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Thursday, February 26, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 3 ; अध्याय – 1



अपराध आउ दंड

भाग – 3

अध्याय – 1


रस्कोलनिकोव उठलइ आउ सोफा पर बइठ गेलइ ।

रज़ुमिख़िन के ऊ हलके से हाथ हिलाके इशारा कइलकइ, कि ऊ ओकर माय आउ बहिन के संबोधित कइल अपन असंगत आउ भावपूर्ण सांत्वना के सम्पूर्ण धारा बन कर दे, आउ ओकन्हीं दुन्नु के हाथ पकड़ लेलकइ आउ दू मिनट चुपचाप कभी एकरा, त कभी ओकरा देखते रहलइ । माय ओकर दृष्टि से भयभीत हो गेला । ई दृष्टि में व्यथा के हद तक प्रबल भावना चमक रहले हल, लेकिन साथे-साथ कुछ तो जड़ता हलइ, आउ मानूँ पागलपन भी । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कन्ने लगला ।

अवदोत्या रोमानोव्ना के चेहरा पीयर पड़ गेलइ; ओकर हाथ भाय के हाथ में कँप रहले हल ।

"तोहन्हीं घर चल जइते जो ... उनका जौरे", रज़ुमिख़िन तरफ इशारा करते, ऊ टुट्टल-फुट्टल अवाज में बोललइ, "बिहान भेंट होतउ; बिहान सब कुछ ... तोहन्हीं सब के अइला देरी हो गेलउ ?"

"आझ साँझ के, रोद्या", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जवाब देलका, "रेलगाड़ी बहुत जादे लेट हलइ । लेकिन, रोद्या, अब तोरा भिर से कभी नयँ जइबउ ! हम एज्जे रात गुजारबउ, तोरे बगल में ..."

"हमरा तंग मत करते जो !" चिड़चिड़ाल हाथ हिलाके इशारा करते ऊ बोललइ ।
"हम इनका साथ रहबो !" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, "एक्को मिनट लगी हम नयँ छोड़बो, हमर सब लोग भाड़ में जाय, ओकन्हीं देवाल पर चढ़इ, त चढ़इ ! हुआँ पर हमर चाचा अध्यक्ष तो हका ।"

"हम तोहर कइसे, कइसे धन्यवाद करूँ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना शुरू करे के कोशिश कइलका, फेर से रज़ुमिख़िन के हाथ दबाके, लेकिन रस्कोलनिकोव फेर से उनका बाधा देलकइ –
"हमरा बरदास नयँ होत, हमरा बरदास नयँ होत", ऊ चिड़चिड़ाहट में दोहरइलकइ, "हमरा तंग नयँ करते जो ! काफी हो गेलउ, चल जइते जो ... हमरा बरदास नयँ होत ! ..."
"चलल जाय, माय, कम से कम मिनट भर खातिर कमरा से बहरसी हो जाल जाय", भयभीत होके दुन्या बोललइ, "हमन्हीं चलते उनका तकलीफ हो रहले ह, ई जाहिर हइ ।"
"त की वास्तव में हम ओकरा तीन साल के बाधो भर नजर नयँ देख सकऽ ही !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कन्ने लगला ।

"ठहर !" ऊ फेर से ओकन्हीं के रोक देलकइ, "तोहन्हीं हमरा बीच में बाधा डाल देते जा हँ, आउ हमर विचार सब अव्यवस्थित हो जा हके ... लूझिन से मोलकात होलो हल ?"
"नयँ, रोद्या, लेकिन उनका हमन्हीं के आगमन के बारे मालूम हकइ । हमन्हीं के सुन्ने में अइलइ, रोद्या, कि प्योत्र पित्रोविच एतना उदार हला, कि ऊ आझ तोरा से मोलकात कइलथुन हल ।" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जरी भीरू स्वर में बोलला ।
"हाँ ... ऊ एतना उदार हला ... दुन्या, कि आझ हम लूझिन के कह देलिअइ, कि उनका हम ज़ीना पर से फेंक देबइ, आउ हम उनका जहन्नुम में खदेड़ देलिअइ ..."
"रोद्या, ई तूँ की कह रहलँऽ हँ ! तूँ, वास्तव में ... तूँ ई तो नयँ कहे ल चाहऽ हँ, कि", भयभीत होके पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना शुरू कइलका, लेकिन दुन्या तरफ देखके रुक गेला ।

अवदोत्या रोमानोव्ना एकटक अपन भाय के तरफ देखे लगलइ आउ आगे के इंतजार करे लगलइ । दुन्नु के नस्तास्या के माध्यम से झगड़ा के बारे पहिलहीं सूचना मिल चुकले हल, जेतना कि ओकरा समझ में अइले हल आउ बयान कर सकले हल, आउ दुविधा आउ प्रत्याशा में कष्ट झेल रहला हल ।

"दुन्या", प्रयास के साथ रस्कोलनिकोव बात जारी रखलकइ, "हम ई शादी नयँ चाहऽ हूँ, ओहे से तूहूँ बिहाने शुरुए में लूझिन के इनकार कर दे, ताकि ओकर आत्मा के गन्ह तक नयँ आवे ।"
"हे भगमान !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्ला उठला ।
"भैया, जरी सोचऽ, कि तूँ की बोल रहलऽ ह !" चिड़चिड़ाहट में अवदोत्या रोमानोव्ना कहे लगी शुरू कइलकइ, लेकिन तुरतम्मे खुद के नियंत्रित कर लेलकइ । "तूँ, शायद, अभी ठीक नयँ हकऽ, तूँ थक्कल-माँदल हकऽ ।" विनम्रतापूर्वक ऊ बोललइ ।

"सरसामी हालत में ? नयँ ... तूँ लूझिन के साथ बियाह हमरा खातिर कर रहलँऽ हँ । आउ हमरा बलिदान स्वीकार नयँ। ओहे से, बिहान तक, एगो चिट्ठी लिख ... इनकार के ... सुबह में हमरा पढ़े लगी दे दे, आउ खिस्सा खतम !"
"हमरा से ई नयँ होतो !" नराज लड़की चीख पड़लइ । "कउन अधिकार से ..."
"दुनेच्का, तूहूँ चिड़चिड़ा होल हँ, अभी ठहर, बिहान ... तोरा नयँ देखाय दे हउ ...", भयभीत माय दुन्या तरफ लपकला। "ओह, बेहतर हउ कि हमन्हीं चलते चल !"
"ई बड़बड़ा रहला ह !" मदहोश रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, "नयँ तो ई हिम्मत कइसे करता हल ! बिहान ई सब्भे बेवकूफी खतम हो जइतइ ... आउ आझ तो ऊ वास्तव में उनका भगा देलका । एहे बात हलइ । आउ ओहो गोसा गेला ... हियाँ भाषण झाड़ रहला हल, अपन विद्वत्ता देखा रहला हल, आउ गेला तब अपन दुम दबइते ..."

"त ई बात सच हकइ ?" पुलख़ेरिया अलोक्सांद्रोव्ना चिल्लइला ।
"कल भेंट होतो, भैया", सहानुभूति के साथ दुन्या बोललइ, "चल, माय ... अलविदा, रोद्या !"
"सुन, बहिन", आखिरी तुरी कोशिश करते ऊ पीछू से दोहरइलकइ । "हम सरसाम में नयँ हकूँ; ई बियाह - ठीक कदम नयँ हकउ । हम बल्कि नीच होवूँ, लेकिन तोरा अइसे करे के नयँ चाही ... कोय तो एक ... आउ हम नीच त नीचे सही, लेकिन अइसन बहिन के हम बहिन नयँ समझम । चाहे हम, चाहे लूझिन ! चल जइते जो ..."

"तोर तो दिमाग खराब हो गेलो ह ! अत्याचारी कहीं के !" रज़ुमिख़िन गरजलइ, लेकिन रस्कोलनिकोव अब कोय जवाब नयँ देलकइ, आउ शायद, जवाब देवे के स्थिति में नयँ हलइ । ऊ सोफा पर पड़ गेलइ आउ पूरा थकावट में अपन मुँह देवाल तरफ मोड़ लेलकइ । अवदोत्या रोमानोव्ना उत्सुकता से रज़ुमिख़िन तरफ देखलकइ; ओकर कार-कार आँख चमकलइ - रज़ुमिख़िन अइसन नजर से चौंक पड़लइ ।

पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना अवाक् होल खड़ी रहला ।
"हम तो कउनो हालत में नयँ जाम !" लगभग निराश होके ऊ रज़ुमिख़िन के कान में कहलका, "हम हिएँ कज्जू परी रह जाम ... दुन्या के घर पहुँचा देहो ।"
"आउ सारा खेल बिगाड़ देथिन !" रज़ुमिख़िन भी अपन आपा खोके धीमे स्वर में बोललइ, "कम से कम बाहर ज़ीना पर तो आथिन । नस्तास्या, जरी बत्ती तो देखा ! हम अपने के अकीन देलावऽ हिअइ", ज़ीना पर पहुँचला पर ऊ आधा कनफुसकी में बात जारी रखलकइ, "कि पहिले हमरा आउ डाक्टर के ऊ मारे पर उतारू हो गेला हल ! समझऽ हथिन न ई बात ? खास डाक्टर के ! आउ ओहो हार मान लेलका, ताकि ऊ झुंझलाय नयँ पावें, आउ चल गेला, आ हम निच्चे में रह गेलिअइ पहरा देवे लगी, लेकिन ऊ कपड़ा पेन्हलका आउ खिसक देलका । आउ अब रात में खिसक जइता, अगर ओकरा कइसूँ गोस्सा देलइथिन तो, आउ खुद के कुछ तो कर लेता ..."
"ओह, ई की कह रहलऽ ह !"
"आउ अवदोत्या रोमानोव्ना के अपने के बगैर अकेल्ले हुआँ घर पे नयँ छोड़ल जा सकऽ हइ ! जरी सोचथिन, अपने काहाँ ठहरल हथिन ! आउ ई पाजी प्योत्र पित्रोविच के वास्तव में अपने खातिर कोय आउ अच्छा फ्लैट नयँ मिल पइलइ ... लेकिन, जानऽ हथिन, हम जरी पीयल हकिअइ आउ ओहे से ... गरियाब करऽ हिअइ; बुरा नयँ मानथिन ..."
"लेकिन हम हियाँ के मकान-मालकिन भिर जइबइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जिद कइलका, "हम उनका विनती करबइ, कि ऊ हमरा आउ दुन्या खातिर ई रात गुजारे खातिर एगो कोना में थोड़े सुन जगह दे देथिन । हम ओकरा अइसे नयँ छोड़ सकऽ हूँ, हरगिज नयँ !"

ई सब बातचीत के दौरान ओकन्हीं ज़ीना पर खड़ी हला, चबूतरा पर, मकान-मालकिन के घर के ठीक दरवाजा के सामने । नस्तास्या निचला सीढ़ी पर से ओकन्हीं खातिर बत्ती पकड़ले हलइ । रज़ुमिख़िन बेहद उत्तेजित हलइ। आध घंटा पहिले, रस्कोलनिकोव के घर लाते समय, हलाँकि ऊ जरूरत से जादे बकबक कर रहले हल, जेकर ओकरा बोध हलइ, लेकिन ऊ बिलकुल सवधान आउ लगभग तरोताजा हलइ, एकर बावजूद कि ऊ सँझिया के बहुत जादे दारू चढ़ा लेलके हल । लेकिन अभी ओकर स्थिति एक प्रकार से हर्षोन्माद के स्तर तक पहुँचल हलइ, आउ साथे-साथ मानूँ ओकर सब पीयल दारू फेर से, एक्के तुरी दोगना ताकत से ओकर सिर में तेजी से चढ़ रहले हल । ऊ ओकन्हीं दुन्नु महिला के हाथ से पकड़ले खड़ी हलइ, आउ ओकन्हीं के समझा-बुझा रहले हल आउ आश्चर्यजनक स्पष्टता के साथ तर्क प्रस्तुत कर रहले हल, आउ शायद अधिक पतियाय खातिर, लगभग अपन हरेक शब्द के साथ, ओकन्हीं दुन्नु के हाथ शिकंजा नियन जोर से दरद होवे के हद तक दबा देय, आउ लगऽ हलइ, कि अपन अँखिया से अवदोत्या रोमानोव्ना के निंगल जइतइ, आउ एकरा में ऊ कोय लाज-गरान नयँ अनुभव कर रहले हल । दरद के मारे ओकन्हीं कभी-कभी ओकर बड़का आउ अस्थिदार हाथ से अपन हाथ छोड़ा लेते जा हला, लेकिन ऊ न केवल एकरा पर ध्यान नयँ दे हलइ, कि बात की हइ, बल्कि आउ कसके ओकन्हीं के अपना तरफ घींच ले हलइ । अगर ओकन्हीं ओकरा अभी अपन सेवा खातिर, सिर के बल ज़ीना पर से निच्चे कुदक जाय लगी हुकुम देता हल, त ऊ तुरतम्मे ई हुकुम के पालन कर देते हल, बिन कोय तर्क आउ संकोच के । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना अपन रोद्या के चिंता के वजह से, हलाँकि ई अनुभव कर रहला हल, कि नौजवान बहुत सनकी किसिम के हइ आउ ओकर हाथ बहुत दरद होवे के हद तक दबावऽ हइ, तइयो साथे-साथ ऊ ओकरा लगी भगमान के समान हइ, ओहे से ई सब सनकीपना संबंधी बात पर ध्यान नयँ देवे ल चाहऽ हला । लेकिन अवदोत्या रोमानोव्ना ओइसने चिंता के बावजूद, हलाँकि स्वभाव से डरपोक नयँ हलइ, लेकिन अचरज से आउ लगभग भयभीत होके अपन भाय के दोस्त के वहशी नियन दहकते नजर के सामना कर रहले हल, आउ खाली नस्तास्या द्वारा ई विचित्र व्यक्ति के कहानी से उत्प्रेरित असीम विश्वास, ओकरा भिर से भागे के कोशिश के आउ अपने साथ मइयो के घींचके लेले जाय के विचार के नियंत्रण में रखले हलइ । ऊ एहो समझ रहले हल कि शायद ओकन्हीं के ओकरा भिर से भागल भी नयँ जा सकऽ हइ । लेकिन करीब दस मिनट के बाद ऊ काफी राहत महसूस कइलकइ - रज़ुमिख़िन में पल भर में सब कुछ अपना बारे बता देवे के गुण हलइ, चाहे ऊ कउनो मनोदशा में रहे, ओहे से सब के बहुत जल्दीए पता चल जा हलइ, कि कइसन अदमी से पाला पड़ल ह ।

"मकान-मालकिन के पास अपने नयँ जा सकऽ हथिन, आउ ई बिलकुल निरर्थक होतइ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के समझइते ऊ चिल्लइलइ । "हलाँकि अपने माय हथिन, लेकिन अगर रुक जइथिन, त उनका आउ गोस्सा चढ़ा देथिन, आउ तब ई तो शैताने के मालूम, कि की होतइ ! सुनथिन, अइकी हम ई करबइ - उनका साथ नस्तास्या रहतइ, आउ हम अपने दुन्नु के अपने के डेरा पर पहुँचा देबइ, काहेकि अपने सब के रोड पर अकेल्ले जाना बिलकुल ठीक नयँ हइ; हमर पितिरबुर्ग में ई मामला में ... हइ, थू ! ... फेर अपने भिर से तुरतम्मे दौड़के हियाँ चल अइबइ आउ पनरह मिनट के बाद, हम वचन दे हिअइ, कि अपने भिर रिपोर्ट लइबइ - कि ऊ कइसन हका ? सुत्तल हका कि नयँ ? इत्यादि इत्यादि । फेर, सुनथिन ! फेर अपने भिर से पलक झपकते हम अप्पन घर चल जइबइ - हुआँ हमर मेहमान सब हका, सब पीके धुत्त - ज़ोसिमोव के लेके अइबइ - ई डाक्टर हका, जे उनकर इलाज कर रहला ह, ऊ अभी हमरा हीं बइठल हका, निसा में नयँ; ई निसा में नयँ, ई कभी निसा में धुत्त नयँ रहऽ हका ! उनका घसीटके हम रोदका के पास लइबइ आउ फेर तुरतम्मे अपने के पास, मतलब, एक घंटा में अपने के दू रिपोर्ट मिलतइ - डाक्टर से, समझलथिन, खास डाक्टर से; ई ऊ नयँ होतइ जे हमरा हीं से मिलतइ ! अगर उनकर तबियत खराब रहतइ, त कसम से, हम अपने के खुद हिएँ ले अइबइ, आ अगर ठीक रहतइ, त अपने सो जइथिन । आउ रात भर हम हिएँ रहबइ, प्रवेशमार्ग में ऊ हमर सुन्ने वला नयँ, आउ हम ज़ोसिमोव के मकान-मालकिन के पास रात गुजारे लगी कहबइ, ताकि अपन हाथ में रहइ । त उनका लगी अब के बेहतर होतइ - अपने, कि डाक्टर ? निस्सन्देह डाक्टर जादे उपयोगी होता, जादे उपयोगी । अच्छऽ, त घर चलथिन ! आ मकान-मालकिन के घर पे ठहरना असंभव हइ; हमरा लगी संभव हकइ, लेकिन अपने खातिर असंभव - अपने के ऊ रक्खे वली नयँ, काहेकि ... काहेकि ऊ बेवकूफ हकइ । ओकरा हमरा चलते अवदोत्या रोमानोव्ना से जलन होतइ, अगर जाने ल चाहऽ हथिन तब, आउ अपनहूँ से ... आउ अवदोत्या रोमानोव्ना से तो पक्का । ऊ बिलकुल, बिलकुल अप्रत्याशित चरित्र हकइ ! लेकिन, हमहूँ तो बेवकूफ हकिअइ ... खैर, कोय बात नयँ ! चलल जाय ! अपने हमरा पर भरोसा करऽ हथिन न ? अच्छऽ, हमरा पर भरोसा करऽ हथिन, कि नयँ ?"

