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Tuesday, March 03, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 5

5. निर्वासन
जब पिताजी शांतिपूर्वक अपन जमीन आउ बाग में काम करे में व्यस्त हलथिन, आउ गाम के लोग के पढ़ना-लिखना सिखाब करऽ हलथिन, त उनका अप्रत्याशित विपत्ति प्रहार करे के तैयारी कर रहले हल। ऊ बस्ती में कोय सरकारी कार्यालयीन पद पर अब काम नञ् करऽ हलथिन आउ ओकर कोय सामाजिक कार्य में कोय दखलंदाजी नञ् करऽ हलथिन, लेकिन दुश्मन लोग उनका शक के नजर से देखना जारी रखलकइ। आउ ऊ हलाँकि अब चुप भी हलथिन, लेकिन तइयो ओकन्हीं के अराजकता (अव्यवस्था) के साक्षी हलथिन, आउ ओकन्हीं चाहऽ हलइ कि कइसूँ उनका से छुटकारा मिल जाय। हमरा मालुम नञ् कि ओकन्हीं कउन बहाना बनइलकइ काउंट शेरेमेतेव के सामने  उनका नीचा देखावे लगी, लेकिन मास्को से अचानक पिताजी के जायदाद के जब्ती, आउ उनका परिवार सहित सुदूर प्रदेश में भेज देवे के एगो औडर अइलइ - मतलब, स्मोलेन्स्की प्रान्त के ग्झात्स्की जिला (काउंटी) में, चुरिलोव्का गाम में। ई हलइ काउंट के प्रशासन द्वारा वास्तविक या काल्पनिक दोष खातिर देल गेल सामान्य दंड।
ई अनुचित प्रहार बेचारे पिताजी के निराशमग्न कर देलकइ। उनकर छोटगर जायदाद, कुछ साल के ईमानदारी के मेहनत के फल, क्षण भर में बरबाद हो गेलइ। ई घटना में कोय छान-बीन, कोय मुकदमा नञ् कइल गेलइ; सब कुछ के अंधा स्वेच्छाचार से निर्णय कइल गेलइ। जे जानऽ हइ कि लघु रूसी अपन मातृभूमि से केतना लगाव रक्खऽ हइ, अपन साफ, गरम आसमान से आउ उपजाऊ जमीन से अलग होला पर केतना ओकर मन उदास हो जा हइ, केतना अनिच्छापूर्वक [*20] मोस्काल लोग से भाईचारा स्थापित करऽ हइ, ऊ निम्मन से समझ पइतइ कि कीऽ मतलब हलइ हमर माता-पिता लगी ई अप्रत्याशित निर्णायक निर्वासन के  - ई वियोग के, ऊ मातृभूमि आउ प्रकृति से, जे उनकर निःस्वार्थ प्रेम के उदारतापूर्वक प्रतिक्रिया देलके हल (responded)।
कोय कारण से, जे हमरा आद नञ् परऽ हइ, हमरो काउंट के वोतचिना (पैतृक जायदाद) प्रशासन द्वारा बोलावल गेले हल। ऊ घटना हमर दिमाग में अभियो सजीव हइ, अपन पिताजी के हुआँ परी देखऽ हिअइ। अइकी ऊ एगो गंदा कमरा में, साधारण खुल्लल (अर्थात् बिन कोय कपड़ा से ढँक्कल) भेड़ के खाल के कोट में हथिन। उनकर चेहरा पीयर पड़ल हइ, होंठ काँप रहले ह आउ आँख लोर से भरल हइ। शायद उनका सामने अभी-अभी काउंट के द्वारा देल गेल दंड के घोषणा कइल गेले ह। एहे दौरान, हमर घर में सब कुछ उलटा-पलटा हलइ - हमन्हीं के सम्पत्ति के जब्ती कइल जा रहले हल ...
