अपराध आउ दंड
भाग – 3
अध्याय – 1
रस्कोलनिकोव उठलइ आउ सोफा पर
बइठ गेलइ ।
रज़ुमिख़िन के ऊ हलके से हाथ हिलाके
इशारा कइलकइ, कि ऊ ओकर माय आउ बहिन के संबोधित कइल अपन असंगत आउ भावपूर्ण सांत्वना
के सम्पूर्ण धारा बन कर दे, आउ ओकन्हीं दुन्नु के हाथ पकड़ लेलकइ आउ दू मिनट चुपचाप
कभी एकरा, त कभी ओकरा देखते रहलइ । माय ओकर दृष्टि से भयभीत हो गेला । ई दृष्टि में
व्यथा के हद तक प्रबल भावना चमक रहले हल, लेकिन साथे-साथ कुछ तो जड़ता हलइ, आउ मानूँ
पागलपन भी । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कन्ने लगला ।
अवदोत्या रोमानोव्ना के चेहरा
पीयर पड़ गेलइ; ओकर हाथ भाय के हाथ में कँप रहले हल ।
"तोहन्हीं घर चल जइते जो
... उनका जौरे", रज़ुमिख़िन तरफ इशारा करते, ऊ टुट्टल-फुट्टल अवाज में बोललइ,
"बिहान भेंट होतउ; बिहान सब कुछ ... तोहन्हीं सब के अइला देरी हो गेलउ
?"
"आझ साँझ के, रोद्या",
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जवाब देलका, "रेलगाड़ी बहुत जादे लेट हलइ । लेकिन,
रोद्या, अब तोरा भिर से कभी नयँ जइबउ ! हम एज्जे रात गुजारबउ, तोरे बगल में
..."
"हमरा तंग मत करते जो
!" चिड़चिड़ाल हाथ हिलाके इशारा करते ऊ बोललइ ।
"हम इनका साथ रहबो
!" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, "एक्को मिनट लगी हम नयँ छोड़बो, हमर सब लोग भाड़ में
जाय, ओकन्हीं देवाल पर चढ़इ, त चढ़इ ! हुआँ पर हमर चाचा अध्यक्ष तो हका ।"
"हम तोहर कइसे, कइसे धन्यवाद
करूँ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना शुरू करे के कोशिश कइलका, फेर से रज़ुमिख़िन
के हाथ दबाके, लेकिन रस्कोलनिकोव फेर से उनका बाधा देलकइ –
"हमरा बरदास नयँ होत, हमरा
बरदास नयँ होत", ऊ चिड़चिड़ाहट में दोहरइलकइ, "हमरा तंग नयँ करते जो ! काफी
हो गेलउ, चल जइते जो ... हमरा बरदास नयँ होत ! ..."
"चलल जाय, माय, कम से कम
मिनट भर खातिर कमरा से बहरसी हो जाल जाय", भयभीत होके दुन्या बोललइ, "हमन्हीं
चलते उनका तकलीफ हो रहले ह, ई जाहिर हइ ।"
"त की वास्तव में हम ओकरा
तीन साल के बाधो भर नजर नयँ देख सकऽ ही !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कन्ने लगला
।
"ठहर !" ऊ फेर से ओकन्हीं
के रोक देलकइ, "तोहन्हीं हमरा बीच में बाधा डाल देते जा हँ, आउ हमर विचार सब अव्यवस्थित
हो जा हके ... लूझिन से मोलकात होलो हल ?"
"नयँ, रोद्या, लेकिन उनका
हमन्हीं के आगमन के बारे मालूम हकइ । हमन्हीं के सुन्ने में अइलइ, रोद्या, कि प्योत्र
पित्रोविच एतना उदार हला, कि ऊ आझ तोरा से मोलकात कइलथुन हल ।" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना
जरी भीरू स्वर में बोलला ।
"हाँ ... ऊ एतना उदार हला
... दुन्या, कि आझ हम लूझिन के कह देलिअइ, कि उनका हम ज़ीना पर से फेंक देबइ, आउ हम
उनका जहन्नुम में खदेड़ देलिअइ ..."
"रोद्या, ई तूँ की कह रहलँऽ
हँ ! तूँ, वास्तव में ... तूँ ई तो नयँ कहे ल चाहऽ हँ, कि", भयभीत होके पुलख़ेरिया
अलिक्सांद्रोव्ना शुरू कइलका, लेकिन दुन्या तरफ देखके रुक गेला ।
अवदोत्या रोमानोव्ना एकटक अपन
भाय के तरफ देखे लगलइ आउ आगे के इंतजार करे लगलइ । दुन्नु के नस्तास्या के माध्यम से
झगड़ा के बारे पहिलहीं सूचना मिल चुकले हल, जेतना कि ओकरा समझ में अइले हल आउ बयान कर
सकले हल, आउ दुविधा आउ प्रत्याशा में कष्ट झेल रहला हल ।
"दुन्या", प्रयास के
साथ रस्कोलनिकोव बात जारी रखलकइ, "हम ई शादी नयँ चाहऽ हूँ, ओहे से तूहूँ बिहाने
शुरुए में लूझिन के इनकार कर दे, ताकि ओकर आत्मा के गन्ह तक नयँ आवे ।"
"हे भगमान !" पुलख़ेरिया
अलिक्सांद्रोव्ना चिल्ला उठला ।
"भैया, जरी सोचऽ, कि तूँ
की बोल रहलऽ ह !" चिड़चिड़ाहट में अवदोत्या रोमानोव्ना कहे लगी शुरू कइलकइ, लेकिन
तुरतम्मे खुद के नियंत्रित कर लेलकइ । "तूँ, शायद, अभी ठीक नयँ हकऽ, तूँ थक्कल-माँदल
हकऽ ।" विनम्रतापूर्वक ऊ बोललइ ।
"सरसामी हालत में ? नयँ
... तूँ लूझिन के साथ बियाह हमरा खातिर कर रहलँऽ हँ । आउ हमरा बलिदान स्वीकार नयँ।
ओहे से, बिहान तक, एगो चिट्ठी लिख ... इनकार के ... सुबह में हमरा पढ़े लगी दे दे, आउ
खिस्सा खतम !"
"हमरा से ई नयँ होतो
!" नराज लड़की चीख पड़लइ । "कउन अधिकार से ..."
"दुनेच्का, तूहूँ चिड़चिड़ा
होल हँ, अभी ठहर, बिहान ... तोरा नयँ देखाय दे हउ ...", भयभीत माय दुन्या तरफ
लपकला। "ओह, बेहतर हउ कि हमन्हीं चलते चल !"
"ई बड़बड़ा रहला ह
!" मदहोश रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, "नयँ तो ई हिम्मत कइसे करता हल ! बिहान ई सब्भे
बेवकूफी खतम हो जइतइ ... आउ आझ तो ऊ वास्तव में उनका भगा देलका । एहे बात हलइ । आउ
ओहो गोसा गेला ... हियाँ भाषण झाड़ रहला हल, अपन विद्वत्ता देखा रहला हल, आउ गेला तब
अपन दुम दबइते ..."
"त ई बात सच हकइ
?" पुलख़ेरिया अलोक्सांद्रोव्ना चिल्लइला ।
"कल भेंट होतो, भैया",
सहानुभूति के साथ दुन्या बोललइ, "चल, माय ... अलविदा, रोद्या !"
