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Thursday, May 25, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-4 ; दृश्य-2

दृश्य-2
(ख़्लिस्ताकोव अकेला, आँख मलते प्रवेश)
ख़्लिस्ताकोव - (स्वगत) हम, लगऽ हइ, खर्राटा भरके निम्मन से सुतलिअइ । काहाँ से ओकन्हीं के अइसन गद्दा आउ पंख वला बिस्तर मिल गेलइ ? पसेने-पसेने भी हो गेलूँ । लगऽ हइ, कल्हे हमर भोजन में कुछ तो डाल देते गेले हल - हमर सिर में अभियो तलक दरद हके । हियाँ परी, जइसन कि हमरा देखाय दे हइ, आनंद से कुछ समय गुजार सकऽ हिअइ । हमरा सुंदर आवभगत पसीन पड़ऽ हइ, आउ हम स्वीकार करऽ हिअइ, कि हमरा आउ जादे पसीन पड़ऽ हइ अगर हमर आवभगत स्वार्थवश नयँ, बल्कि पवित्र हृदय से कइल जा हइ । आउ मेयर के बिटिया बहुत निम्मन हइ, आउ ओकर माय भी ठीके होतइ ... नयँ, हमरा मालुम नयँ, लेकिन हमरा सचमुच अइसन जिनगी पसीन पड़ऽ हइ ।

   
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विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-4 ; दृश्य-1

अंक -4
(मेयर के घर के ओहे कमरा)
दृश्य-1
(सवधानी से लगभग चौआ पर चलते, पूरे औपचारिक परिधान आउ वरदी में, अंदर प्रवेश करते जा हका - आम्मोस फ़्योदरोविच, अरतेमी फ़िलिप्पोविच, पोस्टमास्टर, लुका लुकीच, दोबचिन्स्की आउ बोबचिन्स्की । पूरा दृश्य आधा फुसफुसाहट में ।)
आम्मोस फ़्योदरोविच (जज) - (सब के अर्द्धवृत्त में खड़ी करऽ हका) भगमान खातिर, भद्रजन, जल्दी से वृत्ताकार रूप में खड़ी हो जइते जाथिन, आउ जरी अपन स्थान पर रहते जाथिन ! भगमान उनकर भला करथिन - ऊ राजमहल आवऽ-जा हका, आउ राज्य परिषद् के फटकारऽ हका ! मिलिट्री फैशन में लाइन में खड़ी होते जाथिन, बिलकुल मिलिट्री फैशन में ! अपने, प्योत्र इवानोविच, जल्दी से ई तरफ आ जाथिन, आउ अपने प्योत्र इवानोविच हुआँ खड़ी हो जाथिन ।
(दुन्नु प्योत्र इवानोविच चौआ पर तेजी से जा हका ।)
अरतेमी फ़िलिप्पोविच (अनुदान संस्था के न्यासी) - अपने के मर्जी, आम्मोस फ़्योदरोविच, लेकिन हम सब के कुछ न कुछ तो करे के चाही ।
आम्मोस फ़्योदरोविच - लेकिन ठीक-ठीक कउची ?
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - ई तो जाहिर हइ कि कउची ।
आम्मोस फ़्योदरोविच - कुछ चुपके चोरी सरका देवे के चाही ?
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - हाँ, बल्कि चोरी चुपके कुछ सरका देवे के बात काहे नयँ होवे ।    
आम्मोस फ़्योदरोविच - ई तो खतरनाक काम हइ, भाड़ में जाय ! हम सब पर चिल्लइता - ऊ तो सरकारी अदमी हथिन । लेकिन हाँ, कइसनो स्मारक के खातिर अभिजात वर्ग (gentry) के तरफ से चंदा के रूप में हो सकऽ हइ ।
पोस्टमास्टर - आउ नयँ तो - "अइकी, डाक से पैसा अइलइ, मालुम नयँ केकरा लगी ।"    
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - सावधान, कहीं अपनहीं के डाक से ऊ कहीं आउ दूर नयँ पठा देथुन । सुनथिन - अइसन काम एगो सुव्यवस्थित राज्य में नयँ कइल जा हइ । काहे लगी हियाँ परी पूरा स्क्वैड्रन (संगठित दल) हिअइ ? जरूरत हइ एक-एक करके खुद के पेश करे के, आउ आँख से आँख मिलाके आउ ई तरह ... जइसन कि होवे के चाही ... ताकि लोग के कानो-कान खबर नयँ होवे । अइसीं एगो सुव्यवस्थित समाज में कइल जा हइ! अच्छऽ, त अपने, आम्मोस फ़्योदरोविच, सबसे पहिले शुरू करथिन ।
आम्मोस फ़्योदरोविच - नयँ, बेहतर अपने पहिले । अपने के संस्था में ई विशिष्ट आगंतुक रोटी के स्वाद लेलथुन।
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - नयँ, बेहतर होतइ कि युवा वर्ग के प्रबोधक के हैसियत से लुका लुकीच पहिले ।
लुका लुकीच - नयँ भद्रजन, नयँ, हमरा से ई नयँ होतइ । हम स्वीकार करऽ हिअइ, हमर पालन-पोषण अइसन होले ह, कि अगर एक रैंक के ऊपर वला कोय हमरा से बात करऽ हथिन, त हम ठक हो जा हिअइ आउ लगऽ हइ जइसे हमर जीभ कीचड़ में फँस गेलइ । नयँ भद्रजन, हमरा क्षमा करथिन, किरपा करके क्षमा करथिन !
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - हाँ, आम्मोस फ़्योदरोविच, अपने के अलावे आउ कोय नयँ हइ । अपने के मुँह से कइसनो शब्द निकसलइ, कि मानूँ सिसेरोन (Cicero) उड़के अइलथिन ।
आम्मोस फ़्योदरोविच - की कहऽ हथिन ! की कहऽ हथिन - सिसेरोन ! देखथिन, कइसन बात सोचलथिन ! हाँ, जब कभी घरेलू कुत्ता चाहे बोर्ज़्वा (borzoi) के बारे बात करे लगऽ हिअइ, त भावना में बह जा हिअइ ...
सब्भे - (उनका प्रेरित करते) नयँ, अपने खाली कुत्ता के मामले में नयँ, बल्कि खलबली मचावे में भी ... नयँ, आम्मोस फ़्योदरोविच, हम सब के परित्याग नयँ करथिन, हम सब के पिता (अर्थात् संरक्षक) बनथिन ! ... नयँ, आम्मोस फ़्योदरोविच !
आम्मोस फ़्योदरोविच - भद्रजन, हमरा अकेल्ले छोड़ देते जाथिन !
(एतने में ख़्लिस्ताकोव के कमरा में कदम के आहट आउ खोंखे के अवाज सुनाय दे हइ । सब लोग दरवाजा दने लपकल जइते जा हका, एक दोसरा से टकरा जा हका आउ बहरसी निकसे के प्रयास करते जा हका, एकर बिन परवाह कइले कि कोय एकरा चलते कुचला जा हइ कि नयँ । आधा फुसफुसाहट में उद्गार सुनाय पड़ऽ हइ ।)
बोबचिन्स्की के अवाज - अरे, अरे, प्योत्र इवानोविच, प्योत्र इवानोविच ! हमर गोड़वा पर अपन गोड़ रख देलऽ !
ज़िमल्यानिका के अवाज - भद्रजन, हमर गोड़वा पर से हटते जा ! दया करते जा ! हमरा तो रौंद देते गेलऽ !
(कइएक "ओह !", "आह" जइसन कष्ट भरल उद्गार सुनाय पड़ऽ हइ । आखिरकार सब्भे एक दोसरा के धकिअइते बहरसी निकस जइते जा हइ, आउ कमरा खाली हो जाइ ।)

