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Monday, May 22, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-10

दृश्य-10
(ओहे सब आउ ओसिप । सब कोय अँगुरी से इशारा करते ओकरा से मिल्ले लगी दौड़ऽ हइ ।)
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हियाँ आवऽ, प्यारे !
मेयर - श्श ! ... की ? की ? सुत्तल हथिन ?
ओसिप - अभी तो नयँ, जरी-मनी अँगड़ाई ले हथिन ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - सुनऽ, तोर नाम की हको ?
ओसिप - ओसिप, मैडम ।
मेयर - (पत्नी आउ बेटी से) बहुत हो गेलो, बहुत हो गेलो तोहन्हीं के ! (ओसिप से) की मित्र, तोहर भोजन तो ठीक से हो गेलो न ?
ओसिप - जी, हो गेलइ, हार्दिक धन्यवाद; निम्मन से भोजन हो गेलइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - अच्छऽ, बतावऽ - हमर विचार से तोहर मालिक के हियाँ बहुत अधिक काउंट आउ राजकुमार आवऽ जा होथुन न ?
ओसिप - (स्वगत) की बतावल जाय ? अगर अभी निम्मन भोजन करावल गेलइ, त बाद में आउ निम्मन भोजन करावल जइतइ । (प्रकट) जी हाँ, काउंट लोग भी अइते जा हथिन ।  
मारिया अंतोनोव्ना - प्यारे ओसिप, तोर मालिक केतना सुंदर हथुन !
आन्ना अंद्रेयेव्ना - किरपा करके बतावऽ ओसिप, ऊ कइसे ...
मेयर - अब किरपा करके बस तो करते जा ! तोहन्हीं अइसन बकवास से खाली हमरा बाधा डालब करऽ ह ! की, मित्र ? ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - आउ तोर मालिक के ओहदा (रैंक) की हको ?
ओसिप - ओहदा सामान्य रूप के ।
मेयर - ओह, हे भगमान, तोहन्हीं तो अपन बेवकूफी भरल सवाल से तंग करते रहभो ! कुच्छो काम के बात करे लगी मौका नयँ देबहो । अच्छऽ, की मित्र, तोर मालिक कइसन हथुन ? ... अनुशासन के प्रति कठोर ? डाँटवो-फटकारवो करऽ हथुन कि नयँ ?
ओसिप - जी हाँ, अनुशासनप्रिय हथिन । उनका लगी सब कुछ दुरुस्त होवे के चाही ।
मेयर - आउ हमरा तोहर चेहरा बहुत पसीन पड़ऽ हको । मित्र, तूँ जरूर एगो निम्मन व्यक्ति होवऽ । अच्छऽ ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - सुनऽ ओसिप, की तोर मालिक हुआँ वरदी में घुम्मऽ-फिरऽ हथुन, कि ...
मेयर - बहुत हो गेलो । सचमुच तोहन्हीं केतना बक-बक करब करऽ ह ! हियाँ जरूरी चीज हइ - बात अदमी के जिनगी के चल रहले ह ... (ओसिप से) सचमुच मित्र, तूँ हमरा बहुत पसीन हकऽ । रस्ता (यात्रा) में, जानवे करऽ हो, चाय के अतिरिक्त प्याली ले लेवे से कुछ हरजा नयँ - अभी जरी ठंढी हइ । त अइकी चाय खातिर चानी के दू रूबल हको ।
ओसिप - (पैसा लेते) हार्दिक धन्यवाद महोदय । भगमान अपने के हर तरह से स्वस्थ रक्खे ! अपने एगो गरीब के मदत कइलथिन ।
मेयर - अच्छऽ, अच्छऽ, हमरा खुद्दे खुशी हो रहलो ह । की मित्र ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - आउ तोर मालिक के सबसे जादे कइसन आँख पसीन हको ?
मारिया अंतोनोव्ना - ओसिप प्यारे, तोर मालिक के नाक केतना सुत्थर हको ! ...
मेयर - दम धरऽ, हमरा बोले द ! ... (ओसिप से) की मित्र, मेहरबानी करके बतावऽ - तोर मालिक कउची पर जादे ध्यान दे हथुन, मतलब उनका यात्रा के दौरान जादे की पसीन पड़ऽ हइ ?
ओसिप - उनकर पसन परिस्थिति पर निर्भर करऽ हइ । सबसे जादे पसीन हइ कि उनका निम्मन से स्वागत कइल जाय, उनकर मनोरंजन निम्मन होवइ ।
मेयर - निम्मन स्वागत आउ मनोरंजन ?
ओसिप - जी हाँ, निम्मन । अइकी हलाँकि हम एगो नौकर हिअइ, तइयो ऊ ई बात के ध्यान रक्खऽ हथिन कि हमरो साथ सब कुछ निम्मन होवइ । भगमान कसम ! कभी कहीं पहुँच जइते जा हिअइ - "की ओसिप, तोर निम्मन से खातिरदारी कइल गेलउ न ?" - "बिलकुल खराब, महामहिम !" त ऊ बोलऽ हथिन - "ओसिप, ई खराब मेजबान (host) हउ । जइसीं घर पहुँच जइअउ, हमरा आद देलइहँऽ ।"  - "ओह", हम सोचऽ हिअइ (हाथ लहरावऽ हइ), "भगमान उनकर भला करथिन ! हम तो सीधा-सादा अदमी हिअइ ।"
मेयर - ठीक, ठीक, तूँ तो अकलमंदी के बात करऽ हो । तोरा चाय खातिर कुछ देलियो हल, ई हको ओकरा अलावे बरानका (ring-shaped roll) खातिर ।
ओसिप - एकर की जरूरत हइ, महामहिम ? (पैसा रख ले हइ) वास्तव में हम अपने के निम्मन स्वास्थ्य-कामना के साथ पीबइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - हमरा हीं आवऽ ओसिप, हमरो हीं से कुछ मिलतो ।
मारिया अंतोनोव्ना - प्यारे ओसिप, हमरा तरफ से तूँ अपन मालिक के चुंबन लीहऽ !
(दोसर कमरा से ख़्लिस्ताकोव के हलका सन खोंखे के अवाज सुनाय दे हइ ।)
मेयर - श्श ! (चौआ पर खड़ी हो जा हका; पूरा दृश्य आधा फुसफुसाहट में ।) भगमान के नाम पर शोर मत करते जा ! जइते जा ! बहुत हो गेलो ...
आन्ना अंद्रेयेव्ना - चलल जाय, माशिन्का ! हम तोरा बतइबउ, अतिथि के बारे हम जे कुछ नोटिस कइलिअइ, ऊ खाली हमन्हीं दुन्नु के बीच बतियाल जा सकऽ हइ ।
मेयर - ओह, त हुआँ बतिअइते जइतइ ! हमरा लगऽ हइ, खाली जाहो आउ ओकन्हीं के बात सुनहो - त बाद में अपन कान में ठेंठी डाल लेवे पड़तो । (ओसिप दने मुड़ते) अच्छऽ, मित्र ...

  
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