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Saturday, March 28, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 3 ; अध्याय – 4



अपराध आउ दंड

भाग – 3

अध्याय – 4

ओहे समय दरवाजा धीरे से खुललइ, आउ सहमल-सहमल नजर से चारो तरफ देखते एगो लड़की कमरा में प्रवेश कइलकइ । सब कोय अचरज आउ उत्सुकता से ओकरा तरफ मुड़  गेला । पहिला नजर में रस्कोलनिकोव ओकरा पछान नयँ पइलकइ । ई हलइ सोफ़िया सिम्योनोव्ना मरमेलादोवा । कल्हे ऊ ओकरा पहिले तुरी देखलके हल, लेकिन अइसन क्षण में, अइसन परिस्थिति में आउ अइसन पोशाक में, कि ओकर स्मृति में बिलकुल दोसरे चेहरा के चित्र अंकित हलइ । अभी ई हलइ सादा आउ गरीब जइसन भी कपड़ा पेन्हले, अभियो बहुत छोटगर, लगभग बुतरू नियन, सीधी-सादी आउ शिष्ट आचार वली, चमकदार, लेकिन मानूँ कुछ सहमल-सहमल चेहरा वली लड़की । ऊ बहुत मामूली घरेलू कपड़ा पेन्हले हलइ, सिर पर पुरनका, पहिलौका फैशन के टोप लगइले हलइ; हलाँकि हथवा में कल्हिंएँ नियन छतरी लेले हलइ । अप्रत्याशित रूप से लोग से भरल कमरा देखके, ई बात नयँ हलइ कि ऊ सकपका गेलइ, बल्कि बिलकुल खो गेलइ, एगो फोहवा नियन सहम गेलइ, आउ उलटे पाँव वापिस जाहीं वली हलइ ।

"ओ ... अपने हथिन ? ..." अत्यधिक आश्चर्यचकित होके रस्कोलनिकोव कहलकइ आउ अचानक खुद्दे सकपका गेलइ।
ओकरा तुरते आद पड़ गेलइ, कि माय आउ बहिन के तो लूझिन के चिट्ठी से, कोय 'बदनाम' चाल-चलन के लड़की के बारे, पहिलहीं सरसरी तौर पे मालूम पड़ गेले ह । अभी-अभी तो ऊ लूझिन के तोहमत के विरोध कर रहले हल आउ ई बात के चर्चा कइलके हल, कि ऊ ई लड़की के पहिले तुरी देखलके हल, आउ अचानक ऊ खुद अन्दर आब करऽ हइ । एहो आद पड़लइ, कि "बदनाम चाल-चलन" अभिव्यक्ति के विरोध में कुच्छो नयँ बोलले हल । ई सब कुछ ओकर दिमाग से अस्पष्ट रूप से आउ पल भर लगी गुजरलइ । लेकिन ओकरा तरफ जादे गौर से देखला पर, ओकरा लगलइ, कि ई अपमानित जीव पहिलहीं एतना अपमानित हो चुकले ह, कि ओकरा अचानक तरस आवे लगलइ । जब ऊ डर के मारे भाग जाय के प्रयास करहीं रहले हल, कि ओकरा में (रस्कोलनिकोव में) मानूँ कुछ तो पलटी खइलकइ ।

"हम तो अपने के बिलकुल प्रत्याशा नयँ कइलिए हल", ऊ आँख के इशारा से ओकरा रोकते जल्दी-जल्दी बोललइ, "किरपा करके बइठ जाथिन । अपने शायद कतेरिना इवानोव्ना के हियाँ से अइलथिन हँ । किरपा करके, हियाँ नयँ, अइकी एन्ने बइठथिन ..."

सोनिया के प्रवेश कइला पर, रस्कोलनिकोव के तीन ठो कुरसी में से एगो पर, अभी दरवजवा के सटले बइठल, रज़ुमिख़िन ओकरा रस्ता देवे खातिर उठ गेलइ । शुरू-शुरू में रस्कोलनिकोव ओकरा सोफा के एक किनारे पर, जाहाँ ज़ोसिमोव बइठल हलइ, बइठे के इस्तारा करहीं वला हलइ, लेकिन ई खियाल अइला पर, कि ई सोफा बहुत परिचित जगह हलइ आउ ओकरा लगी बिछौना के रूप में काम आवऽ हलइ, जल्दी से ओकरा रज़ुमिख़िन के कुरसी तरफ बइठे के इस्तारा कइलकइ ।

"आउ तूँ हियाँ बइठ", ऊ रज़ुमिख़िन के सोफा के ओहे किनारे पे बइठइते कहलकइ, जाहाँ पहिले ज़ोसिमोव बइठल हलइ। सोनिया बइठ गेलइ, भय से लगभग काँपते, आउ सहमल नजर से दुन्नु महिला तरफ देखलकइ । ई साफ पता लग रहले हल, कि ओकरा खुद्दे नयँ समझ में आ रहले हल, कि ऊ ओकन्हीं के बगल में बइठ कइसे सकलइ । ई बात के भान होला पर ऊ एतना भयभीत हो गेलइ, कि अचानक फेर से उठ गेलइ आउ बिलकुल सकपकाके रस्कोलनिकोव के संबोधित कइलकइ ।

"हम ... हम ... खाली एक मिनट लगी अइलिए ह, माफ करथिन, हम अपने के परेशान कइलिअइ", ऊ अटक-अटकके बोले लगलइ । "कतेरिना इवानोव्ना हमरा भेजलका ह, आ उनका भेजे लगी आउ कोय नयँ हलइ ... आउ कतेरिना इवानोव्ना हमरा अपने से बहुत विनती करे ल कहलका ह कि अपने बिहान अंत्येष्टि संस्कार के बखत अइथिन, सुबह ... मित्रोफ़ानियेव्स्की कब्रगाह [1] में ... प्रार्थना सभा में ..., आउ बाद में हमन्हीं साथ ... उनका साथ ... भोज खातिर ... उनका  इज्जत बख्शे खातिर ... ऊ हमरा अपने के विनती करे ल कहलका ह ।"

सोनिया हकलइलइ आउ चुप हो गेलइ ।
"हम जरूर प्रयास करबइ ... जरूर", रस्कोलनिकोव भी उठके आउ हकलइतहीं जवाब देलकइ, आउ बात पूरा नयँ कर पइलकइ ... । "किरपा करके बइठ जाथिन", ऊ अचानक कहलकइ, "हमरा अपने के साथ जरी स बात करे के हइ । "किरपा करथिन - शायद अपने के जल्दी हइ - किरपा करथिन, हमरा बस दू मिनट देथिन ..." आउ ऊ ओकरा खातिर कुरसी घींच लेलकइ ।

सोनिया फेर से बइठ गेलइ आउ फेर से दुन्नु महिला तरफ सहमल, खोवल, त्वरित दृष्टि डललकइ आउ अचानक दृष्टि निच्चे कर लेलकइ ।

रस्कोलनिकोव के पीयर चेहरा तमतमा उठलइ; ओकर सारा देह जइसे ऐंठ गेलइ; आँख चमके लगलइ ।

"माय", ऊ दृढ़ता आउ आग्रहपूर्वक कहलकइ, "ई सोफ़िया सिम्योनोव्ना मरमेलादोव्ना हथिन, ओहे बदनसीब मरमेलादोव साहेब के बेटी, जिनका हमर अँखिया के सामने घोड़वा कुचल देलके हल आउ जिनका बारे हम तोरा बता चुकलियो ह ..."

पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना सोनिया तरफ देखलका आउ अपन आँख जरी मिचकइलका । रोद्या के दृढ़ आउ चुनौती भरल दृष्टि के आगे अपन दुविधा के बावजूद ऊ ई खुद के संतुष्टि के अस्वीकार नयँ कर सकला । दुनेच्का गंभीरतापूर्वक, एकटक बेचारी लड़की के चेहरा पर अपन नजर टिका देलकइ आउ ओकरा असमंजस से देखते रहलइ । सोनिया अपन परिचय सुनके फेर से अपन आँख उपरे कइलकइ, लेकिन पहिलहूँ से जादे सकपका गेलइ।

"हम अपने से पुच्छे लगी चाहऽ हलिअइ", रस्कोलनिकोव जल्दी से ओकरा संबोधित करके बोललइ, "आझ ई मामला अपने के हियाँ ठीक से निपट गेलइ न ?" अपने के परेशान तो नयँ कइल गेलइ ? ... मसलन, पुलिस से।"
"जी, नयँ, सब कुछ ठीक-ठाक निपट गेलइ ... ई बात तो बिलकुल साफ हलइ, कि मौत कइसे होलइ; हमन्हीं के कोय परेशानी नयँ होलइ; खाली किरायेदार लोग गोसाल हथिन ।"
"काहे लगी ?"          
"ई लगी कि लाश देरी तक धइल रहलइ ... वस्तुतः अभी गरमी हइ, आउ गन्ह ... अइसन हइ, कि आझ संध्या-वंदना तक कब्रिस्तान ले जाल जइतइ, बिहान तक गिरजाघर में रक्खल जइतइ । कतेरिना इवानोव्ना शुरू-शुरू में तो पसीन नयँ कइलका, लेकिन अभी खुद समझऽ हका, कि अइसन संभव नयँ हइ ..."
"तब आझ ?"
"उनकर अपने से विनती हइ कि बिहान गिरजाघर में अन्त्येष्टि संस्कार के बखत पधारे के इज्जत बकसथिन, आउ बाद में उनका हियाँ मृतक भोज के अवसर पर पधारथिन ।"
"ऊ मृतक भोज के प्रबन्ध कर रहला ह ?"
"जी हाँ, हलका सन; अपने द्वारा कल्हे हमन्हीं के कइल मदद खातिर, ऊ अपने के बहुत-बहुत धन्यवाद देवे लगी कहलका ह ... अपने के मदद के बगैर, हमन्हीं के पास दफनावे के खरचा लगी कुच्छो नयँ रहते हल ।" आउ ओकर होंठ आउ ठुड्डी अचानक कँप्पे लगलइ, लेकिन ऊ अपना के सुदृढ़ आउ नियंत्रित कइलकइ, आउ जल्दी से अपन आँख निच्चे कर लेलकइ ।

बातचीत के दौरान रस्कोलनिकोव एकटक ओकरा तरफ निहार रहले हल । ओकर चेहरा पतला, बिलकुल पतला आउ पीला हलइ, आउ काफी अनियमित, एक प्रकार से नोखगर, आउ छोटगर नुकीला नाक आउ ठुड्डी । ओकरा तो सुन्दर भी नयँ कहल जा सकऽ हलइ, लेकिन ओकर नीला आँख एतना साफ हलइ, आउ जब ऊ सजीव हो उठऽ हलइ, तब ओकर चेहरा के भाव में एतना अच्छाई आउ सादगी रहऽ हलइ, कि अनचाहे में ओकरा तरफ कोय भी आकर्षित हो जा हलइ । ओकर चेहरा में, आउ ओकर पूरे काठी (figure) में, एगो कुछ विशेष खूबी हलइ - अपन अठारह साल उमर के बावजूद, ऊ लगभग छोटगर लड़की लगऽ हलइ, अपन उमर से ढेर छोटगर, बिलकुल लगभग बुतरू, आउ ई ओकर कुछ चाल-ढाल में कभी-कभी हास्यास्पद लगऽ हलइ ।

"लेकिन वास्तव में कतेरिना इवानोव्ना एतना जरी सुन साधन से भी काम चला लेलका, आउ मृतक भोज देवे लगी भी मनमनाल हका ? ..." बातचीत जारी रक्खे के दृढ़ संकल्प के साथ रस्कोलनिकोव पुछलकइ ।
"जी, ताबूत तो मामूली होतइ ... आउ सब कुछ मामूली होतइ, ओहे से खरचा जादे नयँ होतइ ... कुछ समय पहिले हम आउ कतेरिना इवानोव्ना सारा हिसाब कर लेते गेलिए ह, ताकि कुछ तो पइसा बच जइतइ, ताकि मृतक भोज आयोजित कइल जा सकइ ... आ कतेरिना इवानोव्ना के पूरा मन हइ कि अइसन होवे । एकरा बगैर तो काम नयँ चल सकऽ हइ ... उनकर मन के शांति मिलतइ ... ऊ अइसने हथिन, ई तो अपने जानऽ हथिन ..."

