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Sunday, September 11, 2011

66. मगही की एकरूपता से विकास संभव



10 Sep 2011, 10:06 pm
बोधगया (गया), निज प्रतिनिधि : स्नातकोत्तर मगही विभाग मगध विश्वविद्यालय का प्रथम स्थापना दिवस शनिवार को हिन्दी भवन में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को उदय शंकर शर्मा, मिथलेश कुमार, मनमोहन पाठक, घमंडी राम, डा. बी.डी. लाल, डा. सुनील कुमार, राम विनय शर्मा, दुष्यंत, दिलीप कुमार, रामप्रसाद सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने एक मत से मगही भाषा के विकास पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि जब तक मगही लेखनी, बोलचाल व अध्ययन-अध्यापन में एकरूपता नहीं लायी जायेगी तब तक इस भाषा का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। वक्ताओं के अनुसार इसके मानकीकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस पर गंभीर लेखकों को कार्य करना होगा। कार्यक्रम में चिरपरिचत मांग पुन: उठी जिसमें मगही भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने और इस भाषा की पढ़ाई प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल तक आरंभ कराना शामिल है।

इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें कई साहित्यकार व कविगण भाग लिये। इस अवसर पर विभाग द्वारा प्रकाशित 'मगही सुजाता' नामक पत्रिका सहित कई अन्य लेखकों के पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

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