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Friday, October 07, 2016

रूसी उपन्यास "आझकल के हीरो" ; भाग-2 ; 2. राजकुमारी मेरी - अध्याय-10



रूसी उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-2
2. राजकुमारी मेरी - अध्याय-10

5 जून

बॉल नृत्य से आध घंटा पहिले, ग्रुशनित्स्की पैदल सेना के अफसर के पूरे चमक-दमक वरदी में हमरा भिर प्रकट होलइ । तेसरा बोताम से एगो काँसा के छोटगर चेन संलग्न हलइ, जेकरा से डबल लॉर्नेत लटकल हलइ; अविश्वसनीय साइज के स्कंधिका (epaulettes), कामदेव के डैना नियन, उपरे दने मोड़ल हलइ; ओकर बूट चरचरा हलइ; बामा हाथ में मेमना के चमड़ा के भूरा रंग के दस्ताना आउ टोपी धइले हलइ, आउ दहिना से मिनट-मिनट पर अपन घुंघराल छोटगर-छोटगर गुच्छेदार बाल पर हाथ फेरब करऽ हलइ । ओकर चेहरा पर आत्मविश्वास आउ साथे-साथ एक प्रकार के अविश्वास के भाव परिलक्षित हो रहले हल । ओकर आनंदमय बाह्यरूप, ओकर अभिमानी हरक्कत हमरा ठहाका मारे लगी बाध्य कर देते हल, अगर ई हमर मंशा के अनुकूल होते हल ।

