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Sunday, September 05, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 2; अध्याय 8

                                    अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 2

अध्याय 8

हम बहुत जल्दी उठ गेलिअइ। रातो भर हम लगभग हरेक आध घंटा पर जग जा हलिअइ, अपन बेचारी अतिथि भिर जा हलिअइ आउ ध्यानपूर्वक ओकरा दने देखऽ हलिअइ। ओकरा बोखार हलइ आउ हलका सरसाम। लेकिन सुबह होवे बखत ओकरा गढ़गर नीन आ गेलइ। ई एगो निम्मन संकेत हलइ, हम सोचलिअइ, लेकिन सुबह में जगला पर, जल्दी से जल्दी, जब तक कि बेचारी सुत्तल हलइ, डाक्टर के पास दौड़ल जाय के फैसला कइलिअइ। [*277] हम एक डाक्टर के जानऽ हलिअइ, अविवाहित आउ उदार बुढ़उ, जे स्मरणातीत काल से व्लादिमिर्स्की स्ट्रीट में अपन जर्मन गृह-व्यवस्थापक के साथ रह रहलथिन हल। उनके हीं हम रवाना होलिअइ। ऊ हमरा हीं दस बजे आवे के वचन देलथिन। आठ बजले हल, जब हम उनका हीं पहुँचलिअइ। हमरा बहुत मन कइलकइ कि मस्लोबोयेव के रस्ता से होके जइअइ, लेकिन हम अपन विचार बदल लेलिअइ - ऊ, शायद, कलहीं से अभी तक सुत्तल होतइ, आउ एकरा अलावे एलेना जग जा सकऽ हलइ आउ, शायद, हमरा बेगर डर जा सकऽ हलइ, खुद के हमर फ्लैट में देखके। अपन रोगग्रस्त दशा में ऊ भूल जा सकऽ हलइ - कइसे, कब आउ कउन तरीका से ऊ हमरा हीं पहुँच गेलइ।

ऊ ठीक ओहे पल जगलइ, जब हम कमरा में प्रवेश कइलिअइ। हम ओकरा भिर गेलिअइ आउ सावधानी से पुछलिअइ कि ओकर तबीयत कइसन हइ। ऊ जवाब नञ् देलकइ, लेकिन देर-देर तक आउ एकटक हमरा दने अपन भावपूर्ण कार आँख से तकते रहलइ। ओकर नजर से हमरा लगलइ, कि ओकरा सब कुछ समझ मेम आवऽ हइ आउ पूरे होश-हवाश में हइ। ऊ हमरा तो जवाब नञ् देलकइ, शायद, अपन हमेशे के आदत के कारण। आउ कल्हे आउ परसुन, जब ऊ हमरा हीं अइले हल, त हमर कुछ सवाल के जवाब में एक्को शब्द नञ् बोलले हल, बल्कि खाली अचानक अपन लमगर, एकटक नजर से देखे लगले हल, जेकरा में अचरज आउ अत्यंत कौतूहल के साथ-साथ आउ कइसनो विचित्र स्वाभिमान हलइ। अभिए हम ओकर नजर में कठोरता आउ मानु अविश्वास भी नोटिस कइलिअइ। हम ओकर निरार पर हाथ रखहीं वला हलिअइ, ई जाने लगी कि कहीं ओकरा बोखार तो नञ् हइ, लेकिन ऊ चुपचाप आउ शांतिपूर्वक अपन छोटकुन्ना हाथ से हमर हाथ के हटा देलकइ आउ अपन चेहरा देवाल दने मोड़ लेलकइ। हम दूर चल गेलिअइ ताकि ऊ बेचैन नञ् होवइ।

हमरा पास एगो बड़गो चायदानी हलइ। हम बहुत पहिलहीं से समावार के स्थान पर एकर प्रयोग करऽ हलिअइ आउ एकरा में पानी उबालऽ हलिअइ। हमरा पास जरामन (जलावन) हलइ, दरबान हमरा लगी एक तुरी लइलके हल, जे पाँच दिन तक चल सकऽ हलइ। हम स्टोव जलइलिअइ, पानी लावे गेलिअइ आउ एकरा पर चायदानी (केतली) रख देलिअइ। हम चाय के समान सब टेबुले पर रखले हलिअइ। एलेना हमरा दने मुड़लइ आउ सब कुछ के उत्सुकतापूर्वक देखलकइ। हम ओकरा पुछलिअइ, कि ओकरो कुछ चाही की। लेकिन ऊ फेर से हमरा दने से मुँह फेर लेलकइ आउ कोय जवाब नञ् देलकइ।

"हमरा पर ऊ काहे लगी गोसाल हइ?" हम सोचलिअइ। "विचित्र लड़की!"

