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Friday, November 20, 2015

रूसी उपन्यास "कालापानी" - अप्पन बात



"कालापानी (साइबेरिया में जेल के जिनगी)"

उपन्यासकार: फ्योदर दस्तयेव्स्की (11 नवम्बर 1821 -  9 फरवरी 1881)

अप्पन बात

विश्व स्तर पर विख्यात रूसी लेखक फ्योदर दस्तयेव्स्की के उपन्यास "ज़पिस्की इज़ म्योर्तववऽ दोमा" (मुर्दाघर के चिट्ठा) वस्तुतः बाद में प्रकाशित उनकर उपन्यास "प्रिस्तुपलेनिए इ नकऽज़ानिए" (अपराध आउ दंड) के पूरक हइ । "अपराध आउ दंड" के उपसंहार, अध्याय-1 के नोट-1 में उल्लेख कइलिए हल - "रस्कोलनिकोव के सश्रम कारावास के वातावरण आउ दशा, दस्तयेव्स्की के खुद के कैदी के रूप में अपन अनुभव अंकित कइल गेले ह । ऊ चार बरिस जेल के जिनगी, जे ईरतिश नद्दी के किनारे अवस्थित ओम्स्क के जेल में गुजरलका हल, ओकर विस्तृत वर्णन उनकर उपन्यास "Записки из Мёртвого Дома" अर्थात् "मुर्दाघर के चिट्ठा" (1860) में कइल गेले ह ।" अतः ई मगही में अनूदित उपन्यास "अपराध आउ दंड" के पूरा हो गेला पर निर्णय कइलिअइ, कि एकर पूरक उपन्यास "मुर्दाघर के चिट्ठा" के मगही संस्करण तैयार कइल जाय । ई रूसी उपन्यास के अंग्रेजी अनुवाद कइएक शीर्षक में प्रकाशित होले ह - जइसे, (1) Marie von Thilo द्वारा अनूदित "Buried Alive (or Ten Years of Penal Servitude in Siberia)", (2) Constance Garnett द्वारा अनूदित आउ पृथक् रूप से H. Sutherland Edwards द्वारा अनूदित "The House of the Dead", (3) Ernest Rhys द्वारा संपादित अंग्रेजी अनुवाद के "The House of the Dead, or, Prison Life in Siberia", (4) मास्को से प्रकाशित "Notes from the Dead House", आदि । विश्राम गुप्ते द्वारा ई उपन्यास के मराठी अनुवाद सन् 2009 में पुणे से प्रकाशित होले हल, जेकर शीर्षक हइ - "मेलेल्यांची गढ़ी" [अर्थात्, मरल लोग के गढ़ी] । "गढ़ी" - गढ़ के ऊनार्थक शब्द हइ । हम ई उपन्यास के मगही संस्करण के शीर्षक "कालापानी (साइबेरिया में जेल के जिनगी)" रखलिए ह ।

हमर ई मगही अनुवाद, लेनिनग्राद (अभी 'पितिर्बुर्ग') से प्रकाशित मूल रूसी पाठ "फ्योदर दस्तयेव्स्की के सम्पूर्ण रचना-संग्रह - तीस खंड में" के खंड 4, प्रकाशन वर्ष 1972, पृ॰5-232, पर आधारित हइ । ई अनुवाद के पाठ के, मूल रूसी के निकटतम रक्खे के भरसक प्रयास कइल जा रहले ह ।

ई उपन्यास दू खंड में हइ । ई उपन्यास के दुन्नु खंड में कुल मिलाके 22 अध्याय हइ, जेकर पहिला अध्याय में लेखक के भूमिका हइ । मूल रूसी पाठ में सबसे छोटगर अध्याय 4 पृष्ठ के आउ सबसे बड़गर अध्याय 15 पृष्ठ के हइ । मास्को से प्रकाशित अंग्रेजी अनुवाद (कुल 333 पृष्ठ) के सबसे छोटगर अध्याय 6 पृष्ठ के आउ सबसे बड़गर अध्याय 24 पृष्ठ के हइ । मराठी अनुवाद में कुल 357 पृष्ठ हइ ।

पहिले तुरी लमगर रूसी उपन्यास "प्रिस्तुपलेनिए इ नकऽज़ानिए" के मगही अनुवाद "अपराध आउ दंड" लगी शुरू-शुरू में वांछित (required) समय के कोय अंदाज नयँ रहे से लगभग चार साल के लक्ष्य निश्चित कइलिए हल, जबकि ई अनुवाद एक साल एक महिन्ना में पूरा हो गेलइ । अब कुछ अनुभव हो गेला के बाद हम कह सकऽ हिअइ, कि ई दोसरका रूसी उपन्यास के मगही अनुवाद "कालापानी (साइबेरिया में जेल के जिनगी)" लगभग जून 2016 तक तैयार हो जइतइ ।

दिनांकः 20 नवंबर 2015

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