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Sunday, November 08, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 6 ; अध्याय – 3



अपराध आउ दंड

भाग – 6

अध्याय – 3

ऊ हड़बड़ी में स्विद्रिगाइलोव के हियाँ जा रहले हल । ई अदमी से ऊ की आशा कर सकते हल - ओकरा खुद्दे नयँ मालूम हलइ । लेकिन ई अदमी में ओकरा पर कोय प्रकार के प्रभुत्व हलइ । ई बात एक तुरी समझ में आ गेला के बाद ऊ चैन से नयँ रह सकऽ हलइ, आउ अब एकरा अलावे समय भी आ गेले हल ।

रस्ता में एगो सवाल ओकरा खास करके यातना दे रहले हल - की स्विद्रिगाइलोव पोरफ़िरी के पास गेले हल ?
जाहाँ तक ऊ समझ सकऽ हलइ आउ जेकरा लगी ऊ कसम खा सकऽ हलइ - नयँ, ऊ नयँ गेले हल ! ऊ आउ कुछ देर तक सोचते रहलइ, पोरफ़िरी के पूरा भेंट (visit) के आद कइलकइ, आउ एहे नतीजा पर पहुँचलइ - नयँ, नयँ गेले हल, वास्तव में ऊ नयँ गेले हल !

आउ अगर ऊ अभियो तक नयँ गेले ह, त ऊ पोरफ़िरी के हियाँ जइतइ, कि नयँ जइतइ ?
अभी लगी तो ओकरा लगलइ, कि नयँ जइतइ । काहे ? ऊ एकरा बारे कारण भी नयँ बता सकते हल, लेकिन अगर बताइयो सकते हल, तइयो अभी ई बात पर खास करके अपन दिमाग नयँ खराब करते हल । ई सब कुछ ओकरा यातना दे रहले हल, आउ साथे-साथ ओकरा कइसूँ एकर परवाह नयँ हलइ । ई विचित्र बात हलइ, हलाँकि शायद कोय ई बात पर विश्वास नयँ करते हल, लेकिन अपन वर्तमान आउ तात्कालिक भविष्य के बारे ऊ कइसूँ नाम मात्र के, आउ अन्यमनस्क रूप में चिंतित हलइ । ओकरा यातना दे रहले हल कुछ दोसरहीं बात, जे बहुत जादे मुख्य आउ विशेष हलइ, जे खाली ओकरे से संबंधित हलइ आउ केकरो दोसरा से नयँ, लेकिन कुछ तो दोसर, कुछ तो महत्त्वपूर्ण हलइ । एकरा अलावे, ऊ असीम नैतिक थकावट अनुभव कर रहले हल, हलाँकि ओकर विवेक ई सुबह में, एन्ने हाल के सब दिन के अपेक्षा, बेहतर काम कर रहले हल । आउ जे कुछ हो चुकले हल, ओकर बाद ई सब नयका छोटगर-मोटगर कठिनाई पर काबू पावे के प्रयास करे से कोय फयदा हलइ ? उदाहरणस्वरूप, अइसन साजिश करे से कोय फयदा हलइ, ताकि स्विद्रिगाइलोव पोरफ़िरी के हियाँ नयँ जा सकइ; आउ कोय स्विद्रिगाइलोव के बारे छानबीन करे, पूछताछ करे से ?

ओह, ऊ ई सब बात से केतना तंग आ चुकले हल !
आउ तइयो ई दौरान स्विद्रिगाइलोव से मिल्ले लगी ऊ जल्दीबाजी में हलइ; कहीं अइसन तो नयँ हलइ, कि ऊ ओकरा से कुछ नावा - दिशा, बच निकले के कोय उपाय के उमीद कइले हलइ ? डूबते के तिनका के सहारा होवऽ हइ ! कहीं भाग्य चाहे कोय प्रकार के सहज भाव (instinct) ओकन्हीं दुन्नु के पास तो नयँ ला रहले हल ? शायद, ई खाली थकावट आउ निराशा हलइ; शायद, स्विद्रिगाइलोव के जरूरत नयँ हलइ, बल्कि कोय दोसर के, आउ स्विद्रिगाइलोव खाली बीच रस्ता में आ टपकले हल । सोनिया ? लेकिन ऊ अब सोनिया बिजुन काहे लगी जइते हल ? फेर से ओकर आँसू के भीख माँगे खातिर ? एकरा अलावे, सोनिया ओकरा लगी भयंकर हलइ। सोनिया अनिवार्य दंडादेश आउ अपरिवर्तनीय निर्णय के प्रतीक हलइ । हियाँ - या तो सोनिया के रस्ता हलइ, या ओक्कर । खास करके ई क्षण ऊ ओकरा से मिल्ले के स्थिति में नयँ हलइ । नयँ, की ई बेहतर नयँ होतइ कि स्विद्रिगाइलोव के अजमाके देखल जाय - कि हुआँ की हइ ? आउ ऊ ई बात स्वीकार करे बगैर नयँ रह सकलइ, कि वास्तव में बहुत अरसा से ऊ अदमी ओकर जरूरत हलइ ।
लेकिन ओकन्हीं दुन्नु के बीच कउची एक नियन हो सकऽ हलइ ? ओकन्हीं के दुष्कर्म भी तो बिलकुल एक्के नयँ हो सकऽ हलइ । एकरा अलावे, ई अदमी बहुत अप्रिय, स्पष्टतः अत्यंत दुराचारी, निस्संदेह धूर्त आउ धोखेबाज, शायद, बहुत बदमाश हलइ । ओकरा बारे अइसन गप-सड़क्का चल रहले हल । सचमुच, ऊ कतेरिना इवानोव्ना के बुतरुअन लगी दौड़-धूप कर रहले हल; लेकिन केऽ जानऽ हइ, एकर की उद्देश्य आउ मतलब हो सकऽ हइ ? ई अदमी के शाश्वत रूप से कउनो न कउनो मंसूबा आउ योजना रहऽ हलइ ।

