रूसी
उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-2
2.
राजकुमारी मेरी - अध्याय-5
22
मई
रेस्तोराँ
के हॉल उच्च वर्ग के सभा में बदल गेलइ । नो बजे सब कोय अइते गेलइ । बड़की राजकुमारी
अपन बेटी के साथ सबसे अंत में आवे वला लोग में हलथिन । कइएक महिला उनका घृणा आउ दुर्भाव
से देखऽ हलथिन, काहेकि राजकुमारी मेरी बड़ी बन-ठनके पोशाक से सज्जित होवऽ हथिन । जे
सब खुद के हियाँ के उच्चकुलीन (aristocrats) समझते जा हका, ऊ सब अपन घृणा के गुप्त
रखके उनका साथ हल-मिल गेला । की कइल जा सकऽ हइ ? जाहाँ महिला समाज हइ - हुआँ परी तुरते
उच्च आउ निम्न वर्ग दुन्नु तैयार होतइ । खिड़की के निच्चे, लोग के भीड़ में, ग्रुशनित्स्की
खड़ी हलइ, अपन चेहरा खिड़की के ग्लास से दबइले आउ अपन देवी तरफ से अपन आँख बिन निच्चे
कइले । ऊ पास से गुजरते बखत मोसकिल से द्रष्टव्य रूप से ओकरा लगी सिर हिलइलका
... ऊ तो सूरज नियन चमक उठलइ ... नृत्य पोलोनेज़
(polonaise - मंद गति वला एगो पोलिस्तानी नृत्य) से शुरू होलइ, फेर बैंड वाल्स
(waltz) संगीत बजावे लगलइ । बूट के स्पर (spurs) खड़खड़ाय लगलइ, कोट-टेल
(coat-tails) उठ गेलइ आउ चक्कर खाय लगलइ ।
सिर
पर गुलाबी पंख लगइले एगो मोटगर महिला के पीछू हम खड़ी हलिअइ । ओकर पोशाक के ठाट-बाट
फ़ार्दिंगेल [1] के जमाना के आद देलावऽ हलइ, आउ ओकर रूक्ष त्वचा के चितकबरापन - कार
ताफ़्ता के पैच (taffeta patches) के खुशहाल जमाना के । ओकर गरदन पर के सबसे बड़गर मस्सा
कंठहार (necklace) से ढँक्कल हलइ । ऊ अपन साथी (पार्टनर) के, जे अश्वारोही सेना के
कप्तान हलइ, कह रहले हल –
"ई
छोटकी राजकुमारी लिगोव्स्काया बहुत असहनीय लड़की हइ ! कल्पना करथिन, हमरा धक्को दे देलकइ
आउ माफी नयँ मँगलकइ, आउ ओकरो पर मुड़लइ आउ हमरा दने लॉर्नेत से देखलकइ ... C’est
impayable! [सेतैँपायाब्ल ! - (फ्रेंच) ई तो बेजोड़ हइ !] ... आउ कउची के ओकरा अभिमान
हइ ? ओकरा तो सबक सिखावे के चाही ..."
