विजेट आपके ब्लॉग पर

Monday, July 09, 2018

"त हमन्हीं के आखिर कीऽ करे के चाही ?" - अध्याय-02


2.

जब हम ई शहरी गरीबी के बारे शहर के लोग से बात कइलिअइ त हमरा हमेशे कहल गेलइ - "ओ ! जे अपने देखलथिन ई सब तो कुच्छो नयँ हइ । अपने ख़ित्रोव बजार आउ हुआँ के लोकल रैनबसेरा (doss-houses) में घुमके देखथिन । हुआँ परी अपने के वास्तविक "सुनहरा कंपनी" (अर्थात् बिलकुल कंगाल लोग के जमघट) देखे लगी मिलतइ । एगो विदूषक हमरा से बोललइ कि ई तो अभी कंपनी नयँ रह गेले ह, बल्कि एगो सुनहरा रेजिमेंट बन चुकले ह - काहेकि ओकन्हीं के संख्या एतना जादे हइ । विदूषक के कहना सच हलइ, लेकिन ऊ आउ अधिक सच होते हल अगर ऊ कहते हल कि अइसनकन लोग के मास्को में अभी न कंपनी हइ, न रेजिमेंट, बल्कि एकन्हीं के पूरा सेना हइ, हमरा लगऽ हइ कि लगभग 50 हजार होतइ । शहर के पुरनकन वाशिंदा लोग जब हमरा शहरी गरीबी के बारे बतइते जा हलथिन, त हमेशे ई बात के कुछ खुशी के साथ बतवऽ हलथिन, मानूँ हमरा सामने गौरव महसूस करऽ हलथिन कि उनकन्हीं के ई बात के जनकारी हइ । हमरा आद पड़ऽ हइ जब हम लंदन गेलिए हल त हुआँ के बूढ़ा-पुरनियाँ लंदन के गरीबी के बारे बोलते बखत मानूँ गौरव अनुभव करऽ हलथिन । जइसे उनकन्हीं कहे लगी चाहऽ हलथिन, देखहो, हमरा हीं कइसन हालत हइ ।
आउ हमरा ई सब गरीबी के देखे के मन कइलकइ, जेकरा बारे हमरा बतावल गेलइ । कइएक तुरी हम ख़ित्रोव मार्केट दने जाय लगी रवानो होलिअइ, लेकिन हरेक तुरी हमरा भयंकर आउ शरमनाक अनुभव होलइ । "काहे लगी हम लोग के दुख-दर्द देखे लगी जइअइ, जेकन्हीं के हम मदत नयँ कर सकऽ हिअइ ?" एक अवाज कहलकइ। "नयँ, अगर तूँ हियाँ रहऽ हीं आउ शहरी जीवन के सब सुख-सुविधा देखऽ हीं, त जाहीं, आउ एहो देखहीं", दोसर अवाज कहलकइ ।
आउ अइकी तेसरा साल के दिसंबर महिन्ना में, कनकन्नी आउ तूफानी दिन में, हम शहरी गरीबी के ई केन्द्र, ख़ित्रोव मार्केट, दने चल पड़लिअइ । ई कामकाजी दिन हलइ, चार बजे के लगभग । जब सोल्यान्का स्ट्रीट से गुजरब करऽ हलिअइ, त हम अधिकाधिक लोग के विचित्र बस्तर में, जे ओकन्हीं के अप्पन बस्तर नयँ हलइ, आउ आउ अधिक विचित्र जुत्ता में, विशेष ढंग के रोगियाहा रूप-रंग आउ मुख्य रूप से, पूरे वातावरण के तरफ ओकन्हीं सब्भे के सामान्य रूप से उदासीनता (indifference)  नोटिस करे लगलिअइ । सबसे विचित्र, कउनो से नयँ मेल खाय वला बस्तर में एगो अदमी बिलकुल निफिक्किर होल जाब करऽ हलइ, स्पष्टतः ई बात के ओकरा कोय विचार दिमाग में नयँ हलइ कि ऊ दोसरा लोग के देखे में कइसन लगतइ । अइसनकन सब्भे लोग एक्के दिशा में जाब करऽ हलइ । रस्ता के बारे बिन पुछले, जे हम नयँ जानऽ हलिअइ, हम ओकन्हीं के पीछू-पीछू चल पड़लिअइ आउ बाहर ख़ित्रोव मार्केट में अइलिअइ । मार्केट में ओइसने औरतियन छेदे-छेद होल कपोत (house-coat), सलोप (women's coat), जैकेट, जुत्ता आउ गलोश (रबर के जलसह लमगर जुत्ता) आउ अपन पोशाक के भद्दापन के बावजूद ओतने स्वच्छंद, बूढ़ी आउ जवान, बैठल हलइ, कुछ तो बेचब करऽ हलइ, एन्ने-ओन्ने घुम्मब करऽ हलइ आउ गरियाब करऽ हलइ । मार्केट में बहुत कम लोग हलइ । स्पष्टतः मार्केट के समय खतम हो चुकले हल, आउ अधिकतर लोग मार्केट से होके पहाड़ी पर चढ़के जाब करऽ हलइ, सब कोय एक्के दिशा में । हम ओकन्हीं के पीछू-पीछू गेलिअइ । जेतने दूर आगू हम जइअइ, ओतने जादे ओइसनकन लोग एक्के रस्ता पर चलते नजर आवइ । मार्केट से होके गुजरते आउ स्ट्रीट से उपरे जइते, हम दू गो औरतियन तक पहुँच गेलिअइः एगो बूढ़ी आउ एगो जवान । दुन्नु कइसनो फट्टल-फुट्टल आउ हलका भूरा रंग के बस्तर में। ओकन्हीं चलते-चलते कुछ तो काम के बारे बतिआब करऽ हलइ ।
हरेक आवश्यक शब्द के बाद एगो चाहे दू गो अनावश्यक, अत्यंत अनुचित शब्द बोलल जा रहले हल । ओकन्हीं पीयल तो नयँ हलइ, कोय बात से चिंतित हलइ, आउ ओकन्हीं से भेंट हो जाय वलन, आउ ओकन्हीं से पीछू आउ आगू के मरद लोग, हमरा लगी ओकन्हीं के ई विचित्र बात दने कोय ध्यान नयँ देब करऽ हलइ । ई सब जगह में स्पष्टतः हमेशे अइसन बात करते जा हलइ । बामा करगी प्राइवेट रैनबसेरा हलइ, आउ कुछ लोग हियाँ रुक गेते गेलइ, जबकि दोसर लोग आगू बढ़ गेते गेलइ । पहाड़ी पर चढ़ते जइते बखत हमन्हीं कोना पर के एगो बड़गो घर भिर पहुँचते गेलिअइ । हमरा साथ जाय वला लोग में से अधिकतर ई घर भिर रुक गेते गेलइ । ई घर के समुच्चे फुटपाथ पर आउ स्ट्रीट के बरफ पर सब्भे ओइसनके लोग खड़ी आउ बैठल हलइ । प्रवेश-द्वार के दहिना दने - औरतानी, बामा दने - मरदानी । हम औरतियन भिर से गुजरलिअइ, मरद लोग भिर से गुजरलिअइ (कुल ओकन्हीं कइएक सो हलइ) आउ हुआँ रुक गेलिअइ, जाहाँ परी ओकन्हीं के कतार खतम होवऽ हलइ । ऊ घर, जाहाँ परी ई सब लोग इंतजार करब करऽ हलइ, हलइ ल्यापिन निःशुल्क रैनबसेरा। लोग के भीड़ रैनबसेरा में रात गुजारे वला हलइ आउ अंदर जाय देवे के इंतजार में हलइ । 5 बजे साँझ के दरवाजा खुल्लऽ हइ आउ लोग के अंदर जाय देवल जा हइ । लगभग ऊ सब्भे लोग, जेकन्हीं तक पीछू-पीछू अइलिए हल, हिएँ परी आब करऽ हलइ ।
हम हुआँ रुकलिअइ, जाहाँ परी मरद लोग के कतार खतम होवऽ हलइ । हमर सबसे नगीच वला लोग हमरा दने तक्के लगलइ आउ अपन नजर से हमरा घिंच्चे लगलइ । ई सब के देह के ढँक्के वला फट्टल-फुट्टल बस्तर कइएक तरह के हलइ । लेकिन ई सब लोग के हमरा दने निर्दिष्ट नजर के अभिव्यक्ति बिलकुल एक्के नियन हलइ । सब्भे नजर में ई प्रश्न के अभिव्यक्ति हलइ - "काहे लगी, दोसर दुनियाँ वला अदमी, तूँ हियाँ हमन्हीं भिर आके रुकलहीं? तूँ केऽ हकहीं? कहीं तूँ ऊ स्वयं-संतुष्ट धनी व्यक्ति तो नयँ, जे हमन्हीं के गरीबी पर खुशी मनावे लगी चाहऽ हइ, जे अपन उकताहट से ध्यान हटावे लगी चाहऽ हइ आउ हमन्हीं के सतावे लगी चाहऽ हइ ? चाहे कहीं तूँ ऊ हीं, जेकर न तो अस्तित्व हइ आउ न हो सकऽ हइ - अदमी जेकरा हमन्हीं पर तरस आवऽ हइ?" सब के चेहरा पर ई सवाल हलइ। हमरा दने तक्कइ, नजर मिलावइ आउ मुड़ जाय। हमरा केकरो साथ बतियाय के मन कर रहले हल, आउ हम देर तक निर्णय नयँ कर पा रहलिए हल। लेकिन जबकि हमन्हीं चुप हलिअइ, हमन्हीं के नजर हमन्हीं के नगीच ला चुकले हल। जिनगी हमन्हीं के चाहे केतनो अलगे कइले रहइ, दू-तीन नजर मिलला पर हमन्हीं अनुभव कइलिअइ कि हमन्हीं दुन्नु अदमी हिअइ आउ एक दोसरा से डरना भूल गेते गेलिअइ। हमर सबसे नगीच खड़ी हलइ सुज्जल चेहरा आउ लाल दाढ़ी वला एगो मुझीक, जे फट्टल-फुट्टल कफ्तान में आउ अपन नंगा गोड़ में फट्टल गलोश (galoshes) पेन्हले हलइ। तापमान -80 रोमर (-100 सेंटीग्रेड) हलइ । हमर ओकरा साथ तेसर या चौठा बेरी नजर मिललइ आउ हम ओकरा साथ अइसन नगीची अनुभव कइलिअइ कि ओकरा साथ बातचीत शुरू करे में शरम के बात नयँ हलइ, बल्कि ओकरा साथ कुछ नयँ बोलना शरम के बात हलइ । हम पुछलिअइ कि ऊ काहाँ से अइले ह । ऊ खुशी से जवाब देलकइ आउ बातचीत करे लगलइ; दोसर लोग आउ नगीच चल अइते गेलइ । ऊ स्मोलेन्स्क के हलइ, काम के खोज में अइले हल ताकि अपन रोजी-रोटी कमा सकइ आउ टैक्स चुका सकइ । "कोय रोजगार नयँ", ऊ बोलऽ हइ, "सैनिक लोग आझकल सब्भे काम ले लेते गेलइ । ओहे से अइकी हम मारल-फिरल बुलऽ हिअइ । भगमान कसम, दू दिन से हम कुछ नयँ खइलिए ह", ऊ सतर्कतापूर्वक बोललइ, मुसकाय के प्रयास करते । स्बितेन (sbiten - पानी, मध आउ मसाला से बन्नल एगो गरम पेय) के बिक्रेता, एगो पुरनका सैनिक हिएँ परी खड़ी हलइ । हम ओकरा बोलइलिअइ। ऊ एक गिलास स्बितेन ढरलकइ । मुझीक गरम गिलास अपन हाथ में लेलकइ आउ पीए के पहिले, एकर गरमी कहीं बेकार में बरबाद नयँ हो जाय, एकरा से अपन हाथ गरम कइलकइ । हाथ गरम करते-करते ऊ अपन साहसिक कार्य के बारे बतइलकइ । साहसिक कार्य या साहसिक कार्य से संबंधित कहानी लगभग सब्भे एक्के ढंग के होवऽ हलइ - एगो छोटगर काम हलइ, फेर समाप्त हो गेलइ, आउ हियाँ रैनबसेरा में पैसा आउ टिकट (पासपोर्ट) सहित बटुआ चोरी हो गेलइ । अब मास्को से बाहर जाल नयँ जा सकऽ हलइ । ऊ कहलकइ कि दिन में ऊ कलाली में खुद के गरम करऽ हइ, कलाली में जे कुछ ब्रेड के टुकड़ा मिल जा हइ ओहे खाके रहऽ हइ; कभी दे देते जा हइ, कभी भगा देते जा हइ । हियाँ ल्यापिन रैनबसेरा में फोकट में रात गुजारऽ हइ । इंतजार करब करऽ हइ पुलिस के छापा के, जे पासपोर्ट नयँ रहे के कारण ओकरा पकड़के जेल में डाल देतइ आउ एताप पर (etape - मार्गरक्षक के अधीन बाकी लोग के साथ पैदल) ओकरा अपन गाँव भेज देतइ। "लोग के कहना हइ कि छापा बेहस्पत के होतइ", ऊ कहलकइ, "तखने पुलिस पकड़ लेतइ । त खाली बेहस्पत के पहिले तक हियाँ रहना हो सकतइ ।" [जेल आउ एताप ओकरा लगी प्रतिज्ञात भूमि (Promised Land) हइ ।]
जब ऊ ई बात बता रहले हल, त भीड़ में से तीन अदमी ओकर बात के पुष्टि कइलकइ आउ कहलकइ कि ओकन्हिंयों के हालत बिलकुल एहे हइ ।
एगो दुब्बर-पातर युवक, पीयर, लमगर नाक वला, शरीर के बाहरी हिस्सा पर खाली एगो कमीज में, जे कन्हा पर फट्टल हलइ, आउ बिन छज्जा वला टोपी में, भीड़ के चीरते हमरा दने अइलइ । ऊ ठंढी के चलते लगातार जोर-जोर से काँप रहले हल, लेकिन मुझीक के बात पर घृणापूर्वक मुसकाय के प्रयास कइलकइ, ई तरह से हमर टोन में आवे के आशा करते आउ हमरा दने तकते रहलइ । हम ओकरो एक गिलास स्बितेन पेश कइलिअइ। ओहो गिलास लेके ओकरा से हाथ सेंकलकइ आउ कुछ बोलहीं लगी शुरू कइलकइ कि ओकरा बगल में ढकेल देलकइ एगो लमछड़, कार, हुकदार नाक वला अदमी, जे छींट के कमीज आउ वेस्टकोट में, लेकिन बिन टोपी के हलइ । हुकदार नाक वला अदमी भी स्बितेन मँगलकइ । फेनु अइलइ कमर बिजुन रस्सी से बान्हल ओवरकोट में, छाल के जुत्ता पेन्हले, नीसा में धुत्त, फानाकार (wedge-shaped) दाढ़ी वला एगो लमछड़ बुढ़उ । फेनु अइलइ सुज्जल चेहरा आउ पनियाल आँख वला एगो छोटगर अदमी, जे भूरा रंग के नानकीन जैकेट में हलइ आउ ओकर ग्रीष्मकालीन पतलून के भुड़वन से देखाय देब कर रहल दुन्नु टेहुना ठंढी से दलदलइते एक दोसरा से टकरा रहले हल । कँपकँपाहट के चलते ऊ गिलास के स्थिर नयँ रख पइलकइ आउ खुद पर छलका लेलकइ। लोग ओकरा बुरा-भला कहे लगलइ । ऊ खाली करुणापूर्वक मुसकइलइ आउ कँपते रहलइ । फेर अइलइ टुट्टल-फुट्टल जुत्ता पेन्हले चिथड़ा में एगो कुबड़ा अपाहिज, फेनु अइसन अदमी जे देखे में अफसर नियन लगऽ हलइ, फेनु अइसन अदमी जे पादरी नियन हलइ, फेनु एगो विचित्र नकटा अदमी - ई सब्भे भुक्खल आउ ठंठी से ठिठुरल, मिन्नत करते नम्रतापूर्वक हमरा चारो दने से घेर लेलकइ आउ स्बितेन लगी हमर आउ नगीच आ गेते गेलइ । ओकन्हीं स्बितेन पीके ओरिया देते गेलइ । एक अदमी पैसा मँगलकइ, हम दे देलिअइ । फेर दोसरा मँगलकइ, तेसरा आउ पूरा भीड़ हमरा घेर लेलकइ । अव्यवस्था आउ धक्कामुक्की चालू हो गेलइ । पड़ोस के घर के दरबान भीड़ पर चिल्लइलइ कि ओकर घर के सामने के फुटपाथ खाली कर देते जाय आउ भीड़ ओकर औडर के तुरते मान लेते गेलइ । भीड़ में से संचालक लोग आगू अइते गेलइ आउ हमरा अपन संरक्षण में ले लेते गेलइ - हमरा धक्कामुक्की से बाहर लावे लगी चहलकइ, लेकिन भीड़, जे पहिले फुटपाथ के किनारे-किनारे फैल गेते गेले हल, अब पूरा अव्यवस्थित हो गेलइ आउ हमरा दने जौर होवे लगलइ । सब कोय हमरा दने तक्के लगलइ आउ भीख माँगे लगलइ; आउ एक चेहरा दोसरा से अधिक दयनीय, निढाल आउ दीन-हीन हलइ । हमरा हीं जे कुछ हलइ ऊ सब दे देलिअइ । हमरा हीं पैसा थोड़हीं हलइ - एहे लगभग 20 रूबल, आउ हम भीड़ के साथ रैनबसेरा में प्रवेश कइलिअइ । रैनबसेरा अच्छा बड़गर हइ । एकरा में चार भाग हइ । उपरौका तल्ला पर मरदानी, आउ निचलौका पर औरतानी के । सबसे पहिले हम औरतानी वला भाग में प्रवेश कइलिअइ; बड़गर कमरा हइ जे पूरा बिछौना से भरल हइ, तेसरा दर्जा के रेलगाड़ी के डिब्बा नियन । बिछौना सब दू तल्ला करके सजावल हइ - उपरे आउ निच्चे । विचित्र, एक्के चिथड़ा बस्तर में, बूढ़ी आउ नौजवान औरतियन अंदर प्रवेश करते गेलइ आउ अपन-अपन जगह पर गेते गेलइ, कुछ निच्चे आउ कुछ उपरे । कुछ बुढ़ियन क्रॉस के चिह्न बनइते गेलइ आउ ई अनाथाश्रम बनावे वला लगी प्रार्थना करते गेलइ, जबकि कुछ लोग हँसलइ आउ बुरा-भला कहलकइ । हम उपरौला तल्ला पर गेलिअइ । हुओं परी मरद लोग अपन-अपन जगह पर गेते गेलइ; ओकन्हीं बीच एगो ओकरो देखलिअइ जेकरा हम पैसा देलिए हल । ओकरा देखके हमरा अचानक बहुत शरमिंदगी महसूस होलइ, आउ हम बाहर निकस जाय लगी जल्दीबाजी कइलिअइ । आउ एगो पक्का अपराध के अनुभव करते हम ई घर से बाहर निकस गेलिअइ आउ घर रवाना हो गेलिअइ । घर पर दरी लग्गल जीना से होके ड्योढ़ी में प्रवेश कइलिअइ, जेकर फर्श कपड़ा से आच्छादित हलइ, आउ फ़र-कोट उतारके पाँच कोर्स वला डिनर लगी बैठ गेलिअइ, जेकरा में दू गो नौकर ड्रेस कोट, उज्जर टाई आउ उज्जर दस्ताना में भोजन परोसे वला हलइ ।
तीस साल पहिले हम पेरिस में देखलिअइ कि कइसे हजारो दर्शक के बीच एगो अदमी के सिर गिलटिन (guillotine) से काट देवल गेलइ । हम जानऽ हलिअइ कि ई अदमी एगो भयंकर अपराधी हइ; हम ऊ सब तर्क के बारे जानऽ हलिअइ जे एतना शताब्दी से अइसन अपराध लगी ई तरह के कार्रवाई करे के पक्ष में लोग लिख रहते गेले ह; हम जानऽ हलिअइ कि ई जानबूझके आउ सोद्देश्य कइल जा रहले ह; लेकिन ऊ पल, जब सिर आउ शरीर अलगे हो गेलइ आउ बक्सा में गिर गेलइ, तब हमरा आह निकस गेलइ आउ विवेक से चाहे हृदय से नयँ, बल्कि अपन पूरे अस्तित्व (being) से अनुभव कइलिअइ कि ऊ सब्भे तर्क, जे हम मृत्यु दंड के बारे सुन रहलिए हल, निर्दय बकवास हइ; कि ई हत्या करे खातिर चाहे केतनो लोग एक जगुन जामा होते गेले होत, चाहे खुद के कुच्छो कहते जाय, हत्या संसार में सबसे घोर अपराध हइ; कि ई पाप हमर आँख के सामने कइल गेलइ । हम अपन उपस्थिति से आउ दखल नयँ देवे के चलते हम ई पाप के अनुमोदन कइलिअइ आउ एकरा में भाग लेलिअइ । ओइसीं अभी, ई भूख, ठंढी आउ हजारो लोग के अपमान के सामने, हम विवेक से चाहे हृदय से नयँ, बल्कि अपन पूरे अस्तित्व से अनुभव कइलिअइ कि मास्को में दसो हजार अइसन लोग के अस्तित्व - तब जबकि अन्य हजारो लोग के साथ हम फ़िलेट आउ स्टर्जन (fillet and sturgeon) के मांस रज-रजके खइते जा हिअइ आउ अपन घोड़वन के आउ फर्श के कपड़ा से चाहे दरी से आच्छादित करते जा हिअइ, तब चाहे दुनियाँ के सब्भे विद्वान लोग हमरा एकर अनिवार्यता के बारे कुच्छो बोलइ - एगो अपराध हइ, एक तुरी कइल नयँ, बल्कि लगातार कइल जा रहल अपराध, कि हम अपन ठाट-बाट के साथ एकर अनदेखी करते जा हिअइ बल्कि एकरा में सीधे भागीदार हकिअइ । हमरा लगी मस्तिष्क पर पड़ल ई दुन्नु छाप में भेद बस एतने हलइ कि हुआँ परी हम खाली एतने कर सकऽ हलिअइ कि हत्या के प्रबंध कइले गिलटिन भिर खड़ी ऊ हत्यारा लोग के तरफ चिल्लइतिए हल कि ओकन्हीं गलत काम करब करऽ हइ आउ यथासंभव दखल देवे के प्रयास करतिए हल । लेकिन अइसन करतहूँ हमरा पहिलहीं से ई पता होते हल कि हमर ई हरक्कत से हत्या रुक नयँ सकतइ । आउ हियाँ परी हम खाली स्बितेन आउ खाली ऊ नगण्य पैसा नयँ दे सकऽ हलिअइ, जे हमरा पास हलइ, बल्कि अपन ओढ़ले ओवरकोट आउ ऊ सब कुछ जे हमर घर में हइ  । लेकिन हम अइसन नयँ कइलिअइ आउ ओहे से अनुभव कइलिअइ, अनुभव करऽ हिअइ, आउ तब तक लगातार कइल जा रहल अपराध के भागीदारी अनुभव करना नयँ बंद करबइ, जब तक हमरा पास अतिरिक्त भोजन रहतइ आउ दोसरा के पास बिलकुल कुछ नयँ रहतइ, हमरा हीं दू पोशाक रहतइ आउ केकरो पास एक्को नयँ रहतइ ।