  
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Monday, May 22, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-11

दृश्य-11
(ओहे सब, सिपाही देर्झिमोर्दा आउ स्विस्तुनोव)
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हियाँ आवऽ, प्यारे !
मेयर - श्श ! ... की ? की ? सुत्तल हथिन ?
ओसिप - अभी तो नयँ, जरी-मनी अँगड़ाई ले हथिन ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - सुनऽ, तोर नाम की हको ?
मेयर - श्श ! कइसन पाँवफिरा (talipedic) भालू हइ - बूट से ठप-ठप करब करऽ हइ ! अइसे अवाज करब करऽ हइ, मानूँ चालीस पूद [22] लट्ठा गाड़ी से कोय गिरा देलकइ ! काहाँ तोहन्हीं के शैतान लेल जाब करऽ हलउ ?
देर्झिमोर्दा - जी, औडर के मोताबिक ड्यूटी पर हलिअइ ...
मेयर - श्श ! (ओकर मुँह बंद कर दे हका) कइसन कौआ नियन काँव-काँव करऽ हइ ! (ओकर नकल करऽ हका) औडर के मोताबिक ड्यूटी पर हलिअइ ! बैरेल में से मानूँ साँढ़ हँकरब करऽ हइ । (ओसिप से) अच्छऽ, मित्र, तूँ जा आउ हुआँ मालिक के जरूरत के मोताबिक तैयारी करऽ । ऊ सब, जे कुछ घर पर होवे, माँग लीहऽ ।
(ओसिप के प्रस्थान)
आ तोहन्हीं दुन्नु ड्योढ़ी पर खड़ी रह, आउ जगह से हिलना नयँ ! आउ कोय अजनबी के घर में घुस्से नयँ देना, खास करके बेपारी सब के ! अगर बल्कि एक्को गो के अंदर आवे देलँऽ, त ... खाली देखाय देउ, कि कोय अर्जी लेके आब करऽ हइ, चाहे बल्कि बिन कोय अर्जी के, लेकिन देखे में लगे कि अइसन अदमी हइ, जे हमरा विरुद्ध शिकायत करे लगी चाहऽ हइ, ओकरा सीधे धकेलके बाहर कर देना ! अइसे ! अच्छा से ! (गोड़ से देखावऽ हका) सुनलँऽ ? श्श ... श्श ...
(सिपाही लोग के पीछू-पीछू चौआ के बल प्रस्थान ।)

  
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विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-10