"सुन, बहिन", आखिरी
तुरी कोशिश करते ऊ पीछू से दोहरइलकइ । "हम सरसाम में नयँ हकूँ; ई बियाह - ठीक
कदम नयँ हकउ । हम बल्कि नीच होवूँ, लेकिन तोरा अइसे करे के नयँ चाही ... कोय तो एक
... आउ हम नीच त नीचे सही, लेकिन अइसन बहिन के हम बहिन नयँ समझम । चाहे हम, चाहे लूझिन
! चल जइते जो ..."
"तोर तो दिमाग खराब हो गेलो
ह ! अत्याचारी कहीं के !" रज़ुमिख़िन गरजलइ, लेकिन रस्कोलनिकोव अब कोय जवाब नयँ
देलकइ, आउ शायद, जवाब देवे के स्थिति में नयँ हलइ । ऊ सोफा पर पड़ गेलइ आउ पूरा थकावट
में अपन मुँह देवाल तरफ मोड़ लेलकइ । अवदोत्या रोमानोव्ना उत्सुकता से रज़ुमिख़िन तरफ
देखलकइ; ओकर कार-कार आँख चमकलइ - रज़ुमिख़िन अइसन नजर से चौंक पड़लइ ।
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना अवाक्
होल खड़ी रहला ।
"हम तो कउनो हालत में नयँ
जाम !" लगभग निराश होके ऊ रज़ुमिख़िन के कान में कहलका, "हम हिएँ कज्जू परी
रह जाम ... दुन्या के घर पहुँचा देहो ।"
"आउ सारा खेल बिगाड़ देथिन
!" रज़ुमिख़िन भी अपन आपा खोके धीमे स्वर में बोललइ, "कम से कम बाहर ज़ीना पर
तो आथिन । नस्तास्या, जरी बत्ती तो देखा ! हम अपने के अकीन देलावऽ हिअइ", ज़ीना
पर पहुँचला पर ऊ आधा कनफुसकी में बात जारी रखलकइ, "कि पहिले हमरा आउ डाक्टर के
ऊ मारे पर उतारू हो गेला हल ! समझऽ हथिन न ई बात ? खास डाक्टर के ! आउ ओहो हार मान
लेलका, ताकि ऊ झुंझलाय नयँ पावें, आउ चल गेला, आ हम निच्चे में रह गेलिअइ पहरा देवे
लगी, लेकिन ऊ कपड़ा पेन्हलका आउ खिसक देलका । आउ अब रात में खिसक जइता, अगर ओकरा कइसूँ
गोस्सा देलइथिन तो, आउ खुद के कुछ तो कर लेता ..."
"ओह, ई की कह रहलऽ ह
!"
"आउ अवदोत्या रोमानोव्ना
के अपने के बगैर अकेल्ले हुआँ घर पे नयँ छोड़ल जा सकऽ हइ ! जरी सोचथिन, अपने काहाँ ठहरल
हथिन ! आउ ई पाजी प्योत्र पित्रोविच के वास्तव में अपने खातिर कोय आउ अच्छा फ्लैट नयँ
मिल पइलइ ... लेकिन, जानऽ हथिन, हम जरी पीयल हकिअइ आउ ओहे से ... गरियाब करऽ हिअइ;
बुरा नयँ मानथिन ..."
"लेकिन हम हियाँ के मकान-मालकिन
भिर जइबइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जिद कइलका, "हम उनका विनती करबइ,
कि ऊ हमरा आउ दुन्या खातिर ई रात गुजारे खातिर एगो कोना में थोड़े सुन जगह दे देथिन
। हम ओकरा अइसे नयँ छोड़ सकऽ हूँ, हरगिज नयँ !"
ई सब बातचीत के दौरान ओकन्हीं
ज़ीना पर खड़ी हला, चबूतरा पर, मकान-मालकिन के घर के ठीक दरवाजा के सामने । नस्तास्या
निचला सीढ़ी पर से ओकन्हीं खातिर बत्ती पकड़ले हलइ । रज़ुमिख़िन बेहद उत्तेजित हलइ। आध
घंटा पहिले, रस्कोलनिकोव के घर लाते समय, हलाँकि ऊ जरूरत से जादे बकबक कर रहले हल,
जेकर ओकरा बोध हलइ, लेकिन ऊ बिलकुल सवधान आउ लगभग तरोताजा हलइ, एकर बावजूद कि ऊ सँझिया
के बहुत जादे दारू चढ़ा लेलके हल । लेकिन अभी ओकर स्थिति एक प्रकार से हर्षोन्माद के
स्तर तक पहुँचल हलइ, आउ साथे-साथ मानूँ ओकर सब पीयल दारू फेर से, एक्के तुरी दोगना
ताकत से ओकर सिर में तेजी से चढ़ रहले हल । ऊ ओकन्हीं दुन्नु महिला के हाथ से पकड़ले
खड़ी हलइ, आउ ओकन्हीं के समझा-बुझा रहले हल आउ आश्चर्यजनक स्पष्टता के साथ तर्क प्रस्तुत
कर रहले हल, आउ शायद अधिक पतियाय खातिर, लगभग अपन हरेक शब्द के साथ, ओकन्हीं दुन्नु
के हाथ शिकंजा नियन जोर से दरद होवे के हद तक दबा देय, आउ लगऽ हलइ, कि अपन अँखिया से
अवदोत्या रोमानोव्ना के निंगल जइतइ, आउ एकरा में ऊ कोय लाज-गरान नयँ अनुभव कर रहले
हल । दरद के मारे ओकन्हीं कभी-कभी ओकर बड़का आउ अस्थिदार हाथ से अपन हाथ छोड़ा लेते जा
हला, लेकिन ऊ न केवल एकरा पर ध्यान नयँ दे हलइ, कि बात की हइ, बल्कि आउ कसके ओकन्हीं
के अपना तरफ घींच ले हलइ । अगर ओकन्हीं ओकरा अभी अपन सेवा खातिर, सिर के बल ज़ीना पर
से निच्चे कुदक जाय लगी हुकुम देता हल, त ऊ तुरतम्मे ई हुकुम के पालन कर देते हल, बिन
कोय तर्क आउ संकोच के । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना अपन रोद्या के चिंता के वजह से,
हलाँकि ई अनुभव कर रहला हल, कि नौजवान बहुत सनकी किसिम के हइ आउ ओकर हाथ बहुत दरद होवे
के हद तक दबावऽ हइ, तइयो साथे-साथ ऊ ओकरा लगी भगमान के समान हइ, ओहे से ई सब सनकीपना
संबंधी बात पर ध्यान नयँ देवे ल चाहऽ हला । लेकिन अवदोत्या रोमानोव्ना ओइसने चिंता
के बावजूद, हलाँकि स्वभाव से डरपोक नयँ हलइ, लेकिन अचरज से आउ लगभग भयभीत होके अपन
भाय के दोस्त के वहशी नियन दहकते नजर के सामना कर रहले हल, आउ खाली नस्तास्या द्वारा
ई विचित्र व्यक्ति के कहानी से उत्प्रेरित असीम विश्वास, ओकरा भिर से भागे के कोशिश
के आउ अपने साथ मइयो के घींचके लेले जाय के विचार के नियंत्रण में रखले हलइ । ऊ एहो
समझ रहले हल कि शायद ओकन्हीं के ओकरा भिर से भागल भी नयँ जा सकऽ हइ । लेकिन करीब दस
मिनट के बाद ऊ काफी राहत महसूस कइलकइ - रज़ुमिख़िन में पल भर में सब कुछ अपना बारे बता
देवे के गुण हलइ, चाहे ऊ कउनो मनोदशा में रहे, ओहे से सब के बहुत जल्दीए पता चल जा
हलइ, कि कइसन अदमी से पाला पड़ल ह ।
"मकान-मालकिन के पास अपने
नयँ जा सकऽ हथिन, आउ ई बिलकुल निरर्थक होतइ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के
समझइते ऊ चिल्लइलइ । "हलाँकि अपने माय हथिन, लेकिन अगर रुक जइथिन, त उनका आउ गोस्सा
चढ़ा देथिन, आउ तब ई तो शैताने के मालूम, कि की होतइ ! सुनथिन, अइकी हम ई करबइ - उनका
साथ नस्तास्या रहतइ, आउ हम अपने दुन्नु के अपने के डेरा पर पहुँचा देबइ, काहेकि अपने
सब के रोड पर अकेल्ले जाना बिलकुल ठीक नयँ हइ; हमर पितिरबुर्ग में ई मामला में ...
