रूसी
उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-2
2.
राजकुमारी मेरी - अध्याय-6
23
मई
लगभग
सात बजे शाम में हम बुलवार में टहल रहलिए हल । ग्रुशनित्स्की हमरा दूर से देखके हमरा
बिजुन अइलइ। एक प्रकार के हास्यास्पद हर्षातिरेक ओकर आँख में चमक रहले हल । ऊ कसके
हमर हाथ दबइलकइ आउ दर्दनाक स्वर में कहलकइ -
"हम
तोरा धन्यवाद दे हियो, पिचोरिन ... हमर बात समझऽ हकहो न ?"
"नयँ;
लेकिन, कइसनो हालत में, हमरा धन्यवाद देवे के जरूरत नयँ", हम उत्तर देलिअइ । कइसनो
कइल उपकार के हमरा आद नयँ पड़ रहले हल ।
"की
? आउ कल्हे ? तूँ वास्तव में भूल गेलहो ? ... (राजकुमारी) मेरी हमरा सब कुछ बतइलथिन
..."
"की
? की वास्तव में अपने सब आझकल सब कुछ साझा करऽ हथिन ? कृतज्ञता भी ? ..."
"सुन्नऽ",
ग्रुशनित्स्की बहुत गंभीर होल कहलकइ, "किरपा करके हमर प्यार के मजाक मत उड़ावऽ,
अगर हमर प्रिय मित्र बन्नल रहे लगी चाहऽ ह ... देखऽ, हम उनका पागलपन के हद तक प्यार
करऽ हिअइ ... आउ हम सोचऽ हिअइ, हमरा आशा हइ, ओहो हमरा प्यार करऽ हथिन ... हमर तोरा
से निवेदन हको - तूँ आझ उनकन्हीं हीं शाम के भेंट देवे वला हकहो ... हमरा वचन द कि
तूँ सब कुछ के खियाल रखबऽ । हम जानऽ हिअइ, कि ई सब मामला में तूँ अनुभवी हकऽ, तूँ औरतियन
के हमरा अपेक्षा बेहतर जानऽ हो ... औरत ! औरत ! केऽ ओकन्हीं के समझ पइतइ ? ओकन्हीं
के मुसकान आउ ओकन्हीं के निगाह में विरोध होवऽ हइ, ओकन्हीं के शब्द वादा करऽ हइ आउ
लुभावऽ हइ, लेकिन ओकन्हीं के बोली के स्वर (tone) दूर ढकेलऽ हइ ... कभी तो मिनट भर
में हमन्हीं के सबसे गुप्त विचार के समझ जा हइ आउ अंदाज लगा ले हइ, त कभी बिलकुल स्पष्ट
इशारा भी समझ नयँ पावऽ हइ ... एहे छोटकी राजकुमारी के बात लेहो - कल्हे उनकर आँख भावना
से ओत-प्रोत हलइ जब हमरा पर टिक्कल हलइ, जबकि आझ ऊ उदास आउ ठंढगर (भावशून्य) हइ
..."
"ई,
हो सकऽ हइ, पानी के नतीजा हइ", हम जवाब देलिअइ ।
"तोरा
सब कुछ में बुरा पहलू देखाय दे हको ... भौतिकवादी (materialist) !" ऊ घृणापूर्वक
आगू बोललइ । "लेकिन, विषय (matter) बदल लेल जाय", आउ अपन खराब यमक (pun)
पर संतुष्ट होल ऊ बहुत प्रसन्न होलइ। [हियाँ परी रूसी आउ अंग्रेजी में मिलता-जुलता
शब्द "materialist" आउ "matter" में खराब यमक तो समझना असान हइ,
लेकिन मगही अनुवाद में ठीक-ठीक यमक के प्रयोग मोसकिल हइ । ओहे से हियाँ अंग्रेजी शब्द
भी साथ-साथ दे देल गेले ह । - अनुवादक ।]
आठ
आउ नो के बीच हमन्हीं साथ-साथ बड़की राजकुमारी के हियाँ गेते गेलिअइ । वेरा के खिड़की
बिजुन से गुजरते बखत हम ओकरा खिड़की भिर देखलिअइ । हमन्हीं परस्पर सरसरी निगाह डललिअइ
। ऊ हमन्हीं के बाद जल्दीए लिगोव्स्काया के अतिथिकक्ष (ड्राइंग रूम) में अइलइ । बड़की
राजकुमारी ओकरा अपन एगो रिश्तेदार के रूप में परिचित करइलथिन । लोग चाय पीते जा रहले
हल; अतिथि बहुत हलइ; बातचीत सर्वसामान्य हलइ । हम प्रयास कइलिअइ कि बड़की राजकुमारी
के हम पसीन अइअइ, चुटकुला सुनइलिअइ, हम उनका कइएक तुरी दिल खोलके हँसइलिअइ; छोटकी राजकुमारी
के भी एक से जादे तुरी ठहाका मारे के इच्छा कइलकइ, लेकिन ऊ खुद के नियंत्रित कर लेलथिन,
ताकि अपन स्वीकृत भूमिका के बाहर नयँ आ सकथिन । उनका लगऽ हइ, कि उदासी उनका शोभा दे