दृश्य-10
(ओहे सब आउ ओसिप । सब कोय अँगुरी से इशारा करते ओकरा से मिल्ले लगी दौड़ऽ हइ ।)
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हियाँ आवऽ, प्यारे !
मेयर - श्श ! ... की ? की ? सुत्तल हथिन ?
ओसिप - अभी तो नयँ, जरी-मनी अँगड़ाई ले हथिन ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - सुनऽ, तोर नाम की हको ?
ओसिप - ओसिप, मैडम ।
मेयर - (पत्नी आउ बेटी से) बहुत हो गेलो, बहुत हो गेलो तोहन्हीं के ! (ओसिप से) की मित्र, तोहर भोजन तो ठीक से हो गेलो न ?
ओसिप - जी, हो गेलइ, हार्दिक धन्यवाद; निम्मन से भोजन हो गेलइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - अच्छऽ, बतावऽ - हमर विचार से तोहर मालिक के हियाँ बहुत अधिक काउंट आउ राजकुमार आवऽ जा होथुन न ?
ओसिप - (स्वगत) की बतावल जाय ? अगर अभी निम्मन भोजन करावल गेलइ, त बाद में आउ निम्मन भोजन करावल जइतइ । (प्रकट) जी हाँ, काउंट लोग भी अइते जा हथिन ।  
मारिया अंतोनोव्ना - प्यारे ओसिप, तोर मालिक केतना सुंदर हथुन !
आन्ना अंद्रेयेव्ना - किरपा करके बतावऽ ओसिप, ऊ कइसे ...
मेयर - अब किरपा करके बस तो करते जा ! तोहन्हीं अइसन बकवास से खाली हमरा बाधा डालब करऽ ह ! की, मित्र ? ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - आउ तोर मालिक के ओहदा (रैंक) की हको ?
ओसिप - ओहदा सामान्य रूप के ।
मेयर - ओह, हे भगमान, तोहन्हीं तो अपन बेवकूफी भरल सवाल से तंग करते रहभो ! कुच्छो काम के बात करे लगी मौका नयँ देबहो । अच्छऽ, की मित्र, तोर मालिक कइसन हथुन ? ... अनुशासन के प्रति कठोर ? डाँटवो-फटकारवो करऽ हथुन कि नयँ ?
ओसिप - जी हाँ, अनुशासनप्रिय हथिन । उनका लगी सब कुछ दुरुस्त होवे के चाही ।
मेयर - आउ हमरा तोहर चेहरा बहुत पसीन पड़ऽ हको । मित्र, तूँ जरूर एगो निम्मन व्यक्ति होवऽ । अच्छऽ ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - सुनऽ ओसिप, की तोर मालिक हुआँ वरदी में घुम्मऽ-फिरऽ हथुन, कि ...
मेयर - बहुत हो गेलो । सचमुच तोहन्हीं केतना बक-बक करब करऽ ह ! हियाँ जरूरी चीज हइ - बात अदमी के जिनगी के चल रहले ह ... (ओसिप से) सचमुच मित्र, तूँ हमरा बहुत पसीन हकऽ । रस्ता (यात्रा) में, जानवे करऽ हो, चाय के अतिरिक्त प्याली ले लेवे से कुछ हरजा नयँ - अभी जरी ठंढी हइ । त अइकी चाय खातिर चानी के दू रूबल हको ।
ओसिप - (पैसा लेते) हार्दिक धन्यवाद महोदय । भगमान अपने के हर तरह से स्वस्थ रक्खे ! अपने एगो गरीब के मदत कइलथिन ।
मेयर - अच्छऽ, अच्छऽ, हमरा खुद्दे खुशी हो रहलो ह । की मित्र ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - आउ तोर मालिक के सबसे जादे कइसन आँख पसीन हको ?
मारिया अंतोनोव्ना - ओसिप प्यारे, तोर मालिक के नाक केतना सुत्थर हको ! ...
मेयर - दम धरऽ, हमरा बोले द ! ... (ओसिप से) की मित्र, मेहरबानी करके बतावऽ - तोर मालिक कउची पर जादे ध्यान दे हथुन, मतलब उनका यात्रा के दौरान जादे की पसीन पड़ऽ हइ ?
ओसिप - उनकर पसन परिस्थिति पर निर्भर करऽ हइ । सबसे जादे पसीन हइ कि उनका निम्मन से स्वागत कइल जाय, उनकर मनोरंजन निम्मन होवइ ।
मेयर - निम्मन स्वागत आउ मनोरंजन ?
ओसिप - जी हाँ, निम्मन । अइकी हलाँकि हम एगो नौकर हिअइ, तइयो ऊ ई बात के ध्यान रक्खऽ हथिन कि हमरो साथ सब कुछ निम्मन होवइ । भगमान कसम ! कभी कहीं पहुँच जइते जा हिअइ - "की ओसिप, तोर निम्मन से खातिरदारी कइल गेलउ न ?" - "बिलकुल खराब, महामहिम !" त ऊ बोलऽ हथिन - "ओसिप, ई खराब मेजबान (host) हउ । जइसीं घर पहुँच जइअउ, हमरा आद देलइहँऽ ।"  - "ओह", हम सोचऽ हिअइ (हाथ लहरावऽ हइ), "भगमान उनकर भला करथिन ! हम तो सीधा-सादा अदमी हिअइ ।"
मेयर - ठीक, ठीक, तूँ तो अकलमंदी के बात करऽ हो । तोरा चाय खातिर कुछ देलियो हल, ई हको ओकरा अलावे बरानका (ring-shaped roll) खातिर ।