हमर बुढ़उ डाक्टर अइलथिन, जइसन कि कहलथिन हल, दस बजे। ऊ रोगी के अपन पूरे जर्मन सतर्कता से जाँच कइलथिन आउ हमरा बड़गो ढाढ़स बन्हइलथिन, ई कहके, कि हलाँकि बोखार के स्थिति हइ, लेकिन खतरा के कोय बात नञ् हइ। ऊ आगू बोललथिन, कि ओकरा आउ कोय दोसर, चिरकालिक रोग होवे के चाही, एक प्रकार के कुछ अनियमित हृदय धड़कन के, 'लेकिन एकरा लगी विशेष प्रेक्षण के आवश्यकता होतइ, अभी तो ऊ खतरा के बाहर हइ'। ऊ एगो मिश्रण के नुसखा लिखलथिन आउ कइसनो चूर्ण, आवश्यकता से जादे रिवाज के अनुसार, आउ तुरते हमरा पुच्छे लगलथिन लि ई हमरा हीं कइसे अइलइ। तखनिएँ ऊ अचरज से हमर फ्लैट के मुआइना करे लगलथिन। ई बुढ़उ बड़गो बातूनी हलथिन।

एलेना के देखके ऊ अचंभित हो गेलथिन; ऊ अपन हाथ दूर कर लेलकइ, जब डाक्टर ओकर नब्ज जाँचे लगलथिन, आउ उनका ऊ जीभ देखावे लगी नञ् चहलकइ। उनकर सब प्रश्न के एक्को शब्द उत्तर नञ् देलकइ, बल्कि हमेशे एकटक उनकर विशाल स्तानिस्लाव पदक (ऑर्डर) तरफ देखते रहलइ, जे उनकर गियारी से झूल रहले हल।

 "ओकरा, [*278] शायद, सिर में बहुत दरद हइ", बुढ़उ टिप्पणी कइलथिन, "लेकिन ऊ कइसे एकटक एकटक तक्कऽ हइ!" हम उनका एलेना के बारे बताना जरूरी नञ् समझलिअइ आउ बहाना बना देलिअइ, कि ई एगो लमगर कहानी हइ।

"हमरा खबर करथिन, अगर जरूरत पड़इ", ऊ कहलथिन, जइते-जइते। "लेकिन अभी तो कोय खतरा के बात नञ् हइ।"

हम दिन भर एलेना के साथ रहे के निर्णय कइलिअइ आउ, यथासंभव, ओकरा बिलकुल ठीक होवे तक अकेल्ले नञ् छोड़ल जाय के चाही। लेकिन ई जानते, कि नताशा आउ आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिंतित होते जइतइ, हमरा बेकार में इंतजार करते, हम कम से कम नताशा के शहर के पत्र द्वारा सूचित करे के निश्चय कइलिअइ, कि हम आझ ओकरा हीं नञ् जइबइ। आन्ना अन्द्रेयेव्ना के लिखना संभव नञ् हलइ। ऊ हमरा खुद्दे हमेशे लगी एक्के तुरी निवेदन कइलके हल, कि हम ओकरा पास पत्र नञ् भेजिअइ, जब हम ओकरा नताशा के बेमार रहला के दौरान एक तुरी पत्र भेजलिए हल। "आउ बुढ़उ नाक-भौं सिकोड़थुन, जब ऊ तोर पत्र देखथुन", ऊ बोललइ, "नेकदिल होवे से उनका जाने के तो बहुत मन करऽ हको, कि पत्र में की हइ, लेकिन ऊ पुछियो तो नञ् सकऽ हथिन, कुछ फैसला नञ् कर सकऽ हथिन। आउ ओहे से दिन भर बेचैन रहथिन। आउ एकरा अलावे, बबुआ, पत्र से तूँ तो खाली हमरा चिढ़इबइ। आउ बीस लाइन कउची हइ! आउ विस्तार से जाने के मन करतो, लेकिन तूँ तो रहबऽ नञ्।" आउ ओहे से खाली नताशा के लिखलिअइ आउ, जब दवाखाना में नुसखा लेके गेलिअइ, त हम पत्र भी तुरते भेज देलिअइ।

