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Tuesday, September 07, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 2; अध्याय 9

                                    अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 2

अध्याय 9

हम सुबह लेट, दस बजे जगलिअइ, बेमार। हमर सिर चकरा रहल हल आउ सिर में दरद हल। हम एलेना के बिछावन दने नजर डललिअइ - बिछावन खाली हलइ। तखनिएँ हमर कमरा के दहिना तरफ से कोय तो अवाज अइलइ, मानु कोय तो फर्श पर झाड़ू लगा रहले हल। हम देखे लगी बहरसी अइलिअइ। एलेना, हाथ में झाड़ू लेले आउ अपन सुन्दर ड्रेस के दोसरा हाथ से पकड़ले, जेकरा ऊ ठीक ओहे शाम से अभी तक नञ् उतरलके हल, झाड़ू लगा रहले हल। स्टोव खातिर तैयार जलावन कोना में जामा कइल हलइ; टेबुल के रगड़के साफ कइल हलइ, चायदानी (केतली) साफ कइल हलइ; एक शब्द में, एलेना घर के काम देख रहले हल।

"सुन, एलेना", हम चिल्लइलिअइ, "केऽ तोरा फर्श साफ करे लगी कहऽ हउ? हम तो ई नञ् चाहऽ ही, तूँ बेमार हकँऽ; की तूँ वास्तव में हमरा हीं मजूरनी के रूप में अइलहीं हँ?"

"केऽ हियाँ परी फर्श साफ करतइ?" ऊ उत्तर देलकइ, सीधा खड़ी होके आउ सीधे हमरा दने तकते। "अब हम बेमार नञ् ही।"

"लेकिन हम तोरा काम लगी नञ् लइलियो हल, एलेना। तूँ मानु डरऽ हीं, कि हम तोरा डाँटबउ, बुबनोवा नियन, कि तूँ हमरा हीं फोकट के रह रहलहीं हँ। आउ तूँ काहाँ से ई खराब झाड़ू लइलहीं? हमरा पास तो झाड़ू नञ् हलइ", हम आगू बोललिअइ, ओकरा तरफ अचरज से देखते।

"ई हम्मर झाड़ू हके। हम एकरा खुद्दे हियाँ लइलूँ हल। हम हियाँ नाना लगी ई फर्श साफ करऽ हलूँ। आउ झाड़ू तो अइकी हियाँ परी स्टोव के निच्चे तहिए से पड़ल हलइ।"

हम विचारमग्न होल कमरा में लौट अइलिअइ। हो सकऽ हलइ, कि हमरा से गलती हो गेले हल; लेकिन हमरा जइसे लगलइ, कि ओकरा मानु हमर आतिथ्य एगो भार अनुभव होवऽ हलइ आउ कि ऊ हमरा हर तरह से साबित करे लगी चाहऽ हलइ, कि ऊ हमरा हीं फोकट के नञ् रहऽ हइ। "अइसन हालत में ई कइसन कटु चरित्र हइ?" हम सोचलिअइ। करीब दू मिनट बाद ऊ अंदर अइलइ आउ ऊ चुपचाप सोफा पर कल के अपन सीट पर बैठ गेलइ, हमरा दने कुतूहलपूर्ण दृष्टि से देखते। ई दौरान हम चायदानी के उबललिअइ, चाय बनइलिअइ, ओकरा लगी एक कप चाय ढरलिअइ आउ ओकरा उजरका ब्रेड के एक टुकड़ा के साथ देलिअइ। ऊ चुपचाप ले लेलकइ आउ बिन कोय विरोध के। दिन भर ऊ लगभग कुछ नञ् खइलकइ।

"अइकी अपन निम्मन ड्रेस के झाड़ू से गंदा कर लेलँऽ", हम कहलिअइ, ओकर स्कर्ट पर गंदगी के एगो धारी नोटिस कइला पर।

ऊ चारो तरफ नजर डालके जाँच कइलकइ आउ अचानक, हमरा बड़गो अचरज होलइ ई देखके, कि ऊ कप रख देलकइ आउ अपन दुन्नु हाथ से, प्रतीयमानतः भावशून्य मुद्रा में आउ शांतिपूर्वक, स्कर्ट के मलमल के कपड़ा के चुटकी में लेलकइ आउ एक्के झटका में उपरे से निच्चे तक फाड़ देलकइ। एतना करके, ऊ चुपचाप अपन दृढ़, कौंध रहल नजर हमरा दने उठइलकइ। ओकर चेहरा पीयर हलइ।