ओसिप - एकर की जरूरत हइ, महामहिम ? (पैसा रख ले हइ) वास्तव में हम अपने के निम्मन स्वास्थ्य-कामना के साथ पीबइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हमरा हीं आवऽ ओसिप, हमरो हीं से कुछ मिलतो ।
मारिया अंतोनोव्ना - प्यारे ओसिप, हमरा तरफ से तूँ अपन मालिक के चुंबन लीहऽ !
(दोसर कमरा से ख़्लिस्ताकोव के हलका सन खोंखे के अवाज सुनाय दे हइ ।)
मेयर - श्श ! (चौआ पर खड़ी हो जा हका; पूरा दृश्य आधा फुसफुसाहट में ।) भगमान के नाम पर शोर मत करते जा ! जइते जा ! बहुत हो गेलो ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - चलल जाय, माशिन्का ! हम तोरा बतइबउ, अतिथि के बारे हम जे कुछ नोटिस कइलिअइ, ऊ खाली हमन्हीं दुन्नु के बीच बतियाल जा सकऽ हइ ।
मेयर - ओह, त हुआँ बतिअइते जइतइ ! हमरा लगऽ हइ, खाली जाहो आउ ओकन्हीं के बात सुनहो - त बाद में अपन कान में ठेंठी डाल लेवे पड़तो । (ओसिप दने मुड़ते) अच्छऽ, मित्र ...

  
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Sunday, May 21, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-9

दृश्य-9
(ओहे सब आउ मेयर)
मेयर - (दबे पाँव प्रवेश करते) श्श्श ! ... श्श्श ! ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - की बात हइ ?
मेयर - काश, हम एतना जादे नयँ पिलइतिए हल ! लेकिन एकरा से की, अगर बल्कि ऊ जे कुछ बोललइ ओकरा में आधो सच हइ ? (चिंतन मुद्रा में) आउ ई कइसे सच नयँ हो सकऽ हइ ? जब पीके अदमी धुत्त हो जा हइ, त सब कुछ बहरसी आ जा हइ - जे दिल में हइ, ओहे जीभ पर । वस्तुतः जरी-मनी बात बढ़ा-चढ़ाके बोललइ; लेकिन कइसनो बात बिन नमक-मिर्च लगइले बोललो तो नयँ जा हइ । मंत्री लोग के साथ ताश खेलऽ हइ आउ राजमहल अइते-जइते रहऽ हइ ... त अइकी, सचमुच, जेतने जादे सोचऽ हो ... शैताने ओकरा जानऽ हइ, तोरा मालुम नयँ पड़तो कि तोर दिमाग में की चल रहलो ह; बस मानूँ लगतो कि कइसनो घंटाघर के उपरे खड़ी हकऽ, चाहे लगतो कि तोरा फाँसी पर लटकावे लगी चाहते जा हको ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - लेकिन हमरा तो कइसनो भीरुता बिलकुल नयँ अनुभव होलइ; हमरा तो ओकरा में एगो शिक्षित, शिष्ट, उच्च चाल-चलन के व्यक्ति देखाय देलकइ, आउ ओकर पदवी के बारे हमरा कोय जरूरत नयँ ।
मेयर - अरे, तूँ सब - औरत ! बस हो गेलो, खाली ई एक्के शब्द काफी हको ! तोहन्हीं सब लगी खाली - साज-शृंगार ! अचानक कुछ ई नयँ तो ऊ बक देना । तोहरा पर कोड़ा बरसइतो, बस खिस्सा खतम, लेकिन पति बिन कोय अता-पता के गायब हो जइतो । तूँ तो, हमर प्रिये, ओकरा साथ एतना सहजता से बरताव कइलहो, मानूँ ऊ कोय दोबचिन्स्की होवे ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - एकरा बारे तो हम सुझाव दे हिअइ कि अपने बेफिकिर रहथिन । हमन्हीं कइसूँ सम्हार लेवे के तिकड़म जानऽ हिअइ ... (अपन बेटी दने देखऽ हका ।)
मेयर - (स्वगत) हूँ, तोरा से तो बाते करना फिजूल हइ ! ... वास्तव में ई कइसन अप्रत्याशित घटना हइ ! अभियो तक हमर मन से भय नयँ दूर हो पा रहल ह । (दरवाजा खोलऽ हका आउ ओकरा से होके बोलऽ हका।) मिश्का, दुन्नु सिपाही स्विस्तुनोव आउ देर्झिमोर्दा के बोलाके लाव - ओकन्हीं हिएँ नगीच में कहीं परी गेट के पीछू होतउ । (कुछ देर के चुप्पी के बाद) आझकल दुनियाँ में सब कुछ में विचित्र बदलाव हो चुकले ह - कइसूँ तो ई अदमी देखाय दे हलइ, लेकिन बिलकुल दुब्बर-पातर - कइसे पछानल जाय कि ऊ केऽ हइ ? मिलिट्री वरदी में कइसूँ पछान में आ जा हइ, लेकिन जइसीं फ्रॉक-कोट धारण कर ले हइ (अर्थात् सिविल ड्रेस में हो जा हइ) - त पक्का कतरल पंख वला एगो मक्खी नियन लगऽ हइ । लेकिन बहुत देर तक सराय में जम्मल रहलइ, अन्योक्ति अलंकार में आउ गोल-गोल बात कइलकइ, लगइ कि शताब्दी भर में भी ओकरा बारे कुछ पता नयँ लगा पइबइ । लेकिन अइकी आखिर समर्पण कर देलकइ । आउ बहुत कुछ जरूरत से जादहीं बोल गेलइ । ई बात साफ हइ, कि ई अदमी अभी नवयुवक हइ ।       

