मगही नाटक
पं० चतुर्भुज (गया, निवासी) - अवधूत(फरवरी १८८३) - मासिक पत्रिका 'हरिश्चन्द्र चन्द्रिका' और 'मोहन चन्द्रिका' , उदयपुर में प्रकाशित । मूलतः हिन्दी नाटक, परन्तु इसका एक पात्र मगही भाषा का प्रयोग करता है ।
गोपीनाथ - माहुरी मंडल नाटक (यथार्थ नाटक), प्रकाशक - माहुरी मयंक कार्यालय, बिहारशरीफ (नालन्दा)
? - सुजाता के स्वागत ( )
डॉ० श्रीकान्त शास्त्री - नयका गाँव (सामाजिक ना०), प्रकाशक - बिहार मगही मंडल, पटना - ३ ।
डॉ० रामनन्दन - कौमुदी महोत्सव (ऐतिहासिक ना०) (१९६०) - पौराणिक कथा पर आधृत ।
बाबूलाल मधुकर - नयका भोर (१९६७), प्रकाशक -साहित्य भारती, कदमकुआँ, पटना ।
हरिनन्दन मिश्र 'किसलस' - अप्पन गाँव ।
रघुवीर प्रसाद सिंह ‘समदर्शी’ - भस्मासुर (१९७९)।
रामाधार सिंह 'आधार' - शकुन्तला ।
केशव प्रसाद वर्मा - कन्हइया के दरद (१९९१), निरंजना के संत (१९९८); प्रकाशक - सरस्वती प्रकाशन, मागधी ग्रंथ अकादमी, मोरियावाँ, दतियाना, पटना ।
रामनरेश प्रसाद वर्मा - नया समाज (सामाजिक) ।
बाबूराम सिंह 'लमगोड़ा' - (१) कोशा (२) गंधारी के सराप (३) बुझल दिया के मट्टी (४) बनत-बनत बन जाय ।
अलखदेव प्रसाद 'अचल' - बदलाव (१९९०), प्रकाशक - मगधांचल मगही मंच, पचरूखिया मोड़, औरंगाबाद
डॉ० अभिमन्यु प्रसाद मौर्य - पाड़े जी के पत्रा (१९९४), प्रेम अइसने होवऽ हे (१९९६) ; प्रकाशक - मौर्य प्रकाशन, पटना - १ ।
दिलीप कुमार - बदलल समाज (१९९६) ; प्रकाशक - सुमन साहित्य संस्थान, अछुआ, पटना ।
सच्चिदानन्द प्रसाद - पढ़ल पुजारी अनपढ़ जजमान (१९९८); प्रकाशक - मगही साहित्य सम्मेलन, बिहार अछुआ, पटना ।
अप्रकाशित नाटक
कृष्ण मुरारी मिश्र - ई मट्टी हम्मर हे ।
सूर्यनारायण शर्मा - (१) चेला के चरित्र (२) बूढ़ा बेटा माय जवान ।
डॉ० राम प्रसाद सिंह - बदलाव (१९८२ में बेलखरा, जहानाबाद में मंचित) ।
राजेश्वर पाठक 'राजेश' - टोपी टोपी के मार (१९८२ में बेलखरा, जहानाबाद में मंचित) ।
रेडियो नाटक
छोटू नारायण सिंह - (१) धुरखेली (१९६१) (२) सौदा बेटा-पुतोह के
सतीश कुमार मिश्र - (१) बिजली सिंह (२) तब हम गाँव चलब (३) इलाज
बाबूलाल मधुकर - (१) खरची-बरची (२) गाँव के बटोहिया (३) घर के सफाई
रामेश्वर प्रसाद - मुनिया चाचा
डॉ० नरेश प्रसाद वर्मा - तूफान सिंह
गीतिनाट्य
श्रीकान्त शास्त्री – सुजाता
डॉ० रामनन्दन - मगध महिमा
केशव प्रसाद वर्मा - धरती के बेटा , 'पाटलि' के अंक में प्रकाशित ।
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मगही एकांकी
समृद्धिकाल का प्रथम चरण (१९७३-१९८२)
तारकेश्वर भारती - जुलमाना (१९७७), श्रमण डगर पर (१९७८), इनकलाब जिन्दाबाद (१९७९)- मासिक 'बिहान' और 'मगही समाज' (गया) से प्रकाशित प्रसिद्ध एकांकी । नयनन के जल से पग धोये ('माँजर', १९८०) ।
मिथिलेश शर्मा - अप्पन के (१९७९)
कमलेश मिश्र - काहे नऽ (१९८०)
बालेश्वर सिंह - सेवा में मेवा हे (१९८०)
डॉ० रामनरेश मिश्र 'हंस' - (१) सुजाता (२) बुद्धदेव ('एकारसी' में संगृहीत)
समृद्धिकाल का दूसरा चरण (१९८३-१९९२)
रामाधार सिंह 'आधार' - याचना ('सारिका', पृ०२४)
सूर्यनारायण शर्मा - क्रान्ति के कारण (१९८४), बिद्रोही बेयार (१९८४)
रामेश्वर मंडल - शिक्षक
डॉ० भरत सिंह - मन के मुराद (१९८४)
शिवकुमार वर्मा - तड़पइत नारी
डॉ० राम प्रसाद सिंह (सं०) - एकारसी (११ एकांकियों का संकलन, १९८५) । यह प्रथम मगही एकांकी संकलन है ।
प्रो० उपेन्द्रनाथ वर्मा - बदलाव ('एकारसी', १९८५)
केशव प्रसाद वर्मा - सोना के सीता (एकांकी संग्रह, १९८५) --(१) सोना के सीता (२) निषाद कन्या (३) एगो आउ शान्तनु (४) सुजाता के खीर (५) प्रियदर्शी अशोक । प्रकाशक - एच०एम०प्रकाशन, काजीपुर, पटना ।
रामदास आर्य उर्फ घमण्डी राम - सोहाग के भीख (एकांकी संग्रह, १९८५) ; प्रकाशक - श्याम सुन्दरी साहित्य, कलाधाम, बेनी बिगहा, विक्रम ( पटना ) ।
डॉ० राम प्रसाद सिंह - अकबर के कसमसाहट (एकांकी संग्रह, १९९८) ; (१) लवकुश परम्परा (२) वइदराज जीवक के प्रयोगशाला (३) सिद्ध सरहपा के धरम-करम (४) अकबर के कसमसाहट । प्रकाशक - मगही अकादमी (मगही लोक), तूतवाड़ी, गया ।
प्रो० रामनरेश प्रसाद वर्मा - (१) नया समाज ('एकारसी' में संकलित) (२) जात-पात पूछे नहीं कोई (३) कबरा खड़ा बाजार में (४) गौतम (५) च्यवन (६) इंसानियत बाकी हे । सन् १९९५ में एक एकांकी संग्रह प्रकाशित हुआ है ।
रामविलास 'रजकण' - परीक्षा
अलखदेव प्रसाद 'अचल' - (१) आझ के इंतिहान (२) ऊ जमाना गेलवऽ (३) इंसाफ
सिद्धनाथ मिश्र 'राही' - दीवाना
प्रो० दशई सिंह - च्यवनाश्रम
प्रो० जयनाथ कवि - मगध सम्राट जरासंध
जनकनन्दन प्रसाद सिंह 'जनक' - वीरता के सम्मान
डॉ० ब्रजमोहन पाण्डेय 'नलिन' - अभिशाप
रमेश नीलकमल - छिटकल किरीन
द्वारिका प्रसाद - फिजूल के काम
शेखर 'व्यथित' - रासता पार
गिरीन्द्र प्रसाद - खुशी के लोर
गजानन - जोग
हरिश्चन्द्र 'प्रियदर्शी' - चिमोकन
जितेन्द्र सहाय - (१) जउन दिन बड़की दुलहिन घरे जायत (२) रकुटया (३) अगुआ लौट गेल
कृष्ण मुरारी मिश्र - ई मिट्टी हम्मर हे
डॉ० कृष्णदेव मिश्र - बाबू के पापा (१९९२)
समृद्धिकाल का तृतीय चरण (१९९३ - )
डॉ० अभिमन्यु प्रसाद मौर्य एवं प्रो० सुखित वर्मा (सं०) - मगही एकांकी सरिता (आठ एकांकियों का संग्रह)। प्रकाशक - मौर्य प्रकाशन, पटना ।
प्रो० दिलीप कुमार - निसा टूट गेल
रामविलास 'रजकण' - भइया कहरवा हो
प्रो० सुखित वर्मा - दिल फट गेल
डॉ० अभिमन्यु प्रसाद मौर्य - 'सतरंग' (एकांकी संग्रह) (१९९८) । इस संग्रह में पूर्व प्रकाशित एकांकियों के अतिरिक्त कुछ नयी एकांकियाँ भी जुड़ी हैं - (१) पटना के अदमी (२) दरोगा डन्डा सिंह (३) कफन (प्रेमचन्द की कहानी का मगही रूपान्तर) (४) शम्बूक बथ (५) स्वामी जी (६) कबीर के इंसाफ
राम विनय सिंह 'विनय' - (१) मास्टर साहब ('अलका मागधी', अप्रैल-मई १९९७) (२) बकरी पर लेख ('अलका मागधी', जुलाई १९९८)
रेडियो नाटक
छोटू नारायण सिंह - (१) बेटी के बिदाई (१९५३) (२) बतासी (१९५६) --- आकाशवाणी, पटना से प्रसारित हुआ था । ये दोनों एकांकी 'मगही के दो फूल' नाम से प्रकाशित हैं ।
एस० पी० पांसुल - (१) 'गाँठ खुल गेल' (२०-१-१९९१) -- पटना रेडियो से प्रसारित (२) छोटका पाहुन
सम्प्रति मगही एकांकी और रेडियो रूपक पर्याप्त रूप से लिखे जा रहे हैं । अब इसे अपनी अस्तित्व-रक्षा के लिए प्रयास करने की जरूरत नहीं, बल्कि तेजी से विकास पथ पर बढ़ते जाने की आवश्यकता है ।
Wednesday, September 13, 2006
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