हइ, थू ! ... फेर अपने भिर से तुरतम्मे दौड़के हियाँ चल अइबइ आउ पनरह मिनट के बाद, हम
वचन दे हिअइ, कि अपने भिर रिपोर्ट लइबइ - कि ऊ कइसन हका ? सुत्तल हका कि नयँ ? इत्यादि
इत्यादि । फेर, सुनथिन ! फेर अपने भिर से पलक झपकते हम अप्पन घर चल जइबइ - हुआँ हमर
मेहमान सब हका, सब पीके धुत्त - ज़ोसिमोव के लेके अइबइ - ई डाक्टर हका, जे उनकर इलाज
कर रहला ह, ऊ अभी हमरा हीं बइठल हका, निसा में नयँ; ई निसा में नयँ, ई कभी निसा में
धुत्त नयँ रहऽ हका ! उनका घसीटके हम रोदका के पास लइबइ आउ फेर तुरतम्मे अपने के पास,
मतलब, एक घंटा में अपने के दू रिपोर्ट मिलतइ - डाक्टर से, समझलथिन, खास डाक्टर से;
ई ऊ नयँ होतइ जे हमरा हीं से मिलतइ ! अगर उनकर तबियत खराब रहतइ, त कसम से, हम अपने
के खुद हिएँ ले अइबइ, आ अगर ठीक रहतइ, त अपने सो जइथिन । आउ रात भर हम हिएँ रहबइ, प्रवेशमार्ग
में ऊ हमर सुन्ने वला नयँ, आउ हम ज़ोसिमोव के मकान-मालकिन के पास रात गुजारे लगी कहबइ,
ताकि अपन हाथ में रहइ । त उनका लगी अब के बेहतर होतइ - अपने, कि डाक्टर ? निस्सन्देह
डाक्टर जादे उपयोगी होता, जादे उपयोगी । अच्छऽ, त घर चलथिन ! आ मकान-मालकिन के घर पे
ठहरना असंभव हइ; हमरा लगी संभव हकइ, लेकिन अपने खातिर असंभव - अपने के ऊ रक्खे वली
नयँ, काहेकि ... काहेकि ऊ बेवकूफ हकइ । ओकरा हमरा चलते अवदोत्या रोमानोव्ना से जलन
होतइ, अगर जाने ल चाहऽ हथिन तब, आउ अपनहूँ से ... आउ अवदोत्या रोमानोव्ना से तो पक्का
। ऊ बिलकुल, बिलकुल अप्रत्याशित चरित्र हकइ ! लेकिन, हमहूँ तो बेवकूफ हकिअइ ... खैर,
कोय बात नयँ ! चलल जाय ! अपने हमरा पर भरोसा करऽ हथिन न ? अच्छऽ, हमरा पर भरोसा करऽ
हथिन, कि नयँ ?"
"चल, माय", अवदोत्या
रोमानोव्ना कहलकइ, "ई पक्का ओइसीं करथिन, जइसन कि वादा करऽ हथिन । ई भैया के जान
बचइलथिन हँ, आउ अगर ई बात सही हइ, कि डाक्टर हियाँ रात गुजारे लगी सहमत हो जइता, त
एकरा से अच्छा आउ की हो सकऽ हइ ?"
"त अपने ... अपने ... हमरा
समझऽ हथिन, काहेकि अपने - फरिश्ता हथिन !" हर्षातिरेक में रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ ।
"चलल जाय ! नस्तास्या ! झट से उपरे आ जो आउ उनका भिर बइठ, रोशनी के साथ; हम पनरह
मिनट में आवि हउ ..."
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना हलाँकि
बिलकुल कायल तो नयँ होला, लेकिन आउ विरोध नयँ कइलका । रज़ुमिख़िन ओकन्हीं दुन्नु के हाथ
पकड़लकइ आउ लेके ज़ीना पर से उतरलइ । लेकिन ओकरा बारे उनका चिंता होलइ - "हलाँकि
तेज आउ निम्मन व्यक्ति हइ, लेकिन की पूरा करे के हालत में हकइ, जे कुछ ऊ वादा करऽ हइ?
ऊ कइसन हालत में हकइ ! ..."
"ओहो, हम समझऽ हिअइ, अपने
सोच रहलथिन हँ, कि हम अइसन हालत में हकिअइ !" रज़ुमिख़िन उनकर विचार भाँपके क्रमभंग
करते बोललइ, आउ फुटपाथ पर अपन लम्मा-लम्मा कदम रखते, जेकरा चलते दुन्नु महिला मोसकिल
से ओकर साथ-साथ चल पावऽ हला, आउ जेकर भान ओकरा नयँ हो रहले हल । "बकवास ! मतलब
... हम पीके धुत्त हकिअइ, मूरख नियन, लेकिन बात ई नयँ हइ; हम निसा में धुत्त हिअइ,
लेकिन दारू से नयँ । आउ ई, जखने हम अपने के देखलिअइ, तखनहीं हमर सिर पर प्रहार कइलकइ
... लेकिन हमरा पर थूक देथिन ! हमर कोय बात पर ध्यान नयँ देथिन - हम बकबक कर रहलिए
ह; हम अपने के लायक नयँ हकिअइ ... हम अपने लगी परला दरजा के नलायक हकिअइ ! ... लेकिन
जइसीं हम अपने के पहुँचा देबइ, पल भर में, हिएँ नहर में, हम अपन मथवा पर दू बालटी पानी
उझल लेबइ, आउ बस तैयार ... काश, अपने खाली जान पइथिन हल, कि हम अपने दुन्नु के केतना
प्यार करऽ हिअइ ! ... हँसथिन नयँ, आउ गोस्सा नयँ करथिन ! ... सब्भे पर गोस्सा करथिन,
लेकिन हमरा पर गोस्सा नयँ करथिन ! हम उनकर दोस्त हिअइ, त शायद, अपनहूँ के दोस्त । हम
अइसने चाहऽ हिअइ ... हमरा ई पूर्वाभास हो गेले हल ... पिछले साल, एक क्षण अइसन हलइ
... बल्कि, ई पूर्वाभास बिलकुल नयँ हलइ, काहेकि अपने जइसे असमान से उतरलथिन । आउ हम,
शायद, रातो भर सुत नयँ पइबइ ... ई ज़ोसिमोव के हाल में डर हलइ, कि कहीं ऊ पागल नयँ हो
जाथिन ... ओहे से उनका छेड़े के नयँ चाही ..."
