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Wednesday, July 24, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 10. ज़ाय्त्सोवो - भाग 2

ओकर गाम में एगो सुंदर किसैनी लड़की हलइ, जे ओहे गाम के एगो जवान किसान के वाग्दत्ता हलइ। ऊ असेसर के मँझला बेटा के पसीन पड़ गेलइ, जे ओकरा अपन प्रेम में आकृष्ट करे खातिर यथासंभव सब प्रयास कइलकइ; लेकिन किसैनी लड़की अपन वाग्दत्त के देल प्रतिज्ञा के प्रति विश्वासी बन्नल रहलइ, जे हलाँकि कृषक वर्ग में विरले होवऽ हइ, लेकिन संभव हइ। एतवार के शादी होवे वला हलइ। कइएक जमींदार के हियाँ रिवाज के मोताबिक दुलहा के बाप अपन बेटा के साथ मालिक के कोठी पर गेलइ, आउ अपन मालिक के हियाँ दू पूद वैवाहिक (bridal ) मध लइलकइ। ई अंतिम क्षण भी जवान कुलीन (young 'nobleman' ) [*130] अपन हवस के पूरा करे खातिर उपयोग करे लगी चहलकइ। ऊ साथ में अपन दुन्नु भाय के ले लेलकइ आउ एगो अनजान लड़का के माध्यम से दुलहिन के प्रांगण में बोलवइलकइ, आउ ओकर मुँह बंद करके घसीटके एगो भंडार-कक्ष (स्टोर-रूम) में ले गेलइ। चिल्लाय में असमर्थ ऊ अपन पूरा ताकत लगाके अपन जवान मालिक के वहशी इरादा के विरोध कइलकइ। आखिर तीनों द्वारा काबू में हो गेला पर ओकरा ताकत के सामने झुक्के पड़लइ; आउ ई नीच राक्षस जइसीं अपन प्लान कइल इरादा के पूरा करे लगी शुरू करे लगलइ कि तखनिएँ दुलहा मालिक के घर से वापिस आ रहल प्रांगण में घुसलइ आउ भंडार में एक जवान मालिक के देखके ओकन्हीं के बदनीयती के अंदाज लगा लेलकइ। अपन बाप के मदत लगी पुकारके ऊ बिजली के गति से उड़के भंडार में गेलइ। ई कइसन दृश्य हलइ ओकरा लगी! जइसीं ऊ भंडार भिर पहुँचलइ कि दरवाजा बंद हो गेलइ; लेकिन दुन्नु भाय के मिल्लल ताकत गोस्सा में लाल होल दुलहा के रोके में असमर्थ हलइ। ऊ पास में पड़ल एगो खूँटा उठा लेलकइ [*131] आउ दौड़ल भंडार में जाके अपन दुलहिन के शिकारी के पीठ पर प्रहार कर देलकइ। ओकन्हीं ओकरा पकड़हीं वला हलइ कि दुलहा के बाप के देखके, जे एगो खूँटा लेले मदत लगी दौड़ल आब करऽ हलइ, अपन शिकार के छोड़ देते गेलइ, भंडार-कक्ष से उछलके निकस गेते गेलइ आउ भाग गेलइ। लेकिन दुलहा पीछा करते ओकन्हीं में से एगो के पकड़ लेलकइ, आउ ओकर सिर पर खुँटवा से प्रहार कइलकइ आउ ओकरा तोड़ देलकइ। ई सब बदमाश अपन अपमान के बदला लेवे के इच्छा से सीधे अपन बाप के पास गेते गेलइ आउ ओकरा बोललइ कि गाम में घूमते बखत दुलहिन से मोलकात होले हल आउ ओकरा साथ मजाक कर रहते गेले हल; कि ओकर दुलहा देखके अपन बाप के साथ ओकन्हीं के पिट्टे लगलइ। सबूत के रूप में अपन एक भाय के घायल सिर देखइते गेलइ। अपन बेटा के घायल देखके बाप गोस्सा से लाल हो गेलइ। ऊ बिन कोय देरी कइले अपना भिर हाजिर करे के आदेश देलकइ तीनों दुष्ट के, जइसन कि ऊ कहलकइ दुलहा, दुलहिन आउ दुलहा के बाप के। ओकरा सामने हाजिर होला पर, ओकर पहिला सवाल [*132]  हलइ ई कि के ओकर बेटा के सिर फोड़लकइ। दुलहा जे कुछ कइलके हल ओकरा नकार न सकलइ आउ जे कुछ घटले हल, कह सुनइलकइ। "तोर साहस कइसे होलउ", बूढ़ा असेसर