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Monday, August 17, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 5 ; अध्याय – 5



अपराध आउ दंड

भाग – 5

अध्याय – 5

लिबिज़्यातनिकोव चिंतातुर लग रहले हल ।
"हम अपने भिर अइलिए ह, सोफ़िया सिम्योनोव्ना । माफ करथिन ... हम एहे सोच रहलिए हल, कि अपने से हियाँ भेंट होतइ", अचानक ऊ रस्कोलनिकोव के संबोधित कइलकइ, "मतलब, हम कुच्छो अइसन नयँ सोच रहलिए हल ... ई तरह के ... बल्कि हम बस ई सोच रहलिए हल ... हुआँ हमन्हीं हीं कतेरिना इवानोव्ना पागल हो गेला ह", ऊ रस्कोलनिकोव से बात करना छोड़के अचानक तीक्ष्ण रूप से (abruptly) सोनिया के बतइलकइ।
सोनिया चीख पड़लइ ।

"मतलब, कम से कम अइसन लगऽ तो हइ । लेकिन ... हमन्हीं के समझ में नयँ आवऽ हइ, कि कीऽ कइल जाय, बात तो एहे हइ, जी ! ऊ वापिस अइला - उनका कहीं से, लगऽ हइ, निकास बाहर कइल गेलइ, आउ शायद पिटलो गेलइ ... कम से कम अइसन लगऽ तो हइ ... ऊ दौड़के सिम्योन ज़ख़ारिच के वरिष्ठ अधिकारी भिर गेला हल, लेकिन ऊ घर पर नयँ मिलला; ऊ कोय जनरल के पास खाना खा रहला हल ... कल्पना करथिन, ऊ तेजी से हुआँ चल गेला, जाहाँ परी उनकन्हीं खाना खा रहलथिन हल ... ई दोसरा जनरल के पास, आउ, कल्पना करथिन - ई बात पर अड़ गेला, सिम्योन ज़ख़ारिच के वरिष्ठ अधिकारी के बाहर आवे लगी बोलइलका, आउ, लगऽ हइ, ओहो खाना के टेबुल भिर से । सोच सकऽ हथिन, कि हुआँ की होले होत । जाहिर हइ, उनका बाहर निकास देल गेलइ; आउ ऊ कहऽ हका, कि ऊ खुद्दे उनका गरिअइलका आउ कोय चीज उनका पर फेंकलका । एहो संभव हइ ... उनका काहे नयँ गिरफ्तार कइल गेलइ - हमरा समझ में नयँ आवऽ हइ ! अभी ऊ सबके बता रहला ह, आउ अमालिया इवानोव्ना के भी, खाली समझना मोसकिल हइ, चिल्ला हका आउ एन्ने-ओन्ने छटपटाल चल्लऽ हका ... आह, हाँ - ऊ बोलऽ हका आउ चिल्ला हका, कि चूँकि अब सब कोय उनका त्याग देलके ह, त ऊ बुतरुअन के लेता आउ बैरल ऑर्गन लेके सड़क पर चल जइता, आउ बुतरुअन गइतइ आउ नचतइ, आउ ओहो, आउ पइसा जौर करता, आउ रोज दिन जनरल के खिड़की के निच्चे जइता ... 'ओकन्हीं के देखे देल जाय', ऊ बोलऽ हका, 'कि कइसे भला घर के एगो सरकारी कर्मचारी के बुतरुन सड़क पर भीख माँगले बुल्लऽ हइ !' ऊ बुतरुअन के पीटते रहऽ हका, आउ ओकन्हीं कनते रहऽ हइ । लेन्या के ऊ 'हम्मर गाँव' गीत गावे लगी सिखावऽ हका, आउ लड़कावा के नच्चे लगी, आउ पोलिना मिख़ाइलोव्ना के भी; सब्भे पोशाक के फाड़-फुड़ रहला ह; आउ ओकरा से ओकन्हीं लगी तरह-तरह के टोपी बनावऽ हका, जइसन ऐक्टर लोग के रहऽ हइ; खुद्दे थारी लेके जाय लगी चाहऽ हका, एकरा संगीत पर बजावे खातिर ... कुच्छो नयँ सुन्नऽ हका ... कल्पना करथिन, ई कइसन बात हइ ? ई बस असंभव हइ !"

लिबिज़्यातनिकोव अइसहीं बोलते रहते हल, लेकिन सोनिया, जे लगभग दम साधले ओकर बात सुन रहले हल, अचानक अपन कोट आउ टोप लेलकइ आउ तेजी से कमरा से बाहर गेलइ, आउ दौड़तहीं हालत में पेन्हलकइ । रस्कोलनिकोव बाहर निकसके ओकर पीछू-पीछू गेलइ, आउ लिबिज़्यातनिकोव एक्कर पीछू-पीछू ।

"बेशक ऊ पागल हो चुकला ह !" ऊ रस्कोलनकिोव से बोललइ, ओकरा साथ-साथ बाहर सड़क पर निकलते बखत, "हम तो खाली सोफ़िया सिम्योनोव्ना के डरावे ल नयँ चाहऽ हलिअइ आउ कहलिअइ - 'लगऽ हइ', लेकिन कोय शक्का नयँ हइ । कहल जा हइ कि तपेदिक में मस्तिष्क में गुलिका (tubercles) उभर आवऽ हइ; अफसोस हके, कि हमरा चिकित्साशास्त्र के बारे कुछ मालूम नयँ । हम तो उनका समझावे-बुझावे के बहुत कोशिश कइलिअइ, लेकिन ऊ कुछ नयँ सुन्ने ल तैयार हका ।"

"अपने उनका गुलिका के बारे बतइलथिन हल ?"
"मतलब, गुलिका के बारे बिलकुल नयँ । आउ अइसहूँ उनका कुछ समझ में नयँ अइते हल । लेकिन हम ई बारे कहऽ हिअइ - अगर कोय व्यक्ति के ई विश्वास देलावल जा सकइ, कि वास्तव में ओकरा रोवे के कोय कारण नयँ हइ, त ऊ रोवे लगी बन कर देतइ । ई बात स्पष्ट हइ । आउ अपने के की धारणा हइ, कि नयँ बन करतइ ?"
"तब तो जीना बहुत असान हो जाय", रस्कोलनिकोव जवाब देलकइ ।

"माफ करथिन, माफ करथिन; निस्संदेह कतेरिना इवानोव्ना लगी ई बात समझना काफी मोसकिल हइ; लेकिन अपने के मालूम हइ, कि पेरिस में खाली एगो तार्किक आश्वासन पर पागल लोग के इलाज के संभावना के बारे गंभीर प्रयोग कइल जा चुकले ह । हुआँ के एगो हाले गुजर गेल प्रोफेसर, गंभीर वैज्ञानिक, कल्पना कइलथिन हल, कि ई तरह से इलाज करना संभव हइ । उनकर मूलभूत विचार ई हलइ, कि कोय पागल के अंग में कोय विशेष अव्यवस्था (disorder) नयँ हइ, लेकिन पागलपन, अइसन कहल जाय, एगो तार्किक गलती हइ, निर्णय करे में गलती, वस्तु सब पर गलत दृष्टिकोण । ऊ धीरे-धीरे अपन रोगी के गलती साबित करथिन, आउ कल्पना करथिन, लोग के कहना हइ कि उनका परिणाम मिल जाय ! लेकिन चूँकि ऊ ई दौरान फुहारा-स्नान (douche) के प्रयोग भी करऽ हलथिन, त ई इलाज के परिणाम, जाहिर हइ, शक्का से परे नयँ हइ ... कम से कम, अइसन लगऽ तो हइ ... "