"सबक
सिखाना तो मोसकिल काम नयँ हइ !" सेवापरायण कप्तान उत्तर देलकइ आउ दोसर कमरा में
चल गेलइ ।
हम
तुरतम्मे छोटकी राजकुमारी भिर गेलिअइ, वाल्स नृत्य लगी आमंत्रित कइलिअइ, हियाँ के स्वतंत्र
रस्म-रिवाज के प्रयोग करते, जेकरा में अनजान महिला के साथ नृत्य करे के अनुमति हइ ।
ऊ
मोसकिल से अपन मुसकान रोक पइलका आउ अपन विजय के छिपा पइलका । लेकिन बिलकुल भावशून्य,
आउ कठोर भी, मुद्रा धारण करे में उनका काफी जल्दी सफलता मिल गेलइ । ऊ लापरवाही से अपन
हाथ हमर कन्हा पर डललका, अपन सुंदर सिर के जरी सुन बगल में मोड़लका, आउ हमन्हीं नृत्य
चालू कर देते गेलिअइ । एतना कामोत्तेजक आउ लचीला कमर पहिले हम कभियो नयँ जानलूँ ! उनकर ताजा साँस हमर चेहरा के स्पर्श कर रहले हल;
कभी-कभी घुंघराला लट, जे वाल्स के दौरान अपन साथी सब से अलग हो गेले हल, हमर उष्ण गाल
पर सरक रहले हल ... हम तीन फेरा लगइलिअइ । (ऊ वाल्स नृत्य उत्तम करऽ हका ।) ऊ हँफ रहला
हल, उनकर आँख धुँधला पड़ गेले हल, अधखुलल ठोर मोसकिल से आवश्यक बात फुसफुसा पइलइ -
"Merci, monsieur" [मेर्सि, मौँस्यऽ - (फ्रेंच) धन्यवाद, महोदय] ।
कुछ
मिनट के मौन के बाद अत्यंत नम्र मुद्रा में हम उनका कहलिअइ -
"हम
सुनलिअइ, राजकुमारी, कि अपने लगी बिलकुल अपरिचित, हमरा अपने के अप्रसन्नता अर्जित करे
के दुर्भाग्य होलइ ... कि अपने हमरा धृष्ट समझलथिन ... की ई वास्तव में सही हइ
?"
"आउ
ई मत के अपने हमरा तरफ से पक्का करवावे लगी चाहऽ हथिन ?" मुँह बिचकाके ऊ उत्तर
देलथिन, लेकिन जे भाव उनकर सजीव मुखाकृति (चेहरा-मोहरा) के शोभा दे हलइ ।
"अगर
हम अपने के कइसूँ नराज करे के ढिठाई कइलिअइ, त हमरा क्षमा करे लगी निवेदन करे के एगो
आउ बड़गर ढिठाई करे के अनुमति देथिन ... आउ, वास्तव में, हमरा अपने के साबित करे के
बहुत इच्छा होतइ, कि अपने के हमरा बारे गलतफहमी होले ह ..."
"ई
अपने लगी काफी कठिन होतइ ..."
"काहे
?"
"ई
कारण से, कि अपने हमन्हीं के घर पर भेंट नयँ दे हथिन, आउ ई बॉल नृत्य, शायद, अकसर नयँ
दोहरावल जइतइ।"
"एकर
मतलब हइ", हम सोचलिअइ, "कि उनकन्हीं के दरवाजा हमरा लगी हमेशे लगी बन हइ
।"
"जानऽ
हथिन, राजकुमारी", हम कुछ चिढ़ के साथ कहलिअइ, "पछतावा कर रहल अपराधी के कभी
ठुकरावे के नयँ चाही - निराशा होके ऊ आउ दोगना अपराधी बन जा सकऽ हइ ... आउ तब
..."
हमन्हीं
के चारो दने के लोग के ठहाका आउ फुसफुसाहट हमरा मुड़े लगी आउ बात के रोक देवे लगी बाध्य
कर देलकइ । हमरा भिर से कुछ डेग दूर मरद लोग के भीड़ हलइ, जेकरा में अश्वारोही सेना
के कप्तान भी शामिल हलइ, जे सुंदर छोटकी राजकुमारी के विरुद्ध शत्रुतापूर्ण इरादा घोषित
कर चुकले हल । ऊ खास करके कोय बात से प्रसन्न हलइ, अपन हाथ मल रहले हल, ठहाका मार रहले
हल आउ अपन साथी सब के साथ आँख के इशारा के आदान-प्रदान कर रहले हल । अचानक ओकन्हीं
बीच में से फ्रॉक कोट धारण कइले, लमगर मोछ वला आउ लाल चेहरा वला एक व्यक्ति अलगे अइलइ
आउ लड़खड़इते सीधे छोटकी राजकुमारी दने बढ़लइ । ऊ पीयल हलइ । सकुचाल राजकुमारी के सामने
रुकके आउ अपन हाथ के पीठ दने कइले, ऊ अपन हलका धूसर आँख के नजर उनका पर जमा देलकइ,
आउ भर्राल उच्च स्वर में बोललइ -
"Permettez
[पेरमेत्ते - (फ्रेंच) अनुमति देथिन] ... खैर, एकरा में की हइ ! ... हम खाली अपने के
माज़ुर्का नृत्य लगी आमंत्रित करऽ हिअइ ..."