फेर हम सब खुद के एगो बड़गो ढँक्कल स्लेज (बरफगाड़ी) में देखऽ हिअइ। जाड़ा के समय हलइ। हमर नगीच में, एक दने, उदास पिताजी बैठल हलथिन, त दोसर दने - माय के गोदी में भेड़ के खाल में लपटल एक साल के बुतरू - ई ओकर दोसरा बेटा ग्रिगोरी हलइ।
दू गो गार्ड हमन्हीं साथ हलइ। ओकन्हीं में से एगो हमर स्मृति में अंकित रह गेलइ, जे बड़गो कद के अदमी हलइ, उदास चेहरा आउ असाधारण शक्ति वला। ऊ मजाक-मजाक में घोड़ा के नाल, आउ मोटगर लोहा के कुंजी के तोड़ दे हलइ, चानी के एक रूबल के सिक्का के अपन अँगुरी से मोड़ दे हलइ, लेकिन एतना शक्ति के होते, ऊ उदार आउ बुतरू नियन सरलहृदय हलइ। एक तिकड़म हमरा विशेष रूप से मनोरंजक लगलइ झुर्बा के - ई ऊ शक्तिशाली अदमी के नाम हलइ। जब न तब हमन्हीं के सामने से गुजरऽ हलइ समान से लद्दल गड़ियन के कारवाँ आउ रस्ता जाम कर दे हलइ। भारी समान से लद्दल गाड़ी सब हमेशे बगल में ओतना जल्दी नञ् मुड़ पावऽ हलइ, जेतना झुर्बा चाहऽ हलइ, आउ ऊ अपने ढंग से ऊ सबसे निपटऽ हलइ - एक के बाद दोसरा के कोना से पकड़ ले हलइ आउ बरफ के ढेर में उलट दे हलइ। हैरान होल ड्राइवर सब अपन सिर खुजलावऽ हलइ, ई उद्गार प्रकट करते - "हमन्हीं साथ क्रॉस के शक्ति हइ!" झुर्बा के करामात हमरा मनोरंजक लगलइ, आउ ओकर उदारता आउ सप्रेम व्यवहार हमर माता-पिता लगी सांत्वना के काम कइलकइ।
हमरा कोय अंदाज नञ् हलइ कि हमन्हीं केतना समय तक यात्रा करते गेलिअइ। आखिरकार, हमन्हीं अपन निर्वासन के जगह पर पहुँचते गेलिअइ। हम सब के सामने एगो छोटगर गाम हलइ, एहे कोय तीस घर के। बरफ से आच्छादित मैदान में बिन चिमनी के दयनीय झोपड़ी सब देखाय देब करऽ हलइ - हू-ब-हू दलदल के टेकरी (टीला) चाहे शंकुनुमा सड़ल पुआल के पुंज लगऽ हलइ। पीछू में सरसर करते (murmuring) चीड़ के जंगल हलइ। उदास प्राकृतिक दृश्य अनिर्वचनीय (inexpressible) उदासी उत्पन्न करऽ हलइ।
भारी दिल से माता-पिता धुआँ से भरल इज़्बा (लकड़ी के बन्नल देहाती घर)  के दहलीज पार कइलथिन, जाहाँ परी उनका घर के मालिक के साथ उनका कमरा देल गेलइ। तंग जगह, धुआँ, मास्को के अस्वच्छता, जे बिन कारण लघु रूसी लोग के बीच कहावत के रूप में नञ् प्रवेश कइलकइ, आखिरकार, हुएँ परी, इज़्बा में, घर के जानवर के उपस्थिति - ई सब कुछ उदासी आउ घृणा उत्पन्न करऽ हलइ। लेकिन बुराई के ढेर में हमेशे भलाई के अंश छिप्पल रहऽ हइ, खाली एकरा तरफ से हठपूर्वक आँख बन्द नञ् कर लेवे के चाही। हमन्हीं के चारो तरफ, निस्संदेह, सब कुछ उदास आउ कुरूप हलइ, लेकिन ई उदास पृष्ठभूमि में, आउ अधिक आनन्दमय घटना के चित्र प्रकट होवे में देरी नञ् होलइ। ऊ प्रदेश के लोग हमन्हीं के खुशी से स्वागत करते गेलइ। ओकन्हीं हमन्हीं साथ घृणास्पद निर्वासित नियन व्यवहार