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Friday, January 17, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 1

भूदासत्व से मुक्ति तक - हमर आत्मकथा (1804-1824)
(मूल शीर्षक - अपना बारे हमर कहानी आउ ओकरा बारे जेकर हम गोवाह हलिअइ)
लेखक - अलिक्सान्द्र वसील्येविच निकितेन्को (1804-1877)
मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद
 [*3]                             1. काहाँ आउ केकरा से हम संसार में पैदा होलूँ
वोरोनेझ गुबेर्निया (प्रान्त) में, जे पहिले स्लोबोद्स्का-उक्रयिन्सकयऽ कहला हलइ, तिख़ायऽ सोसना नामक नदी के किनारे, दू गो छोटका जिला शहर, ओस्त्रोगोश्क आउ बिर्यूच के बीच, अलिक्सेयेव्का नाम के एगो बड़गर गाम, या बस्ती हइ, जे लघु रूसी लोग (Little Russians, यूक्रेनवासी) से आबाद हइ, जेकन्हीं के रूसी राजनीति भूदास (serfs) बना लेलकइ। ओकन्हीं के एकर बिलकुल आशा नञ् हलइ, जब हजारो के संख्या में, सरकार के आदेश के अनुसार, यूक्रेन से चलके दोन नदी के पीछू, सोसना, कलित्वा आउ अन्य नदी के किनारे-किनारे बस गेलइ, जेकन्हीं के काम हलइ क्रिमिया के तातार के आक्रमण से रूस के सरहद के रक्षा करना।
अलिक्सेयेव्का बस्ती पहिले, शायद, चेर्कास्की प्रिंस (राजकुमार) लोग के प्रदान कइल गेलइ, आउ ओकन्हीं हीं से, शादी के दहेज के रूप में, काउंट शेरेमेतेव लोग के अधीन चल गेलइ, जेकन्हीं समुच्चे रूस में लगभग सब्भे गुबेर्निया में बहुत बड़गो संख्या के लोग के मालिक हलइ। कहल जा हइ कि आझकल ओकर संख्या लगभग डेढ़ लाख आत्मा (बंधुआ मजूर) हइ। अलिक्सेयेव्का बस्ती में मिख़ाइलो दानिलोविच नाम के एगो मोची रहऽ हलइ, जे तीन नाम से जानल जा हलइ - निकितेन्को, चेरेविक आउ मिद्यानिका। ऊ हला हमर बाबा (दादा)। हमरा आद पड़ऽ हइ ई बुजुर्ग के नेकदिल चेहरा, भर कल्ला उज्जर दाढ़ी, बड़गो नाक, भद्दा चश्मा लगल, बुढ़ारी आँख में दया आउ विचारमग्नता के अभिव्यक्ति के साथ। उनकर बाँह लड़ाई के चमकदार धारी से भरल हलइ। ऊ हलाँकि मोची के निम्मन काम नञ् कर पावऽ हलथिन, लेकिन तइयो ईमानदारी से कृषक लोग के चोबोत (बूट) आउ चेरेविक (जुत्ता) सीयऽ हलथिन,  हमरा प्रति बहुत कोमल, सबके प्रति स्नेहमय आउ दयालु हलथिन। लेकिन उनका कलाली से प्यार हलइ, जाहाँ परी अकसर ऊ नञ् खाली जे कुछ दिन भर रहटके कमा हलथिन, बल्कि अपन चमोटी, टोपी आउ भेड़ के चमड़ा के जैकेट भी छोड़ आवऽ हलथिन। जब पीयल नञ् रहऽ हलथिन, त मितभाषी, नम्र, समझदार रहऽ हलथिन, लेकि जब पीयल रहऽ हलथिन, त सामाजिक विषय पर बात करऽ हलथिन, कज़ाक आउ हेतमान सरकार (यूक्रेन में 16मी से 18मी शताब्दी) के प्रशासन के आद करऽ हलथिन - गाम के प्रशासन के अराजकता के कठोर आलोचना करऽ हलथिन आउ घर में भय के माहौल पैदा करऽ हलथिन, झिड़की आउ नसीहत के झड़ी लगाके, जेकरा अकसर ऊ अपन पेशा के हथियार से सुदृढ़ करऽ हलथिन - क्लिसिच्का (चमड़ा के चिकना करे के डंडा) आउ पोतिग (तसमा, strap)। उनका बिलकुल नञ् पसीन पड़ऽ हलइ कि कोय उनका कलाली में वोदका के कप बिजुन से कोय कइसनो बहाना करके बोलाके घर लावे, जेकर अकसर सहारा लेवे पड़ऽ हलइ, जब ई साफ पता चल जा हलइ कि ऊ पीके धुत्त होवे जा रहला ह।  [*4] ऊ ई बात के अनसुनी करे के साहस नञ् कर सकऽ हलथिन, लेकिन बिन विरोध के नञ्।  "हूँ, त अइसन दुष्टा, असंवेदनशील औरत हीं तूँ", अइसन परिस्थिति में ऊ हमर मम्मा (दादी) के डाँट-फटकार करऽ हलथिन, "हम अभी एगो बहुत जरूरी काम के बारे स्याबर (पड़ोसी) से चर्चा करहीं जा रहलुँ हल, कि अचानक - घर जो! अब तो शैताने के मालुम कि कब हम (फेर से) ऊ सब विचार के एकट्ठा कर पाम!"