"तूँ की कर रहलहीं हँ, एलेना?" हम चिल्लइलिअइ, निश्चित होल, कि हम अपन सामने एगो पगली के देख रहलिए ह।

"ई निम्मन ड्रेस नञ् हइ", ऊ बोललइ, उत्तेजना से लगभग हाँफते। "तूँ काहे कहलहो, कि ई निम्मन ड्रेस हइ? हम ई नञ् पेन्हे लगी चाहऽ हूँ", अचानक ऊ चिल्ला उठलइ, अपन जगह से उछलते। हम एकरा फाड़ देबइ। हम ऊ औरत के पेन्हावे लगी नञ् निवेदन कइलिए हल। ऊ खुद हमरा ई ड्रेस में सजइलके हल, जबरदस्ती। हम एक ड्रेस के पहिलहीं फाड़ देलिए ह, एकरो फाड़ देबइ, फाड़ देबइ! फाड़ देबइ! फाड़ देबइ! ..."

आउ ऊ क्रोधावेश में अपन अभागल ड्रेस पर टूट पड़लइ। एक पल में ऊ एकरा लगभग रुगदी-रुगदी कर देलकइ। जब ऊ समाप्त कर लेलकइ, [*284] ऊ एतना पीयर हलइ, कि मोसकिल से ऊ अपन जगह पर स्थिर हो पा रहले हल। हम अचरज से अइसन क्रूरता आउ आवेश देखलिअइ। ऊ हमरा दने एक प्रकार के चुनौतीपूर्ण दृष्टि से देख रहले हल, मानु ओकरा सामने हमहूँ कोय बात में दोषी हलिअइ।

लेकिन हमरा मालुम हो चुकले हल, कि हमरा की करे के चाही। हम निश्चय कइलिअइ, बिन देरी कइले, आझे सुबह ओकरा लगी एगो नयका ड्रेस खरीदे के। ई वहशी, क्रूर जीव पर दयालुता से काम लेवे के चाही। ऊ अइसे देखऽ हलइ, मानु ओकरा कभी उदार लोग से भेंट नञ् होले हल। अगर एक तुरी पहिलहीं, क्रूर दंड के बावजूद, अपन पहिला अइसन ड्रेस के फाड़ देलके हल, त कइसन क्रूरता के साथ ऊ एकरा तरफ देखतइ, जब ई ओकरा हाल के भयंकर पल के आद देला देतइ।

तोलकुची मार्केट में निम्मन आउ सादा ड्रेस बहुत सस्ते में खरीदल जा सकऽ हलइ। कठिनाई ई हलइ, कि हमरा पास ऊ बखत लगभग कोय पैसा नञ् हलइ। लेकिन पूर्वसंध्या पर हीं, सुत्ते जाय घड़ी, आझ एक जगह जाय के निश्चय कर चुकलिए हल, जाहाँ परी एकरा मिल्ले के आशा हलइ, आउ ऊ तोलकुची मार्केट के रस्ता में हीं पड़ऽ हलइ। हम टोपी लेलिअइ। एलेना एकटक नजर से हमर पीछा कर रहले हल, मानु ओकरा कुछ तो आशा हलइ।

"त फेर से हमरा ताला लगाके बंद कर देबहो?" ऊ पुछलकइ, जब हम कुंजी (चाभी) लेलिअइ, ताकि अपन पीछू फ्लैट में ताला लगा दिअइ, जइसन कि कल्हे आउ परसुन कइलिए हल।

"हमर मित्र", हम कहलिअइ, ओकरा भिर जइते, "एकरा लगी गोस्सा मत कर। हम ई लगी ताला लगावऽ हिअउ, कि कहीं कोय आ नञ् जाय। तूँ तो बेमार हकँऽ, शायद डर जायँ। आउ भगमाने जानऽ हइ, कि आउ केऽ आ जा सकऽ हइ; शायद, बुबनोवा के दिमाग में आवे के विचार आ जाय ..."