"अपने
के की चाही ?" ऊ काँपते स्वर में बोलला, चारो दने निवेदन भरल दृष्टि डालते । हाय
! उनकर माय दूर हलथिन, आउ उनकर बगल में उनकर परिचित कोय साथी नयँ हलइ । एगो सहायक,
लगऽ हइ, ई सब कुछ देख रहले हल, लेकिन ऊ भीड़ में नुक गेलइ, ताकि ई कहानी (टंटा) में
नयँ पड़इ ।
"की
?" पीयल महाशय बोललइ, अश्वारोही सेना के कप्तान के आँख से इशारा करते, जे ओकरा
इशारा से प्रेरित कर रहले हल, "की अपने नयँ चाहऽ हथिन ? ... हम अभियो अपने के आदर के साथ pour mazure [पुर माज़ूर
- (फ्रेंच) माज़ुर्का नृत्य लगी] आमंत्रित करऽ हिअइ ... अपने, शायद सोच रहलथिन हँ, कि
हम पीयल हिअइ ? एकरा से कोय बात नयँ हइ ! ... अइसे बहुत अधिक स्वतंत्र (सहज) अनुभव
होवऽ हइ, ई बात के आश्वासन दे हिअइ ..."
हम
देखलिअइ, कि ऊ भय आउ क्रोध से मूर्छित होवे वली हलथिन ।
हम
पीयल महाशय भिर गेलिअइ, ओकरा हाथ से जरी कसके धर लेलिअइ, आउ ओकर आँख में आँख मिलाके,
दूर चल जाय लगी निवेदन कइलिअइ, काहेकि, हम आगू बतइलिअइ, कि राजकुमारी हमरा साथ माज़ुर्का
नृत्य करे के बहुत पहिलहीं वचन दे चुकलथिन हँ ।
"ठीक
हइ, तब तो कुछ नयँ कइल जा सकऽ हइ ! ... दोसरा तुरी !" ऊ हँसते कहलकइ, आउ अपन लजाल
दोस्त सब बिजुन चल गेलइ, जेकन्हीं तुरतम्मे ओकरा दोसर कमरा में ले चल गेते गेलइ ।
हमरा
गंभीर आउ चमत्कारिक निगाह के पुरस्कार मिल्लल ।
राजकुमारी
अपन माय भिर गेलथिन आउ उनका सब कुछ बतइलथिन, ऊ हमरा भीड़ में ढूँढ़ लेलथिन आउ धन्यवाद
देलथिन । ऊ बतइलथिन कि ऊ हमर माय के जानऽ हलथिन आउ आधा दर्जन हमर चाची-बूआ से उनकर
दोस्ती हलइ ।
"हमरा
मालूम नयँ, कि ई कइसे होलइ, कि हमन्हीं अभियो तक अपरिचित हकिअइ", ऊ बात आगू बढ़इलथिन,
"लेकिन ई बात कबूल करथिन, कि अपनहीं खुद एकर दोषी हथिन । अपने सब कोय से दूर रहऽ
हथिन, जइसन व्यक्ति हम कभियो नयँ देखलूँ हँ । हमरा आशा हइ, कि हमर अतिथिकक्ष (drawing room) अपने के विषाद के दूर कर देतइ ... सच हइ न ?"
