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Friday, September 10, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 2; अध्याय 11

                                 अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 2

अध्याय 11

लेकिन जइसीं हम वापिस अपन फ्लैट में अइलूँ, हमर सिर में चक्कर आवे लगल, आउ हम कमरा के बीच में गिर पड़लूँ। हमरा खाली एलेना के चीख आद आवऽ हके - ऊ अपन हाथ उपरे तरफ उछलइलकइ आउ हमरा दने हमरा सहारा देवे लगी दौड़ पड़लइ। ई अन्तिम पल हलइ, जे हमर संस्मरण में हइ ...

जब हमरा होश आल त हम खुद के बिछावन पर पइलूँ। एलेना हमरा बाद में बतइलकइ, कि ऊ दरबान के साथ, जे तब तक हमन्हीं लगी खाना ले अइले हल, हमरा सोफा पर लइलके हल। हम कइएक तुरी जगलिए हल आउ हरेक तुरी हम खुद पर एलेना के सहानुभूतिपूर्ण, [*294] चिंतित चेहरा झुक्कल पइलिअइ। लेकिन ई सब कुछ हमरा आद आवऽ हइ सपना में नियन, धुंध में नियन, आउ बेचारी लड़की के मधुर आकृति विस्मरण के बीच, छाया नियन, तस्वीर नियन कौंधऽ हलइ; ऊ हमरा लगी कुछ तो पीए लगी लावऽ हलइ, बिछावन पर हमरा पाड़ऽ हलइ चाहे हमरा सामने बैठल रहऽ हलइ, उदास, भयभीत, आउ अपन अँगुरी से हमर बाल सँवारऽ हलइ। एक तुरी हमरा आद पड़ऽ हइ अपन चेहरा पर ओकर नम्र चुंबन के। दोसरा तुरी, अचानक रात में जगला पर, जल रहल मोमबत्ती के रोशनी में, जेकरा हमर सामने सोफा भिर एगो घसकावल छोटका टेबुल पर रक्खल हलइ, हम देखलिअइ, कि एलेना हमर तकिया पर चेहरा धइले पड़ल हलइ आउ डरल सुत्तल हलइ, अपन पीयर होंठ आधा खोलले आउ अपन गरम गाल पर हथेली रखले। लेकिन हम निम्मन से होश में भोर होले पर जगलिअइ। मोमबत्ती पूरा जल चुकले हल; प्रभात के उद्दीप्त गुलाबी किरण देवाल पर खेल रहले हल। एलेना टेबुल भिर के एगो कुरसी पर बैठल हलइ आउ, अपन थक्कल सिर के, टेबुल पर टिक्कल बामा हाथ पर टिकइले, गाढ़ी नीन में सुत्तल हलइ, आउ, हमरा आद पड़ऽ हइ, हम ओकर बालसहज चेहरा तरफ नजर डललिअइ, जे कइसूँ नीन में भी अबालसहज उदास मुद्रा में आउ कइसनो विचित्र, रोगजन्य सौन्दर्य से पूरा हलइ; जे (चेहरा) पीयर, पातर गाल पर के लमगर पिपनी के साथ, आउ अत्यंत काला केश से फ्रेम कइल हलइ, जे केश एक तरफ ढीला लट में घना आउ भारी रूप में गिर पड़ले हल। ओकर दोसर हाथ हमर तकिया पर हलइ। हम बहुत हलके-हलके ई पातर हाथ के चुंबन लेलिअइ, लेकिन बेचारी बुतरू नञ् जगलइ, खाली मानु ओकर पीयर होंठ पर मुसकान कौंधलइ। हम ओकरा देखते रहलिअइ आउ शांतिपूर्वक निश्चिंत स्वास्थ्यप्रद नीन में सुत गेलिअइ। अबरी हम लगभग दुपहर तक सुत्तल रहलिअइ। जगला पर, हम लगभग बिलकुल ठीक होल अनुभव कइलिअइ। खाली सब अंग में कमजोरी आउ भारीपन हाल के बेमारी के गोवाही दे हलइ। अइसन तंत्रिकीय (nervous) आउ तेज दौरा हमरा पहिलहूँ पड़ले हल; हमरा एकरा बारे निम्मन से जानकारी हलइ। दौरा साधारणतः एक दिन में लगभग पूरा समाप्त हो जा हलइ, जे, लेकिन, ई समय के दौरान कठोर आउ तीव्र रहऽ हलइ।