रस्कोलनिकोव बहुत देर पहिलहीं से नयँ सुन रहले हल । अपन घर पहुँच गेला पर, ऊ लिबिज़्यातनिकोव के सिर हिलाके इशारा कइलकइ आउ प्रवेशमार्ग (gateway) में मुड़ गेलइ । लिबिज़्यातनिकोव होश में अइलइ, चारो पटी नजर दौड़इलकइ, आउ तेजी से आगू बढ़ गेलइ ।

रस्कोलनिकोव अपन छोटकुन्ना कमरा में घुस गेलइ आउ ओकर बीच में खड़ी हो गेलइ । "काहे लगी ऊ हियाँ परी वापिस अइलइ ?" ऊ ई पियरका फट्टल-फुट्टल देवाल के कागज, ई धूरी, आउ अपन सोफा पर नजर डललकइ ... अहाता से एक प्रकार के तीक्ष्ण, अनवरत खट-खट के अवाज आ रहले हल; कुछ तो कहीं तो मानूँ ठोकल जा रहले हल, कोय तरह के काँटी ... ऊ खिड़की बिजुन अइलइ, चौआ (पंजा) पर खड़ी होलइ आउ देर तक, बहुत ध्यानपूर्वक एकाग्र भाव से, अहाता दने देखे लगलइ । अहाता खाली हलइ, आउ खट-खट करे वला कोय देखाय नयँ देब करऽ हलइ । बामा तरफ के इमारत के खंड (wing) में जाहाँ-ताहाँ खुल्लल खिड़की देखाय देब करऽ हलइ; खिड़की के तल (sill) पर दुब्बर-पातर जिरेनियम (geranium) के गमला हलइ । खिड़कियन से बाहर दने सुक्खे लगी कपड़ा टाँगल हलइ ... ई सब ऊ कंठस्थ रूप में जानऽ हलइ । ऊ मुँह फेर लेलकइ आउ आके सोफा पर बइठ गेलइ ।

कभियो, कभियो पहिले एतना भयंकर एकाकीपन ऊ नयँ महसूस कइलके हल !
हाँ, ऊ फेर से महसूस कइलकइ, कि शायद ऊ वास्तव में सोनिया से नफरत करे लगतइ, आउ ठीक अभी, जबकि ऊ सोनिया के आउ जादे दुखी कर देलके हल ।
"काहे लगी ऊ ओकरा भिर ओकर आँसू माँगे लगी गेलइ ? काहे लगी ओकरा ओकर जिनगी बरबाद करे के एतना जरूरत पड़ गेलइ ? ओह, कइसन नीचता हइ !"

"हम अकेलहीं रहम !" ऊ अचानक दृढ़तापूर्वक बोललइ, "आउ ऊ जेल नयँ अइतइ !"
लगभग पाँच मिनट के बाद ऊ अपन मूड़ी उपरे कइलकइ आउ विचित्र ढंग से मुसका देलकइ । ई एगो विचित्र विचार हलइ - "शायद कालापानी (सश्रम कारावास) में वास्तव में जिनगी आउ निम्मन होतइ", ओकर दिमाग में अचानक ई विचार अइलइ ।

ओकरा कुछ आद नयँ रहलइ, कि ऊ अपन कमरा में केतना देर अपन दिमाग में धुँधला विचार के भीड़ के साथ बइठल रहलइ । अचानक दरवाजा खुललइ, आउ अवदोत्या रोमानोव्ना अंदर अइलइ । ऊ पहिले रुक गेलइ आउ दहलीज पर से ओकरा दने देखलकइ, जइसे कि हाल में ऊ सोनिया दने देखलके हल; फेर आगू बढ़लइ आउ ओकर सामने कुरसी पर बइठ गेलइ, कल्हे वला अपन जगह पर । रस्कोलनिकोव चुपचाप आउ मानूँ बिन कुछ सोचले ओकरा तरफ देखते रहलइ ।

"नराज नयँ होइहऽ, भैया, हम खाली एक मिनट बात करे लगी चाहऽ हियो", दुन्या कहलकइ ।
ओकर चेहरा के मुद्रा विचारमग्न हलइ, लेकिन कठोर नयँ । ओकर आँख चमकब करऽ हलइ आउ शांत हलइ । रस्कोलनिकोव देखलकइ, कि ऊ प्यार के भाव से ओकरा भिर अइले हल ।

"भैया, हमरा अभी सब कुछ मालूम हो गेलो ह, सब कुछ । हमरा द्मित्री प्रोकोफ़िच सब कुछ समझा आउ बता देलका ह । बेवकूफ आउ घिनौना शक्का के आधार पर तोहर पीछा कइल जा हको आउ सतावल जा हको ... द्मित्री प्रोकोफ़िच हमरा बतइलका, कि कोय खतरा के बात नयँ हइ, कि बेकार के तूँ एकरा एतना भयानक रूप से ले हकहो । हम अइसन नयँ सोचऽ हिअइ आउ हमरा पूरा समझ में आवऽ हइ, कि ई सब से तोहरा केतना गोस्सा आवऽ होतो, आउ ई बात, कि ई रोष अप्पन छाप हमेशे लगी छोड़ सकऽ हइ । एकर हमरा डर हकइ । ई लगी, कि तूँ हमन्हीं के छोड़ देलहो, हम तोहर निंदा नयँ करऽ हियो, आउ न निंदा करे के साहस कर सकऽ हियो, आउ हमरा माफ कर द, कि हम पहिले तोरा बुरा-भला कहलियो । हम खुद्दे महसूस करऽ ही, कि अगर हमरा अइसन बड़गो शोक होते हल, त हमहूँ सबसे दूर चल जइतिए हल । मइया के हम ई बात के बारे कुछ नयँ बतइबो, लेकिन हम तोहरा बारे हमेशे बात करते रहबो आउ तोहरा तरफ से बता देबो, कि तूँ बहुत जल्दीए आ जइबहो । उनका बारे चिंता नयँ करिहऽ; हम उनका शांत रखबो; लेकिन तूँ उनका दुख नयँ दिहो - कम से कम एक्को तुरी आ जाहो; ई बात आद रखिहो, कि ऊ माय हथुन ! आउ अभी हम खाली ई कहे लगी अइलियो ह (दुन्या अपन जगह से उट्ठे लगलइ), कि अगर संयोगवश, हमर कोय बात लगी जरूरत पड़ो, चाहे हमर पूरे जिनगी के ... जरूरत पड़ो, चाहे ... त हमरा बोला लिहऽ, हम आ जइबो । अच्छऽ, अब चल्लऽ हियो !"

ऊ अचानक मुड़लइ आउ दरवाजा तरफ बढ़लइ ।
"दुन्या !" रस्कोलनिकोव ओकरा रोकलकइ, खड़ी होलइ आउ ओकरा भिर गेलइ, "ई रज़ुमिख़िन, द्मित्री प्रोकोफ़िच, बहुत अच्छा इंसान हकउ ।"
दुन्या के चेहरा पे कुछ लाली दौड़ गेलइ ।
"तो ?" एक पल रुकके ऊ बोललइ ।

"ऊ व्यक्ति व्यावहारिक, परिश्रमी, ईमानदार आउ सच्चा दिल से प्यार करे में सक्षम हकउ ... अलविदा, दुन्या ।"
दुन्या के चेहरा लाल हो गेलइ, फेर अचानक चिंतित हो गेलइ - "लेकिन एकर की मतलब हइ, भैया, की वास्तव में हमन्हीं हमेशे लगी अलगे हो रहलिए ह, कि तूँ हमरा लगी ... अइसन वसीयतनामा कर रहलऽ ह ?"
"कोय बात नयँ ... अलविदा ..."

