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Saturday, November 30, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 25. चोर्नयऽ ग्रियाज़


[*417]                         चोर्नयऽ ग्रियाज़[1]

हियाँ परी हम देखलिअइ ओइसने भव्य अनुभव, कृषक लोग पर कुलीन वर्ग के निरंकुश शासन के। एगो विवाह हो रहले हल। लेकिन खुशी के जुलूस आउ सहमल दुलहन के आँख में आँसू आउ जल्दीए खुशी में परिवर्तन के स्थान पर, विवाह के बंधन में बन्हे वला जोड़ी के चेहरा पर उदासी आउ विषाद देखाय देवे लगलइ। ओकन्हीं दुन्नु एक दोसरा से घृणा करऽ हइ, आउ अपन मालिक के आदेश पर दंड के खातिर घसीटके लावल जा हइ, सब के कल्याण करे वला पिता के बेदी पर, संवेदनशील भावना आउ आनन्द के दाता के, वास्तविक खुशी के निर्माणकर्ता के, विश्व के सृजनकर्ता के बेदी पर। आउ उनकर सेवक शासक द्वारा बलपूर्वक देलावल गेल वचन के स्वीकार करतइ आउ विवाह के पुष्टि करतइ! आउ एकरा कहल जइतइ दैवी मेल! आउ ई ईश अपमान दोसरा लगी उदाहरण होतइ! आउ ई अन्याय कानून द्वारा अदंडित रहतइ! ... एकरा में अचरज करे के कीऽ बात हइ? विवाह के आशीर्वाद तो दे हइ [*418] एगो किराया के टट्टू; शहर के प्रधान, कानून के रखवाला के रूप में नियुक्त, एगो कुलीन हइ। दुन्नु के एकरा में लाभ हइ। पहिला, घूस चाहे वेतन के कारण; दोसरा, ई कारण से कि अगर ऊ मानवता के नाम पर घृणास्पद हिंसा के समाप्त कर दे हइ, त अपन सदृश लोग पर निरंकुश शासन करे से चाटुकारितापूर्ण विशेषाधिकार के खो देतइ। ओह! कइएक करोड़ लोग के कटु भाग्य! तोर अन्त हमर पोतवो-पोतिया के दृष्टि से भी छिप्पल हउ ...
पाठकगण, हम तोहरा से ई कहे लगी भूल गेलियो कि परनासुस (Parnassus) के जज, जिनका साथ हम त्वेर के सराय में भोजन कइलिए हल, हमरा एगो उपहार देलथिन हल। उनकर मस्तिष्क कइएक लोग पर अपन शक्ति के अनुभव कइलके हल। उनकर अनुभव केतना सफल रहलइ, अगर चाहऽ हो, त खुद्दे अनुमान लगा सकऽ हो; लेकिन हमर कान में जरूर बता दिहो कि तोहरा कइसन लगऽ हको। अगर पढ़ते-पढ़ते तोरा सुत जाय के मन करो, त पुस्तक के रख दिहऽ। एकरा अनिद्रा लगी बचाके रखिहऽ।



[1] चोर्नयऽ ग्रियाज़ - शाब्दिक अर्थ "करिया गंदगी" (black dirt); मास्को से पितिरबुर्ग जाय के रस्ता में 18वीं आउ 19वीं शताब्दी में पहिला शहर हलइ; मास्को से लगभग 28 कि.मी. दूर आउ पेश्की से 23 कि.मी.।

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