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Sunday, September 03, 2017

रूसी उपन्यास - "कप्तान के बिटिया" ; अध्याय-12

अध्याय - 12
अनाथ

जइसे हमरा हीं सेब के पेड़ के
न तो फुलंगी हइ, न डाली;
ओइसीं हमर राजकुमारी-दुलहिन के
न तो पिता हइ, न माता ।
शृंगार करे वला तो ओकरा कोय नयँ हइ,
आशीर्वाद देवे वला तो ओकरा कोय नयँ हइ ।
--- विवाह गीत
किबित्का कमांडर के घर के ड्योढ़ी भिर पहुँचलइ । लोग पुगाचोव के घंटी के अवाज पछान लेलकइ आउ दल के दल हमन्हीं पीछू दौड़ पड़लइ । श्वाब्रिन नकली सम्राट् के ड्योढ़ी पर स्वागत कइलकइ । ऊ कज़ाक पोशाक में हलइ आउ अपन दाढ़ी बढ़ा लेलके हल । चापलूसी वला अभिव्यक्ति में अपन खुशी आउ उत्साह प्रकट करते ई गद्दार पुगाचोव के किबित्का से उतरे में मदत कइलकइ । हमरा देखके ऊ घबरा गेलइ, लेकिन तुरतम्मे खुद के सम्हार लेलकइ, हमरा दने अपन हाथ बढ़इलकइ, आउ बोललइ - "त तूहूँ हमन्हीं के दल में ? बहुत पहिलहीं अइसन करे के चाही हल !" हम ओकरा दने से मुँह फेर लेलिअइ आउ कुछ जवाब नयँ देलिअइ ।
हमर दिल में टीस उठलइ, जब हमन्हीं चिर-परिचित कमरा में प्रवेश कइलिअइ, जाहाँ देवाल पर स्वर्गीय कमांडर के डिप्लोमा अभियो तक अतीत के एगो करुण समाधि-लेख के रूप में टँग्गल हलइ । पुगाचोव ऊ सोफा पर बैठल हलइ, जेकरा पर इवान कुज़मिच अपन पत्नी के बड़बड़ाहट सुनते-सुनते झुक्कऽ हलथिन । श्वाब्रिन खुद ओकरा लगी वोदका लइलकइ । पुगाचोव एक गिलास पीके खतम कइलकइ आउ हमरा दने इशारा करते ओकरा कहलकइ - "तत्र उच्चकुलीन खातिर भी पेश कइल जाय ।" श्वाब्रिन ट्रे लेके हमरा भिर अइलइ; लेकिन हम दोसरा तुरी ओकरा दने से मुँह फेर लेलिअइ । ऊ अपन आपा खो देल नियन लगलइ । ऊ अपन सामान्य विवेक से, निस्संदेह, ताड़ गेलइ कि पुगाचोव ओकरा से नराज हइ ।  ऊ ओकरा सामने डरऽ हलइ, आउ हमरा दने अविश्वास से देखऽ हलइ । पुगाचोव किला के स्थिति, दुश्मन के सेना आदि के बारे पूछताछ कइलकइ आउ अप्रत्याशित ढंग से ओकरा अचानक पूछ बैठलइ - "बताव, भाय, कउन लड़की के तूँ बंदी बनइले हकहो ? ओकरा हमरा देखावऽ ।"
श्वाब्रिन के चेहरा मुर्दा नियन पीयर हो गेलइ ।
"महाराज", ऊ काँपते स्वर में बोललइ ... "महाराज, ऊ बंदी नयँ हइ ... ऊ बेमार हइ ... ऊ अपन कमरा में पड़ल हइ ।"
