिक मदत कर सकबो ।" एकरा पीछू हमर इरादा हलइ कि ऊ खुला मन से बात करइ; आउ हमरो [*50] गलतफहमी नञ् हलइ ।
"लगऽ हइ", ऊ हमरा कहलकइ, "कि अपने के पास उदार भावना हइ, कि उच्च समाज में रहलो पर आउ अपन व्यक्तिगत लाभ से मतलब रखलो पर ओकरा अपन हृदय में प्रवेश करे में बाधा नञ् डललथिन । हमरा अपन गाड़ी में बैठे देथिन, आउ अपन नौकर के हमर गाड़ी में बैठ के औडर देथिन ।"
एहे दौरान हमर घोड़ा के भी जोतल जा चुकले हल, हम ओकर इच्छा के पूरा कइलिअइ - आउ हमन्हीं चल पड़लिअइ । "ओह, महोदय, हम कल्पनो नञ् कर सकऽ हिअइ कि हम अभागल ही । एक सप्ताह से जादे पहिले के बात नञ् हइ कि हम खुश हलिअइ, संतुष्ट हलिअइ, कोय कमी महसूस नञ् करऽ हलिअइ, हम लोग के चहेता हलिअइ, चाहे अइसन लगऽ हलइ; काहेकि हमर घर दिन भर अइसन लोग से भरल रहऽ हलइ, जे सम्मान के बिल्ला प्राप्त कइले हलथिन; हमर टेबुल हमेशे एक प्रकार से शानदार विजयोत्सव नियन लगऽ हलइ। लेकिन अगर अहंकार के एतना संतुष्टि हलइ त हमर आत्मा  भी एगो सच्चा परमानंद के अनुभव करऽ हलइ। पहिले कइएक निष्फल प्रयास, प्रयत्न [*51] आउ विफलता के बाद हम ऊ औेरत के पत्नी के रूप में प्राप्त कर लेलिअइ जेकरा हम चाहऽ हलिअइ । हमन्हीं के परस्पर प्रेम, हमन्हीं के भावना आउ आत्मा दुन्नु के संतुष्ट करते, सब कुछ हमन्हीं लगी स्पष्ट रूप से ठीक-ठाक चल रहले हल । कोय बदली वला दिन नञ् देखते गेलिअइ। हमन्हीं के आनंद के पराकाष्ठा प्राप्त हो चुकले हल । हमर पत्नी गर्भवती हलइ आउ ओकर प्रसूति के समय नगचिया रहले हल । लेकिन ई सब आनंद के भाग्य एक्के पल में नष्ट कर देवे के निश्चय कर चुकले हल ।
हमरा हीं भोज हलइ आउ कइएक तथाकथित मित्रगण जमा होके हमर खरचा पर अपन फालतू भूख के शांत कर रहला हल । हुआँ परी उपस्थित लोग में से एगो, जे हमरा अंदर-अंदर नञ् पसीन करऽ हलइ, अपन बगल में बैठल के साथ बोले लगलइ, हलाँकि फुसफुसाहट में लेकिन यथेष्ट उच्च स्वर में, ताकि हमर पत्नी आउ कइएक दोसर लोग के सुनाय देइ । "की तोहन्हीं के नञ् मालुम हको कि फौजदारी अदालत में हमन्हीं के मेजबान के फैसला हो चुकले ह?"