एहे दौरान एलेना फेर से सुत गेलइ। नीन में ऊ हलका सन कराहऽ हलइ आउ चौंक जा हलइ। डाक्टर के अंदाज सही हलइ - ओकरा सिर में जोर के दरद हलइ। बीच-बीच में ऊ चीख पड़ऽ हलइ आउ जग जा हलइ। ऊ हमरा तरफ उदासी से तक्कऽ हलइ, मानु हमर विशेष देखभाल पर ओकरा कष्ट होवऽ हलइ। हम स्वीकार करऽ हिअइ, हमरा ई बात से बहुत दुख होलइ।

एगारह बजे मस्लोबोयेव अइलइ। ऊ चिंतित हलइ आउ मानु अन्यमनस्क; ऊ खाली एक मिनट लगी अइलइ आउ कहीं लगी ओकरा जल्दीबाजी हलइ।

"अच्छऽ, भाय, हम तो आशा नञ् कइलियो हल, कि तूँ ठाट-बाट से रहऽ होतऽ", चारो बगली देखते ऊ टिप्पणी कइलकइ, "लेकिन, सच में, हम नञ् सोचलियो हल, कि हम तोरा अइसन संदूक में पइबो। आखिर ई तो संदूक हइ, न कि फ्लैट। खैर, लेकिन ई तो, मानल जाय, कुछ नञ् हइ, बल्कि मुख्य बात ऊ हइ, कि ई सब बाहरी चिंता तोरा खाली अपन काम से विचलित करऽ हको। एकरा बारे हम कल्हिंयों सोचलियो हल, जब हम सब गाड़ी से बुबनोवा के हियाँ जा रहलिए हल। हम तो आखिर, भाय, स्वभाव से आउ अपन सामाजिक स्थिति से ओइसन लोग में आवऽ हिअइ, जे खुद तो कुच्छो नञ् करऽ हइ, लेकिन दोसरा लोग के उपदेश दे हइ, कि ओकन्हीं काम करइ। अब सुन्नऽ - हम, शायद, बिहान चाहे परसुन तोरा हीं अइबो, आउ तूँ हमरा हीं एतवार के सुबह में जरूर अइहऽ। तब तक ई लड़की के मामला, आशा करऽ हियो, बिलकुल समाप्त हो जइतो; तभिए हम तोरा साथ गंभीरतापूर्वक चर्चा करबो, काहेकि तोरा बारे गंभीरतापूर्वक सोचे के चाही। अइसे तो नञ् रहे के चाही। हम तो तोरा कल्हे खाली इशारा कइलियो हल, लेकिन अब तर्कसहित प्रस्तुत करबो। आउ, आखिरकार, बतावऽ - तूँ की हमरा हीं से कुछ समय लगी पैसा लेवे में अपमान समझऽ हो? ..."

"लेकिन तूँ झगड़ा मत करऽ!" हम ओकरा टोकलिअइ। "बेहतर ई बतावऽ, हुआँ तोहन्हीं साथ मामला के अन्त कइसे होलो?"

"मामला अत्यंत निम्मन ढंग से अन्त होलइ, हमर लक्ष्य प्राप्त हो गेलइ, समझलहो? अभी तो हमरा पास समञ नञ्। मिनट भर लगी [*279] हम खाली ई सूचित करे लगी अइलियो, कि हमरा पास समय नञ् रहऽ हको आउ न तोरा लगी; लेकिन, संयोगवश, हमरा ई मालुम करे के हको - की, तूँ एकरा कहीं अलगे रखबइवहो, कि  खुद के हियाँ रखभो? काहेकि एकरा बारे सोचके फैसला करे के जरूरत हइ।"

"ई तो हम पक्का अभी नञ् जानऽ हियो आउ, स्वीकार करऽ हियो, तोहर इंतजार कर रहलियो हल, तोहरा से सलाह करे लगी। हम कउन, मसलन, आधार पर एकरा अपना पास रखबइ?"