"हमरा ओकरा भिर ले तो चलऽ", अपन जगह से उठते नकली सम्राट् बोललइ । टाल-मटोल करना असंभव हलइ । श्वाब्रिन पुगाचोव के मारिया इवानोव्ना के कमरा में ले गेलइ । हम ओकन्हीं के पीछू-पीछू गेलिअइ ।
श्वाब्रिन ज़ीना पर रुक गेलइ । "महाराज !" ऊ बोललइ । "अपने के अधिकार हइ अपन मन मोताबिक हमरा  कुच्छो आदेश देवे के; लेकिन एक अजनबी के हमर पत्नी के शयन-कक्ष में प्रवेश करे के अनुमति नयँ देथिन ।"
हम काँप गेलिअइ । "मतलब तूँ शादी-शुदा हकहो !" हम श्वाब्रिन के कहलिअइ, ओकरा टुकड़ा-टुकड़ा कर देवे लगी खुद के तैयार करते ।
"चुप रहऽ !" पुगाचोव हमरा बीच में टोक देलकइ । "ई हम्मर मामला हइ । आउ तूँ", ऊ श्वाब्रिन के संबोधित करते आगू बोललइ, "जादे चलाँकी मत कर आउ बहानेबाजी नयँ कर - तोर पत्नी रहउ चाहे नयँ रहउ, हम ओकरा भिर जेकरा चाहबउ ओकरा ले जइबउ । अत्र उच्चकुलीन, हमर पीछू आवऽ ।"
शयन-कक्ष के दरवाजा भिर श्वाब्रिन फेर रुक गेलइ आउ हकलइते बोललइ - "महाराज, हम अपने के आगाह कर दे हिअइ कि ऊ कम्पोन्माद (delirium tremens) में हइ आउ तीन दिन से सरसाम में लगातार बड़बड़ाब करऽ हइ ।"
"खोल !" पुगाचोव कहलकइ ।
श्वाब्रिन अपन जेभी टटोले लगलइ आउ कहलकइ कि ऊ चाभी नयँ लइलके ह । पुगाचोव गोड़ से दरवाजा के धक्का देलकइ; ताला ढीला पड़ गेलइ; दरवाजा खुल गेलइ, आउ हमन्हीं अंदर प्रवेश कइलिअइ ।
हम कमरा में नजर डललिअइ आउ सन्न हो गेलिअइ । फर्श पर किसान औरत के फट्टल-फुट्टल पोशाक में मारिया इवानोव्ना बैठल हलइ, पीयर, दुब्बर-पातर, बाल ओझराल । ओकरा सामने पानी के घड़ा रक्खल हलइ, रोटी के टुकड़ा से झाँकल । हमरा देखके चौंक गेलइ आउ चीख उठलइ । ऊ बखत हमरा साथ की होलइ - हमरा आद नयँ ।
पुगाचोव श्वाब्रिन दने देखलकइ आउ कटु व्यंग्य के साथ कहलकइ - "तोरा हीं रोगीकक्ष तो बड़ी निम्मन हको!" फेर मारिया इवानोव्ना भिर जाके - "हमरा बतावऽ, प्यारी, तोर पति तोरा कउन कारण से सजा देब करऽ हको? ओकरा सामने की गलती कइलहो ह ?"
"हमर पति !" ऊ दोहरइलकइ । "ऊ हमर पति नयँ हके । हम कभी ओकर पत्नी नयँ बनबइ ! बेहतर होतइ कि हम मर जइअइ, आउ मर जइबइ, अगर कोय हमरा नयँ बचावऽ हइ ।"
पुगाचोव श्वाब्रिन दने रौद्र दृष्टि से देखलकइ - "त तूँ हमरा धोखा देवे के हिम्मत कइलहीं !" ऊ ओकरा कहलकइ। "जानऽ हीं, निकम्मे, एकरा लगी तूँ कइसन दंड के लायक हकहीं ?"