ऊ टोपी आउ दस्ताना टेबुल पर फेंक देलकइ आउ कोट-टेल के घींच-घाँचके सरियावे लगलइ आउ खुद के अइना के सामने समारे लगलइ । एगो बड़गर कार रूमाल, जे ओकर टाई लगी अत्यंत उँचगर स्टिफनर (चुस्त बनावे वला) के चारो दने लपेटल हलइ, जेकर नोक ओकर ठुड्डी के सहारा देब करऽ हलइ, ओकर कालर से आधा विर्शोक (लगभग 2.2 सें.मी.) उपरे हलइ । ओकरा ई काफी नयँ लगलइ - ऊ एकरा उपरे घींचके कान तक ले गेलइ । चूँकि वरदी के कालर बहुत चुस्त आउ असुविधाजनक हलइ, अइसन कठिन काम के चलते ओकर चेहरा पर अधिक रक्त-संचालन हो गेलइ ।
"लोग के कहना हइ, कि तूँ हाल के दिन हमर राजकुमारी के पीछू पड़ल रहलहो ह ?" ऊ काफी लापरवाही के लहजा में कहलकइ आउ बिन हमरा दने नजर कइले ।
"हमन्हीं जइसन मूरख के काहाँ चाय पीए के !" ओकरा हम उत्तर देलिअइ, पहिलौका जमाना के सबसे चतुर निकम्मा लोग में से एक के प्रिय उक्ति के दोहरइते, जेकर कभी पुश्किन गुणगान कइलथिन हल [1] ।
"जरी हमरा बतइबहो, की ई वरदी हमरा पर फब्बऽ हइ ? ... ओह, अभिशप्त यहूदी ! ... कँखिया भिर ई केतना काटऽ हइ ! ... तोहरा पास इत्र हको ?"
"हे भगमान ! तोरा आउ की चाही ? तोर देह से तो अइसीं एतना गुलाबी अंगराग (pomade) के गंध आवऽ हको..."
"कोय बात नयँ । जरी द तो एद्धिर ..."
ऊ आधा शीशी अपन टाई पर, नाक में इस्तेमाल करे वला रूमाल पर, आउ आस्तीन पर उँड़ेल लेलकइ ।
"तूँ नृत्य करे जा रहलो ह ?" ऊ पुछलकइ ।
"हमर तो अइसन विचार नयँ हइ ।"
"हमरा आशंका हके, कि हमरा छोटकी राजकुमारी के साथ माज़ुर्का नृत्य करे पड़त, आउ हमरा एकरा बारे कुछ नयँ मालूम ..."
"आउ तूँ उनका भिर माज़ुर्का के प्रस्ताव रखलहो ह ?"
"अभी तक तो नयँ ..."
"ध्यान रखिहऽ, कि तोहरा से पहिले कोय अधिकार नयँ कर ले ..."
"वास्तव में ?" अपन निरार पर प्रहार करके ऊ बोललइ । "अलविदा ... हम उनका प्रवेश द्वार पर इंतजार करे जा रहलिए ह ।" ऊ टोपी उठइलकइ आउ दौड़ पड़लइ ।
आध घंटा के बाद हमहूँ प्रस्थान कइलिअइ । रस्ता में अन्हेरा हलइ आउ रस्ता विरान हलइ । क्लब चाहे कलाली, जे भी कहल जाय, में लोग के भीड़ हलइ । एकर खिड़की सब में रोशनी हलइ । शाम के हावा, रेजिमेंट बैंड के अवाज हमरा तक पहुँचा रहले हल । हम धीरे-धीरे जा रहलिए हल । हम उदास हलिअइ ... "की वास्तव में", हम सोचलिअइ, "पृथ्वी पर हमर एक्के उद्देश्य हइ - दोसर लोग के आशा के नष्ट करना ? जबसे हम जिनगी जीयऽ हिअइ आउ कर्म करऽ हिअइ, भाग्य हमरा हमेशे दोसर के नाटक के अंतिम भूमिका अदा करे लगी आगू लइलकइ, मानूँ हमरा बेगर कोय न नयँ मर सकऽ हलइ, आउ न हताश हो सकऽ हलइ ! हम नाटक के पचमा अंक के अनिवार्य पात्र हलिअइ; जाने-अनजाने हम एगो जल्लाद चाहे विश्वासघाती के दयनीय भूमिका अदा कइलिअइ । एकरा में भाग्य के की उद्देश्य हलइ ? ... कहीं हम ओकरा से मध्यम वर्ग के त्रासदी आउ पारिवारिक उपन्यास के रचियता तो नियुक्त नयँ कइल गेलिअइ - चाहे कथा के आपूर्ति करे वला के सहयोगी के रूप में, उदाहरणार्थ, "वाचन लगी पुस्तकालय" [2] हेतु ? ... ई कइसे जानल जाय ? ... की अइसन लोग कम हइ, जे जिनगी के शुरुआत में, सोचते जा हइ, कि ऊ एकरा सिकंदर महान चाहे लॉर्ड बायरन (Byron) बनके अंत करतइ, आउ तइयो पूरे जिनगी तक टिट्यूलर काउंसेलर (अर्थात् निम्न दर्जा के सरकारी नौकर) के पद तक रह जा हइ ? ...

हॉल में प्रवेश करके हम पुरुष लोग के भीड़ में छिप गेलिअइ आउ हम अपन प्रेक्षण करे लगलिअइ । ग्रुशनित्स्की छोटकी राजकुमारी भिर खड़ी हलइ आउ कुछ तो बड़गो जोश में बोल रहले हल । ऊ ओकरा अन्यमनस्क होल सुन रहलथिन हल, अगल-बगल नजर डाल रहलथिन हल, एगो पंखा अपन ठोर से लगइले । उनकर चेहरा से अधीरता चित्रित हो रहले हल, आँख चारो दने केकरो तो ढूँढ़ रहले हल । हम पीछू से दबे पाँव नगीच गेलिअइ, ताकि उनकन्हीं के बातचीत सुन सकिअइ ।