मम्मा एगो अद्भुत औरत हलइ। एगो पुरोहित के बेटी के हैसियत से ऊ खुद के गाम के अभिजात-वर्ग (aristocracy) के सदस्य समझऽ हलइ आउ अपन गौरव के अहसास करऽ हलइ। ओकर संबंध आउ परिचय कुछ चुन्नल व्यक्ति, तथाकथित छोटगर व्यापारी लोग, के बीच सीमित हलइ, जेकरा में बस्ती के उच्च जाति के  लोग आवऽ हलइ। लोग ओकरा कभी केकरो साथ चानी के कप प्रयोग करते नञ् देखऽ हलइ, सिवाय ऊ सब महिला के, जे उत्सव के बखत सिर पर मलमल के बदले फैशनदार हैट, आउ उत्तम कपड़ा के कोट, जेकरा में कमर पर कशीदाकारी कइल रहऽ हलइ, आउ स्केटिंग रिंक पर (उँचगर एड़ी वला) बूट धारण करऽ हलइ। गरीबी के बावजूद, ऊ आतिथ्य-सत्कार (hospitality) के लघु रूसी प्रथा के धार्मिक रूप से निभावऽ हलइ आउ अपन अनुपम दया लगी जानल जा हलइ, जब ऊ अपन रोटी के अंतिम कोर भी जरूरतमंद में बाँट दे हलइ। ओकरा में जन्मजात परोपकारिता हलइ, जे ओकर शिक्षा के अभाव के पूर्ति करऽ हलइ आउ ओकर कर्म आउ आचरण के विशेष गौरव प्रदान करऽ हलइ। हमरा आद पड़ऽ हइ कि केतना कुशलतापूर्वक ऊ शहर के लोग आउ पमेशिक (अभिजात जमींदार, noble landowners)के साथ बातचीत शुरू करके जारी रक्खऽ हलइ, कि कइसन चतुराईपूर्ण आउ सूक्ष्म टिप्पणी के साथ अप्पन आउ दोसर के कहनियन के नमक-मिर्च लगाके प्रस्तुत करऽ हलइ, कि केतना सजीवतापूर्वक आउ सुसंगत रूप से एकातेरिना (कैथेरिन) II के जमाना के लौकिक विश्वास आउ किंवदन्ती के वर्णन करऽ हलइ, जेकरा हमेशे आदरपूर्वक प्रिय माता-रानी के नाम से पुकारऽ हलइ, कि केतना दृढ़तापूर्वक विषय के पक्ष आउ विपक्ष में तर्क करऽ हलइ, हमेशे अपन धारणा पर दृढ़ रहते। ओकर प्रतिष्ठा असाधारण हलइ। ओकरा लोग "बुद्धिमान स्तिपानोव्ना" चाहे "चतुर परास्कयऽ" छोड़के आउ कोय दोसर नाम से नञ् पुकारऽ हलइ।
हमर बाबा सम्माननीय वृद्धावस्था नञ् प्राप्त कर सकलथिन - नद्दी में पैरते बखत ऊ डूब गेलथिन जबकि ऊ साठो साल के नञ् हलथिन। मम्मा चार बुतरुअन के साथ रह गेलथिन - दू गो बेटी आउ दू गो बेटा के साथ। बेटियन में से, छोटकी, एलिज़ाबेता, स्वभाव से निम्मन आउ दयालु जीव, हमरा बहुत मानऽ हलइ आउ हमर पहिलौका खेल सब में सहभागी हलइ, हलाँकि उमर में ऊ हमरा से बहुत बड़गो हलइ। बड़की, इरीना, जेकर आचरण खराब हलइ, अकसर अपन माय लगी गहरा शोक के कारण बन्नऽ हलइ, लेकिन तइयो, ऊ ओकरा लगभग बाकी सब्भे बुतरुअन से जादे प्यार करऽ हलइ। दू बेटा में से बड़का, वसीली, हमर बाऊ हलथिन।
मम्मा स्तिपानोव्ना [निकितेन्को] शरीर संरचना में हट्ठी-कट्ठी हलइ। ऊ अपन सब्भे योग्यता के बरकरार रखते सो बरस के उमर में मरलइ। खाली मौत के पाँच बरिस पहिले ओकर दृष्टि जरी कमजोर पड़ गेले हल।

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