श्वाब्रिन टेहुना के बल गिर गेलइ ... ई पल तिरस्कार हमरा में घृणा आउ क्रोध के सब भावना के दबा देलकइ। हम एगो भगोड़ा कज़ाक के गोड़ पर गिरल कुलीन (nobleman) के तिरस्कारपूर्वक देख रहलिए हल । पुगाचोव नरम पड़ गेलइ ।
"ई तुरी हम तोरा माफ करऽ हिअउ", ऊ श्वाब्रिन के कहलकइ, "लेकिन ई जान ले कि अगर कोय दोसर गलती कइलँऽ त तोर एहो गलती के आद रक्खल जइतउ ।" फेर मारिया इवानोव्ना दने मुड़लइ आउ ओकरा दुलार से कहलकइ - "बाहर जा, सुंदरी; तोरा हम मुक्ति प्रदान करऽ हियो । हम सम्राट् हकियो ।"
मारिया इवानोव्ना तेजी से ओकरा पर एक नजर डललकइ आउ अंदाज लगा लेलकइ कि ओकरा सामने ओकर माता-पिता के हत्यारा हइ । ऊ दुन्नु हाथ से अपन चेहरा झाँक लेलकइ आउ बेहोश होके गिर पड़लइ । हम ओकरा दने लपकलिअइ, लेकिन ओहे पल हमर पुरनकी परिचित पलाशा बहुत साहस करके कमरा में घुस अइलइ आउ अपन मालकिन के देखभाल करे लगलइ । पुगाचोव कमरा से बाहर निकस गेलइ, आउ हमन्हीं तीनों निच्चे अतिथि-कक्ष में आ गेते गेलिअइ ।
"तब, अत्र उच्चकुलीन ?" पुगाचोव हँसते हमरा से कहलकइ । "सुंदरी के तो मुक्त कर देल गेलइ ! की खियाल हको, की पादरी के बोला लेल जाय आउ ओकरा अपन भतीजी के विवाह कर देवे लगी कहल जाय ? अगर चाहो, त हम धर्म-पिता बन जइबइ, श्वाब्रिन के शादी के व्यवस्थापक (मैनेजर); दावत उड़इबइ, रंगरेली मनइबइ - आउ दरवाजा के ताला लगाके बंद कर देबइ (ताकि कोय रंगरेली में बाधा नयँ दे) !"
जेकर हमरा आशंका हलइ, ओहे होलइ । श्वाब्रिन, पुगाचोव के प्रस्ताव सुनके, अपन आपा खो देलकइ । "सम्राट्!" ऊ क्रोधावेश में चिल्ला उठलइ । "हम दोषी हिअइ, हम अपने से झूठ बोललिअइ; लेकिन ग्रिनेव भी अपने के धोखा देब करऽ हइ । ई लड़की हियाँ के पादरी के भतीजी नयँ हइ - ऊ बेटी हइ इवान मिरोनोव के, जेकरा हियाँ के किला पर कब्जा कइला पर फाँसी पर लटका देवल गेले हल ।"
पुगाचोव अपन दहकइत आँख हमरा पर टिका देलकइ । "ई आउ की हइ ?" किंकर्तव्यविमूढ़ होल ऊ हमरा पुछलकइ ।
"श्वाब्रिन तोहरा सच कहलको ह", हम दृढ़तापूर्वक उत्तर देलिअइ ।
"तूँ तो हमरा ई नयँ बतइलऽ हल", पुगाचोव टिप्पणी कइलकइ, जेकर चेहरा उदास हो गेले हल ।
"तूँ खुद्दे सोचहो", हम ओकरा उत्तर देलिअइ, "की तोहर लोग के उपस्थिति में ई बात के घोषणा कइल जा सकऽ हलइ कि मिरोनोव के बेटी जीवित हइ । ओकन्हीं तो ओकरा काट खइते हल । कुच्छो ओकरा बचा नयँ पइते हल !"
"एहो सच हइ", हँसते पुगाचोव कहलकइ । "हमर पियक्कड़ सब बेचारी लड़की के नयँ बकसते हल । धर्ममाता-पादरिन ठीक कइलकइ कि ओकन्हीं के चकमा देलकइ ।"  
"सुन्नऽ", हम ओकर अनुकूल मूड देखके बात जारी रखलिअइ । "तोहरा हम की नाम से पुकारियो, हमरा मालुम नयँ, आउ जानहूँ लगी नयँ चाहऽ हूँ ... लेकिन भगमान देखऽ हथिन कि जे कुछ तूँ हमरा लगी कइलऽ, ओकर बदला चुकावे लगी अपन जीवन बलिदान करे में हमरा खुशी होतइ । खाली हमरा से अइसन चीज के माँग नयँ करऽ, जे हमर सम्मान आउ क्रिश्चियन अंतःकरण के विरुद्ध होवे । तूँ हमर उपकारक हकऽ । जइसे शुरू कइलऽ ओइसीं अंत करऽ - हमरा आउ बेचारी अनाथ के जाहाँ भगमान रस्ता देखावे, हुआँ जाय दऽ । आउ हमन्हीं, चाहे तूँ कहीं रहऽ, चाहे तोरा साथ कुच्छो होवे, रोज दिन तोहर पापी आत्मा के उद्धार खातिर भगमान से प्रार्थना करते रहबो ..."