नञ् कइलकइ, बल्कि ओइसन लोग के साथ नियन, जेकरा बदकिस्मती के मार झेले पड़ले हल। चुरिलोव्का के लोग जंगल के वातावरण में रहऽ हलइ, यातायात के बड़गो साधन आउ औद्योगिक केन्द्र से कट्टल, आउ ओहे से आदिकालीन ईमानदारी आउ सरलहृदयता के अभियो तक कायम रखले हलइ। ओकन्हीं उत्तर के अकृतज्ञ भूमि के विरुद्ध भयंकर संघर्ष कर रहले हल, [*21] अक्षरशः अपन भूमि पर पसेना बहइते ताकि ऊ अल्प रोटी प्राप्त कर सके, जेकरा से अपन पेट भरते जा हलइ। लेकिन ओकन्हीं बीच मेहनत आउ गरीबी के, खुद से आउ अधिक बदकिस्मत के प्रति भाईचारा आउ सहानुभूति के भावना के साथ सहअस्तित्व रहऽ हलइ। ओकन्हीं के बदौलत निर्वासन में भी हम सब ओतना हद तक एकान्त नञ् अनुभव कइलिअइ, जेतना कि आशा कइल जा सकऽ हलइ।
धीरे-धीरे नयका जगह में हम सब खुद के ढाल लेलिअइ। हमर सबसे नगीच के पड़ोसी एगो बूढ़ी, बहुत बूढ़ी हलइ, लेकिन तइयो एगो सक्रिय बुढ़िया हलइ, जेकरा हीं हम रोज के अतिथि बन गेलिअइ। ऊ अपन छोटका इज़्बा के अपन सब्भे पड़ोसी के अपेक्षा जादे साफ-सुथरा रक्खऽ हलइ, आउ ओकरा एतना जल्दी गरम करऽ हलइ कि लगभग दिन भर ओकरा में धुआँ नञ् रहऽ हलइ। ई हमरा खास करके पसीन पड़लइ, काहेकि हमन्हीं धुआँ के बिलकुल अभ्यस्त नञ् हो पइलिअइ। एकरा अलावे, हमरा स्वादिष्ट गरम-गरम मालपूआ भी बुढ़िया तरफ आकृष्ट करऽ हलइ, जेकरा से ऊ हमरा स्वागत करऽ हलइ। कोय कारणवश चुरिलोव्का किशोरावस्था के लड़कियन के मामले में गरीब हलइ। हमरा कुल दू गो के आद पड़ऽ हइ। दुन्नु हमरा दुलार आउ खातिर करऽ हलइ, लेकिन हमरा सुंदर चेहरा वली दोम्ना जादे पसीन परऽ हलइ, जेकर गाल लाल हलइ आउ नाक सजीव रूप से उपरे तरफ उट्ठल हलइ, जे अभियो तक हमरा सामने सजीव रूप से चित्रित हो जा हइ।
हम छो-सात साल के हो चुकलिए हल। हम लिक्खे-पढ़े लगी आउ पहिलहीं सीख चुकलिए हल। चुरिलोव्का में शुरुआत में हमर पढ़ाई आगू नञ् बढ़ पइलइ। हम दोषी हलइ, शरत्काल में हम एगो नयका कला सीख लेलिअइ - लाप्ती (छाल के जुत्ता) बनाना, आउ हम गौरव अनुभव करऽ हलिअइ कि हम अप्पन बनावल जुत्ता पेन्हऽ हलिअइ, आउ ई तरह, हम दोसरकन बुतरुअन से पीछू नञ् रहऽ हलिअइ, जेकन्हीं साथ हम खेलऽ हलिअइ आउ बरफ के ढेरी पर से होके दौड़-धूप करऽ हलिअइ। ग्रीष्म ऋतु अइलइ। हम मशरूम लगी जा हलिअइ, संग्रह करऽ हलिअइ चुक्क (sorrel), जे ऊ जमाना में हमर एकमात्र स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ हलइ, आउ शंकुफल (fir cones) , जेकर ललहन रंग आउ सूक्ष्म रालदार गंध हमरा आकृष्ट करऽ हलइ।