हम जान-बूझके ओकरा ई बात कहलिअइ। हम ओकरा ताला से बन्द कर दे हलिअइ, काहेकि ओकरा पर हमरा विश्वास नञ् हलइ। हमरा लगऽ हलइ, कि ऊ कहीं अचानक हमरा से दूर चल जाय के फैसला नञ् कर ले। कुछ समय तक हम तो जादे सावधान रहे के फैसला कइलिअइ। एलेना चुप रहलइ, आउ हम ओकरा अबरियो ताला लगाके बंद कर देलिअइ।

हम एगो प्रकाशक के जानऽ हलिअइ, जेकरा कइएक खंड में एगो पुस्तक के प्रकाशन के काम के ई तेसरा साल चल रहले हल। ओकरा हीं हमरा अकसर काम मिल्लऽ हलइ, जब हमरा जल्दी से जल्दी कुछ पैसा के जरूरत रहऽ हलइ। ऊ हमरा नियमित रूप से भुगतान करऽ हलइ। हम ओकरा हीं गेलिअइ, आउ हमरा अग्रिम पचीस रूबल मिल गेलइ, ई वचन (एकरारनामा) पर कि हम एक सप्ताह में निश्चित रूप से संकलित आलेख (compiled article) देबइ। लेकिन हम अपन उपन्यास पर समय बाचावे के आशा कइलिअइ। अइसन हम अकसर करऽ हलिअइ, जब अत्यंत आवश्यक हो जा हलइ।

पैसा मिल गेला पर, हम तोलकुची मार्केट गेलिअइ। हुआँ परी जल्दीए हम एगो परिचित बूढ़ी के खोजलिअइ, जे हर तरह के पुरनका बस्तर बेचऽ हलइ। हम ओकरा एलेना के लगभग ऊँचाई (साइज) बतइलिअइ, आउ ऊ पल भर में एगो हलका रंग के सूती ड्रेस निकसलकइ, अत्यंत सस्ता कीमत के, जे बिलकुल बरियार हलइ आउ जे एक तुरी से जादे धोवल नञ् गेले हल। संयोगवश हमरा एगो गुलबन्द (neckerchief) भी मिल गेलइ। भुगतान करते बखत, हम सोचलिअइ, कि एलेना के कइसनो फ़रकोट, गाउन चाहे अइसने कुछ के जरूरत होतइ। मौसम ठंढा हलइ, लेकिन ओकरा पास बिलकुल कुच्छो नञ् हलइ। लेकिन हम ई खरीद के दोसर बखत लगी स्थगित कर देलिअइ। एलेना एतना तुनुकमिजाज आउ अभिमानी हलइ। भगमाने जानऽ हइ, कि ई पोशाक के ऊ कइसे लेतइ, ई बात के बावजूद, कि हम जान-बूझके यथासंभव सादा से सादा आउ जादे से जादे आकर्षणरहित हलइ, बिलकुल साधारण, जे चुन्नल जा सकऽ हलइ। [*285] लेकिन तइयो हम दू जोड़ी सूती पेताबा आउ एक जोड़ी ऊनी पेताबा। ई हम ओकरा ई बहाने दे सकलिअइ कि ऊ बेमार हइ, आउ कमरा में ठंढक हइ। ओकरा अन्तरीय (underclothes) के भी जरूरत हलइ। लेकिन ई सब कुछ के हम तब तक लगी स्थगित कर देलिअइ, जब तक कि हम ओकरा साथ आउ नगीच से परिचित नञ् हो जा हिअइ। लेकिन बिछावन खातिर हम पुरनका परदा खरदलिअइ - एगो जरूरी चीज आउ जे एलेना के बड़गो संतुष्टि ला सकऽ हलइ।

ई सब कुछ के साथ हम दुपहर के एक बजे घर वापिस अइलिअइ। ताला लगभग बिन कोय अवाज के खुललइ, अइसे कि एलेना के पतो नञ् चललइ, कि हम वापिस आ गेलिअइ। हम नोटिस कइलिअइ, कि ऊ टेबुल भिर खड़ी हलइ आउ हमर पुस्तक आउ कागज उलट-पुलट रहले हल। हमरा सुनके, ऊ तेजी से पुस्तक बन्द कर देलकइ, जे ऊ पढ़ रहले हल, आउ टेबुल भिर से दूर चल गेलइ, शरम से लाल होल। हम ई पुस्तक के तरफ देखलिअइ - ई हमर पहिलउका उपन्यास हलइ, अलग पुस्तक के रूप में प्रकाशित आउ शीर्षक पृष्ठ पर हमर नाम लिक्खल हलइ।

"आउ हियाँ तोहर गैरहाजिरी में कोय तो दस्तक दे रहलो हल", ऊ अइसन लहजा में बोललइ, मानु हमरा चिढ़इते - "काहे लगी, ऊ बोललइ, तोरा ताला से बन्द कर देलकउ?"