[*52] "अपने के विचित्र प्रतीत होतइ", हमर सहयात्री बोलला, अपन शब्द हमरा तरफ संबोधित करते "कि एगो अइसन व्यक्ति के, जे सरकारी सेवा में नञ् हइ आउ हमर वर्णन कइल परिस्थिति में, आपराधिक अभियोग लग सकऽ हइ । आउ हम अइसे लमगर अवधि तक सोचते रहलूँ, आउ तबहिंयों जब हमर केस निचला अदालत में चल रहल हल, आउ उपरका अदालत में पहुँच गेल । त अइकी ई अइसे होलइ - हमर रजिस्ट्रेशन व्यापारी वर्ग में होल हलइ; अपन मूलधन के परिचालन में रखके हम एगो प्राइवेट पट्टा (लीज़) में भागीदार (पार्टनर) हो गेलिअइ । हमर अनुभवहीनता ई बात के कारण बनलइ कि हम एगो बेईमान अदमी पर विश्वास कर लेलिअइ, जे व्यक्तिगत रूप से अपराध में पकड़ा गेले हल, ओकरा लीज़ से बाहर कर देल गेलइ, आउ ओकर लेखा-जोखा के साक्षी के अनुसार ओकरा पर स्पष्ट रूप से बड़गो कर्जा हलइ । ऊ छिप गेलइ, हम सामने हलिअइ आउ कर्जा हमरा से वसूल कइल गेलइ । हम यथासंभव जाँच कइलिअइ, पइलिअइ कि हम्मर नाम पर या तो बिलकुल कुछ कर्जा नञ् हलइ, चाहे बहुत कम हलइ, आउ ओहे से हम याचिका दायर कइलिअइ कि  हमर हिस्सा देल जाय; [*53] काहेकि एकरा बारे हम जामिन (गारंटर) हलिअइ । लेकिन हमर याचिका के स्वीकार करे के बदले हमरा से बकाया भी वसूलल जाय के औडर देल गेलइ । ई पहिला अन्याय हलइ । लेकिन एकरे साथ दोसरो जोड़ल गेलइ । ऊ बखत जब हम लीज़ लगी जामिन होलिअइ, हमरा पास कोय भू-सम्पत्ति नञ् हलइ, लेकिन सामान्य नियम के अनुसार भू-सम्पत्ति बेचे पर प्रतिबंध के औडर सिविल कोर्ट में भेज देवल गेले हल । विचित्र बात ई कि बेचे से मनाही ऊ चीज के जे अपन नाम पर हइए नञ् ! ओकर बाद हम एगो घर खरदलिअइ आउ कुछ दोसर-दोसर प्राप्ति कइलिअइ । ओहे समय में भाग्यवश हमरा रैंक के उपलब्धि से व्यापारी वर्ग से अभिजात वर्ग में प्रवेश करे के अवसर मिललइ । अपन फयदा देखके हम अपन घर के बेचे लगी लाभप्रद स्थिति मालुम कइलिअइ, बिक्री दस्तावेज के ओहे कोर्ट में पास कर देलिअइ जाहाँ परी निलम्बलेख (escrow) फाइल कइल हलइ । एकरा हमरा विरुद्ध अपराध समझल गेलइ; काहेकि अइसन लोग हलइ जेकर खुशी पर हमर खुशी के चलते ग्रहण लग गेलइ । [*54] सरकारी वकील हमर विरुद्ध रिपोर्ट कइलकइ कि हम राजकोष के बकाया चुकावे से बचके घर बेचलिअइ, सिविल कोर्ट के धोखा देलिअइ, खुद के वर्तमान स्थिति बताके, न कि जे स्थिति में हम घर खरीदे बखत हलिअइ । बेकारे में हम बोललिअइ कि जे भू-सम्पत्ति हइए नञ् हइ ओकरा बेचे में मनाही नञ् कइल जा सकऽ हइ, हम व्यर्थ में बोललिअइ कि कम से कम जायदाद के बाकी हिस्सा के पहिले बेचल जाय के चाही आउ ई बिक्री से कर्जा के निपटावल जाय के चाही, आउ फेर दोसर कदम उठावे के चाही; कि हम अपन स्थिति के नञ् छिपइलिए हल, काहेकि घर खरीदे बखत हम अभिजात वर्ग में हलिअइ । ई सब कुछ अस्वीकार कर देल गेलइ, घर के बिक्री रद्द कर देल गेलइ, हमरा कपट व्यवहार लगी रैंक से वंचित कर देवे के दंड देल गेलइ, आउ अभी चाहते जा हथिन", कहानीकार बोलला, "हियाँ के मेजबान के सम्मन देल गेले ह कि केस के निपटारा तक हिरासत में रक्खल जाय ।"