ई सब दिन एगो आउ विचार हमेशे रस्कोलनिकोव के दिमाग में कौंधते रहऽ हलइ आउ भयंकर रूप से ओकरा परेशान कइले हलइ, हलाँकि ऊ एकरा अपन दिमाग से निकासके दूर कर देवे के प्रयास भी कर रहले हल, एतना ओकरा लगी ई कष्टदायक हलइ! कभी-कभी ऊ सोचऽ हलइ - स्विद्रिगाइलोव लगातार ओकरा भिर मँड़रइते रहऽ हलइ, आउ अभियो मँड़रइते रहऽ हइ; स्विद्रिगाइलोव ओकर रहस्य के मालूम कर लेलके हल; स्विद्रिगाइलोव दुन्या के विरुद्ध मंसूबा रखलके हल । आउ अगर अभियो होवइ तब ? लगभग विश्वास के साथ कहल जा सकऽ हलइ, कि हाँ । आउ अगर अब, ओकर रहस्य मालूम हो गेला के बाद आउ ई तरह से ओकरा ऊपर प्रभुत्व पाके, ऊ एकर प्रयोग दुन्या के विरुद्ध एगो हथियार के रूप में करे लगी चाहइ तो ?

ई विचार कभी-कभी, सपनो में, ओकरा सतइते रहऽ हलइ, लेकिन पहिले तुरी फेर से चेतनस्वरूप स्पष्ट रूप से अभी ओकर मन में ई विचार उठलइ, जब ऊ स्विद्रिगाइलोव के हियाँ जा रहले हल । खाली ई विचारे ओकरा गोस्सा से पागल कर दे हलइ । सबसे पहिला, तब सब कुछ, ओकर खुद के स्थिति भी, बदल जइतइ - तुरते ओकरा दुनेच्का के अपन रहस्य बता देवे पड़तइ । ओकरा शायद खुद से विश्वासघात करे पड़तइ, ताकि दुनेच्का कोय तरह के असावधानी वला कदम नयँ उठा लेय । ऊ खत ? दुन्या के आझ सुबह में कोय तो खत मिलले हल ! पितिरबुर्ग में केकरा हीं से ओकरा खत मिलले होत ? (कहीं लूझिन से तो नयँ ?) सचमुच, हुआँ रज़ुमिख़िन नजर रख रहले ह; लेकिन रज़ुमिख़िन कुछ नयँ जानऽ हइ । शायद, रज़ुमिख़िन के सामने भी अपन भेद के बात दिल खोलके बता देवे पड़इ ? रस्कोलनिकोव नफरत के साथ एकरा बारे सोचलकइ ।

"हरेक हालत में यथासंभव जल्दी से जल्दी स्विद्रिगाइलोव से मिल्ले के चाही", ऊ मने-मन आखिर निर्णय कइलकइ । हियाँ परी विवरण के ओतना जरूरत नयँ हलइ, जेतना कि काम के मुख्य बात (सार अंश) के; लेकिन अगर, अगर कहीं ऊ सक्षम होवइ, अगर स्विद्रिगाइलोव कुच्छो दुन्या के विरुद्ध साजिश करइ - तब ..."

ई पूरे समय के दौरान, ई पूरे एक महिन्ना के दौरान, ऊ एतना थक चुकले हल, कि ई तरह के प्रश्न सब के अब आउ कोय दोसरा तरह से निर्णय नयँ कर सकऽ हलइ, बल्कि एक्के तरह के निर्णय - "त हम ओकर हत्या कर देबइ", ऊ उदासीन निराशा में सोचलकइ । एगो भारी भावना ओकर दिल के दबा देलकइ; ऊ सड़क के बीचोबीच रुक गेलइ आउ चारो दने नजर डाले लगलइ - कउन रस्ता से जाब करऽ हइ आउ ऊ काहाँ पहुँच गेलइ ? ऊ '-स्की' राजपथ पर हलइ [1], पुआल मंडी से कोय तीस-चालीस कदम दूर, जेकरा से होके गुजर रहले हल । बामा तरफ के बिल्डिंग के पूरा दोसरा मंजिला पर शराबखाना हलइ । सब्भे खिड़की पूरा तरह से खुल्ला हलइ; अंदर खिड़की बिजुन से आ-जा रहल आकृति के देखे से पता चलऽ हलइ, कि शराबखाना खचाखच भरल हलइ । हॉल में से गीत सुनाय पड़ रहले हल, शहनाई आउ वायलिन बज रहले हल, तुर्की ढोल के ढमढम के अवाज आ रहले हल । औरतियन के चीख सुनाय दे रहले हल । ऊ वापिस मुड़हीं लगी चाह रहले हल, ई सोचके कि ऊ काहे लगी -स्की राजपथ में मुड़ गेलइ, कि अचानक, शराबखाना के खुल्लल खिड़कियन में से बिलकुल किनारे वला खिड़की से, खिड़की के सामनहीं चाय-टेबुल के पीछू बइठल, दाँत के बीच पाइप लगइले, स्विद्रिगाइलोव पर ओकर नजर गेलइ । ई ओकरा भयंकर रूप से, आतंक के हद तक, अचंभित कर देलकइ । स्विद्रिगाइलोव ओकरा पर नजर रखले हलइ आउ चुपचाप एकटक देख रहले हल, आउ ओहे क्षण रस्कोलनिकोव भी अचंभित हो गेलइ, लगऽ हइ, ऊ उट्ठे लगी चहलकइ, ताकि केकरो से देख लेल जाय के पहिले चुपचाप खिसक जाय । रस्कोलनिकोव तुरतम्मे अइसन देखावा कइलकइ, मानूँ ऊ खुद्दे ओकरा नयँ देख पइलके हल आउ विचारमग्न होल बगल तरफ देखब करऽ हइ, लेकिन ऊ खुद्दे कनखी से ओकरा पर नजर डालले रहलइ। ओकर दिल बेचैनी से धड़क रहले हल । एहे बात हलइ - स्विद्रिगाइलोव, स्पष्टतया, नयँ चाहऽ हइ, कि कोय ओकरा देख पावे । ऊ होंठ से पाइप हटइलकइ आउ छिप्पे के प्रयास करे लगलइ; लेकिन उठके आउ कुरसी के दूर करके, कदाचित्, अचानक नोटिस कर लेलकइ, कि रस्कोलनिकोव ओकरा देखब करऽ हइ आउ ओकरा पर नजर रखले हइ । ओकन्हीं दुन्नु के बीच कुछ अइसन घटलइ, जे बहुत कुछ ऊ दृश्य नियन हलइ जे रस्कोलनिकोव के हियाँ ओकन्हीं के पहिला मिलन के बखत हलइ, जब ऊ सुत्तल हलइ । स्विद्रिगाइलोव के चेहरा पर शरारती मुसकान उभर अइलइ आउ धीरे-धीरे चौड़गर आउ चौड़गर होल गेलइ । ओकरो आउ दोसरो के मालूम पड़ गेलइ, कि दुन्नु एक दोसरा के देखब करऽ हइ आउ हरेक दोसरा पर नजर रखले हइ । आखिरकार, स्विद्रिगाइलोव ठठाके हँस पड़लइ ।