बोललइ, "अपन मालिक के उपरे हाथ उठावे के? आउ अगर ऊ तोर दुलहिन के साथ तोर शादी के ठीक पहिले वला रात गुजारवो कइलको होत, त तोरा ओकर शुक्रगुजार होवे के चाही। तूँ ओकरा साथ शादी नञ् करम्हीं; ऊ हमर घर में रहतउ, आउ तोहन्हीं के दंड देल जइतउ। अइसन फैसला के बाद, ऊ दुलहवा के अपन बेटवन के मर्जी पर सौंपके, ओकरा रस्सा के चाभुक से बिन कोय दया-माया के मारे के आदेश देलकइ। ऊ मरदानगी के साथ पिटाई के बरदास कइलकइ; आउ साहस करके देखलकइ जब ओकर बाप के ओहे यातना देवे जाय लगलइ। लेकिन ओकरा बरदास नञ् हो पइलइ जब ऊ देखलकइ कि मालिक के बेटवन दुलहिन के घर के अन्दर ले जाय लगी चहलकइ। दंड देवे का काम प्रांगण में चल रहले हल। एक पल में, ऊ ओकरा अहरणकर्ता सब के हाथ से झपट लेलकइ, आउ ऊ दुन्नु अब मुक्त होल प्रांगण से भाग गेलइ। ई देखके मालिक के [*133] बेटवन बुढ़ऊ के चाभुक मारना बन्द कर देलकइ आउ ओकन्हीं के पीछा करे लगलइ। दुलहा ई देखके कि ओकन्हीं अब हमरा भिर पहुँच जात, त छरदेवाली के एगो पोल झपटके हाथ में लेलकइ आउ अपन रक्षा करे लगलइ। एहे दौरान, शोर से गाम के अन्य कृषक लोग कोठी के प्रांगण दने आ गेते गेलइ। ओकन्हीं जवान कृषक के साथ सहानुभूति जतइते आउ अपन मलिकवन के प्रति क्रोधित होल ओकर रक्षा करे लगलइ। ई देखके असेसर खुद हुआँ दौड़ल अइलइ, ओकन्हीं के बुरा-भला सुनावे लगलइ आउ जे पहिला अदमी मिललइ ओकरा पर अपन बेंत के छड़ी से एतना जोर से प्रहार कइलकइ कि ऊ बेहोश होके जमीन पर गिर गेलइ। ई घटना सामान्य  रूप से आक्रमण के संकेत हलइ। ओकन्हीं चारो मलिकवन के घेर लेते गेलइ, आउ संक्षेप में कहल जाय, तो ओकन्हीं सब के ओहे जगुन पीट-पीटके जान से मार देते गेलइ। ओकन्हीं एतना नफरत ओकन्हीं से करते जा हलइ कि ई हत्या में भागीदार होवे के मोक्का से एक्को अदमी चुक्के लगी नञ् चाहऽ हलइ, जइसन कि बाद में ओकन्हीं सब खुद्दे स्वीकार करते गेलइ। संयोगवश ठीक ओहे समय ऊ जिला के पुलिस चीफ़ के अपन दल के साथ हुआँ आना होलइ। ऊ [*134] ई घटना के आंशिक रूप से प्रत्यक्ष गवाह हलइ। दोषी लोग के गार्ड के अधीन करके - आउ दोषी आधा गाम के लोग हलइ - खोज-बीन करइलकइ, जे चरणबद्ध क्रम से फौजदारी अदालत तक पहुँचलइ। केस बहुत असानी से स्थापित हो गेलइ, आउ दोषी लोग सब कुछ स्वीकार कर लेते गेलइ; अपन सफाई में खाली अपन मालिक सब के कष्टदायक व्यवहार बतइते गेलइ, जेकरा बारे पूरा गुबेर्निया (प्रांत) मालुम हलइ। अइसन केस में अपन पद पर के ड्यूटी के अनुसार दोषी लोग के मृत्युदंड सुनावे आउ ओकरा बदले जायदाद से वंचित करके आजीवन कठिन श्रम (penal servitude) के अन्तिम निर्णय देवे लगी हम कर्तव्यबद्ध हलिअइ।