लगलइ कि पुगाचोव के कठोर आत्मा पसीज गेलइ । "तोरे कहे अनुसार होवे !" ऊ कहलकइ । "फाँसी के दंड त फाँसी के दंड, क्षमा त क्षमा - अइसन हमर उसूल हइ । अपन सुंदरी के लेके जा; जाहाँ चाहऽ, ले जा, आउ भगमान तोहन्हीं दुन्नु के प्यार आउ सुख प्रदान करे !"
हियाँ परी ऊ श्वाब्रिन दने मुड़लइ आउ हमरा लगी ओकर अधीन के सब्भे सीमा चौकी आउ किला खातिर प्रवेशपत्र (पास) जारी करे के आदेश देलकइ । श्वाब्रिन, बिलकुल पस्त होल, बुत बन्नल खड़ी हलइ । पुगाचोव किला के मुआइना करे खातिर रवाना होलइ । श्वाब्रिन ओकर साथ-साथ गेलइ; लेकिन हम प्रस्थान करे के तैयारी के बहाने हिएँ ठहर गेलिअइ ।
हम दौड़ल शयन-कक्ष में गेलिअइ । दरवाजा बंद हलइ । हम दस्तक देलिअइ । "केऽ हकऽ ?" पलाशा पुछलकइ। हम अपन नाम बतइलिअइ । दरवाजा के पीछू से मारिया इवानोव्ना के मधुर स्वर सुनाय देलकइ । "ठहरथिन, प्योत्र अन्द्रेइच । हम कपड़ा बदल रहलिए ह । अकुलिना पम्फ़िलोव्ना के हियाँ चल जाथिन; हम अभी हुआँ पहुँच जइबइ ।"
हम ओकर बात मान लेलिअइ आउ फ़ादर गेरासिम के घर दने रवाना हो गेलिअइ । आउ ऊ आउ पादरिन हमरा से मिल्ले खातिर दौड़ल अइलथिन । सावेलिच उनकन्हीं के पहिलहीं सूचित कर देलके हल । "निम्मन स्वास्थ्य के कामना, प्योत्र अन्द्रेइच", पादरिन कहलथिन । "भगमान हमन्हीं के फेर मिला देलथिन । कइसन हथिन ? हमन्हीं तो रोज अपने के बारे बात करते जा हलिअइ । आउ हमर दुलारी मारिया इवानोव्ना के तो अपने बेगर सबसे जादे सहे पड़लइ ! ... लेकिन बबुआ, हमरा बताथिन कि अपने के ई पुगाचोव के साथ कइसे ताल-मेल बैठ गेलइ ? ऊ कइसे अपने के जान नयँ मालकइ ? खैर, ऊ दुष्ट के कम से कम एकरे लगी धन्यवाद।" - "बस, बुढ़िया", फ़ादर गेरासिम बीच में टोकलथिन । "ऊ सब कुछ मत बक, जे तोर दिमाग में आवऽ हउ । बहुत बक्के से मोक्ष नयँ मिल जा हइ । प्रिय प्योत्र अन्द्रेइच ! किरपा करके अंदर पधारथिन । अपने से बहुत, बहुत समय तक भेंट नयँ होलइ ।"
भगमान जे कुछ भेजलथिन हल, ऊ पादरिन हमरा खिलावे-पिलावे लगलथिन । आउ एहे दौरान बिन रुकले लगातार बोलते रहलथिन । ऊ हमरा बतइलथिन कि कइसे श्वाब्रिन ओकन्हीं (पादरी आउ पादरिन) के मारिया इवानोव्ना के ओकरा सौंप देवे लगी बाध्य कइलके हल; कि कइसे मारिया इवानोव्ना रोवऽ हलइ आउ ओकन्हीं से दूर होवे लगी नयँ चाहऽ हलइ; कि कइसे मारिया इवानोव्ना पलाश्का (एगो साहसी लड़की हइ, जे सर्जेंट के भी अपन अँगुरी पर नचावऽ हइ) के माध्यम से ओकरा साथ हमेशे संपर्क में रखलकइ; कि कइसे ऊ मारिया इवानोव्ना के हमर नाम से पत्र लिक्खे के सलाह देलके हल, इत्यादि । आउ हम अपना तरफ से उनका संक्षेप में अप्पन कहानी सुनइलिअइ । पादरी आउ पादरिन क्रॉस करते गेलथिन, ई सुनके, कि पुगाचोव के उनकन्हीं