"समझऽ हिअइ, समझऽ हिअइ ... जाहिर हइ ... अपने हमर कमरा के अइसे काहे देखब करऽ हथिन ? अइकी हमर मइयो के कहना हइ कि ई तो ताबूत (coffin) नियन हकइ ।"

"अपने तो कल्हे हमन्हीं के सब कुछ दे देलथिन !" जवाब में सोनेच्का अचानक बोललइ, एक प्रकार के दृढ़ आउ त्वरित  फुसफुसाहट में, अचानक फेर से पूरा निच्चे तरफ नजर कइले । ओकर होंठ आउ ठुड्डी फेर से कँप्पे लगलइ। ऊ बहुत पहिलहीं रस्कोलनिकोव के गरीबी हालत से प्रभावित हो गेले हल, आउ अब ई शब्द अचानक अपने आप ओकर मुँह से निकस गेले हल । एकर बाद मौन छा गेलइ । दुनेच्का के आँख एक तरह से चमके लगलइ, आ पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भी सोनिया तरफ स्नेह से देखे लगला ।

"रोद्या", ऊ उठते-उठते कहलका, "जाहिर हइ, हमन्हीं दुपहर के खाना साथे-साथ खइते जइबइ । दुनेच्का, चलल जाय ... आ तूँ, रोद्या, जो, थोड़े घूम-फिर ले, आउ बाद में अराम कर ले, थोड़े लेट जो, आउ हुएँ जल्दी से चल आव ... हमरा लगऽ हउ कि हमन्हीं चलते तूँ थक गेलँऽ हँ ..."
"हाँ, हाँ, आ जइबउ", ऊ उठते-उठते आउ जल्दीबाजी में उत्तर देलकइ ... "लेकिन हमरा कुछ काम हके ..."
"त वास्तव में तूँ अलगे खाना खइबऽ ?" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, रस्कोलनिकोव तरफ अचरज से देखते, "तोर इरादा की हउ ?"
"हाँ, हाँ, अइबउ, जरूर, जरूर ... लेकिन तूँ जरी एक मिनट ठहर । ओकर अभी तोहन्हीं के जरूरत तो नयँ हउ न, माय ? कि हम शायद ओकरा तोहन्हीं से छीनके ले रहलियो ह ?"
"ओह, नयँ, नयँ ! आ तूँ, द्मित्री प्रोकोफ़िच, मेहरबानी करके खाना पर तो अइबहो न ?"
"किरपा करके अइथिन", दुन्या निवेदन कइलकइ ।

रज़ुमिख़िन आदर से झुक गेलइ आउ ओकर चेहरा पूरा चमके लगलइ । एक पल खातिर तो सब कोय विचित्र ढंग से अचानक सकपका गेते गेला ।
"अलविदा, रोद्या, मतलब फेर भेंट होतइ; हमरा 'अलविदा' कहना अच्छा नयँ लगऽ हके । अलविदा नस्तास्या ... ओह, फेर से हम 'अलविदा' बोल देलिअइ ! ..."  

पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना सोनेच्का के सामने भी आदर से झुकहीं जा रहला हल, लेकिन कइसूँ बात नयँ बनलइ, आउ जल्दी-जल्दी में कमरा के बाहर हो गेला ।
लेकिन अवदोत्या रोमानोव्ना मानूँ अपन बारी के इंतजार में हलइ, आउ अपन मइया के पीछू-पीछू जइते जब सोनिया के पास से गुजरलइ, त ओकरा तरफ ध्यानपूर्वक, आदरपूर्वक आउ पूरे तरह से झुकके विदाई लेलकइ । सोनेच्का तो सकपका गेलइ, कइसूँ जल्दीबाजी में आउ सहमल-सहमल झुक गेलइ, ओकर चेहरा पर एक प्रकार के रोगजन्य भाव उभर अइलइ, मानूँ अवदोत्या रोमानोव्ना के शिष्टता आउ ध्यान ओकरा लगी बोझिल आउ कष्टदायक हलइ ।

"दुन्या, अलविदा !" ड्योढ़ी तक पहुँच चुकल रस्कोलनिकोव चिल्लइलइ, "जरी अपन हाथ तो दे !"
"लेकिन हम तो पहिलहीं देलियो हल, भूल गेलऽ ?" दुन्या उत्तर देलकइ, प्यार से आउ कुछ बेढंगा तरीका से ओकरा तरफ मुड़के ।
"ओकरा से की होलइ, फेर से दे दे !"

आउ ऊ ओकर अंगुरी कसके दबइलकइ । दुनेच्का ओकरा तरफ देखके मुसकइलइ, ओकर चेहरा तमतमा गेलइ, जल्दी से अपन हाथ छोड़इलकइ आउ अपन माय के पीछू-पीछू चल गेलइ, ओहो कोय कारण से खुश होते ।

"चलऽ, एहो तो बहुत अच्छा होलइ  !" ऊ सोनिया के कहलकइ, अपन कमरा में वापिस आके आउ ओकरा तरफ साफ-साफ देखते, "भगमान मृतक के आत्मा के शांति दे, लेकिन जे जित्ता हइ ओकरा तो जीहीं के हइ ! हइ न ? हइ न ? बिलकुल एहे बात हइ न ?"
सोनियो ओकर अचानक चमकल चेहरा के अचरज से देखलकइ; ऊ (रस्कोलनिकोव) कुछ पल चुपचाप आउ एकटक ओकरा तरफ निहारते रहलइ - ओकर स्वर्गीय पिता के बयान कइल ओकरा बारे पूरा कहानी अचानक ऊ बखत ओकर स्मृति में अचानक आ गेलइ ...

"हे भगमान, दुनेच्का !" बाहर रोड पर अइतहीं तुरते पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलना चालू कइलका, "अब तो लगभग खुश लगऽ ही, कि हमन्हीं बाहर चल अइलूँ - कइसूँ राहत महसूस होवऽ हके । की कल्हे रेलगाड़ी में हम सोच सकऽ हलिअइ, कि एकरा बारे हमरा खुशी होतइ !"
"फेर हम तोरा कहऽ हिअउ माय, ऊ अभियो बहुत बेमार हका । तूँ देखऽ हीं नयँ ? शायद, हमन्हीं चलते ऊ कष्ट झेललका, आउ अपना के परेशानी में डाल लेलका । थोड़े सहनशील होवे के जरूरत हइ आउ बहुत कुछ, बहुत कुछ माफ कइल जा सकऽ हइ ।"

"लेकिन अइकी तूहीं तो सहनशीलता नयँ देखइलहीं !" जोश आउ ईर्ष्या के साथ तुरतम्मे बात काटते पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला । "जानऽ हीं, दुन्या, हम तोहन्हीं दुन्नु के देख रहलियो हल, तूँ बिलकुल ओकर प्रतिरूप हकहीं आउ चेहरा से ओतना नयँ, जेतना कि आत्मा से - दुन्नु विषादग्रस्त, दुन्नु उदास आउ चिड़चिड़ा, दुन्नु जिद्दी आउ दुन्नु उदार ... की शायद ऊ अहंकारी हइ, दुनेच्का ? अयँ ? ... आउ जब हम सोचऽ ही, कि आझ साँझ के की होबत, त हमर दिल बइठ जा हके !"

"परेशान मत हो, माय, जे होवे के हइ, ऊ होतइ ।"
"दुनेच्का ! जरी सोच, कि हमन्हीं कइसन हालत में हकूँ ! की होत, अगर प्योत्र पित्रोविच इनकार कर देता ?" असावधानी से बेचारी पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के मुँह से अचानक निकस गेलइ ।
"त एकर बाद उनकर की महत्त्व रह जइतइ !" तीक्ष्ण स्वर से आउ तिरस्कारपूर्वक दुन्या जवाब देलकइ ।

"ई हमन्हीं अच्छा कइलिअइ, कि बाहर चल अइते गेलिअइ", जल्दी-जल्दी में बात काटते पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला, "ऊ कहीं तो कोय काम से जल्दी जाय लगी चाह रहले हल - ओकरा जाय देहीं, कुछ हावा खाय देहीं ... ओकर कमरा में तो बड़ी घुटन हलइ ... आउ हियाँ साँस लेवे के हावा काहाँ हइ ? हियाँ तो  रोडो पर ओइसने हइ, जइसन कि कमरा में बिन झरोखा के । हे भगमान, ई कइसन शहर हइ ! ... ठहर, बगल हो जो, दाब देते जइतउ, कुछ तो ढोके लेले आब करऽ हउ ! अरे ई तो पियानो लेके अइते गेलइ, सच में ... कइसे धकिअइते जा हइ ... हमरा तो ई लड़की से भी डर लगऽ हके ..."
"कइसन लड़की से, माय ?"
"अरे, अइकी ई, सोफ़िया सिम्योनोव्ना से, जे अभी ओज्जा हलइ ..."
"की बात से ?"
"हमरा तो अइसन आशंका लगऽ हउ, दुन्या । खैर, तूँ विश्वास कर चाहे नयँ, जइसीं ऊ अन्दर अइलइ, ओहे पल हम सोचलिअइ; एकरे में तो मुख्य बात छिप्पल हइ ..."
"बिलकुल कुछ नयँ छिप्पल हइ !" चिढ़के दुन्या चिल्लइलइ । "ई तूँ कइसन आशंका लेके बइठ गेलहीं, माय ! ऊ खाली कल्हे ओकरा से परिचित होला ह, आउ अब, जब ऊ अन्दर घुसलइ, त ओकरा पछानवो नयँ कइलका ।"

"अच्छऽ, अइकी देखवे तो करम्हीं ! ... ओकरा चलते हम चिंतित हकूँ, अइकी देखवे करम्हीं, देखमहीं ! हम तो केतना डर गेलूँ - ऊ हमरा तरफ घूर रहल ह, एकटक देख रहल ह, अँखिया अइसन, कि हम कुरसिया पर मोसकिल से बइठल रह पइलूँ, आद हउ, कइसे ऊ ओकर परिचय देवे लगी शुरू कइलकइ ? आउ हमरा अजीब लगऽ हउ - प्योत्र पित्रोविच ओकरा बारे कइसन-कइसन बात लिक्खऽ हथिन, आ ऊ ओकरा हमन्हीं के परिचित करावऽ हइ, आ तोरो ! मतलब, ऊ लड़की ओकरा बड़ी प्रिय हइ !"
"लिक्खे से की होवऽ हइ ! हमन्हिंयो बारे तो बोलवो करते जा हलइ, लिखतहूँ जा हलइ, भूल गेलहीं, की ? लेकिन हमरा अकीन हइ, कि ऊ ... बहुत निम्मन लड़की हइ आउ ई सब कुछ बकवास हइ !"
"भगमान करे, ऊ अइसने होवइ !"
"आ प्योत्र पित्रोविच नीच गपोड़ेबाज हइ ।" अचानक दुनेच्का साफ-साफ जवाब देलकइ ।
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना तो खामोश हो गेला । बातचीत बन हो गेलइ ।

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"अइकी ई बात हको, जेकर हमरा तोहरा साथ काम हके ...", रज़ुमुख़िन के खिड़किया दने ले जइते रस्कोलनिकोव बोललइ ।
"त हम कतेरिना इवानोव्ना के बता देबइ, कि अपने अइथिन ...", बाहर चल जाय के तैयारी में सोनिया जल्दी-जल्दी बोललइ ।
"बस एक मिनट, सोफ़िया सिम्योनोव्ना, हमन्हीं बीच कोय गोपनीय बात नयँ हो रहले ह, अपने के चलते कोय बाधा नयँ हइ ... हमरा अपने के साथ अभियो दू शब्द कहे के हइ ... सुनऽ", जइसे बिन बात पूरा कइले ऊ अचानक रज़ुमिख़िन दने मुड़लइ । "तूँ तो ई बात जानऽ ह ... की नाम हइ उनकर ! ... पोरफ़िरी पित्रोविच ?"
"काहे नयँ ! हमर तो रिश्तेदार हथिन । लेकिन की बात हइ ?" ऊ एक प्रकार के उत्सुकता के विस्फोट के साथ बात आगू बढ़इलकइ ।
"ऊ तो अभी ई केस के ... ई हत्या के मामले में ... अइकी कल्हींएँ तो बोल रहलहो हल ... छानबीन कर रहलथिन हँ न ?"
"हाँ, हाँ ... तो ?" रज़ुमिख़िन अचानक आँख फाड़के देखलकइ ।

"ऊ गिरवी रक्खेवलन के पूछ रहलथिन हल, आ हुआँ तो हमरो कुछ गिरवी धइल हइ, अइसे तो रद्दी माल हइ, तइयो हमर बहिन के अंगूठी हइ, जे हमरा आदगार के रूप में भेंट कइलक हल, जब हम हियाँ आ रहलूँ हल, आउ हमर बाउ के चानी के घड़ी हकइ । ई सब के कीमत कोय पाँच-छो रूबल होतइ, लेकिन हमरा लगी कीमती हके, निशानी (स्मृति-चिह्न) । त अब हम की करूँ ? नयँ चाहऽ हूँ हम, कि ई सब चीज खो जाय, खास करके घड़ी । हम तो थोड़े देर पहिले काँप रहलूँ हल, कि कहीं हमर मइया ओकरा तरफ देखके हमरा पुच्छे नयँ लगे, जब हमन्हीं दुनेच्का के घड़ी के बारे चर्चा कर रहते गेलिए हल । ई एकमात्र चीज हइ, जे बाउ के बाद सुरक्षित बच्चल हलइ । ऊ तो बेमार पड़ जइतइ, अगर ई खो जा हइ । आखिर तो औरत हइ ! त की कइल जाय, बतावऽ ! जानऽ ही, कि थाना में रिपोट करे के चाही । लेकिन की ई बेहतर नयँ होतइ कि सीधे पोरफ़िरी के संपर्क कइल जाय, अयँ ? तोरा की कहना हको ? ई मामला तो जल्दी से जल्दी निपट जाय के चाही । देखबहो, कि दुपहर के भोजन के पहिलहीं मइया पुछतइ !"