"अपने हमरा यातना देब करऽ हथिन, राजकुमारी !" ग्रुशनित्स्की बोललइ, "पिछलौका समय मिल्ले के समय से अपने भयंकर रूप से बदल गेलथिन हँ ..."
"अपनहूँ बदल गेलथिन हँ", ऊ उत्तर देलथिन, ओकरा पर एगो तेज नजर डालते, जेकरा में ऊ रहस्यमय व्यंग्य के भाँप नयँ सकलइ ।
"हम ? हम बदल गेलिए ह ? ... ओह, कभी नयँ ! अपने जानऽ हथिन, कि ई असंभव हइ ! जे अपने के एक तुरी देखलकइ, ऊ हमेशे लगी अपन साथ अपने के दैवी प्रतिमा के वहन करतइ ।"
"बस करथिन ..."
"काहे नयँ अपने अभी ऊ सुन्ने लगी चाहऽ हथिन, जे बिलकुल हाले में, आउ एतना अकसर, प्रेमपूर्वक सुनलथिन?..."
"काहेकि हमरा पुनरावृत्ति पसीन नयँ", ऊ हँसते उत्तर देलथिन ...
"ओह, हमरा से बड़गो गलती हो गेलइ ! ... हम, पागल नियन, सोच रहलिए हल, कि कम से कम ई स्कंधिका हमरा आशा करे के अधिकार देतइ ... नयँ, बेहतर ई होते हल कि हम ऊ घृणास्पद फौजी ओवरकोट में रहतिए हल, जेकरा से, शायद, अपने के ध्यान आकृष्ट हो सकते हल ..."
"वास्तव में, अपने के ओवरकोट बहुत जादे सुट करऽ हइ ..."

एहे क्षण हम छोटकी राजकुमारी भिर गेलिअइ आउ झुकके अभिवादन कइलिअइ । शरम से उनकर चेहरा जरी लाल हो गेलइ आउ ऊ तेजी से बोल गेलथिन –
"की ई सही नयँ हइ, मिस्टर पिचोरिन, कि धूसर ओवरकोट मिस्टर ग्रुशनित्स्की के बहुत जादे सुट करऽ हइ ? ..."
"हम अपने से सहमत नयँ हिअइ", हम उत्तर देलिअइ, "ई वरदी में ऊ आउ जादे नौजवान देखाय दे हथिन ।"
ग्रुशनित्स्की ई प्रहार के बरदास नयँ कर पइलकइ । सब लड़कन नियन, ऊ खुद के प्रौढ़ समझऽ हइ । ऊ सोचऽ हइ, कि ओकर चेहरा पर भावना के गहरा चिह्न, समय के छाप के स्थान ले लेतइ । ऊ हमरा पर एगो भीषण दृष्टि (furious glance) डललकइ, गोड़ पटकलकइ आउ सीधे निकस गेलइ ।

"आउ कबूल करथिन", हम राजकुमारी के कहलिअइ, "कि हलाँकि ऊ हमेशे हास्यजनक हलइ, लेकिन तइयो हाल में ऊ अपने के रोचक लगलइ ... धूसर ओवरकोट में ? ..."
ऊ नजर निच्चे कर लेलथिन आउ जवाब नयँ देलथिन ।

ग्रुशनित्स्की पूरे शाम छोटकी राजकुमारी के पीछू लगल रहलइ, नृत्य कइलकइ या तो उनका साथ, चाहे उनकर सामने । ऊ नजर से उनका मानूँ निंगलऽ हलइ, आह भरऽ हलइ, आउ उनका मिन्नत आउ ताना से बोर कइलकइ । तेसरा काद्रिल नृत्य के बाद ऊ ओकरा से घृणा करे लगलथिन ।
"हम तोरा से अइसन अपेक्षा नयँ कइलियो हल", हमरा भिर आके आउ हमर हाथ पकड़के, ऊ कहलकइ ।
"की ?"
"तूँ उनका साथ माज़ुर्का नृत्य करे वला हकहो ?" ऊ गंभीर स्वर में पुछलकइ । "ऊ हमरा भिर कबूल कइलथिन ..."
"त एकरा से की ? की वास्तव में ई रहस्य हइ ?"
"जाहिर हइ ... हमरा ई छिछोरी लड़की से अइसने अपेक्षा करे के चाही हल ... एगो नाज-नखरा वली से ... हम तो एकर बदला लेबइ !"
"अपन ओवरकोट चाहे अपन स्कंधिका के दोष देहो, लेकिन उनका काहे लगी ? एकरा में उनकर की दोष हइ, कि तूँ उनका अब पसीन नयँ हकहो ? ..."
"त आशा काहे लगी देवे के ?"
"तूँ आशा काहे लगी कइलहो ? कोय चीज के इच्छा करना आउ एकरा लगी प्रयास करना - ई बात तो समझऽ हिअइ, लेकिन आशा केऽ करऽ हइ ?"
"तूँ बाजी जीत लेलऽ - खाली पूरा नयँ", कुटिलतापूर्वक मुसकइते ऊ बोललइ ।