लगभग दुपहर के समय हलइ। पहिला, जे हम देखलिअइ, ऊ हलइ कोना में रस्सी से फैलावल परदा, जे हम कल्हे खरदलिए हल। एलेना एकर प्रबंध कइलके हल आउ खुद लगी कमरा में अपना लगी एगो विशेष कोना (छोटगर कमरा) बना लेलके हल। ऊ स्टोव के सामने बैठल केतली उबाल रहले हल। ई नोटिस करके, कि हम जग गेलिए ह, ऊ खुशी से मुसकइलइ आउ तुरते हमरा भिर अइलइ।

"तूँ हमर मित्र हकँऽ", हम कहलिअइ, ओकर हाथ पकड़के, "तूँ पूरे रात हमर देखभाल कइलँऽ। हमरा नञ् मालुम हलउ, कि तूँ एतना निम्मन हकँऽ।"

"लेकिन तोरा कइसे मालुम, कि हम तोर देखभाल कइलियो; हो सकऽ हइ, कि हम रात भर सुतलिए होत?" ऊ पुछलकइ, हमरा तरफ उदार आउ लजालु चलाँकी से तकते आउ साथे-साथ अपन खुद के शब्द पर लजाल लाल होते।

"हमर नीन टूट गेलो हल आउ सब कुछ देख लेलियो हल। तोरा खाली भोर होवे के पहिले नीन अइलो हल।"

"चाय चाही?" ऊ बीच में टोकलकइ, मानु ई बातचीत के जारी रक्खे में कठिनाई अनुभव करते, जे सब विशुद्ध आउ अत्यंत सत्यनिष्ठ हृदय के साथ होवऽ हइ, जब ओकन्हीं के प्रशंसा के बात बोलल जा हइ।

"चाही", हम उत्तर देलिअइ। "लेकिन कल्हे तूँ खइलँऽ हल?"

"दुपहर के तो नञ्, लेकिन रात के खइलूँ हल। दरबान लइलके हल। तूँ, लेकिन बोलऽ नञ्, बल्कि शांतिपूर्वक पड़ल रहऽ - तूँ अभियो तक पूरा ठीक [*295] नञ् होलऽ ह", ऊ बात जारी रखलकइ, हमरा भिर चाय लइते आउ हमर बिछावन पर बैठते।

"कइसे पड़ल रहे के! गोधूलि वेला तक, लेकिन, पड़ल रहबउ, आउ फेर अहाता से बाहर जइबउ। बहुत जरूरी काम हइ, लेनोचक्का।"

"अच्छऽ, जरूरी हइ! केकरा हीं जइबहो? कल के अतिथि के हियाँ तो नञ्?"

"नञ्, उनका हीं नञ्।"

"ई तो निम्मन बात हको, कि ओकरा हीं नञ्। ई ओहे हलो, जे तोरा कल्हे परेशान कर देलको हल। त फेर ओकर बेटी के हियाँ?"

"लेकिन तोरा उनकर बेटी के बारे कइसे मालुम?"

"हम कल्हे सब कुछ सुनलियो हल", ऊ मूड़ी गोतले उत्तर देलकइ। ऊ नाक-भौं सिकोड़ देलकइ। ओकर भौं आँख के उपरे आ गेलइ।

"ऊ खराब बुढ़उ हइ", ऊ बाद में आगू बोललइ।             

"की तूँ उनका जानऽ हीं? एकर विपरीत, ऊ बहुत निम्मन अदमी हथिन।"

"नञ्, नञ्; ऊ बदमाश हइ; हम सुनलिअइ", ऊ जोश में आके बोललइ।

"लेकिन तूँ कउची सुनलहीं?"

"ऊ अपन बेटी के माफ करे लगी नञ् चाहऽ हइ ..."

"लेकिन ऊ ओकरा प्यार करऽ हथिन। उनकर बेटी उनका सामने दोषी हइ, लेकिन ऊ ओकर फिकिर करऽ हथिन, यातना झेलऽ  हथिन।"

"लेकिन माफ काहे नञ् करऽ हइ? अभी अगर ऊ माफ करइ, त बेटी ओकरा हीं नञ् जइतइ।"

"अइसन काहे? की कारण हइ?"