एहे तरह हम सब लगभग आधा साल गुजरलिअइ। तब हमन्हीं के परिस्थिति बहुत कुछ सुधर गेलइ। पिताजी पड़ोसी मध्यवर्गीय लोग के साथ मेल-जोल बढ़इलथिन, आउ ओकन्हीं में से कुछ लोग अपन बुतरुअन के पढ़ावे लगी उनका आमंत्रित करते गेलइ। विशेष रूप से उनका साथ पोमेषिक (मध्यवर्गीय) प्योत्र ग्रिगोर्येविच मार्कोव के संबंध में नगीची अइलइ, जेकर गाम, अगर हमरा गलतफहमी नञ् हइ, अन्द्रोनोवो, चुरिलोव्का से लगभग पनरह विर्स्ता दूर हलइ आउ जिला शहर ग्झात्स्क से ओतनहीं दूरी पर। ऊ हमर पिताजी के अपना हीं रहे लगी दौड़-धूप करके क्षेत्रीय प्राधिकारी लोग से अनुमति ले लेलकइ। हम सब खुशी से ओकर आमंत्रण के स्वीकार कर लेते गेलिअइ, हलाँकि चुरिलोव्का के निम्मन लोग से बिन खेद के अलग नञ् होलिअइ।
अन्द्रोनोव में हमन्हीं के रोशनीदार, साफ-सुथरा आउ धुआँ रहित कमरा देल गेलइ - एगो भूतपूर्व स्नाघर में। पिताजी निश्चित दिन आउ घंटा के हिसाब से मार्कोव के बेटा आउ बेटी के पढ़ावऽ हलथिन, आउ एकरा अलावे, दोसरो पोमेषिक लोग के हियाँ पढ़ावे लगी (गाड़ी से) जा हलथिन। हमरा आद परऽ हइ कि ऊ खास करके ज़्विज़्दुनोव के पोमेषिक मिख़ाइल स्तेपानोविच अलिक्सान्द्रोव के बारे निम्मन बात करऽ हलथिन। एकरा एगो प्रौढ़ बेटी हलइ, जेकरा पिताजी टिसनी पढ़ावऽ हलथिन। हुआँ से उनकर वापसी हमरा लगी एगो वास्तविक उत्सव नियन होवऽ हलइ। ऊ साधारणतः अपने साथ सेब से कसके भरल बोरा लावऽ हलथिन, नञ् तो आड़ू (peaches) चाहे खुबानी (apricots) से। ज़्विज़्दुनोव में भरपूर काँचघर (greenhouses) हलइ, आउ पिताजी के छात्रा कभियो हमरा लगी उपहार भेजे लगी नञ् भुला हलइ।
अन्द्रोनोव में हमरो व्यक्तिगत समाज में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होलइ। हम अब गाम के बाल-बुतरू साथ नञ् हिल्लऽ-मिल्लऽ हलिअइ, बल्कि पोमेषिक लोग के [*22] बुतरुअन साथ, जे अकसर अन्द्रोनोव आवऽ हलइ, चाहे टिसनी पढ़े खातिर हियाँ अइते जा हलइ। आउ हमहुँ ओकन्हीं साथ पढ़ऽ आउ खेलऽ हलिअइ। माता-पिता कड़ाई से हमरा पर नजर रक्खऽ हलथिन। उनकन्हीं के चिन्ता रहऽ हलइ कि कहीं हमरा कोय बुरा चसका नञ् लग जाय, आउ यथासंभव हमरा बुरा उदाहरण से बचावऽ हलथिन। अचरज के बात नञ् हइ,  अगर नम्र आउ आज्ञाकारी हलिअइ - दोसरा, लेकिन, ई कारण से कि शायद हमरा अकसर दंडित कइल जा हलइ। लेकिन, पिताजी के कड़ाई के बावजूद, हम एगो सक्रिय आउ समझदार बुतरू हलिअइ। हम अब कुछ पारिवारिक जिम्मेवारी उठावे लगलिए हल, बाकी चीज के अलावे, छोटका भाय ग्रीशा (ग्रिगोरी) के देखभाल करऽ हलिअइ, जे ऊ बखत, शायद, दू साल के हलइ। ई कर्तव्य हम कोय धाय से बत्तर नञ् निभावऽ हलिअइ। लेकिन एक तुरी हमर छोटकुन्ना भाय हमरा बहुत भयभीत कर देलकइ। हमन्हीं के घर के प्रांगण एगो पहाड़ी पर हलइ, आउ ओकर निच्चे एगो पोखरा हलइ। ग्रीशा खेलते-खेलते तेजी से ढाल पर से निच्चे उतर गेलइ आउ हाथ फैलइते उड़ते पोखरा में चल गेलइ। भय से बिन कुछ ध्यान नञ् रहल, आउ हम ओकर पीछू सरपट चल गेलूँ। भाग्यवश, पानी जादे गहरा नञ् हलइ, आउ हम हलाँकि कठिनाई से ही सही, लेकिन हम ओकरा सकुशल घींचके किनारे ले अइलिअइ।