"ई तूँ की कह रहलहो ह
!" माय चिल्लइला ।
"की वास्तव में डाक्टर अइसे
बोललथिन ?" डरके अवदोत्या रोमानोव्ना पुछलकइ ।
"बोलला हल, लेकिन ई बात
नयँ हइ, ई बात बिलकुल नयँ हइ । ऊ दवइयो देलका हल, पुड़िया, हम देखलिए हल, आउ तखने अपने
सब अइते गेलथिन ... आह ! ... बेहतर होते हल, अगर अपने बिहान अइथिन हल ! ई खैरियत हलइ,
कि हमन्हीं बाहर निकस गेते गेलिअइ । आउ एक घंटा के बाद अपने के सब कुछ के बारे खुद
ज़ोसिमोव पूरा रिपोर्ट देता। ऊ पीयल बिलकुल नयँ हका ! आउ हमहूँ पीयल नयँ रहबइ
... लेकिन हम निसा में एतना धुत्त कइसे हो
गेलिअइ ? ई कारण से, कि हमरा विवाद में फँसा देते गेल, अभिशप्त लोग ! हमर कसम हमरा
विवाद करे नयँ देलकइ ! ... कइसन-कइसन बकवास करते जा हइ ! हम तो लड़े-लड़े पर उतारू हो
गेलिअइ ! हम खुद चाचाजी के छोड़ के अइलिए ह, अध्यक्ष के रूप में ... अच्छऽ, ई बात पर
विश्वास करथिन - सम्पूर्ण व्यक्तित्वहीनता के माँग कइल जा हइ, आउ एकरे में परमानन्द
खोजल जा हइ ! केवल स्वयं अस्तित्वहीन जइसे, स्वयं सदृश तो सबसे कम ! आउ एकरा ओकन्हीं
बीच सबसे उच्च प्रगति समझल जा हइ । आउ खाली अपना तरह से बकवास करते जात हल, त कुछ बात
होते हल, लेकिन ई तो ..."
"सुनऽ", दबल जबान से
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बीच में टोकलका, "लेकिन ई तो आग में घी के काम कइलको।"
"त अपने की समझऽ हथिन
?" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, अपन अवाज आउ उँचगर करते, "अपने सोचऽ हथिन, कि हम ई
बात लगी ओकन्हीं पर बरस पड़ऽ हिअइ, कि ओकन्हीं झूठ बोलऽ हइ ? बकवास ! हमरा अच्छा लगऽ
हइ, जब लोग झूठ बोलते जा हइ ! झूठ बोलना सब्भे जीव-जन्तु के सामने मानव जाति के एकमात्र
विशेषाधिकार हइ । अगर झूठ बोलबऽ - त सच तक पहुँच पइबऽ ! ओहे से हम अदमी हकूँ, काहेकि
हम झूठ बोलऽ हूँ । एक्को सच तक नयँ पहुँचल गेले ह, बिन चौदह तुरी पहिले झूठ बोलले,
आ शायद, एक सो चौदहो तुरी, आउ ई अपने आप में एक तरह से सम्मानजनक हइ; लेकिन हम सब झूठो
तो अपन दिमाग से नयँ बोल पावऽ ही ! तूँ हमरा साथ झूठ बोलऽ, लेकिन अपन ढंग से झूठ बोलऽ,
आउ तब हम तोहरा चुम्बन लेबो । अपन ढंग से झूठ बोलना - वस्तुतः ई लगभग बेहतर हइ, बनिस्पत
दोसर के ढंग से सच बोलना; पहिला हालत में तूँ अदमी हकऽ, लेकिन दोसरा में मात्र एगो
पंछी ! सच तो नयँ चल जइतइ, लेकिन जिनगी के तो काँटी ठोकके बन कर देल जा सकऽ हइ; कइएक
उदाहरण हलइ । अच्छऽ, अभी हमन्हीं काहाँ हिअइ ? विज्ञान, विकास, विचार, आविष्कार, आदर्श,
कामना, उदारवाद, तर्क, अनुभव, आउ सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ के मामले
में, हम सब, बिन कोय अपवाद के, अभी तक स्कूल के प्राथमिक कक्षा में बइठल ही ! हम सब
के दोसर के बुद्धि पर जीये लगी पसीन पड़ऽ हइ - हम सब एकर स्वाद के आदी हो गेलूँ हँ
! सही हइ न ? हम सही कह रहलिए ह न ?" रज़ुमिख़िन दुन्नु महिला के हाथ हिलइते आउ
दबइते चिल्लइलइ, "सच हइ न ?"
"हे भगमान, हमरा तो मालूम
नयँ", बेचारी पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला ।
"हाँ, ओहे बात हइ ... हलाँकि
सब कुछ में हम अपने के साथ सहमत नयँ", अवदोत्या रोमानोव्ना गंभीरतापूर्वक बोललइ
आउ साथे-साथ चिल्लाइयो पड़लइ, एतना दर्दनाक तरीका से ई तुरी ऊ ओकर हाथ दबइलके हल ।
"ओहे बात हइ ? अपने बोलऽ
हथिन, ओहे बात हइ ? अच्छऽ, तब एकर बाद अपने ... अपने ...", ऊ हर्षातिरेक में चिल्लइलइ,
"अपने उदारता, शुद्धता, विवेक आउ ... उत्कृष्टता के स्रोत हथिन ! अपन हाथ देथिन,
देथिन ... अपनहूँ अपन हाथ देथिन, हम हियाँ अपने के हाथ के चुम्बन लेवे लगी चाहऽ हिअइ,
अभी, टेहुना के बल बइठके!"
आउ ऊ फुटपाथ के बिच्चे में टेहुना
के बल बइठ गेलइ, भाग्यवश, तखने ई जगह वीरान हलइ ।
"बस, रहे द, हम विनती करऽ
हियो, तूँ की कर रहलऽ ह ?" बेहद असहज भाव से पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्ला
उठला ।
"उठ जाथिन, उठ जाथिन
!" दुन्या भी हँस पड़लइ, लेकिन ओहो असहज अनुभव कर रहले हल ।
"कोय हालत में नयँ, जब तक
कि अपन हाथ नयँ देथिन ! ई होलइ न बात, बस, हम उठ गेलिअइ, आउ चलल जाय ! हम अभागल मूरख
हिअइ, हम अपने के लायक नयँ, आउ पीयल, आउ लज्जित हकिअइ ... हम अपने के प्यार करे के
काबिल नयँ हिअइ, लेकिन अपने के सामने आदर से झूकना - ई सबके कर्तव्य हइ, खाली अगर ऊ
एगो सर्वोत्तम पशु नयँ होवे ! आउ हम आदर के साथ झुकलिअइ ... आउ अइकी अपने के डेरा हइ,
आउ एहे एक बात खातिर रोदियोन सही हका, कि हाल में अपने के प्योत्र पित्रोविच के भगा
देलका ! अपने के अइसन डेरा पर ठहरावे के ओकर हिम्मत कइसे होलइ ? ई तो अपमान के बात
हइ ! अपने के मालूम हइ, कि कइसन-कइसन अदमी के हियाँ रक्खल जा हइ ? आउ अपने तो मंगेतर
हथिन ! अपने मंगेतर हथिन, हइ न ? त हम अपने के बतावऽ हिअइ, कि अपने के ऊ मंगेतर आखिर
कमीना हइ !"