"ए, एकरा में की, आखिर नौकरानी के रूप में ..."

"हम तोरा खाली निवेदन करऽ हियो, जरी धीरे बोलऽ। ऊ हलाँकि बेमार हइ, लेकिन बिलकुल होश में हइ, आउ जइसीं तोरा देखलको, त हम नोटिस कइलिअइ, मानु ऊ चौंक गेलइ। मतलब, कल के घटना ओकरा आद पड़ गेलइ ..."

तब हम ओकरा एकर चरित्र के बारे बतइलिअइ आउ ऊ सब कुछ, जे हम ओकरा में नोटिस कइलिए हल। हमर शब्द मस्लोबोयेव के रोचक लगलइ। हम आगू बोललिअइ, कि, शायद, हम ओकरा एक घर में रखबइबइ, आउ हम ओकरा अपन वृद्ध लोग के बारे बतइलिअइ। हमरा अचरज होलइ ई जानके, कि ओकरा आंशिक रूप से नताशा के कहानी मालुम हलइ आउ हमर सवाल पर कि ओकरा कइसे मालुम, त ऊ बोललइ -

"अइसीं; बहुत पहिलहीं, एगो मामला के संबंध में कुछ सुनाय पड़लइ। आखिर हम पहिलहीं तोरा बोललियो हल, कि हम प्रिंस वलकोव्स्की के जानऽ हिअइ। ई तूँ निम्मन काम कर रहलऽ ह, कि ओकरा ऊ वृद्ध लोग के पास भेज रहलहो ह।"

नञ् तो ऊ तोहरा खाली तोरा तकलीफ देतो। आउ अइकी एक बात - ओकरा कइसनो पासपोर्ट के जरूरत होतइ। एकर फिकिर मत करिहऽ; हम अपन भार पर ले हियो। अलविदा, आउ अकसर भेंट दिहऽ। अभी की ऊ सुत्तल हइ?"

"लगऽ तो हइ", हम उत्तर देलिअइ।

लेकिन जइसीं ऊ बाहर गेलइ, एलेना ओइसीं हमरा हाक मालकइ।

"ई केऽ हइ?" ऊ पुछलकइ। ओकर अवाज में कंपन हलइ, लेकिन ऊ हमरा दने लगातार ओइसीं एकटक आउ मानु अक्खड़ नजर से देख रहले हल। दोसरा तरह से हम व्यक्त नञ् कर सकऽ ही।

हम ओकरा मस्लोबोयेव के सरनेम बतइलिअइ आउ आगू कहलिअइ, कि ओकरे माध्यम से हम ओकरा बुबनोवा से छोड़इलिए हल आउ कि बुबनोवा ओकरा से डरऽ हइ। ओकर गाल अचानक चमके लगलइ मानु लाली से, शायद पहिले के घटना के संस्मरण से।

"आउ ऊ औरत कभियो हियाँ नञ् अइतइ?" एलेना पुछलकइ, हमरा तरफ सवालिया नजर से देखते।

हम ओकरा आश्वस्त करे लगी शीघ्रता कइलिअइ। ऊ चुप हो गेलइ, अपन गरम अँगुरी से हमर हाथ पकड़ लेलकइ, लेकिन तुरतम्मे एकरा छोड़ देलकइ, मानु होश में आ गेला पर। "अइसन नञ् हो सकऽ हइ, कि ऊ वास्तव में हमरा प्रति एतना घृणा अनुभव करऽ हइ", हम सोचलिअइ। "ई ओकर तरीका हइ, कि ... कि बेचारी खाली दुख देखलके ह, जेकरा चलते ऊ अब दुनियाँ के कइसनो अदमी पर विश्वास नञ् करऽ हइ।"

निश्चित कइल समय पर हम दवाय लावे गेलिअइ आउ एकरा साथे-साथ एगो परिचित रेस्तोराँ (शराबखाना) में, जाहाँ हम कभी-कभी भोजन करऽ हलिअइ आउ जाहाँ परी हमरा लगी उधार के मामले में विश्वास कइल जा हलइ। अबरी घर से निकसते बखत, ढक्कन सहित कुछ बरतन रख लेलिअइ आउ रेस्तोराँ से एलेना खातिर कुछ चिकेन सूप ले लेलिअइ। लेकिन ऊ खाय लगी नञ् चहलकइ, आउ सूप कुछ समय लगी स्टोव पर रहलइ।