[*55] अंतिम भाग सुनाते बखत कहानी सुनावे वला अपन अवाज तेज कर लेलकइ हमर पत्नी सुनतहीं हमरा गले लगाके चीख पड़लइ - "नञ्, हमर दोस्त, हमहूँ तोरे साथ हियो " एकरा से जादे बोल नञ् पइलइ ओकर सब अंग कमजोर हो गेलइ आउ बेहोश होके हमर अकवार में गिर पड़लइ हम ओकरा कुरसी पर से उठइलिअइ आउ ओकरा शयनकक्ष में ले अइलिअइ आउ हमरा नञ् मालुम कि भोज कइसे समाप्त होलइ
कुछ समय के बाद होश में अइला पर ऊ दरद महसूस कइलकइ, जे हमन्हीं बीच के प्रेम के फल के आसन्न उत्पत्ति के घोषणा कइलकइ । लेकिन ऊ केतनो कठोर रहइ, ई विचार कि हम हिरासत में रहबइ, ओकरा लगी एतना कष्टकारक ठहरलइ कि ऊ खाली दोहरइते रहलइ - "हमहूँ तोरा साथ जइबो।" ई अप्रिय घटना बुतरू के जनम के पूरे एक महिन्ना पहिले कर देलकइ, आउ मदत लगी बोलावल गेल दाई आउ डाक्टर के सब्भे प्रयास व्यर्थ सिद्ध होलइ आउ हमर पत्नी के एक दिन के बाद बुतरू के जनम देवे से नञ् रोक पइते गेलइ । ओकर आत्मा के हलचल नञ् खाली [*56] बुतरू के पैदा लेवे से शान्त नञ् होलइ, बल्कि एकरा बहुत बढ़ाके ओरा बोखार चढ़ा देलकइ । ई कहानी के जादे बढ़इला से की फयदा ? हमर पत्नी बुतरू के पैदा होवे के तेसरा दिन मर गेल । ओकर तकलीफ देखके, तूँ विश्वास कर सकऽ हो, कि ओकरा हम एक्को मिनट लगी नञ् छोड़लिअइ । अपन केस आउ एकर फैसला के ई शोक में हम बिलकुल भूल गेलिअइ । अपन प्रेयसी के मौत के एक दिन पहिले, हमन्हीं के प्यार के अपरिपक्व फल भी मर गेल । ओकर माय के बेमारी हमरा बिलकुल व्यस्त रखलकइ, आउ ई क्षति हमरा लगी तखने बड़गो नञ् प्रतीत होलइ । कल्पना करहो, कल्पना करहो", अपन दुन्नु हाथ से केश नोचते हमर कहानी सुनावे वला बोललइ, "हमर स्थिति के कल्पना करहो, जब हम देखलिअइ कि हमर प्रेयसी हमरा से हमेशे लगी जुदा हो गेलइ। हमेशे लगी !", ऊ चीखते बोललइ । "लेकिन हम काहे लगी भागब करऽ हिअइ ? ओकन्हीं हमरा जेल में डाल दे; हम तो संवेदनहीन हो चुकलिए ह; हमरा यातना दे, हमर जान ले ले । ए बर्बर, बाघ, [*57] भयंकर साँप, हमर ई हृदय छेद दे, एकरा में अपन मन्द जहर डाल दे । हमर आवेश के क्षमा करऽ, हमरा लगऽ हके कि हमर दिमाग जल्दीए काम करना बंद कर देत । जब कभी हम ऊ पल के बारे सोचऽ हूँ जब हमर प्रेयसी हमरा से जुदा होल, त हम सब कुछ भूल जा ही आउ हमर आँख में अन्हेरा छा जा हके । लेकिन हम अपन कहानी समाप्त कर देबो । एतना गम्भीर निराशा