"सुनऽ, मिस्टर रज़ुमिख़िन,
तूँ भूल रहलऽ ह ...", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना शुरू कइलका ।
"हाँ, हाँ, अपने सही कहऽ
हथिन, हम भूल गेलिए हल, लज्जित हिअइ !" रज़ुमिख़िन के अचानक आद पड़लइ, "लेकिन
... लेकिन ... लेकिन अपने हमरा पर ई बात से नयँ नराज हो सकऽ हथिन, कि हम अइसे बोलऽ
हिअइ ! काहेकि हम ई सच्चा दिल से कहऽ हिअइ, आउ ऊ कारण से नयँ, कि ... हूँ ! ई तो बेहूदगी
होतइ; एक शब्द में, ऊ कारण से नयँ, कि हम अपने के ... हूँ ! ... लेकिन अइसन होवे के
नयँ चाही, हम कारण नयँ बता सकऽ हिअइ, हमरा हिम्मत नयँ हकइ ! ... आउ हमन्हीं सब कुछ
समझ गेलिअइ, जइसीं ऊ अन्दर घुसले हल, कि ई अदमी हमन्हीं के बिरादरी के नयँ हइ । ई कारण
से नयँ, कि ऊ सैलून से अपन केश घुंघराला बनाके अइलइ, ऊ कारण से नयँ, कि ऊ अपन बुद्धिमत्ता
देखावे के जल्दी में हलइ, बल्कि ई कारण से कि ऊ चोरी छिपे दोसर के घर के बात टोहते
रहऽ हइ आउ सटोरिया (सट्टेबाज) हकइ; काहेकि ऊ यहूदी आउ विदूषक हइ, आउ ई देखाय दे हइ
। अपने सोचऽ हथिन, कि ऊ बुद्धिमान हइ ? नयँ, ऊ बेवकूफ हइ, बेवकूफ ! त, ऊ अपने के जोड़ी
हकइ ? हे भगमान ! देखते जा हथिन, ठकुराइन", ऊ अचानक रुक गेलइ, ज़ीना पर से चढ़ते
कमरा तरफ जइते, "हलाँकि हमर घर पे सब कोय पीयल हकइ, तइयो सब्भे ईमनदार हइ, आउ
हलाँकि हमन्हिंयों झूठ बोलऽ हिअइ, ओहे से वस्तुतः हमहूँ झूठ बोलऽ हिअइ, अइसीं झूठ बोलते-बोलते
आखिरकार सच तक पहुँच जइते जइबइ, काहेकि हमन्हीं सही रस्ता पर हिअइ, आउ प्योत्र पित्रोविच
... सही रस्ता पर नयँ हइ । आउ हलाँकि अभी ओकन्हीं के गरिया रहलिए हल, लेकिन हम वास्तव
में ओकन्हीं के आदर करऽ हिअइ; ज़म्योतोव के भी हम इज्जत नयँ करऽ हिअइ, तइयो हम ओकरा
मानऽ हिअइ, काहेकि - ऊ तो बुतरू हइ ! हियाँ तक कि ई जानवर ज़ोसिमोव के, काहेकि - ईमनदार
हइ आउ अपन काम जानऽ हइ ... लेकिन काफी हो गेलइ, सब कुछ कहल जा चुकले ह आउ माफ कर देल
गेले ह । माफ कर देल गेले ह ? एहे बात हइ न ? अच्छऽ, त चलल जाय । हम ई गलियारा से परिचित
हकिअइ, हियाँ पहिले अइलिए ह; अइकी, ई तीन नम्बर के कमरा में शर्मनाक वारदात होले हल
... अच्छऽ, अपने के डेरा काहाँ हइ ? केतना नम्बर ? अठमा ? अच्छऽ, त रात भर लगी कमरा
के अन्दर से बन करके रखथिन, केकरो अन्दर नयँ आवे देथिन । पनरह मिनट के बाद सूचना के
साथ वापिस अइबइ, आउ फेर आध घंटा के बाद ज़ोसिमोव के साथ, देखथिन ! अलविदा, हम दौड़के
जा हिअइ !"
"हे भगमान, दुनेच्का, एकर
की नतीजा होत ?" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कहलका, चिंता आउ डर के मारे अपन बेटी
के संबोधित करके ।
"शांत हो जो, माय",
अपन टोप आउ ओढ़नी उतारते दुन्या जवाब देलकइ, "भगमान हमन्हीं के पास ई भलमानस के
भेज देलका ह, हलाँकि ऊ सीधे कोय जइसे कलाली से आवल देखाय दे हका । उनका पर भरोसा कइल
जा सकऽ हइ, एतना हम तोरा विश्वास देलावऽ हिअउ । आउ ऊ सब, जे ऊ भैया लगी कइलका ह
..."
"आह, दुनेच्का, भगमान जाने,
ऊ अइबो करतइ कि नयँ ! आउ हम कइसे के रोद्या के छोड़ देलूँ ! ... आउ सबसे बढ़के ई बात,
कि हम ओकरा अइसन हालत में देखे के कल्पनो नयँ कइलूँ हँल ! ऊ कइसन कठोर हलइ, जइसे ऊ
हमन्हीं के देखके खुश नयँ हलइ ..."
उनकर आँख में लोर आ गेलइ ।
"नयँ, अइसन बात नयँ हइ,
माय । तूँ तो देखलहीं नयँ, खाली लगातार कनते रहलहीं । ऊ बड़गर बेमारी से बहुत परेशान
हथिन - एहे सब कुछ के कारण हइ ।"
"आह, ई बेमारी ! मालूम नयँ,
की होतइ, की होतइ ! आउ ऊ तोरा साथ कइसे बात कइलकउ, दुन्या !" माय बोलला, सहमल
नजर से बेटी तरफ देखते, ताकि ओकर मन के सब बात समझ में आ सकइ, आउ ई बात से आधा राहत
पाके, कि दुन्ये रोद्या के पक्ष ले रहल ह, मतलब कि, ऊ ओकरा माफ कर चुकल ह ।
"हमरा ई बात के भरोसा हके,
कि ऊ कल सोच-समझके अपन राय बदल लेतइ", ऊ बात आगे बढ़इलका, पूछताछ करके ओकर विचार
के पूरा थाह लेवे के खियाल से ।
"आउ हमरा ई बात के भरोसा
हके, कि ऊ बिहानो एहे बात बोलता ... एकर मामले में", अवदोत्या रोमानोव्ना बात
काटके बोललइ, आउ वास्तव में ई एगो बाधा हलइ, काहेकि एहे एगो बिन्दु हलइ, जेकरा बारे
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जेकर बात उठावे लगी बहुत डरऽ हला । दुन्या पास अइलइ आउ
मइया के चूम लेलकइ । मइया ओकरा चुपचाप ओकरा कसके गले लगा लेलका । फेर रज़ुमिख़िन के वापिस
आवे के व्यग्रता से प्रतीक्षा में बइठ गेला आउ सहमल-सहमल अपन बेटी के देखते रहला, जे
अपन हाथ के आड़े-तिरछे करके आउ इंतजारे में अपने बारे सोचते कमरा में आगे-पीछे चहलकदमी
करे लगलइ । सोच में डुब्बल एक कोना से दोसरा कोना में अइसन चहलकदमी करना अवदोत्या रोमानोव्ना
के सामान्य आदत हलइ, आउ माय ओकर विचारमग्नता के अइसन क्षण में बाधा डाले से एक प्रकार
से हमेशे डरऽ हला ।
रज़ुमिख़िन के निसा के हालत में
अवदोत्या रोमानोव्ना पर अपन अचानक उद्दीप्त भावावेश प्रकट करना, जाहिर हइ, कि एगो हास्यास्पद
बात हलइ; लेकिन, अवदोत्या रोमानोव्ना पर नजर डालला पर, खास करके अभी, जब ऊ अपन दुन्नु
हाथ के सीना पर आड़े-तिरछे मोड़ले, उदास आउ चिंतामग्न, कमरा में चहलकदमी कर रहले हल,