"कहीं डाकट्र तो नञ्", हम कहलिअइ, "तूँ ओकरा हाँक नञ् मालहीं, एलेना?"

"नञ्।"

हम उत्तर नञ् देलिअइ, पार्सल लेलिअइ, एकरा खोललिअइ आउ खरदल ड्रेस निकसलिअइ।

"अइकी, हमर मित्र एलेना", हम कहलिअइ, ओकरा भिर जइते, "तूँ अभी जइसन चिथड़ा में हकँऽ, तोरा बाहर घूम-फिर नञ् सकऽ हँ। हम तोरा लगी पोशाक खरदलियो ह, रोजमर्रा के काम लगी, बिलकुल सस्ता, ताकि तोरा कुच्छो परेशान नञ् होवे पड़तउ; एकरा में कुल्लम एक रूबल बीस कोपेक लगलो ह। एकरा हमर शुभकामना सहित पेन्ह ले।"

हम ड्रेस ओकर बगल में रख देलिअइ। ओकर चेहरा तमतमा गेलइ आउ हमरा तरफ कुछ देर आँख फाड़के देखते रहलइ।

ओकरा बड़गो अचरज होलइ, आउ एकरा अलावे हमरा लगलइ, कि ओकरा कोय कारण से बड़गो शरम लगलइ। लेकिन ओकर आँख में कुछ तो नरम, स्नेहमय चमक देखाय देलकइ। ई देखके, कि ऊ चुप हइ, हम टेबुल तरफ मुड़ गेलिअइ। हमर व्यवहार, प्रतीयमानतः, ओकरा प्रभावित कइलकइ। लेकिन प्रयास के साथ ऊ खुद के नियंत्रित कइलकइ आउ बैठ गेलइ, अपन नजर जमीन तरफ कइले।

हमर सिर में दरद हले आउ अधिकाधिक (more and more) चकरा रहल हल। ताजा हावा से हमरा कुछ फयदा नञ् होल हल। एकरा अलावे नताशा के पास भी जाय के हलइ। ओकरा बारे हमर चिंता कल्हिंएँ से कम नञ् होल हल, एकर विपरीत - अधिकाधिक बढ़तहीं जा रहल हल। अचानक हमरा लगलइ, कि एलेना हमरा हाँक मालकइ। हम ओकरा दने मुड़लिअइ।

"तूँ, जब जा ह, त हमरा बन्द नञ् करिहऽ", ऊ बोललइ, बगल तरफ देखते आउ सोफा के किनारा पर अपन अँगुरी फेरते, मानु ई काम में ऊ लीन हलइ। "हम तोरा हीं से कहीं नञ् जइबो।"

"ठीक हउ, एलेना, हम सहमत हिअउ। लेकिन कोय अनजान अदमी अइतउ तब? शायद, भगमान जाने केऽ?"

"त चाभी हमरा दे द, हम अन्दर से ताला लगा लेम; आउ कोय दस्तक देतइ, त हम कहबइ - घर पर नञ् हथुन।" आउ ऊ हमरा तरफ गुप्त रूप से देख रहले हल, मानु कह रहल होवे - "अइकी देखहो, केतना असानी से ई काम हो जा हइ!"

"तोहरा कपड़ा के साफ करऽ हको?" ऊ अचानक पूछ बैठलइ, एकर पहिले कि हम ओकरा कुछ उत्तर दे पइतिए हल।

[*286] "हिएँ, ई घर में, एगो औरत हइ।"

"हम कपड़ा धो सकऽ हियो। आउ काहाँ से कल्हे खाना लइलहो हल?"

"रेस्तोराँ से।"

"हम खाना बना सकऽ हियो। हम तोरा लगी खाना तैयार करबो।"

"बस, एलेना; तूँ की खाना बना सकऽ हीं? ई सब तूँ बकवास कर रहलँऽ हँ ..."