"अरे, अरे ! अंदर आ जाथिन, अगर चाहऽ हथिन; हम हियाँ हिअइ !" ऊ खिड़की में से चिल्लइलइ ।
रस्कोलनिकोव चढ़के उपरे शराबखाना में चल गेलइ ।
ऊ ओकरा बड़का हॉल से सटले, पीछू तरफ के एक्के खिड़की वला, एगो बहुत छोटगर कमरा में पइलकइ, जाहाँ बीस गो छोटकुन्ना टेबुल पर, गवैयन के निराश समवेत चीख भरल गान के साथ, व्यापारी, किरानी आउ कइएक तरह के लोग चाय पीयब करऽ हलइ । कहीं से तो बिलियर्ड के गेंद के टकराय के अवाज आ रहले हल । स्विद्रिगाइलोव के सामने के छोटकुन्ना टेबुल पर शैम्पेन के एगो खुल्लल बोतल आउ शराब से आधा भरल एगो गिलास रक्खल हलइ । कमरा में आउ छोटगर बैरल-ऑर्गन हाथ में लेले, एगो ऑर्गन-वादक लड़का, आउ स्वस्थ आउ लाल-लाल गाल वली एगो लड़की, धारीदार स्कर्ट चढ़इले आउ रिब्बन के साथ एगो टिरऽलियन (tyrolean) हैट लगइले, कोय अठारह साल के गायिका हलइ, जे दोसर कमरा में सामूहिक गान के बावजूद, उँचगर भर्राल अवाज में ऑर्गन-वादक के धुन पर कोय बाजारू गाना (lackey song) गा रहले हल ...

"बस, अब काफी हो गेलउ !" रस्कोलनिकोव के अंदर अइला पर स्विद्रिगाइलोव ओकरा रोकलकइ ।
लड़किया तुरतम्मे गाना बन कर देलकइ आउ आदरपूर्वक प्रतीक्षा करते रहलइ । ऊ अपन लयदार बाजारू गाना चेहरा पर एक प्रकार के गंभीर आउ आदर युक्त भाव के साथ गा रहले हल ।
"ए फ़िलिप, एक गिलास !" स्विद्रिगाइलोव चिल्लइलइ ।
"हम शराब नयँ पिबइ", रस्कोलनिकोव कहलकइ ।

"जइसन अपने के मर्जी, ई अपने लगी नयँ हइ । पी ले, कात्या ! आझ आउ कुछ नयँ जरूरत हउ, अब तूँ जो !" ऊ ओकरा लगी एक पूरा गिलास शराब भरलकइ आउ एगो पीयर बैंक नोट देलकइ । कात्या एक्के तुरी में पूरा गिलास पी गेलइ, जइसे कि औरतियन शराब पीते जा हइ, मतलब बिन रुकले, बीस घूँट में, नोट ले लेलकइ, स्विद्रिगाइलोव के हाथ चुमलकइ, जेकरा ऊ बहुत गंभीरतापूर्वक ओकरा चुम्मे देलकइ, आउ कमरा से बाहर निकस गेलइ, आउ ओकरा पीछू ऑर्गन लेले लड़को चल गेलइ । ओकन्हीं दुन्नु के सड़क पर से लावल गेले हल । स्विद्रिगाइलोव पितिरबुर्ग में अभी एक्को सप्ताह नयँ गुजरलके हल, लेकिन ओकर आस-पास सब कुछ एक प्रकार से  पितृसत्तात्मक नींव पर हो चुकले हल । शराबखाना के नौकर (बैरा), फ़िलिप, भी 'परिचित' हो चुकले हल आउ जीहुजूरी करऽ हलइ । हॉल में जाय वला दरवाजा में ताला लगावल जा सकऽ हलइ; स्विद्रिगाइलोव ई कमरा में अराम से रहऽ हलइ आउ शायद पूरे दिन ओकरे में गुजार दे हलइ । शराबखाना गंदा आउ खराब हलइ, आउ दोसर दर्जा के भी नयँ हलइ ।