ओकरा दवाय देके, हम अपन काम लगी बैठ गेलिअइ। हम सोच रहलिए हल, कि ऊ सुत्तल हइ, लेकिन, संयोगवश ओकरा तरफ नजर गेला पर, अचानक देखलिअइ, कि ऊ अपन सिर उठइलकइ आउ एकटक देखते रहलइ, कि हम कइसे लिक्खऽ हिअइ। हम देखावा कइलिअइ, कि हम ओकरा नञ् देखलिए हल।

आखिर ओकरा वास्तव में नीन आ गेलइ आउ, हमरा बड़गो खुशी होलइ, कि शांति से, बिन कोय बड़बड़ाहट आउ बिन कोय कराह के। हम चिंता में [*280] पड़ गेलिअइ; नताशा नञ् खाली, बिन ई जानले कि की बात हइ, हमरा पर गोस्सा होतइ, कि हम ओकरा हीं आझ नञ् गेलिअइ, बल्कि हियाँ तक कि, हम सोचलिअइ, शायद ठीक अइसन बखत पर हमर नञ् ध्यान देला से दुखी होतइ, जब, शायद, ओकरा हमर सबसे जादे जरूरत हइ। ओकरा शायद अभी कइसनो चिंता होतइ, हमरा कोय काम अर्हावे के होतइ, जबकि हम, मानु जान-बूझके, अनुपस्थित हिअइ।

जाहाँ तक आन्ना अन्द्रेयेव्ना के संबंध हइ, त हमरा बिलकुल नञ् मालुम हलइ, कि बिहान हम ओकरा कइसे बहाना बनाके टालबइ। हम बहुत सोचलिअइ आउ अचानक हम हुआँ आउ हियाँ दौड़ पड़े के फैसला कइलिअइ। हमर गैरहाजिरी खाली कुल्लम दू घंटा के हो सकतइ। एलेना तो सुत्तल हइ आउ सुनतइ नञ्, जब हम निच्चे उतरबइ। हम उठलिअइ, कोट पेन्हलिअइ, टोपी लेलिअइ, लेकिन जाहीं लगलिए हल, कि अचानक एलेना हमरा पुकरलकइ। हम अचंभित हो गेलिअइ - की वास्तव में ऊ सुत्ते के देखावा कर रहले हल?

हम संयोगवश टिप्पणी करऽ हिअइ - हलाँकि एलेना देखावा करऽ हलइ, कि मानु हमरा से बोले लगी नञ् चाहऽ हइ, लेकिन काफी अकसर के ई हाँक, हरेक कठिनाई में हमरा दने संबोधित करे के जरूरत, एकर विपरीत सिद्ध करऽ हइ आउ, स्वीकार करऽ हिअइ, कि ई हमरा लगी निम्मन भी हलइ।

"हमरा काहाँ सौंपे लगी चाहऽ हो?" ऊ पुछलकइ, जब हम ओकरा भिर पहुँचलिअइ। सामान्यतया ऊ अपन प्रश्न कइसूँ अचानके करऽ हलइ, हमरा लगी बिलकुल अप्रत्याशित। अबरी तो हम ओकरा समझियो नञ् पइलिअइ।

"अभी तो तूँ अपन मित्र के साथ बात कर रहलहो हल, कि हमरा कोय घर में देवे लगी चाहऽ हो। हमरा कहीं जाय के मन नञ् हके।"

हम ओकरा सामने झुक गेलिअइ - ऊ फेर से बोखार में तप रहले हल; ओकरा साथ फेर से बोखार के दौरा पड़ले हल। हम ओकरा सांत्वना देवे उ आश्वस्त करे लगलिअइ; ओकरा विश्वास देलइलिअइ, कि अगर ओकर मन हमरा साथ रहे के हइ, त हम ओकरा कहूँ नञ् देबइ। एतना बोलके, हम कोट आउ टोपी उतार देलिअइ। अइसन हालत में ओकरा अकेल्ले छोड़े के साहस नञ् कइलिअइ।

"नञ्, जा!" ऊ कहलकइ, तुरते अन्दाज लगाके, कि हम हियाँ रुक जाय लगी चाहऽ हिअइ। "हम सुत्ते लगी चाहऽ ही; हमरा अभी नीन आ जात।"

"लेकिन तूँ अकेल्ले कइसे रहमँऽ? ..." किंकर्तव्यविमूढ़ होल हम बोललिअइ। "हम, लेकिन, शायद दू घंटा में वापिस आ जइबउ ..."