मोसकिल से हम सब अराम कर पइलिए हल आउ वास्तविक अर्थ में सँभल पइलिए हल कि हम सब पर एगो नयका विपत्ति आ पड़लइ। हमन्हीं गृहस्वामी के रसोईघर के नगीचे रहऽ हलिअइ। बाहर गरम आउ शुष्क शरद् ऋतु (autumn) हलइ। अचानक, दुपहर के बाद, रसोईघर में आग लग गेलइ। आग के ज्वाला पल भर में पड़ोस के घर में फैल गेलइ आउ सरपत के छप्पर वला हमरो छोटकुन्ना आश्रयस्थल के अपन आगोश में ले लेलकइ। हमर माता-पिता दुपहर के भोजन के बाद अराम कर रहलथिन हल आउ धमका रहल खतरा के बारे उनका कोय शंका नञ् हलइ। भाग्यवश, पोमेषिक आग देख लेलकइ। ऊ दौड़ल हमर माता-पिता के पास अइलइ, जगइलकइ आउ शब्दशः उनकन्हीं के जल रहल घर से ढकेल के घरवा से बाहर कर देलकइ। उनकन्हीं आधहीं नीन में होवे के चलते भ्रमित हो गेलथिन आउ जल्दीबाजी में अनावश्यक चीज बटोर लेलथिन। हमन्हीं के सब सम्पत्ति जल गेलइ। लेकिन हवेली जल्ले से बच गेलइ। हम भाय के साथ ऊ बखत प्रांगण में खेलब करऽ हलिअइ। आग देखके, हम ग्रीशा के हाथ पकड़लिअइ आउ सरपट दौड़े लगलिअइ, खुद नञ् जानते कि कद्धिर। हम सब खुद के जंगल में पइलिअइ। हमन्हीं के देर साँझ के लोग पता लगइते गेलइ, भय आउ ठंढ से हमन्हीं कन आउ काँप रहलिए हल।
माता-पिता, पूरे शाब्दिक अर्थ में, गरीब हो गेलथिन, लेकिन उनका अबरियो नेक लोग मदत करते गेलथिन। मार्कोव हम सब के नयका कमरा देलथिन, आउ पहिले तुरी, बस्तर आउ अत्यावश्यक घरेलू बरतन देलथिन। उनकर उदारण के दोसरो पोमेषिक लोग अनुकरण करते गेलइ। लेकिन सबसे मर्मस्पर्शी हलइ चुरिलोव्का के निम्मन लोग के सहानुभूति। अग्निकांड के कइएक दिन बाद तक, छोटका गरीब गाम के वाशिंदा लोग हमन्हीं लगी उपयोगी समान दुब्बर-पातर घोड़वा पर लादके अन्द्रोनोवो पहुँचइते रहलइ। हमन्हीं के नयका घर जल्दीए कपड़ा के टुकड़ी, आटा के बोरिया, धागा के लच्छा से भर गेलइ - ऊ सब चीज से, जे ई लोग खुद बड़ी कठिनाई से अपन पसेना के कमाई से प्राप्त करते गेले हल। आउ ई सब कुछ अर्पित कइल गेलइ एतना सहज ढंग से, एतना ईमानदारी से, एतना गरमजोशी से, कि माय हर तुरी प्यार भरल अश्रु के साथ ओकन्हीं से मिल्लऽ आउ बिदा करऽ हलइ।
दोसरा जाड़ा अइलइ, आउ हम सब के निर्वासन के दोसरा साल गुजर गेलइ। अग्निकांड से पिताजी सँभल चुकलथिन हल। उनका कइएक शिष्य हलइ, आउ हमन्हीं के आर्थिक स्थिति खराब नञ् कहल जा सकऽ हलइ। लेकिन माता-पिता के मातृभूमि के आद सतावऽ हलइ आउ ई विचार, कि उनकन्हीं कइसूँ निर्वासित लोग से जादे कुछ नञ् हलथिन। पिताजी के विशेष रूप से अलिक्सेयेव्का, एकर सुगंधित खेत आउ उपवन के [*23] आद सतावऽ हलइ। एकरा अलावे, चाहे जे हो जाय, ऊ लोग के सामने खुद के