"हम अपने हियाँ जा रहलिए हल आउ अपने के खोज रहलिए हल", रस्कोलनिकोव शुरू कइलकइ, "लेकिन हम नयँ मालूम काहे गुनी अभी अचानक पुआल मंडी से -स्की राजपथ तरफ मुड़ गेलिअइ ! हम कभी एद्धिर नयँ मुड़ऽ हिअइ आउ न एन्ने आवऽ हिअइ । हम पुआल मंडी से दहिने मुड़ जा हिअइ । आउ अपने हियाँ के रस्ता तो एन्ने से नयँ हइ । हम मुड़वे कइलिअइ, कि अइकी अपने मिल गेलथिन ! ई तो विचित्र बात हइ !"
"अपने सीधे काहे नयँ कहऽ हथिन - ई चमत्कार हइ !"
"काहेकि ई, शायद, बस संयोग हइ ।"
“वास्तव में कइसन तह (सिलवट) होवऽ हइ ई सब लोग में !" स्विद्रिगाइलोव ठहाका मारके हँस पड़लइ, "ऊ अंदर-अंदर चाहे चमत्कार में विश्वासो करता, तइयो स्वीकार करे लगी तैयार नयँ होता ! आउ खुद्दे अभी बोलऽ हथिन, कि 'शायद' बस संयोग हइ । आउ हियाँ के सब कइसन जरी कायर होते जा हका, जब खुद अप्पन विचार के प्रश्न आवऽ हइ, अपने कल्पनो नयँ कर सकऽ हथिन, रोदियोन रोमानिच ! हम अपने के बारे नयँ बात कर रहलिए ह । अपने के अप्पन विचार हइ आउ एकरा चलते अपने डेरइलथिन भी नयँ । एहे कारण तो अपने हमर उत्सुकता के आकृष्ट कइलथिन ।”
"आउ कोय बात नयँ हइ ?"
"लेकिन एतना तो वस्तुतः काफी हइ ।"

स्विद्रिगाइलोव स्पष्टतया उत्तेजित अवस्था में हलइ, लेकिन खाली थोड़े सनी; शराब तो ऊ खाली आधा गिलास पिलके हल ।

"हमरा तो लगऽ हइ, कि अपने हमरा हीं ई बात जाने के पहिलहीं अइलथिन हल, कि हम ओकरा रक्खे में सक्षम हिअइ, जेकरा अपने खुद के विचार कहऽ हथिन", रस्कोलनिकोव टिप्पणी कइलकइ ।
"ओह, तखने बाते दोसर हलइ । हरेक अदमी के काम करे के अपन ढंग होवऽ हइ । आउ चमत्कार के संबंध में हम अपने के कहबइ, कि लगऽ हइ कि अपने पिछलौका दू-तीन दिन तक सुत्तल रहलथिन हल । हम खुद अपने के ई शराबखाना निश्चित कइलिए हल, आउ एकरा में कोय चमत्कार के बात नयँ हलइ, कि अपने सीधे हियाँ अइलथिन; हम खुद पूरा रस्ता बतइलिए हल, जगह के विवरण देलिए हल, कि ई काहाँ परी हइ, आउ ऊ समय भी बतइलिए हल, जब हमरा हियाँ परी पावल जा सकऽ हइ । अपने के आद पड़ऽ हइ ?"
"हम तो भूल गेलिअइ", अचरज से रस्कोलनिकोव जवाब देलकइ ।

