रूसी
उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-2
2.
राजकुमारी मेरी - अध्याय-22
दोसरा
दिन सुबहे, उच्च प्राधिकारी से किला एन॰ लगी रवाना होवे के औडर पाके, हम राजकुमारी
से विदा होवे खातिर उनका हीं भेंट देलिअइ । ऊ अचंभित हो गेलथिन, जब उनकर प्रश्न
"की अपने के कुछ विशेष महत्त्व के बात कहे के हइ ?" के हम उत्तर देलिअइ,
कि उनकर हम सुख के कामना करऽ हिअइ, इत्यादि ।
"लेकिन
हमरा अपने साथ बहुत गंभीर बात करे के हइ ।"
हम
चुप बैठल रहलिअइ । स्पष्ट हलइ, कि उनका ई समझ में नयँ आ रहले हल कि कउची से शुरू कइल
जाय; चेहरा उनकर ललहन हो गेलइ, उनकर मोटगर अँगुरी टेबुल पर लयदार थाप देब करऽ हलइ ।
आखिरकार ऊ ई तरह अवरुद्ध स्वर में शुरू कइलथिन -
"सुनथिन,
मौँस्यऽ [Monsieur - (फ्रेंच) मिस्टर] पिचोरिन ! हमरा लगऽ हइ, कि अपने एगो कुलीन व्यक्ति
हथिन।"
हम
सिर झुकाके अभिवादन कइलिअइ ।
"हम
ई मामले में आश्वस्त हिअइ", ऊ बात जारी रखलथिन, "हलाँकि अपने के व्यवहार
कुछ संशयास्पद हइ । लेकिन अपने के साथ कुछ कारण हो सकऽ हइ, जेकरा बारे हमरा मालूम नयँ,
आउ ओकरा बारे तो अब हमरा विश्वास के साथ बतावे के चाही । अपने हमर बेटी के तोहमत से
रक्षा कइलथिन, ओकरा लगी द्वंद्वयुद्ध कइलथिन - परिणामस्वरूप, अपन जिनगी के जोखिम उठइलथिन
... उत्तर नयँ देथिन, हम जानऽ हिअइ, कि अपने ई बात के स्वीकार नयँ करथिन, काहेकि ग्रुशनित्स्की
मारल गेलइ (ऊ क्रॉस कइलथिन) । भगमान ओकरा माफ कर देथिन - आउ, आशा करऽ हिअइ, अपने के
भी ! ... एकर हमरा से संबंध नयँ हइ, हम अपने के बारे निर्णय नयँ कर सकऽ हिअइ, काहेकि
हमर बेटी हलाँकि निर्दोष हइ, लेकिन एकरा लगी कारण हलइ । ऊ हमरा सब कुछ बतइलकइ ... हमरा
लगऽ हइ, सब कुछ । अपने ओकरा से अपन प्रेम के
इजहार कइलथिन हल ... ऊ अपने के प्रति अपन प्रेम स्वीकार कइलके हल (हियाँ परी राजकुमारी
एगो भारी उच्छ्वास लेलथिन) । लेकिन ऊ बेमार हइ, आउ हमरा पक्का विश्वास हइ, कि ई एगो
साधारण बेमारी नयँ हइ ! एगो रहस्यमय शोक ओकरा मार रहले ह; ऊ स्वीकार नयँ करऽ हइ, लेकिन
हमरा पक्का विश्वास हइ, कि एकर कारण अपने हथिन ... सुनथिन - अपने, शायद, सोचऽ हथिन,
कि हम रैंक (ओहदा), आउ बड़गो धन-दौलत खोजऽ हिअइ - बेफिकिर रहथिन ! अइसन कुछ बात नयँ
हइ। हम खाली अपन बेटी के खुशी चाहऽ हिअइ । अपने के अभी के परिस्थिति अवांछनीय हइ, लेकिन
ई सुधर सकऽ हइ । अपने के साधन हइ; अपने के हमर बेटी प्यार करऽ हइ, ओकर लालन-पालन अइसन
होले ह, कि अपन पति के खुश रखतइ - हम धनी हिअइ, ऊ हमर एकलौती बेटी हइ ... बोलथिन, कउची
अपने के रोकले हइ ? ... देखथिन, हमरा ई सब कुछ अपने के नयँ बोले के चाही हल, लेकिन
हम अपने के दिल पर, अपने के प्रतिष्ठा पर भरोसा करऽ हिअइ । आद रखथिन, हमरा एक्के बेटी
हइ ... एक्के गो ..."