रस्कोलनिकोव मुड़लइ आउ ओकरा भिर से खिड़की तरफ बढ़लइ । दुन्या थोड़े देरी रुकलइ, ओकरा दने बेचैनी से देखते रहलइ आउ चिंतित होल बाहर चल गेलइ ।
नयँ, रस्कोलनिकोव ओकरा साथ रुखाई से पेश नयँ अइले हल । अइसन एक पल हलइ (बिलकुल अंतिम), जब ओकरा दुन्या के कसके आलिंगन करे के बहुत मन कइलकइ आउ ओकरा से विदाई लेवे के, आउ बतावहूँ के, लेकिन ओकरा साथ मिलावे लगी हाथो बढ़ावे के साहस नयँ कर पइलकइ - "शायद बाद में ऊ काँप उठइ, जब ओकरा आद अइतइ, कि हम अभी ओकरा गले लगइलिअइ, आउ कहतइ, कि हम ओकरा से चुंबन चोरी कइलिअइ !"

"आउ ई झेल पइतइ, कि नयँ झेल पइतइ ?" कुछ मिनट के बाद ऊ अपने आप से कहलकइ । "नयँ, नयँ झेल पइतइ; अइसन तरह के (लड़की) झेल नयँ सकऽ हइ ! अइसनकन कभियो नयँ झेल पावऽ हइ ..."
आउ ऊ सोनिया के बारे सोचे लगलइ ।
खिड़की से ताजा हावा के एगो झोंका अइलइ । अहाता में अब ओतना तेज रोशनी नयँ हलइ । ऊ अचानक टोपी लेलकइ आउ बाहर निकस गेलइ ।

वास्तव में ऊ अपन रोगी हालत के बारे न सोच सकलइ आउ न सोचहीं लगी चाहऽ हलइ । लेकिन ई सब अनवरत चिंता आउ आत्मा के ई सब भय बिन कोय परिणाम के अइसीं नयँ गुजर जा सकऽ हलइ । आउ अगर ऊ अभियो तक असली सरसाम में पड़ल नयँ हलइ, त शायद बिलकुल ई चलते, कि ई आंतरिक, अनवरत चिंता अभियो तक ओकरा गोड़ पर खड़ी आउ होश में रखले हलइ, लेकिन कइसूँ बनावटी तौर पर, कुछ समय खातिर।

ऊ बिन उद्देश्य के घूमते रहलइ । सूर्यास्त होवे जा रहले हल । एक प्रकार के विशेष उदासी हाल में ओकर स्वास्थ्य पर असर करे लगले हल । एकरा में कुच्छो दाहक, दग्धकारी नयँ हलइ; लेकिन ओकरा से एक प्रकार के अनवरत, स्थायी कुछ बह रहले हल, ई भावशून्य, मारक उदासी के कभी समाप्त नयँ होवे वला आशंका (presentiment) हलइ, "एक अर्शीन लम्मा-चौला जगह" [1] पर के एक प्रकार के अनंतता के आशंका हलइ । साँझ के बखत ई संवेदना आउ भी जादे जोर से ओकरा यातना देवे लगलइ ।

"अइसन बेवकूफी वला, खालिस शारीरिक दुर्बलता, जे कोय सूर्यास्त पर निर्भर हइ, आउ बेवकूफी करे से बच जाहो ! त सोनिया हीं नयँ, बल्कि दुन्या हीं चल जइबऽ !" ऊ घृणापूर्वक बड़बड़इलइ ।
ओकरा कोय तो पुकरलकइ । ऊ चारो बगली मुड़के देखलकइ; ओकरा तरफ लिबिज़्यातनिकोव लपकल आ रहले हल ।

"कल्पना करथिन, हम अपने के घर होके आ रहलिए ह, अपने के खोज रहलिए ह । कल्पना करथिन, ऊ अपन इरादा पूरा कइलका आउ बुतरुअन के बाहर लेके गेला ! सोफ़िया सिम्योनोव्ना आउ हम मिलके उनकन्हीं के मोसकिल से ढूँढ़ पइलिअइ । ऊ कड़ाही बजा रहला ह, आउ बुतरुअन के गावे आउ नच्चे लगी मजबूर करऽ हका । बुतरुअन कन्नऽ हइ । चौराहा पर आउ दोकान भिर रुक जा हका । उनकन्हीं पीछू बेवकूफ लोग दौड़ल जा हइ । चलल जाय !"

"आउ सोनिया ?" ... चिंतित होके रस्कोलनिकोव पुछलकइ, लिबिज़्यातनिकोव के पीछू जल्दी-जल्दी कदम बढ़इते ।

"बस आवेश में । मतलब, सोफ़िया सिम्योनोव्ना आवेश में नयँ, बल्कि कतेरिना इवानोव्ना; लेकिन तइयो, सोफ़िया सिम्योनोव्ना भी आवेश में हइ । आउ कतेरिना इवानोव्ना तो बिलकुल उन्माद में हका । हम अपने के बता रहलिए ह, ऊ आखिर पगला गेला ह । उनकन्हीं के तो पुलिस पकड़के ले जइतइ । अपने कल्पना कर सकऽ हथिन, कि एकर की नतीजा होतइ ... उनकन्हीं अभी -स्की पुल के पास नहर के किनारे हका, सोफ़िया सिम्योनोव्ना के निवास स्थान से बहुत दूर नयँ । काफी नगीच हइ ।