में हम अपन प्रेयसी के प्राणहीन देह पर पड़ल हलिअइ कि हमर एगो सच्चा मित्र दौड़ल आके हमरा कहलकइ - "तोरा गिरफ्तार करे लगी अइते गेलो ह, गिरोह प्रांगण में तोर इंतजार में हको । भाग जा हियाँ से, किबित्का पिछला दरवाजा भिर तैयार हको, मास्को चल जा, चाहे जाहाँ मन करो, आउ हुआँ रहऽ जब तक कि तोहर भाग्य (दंड) के हलका करना संभव नञ् हो जाय । हम ओकर बात पर ध्यान नञ् देलिअइ, लेकिन ऊ बलजोरी अपन अदमी सब के सहायता से उठाके ले गेल आउ हमरा किबित्का में पाड़ देलक; लेकिन ई आद करके कि हमरा पैसा के जरूरत पड़तइ, हमरा बटुआ देलक, जेकरा में खाली पचास [*58] रूबल हलइ । ऊ हमर अध्ययन कक्ष में अइलइ कि हुआँ (कुछ आउ) पैसा मिलतइ आउ हमरा दे देतइ; लेकिन हुआँ हमर शयनकक्ष में पहिलहीं से एगो अफसर के देखके खाली एतने समाद देवे खातिर अदमी पठइलकइ कि हम रवाना हो जइअइ । हमरा आद नञ् कि कइसे हमरा पहिला स्टेशन तक लावल गेलइ । हमर दोस्त के नौकर जे कुछ गुजरले हल बताके हमरा अलविदा कहलकइ, आउ हम अभी जा रहलूँ हँऽ, जइसन कि कहावत हइ, जने हमर भाग्य ले जाय ।"
हमर सहयात्री (हमसफर) के कहानी अवर्णनीय रूप से हमर हृदय के स्पर्श कर गेलइ । "की ई संभव हइ", हम खुद से कहलिअइ, "कि अइसन क्रूरता हमन्हीं के एतना दयालु राज्य में कइल जा सकऽ हइ? की ई संभव हइ कि एतना पागल जज हइ कि राजकोष के भरे लगी (वास्तव में सरकार के माँग के संतुष्टि खातिर जायदाद के हरेक अवैध जब्ती के अइसन नाम देल जा सकऽ हइ) लोग के जायदाद, इज्जत आउ जिनगी से वंचित कर देइ?" हम सोचे लगलिअइ कि कइसे ई घटना तरफ सर्वोच्च अधिकारी के ध्यान आकृष्ट कइल जाय। [*59] काहेकि हम ठीके सोचऽ हलिअइ कि राजतंत्रिक सरकार में खाली सर्वोच्च अधिकारी दोसर लोग के संबंध में निष्पक्ष हो सकऽ हइ । "लेकिन की हम ओकर रक्षा के भार खुद पर नञ् ले सकऽ हिअइ? हम उच्चतम प्राधिकारी के याचिका लिखबइ । हम सब घटना के विस्तृत विवरण देबइ आउ जज लोग के अन्याय आउ प्रतिवादी (मुद्दालेह, defendant) के निर्दोषता प्रस्तुत करबइ । लेकिन हमर याचिका स्वीकार नञ् कइल जइतइ । पुच्छल जइतइ, ओकरा में हमर की अधिकार हइ; हमरा से मुख्तारनामा (power of attorney) के माँग कइल जइतइ । हमर की अधिकार हइ ? भुक्तभोगी मानवता । जायदाद, प्रतिष्ठा से वंचित व्यक्ति, अपन आधा जिनगी से वंचित, अपमानित कारावास से बचाव खातिर स्वैच्छिक निर्वासन में। आउ एकरा लगी मुख्तारनामा चाही? केकरा हीं से? की ई कम हइ कि हमर सह-नागरिक (fellow citizen) कष्ट भुगत रहले ह? हाँ, ओकरो में जरूरत नञ् हइ । ऊ व्यक्ति हइ - ओकरे में हमर अधिकार हइ, ओकरे में हमर मुख्तारनामा हइ । ओ देवमनुष्य! काहे लगी तूँ अपन कानून [*60] बर्बर लोग खातिर लिखलऽ?