"काहेकि ऊ एकर लायक नञ् हइ, कि ओकर बेटी ओकरा प्यार करइ", ऊ गरम होल बोललइ। "ऊ ओकरा हीं से हमेशे लगी चल जाय आउ बेहतर भीख माँगइ, आउ जब ऊ (ओकर बाप) ओकरा देखइ, कि बेटी भीख माँगऽ हइ, आउ तकलीफ झेलऽ हइ।"

ओकर आँख कौंध रहले हल, गाल चमक उठले हल। "शायद, ऊ अइसीं नञ् बोलब करऽ हइ", हम सोचलिअइ।

"त तूँ हमरा ओकर घर में भेजे लगी चाहऽ हलहो?" थोड़े देर चुप रहला के बाद आगू बोललइ।

"हाँ, एलेना।"

"नञ्, बेहतर हम एगो मजूरनी के रूप में काम करम।"

"ओह, केतना खराब हइ ई सब, जे तूँ बोल रहलँऽ हँ, लेनोच्का। आउ कइसन बकवास - तूँ केक्कर मजूरनी बन सकऽ हीं?"

"हरेक मुझीक के हियाँ", अधीरतापूर्वक बोललइ, लगातार गोस्सा में आउ जादहीं मूड़ी गोतले। ऊ स्पष्टतः तुनुकमिजाज (hot−tempered)  हलइ।

"लेकिन मुझीक के हियाँ अइसन मजूरनी के नञ् जरूरत पड़ऽ हइ", हम हँसते बोललिअइ।

"अच्छऽ, त भद्रलोक के हियाँ।"

"की तोरा नियन चरित्र भद्रलोक के हियाँ रहऽ हइ?"

"हमरे नियन।" जेतने जादे ऊ उत्तेजित हो जा हलइ, ओतने जादे फटाक से उत्तर दे हलइ।

"लेकिन तोरा बरदास नञ् होतउ।"

"बरदास कर लेबइ। हमरा डाँटल-फटकारल जइतइ, लेकिन हम जान-बूझके चुप रहबइ। हमरा पीटतइ, लेकिन तइयो हम चुप रहबइ, तइयो चुप रहबइ, मारे देहो, हम कइसूँ नञ् कनबइ। ओकन्हीं के आउ जादे परेशानी होतइ, ई देखके कि हम नञ् रोवऽ हिअइ।"

"तूँ की बोल रहलँऽ हँ, एलेना! तोरा में केतना गोस्सा हउ; आउ कइसन घमंडी हकँऽ! तूँ, लगऽ हउ, बहुत तकलीफ झेललँऽ हँ ..."

[*296] हम उठ गेलिअइ आउ अपन बड़का टेबुल भिर गेलिअइ। एलेना सोफा पर रहलइ, विचारमग्न होल जमीन तरफ देखते, आउ किनारा के अपन अँगुरी से नोचते। ऊ चुप हलइ। "कहीं ऊ हमर शब्द पर नराज तो नञ् हो गेलइ?" हम सोचलिअइ।

टेबुल भिर खड़ी, हम यंत्रवत् कल्हे के पुस्तक सब के खोललिअइ, जे संकलन खातिर लेलिए हल, आउ धीरे-धीरे पढ़े में लीन हो गेलिअइ। हमरा साथ ई अकसर होवऽ हइ - जा हिअइ, मिनट भर लगी पुस्तक खोलऽ हिअइ कुछ देखे लगी आउ पढ़े लगऽ हिअइ अइसे, कि सब कुछ भूल जा हिअइ।

"कउची तूँ हियाँ हमेशे लिखते रहऽ हो?" भीरु मुसकान से एलेना पुछलकइ, शांतिपूर्वक टेबुल भिर अइते।

"अइसीं, लेनोच्का, हर तरह के चीज। एकरा लगी हमरा पैसा मिल्लऽ हइ।"

"याचिकापत्र?"

"नञ्, याचिकापत्र नञ्।"

"आउ ओकरा हम यथासंभव समझइलिअइ, कि विभिन्न लोग के बारे विभिन्न तरह के कहानी लिक्खऽ हिअइ - एकरा से पुस्तक प्रकाशित होवऽ हइ, जेकरा कहानी आउ उपन्यास कहल जा हइ। ऊ बड़ी उत्सुकता से सुनलकइ।

"की, तूँ एकरा में सब कुछ सच बात लिक्खऽ हो?"