"थाना में तो बिलकुल नयँ, बल्कि बिन हिचक के पोरफ़िरी के पास !" रज़ुमिख़िन एक प्रकार के बेहद जोश में चीखलइ । "हमरा केतना खुशी हकइ ! एकरा में की हइ, अभिए चलल जाय, दुइए डेग तो हकइ, पक्का हमन्हीं के ऊ मिल जइता !"
"ठीक हइ ... चलल जाय ..."
"आ ऊ तोरा से मिलके बहुत, बहुत, बहुत, बहुत खुश होथुन ! हम तोरा बारे उनका भिर कइएक समय पे चर्चा कइलियो ह ... कलहूँ बात कइलियो हल । चलल जाय ! ... मतलब तूँ बुढ़िया के जानऽ हलहो ? हूँ, त ई बात हइ ! ... ई सब कुछ शा-न-दा-र ढंग से मोड़ लेलकइ ! ... अरे हाँ ... सोफ़िया इवानोव्ना ..."
"सोफ़िया सिम्योनोव्ना", रस्कोलनिकोव (नाम में गलती के) सुधरलकइ । "सोफ़िया सिम्योनोव्ना, ई हमर दोस्त, रज़ुमिख़िन, आ अदमी बहुत निम्मन ..."
"अगर अपने सब के अभी जाय के हकइ ...", सोनिया बात शुरू करे के कोशिश कइलकइ, रज़ुमिख़िन दने बिलकुल नयँ देखके, आ एकरा चलते आउ भी जादे सकपकाके ।
"त चलल जाय !" रस्कोलनिकोव फैसला कइलकइ, "हम अपने हियाँ आझे अइबइ, सोफ़िया सिम्योनोव्ना, खाली एतने बता देथिन, कि अपने काहाँ रहऽ हथिन ।"

ई बात नयँ हलइ कि ऊ सकपका रहले हल, बल्कि जइसे ऊ जल्दी में हलइ आउ ओकरा साथ नजर मिलावे से कतरा रहले हल । सोनिया अपन पता देलकइ आउ ओहे पल शरमा के लाल हो गेलइ । सब्भे कोय साथे-साथ बाहर गेते गेलइ ।

"की तूँ दरवाजा में ताला नयँ लगावऽ हो ?" ओकन्हीं के साथ पीछू-पीछू ज़ीना पर उतरके जइते रज़ुमिख़िन पुछलकइ ।
"कभी नयँ ! ... बल्कि, अइकी दू साल से ताला खरीदे के सोच रहलियो ह", ऊ लपरवाही से बात आगे बढ़इलकइ । "खुश रहऽ हका ऊ लोग, जिनका ताला लगावे के जरूरते नयँ रहऽ हइ ।" हँसते-हँसते ऊ सोनिया दने मुड़लइ ।
फाटक भिजुन रोड पर ओकन्हीं रुक गेते गेलइ ।
"अपने के दहिना दने जाय के हइ, सोफ़िया सिम्योनोव्ना ? अच्छऽ, अपने हमरा कइसे खोजलथिन ?" ऊ पुछलकइ, मानूँ ऊ ओकरा बिलकुल आउ कुछ कहे ल चाह रहले हल ।
ओकरा ओकर शांत आउ साफ आँख दने देखे के मन कर रहले हल, लेकिन कइसूँ ई सब में ओकरा सफलता नयँ मिल रहले हल ...
"लेकिन पोलेच्का के अपने तो अपन पता बता देलथिन हल न ।"
"पोल्या ? अरे हाँ ... पोलेच्का ! ई ... छोटकी ... ई अपने के बहिन हथिन ? मतलब हम उनका अपन पता दे देलिये हल ?"
"की वास्तव में अपने भूल गेलथिन ?"
"नयँ ... आद हकइ ..."

"आ हम अपने के बारे तो अपन स्वर्गीय पिता से पहिलहीं सुन चुकलिए हल ... तखने खाली हमरा अपने के कुलनाम (उपनाम) नयँ मालूम हलइ, आउ उनको खुद्दे मालूम नयँ हलइ ... आउ अभी हम अइलिअइ ... आउ जइसीं कल्हे हमरा अपने के कुलनाम मालूम पड़लइ ... तइसीं आझ पुछलिअइ - 'हियाँ पर मिस्टर रस्कोलनिकोव काहाँ रहऽ हथिन ?' ... आउ हमरा ई मालूम नयँ हलइ, कि अपनहूँ किराया पर रहऽ हथिन ... अच्छऽ, जी अब चलऽ हिअइ ... हम कतेरिना इवानोव्ना के (बता देबइ) ..."

ऊ ई बात से बहुत जादे खुश हलइ, कि आखिरकार ऊ बाहर चल अइलइ; निच्चे तरफ देखते आगू बढ़लइ, तेजी से, ताकि जेतना जल्दी हो सकइ, ऊ ओकन्हीं के नजर से ओझल हो जाय; ताकि रोड के दहिना तरफ के नुक्कड़ तक के ई बीस डेग कइसूँ जल्दी से जल्दी पार कर लेइ आउ आखिर अकेल्ले हो जाय; आउ तब, जइते-जइते, जल्दी करते, बिन केकरो तरफ देखते, कुच्छो नोटिस नयँ करते, हरेक कहल गेल शब्द, हरेक परिस्थिति पर सोचइ, आद करइ, विचार करइ । कभी नयँ, कभी नयँ ऊ अइसन कउनो प्रकार के अनुभव कइलके हल । समुच्चा नयका संसार अनजाना आउ धुँधला रूप में ओकर आत्मा में उतरलइ । अचानक ओकरा आद पड़लइ, कि रस्कोलनिकोव खुद्दे ओकरा हीं आझ आवे लगी चाहऽ हला, शायद, सुबहे में, शायद अभिए !

"खाली आझ नयँ, किरपा करके, आझ नयँ !" डूबते दिल से ऊ बड़बड़इलइ, बिलकुल एगो डरल बुतरू नियन केकरो से निवेदन करते । "हे भगमान ! हमरा हीं ... ई कमरा में ... ऊ देख लेता ... हे भगमान !"

आउ, वास्तव में, ऊ ई क्षण एगो अपरिचित सज्जन के नोटिस नयँ कर पइलकइ, जे ओकरा पर बराबर नजर रखले हलइ आउ ओकर बराबर नगीच से पीछा करब करऽ हलइ । ऊ ओकरा ठीक फाटक से निकसला के बादे से पिछुअइले हलइ । ऊ क्षण, जब तीनो - रज़ुमिख़िन, रस्कोलनिकोव आउ ऊ, फुटपाथ पर दू शब्द बात करे खातिर रुक गेते गेले हल, ई राहगीर, ओकन्हीं के सामने से गुजरते समय, अचानक मानूँ चौंक गेलइ, जब अनजाने में सोनिया के शब्द कान में पड़लइ - "आउ पुछलिअइ - मिस्टर रस्कोलनिकोव काहाँ रहऽ हथिन ?"
 
ऊ तेजी से, लेकिन ध्यान से तीनों में से सब्भे पर नजर डललकइ, खास करके रस्कोलनिकोव पर, जेकरा से सोनिया बात कर रहले हल; फेर घरवा तरफ देखलकइ आउ एकरा नोट कर लेलकइ । ई सब कुछ पलक झपकते कर लेल गेलइ, चलतहीं-चलतहीं, आउ राहगीर ई बात के देखावे लगी नयँ चाहऽ हलइ, आगे बढ़ते गेलइ, अपन डेग के गति कम करते आउ ई तरह से, मानूँ केकरो इंतजार करब करऽ हलइ । ऊ सोनिया के इंतजार कर रहले हल; ऊ देखलकइ, कि ओकन्हीं विदा हो रहल ह आउ सोनिया अब केधरो अपन घर तरफ जात ।
 
"लेकिन कद्धिर अपन घर जाब करऽ हइ ? ई चेहरा के कहीं तो देखलिए ह", ऊ सोचलकइ, सोनिया के चेहरा के आद करते ..., "मालूम करे के चाही ।"
नुक्कड़ तक पहुँचके ऊ रोड के पार करके दोसरा छोर दने चल गेलइ, पीछू तरफ मुड़के देखलकइ, कि सोनिया ठीक ओकरे पीछू-पीछू आ रहल ह, ओहे रस्ता से, आउ बिन कुछ नोटिस कइले । नुक्कड़ तक पहुँचके ओहो एहे रोड तरफ मुड़ गेलइ । सामने वला फुटपाथ पर से ऊ पीछू-पीछू चललइ, ओकरा पर से नजर बिन हटइले; करीब पचास डेग चलके, फेर से रोड पार करके ओहे तरफ आ गेलइ, जे तरफ से सोनिया जा रहले हल, ओकर नगीच पहुँच गेलइ आउ ओकर पीछू-पीछू चल्ले लगलइ, कोय पाँच डेग के दूरी बनइले ।   

ई अदमी के उमर कोय पचास साल हलइ, कद मध्यम से कुछ उँचगर, हट्ठा-कट्ठा, चौड़गर आउ ढालूदार कन्हा, जेकरा से ऊ कुछ कुबड़ेदार नियन लगऽ हलइ । ऊ फैशनदार आउ निम्मन पोशाक पेन्हले हलइ आउ हैसियतदार कुलीन घराना के लगऽ हलइ । ओकर हाथ में एगो सुन्दर बेंत के छड़ी हलइ, जेकरा ऊ हरेक डेग के साथ फुटपाथ पर टेकते जा हलइ, आउ ओकर हथवा एगो स्वच्छ दस्ताना में हलइ । ओकर चौलगर, उँचगर गंडास्थि (cheekbone) काफी मनोहर हलइ, आउ चेहरा के रंग ताजा आउ पितिरबुर्ग वला से भिन्न हलइ । केश ओकर अभियो बहुत घना, आउ बिलकुल सुनहरा हलइ, बस कहीं-कहीं जरी-मनी सफेदी झलकऽ हलइ, आउ चौलगर, घनगर कुदार नियन दाढ़ी के रंग ओकर सिर के केश से हलका हलइ । ओकर आँख नीला हलइ, आउ देखे में भावशून्य रूप से एकाग्र आउ विचारमग्न लगऽ हलइ; होंठ लाल हलइ । सामान्य रूप से, ई अपन स्वास्थ्य के बहुत निम्मन ढंग से बरकरार रक्खे वला अदमी हलइ आउ अपन उमर से बहुत छोटगर लगऽ हलइ ।  

जब सोनिया नहर भिर बाहर अइलइ, तखने ओकन्हिंएँ दुन्नु फुटपाथ पर हलइ । ओकरा देखके ऊ ओकर विचारमग्नता आउ अन्यमनस्कता नोटिस कर लेलकइ । अपन घर भिर पहुँचला पर सोनिया गेट के अंदर मुड़लइ, ऊ कुछ आश्चर्यचकित होल ओकर पीछू-पीछू गेलइ । अहाता में घुसके सोनिया दहिने मुड़लइ, कोनमा तरफ, जाहाँ ओकर फ्लैट में जाय के ज़ीना हलइ । "वाह !" अनजान अदमी बड़बड़इलइ आउ ओकरा पीछू-पीछू सीढ़ी चढ़े लगलइ । तभिए सोनिया के ओकरा तरफ ध्यान गेलइ । ऊ तेसरा मंजिल पर गेलइ, बरामदा तरफ मुड़लइ आउ 9 नंबर के घर के घंटी बजइलकइ, जेकर दरवजवा पर खल्ली से लिक्खल हलइ - "कापेरनाउमोव दरजी" । "वाह", फेर से अजनबी दोहरइलकइ, ई विचित्र संयोग से आश्चर्यचकित होके, आउ बगल के 8 नंबर के घर के घंटी बजइलकइ । दुन्नु दरवाजा एक दोसरा से कोय छो डेग के अंतर पर हलइ ।

"तूँ कापेरनाउमोव के हियाँ रहऽ हकहो !" ऊ बोललइ, सोनिया तरफ देखते आउ हँसते । "ऊ कल्हे हमर वास्कट के रफू कइलके हल । आउ हम हियाँ, तोहर बगल में, मैडम रेसलिख़, गेरत्रुदा कारलोव्ना के मकान में । कइसन संयोग के बात हइ !"
सोनिया ओकरा तरफ ध्यान से देखलकइ ।
"हमन्हीं पड़ोसी हिअइ", कइसूँ खास तरह के खुशी के साथ ऊ आगू बोललइ । "हमरा ई शहर में आल बस तेसरा दिन हको । अच्छऽ जी, फेर भेंट होतइ ।"
सोनिया कोय जवाब नयँ देलकइ; दरवाजा खुललइ, आउ ऊ चुपके से अपन कमरा में चल गेलइ । कोय कारणवश ओकरा शरम बुझइलइ, आउ मानूँ सहम गेलइ ...

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पोरफ़िरी के हियाँ जइते बखत रस्ता में रज़ुमिख़िन विशेष रूप से उत्तेजित हलइ ।
"ई तो, भाय, बहुत निम्मन हइ", ऊ कइएक तुरी दोहरइलकइ, "आउ हम खुश हकूँ ! हम खुश हकूँ !"
"लेकिन तोरा खुशी कउन बात लगी हको ?" रस्कोलनिकोव मने-मन सोचलकइ ।
"ई बात तो हम जानवे नयँ करऽ हलियो, कि तूहूँ बुढ़िया के हियाँ गिरवी रक्खऽ हलहो । आउ ... आउ ... ई बात बहुत पहिले के हकइ ? मतलब, बहुत पहिले तूँ ओकरा हीं गेलहो हल ?"
"ई वास्तव में कइसन भोला मूरख हइ !"