एलेना चुप हो गेलइ आउ नजर निच्चे कर लेलकइ। ओकरा, शायद, हमर टिप्पणी से दिल के ठेस लगलइ। कम से कम दस मिनट गुजर गेलइ; हमन्हीं दुन्नु चुप रहलिअइ।

"सूप", ऊ अचानक बोललइ, सिर बिन उपरे कइले।

"सूप कइसे? कइसन सूप?" हम पुछलिअइ, अचंभित होते।

"सूप तैयार कर सकऽ हिअइ। हम अपन माय लगी तैयार करऽ हलिअइ, जब ऊ बेमार हलइ। हम बजार भी जा हलिअइ।"

"देख, एलेना, देख, तूँ केतना अभिमानी हकँऽ", हम बोललिअइ, ओकरा भिर जइते आउ ओकर बगल में सोफा पर बैठते। "हम तोरा साथ व्यवहार करऽ हिअउ, जइसन हमरा दिल कहऽ हउ। तूँ अभी अकेल्ले हँ, बिन कोय रिश्तेदार के, दुखिया। हम तोरा मदत करे लगी चाहऽ हिअउ। ओइसीं तूव हमर मदत कर सकऽ हलहीं, जब हम कठिन समय से गुजरतिए हल। लेकिन तूँ अइसे नञ् सोचे लगी चाहऽ हीं, आउ अइकी तोरा हमरा हीं से बिलकुल साधारण उपहार लेना भारी लगऽ हउ। तूँ तुरतम्मे हमरा चुकावे लगी चाहऽ हीं, काम करे लगी, मानु हम बुबनोवा हिअउ आउ तोरा डाँटऽ फटकारऽ हिअउ। अगर अइसन बात हउ, त ई शरमनाक बात हउ, एलेना।"

ऊ उत्तर नञ् देलकइ, ओकर होंठ काँप रहले हल। लगऽ हइ, ओकरा कुछ कहे के मन कर रहले हल; लेकिन खुद के नियंत्रित कइले हलइ आउ चुप हलइ। हम उठलिअइ, नताशा हीं जाय लगी। अबरी हम चाभी एलेना के पास छोड़ देलिअइ, ओकरा हिदायत करते, कि अगर कोय अइतउ आउ दस्तक देतउ, त ओकरा हाँक मारके पुछिहँऽ - 'केऽ हकऽ?' हमरा पूरा विश्वास हलइ, कि नताशा के साथ कुछ तो बहुत खराब घटना घटले ह, लेकिन ऊ अभी खातिर हमरा से छिपाब करऽ हइ, जइसन कि हमन्हीं बीच कइएक तुरी हो चुकले ह। कइसनो हालत में, हम ओकरा हीं बल्कि एक्के मिनट लगी जाय के फैसला कइलिअइ, नञ् तो हम ओकरा अपन दुराग्रह के कारण नराज कर सकऽ हलिअइ।

अइसीं होलइ। ऊ फेर से हमरा से असंतुष्ट, कठोर नजर से स्वागत कइलकइ। हमरा तुरतम्मे जाय के हलइ; लेकिन हमर गोड़ के निच्चे से जमीन खिसक रहल हल।

"हम तोरा हीं पल भर लगी अइलियो ह, नताशा", हम बात शुरू कइलिअइ, "तोरा से सलाह लेवे खातिर - हमरा अपन अतिथि के साथ की करे के चाही?" आउ हम जल्दी-जल्दी ओकरा एलेना के बारे सब कुछ बतावे लगलिअइ। नताशा चुपचाप हमर बात सुनलकइ।

"हमरा समझ में नञ् आवऽ हको, वान्या, कि हम की सलाह दियो", ऊ उत्तर देलकइ। "सब कुछ से साफ हइ, कि ई एगो अत्यंत विचित्र जीव हइ। शायद, ओकरा बहुत अपमानित कइल गेले ह, बहुत आतंकित कइल गेले ह। ओकरा कम से कम ठीक होवे के मोक्का देहो। तूँ ओकरा हमन्हीं हीं रक्खे लगी चाहऽ हो?"

"ऊ हमेशे बोलऽ हइ, कि हमरा हीं से कहूँ नञ् जइतइ। लेकिन भगमाने जानऽ हइ, कि हुआँ एकरा कइसे स्वागत कइल जइतइ, ओहे से हमरो नञ् समझ में आवऽ हके। अच्छऽ, हमर मित्र, तूँ कइसन ह? तूँ कल्हे तो मानु ठीक नञ् हलऽ!" हम ओकरा डरते-डरते पुछलिअइ।

"हाँ ... आझो हमर सिर दरद कर रहल ह", ऊ अन्यमनस्क होल उत्तर देलकइ। "हमन्हीं में से किनको नञ् देखलहो ह?"

"नञ्। बिहान जइबउ। आखिर बिहान तो शनिच्चर हकइ ..."

"त एकरा से की?"

[*287] "शाम के प्रिंस आवे वला हका ..."