हइ - आउ शायद, एकरा में उनका कोय गलतफहमी नयँ हइ । ग्रुशनित्स्की, लगऽ हइ, बहुत खुश
हइ, कि हमर प्रसन्नता उनका प्रभावित नयँ करऽ हइ ।
चाय
के बाद सब कोय हॉल में गेते गेलइ ।
"की
तूँ हमर आज्ञाकारिता से खुश हीं, वेरा ?" ओकर पास से गुजरते बखत हम कहलिअइ ।
प्यार
आउ कृतज्ञता भरल दृष्टि (कटाक्ष) ऊ हमरा पर डललकइ । हम अइसनका दृष्टि के आदी हो गेलिए
ह, लेकिन कभी अइसन समय हलइ जब ई हमरा लगी परमानंद बन जा हलइ । बड़की राजकुमारी अपन बेटी
के पियानो भिर बैठा देलथिन । सब कोय उनका कुछ तो गावे लगी निवेदन कइलकइ । हम चुपचाप
रहलिअइ, आउ ई शोरगुल के फयदा उठाके वेरा के साथ हम खिड़की बिजुन चल गेलिअइ, जे हमन्हीं
दुन्नु लगी कुछ तो महत्त्वपूर्ण बात बतावे लगी चाहऽ हलइ ... लेकिन ई बकवास निकसलइ …
ई
दौरान छोटकी राजकुमारी के हमर भावशून्यता से चिढ़ बर रहले हल, जइसन कि हम उनकर गोसाल,
दहकइत निगाह (कटाक्ष) से अंदाज लगा सकलिअइ ... ओह, हमरा ई मूक, लेकिन भावपूर्ण, संक्षिप्त,
लेकिन प्रबल बातचीत आश्चर्यजनक रूप से समझ में आवऽ हइ ! ...
ऊ
गावे लगलथिन । उनकर गला खराब नयँ हइ, लेकिन निम्मन नयँ गा पावऽ हथिन ... लेकिन हम
(ध्यान से) नयँ सुन्नब करऽ हलिअइ । लेकिन ग्रुशनित्स्की उनकर सामने पियानो पर अपन केहुनी
टिकइले अपन आँख फाड़-फाड़के देखब करऽ हलइ आउ मिनट-मिनट दबे स्वर में बोलऽ हलइ -
"Charmant! delicieux!" (शारमाँ ! देलिसिअ ! - (फ्रेंच) सुंदर ! मनोहर
!)
"सुन्नऽ",
वेरा हमरा कहलकइ, "हम ई नयँ चाहऽ ही, कि तूँ हमर पति से भेंट करहो, लेकिन तोरा
बड़की राजकुमारी के अनिवार्य रूप से खुश करे के चाही । तोरा लगी ई असान काम हको; तूँ
जे कुछ चाहो, कर सकऽ हो। हमन्हीं खाली हिएँ एक दोसरा के देख सकबइ ..."
"खाली
हिएँ ? ..."
ऊ
शरम से लाल हो गेलइ आउ बात जारी रखलकइ -
"तूँ
जानऽ हो, कि हम तोहर दासी हकियो; हम कभियो तोर विरोध नयँ कर पइलियो ... आउ एकरा लगी
हमरा दंड मिलतइ । तूँ हमरा प्यार करना बन कर देबऽ ! कम से कम हम अपन मान-सम्मान बचावे
लगी चाहऽ हूँ ... अपना लगी नयँ; तूँ ई बात निम्मन से जानऽ हो ! ... ओह, हम तोरा से
विनती करऽ हियो - हमरा पहिले नियन खोखला शंका आउ देखावा के रुखाई से मत सतावऽ । हम,
हो सकऽ हइ, जल्दीए मर जइअइ, हमरा लगऽ हइ, कि दिनो-दिन हम कमजोर होल जा रहलूँ हँ
... आउ, एकर बावजूद, हम भावी जिनगी के बारे नयँ सोच सकऽ ही, हम खाली तोरा बारे सोचऽ
हियो । तोहन्हीं, मरद लोग, के कटाक्ष के आनंद, हस्तांदोलन, समझ में नयँ आवऽ हइ, लेकिन,
हम, तोरा कसम खाके कहऽ हियो, हम तोर स्वर सुनके अइसन गहरा, विचित्र परमानंद के अनुभव
करऽ हियो, कि अत्यंत उष्ण चुंबन भी ओकर परतर नयँ करतइ ।"
एहे
दौरान राजकुमारी मेरी गाना बन कर देलथिन । प्रशंसा के भुनभुनाहट उनकर चारो दने सुनाय
देवे लगलइ । हम उनका भिर सबसे बाद में गेलिअइ आउ उनका कुछ तो उनकर गला के बारे काफी
लापरवाही से कहलिअइ ।
ऊ
जरी मुँह बिचकइलका, अपन निचला ठोर जरी बाहर निकासके, आउ बहुत व्यंग्यपूर्वक एक गोड़
आगू करके आउ जरी झुकके कोरनिश कइलका ।
"हमरा
लगी तइयो ई अधिक सम्मान के बात हइ", ऊ बोलला, "कि अपने हमर गीत बिलकुल नयँ
सुनलथिन । लेकिन, शायद, अपने के संगीत पसीन नयँ हइ ? ..."