"नञ्, गढ़के लिक्खऽ हिअइ।"

"तूँ काहे लगी झूठ लिक्खऽ हकहो?"

"अइकी पढ़, तूँ देखऽ हीं, अइकी ई पुस्तक; तूँ तो एकरा एक तुरी देखलहीं हँ। तोरा पढ़े लगी आवऽ हउ?"

"हाँ।"

"अच्छऽ, त अइकी तूँ देखम्हीं। ई पुस्तक हम लिखलिए ह।"

"तूँ? पढ़बो ..."

ओकरा कुछ तो हमरा कहे के बहुत मन कर रहले हल, लेकिन ओकरा, लगऽ हलइ, कठिनाई हो रहले हल आउ बड़ी उत्तेजना में हलइ। ओकर प्रश्न सब के साथ कुछ तो छिप्पल हलइ।

"आउ तोरा एकरा लगी बहुत पैसा मिल्लऽ हको?" आखिरकार ऊ पुछलकइ।

"ई निर्भर करऽ हइ। कभी बहुत, लेकिन कभी कुच्छो नञ्, काहेकि काम निम्मन नञ् हो पावऽ हइ। ई काम कठिन हइ, लेनोच्का।"

"मतलब तूँ धनी नञ् हकहो?"

"नञ्, धनी नञ्।"

"त हम काम करबो आउ तोहरा मदत करबो ..."

ऊ सरसरी निगाह से हमरा तरफ देखलकइ, लाल हो गेलइ, नजर झुका लेलकइ आउ, हमरा दने दू कदम बढ़ाके, अचानक हमरा दुन्नु हाथ से लपेट लेलकइ, आउ चेहरा के हमर छाती से कसके दबा लेलकइ। हम अचरज से ओकरा दने देखलिअइ।

"हम तोहरा प्यार करऽ हियो ... हम अभिमानी नञ्", ऊ बोललइ। "तूँ कल्हे कहलहो हल, कि हम अभिमानी हिअइ। नञ्, नञ् ... हम ओइसन नञ् ... हम तोहरा प्यार करऽ हियो। तूहीं एगो हकऽ जे हमरा प्यार करऽ ह ..."

लेकिन आँसू ओकर गला दबइले हलइ। एक मिनट बाद आँसू ओकर छाती पर से फूट पड़लइ अइसन जोर से, जइसन कल्हे दौरा पड़े के समय होले हल। ऊ हमरा सामने टेहुना के बल गिर गेलइ, हमर हाथ-गोड़ चुमलकइ ...

"तूँ हमरा प्यार करऽ हकऽ! ..." ऊ दोहरइलकइ, "खाली तूँहीं अकेल्ले, एक्के गो! ..."

ऊ हमर टेहुना के अपन हाथ से झटका से (convulsively) दबइलकइ। ओकर सब भावना, एतना लमगर समय तक दबावल, अचानक एक्के तुरी दुर्निवार होके बाहर फूट पड़लइ, आउ हृदय के ई विचित्र दृढ़ता हमरा समझ में आ गेलइ, जे विशुद्धतापूर्वक खुद के छिपइले हलइ, तात्कालिक रूप से आउ जेतने जादे [*297] दृढ़, ओतने जादे कठोर, जब तक कि खुद के फूट पड़े लगी आउ बोल उठे लगी आउ जादे शक्तिशाली नञ् हो जाय, आउ ई सब ऊ दुर्निवार फूट तक, जब पूरा अस्तित्व अचानक आत्म-विस्मरण के हद तक आत्म-समर्पित कर दे हइ ई प्यार, कृतज्ञता, स्नेह, आँसू के माँग के खातिर ...