के धोखा के बारे मालुम हइ । "हमन्हीं साथ क्रॉस के शक्ति हइ !" अकुलिना पम्फ़िलोव्ना बोललथिन । "दुख के बादल भगमान दूर कर दे । आह, अलिक्सेय इवानिच; ओकरा बारे की कहल जाय - कइसन निम्मन हंस हइ!" तखनिएँ दरवाजा खुललइ, आउ मारिया इवानोव्ना अपन पीयर चेहरा पर मुसकाहट के साथ प्रवेश कइलकइ। ऊ अपन किसानी पोशाक त्याग देलके हल आउ पहिले नियन सादा आउ निम्मन पोशाक पेन्हले हलइ ।
हम ओकर हाथ पकड़ लेलिअइ आउ देर तक हमर मुँह से एक शब्द नयँ निकसलइ । दिल भर आवे से हम दुन्नु चुप हलिअइ । हमन्हीं के मेजबान के अहसास होलइ कि हमन्हीं के अभी उनकन्हीं के जरूरत नयँ हलइ आउ हमन्हीं के छोड़ देते गेलथिन । हमन्हीं अकेल्ले रह गेलिअइ । सब कुछ भुला देवल गेलइ । हमन्हीं बतिअइलिअइ लेकिन जी भरके बतियाऽ नयँ पइलिअइ । मारिया इवानोव्ना हमरा से ऊ सब कुछ बतइलकइ, जे किला पर कब्जा होवे के बाद से ओकरा साथ घटित होले हल; अपन स्थिति के सब भयंकरता, सब मुसीबत के वर्णन कइलकइ, जे ओकरा कमीना श्वाब्रिन के चलते झेले पड़ले हल । हमन्हीं पहिले के खुशी के समय के आद करते गेलिअइ ... हमन्हीं दुन्नु कनलिअइ ... आखिरकार हम ओकरा अपन प्रस्ताव समझावे लगलिअइ । पुगाचोव के अधीन आउ श्वाब्रिन के द्वारा शासित किला में ओकरा रहना असंभव हलइ । ओरेनबुर्ग के बारे भी सोचल नयँ जा सकऽ हलइ, जाहाँ नाकाबंदी के कारण सब तरह के मुसीबत झेले पड़ रहले हल । दुनियाँ में ओकर कोय एक्को गो रिश्तेदार नयँ हलइ । हम ओकरा अपन माता-पिता के पास गाँव में जाय के सुझाव देलिअइ । शुरू में ऊ हिचकिचइलइ - हमर पिताजी के ओकरा जानल अननुकूल रवैया ओकरा भयभीत करब करऽ हलइ। हम ओकरा दिलासा देलिअइ । हम जानऽ हलिअइ कि पिताजी एकरा अपन खुशी के बात मानथिन आउ पितृभूमि के खातिर वीरगति प्राप्त एगो सम्माननीय योद्धा के बेटी के स्वागत करना अपन कर्तव्य समझथिन। "प्यारी मारिया इवानोव्ना !" आखिरकार हम कहलिअइ । "हम तोरा अपन पत्नी समझऽ हियो । चमत्कारिक परिस्थिति सब हमन्हीं के अटूट बंधन में बान्ह देलके ह - दुनियाँ के कुच्छो हमन्हीं के अलग नयँ कर सकऽ हइ।" मारिया इवानोव्ना बड़ी सरलता से, बिन कोय कृत्रिम लाज के, बिन कोय नखरेबाजी के, हमर बात सुनलकइ। ऊ अनुभव कइलकइ कि ओकर भाग्य हमरा साथ जुड़ल हइ । लेकिन ऊ दोहरइलकइ कि ऊ हमर माता-पिता के सहमति के बेगर हमर पत्नी नयँ बनतइ । हम ओकर बात के खंडन नयँ कइलिअइ । हमन्हीं गरमजोशी के साथ आउ तहे दिल से एक दोसरा के चुमलिअइ - आउ ई तरह हमन्हीं दुन्नु के बीच सब कुछ तय हो गेलइ ।