"खैर, जा। नञ् तो पूरे एक बरिस तक हम बेमार रहबो, त तोरा पूरे साल भर घर से बाहर जाना नञ् होतो", आउ ऊ मुसकाय के प्रयास कइलकइ आउ कइसूँ विचित्र ढंग से हमरा दने तकलकइ, मानु कइसनो निम्मन भावना के साथ संघर्ष करते, जे ओकर हृदय में प्रतिध्वनित हो रहले हल। बेचारी! ओकर उदार, स्नेहमय हृदय बाहर हुलकलइ, अपन पूरे गैरमिलनसारी आउ स्पष्ट कड़वाहट के बावजूद।

पहिले हम आन्ना अन्द्रेयेव्ना के हियाँ गेलिअइ। ऊ हमर इंतजार बड़ी अधीरता से कर रहले हल आउ हमरा बुरा-भला सुनइते स्वागत कइलकइ; खुद अत्यंत बेचैनी में हलइ - निकोलाय सिर्गेयिच अभी दुपहर के भोजन के बाद अहाता से बाहर गेलथिन हल, लेकिन काहाँ - मालुम नञ्। हमरा आभास होलइ, कि बूढ़ी के पेट में बात नञ् रह पइलइ आउ उनका सब कुछ बता देलकइ, अपन आदत के अनुसार, संकेत  में।

ऊ, लेकिन, हमरा से लगभग स्वीकार कइलकइ ई बोलते, कि ओकरा से रहल नञ् गेलइ, कि उनका साथ अइसन खुशी के बाँटल नञ् जाय, लेकिन निकोलाय सिर्गेयिच, ओकर खुद के अभिव्यक्ति के अनुसार, बादर से भी जादे करिया रहलथिन, आउ कुछ नञ् बोललथिन, «बिलकुल चुप रहलथिन, हमर सवालो कइला पर कोय जवाब नञ् देलका», आउ अचानक भोजन के बाद तैयार होला आउ चल गेला। [*281] ई कहते, आन्ना अन्द्रेयेव्ना भय से लगभग काँप गेलइ आउ हमरा अपन साथ तब तक इंतजार करे लगी निवेदन कइलकइ, जब तक कि निकोलाय सिर्गेयिच वापिस नञ् आ जा हथिन। हम बहाना बनइलिअइ आउ ओकरा लगभग सीधे तौर पे बतइलिअइ, कि, शायद, हम बिहानो नञ् अइबइ आउ कि हम ठीक एहे कारण से अभी दौड़ल अइलिअइ, ताकि एकरा बारे पहिले सूचित कर दिअइ। अबरी हमन्हीं लगभग झगड़ पड़लिअइ। ऊ कन्ने लगलइ; ऊ साफ-साफ आउ कटुतापूर्वक हमरा बुरा-भला सुनइलकइ, आउ खाली जब हम दरवाजा से बाहर निकसलिअइ, ऊ अचानक हमरा तरफ गरदन से लिपट गेलइ, अपन दुन्नु बाँह से हमरा गले लगा लेलकइ आउ कहलकइ, कि हम ओकरा, "अनाथ", पर गोस्सा नञ् होइअइ, आउ ओकर शब्द पर बुरा नञ् मानिअइ।

नताशा के, आशा के वपरीत, फेर से हम अकेल्ले पइलिअइ, आउ - विचित्र बात ई, कि हमरा लगलइ, कि हमरा देखके अबरी ऊ एतना खुश नञ् हलइ, जेतना कि कल्हे आउ दोसरा तुरी। मानु हम ओकरा कोय तरह से चिढ़इलिए हल चाहे कोय बात में दखल देलिए हल। हमर ई सवाल परः की अल्योशा आझ अइलो हल? - ऊ जवाब देलकइः निस्सन्देह अइले हल, लेकिन कुछ देर लगी। आझ शाम के आवे के वचन देलके ह - ऊ आगू बोललइ, मानु विचारमग्न होल।

"आउ कल्हे शाम के अइलो हल?"