ऊ एतना रोलइ-बिलखलइ, कि ओकरा हिस्टीरिया के दौरा पड़ गेलइ। जबरदस्ती हम ओकर बाँह के फैला देलिअइ, खुद के चारो तरफ। हम ओकरा उठाके सोफा पर ले गेलिअइ। देर तक अभियो रोते रहलइ, चेहरा के तकिया से ढँकले, मानु हमरा तरफ देखे में लजइते, लेकिन हमर हाथ के कसके अपन छोटकुन्ना हाथ में पकड़ले आउ ओकरा अपन दिल से बिन दूर कइले।

धीरे-धीरे ऊ शांत होलइ, लेकिन अभियो तक अपन चेहरा हमरा दने नञ् उठइलकइ। दू तुरी, पल भर लगी, ओकर आँख हमर चेहरा तरफ सरक गेलइ, आउ ओकरा में एतना कोमलता हलइ आउ एक प्रकार के भीरु आउ फेर से गुप्त भावना। आखिरकार ऊ लाल हो गेलइ आउ मुसकइलइ।

"अब जरी हलका लगऽ हउ?" हम पुछलिअइ, "हमर तूँ संवेदनशील लेनोच्का, तूँ हमर रोगी बुतरू?"

"लेनोच्का नञ्, नञ् ..." ऊ फुसफुसइलइ, अभियो तक अपन चेहरा हमरा से छिपइते।

"लेनोच्का नञ्, कइसे?"

"नेली।"

"नेली? काहे पक्का नेली? त अइसने होवे, ई बड़ी निम्मन नाम हइ। त अइसीं हम तोरा पुकारबउ, अगर तूँ खुद चाहऽ हीं।"

"अइसीं हमरा प्यारी माय पुकारऽ हले ... आउ दोसरा कोय हमरा अइसे नञ् पुकारऽ हले, कभी नञ्, ओकरा सिवाय ... आउ हम खुद नञ् चाहऽ हलूँ, कि हमरा कोय ओइसे पुकारे, सिवाय हमर माय के ... लेकिन तूँ पुकारऽ; हम चाहऽ हियो ... हम तोरा हमेशे प्यार करबो, हमेशे प्यार करबो ..."

"स्नेही आउ अभिमानी हृदय", हम सोचलिअइ, "आउ केतना समय लग गेलो ह हमरा ई लायक बन्ने में, कि तूँ हमरा लगी ... नेली बन जायँ"। लेकिन अब हम जान चुकलिए ह, कि ओकर हृदय हमेशे लगी हमरा प्रति समर्पित हो गेले ह।

"नेली, सुन", हम पुछलिअइ, जइसीं ऊ शांत होलइ। "तूँ अइकी बोलऽ हीं, कि तोरा खाली तोर माय प्यार करऽ हलथुन आउ दोसरा कोय नञ्। लेकिन की वास्तव में तोर नाना सचमुच तोरा नञ् प्यार करऽ हलथुन?"

"नञ् प्यार करऽ हलथन ..."

"लेकिन आखिर तूँ हियाँ उनका लगी रो रहलहीं हल, आद हउ, ज़ीना पर।"

ऊ एक मिनट तक सोचते रहलइ।

"नञ्, नञ् प्यार करऽ हला ... ऊ दुष्ट हला।" आउ एक प्रकार के कष्टदायक भावना ओकर चेहरा पर प्रकट होलइ।

"लेकिन आखिर उनका पर संदेह नञ् कइल जा सकऽ हइ, नेली। लगऽ हइ, उनकर दिमाग नञ् काम करऽ हलइ। ऊ पागल नियन मरवो कइलथुन। आखिर तोरा बतइलियो हल, कि ऊ कइसे मरलथुन हल।"

"हाँ, लेकिन ऊ खाली पिछले महिन्ने बिलकुल भुलक्कड़ हो गेलथिन हल। हियाँ दिन भर बैठल रहऽ हलथिन, आउ, अगर हम नञ् आवऽ हलिअइ, त ऊ दु-दु, तीन-तीन दिन तक अइसीं बैठल रहऽ हलथिन, न खा हलथिन, न पीयऽ हलथिन। लेकिन पहिले ऊ बहुत बेहतर हलथिन।"

"पहिले कब?"

"जब मइया जिन्दे हलइ।"

"मतलब, तूँ उनका लगी खाय-पीए लगी लावऽ हलहीं, नेली?"

"हाँ, हमहीं लावऽ हलिअइ।"

"काहाँ से तोरा ई मिल्लऽ हलउ, बुबनोवा के हियाँ से?"