  
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Friday, May 19, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-8

दृश्य-8
(आन्ना अंद्रेयेव्ना आउ मारिया अंतोनोव्ना)
आन्ना अंद्रेयेव्ना - आह, केतना मनोहर !
मारिया अंतोनोव्ना - आह, केतना प्यारा !
आन्ना अंद्रेयेव्ना - लेकिन केतना परिष्कृत शिष्टाचार ! देखके तुरतम्मे समझल जा सकऽ हइ कि रजधानी के व्यक्ति हइ । ई सब्भे व्यवहार ... आह, केतना सुंदर ! अइसन नवयुवक लोग हमरा भयंकर रूप से पसीन पड़ऽ हइ ! हम तो बस अपन होश खो बैठऽ हूँ । उनका तो हम बहुत अधिक पसीन पड़लिअइ; हम नोटिस कइलिअइ - हमेशे हमरा पर नजर गड़इले रहला ।
मारिया अंतोनोव्ना - आह, माय, ऊ तो हमरा दने तक रहलथिन हल !
आन्ना अंद्रेयेव्ना - मेहरबानी करके अपन बकवास अलगे ले जो ! ई हियाँ परी बिलकुल नयँ फिट बैठऽ हउ ।
मारिया अंतोनोव्ना - नयँ, माय, सच में !
आन्ना अंद्रेयेव्ना - ले देखहीं ! भगमान बचावे, बहस करे से ! ई संभव नयँ, बस ! काहाँ परी उनका तोरा निहारे के हउ ? आउ काहे लगी उनका तोरा निहारे के चाही ?
मारिया अंतोनोव्ना - सच माय, ऊ पूरे समय हमरा निहार रहलथिन हल । आउ जब ऊ साहित्य के बारे बोले लगलथिन, त हमरा दने तकलथिन, आउ बाद में, जब ऊ बता रहलथिन हल, कि ऊ राजदूत लोग के साथ ह्विस्ट खेलऽ हलथिन, तखनियों हमरा दने देखलथिन ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - अच्छऽ, शायद, एकाऽ तुरी, आउ अइसीं, शिष्टाचार खातिर, बस । "ओह", खुद से बोलऽ होथिन, "ओकरो दने जरी देख लेवे के चाही !"

  
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Thursday, May 18, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-7

दृश्य-7
(ख़्लिस्ताकोव आउ मेयर के छोड़के बाकी ओहे सब)
बोबचिन्स्की - (दोबचिन्स्की से) त अइकी, प्योत्र इवानोविच, एगो व्यक्ति हथिन ! अइसने के कहल जा हइ व्यक्ति ! अपन जिनगी में एतना महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के उपस्थिति में नयँ रहलूँ हल, हम तो भय से लगभग मर गेलूँ । की सोचऽ हो, प्योत्र इवानोविच, पदवी के खियाल से ई केऽ हो सकऽ हथिन ?  
दोबचिन्स्की - हमरा लगऽ हइ, कि कहीं जेनरल तो नयँ हथिन ।
बोबचिन्स्की - हमर विचार से तो जेनरल उनकर जुतवो के बराबर नयँ होता ! लेकिन अगर जेनरल हथिन, त वास्तव में जेनरलिसिमो (generalissimo, सबसे उच्चपदस्थ जेनरल) होथिन । सुनलहो कि ऊ राज्य परिषद् के मामले में कइसे बरताव करब करऽ हलथिन ? चलल जाय आउ जल्दी से जल्दी आम्मोस फ़्योदरोविच आउ कोरोबकिन के सूचित कर देल जाय । अलविदा, आन्ना अंद्रेयेव्ना !
दोबचिन्स्की - अलविदा, धर्ममाता !
(दुन्नु के प्रस्थान ।)
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - (लुका लुकीच से) ई तो बस भयंकर बात हइ । आउ की कारण से, हमरा खुद्दे नयँ मालुम । आउ हमन्हीं वरदी में भी नयँ हिअइ । तब की होतइ, अगर ऊ होश में आ जाथिन आउ पितिरबुर्ग के रिपोर्ट कर देथिन ? (स्कूल इंस्पेक्टर के साथ-साथ चिंतित मुद्रा में दुन्नु के प्रस्थान, जाते बखत आन्ना अंद्रेयेव्ना से) अलविदा, मैडम !