ऊ सब तोर नाम पर क्रॉस करते जा हइ आउ बुराई के बेदी पर खूनी बलिदान देते जा हइ । काहे तूँ ओकन्हीं लगी दयालु हलऽ? भावी दंड के प्रतिज्ञा के स्थान पर  तोहरा वर्तमान दंड बढ़ावे के चाही हल, आउ ओकन्हीं के अंतःकरण के पापकर्म के अनुसार यातना देते ओकन्हीं के दिन चाहे रात शांति नञ् देवे के चाही हल जब तक कि कष्ट भोगके अपन सब्भे कइल दुष्कर्म लगी प्रायश्चित्त नञ् कर लेते जा हइ। अइसन विचार हमरा हमर देह के एतना निढाल कर देलक कि हम बड़ी गढ़गर नीन में सुत गेलिअइ आउ बहुत देर तक जग नञ् पइलिअइ । जब हम सुत्तल हलिअइ त लसीका (lymphs) हमर विचार से उत्तेजित होके हमर सिर दने वेगपूर्वक बढ़लइ, आउ हमर मस्तिष्क के कोमल संरचना के आलोडित करते, ओकरा में कल्पना जागृत कइलकइ। अनगिनत तस्वीर हमर स्वप्न में अवतरित होलइ, लेकिन हवा में हलका वाष्प नियन गायब हो गेलइ । आखिर, जइसन कि अकसर होवऽ हइ, मस्तिष्क के कोय तंतु, शरीर के आन्तरिक नस (वाहिका) से उत्पन्न होल वाष्प से प्रबल रूप से स्पर्श कइल गेला से, कुछ समय तक दोसर सब के अपेक्षा अधिक तीव्रता से कंपन कइलकइ, आउ अइकी ई सपना हम देखलिअइ ।



[1] रादिषेव साइबेरिया में निर्वासन के बाद अपन जागीर निम्त्सोवो (Nemtsovo) में बस गेलथिन हल (1797, 1799-1801) । जब ऊ निम्त्सोवो में रह रहलथिन हल तब ऊ रूसी काव्यात्मक परी कथा "बोवा कोरोलेविच" लिखलथिन । एकरा में दैत्य पोलकान खलनायक हइ जबकि बोवा नायक । बुलबुल डाकू एगो दुष्ट राक्षस हलइ जे सीटी बजाके लोग के वश में कर ले हलइ । बाद में नायक इल्या मुरोमेत्स द्वारा बन्दी बना लेवल गेलइ ।
[2] सन् 1775 में रूस के 40 गुबेर्निया (प्रान्त) में विभाजित कइल गेले हल, जेकर संख्या 1796 तक बढ़ाके 51 कर देल गेलइ । हरेक गुबेर्निया के प्रधान एगो गवर्नर होवऽ हलइ । दू-तीन-पाँच गुबेर्निया के मिलाके एगो प्रशासनिक क्षेत्र के नमेस्तनिचेस्त्वो (Namestnichestvo) कहल जा हलइ जेकर प्रशासन  अधिकारी नमेस्तनिक (Namestnik) होवऽ हलइ । नमेस्तनिक पद के उनइसमी शताब्दी में गवर्नर-जेनरल के नाम देल गेलइ ।
[3] 1780 के दशक के अन्त में प्रचलन में हलइ - स्वर्ण मुद्रा (10 रूबल आउ 5 रूबल); रजत मुद्रा - रूबल, 50 कोपेक, 25 कोपेक, 10 कोपेक, 5 कोपेक; ताम्र मुद्रा - 5 कोपेक, 1 कोपेक, आधा कोपेक; पेपर बैंकनोट - 100, 50, 25, 10 आउ 5 रूबल के । ताम्र मुद्रा आउ बैंकनोट के सस्ता आँकल जा हलइ आउ ओकरा रजत अथवा स्वर्ण मुद्रा में बदले लगी सरचार्ज (अधिशुल्क) लगऽ हलइ । जइसे-जइसे बैंकनोट के संख्या बढ़लइ, पेपर आउ ताम्र मुद्रा के कीमत बदलते गेलइ । विनिमय के कमीशन मक्कार लोग लगी पैसा कमाय के बड़गो मोक्का मिल गेलइ । 1780-90 के वर्ष में सरकारी राजस्व के बढ़ावे खातिर बड़गो परिमाण में बैंकनोट जारी कइल गेलइ । सन् 1787 में 1 रूबल नोट के कीमत चानी के 97 कोपेक के बराबर हलइ, जबकि शताब्दी के अन्त में कागजी रूबल के कीमत खाली 64 कोपेक रह गेलइ । (कुलाकोवा आउ ज़ापादोव, 1974:67-68)
[4] साझिन - लम्बाई के रूसी प्राचीन ईकाई; 1 साझिन = 2.13 मीटर । अतः 5 साझिन = 10.65 मी. ।