"चल, माय", अवदोत्या रोमानोव्ना कहलकइ, "ई पक्का ओइसीं करथिन, जइसन कि वादा करऽ हथिन । ई भैया के जान बचइलथिन हँ, आउ अगर ई बात सही हइ, कि डाक्टर हियाँ रात गुजारे लगी सहमत हो जइता, त एकरा से अच्छा आउ की हो सकऽ हइ ?"

"त अपने ... अपने ... हमरा समझऽ हथिन, काहेकि अपने - फरिश्ता हथिन !" हर्षातिरेक में रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ । "चलल जाय ! नस्तास्या ! झट से उपरे आ जो आउ उनका भिर बइठ, रोशनी के साथ; हम पनरह मिनट में आवि हउ ..."

पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना हलाँकि बिलकुल कायल तो नयँ होला, लेकिन आउ विरोध नयँ कइलका । रज़ुमिख़िन ओकन्हीं दुन्नु के हाथ पकड़लकइ आउ लेके ज़ीना पर से उतरलइ । लेकिन ओकरा बारे उनका चिंता होलइ - "हलाँकि तेज आउ निम्मन व्यक्ति हइ, लेकिन की पूरा करे के हालत में हकइ, जे कुछ ऊ वादा करऽ हइ? ऊ कइसन हालत में हकइ ! ..."

"ओहो, हम समझऽ हिअइ, अपने सोच रहलथिन हँ, कि हम अइसन हालत में हकिअइ !" रज़ुमिख़िन उनकर विचार भाँपके क्रमभंग करते बोललइ, आउ फुटपाथ पर अपन लम्मा-लम्मा कदम रखते, जेकरा चलते दुन्नु महिला मोसकिल से ओकर साथ-साथ चल पावऽ हला, आउ जेकर भान ओकरा नयँ हो रहले हल । "बकवास ! मतलब ... हम पीके धुत्त हकिअइ, मूरख नियन, लेकिन बात ई नयँ हइ; हम निसा में धुत्त हिअइ, लेकिन दारू से नयँ । आउ ई, जखने हम अपने के देखलिअइ, तखनहीं हमर सिर पर प्रहार कइलकइ ... लेकिन हमरा पर थूक देथिन ! हमर कोय बात पर ध्यान नयँ देथिन - हम बकबक कर रहलिए ह; हम अपने के लायक नयँ हकिअइ ... हम अपने लगी परला दरजा के नलायक हकिअइ ! ... लेकिन जइसीं हम अपने के पहुँचा देबइ, पल भर में, हिएँ नहर में, हम अपन मथवा पर दू बालटी पानी उझल लेबइ, आउ बस तैयार ... काश, अपने खाली जान पइथिन हल, कि हम अपने दुन्नु के केतना प्यार करऽ हिअइ ! ... हँसथिन नयँ, आउ गोस्सा नयँ करथिन ! ... सब्भे पर गोस्सा करथिन, लेकिन हमरा पर गोस्सा नयँ करथिन ! हम उनकर दोस्त हिअइ, त शायद, अपनहूँ के दोस्त । हम अइसने चाहऽ हिअइ ... हमरा ई पूर्वाभास हो गेले हल ... पिछले साल, एक क्षण अइसन हलइ ... बल्कि, ई पूर्वाभास बिलकुल नयँ हलइ, काहेकि अपने जइसे असमान से उतरलथिन । आउ हम, शायद, रातो भर सुत नयँ पइबइ ... ई ज़ोसिमोव के हाल में डर हलइ, कि कहीं ऊ पागल नयँ हो जाथिन ... ओहे से उनका छेड़े के नयँ चाही ..."

"ई तूँ की कह रहलहो ह !" माय चिल्लइला ।
"की वास्तव में डाक्टर अइसे बोललथिन ?" डरके अवदोत्या रोमानोव्ना पुछलकइ ।
"बोलला हल, लेकिन ई बात नयँ हइ, ई बात बिलकुल नयँ हइ । ऊ दवइयो देलका हल, पुड़िया, हम देखलिए हल, आउ तखने अपने सब अइते गेलथिन ... आह ! ... बेहतर होते हल, अगर अपने बिहान अइथिन हल ! ई खैरियत हलइ, कि हमन्हीं बाहर निकस गेते गेलिअइ । आउ एक घंटा के बाद अपने के सब कुछ के बारे खुद ज़ोसिमोव पूरा रिपोर्ट देता। ऊ पीयल बिलकुल नयँ हका ! आउ हमहूँ पीयल नयँ रहबइ ...  लेकिन हम निसा में एतना धुत्त कइसे हो गेलिअइ ? ई कारण से, कि हमरा विवाद में फँसा देते गेल, अभिशप्त लोग ! हमर कसम हमरा विवाद करे नयँ देलकइ ! ... कइसन-कइसन बकवास करते जा हइ ! हम तो लड़े-लड़े पर उतारू हो गेलिअइ ! हम खुद चाचाजी के छोड़ के अइलिए ह, अध्यक्ष के रूप में ... अच्छऽ, ई बात पर विश्वास करथिन - सम्पूर्ण व्यक्तित्वहीनता के माँग कइल जा हइ, आउ एकरे में परमानन्द खोजल जा हइ ! केवल स्वयं अस्तित्वहीन जइसे, स्वयं सदृश तो सबसे कम ! आउ एकरा ओकन्हीं बीच सबसे उच्च प्रगति समझल जा हइ । आउ खाली अपना तरह से बकवास करते जात हल, त कुछ बात होते हल, लेकिन ई तो ..."

"सुनऽ", दबल जबान से पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बीच में टोकलका, "लेकिन ई तो आग में घी के काम कइलको।"

"त अपने की समझऽ हथिन ?" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, अपन अवाज आउ उँचगर करते, "अपने सोचऽ हथिन, कि हम ई बात लगी ओकन्हीं पर बरस पड़ऽ हिअइ, कि ओकन्हीं झूठ बोलऽ हइ ? बकवास ! हमरा अच्छा लगऽ हइ, जब लोग झूठ बोलते जा हइ ! झूठ बोलना सब्भे जीव-जन्तु के सामने मानव जाति के एकमात्र विशेषाधिकार हइ । अगर झूठ बोलबऽ - त सच तक पहुँच पइबऽ ! ओहे से हम अदमी हकूँ, काहेकि हम झूठ बोलऽ हूँ । एक्को सच तक नयँ पहुँचल गेले ह, बिन चौदह तुरी पहिले झूठ बोलले, आ शायद, एक सो चौदहो तुरी, आउ ई अपने आप में एक तरह से सम्मानजनक हइ; लेकिन हम सब झूठो तो अपन दिमाग से नयँ बोल पावऽ ही ! तूँ हमरा साथ झूठ बोलऽ, लेकिन अपन ढंग से झूठ बोलऽ, आउ तब हम तोहरा चुम्बन लेबो । अपन ढंग से झूठ बोलना - वस्तुतः ई लगभग बेहतर हइ, बनिस्पत दोसर के ढंग से सच बोलना; पहिला हालत में तूँ अदमी हकऽ, लेकिन दोसरा में मात्र एगो पंछी ! सच तो नयँ चल जइतइ, लेकिन जिनगी के तो काँटी ठोकके बन कर देल जा सकऽ हइ; कइएक उदाहरण हलइ । अच्छऽ, अभी हमन्हीं काहाँ हिअइ ? विज्ञान, विकास, विचार, आविष्कार, आदर्श, कामना, उदारवाद, तर्क, अनुभव, आउ सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ, सब कुछ के मामले में, हम सब, बिन कोय अपवाद के, अभी तक स्कूल के प्राथमिक कक्षा में बइठल ही ! हम सब के दोसर के बुद्धि पर जीये लगी पसीन पड़ऽ हइ - हम सब एकर स्वाद के आदी हो गेलूँ हँ ! सही हइ न ? हम सही कह रहलिए ह न ?" रज़ुमिख़िन दुन्नु महिला के हाथ हिलइते आउ दबइते चिल्लइलइ, "सच हइ न ?"

"हे भगमान, हमरा तो मालूम नयँ", बेचारी पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला ।

"हाँ, ओहे बात हइ ... हलाँकि सब कुछ में हम अपने के साथ सहमत नयँ", अवदोत्या रोमानोव्ना गंभीरतापूर्वक बोललइ आउ साथे-साथ चिल्लाइयो पड़लइ, एतना दर्दनाक तरीका से ई तुरी ऊ ओकर हाथ दबइलके हल ।
"ओहे बात हइ ? अपने बोलऽ हथिन, ओहे बात हइ ? अच्छऽ, तब एकर बाद अपने ... अपने ...", ऊ हर्षातिरेक में चिल्लइलइ, "अपने उदारता, शुद्धता, विवेक आउ ... उत्कृष्टता के स्रोत हथिन ! अपन हाथ देथिन, देथिन ... अपनहूँ अपन हाथ देथिन, हम हियाँ अपने के हाथ के चुम्बन लेवे लगी चाहऽ हिअइ, अभी, टेहुना के बल बइठके!"

आउ ऊ फुटपाथ के बिच्चे में टेहुना के बल बइठ गेलइ, भाग्यवश, तखने ई जगह वीरान हलइ ।
"बस, रहे द, हम विनती करऽ हियो, तूँ की कर रहलऽ ह ?" बेहद असहज भाव से पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्ला उठला ।
"उठ जाथिन, उठ जाथिन !" दुन्या भी हँस पड़लइ, लेकिन ओहो असहज अनुभव कर रहले हल ।

"कोय हालत में नयँ, जब तक कि अपन हाथ नयँ देथिन ! ई होलइ न बात, बस, हम उठ गेलिअइ, आउ चलल जाय ! हम अभागल मूरख हिअइ, हम अपने के लायक नयँ, आउ पीयल, आउ लज्जित हकिअइ ... हम अपने के प्यार करे के काबिल नयँ हिअइ, लेकिन अपने के सामने आदर से झूकना - ई सबके कर्तव्य हइ, खाली अगर ऊ एगो सर्वोत्तम पशु नयँ होवे ! आउ हम आदर के साथ झुकलिअइ ... आउ अइकी अपने के डेरा हइ, आउ एहे एक बात खातिर रोदियोन सही हका, कि हाल में अपने के प्योत्र पित्रोविच के भगा देलका ! अपने के अइसन डेरा पर ठहरावे के ओकर हिम्मत कइसे होलइ ? ई तो अपमान के बात हइ ! अपने के मालूम हइ, कि कइसन-कइसन अदमी के हियाँ रक्खल जा हइ ? आउ अपने तो मंगेतर हथिन ! अपने मंगेतर हथिन, हइ न ? त हम अपने के बतावऽ हिअइ, कि अपने के ऊ मंगेतर आखिर कमीना हइ !"

"सुनऽ, मिस्टर रज़ुमिख़िन, तूँ भूल रहलऽ ह ...", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना शुरू कइलका ।

"हाँ, हाँ, अपने सही कहऽ हथिन, हम भूल गेलिए हल, लज्जित हिअइ !" रज़ुमिख़िन के अचानक आद पड़लइ, "लेकिन ... लेकिन ... लेकिन अपने हमरा पर ई बात से नयँ नराज हो सकऽ हथिन, कि हम अइसे बोलऽ हिअइ ! काहेकि हम ई सच्चा दिल से कहऽ हिअइ, आउ ऊ कारण से नयँ, कि ... हूँ ! ई तो बेहूदगी होतइ; एक शब्द में, ऊ कारण से नयँ, कि हम अपने के ... हूँ ! ... लेकिन अइसन होवे के नयँ चाही, हम कारण नयँ बता सकऽ हिअइ, हमरा हिम्मत नयँ हकइ ! ... आउ हमन्हीं सब कुछ समझ गेलिअइ, जइसीं ऊ अन्दर घुसले हल, कि ई अदमी हमन्हीं के बिरादरी के नयँ हइ । ई कारण से नयँ, कि ऊ सैलून से अपन केश घुंघराला बनाके अइलइ, ऊ कारण से नयँ, कि ऊ अपन बुद्धिमत्ता देखावे के जल्दी में हलइ, बल्कि ई कारण से कि ऊ चोरी छिपे दोसर के घर के बात टोहते रहऽ हइ आउ सटोरिया (सट्टेबाज) हकइ; काहेकि ऊ यहूदी आउ विदूषक हइ, आउ ई देखाय दे हइ । अपने सोचऽ हथिन, कि ऊ बुद्धिमान हइ ? नयँ, ऊ बेवकूफ हइ, बेवकूफ ! त, ऊ अपने के जोड़ी हकइ ? हे भगमान ! देखते जा हथिन, ठकुराइन", ऊ अचानक रुक गेलइ, ज़ीना पर से चढ़ते कमरा तरफ जइते, "हलाँकि हमर घर पे सब कोय पीयल हकइ, तइयो सब्भे ईमनदार हइ, आउ हलाँकि हमन्हिंयों झूठ बोलऽ हिअइ, ओहे से वस्तुतः हमहूँ झूठ बोलऽ हिअइ, अइसीं झूठ बोलते-बोलते आखिरकार सच तक पहुँच जइते जइबइ, काहेकि हमन्हीं सही रस्ता पर हिअइ, आउ प्योत्र पित्रोविच ... सही रस्ता पर नयँ हइ । आउ हलाँकि अभी ओकन्हीं के गरिया रहलिए हल, लेकिन हम वास्तव में ओकन्हीं के आदर करऽ हिअइ; ज़म्योतोव के भी हम इज्जत नयँ करऽ हिअइ, तइयो हम ओकरा मानऽ हिअइ, काहेकि - ऊ तो बुतरू हइ ! हियाँ तक कि ई जानवर ज़ोसिमोव के, काहेकि - ईमनदार हइ आउ अपन काम जानऽ हइ ... लेकिन काफी हो गेलइ, सब कुछ कहल जा चुकले ह आउ माफ कर देल गेले ह । माफ कर देल गेले ह ? एहे बात हइ न ? अच्छऽ, त चलल जाय । हम ई गलियारा से परिचित हकिअइ, हियाँ पहिले अइलिए ह; अइकी, ई तीन नम्बर के कमरा में शर्मनाक वारदात होले हल ... अच्छऽ, अपने के डेरा काहाँ हइ ? केतना नम्बर ? अठमा ? अच्छऽ, त रात भर लगी कमरा के अन्दर से बन करके रखथिन, केकरो अन्दर नयँ आवे देथिन । पनरह मिनट के बाद सूचना के साथ वापिस अइबइ, आउ फेर आध घंटा के बाद ज़ोसिमोव के साथ, देखथिन ! अलविदा, हम दौड़के जा हिअइ !"