"कब ? ...", रस्कोलनिकोव आद करे के प्रयास करते ठहर गेलइ, "हाँ, लगऽ हइ कि ओकर मौत के करीब तीन दिन पहिले ओकर घर गेलिए हल । लेकिन, हम गिरवी रक्खल समान के छोड़ावे खातिर अभी जाय वला नयँ", समान के बारे एक प्रकार के त्वरित आउ विशेष चिंता के साथ ऊ बोललइ, "कल्हे के ऊ मनहूस सरसाम के चलते ... फेर हमरा पास तो बस चानी के एगो रूबल भर बच गेल ह !"
सरसाम के उल्लेख ऊ विशेष जोर देके कइलकइ ।

"ओ हाँ, हाँ, हाँ", जल्दीबाजी में आउ नयँ मालूम काहे लगी, रज़ुमिख़िन सहमति प्रकट कइलकइ, "अच्छऽ, त तखने तोरा एहे चलते ... आंशिक रूप से दिमाग में आ रहलो हल ... आउ जानऽ ह, तूँ सरसामो में लगातार कोय अंगूठी आउ सिकरी (चेन) के बात कर रहलऽ हल ! ... ओ हाँ, हाँ ... ई बात साफ हको, सब कुछ अब साफ हो गेलो ह ।"
"त ई बात हइ ! ई विचार ओकन्हीं बीच वास्तव में फैलल हइ ! ई एगो अइसन अदमी हइ, जे हमरा लगी सूली चढ़ जइतइ, लेकिन ऊ केतना खुश हइ कि ओकरा ई बात साफ हो गेले ह कि सरसाम में हम अँगूठी के काहे बात कर रहलिए हल ! ओकन्हीं सब के दिमाग में ई बात बैठ गेले ह ! ..."
"आ हमन्हीं के उनका से भेंट होतइ ?" ऊ उँचगर स्वर में पुछलकइ ।

"होतइ, होतइ", रज़ुमिख़िन जल्दी-जल्दी बोललइ । "ऊ निम्मन अदमी हथिन, भाय, तूँ देख लेबहो ! जरी सन बेढब हथिन, मतलब ऊ फैशनदार अदमी हथिन, लेकिन हम दोसर मामले में बेढब बोल रहलियो ह । अदमी बुद्धिमान, बुद्धिमान, बहुत समझदारो, खाली एक प्रकार के खास तरह से सोचे के ढंग वला ... अविश्वासी, शक्की, सनकी ... फरेब के काम पसीन करऽ हइ, मतलब फरेब करना नयँ, बल्कि मूरख बनाना ... बिलकुल ठोस पुरनका तरीका ... लेकिन ऊ अपन काम जानऽ हइ, अच्छा से जानऽ हइ ... ऊ परसाल के एगो केस के, एगो हत्या के मामला के सुलझा देलकइ, जेकरा में कोय सुराग नयँ हलइ ! ऊ तोहरा से बहुत, बहुत, बहुत मिल्ले लगी चाहऽ हको !"

"लेकिन काहे लगी एतना जादे (उताहुल) ?"
"मतलब ई बात नयँ हइ कि ... देखवे करऽ हो, हाल में जबसे तूँ बेमार पड़लहो, हमरा अकसर आउ बहुत जादे तोरा बारे बात करे पड़लइ ... त ऊ सुनलइ ... आउ जइसीं जानलइ, कि तूँ कानून के पढ़ाय कर रहलहो ह आउ परिस्थितिवश एकर अध्ययन पूरा नयँ कर सकऽ हो, तब ऊ कहलकइ - 'कइसन अफसोस के बात हइ !' आउ हम नतीजा निकसलिअइ ... मतलब, सब बात के मिलाके, कोय एक बात से नयँ; कल्हे ज़म्योतोव ... देखवे करऽ हो, रोद्या, कल्हे हम पीयल हालत में तोरा कुछ तो बक देलिअइ, जब हमन्हीं घर जाब करऽ हलिअइ ... ओहे से, देखवे करऽ हो, भाय, कि हमरा डर लगऽ हके, कि कहीं तूँ ई बात के कुछ बढ़ा-चढ़ाके मतलब नयँ निकास ल ..."

"ई की हइ ? कि हमरा लोग पागल समझऽ हइ ? हाँ, शायद, ई सही हइ ।"
ऊ तनावपूर्ण रूप से मुसकइलइ ।
"हाँ ... हाँ ... मतलब उफ़, नयँ ! ... खैर, सब कुछ, जे हम बोल रहलिए हल (आउ दोसरो चीज के बारे), ई सब कुछ, खुमारी के चलते, बकवास हलइ ।
"लेकिन तूँ माफी काहे लगी माँग रहलऽ ह ! हम ई सब से केतना तंग आ गेलूँ हँ !" रस्कोलनिकोव अत्यधिक चिढ़के चिल्लइलइ । लेकिन ऊ आंशिक रूप से ढोंग कर रहले हल ।
"जानऽ ही, जानऽ ही, समझऽ ही । अकीन करऽ, कि हम समझऽ हियो । बोलहूँ में शरम आवऽ हके ..."
"अगर शरम आवऽ हको, त बोलवे मत करऽ !"
दुन्नु चुप हो गेलइ । रज़ुमिख़िन कुछ जादहीं खुश हलइ, आउ रस्कोलनिकोव के एकरा चलते नफरत अनुभव हो रहले हल । जे कुछ रज़ुमिख़िन अभी पोरफ़िरी के बारे बोलले हल, ओकरो से परेशानी हो रहले हल ।

"एकरो लगी हमरा लज़ारुस गावे पड़त [2]", ऊ सोचलकइ, ओकर चेहरा पीयर पड़ गेलइ आउ दिल धड़के लगलइ, "आउ अधिक स्वाभाविक रूप से गावे पड़त । सबसे स्वाभाविक ई होत कि कुच्छो गावहीं के नयँ चाही।  जादे कुच्छो गावहीं के नयँ चाही ! नयँ, जादे फेनु अस्वाभाविक होत ... खैर, हुआँ की होवऽ हइ ... देखबइ ... अभी ... जाना ठीक हइ, कि ठीक नयँ हइ ? फटिंगा खुद्दे चिराग के तरफ उड़के जा हइ । दिल धड़क रहल ह, एहे अच्छा नयँ हके ! ..."

"ई सिलेटी (grey) घर में", रज़ुमिख़िन कहलकइ ।
"सबसे मुख्य बात ई हइ, कि पोरफ़िरी के मालूम हइ, कि नयँ मालूम हइ, कि हम कल्हे ई चुड़ैल बुढ़िया के फ्लैट में गेलिए हल ... आउ खून के बारे पूछ रहलिए हल ? एक्के पल में ई मालूम कर लेवे के चाही, पहिलहीं कदम रखते, जब हम अंदर प्रवेश करम, चेहरा से मालूम करे के चाही; अ-न्य-था ... चाहे हमर सर्वनाश काहे नयँ हो जाय, लेकिन हम मालूम करके रहम !"

"आ तोरा ई मालूम हको", अचानक रस्कोलनिकोव एगो धूर्त मुसकान के साथ संबोधित कइलकइ, "हम तो, भाय, आझ नोटिस कइलियो, कि तूँ सुबहे से एक प्रकार के विशेष उत्तेजना में हकऽ ? सही बात हइ न ?"
"कइसन उत्तेजना में ? बिलकुल कोय उत्तेजना में नयँ ।" रज़ुमिख़िन के देह मानूँ ऐंठ गेलइ ।

"नयँ, भाय, वास्तव में ई साफ देखाय दे हको । कुरसी पर तूँ आझ अइसे बइठल हलऽ, जइसे तूँ कभी नयँ बइठऽ ह, कइसूँ एकदम किनारे में, आउ लगातार तोर देह तिलमिला रहलो हल । बिन कोय कारण के बीच-बीच में उचक पड़ऽ हलऽ । कभी गोसाऽ जा हलऽ, आउ कभी अचानक तोर थोपड़ा बहुत मिठगर लॉलीपॉप नियन हो जा हलो । तोहर चेहरा शरम से लाल हो जा हलो; खास करके जब तोरा दुपहर के खाना पर आमंत्रित कइल गेलो, त तोर चेहरा अत्यधिक लाल हो गेलो ।"

"अइसन कोय बात नयँ हइ; सब बकवास ! ... तोहर कहे के की मतलब हको ?"
"तोरा हो की गेलो ह, बिलकुल इस्कुलिया नियन कुलबुला रहलऽ ह ! उफ, शैतान कहीं के, देखऽ, फेर से ओकर चेहरा लाल हो गेलइ !"
"आखिर तूँ कइसन सूअर हकऽ !"
"लेकिन तूँ सकपका काहे लगी रहलऽ ह ? रोमियो ! ठहरऽ, आझ हम कहीं बता देवे जा रहलियो ह, हा-हा-हा ! मइया के तो हँसी छूट जइतइ ... आउ दोसरो केकरो ..."
"सुन, सुन, सुन, वास्तव में ई गंभीर बात हउ, वास्तव में ई ... शैतान के बच्चे, तूँ बाद में की करे जा रहलँऽ हँ !" रज़ुमिख़िन आखिर हकलाय लगलइ, डर से ठंढा पसीना छूटे लगलइ । "तूँ उनकन्हीं के की कहम्हीं ? हम तो, भाय, ... उफ, तूँ कइसन सूअर हकँऽ !"

"तूँ तो ठीक वसन्त के गुलाब लग रहलऽ ह ! काश, तोरा समझ में अइतो हल कि ई तोरा पर केतना फब्बऽ हको; दस विर्शोक कद (= करीब छो फुट) के [3] रोमियो ! आउ तूँ आझ कइसन नहाल-धोल हकऽ, नोहवो कइसन साफ-सुथरा कइले ह, अयँ ? पहिले कभी अइसन होलो हल ? आउ, हे भगमान, तूँ तो पउडर-तउडर आउ सुगंधित तेलो लगइलऽ ह ! जरी झुकके देखाहो तो !"
"सूअर कहीं के !!!"
रस्कोलनिकोव एतना हँसलइ, कि, लगऽ हलइ, अपन हँसी रोक नयँ पइलकइ, आउ अइसीं हँसते ओकन्हीं पोरफ़िरी पित्रोविच के फ्लैट में प्रवेश करते गेलइ । एहे रस्कोलनिकोव चाहऽ हलइ - अंदर के कमरा सब से कोय भी सुन सकऽ हलइ, कि ओकन्हीं हँसते अंदर घुसलइ आउ प्रवेशमार्ग में लगातार खिखिअइते जाब करऽ हइ।

"एक शब्द नयँ हियाँ, नयँ तो हम तोरा ... मारके भरता बना देबउ !" रस्कोलनिकोव के कन्हा पकड़के गोस्सा में रज़ुमिख़िन फुसफुसइलइ ।

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Wednesday, March 11, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 3 ; अध्याय – 3



अपराध आउ दंड

भाग – 3

अध्याय – 3

"ऊ ठीक हका, ठीक हका !" अन्दर घुसते लोग के ज़ोसिमोव खुशी से चीखते बोललइ । ओकरा अइला करीब दस मिनट हो चुकले हल आउ कल्हीं नियन सोफा पर एक कोना में बइठल हलइ । रस्कोलनिकोव सामने दोसरा तरफ बइठल हलइ, पूरा पोशाक पेन्हले आउ सवधानी से नहइले आउ कंगही कइले हलइ, जे लम्बा समय से ओकरा साथ नयँ होले हल । कमरा तुरते भर गेलइ, लेकिन नस्तास्या तइयो भेंटकर्ता सब के पीछू-पीछू आवे में सफल हो गेलइ आउ सुन्ने लगलइ ।

वास्तव में, रस्कोलनिकोव करीब-करीब चंगा हलइ, खास करके कल्हे के तुलना में, खाली बहुत पीयर हलइ, अन्यमनस्क आउ उदास हलइ । बाहर से ऊ मानूँ एगो घायल या कोय तरह के तेज शारीरिक पीड़ा से पीड़ित अदमी नियन लगऽ हलइ - ओकर भौं तन्नल, होंठ भिंच्चल, आउ आँख लाल हलइ। ऊ बहुत कम बोलऽ हलइ आउ अनिच्छा से, मानूँ जोर लगइला के बाद, चाहे कोय फर्ज अदा करते नियन, आउ कभी-कभी ओकर चाल-ढाल में एक प्रकार के बेचैनी देखाय दे हलइ ।

कमी हलइ त हाथ में कोय पट्टी के या अंगुरी पर ताफ्ता (एक प्रकार के रेशमी कपड़ा) के लपेटन के, ताकि ओकर पूरा हुलिया ऊ अदमी जइसन होते हल, जेकर, मसलन, अंगुरी में बहुत दर्दनाक फोड़ा रहे, चाहे घायल हाथ, चाहे अइसीं आउ कुछ ।

लेकिन, ई पीयर आउ उदास चेहरो पर एक क्षण लगी मानूँ रोशनी के चमक आ गेलइ, जब माय आउ बहिन अंदर अइते गेला, लेकिन एकरा से ओकर पहिलौका नीरस अन्यमनस्कता के बजाय ओकर भाव में मानूँ अधिक केन्द्रित व्यथा में वृद्धि हो गेलइ । रोशनी तो तुरते धुँधला पड़ गेलइ, लेकिन व्यथा रह गेलइ, आउ ज़ोसिमोव, अभी-अभी डाक्टरी शुरू करे वला नौजवान डाक्टर के उत्साह से अपन मरीज के देखला आउ अध्ययन कइला पर ई बात नोटिस करके अचरज में पड़ गेलइ, कि अपन रिश्तेदार के आगमन से खुशी के बजाय, मानूँ घंटा-दू घंटा के यातना सह लेवे के ओकरा में एगो भारी गुप्त दृढ़ संकल्प हलइ, जेकरा टालल नयँ जा सकऽ हलइ । ऊ बाद में देखलकइ, कि कइसे बाद में होल बातचीत के लगभग हरेक शब्द जइसे एक प्रकार से ओकर मरीज के घाव के स्पर्श करऽ हलइ आउ ओकरा ताजा कर दे हलइ; लेकिन एकर साथे-साथ ओकरा आंशिक रूप से ई बात के अचरज हो रहले हल, कि कल्हे वला एकोन्मादी (monomaniac) के आझ अपन भावना के नियंत्रित करे आउ छिपावे के शक्ति आ गेले हल, जे कल्हे एगो बिलकुल छोटगरो शब्द से गोस्सा में लगभग भड़क उट्ठऽ हलइ ।