नहर पर, जे पुल से जादे दूर नयँ हलइ आउ ऊ घर से, जाहाँ सोनिया रहऽ हलइ, लगभग दू घर के दूरी पर लोग के भीड़ लगल हलइ । खास करके लड़कन आउ लड़कियन दौड़के अइते गेलइ । कतेरिना इवानोव्ना के भर्राल आउ खराब होल अवाज अभियो पुल बिजुन से सुनाय देब करऽ हलइ । आउ वास्तव में, ई एगो विचित्र दृश्य हलइ, जे सड़क पर के लोग के रुचि के आकर्षित करे में सक्षम हलइ । कतेरिना इवानोव्ना, अपन पुरनका पोशाक में, द्रा-द-दाम शाल में, आउ तिनका के फट्टल हैट लगइले, जे एक दने पिचकके पोटरी नियन बन गेले हल, वास्तव में असली उन्माद में हलइ । ऊ थक्कल हलइ आउ हँफ रहले हल । ओकर संतप्त तपेदिक के चेहरा सामान्य से अधिक पीड़ाग्रस्त लग रहले हल (आउ फेर, घर पर के अपेक्षा बाहर सड़क पर रौदा में तपेदिक के रोगी तो हमेशे अधिक बेमार आउ विकृत देखाय दे हइ); लेकिन ओकर उत्तेजित अवस्था खतम नयँ हो रहले हल, आउ ओकर झुंझलाहट पल-पल आउ जादे होल जा हलइ । ऊ बुतरुअन दने दौड़के जाय, ओकन्हीं पर चिल्लाय, मनावइ, हुएँ लोग के सामने सिखावइ, कि कइसे नच्चल आउ गावल जाय के चाही, ओकन्हीं के समझावे लगइ कि काहे ई जरूरी हइ, ओकन्हीं के स्थूल बुद्धि पर निराश हो जाय, आउ पिट्टे लगइ ... फेर, अपन काम बिन खतम कइले, लोग के तरफ लपक के जाय; अगर कोय जिरिक्को सनी निम्मन कपड़ा पेन्हले अदमी के देखइ, जे ई सब तमाशा देखे लगी ठहरल होवइ, त तुरतम्मे ओकरा समझावे लगइ, आउ बोलइ, कि अइकी एगो "भला घर के, एहो कहल जा सकऽ हइ, कि खनदानी रईस घर के" बुतरुअन कइसन बत्तर हालत में पहुँच गेले ह । अगर भीड़ में से हँस्सी चाहे कइसनो चिढ़ावे वला कहावत नियन टिप्पणी सुन लेय, त तुरतम्मे ऊ ढीठ लोग पर टूट पड़इ आउ ओकन्हीं साथ लड़े लगइ । कुछ लोग वास्तव में हँस रहले हल, कुछ लोग मूड़ी हिला रहले हल; सामान्य रूप से, सब्भे लगी, भयभीत होल बुतरुअन के साथ ऊ पगली औरत के देखे के उत्सुकता हलइ । ऊ कड़ाही, जेकरा बारे लिबिज़्यातनिकोव बतइलके हल, अभी नयँ हलइ; कम से कम रस्कोलनिकोव तो नयँ देखलकइ; लेकिन कड़ाही बजावे के बदले कतेरिना इवानोव्ना अपन हाथ से ताली बजाके ताल देवे लगलइ, जब ऊ पोलेच्का के गावे लगी, आउ लेन्या आउ कोल्या के नच्चे लगी मजबूर कइलकइ; हियाँ तक कि खुद्दे गावे लगलइ, लेकिन हरेक तुरी दोसरे सुर पे पहुँचला के साथ कष्टकारी खोंखी से बाधा पड़ जाय, जेकरा चलते ऊ निराश हो जाय, आउ अपन खोंखी के कोसे लगइ आउ कनहूँ लगइ । जे बात से ओकरा सबसे जादे गोस्सा आवऽ हलइ, ऊ हलइ कोल्या आउ लेन्या के रोना आउ भयभीत रहना । वास्तव में, बुतरुअन के ओइसन पोशाक में सजावे के कोशिश कइल गेले हल, जइसन गली के गायक-गायिका सब सज्जऽ-सँवरऽ हइ । लड़कावा के मथवा पर लाल आउ उज्जर रंग के कोय कपड़ा के पगड़ी हलइ, ताकि ऊ देखे में तुर्क लगइ । लेन्या के पोशाक लगी कपड़ा काफी नयँ हलइ; ओहे से ओकर सिर पर खाली एगो लाल ऊनी तागा से बुन्नल टोपी पेन्हावल हलइ (चाहे, बेहतर रूप से कहल जा सकऽ हइ, रात के टोपी), जे स्वर्गीय सिम्योन ज़ख़ारिच (मरमेलादोव) के हलइ, आउ ओकरा में शुतुरमुर्ग के एगो टुट्ल उज्जर पंख खोंसल हलइ, जे कतेरिना इवानोव्ना के नानी के हलइ, आउ अब तक खनदान के निशानी के तौर पर संदूक में संजोगके रक्खल हलइ । पोलेच्का अपन सामान्य छोटकुन्ना पोशाक में हलइ । ऊ माय तरफ सहमल-सहमल आउ खोवल जइसे देख रहले हल, ओकरा भिर से दूर नयँ जा हलइ, अपन आँसू छिपावे के प्रयास कइले हलइ, माय के पागलपन के बारे ओकरा भान हो गेले हल आउ बेचैनी से ऊ चारो पटी देख रहले हल । सड़क आउ भीड़ भयंकर रूप से ओकरा डेरा रहले हल । सोनिया कतेरिना इवानोव्ना के परछाईं नियन पीछू-पीछू जा रहले हल, कनते आउ हरदम ओकरा घर जाय लगी मनइते । लेकिन कतेरिना इवानोव्ना नयँ मान रहले हल ।

"ठहर, सोनिया, ठहर !" ऊ तेजी से चलते, हँफते आउ खोंखते हबर-हबर बोली में चिल्लइलइ । "खुद नयँ जानऽ हीं, कि कउची लगी निवेदन करब करऽ हीं, बिलकुल बुतरू नियन हीं ! हम पहिलहीं कह चुकलियो ह, कि हम ई पियक्कड़ जर्मन औरत के पास हम वापिस नयँ जइबउ । देखे देहीं सबके, पूरा पितिरबुर्ग के, कि कइसे एगो भलमानुस बाप के बुतरुअन भीख माँगऽ हइ, जे जिनगी भर विश्वास आउ ईमानदारी से सेवा कइलकइ, आउ कहल जा सकऽ हइ, कि सेवा के दौरान मरलइ । (कतेरिना इवानोव्ना पहिलहीं ई मनगढ़ंत बात के सृजन कर लेलके हल आउ एकरा पर आँख मूनके विश्वास करऽ हलइ ।) ई नीच जनरल के भी देखे देहीं, देखे देहीं । आउ तूँ तो बेवकूफ हकँऽ सोनिया - अब खाय लगी कउची हइ, बता ? हमन्हीं तोरा पहिलहीं काफी दुख देलियो ह, आउ अधिक दुख देवे ल नयँ चाहऽ हिअउ ! आह, रोदियोन रोमानोविच, ई अपने !" रस्कोलनिकोव के देखके ऊ चिल्लइलइ आउ ओकरा तरफ लपकते बोललइ, "मेहरबानी करके अपने ई बेवकूफ लड़की के समझाथिन, कि आउ अधिक समझदारी के करे लायक काम नयँ हकइ !" ऑर्गन-वादक भी अपन जीविकोपार्जन कर ले हइ, लेकिन हमन्हीं के सब कोय विशेष रूप से पछान लेतइ, जान जइतइ, कि हमन्हीं एगो भला परिवार के अनाथ हिअइ, आउ कंगाली तक पहुँच गेलिए ह, लेकिन ई नीच जनरल अपन ओहदा गँवा बइठतइ, देखथिन ! हमन्हीं रोज दिन ओकरा हीं खिड़की बिजुन जइते रहबइ, आउ सम्राट ओज्जा से गुजरथिन, त हम उनका सामने टेहुना टेक देबइ, ई सब बुतरुअन के आगू कर देबइ, आउ एकन्हीं तरफ इशारा करबइ - "हे पिता, रक्षा करथिन !" ऊ सब्भे अनाथ के नाथ हथिन, ऊ दयालु हथिन, रक्षा करथिन, अपने देखथिन, लेकिन ई नीच जनरल ... लेन्या ! तने-वू द्र्वात ! [tenez-vous droite! (फ्रेंच) - सीधे खड़ी हो !] तूँ, कोल्या, अभी तोरा फेर से नच्चे के हउ । पिनपिना काहे लगी हँ ? हूँ, फेर पिनपिना हइ ! अच्छऽ, तूँ काहे लगी डरऽ हँ, बेवकूफ कहीं के ! हे भगमान ! एकरा हम की करिअइ, रोदियोन रोमानोविच ! अगर खाली अपने जानथिन हल, कि एकन्हीं कइसन नासमझ हकइ ! एकन्हीं के साथ की कइल जा सकऽ हइ ! ..."