 [*298] "नञ्, हम कभियो कुच्छो बुबनोवा के हियाँ से नञ् ले हलिअइ", ऊ दृढ़तापूर्वक एक तरह से काँपते स्वर में बोललइ।

"त फेर तूँ काहाँ से ले हलहीं, आखिर तोरा हीं तो कुच्छो नञ् हलउ?"

नेली चुप हो गेलइ आउ भयंकर रूप से पीयर पड़ गेलइ; बाद में देर-देर तक हमरा दने देखते रहलइ।

"हम रोड पर भीख माँगे लगी जा हलिअइ ... जब पाँच कोपेक मिल जा हलइ त हम उनका लगी ब्रेड आउ सुँघनी (snuff) खरदऽ हलिअइ ..."

"आउ ऊ तोरा अइसन करे दे हलथुन! नेली! नेली!"

"शुरू-शुरू में हम खुद जा हलिअइ आउ उनका नञ् बतावऽ हलिअइ। लेकिन ऊ, जब जनलथिन, त हमरा खुद्दे भीख माँगे लगी भेजे लगलथिन। हम पुल पर बैठऽ हिअइ, राहगीर लोग से माँगऽ हिअइ, आउ ऊ पुल के आसपास चक्कर लगइते रहऽ हथिन, इंतजार करते; आउ जइसीं देखऽ हथिन, कि हमरा मिललइ, ओइसीं हमरा पर झपट पड़ऽ हथिन आउ पैसा ले ले हथिन, मानु हम उनका से छिपावे लगी चाहऽ हिअइ, कि हम उनका लगी नञ् जामा करऽ हिअइ।"

एतना कहके, ऊ मुसकइलइ - एक तरह के दाहक, कटु मुसकान।

"ई सब होलइ, जब हमर माय मर गेलइ", ऊ आगू बोललइ। "तब ऊ लगभग बिलकुल पागल नियन हो गेलथिन।"

"मतलब, ऊ तोर माय के बहुत प्यार करऽ हलथुन? फेर ऊ कइसे उनका साथ नञ् रहऽ हलथुन?"

"नञ्, नञ् मानऽ हलथिन ... ऊ बुरा हलथिन आउ ओकरा नञ् माफ कइलथिन ... कल्हे के बुरा बुढ़उ नियन", ऊ धीरे से बोललइ, बिलकुल लगभग फुसफुसइते आउ अधिकाधिक पीयर होते।

हम काँप गेलिअइ। पूरे उपन्यास के कथानक अइसीं हमर कल्पना में कौंध गेलइ। ई बेचारी औरत, ताबूतसाज के हियाँ तलघर में मरणासन्न, ओकर अनाथ बेटी, जे कभी-कभी अपन नाना हीं भेंट दे हलइ, जे ओकर माय के शाप दे देलके हल; पगलाल सनकी बुढ़उ, अपन कुत्ता के मौत के बाद मिठाय के दोकान में मरणासन्न! ...

"आउ आखिर अज़ोर्का तो पहिले माय के कुत्ता हलइ", अचानक नेली बोललइ, कइसनो स्मरण पर मुसकइते। "नाना पहिले हमर माय के बहुत मानऽ हलथिन, लेकिन जब माय उनका हीं से चल गेलइ, त उनके हियाँ माय के अज़ोर्का रह गेलइ। ओहे से तो ओहो अज़ोर्का के एतना मानऽ हलथिन ... माय के माफ नञ् कइलथिन, लेकिन जब कुतवा मर गेलइ, त खुद्दे मर गेलथिन", कठोरतापूर्वक नेली आगू बोललइ, आउ ओकर चेहरा से मुसकान गायब हो गेलइ।

"नेली, ऊ पहिले की करऽ हलथुन?" हम पुछलिअइ, कुछ देर इंतजार कइला के बाद।

"ऊ पहिले धनी हलथिन ... हमरा मालुम नञ् कि ऊ पहिले की करऽ हलथिन", ऊ उत्तर देलकइ। "उनका पास कइसनो फैक्टरी हलइ ... अइसन हमरा माय बोलऽ हलइ। ऊ शुरू में सोचऽ हलइ, कि हम छोटगर हिअइ, आउ सब कुछ हमरा नञ् बतावऽ हलइ। हमेशे हमरा चुम्मइ, आउ खुद्दे बोलइ - 'सब कुछ मालुम हो जइतउ; समय अइतउ, त जान जइमँऽ, हमर गरीब, अभगली बुतरू!' आउ हमेशे हमरा गरीब आउ अभगली पुकारऽ हलइ। आउ जब रात में सोचइ, कि हम सुत्तल हिअइ (लेकिन हम जानबूझके, नञ् सुत्तल रहिअइ, ई देखावा करते, कि हम सुत्तल हिअइ), ऊ हमरा लगी कनते रहइ, हमरा चुम्मइ आउ बोलइ - 'गरीब, अभगली!' "

"तोर माय कइसे मरलथुन?"