हम
ओइसन वाक्य में से एगो उनका कहलिअइ, जेकरा लगी हरेक कोय के अइसन अवसर लगी तैयार रहे
के चाही।
क्वाद्रिल
(quadrilles) नृत्य बहुत देरी तक खिंच गेलइ ।
आखिरकार
उपरे के बाल्कोनी से माज़ुर्का के धुन फेर से बज्जे लगलइ । हम आउ (छोटकी) राजकुमारी
बैठ गेते गेलिअइ ।
हम
एक्को तुरी न तो नीसा में धुत्त महाशय के बारे, न अपन पहिलौका आचरण के बारे, आउ न ग्रुशनित्स्की
के बारे, इशारा कइलिअइ । अप्रिय दृश्य के उनका पर पड़ल छाप धीरे-धीरे क्षीण होते चल
गेलइ । उनकर सुंदर चेहरा दमक उठलइ । ऊ अत्यंत मधुर रूप से मजाक कइलथिन; चतुराई के बिन
कोय देखावा के उनकर बातचीत चातुर्यपूर्ण (witty), सजीव आउ स्वतंत्र हलइ । उनकर टिप्पणी
कभी-कभी गंभीर हलइ ... हम अपन बहुत जटिल वाक्य के माध्यम से उनका अहसास देलइलिअइ, कि
ऊ हमरा बहुत पहिलहीं से पसीन हलथिन । ऊ अपन सिर झुकइलथिन आउ जरी शरम से लाल हो गेलथिन
।
"अपने
तो विचित्र व्यक्ति हथिन !" अपन मखमली आँख हमरा दने उठइते आउ विवश होके हँसते,
बाद में ऊ बोललथिन ।
"हम
अपने के साथ परिचित होवे लगी नयँ चाहऽ हलिअइ", हम बात जारी रखलिअइ, "काहेकि
अपने प्रशंसक लोग के बड़गर भीड़ से घिरल रहऽ हथिन, आउ हमरा ओकरा में बिलकुल हेराऽ जाय
के डर हलइ ।"
"अपने
तो व्यर्थ में डेराऽ हलथिन ! ओकन्हीं सब्भे तो अत्यंत उबाऊ हकइ ... "
"सब्भे
! वास्तव में सब्भे ?"
ऊ
एकटक हमरा देखते रहला, मानूँ कुछ तो आद करे के प्रयास करते, बाद में फेर से जरी शरमाके
लाल हो गेला, आउ आखिरकार, दृढ़ स्वर में बोलला - "सब्भे !"
"हमर
दोस्त ग्रुशनित्स्की भी ?"
"आउ
ऊ अपने के दोस्त हइ ?" कुछ शंका व्यक्त करते ऊ बोलला ।
"हाँ
।"
ऊ,
वस्तुतः, उबाऊ लोग के वर्ग में तो नयँ आवऽ हइ ..."
"लेकिन
अभागल लोग के वर्ग में", हम हँसते कहलिअइ ।
"जाहिर
हइ ! आउ अपने के हँस्सी बरऽ हइ ? काश, अपने ओकर स्थान पर होथिन हल ..."
"की
? हम खुद्दे कभी एगो यूंकर (कैडेट) हलिअइ, आउ सच में, ई हमर जिनगी के सबसे निम्मन समय
हलइ !"
"की
ऊ वास्तव में यूंकर हइ ? ..." ऊ तेजी से बोल गेला आउ बाद में आगू बोलला,
"आउ हम सोच रहलिए हल..."
"अपने
की सोच रहलथिन हल ? ..."
"कुछ
नयँ ! ... ई महिला केऽ हथिन ?"
हियाँ
पर बातचीत के दिशा में परिवर्तन अइलइ आउ ई विषय पर फेर वापिस नयँ अइलइ ।
अइकी
माज़ुर्का समाप्त होलइ, आउ हमन्हीं अलग हो गेते गेलिअइ - अगला मोलकात तक । महिला सब
तितर-बितर हो गेते गेलथिन ... हम रात के भोजन लगी रवाना होलिअइ आउ हमरा वेर्नर से भेंट
हो गेलइ ।
"आहा
!" ऊ बोललथिन, "त अइसन हथिन अपने ! अपने चाहऽ हलथिन राजकुमारी से आउ कोय
दोसरा तरह से परिचित नयँ होना, सिवाय उनका कोय निश्चित मौत से बचाके ।"
"हम
बेहतर कइलिअइ", हम उनका उत्तर देलिअइ, "बॉल नृत्य के दौरान उनका मूर्छित
होवे से बचइलिअइ ! ..."
"ई
कइसे ? बताथिन ! ..."
"नयँ,
अपने अंदाज लगाथिन - ओह, अपने तो संसार के सब कुछ के बारे अंदाज लगावे वला हथिन
!"
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