"हमरा अपने पर विश्वास हइ । दू तुरी हम अपने के बोललिए हल । पता यंत्रवत् अपने के स्मृति में चिपक गेले होत । अपने एद्धिर यंत्रवत् मुड़ गेलथिन, लेकिन तइयो ठीक पता के अनुसार, खुद बिन जानले । आउ तखने अपने के साथ बोलते बखत, हम नयँ आशा कइलिए हल, कि अपने के हमर बात समझ में आ रहले ह । अपने खुद बहुत कुछ अपन भेद खोल दे हथिन, रोदियोन रोमानोविच । आउ अइकी दोसर बात - हमरा पक्का विश्वास हकइ, कि पितिरबुर्ग में अइसन बहुत लोग हइ, जे रस्ता में चलते-चलते अपने आप से बात करते रहऽ हइ । ई अधकपारी लोग के शहर हइ । अगर हमन्हीं के देश में विज्ञान होते हल, त डाक्टर, वकील आउ दार्शनिक लोग पितिरबुर्ग में सबसे बहुमूल्य अनुसंधान कर सकता हल, हरेक कोय अपन-अपन क्षेत्र में । विरले अइसन जगह मिल्लऽ हइ, जाहाँ पितिरबुर्ग नियन एतना निराशाजनक, तीव्र, आउ विचित्र प्रभाव व्यक्ति के आत्मा पर पड़ऽ हइ । केकर खाली जलवायु के प्रभाव एतना होवऽ होतइ ! आउ फेर ई पूरे रूस के प्रशासन केंद्र हइ, आउ एकर वैशिष्ट्य के झलक सब कुछ में देखाय देवे के चाही । लेकिन बात अभी एकरा बारे नयँ हइ, बल्कि बात ई हइ, कि अपने के बिन जानले अपने के हम कइएक तुरी देख चुकलिए ह । अपने घर से बाहर निकसऽ हथिन - अपन मूड़ी सीधे कइलहीं । करीब बीस कदम गेला के बाद मूड़ी गोत ले हथिन, दुन्नु हाथ के पीछू कर ले हथिन । अपने देखऽ तो हथिन, लेकिन स्पष्टतया, अपने के न तो अपन सामने, आउ न तो बगल में कुच्छो देखाय दे हइ । आखिरकार अपने के होंठ हिल्ले लगऽ हइ आउ अपने आप से बात करे लगऽ हथिन, आउ कभी-कभी एक हाथ के दोसरा से छोड़ा ले हथिन आउ कुछ तो वाचन करे (सुनावे) लगऽ हथिन, आखिरकार, बीच सड़क पर लम्मा समय तक खड़ी रहऽ हथिन । ई तो बहुत खराब बात हइ जी । हो सकऽ हइ, कि हमरा अलावे अपने के आउ कोय देखऽ होतइ, आउ ई अपने खातिर लाभदायक नयँ हइ । वस्तुतः हमरा एकरा से कुछ फरक नयँ पड़ऽ हइ, आउ हम अपने के तो इलाज नयँ करे जा रहलिए ह, लेकिन वस्तुतः अपने हमर बात समझऽ हथिन ।"
"आउ अपने जानऽ हथिन, कि हमर पीछा कइल जा रहले ह ?" ओकरा तरफ खोजी नजर से (searchingly) रस्कोलनिकोव पुछलकइ ।
"नयँ, हमरा कुछ नयँ मालूम", मानूँ अजरज से स्विद्रिगाइलोव उत्तर देलकइ ।
"त हमरा अपन हाल पर छोड़ देथिन", नाक-भौं सिकोड़ते रस्कोलनिकोव बड़बड़इलइ ।
"ठीक हइ, हम अपने के हाल पर अपने के छोड़ दे हिअइ ।"
"बेहतर अपने ई बताथिन, कि अगर अपने हियाँ पीए खातिर आवऽ हथिन आउ खुद्दे हमरा दू तुरी अपने हियाँ आवे लगी बतइलथिन, त काहे लगी अपने अभी, जब हम सड़क पर से खिड़की तरफ देख रहलिए हल, त अपने हमरा से छिपके दूर चल जाय लगी चाह रहलथिन हल ? हम ई बहुत निम्मन से नोटिस कइलिअइ ।"
"हे-हे ! आउ काहे लगी अपने, जब हम तखने अपने हियाँ दहलीज पर खड़ी हलिअइ, त अपन सोफा पर आँख मूनके पड़ल रहलथिन आउ देखावा कइलथिन, कि सुत्तल हथिन, जबकि अपने बिलकुल नयँ सुत्तल हलथिन ? ई हम निम्मन से नोटिस कइलिए हल ।"
"एकरा पीछू ... कोय कारण हो सकऽ हलइ ... अपने खुद ई बात जानऽ हथिन ।"
"आउ हमरो खातिर अपन कुछ कारण हो सकऽ हलइ, हलाँकि अपने ओकरा बारे नयँ जान सकथिन ।"

रस्कोलनिकोव अपन दहिना केहुनी टेबुल पर टिका देलकइ, अपन दहिना हाथ के उँगली से अपन ठुड्डी के निचला हिस्सा के सहारा देलकइ आउ एकटक स्विद्रिगाइलोव तरफ देखे लगलइ । ऊ एक मिनट तक ओकर चेहरा के ध्यान से अध्ययन करते रहलइ, जे हमेशे ओकरा पहिलहूँ प्रभावित कइलके हल । ई एक प्रकार के विचित्र चेहरा हलइ, जे मुखौटा जइसन लगऽ हलइ - उज्जर, गुलाबी आउ गहरा लाल होंठ, हलका सुनहरा दाढ़ी आउ काफी घना सुनहरा केश । आँख कइसूँ बहुत नीला, आउ ओकर नजर कइसूँ बहुत भारी आउ निश्चल हलइ । ई सुंदर आउ, उम्र के देखते, असीम नौजवान चेहरा में कुछ तो भयंकर रूप से अप्रिय हलइ । स्विद्रिगाइलोव के पोशाक फैशनदार, ग्रीष्मकालीन, हलका हलइ, आउ खास करके ओकर छालटी (linen) फैशनदार हलइ । ओकर उँगली में एगो बड़गो अँगूठी हलइ, जेकरा में बेशकीमती पत्थर जड़ल हलइ ।

"त की वास्तव में हमरा अपने खातिर भी अपन समय खराब करे पड़तइ ?" अचानक झटकेदार अधीरता के साथ सीधे मतलब के बात पर अइते रस्कोलनिकोव कहलकइ, "यद्यपि अपने, हो सकऽ हइ, एगो बहुत खतरनाक अदमी हथिन, अगर अपने हमरा लगी कोय मुसीबत खड़ी करे लगी चाहऽ हथिन, लेकिन हम तो खुद के दिमाग आउ खराब करी लगी नयँ चाहऽ हिअइ । हम अभी अपने के देखा देबइ, कि हम खुद के ओतना परवाह नयँ करऽ हिअइ, जेतना कि शायद अपने समझऽ हथिन । ई जान लेथिन, कि हम अपने के सीधे बता देवे लगी अइलिए ह, कि अगर अपने हमर बहिन के संबंध में अपन पुरनका इरादा रखले हथिन आउ अगर ओकरा खातिर कोय नयका पता लगावल बात के उपयोग करे लगी चाहऽ होथिन, त एकर पहिले कि अपने हमरा जेल भेजवा देथिन, हम अपने के जान मार देबइ । हम अपन वचन के पक्का हिअइ - अपने जानऽ हथिन, कि हम एकरा पर अडिग रह सकऽ हिअइ । दोसर, अगर हमरा कुछ बात कहे के हइ - काहेकि हमरा ई पूरे समय अइसन लगते रहले ह, कि जइसे अपने हमरा से कुछ कहे लगी चाहऽ हथिन - त जल्दी से जल्दी बता देथिन, काहेकि समय कीमती हइ, आउ हो सकऽ हइ, कि बहुत जल्दीए बहुत देर हो जाय ।"