  
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Monday, May 15, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-6

दृश्य-6
(ओहे सब, आन्ना अंद्रेयेव्ना आउ मारिया अंतोनोव्ना)
मेयर - अपन परिवार के प्रस्तुत करे के जुर्रत करऽ हिअइ - पत्नी आउ बेटी ।
ख़्लिस्ताकोव - (झुकके) हम केतना भाग्यशाली हिअइ, मैडम, कि हमरा अपने के साथ मिल्ले के खुशी मिल रहले ह ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हमन्हीं के तो अइसन विशिष्ट व्यक्तित्व से मिलके आउ आधिक खुशी हो रहले ह ।
ख़्लिस्ताकोव - (देखावा करते) क्षमा करथिन, मैडम, एकर बिलकुल विपरीत - हमरा अधिक खुशी हो रहले ह ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - जी, ई कइसे संभव हइ ! अपने अइसन बोले के किरपा करऽ हथिन लिहाज खातिर । नम्रतापूर्वक निवेदन करऽ हिअइ - बैठ जाथिन ।
ख़्लिस्ताकोव - अपने के बगल में खड़ी रहना भी सम्मान के बात हइ; लेकिन अगर अपने आग्रह करऽ हथिन, त हम बैठ जइबइ । (बैठ जा हइ) हम केतना भाग्यशाली अनुभव करऽ हिअइ, कि आखिर हम अपने के बगल में बैठल हिअइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - क्षमा करथिन, हम कइसूँ अपन खाता में लेवे के जुर्रत नयँ करऽ हिअइ (अर्थात् हम एतना सम्मान के लायक नयँ हिअइ) ... हमरा लगऽ हइ, रजधानी के जिनगी के बाद अपने के यात्रा बड़ी अप्रिय लगले होत ।
ख़्लिस्ताकोव - अत्यंत अप्रिय । कौँप्रने वू [comprenez vous - (फ्रेंच) अपने समझऽ हथिन], उच्च समाज में जीए के अभ्यस्त हिअइ, आउ अचानक खुद के रोड पर पाना - गंदा सराय, असभ्यता के अन्हेरा ... हम स्वीकार करऽ हिअइ, अगर ई अवसर हमरा नयँ मिलते हल, जे हमरा ... (आन्ना अंद्रेयेव्ना दने दृष्टि डालऽ हइ आउ उनकर सामने देखावा करऽ हइ) सब कुछ खातिर अइसन पुरस्कार देलके ह ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - वास्तव में, अपने के केतना अप्रिय लगले होत ।
ख़्लिस्ताकोव - लेकिन मैडम, अभी तो हमरा बहुत निम्मन लग रहले ह ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - जी, ई कइसे संभव हइ ! अपने तो हमरा बहुत सम्मान देब करऽ हथिन । हम एकर लायक नयँ हिअइ ।
ख़्लिस्ताकोव - कइसे एकर लायक नयँ हथिन ?
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हम तो गाँव में रहऽ हिअइ ...
ख़्लिस्ताकोव - हाँ गाँव, लेकिन हियों परी ओकर अपन पहाड़ी, नद्दी-नाला होवऽ हइ ... हाँ, ई सच हइ कि पितिरबुर्ग से केऽ तुलना करतइ ! आह, पितिरबुर्ग ! कइसन जिनगी हइ, सचमुच ! अपने शायद सोचऽ होथिन, कि हम खाली एगो क्लर्क हिअइ; नयँ, विभाग-प्रमुख के हमरा साथ मित्रतापूर्ण संबंध हइ । ऊ हमर कन्हा पर थपकी देके कहथिन - "आ जा, भाय, खाना पर !" हम विभाग में खाली दू मिनट लगी जइबइ, खाली ई कहे लगी, "ई अइसे करे के चाही, ऊ ओइसे !" आउ हुआँ के क्लर्क, एगो चूहा नियन, कलम से खाली खुरचे लगतइ - त्रर्, त्रर् ...  एक तुरी हमरा कॉलेजिएट असेसर बनावे लगी भी चाहते गेलथिन, लेकिन हम सोचऽ हिअइ कि काहे लगी । आउ दरबान हमरा पीछू-पीछू ज़ीना तक दौड़ल ब्रश लेले अइतइ आउ कहतइ - "लाथिन, इवान अलिक्सांद्रोविच, हम अपने के बूट साफ कर दे हिअइ" । (मेयर से) अपने महानुभाव सब खड़ी काहे लगी हथिन ? किरपा करके बैठ जाथिन !
(सब लोग समवेत स्वर में)
मेयर - रैंक के अनुसार हम सब खड़ी रह सकते जा हिअइ ।
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - हम सब खड़ी रहते जइबइ ।
लुका लुकीच - फिकिर नयँ करथिन ।
ख़्लिस्ताकोव - रैंक के चिंता नयँ करथिन, निवेदन करऽ हिअइ कि बैठ जइते जाथिन ।
(मेयर आउ बाकी सब लोग बैठ जा हका ।)
हमरा औपचारिकता पसीन नयँ । एकर विपरीत, हमहूँ हमेशे दोसर के नजर में बिन अइले घसक जाय के प्रयास करऽ हिअइ । लेकिन कइसूँ छिप्पल रहना असंभव हइ, एकदम असंभव ! खाली कधरो निकसऽ हिअइ, कि लोग बोले लगऽ हइ - "अइकी इवान अलिक्सांद्रोविच जा रहलथिन हँ !" आउ एक तुरी तो हमरा प्रमुख कमांडर (commander-in-chief) समझ लेते गेलइ; सैनिक लोग गार्डरूम से लपकके अइते गेलइ आउ राइफल के सलामी देवे लगलइ । बाद में एगो अफसर, जे हमर बहुत परिचित हथिन, हमरा से बोलऽ हथिन - "अरे, भाय, हमन्हीं तो तोरा प्रमुख कमांडर ही समझ लेलियो हल" ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - की कहऽ हथिन !
ख़्लिस्ताकोव - हम कुछ सुंदर नायिका से परिचित हिअइ । हम कइएक तरह के व्यंग्य परिहासिका भी (लिखलिए ह) ... साहित्यकार लोग से अकसर मिलना-जुलना होवऽ हइ । पुश्किन [13] के साथ दोस्ताना रिश्ता हइ । हम उनका अकसर बोलते रहऽ हिअइ - "की हाल-चाल हइ, भाय पुश्किन ?" - "कइसूँ चल रहले ह, भाय", ऊ उत्तर दे हका, "अइसीं कइसूँ सब कुछ ..." एगो महान मौलिक व्यक्तित्व ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - मतलब अपने लिखवो करऽ हथिन ? लेखक होना केतना आनंददायक बात होवऽ होतइ ! अपने शायद पत्रिका में भी योगदान करऽ होथिन ?
ख़्लिस्ताकोव - हाँ, पत्रिका में भी योगदान करऽ हिअइ । लेकिन हमर कइएक रचना हइ - "फ़िगारो के विवाह" [14], "रोबर्ट शैतान" [15], "नोर्मा" [16] । अभी तो शीर्षक भी आद नयँ हइ । ई सब तो संयोग के बात हलइ - हम तो लिक्खे लगी नयँ चाहऽ हलिअइ, लेकिन थियेटर के डायरेक्टर बोलऽ हइ, "किरपा करके, भाय, कुछ तो लिक्खऽ ।" सोचऽ हिअइ, "ठीक हइ, भाय, अइसने होवइ !" आउ हिएँ परी एक शाम के, शायद, सब कुछ लिख देलिअइ, जे सबके अचरज में डाल देलकइ । विचार में हमरा असाधारण सहजता हइ । ई सब कुछ, जे बारोन ब्राम्बेउस [17] के नाम से प्रकाशित होले ह - "आशा के बजरा" (The Frigate Hope) [18] आउ "मास्को टेलिग्राफ" [19] ... ई सब कुछ हम्मर लिक्खल हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - अपने के कहे के मतलब हइ, कि अपनहीं ब्राम्बेउस हलथिन ?