ई केस पर विचार करते बखत हमरा अपराधी लोग पर दोषारोपण के यथेष्ट आउ विश्वसनीय कारण नञ् देखाय देलकइ। कृषक लोग, जे अपन मालिक के हत्या कइलके हल, हत्या के दोषी हलइ। लेकिन कीऽ ई हत्या लगी बाध्य नञ् कइल गेले हल? कीऽ मकतूल असेसर खुद एकर कारण नञ् हलइ? अगर अंकगणित में दू संख्या से निरपवाद रूप से (invariably) तेसर संख्या आवऽ हइ; [*135] त एहो घटना में परिणाम अनिवार्य हलइ। हत्यारा लोग के निर्दोषता हमरा लगी कम से कम गणितीय स्पष्टता हलइ। अगर हम जा रहलिए ह आउ कोय दुर्जन हमरा पर आक्रमण करऽ हइ आउ हमर सिर पर खंजर उठावऽ हइ आउ ओकरा में घोंप देवे लगी चाहऽ हइ; त कीऽ हम हत्यारा कहलइबइ, अगर हम ओकर बदनीयती के भाँप ले हिअइ आउ ओकरा मारके अपन पैर पर गिरा दे हिअइ? जे उचित रूप से खुद लगी घृणा पैदा कर लेलके ह, अइसन अगर आझकल के कोय छैला हमरा से बदला लेवे लगी चाहऽ हइ आउ एकान्त जगह में हमरा से मिलके तलवार निकासके हमरा पर हमला करऽ हइ, आउ हमरा जीवन से वंचित करे या कम से कम हमरा घायल करे लगी चाहऽ हइ; त कीऽ हम दोषी हो जइबइ, अगर रक्षा हेतु अपन तलवार निकासके शांति में बाधा डाले वला समाज के एक अंग के मुक्त कर दे हिअइ? कीऽ ई काम के समाज के एक सदस्य के संरक्षण खातिर अपमानजनक समझल जा सकऽ हइ, अगर हम ई काम अपन प्राण रक्षा लगी करऽ हिअइ, अगर [*136] ई हमर सर्वनाश रोकऽ हइ, अगर एकरा बेगर हमर खुशहाली हमेशे लगी दयनीय हो जाय?
अइसन विचार में मग्न हमर ई केस पर विचार करते बखत, तूँ हमर आत्मा के पीड़ा के कल्पना कर सकऽ हो। अपन सामान्य स्पष्टवादिता के साथ हम अपन विचार अपन सहकर्मी लोग के सूचित कइलिअइ। सब कोय समवेत स्वर में हमर विरोध में चिल्ला उठलइ। सरलहृदयता आउ मानवप्रेम के ओकन्हीं अपराध के निंदनीय संरक्षण समझऽ हलइ; हमरा हत्या के प्रोत्साहक कहलकइ; हमरा हत्यारा लोग के सह-अपराधी कहलकइ। ओकन्हीं के विचार में, हमर अनिष्टकारी विचार के प्रसार से घरेलू सुरक्षा लुप्त हो जइतइ। "कीऽ एगो कुलीन", ओकन्हीं के कहना हलइ, "अब से शांति से गाम में जी पइतइ? कीऽ ऊ अपन आदेश के पालन देख सकऽ हइ? अगर अपन मालिक के इच्छा पर ध्यान नञ् देवे वला, आउ ओकरो से बढ़के ओकर हत्यारा, के निर्दोष मानल जइतइ, त अनुशासन समाप्त हो जइतइ, घरेलू संबंध नष्ट हो जइतइ, आउ आदिम समाज वला नियन अव्यवस्था फेर से चालू हो जइतइ। [*137] कृषि कार्य मर जइतइ, एकर उपकरण सब बरबाद हो जइतइ, अन्नभूमि निर्जन हो जइतइ आउ अनुपयोगी घास से भर जइतइ; लोग, अपन ऊपर बिन कोय शासन के, आलस्य, बेकारी, परोपजीविता में एन्ने-ओन्ने बौअइतइ आउ तितर-बितर हो जइतइ। शहर सर्वनाश के शासनधारक हाथ के अनुभव करतइ। नागरिक लोग खातिर पेशा अनजान हो जइतइ, हस्तशिल्प अपन परिश्रम आउ उत्साह के छोड़ देतइ, व्यापार अपन स्रोत में समाप्त हो जइतइ, सम्पत्ति निकृष्ट दरिद्रता के स्थान देतइ, आलीशान बिल्डिंग जर्जर हो जइतइ, कानून दुरूह हो जइतइ आउ अप्रभावी हो जइतइ। तब समाज के विशाल गठन टुकड़ा-टुकड़ा होके ढहे लगतइ, आउ संपूर्णता से दूर अंतिम साँस ले लेतइ; तब राजकीय सिंहासन, जाहाँ परी आझ समाज के बुनियाद, दृढ़ता आउ जुड़ाव आधारित हइ, कमजोर होके नष्ट हो जइतइ; तब राष्ट्र के शासक सामान्य नागरिक समझल जइतइ, आउ समाज [*138] अपन अन्त देखतइ। नारकीय ब्रश के योग्य ई चित्र के हमर सहकर्मी लोग ऊ सब लोग के आँख के सामने देखावे के प्रयास कइलकइ जेकरा ई केस के भनक लग चुकले हल। "हमन्हीं के अध्यक्ष", ओकन्हीं कहलकइ, "कृषक लोग द्वारा कइल हत्या के समर्थन करे लगी चाहऽ हथिन। पुच्छल जाय कि ऊ कउन कुल के हथिन। अगर हमन्हीं गलत नञ् हिअइ त ऊ खुद बचपन में हर (plough) के पीछू जाय के कृपा करऽ हलथिन।  