"एतना जल्दीबाजी में अपने के काहाँ जाय के हइ ?" ओकरा तरफ उत्सुकतापूर्वक देखते स्विद्रिगाइलोव पुछलकइ ।
"हरेक अदमी के काम करे के अपन ढंग होवऽ हइ", निराशा आउ अधीरता में रस्कोलनिकोव बोललइ ।
"अपने खुद्दे अभी खुलके बात करे के प्रस्ताव रखलथिन हल, लेकिन पहिलौके सवाल के जवाब देवे से इनकार करऽ हथिन", मुसकइते स्विद्रिगाइलोव टिप्पणी कइलकइ ।
"अपने के हमेशे अइसन लगते रहऽ हइ, कि हमर कोय तो उद्देश्य हइ, आउ ओहे से हमरा शक्का के दृष्टि से देखऽ हथिन । खैर, अपने के स्थिति के देखते ई बिलकुल समझल जा सकऽ हइ । लेकिन हम अपने के साथ केतनो नजीक आवे लगी काहे नयँ चाहिअइ, तइयो हम अपने के एकर विरुद्ध विश्वास बदले के कष्ट अपने ऊपर नयँ लेबइ । भगमान कसम, ई खेल तो मोमबत्ती के बराबर भी नयँ हइ (अर्थात् दमड़ी के मुर्गी, नौ टका निकियाई), आउ अइसे तो अपने के साथ कोय विशेष बात के बारे हमरा कुछ बोले के इरादा नयँ हलइ ।"
"त फेर तखने अपने के हमर एतना जरूरत काहे लगी पड़ले हल ? वस्तुतः अपनहीं तो हमर आगू-पीछू घूम रहलथिन हल न ।"
"बस खाली प्रेक्षण (observation) लगी रोचक विषय के रूप में । अपने के विलक्षण स्थिति के कारण अपने में हमरा रुचि होलइ - एहे बात हलइ ! एकरा अलावे, अपने अइसन लड़की के भाय हथिन, जेकरा में हमरा बहुत रुचि हलइ, आउ आखिरकार, बिलकुल एहे लड़की से अपन समय में हम अपने के बारे बहुत जादहीं आउ अकसर सुनलिए हल, जेकरा चलते हम ई नतीजा पर पहुँचलिअइ, कि ओकरा पर अपने के बहुत प्रभाव हइ; की एतना काफी नयँ हइ ? हे-हे-हे ! तइयो हम ई स्वीकार करऽ हिअइ, कि अपने के प्रश्न हमरा लगी बहुत क्लिष्ट हइ, आउ हमरा लगी अपने के एकर उत्तर देना कठिन हइ । हियाँ, मसलन, वास्तव में अपने हमरा हीं अभी खाली एक विशेष उद्देश्य से नयँ अइलथिन हँ, बल्कि कुछ तो नावा चीज लगी । हइ न एहे बात ? हइ न एहे बात ?" स्विद्रिगाइलोव कुटिल मुसकाहट के साथ अपन प्रश्न पर अड़ल रहलइ, "अच्छऽ, एकर बाद ई कल्पना करथिन, कि हम खुद, हियाँ आते बखत, रेलगाड़ी में, अपनहीं पर आस लगइले हलिअइ, कि हमरा अपनहूँ कुछ नावा बतइथिन आउ अपनहूँ से हमरा कुछ तो ग्रहण करे लगी मिलतइ ! देखथिन, हमन्हीं कइसन दौलतमंद हिअइ !"

"अपने हमरा से की ग्रहण करे लगी चाहऽ हलथिन ?"
"अपने के की बतइअइ ? की वास्तव में हम जानऽ हिअइ, कि कउची ? देखवे करऽ हथिन, हम कइसन शराबखाना में हमेशे बइठल रहऽ हिअइ, आउ ई हमर मर्जी हइ, मतलब मर्जी तो नयँ, बल्कि कहीं तो बइठे लगी चाही । अच्छऽ, अइकी ई बेचारी कात्या के बात ले लेथिन - अपने ओकरा देखलथिन न ? ... अगर हम, मसलन, कम से कम पेटू होतिए हल, क्लब के चटोरा - लेकिन वस्तुतः अइकी अइसन हम खाना खा सकऽ हिअइ ! (ऊ अँगुरी से कोना तरफ इशारा कइलकइ, जाहाँ परी एगो छोटगर टेबुल पर, एगो टीन के कश्तरी पर, आलू के साथ कुछ भयंकर बीफ़स्टेक के बाकी बच्चल टुकड़ा पड़ल हलइ ।) अरे हाँ, अपने खाना खा लेलथिन हँ ? हम थोड़े सनी खा लेलिए ह आउ अब आउ खाय के मन नयँ करऽ हइ । शराब, मसलन, बिलकुल नयँ पीयऽ हिअइ । शैम्पेन के अलावे, आउ कुछ नयँ, आउ पूरे शाम में खाली एक गिलास, आउ तइयो हमर माथा पिराय लगऽ हइ । एकर हम अभी, बस हौसला बढ़ावे खातिर, ऑडर कइलिए हल, काहेकि हमरा कहीं जाय के हइ, आउ अपने हमरा खास मूड में देख रहलथिन हँ । ओहे से हम अभी थोड़े देर पहिले, एगो इस्कुलिया नियन, छिप्पे के कोशिश कइलिअइ, काहेकि हम सोचलिअइ, कि अपने के चलते हमर काम में बाधा आत; लेकिन, लगऽ हइ", (ऊ घड़ी निकसलकइ), "हम अपने के साथ एक घंटा बिता सकऽ हिअइ; अभी साढ़े चार बजले ह । विश्वास करथिन, हमरा करे लगी बल्कि कुच्छो रहते हल - जमींदार, चाहे पिता, चाहे उलान [uhlan - (यूरोपीय सेना में) भाला सहित घुड़सवार], फोटोग्राफर, पत्रकार होतिए हल ... कु-कुच्छो नयँ, कोय तरह के पेशा नयँ ! कभी-कभी हम उबियो जा हिअइ । सचमुच, सोच रहलिए हल, कि अपने हमरा कुछ तो नावा बात बतइथिन ।"