"हाँ, हम अब खुद देखऽ ही, कि लगभग चंगा ही", हार्दिक मन से रस्कोलनिकोव माय आउ बहिन के चूमते कहलकइ, जेकरा से पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के चेहरा चमक उठलइ, "आउ कल्हे नियन अब ई बात नयँ कह रहलियो ह", रज़ुमिख़िन के संबोधित करते आउ ओकरा साथ मित्रवत् हाथ मिलइते ऊ आगू बोललइ ।

"आ हमरो आझ इनका देखके अचरज होब करऽ हइ", ज़ोसिमोव शुरू कइलकइ, जे आगन्तुक के देखके बहुत खुश होलइ, काहेकि दसे मिनट में अपन मरीज के साथ बातचीत के सिलसिला के खोवे में सफल हो चुकले हल । "लगभग तीन-चार दिन में, अगर अइसीं चलते रहतइ, त बिलकुल पहिलहीं जइसन हो जइतइ, मतलब जइसन हलइ एक महिन्ना पहिले, चाहे दू ... चाहे, शायद, तीनो ? सचमुच ई बहुत पहिलहीं से शुरू होलो हल आउ अइसन हालत तक बनके अइलो ह ... हइ न ? त मानऽ हो न, कि शायद खुद्दे एकरा लगी दोषी हलऽ ?" ऊ सवधान मुसकाहट के साथ बात आगे बढ़इलकइ, मानूँ ऊ अभियो डर रहले हल कि कहीं ओकरा नराज नयँ कर देय ।
"बहुत संभव हइ", रस्कोलनिकोव भावशून्य मुद्रा में उत्तर देलकइ ।

"हमर कहे के मतलब हको", आउ खुश होते ज़ोसिमोव बात जारी रखलकइ, "कि तोहर पूरा तरह से चंगा होना, मुख्यतः, अब खाली तोरा खुद्दे पर निर्भर करऽ हको । अब, जबकि तोहरा से बातचीत करना संभव हो गेलो ह, हम तोरा अकीन देलावे लगी चाहबो, कि ई आवश्यक हको कि मौलिक, यूँ कहल जाय, असली जड़, जे तोहरा रोग के हालत पैदा कइलको हल, ओकरा हटावे के चाही, तभिए तूँ ठीक होबऽ, नयँ तो हालत बत्तरो होतो । ई मौलिक कारण हमरा नयँ मालूम, लेकिन तोरा तो मालूम होवहीं के चाही । तूँ बुद्धिमान हकऽ, आउ वस्तुतः, खुद्दे नोटिस कइलऽ होत । हमरा लगऽ हको, कि तोहर अव्यवस्था के शुरुआत आंशिक रूप से तोर विश्वविद्यालय छोड़े के समय से मेल खा हको । तोहरा खाली बइठना बिलकुल नयँ चाही, ओहे से परिश्रम आउ  सामने एक  दृढ़ निश्चित कइल लक्ष्य, हमरा लगऽ हको, तोहरा लगी बहुत सहायक हो सकऽ हको ।"

"हाँ, हाँ, तूँ बिलकुल सही हकऽ ... अइकी हम तुरते विश्वविद्यालय में योगदान (join) कर ले हियो, आउ तब सब कुछ ... पटरी पर आ जइतइ ..."

ज़ोसिमोव, जे अपन बुद्धिमानी भरल परामर्श आंशिक रूप से महिला लोग के सामने अपन प्रभाव डाले खातिर शुरू कइलके हल, वस्तुतः जरी आश्चर्यचकित हो गेलइ, जब अपन भाषण समाप्त कइला पर आउ अपन श्रोता तरफ देखला पर, ओकर चेहरा पर एगो निश्चयात्मक उपहास नोटिस कइलकइ । लेकिन ई पल भर तक रहलइ। पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना तुरतम्मे ज़ोसिमोव के धन्यवाद देवे लगला, विशेष करके कल रात के ओकन्हीं के होटल में भेंट करे खातिर ।

"की, ई तोहन्हीं हीं रात में गेला हल ?" चिंतित होल नियन रस्कोलनिकोव पुछलकइ । "मतलब, तोहन्हीं सफर के बाद सुतलऽ नयँ ?"
"आह, रोद्या, वस्तुतः ई सब तो खाली दू बजे तक के बात हलइ । हम आउ दुन्या तो घरवो पर दू बजे के पहिले कभी नयँ सुत्ते जा हलिअइ ।"

"हमरो नयँ समझ में आवऽ हके, कि उनका कइसे धन्यवाद करूँ", त्योरी चढ़इते आउ निच्चे तरफ तकते रस्कोलनिकोव बात जारी रखलकइ । "पइसा के बात तो अलगे हइ - क्षमा करिहऽ, कि हम एकरा बारे उल्लेख कइलियो" (ऊ ज़ोसिमोव तरफ मुड़लइ), "हमरा ई समझ में नयँ आवऽ हके, कि कइसे हम तोहरा से अइसन विशेष ध्यान रखवावे के पात्र होलिअइ । हमरा बिलकुल ई बात समझ में नयँ आवऽ हके ... आउ ... आउ ई हमरा लगी एगो मन पे बोझ हके, काहेकि हमरा समझ में नयँ आवऽ हके - हम तोहरा खुले दिल से बता रहलियो ह ।"

"तूँ जरिक्को परेशान मत होवऽ", ज़ोसिमोव जबरदस्ती हँसते बोललइ, "मान ल, कि तूँ हमर पहिला मरीज हकऽ, आउ हमर भाय, हम डाक्टर लोग जब पहिले-पहिल प्रैक्टिस चालू करते जा हिअइ, त अपन पहिलौका मरीज सब के अपन बुतरू नियन प्यार करऽ हिअइ, आउ कुछ लोग के तो ऊ सब से लगाव हो जा हइ । आउ हमरा पास तो ढेर सारा मरीज नयँ हकइ ।"
"आउ हम तो एकरा बारे कुछ नयँ बोलऽ हियो", रज़ुमिख़िन तरफ इस्तारा करते रस्कोलनिकोव आगू बोललइ, "एहो तो हमरा से अपमान आउ तकलीफ के अलावा कुछ नयँ देखलका ।"
"अरे, ई की बकवास कर रहला ह ! तूँ आझ भावुक मूड में लग रहलऽ ह की ?" रज़ुमिख़िन उँचगर स्वर में बोललइ ।

अगर ओकर दृष्टि जरी आउ तेज होते हल, त देखते हल, कि हियाँ भावुक मूड बिलकुल नयँ हलइ, बल्कि बिलकुल एकर उलटे हलइ । लेकिन अवदोत्या रोमानोव्ना ई बात के समझ गेलइ । ऊ एकटक आउ बेचैनी से अपन भाय के देख रहले हल ।

"तोरा बारे तो, माय, हम तो बोले के हिम्मत नयँ कर सकऽ हिअउ", ऊ बात जारी रखलकइ, मानूँ ऊ सुबहे से कोय रट्टल पाठ सुना रहल होवे, "खाली आझे हमरा ई बात के जरी अंदाजा होलउ, कि कल्हे हियाँ हमर वापिस आवे के इंतजार में केतना तकलीफ होलो होत ।" ई सब कह चुकला के बाद, ऊ अचानक, चुपचाप आउ मुसकाहट के साथ, अपन हाथ बहिन तरफ बढ़इलकइ । लेकिन ई मुसकाहट में अबरी असली, अकृत्रिम भावना के चमक हलइ ।  दुन्या खुश होके आउ कृतज्ञतापूर्वक तुरते ओकरा तरफ बढ़ावल हाथ के धर लेलकइ आउ गरम जोश के साथ दबइलकइ । कल के वाद-विवाद के बाद ओकरा पहिले तुरी संबोधित कइलके हल । भाय-बहिन के बीच ई अन्तिम आउ शब्दहीन सुलह देखके माय के चेहरा हर्षातिरेक आउ खुशी से चमक उठलइ ।

"एहे से तो हम एकरा प्यार करऽ हिअइ !" रज़ुमिख़िन फुसफुसइलइ, जे सब कुछ बढ़ा-चढ़ाके बात कर रहले हल, कुरसी पर झटके से घूमके । "त एकर दिल में अइसन हलचल भी हइ ! ..."

"आउ केतना अच्छा ओकरा से ई सब होवऽ हइ", माय अपन मन में सोचलका, "कइसन उदार भाव के आवेग हइ ओकरा, आउ केतना सीधा-सादा ढंग से, कोमलता से अपन बहिन के साथ कल्हे के ई सब्भे गलतफहमी दूर कर देलकइ - बिलकुल ठीक क्षण में अपन हाथ बढ़इलकइ आउ ओकरा तरफ निम्मन तरह से देखलकइ ... आउ ओकर आँख केतना सुन्दर हइ, आउ पूरा चेहरा केतना सुन्दर हइ ! ... ऊ तो दुनेच्का से भी जादे सुन्दर लगऽ हइ ... लेकिन, हे भगमान, कइसन ओकर पोशाक हकइ, कइसन भयंकर रूप से कपड़ा पेन्हले हइ ! ... अफ़नासी इवानोविच के दोकान में वास्या, हरकारा, भी बेहतर कपड़ा पेन्हऽ हइ ! ... आउ हमरा अइसन लगऽ हके कि ओकरा भिर लपकके जाऊँ, आउ गले लगा लूँ, आउ ... रोवे लगूँ - लेकिन डरऽ हूँ ... कइसन लगऽ हके ऊ, हे भगमान ! ... अइकी अभी तो ऊ मीठगर-मीठगर बात करऽ हके, लेकिन डरऽ हूँ ! आखिर हम डरऽ हूँ काहे लगी? ..."
 "अरे, रोद्या, तोरा अकीन नयँ होतउ", अचानक ऊ कहना शुरू कइलका, ओकर टिप्पणी के जल्दी से जवाब देवे खातिर, "दुनेच्का आउ हम कल केतना हलिअइ ... दुखी ! अब, जब सब कुछ गुजर गेलइ आउ खतम हो गेलइ आउ हम सब फेर से खुश हकिअइ - अइसन कहल जा सकऽ हइ । जरी सोच, कि हम करीब-करीब सीधे रेलगाड़ी से उतरके हियाँ दौड़के आवऽ हूँ, कि तोरा गले से लगा लेऊँ, आउ ई औरत - अरे, अइकी हइ ऊ ! कइसन हँ, नस्तास्या ! ... ऊ अचानक हमरा बतावऽ हके, कि तूँ कम्पोन्माद (delirium tremens) में पड़ल हकँऽ आउ अभी-अभी डाक्टर भिर से चुपचाप घसक देलँऽ, सरसामी हालत में, रोड पर, कि आउ तोरा खोजे के चक्कर में लोग दौड़के तोर पीछू गेते गेला । तोरा विश्वास नयँ होतउ, कि हमन्हीं पर की गुजरल ! हमरा खाली एहे दिमाग में आल, कि कइसे लेफ्टेनेंट पोतान्चिकोव के दुखद मौत हो गेलइ, जे हमन्हीं के जान-पछान के, तोर बाऊ के दोस्त हलथुन - तोरा उनकर आद नयँ होतउ, रोद्या - ओहो कम्पोन्माद में अइसीं बाहर दौड़के भाग गेला हल आउ प्रांगण के कुआँ में गिर गेला हल, दोसरे दिन होके उनका बाहर निकासल जा सकलइ । आउ हमन्हीं, वास्तव में, ई बात के जादहीं बढ़ा-चढ़ा देलिअइ । हमन्हीं प्योत्र पित्रोविच के पास दौड़के जाके खोजहीं वला हलिअइ, ताकि बल्कि उनकरे मदत से ... काहेकि हमन्हीं वस्तुतः अकेल्ले हलिअइ, बिलकुल अकेल्ले", ऊ दुख भरल अवाज में बोलते रहला आउ अचानक रुक गेला, ई आद करके, कि प्योत्र पित्रोविच के बारे बात करना अभियो काफी खतरनाक हकइ, ई बात के बावजूद 'कि हम सब फेर बिलकुल खुश हकिहइ' ।"
"हाँ, हाँ ... ई सब, वास्तव में, दुख के बात हइ ...", जवाब में रस्कोलनिकोव बड़बड़इलइ, लेकिन अइसन अन्यमनस्क आउ लगभग लापरवाह भाव से, कि दुनेच्का अचरज में ओकरा तरफ देखे लगलइ ।

"अरे, हम आउ की चाहऽ हलिअइ", प्रयास के साथ आद करते ऊ बात जारी रखलकइ, "हाँ - माय आउ तूँ दुन्या, किरपा करके ई मत सोचिहँऽ, कि हम तोहन्हीं हियाँ पहिले नयँ आवे लगी चाहऽ हलिअउ आउ तोहन्हीं के अपना हीं पहिले आवे के इंतजार में हलिअउ ।"
"ई तो की कह रहलँऽ हँ, रोद्या !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भी अचरज में चिल्ला उठला ।
"ई की फर्ज निभावे खातिर हमन्हीं के जवाब दे रहला ह ?" दुनेच्का सोचे लगलइ, "ई समझौता कर रहला ह, आउ माफी माँग रहला ह, जइसे कोय सेवा कर रहला ह, चाहे कोय सबक आद कर लेलका ह ।"
"हम तो अभी-अभी जगलियो ह आउ आहीं के सोच रहलियो हल, लेकिन हमरा पोशाक के चलते देरी हो गेलउ; कल्हे ओकरा बतावे लगी भूल गेलिअइ ... नस्तास्या के ... ई खून के साफ कर देवे लगी ... अभी-अभी कपड़ा पेन्ह के तैयार होलियो हल ।"