"त एकरा से की? हम तो नञ् भुलइलिए ह।"

"नञ्, हम खाली अइसीं ..."

ठीक हमर सामने आके खड़ी होलइ आउ देर तक एकटक हमर आँख में आँख मिलाके देखते रहलइ। ओकर नकर में एक प्रकार के दृढ़ता हलइ, एक प्रकार के हठ; कुछ तो जोशीला, उत्तेजित।

"जानऽ हो, वान्या", कहलकइ, "दया करऽ, हमरा भिर से चल जा, तूँ हमरा बहुत सतावऽ ..."

हम अरामकुरसी पर से उठ गेलिअइ आउ वर्णनातीत आश्चर्य से ओकरा दने तक्के लगलिअइ।

"हमर मित्र, नताशा! की बात हउ? की होलउ?" हम आतंकित होल चीख पड़लिअइ।

"कुछ नञ् होलइ! सब, सब कुछ बिहान जान जइबऽ, लेकिन अभी तो अकेल्ले रहे लगी चाहऽ हूँ। सुनलहो, वान्या - अभी चल जा। हमरा एतना कष्टकारी, हमरा तोरा तरफ देखे में एतना कष्ट अनुभव हो रहलो !"

"लेकिन कम से कम हमरा एतना तो बताव ..."

"सब, सब कुछ बिहान जान जइबऽ! हे भगमान! तूँ जइबऽ की नञ्?"

हम निकस गलिअइ। हम एतना हक्का-बक्का होल हलिअइ, कि मोसकिल से समझ पा रहलिए हल कि हम की कर रहलूँ हँ। मावरा हमर पीछू प्रवेशमार्ग में दौड़ल अइलइ।

"की बात हइ, गोसाल हथुन?" हमरा पुछलकइ। "हमरा तो इनका भिर जाहूँ में डर लगऽ हके।"

"लेकिन एकरा की होले ?"

"बात ई हइ, कि हमन्हीं के (छोटका मालिक अर्थात् अल्योशा) तीन दिन से हमन्हीं हीं हुलकी नञ् मालका ह!"

"तीन दिन से?" हम अचरज से पुछलिअइ, "लेकिन नताशा खुद कल्हे बोलले हल, कि ऊ (अल्योशा) कल्हे सुबह में अइले हल आउ कल्हे शाम के फेर आवे लगी चाहऽ हलइ ..."

"कइसन शाम में! ऊ तो सुबहो में बिलकुल नञ् अइला हल! हम तोहरा कहऽ हियो, तीन दिन से हुलकी नञ् मालका ह। की नताशा खुद्दे बतइलथुन, कि ऊ सुबह में अइलथिन हल?"

" ई खुद्दे बोलले हल।"

"अच्छऽ", मावरा विचारमग्न होल कहलकइ, "मतलब, इनकर दिल के बड़गो ठेस पहुँचले होत, जब ई तोहरो सामने स्वीकार करे लगी नञ् चाहऽ हथुन, कि ऊ नञ् अइला हल। अच्छऽ, शाबाश!"

"लेकिन बात की हइ!" हम चिल्ला उठलिअइ।

"बात ई हइ, कि हमरा समझ में नञ् आवऽ हइ, कि इनका साथ की कइल जाय", मावरा बात जारी रखलकइ, अपन हाथ उपरे उछालते। "कल्हिंएँ ई उनका हीं भेजब करऽ हला, लेकिन हमरा रस्तवे से दू तुरी घुराऽ लेलका। आउ आझ तो हमरा से बोलहूँ लगी नञ् चाहऽ हका। अगर खाली तूँ उनका (अल्योशा के) देख लेतहो हल। हमरा तो इनका से दूर जाहूँ के साहस नञ् होवऽ हइ।"

हम तो आपा खोल ज़ीना से तेजी से उतरे लगलिअइ।

"शाम के तो हमन्हीं हीं अइबहो न?" मावरा हमरा पीछू चिल्लइलइ।

"देखल जइतइ", हम रस्ता से उत्तर देलिअइ। "हम, शायद, खाली तोरा हीं अइबउ आउ पुछबउ - " 'की हाल-चाल हइ?' अगर खाली हम खुद जिन्दा होबउ।"

हमरा वास्तव में लग रहले हल, कि हमर ठीक दिल पर कुछ तो प्रहार कइलके हल।


भूमिका                       भाग 2, अध्याय 8                   भाग 2, अध्याय 10

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