"त अपने की करऽ हथिन आउ हियाँ काहे लगी अइलथिन ?"
"हम की करऽ हिअइ ? अपने जानऽ हथिन - हम एगो कुलीन व्यक्ति (nobleman) हिअइ, दू बरिस घुड़सवार सेना में काम कइलिअइ, आउ फेर पितिरबुर्ग में चक्कर लगइते रहलिअइ, फेर मार्फा पित्रोव्ना से शादी कइलिअइ आउ गाँव में जीवन-यापन करे लगलिअइ । एहे हमर जीवन-गाथा !"
"अपने, लगऽ हइ, जुआड़ी हथिन ?"
"नयँ, हम कइसन जुआड़ी हिअइ । पत्तेबाज (ताश के खेल में ठगी करे वला) - जुआड़ी नयँ ।"
"आउ अपने पत्तेबाज हलथिन ?"
"हाँ, पत्तेबाज हलिअइ ।"
"की अपने के कभी पिटाई होले हल ?"
"हाँ, होले हल । त एकरा से की ?"
"हूँ, त मतलब, अपने के द्वंद्व युद्ध खातिर चुनौती मिलले होत ... आउ साधारणतः एकरा से जिनगी में सजीवता आ जा हइ ।"

"हम अपने के बात के विरोध नयँ करबइ आउ एकरा अलावे, हम दर्शनशास्त्र के कोय विशेषज्ञ नयँ हिअइ । हम अपने के सामने स्वीकार करऽ हिअइ, कि हम हियाँ खास करके औरतियन के संबंध में अइलिए हल ।"
"अपने तो अभी-अभी मार्फा पित्रोव्ना के दफन कइलथिन हँ न ?"
"हाँ, ई बात तो हइ", स्विद्रिगाइलोव निष्कपट भाव से मुसकइलइ । "त एकरा से की ? अपने के, लगऽ हइ, कुछ तो खराब लगऽ हइ, कि हम औरतियन के बारे अइसे बात करऽ हिअइ ?"
"मतलब हम चरित्रहीनता में बुराई समझऽ हिअइ कि नयँ ?"

"चरित्रहीनता में ! त अपने ई विषय पर सोच रहलथिन हल ! तइयो, क्रम के अनुसार हम पहिले अपने के सामान्य रूप से औरत के संबंध में उत्तर देबइ; जानऽ हथिन, हमर प्रवृत्ति बातूनी के हइ । बताथिन, हम खुद के काबू में काहे लगी रखिअइ ? काहे लगी हम औरतियन के छोड़ दिअइ, अगर हम औरतबाज हिअइ ? कम से कम हम व्यस्त तो रहऽ हिअइ ।"

"अच्छऽ, त अपने हियाँ खाली चरित्रहीनता के आशा करऽ हथिन ?"
"त ओकरा में की हइ, चरित्रहीनता ही सही ! अपने के दिमाग में बस चरित्रहीनता हइ । कम से कम हम सीधे प्रश्न के पसीन करऽ हिअइ । ई चरित्रहीनता में, कम से कम, कुछ तो शाश्वत हइ, जे प्रकृति पर भी आधारित हइ, आउ जे कल्पना द्वारा अनुमोदित नयँ हइ, कुछ अइसन जे खून में हमेशे प्रज्वलित अंगारा के तरह रहऽ हइ, शाश्वत रूप से सुलगइते रहऽ हइ, जेकरा लम्मा समय तक भी, आउ उमर के साथ भी, शायद, एतना जल्दी से बुतावल नयँ जा सकऽ हइ । की अपने सहमत नयँ होथिन, कि ई अपन प्रकार के एगो व्यस्तता हइ ?"

"एकरा में खुश होवे के बात की हइ ? ई एगो बेमारी हइ, आउ खतरनाक ।"
"ओह, त अपने ई कहे लगी चाहऽ हथिन ! हम सहमत हिअइ, कि ई बेमारी हइ, अरेक ऊ चीज के तरह जे हद से आगू बढ़ जा हइ - आउ हियाँ परी तो कोय अदमी हद से आगू बढ़ जाय से बच नयँ सकऽ हइ - लेकिन वस्तुतः ई, सबसे पहिला, एक अदमी लगी एक चीज हइ, त दोसर लगी दोसर; आउ दोसरा, जाहिर हइ, सब कुछ में कोय न कोय माप, हिसाब रखहीं पड़ऽ हइ, हलाँकि ऊ बुरा ही काहे नयँ होवे, लेकिन कइल की जा सकऽ हइ ? अगर अइसन नयँ होवइ, त वस्तुतः खुद के गोली मार लेवे पड़इ । हम सहमत हिअइ कि एगो सदाचारी अदमी उकता जाय लगी कर्तव्यबद्ध (obliged) हइ, लेकिन वस्तुतः, तइयो ..."

"आउ की अपने खुद के गोली मार ले सकथिन ?"