"एकर
विपरीत ... खास करके दुपहर के भोजन के बाद ।"
"ग्रुशनित्स्की
के कहना सही हइ, कि अपने के नीरस (prosaic) अभिरुचि हइ ... आउ हम देखऽ हिअइ, कि अपने
के संगीत चटोरापन के संदर्भ में (in a gastronomic respect) पसीन हइ ..."
"अपने
के फेर गलतफहमी हइ - हम बिलकुल नयँ चटोरा (पेटू) हिअइ । हमर पाचनशक्ति अत्यंत खराब
हइ । लेकिन संगीत, दुपहर के भोजन के बाद निद्रा लावऽ हइ, आउ दुपहर के भोजन के बाद सोना
स्वास्थ्यप्रद हइ । ओहे से, हमरा संगीत वैद्यकीय दृष्टिकोण से पसीन हइ । शाम के तो,
एकर विपरीत, ई हमर स्नायु के बहुत जादहीं उत्तेजित करऽ हइ; हमरा या तो बहुत जादहीं
उदासी छा जा हइ, चाहे बहुत आनंद होवऽ हइ । ई चाहे ऊ, दुन्नु यातनादायक हइ, जब उदास
होवे के चाहे आनंदित होवे के कोय ठोस कारण नयँ रहऽ हइ, आउ एकर अलावे, उदासी सामाजिक
मिलन के दौरान हास्यास्पद हइ, आउ बहुत बड़गो आनंद अशिष्टता हइ ..."
ऊ
हमर पूरा बात नयँ सुनलका, दूर चल गेला, ग्रुशनित्स्की के बगल में बैठ गेला, आउ दुन्नु
बीच कइसनो भावुक बातचीत शुरू होलइ । लगऽ हइ, छोटकी राजकुमारी ओकर बुद्धिमत्तापूर्ण
वाक्य के काफी अन्यमनस्कता आउ असंगत रूप से उत्तर देलथिन, हलाँकि अइसन देखावा कइलथिन,
कि ओकर बात ध्यान से सुन रहलथिन हँ, काहेकि ऊ उनका दने कभी-कभी अचरज से देखऽ हलइ, उनकर
आंतरिक खलबली के अंदाज लगावे खातिर, जे उनकर बेचैन नजर में अभिव्यक्त हो रहले हल
...
लेकिन
हम अपने के मन के बात के भाँप गेलिए ह, प्यारी राजकुमारी । सावधान हो जा ! अपने हमरा
अइँटा के जवाब पत्थल से देवे लगी चाहऽ हथिन, हमर स्वाभिमान के ठेस पहुँचावे लगी चाहऽ
हथिन, अपने सफल नयँ होथिन ! आउ अगर अपने हमरा पर युद्ध घोषित करथिन, त हम निर्दय हो
जइबइ ।
शाम
के दौरान हम कइएक तुरी जानबूझके उनकन्हीं के बातचीत में शामिल होवे के प्रयास कइलिअइ,
लेकिन ऊ काफी शुष्क रूप से हमर टिप्पणी के सामना कइलथिन, आउ हम बनावटी चिढ़ के साथ आखिरकार
हट गेलिअइ । छोटकी राजकुमारी जीत गेलथिन, ग्रुशनित्स्की भी । जीत के खुशी मना लेते
जा, मित्र हमर, आउ जल्दी करऽ ... तोहन्हीं के खुशी जादे दिन नयँ रहतो ! ... की कइल
जाय ? हमरा पूर्वाभास हो जा हइ ... कोय औरत से परिचित हो गेला पर, हम हमेशे अचूक अंदाज
लगा ले हलिअइ, कि ऊ हमर प्रेम में पड़तइ, कि नयँ ...
शाम
के शेष भाग हम वेरा के पास गुजरलिअइ आउ मन भर, बित्तल जमाना के बात करते गेलिअइ
... ऊ कउची लगी हमरा एतना प्यार करऽ हइ, सच में, हम नयँ जानऽ हिअइ ! हियाँ तक कि ई
अइसन एक्के औरत हइ, जे हमरा पूरे तरह से समझलके ह, हमर सब्भे छोटगर-छोटगर कमजोरी आउ
बुरा सनक के साथ ... की वास्तव में दुर्गुण एतना आकर्षक होवऽ हइ ? ...
हम
ग्रुशनित्स्की के साथे-साथ बाहर होलिअइ । रस्ता में ऊ हमर हाथ पकड़ लेलकइ आउ लमगर मौन
के बाद कहलकइ - "अच्छऽ, की सोचऽ हो ?"
"तूँ
मूर्ख हकऽ", हम ओकरा कहे वला हलिअइ, लेकिन खुद के रोक लेलिअइ आउ खाली अपन कन्हा
झटकइलिअइ।
1 comment:
Bahut khub:)
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