ई नयका बनावल कुलीन लोग के हमेशे कृषकवर्ग के ऊपर कुलीनवर्ग के नैसर्गिक अधिकार के बारे विचित्र विचार होवऽ हइ। अगर उनकर वश में होते हल, त ऊ, हमरा लगऽ हइ, हमन्हीं सब्भे के एकठौए (एक कतार में) अद्नोद्वोर्त्सी[1] वर्ग के बना देथिन हल, ताकि हमन्हीं सब उनकर आदि कुल के हो जइते जइअइ।" अइसन शब्द के साथ हमर सहकर्मी लोग हमरा अपमानित करे लगी आउ हमरा पूरे समाज के सामने घृणित बनावे लगी सोचते जा हलइ। लेकिन ओकन्हीं एतने से ओकन्हीं संतुष्ट नञ् होवऽ हलइ। ओकन्हीं के कहना हलइ कि हम मकतूल असेसर के पत्नी से घूस लेलिए हल ताकि कठिन श्रम के दंड से दंडित होला पर निर्वासित कर देल गेला के वजह से अपन कृषक लोग से ऊ वंचित नञ् हो जाय, कि एहे असली वजह हलइ [*139] हमर विचित्र आउ खतरनाक विचार के, जे सामान्य रूप से समुच्चे कुलीन वर्ग के अधिकार लगी  अपमानजनक हलइ। ई वेवकूफ सब सोचऽ हलइ कि ओकन्हीं के ई व्यंग्य हमरा मर्माहत कर देतइ, कि ओकन्हीं के मिथ्यापवाद (तोहमत) से हमर अपमान होतइ, कि हमर निम्मन इरादा के ओकन्हीं के झूठ प्रस्तुतीकरण से हम विचलित हो जइबइ! हमर हृदय से ओकन्हीं अपरिचित हलइ। ओकन्हीं नञ् जानऽ हलइ कि हम अपन अंतःकरण के निर्णय से हमेशे बिन कोय कंपन के दृढ़ रहलिए ह, कि हमर गाल कभियो (दोषी) अंतःकरण के लाली से लाल नञ् होले ह।
हमर घूसखोरी के आरोप ओकन्हीं ई आधार पर लगइलके हल कि असेसर के पत्नी अपन पति के हत्या के बदला नञ् लेवे लगी चाहऽ हलइ, बल्कि अपन लोभ से प्रेरित होके आउ अपन पति के नियम के अनुकरण पर कृषक लोग के दंड से बचावे लगी चाहऽ हलइ ताकि ऊ अपन जायदाद नञ् खो देइ, जइसन कि ऊ खुद बोलले हल। अइसन निवेदन के साथ ऊ हमरा भिर अइले हल। ओकर पति के हत्या लगी माफी के मामले में हम ओकरा से सहमत हलिअइ; लेकिन प्रयोजन (motive) के मामले में हमन्हीं दुन्नु के मत भिन्न हलइ। ऊ हमरा विश्वास देलइलकइ कि ऊ खुद [*140] ओकन्हीं के यथेष्ट दंड देतइ; लेकिन ओकर पति के हत्यारा लोग के समर्थन करते हम ओकरा समझइलिअइ कि ओकन्हीं के फेर से ओहे अति करे लगी प्रेरित नञ् कइल जाय के चाही ताकि फेर ओकन्हीं अपराधी नञ् बन जाय, जइसन कि ओकन्हीं के गलती से कहल जा हलइ।




[1] अद्नोद्वोर्त्सी [(रूसी) एकल-महल वला लोग] - मूल रूप से, 16मी - 17मी शताब्दी में, निचला रैंक के राजकीय सेवक, जेकर कर्तव्य मास्को राज्य के पूर्वी आउ दक्षिणी सीमा के रक्षा करना हलइ। ओकन्हीं के सेवा खातिर, ओकन्हीं के किसान के साथ संपत्ति नञ् मिल्लऽ हलइ (जइसे कुलीन आउ बयार (boyar) के बाल-बुतरू के मिल्लऽ हलइ) , बल्कि बिन भूदास (serfs) के एगो छोटगर भूखंड; एकरा पर ओकन्हीं आमतौर पर एगो प्रांगण बनावऽ हलइ आउ खुद खेती करते जा हलइ। 18मी शताब्दी में, अद्नोद्वोर्त्सी के राज्य के कृषकवर्ग के साथ बराबर कर देल गेलइ, ई अंतर के साथ कि ओकन्हीं 15 साल सैन्य सेवा में रह सकऽ हलइ, 25 साल नञ्।

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