ऊ
कन्ने लगलथिन ।
"राजकुमारी",
हम कहलिअइ, "हमरा लगी अपने के उत्तर देना असंभव हइ । हमरा अपने के बेटी से एकांत
में बात करे के अनुमति देथिन ..."
"कभी
नयँ !" ऊ चीख पड़लथिन, अत्यधिक उत्तेजित होल कुरसी पर से उठते ।
"जइसन
अपने के मर्जी", चल जाय के तैयारी करते हम उत्तर देलिअइ ।
ऊ
विचारमग्न हो गेलथिन, हमरा इंतजार करे लगी अपन हाथ से इशारा कइलथिन, आउ बाहर निकस गेलथिन
।
पाँच
मिनट गुजर गेलइ । हमर दिल जोर-जोर से धड़क रहले हल, लेकिन विचार सब शांत हलइ, सिर ठंढा
। केतनो हम अपन दिल में प्यारी मेरी लगी प्रेम के बल्कि एक्को चिनगारी काहे नयँ ढूँढ़लिअइ,
लेकिन हमर प्रयास व्यर्थ हलइ ।
अइकी
दरवाजा खुललइ, आउ ऊ अंदर अइलथिन । हे भगमान ! जब हम उनका पिछले तुरी देखलिए हल, ऊ समय
से अभी केतना बदल गेलथिन हल - आउ की ई बहुत पहिले के बात हइ ?
कमरा
के बीच तक पहुँचला पर ऊ लड़खड़ा गेलथिन । हम उछलके खड़ी हो गेलिअइ, उनका हाथ देलिअइ आउ
उनका अरामकुरसी तक लइलिअइ ।
हम
उनकर सामने खड़ी रहलिअइ । हमन्हीं दुन्नु देर तक चुप रहलिअइ । उनकर बड़गर-बड़गर आँख, अनिर्वचनीय
शोक से भरल, लगलइ, कि हमर आँख में आशा से मिलते-जुलते कुछ तो खोजब करऽ हलइ । उनकर पीयर
ठोर मुसकाय के व्यर्थ प्रयास कइलकइ । उनकर नाजुक हाथ, टेहुना पर आड़े-तिरछे टिकावल,
एतना पतरा आउ पारदर्शक (स्वच्छ) हलइ, कि हमरा उनका पर तरस अइलइ ।
"राजकुमारी",
हम कहलिअइ, "अपने जानऽ हथिन, कि हम अपने पर हँसलिअइ ? ... अपने के हमरा से घृणा
करे के चाही ।"
उनकर
गाल पर एगो रोगजन्य ललाई प्रकट होलइ ।
हम
बात जारी रखलिअइ -
"परिणामस्वरूप,
अपने हमरा से प्यार नयँ कर सकऽ हथिन ..."
ऊ
मुड़ गेलथिन, आउ टेबुल पर अपन केहुनी टिका देलथिन, हाथ से अपन आँख बन कर लेलथिन, आउ
हमरा लगलइ, कि ओकरा में अश्रु चमक रहले हल ।
"हे
भगमान !" ऊ मोसकिल से सुनाय देवे वला स्वर में बोललथिन । ई असहनीय हो गेलइ । एक्को
मिनट आउ अइसन दशा में हम उनकर गोड़ पर गिर पड़तिए हल ।
"त
अपने खुद देखऽ हथिन", यथाशक्ति दृढ़ स्वर में आउ कृत्रिम मुसकान के साथ हम कहलिअइ,
"अपने खुद देखऽ हथिन, कि हम अपने के साथ विवाह नयँ कर सकऽ हिअइ । अगर अपनहूँ अभी
ई चाहथिन, त जल्दीए अपने पछतावा करथिन । अपने के माताजी के साथ बातचीत, अपने के साथ
खुलके आउ एतना रुखाई से स्पष्टीकरण देवे लगी हमरा
बाध्य कर देलकइ । हम आशा करऽ हिअइ, कि ऊ गलतफहमी में हथिन - अपने के उनका समझाना
असान होतइ । अपने देखऽ हथिन, हम अपने के नजर में बिलकुल दयनीय आउ नीच भूमिका अदा करऽ
हिअइ, आउ एकरा बारे स्वीकार भी करऽ हिअइ । त एतने सब कुछ हइ, जे हम अपने लगी कर सकऽ
हिअइ । कइसनो खराब विचार अपने के हमरा प्रति रहइ, हम ओकरा लगी समर्पण करऽ हिअइ ...
अपने देखऽ हथिन न, कि हम अपने के सामने नीच हिअइ । की ई सच नयँ हइ, कि अगर अपने हमरा
से प्रेम करवो कइलथिन, त एहे क्षण से हमरा से घृणा करथिन ?"
ऊ
हमरा दने मुड़लथिन, संगमर्मर नियर पीयर, खाली उनकर आँख चमत्कारिक रूप से चमक रहले हल
।
"हम
अपने से घृणा करऽ हिअइ ...", ऊ कहलथिन ।
हम
धन्यवाद देलिअइ, आदरपूर्वक अभिवादन कइलिअइ आउ बाहर हो गेलिअइ ।
एक
घंटा के बाद एगो कुरियर त्रोयका (तीन घोड़ा जोतल गाड़ी) हमरा किस्लोवोद्स्क से तेजी से
हमरा दूर लेल जाब करऽ हलइ । एस्सेनतुकोव (गाँव) से कुछ विर्स्ता पहिले रोड के पास हमरा
अपन बहादुर घोड़ा के लाश पर नजर पड़लइ । जीन हटा लेवल गेले हल - शायद कोय गुजर रहल कज़ाक
द्वारा - आउ जीन के स्थान पर ओकर पीठ पर दूगो कौआ बैठल हलइ । हम आह भरलिअइ आउ मुँह
फेर लेलिअइ ...
आउ
अब, हियाँ, ई उबाऊ किला में, हम अकसर, अतीत पर विचार करते बखत, खुद के पुच्छऽ हिअइ
- काहे हम ई रस्ता पर आगू नयँ बढ़लिअइ, जे भाग्य हमरा लगी खोललके हल, जाहाँ परी हमरा
शांत खुशी आउ आत्मिक शांति प्रतीक्षा कर रहले हल ? ... नयँ, हम अइसन भाग्य (जिनगी)
के साथ अभ्यस्त नयँ हो सकऽ हलिअइ ! हम, समुद्री लूटेरा के जहाज के डेक (deck) पर पैदा
होल आउ पलल-बढ़ल एगो नाविक नियन हकूँ । ओकर आत्मा तूफान आउ युद्ध के अभ्यस्त हइ, आउ
किनारा पर फेंक देल गेला पर, ऊ ऊब जा हइ आउ तड़पऽ हइ, चाहे ओकरा छायादार उपवन
(grove) केतनो फुसलावइ, चाहे ओकरा पर शांत सूरज केतनो चमकइ । दिन भर ऊ समुद्रतट पर के बालू पर घूमते-फिरते रहऽ हइ, अभिधावक तरंग
(onrushing waves) के एकसुरा नाद सुन्नऽ हइ आउ धुँधला दूरी (misty distance) में तक्कऽ
हइ । की हुआँ परी के ऊ पियरका लाइन पर, जे धूसर बादर से नीला अतल (abyss) के पृथक्
करऽ हइ, शुरू में सामुद्रिक (seagull) पक्षी के डैना नियन, लेकिन धीरे-धीरे गोलाश्म
(boulders) के फेन से पृथक् हो रहल, आउ वीरान (खाली) बंदरगाह में समरूप गति
(uniform speed) से आ रहल, वांछित पाल प्रकट नयँ होतइ ...
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