आउ ऊ खुद लगभग रोते (जेकरा चलते ओकर अनवरत आउ अविराम पटर-पटर बोली में कोय बाधा नयँ आ रहले हल), ओकरा पिनपिनइते बुतरुअन तरफ इशारा कइलकइ । रस्कोलनिकोव ओकरा समझा-बुझाके घर वापिस भेजे के कोशिश कइलकइ आउ ओकर स्वाभिमान के छेड़े के बात सोचते ऊ कहवो कइलकइ, कि उनका ऑर्गन-वादक नियन गली-गली घूमना शोभा नयँ दे हइ, काहेकि ऊ भला घर के लड़कियन खातिर बोर्डिंग स्कूल के खुद के निदेशिका के रूप में तैयारी कर रहला ह ... "बोर्डिंग स्कूल, हा-हा-हा ! दूर के ढोल सोहामन !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइला, हँस्से के तुरते बाद खोंखी के दौरा पड़लइ, "नयँ, रोदियोन रोमानोविच, सपना खतम हो गेलइ ! सब कोय हमन्हीं के त्याग देलकइ ! ... आउ ई नीच जनरल ... जानऽ हथिन, रोदियोन रोमानोविच, हम ओकरा पर दोवात फेंकके मालिअइ - संयोगवश प्रतीक्षालय में टेबुल पर ऊ भेंटकर्ता के रजिस्टर (visitors' book) के पास रक्खल हलइ, जेकरा पर लोग हस्ताक्षर करते जा हइ, फेंकके मालिअइ आउ भाग गेलिअइ । ओह, नीच, नीच लोग ! हम तो थुक्कऽ हिअइ ओकन्हीं पर; अब हम एकन्हीं के खुद्दे पेट भरबइ, हम केकरो गोड़ नयँ परबइ ! हमन्हीं ओकरा काफी दुख देलिए ह ! (ऊ सोनिया तरफ इशारा कइलकइ।) पोलेच्का, केतना पइसा जामा होलउ, देखाव ? की ? कुल्लम खाली दू कोपेक ? ओ, कमीना कहीं के ! कुच्छो नयँ दे हइ, खाली हमन्हीं पीछू दौड़ऽ हइ, अपन जीभिया बाहर लटकइले ! अच्छऽ, ई बेवकूफ काहे लगी हँस रहले ह ? (भीड़ में से एक अदमी तरफ ऊ इशारा कइलकइ ।) "ई सब ई चलते हइ, कि ई कोल्का (कोल्या) एतना बुद्धू हइ; ई एगो भार हइ ! तोरा की चाही, पोलेच्का ? हमरा साथ फ्रेंच में बोल, पार्ले-म्वा फ्रँसे [parlez-moi francais (फ्रेंच) - हमरा साथ फ्रेंच में बोल] । हम तो तोरा सिखइलियो ह न, वास्तव में तूँ तो कुछ पदबंध (phrases) जानऽ हीं ! ... नयँ तो कइसे लोग के मालूम पड़तइ, कि तोहन्हीं भला घर के हकहीं, शिक्षित बुतरू हकहीं, आउ गली के बाकी सब ऑर्गन-वादक नियन बिलकुल नयँ; हमन्हीं सड़क पर कोय 'पेत्रुश्का' [2] नयँ देखाब करऽ हिअइ, बल्कि हमन्हीं उचित रोमांस (romance) गीत गइते जइबइ ... ओ, हाँ ! हमन्हीं कीऽ गइते जइबइ ? अपने सब हमरा बीच में टोकते रहऽ हथिन, आउ हम ... देखवे करऽ हथिन, रोदियोन रोमानोविच, कि हमन्हीं हियाँ ई वजह से रुकलिअइ, कि सोचिअइ कि कउची गावल जाय - कुछ अइसन, जेकर धुन पर कोल्या नाच सकइ ... काहेकि हमन्हीं सब, अपने कल्पना कर सकऽ हथिन, कुछ तैयारी नयँ कर पइलिए ह; हमन्हीं के सुनिश्चित करे के चाही, अइसन तरह से कि सब कोय के अच्छा से अभ्यास (रिहर्सल) हो जाय, आउ फेर हमन्हीं नेव्स्की राजपथ पर जइते जइबइ, जाहाँ पर उच्च समाज के बहुत जादे लोग रहऽ हइ आउ ओकन्हीं के हमन्हीं पर तुरतम्मे ध्यान जइतइ - लेन्या के 'हम्मर गाँव' मालूम हइ ... सब कोय, जब देखऽ तब, खाली 'हम्मर गाँव' आउ 'हम्मर गाँव' गइते रहऽ हइ ! हमन्हीं के कुछ आउ जादहीं भद्र लोग के लायक गावे के चाही ... अच्छऽ, पोल्या, तूँ की सोचलहीं, कम से कम तूँ मइया के तो मदत कर सकऽ हीं ! हमरा तो स्मृति, स्मृति (memory) ही नयँ हइ, नयँ तो हम आद कर लेतिए हल ! वास्तव में, हमन्हीं के 'हुस्सार तो अपन तलवार के सहारा लेते' [3] नयँ गावे के हइ ! ओह, फ्रेंच में हमन्हीं 'सैँक सू' [Cinq sous (फ्रेंच) - पाँच अद्धी] गइबइ ! हम तो तोहन्हीं के सिखइवे कइलियो हल, सिखइवे कइलियो हल । आउ मूख्य बात ई हइ, कि ई फ्रेंच में हइ, त तुरतम्मे लोग देख लेते जइतइ, कि तोहन्हीं भला घर के बुतरू हकहीं, आउ ई बहुत जादहीं मर्मस्पर्शी होतइ ... चाहे 'मालबोरो साँ वात गेर' [Malborough s'en vat-en guerre (फ्रेंच) - मालबोरो युद्ध पर जा रहला ह] भी गावल जा सकऽ हइ, काहेकि बिलकुल बुतरुअन खातिर गीत (अर्थात् लोरी) हइ आउ सब कुलीन (aristocratic) घर में प्रयोग कइल जा हइ, जब बुतरुअन के सुनाके शांत कइल जा हइ चाहे सुतावल जा हइ ।
                        Malborough s'en va-t-en guerre, 
Ne sait quand reviendra...
[मालबोरो साँ वात गेर, न से कँ रेविआँद्रा ... (फ्रेंच) - मालबोरो युद्ध पर जा रहला ह, नयँ मालूम कब वापिस अइता ...]
ऊ गावे लगी शुरू कइलकइ ... "लेकिन नयँ, बेहतर 'Cinq sous' (सैँक सू) ! अच्छऽ, कोल्या, अपन हाथ जरी बगल में कर, जल्दी से, आउ तूँ, लेन्या, दोसरा दने घूम जो, आउ पोलेच्का आउ हम दुन्नु गइबइ आउ ताली बजइबइ !
Cinq sous, cinq sous,
Pour monter notre ménage...
[सैँक सू, सैँक सू, पुर मौँतेर नोत्र मेनाज ... (फ्रेंच) - पाँच अद्धी, पाँच अद्धी, अपन घरबार जुटावे खातिर ...]

खि-खि-खि ! (आउ ओकरा खाँसी के दौरा पड़ गेलइ ।) "पोलेच्का, पोशाक ठीक कर, कन्हा पर से सरक गेलो ह", खोंखते आउ हँफते ऊ टिप्पणी कइलकइ । "अभी तोहन्हीं के खास करके अपन चाल-ढाल उत्तम आउ ठोस पाया पर रक्खे के चाही, ताकि सब कोय देख सकइ, कि तोहन्हीं सब भला घर के बुतरू हीं । हम तखने बतइलियो हल, कि चोली आउ लमगर कट्टे के चाही आउ पूरे दू अरज के होवे के चाही । ई सब तोर गलती हउ, सोनिया, कि तखने अपन सलाह देते रहलहीं - 'आउ छोटगर, आउ छोटगर', त अइकी ई नतीजा निकसलइ, कि बुतरू के हुलिया बिलकुल बिगड़ गेलइ ... आउ तोहन्हीं सब फेर से कन रहलहीं हँ ! बात की हउ, बेवकूफ सब ! चल, कोल्या, शुरू कर जल्दी से, जल्दी, जल्दी - ओह, कइसन सिर खाय वला बुतरू हइ ! ... सैँक सू, सैंक सू (Cinq sous, cinq sous) ... फेर से एगो सिपाही ! अरे, की चाही तोरा ?"

