विजेट आपके ब्लॉग पर

Friday, February 27, 2009

1.2. मोरे मन मितवा - गाना नं॰ २

"मोरे मन मितवा" फिल्म के गाना

गाना नं॰ २

ओ सखिया, ओ सखिया कैसे के
गगरिया भरियो तोरी भरियो तोरी
हे डगरिया सूनी डर लागे ना
गगरिया भरियो तोरी, डगरिया सूनी डर लागे ना
ओ सखिया कैसे के गगरिया भरियो तोरी,
डगरिया सूनी डर लागे ना
गगरिया भरियो तोरी, डगरिया सूनी डर लागे ना
चार टके की ओढ़े चदरिया, बात बोले अनमोला
सहरी सजना बड़ा सयाना हे - रामा
सहरी सजना बड़ा सयाना हे रामा
कनखी से ताकै मोरी-ओरी, हो डगरिया सूनी डर लागे ना
लाख टके की मोरी चुनरिया बालम के मन अटके
हो बालम के मन अटके ।
लाख टके की मोरी चुनरिया बालम के मन अटके ।
पनघट-पनघट प्यासल भटकै हे रामा
पनघट-पनघट प्यासल भटकै हे रामा।
अँखिया मिलावै चोरी-चोरी,
हे डगरिया सूनी डर लागे ना
हे डगरिया सूनी डर लागे ना
जिनकर मद में मातल झूमै नाचै मन मतवाला ।
हो नाचै मन मतवाला ।
जिनकर मद में मातल झूमै नाचै मन मतवाला ।
मरम न समझे दरद न जानै हे रामा ।
मरम न समझे दरद न जानै हे रामा ।
दिलवा में पैसई जोरा-जोरी
गगरिया भरियो तोरी, डगरिया सूनी डर लागे ना ।
ओ सखिया कैसे के गगरिया भरियो ।
डगरिया सूनी डर लागे ना
डगरिया सूनी डर लागे ना ।

गीत - हरिश्चन्द्र प्रियदर्शी

प्लेबैक - सुमन और कोरस

No comments: