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Monday, March 16, 2009

1. सोहर - १

सोहर - १

ललना हे, कहऽमा से अइतन पाँचो पंडितऽ, अउरे नारदऽ मुनि हे ।
ललना हे, कहऽमा से अइतन भगऽवानऽ, जनकऽपुर में जय जय बोलइ हे ।।

ललना हे, गोखुला से अइतन पाँचो पंडितऽ, अउरे नारदऽ मुनि हे ।
ललना हे, अजुधा से अइतन भगऽवानऽ, जनकऽपुर में जय जय बोलइ हे ।।

ललना हे, कहऽमा उतारब पाँचो पंडितऽ, अउरे नारदऽ मुनि हे ।
ललना हे, कहऽमा उतारब भगऽवानऽ, जनकऽपुर में जय जय बोलइ हे ।।

ललना हे, मड़ऽबा उतारब पाँचो पंडितऽ, अउरे नारदऽ मुनि हे ।
ललना हे, कोहऽबर उतारब भगऽवानऽ, जनकऽपुर में जय जय बोलइ हे ।।

[नोटः अवग्रह चिह्न 'ऽ' के मतलब हइ कि पूर्व अकारान्त व्यंजन के अन्तर्निहित (inherent) अकार के पूरा-पूरा उच्चारण करे के चाही ।

जैसे -
भगवान = "भग्वान्" (bhagvaan), भगऽवानऽ = "भगवान" (bhagavaana);

ओइसहीं,
जनकपुर = "जनक्पुर्" (janakpur), जनकऽपुर = "जनकपुर्" (janakapur)]

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