वास्तव में, भीड़ के चीरते एगो सिपाही आ रहले हल । लेकिन ओहे बखत एगो भलमानुस बरदी में आउ ओवरकोट पेन्हले, करीब पचास बरीस के रोबदार सरकारी अफसर, जेकर गरदन में एगो पदक (order) लटकल हलइ (ई अंतिम चीज के चलते कतेरिना इवानोव्ना बहुत खुश होलइ आउ सिपहियो पे असर पड़लइ), नगीच अइलइ आउ चुपचाप कतेरिना इवानोव्ना के तीन रूबल के एगो हरियर नोट दे देलकइ । ओकर चेहरा पर वास्तविक आंतरिक सहानुभूति के भाव हलइ । कतेरिना इवानोव्ना ले लेलकइ, आउ आदरपूर्वक, बल्कि औपचारिक शिष्टता से भी, झुकके आभार प्रकट कइलकइ ।

"धन्यवाद, आदरणीय महोदय", रोबदार ढंग से कहे लगी शुरू कइलकइ, "कुछ वजह, जे हमन्हीं के मजबूर कर देलकइ ... पइसवा ले ले, पोलेच्का । देखऽ हीं, अइसन भद्र आउ उदार लोग भी हथिन, जे तुरतम्मे गरीब भली औरत के दुख में मदत करे लगी तैयार हो जा हथिन । देखथिन, आदरणीय महोदय, एक भला घर के अनाथ सब के, एहो कहल जा सकऽ हइ, जेकर संबंध सबसे अधिक कुलीन घराना से हइ ... आउ ई नीच जनरल बइठल तित्तिर (grouse) खाब करऽ हलइ ... आउ गोड़ पटकब करऽ हलइ, कि हम ओकरा परेशान कर रहलिए ह ... 'महामहिम (your excellency)', हम कहलिअइ, 'अनाथ के रक्षा करथिन, अपने तो स्वर्गीय सिम्योन ज़ख़ारिच के अच्छा से जानऽ हलथिन, आउ चूँकि ओकर सगी बेटी के, नीच में से सबसे अधिक एगो नीच, उनकर मौत के दिन पर अपमानित कइलकइ ... ।' फेर से ई सिपाही आ धमकलइ ! हमर रक्षा करथिन !" ऊ अफसर तरफ चिल्लाके बोललइ, "काहे लगी ई सिपाही हमरा भिर चिपकल हइ ? पहिलहीं हम सब मिश्शान्स्कयऽ से एगो सिपाही से पीछा छोड़ाके भगलिए ह ... अच्छऽ, तोरा की चाही, बेवकूफ !"

"काहेकि सड़क पर ई सब करे के इजाजत नयँ हइ जी । मेहरबानी करके हुल्लड़ नयँ मचाथिन ।"
"खुद तूँ हुल्लड़बाज हकऽ ! ई तो बस मानूँ बैरल-ऑर्गन लेके घुम्मऽ हिअइ, तोरा एकरा से की लेना-देना हको ?"
"बैरल-ऑर्गन बजावे खातिर लाइसेंस होवे के चाही, आउ अपने खुद्दे (बिन लाइसेंस के) ई तरह से लोग के भीड़ जामा कर रहलथिन हँ । अपने काहाँ रहऽ हथिन ?"
"कीऽ, लाइसेंस !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ । "हम आझ अपन पति के दफनइलिअइ, एकरा में लाइसेंस कइसन !"

"मैडम, मैडम, शांत हो जाथिन", सरकारी अफसर शुरू कइलकइ, "चलल जाय, हम अपने के पहुँचा दे हिअइ ... हियाँ भीड़-भाड़ में रहना अपने के शोभा नयँ दे हइ ... अपने के तबीयत ठीक नयँ हइ ..."
"आदरणीय महोदय, आदरणीय महोदय, अपने के कुछ नयँ मालूम !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ, "हमन्हीं सब नेव्स्की राजपथ जइते जइबइ - सोनिया, सोनिया ! अरे, ऊ काहाँ हइ ? ओहो कन्नब करऽ हइ ! तोहन्हीं सब के हो की गेलो ह ! ... कोल्या, लेन्या, काहाँ जा रहलहीं हँ ?" अचानक ऊ भयभीत होल चिल्लइलइ, "ए, बेवकूफ बुतरू सब ! कोल्या, लेन्या, जा रहले ह ओकन्हीं ! ..."

कुछ अइसन होलइ, कि कोल्या आउ लेन्या, सड़क पर के भीड़-भाड़ से आउ पगलाल अपन मइया के हरक्कत देखके, आउ आखिर सिपाही के देखके, जे ओकन्हीं के पकड़के कहीं तो ले जाय लगी चाह रहले हल, एतना हद तक डर गेले हल, कि अचानक मानूँ सहमति से, एक दोसरा के हाथ पकड़ लेलकइ आउ भाग गेलइ । चीखते-चिल्लइते बेचारी कतेरिना इवानोव्ना ओकन्हीं के पकड़े लगी पीछू-पीछू दौड़लइ । ओकरा अइसे दौड़ते, कनते, हँफते देखके बड़ी खराब लगऽ हलइ आउ तरस आवऽ हलइ । सोनिया आउ पलेच्का ओकर पीछू-पीछू दौड़ल गेलइ ।

"वापिस लाव, वापिस लाव ओकन्हीं के, सोनिया ! ओ बेवकूफ, असभ्य बुतरू सब ! ... पोल्या ! पकड़ ओकन्हीं के ... तोहन्हिंएँ खातिर तो हम ..."
दौड़ते बखत ओकरा ठोकर लग गेलइ आउ ऊ गिर पड़लइ ।
"चोट लगला से खून बहब करऽ हइ ! हे भगमान !" ओकरा पर झुकते सोनिया चिखलइ ।
सब कोय दौड़ल अइलइ, चारो तरफ से घेरके भीड़ लगा देलकइ । रस्कोलनिकोव आउ लिबिज़्यातनिकोव पहिले दौड़के आवे वला लोग में हलइ; सरकारी अफसर भी तेजी से अइलइ, आउ ओक्कर पीछू सिपाही अइलइ, आउ ई आशंका करते कि मामला गंभीर होवे वला हइ, हाथ हिलाके, बड़बड़इलइ - "अगे माय !" 

"चलऽ ! हटऽ !" ऊ चारो तरफ से भीड़ लगइले लोग के दूर कइलकइ ।
"मर रहले ह !" कोय तो चिल्लइलइ ।
"पगला गेले ह !" दोसरा कोय टुभकलइ ।
"हे भगमान, जान बचावऽ !" क्रॉस करते एगो औरत बोललइ । "छोटकुन्नी लड़की आउ छोटका लड़का पकड़ल गेलइ कि नयँ ? अइकी, लेके अइते जा रहला ह, बड़की लड़किया पकड़ लेलकइ ... अरे, नटखट बुतरू !"
लेकिन जब अच्छा से कतेरिना इवानोव्ना के देखते गेलइ, त मालूम पड़लइ, कि ऊ कोय पत्थल-उत्थल से टकराके घायल नयँ होले हल, जइसन कि सोनिया सोचलके हल, बल्कि जे खून सड़क के लाल कइले हलइ, ऊ ओकर छाती से होके मुँह से बह रहले हल ।

"ई हमरा मालूम हइ, पहिले देखलिए ह", सरकारी अफसर रस्कोलनिकोव आउ लिबिज़्यातनिकोव के बुदबुदइलइ, "ई तपेदिक हइ जी; खून अइसहीं बहऽ हइ आउ रोगी के दम घुट जा हइ । कुछ समय पहिलहीं हम अपन एगो रिश्तेदार औरत के साथ अइसे होते देखलिए ह, आउ अइसीं करीब डेढ़ गिलास ... अचानक जी ... लेकिन की कइल जा सकऽ हइ, अब मरहीं वली हइ ।"
"एन्ने, एन्ने, हमरा हीं !" सोनिया घिघियाके बोललइ, "अइकी हिएँ हम रहऽ हिअइ ! ... अइकी ई घर, हियाँ से दोसरका ... हमरा हीं, जल्दी से जल्दी, जल्दी से जल्दी ! ...", ऊ दौड़-दौड़के सबसे कह रहले हल । "डाक्टर के बोला देथिन ... हे भगमान !"