"खून ! कइसन खून ?" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना परेशान हो उठला ।
"ई अइसीं ... परेशान मत हो । ई खून ई वजह से हइ, कि कल्हे, जब कुछ-कुछ सरसामी हालत में घूम रहलिए हल, त अचानक गाड़ी के निच्चे कुचलाल एगो अदमी मिल गेलइ ... एगो सरकारी किरानी ..."
"सरसामी हालत में ? तइयो तोरा सब कुछ आद हकउ !" रज़ुमिख़िन बीच में बोल उठलइ ।
"ई सही हइ", कइसूँ विशेष सवधानी से ई बात के जवाब देलकइ, "हमरा सब कुछ आद हके, छोटगरो से छोटगर बात, लेकिन हमरा ई पूछते जा - कि हम काहे लगी अइसन कइलइ, आउ हुआँ गेलिअइ, आउ ऊ बात बोललिअइ ? ई सब हम ठीक से बता नयँ सकऽ ही ।"

"ई तो बहुत परिचित घटना हइ", ज़ोसिमोव बीच में बोललइ, "कभी-कभी योजना बड़ी कुशलता से, बड़ी चलाकी से संपादित कइल जा हइ, लेकिन क्रिया-कलाप आउ एकर स्रोत के नियंत्रण अस्तव्यस्त रहऽ हइ आउ कइएक रोगजन्य छाप पर निर्भर करऽ हइ । सपना नियन ।"
"आ ई तो, शायद, आउ अच्छे हइ, कि ऊ हमरा लगभग पागल समझऽ हइ", रस्कोलनिकोव सोचलकइ ।
"हाँ, अइसे तो, शायद, स्वस्थ लोग भी अइसीं होवऽ हका", दुनेच्का टिप्पणी कइलकइ, बेचैनी से ज़ोसिमोव तरफ देखते ।

"यथेष्ट विश्वसनीय प्रेक्षण (observation)", ऊ जवाब देलकइ, "ई अर्थ में वस्तुतः हम सब्भे कोय, आ बहुत अकसर, लगभग पागल नियन होवऽ हिअइ, खाली जरी सन फरक के साथ, कि ‘रोगी लोग’ हमन्हीं के अपेक्षा कुछ जादे पागल होवऽ हइ, ओहे से हियाँ एगो विभाजक रेखा खींचना आवश्यक हइ । आउ सुव्यवस्थित व्यक्ति, सही हइ, लगभग बिलकुल नयँ होवऽ हइ; दसो, आ शायद, कइएक सो हजार में एगो अइसन मिल्लऽ हइ, आउ ओहो काफी कमजोर नमूना के रूप में ..."

अपन प्रिय विषय पर बकते समय ज़ोसिमोव के मुँह से लपरवाही में ‘पागल’ शब्द निकस गेला पर सबके त्योरी चढ़ गेलइ ।
रस्कोलनिकोव विचारमग्न होके आउ पीयर होंठ पर विचित्र मुसकान के साथ बइठल रहलइ, जइसे ई बात पर कोय ध्यान नयँ दे रहले हल । ऊ कुछ तो सोचते रहलइ ।
"अच्छऽ, त ई अदमी के की होलइ, जे गाड़ी के निच्चे कुचला गेले हल ? हम तोरा बिच्चे में टोक देलियो हल !" जल्दी से रज़ुमिख़िन उच्च स्वर में बोललइ ।
"की ?", मानूँ ऊ जग गेलइ, "हाँ ... हमर कपड़ा खूने-खून हो गेले हल, जब हम ओकरा ओकर फ्लैट में पहुँचावे में मदत कर रहलिए हल ... अच्छऽ, माय, कल हमरा से एगो माफ नयँ करे लायक काम हो गेलउ; वास्तव में हमर दिमाग नयँ काम कर रहल हल । हम कल्हे सब पइसा, जे तूँ हमरा लगी भेजइलँऽ हल, दे देलिअइ ... ओकर घरवली के ... ओकरा दफनावे खातिर । अभी विधवा हइ, तपेदिक के रोगी, दयनीय स्थिति वली औरत ... तीन-तीन गो छोटगर अनाथ बुतरू, भुक्खल ... घर बिलकुल खाली हइ ... आउ एगो बेटियो हइ ... शायद, तूहूँ दे देतहीं हल, अगर देखतहीं हल ... हमरा, लेकिन, कोय अधिकार नयँ हलइ, हम ई बात मानऽ हिअउ, खास करके ई जानके, कि कइसे ई पइसा के इंतजाम कइलहीं हल । दोसरा के मदत करे के पहिला अधिकार होवे के चाही, नयँ तो - "Crevez chiens, si vous n'êtes pas contents!" [(क्रेवे श्यैं, सि वू नेत पा कौंताँ!) - मर जो कुत्ते, अगर तूँ संतुष्ट नयँ हकँऽ ! (फ्रेंच)], ऊ हँस पड़लइ । "हइ न, दुन्या ?"

"नयँ, अइसन बात नयँ हइ", दृढ़तापूर्वक दुन्या उत्तर देलकइ ।
"वाह ! त तोरो ... धारणा हउ ! ...", ऊ बड़बड़इलइ, ओकरा लगभग घृणा से देखके आउ व्यंग्यात्मक ढंग से मुसकाके । "हमरा समझ लेवे के चाही हल ... खैर, ई प्रशंसनीय हइ; तोरो लगी बेहतर हउ ... आउ अइसन लाइन तक पहुँचम्हीं, कि एकरा नयँ लाँघम्हीं - त दुखी रहम्हीं, लेकिन अगर लाँघम्हीं - त शायद, आउ जादे दुखी होम्हीं ... लेकिन, ई सब बकवास हइ !" ऊ चिढ़के बोललइ, अनिच्छापूर्वक भावना के प्रवाह में बह जाय के चलते झुँझलइते । "हम खाली ई कहे लगी चाहऽ हलिअउ, कि हम तोरा से, माय, माफी माँगऽ हिअउ", ऊ संक्षेप में आउ अचानक अपन बात खतम करते बोललइ ।

"बहुत हो गेलउ, रोद्या, हमरा अकीन हके, कि जे कुछ तूँ कर रहलँऽ हँ, सब कुछ बहुत निम्मन हउ !" खुश होल माय कहलका ।
"एतना अकीन मत कर", ऊ जवाब देलकइ, अपन मुँह के जरी विकृत करके मुसकाहट में बदलके । मौन छा गेलइ । ई पूरे बातचीत में, मौन में, समझौता में, क्षमा में, कुछ तो तनावपूर्ण हलइ, आउ सब कोय एकर अनुभव कर रहले हल ।
"अइसन लगऽ हइ कि जइसे ओकन्हीं हमरा से डरते जा हका", रस्कोलनिकोव मने-मन सोचलकइ, त्योरी चढ़ाके माय आउ बहिन के देखते । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना, वास्तव में, जेतने जादे देर तक चुप रहला, ओतने जादे भीरु होते गेला ।

"उनकर अनुपस्थिति में, लगऽ हइ, कि हम उनकन्हीं के प्यार करऽ हलिअइ", ओकर दिमाग में कौंधलइ ।
"जानऽ हीं, रोद्या, मार्फ़ा पित्रोव्ना मर गेलइ !" अचानक पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के मुँह से निकस गेलइ ।
"ई मार्फ़ा पित्रोव्ना केऽ हइ ?"
"ओह, हे भगमान, अरे ओहे मार्फ़ा पित्रोव्ना, स्विद्रिगाइलोवा ! हम तो तोरा पहिलहीं ओकरा बारे एतना सारा लिखलियो हल ।"
"अरे, हाँ, आद हउ ... अच्छऽ, त ऊ मर गेलइ ? आह, वास्तव में ?" अचानक ऊ चौंक पड़लइ, जइसे जग गेल होवे । "वास्तव में मर गेलइ ? कइसे ?"
"खाली कल्पना कर, कि बिलकुल अचानक !" ओकर उत्सुकता से प्रोत्साहित होके पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना त्वरित उत्तर देलका । "आउ ठीक ओहे समय, जब हम तोरा चिट्ठी पठइलिअउ, ठीक ओहे दिन ! कल्पना कर, कि ई भयंकर अदमी, लगऽ हइ, ओकर मौत के कारण हलइ । लोग के कहना हइ, कि ऊ ओकरा बड़ी मार मालके हल !"
"वास्तव में ओकन्हीं अइसीं जीयऽ हलइ ?" ऊ अपन बहिन के संबोधित करते पुछलकइ ।
"नयँ, बल्कि एकर खास उलटा । ओकरा साथ तो ऊ धीरज से पेश आवऽ हलइ, नम्र भी हलइ । कइएक बात में तो ऊ बहुत जादहीं ओकर स्वभाव पर आसक्त हलइ, पूरे सात साल ... कइसूँ अचानक धीरज खो बइठलइ ।"
"मतलब, ऊ बिलकुल ओइसन भयंकर नयँ हइ, अगर सात साल तक खुद के काबू में रखलकइ ? तूँ, दुनेच्का, लगऽ हइ, कि ओकरा सही ठहरा रहलहीं हँ ?"
"नयँ, नयँ, ई भयंकर अदमी हइ ! हम तो ओकरा से जादे भयंकर आउ केकरो कल्पना नयँ कर सकऽ हूँ", लगभग कँपते दुन्या जवाब देलकइ, भौं टेढ़ कर लेलकइ आउ सोच में डूब गेलइ ।

"ओकन्हीं के साथ ई घटना सुबह में होलइ", जल्दी-जल्दी में पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बात जारी रखलका, "एकर बाद ऊ तुरते घोड़ा के जोते के औडर देलकइ, ताकि दुपहर के भोजन के बाद तुरतम्मे शहर चल जाय जाल, काहेकि ऊ हमेशे अइसन हालत में शहर होके आवऽ हलइ; लोग के कहना हइ, कि ऊ दुपहर के खाना बड़ी डटके खइलके हल ..."
"मारो खइला के बाद ?"

" ... ओकर, लेकिन, हमेशे के ई ... आदत हलइ, आउ जइसीं ऊ दुपहर के खाना समाप्त करऽ हलइ, त जाय में कहीं देरी नयँ हो जाय, ऊ तुरतम्मे बाथरूम (स्नानघर) चल जा हलइ ... देखवे करऽ हीं, ओकर हुआँ एक प्रकार के स्नान-चिकित्सा चलऽ हलइ; ओकन्हीं के पास हुआँ ठंढा पानी के झरना हइ, आउ ऊ रोज दिन ओकरा में नियमित रूप से स्नान करऽ हलइ, आउ जइसीं पानी में घुसलइ, कि अचानक ओकरा साथ आघात !"
"बिलकुल !" ज़ोसिमोव कहलकइ ।
"आउ ऊ ओकरा दर्दनाक मार मालकइ ?"
"एकरा से की फरक पड़ऽ हइ", दुन्या जवाब देलकइ ।
"हूँ ! आ तइयो, तोरा मन करऽ हउ, माय, ई सब बकवास सुनावे के", चिढ़के आउ मानूँ अप्रत्याशित ढंग से रस्कोलनिकोव अचानक बोल उठलइ ।
"ओह, हमर दोस्त, हमरा समझ में नयँ आवऽ हलउ, कि हम की बात करिअउ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के मुँह से निकसलइ ।
"अरे की बात हउ, तोहन्हीं सब हमरा से डरऽ हीं की ?" ऊ विकृत मुसकान के साथ कहलकइ ।
"ई बात तो वास्तव में सच हइ", दुन्या कहलकइ, भाय तरफ सीधे आउ कठोरता से देखते । "माय, ज़ीना के उपरे चढ़ते बखत भय के मारे क्रॉस भी कर लेलके हल ।"

रस्कोलनिकोव के चेहरा जइसे आक्षेप (spasm) से विकृत हो गेलइ ।
"आह, ई तूँ की कह रहलहीं हँ, दुन्या ! किरपा करके गोस्सा मत कर, रोद्या ... तूँ अइसन बात काहे बोललहीं, दुन्या !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भ्रमित होके बोले लगला, "ई बात सच हइ, कि जब हम हियाँ आ रहलिए हल, त समुच्चे रस्ता रेलगाड़ी में हम सपना देख रहलिए हल - कइसे हमन्हीं मिलबइ, कइसे हम सब एक दोसरा के सब कुछ बतइबइ ... आउ हम एतना खुश हलिअइ, कि हमरा रस्तो के भान नयँ होल ! लेकिन हम की कह रहलिए ह ! हम अभियो खुश हकूँ ... तूँ बेकार के बात मत कर, दुन्या ! हमरा तो बस एतने बात से खुशी हो रहल ह, कि हम तोरा देख रहलियो ह, रोद्या ..."
"बस, माय", ऊ दुविधा में बड़बड़इलइ, उनका तरफ बिन देखले उनकर हाथ दबइलकइ, "सब कुछ बतिया लेते जइबइ !"
ई कहके ऊ अचानक दुविधा में पड़ गेलइ आउ ओकर चेहरा पीयर पड़ गेलइ - फेर से एगो हाल के भयंकर संवेदना ओकर दिल पर से एगो घातक सिहरन (deathly chill) नियन गुजर गेलइ; फेर से ओकरा अचानक बिलकुल स्पष्ट आउ सुबोध हो गेलइ, कि अभी ऊ एगो भयंकर झूठ बोलले हल, कि नयँ खाली अब कभियो ओकरा बतियाय के मौका नयँ मिलतइ, बल्कि अब आगे कोय चीज के बारे, कभियो नयँ, केकरो साथ नयँ, कुच्छो बोल सकतइ । ई कष्टदायक विचार के छाप एतना बरियार हलइ, कि ऊ एक क्षण खातिर लगभग सब कुछ भूल गेलइ, अपन जगह पर से उठलइ, आउ केकरो तरफ बिन देखले, कमरा से दरवाजा तरफ चल पड़लइ ।
"ई तूँ की कर रहलहीं हँ ?" ओकर हाथ पकड़के रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ ।
ऊ फेर बइठ गेलइ आउ चुपचाप अपन चारो तरफ देखे लगलइ; सब लोग ओकरा तरफ किंकर्तव्यविमूढ़ होके देख रहले हल ।
"तोहन्हीं सब उदास काहे लगी हकहो !" ऊ अचानक बिलकुल अप्रत्याशित ढंग से चिल्लइलइ, "कुछ तो बोलते जा ! वस्तुतः अइसे बइठल रहे से की फयदा ! कुछ तो बोलते जा ! हमन्हीं सब बातचीत करते जाम ... हम सब एकट्ठा होते गेलूँ हँ आउ चुपचाप हकूँ ... कुछ तो !"