"न-नञ्। ओकरा रोक लेल गेले हल", ऊ आगू बोललइ। "अच्छऽ, वान्या, तूँ कइसन हकऽ?"

हम देखलिअइ, कि ऊ हमन्हीं के बातचीत के दबावे लगी चाहऽ हइ आउ कोय दोसरा कोय विषय तरफ मुड़े लगी चाहऽ हइ। हम ओकरा दने एकटक देखलिअइ - ऊ स्पष्टतः परेशान हलइ। लेकिन, ई नोटिस करके, कि हम ओकरा दने एकटक देखऽ हिअइ, ऊ अचानक तेजी से आउ कइसूँ गोस्सा से हमरा दने तकलकइ आउ एतना दृढ़तापूर्वक, कि मानु हमरा नजर से जला देतइ। "ओकरा फेर से शोक हइ", हम सोचलिअइ, "खाली हमरा बतावे लगी नञ् चाहऽ हइ"। ओकर हमरा बारे हाल-चाल के सवाल पर जवाब के रूप में हम ओकरा एलेना के पूरा कहानी सुनइलिअइ, पूरा विवरण के साथ। ओकरा अत्यंत रोचक लगलइ आउ हमर कहानी ओकरा प्रभावित भी कइलकइ।

"हे भगमान! आउ तूँ ओकरा अकेल्ले छोड़ देलहो, रोगी के!" ऊ चिल्लइलइ।

हम समझइलिअइ, कि हमरा ओकरा हीं आझ आवे के विचार नञ् हलइ, लेकिन सोचलिअइ, कि ऊ हमरा पर गोसइतइ आउ कि ओकरा हमर कोय जरूरत हो सकऽ होतइ।

"जरूरत", ऊ खुद से बोललइ, कुछ तो सोचते। "जरूरत तो, शायद, तोर हको, वान्या, लेकिन बेहतर कोय दोसरा समय में। की हमन्हीं हीं गेलहो हल?"

हम ओकरा बतइलिअइ।

"हे; भगमान जानऽ हइ, कि कइसे पिताजी अब ई सब समाचार के ले हथिन। लेकिन, एकरा में लेवे लायक की हइ ..."

"एकरा में लेवे के कउची हइ?" हम पुछलिअइ, "अइसन कायाकल्प!"

"हाँ,एहे बात हइ ... काहाँ ऊ फेर से चल गेलथिन? तबरी तूँ सोचऽ हलहो कि ऊ हमरा हीं गेलथिन होत। देखऽ हो, वान्या, अगर बन सको त बिहान हमरा हीं आवऽ। शायद, हम हम तोरा कुछ बतइयो ... खाली तोरा तकलीफ देवे में शरम लगऽ हको; लेकिन अभी तो तूँ घर जा अपन अतिथि के पास। शायद लगभग दू घंटा हो गेलो होत तोहरा घर से अइला?"

"हाँ। अलविदा, नताशा। अच्छऽ, तोरा साथ अल्योशा कइसन व्यवहार कइलकउ?"

[*282] "अच्छऽ अल्योशा, कुछ नञ् ... हमरा तो तोहर उत्सुकता पर अचरज होवऽ हको।"

"फेर भेंट होतउ, हमर दोस्त।"

"अलविदा।"

ऊ कइसूँ लापरवाही से हमरा तरफ हाथ देलकइ आउ हमर अन्तिम बिदाई के नजर से मुख मोड़ लेलकइ। हम ओकरा हीं से जरी अचंभित होल बाहर निकसलिअइ। "लेकिन", हम सोचलिअइ, "ओकरा पास कुछ तो सोचे लगी हइ। ई मजाक नञ् हइ। आउ बिहान ऊ हमरा सबसे पहिले बतइतइ।"

हम उदास घर वापिस अइलिअइ आउ अत्यंत अचंभित हलिअइ, अभी-अभी दरवाजा के अन्दर गेलिअइ। अन्हार हो चुकले हल। हम देखलिअइ, कि एलेना सोफा पर बैठल हलइ, छाती पर सिर झुकइले, मानु गहरा सोच में।