ख़्लिस्ताकोव - आउ नयँ तो की ? हम ओकन्हीं सब्भे लगी लेख के संशोधन करऽ हिअइ । हमरा स्मिरदीन [20] एकरा लगी चालीस हजार दे हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - मतलब कि शायद "यूरी मिलोस्लाव्स्की" [21] भी अपनहीं के रचना हइ ?
ख़्लिस्ताकोव - हाँ, ई हमरे रचना हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हम तुरतम्मे अंदाज लगा लेलिअइ ।
मारिया अंतोनोव्ना - ओह, माय, हुआँ (कवर पर) लिक्खल हइ, कि ई रचना मिस्टर ज़गोस्किन के हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - अच्छऽ, अच्छऽ, हमरा मालुम हलउ कि तूँ एहो बात में बहस करम्हीं ।
ख़्लिस्ताकोव - ओह हाँ, ई सच हइ, ई बिलकुल ज़गोस्किन के ही हइ । लेकिन अइकी एगो दोसर हइ "यूरी मिलोस्लाव्स्की", आउ ऊ हम्मर हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - ओह, शायद हम अपने के रचना पढ़लिअइ । केतना निम्मन लिक्खल हइ !
ख़्लिस्ताकोव - हम स्वीकार करऽ हिअइ कि साहित्य से हीं हमर अस्तित्व हइ । हमर घर पितिरबुर्ग में पहिला (अर्थात् सर्वोत्तम) हइ । ई "इवान अलिक्सांद्रोविच के घर" के नाम से मशहूर हइ । (सब्भे के संबोधित करते) किरपा करके, महानुभाव लोग, अगर पितिरबुर्ग में आथिन, त निवेदन हइ कि हमरा हीं जरूर भेंट देथिन । हम बॉल नृत्य भी दे हिअइ (अर्थात् आयोजन करऽ हिअइ) ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हम कल्पना कर सकऽ हिअइ कि केतना निम्मन आउ शानदार ऊ बॉल-नृत्य होवऽ होतइ !
ख़्लिस्ताकोव - एकर वर्णन नयँ कइल जा सकऽ हइ । मसलन, टेबुल पर एगो तारबूज हइ - सात सो रूबल के तारबूज । एगो बरतन में सूप (शोरबा) स्टीमर में सीधे पेरिस से लावल; एकर ढक्कन खोलल जा हइ - भाफ के सुगंध अइसन, जेकरा नियन प्रकृति में कहीं नयँ मिलतइ । हम रोज दिन बॉल नृत्य में जा हिअइ । हुआँ हमन्हीं ह्विस्ट के अपन टेबुल बनइते गेलिए ह - विदेश मंत्रालय के मंत्री, फ्रेंच राजदूत, अंगरेज, जर्मन राजदूत आउ हम । आउ ताश खेलते-खेलते एतना थकावट आ जा हइ, कि एकरा नियन कुछ नयँ हइ । हम जइसीं दौड़ल ज़ीना पर से होते चौठा मंजला पर पहुँचऽ हूँ, अपन रसोइया के बोलऽ हूँ - "मावरूश्का, हमर ओवरकोट ..." हम की बक रहलिए ह - हम भूल गेलिअइ, कि हम दोसरा मंजला पर रहऽ हिअइ । हमर खाली ज़ीना के ही एतना कीमत हइ ... आउ हमर ड्योढ़ी तरफ नजर डालना भी केतना उत्सुकता पैदा करऽ हइ, जबकि हम अभी जगवो नयँ कइलिअइ - काउंट आउ राजकुमार के भीड़ लग जा हइ आउ हुआँ अइसे भनभनाय लगते जा हइ, जइसे  मधुमक्खी; खाली सुनाय दे हइ - झ ... झ ... झ ... कभी-कभार तो मंत्री भी ...
(मेयर आउ दोसर सब भयभीत होके अपन-अपन कुरसी से उठके खड़ी हो जा हका ।)
हमरा लगी लोग लिफाफा के उपरे "महामहिम" भी लिखते जा हइ । एक तुरी हम एक विभाग के प्रमुख भी हलिअइ । आउ विचित्र बात हलइ - निदेशक (डायरेक्टर) चल गेलइ - कहाँ चल गेलइ, केकरो मालुम नयँ । लेकिन, स्वाभाविक रूप से, खुसर-फुसर होवे लगलइ - कइसे, की, केऽ ई जगह पर अइतइ ? कइएक जेनरल (सेनापति) लोग जिमेवारी लेवे के उत्साह देखइते गेलथिन, लेकिन जब पास जाथिन, त नयँ, ई तो कठिन हइ। देखे में असान लगइ, लेकिन जब नगीच से परखल जाय - बस भाड़ में जाय ! बाद में देखऽ हका कि कुछ नयँ कइल जा सकऽ हइ - त हमरा भिर । आउ ओहे बखत गल्ली-गल्ली में कुरियर, कुरियर, कुरियर ... अपने कल्पना कर सकऽ हथिन, पैंतीस हजार कुरियर ! "की बात हइ ?" हम पुच्छऽ हिअइ । "इवान अलिक्सांद्रोविच, ई विभाग के भार सँभालथिन !" हम, स्वीकार करऽ हिअइ, जरी संकोच में पड़ गेलिअइ, हम ड्रेसिंग गाउन में बाहर अइलिए हल - अस्वीकार करे लगी चहलिअइ, लेकिन सोचऽ हिअइ - ई बात सम्राट् तक पहुँचतइ, आउ हमर सरकारी सेवा के रेकर्ड में भी जइतइ ... "ठीक हइ, महानुभाव लोग, हम पद सँभालऽ हिअइ, स्वीकार करऽ हिअइ", हम बोलऽ हिअइ, "अइसीं होवे", बोलऽ हिअइ, "हम स्वीकार करऽ हिअइ, खाली हमरा भिर - अ-अ-अ ! ... हमर आँख हमेशे खुल्लल रहऽ हइ ! हम बस ..." आउ वास्तव में, जब कभी विभाग से गुजरऽ हिअइ - त लगऽ हइ मानूँ भूकंप आ गेले ह, सब कुछ कँप्पे लगऽ हइ आउ पत्ता नियन हिल्लऽ हइ ।
(मेयर आउ दोसर सब भय से कँप्पे लगऽ हका । ख़्लिस्ताकोव के जोश आउ बढ़ जा हइ ।)
ओह ! हमरा मजाक करना पसीन नयँ । हम ओकन्हीं सब के भविष्य में कइसनो गलती कइला पर धमकी आउ दंड बता देलिअइ । हमरा से खुद राज्य परिषद् (state council) भय खा हइ । आउ वास्तव में काहे नयँ ? हम हइए हिअइ अइसन ! हम केकरो चलते फिकिर नयँ करऽ हिअइ ... हम सब के कहऽ हिअइ - "हम खुद के जानऽ हिअइ, खुद के ।" हम सगरो हिअइ, सगरो । हम रोज दिन राजमहल जा हिअइ । हमरा बिहाने तुरतम्मे फ़ील्ड-मार्शल बना देवल जइतइ ... (ऊ फिसल जा हइ आउ फर्श पर धड़ाम से गिरहीं-गिरहीं वला रहऽ हइ, कि आदरपूर्वक अफसर सब द्वारा सँभाल लेल जा हइ ।)
मेयर - (पास जइते आउ पूरे देह से थरथरइते, बोले के प्रयास करऽ हइ) लेकिन महा-महा-महा ... महा ...
ख़्लिस्ताकोव - (अचानक आउ तेज स्वर में) की बात हइ ?
मेयर - लेकिन महा-महा-महा ... महा ...
ख़्लिस्ताकोव - (ओइसने स्वर में) हमरा तो कुच्छो समझ में नयँ आवऽ हइ, सब कुछ बकवास हइ ।
मेयर - महा-महा-महा ... हिम, महामहिम, की अपने अराम करे के किरपा नयँ करथिन ? ... अइकी कमरा हइ, आउ जरूरत के सब कुछ हइ ।
ख़्लिस्ताकोव - बकवास - अराम करना । ठीक हइ, हम अराम करे लगी तैयार हिअइ । महानुभावो, अपने हियाँ के लंच (भोजन) बड़ी निम्मन हलइ ... हम संतुष्ट हिअइ, संतुष्ट हिअइ । (घोषणा करते) लबरदान ! लबरदान ! (बगल के कमरा में घुस जा हइ, ओकर पीछू-पीछू मेयर ।)