शायद, कइएक लोग ओकरा क्षमा कर देते हल, ओकर सनकी हालत पर बिन ध्यान देले । अवदोत्या
रोमानोव्ना बेहद खुबसूरत हलइ - उँचगर, आश्चर्यजनक रूप से सुडौल, गठीला बदन, आत्मविश्वासी
- जइसन कि ओकर हरेक हाव-भाव से झलकऽ हलइ, जेकरा चलते लेकिन ओकर चाल-ढाल के कोमलता आउ
शालीनता में तनिक्को कमी नयँ आवऽ हलइ । चेहरा ओकर भाय से मिल्लऽ-जुल्लऽ हलइ, आउ ओकरा
सुन्दरी भी कहल जा सकऽ हलइ। केश ओकर गहरा भूरा (सुनहरा) हलइ, ओकर भाय से लेकिन जरी
हलका; आँख लगभग कार, चमकते, गर्वीला आउ साथे-साथ कभी-कभी, कुछ मिनट खातिर, असाधारण
रूप से कृपालु । ओकर रंग पीयर हलइ, लेकिन बेमरियाह वला पीयर नयँ; ओकर चेहरा में तरोताजगी
आउ स्वास्थ्य के चमक हलइ । ओकर मुँह जरी सन छोटगर हलइ, आउ ओकर निचला होंठ, तजगर आउ
लाल, थोड़े सन आगू तरफ निकसल, ओकर ठुड्डी नियन - ई सुन्दर चेहरा में एकमात्र असंगति
हलइ, लेकिन जे ओकरा विशेष व्यक्तित्व, आउ प्रसंगवश, मानूँ अभिमान दर्शावऽ हलइ । ओकर
चेहरा के भाव हमेशे गंभीर आउ विचारमग्न रहऽ हलइ, बनिस्पत प्रसन्नचित्त रहे के; लेकिन
ई चेहरा पर मुसकान केतना फबऽ हलइ, केतना अच्छा फबऽ हलइ प्रसन्न, यौवनमय, हृदय-मुक्त
हँसी ! ई बात समझल जा सकऽ हलइ, कि जोशीला, खुला दिल वला, सीधा-सादा, ईमनदार, नायक
(हीरो) जइसन शक्तिमान, आउ पीयल रज़ुमिख़िन, अइसन पहिले कभी नयँ देखल, पहिलहीं नजर में
अपन दिमाग खो देलकइ। एकरा अलावे, मानूँ सोद्देश्य, संयोग ओकरा दुन्या के पहिले तुरी
अपन भाय के साथ प्यार आउ खुशी के सुन्दर पल में भेंट करते देखइलकइ । बाद में ऊ नोटिस
कइलकइ, कि कइसे भाय के ढीठ आउ कृतघ्नतापूर्ण क्रूर आदेश के प्रतिसाद (response) के
रूप में गोस्सा में ओकर निचला होंठ काँप रहले हल - आउ सहन के बाहर हो गेले हल ।
लेकिन ऊ सच कहलके हल, जब पीयल
हालत में ज़ीना पर पहिले ओकर मुँह से ई बात निकस पड़ले हल, कि रस्कोलनिकोव के सनकी मकान-मालकिन,
प्रस्कोव्या पावलोव्ना, के ओकर वजह से खाली अवदोत्या रोमानोव्ने से नयँ जलन होतइ, बल्कि,
शायद, खुद पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्नो से । हलाँकि पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के उमर
तेतालीस साल हो चुकले हल, उनकर चेहरा पर पहिलौका सुंदरता के चिह्न बाकी हलइ, आउ एकर
अलावे ऊ देखे में अपन उमर से बहुत छोटगर लगऽ हला, जइसन कि लगभग हमेशे ओइसन औरतियन के
साथ होवऽ हइ, जे बुढ़ापा तक अपन निष्कपट सहृदयता, भावना में तरोताजगी, आउ हृदय के निष्कपट
आउ शुद्ध गरमी बनइले रहऽ हइ । प्रसंगवश ई बता देवल जाय, कि अपन बुढ़ापो तक सुंदरता नयँ
खोवे खातिर ई सब के कायम रखना एकमात्र साधन हइ । उनकर केश सफेद होवे आउ झड़े लगले हल,
आँख के नगीच जरी-मनी चकमकात झुर्री बहुत पहिलहीं से देखाय देवे लगले हल, आउ चिंता आउ
दुख के चलते गाल अंदर धँस गेले हल आउ शुष्कता आ गेले हल, तइयो ई चेहरा सुत्थर हलइ ।
ई दुनेच्का के चेहरा के प्रतिमूर्त्ति हलइ, खाली बीस बरस बाद के, आउ एकर अलावे निचला
होंठ के भाव, जे उनका में आगू नयँ निकसल हलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भावुक हला,
लेकिन अतिशय नयँ, भीरू आउ नम्र, लेकिन एक सीमा तक - ऊ बहुत कुछ झुक जा हला, बहुत कुछ
मान ले हला, ओहो बात के, जे उनकर विचारधारा के विपरीत होवऽ हलइ, लेकिन ईमनदारी, नियम,
आउ प्रबल विचारधारा के हमेशा एगो सीमा हलइ, जेकरा कइसनो परिस्थिति उनका से अतिक्रमण
नयँ करवा सकऽ हलइ ।
रज़ुमिख़िन के चल गेला के ठीक बीस
मिनट बाद दरवाजा पर दू तुरी हलका लेकिन त्वरित दस्तक होलइ; ऊ वापिस आ चुकले हल ।
"हम अन्दर नयँ अइबइ, हमरा
पास समय नयँ हइ !" ऊ तेजी से कह गेलइ, जब दरवाजा खुललइ, "घोड़ा बेच के सुत्तल
हका, गहरा नीन में, शांति से, आउ भगमान करे, कि दस घंटे सुत्तल रहें । उनका पास नस्तास्या
हइ; हम ओकरा कह देलिए ह, कि हमरा आवे के पहिले बाहर नयँ जाय । अब हम ज़ोसिमोव के लेके
अइबइ, ऊ अपने के पूरा रिपोर्ट देता, आउ तब अपनहूँ सो जाथिन; हम देखऽ हिअइ, कि अपने
बहुत जादे थकके चूर होल हथिन ।"
आउ ऊ उनकन्हीं से दूर गलियारा
(corridor) होके चल गेलइ ।
"कइसन दक्ष आउ ... निष्ठावान
नवयुवक हइ !" बेहद प्रसन्न होके पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्लइला ।
"लगऽ हइ, बहुत अच्छा व्यक्ति
हका !" कुछ जोश के साथ अवदोत्या रोमानोव्ना बोललइ, फेर से कमरा में आगू-पीछू चहलकदमी
शुरू करते ।
लगभग एक घंटा के बाद गलियारा
में कदम के आहट आउ दरवाजा पर दोबारा दस्तक के अवाज सुनाय देलकइ। दुन्नु औरतियन अबरी
रज़ुमिख़िन के वादा पर पूरा विश्वास करके इंतजार कर रहला हल; आउ वास्तव में, ऊ ज़ोसिमोव
के पकड़के ले आवे में सफल हो गेले हल । ज़ोसिमोव तुरतम्मे भोज के छोड़े लगी आउ रस्कोलनिकोव
के देखे लगी सहमत हो गेले हल, लेकिन ऊ महिला लोग के पास अनिच्छा से आउ बहुत अविश्वास
के साथ अइलइ, पीयल रज़ुमिख़िन पर बिन कोय भरोसा कइले । लेकिन ओकर स्वाभिमान तुरते आश्वस्त
आउ आनंदित हो उठलइ - ऊ समझ गेलइ, कि ओकर वास्तव में इंतजार कइल जा रहले हल, एक दिव्य