एक घंटा बाद सर्जेंट हमरा लगी अनुमति-पत्र लेके अइलइ, जेकरा पर पुगाचोव के घसीटके कइल दसखत हलइ, आउ ओकरा तरफ से हमरा ओकरा हीं बोलइलकइ । हम ओकरा सफर पर जाय लगी तैयार देखलिअइ। ई भयंकर अदमी से अलग होते बखत हम की अनुभव कर रहलिए हल, हम बता नयँ सकऽ हिअइ, जे हमरा सिवाय सब्भे कोय लगी निर्मम आउ दुष्ट हलइ । काहे नयँ सच बता देल जाय ? ई पल हमरा तीव्र सहानुभूति ओकरा दने आकृष्ट कर लेलकइ । हमर बहुत तीव्र इच्छा हलइ कि ओकरा ऊ दुष्ट लोग के बीच से निकास लिअइ, जेकन्हीं के ऊ नेता हलइ, आउ ओकर सिर के बचा लिअइ, जब तक अभियो समय हइ । श्वाब्रिन आउ लोग, जे हमन्हीं के आसपास भीड़ लगइले हलइ, हमरा ऊ सब कुछ कहे में बाधा डाल रहले हल, जे हमर हृदय में भरल हलइ ।
हमन्हीं दोस्त नियन अलग होते गेलिअइ । पुगाचोव, अकुलिना पम्फ़िलोव्ना के भीड़ में देखके, ओकरा तरफ अँगुरी से धमकी भरल इशारा कइलकइ आउ अर्थपूर्ण ढंग से  कनखी मालकइ; फेर किबित्का में बैठ गेलइ, बेर्दा (गाँव) चल्ले के आदेश देलकइ, आउ जब घोड़वन चल पड़लइ, त एक तुरी आउ किबित्का से बाहर हुलकलइ आउ हमरा दने चिल्लइते बोललइ - "अलविदा, अत्र उच्चकुलीन ! शायद हमन्हीं के कभी भेंट होतइ।" आउ सचमुच हमन्हीं दुन्नु के भेंट होलइ, लेकिन कइसन परिस्थिति में ! ...
पुगाचोव चल गेलइ । हम देर तक उज्जर स्तेप के देखते रहलिअइ, जेकरा से होके ओकर त्रोयका तेजी से जाब करऽ हलइ । लोग तितर-बितर हो गेते गेलइ । श्वाब्रिन गायब हो गेलइ । हम पादरी के घर लौट गेलिअइ । हमन्हीं के प्रस्थान लगी सब कुछ तैयार हलइ; हम आउ जादे देर करे लगी नयँ चाहऽ हलिअइ । हमन्हीं के सारा समान कमांडर के पुरनका घोड़ा-गाड़ी पर लादल जा चुकले हल । कोचवान सब पल भर में घोड़वन के जोत देते गेलइ । मारिया इवानोव्ना अपन माता-पिता के कब्र से अंतिम विदाई लगी चल पड़लइ, जिनकन्हीं के गिरजाघर के पीछू दफनावल गेले हल । हम ओकरा साथे जाय लगी चहलिअइ, लेकिन ऊ खुद के अकेल्ले छोड़ देवे लगी हमरा से निवेदन कइलकइ । कुछ मिनट के बाद ऊ मूक आँसू बहइते वापिस अइलइ । घोड़ा-गाड़ी तैयार हलइ । फ़ादर गेरासिम आउ उनकर पत्नी बाहर ड्योढ़ी पर निकसलथिन । हम तीन लोग किबित्का में बैठते गेलिअइ - मारिया इवानोव्ना, पलाशा आउ हम । सावेलिच चढ़के कोचवान के बगल में बैठ गेलइ । "अलविदा, मारिया इवानोव्ना, हमर दुलारी ! अलविदा, प्योत्र अन्द्रेइच, हमर बहादुर बाज !" दयालु पादरिन बोललथिन । "शुभ यात्रा, आउ भगमान तोहन्हीं दुन्नु के सुखी करे !"
हमन्हीं रवाना हो गेते गेलिअइ । कमांडर के घर के खिड़की बिजुन हम श्वाब्रिन के खड़ी देखलिअइ । ओकर चेहरा पर उदासी भरल क्रोध झलक रहले हल । हम पराजित शत्रु पर अपन विजय के प्रदर्शन करे लगी नयँ चाहऽ हलिअइ आउ अपन नजर दोसरा दने फेर लेलिअइ । आखिरकार हमन्हीं किला के फाटक से बाहर निकसते गेलिअइ आउ बेलागोर्स्क किला के हमेशे लगी छोड़ देलिअइ ।

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