8. नयका जगह, नयका चेहरा
पिताजी
लमगर अवधि तक इंतजार कइलथिन; आखिरकार, वांछित स्थान पा गेलथिन। बोगुचार जिला में एगो
धनगर जमिंदारिन रहऽ हलइ, दू हजार आत्मा के मालकिन, मारिया फ़्योदोरोव्ना बेद्रियागा।
ऊ हमर पिताजी के अपन जायदाद के मैनेजर पद देलकइ, जाहाँ परी ऊ खुद रहऽ हलइ। स्थिति अनुकूल
हलइ, विशेष करके हमन्हीं के परिवार के तात्कालिक परिस्थिति के अनुसार - वेतन सालाना
एक हजार रूबल, साथ में आवास आउ भोजन। हम सब शीघ्र यात्रा लगी तैयारी करते गेलिअइ आउ
अलिक्सेयेव्का से 1811 के ग्रीष्मकाल में प्रस्थान कइलिअइ।
हमन्हीं
के यात्रा बहुत सुखद हलइ। हमन्हीं हलका मन से आउ उज्ज्वल भविष्य के आशा के साथ यात्रा
कर रहलिए हल। आउ हमन्हीं के यात्रा पथ सबसे आकर्षक स्थान से गुजरऽ हलइ। बिर्यूच आउ
बोगुचार के बीच के प्रदेश, लगभग दू सो विर्स्ता दक्षिण, संसार के सबसे उपजाऊ मैदान
में से एक हइ। दोन नदी के कइएक सहायक नदी द्वारा सिंचित, ढालू पहाड़ी सब के सजीव फ्रेम
में, स्वच्छ लघु रूसी लोग के बिखरल झोपड़ी के साथ, ई मैदान अपन उपजाऊ शक्ति के ठाट-बाट
से आश्चर्यचकित कर दे हइ। करिया मट्टी के जमीन कृषक के गरमी के परिश्रम के सो गुना
फल दे हइ।
जंगल
के अभाव ई प्रदेश के एकमात्र दोष हइ, लेकिन एकरो में प्रकृति के दोष नञ्। हियाँ के
मट्टी ओहो प्रचुर मात्रा में पैदा कइलकइ, आउ आखिरकार, पैदा करते-करते थक गेलइ। अज्ञानी
जमींदार लोग, अपन भविष्य के बारे बेफिकिर रहते, जंगल के निर्दयतापूर्वक बरबाद कर देलकइ।
ओकन्हीं शताब्दी-शताब्दी पुरनकन बलूत (oaks) के भी नञ् छोड़लकइ।
ई
प्रदेश के आबादी पूरा के पूरा लघु रूसी के हलइ। कृषक लोग भूदासत्व (serfdom) के बन्धन में कष्ट झेलऽ हलइ। धनिष्ठ जमींदार, कइएक
हजार आत्मा के मालिक, के हियाँ जरी कम कष्ट झेलऽ हलइ, काहेकि अधिकतर कृषक ओब्रोक (लगान)
के हलइ, अर्थात् नकदी चाहे उत्पाद में भुगतान करते जा हलइ, तइयो ओकन्हीं के मैनेजर
आउ कारिंदा (bailiffs, agents) के बहुत मनमानी
बरदास करे पड़ऽ हलइ। लेकिन छोटगर जमींदार लोग अपन अधीन अभागल सब के शक्ति आउ सम्पत्ति
शब्दशः चूस रहले हल। ओकन्हीं के नियंत्रण में न तो समय हलइ आउ न सम्पत्ति - पहिलौका
[अर्थात् धनी जमींदार लोग के भूदास (serfs)] बार्षिना (बेगार) से शोषित हलइ, जबकि दोसरौका
[अर्थात् छोटगर जमींदार लोग के भूदास] जमींदार के लालच आउ मनमानी पर निर्भर। कभी-कभी
एकरा साथे-साथ अमानवीय व्यवहार भी कइल जा हलइ, आउ अकसर क्रूरता के साथ-साथ व्यभिचार
भी कइल जा हलइ - जमींदार बिना कोय दंड झेलले अपन अधीनस्थ व्यक्ति के हरेक सुंदर पत्नी
चाहे बेटी के साथ आनंद लूट सकऽ हलइ, अपन खेत से तरबूज चाहे खरबूज नियन।
ई
कहे के जरूरत नञ्, कि हियों परी, जइसन कि सगरो ई बात हइ, एकर अपवाद के रूप में भूदास
के साथ बेहतर व्यवहार कइल जा हलइ, लेकिन साधारणतः परिस्थिति ओइसने हलइ, जइसन हम कह
रहलिए ह। लोग [*34] थोक आउ खुदरा में बेचल आउ