"भगमान के किरपा ! हम तो सोच रहलूँ हल, कि एकरा साथ कल वला कुछ शुरू होवे जा रहल ह", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना क्रॉस करके बोलला ।
"की बात हको, रोद्या ?" अविश्वास के लहजा में अवदोत्या रोमानोव्ना पुछलकइ ।
"कुछ नयँ, एगो बात आद पड़ गेल", ऊ उत्तर देलकइ आउ अचानक हँस पड़लइ ।
"खैर, कुछ आद पड़ गेलो, त ठीक हको ! नयँ तो, हम तो खुद सोचे लगलियो हल ...", सोफा पर से उठते ज़ोसिमोव बड़बड़इलइ । "लेकिन हमरा जाय के टैम हो गेलो; हम शायद फेर अइबो ... अगर तूँ हियाँ पर मिलबऽ ...", ऊ आदरार्थ झुकलइ आउ बाहर निकस गेलइ ।

"केतना निम्मन अदमी हइ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना टिप्पणी कइलका ।
"हाँ, उत्तम, श्रेष्ठ, पढ़ल-लिक्खल, बुद्धिमान ...", रस्कोलनिकोव अचानक एक प्रकार के अप्रत्याशित शीघ्रता आउ अभी तक के एक प्रकार के असाधारण सजीवता (animation) से बात करे लगी चालू कइलकइ, "हमरा आद नयँ पड़ऽ हके, कि बेमारी के पहिले हम ओकरा साथ काहाँ मिललूँ हल ... लगऽ हइ, कहीं तो मिललिए हल ... अइकी एहो बड़ी निम्मन अदमी हइ !" सिर हिलाके रज़ुमिख़िन तरफ इशारा कइलकइ, "तोरा ई पसीन हउ, दुन्या ?" ऊ ओकरा पुछलकइ आउ अचानक, नयँ मालूम काहे, हँस पड़लइ ।

"बहुत", दुन्या जवाब देलकइ ।
"ओफ, तूहूँ कइसन ... सूअर हकँऽ !" भयंकर रूप से लज्जित आउ लाल होल रज़ुमिख़िन बोललइ आउ कुरसी पर से उठ गेलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जरी सन मुसकइला, आउ रस्कोलनिकोव जोर से ठहाका लगइलकइ ।
"अरे, तूँ कद्धिर चललँऽ ?"
"हमहूँ ... हमरा जरूरी ..."

"तोरा बिलकुल नयँ जाय के, रुक ! ज़ोसिमोव चल गेलइ, ओइसीं तोरो जरूरी हो गेलउ । मत जो ... आ टैम की होलइ ? बारह बज गेलइ ? तोरा पास केतना सुन्दर घड़ी हकउ, दुन्या ! लेकिन तोहन्हीं सब्भे काहे लगी फेनु चुप्पी साध लेते गेलऽ ? लगातार खाली हम आउ हमहीं बोलते जा रहलियो ह ! ..."

"ई मार्फ़ा पित्रोव्ना के देल उपहार हइ", दुन्या उत्तर देलकइ ।
"आउ बहुत महँगा हइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना आगू बोलला ।
"ओहो ! केतना बड़गर हकइ, जनानी घड़ी तो लगभग नयँ लगऽ हइ ।"
"हमरा अइसने पसीन हके", दुन्या कहलकइ ।
"मतलब, ई मंगेतर के उपहार नयँ हकइ", रज़ुमिख़िन सोचलकइ आउ नयँ मालूम काहे खुश हो गेलइ ।
"आ हम सोच रहलिए हल, कि ई लूझिन के देल उपहार हइ", रस्कोलनिकोव टिप्पणी कइलकइ ।
"नयँ, ऊ अभी तक कोय उपहार दुनेच्का के नयँ देलथिन हँ ।"
"ओ ! आउ आद हउ माय, हमरा प्यार हो गेले हल आउ शादी करे लगी चाहऽ हलिअइ ?" ऊ अचानक बोललइ, मइया तरफ देखते, जे अप्रत्याशित मोड़ आउ तान से, जेकरा में ऊ बात करे लगी चालू कइलकइ, चौंक गेला ।
"ओह, हमर दोस्त, हाँ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना, दुन्या आउ रज़ुमिख़िन से नजर मिलइलका ।

"हूँ ! हाँ ! आ हमरा तोहरा से की कहे के हके ? हमरा तो बहुत कम्मे आद आवऽ हके । ऊ एगो बेमरियाही सन लड़की हलइ", फेर से अचानक सोच में खोवल आउ निच्चे तरफ मुँह करके ऊ बात जारी रखलकइ, "बिलकुल बेमरियाही; गरीब-दुखिया के भीख देवे में ओकरा बड़ी रुचि हलइ, आउ मठ के बारे हमेशे सपनइते रहऽ हलइ, आउ एक तुरी ओकर आँख से लोर ढरके लगलइ, जब ऊ हमरा एकरा बारे बोले लगलइ; हाँ, हाँ ... आद पड़ऽ हके ... बहुत अच्छा से आद हके । कइसन सीधी-सादी साधारण लड़की ... वस्तुतः, हमरा मालूम नयँ, हमरा ओकरा तरफ कइसे लगाव हो गेलइ, लगऽ हइ कि ई कारण से, कि हमेशे बेमार रहऽ हलइ ... अगर ऊ लंगड़ी चाहे कुबड़ी रहते हल, त शायद हम ओकरा आउ जादे प्यार करतिए हल ... (ऊ विचारमग्न रूप से मुसकइलइ)। त ... ई एक प्रकार के वासन्तिक सरसाम (spring delirium) हलइ ..."

"नयँ, ई खाली एगो वासन्तिक सरसाम नयँ हलइ", सजीवता से दुनेच्का कहलकइ ।

ऊ तनावपूर्ण ध्यान से बहिन तरफ देखलकइ, लेकिन ऊ ओकर शब्द नयँ सुनलकइ, चाहे समझवो नयँ कइलकइ। बाद में, गहरा सोच में, उठ गेलइ, मइया भिर गेलइ, ओकरा चूम लेलकइ, अपन जगह पर वापिस आ गेलइ आउ बइठ गेलइ ।
"तूँ अभियो ओकरा प्यार करऽ हीं !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना द्रवित होके बोलला ।
"ओकरा ? अभी ? ओह हाँ ... तूँ ओकरा बारे ! नयँ । ई सब तो अब जइसे दोसर दुनियाँ के बात लगऽ हइ ... आउ बहुत पहिले के बात । आउ ई चारो तरफ हियाँ हो रहल नियन जइसे नयँ लगऽ हइ ..."
ऊ ओकन्हीं के ध्यान से देखलकइ ।

"आउ अइकी तोहन्हिंयो के ... लगऽ हको कि तोहन्हीं के हजारो विर्स्ता दूर से देख रहलियो ह ... आउ ई तो शैताने के मालूम कि हमन्हीं एकरा बारे काहे लगी बात कर रहलिए ह ! आउ सवाल करे से की फयदा ?" ऊ चिढ़के पुछलकइ आउ चुप हो गेलइ, दाँत से नाखून कुतरते आउ फेर से सोच में डूबते ।
"कइसन खराब ई तोर फ्लैट हकउ, रोद्या, बिलकुल ताबूत (coffin) लगऽ हउ", भारी चुप्पी तोड़ते अचानक पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कहलका, "हमरा अकीन हउ, कि आधा तो ई फ्लैट के वजह से तोरा अइसन उदासी हकउ ।"
"फ्लैट ...", ऊ लपरवाही से उत्तर देलकइ । "हाँ, फ्लैट के भी बहुत कुछ हाथ हलइ ... हम एकरो बारे सोचलिए हल ... लेकिन तोरा मालूम रहतो हल, कि कइसन विचित्र विचार अभी तूँ बतइलहीं, माय", विचित्र ढंग से हँसके ऊ बोललइ ।

अगर कुछ देर अइसन सिलसिला आउ चलते हल, त तीन साल के वियोग के बाद, ई साथ, ई परिवार, बातचीत के ई पारिवारिक तान (tone), कुच्छो के बारे बोले के पूरे असंभावना के हालत में - आखिर ओकरा लगी बिलकुल असह्य हो जइते हल । लेकिन एगो अइसन बहुत आवश्यक काम हलइ, जेकर येन केन प्रकारेण आझ फैसला हो जाय के चाही हल - अइसन ऊ खुद्दे फैसला कर लेलके हल, जब ऊ सुबह में जगले हल । अब ओकरा ई बात के खुशी हो रहले हल, कि ई काम एगो बहाना के रूप में मिल गेले हल ।

"सुन, दुन्या", ऊ गंभीर होके आउ रुखाई से बात शुरू कइलकइ, "वास्तव में हम तोरा से कल खातिर माफी माँगऽ हिअउ, लेकिन फेर से तोरा आद देलाना हम फर्ज समझऽ हिअउ, कि हम अपन मुख्य बिन्दु से पीछू नयँ हटबउ । खयँ तो हम्मे, खयँ लूझिन । चाहे हम नीच होवूँ, लेकिन तोरा नयँ होवे के चाही । अगर तूँ लूझिन के साथ शादी करमँऽ, त हम तोरा अपन बहिन माने लगी छोड़ देबउ ।"
"रोद्या, रोद्या ! ई तो बिलकुल ओहे हइ, जे कल्हे हलइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना दुखी होके चिल्लइला, "आउ तूँ अपना के नीच काहे कहऽ हीं, हमरा से ई बरदास नयँ होवऽ हउ ! कल्हिंयों एहे बात हलउ ..."

"भैया", दृढ़तापूर्वक आउ रुखाइयो से दुन्या जवाब देलकइ, "ई सब कुछ में तोरा तरफ से गलती हको । हम रात के बखत एकरा बारे सोचलियो आउ गलती खोज लेलियो । सब के जड़ ई हको, लगऽ हइ, कि तूँ समझऽ हो, कि हम केकरो सामने आउ केकरो लगी हम खुद के बलिदान दे रहलिए ह । अइसन बिलकुल नयँ हइ । हम खाली खुद लगी शादी कर रहलूँ हँ, काहेकि हमरा खुद लगी बहुत भारी पड़ रहल ह; आउ एकरा लगी, जाहिर हइ, हमरा खुशी होतइ, अगर हमर परिवार के एकरा से कुछ फयदा पहुँचतइ, लेकिन हमर फैसला में ई मुख्य प्रयोजन नयँ हकइ ..."

"झूठ बोलब करऽ हइ !" ऊ मने-मन सोचलकइ, गोस्सा में नाखुन कुतरते । "घमंडी लड़की ! माने लगी तैयार नयँ हकइ, कि परोपकार करे लगी चाहऽ हइ ! अरे, नीच चरित्र वाले ! ओकन्हीं प्यार तो करऽ हइ, लेकिन ई घृणा करे के बराबर हइ ... ओ, हमरा कइसन ... घृणा हके ऊ सबसे !"

"एक शब्द में, हम प्योत्र पित्रोविच के साथ शादी करम", दुनेच्का बात जारी रखलकइ, "काहेकि दूगो बुराई में कम वला के हम चुन रहलूँ हँ । हम ईमानदारी से ऊ सब कुछ पूरा करम, जे ऊ हमरा से आशा करऽ हका, मतलब, उनका हम धोखा नयँ दे ही ... तूँ काहे लगी अइसे अभी मुसकइलऽ ?"
ओकरो चेहरा तमतमा उठलइ, आउ ओकर आँख में गोस्सा चमके लगलइ ।

"सब कुछ पूरा करम्हीं ?" जहरीला हँसी हँसते ऊ पुछलकइ ।
"कुछ खास हद तक । प्योत्र पित्रोविच के प्रस्ताव के तरीका आउ रूप से हमरा तुरते पता चल गेलइ, कि उनका की चाही । ऊ, जाहिर हइ, अपना के बड़गो समझऽ हथिन, लेकिन हम आशा करऽ हिअइ, कि ऊ हमरो इज्जत करऽ हथिन ... फेर तूँ काहे लगी हँस रहलहो ह ?"