"हे भगमान, दुनेच्का, एकर की नतीजा होत ?" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कहलका, चिंता आउ डर के मारे अपन बेटी के संबोधित करके ।
"शांत हो जो, माय", अपन टोप आउ ओढ़नी उतारते दुन्या जवाब देलकइ, "भगमान हमन्हीं के पास ई भलमानस के भेज देलका ह, हलाँकि ऊ सीधे कोय जइसे कलाली से आवल देखाय दे हका । उनका पर भरोसा कइल जा सकऽ हइ, एतना हम तोरा विश्वास देलावऽ हिअउ । आउ ऊ सब, जे ऊ भैया लगी कइलका ह ..."
"आह, दुनेच्का, भगमान जाने, ऊ अइबो करतइ कि नयँ ! आउ हम कइसे के रोद्या के छोड़ देलूँ ! ... आउ सबसे बढ़के ई बात, कि हम ओकरा अइसन हालत में देखे के कल्पनो नयँ कइलूँ हँल ! ऊ कइसन कठोर हलइ, जइसे ऊ हमन्हीं के देखके खुश नयँ हलइ ..."
उनकर आँख में लोर आ गेलइ ।

"नयँ, अइसन बात नयँ हइ, माय । तूँ तो देखलहीं नयँ, खाली लगातार कनते रहलहीं । ऊ बड़गर बेमारी से बहुत परेशान हथिन - एहे सब कुछ के कारण हइ ।"
"आह, ई बेमारी ! मालूम नयँ, की होतइ, की होतइ ! आउ ऊ तोरा साथ कइसे बात कइलकउ, दुन्या !" माय बोलला, सहमल नजर से बेटी तरफ देखते, ताकि ओकर मन के सब बात समझ में आ सकइ, आउ ई बात से आधा राहत पाके, कि दुन्ये रोद्या के पक्ष ले रहल ह, मतलब कि, ऊ ओकरा माफ कर चुकल ह ।
"हमरा ई बात के भरोसा हके, कि ऊ कल सोच-समझके अपन राय बदल लेतइ", ऊ बात आगे बढ़इलका, पूछताछ करके ओकर विचार के पूरा थाह लेवे के खियाल से ।

"आउ हमरा ई बात के भरोसा हके, कि ऊ बिहानो एहे बात बोलता ... एकर मामले में", अवदोत्या रोमानोव्ना बात काटके बोललइ, आउ वास्तव में ई एगो बाधा हलइ, काहेकि एहे एगो बिन्दु हलइ, जेकरा बारे पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जेकर बात उठावे लगी बहुत डरऽ हला । दुन्या पास अइलइ आउ मइया के चूम लेलकइ । मइया ओकरा चुपचाप ओकरा कसके गले लगा लेलका । फेर रज़ुमिख़िन के वापिस आवे के व्यग्रता से प्रतीक्षा में बइठ गेला आउ सहमल-सहमल अपन बेटी के देखते रहला, जे अपन हाथ के आड़े-तिरछे करके आउ इंतजारे में अपने बारे सोचते कमरा में आगे-पीछे चहलकदमी करे लगलइ । सोच में डुब्बल एक कोना से दोसरा कोना में अइसन चहलकदमी करना अवदोत्या रोमानोव्ना के सामान्य आदत हलइ, आउ माय ओकर विचारमग्नता के अइसन क्षण में बाधा डाले से एक प्रकार से हमेशे डरऽ हला ।

रज़ुमिख़िन के निसा के हालत में अवदोत्या रोमानोव्ना पर अपन अचानक उद्दीप्त भावावेश प्रकट करना, जाहिर हइ, कि एगो हास्यास्पद बात हलइ; लेकिन, अवदोत्या रोमानोव्ना पर नजर डालला पर, खास करके अभी, जब ऊ अपन दुन्नु हाथ के सीना पर आड़े-तिरछे मोड़ले, उदास आउ चिंतामग्न, कमरा में चहलकदमी कर रहले हल, शायद, कइएक लोग ओकरा क्षमा कर देते हल, ओकर सनकी हालत पर बिन ध्यान देले । अवदोत्या रोमानोव्ना बेहद खुबसूरत हलइ - उँचगर, आश्चर्यजनक रूप से सुडौल, गठीला बदन, आत्मविश्वासी - जइसन कि ओकर हरेक हाव-भाव से झलकऽ हलइ, जेकरा चलते लेकिन ओकर चाल-ढाल के कोमलता आउ शालीनता में तनिक्को कमी नयँ आवऽ हलइ । चेहरा ओकर भाय से मिल्लऽ-जुल्लऽ हलइ, आउ ओकरा सुन्दरी भी कहल जा सकऽ हलइ। केश ओकर गहरा भूरा (सुनहरा) हलइ, ओकर भाय से लेकिन जरी हलका; आँख लगभग कार, चमकते, गर्वीला आउ साथे-साथ कभी-कभी, कुछ मिनट खातिर, असाधारण रूप से कृपालु । ओकर रंग पीयर हलइ, लेकिन बेमरियाह वला पीयर नयँ; ओकर चेहरा में तरोताजगी आउ स्वास्थ्य के चमक हलइ । ओकर मुँह जरी सन छोटगर हलइ, आउ ओकर निचला होंठ, तजगर आउ लाल, थोड़े सन आगू तरफ निकसल, ओकर ठुड्डी नियन - ई सुन्दर चेहरा में एकमात्र असंगति हलइ, लेकिन जे ओकरा विशेष व्यक्तित्व, आउ प्रसंगवश, मानूँ अभिमान दर्शावऽ हलइ । ओकर चेहरा के भाव हमेशे गंभीर आउ विचारमग्न रहऽ हलइ, बनिस्पत प्रसन्नचित्त रहे के; लेकिन ई चेहरा पर मुसकान केतना फबऽ हलइ, केतना अच्छा फबऽ हलइ प्रसन्न, यौवनमय, हृदय-मुक्त हँसी ! ई बात समझल जा सकऽ हलइ, कि जोशीला, खुला दिल वला, सीधा-सादा, ईमनदार, नायक (हीरो) जइसन शक्तिमान, आउ पीयल रज़ुमिख़िन, अइसन पहिले कभी नयँ देखल, पहिलहीं नजर में अपन दिमाग खो देलकइ। एकरा अलावे, मानूँ सोद्देश्य, संयोग ओकरा दुन्या के पहिले तुरी अपन भाय के साथ प्यार आउ खुशी के सुन्दर पल में भेंट करते देखइलकइ । बाद में ऊ नोटिस कइलकइ, कि कइसे भाय के ढीठ आउ कृतघ्नतापूर्ण क्रूर आदेश के प्रतिसाद (response) के रूप में गोस्सा में ओकर निचला होंठ काँप रहले हल - आउ सहन के बाहर हो गेले हल ।

लेकिन ऊ सच कहलके हल, जब पीयल हालत में ज़ीना पर पहिले ओकर मुँह से ई बात निकस पड़ले हल, कि रस्कोलनिकोव के सनकी मकान-मालकिन, प्रस्कोव्या पावलोव्ना, के ओकर वजह से खाली अवदोत्या रोमानोव्ने से नयँ जलन होतइ, बल्कि, शायद, खुद पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्नो से । हलाँकि पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के उमर तेतालीस साल हो चुकले हल, उनकर चेहरा पर पहिलौका सुंदरता के चिह्न बाकी हलइ, आउ एकर अलावे ऊ देखे में अपन उमर से बहुत छोटगर लगऽ हला, जइसन कि लगभग हमेशे ओइसन औरतियन के साथ होवऽ हइ, जे बुढ़ापा तक अपन निष्कपट सहृदयता, भावना में तरोताजगी, आउ हृदय के निष्कपट आउ शुद्ध गरमी बनइले रहऽ हइ । प्रसंगवश ई बता देवल जाय, कि अपन बुढ़ापो तक सुंदरता नयँ खोवे खातिर ई सब के कायम रखना एकमात्र साधन हइ । उनकर केश सफेद होवे आउ झड़े लगले हल, आँख के नगीच जरी-मनी चकमकात झुर्री बहुत पहिलहीं से देखाय देवे लगले हल, आउ चिंता आउ दुख के चलते गाल अंदर धँस गेले हल आउ शुष्कता आ गेले हल, तइयो ई चेहरा सुत्थर हलइ । ई दुनेच्का के चेहरा के प्रतिमूर्त्ति हलइ, खाली बीस बरस बाद के, आउ एकर अलावे निचला होंठ के भाव, जे उनका में आगू नयँ निकसल हलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भावुक हला, लेकिन अतिशय नयँ, भीरू आउ नम्र, लेकिन एक सीमा तक - ऊ बहुत कुछ झुक जा हला, बहुत कुछ मान ले हला, ओहो बात के, जे उनकर विचारधारा के विपरीत होवऽ हलइ, लेकिन ईमनदारी, नियम, आउ प्रबल विचारधारा के हमेशा एगो सीमा हलइ, जेकरा कइसनो परिस्थिति उनका से अतिक्रमण नयँ करवा सकऽ हलइ ।

रज़ुमिख़िन के चल गेला के ठीक बीस मिनट बाद दरवाजा पर दू तुरी हलका लेकिन त्वरित दस्तक होलइ; ऊ वापिस आ चुकले हल ।

"हम अन्दर नयँ अइबइ, हमरा पास समय नयँ हइ !" ऊ तेजी से कह गेलइ, जब दरवाजा खुललइ, "घोड़ा बेच के सुत्तल हका, गहरा नीन में, शांति से, आउ भगमान करे, कि दस घंटे सुत्तल रहें । उनका पास नस्तास्या हइ; हम ओकरा कह देलिए ह, कि हमरा आवे के पहिले बाहर नयँ जाय । अब हम ज़ोसिमोव के लेके अइबइ, ऊ अपने के पूरा रिपोर्ट देता, आउ तब अपनहूँ सो जाथिन; हम देखऽ हिअइ, कि अपने बहुत जादे थकके चूर होल हथिन ।"

आउ ऊ उनकन्हीं से दूर गलियारा (corridor) होके चल गेलइ ।

"कइसन दक्ष आउ ... निष्ठावान नवयुवक हइ !" बेहद प्रसन्न होके पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्लइला ।
"लगऽ हइ, बहुत अच्छा व्यक्ति हका !" कुछ जोश के साथ अवदोत्या रोमानोव्ना बोललइ, फेर से कमरा में आगू-पीछू चहलकदमी शुरू करते ।

लगभग एक घंटा के बाद गलियारा में कदम के आहट आउ दरवाजा पर दोबारा दस्तक के अवाज सुनाय देलकइ। दुन्नु औरतियन अबरी रज़ुमिख़िन के वादा पर पूरा विश्वास करके इंतजार कर रहला हल; आउ वास्तव में, ऊ ज़ोसिमोव के पकड़के ले आवे में सफल हो गेले हल । ज़ोसिमोव तुरतम्मे भोज के छोड़े लगी आउ रस्कोलनिकोव के देखे लगी सहमत हो गेले हल, लेकिन ऊ महिला लोग के पास अनिच्छा से आउ बहुत अविश्वास के साथ अइलइ, पीयल रज़ुमिख़िन पर बिन कोय भरोसा कइले । लेकिन ओकर स्वाभिमान तुरते आश्वस्त आउ आनंदित हो उठलइ - ऊ समझ गेलइ, कि ओकर वास्तव में इंतजार कइल जा रहले हल, एक दिव्य वक्ता नियन । ऊ पूरे दस मिनट तक रहलइ आउ पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के आश्वस्त आउ स्थिरचित्त करे में बिलकुल सफल हो गेलइ । ऊ असाधारण रुचि के साथ बात कइलकइ, लेकिन नियंत्रित आउ एक प्रकार से अतिरिक्त गंभीरता से, एगो महत्त्वपूर्ण परामर्श में बिलकुल एगो सताइस साल के डाक्टर नियन, आउ विषय-वस्तु से हटके एक्को शब्द के प्रयोग नयँ कइलकइ, आउ न ऊ दुन्नु महिला के साथ कोय अधिक निजी आउ व्यक्तिगत संबंध स्थापित करे के कोय इच्छा जाहिर कइलकइ । कमरा में घुसतहीं ई देखके, कि कइसन अवदोत्या रोमानोव्ना के चकाचौंध कर देवे वला सौन्दर्य हकइ, ऊ तुरतहीं ओकरा तरफ बिलकुल नयँ ध्यान देवे के कोशिश कइलकइ, भेंट के अपन पूरे समय के दौरान, आउ खाली पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के संबोधित कइलकइ । ई सब से ओकरा बड़गो आन्तरिक संतुष्टि मिललइ । खास रोगी के बारे ऊ मत व्यक्त कइलकइ, कि वर्तमान में तो उनका बहुत संतोषजनक स्थिति में पावऽ हइ । ओकर प्रेक्षण (observations) के अनुसार, रोगी के बेमारी, पिछले कुछ महिन्ना के खराब भौतिक परिस्थिति के अतिरिक्त आउ कुछ नैतिक कारण से हइ, 'तथाकथित कइएक जटिल नैतिक आउ भौतिक प्रभाव के परिणाम, भय, आशंका, चिंता, कुछ विचार ... इत्यादि ।' सरसरी निगाह से नोटिस करके, कि अवदोत्या रोमानोव्ना विशेष ध्यान से सुन्ने लगल ह, ज़ोसिमोव ई विषय पर थोड़े आउ विस्तार से बात करे लगलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के, चिंतित होके आउ सहमल ‘मानूँ कुछ पागलपन के सन्देह’ से संबंधित प्रश्न पर ऊ शांत आउ निष्कपट मुसकाहट के साथ उत्तर देलकइ, कि ओकर बात के बहुत बढ़ा-चढ़ाके प्रस्तुत कइल गेले ह; कि वस्तुतः रोगी में एक प्रकार के स्थिर विचार नोटिस कइल जा हइ, कुछ तो एकोन्माद (monomania) जइसन हालत - काहेकि ऊ, ज़ोसिमोव, विशेष रूप से चिकित्सा के ई अत्यधिक रोचक शाखा के अभी जानकारी रक्खऽ हइ - लेकिन वास्तव में ई बात पर ध्यान देवे के चाही, कि लगभग आझ तक रोगी सरसाम में हला, आउ ... आउ वस्तुतः उनकर रिश्तेदार लोग के आगमन उनकर स्वास्थ्य लाभ के पक्का करतइ, ध्यान हटइतइ आउ हितकारी प्रभाव लइतइ, "अगर खाली कोय नयका विशेष धक्का के परिहार करना संभव होवइ", ऊ आखरी बात महत्त्वपूर्ण ढंग से बोललइ । फेर ऊ उठलइ, प्रभावशाली ढंग से आउ सौजन्यपूर्वक झुकके विदा लेलकइ, जेकरा पर आशीर्वाद, हार्दिक कृतज्ञता, प्रार्थना प्राप्त होलइ, आउ बिन कोय माँग कइलो पर, ओकरा तरफ अवदोत्या रोमानोव्ना के हाथ, मिलावे खातिर आगे बढ़लइ, आउ हियाँ के अपन आगमन से अत्यधिक प्रसन्न आउ एकरो से जादे अपने आप पर प्रसन्न मुद्रा में बाहर गेलइ ।

"आउ बिहान बात होतइ; अभी सो जइते जाथिन, जरूर !" रज़ुमिख़िन जोर देके बोललइ, ज़ोसिमोव के साथ बाहर जइते । "बिहान, जेतना जल्दी होतइ, ओतना जल्दी हम अपने के पास रिपोर्ट के साथ हाजिर होबइ ।
"लेकिन कइसन मोहिनी लड़की हइ ई अवदोत्या रोमानोव्ना !" लगभग होंठ चटते ज़ोसिमोव टिप्पणी कइलकइ, जब दुन्नु बाहर रोड पर अइते गेलइ ।
"मोहिनी ? तूँ 'मोहिनी' बोललँऽ !" रज़ुमिख़िन गरजलइ आउ अचानक ज़ोसिमोव पर टूट पड़लइ आउ ओकर गला पकड़ लेलकइ । "अगर तूँ कभी हिम्मत कइलँऽ ... समझलँऽ ? समझलँऽ ?" कालर पकड़के ओकरा हिलइते आउ देवाल तरफ ढकेलते ऊ चिल्लइलइ, "सुनलँऽ ?"
"छोड़, पियक्कड़ शैतान !" ज़ोसिमोव खुद के ओकरा से छोड़इते बोललइ आउ बाद में, जब ऊ ओकरा छोड़ देलकइ, त ओकरा तरफ एकटक देखते रहलइ आउ अचानक ठठाके हँस पड़लइ । रज़ुमिख़िन, हाथ निच्चे लटकइले, उदास आउ गंभीर चिंतन में डुब्बल खड़ी रहलइ ।
"जाहिर हइ, कि हम गदहा हकूँ", ऊ बोललइ, झंझावात के बादल नियन उदास होल, "लेकिन वास्तव में ... आउ तूहूँ ।"
"नयँ भाय, हम बिलकुल नयँ । हम बेवकूफी के सपना नयँ देखऽ हूँ ।"
ओकन्हीं चुपचाप चलते रहलइ, आउ रस्कोलनिकोव के फ्लैट के पास पहुँचला पर, रज़ुमिख़िन, जे बहुत जादे विचारमग्न मुद्रा में हलइ, चुप्पी तोड़लकइ ।

"सुन", ऊ ज़ोसिमोव से कहलकइ, "तूँ अदमी त निम्मन हकँऽ, लेकिन तूँ, अपन सब दुर्गुण के अतिरिक्त, लम्पट भी हकँऽ, ई हम जानऽ हिअउ, आउ सेहो गंदा किसिम के । तूँ अधीर, दुर्बल नीच हकँऽ, तूँ चंचल हकँऽ, तूँ मोटाऽ गेलऽ हँ आउ कोय भी मिल्ले वला चीज के मामले में इनकार नयँ कर सकऽ हँ - आ एकरा हम गंदा कहऽ हिअउ, काहेकि एकर नतीजा सीधे गंदगी तरफ ले जाय वला होवऽ हइ । तोरा तो अराम के जिनगी के एतना आदत लग चुकलो ह, कि, हम मानऽ हिअउ, कि हमरा सबसे कम समझ में आवऽ हउ, कि ई सब कुछ के होते तूँ कइसे अच्छा आउ एगो निःस्वार्थ डाक्टर हो सकमँऽ । पंख भरल गद्दी पर सुत्तऽ हइ (डाक्टर होके !), आउ रात के रोगी खातिर उट्ठऽ हइ ! लगभग तीन साल के बाद तूँ रोगी खातिर नयँ उठ पइमँऽ ... लेकिन, भाड़ में जाय ई सब, असली बात ई नयँ हइ, बल्कि बात हकउ - कि तोरा आझ मकान-मालकिन के फ्लैट में रात गुजारे के हउ (बड़ी मोसकिल से ओकरा मनइलियो ह !), आ हम्मे भनसा-घर में - त एहे हको तोरा मौका, नगीच से परिचित होवे के ! लेकिन बात ऊ नयँ हकउ, जे तूँ सोचब करऽ हँ ! हियाँ, भाय, एकर छाया भी नयँ हकउ ..."