"तपेदिक (टीबी) से; अब छो सप्ताह होतइ।"

"आउ तोरा आद हउ, जब तोर नाना धनी हलथुन?"

"तहिया तो हम पैदो नञ् होलिए हल। माय हमर पैदा होवे के पहिलहीं नाना के हियाँ से चल गेले हल।"

"केकरा साथ गेलथुन हल?"

[*299] "मालुम नञ्", नेली उत्तर देलकइ, शांतिपूर्वक आउ मानु सोचते। "ऊ विदेश चल गेलइ, आउ हम हुएँ पैदा होलिअइ।"

"विदेश? काहाँ?"

"स्विट्ज़रलैंड। हम सगरो घुमलिअइ, इटली में भी, पेरिस में भी।"

हम अचंभित हो गेलिअइ।

"आउ तोरा आद हउ, नेली?"

"बहुत कुछ आद हइ।"

"कइसे तूँ एतना निम्मन रूसी भाषा जानऽ हीं, नेली?"

"माय हमरा हुओं परी रूसी सिखावऽ हलइ। ऊ रूसी हलइ, काहेकि ओकर माय रूसी हलथिन, आउ दादा अंगरेज, लेकिन ओहो रूसी नियन। आउ जब हम माय के साथ हियाँ डेढ़ साल पहिले वापिस अइते गेलिअइ, त हम बिलकुल सीख लेलिअइ। माय तब तक बेमार हो चुकले हल। तब हम सब निर्धन आउ निर्धनतर होते गेलिअइ। माय हमेशे रोते रहऽ हलइ। ऊ शुरू में पितिरबुर्ग में नाना के बहुत खोजलकइ आउ हमेशे बोलइ, कि उनका सामने ऊ दोषी हइ, आउ हमेशे रोते रहइ ... एतना रोवइ, एतना रोवइ! आउ जइसीं मालुम होलइ, कि नाना गरीब हथिन, तब तो आउ जादे रोवे लगलइ। ऊ उनका अकसर पत्र लिक्खऽ हलइ, लेकिन ऊ कभियो उत्तर नञ् दे हलथिन।"

"तोर माय हियाँ काहे लगी वापिस अइलथुन? खाली अपन पिता से भेंट करे खातिर?"

"मालुम नञ्। लेकिन हुआँ हमन्हीं केतना सुख से रहऽ हलिअइ", आउ नेली के आँख चमके लगलइ। "माय अकेल्ले रहऽ हलइ, हमरा साथ। ओकरा एगो मित्र हलइ, निम्मन, तोहरा नियन ... ऊ हमर माय के पहिलहीं से हिएँ परी रहते जानऽ हलइ। लेकिन ऊ हुआँ मर गेलइ, आउ माय वापिस आ गेलइ ..."

"मतलब, ओकरे साथ तोर माय तोर नाना के छोड़के चल गेलथुन हल?"

"नञ्, ओकरा साथ नञ्। माय हमर नाना के छोड़के कोय दोसरे के साथ चल गेले हल, लेकिन ऊ हमर माय के छोड़ देलकइ ..."

"केकरा साथ, नेली?"

नेली हमरा दने तकलकइ आउ कुच्छो नञ् जवाब देलकइ। ऊ, स्पष्टतः, जानऽ हलइ, कि केकरा साथ ओकर माय चल गेले हल आउ कउन, शायद, ओकर बाप हलइ। हमरा ओकर नामो बतावे में नेली के कष्ट अनुभव हो रहले हल ...