  
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Thursday, May 11, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-5

दृश्य-5
(पुलिस के सिपाही दरवाजा के दुन्नु पट खोलते जा हइ । ख़्लिस्ताकोव के प्रवेश - ओकरा पीछू मेयर, फेर अनुदान संस्था के न्यासी, स्कूल इंस्पेक्टर, दोबचिन्स्की आउ नाक पर पट्टी लगइले बोबचिन्स्की । मेयर सिपाही लोग के फर्श पर पड़ल कागज के टुकड़ा तरफ इशारा करऽ हका - ओकन्हीं ओकरा झपटके पकड़ते जा हइ आउ आपस में टकरा जइते जा हइ ।)
ख़्लिस्ताकोव - निम्मन संस्था हइ । हमरा पसन पड़ऽ हइ, कि अपने के हियाँ यात्री सब के शहर के सब कुछ देखावल जा हइ । दोसर शहरवन में हमरा कुछ नयँ देखइते गेलइ ।
मेयर - अपने के हम ई कहे के जुर्रत करऽ हिअइ, कि दोसर शहरवन में मेयर आउ अधिकारी लोग अधिकतर अपन-अपन तथाकथित स्वार्थ के चिंता करते जा हका ।  लेकिन हियाँ, कहल जा सकऽ हइ, कि एकरा सिवाय आउ दोसर विचार नयँ रहऽ हइ, कि शिष्ट व्यवहार आउ सतर्कता से प्राधिकारी (authorities) के ध्यान कइसे आकृष्ट कइल जाय ।
ख़्लिस्ताकोव - नाश्ता बहुत निम्मन हलइ; हम बिलकुल रजके खइलिअइ । की अपने हीं रोज दिन अइसन होवऽ हइ ?
मेयर - खास करके प्रिय अतिथि खातिर ।
ख़्लिस्ताकोव - हमरा खाना पसन हइ । वस्तुतः हमन्हीं एहे लगी तो जीयऽ हिअइ, कि खुशी के फूल तोड़ल जाय । ई मछली के की नाम हइ ?
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - (दौड़के पास में जइते) जी, लबरदान (salted or dried codfish) ।
ख़्लिस्ताकोव - बहुत स्वादिष्ट । हमन्हीं नाश्ता काहाँ करते गेलिअइ ? कहीं अस्पताल में तो नयँ ?
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - जी बिलकुल सही, अनुदान संस्था में ।
ख़्लिस्ताकोव - आद हइ, आद हइ, हुआँ कइएक बेड पड़ल हलइ । आउ रोगी लोग चंगा हो गेते गेलइ ? हुआँ ओकन्हीं, लगऽ हइ, बहुत कम हलइ ।
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - लगभग दस लोग रह गेते गेले ह, एकरा से जादे नयँ; बाकी लोग चंगा हो गेते गेलइ। एकर व्यवस्था अइसीं कइल हइ, अइसने नियम हइ । जबसे हम प्रशासन अपन हाथ में लेलिअइ, शायद अपने के विश्वास भी नयँ होतइ, सब कोय मक्खी नियन चंगा हो जइते जा हइ । रोगी जइसीं अस्पताल आवऽ हइ, कि ऊ चंगा हो जा हइ; आउ दवाय से ओतना नयँ, जेतना कि ईमनदारी आउ व्यवस्था से ।
मेयर - आउ हम ई सूचित करे के जुर्रत करऽ हिअइ, कि मेयर के कर्तव्य एगो बड़गो सिरदर्द हइ ! केतना सारा काम पड़ल रहऽ हइ, खाली सफाई, मरम्मत, रख-रखाव के मामले में ... एक शब्द में, सबसे बुद्धिमान अदमी के भी कठिनाई झेले पड़ जइतइ, लेकिन भगमान के किरपा से, सब कुछ ठीक-ठाक चल रहले ह । दोसर मेयर तो, वास्तव में, अपन लाभ के चिंता करतइ; लेकिन, विश्वास करथिन, कि जखने हम सुत्ते लगी भी पड़ जा हिअइ, त सोचते रहऽ हिअइ - "हे भगमान, की कइल जाय, कि प्राधिकारी हमर उत्साह के देखथिन आउ हमरा से प्रसन्न होथिन ? ..." ऊ हमरा पुरस्कृत करथिन चाहे नयँ, वस्तुतः, ई उनकर मर्जी पर निर्भर हइ; कम से कम, हमरा तो मानसिक शांति मिल्लत । जब शहर में सुव्यवस्था रहऽ हइ, सड़क सब साफ-सुथरा होवऽ हइ, कैदी लोग के निम्मन से रक्खल जा हइ, पियक्कड़ लोग कम रहऽ हइ ... त हमरा एकरा से जादे आउ की चाही? वस्तुतः हम कोय सम्मान-उम्मान नयँ चाहऽ ही । ई वास्तव में लुभावना होवऽ हइ, लेकिन सदाचार के सामने ई सब कुछ राख आउ आडंबर हइ ।
अरतेमी फ़िलिप्पोविच - (स्वगत) देखऽ, ई निकम्मा कइसन तस्वीर बनावऽ हइ ! भगमान अइसन प्रतिभा दे !
ख़्लिस्ताकोव - ई सच हइ । हम स्वीकार करऽ हिअइ कि हमरा खुद कभी-कभी दार्शनिक चिंतन के धुन सवार होवऽ हइ - कभी गद्य में, त कभी कविता में निकस जा हइ ।
बोबचिन्स्की - (दोबचिन्स्की से) सच हइ, सब सच हइ, प्योत्र इवानोविच ! टिप्पणी अइसन-अइसन रहऽ हइ - ई बात साफ हइ, कि ऊ एगो विद्वान व्यक्ति हथिन ।
ख़्लिस्ताकोव - किरपा करके बताथिन, अपने हीं कइसनो मनोरंजन, मंडली, नयँ हइ, जाहाँ, मसलन, ताश खेलल जा सकइ ?
मेयर - (स्वगत) ओहो, समझ रहलियो ह, प्यारे, कि तूँ कउची पर निशाना साध रहलहो ह ! (प्रकट) भगमान बचावे ! हियाँ तो अइसन मंडली के कोय नाम-निशान नयँ हइ । हम तो ताश कभी हाथ में नयँ पकड़लिअइ; हमरा एहो नयँ मालुम कि ताश कइसे खेलल जा हइ । हम ओकरा दने उदासीन भाव से कभी नयँ देख सकलिअइ; आउ अगर कभी संयोग से हीरा के अइसन कोय राजा चाहे आउ कुछ के देख लिहइ, त अइसन नफरत होवऽ हइ कि हम थूक दे हिअइ । एक तुरी कइसूँ अइसन होलइ, कि बुतरुअन के मनोरंजन करते, हम ताश के पत्ता के घर बनइलिअइ, लेकिन ओकर बाद रात भर हमरा अभिशप्त सपना अइते रहलइ । भगमान एकरा से बचावे ! एतना कीमती समय अइसन काम में कइसे बरबाद कइल जा सकऽ हइ ?
लुका लुकीच - (स्वगत) आउ हमरा से ई नीच कल्हे सो रूबल ताश के जुआ में जीत लेलक ।
मेयर - बेहतर तो ई होतइ कि हम ई समय के राज्य के भलाई में लगइअइ ।
ख़्लिस्ताकोव - नयँ, अपने के लेकिन गलतफहमी हइ ... ई सब निर्भर करऽ हइ कि कोय ई बात के कउन पहलू से देखऽ हइ । अगर, मसलन, तखने रुक जाल जा हइ, जब दाँव पर रकम डबल करे के जरूरत हइ ... तखने वस्तुतः ...  नयँ, कहल नयँ जा सकऽ हइ, कभी-कभी ताश के खेल बहुत लुभावना होवऽ हइ ।

  
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Wednesday, May 10, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-4

दृश्य-4
(मिश्का आउ ओसिप)
ओसिप - एकरा काहाँ रक्खल जाय ?
मिश्का - हियाँ, चचा, हियाँ ।
ओसिप - ठहर, जरी सुस्ताय लेवे दे । आह, कइसन दयनीय जिनगी हइ ! जब पेट खाली रहऽ हइ, त सब बोझा भारी लगऽ हइ ।
मिश्का - चचा, जरी बतावऽ - की जेनरल (सेनापति) जल्दीए आवे वला हथिन ?
ओसिप - कउन जेनरल ?
मिश्का - तोर मालिक ।
ओसिप - मालिक ? लेकिन ऊ कइसन जेनरल हथिन ?
मिश्का - त की वास्तव में जेनरल नयँ हथिन ?
ओसिप - जेनरल हथिन, लेकिन खाली दोसरा तरह के ।
मिश्का - की ? ई वास्तविक जेनरल से जादे हथिन कि कम ?
ओसिप - जादे ।
मिश्का - कीऽ ! ओहे से हमन्हीं हीं अइसन हलचल मचल हइ ।
ओसिप - सुन, बेटा - तूँ तो, हमरा लगऽ हउ, समझदार लड़का हकँऽ; कुछ तो खाय के इंतजाम कर ।
मिश्का - लेकिन, चचा, तोरा लगी कुच्छो तैयार नयँ हको । रूखा-सूखा तूँ खइबहो नयँ, आउ अइकी जब तोर मालिक खाय लगी टेबुल भिर बैठथुन, त तोहरो लगी ओहे खाना लगावल जइतो ।
ओसिप - अच्छऽ, लेकिन रूखा-सूखा तोहरा हीं की हको ?
मिश्का - पतकोबी के सूप आउ कचौड़ी ।
ओसिप - ठीक हइ, पतकोबी के सूप, काशा आउ कचौड़िए सही ! कोय बात नयँ, सब कुछ खइबइ । खैर, ट्रंक के ढोके ले जाल जाय ! की, कोय दोसर दरवाजा हइ ?
मिश्का - हकइ ।
(दुन्नु मिलके ट्रंक ढोके बगल वला कमरा में ले जइते जा हइ ।)

  
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