"लेकिन हम तो कुच्छो नयँ सोचब करऽ ही ।"

"हियाँ, भाय, तोरा मिलतउ लज्जा, खामोशी, संकोचशीलता, प्रचंड पवित्रता, आउ ई सब के रहते - कुछ उच्छ्वास, आउ ऊ मोम के तरह पिघल जा हइ, अइसीं पिघल जा हइ ! तूँ ओकरा से हमरा बचा ले, संसार के सब्भे शैतान के नाम पर ! ऊ अइसन मोहिनी हकइ ! ... हम हासिल कर लेम, दिमाग से हासिल कर लेम !"

ज़ोसिमोव पहिले से भी जादे ठठाके हँसलइ ।
"तूँ त गेलँऽ काम से ! लेकिन ओकरा से हमरा की लेना-देना ?"
"हम विश्वास देलावऽ हिअउ, कि एकरा में जादे कुछ दिक्कत नयँ, खाली कुछ भी बकवास कर, जे मन होबउ, खाली बस ओकरा भिर बइठ आउ बात करते रह । एकर अलावे, तूँ डाक्टर हकँऽ, कोय चीज के इलाज करे लगी शुरू कर दे । कसम से, तोरा कोय पछतावा नयँ होतउ । ओकरा पास पियानो हकउ; आउ तोरा पते हउ, कि हम थोड़े-बहुत सुर छेड़े ल जन्नऽ हूँ; एकरा में हमरा पास एगो गीत हके, रूसी, असली - "हमरा कड़वा आँसू फूट पड़ऽ हके ..." । ओकरा असली पसीन हइ - हूँ, त छोटकुन्ने गीत से शुरू होलइ; आ तूँ तो पियानो में प्रवीण हकँऽ, उस्ताद, रुबिन्स्टाइन [1] ... हम तोरा यकीन देलावऽ हिअउ कि तोरा पछतावा नयँ होतउ !"

"त की, तूँ ओकरा कोय तरह के वादा कइलहीं हँ  ? कुछ लिखित में ? शादी करे के वादा, शायद ..."
"कुछ नयँ, कुछ नयँ, अइसन कुछ नयँ ! आउ ऊ अइसन बिलकुल नयँ हकइ; चेबारोव ओकरा साथ कोशिश कइलके हल ..."
"अच्छऽ, त फेर छोड़ ओकर बात !"
"नयँ, हम ओकरा अइसे नयँ छोड़ सकऽ ही !"
"लेकिन काहे नयँ छोड़ सकऽ हीं ?"
"कुछ अइसने बात हइ, कि हम नयँ छोड़ सकऽ ही, बस ! हियाँ, भाय, आकर्षक आधार हइ ।"
"फेर तूँ ओकरा फँसइलहीं काहे लगी ?"

"हम तो ओकरा नयँ फँसइलिअइ, बल्कि हम शायद खुद्दे फँस गेलिअइ, अपन बेवकूफी के चलते, लेकिन ओकरा लगी तो पक्का सब कुछ बराबर होतइ, तूँ होहीं चाहे हम, खाली ओकरा भिर केकरो बइठके आह भरे के चाही । हियाँ पर, भाय ... हम तोरा ई समझा नयँ सकऽ हकिअउ, हियाँ - लेकिन देख, तोरा गणित निम्मन से आवऽ हउ, आउ अभियो एकर अध्ययन कर रहलहीं हँ, ई बात हमरा मालूम हउ ... त ओकरा समाकलन गणित (integral calculus) पढ़ावे ल शुरू कर, भगमान कसम, हम मजाक नयँ कर रहलियो ह, गंभीर बात कर रहलियो ह, ओकरा लगी पक्का सब कुछ एक समान होतइ - ऊ तोरा तरफ एकटक देखते आउ आह भरते रहतउ, आउ अइसीं सालो भर चलतउ । हम ओकरा अइसीं लम्मा समय तक, दू दिन लगातार, प्रशिया के लॉर्ड सदन (Prussian House of Lords) [2] के बारे बात करते रहलिअइ (काहेकि ओकरा साथ आउ कउची बारे बात कइल जाय ?) - ऊ खाली आह भरते रहलइ आउ गलते रहलइ ! प्यार के बारे खाली कुछ नयँ बोलिहँऽ - शर्मीली तो एतना हइ कि दौरा पड़ जा हइ - लेकिन ओकरा अइसन देखाहीं कि ओकरा से दूर नयँ हो सकऽ हीं - बस, एतने काफी हउ । हद से जादे अराम हउ; बिलकुल घर नियन - पढ़, बइठ, पड़, लिख ... तूँ ओकर चुम्बन भी ले सकऽ हँ, लेकिन सवधानी से ..."

"लेकिन ओकरा से हमरा की लेना-देना ?"

"अरे, तोरा हम कइसे समझइअउ ! देख - तोहन्हीं दुन्नु के परस्पर जोड़ी बिलकुल ठीक बइठऽ हउ ! हम पहिलहूँ तोरा बारे सोचलियो हल ... वास्तव में तूँ हियाँ तक पहुँचवे करमँऽ ! तब की तोरा लगी सब कुछ बराबर नयँ हकउ - पहिले चाहे बाद में ? हियाँ, भाय, ई पंख भरल गद्दी के आधार हइ - अरे, लेकिन खाली पंख भरल गद्दी के आधारे नयँ ! ई आकर्षित करऽ हइ; हियाँ पर दुनियाँ खतम हो जा हइ, एगो लंगर, शांत आश्रय, पृथ्वी के केन्द्र, संसार के त्रि-मत्स्य आधार (three-fish foundation) [3], बेहतरीन मालपूआ, चरबीदार कुलिब्याक (मांस, मछली या सब्जी भरल रूसी पकौड़ी), शाम के समोवार, निःशब्द उच्छ्वास आउ गरम शाल, स्टोव पर गरम बिछावन - अइसे लगतउ कि मर गेलहीं, लेकिन साथे-साथ जीवित हकहीं, दुन्नु फयदा एक साथ ! अच्छऽ, भाय, भाड़ में जाय ई सब बात, हम बहुत बकवास कर लेलिअउ, अब सुत्ते के बखत हो गेलउ ! सुन - हमरा रात में कभी-कभी नीन खुल जा हउ, त हम ओकरा भिर जाके देख अइबउ । अइसे कोय जरूरत नयँ हइ, बकवास, सब कुछ तो ठीके हकइ । तूँ खास करके कोय फिकिर नयँ कर, लेकिन अगर मन करउ, त तूहूँ एक तुरी देख लिहीं । लेकिन अगर कुछ नोटिस में आवउ, मसलन सरसाम, चाहे बोखार, चाहे आउ कुछ, त हमरा तुरते जगा दिहँऽ । हलाँकि, अइसन नयँ हो सकऽ हइ ..."



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Thursday, February 19, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 2 ; अध्याय – 7



अपराध आउ दंड

भाग – 2

अध्याय – 7

रोड के बीच में एगो कल्यास्का (घोड़ागाड़ी) खड़ी हलइ, शानदार आउ रईस वला, जेकरा में एक जोड़ी जोशीला धूसर (grey) घोड़ा जोतल हलइ; एकरा में कोय बइठल नयँ हलइ, आउ खुद कोचवान अपन जगह से उतरके बगल में खड़ी हलइ; घोड़वन के लगाम से पकड़के रक्खल हलइ । चारो तरफ कइएक लोग के भीड़ लगल हलइ, आउ पुलिस वलन सबसे आगू हलइ । ओकन्हीं में से एगो के हाथ में जलता ललटेन हलइ, आउ जेकरा से ऊ  झुकके रोड पर के कोय चीज के तरफ रोशनी डाल रहले हल, जे पहिया के ठीक पास में पड़ल हलइ । सब कोय बतिया रहले हल, चिल्ला रहले हल, आह भर रहले हल; कोचवान भौंचक्का होल हलइ आउ बीच-बीच में दोहरइते जा रहले हल -
"कइसन बदकिस्मती ! हे भगमान, कइसन बदकिस्मती हइ !"

रस्कोलनिकोव यथासंभव भीड़ के चीरके अपन रस्ता बनइते हुआँ पहुँच गेलइ, आउ आखिर ऊ चीज देखलकइ, जेकरा चलते ई सब हंगामा आउ उत्सुकता हलइ । अभी-अभी घोड़वन से चँपा गेल एगो अदमी जमीन पर पड़ल हलइ, जे देखे में बेहोश लग रहले हल, बहुत खराब तरह कपड़ा पेन्हले, लेकिन 'कुलीन' पोशाक में, खून से पूरा लथपथ । ओकर चेहरा आउ सिर से खून बह रहले हल; ओकर चेहरा चुराल, छिलाल, आउ विकृत होल हलइ । ई साफ हलइ, कि ऊ बनाय तरी से घायल होल हलइ ।

"हे भगमान !" कोचवान विलाप करते बोललइ, "एकरा में हम की कर सकऽ हलिअइ ! अगर हम तेजी से गाड़ी हँकतिए हल, चाहे हम चिल्लाके ओकरा सवधान नयँ करतिए हल, तब कोय बात होते हल, लेकिन हम तो जल्दीबाजी में नयँ जा रहलिए हल, बल्कि धीरे से एक समरूप गति से । सब कोय देख रहले हल - लोग झूठा, त हमहूँ झूठा । पियक्कड़ तो मोमबत्ती सीधे नयँ रख सकऽ हइ (अर्थात् सीधे नयँ चल सकऽ हइ) - ई जग जाहिर हइ ! ... हम ओकरा देखऽ ही, रोड पार कर रहल ह, टग रहल ह, गिरते-गिरते बच रहल ह", हम चिल्लइलइ एक तुरी, आउ दोसरा तुरी, आउ तेसरा तुरी, आउ हम घोड़वन के रास घिंचलिअइ; लेकिन ऊ सीधे ओकर गोड़वा के निच्चे पड़ गेलइ ! जानबूझके गिरलइ, आ कि ऊ जादे पीले हलइ ... घोड़वन तो जवान हइ, भड़कैल - चौंक गेलइ, आ ऊ चिल्लइलइ - ई तो ऊ सब लगी आउ बत्तर सिद्ध होलइ ... आउ ई तरह दुर्घटना हो गेलइ ।

"बिलकुल एहे बात हलइ !" भीड़ में से कोय प्रत्यक्ष दर्शक के प्रतिसाद (response) सुनाय देलकइ ।
"ऊ चिल्लइले तो हल, ई बात सही हइ, तीन तुरी चिल्लाके ओकरा सवधान कइलकइ", दोसर अवाज अइलइ ।
"ठीक तीन तुरी, सब्भे सुनलकइ !" तेसरा चिल्लइलइ ।

लेकिन कोचवान बहुत परेशान आउ डरल नयँ हलइ । ई बात साफ हलइ, कि घोड़ागाड़ी एगो धनमान आउ बड़ा अदमी के हलइ, जे कहीं पर ओकर आगमन के प्रतीक्षा कर रहले हल; पुलिस वलन के वास्तव में ई बात के जिरिक्को फिकिर नयँ हलइ, कि ई अन्तिम मामला के कइसे निपटावल जाय । कुचलाल अदमी के थाना ले जाय के हलइ आउ फेर अस्पताल । केकरो ओकर नाम नयँ मालूम हलइ ।

एहे दौरान रस्कोलनिकोव भीड़ में रस्ता बनाके आउ आगू अइलइ, आउ आउ नगीच में झुक गेलइ । अचानक ललटेन के रोशनी ऊ अभागल के चेहरा पर पड़लइ; ऊ ओकरा पछान लेलकइ ।
"हम तो ओकरा जानऽ हिअइ, जानऽ हिअइ !" धकेलके बिलकुल आगे अइते ऊ चिल्लइलइ, "ई एगो सेवा-निवृत्त (रिटायर) सरकारी किरानी हइ, उपाधिधारी सलाहकार (टिट्युलर काउंसेलर), मरमेलादोव ! ऊ एज्जी रहऽ हइ, पासे में, कोज़ेल के घर में ... डागडर के पास जल्दी से जल्दी ! हम भुगतान कर देबइ, अइकी !" ऊ जेभी से पइसा निकसलकइ आउ पुलिस वला के देखइलकइ । ऊ आश्चर्यजनक रूप से उत्तेजित हलइ ।

पुलिस ई बात से खुश हलइ, कि कुचलाल अदमी के शिनाख्त हो गेलइ । रस्कोलनिकोव अपन नाम आउ पता दे देलकइ आउ बेहोश मरमेलादोव के जल्दी से जल्दी ओकर फ्लैट में पहुँचावे खातिर पुलिस के हर तरह से ऊ अइसे समझावे के कोशिश कइलकइ, मानूँ ऊ ओकर बाप के मामला होवे ।

"एज्जे परी, तीन घर के बाद", ऊ उत्सुकतापूर्वक बोललइ, "कोज़ेल, एगो धनमान जर्मन, के घर ... ऊ अभी यकीनन पी-पाके घर जा रहले होत । हम ओकरा जानऽ हिअइ ... ऊ पियक्कड़ हकइ ... हुआँ ओकर परिवार हइ, घरवली, बाल-बुतरू, एगो बेटी हकइ । अभी तो अस्पताल लेहीं जाय के हइ, लेकिन हिएँ, यकीनन, घरवा में एगो डाक्टर हथिन ! हम भुगतान कर देबइ, भुगतान कर देबइ ! ... कइसूँ हियाँ पर खुद के देख-भाल हो जइतइ, अभी मदद करते जइथिन, नयँ तो अस्पताल पहुँचते-पहुँचते तक तो ऊ मर जइतइ ..."

ऊ पुलिसवला के हाथ में चुपके से कुछ सरका देलकइ; ई काम लेकिन साफ आउ वैध हलइ, आउ कइसूँ हियाँ मदतो जादे नगीच में हलइ । कुचलाल अदमी के उठाके ले जाल गेलइ; लोग मदत लगी आगू अइते गेलइ ।

कोज़ेल के घर कोय तीस डेग दूर हलइ । रस्कोलनिकोव पीछू-पीछू गेलइ, सवधानी से मथवा पकड़ले हलइ आउ रस्ता देखाब करऽ हलइ ।

"एद्धिर, एद्धिर !" ज़ीना पर सिर के उपरे तरफ करके ले जाय के चाही; घूम जइते जाथिन ... अइकी अइसे ! पइसा हम देबइ, हम धन्यवाद देबइ", ऊ बड़बड़इलइ ।

कतेरिना इवानोव्ना, हमेशे नियन, जइसीं कुछ फुरसत मिल्लऽ हलइ, तुरते छोटकुन्ना घर में आगू-पीछू चहलकदमी करे लगऽ हलइ, खिड़की बिजुन से स्टोव तक आउ वापिस, छाती पर दुन्नु हाथ कसके आड़ा-तिरछा रखले, खुद से कुछ बोलते आउ खोंखते । एधिर हाल में ऊ अपन बड़की बेटी, दस साल के पोलेन्का, के साथ अकसर आउ कुछ जादहीं बातचीत करे लगले हल, जेकरा हलाँकि अभी बहुत कुछ समझ में नयँ आवऽ हलइ, लेकिन एतना तो ओकरा अच्छा से समझ में आवऽ हलइ, कि ओकर मइया के ओकर जरूरत हइ, ओहे से ऊ हमेशे अपन बड़गर बुधगर आँख से ओकरा तरफ देखते रहऽ हलइ आउ अइसे देखावा करऽ हलइ कि ओकरा सब कुछ समझ में आवऽ हइ । अभी पोलेन्का अपन छोटका भाय के कपड़ा उतार रहले हल, जेकर तबीयत दिन भर से ठीक नयँ हलइ, आउ ओकरा सुतावे के तैयारी में हलइ । ई इंतजार में, कि कखने ओकर कमीज उतारल जइतइ, जेकरा ओहे रात के धोवे के हलइ, ऊ कुरसी पर चुपचाप बइठल हलइ, गम्भीर, सीधे आउ बिन हिलले-डुलले, अपन गोड़ आगू तरफ फैलइले, दुन्नु गोड़ एक दोसरा पर दबइले, एड़िया साथ-साथ सटइले, लेकिन अंगूठा एक दोसरा से अलगे कइले । जे कुछ ओकर मइया ओकर बहिनी के साथ कह रहले हल, ऊ सुन रहले हल, होंठ बाहर तरफ पसारले, आँख फाड़ले आउ बिन हिलले-डुलले, बिलकुल ओइसीं जइसे कि साधारणतः सब्भे बुद्धिमान बुतरू के ऊ बखत बइठे पड़ऽ हइ, जब सुत्ते के पहिले ओकन्हीं के कपड़ा उतारे के रहऽ हइ । ओकरो से एगो छोटगर लड़की, बिलकुल चिथड़ा में, परदा के पास खड़ी हलइ आउ अपन बारी आवे के इंतजार कर रहले हल । ज़ीना तरफ के दरवाजा खुल्लल हलइ, ताकि बल्कि थोड़हूँ सन ऊ तंबाकू के धुआँ के लहर से जरी राहत मिल सकइ, जे दोसर कोठरियन से एकरा में घुस रहले हल, जेकरा चलते बेचारी तपेदिक  से ग्रस्त औरतिया के खाँसी के लमगर आउ कष्टदायक दौरा पड़ जा हलइ । लगऽ हलइ कि ई पिछले हफ्ते के दौरान कतेरिना इवानोव्ना आउ जादे दुबरा गेले हल, आउ ओकर गाल पर उभरल लाल चकत्ता पहिले से आउ जादे चमकऽ हलइ ।