वक्ता नियन । ऊ पूरे दस मिनट तक रहलइ आउ पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के आश्वस्त आउ
स्थिरचित्त करे में बिलकुल सफल हो गेलइ । ऊ असाधारण रुचि के साथ बात कइलकइ, लेकिन नियंत्रित
आउ एक प्रकार से अतिरिक्त गंभीरता से, एगो महत्त्वपूर्ण परामर्श में बिलकुल एगो सताइस
साल के डाक्टर नियन, आउ विषय-वस्तु से हटके एक्को शब्द के प्रयोग नयँ कइलकइ, आउ न ऊ
दुन्नु महिला के साथ कोय अधिक निजी आउ व्यक्तिगत संबंध स्थापित करे के कोय इच्छा जाहिर
कइलकइ । कमरा में घुसतहीं ई देखके, कि कइसन अवदोत्या रोमानोव्ना के चकाचौंध कर देवे
वला सौन्दर्य हकइ, ऊ तुरतहीं ओकरा तरफ बिलकुल नयँ ध्यान देवे के कोशिश कइलकइ, भेंट
के अपन पूरे समय के दौरान, आउ खाली पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के संबोधित कइलकइ ।
ई सब से ओकरा बड़गो आन्तरिक संतुष्टि मिललइ । खास रोगी के बारे ऊ मत व्यक्त कइलकइ, कि
वर्तमान में तो उनका बहुत संतोषजनक स्थिति में पावऽ हइ । ओकर प्रेक्षण (observations)
के अनुसार, रोगी के बेमारी, पिछले कुछ महिन्ना के खराब भौतिक परिस्थिति के अतिरिक्त
आउ कुछ नैतिक कारण से हइ, 'तथाकथित कइएक जटिल नैतिक आउ भौतिक प्रभाव के परिणाम, भय,
आशंका, चिंता, कुछ विचार ... इत्यादि ।' सरसरी निगाह से नोटिस करके, कि अवदोत्या रोमानोव्ना
विशेष ध्यान से सुन्ने लगल ह, ज़ोसिमोव ई विषय पर थोड़े आउ विस्तार से बात करे लगलइ ।
पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के, चिंतित होके आउ सहमल ‘मानूँ कुछ पागलपन के सन्देह’
से संबंधित प्रश्न पर ऊ शांत आउ निष्कपट मुसकाहट के साथ उत्तर देलकइ, कि ओकर बात के
बहुत बढ़ा-चढ़ाके प्रस्तुत कइल गेले ह; कि वस्तुतः रोगी में एक प्रकार के स्थिर विचार
नोटिस कइल जा हइ, कुछ तो एकोन्माद (monomania) जइसन हालत - काहेकि ऊ, ज़ोसिमोव, विशेष
रूप से चिकित्सा के ई अत्यधिक रोचक शाखा के अभी जानकारी रक्खऽ हइ - लेकिन वास्तव में
ई बात पर ध्यान देवे के चाही, कि लगभग आझ तक रोगी सरसाम में हला, आउ ... आउ वस्तुतः
उनकर रिश्तेदार लोग के आगमन उनकर स्वास्थ्य लाभ के पक्का करतइ, ध्यान हटइतइ आउ हितकारी
प्रभाव लइतइ, "अगर खाली कोय नयका विशेष धक्का के परिहार करना संभव होवइ",
ऊ आखरी बात महत्त्वपूर्ण ढंग से बोललइ । फेर ऊ उठलइ, प्रभावशाली ढंग से आउ सौजन्यपूर्वक
झुकके विदा लेलकइ, जेकरा पर आशीर्वाद, हार्दिक कृतज्ञता, प्रार्थना प्राप्त होलइ, आउ
बिन कोय माँग कइलो पर, ओकरा तरफ अवदोत्या रोमानोव्ना के हाथ, मिलावे खातिर आगे बढ़लइ,
आउ हियाँ के अपन आगमन से अत्यधिक प्रसन्न आउ एकरो से जादे अपने आप पर प्रसन्न मुद्रा
में बाहर गेलइ ।
"आउ बिहान बात होतइ; अभी
सो जइते जाथिन, जरूर !" रज़ुमिख़िन जोर देके बोललइ, ज़ोसिमोव के साथ बाहर जइते ।
"बिहान, जेतना जल्दी होतइ, ओतना जल्दी हम अपने के पास रिपोर्ट के साथ हाजिर होबइ
।
"लेकिन कइसन मोहिनी लड़की
हइ ई अवदोत्या रोमानोव्ना !" लगभग होंठ चटते ज़ोसिमोव टिप्पणी कइलकइ, जब दुन्नु
बाहर रोड पर अइते गेलइ ।
"मोहिनी ? तूँ 'मोहिनी'
बोललँऽ !" रज़ुमिख़िन गरजलइ आउ अचानक ज़ोसिमोव पर टूट पड़लइ आउ ओकर गला पकड़ लेलकइ
। "अगर तूँ कभी हिम्मत कइलँऽ ... समझलँऽ ? समझलँऽ ?" कालर पकड़के ओकरा हिलइते
आउ देवाल तरफ ढकेलते ऊ चिल्लइलइ, "सुनलँऽ ?"
"छोड़, पियक्कड़ शैतान
!" ज़ोसिमोव खुद के ओकरा से छोड़इते बोललइ आउ बाद में, जब ऊ ओकरा छोड़ देलकइ, त ओकरा
तरफ एकटक देखते रहलइ आउ अचानक ठठाके हँस पड़लइ । रज़ुमिख़िन, हाथ निच्चे लटकइले, उदास
आउ गंभीर चिंतन में डुब्बल खड़ी रहलइ ।
"जाहिर हइ, कि हम गदहा हकूँ",
ऊ बोललइ, झंझावात के बादल नियन उदास होल, "लेकिन वास्तव में ... आउ तूहूँ ।"
"नयँ भाय, हम बिलकुल नयँ
। हम बेवकूफी के सपना नयँ देखऽ हूँ ।"
ओकन्हीं चुपचाप चलते रहलइ, आउ
रस्कोलनिकोव के फ्लैट के पास पहुँचला पर, रज़ुमिख़िन, जे बहुत जादे विचारमग्न मुद्रा
में हलइ, चुप्पी तोड़लकइ ।
"सुन", ऊ ज़ोसिमोव से
कहलकइ, "तूँ अदमी त निम्मन हकँऽ, लेकिन तूँ, अपन सब दुर्गुण के अतिरिक्त, लम्पट
भी हकँऽ, ई हम जानऽ हिअउ, आउ सेहो गंदा किसिम के । तूँ अधीर, दुर्बल नीच हकँऽ, तूँ
चंचल हकँऽ, तूँ मोटाऽ गेलऽ हँ आउ कोय भी मिल्ले वला चीज के मामले में इनकार नयँ कर
सकऽ हँ - आ एकरा हम गंदा कहऽ हिअउ, काहेकि एकर नतीजा सीधे गंदगी तरफ ले जाय वला होवऽ
हइ । तोरा तो अराम के जिनगी के एतना आदत लग चुकलो ह, कि, हम मानऽ हिअउ, कि हमरा सबसे
कम समझ में आवऽ हउ, कि ई सब कुछ के होते तूँ कइसे अच्छा आउ एगो निःस्वार्थ डाक्टर हो
सकमँऽ । पंख भरल गद्दी पर सुत्तऽ हइ (डाक्टर होके !), आउ रात के रोगी खातिर उट्ठऽ हइ
! लगभग तीन साल के बाद तूँ रोगी खातिर नयँ उठ पइमँऽ ... लेकिन, भाड़ में जाय ई सब, असली
बात ई नयँ हइ, बल्कि बात हकउ - कि तोरा आझ मकान-मालकिन के फ्लैट में रात गुजारे के
हउ (बड़ी मोसकिल से ओकरा मनइलियो ह !), आ हम्मे भनसा-घर में - त एहे हको तोरा मौका,
नगीच से परिचित होवे के ! लेकिन बात ऊ नयँ हकउ, जे तूँ सोचब करऽ हँ ! हियाँ, भाय, एकर
छाया भी नयँ हकउ ..."