माज़ुर्का नृत्य चालू हो गेलइ । ग्रुशनित्स्की खाली छोटकी राजकुमारी के चुन रहले हल, दोसर-दोसर सहायक मिनट-मिनट उनके चुनाव करब करऽ हलइ । ई स्पष्ट रूप से हमर विरोध में षड्यंत्र हलइ । बहुत निम्मन । उनका हमरा साथ बात करे के मन हइ, लेकिन ओकन्हीं बाधा देते जा हइ - त उनका आउ दोगना जादे इच्छा होतइ ।

हम दू तुरी उनका साथ हाथ मिलइलिअइ, आउ दोसरा तुरी ऊ अपन हाथ घींच लेलथिन, बिन कोय शब्द बोलले ।
"हमरा आझ रात ठीक से नीन नयँ आवत", माज़ुर्का खतम होला पर ऊ हमरा से बोललथिन ।
"एकरा में ग्रुशनित्स्की के दोष हइ ।"
"ओह, नयँ !" आउ उनकर चेहरा एतना विचारमग्न, एतना उदास, हो गेलइ, कि हम खुद के वचन देलिअइ कि ई शाम हम उनकर हाथ के जरूर चुंबन लेबइ ।
लोग जाय लगलइ । छोटकी राजकुमारी के करेता (घोड़ागाड़ी) में बैठाके, हम तेजी से उनकर छोटगर हाथ के अपन ठोर से दाब लेलिअइ । अन्हार हलइ, आउ केकरो ई देखाय नयँ देलकइ ।
हम बहुत आत्मसंतुष्ट होल हॉल में वापिस अइलिअइ ।

एगो बड़का टेबुल पर कइएक नवयुवक भोजन कर रहले हल, आउ ओकन्हिंएँ बीच ग्रुशनित्स्की भी । जब हम अंदर अइलिअइ, त सब कोय चुप हो गेते गेलइ । स्पष्ट हलइ, कि ओकन्हीं हमरा बारे बतियाऽ रहते गेले हल । पिछलौका बॉल नृत्य के बखत से कइएक लोग हमरा पर उखड़ल हइ, खास करके पैदल सेना के कप्तान, आउ अभी, लगऽ हइ, ग्रुशनित्स्की के नेतृत्व में, हमर विरोध में, पक्का शत्रु के एगो गिरोह के निर्माण कइल गेले ह । ओकर चेहरा पर केतना अभिमान आउ साहस के मुद्रा हइ ...

हम बहुत खुश हकूँ । हमरा शत्रु लोग पसीन हके, हलाँकि क्रिश्चियन अर्थ में नयँ । ओकन्हीं हमरा मनोरंजन करऽ हइ, हमर खून के उत्तेजित करऽ हइ । हमेशे सवधान रहना, हरेक निगाह के आउ हरेक शब्द के अर्थ पकड़ना, नीयत के अंदाज लगाना, षड्यंत्र के नष्ट करना, ठगाय के देखावा करना, आउ अचानक ओकन्हीं के चलाकी आउ प्लान के सब्भे विशाल आउ बहुश्रमनिर्मित महल के एक्के धक्का में उलट देना - एकरे हम जिनगी कहऽ हिअइ ।

भोजन के दौरान ग्रुशनित्स्की सेना के कप्तान के साथ कानाफूसी आउ आँख के इशारा के आदान-प्रदान कर रहले हल ।

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