"तू यकीन नयँ करमँऽ, तूँ कल्पनो नयँ कर सकमँऽ, पोलेन्का", कमरा में चक्कर लगइते ऊ बोल रहले हल, "कि हमन्हीं बाऊजी के घर में केतना खुशी आउ शान से रहऽ हलिअइ आउ ई पियक्कड़ हमरा कइसे बरबाद कर देलक आउ तोहन्हीं सब के बरबाद कर देतउ ! बाऊजी स्टेट कर्नल हलथिन आउ ऊ बखत तक लगभग गवर्नर हलथिन; उनका खाली एक तरह से एक्के कदम आउ रह गेले हल, ओहे से सब कोय उनका पास आवऽ हलइ आउ कहऽ हलइ – ‘हम अपने के अब अपन गवर्नर मानऽ हिअइ, इवान मिख़ायलिच ।’ जब हम ... खे ! जब हम ... खों-खों-खों ... लानत हइ ई जिनगी पर !" ऊ खोंख-खोंखके खखार निकासते आउ हाथ से अपन छाती दबइते चीख पड़लइ, "जब हम ... आह, जब अंतिम बॉल नृत्य में ... प्रान्तीय मार्शल के हियाँ ... हमरा राजकुमारी बिज़ज़िमेलनाया (शाब्दिक अर्थ ‘बिन जमीन-जयदाद वली’) हमरा देखलका - जे हमरा बाद में अशीर्वाद देलका, जब हम तोर पापा से शादी कर रहलियो हल, पोल्या - ऊ तुरते पूछ देलका, ‘ई ओहे प्यारी लड़की हकइ न, जे स्नातक बने के बखत शाल के साथ नृत्य कइलके हल ?’ (ई भूड़ के ठीक कर लेवे के चाही; अइकी काहे नयँ सूय लेके अभिए रफू कर लेहँऽ, जइसे कि हम तोरा बतइलियो हल, नयँ तो बिहान ... खों ! बिहान ... खों-खों-खों ! ... आउ फटके जादे खराब हो जइतउ !" खोंखते-खोंखते बेदम होल ऊ कइसूँ चिल्लइलइ ।) ... तखनिए पितिरबुर्ग से अभी-अभी आल हला कामेर-यूंकर [7] राजकुमार श्शिवोल्स्कोय (शाब्दिक अर्थ "छैला") ... हमरा साथ माज़ुर्का नृत्य कइलका आउ दोसरे दिन प्रस्ताव के साथ आवे ल चहलका; लेकिन हम खुद्दे  सम्मानसूचक शब्द में उनका धन्यवाद देलिअइ आउ कहलिअइ, कि हमर दिल तो बहुत समय से कोय दोसर के होल हइ । ई दोसर कोय तोर बाऊ हलथुन, पोल्या; बाऊजी बहुत गोसा गेलथिन ... आ पानी तैयार हो गेलउ ? अच्छऽ, कमीज दे दे; आउ पेताबा ? ... लीदा", ऊ छोटकी बेटिया दने मुड़लइ, "तूँ आझ अइसीं बिन कमीजिए के सुत जइहँऽ; कइसूँ ... आउ पेताबा बगल में रख दे ... सब्भे एक्के साथ धोवा जइतउ ... ई चिथड़हवा की घरवा नयँ अइतइ, पियकड़ा ! कमीज तो पेन्ह-पेन्हके एक तरह से पोछना बना देलके ह, बनाय के चेथरी कर देलके ह ... सब कुछ एक्के साथ, ताकि दुद्दू रात लगातार तकलीफ नयँ करे पड़त ! हे भगमान ! खों-खों-खों-खों ! फेर से ! ई की हकइ ?" ऊ चिल्लइलइ, भीड़ के प्रवेशद्वार पर आउ लोग के ओकर कमरा में कुछ ढोके लइते देखके । "ई की हइ ? ई कउची ढोले आ रहला ह सब ? हे भगमान  !"  

"हियाँ कज्जा परी रखिअइ ?" पुलिस वला पुछलकइ, चारो तरफ देखते, जब खून से लथपथ आउ बेहोश मरमेलादोव के कमरा के अन्दर घुसा देल गेलइ ।
"सोफा पर ! सीधे सोफा पर पाड़ देथिन, मथवा ई करगी", रस्कोलनिकोव इस्तारा से बतइलकइ ।
"रोड पर गाड़ी से कुचला गेलइ ! पीयल हलइ !" ड्योढ़ी पर से कोय चिल्लइलइ ।
कतेरिना इवानोव्ना खड़ी रहलइ, चेहरा बिलकुल उज्जर पड़ गेले हल आउ ओकरा साँस लेवे में दिक्कत हो रहले हल । बुतरुअन डर गेले हल । छोटकी लिदोचका चीख पड़लइ, पोलेन्का तरफ लपकके गेलइ, ओकरा से लिपट गेलइ; ओकर सारा देह थरथरा रहले हल ।

मरमेलादोव के पाड़के रस्कोलनिकोव लपकके कतेरिना इवानोव्ना तरफ गेलइ ।

"भगमान खातिर, शांत रहऽ, डरऽ नयँ !" ऊ जल्दी-जल्दी कहलकइ, "ऊ रोड पार कर रहला हल, ऊ कल्यास्का (घोड़ागाड़ी) के निच्चे आ गेला, घबरा नयँ, ऊ होश में आ जइता, हम ओकन्हीं के हियाँ लावे लगी कहलिए हल ... हम तोहरा हीं पहिले अइलियो हल, आद करहो ... ऊ होश में आ जइता, हम भुगतान करबइ !"
"बस एहे होवे के रह गेले हल !" हताश होके कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ आउ अपन पति के तरफ झपटके गेलइ ।
रस्कोलनिकोव के तेजी से ई बात पर ध्यान गेलइ, कि ई औरत ऊ सब में से नयँ हइ, जे तुरते मूर्छित हो जइते जा हइ । तुरते ऊ अभागल के सिर के निच्चे तकिया रखा गेलइ, जेकरा बारे केकरो ध्यान नयँ गेले हल; कतेरिना इवानोव्ना ओकर कपड़ा उतारे लगलइ, ओकर देखभाल करे लगलइ, दौड़-धूप करे लगलइ आउ धीरज नयँ खोलकइ; अपन सुध-बुध खोके, काँपते होंठ के दाँत से दबाके आउ चीख के दबइले रखते, जे ओकर सीना से निकसे-निकसे वला हलइ ।

रस्कोलनिकोव केकरो समझा-बुझाके डाक्टर के बोलावे लगी भेज देलकइ । मालूम पड़लइ, कि डाक्टर एक्के घर छोड़के अगला घर में रहऽ हलइ ।

"हम डाक्टर के बोलवा पठइलिए ह", ऊ कतेरिना इवानोव्ना के कहते रहलइ, "घबरा मत, हम खरचा देबइ । पानी नयँ हकइ ? ... आउ रूमाल, तौलिया, चाहे अइसने कुछ, जल्दी से; अभी तक ई मालूम नयँ, कि ऊ केतना घायल हका ... ऊ घायल हका, मरला ह नयँ, ई बात पर विश्वास करऽ ... डाक्टर बतइता !"      

कतेरिना इवानोव्ना लपकके खिड़की भिर गेलइ; हुआँ कोनमा पर एगो टुट्टल कुरसी पर एगो बड़का गो मट्टी के बरतन में पानी धइल हलइ, जे ओहे रात बुतरुअन आउ मरद के छालटी (linen) के धोवे खातिर तैयार कइल हलइ । ई रात के बखत के धोवे के काम खुद कतेरिना इवानोव्ना करऽ हलइ, अपनहीं हाथ से, कम से कम सप्ताह में दू दिन, आउ कभी जादहूँ, काहेकि परिस्थिति अइसन हलइ, कि छालटी बदले लगी बिलकुल कुछ नयँ हलइ, आउ परिवार के हरेक सदस्य लगी एकक्के गो हलइ, लेकिन कतेरिना इवानोव्ना गन्दगी बरदास नयँ करऽ हलइ, आउ खुद अपना के तकलीफ उठावे लगी तैयार हलइ आउ अपन हूबा के बाहर, जब सब कोय सुत जा हलइ, धो-धाके गीला कपड़ा तानल रस्सी पर टाँगके पसार दे हलइ, ताकि सुबहे तक सूख जाय आउ सब्भे के ऊ साफ कपड़ा दे सकइ, न कि ओकरा घर में गन्दगी देखे ल मिलइ । ऊ बरतन उठावे के कोशिश तो कइलकइ, ताकि रस्कोलनिकोव के कहे मोताबिक ओकरा लेके आवइ, लेकिन भार के साथ गिरते-गिरते बचलइ । लेकिन रस्कोलनिकोव तौलिया खोज लेलकइ, ओकरा पानी से भिंगइलकइ आउ मरमेलादोव के खून से लथपथ चेहरा के पोछे लगलइ । कतेरिना इवानोव्ना ओज्जे परी खड़ी रहलइ, दर्द के साथ साँस लेते आउ हाथ से अपन सीना के दाबले । ओकरा खुद्दे मदत के जरूरत हलइ । रस्कोलनिकोव के समझ में आवे लगलइ, कि ऊ समझा-बुझाके कुचलाल अदमी के हियाँ लिवाके शायद अच्छा नयँ कइलकइ । पुलिस वला भी किंकर्तव्यविमूढ़ होल खड़ी हलइ।

"पोल्या", कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ, "सोनिया हीं दौड़के जो, तेजी से । अगर घरवा पर नयँ मिलतउ, त कोय बात नयँ, (ओज्जा परी के केकरो) बता दिहँऽ, कि बाऊ घोड़ागाड़ी से कुचला गेलथिन हँ, तुरतम्मे हियाँ चल आवइ ... जइसीं ऊ लौटइ । जल्दी कर, पोल्या ! आउ हाँ, मथवा पर ओढ़नी रख ले !"

"जेतना दम हउ, ओतना तेजी से दौड़के जो !" कुरसी पर बइठल बुतरू चिल्लइलइ, आउ एतना कहके, फेर से पहिलहीं नियन चुपचाप कुरसी पर सीधा होल बइठल रहलइ, अँखिया फाड़ले, एड़िया आगे मुँहें कइले आउ अंगुठवा के एक दोसरा से अलगे कइले ।

एहे दौरान कमरा एतना ठसाठस भर गेले हल, कि सेव के भी निच्चे गिरे के जग्गह नयँ हलइ । पुलिस वला सब चल गेले हल, खाली एगो के छोड़के, जे थोड़े देरी लगी रह गेले हल आउ ज़ीना पर से आके जामा हो रहल लोग के वापिस ज़ीना तरफ भगावे के कोशिश कर रहले हल । आउ एन्ने मैडम लिप्पेवेख़्ज़ेल के लगभग सब्भे किरायेदार अन्दर वला कमरा सब से उमड़ पड़ते गेलइ आउ शुरुआत में तो दरवजवा पर भीड़ लगइते गेलइ, लेकिन बाद में कमरा के अन्दर बाढ़ नियन आके जमघट लगावे लगलइ । कतेरिना इवानोव्ना भड़क उठलइ ।
"कम से कम शांति से मरे तो देते जा !" ऊ पूरे भीड़ पर चिल्लइलइ, "ई कइसन तमाशा बना के रखते गेलऽ ह ! सिगरेट के साथ ! खों-खों-खों ! कम से कम टोप तो पहन लेते जा ! ... एगो तो टोप में हकऽ ... भागऽ हियाँ से ! कम से कम मरलको के तो लिहाज करते जा !"

खोंखी से ओकर दम घुट गेले हल, लेकिन ओकर डाँट के असर पड़लइ । जाहिर हलइ, कि कतेरिना इवानोव्ना ओकन्हीं के डरो पैदा कर देलके हल; किरायेदार सब एक-एक करके वापिस दरवाजा तरफ ठेलम-ठेली करते चल गेलइ, संतोष के अइसन आन्तरिक अनुभव करते, जे हमेशे देखल जा हइ, नजदीकी से कजदीकी रिश्तेदारो सबन में, जब ओकन्हीं के कोय नजदीकी के आकस्मिक दुर्घटना घट जा हइ, आउ जेकरा से एक्को अदमी, बिन कोय अपवाद के, मुक्त नयँ होवऽ हइ, चाहे हार्दिकतम सहानुभूति आउ संवेदना काहे नयँ होवे ।

आउ एन्ने दरवाजा के बहरसी अस्पताल के बारे अवाज सुनाय देलकइ, कि हियाँ खाली-पीली (बेकार में) शांति भंग करे के नयँ चाही हल ।

"ई न कहीं कि मरहूँ के जरूरत नयँ हलइ !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ आउ लपकके दरवाजा खोलहीं जा रहले हल, ताकि अपन सारा गोस्सा ओकन्हीं पर फोड़ दे, लेकिन ठीक दरवजवे पर मैडम लिप्पेवेख़्ज़ेल से मुठभेड़ हो गेलइ, जेकरा अभी-अभी दुर्घटना के सूचना मिल पइले हल आउ माहौल ठीक करे खातिर ऊ दौड़ल-दौड़ल आ रहले हल । ऊ बेहद झगड़ालू आउ बेलगाम जर्मन औरत हलइ ।        

"आह, हे भगमान !" ऊ अपन दुन्नु हाथ जकड़ लेलकइ, "तोर मरद पीयल, घोड़वा चाँप देलकउ । ओकरा अस्पताल में ! हम मालकिन हकूँ !"
"अमालिया लूदविगोव्ना ! हम तोहरा से विनती करऽ हियो कि जरी सोच-समझके बात करऽ", कतेरिना इवानोव्ना अकड़के बात शुरू कइलकइ (मकान-मालकिन से ऊ हमेशे अकड़ के तान में बात करऽ हलइ, ताकि ओकरा 'अपन हैसियत ध्यान में रहइ', आउ अभियो खुद के ई संतोष से वंचित रहे ल नयँ चाहऽ हलइ), "अमालिया लूदविगोव्ना ..."
"हम तोहरा पहिलहूँ एक तुरी बतइलियो हल, कि हमरा कभी अमाल लूदगोव्ना बोले के हिम्मत नयँ करे के; हम अमाल-इवान हकूँ !"