"आउ फेर से तोर चेहरा काहे लाल होब करऽ हउ ? तूँ झूठ बोल रहलँऽ हँ, बहिन, तूँ जान-बूझके झूठ बोल रहलँऽ हँ, खाली अपन जनानी हठ के चलते, खाली अपन बिन्दु हमरा सामने रक्खे खातिर ... तूँ लूझिन के आदर नयँ कर सकमँऽ - हम ओकरा देखलियो ह आउ ओकरा साथ बतिअइलियो ह । मतलब, पैसा लगी खुद के बेच रहलँऽ हँ, आउ, मतलब, सब्भे हालत में तूँ नीच काम कर रहलँऽ हँ, आउ हम खुश हकूँ, कि तोर चेहरा, कम से कम, लाल हो सकऽ हउ !"

"ई सच नयँ हइ, हम झूठ नयँ बोल रहलूँ हँ ! ..." दुनेच्का अपन संतुलन खोके चिल्ला उठलइ, "हम उनका साथ शादी नयँ करम, ई बिन निश्चिंत होले कि ऊ हमरा इज्जत करऽ हका आउ हमरा बारे अच्छा राय रक्खऽ हका; हम उनका साथ शादी नयँ करम, ई बिन पक्का निश्चिंत होले कि हम खुद उनका इज्जत कर सकऽ हिअइ । भाग्यवश, हम एकरा बारे पक्का निश्चिंत हो सकऽ हिअइ, आउ ओहो आझे । आउ अइसन शादी नीचता नयँ हो सकऽ हइ, जइसन कि तूँ बोलऽ हकहो ! आउ अगर तूँ सहियो होतहो हल, आउ अगर हम कोय नीच काम करे के वास्तव में फैसला करियो लेतिए हल – त की हमरा से अइसन बात करना तोरा तरफ से निर्दयता नयँ हको ? हमरा से वीरता के माँग काहे करऽ हो, जे तोरो में, शायद, नयँ हको ? ई तो सरासर तानाशाही हको, ई अत्याचार हको ! हम केकरो तबाह करबइ, त खाली खुद के ...  हम अभियो केकरो गला नयँ रेत देलिए ह ! ... तूँ हमरा तरफ काहे अइसे देखऽ हो ? तोर चेहरा काहे पीयर पड़ गेलो ? रोद्या, तोरा की हो गेलो ह ? रोद्या, प्यारे ! ..."
"हे भगमान ! अरे ऊ तो बेहोश कर देलकइ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्ला उठला ।
"नयँ, नयँ ... बकवास ... कुछ नयँ ! ... थोड़े सन सिर में चक्कर आ गेल । बेहोशी बिलकुल नयँ ... तोरा तो मन में बेहोशी बइठ गेलो ह ! ... हूँ ! हाँ ... त हम की कहे लगी चाह रहलिए हल ? हाँ - तोरा आझ कइसे पक्का विश्वास होतउ, कि तूँ ओकरा आदर कर सकऽ हीं आउ ऊ ... इज्जत करऽ हइ, अइसन कुछ कह रहलहीं हल न ? तूँ, लगऽ हइ, कहलहीं, कि आझे ? कि हमरा सुन्ने में गलती होलइ ?"
"माय, भैया के प्योत्र पित्रोविच के चिट्ठी देखा देहीं", दुनेच्का कहलकइ ।  

पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना अपन काँपते हाथ से चिट्ठी देलका । ऊ बड़ी उत्सुकता से ई लेलकइ । लेकिन एकरा खोले के पहिले, ऊ अचानक एक तरह के अचरज से दुनेच्का तरफ देखलकइ ।
"विचित्र बात हइ", ऊ धीरे-धीरे बोललइ, मानूँ ऊ कोय नयका विचार से अचरज में पड़ गेल होवे, "अरे, हम काहे लगी ई सब बखेड़ा खड़ी कर रहलिए ह ? ई सब चीख-पुकार काहे लगी ? जो, जेकरा से मन करउ, शादी कर ले !"

ऊ मानूँ अपने आप से बोललइ, लेकिन बोललइ तो काफी जोर से कि दोसरा कोय के सुनाय पड़ जाय, आउ कुछ समय तक बहिन के तरफ देखते रहलइ, मानूँ दुविधा में पड़ल होवे । आखिरकार ऊ चिट्ठी खोललकइ, लगातार एक प्रकार के विचित्र अचरज नियन भाव (expression) बनइले; बाद में धीरे-धीरे आउ ध्यानपूर्वक पढ़े लगी चालू कइलकइ आउ ओकरा दू तुरी पढ़ गेलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना खास रूप से बेचैनी महसूस कर रहला हल; आउ सब कोय कुछ खास के इंतजार कर रहला हल ।

"ई तो हमरा लगी अचरज के बात हइ", कुछ पल सोचला के बाद आउ मइया के चिठिया देके, ऊ बोले लगी शुरू कइलकइ, लेकिन विशेष रूप से केकरो तरफ बिन संबोधित कइले, "ऊ केस-मोकदमा देखऽ हइ, वकील हइ, आउ ओकर बातचीतो ओइसने हइ ... आचार-व्यवहार के साथ - लेकिन लिक्खऽ हइ बिलकुल अशिक्षित नियन।"
सब कोय में हलचल मच गेलइ; केकरो अइसन आशा बिलकुल नयँ हलइ ।
"लेकिन सब कोय तो अइसीं लिखते जा हइ", रज़ुमिख़िन बिच्चे में टिप्पणी कइलकइ ।
"तूँ वास्तव में पढ़लहीं हँ ?"
"हाँ ।"

"हमन्हीं इनका देखइलिए हल, रोद्या, हमन्हीं ... इनका से कुछ समय पहिले परामर्श लेलिए हल", दुविधा में पड़ल पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोले लगी शुरू कइलका ।
"ई वस्तुतः कानूनी शैली हइ", रज़ुमिख़िन बीच में बोल पड़लइ, "कानूनी दस्तावेज अभी तक अइसीं लिक्खल जा हइ ।"
"कानूनी ? हाँ, बिलकुल कानूनी, व्यावसायिक ... बहुत अशिक्षित नयँ, लेकिन बहुत साहित्यिक भी नयँ; व्यावसायिक !"
"प्योत्र पित्रोविच ई बात नयँ छिपावऽ हथिन, कि उनकर शिक्षा तामा के पइसा पर होले ह (अर्थात् सस्ता वला पढ़ाय-लिखाय), आउ उनका ई बात के गर्व हइ कि अपन बल पर जिनगी में अपन रस्ता बनइलथिन हँ", भाय के नयका तान (टोन) पर कुछ बुरा मानके अवदोत्या रोमानोव्ना टिप्पणी कइलकइ ।

"एकरा में की बात हइ, अगर ऊ गर्व करऽ हइ, कोय तो कारण होतइ - हम विरोध नयँ करऽ हिअइ । तूँ, बहिन, लगऽ हउ, कि बुरा मान गेलँऽ, कि समुच्चे चिट्ठी में से हम अइसन तुच्छ मतलब निकसलिअउ, आउ सोचऽ हीं, कि हम जान-बूझके अइसन छोटगर बात पर बोले लगी शुरू कर देलिअउ, कि झुँझलाहट में तोरा चिढ़इअउ । एकर विपरीत, शैली के संबंध में हमर दिमाग में एगो बात अइलो ह, जे ई वर्तमान मामले में बिलकुल असंगत नयँ हउ । हियाँ एगो अभिव्यक्ति - "अपनहीं खुद दोषी होथिन", बहुत सार्थक आउ स्पष्ट रूप से जोड़ल हइ, आउ एकर अलावे, धमकियो हइ, कि ऊ तुरतम्मे चल जइतइ, अगर हम आ जइबइ । चल जाय के ई धमकी - बिलकुल ई धमकी नियन हइ कि तोहन्हीं दुन्नु के परित्याग कर देतउ, अगर ओकर बात नयँ मानम्हीं, आउ परित्याग करतउ अब, जबकि पितिरबुर्ग में बोला चुकलो ह । त तूँ अब ई बताव - की लूझिन के तरफ के अइसन अभिव्यक्ति से बिलकुल ओइसहीं बुरा मानल जा सकऽ हइ, जइसन अगर ऊ लिखते हल (ऊ रज़ुमिख़िन तरफ इस्तारा कइलकइ), चाहे ज़ोसिमोव, चाहे हमन्हीं में से कोय ?"

"न-नयँ", दुनेच्का सजीवता से जवाब देलकइ, "हम अच्छा से समझ गेलिए हल, कि ई बहुत नौसिखुआ जइसे अभिव्यक्त कइल गेले हल, कि ऊ शायद लिक्खे में दक्ष नयँ हका ... ई तूँ अच्छा तर्क देलहो, भैया ।  हमहूँ ई बात के आशा नयँ कइलिए हल ..."

"ई कानूनी ढंग से व्यक्त कइल हइ, आ कानूनी ढंग से आउ दोसर तरह नयँ लिक्खल जा सकऽ हइ, आउ शायद जेतना इरादा हलइ, ओकरा से जादहीं रुखाई प्रकट हो गेलइ । लेकिन, हमरा तोरा जरी हताश करे पड़तउ - ई चिट्ठी में आउ एक अभिव्यक्ति हकइ, हमरा पर एगो मिथ्यापवाद (तोहमत), आउ काफी घटिया किसिम के ।  हम पइसा देलिए हल कल्हे एगो विधवा के, तपेदिक से पीड़ित आउ दुख से टुट्टल दिल वला के, नयँ कि "दफनावे के बहाने", बल्कि सीधे-सीधे दफनाहीं के खरचा लगी, आउ बेटी-लड़की के हाथ में नयँ, जइसन कि ऊ लिक्खऽ हइ, ‘बदनाम चाल-चलन के’ (आउ जेकरा हम कल्हे जिनगी में पहिले तुरी देखलूँ हल), बल्कि ठीक ऊ विधवा के हाथ में । ई सब कुछ में, हमरा देखाय दे हइ हमरा कलंकित करे आउ तोरा साथ झगड़ा लगावे के बहुत त्वरित इच्छा । आउ फेर कानूनी तौर पे व्यक्त कइल हइ, मतलब, बहुत स्पष्ट रूप से उद्देश्य के प्रकटीकरण आउ बहुत सहज जल्दीबाजी के साथ । ऊ अदमी बुद्धिमान हकइ, लेकिन बुद्धिमानी से काम करे लगी - खाली बुद्धि काफी नयँ हइ । ई सब से ऊ अदमी के असलियत के पता चलऽ हइ, आउ ... हमरा नयँ लगऽ हउ, कि ऊ तोरा बहुत जादे समझऽ हउ । हम तोरा ई खाली नसीहत खातिर बता रहलियो ह, काहेकि हम हृदय से तोर भला चाहऽ हिअउ ..."

दुनेच्का जवाब नयँ देलकइ; ओकर फैसला हाल में कर लेल गेले हल, ऊ खाली साँझ के इंतजार में हलइ ।

"तब तोर की फैसला हउ, रोद्या ?" ओकर बातचीत में अचानक ई नयका व्यावसायिक तान (टोन) सुनके पहिलहूँ से जादे परेशान होल पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना पुछलका ।
" ‘की फैसला हउ’ मतलब ?"
"अइकी प्योत्र पित्रोविच तो लिक्खऽ हका, कि तोरा आझ साँझ के बखत हमन्हीं के साथ बिलकुल नयँ रहे के चाही, आउ ऊ चल जइता ... अगर तूँ आ जइम्हीं । त, की तूँ ... अइम्हीं ?"

"ई तो, वास्तव में, हमरा फैसला करे के नयँ हकइ, आ, सबसे पहिले, तोरा, अगर प्योत्र पित्रोविच के अइसनका माँग से तोरा बुरा नयँ लगतउ; आउ दोसरा, दुन्या के, अगर ओकरो बुरा नयँ लगतइ । आ हम ओहे करबउ, जे तोहन्हीं के बेहतर लगतउ", ऊ रुखाई से बोललइ ।
"दुनेच्का तो फैसला कर चुकले ह, आउ हम ओकरा से पूरे तरह से सहमत हकिअइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जल्दी से अपन बात रखलका ।

"हम फैसला कइलियो ह तोरा ई निवेदन करे के, रोद्या, आग्रहपूर्वक निवेदन करे के कि तूँ हमन्हीं के ई मोलकात के बखत जरूर हाजिर रहबहो", दुन्या कहलकइ, "अइबहो न ?"
"अइबउ ।"
"हम अपनहूँ से निवेदन करऽ हिअइ कि आठ बजे हमन्हीं हीं आ जइथिन", ऊ रज़ुमिख़िन तरफ मुड़लइ । "माय, हम इनको निमंत्रण दे रहलिए ह ।"
"बहुत अच्छा, दुनेच्का । जइसन तोहन्हीं एकरा में फैसला करते गेलँऽ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला, "ओइसीं होतउ । आ हमरा लगी तो बहुत राहत मिलत; हमरा ढोंग करना आउ झूठ बोलना पसीन नयँ; बेहतर हइ कि सब कुछ सच-सच बोलल जाय ... चाहे एकरा लगी अब गोस्सा करऽ, चाहे नयँ करऽ, प्योत्र पित्रोविच!"


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