"लेकिन हम तो कुच्छो नयँ
सोचब करऽ ही ।"
"हियाँ, भाय, तोरा मिलतउ
लज्जा, खामोशी, संकोचशीलता, प्रचंड पवित्रता, आउ ई सब के रहते - कुछ उच्छ्वास, आउ ऊ
मोम के तरह पिघल जा हइ, अइसीं पिघल जा हइ ! तूँ ओकरा से हमरा बचा ले, संसार के सब्भे
शैतान के नाम पर ! ऊ अइसन मोहिनी हकइ ! ... हम हासिल कर लेम, दिमाग से हासिल कर लेम
!"
ज़ोसिमोव पहिले से भी जादे ठठाके
हँसलइ ।
"तूँ त गेलँऽ काम से ! लेकिन
ओकरा से हमरा की लेना-देना ?"
"हम विश्वास देलावऽ हिअउ,
कि एकरा में जादे कुछ दिक्कत नयँ, खाली कुछ भी बकवास कर, जे मन होबउ, खाली बस ओकरा
भिर बइठ आउ बात करते रह । एकर अलावे, तूँ डाक्टर हकँऽ, कोय चीज के इलाज करे लगी शुरू
कर दे । कसम से, तोरा कोय पछतावा नयँ होतउ । ओकरा पास पियानो हकउ; आउ तोरा पते हउ,
कि हम थोड़े-बहुत सुर छेड़े ल जन्नऽ हूँ; एकरा में हमरा पास एगो गीत हके, रूसी, असली
- "हमरा कड़वा आँसू फूट पड़ऽ हके ..." । ओकरा असली पसीन हइ - हूँ, त छोटकुन्ने
गीत से शुरू होलइ; आ तूँ तो पियानो में प्रवीण हकँऽ, उस्ताद, रुबिन्स्टाइन [1] ...
हम तोरा यकीन देलावऽ हिअउ कि तोरा पछतावा नयँ होतउ !"
"त की, तूँ ओकरा कोय तरह
के वादा कइलहीं हँ ? कुछ लिखित में ? शादी
करे के वादा, शायद ..."
"कुछ नयँ, कुछ नयँ, अइसन
कुछ नयँ ! आउ ऊ अइसन बिलकुल नयँ हकइ; चेबारोव ओकरा साथ कोशिश कइलके हल ..."
"अच्छऽ, त फेर छोड़ ओकर बात
!"
"नयँ, हम ओकरा अइसे नयँ
छोड़ सकऽ ही !"
"लेकिन काहे नयँ छोड़ सकऽ
हीं ?"
"कुछ अइसने बात हइ, कि हम
नयँ छोड़ सकऽ ही, बस ! हियाँ, भाय, आकर्षक आधार हइ ।"
"फेर तूँ ओकरा फँसइलहीं
काहे लगी ?"
"हम तो ओकरा नयँ फँसइलिअइ,
बल्कि हम शायद खुद्दे फँस गेलिअइ, अपन बेवकूफी के चलते, लेकिन ओकरा लगी तो पक्का सब
कुछ बराबर होतइ, तूँ होहीं चाहे हम, खाली ओकरा भिर केकरो बइठके आह भरे के चाही । हियाँ
पर, भाय ... हम तोरा ई समझा नयँ सकऽ हकिअउ, हियाँ - लेकिन देख, तोरा गणित निम्मन से
आवऽ हउ, आउ अभियो एकर अध्ययन कर रहलहीं हँ, ई बात हमरा मालूम हउ ... त ओकरा समाकलन
गणित (integral calculus) पढ़ावे ल शुरू कर, भगमान कसम, हम मजाक नयँ कर रहलियो ह, गंभीर
बात कर रहलियो ह, ओकरा लगी पक्का सब कुछ एक समान होतइ - ऊ तोरा तरफ एकटक देखते आउ आह
भरते रहतउ, आउ अइसीं सालो भर चलतउ । हम ओकरा अइसीं लम्मा समय तक, दू दिन लगातार, प्रशिया
के लॉर्ड सदन (Prussian House of Lords) [2] के बारे बात करते रहलिअइ (काहेकि ओकरा
साथ आउ कउची बारे बात कइल जाय ?) - ऊ खाली आह भरते रहलइ आउ गलते रहलइ ! प्यार के बारे
खाली कुछ नयँ बोलिहँऽ - शर्मीली तो एतना हइ कि दौरा पड़ जा हइ - लेकिन ओकरा अइसन देखाहीं
कि ओकरा से दूर नयँ हो सकऽ हीं - बस, एतने काफी हउ । हद से जादे अराम हउ; बिलकुल घर
नियन - पढ़, बइठ, पड़, लिख ... तूँ ओकर चुम्बन भी ले सकऽ हँ, लेकिन सवधानी से
..."
"लेकिन ओकरा से हमरा की
लेना-देना ?"
"अरे, तोरा हम कइसे समझइअउ
! देख - तोहन्हीं दुन्नु के परस्पर जोड़ी बिलकुल ठीक बइठऽ हउ ! हम पहिलहूँ तोरा बारे
सोचलियो हल ... वास्तव में तूँ हियाँ तक पहुँचवे करमँऽ ! तब की तोरा लगी सब कुछ बराबर
नयँ हकउ - पहिले चाहे बाद में ? हियाँ, भाय, ई पंख भरल गद्दी के आधार हइ - अरे, लेकिन
खाली पंख भरल गद्दी के आधारे नयँ ! ई आकर्षित करऽ हइ; हियाँ पर दुनियाँ खतम हो जा हइ,
एगो लंगर, शांत आश्रय, पृथ्वी के केन्द्र, संसार के त्रि-मत्स्य आधार (three-fish
foundation) [3], बेहतरीन मालपूआ, चरबीदार कुलिब्याक (मांस, मछली या सब्जी भरल रूसी
पकौड़ी), शाम के समोवार, निःशब्द उच्छ्वास आउ गरम शाल, स्टोव पर गरम बिछावन - अइसे लगतउ
कि मर गेलहीं, लेकिन साथे-साथ जीवित हकहीं, दुन्नु फयदा एक साथ ! अच्छऽ, भाय, भाड़ में
जाय ई सब बात, हम बहुत बकवास कर लेलिअउ, अब सुत्ते के बखत हो गेलउ ! सुन - हमरा रात
में कभी-कभी नीन खुल जा हउ, त हम ओकरा भिर जाके देख अइबउ । अइसे कोय जरूरत नयँ हइ,
बकवास, सब कुछ तो ठीके हकइ । तूँ खास करके कोय फिकिर नयँ कर, लेकिन अगर मन करउ, त तूहूँ
एक तुरी देख लिहीं । लेकिन अगर कुछ नोटिस में आवउ, मसलन सरसाम, चाहे बोखार, चाहे आउ
कुछ, त हमरा तुरते जगा दिहँऽ । हलाँकि, अइसन नयँ हो सकऽ हइ ..."