"तूँ अमाल-इवान नयँ, बल्कि अमालिया लूदविगोव्ना हकऽ, आउ चूँकि हम मिस्टर लेबेज़नियात्निकोव जइसन तोहर चाटुकार सब में से नयँ हकियो, जे दरवाजा के पीछू में हँस रहलो ह (दरवाजा के पीछू वास्तव में हँसी आउ चीख सुनाय देलकइ - 'भिड़ गेलइ दुन्नु !'), त हम हमेशे तोहरा अमालिया लूदविगोव्ना कहके पुकारबो, हलाँकि पक्का ई हमरा समझ में नयँ आवऽ हको, कि तोहरा ई नाम काहे नयँ अच्छा लगऽ हको । तूँ खुद्दे देख रहलऽ ह, कि सिम्योन ज़ख़ारोविच के साथ की होले ह; ऊ मर रहला ह । तोरा से हम अभी ई दरवाजा के बन करे लगी आउ हियाँ अन्दर केकरो नयँ आवे देवे लगी विनती करऽ हियो । कम से कम शांति से मरे तो देहो ! नयँ तो, हम विश्वास देलावऽ हियो, बिहाने तोर व्यवहार के सूचना गवर्नर-जेनरल के मालूम पड़ जइतो । राजकुमार हमरा तब से जानऽ हथिन, जब हम नवयुवती हलिअइ आउ सिम्योन ज़ख़ारोविच के बारे खूब अच्छा से आदगारी हइ, जिनका पर कइएक तुरी उपकार कर चुकलथिन हँ । ई बात सब्भे के मालूम हइ, कि सिम्योन ज़ख़ारोविच के कइएक दोस्त आउ संरक्षक हलथिन, जिनका ऊ खुद्दे, अपन कमबख्त कमजोरी के बारे सोचके, अपन कुलीन गौरव के चलते मिलना-जुलना छोड़ देलका हल, लेकिन अब (ऊ रस्कोलनिकोव तरफ इस्तारा कइलकइ) हमन्हीं के मदत कर रहला ह एगो उदार नवयुवक, जिनका साधन आउ सम्पर्क हइ, आउ जिनका सिम्योन ज़ख़ारोविच बचपने से जानऽ हला, आउ ई पक्का विश्वास कर ल, अमालिया लूदविगोव्ना ... "

ई सब बात बेहद तेजी से कहल गेले हल, जइसे-जइसे बात आगे बढ़लइ, ओइसे-ओइसे आउ तेजी से, लेकिन खोंखी ई कतेरिना इवानोव्ना के वाक्चातुर्य (eloquence) के अचानक बाधित कर देलकइ । ठीक एहे पल मरे वला होश में आ गेलइ आउ कराह उठलइ, आउ ऊ ओकरा भिर दौड़के गेलइ । घायल अदमी आँख खोललकइ, आउ बिन पछनलहीं आउ बिन आद कइलहीं, अपन सामने खड़ी रस्कोलनिकोव के देखे लगलइ । ऊ साँस मोसकिल से, गहरा आउ विरल रूप से ले रहले हल; ओकर होंठ के कोना से खून रिस रहले हल; निरार पर पसेना के बून छलक अइले हल । रस्कोलनिकोव के नयँ पछानला पर ऊ बेचैनी से चारो तरफ देखे लगलइ । कतेरिना इवानोव्ना ओकरा उदास, लेकिन स्थिर दृष्टि से देख रहले हल, आउ ओकर आँख से लोर बह रहले हल ।

"हे भगमान ! उनकर पूरा सीना कुचला गेले ह ! खूने खून !" ऊ हताश होके बोललइ । "उनकर देह पर से सब्भे बाहरी पोशाक उतार देवे के चाही ! थोड़े सन घूम जा, सिम्योन ज़ख़ारोविच, अगर घूम सकऽ ह तो", ऊ चीखके ओकरा से कहलकइ ।
मरमेलादोव ओकरा पछान लेलकइ ।
"पादरी !" ऊ भर्राल अवाज में बोललइ ।

कतेरिना इवानोव्ना खिड़की भिर चल गेलइ, खिड़की के चौखट पर निरार झुका लेलकइ आउ हताश स्वर में बोललइ -
"ओह, लानत हइ ई जिनगी पर !"
"पादरी !" मिनट भर के चुप्पी के बाद मरे वला फेर से बोललइ ।
"बो-ला-वे ल च-ल गे-लो !" कतेरिना इवानोव्ना ओकरा चीखके बतइलकइ; ऊ चीख सुनलकइ आउ चुप हो गेलइ । सहमल आउ उदास दृष्टि से ऊ ओकरा खोज रहले हल; ऊ फेर से ओकरा भिर वापिस आ गेलइ आउ सिरहाना के पास खड़ी हो गेलइ । ऊ कुछ सहज महसूस कइलकइ, लेकिन जादे देर तक नयँ ।

जल्दीए ओकर नजर छोटकी लिदोचका (ओकर लाडली) पर टिक गेलइ, जे कोनमा में दौरा पड़ल नियन काँप रहले हल, आउ ओकरा तरफ अचरज से अपन भोली-भाली आँख से एकटक देख रहले हल ।
"आ ... ह ... ", ऊ बेचैनी से ओकरा तरफ इस्तारा कइलकइ । ऊ कुछ तो कहे ल चाह रहले हल ।
"आउ की ?" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ ।
"खाली गोड़ ! खाली गोड़ !" ऊ बड़बड़इलइ, सनकी नजर से लड़की के छोटगर खाली गोड़ तरफ इस्तारा करते।
"चु-प !" कतेरिना इवानोव्ना नराज होके चिल्लइलइ, "खुद्दे जानऽ ह, काहे ऊ खाली गोड़ हकइ !"
"शुक्र हइ, डाक्टर आ गेला !" खुशी से रस्कोलनिकोव चिल्ला उठलइ ।

डाक्टर अंदर घुसला, साफ-सुथरा बुढ़गर, जर्मन, चारो तरफ संदेह के नजर से देखते; रोगी के पास गेला, नाड़ी जँचलका, सवधानी से सिर टटोलके देखलका, आउ कतेरिना इवानोव्ना के मदत से खून से लथपथ कमीज के बोताम खोल देलका आउ रोगी के छाती उघार देलका ।

पूरा छाती घायल, कुचलाल आउ विकृत हलइ; दहिना तरफ के कइएक पसली टूट गेले हल । बामा तरफ से ठीक दिल के उपरे, एगो अशुभ, बड़गर, पीयर-कार धब्बा हलइ, खुर के क्रूर प्रहार । डाक्टर भौं सिकोड़लका । पुलिस वला उनका बतइलकइ, कि घायल अदमी चक्का में फँस गेले हल, आउ घसटाल, घूमते, रोड पर करीब तीस कदम तक चल गेले हल ।

"ई तो अचरज के बात हइ कि कइसे ऊ होशो में आ गेलइ", धीरे से डाक्टर फुसफुसाके रस्कोलनिकोव के बतइलका ।
"तोहरा की कहना हको ?" ऊ पुछलकइ ।
"अभी मर जइतइ ।"
"की वास्तव में कोय आशा नयँ हइ ?"   
"बिलकुल नयँ ! अन्तिम साँस पर हइ ... एकर अलावे, मथवा तो खतरनाक रूप से घायल हइ ... हुँ । शायद, खून निकासल जा सकऽ हइ ... लेकिन ... एकरा से कोय फयदा नयँ । पाँच चाहे दस मिनट में पक्का मर जइतइ।"
"त बेहतर हइ कि खून निकासके देखहो !"
"शायद ... लेकिन, हम पहिलहीं बता दे हियो, कि ई बिलकुल बेकार होतो ।"

एहे दौरान कुछ आउ कदम के आहट सुनाय देलकइ, प्रवेशमार्ग में भीड़ रस्ता देलकइ, आउ उज्जर केश वला, बुढ़गर, एगो पादरी अंतिम संस्कार के सारा साज-समान लेके दहलीज पर हाजिर होलइ । रोडे पर से एगो पुलिस वला ओकरा बोलावे खातिर चल गेले हल । डाक्टर तुरते ओकरा लगी जगह देलका, आउ दुन्नु परस्पर अर्थपूर्ण दृष्टि से देखलका । रस्कोलनिकोव डाक्टर के कुछ देर खातिर भी इंतजार करे लगी विनती कइलकइ । ऊ कन्हा बिचकइलका आउ ठहर गेला ।

सब कोय पीछू हट गेलइ । अपराध-स्वीकरण (confession) के संस्कार थोड़हीं देर में समाप्त हो गेलइ । मरे वला के शायदे ठीक से कुछ समझ में आ रहले हल; ऊ खाली टुट्टल-फुट्टल आउ अस्पष्ट अवाज निकास पइलकइ । कतेरिना इवानोव्ना लिदोचका के लेलकइ, कुरसी पर से बुतरुआ के उठइलकइ, आउ कोनमा में स्टोव के पास जाके घुटना टेक देलकइ, आउ बुतरुअन के अपना सामने घुटना टेकवइलकइ । छोटकी लड़किया काँप रहले हल; लड़का अपन नंगे घुटना पर बइठल, नियमित रूप से अपन हाथ उपरे उठावइ, क्रॉस के पूरा निशान बनावइ, आउ जमीन पर झुक जाय, आउ निरार टेक देय, अइसन लगऽ हलइ कि जेकरा से ओकरा विशेष आनंद मिल्लऽ हलइ । कतेरिना इवानोव्ना दाँत से अपन होंठ दबइले आँसू रोकले हलइ; ओहो प्रार्थना कर रहले हल, आउ कभी-कभी बुतरुआ के कमीज सीधा कर ले हलइ; घुटना के बल प्रार्थना करते आउ बिन उठले, ऊ दराजदार अनवारी के उपरे से ओढ़नी उठा लेलकइ आउ लड़की के बिलकुल नंगा कन्हा पर डाल देलकइ । एहे दौरान उत्सुक लोग अन्दर के कमरा सब के दरवाजा फेर से खोले लगलइ । दर्शक लोग आउ समुच्चे ज़ीना से किरायेदार लोग के प्रवेशद्वार में भीड़ लगातार घना होल जा हलइ, लेकिन कमरा के दहलीज कोय नयँ पार कइलकइ । खाली एगो मोमबत्ती पूरे दृश्य के प्रकाशित कर रहले हल ।

ठीक ओहे समय प्रवेशमार्ग से भीड़ के तेजी से चीरके पोलेन्का पहुँचलइ, जे दौड़ल अपन बहिनी के बोलावे लगी गेले हल । ऊ अन्दर घुसलइ, तेजी से दौड़े के वजह से ऊ मोसकिल से साँस लेब करऽ हलइ, अपन ओढ़नी उतार लेलकइ, आँख से अपन मइया के खोजलकइ, ओकरा बिजुन अइलइ आउ कहलकइ, "आ रहलो ह ! रोडवा पर मिललो हल !" ओकर मइया ओकरा टेहुना के बल झुका देलकइ आउ अपन बगल में कर लेलकइ । भीड़ के चीरके चुपचाप आउ सहमल-सहमल एगो लड़की अन्दर अइलइ, आउ तंगी, चिथड़ा, मौत आउ निराशा के बीच ई कमरा में ओकर अचानक आगमन एगो विचित्र बात हलइ । ओहो चिथड़ा में हलइ; ओकर पोशाक एक ग्रोश [1] के (अर्थात् बहुत सस्ता या साधारण) हलइ, लेकिन बाजारू ढंग पर सजावल-सँवारल, अपन खास दुनियाँ में प्रचलित स्वाद आउ नियम के मोताबिक, बिलकुल स्पष्ट आउ शरमनाक विशिष्ट उद्देश्य के दर्शावऽ हलइ । सोनिया प्रवेशमार्ग में दहलीज पर रुक गेलइ, लेकिन दहलीज पार नयँ कइलकइ, आउ चारो तरफ भौंचक होल देखे लगलइ, लगऽ हलइ, जइसे ओकरा लगी सब कुछ अनजान हलइ; चार तुरी बिक चुकला के बाद पहुँचल अपन भड़कीला रेशमी पोशाक, जे हियाँ पर बेतुका हलइ, जेकर लम्मा आउ भद्दा पुछल्ला, आउ बड़गर क्रिनोलिन (साया), जे पूरा प्रवेशद्वार के छेक लेलके हल, आउ ओकर हलका रंग के जुत्ती, आउ छतरी, जेकर रात में कोय जरूरत नयँ हलइ, लेकिन जेकरा अपना जौरे लेले अइले हल, आउ पुआल के गोल बेडौल टोप जेकरा में सुनहरा रंग के पंख लगल हलइ - ई सब के बारे भी भूल गेले हल । ई बचकाना, एक तरफ झुक्कल, पेन्हल टोप के निच्चे देखाय दे रहले हल एगो दुब्बर-पातर, पीयर आउ सहमल छोटगर चेहरा, मुँह खुल्लल आउ भय से एकदम स्थिर होल आँख । सोनिया छोटगर कद के कोय अठारह साल के लड़की हलइ, दुब्बर-पातर, लेकिन काफी सुन्दर सुनहरा केश वली, विलक्षण नीला रंग के आँख वली । ऊ बिछौना आउ पादरी तरफ एकटक देख रहले हल; तेजी से चलके आवे चलते ओहो हाँफ रहले हल । आखिरकार कानाफूसी, भीड़ में से कुछ शब्द, शायद, ओकरा तक उड़के अइलइ । ऊ निच्चे तरफ देखलकइ, दहलीज से एक कदम पार कइलकइ आउ कमरा में खड़ी हो गेलइ, लेकिन तइयो अभी तक दरवजवे भिर हलइ ।

अपराध-स्वीकरण (confession) आउ प्रभु-भोज (communion) समाप्त हो गेलइ । कतेरिना इवानोव्ना फेर से अपन मरद के बिछौना भिर अइलइ । पादरी पीछू हट गेलइ, आउ चलते-चलते, कतेरिना इवानोव्ना के उपदेश आउ सांत्वना के दू शब्द कहे लगी मुड़लइ ।

"आ एकन्हीं के हम की करबइ ?" बुतरुअन तरफ इस्तारा करते ऊ बीच में तीक्ष्ण स्वर में आउ चिढ़के बोललइ ।
"भगमान दयालु हका; सर्वशक्तिमान से सहायता के आशा करऽ", पादरी शुरू कइलकइ ।
"एह ! दयालु, लेकिन हमन्हीं लगी नयँ !"
"ई पाप हइ, पाप, मैडम", सिर हिलाते पादरी टिप्पणी कइलकइ ।
"आउ ई पाप नयँ हइ ?" मरे वला तरफ इस्तारा करते कतेरिना इवानोव्ना चिल्ला उठलइ ।
"शायद, ऊ लोग, जे अनजाने में ई दुर्घटना के कारण बनला ह, तोहरा हर्जाना देवे लगी सहमत हो जइता, कम से कम, आमदनी के नयँ रह गेला पर ..."
"तूँ हमर बात नयँ समझलऽ !" अपन हाथ हिलइते गोस्सा में कतेरिना इवानोव्ना चिल्ला उठलइ । "आ ऊ कउन बात के हर्जाना देता ? ई खुद्दे पी-पाके घोड़वा के निच्चे आ गेलइ ! कइसन आमदनी ? एकरा से कोय आमदनी नयँ, बल्कि खाली यातना हलइ । आउ ई पियक्कड़ सब कुछ पी गेलइ । ई हमन्हीं हीं चोरी कइलक आउ कलाली ले गेल, ई सब (बुतरुअन) के आउ हम्मर जिनगी के कलाली में बरबाद कर देलक ! आउ ई भगमान के किरपा हकइ, कि ई मर रहल ह ! अब हानि कम होत !"
"मरे बखत क्षमा कर देवे के चाही । ई पाप हइ, मैडम, अइसन बात मन में लाना महापाप हइ !"

कतेरिना इवानोव्ना रोगी के पास व्यस्त रहलइ । कभी ऊ ओकरा पीये लगी पानी देय, कभी सिर से पसेना आउ खून पोछइ, तकिया सीधा करइ आउ पादरी के साथ बातचीत करइ, कभी-कभी ओकरा तरफ काम करते समय मुड़ जाय ।

"आह, फ़ादर ! ई खाली शब्द हकइ, शब्द ! क्षमा ! ऊ तो निसा में धुत्त अइते हल, अगर ऊ नयँ कुचलइते हल तो, ओकरा तो एक्के गो कमीज हइ, पूरा गंदा-संदा, आउ फट्टल-चिट्टल, ऊ तो लोघड़ जइते हल नीन लेवे लगी, आ हम सुबह तक पानी छपछपइते रहतिए हल, ओकर उतारल कपड़ा आउ बुतरुअन वला धोते रहतिए हल, आउ खिड़की के बाहर सुखइतिए हल, आउ अइसीं जब सुबह होते हल, त रफू करे लगी बइठ जइतिए हल - आउ अइसीं हमर रात गुजरऽ हइ ! ... त क्षमा के बात कइला से की फयदा ! हम तो क्षमा कर चुकलिए ह !"

गहरा, भयंकर खोंखी ओकर बात के बाधा डाल देलकइ । ऊ रूमाल पर थुकलकइ आउ पादरी के देखावे लगी आगे कइलकइ, दरद के मारे दोसर हाथ से अपन छाती पकड़ले हलइ । रूमाल पूरा खून में सन्नल हलइ ...
पादरी अपन सिर निच्चे कर लेलकइ आउ कुछ नयँ बोललइ ।

मरमेलादोव मौत के अन्तिम क्षण के संघर्ष कर रहले हल; ऊ कतेरिना इवानोव्ना के चेहरा से अपन नजर नयँ हटा रहले हल, जे फेर ओकरा उपरे झुक्कल हलइ । ऊ लगातार ओकरा कुछ कहे ल चाह रहले हल; ऊ कइसूँ अपन जीभ हिलाके कुछ अस्पष्ट शब्द निकासे ल शुरू कइलकइ, लेकिन कतेरिना इवानोव्ना, ई समझके, कि ऊ ओकरा से क्षमा माँगे ल चाह रहले ह, तुरतम्मे आदेश के लहजा में ओकरा पर चिल्लइलइ -
"चु--प ! कोय जरूरत नयँ ! ... जानऽ हिअउ, कि की कहे लगी चाह रहलँऽ हँ ! ...", आउ रोगी चुप हो गेलइ; लेकिन ओहे क्षण ओकर भटकत नजर दरवाजा के उपरे पड़लइ, आउ ऊ सोनिया के देखलकइ ...