खरीदल जा सकऽ हलइ, पूरे परिवार सहित चाहे एक-एक रूप में, बैल-भेंड़ नियन। खाली अभिजातवर्ग
लोग के खरीद-बिक्री करऽ हलइ, बल्कि व्यापारी आउ धनगर मुझीक (कृषक) भी, अपन संरक्षक
(patron) कोय सरकारी अफसर चाहे मालिक के नाम से भूदास लोग
के रजिस्ट्री करवाके[1]।
अपन
लोग के खाली हत्या करे के अनुमति नञ् हलइ; बल्कि "हाल में हम एगो लड़की खरदलिअइ,
चाहे एगो लड़का, कोचवान, नौकर के बेचलिअइ" - जइसन शब्द अइसन बेपरवाही से बोलल जा
हलइ, मानुँ बात कोय गाय, घोड़ा, दुधपिलुआ सूअर के चल रहल होवे[2]।
सम्राट्
अलिक्सान्द्र प्रथम[3], अपन
शासन के मानवीय चरण के दौरान, अपन भूदास-प्रजा के जीवन स्तर सुधारे के इरादा कइलथिन
हल। जमींदार के अधिकार (शक्ति) के सीमित करे के प्रयास कइल गेले हल, लेकिन ई सब प्रयास
के कोय नतीजा नञ् निकसलइ। अभिजात वर्ग ठाट-बाट से रहे लगी चाहऽ हलइ, जइसन कि कहल जा
हलइ - रैंक के अनुसार शिष्टता के साथ। ई (अर्थात् अभिजात वर्ग के जीवन शैली) फिजूलखर्ची
आउ अपन सनक के पूरा करे के मामले में मनमानी खातिर बदनाम हलइ। आउ कृषक लोग के समझ में
नञ् आवऽ हलइ कि ओकन्हीं लगी कोय दोसरा नैतिक कार्य हो सकऽ हइ, सिवाय बिना कोय शर्त
के अपन मालिक के इच्छा के आज्ञापालन के, आउ जीवन में आउ कोय सुख-सुविधा हो सकऽ हइ,
सिवाय धुआँ से भरल झोपड़ी, आउ क्वास के साथ कार ब्रेड के टुकड़ा के।
लेकिन
हम सब अपन निश्चित गन्तव्य स्थान पहुँच गेते गेलिअइ - पिसारेव्का बस्ती, जिला शहर बोगुचार
से कोय तीस विर्स्ता दूर। ई एगो बड़गो गाम हलइ जेकरा में लगभग दू हजार लोग रहऽ हलइ।
एगो गहिड़गर घाटी एकरा दू असमान (unequal) हिस्सा में
विभाजित करऽ हलइ। छोटका हिस्सा, जेकरा में चार-पाँच सो लोग रहऽ हलइ, ज़यार्स्कयऽ पिसारेव्का
कहला हलइ आउ मारिया फ़्योदोरोव्ना बेद्रियागा के भाय, ग्रिगोरी फ़्योदोरोविच ततारचुकोव,
एकर मालिक हलइ। पहिला (अर्थात् छोटका पिसारेव्का) के अंतर्गत आउ कुछ छोटगर गाम (बिगहा)
आउ जमीन के बड़गो क्षेत्र आवऽ हलइ।
पिसारेव्का
के मनोरम स्थान नञ् कहल जा सकऽ हलइ। ई एगो मैदान में बोगुचार नाम के छोटगर नद्दी के
किनारे फैलल हलइ, जेकर किनारे-किनारे कइएक बड़गर आउ छोटगर गाम हलइ, आउ एगो छोटगर जिला
शहर एहे नद्दी के नाम वला। कोठी (manor
house),
लकड़ी के पुरनका एगो बिल्डिंग, टुट्टल-फुट्टल आउ आकर्षणहीन हलइ। जमिंदारिन एकरा हमेशे
फेर से बनावे के मन बनइले हलइ, लेकिन अपन इरादा के पूरा करे लगी हर साल स्थगित करते
जा हलइ। आखिरकार, ऊ एगो दोसरा घर में जाय लगी निश्चय कइलकइ। एगो विस्तृत बाग नद्दी
के ठीक किनारे तक फैलल हलइ, आउ नद्दी के पार शराब के कारखाना हलइ - ऊ जमाना के लघु
रूसी जमींदार लोग के अनिवार्य अर्थव्यवस्था के प्रतीक, जेकरा में ओकन्हीं के स्वतंत्र
आसवन (distillation) के अधिकार हलइ।
कोठी
से थोड़हीं दूर पर एगो काफी आरामदायक छोटगर बहिर्भवन (out-house) हमन्हीं के रहे लगी देल गेलइ। शुरू के कुछ दिन हमन्हीं
लगी उबाऊ हलइ। हमन्हीं के अभियो परिचित लोग नञ् हलइ। हमन्हीं एगो सामान्य उत्सुकता