निर्दोष साबित करे लगी चाहऽ हलथिन। एहे दौरान वृद्ध काउंट मर गेलथिन। उनकर पीछू एकमात्र बेटा, दिमित्री, रह गेलइ, जेकरा नाबालिग होवे के कारण ओकरा लगी पितिरबुर्ग में अभिभावकता (guardianship) स्थापित कइल गेलइ। अभिभावक के रूप में हलथिन - सिनेटर अलिक्सेयेव, दनाउरोव आउ अन्य, सब लोग बड़गो हस्ती आउ प्रभाव वला। आउ मुख्य बात - जुनियर काउंट के चीफ़ गार्जियन के भार साम्राज्ञी मारिया फ़्योदोरोव्ना खुद अपन हाथ में लेलथिन।
ई सब बदलल परिस्थिति में, हमर पिताजी एगो अत्यंत साहसिक काम करे के सोचलथिन। ऊ पहिलहीं छोटका काउंट के अभिभावक (गार्जियन) लोग के कइएक तुरी लिख चुकलथिन हल, अनुचित उत्पीड़न के बारे शिकायत करते, लेकिन उनकर पत्र के कोय उत्तर नञ् मिललइ। वर्तमान परिस्थिति में, ऊ सीधे साम्राज्ञी के संबोधित करके उनकर माध्यम से न्याय प्राप्त करे के निर्णय कइलथिन। ऊ नञ् खाली अपन मातृभूमि लौटे लगी चाहऽ हलथिन, बल्कि सम्मान आउ आदर के साथ वापसी। ओहे से ऊ, अन्य बात के अलावे, निवेदन कइलथिन कि उनका व्यक्तिगत रूप से सफाई प्रस्तुत करे खातिर पितिरबुर्ग में उपस्थित होवे के अनुमति देल जाय।
साम्राज्ञी से सीधे अपील के साहस हमर पिताजी के मित्र लोग के हक्का-बक्का कर देलकइ, आउ उनकन्हीं उनका समझावे के प्रयास करते गेलथिन। लेकिन उनका साम्राज्ञी के उदारता पर दृढ़ विश्वास हलइ, जिनकर नाम पूरे रूस में प्यार से लेल जा हलइ, आउ ऊ अपन निर्णय पर अटल रहलथिन। पत्र लिक्खल गेलइ, पिताजी के निष्कलंक व्यवहार के साक्षी ग्झात्सक के भद्रलोक द्वारा प्रतिहस्ताक्षर से सत्यापित कइल गेलइ, आउ पितिरबुर्ग भेजल गेलइ। हमरा पास ओकर एक प्रति सुरक्षित हइ। एकर निष्कपटता, ऊर्जा आउ साहित्यिक भाषा प्रभावकारी हइ। साधारणतः पिताजी कलम चलावे में कुशल हलथिन।  बाद में उनका अकसर लिक्खे पड़लइ, आउ अन्य चीज के अलावे, कामकाजी दस्तावेज, चाहे ऊ अप्पन रहे चाहे दोसर के, आउ ऊ सब आदर्श उदाहरण मानल जा हलइ।
साम्राज्ञी पर विश्वास पिताजी के धोखा नञ् देलकइ। जाड़ा के अन्त में, (छोटका काउंट के) गार्जियन लोग के तरफ से औडर अइलइ कि हमन्हीं के वापस मातृभूमि में भेजल जाय, आउ एकरा अलावे, पिताजी के, उनकर इच्छा के मोताबिक, पितिरबुर्ग जाय के। हमर मता-पिता नया जीवन पइलथिन। हम सब के संरक्षक, ग्झात्स्क के पोमेषिक, हमर पिताजी के साहसिक कार्य के सफलता पर दिल से खुश होलथिन आउ हम सब लगी सम्मानजनक बिदाई के प्रबन्ध करते गेलथिन। हमन्हीं के तैयारी, निस्सन्देह, जादे समय नञ् लेलकइ, आउ हम सब, फेर से शीतकालीन रस्ता से अलिक्सेयेव्का लगी प्रस्थान कइलिअइ, चुरिलोव्का के निम्मन दोस्त लोग के बिदाई के शुभकामना आउ आशीर्वाद के साथ।



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