अभी तक ऊोकर नजर ओकरा पर नयँ पड़ले हल - ऊ कोना में छाया में खड़ी हलइ ।

"केऽ हइ ? केऽ हइ ?" ऊ अचानक भर्राल आउ हाँफते अवाज में बोललइ, पूरा भयभीत होल, भय से आँख से दरवाजा तरफ इशारा करते, जाहाँ पर ओकर बेटी खड़ी हलइ, आउ उट्ठे के कोशिश कइलकइ ।
"पड़ल रह ! प-ड़-ल र-ह !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्ला उठलइ ।

लेकिन ऊ अस्वाभाविक प्रयास से अपन हाथ के सहारे अपना के टिका लेलकइ । ऊ वहशी ढंग से एकटक अपन बेटी के देखते रहलइ, मानूँ ओकरा पछान नयँ पा रहल होवे । ऊ ओकरा एक्को तुरी अइसन पोशाक में नयँ देखलके हल । अचानक ऊ ओकरा पछान लेलकइ - अपमानित, टुट्टल, फैशनदार पोशाक पेन्हले आउ लज्जित मर रहल अपन बाप से बिदाई लेवे खातिर नम्रतापूर्वक अपन बारी के इंतजार कर रहले हल । ओकर चेहरा पर असीम वेदना झलक रहले हल ।

"सोनिया ! बेटी ! माफ कर दे !" ऊ चिल्लइलइ आउ ओकरा लगी अपन हाथ बढ़ावे के कोशिश कइलकइ, लेकिन संतुलन खोके ऊ सोफा पर से सीधे मुँह के बल जमीन पर धड़ाम से गिर गेलइ; लोग ओकरा उठावे खातिर लपकलइ, आउ फेर से सोफा पर पाड़ देते गेलइ, लेकिन अब ऊ मर रहले हल । सोनिया के हलका चीख निकस गेलइ, पास दौड़के गेलइ, ओकरा गले लगा लेलकइ आउ आलिंगने में देर तक रखले रहलइ । ऊ ओकरे बाँह में अपन प्राण त्याग देलकइ ।
   
"अपन मुक्ति पा लेलकइ !" कतेरिना इवानोव्ना अपन मरद के लाश देखके चिल्ला उठलइ, "लेकिन हम अब की करूँ ? हम एकरा दफनामूँ कइसे ! आ एकन्हीं के, एकन्हीं के बिहान खिलामूँ कउची ?"
रस्कोलनिकोव कतेरिना इवानोव्ना के पास गेलइ ।

"कतेरिना इवानोव्ना", ऊ ओकरा कहे ल शुरू कइलकइ, "पिछले सप्ताह तोहर स्वर्गीय पति हमरा अपन पूरा जिनगी आउ सब्भे परिस्थिति के बारे बतइलथुन हल ... विश्वास रक्खऽ, कि ऊ तोहरा बारे बहुत आदर से बात कइलथुन हल । ई शाम से, जब हम जनलियो, कि तोहन्हीं सब्भे से उनका केतना लगाव हलो आउ विशेष करके तोहरा, कतेरिना इवानोव्ना, ऊ केतना आदर आउ प्यार करऽ हलथुन, बावजूद अपन ई कमबख्त कमजोरी के, तब ई शाम से हमन्हीं दुन्नु में दोस्ती हो गेलइ ... अभी हमरा अवसर द ... कुछ करे खातिर ... अपन स्वर्गीय मित्र के ऋण चुकावे खातिर । अइकी ... बीस रूबल, लगऽ हइ, आउ अगर एकरा से तोहर मदत हो सकऽ हको, त ... हम ... एक शब्द में, हम फेर अइबो - हम जरूर अइबो ... हम, शायद, बिहाने अइबो ... अब हम चलऽ हियो !"

आउ ऊ तेजी से कमरा से निकस गेलइ, जल्दी से जल्दी भीड़ के चीरते ज़ीना पर पहुँच गेलइ; लेकिन भीड़ में अचानक निकोदिम फ़ोमिच से मुठभेड़ हो गेलइ, जिनका दुर्घटना के बारे सूचना मिल गेले हल आउ व्यक्तिगत रूप से सुव्यवस्था स्थापित करे ल चाह रहला हल । थाना में होल घटना के बाद से ओकन्हीं बीच भेंट नयँ होले हल, लेकिन निकोदिम फ़ोमिच तुरते ओकरा पछान लेलथिन ।

"ओ, तूँ हकऽ ?" ऊ ओकरा पुछलथिन ।

"मर गेलइ", रस्कोलनिकोव जवाब देलकइ । "डाक्टर आके गेला, पादरी आके गेला, सब कुछ ठीक-ठाक हो गेलइ । बेचारी औरतिया के बहुत परेशान नयँ करथिन, अइसीं ऊ तपेदिक (टीबी) के रोगी हइ । ओकरा ढाढ़स बँधाथिन, अगर कर सकऽ हथिन ... अपने दयालु व्यक्ति हथिन, हम जानऽ हिअइ ...", ऊ मुसकइते बात आगे बढ़इलकइ, उनकर आँख में आँख डालके देखते ।
"लेकिन तूँ तो पूरा खून से लथपथ हकऽ", निकोदिम फ़ोमिच टिप्पणी कइलथिन, ललटेन के रोशनी में रस्कोलनिकोव के वास्कट पर कइएक ताजा धब्बा देखके ।
"हाँ, भींग गेलिअइ ... हम तो खून में नहा गेलिअइ !" रस्कोलनिकोव कुछ विशेष तान से कहलकइ, फेर मुसकइलइ, सिर हिलइलकइ आउ ज़ीना पर से उतरके निच्चे चल गेलइ ।

ऊ चुपचाप उतर रहले हल, बिन कोय जल्दीबाजी के, पूरा बोखार में, लेकिन ओकरा एकर कोय आभास नयँ हलइ, पूरा आउ शक्तिशाली जीवन के नयका, असीम संवेदना अचानक उमड़ पड़ला के चलते ओकरा में बिलकुल लीन । ई संवेदना के ओइसनका संवेदना से तुलना कइल जा सकऽ हइ, जे केकरो मृत्युदंड के सजा सुना देवल व्यक्ति के तब होवऽ हइ, जब ओकरा अचानक आउ अप्रत्याशित रूप से क्षमादान मिल जा हइ ।

आधा ज़ीना पार कर चुकल ओकरा भिर से घर वापिस जा रहल पादरी गुजरलइ; रस्कोलनिकोव चुपचाप ओकरा साथ मौन सलामी के आदान-प्रदान करके आगे जाय देलकइ । लेकिन उतरे लगी कुच्छे अंतिम सीढ़ी बाकी रह गेले हल, कि ओकरा अचानक अपना पीछू तेजी से केकरो उतरे के आहट सुनाय देलकइ । कोय तो ओकरा पीछू-पीछू आ रहले हल । ई पोलेन्का हलइ; ऊ ओकरा पीछू दौड़ल आ रहले हल आउ पुकार रहले हल - "सुनहो न ! सुनहो न !"

ऊ ओकरा तरफ मुड़लइ । ऊ अंतिम सीढ़ी तक दौड़के पहुँच गेलइ आउ बिलकुल ओकरे सामने आके रुकलइ, एक सीढ़ी उपरे । प्रांगण से मद्धिम-मद्धिम रोशनी आ रहले हल । रस्कोलनिकोव लड़की के दुब्बर-पातर लेकिन सुंदर चेहरा देखके पछान गेलइ, जे ओकरा तरफ मुसका रहले हल आउ बचकाना खुशी के साथ ओकरा देख रहले हल । ऊ कोय समाद लेके दौड़ते आ रहले हल, जे स्पष्ट रूप से ओकरा बड़ी अच्छा लग रहले हल ।

"सुनहो न, तोहर नाम की हको ? ... आ काहाँ रहऽ हकहो ?" ऊ जल्दी-जल्दी हँफते-हँफते स्वर में पुछलकइ । ऊ ओकर कन्हवा पर अपन दुन्नु हाथ रखलकइ आउ एक तरह के खुशी के साथ ओकरा तरफ देखते रहलइ । ओकरा, ओकरा तरफ देखे में बहुत अच्छा लग रहले हल, ओकरा खुद्दे नयँ समझ में आ रहले हल कि काहे ।

"आ तोहरा केऽ भेजलथुन हँ ?"
"हमरा सोनिया दीदी भेजलको ह", लड़की उत्तर देलकइ, आउ अधिक मुसकाके ।
"हम समझ रहलियो हल, कि तोहरा सोनिये दीदी भेजलथुन होत ।"
"हमरा मइयो भेजलको ह । जब सोनिया दीदी भेजे लगल, त मइयो हमरा भिर आल आउ बोलल - 'जल्दी से दौड़के जो, पोलेन्का !' "
"आ तूँ सोनिया दीदी के प्यार करऽ हो ?"
"हम ओकरा सबसे जादे प्यार करऽ ही !" ऊ एक प्रकार के विशेष दृढ़ता के साथ बोललइ, आउ ओकर मुसकान अचानक आउ गंभीर हो गेलइ ।
"आ हमरा प्यार करबहो ?"
जवाब के बदले ऊ देखलकइ कि लड़की के चेहरा, आउ सिकुड़ल आउ आगू तरफ निकसल होंठ, भोलेपन से ओकरा चुम्मे खातिर ओकरा तरफ आगू बढ़ रहले हल । अचानक सलाय के काँटी नियर दुब्बर-पातर ओकर बाँह ओकरा कसके लपेट लेलकइ, मथवा ओकर कन्हा पर झुक गेलइ, आउ लड़की चुपके-चुपके कन्ने लगलइ, चेहरा ओकरा से लगातार अधिकाधिक दबइते ।

"पापा खातिर हमरा दुख हके !" एक मिनट के बाद ऊ बोललइ, लोर से भिंगल अपन चेहरा उठइते आउ हथवा से लोर पोछते, "अब तो मुसीबते-मुसीबत आल हके", ऊ अप्रत्याशित रूप से आगे बोललइ, अइसन विशेष सशक्त भाव से, जे बुतरुअन बेहद प्रयास करके अपनइते जा हइ, जब ओकन्हीं अचानक 'बड़कन' नियन बात करे लगी चाहऽ हइ ।
"आ पापा तोरा मानऽ हलथुन ?"
"ऊ लिदोचका के हमन्हीं सब में से सबसे जादे मानऽ हलथिन", ऊ बहुत गंभीर मुद्रा में आउ बिन मुसकइले बात जारी रखलकइ, बिलकुल बड़का नियन बात करते, "ई कारण से मानऽ हलथिन, कि ऊ छोट्टे गो हइ, आउ एहो कारण से, कि ऊ बेमार रहऽ हइ, आउ ओकरा लगी हमेशे कुछ न कुछ उपहार लावऽ हलथिन, आउ हमन्हीं के पढ़े लगी सिखावऽ हलथिन, आ हमरा व्याकरण आउ ईश्वरीय नियम", ऊ बड़ी गौरव के साथ बोललइ, "आ मम्मी कुछ नयँ बोलऽ हलइ, आ हमन्हीं जन्नऽ हलिअइ, कि ओकरा ई सब पसीन पड़ऽ हलइ, आउ पापा के ई बात मालूम हलइ, आ मम्मी हमरा फ्रेंच पढ़ावे लगी चाहऽ हइ, काहेकि हमरा अब शिक्षा प्राप्त करे के उमर हो गेलइ ।"

"आ तोहन्हीं के प्रार्थना करे आवऽ हको ?"
"हाँ, काहे नयँ, कर सकऽ हिअइ ! बहुत पहिले से; हम, काहेकि बड़गो हो गेलिए ह, त अपने आप चुपचाप प्रार्थना कर ले हिअइ, आ कोल्या आउ लिदोचका मम्मी के साथ जोर-जोर से; पहिले ओकन्हीं 'मरियम' के प्रार्थना करते जा हइ, आ बाद में आउ एक प्रार्थना – ‘हे भगमान, सोनिया दीदी के माफ कर द आउ आशीर्वाद द’, आ बाद में आउ – ‘भगमान, हमर दोसरका पापा के भी माफ कर द आउ आशीर्वाद द’, काहेकि हमर बड़का पापा तो पहिलहीं मर गेला, आ ई तो दोसरका हका, आ हमन्हीं उनको लगी प्रार्थना करऽ हियो ।"

"पोलेन्का, हमर नाम रोदियोन हको; कभी हमरो लगी प्रार्थना कर लीहऽ, आउ '(भगमान के) सेवक रोदियोन' खातिर - बस, आउ कुछ नयँ ।"
"अपन बाकी सारी जिनगी हम तोरा खातिर प्रार्थना करते रहबो", उत्साह से लड़की बोललइ आउ अचानक फेर से हँस पड़लइ, ओकरा तरफ लपकलइ आउ कसके ओकरा से लिपट गेलइ ।

रस्कोलनिकोव ओकरा अपन नाम बतइलकइ, पता देलकइ आउ बिहाने पक्का आवे के वादा कइलकइ । लड़की ओकरा से बिलकुल खुश होके चल गेलइ । दस से उपरे बज गेले हल, जब ऊ बाहर सड़क पर निकसलइ । पाँच मिनट के बाद ऊ ठीक ओहे पुल पर खड़ी हलइ, जाहाँ से हाले में औरतिया पनिया में छलाँग लगा देलके हल ।

"बहुत हो गेलइ !" ऊ दृढ़तापूर्वक आउ विजयी भाव से बोललइ, "मरीचिका दूर हट, मिथ्या भय दूर हट, भूत-पिशाच दूर हट ! ... जिनगी के अस्तित्व तो हकइ ! की वास्तव में हम नयँ जी रहलिए हल ? हमर जिनगी बुढ़िया के मरला से मर नयँ गेलइ ! भगमान स्वर्ग में ओकरा आद करे, आउ ... अब बहुत हो गेलो, मैडम, अब हमर पिंड छोड़ द ! अब तो विवेक आउ प्रकाश के साम्राज्य हइ आउ ... आउ इच्छाशक्ति के ... आउ शक्ति के ... आउ अब देखल जइतइ ! अब ताकत अजमा के देख लेवल जइतइ !" ऊ घमंड से बोललइ, मानूँ कोय अदृश्य शक्ति के संबोधित करके ओकरा चुनौती दे रहल होवे । "आउ हम वस्तुतः एक अर्शीन लम्मा-चौला जमीन पर रहे लगी सहमत हो गेलिए हल !"

"... हम अभी तो कमजोर हकूँ, लेकिन ... लगऽ हके, कि सब्भे बेमारी खतम हो गेल ह । हम जानऽ हलूँ, कि दूर हो जात, जब हम आझ बाहर निकसलूँ हल । अरे हाँ, पोचिन्कोव के घर, ई तो दुइए डेग पर हइ । अइसे रज़ुमिख़िन के पास तो पक्का जाहीं के हके, चाहे बल्कि दू डेग पर नहिंयो रहइ ... ऊ बाजी जीत लेय ! ... ओकरो कुछ संतोष मिलइ, कोय बात नयँ, मिले देल जाय ! ... शक्ति, शक्ति के जरूरत हइ - शक्ति के बगैर कुछ नयँ मिलतो; आउ शक्ति तो शक्तिए से मिल्लऽ हइ, एहे बात तो ओकन्हीं के मालूम नयँ", ऊ घमंड आउ आत्मविश्वास से बात आगू बढ़इलकइ, आउ पुल पर से चल पड़लइ, मोसकिल से अपन गोड़ आगू बढ़इते । घमंड आउ आत्मविश्वास हरेक पल ओकरा में बढ़ रहले हल; हरेक अगला पल ई ऊ व्यक्ति नयँ रहऽ हलइ, जे ठीक ओकर पहिले पल में होवऽ हलइ । लेकिन अइसन की विशेष होलइ, जे ओकरा एतना परिवर्तित कर देलकइ ? ओकरा खुद्दे नयँ मालूम हलइ; ओकरा, मानूँ डूबते के तिनका मिल गेल जइसन, अचानक लगे लगलइ, कि ओहो 'जी सकऽ हइ, कि आउ जिनगी हइ, कि ओकर जिनगी बुढ़िये के साथ नयँ मर गेले ह' । शायद, ऊ बहुत जल्दी में ई निष्कर्ष निकसलके हल, लेकिन ऊ एकरा बारे नयँ सोचऽ हलइ ।

"लेकिन हम ओकरा तो अपन प्रार्थना में 'सेवक रोदियोन' के आद रक्खे ल निवेदन कइलिए हल", अचानक ओकर दिमाग में कौंधलइ, "खैर, ई तो ... बखत के बात हलइ !" ऊ बात आगू बढ़इलकइ, आउ खुद ई अपन बचकाना हरकत पर हँस पड़लइ । ऊ सर्वोत्तम मनोदशा में हलइ ।

ऊ असानी से रज़ुमिख़िन के खोज लेलकइ; पोचिन्कोव के घर में नयका किरायेदार के बारे लोग के मालूम हलइ, आउ दरबान तुरते ओकरा रस्ता बता देलकइ । आधे ज़ीना से लोग के जमघट के शोर आउ सजीव बातचीत सुनल जा सकऽ हलइ । ज़ीना पर के दरवाजा पूरा खुल्ला हलइ; चीख आउ वाद-विवाद सुनाय दे रहले हल । रज़ुमिख़िन के कमरा काफी बड़गर हलइ, करीब पनरह लोग जामा हलइ । रस्कोलनिकोव ड्योढ़ी में हीं रुक गेलइ । हुआँ, परदा के पीछू, मकान-मालकिन के दूगो नौकरानी दूगो बड़का समोवार, बोतल, प्लेट आउ मकान-मालकिन के भनसा घर से लावल पकौड़ा आउ मसालेदार क्षुधावर्द्धक (hors d'oeuvres) के थाली जुटावे के काम में दौड़-धूप कर रहले हल । रस्कोलनिकोव रज़ुमिख़िन के बाहर बोलवइलकइ । ऊ हर्षावेश में दौड़ल अइलइ । पहिलहीं नजर में ई बात साफ हलइ, कि ऊ बहुत जादे पी लेलके हल, आउ हलाँकि रज़ुमिख़िन कभियो एतना नयँ पीयऽ हलइ, कि निसा में धुत्त हो जाय, लेकिन ई तुरी कुछ तो साफ देखाय देब करऽ हलइ ।

 "सुनऽ", रस्कोलनिकोव जल्दी से बोललइ, "हम खाली ई कहे लगी अइलियो, कि तूँ अपन बाजी जीत गेलऽ, कि वास्तव में ई केकरो नयँ मालूम कि हमरा साथ की हो जा सकऽ हको । हम अंदर नयँ जा सकऽ हकियो - हम एतना कमजोर हकियो, कि हम अभिये गिर जा सकऽ हकियो । आउ ओहे से नमस्ते आउ अलविदा ! आ बिहान हमरा पास अइहऽ ..."