सरकारी अफसर के प्रयास से काम हो गेलइ, सिपहियो कतेरिना इवानोव्ना के ले जाय में मदत कइलकइ । ओकरा सोनिया के हियाँ लगभग मरल नियन मूर्छित लावल गेलइ आउ बिछौना पर पाड़ देवल गेलइ । खून अभियो बह रहले हल, लेकिन लग रहले हल कि ऊ होश में आ रहले ह । सोनिया के अलावे, एक्के तुरी रस्कोलनिकोव आउ लिबिज़्यातनिकोव, सरकारी अफसर आउ सिपाही कमरा में घुसलइ, सिपहिया पहिलहीं भीड़ के तितर-बितर कर देलके हल, जेकरा में से कुछ लोग दरवजवा तक चल अइले हल । पोलेच्का हथवा से पकड़के कोल्या आउ लेन्या के अंदर लइलकइ, जे कँप आउ कन रहले हल । कापेरनाउमोव परिवार के लोग भी अइते गेलइ - ऊ खुद्दे, जे लंगड़ा आउ काना हलइ, देखे में एगो विचित्र अदमी, जेकर सिर के केश आउ गलमुच्छा खुँट्टी नियन खड़ी हलइ; ओकर घरवली, जे एक्के तुरी हमेशे लगी सहमल-सहमल देखाय दे हलइ; आउ ओकर कुछ बुतरुअन, जेकन्हीं के चेहरा पर हमेशे विस्मय के भाव बन्नल आउ मुँह खुल्लल रहऽ हलइ । ई सब लोग के बीच अचानक स्विद्रिगाइलोव भी आ गेलइ । रस्कोलनिकोव ओकरा अचरज से देखलकइ, ओकरा ई नयँ समझ में आ रहले हल, कि ऊ काहाँ से चल अइले हल, आउ भीड़-भाड़ में ओक्कर नजर आवे के ओकरा आद नयँ आ रहले हल । डाक्टर आउ पादरी के बारे भी चरचा हो रहले हल ।  

सरकारी अफसर हलाँकि रस्कोलनिकोव के फुसफुसाके बता देलकइ, कि शायद अब डाक्टर के बोलावे से कुछ फयदा नयँ होतइ, लेकिन तइयो डाक्टर बोलावे के इंतजाम कर देलके हल । खुद कापेरनाउमोव दौड़ल गेले हल।

एहे दौरान कतेरिना इवानोव्ना के साँस ठीक से चल्ले लगलइ, कुछ देर लगी खून बहना बन हो गेलइ । ऊ बेमरियाहा, लेकिन एकटक आउ बेधते नजर से पीयर पड़ल आउ कँपते सोनिया के देख रहले हल, जे अपन निरार पर से रूमाल से अपन पसेना पोंछ रहले हल; आखिर, खुद के उठावे लगी कहलकइ । ओकरा दुन्नु बगल से सहारा देके बिछौना पर बइठावल गेलइ ।

"बुतरुअन कन्ने हइ ?" ऊ क्षीण स्वर में बोललइ । "तूँ ओकन्हीं के लइलहीं पोल्या ? ए बेवकूफ ! ... अच्छऽ, तोहन्हीं भाग काहे लगी गेलहीं हल ... ओह !"
ओकर सुक्खल होंठ पर अभियो खून जम्मल हलइ । ऊ चारो बगली नजर फेरके देखलकइ -
"त अइकी तूँ अइसे रहऽ हकँऽ, सोनिया ! हम तो एक्को तुरी तोरा हीं नयँ आ पइलियो हल ... अब मौका मिललउ ..."
ऊ सोनिया के व्यथा भरल दृष्टि से देखलकइ ।
"हमन्हीं तोरा चूस-चूसके सुखा देलियो ह, सोनिया ... पोल्या, लेन्या, कोल्या - एन्ने आव ... अच्छऽ, अइकी हउ ओकन्हीं, सोनिया, सब्भे, ओकन्हीं के सँभाल ... हाथ से सौंप रहलियो ह .. हमरा से काफी हो गेलउ ! ... बॉल समाप्त हो चुकलो ह ! आ-ह ! ... हमरा पाड़ देते जा, कम से कम शांतिे से मरे तो द ...
ओकरा फेर से तकिया के सहारे पाड़ देल गेलइ ।

"की ? पादरी ? ... जरूरत नयँ ... तोरा पास देवे लगी रूबल काहाँ हको ? ... हम कोय पाप नयँ कइलूँ हँ ! ... अइसूँ भगमान के हमरा माफ कर देवे के चाही ... ऊ खुद्दे जानऽ हका, हम केतना दुख झेललिए ह ! ... आउ अगर नयँ माफ करता, तइयो जरूरत नयँ ! ..."

बेचैन सरसाम ओकरा अधिकाधिक धरे लगले हल । बीच-बीच में ऊ चौंक उट्ठइ, चारो तरफ नजर फेरइ, पल भर सबके पछान लेइ; लेकिन तुरतम्मे ओकर चेतन अवस्था सरसाम (delirium) में बदल जाय ।
ऊ खर-खर करके मोसकिल से साँस लेब करऽ हलइ, कुछ तो मानूँ ओकरा गियारी में खदबदा रहले हल ।

"हम उनका बोलऽ हिअइ - 'महामहिम !", हरेक शब्द के बाद साँस लेते ऊ बोल रहले हल, "ई अमालिया लूदविगोव्ना ... आह ! लेन्या, कोल्या ! हाथ बगल में, जल्दी, जल्दी, ग्लिसे-ग्लिसे, पा-द-बास्क ! [glissez, glissez, pas de Basque! (फ्रेंच) - (फ्रेंच नृत्य शब्दावली) सरक, सरक, बास्क के कदम !] एड़ी से ताल दे ... निम्मन बुतरू बन ।

द्यू हास्ट दियामान्टेन उन्ट पेरलेन ...
[Du hast Diamanten und Perlen...
(जर्मन) - तोरा पास हउ हीरा आउ मोती ...]

आगू की हइ ? ई गावल जा सकऽ हइ ...

द्यू हास्ट दी श्योन्स्टेन औगेन,
मेडशेन, वास विल्स्ट द्यू मेऽर ?
[Du hast die schonsten Augen,    
Madchen, was willst du mehr? [4]
(जर्मन) - तोरा पास हकउ सबसे सुंदर आँख,
  गोरी, आउ अब तोरा कीऽ चाही ?]

अच्छऽ, कइसन विचार हइ ! वास विल्स्ट द्यू मेऽर (तोरा अब आउ की चाही) - कइसन-कइसन सोचते रहऽ हइ, बेवकूफ ! ... अरे, हाँ, अइकी आउ हइ -
दुपहर के गरमी में, दगिस्तान के घाटी में ...
आह, हमरा केतना निम्मन लगऽ हलइ ... हम ई गीत के उपासना नियन प्यार करऽ हलिअइ, पोलेच्का ! ... जानऽ हीं, तोर बाऊ ... हमर मंगेतर रहतहीं गाते रहऽ हलथुन ... ओह, वो दिन ! ... अगर खाली, अगर खाली हमन्हीं ई गीत गा सकिअइ ! लेकिन कइसे, कइसे आगू हइ ... अइकी हम तो भूलिए गेलिअइ ... हमरा आद देलावऽ, आगू कइसे हइ ?"
ऊ बेहद उत्तेजित हलइ आउ उट्ठे के प्रयास कर रहले हल । आखिरकार, भयंकर, भर्राल, पूरा शक्ति लगावल गला से ऊ गावे लगी शुरू कइलकइ, हरेक शब्द पर चीखते आउ हँफते, ओकर चेहरा से कोय बढ़ते भय के आभास होते -
दुपहर के गरमी में ! ... घाटी में ! ... दगिस्तान के ! ... अपन सीना में गोली के साथ ! ...