"यऽ देखऽ !" घृणापूर्वक स्विद्रिगाइलोव ओकर सवाल के टालते बोललइ, "मेहरबानी करके हमरा से अइसन बात नयँ करथिन", ऊ जल्दी से आगू बोललइ आउ  बिन कोय डींग के भी, जे पहिले के ओकर सब बातचीत में देखाय दे हलइ ।
ओकर चेहरो बदलल लग रहले हल । "हम स्वीकार करऽ हिअइ, कि ई अक्षम्य दुर्बलता हइ, लेकिन की कइल जाय - हमरा मौत से डर लगऽ हइ आउ हमरा अच्छा नयँ लगऽ हइ, जब कोय एकरा बारे बात करऽ हइ । की अपने ई बात जानऽ हथिन, कि हम आंशिक रूप से रहस्यवादी हिअइ ?"

"अच्छऽ ! मार्फा पित्रोव्ना के भूत ! की, ऊ अभियो आवऽ हइ ?"
"ओह, ओकर आद नयँ देलाथिन; पितिरबुर्ग में तो अभी तक नयँ हलइ; शैतान ओकरा पकड़इ !" एक तरह के चिढ़ल मुद्रा से ऊ चिल्लइलइ । "नयँ, बेहतर हम सब एकरा बारे ... लेकिन तइयो ... हूँ ! ओह, समय बहुत कम हइ, अपने साथ हम जादे देर तक नयँ रह सकऽ हिअइ, लेकिन अफसोस ! कुछ समय होते हल अपने के बतावे खातिर ।"
"की बात हइ, कोय औरत हइ ?"
"हाँ, औरत हइ, अइसीं, एगो अप्रत्याशित घटना ... नयँ, हम एकरा बारे नयँ बात कर रहलिए हल ।"
"अच्छऽ, लेकिन ई सब परिस्थिति के घिनौना हरक्कत की अपने के अभियो तक नयँ प्रभावित करऽ हइ ? अपने खुद के रोके के शक्ति खो चुकलथिन हँ ?"

"त अपनहूँ शक्ति के दावा कर रहलथिन हँ ? हे-हे-हे ! अपने अभी हमरा अचरज में डाल देलथिन, रोदियोन रोमानोविच, हलाँकि हम पहिलहीं जानऽ हलिअइ, कि अइसने होतइ । आउ अपने हमरा से चरित्रहीनता आउ सौन्दर्य के बात करऽ हथिन ! अपने - शिलर हथिन, अपने - आदर्शवादी हथिन ! वास्तव में, ई सब कुछ ओइसने हइ, जइसन होवे के चाही हल, आउ अचरज तब होते हल, अगर ई अन्यथा होते हल, लेकिन तइयो, कइसूँ तइयो ई वास्तव में विचित्र हइ ... आह, अफसोस, कि हमरा पास समय बहुत कम हइ, काहेकि अपने खुद्दे सबसे रोचक विषय हथिन ! लेकिन संयोगवश, अपने के शिलर पसीन हइ ? हमरा तो भयंकर रूप से पसीन हइ।"

"लेकिन अपने वास्तव में केतना शेखीबाज हथिन !" कुछ घृणापूर्वक रस्कोलनिकोव बोललइ ।
"भगमान कसम, नयँ !" स्विद्रिगाइलोव ठठाके हँसते उत्तर देलकइ, "हलाँकि हम एकरा पर बहस नयँ करबइ, शेखीबाजे सही; लेकिन वस्तुतः काहे नयँ शेखीबाजी कइल जाय, जब एकरा से केकरो दिल के चोट नयँ पहुँचऽ हइ ? हम मार्फा पित्रोव्ना के साथ सात साल गाँव में बितइलिए ह, आउ ओहे से, अपने जइसन बुद्धिमान व्यक्ति - एगो बुद्धिमान आउ सबसे उच्च कोटि के रोचक व्यक्ति - मिल गेला के बाद, बातचीत करे में बहुत खुशी हो रहले ह, आउ एकर अलावे, हम आधा गिलास शराब भी पी लेलिए ह आउ कुछ सिर पर चढ़ चुकले ह । आउ मुख्य बात ई हइ, कि एगो अइसन परिस्थिति हइ, जे हमरा बहुत जोश भर देलके ह, लेकिन जेकरा बारे हम ... मौन रहबइ । अपने काहाँ चल देलथिन ?" अचानक भयभीत होल स्विद्रिगाइलोव पुछलकइ ।

रस्कोलनिकोव उट्ठे लगलइ । ओकरा भारी-भारी, घुटन आउ कइसूँ अटपटा महसूस हो रहले हल, कि ऊ हियाँ अइलइ । ओकरा पक्का विश्वास हो गेले हल, कि स्विद्रिगाइलोव दुनियाँ में सबसे निकम्मा आउ सबसे बेकार खलनायक हइ ।

"अरे, अरे ! जरी बइठ जाथिन, ठहर जाथिन", स्विद्रिगाइलोव निवेदन कइलकइ, "कम से कम अपने लगी चाय लावे के तो ऑडर देथिन । थोड़े देर बइठ जाथिन, हम बकवास नयँ करबइ, मतलब अपना बारे । हम अपने के कुछ बतइबइ । अच्छऽ, अगर अपने चाहथिन, त हम अपने के बतइबइ, कि कइसे हमरा एगो औरत, अपने के शैली में अगर कहल जाय, 'बचा रहले हल' ? ई अपने के पहिला सवाल के जवाबो होतइ, काहेकि ई व्यक्ति - अपने के बहिन हथिन । हम बतइअइ ? आउ हमन्हीं के कुछ समय भी कट जइतइ ।"

"बताथिन, लेकिन हम आशा करऽ हिअइ, कि अपने ..."
"ओह, फिकिर नयँ करथिन ! एकरा अलावे, हमरा नियन खराब आउ निकम्मा अदमी में भी अवदोत्या रोमानोव्ना केवल असीम आदर के भावना उत्पन्न कर सकऽ हका ।"


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