हम ओकरा प्रश्न पर प्रश्न करके कष्ट नञ् देवे लगी चाहऽ हलिअइ। ई अइसन चरित्र हलइ, जे विचित्र, अस्थिर स्वभाव के आउ उत्साही, लेकिन खुद में अपन आवेश के दबइले; मनोहर, लेकिन अभिमान आउ दुरूहता में खुद के बन्द कइले हलइ। ऊ सब समय तक, जइसन कि हम ओकरा जानऽ हलिअइ, ऊ, ई बात के बावजूद, कि हमरा अपन दिल से प्यार करऽ हलइ, बिलकुल स्पष्ट आउ साफ प्यार,  लगभग अपन स्वर्गीय माय के जइसन, जेकरा बारे ऊ बिन कष्ट के स्मरण नञ् कर पावऽ हलइ - ई बात के बावजूद, हमरा साथ विरले खुले दिल से बात करऽ हलइ आउ, ई दिन के सिवाय, विरले हमरा साथ अपन भूतकाल के बारे बोले के आवश्यकता अनुभव करऽ हलइ; एकर विपरीत, कइसूँ हमरा से कठोरतापूर्वक छिपइवो करऽ हलइ। लेकिन ई दिन, कुछ घंटा के दौरान, कष्ट आउ ऐंठन पैदा करे वला रोदन के बीच, जे ओकर कहानी के बाधा डललके हल, ऊ हमरा सब कुछ कह देलकइ, जे ओकरा ओकर स्मरण में सबसे जादे चिंता आउ यातना दे हलइ, आउ हम कभियो ई भयंकर कहानी के नञ् भुलइबइ। लेकिन ओकर मुख्य कहानी अभियो आगू हइ ...

ई एगो भयंकर कहानी हलइ; ई कहानी हलइ एगो परित्यक्ता, अपन सुख के अनुभव कर चुकल; बेमार, क्लान्त आउ सब्भे से परित्यक्त औरत के; जे अस्वीकृत कइल गेलइ ऊ अन्तिम जीव से, जेकरा पर ऊ [*300] भरोसा कर सकऽ हलइ - अपन बाप पर, जे कभी तो ओकरा से नराज कइल गेले हल आउ जे अप्पन तरफ से असह्य कष्ट आउ अपमान के चलते पगला गेले हलई कहानी हलइ ऊ औरत के, जेकरा निराशा के हद तक ढकेल देल गेले हल; जे अपन अइसन लड़की के साथ भटक रहले हल, जेकरा ऊ अभी तक शिशु समझऽ हलइ, ठंढगर, गंदा पितिरबुर्ग के स्ट्रीट में आउ भीख माँगते; ऊ औरत के, जे बाद में महीन्नो तक सीलन वला तलघर में मर रहले हल आउ जेकरा ओकर बाप  जिनगी के अन्तिम पल तक माफी से इनकार करते रहलइ आउ खाली अन्तिम पल में होश में आवल ओकरा माफ करे लगी दौड़ल अइलइ, लेकिन जेकरा खाली एगो ठंढगर लाश मिललइ ओकर बदले, जेकरा दुनियाँ में सबसे जादे प्यार करऽ हलइ। ई कहानी हलइ एगो पगलाल बुढ़उ आउ ओकर छोकुन्नी नतनी के बीच रहस्यपूर्ण, हियाँ तक कि मोसकिल से समझ में आवे लायक संबंध के बारे में, अइसन नतनी के, जे ओकरा समझे लगले हल, समझे लगले हल, अपन बचपन के बावजूद, बहुत कुछ ऊ सब, जे दोसर लोग के अपन समृद्ध आउ खुशहाल जिनगी के कइएक साल के दौरान नञ् विकसित हो पावऽ हइई एगो विषादमय (gloomy) कहानी हलइ, ओइसन विषादमय आउ यातनादायक कहानी में से एक, जे एतना अकसर आउ अगोचर रूप से, लगभग गुप्त रूप से, भारी पितिरबुर्ग आकाश के निच्चे घटित होवऽ हइ, विशाल शहर के अन्हार, गुप्त कोना में; जिनगी के सनकी उबाल, कुंठित अहंकार, परस्पर जूझ रहल हित, विषादमय व्यभिचार, गुप्त अपराध के बीच; निरर्थक आउ असामान्य जीवन के ई सब नरक के बीच ...

लेकिन ई कहानी आउ आगू ...


*** दोसरा भाग समाप्त ***


भूमिका               भाग 2, अध्याय 10              भाग 3, अध्याय 1

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