"महामहिम !", अचानक ऊ हृदय-विदारक करुण स्वर में चिखलइ, आउ ओकर आँख में लोर भर अइलइ, "अनाथ के रक्षा करथिन ! स्वर्गीय सिम्योन ज़ख़ारिच के नून-रोटी के जानते ! ... एहो कहल जा सकऽ हइ कुलीन घराना के ! ... आ-ह !" ऊ अचानक चौंक पड़लइ, आउ होश में आके एक तरह से भय से चारो बगली देखलकइ, लेकिन तुरते सोनिया के पछान लेलकइ ।  "सोनिया, सोनिया !" ऊ नरमी आउ प्यार से बोललइ, मानूँ ओकरा अपन सामने देखके अचरज होलइ, "सोनिया, प्यारी, तूहूँ एज्जा हकँऽ ?"
ओकरा फेर से उठाके बइठावल गेलइ ।

"बस ! ... अब समय हो गेलो ह ! ... अलविदा, बदनसीब बच्ची ! ... घोड़ी के दौड़ा-दौड़ाके जान ले लेते गेलइ ! ... थकके चूर हो गे-लि-यो ह !" ऊ निराशा आउ घृणापूर्वक चिखलइ आउ ओकर सिर तकिया पर लुढ़क गेलइ ।

ऊ फेर से बेहोश हो गेलइ, लेकिन ई अंतिम बेहोशी थोड़े देर रहलइ । ओकर हलका पीयर, सुक्खल चेहरा उपरे तरफ हो गेलइ, मुँह खुल गेलइ आउ टाँग झटका के साथ तन गेलइ । ऊ गहरा-गहरा साँस लेलकइ आउ दम तोड़ देलकइ ।

सोनिया ओकर लाश पर गिर पड़लइ, अपन बाँह से चारो बगली से ओकरा जकड़ लेलकइ आउ सिर मृत शरीर के सुक्खल सीना पर रखके शांत पड़ल रहलइ । पोलेच्का माय के गोड़ पर गिर पड़लइ आउ जोर-जोर से कनते ओकरा चुम्मे लगलइ । कोल्या आउ लेन्या, जेकरा अभियो समझ में नयँ अइले हल, कि की हो गेलइ, लेकिन कुछ तो भयंकर होले ह, एकर आशंका करके दुन्नु एक दोसरा के हाथ से कन्हा धरके, एक दोसरा के एकटक देखे लगलइ, अचानक साथ-साथ एक्के तुरी मुँह खोललकइ, आउ चीख पड़लइ । दुन्नु अभियो तक अपन ओहे स्वांग वला लिबास में हलइ - बच्चा पगड़ी में, आउ बच्ची शुतुरमुर्ग के पंख लगल टोपी में ।

आउ कइसे ई "प्रशंसापत्र" अचानक बिछौना पर पहुँच गेलइ, कतेरिना इवानोव्ना के बगल में ? ई ओज्जे तकिया भिर पड़ल हलइ; रस्कोलनिकोव एकरा देखलकइ । ऊ खिड़की तरफ चल गेलइ । लिबिज़्यातनिकोव लपकके ओकरा भिर चल गेलइ ।

"ऊ मर गेला !" लिबिज़्यातनिकोव कहलकइ ।
"रोदियोन रोमानोविच, हम अपने से दू शब्द बतियाय लगी चाहऽ हिअइ", स्विद्रिगाइलोव पास अइलइ । लिबिज़्यातनिकोव तुरतम्मे ओकरा लगी जगह दे देलकइ आउ बिलकुल चुपचाप धीरे-धीरे ऊ जगह से गायब हो गेलइ । आश्चर्यचकित होल रस्कोलनिकोव के स्विद्रिगाइलोव आउ दूर कोना में ले गेलइ ।

"ई पूरा भार, मतलब कफन-दफन आदि के काम, हम अपने ऊपर ले हिअइ । जानवे करऽ हथिन, ई पैसा के बात हइ, आउ हम वस्तुतः अपने के बता चुकलिए ह, कि हमरा पास कुछ अतिरिक्त पैसा हकइ । ई दू छोटकुन्नन के आउ ई पोलेच्का के कोय निम्मन अनाथालय में रखवा देबइ, आउ हरेक के नाम से पनरह-पनरह सो रूबल मूलधन के रूप में जामा करवा देबइ, जे वयस्क होवे पर ओकन्हीं के मिल जइतइ, ताकि सोफ़िया सिम्योनोव्ना बिलकुल बेफिकिर रहइ । आउ ओकरा ई दलदल से बाहर निकास देबइ, काहेकि ऊ निम्मन लड़की हइ, हइ न ? अच्छऽ जी, अपने अवदोत्या रोमानोव्ना के ई संदेश दे देथिन, कि उनकर दस हजार हम अइसीं उपयोग कइलिअइ ।

"कउन उद्देश्य से अपने एतना उदारता देखइलथिन ?" रस्कोलनिकोव पुछलकइ ।
"ओ-ओह ! कइसन अविश्वासी अदमी !" स्विद्रिगाइलोव हँस पड़लइ । "वस्तुतः हम बतइलिअइ न, कि ई पैसा हमरा पास अतिरिक्त हइ । अच्छऽ, सीधा-सादा शब्द में, हम इंसानियत के नाम पे ई सब कर रहलिए ह, ई बात नयँ स्वीकार कर सकऽ हथिन की ? वस्तुतः ऊ तो 'ढिल्ला' नयँ हलइ (ऊ अँगुरी से ऊ कोना तरफ इशारा कइलकइ, जाहाँ पर मरल औरत पड़ल हलइ), कोय तरह के गिरवी रक्खे वली बुढ़िया नियन । अच्छऽ, अपने सहमत होथिन, कि ‘लूझिन के वास्तव में जीए के चाही आउ बेहूदगी करते रहे के चाही, कि ओकरा (सोनिया के) मर जाय के चाही ?’ आउ हम अगर मदत नयँ करिअइ, त वस्तुतः 'पोलेच्का, मसलन, ओनहीं, ओहे रस्ता पर जइतइ’ ..."

ऊ ई सब बात एक प्रकार से आँख मारते, खुशी भरल धूर्त्तता के अंदाज में कहलकइ, रस्कोलनिकोव पर से अपन नजर बिन हटइले । सोनिया के कहल हूबहू अपन स्वयं के अभिव्यक्ति सुनके रस्कोलनिकोव पीयर पड़ गेलइ आउ ओकर शरीर ठंढा पड़ गेलइ । ऊ तेजी से पीछू हट गेलइ आउ स्विद्रिगाइलोव तरफ बहशी-बहशी नजर से देखे लगलइ ।

"अपने के ... क-इ-से मालूम ?" मोसकिल से साँस लेते ऊ फुसफुसइलइ ।
"हम तो हिएँ परी, देवाल के दोसरा तरफ, मैडम रेश्लिश के हियाँ रहऽ हिअइ । हियाँ कापेरनाउमोव हइ, आउ हुआँ मैडम रेश्लिश, पुरनकी आउ सबसे विश्वासी दोस्त । हम तो पड़ोसी हिअइ जी ।"
"अपने ?"
"हम", खिलखिलइते स्विद्रिगाइलोव बात जारी रखलकइ, "आउ अपने के अपन प्रतिष्ठा पर विश्वास देलावऽ हिअइ, प्रियतम रोदियोन रोमानोविच, कि हमरा अपने में आश्चर्यजनक रूप से दिलचस्पी होलइ । वस्तुतः हम कहलिए हल, कि हमन्हीं बीच पूरा-पूरा पटतइ, हम भविष्यवाणी कइलिए हल - आउ अइकी हमन्हीं बीच मिलन हो गेलइ । आउ अपने देखथिन, कि हम केतना मिलनसार अदमी हकिअइ । देखथिन, कि हमरा साथ केकरो केतना अच्छा से निभऽ हइ ..."

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