त
हमन्हीं के आखिर कीऽ करे के चाही ?
अनुवादक के भूमिका
"युद्ध आउ
शान्ति" (1863-1868) आउ "आन्ना करेनिना" (1873-1877) जइसन विश्वप्रसिद्ध
उपन्यास आउ अनेक लोकप्रिय कहानी के लेखक लेव तल्सतोय (1828-1910) के कथेतर रचना
"Так что же нам
делать ?" (1886) ["ताक श्त्वो झे नाम जेलच्" अर्थात्
"त हमन्हीं के आखिर कीऽ करे के चाही ?"] के अंग्रेजी अनुवाद "What
then must we do?" (1935) में अपन सम्पादकीय में ऐलिमर मोड (Aylmer Maude) कहलथिन
हँ - "It was the first of Tolstoy's works to grip my attention, and it
caused me to seek his acquaintance, which in turn led to the work I have now
been engaged on for many years, namely, the preparation of the 'World's
Classics' series and the Centenary Edition of his works."
त प्रस्तुत हइ
कुल 40 अध्याय के उनकर ई कथेतर रचना के मगही अनुवाद "त हमन्हीं के आखिर कीऽ करे
के चाही?"
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