 "तूँ जानऽ ह, हम तोरा घर पहुँचा दे हियो ! जबकि तूँ खुद्दे बोलऽ ह, कि कमजोर हकऽ, त ..."
"आ मेहमान सब ? ई घुंघराला केश वला के हइ, जे अभी-अभी एद्धिर हुलकलइ ?"
"ई ? आ एकरा तो शैताने जानऽ होतइ ! चाचा जी के शायद कोय जान-पछान के हइ, लेकिन हो सकऽ हइ, कि खुद्दे आ गेले ह ... ओकन्हीं के साथ हम चाचाजी के छोड़ दे हिअइ; ई एगो हीरा व्यक्ति हथिन; खेद हइ, कि तूँ उनका साथ अभी मिल नयँ सकऽ ह । लेकिन, ओकन्हीं के, सब्भे के मारऽ गोली ! ओकन्हीं के अभी हमर जरूरत नयँ हइ, आउ हमरो जरी दम लेवे के चाही, काहेकि, भाय, तूँ बिलकुल समय पे अइलऽ ह - आउ दुइयो मिनट होतो हल, त हम झगड़ पड़तियो हल, भगमान कसम ! अइसन-अइसन झूठ के पुलिंदा आउ फालतू बात बकते जा हइ ... तूँ कल्पनो नयँ कर सकऽ ह, कि अदमी आखिरकार केतना हद तक आदत से लचार नियन झूठ बोल सकऽ हइ ! लेकिन, काहे नयँ कल्पना कइल जा सकऽ हइ ? हमन्हिंयों तो खुद्दे की झूठ नयँ बोलऽ हिअइ ? त ओकन्हीं झूठ बोलऽ हइ त बोले देहो - लेकिन बाद में झूठ नयँ बोलते जइतइ ... बइठऽ एक मिनट, हम ज़ोसिमोव के बोलइले आवऽ हियो ।"

ज़ोसिमोव एक तरह से लालची नियन झपट पड़लइ; ओकरा में एक तरह के विशेष उत्सुकता हलइ; तुरते ओकर चेहरा खिल उठलइ ।

"तूँ तुरते सो जा", ऊ फैसला कइलकइ, रोगी के यथासंभव जाँच कइला के बाद, "आ रात के खातिर एगो पुड़िया लेते जा । लेवऽ न ? हम बिलकुल हाले में एकरा तैयार कइलियो ह ... एगो फक्की ।"
"बल्कि दूगो दे द", रस्कोलनिकोव जवाब देलकइ ।
फक्की तुरतम्मे ले लेवल गेलइ ।

"ई तो बड़ी बढ़ियाँ हइ, कि तूँ खुद्दे इनका पहुँचावे जा रहलहो ह", ज़ोसिमोव रज़ुमिख़िन से कहलकइ, "जे बिहान होतइ, से देखबइ, लेकिन आझ बहुत खराबो नयँ हइ - आझ सुबह से काफी फरक हइ । शताब्दी तक जीयऽ, शताब्दी तक सीखऽ ..."

"जानऽ ह, अभी हमरा कान में ज़ोसिमोव की फुसकलको, जब हमन्हीं बाहर निकस रहलिए हल ?" रज़ुमिख़िन टुभकलइ, जइसीं ओकन्हीं बाहर रोड पर अइते गेलइ । "हम तो, भाय, तोरा सब कुछ सीधे बता दे हियो, काहेकि ओकन्हीं सब मूरख हकइ । ज़ोसिमोव हमरा कहलको कि रस्ता में हम तोरा से खुलके बात करियो आउ तोरो खुलके बात करबइयो, बाद में ओकरा बतइअइ, काहेकि ओकर विचार हइ ... कि तूँ ... पागल हो चुकलहो ह, चाहे होहीं वला हकहो । तूँ एकर कल्पना करहो ! पहिला, तूँ ओकरा से तीन गुना बुद्धिमान हकहो; दूसरा, अगर तूँ पागल नयँ हकऽ, त तोरा थूक देवे के चाही, कि ओकर दिमाग में अइसन वहम हकइ; आ तेसरा, ई मांस के टुकड़ा, आउ अपन विशेषज्ञता के अनुसार - सर्जन, के अब दिमागी रोग के बारे धुन समइले ह, आउ तोरा बारे आखिरकार ओकर ई विचार आवे के कारण हको तोर आझ वला ज़म्योतोव के साथ बातचीत ।"

"ज़म्योतोव तोरा सब कुछ बता देलको ?"
"सब कुछ, आउ बड़ी बढ़ियाँ कइलकइ । हम अब सब सच समझ गेलिअइ, आउ ज़म्योतोव भी समझ गेलइ ... अच्छऽ, आउ एक शब्द में, रोद्या ... बात ई हको ... हम अभी जरी पीयल हकियो ... लेकिन एकरा से कोय हरज नयँ ... बात ई हको, कि ई विचार ... समझऽ हो न ? वास्तव में ओकन्हीं के दिमाग में पनप रहलो हल ... समझऽ हो न ? मतलब, कोय भी खुलके बोले के साहस नयँ कर रहले हल, काहेकि ई विचारे अइसन बेहद हास्यास्पद हइ, आउ खास करके जब ई घर के पेंटिंग करे वला के पकड़ल गेलइ, त ई सब कुछ धराशायी हो गेलइ आउ हमेशे खातिर समाप्त हो गेलइ । लेकिन ओकन्हीं अइसन बेवकूफ कइसे हो सकऽ हइ ? हम तखने ज़म्योतोव के थोड़े झड़लिअइ - ई सब बात खाली हमन्हीं बीच हइ, भाय; किरपा करके, कुछ इशारो नयँ करिहऽ, जे कुछ जन्नऽ ह; हम नोटिस कइलिए ह, कि ऊ गंभीर हइ; ई बात लविज़ा के घर पर के हइ - लेकिन आझ, आझ सब कुछ साफ हो गेलइ । ई सब में मुख्य रूप से इल्या पित्रोविच के हाथ हइ ! तखने ऊ थाना में तोरा मूर्छित होवे के फयदा उठइलको हल, लेकिन बाद में खुद्दे लज्जित होलइ; हम ई जानऽ हिअइ ..."

रस्कोलनिकोव बड़ी उत्सुकता से सुन रहले हल । रज़ुमिख़िन निसा के हालत में सब भेद खुलके बता रहले हल ।
"हम तखने मूर्छित होके ई कारण से गिर गेलिए हल, कि माहौल दमघोंटू हलइ आउ तेलगर पेंट के दुर्गन्ध हलइ", रस्कोलनिकोव कहलकइ ।
"अभियो समझावऽ हइ ! आ खाली पेंट के बात नयँ हइ - सूजन पूरे महिन्ने बन रहले हल; ज़ोसिमोव तो गोवाह हकइ ! आ ई लड़का अब कइसन चूर होल हइ, कि तूँ कल्पना भी नयँ कर सकऽ हो ! बोलऽ हइ, 'ई व्यक्ति के हम कानी अँगुरी के बराबर भी नयँ हकिअइ !' मतलब, तोहर । ओकर दिल में तो कभी-कभी, भाय, निम्मन भावना आवऽ हइ । लेकिन सबक, ऊ सबक जे तूँ ओकरा आझ 'बिल्लौर महल' में देलहो, ई तो उत्कृष्टता से भी उपरे हइ!  वास्तव में तूँ तो ओकरा शुरू में डेराइए देलहो हल, लगभग आक्षेप (convulsion) तक पहुँचा देलहो ! तूँ तो वस्तुतः ई सब भयंकर बकवास में ओकरा फेर से लगभग विश्वासे देला देलहो हल, आउ बाद में अचानक - ओकरा जीभ देखा देलहो, बोललहो, 'हले ले, ई ले  !' सर्वोत्तम ! ऊ तो कुचला गेले ह, अब बिलकुल बरबाद हो गेले ह ! तूँ तो उस्ताद हकऽ, भगमान कसम, अइसने ओकन्हींके चाही । ओह, हम हुआँ नयँ हलूँ ! ऊ अभी तोर बेचैनी से इंतजार कर रहलो हल । पोरफ़िरी भी तोरा साथ जान-पछान करे लगी चाह रहलो ह ..."

"ओ ... त एहो ... आ हमरा ओकन्हीं पागल कइसे समझ रहले हल ?"
"नयँ, ठीक पागल नयँ । हम, भाय, लगऽ हको, बात के बहुत बढ़ा-चढ़ाके बोल देलियो ... तूँ देखवे करऽ हो, हाल में ओकरा अइसन लगलइ, कि तोरा ई एक बिन्दु पर रुचि हको;  अब साफ हइ, कि काहे रुचि हकइ; सब परिस्थिति के जानते ... आउ ई कइसे तखने तोरा चिड़चिड़ा बना दे हलो आउ साथे-साथ तोर बेमारी से कइसे उलझ जा हलो ... हम तो, भाय, जरी पीयल हकियो, खाली, शैताने के ओकरा बारे मालूम, ओकरा कउनो तरह के तो विचार हइ ... हम तोरा कहऽ हियो - ऊ दिमागी बेमारी के धुन में पड़ गेलो ह । लेकिन तूँ ई बात के थूक द ..."

आधा मिनट तक दुन्नु चुप रहलइ ।
"सुनऽ, रज़ुमिख़िन", रस्कोलनिकोव बोले ल शुरू कइलकइ, "हम तोरा सीधे बता देवे ल चाहऽ हियो - हम अभी एगो मृतक के घर से होके आ रहलियो ह, एगो सरकारी किरानी मर गेलइ ... हम हुआँ अपन सब पइसा दे देलिअइ ... आउ, एकरा अलावे, हमरा एगो अभी अइसन जीव चुमलकइ, जे, अगर हम केकरो हत्या करतिए हल, तइयो ... एक शब्द में, हम हुआँ एगो आउ दोसर जीव के देखलिअइ ... एगो सुनहरा पंख के साथ ... लेकिन, हम झूठ के पुल बान्ह रहलियो ह; हमरा बड़ी कमजोरी अनुभव हो रहलो ह, हमरा सहारा द ... अभी इका ज़ीना हको ..."
"तोरा की हो गेलो ह ? की बात हको ?" रज़ुमिख़िन चिंतित होके बोललइ ।
"सिर में जरी चक्कर आ रहल ह, लेकिन बात ई नयँ हइ, बल्कि ई, कि हम बहुत उदास हकूँ, केतना उदास ! बिलकुल औरत नियन ... वास्तव में ! देखऽ, ई की हकइ ? देखऽ ! देखऽ !"
"की हइ ?"
"की वास्तव में देखाय नयँ दे हको ? हमर कमरा में रोशनी, देखऽ हो ? दरार में ..."

ओकन्हीं अन्तिम सीढ़ी पर खड़ी हलइ, मकान-मालकिन के दरवाजा भिर, आउ वास्तव में निच्चे से देखाय देब करऽ हलइ, कि रस्कोलनिकोव के दड़बा में रोशनी हकइ ।
"अजीब बात हइ ! शायद नस्तास्या होतइ ।" रज़ुमिख़िन टिप्पणी कइलकइ ।
"ऊ ई बखत कभी हमरा हीं नयँ आवऽ हइ, आउ ऊ तो कब के सुत्ते लगी चल गेले होत, लेकिन ... हमरा लगी कोय फरक नयँ पड़ऽ हइ ! अलविदा !"
"की मतलब ? हम तो तोरा पहुँचाइए देबो, दुन्नु साथे अन्दर चलल जाय !"
"हम जानऽ हियो, कि हमन्हीं दुन्नु साथे अन्दर जइते जइबइ, लेकिन हमरा एज्जे परी हाथ मिलावे के मन करऽ हको आउ हिएँ से तोरा अलविदा कहे के । अच्छऽ, हाथ द, अलविदा !"
"तोरा की हो गेलो ह, रोद्या ?"
"कुछ नयँ; चलल जाय; तूँ गोवाह होबऽ ..."

ओकन्हीं ज़ीना पर चढ़े लगलइ, आउ रज़ुमिख़िन के दिमाग में एक विचार कौंधलइ, कि ज़ोसिमोव शायद सही हइ । "अरे, हम तो अपन बकबक से ओकरा परेशान कर देलिअइ !" ऊ अपने आप बड़बड़इलइ । अचानक दरवाजा के पास पहुँचला पर ओकन्हीं के कमरा में अवाज सुनाय देलकइ ।
"हियाँ की हो रहले ह ?" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ ।
रस्कोलनिकोव पहिले दरवाजा पकड़लकइ आउ ओकरा पूरा खोल देलकइ, खोललकइ आउ चौखट पर अवाक् खड़ी रह गेलइ ।

ओकर माय आउ बहिन ओकर सोफा पर बइठल हला आउ डेढ़ घंटा से ओकर इंतजार कर रहला हल । काहे ऊ ओकन्हीं के प्रत्याशा बिलकुल नयँ कइलकइ, आउ न ओकन्हीं के बारे सोचवो कइलकइ, जबकि ओकरा हीं आझ दोहरा समाचार पहुँचा देवल गेले हल, कि ओकन्हीं निकल चुकला ह, रस्ता में हका, आउ कभी भी पहुँच सकऽ हका ? ई पूरे डेढ़ घंटा ओकन्हीं दुन्नु नस्तास्या के सवाल पर सवाल करते रहला, जे ओकन्हीं के सामने अभियो खड़ी हलइ आउ सब कुछ ओकन्हीं के विस्तार से बता चुकले हल । ओकन्हीं बहुत जादे डर गेला हल, जब सुनलका, कि ऊ बेमार हालत में "आझ भाग गेले हल", आउ जइसन कि बयान से साफ हलइ, कि पक्का सरसामी हालत में हलइ ! "हे भगमान, ओकरा की हो गेले ह !" दुन्नु रो रहला हल, दुन्नु ई डेढ़ घंटा के इंतजार के घड़ी बड़ी कष्टी से गुजरलका ।

खुशी आउ हर्षावेग के चीख रस्कोलनिकोव के आगमन के स्वागत कइलकइ । दुन्नु ओकरा तरफ झपटके अइला । लेकिन ऊ मरल नियन खड़ी रहलइ; असह्य आकस्मिक संवेदना ओकरा पर वज्र नियन आघात कइलकइ । आउ ओकर बाँह ओकन्हीं के आलिंगन करे खातिर उठ नयँ पइलइ - नयँ सकलइ । माय आउ बहिन आलिंगन में ओकरा जकड़ लेते गेला, ओकरा चूम लेते गेला, हँसला, कनला ... ऊ अपन डेग बढ़इलकइ, लड़खड़इलइ आउ मूर्छित होके फर्श पर गिर पड़लइ ।

आतंक, भयपूर्ण चिल्लाहट, कराह ... रज़ुमिख़िन, जे चौखट पर खड़ी हलइ, कमरा में तेजी से आगू अइलइ, रोगी के अपन मजबूत बाँह में धर लेलकइ, आउ क्षण भर में सोफा पर पाड़ देलकइ ।

"कोय बात नयँ हइ, कोय बात नयँ हइ !" ऊ माय आउ बहिन के चिल्लाके बोललइ, "ई खाली मूर्छा हइ, कोय खास बात नयँ हइ ! अभिये डाक्टर बतइलका, कि ओकर हालत अब बहुत बेहतर हइ, कि ऊ बिलकुल ठीक ! पानी ! अइकी अभिये ऊ होश में आ जइता, आ अइकी ऊ होश में आइयो गेला ! ..."

आउ दुनेच्का के हथवा के अइसे पकड़के, कि लगभग ओकर हाथ लगभग ऐंठिए देलकइ, ओकरा झुका देलकइ, ई देखावे लगी, कि 'ऊ होश में आ चुकले ह' । माय आउ बहिन रज़ुमिख़िन तरफ भगवत्कृपा नियन, भावपूर्ण आवेश आउ कृतज्ञता से देखलका; ओकन्हीं के नस्तास्या से पहिलहीं मालूम हो गेले हल, कि बेमारी के पूरा अवधि में ऊ ओकन्हीं के रोद्या खातिर कइसन भूमिका अदा कइलके हल, ई 'दक्ष नौजवान', जे नाम से ऊ साँझ के दुन्या के साथ अपन अंतरंग बातचीत के दौरान खुद पुलख़ेरिया अलिक्सान्द्रोव्ना रस्कोलनिकोवा ओकरा बारे चर्चा कइलका हल ।
 



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