ऊ हमरा दने तकवो नञ् कइलकइ, मानु ऊ विस्मरण में हलइ। हम ओकरा भिर गेलिअइ; ऊ कुछ तो खुद के फुसफुसइलइ। "कहीं सरसाम में तो नञ् हइ?" हम सोचलिअइ।

"एलेना, हमर मित्र, तोरा की हो गेलो ह?" हम पुछलिअइ, ओकर बगल में बैठते आउ ओकरा चारो तरफ से बाँह में लेते।

"हम हियाँ से चल जाय लगी चाहऽ हूँ ... बेहतर ओकरा हीं रहे लगी चाहऽ हूँ", ऊ बोललइ, हमरा तरफ बिन सिर उठइले।

"काहाँ? केकरा हीं?" हम अचरज से पुछलिअइ।

"ओकरा हीं, बुबनोवा हीं। ऊ हमेशे कहऽ हइ, कि हम ओकर बहुत सारा पैसा धारऽ हिअइ, कि ऊ हमर माय के अपन पैसा से दफनइलकइ ... हम नञ् चाहऽ हिअइ, कि ऊ हमर माय के गारी दे, हम ओकरा हीं काम करे लगी चाहऽ ही आउ ओकर पूरा पैसा चुकता कर देबइ ... तब ओकरा हीं से खुद चल जइबइ। लेकिन अभी हम फेर से ओकरा हीं जाम।"

"शांत हो, एलेना, ओकरा हीं नञ् जा सकऽ हँ", हम बोललिअइ। "ऊ तोरा तकलीफ देतउ; ऊ तोरा बरबाद कर देतउ ..."

"बल्कि मार देवे देहो, तकलीफ देवे देहो", जोश में ऊ बात पकड़के बोललइ, "हम पहिली नञ् हकिअइ; दोसरो हइ, जे हमरा से जादे तकलीफ झेलऽ हइ। ई बात हमरा रोड पर के एगो भिखमंगनी बोलले हल। हम गरीब हकूँ आउ गरीब रहे लगी चाहऽ हूँ। जिनगी भर हम गरीब रहम; अइसे हमर माय बोलल हल, जब ऊ मर रहल हल। हम काम करबइ ... हम ई पोशाक नञ् पेन्हे लगी चाहऽ हूँ ..."

"बिहान हम तोरा लगी दोसर खरीद देबउ। हम तोरा लगी कितब्बो लइबउ। तूँ हमरा हीं रहमँऽ। हम तोरा केकरो हीं नञ् देबउ, अगर तूँ खुद नञ् चाहमँऽ; शांत हो जो ..."

"हम एगो मजूरनी रहम।"

"ठीक हउ, ठीक हउ! खाली शांत हो जो, पड़ जो, सुत जो!"

लेकिन बेचारी लड़की लोर ढारे लगलइ। धीरे-धीरे ओकर लोर सुबक में बदल गेलइ। हमरा समझ में नञ् आ रहले हल, कि ओकरा साथ की करिअइ; ओकरा लगी पानी लइलिअइ, ओकर कनपट्टी, सिर के गीला कइलिअइ। आखिरकार ऊ सोफा पर लुढ़क गेलइ, बिलकुल अशक्त होल, आउ ओकरा साथ ज्वर कँपकँपी चालू हो गेलइ। हम ओकरा ओढ़ा देलिअइ, जे कुछ हमरा मिललइ, आउ ओकरा नीन पड़ गेलइ, लेकिन बेचैनी से मिनट-मिनट पर चौंकते आउ जग जइते। हलाँकि हम ई दिन जादे नञ् चललिए हल, लेकिन बहुत थक गेलिए हल आउ खुद्दे यथासंभव शीघ्र लेट जाय लगी निर्णय कइलिअइ। कष्टदायक चिंता हमर दिमाग में झुंड के झुंड मँड़रा रहले हल। हमरा आभास होलइ, कि ई लड़की के चलते हमरा बहुत कष्ट होत। लेकिन सबसे जादे हमरा नताशा आउ ओकर मामला के चिंता हलइ। सामान्यतः, हमरा अब आद पड़ऽ हइ, विरले हम एतना अवसाद के स्थिति में पड़लूँ हल, जेतना कि ई दुर्भाग्यपूर्ण रात्रि में सुत्ते के बखत।


भूमिका                       भाग 2, अध्याय 7                   भाग 2, अध्याय 9

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