के पात्र हलिअइ, आउ जइसन कि बाद में पता चललइ, जासूसी के भी। पिताजी रोज जमिंदारिन
के पास जा हलथिन, देर से वापिस आवऽ हलथिन, आउ तुरतम्मे हिसाब-किताब आउ जायदाद के प्रबन्ध
के मामले में व्यस्त हो जा हलथिन। जमिंदारिन से उनकर पहिला भेंट तूफानी हलइ। ऊ ओकर
जायदाद में भयंकर अव्यवस्था देखलथिन, आउ कृषक लोग के निर्दयतापूर्वक तबाह। खराब प्रबंधन
के चलते जायदाद से ऊ आमदनी नञ् मिल पावऽ हलइ, जे ई दे सकऽ हलइ आउ जे मालकिन व्यर्थ
में खोजऽ हलइ, कृषक लोग के रहटाके आउ दंड देके। पिताजी सब कुछ व्यवस्थित करे के काम
हाथ में लेलथिन, मालकिन के आमदनी बढ़ावे आउ कृषक लोग के कल्याण के काम, लेकिन अपन कार्यवाही
में सम्पूर्ण स्वतंत्रता के [*35] माँग कइलथिन। मारिया फ़्योदोरोव्ना के ई पसीन नञ्
पड़लइ। एगो पक्की मालकिन नियन स्वेच्छाचारी, ऊ खाली अपन सनक के अनुकरण करऽ हलइ आउ ई
कल्पना नञ् कर सकऽ हलइ कि कोय जीव ओकर जमीन पर ओकर इच्छा के विरुद्ध साँस ले आउ घुम्मे-फिरे
के साहस करे।
ऊ
जन्मजात मूर्ख नञ् हलइ आउ तुरतम्मे पिताजी में एगो सक्षम, बुद्धिमान आउ दृढ़ व्यक्ति
देखलकइ। लेकिन ओकरा उनकर सेवा के लाभ लेवे के इच्छा हलइ, उनकर प्रथम भूमिका के प्रति
बिन आत्म-समर्पण कइले, ई तरह से कि कम से कम देखे में लगइ कि ओहे सब कुछ के अकेली प्रबन्धक
हइ। लेकिन अनिवार्यता ओकरा आत्म-समर्पण करा देलकइ। ऊ उनका पूरा अधिकार (authority) देलकइ आउ कोय बात में दखल नञ् देवे के वचन देलकइ।
लेकिन
ई अस्थायी सौदा हलइ। ई दुन्नु व्यक्तित्व - हमर पिताजी आउ जमिंदारिन बेद्रियागा - स्पष्टतः
साथ में शांतिमय क्रिया-कलाप के योग्य नञ् हलथिन। देर नञ् तो सबेर, दुन्नु के बीच टकराव
पैदा होहीं वला हलइ आउ ओहे से अलगाव, जे दुन्नु लगी कष्टदायक होते हल, लेकिन खास करके
गरीब आउ निचला रैंक के हमर पिताजी लगी, जबकि मारिया फ़्योदोरोव्ना के पास सम्पत्ति आउ
प्रादेशिक समाज के बीच स्पष्ट रुतबा हलइ। वस्तुतः जमिंदारिन बेद्रियागा ऊ जमाना के
अधिकतर रूसी जमींदार लोग के अपेक्षा न तो बत्तर आउ न बेहतर हलइ। कइएक लोग ओकरा क्रूर
कहऽ हलइ। आउ वास्तव में ऊ क्रूर हलइ, लेकिन ओतने हद तक, जे अज्ञानता आउ असीमित अधिकार
(शक्ति) भूदासत्व के युग में लगभग सब रूसी जमींदार के बना देलके हल।
ओकर
उमर पचास से जादे हलइ। खुद न तो सुन्दर, न कुरूप, ओहे से ऊ कुच्छो आकर्षक के प्रतिनिधित्व
नञ् करऽ हलइ। ओकर चेहरा पर कुछ तो क्रूर आउ विकर्षक (repulsive) हलइ। ऊ लगभग कभी नञ् मुस्कुरा हलइ, आउ ओकर तेवर चढ़ल
निस्तेज दृष्टि स्पष्ट रूप से बतावऽ हलइ कि ओकरा में गरमजोशी वला स्त्रीजन्य भावना
खोजना व्यर्थ हलइ। लोग के साथ व्यवहार करते समय ऊ हमेशे एतना चिड़चिड़ा रहऽ हलइ, मानुँ
ऊ केकरो पर हमेशे गोसाल रहऽ हइ। एतना होवे के बादो, जेकर जरूरत होवऽ हलइ, मारिया फ़्योदोरोव्ना
मित्रभावपूर्ण रह सकऽ हलइ - ओतना हद तक जेतना ओकर स्वाभाविक कठोरता आउ अभिजातवर्गीय
अहंकार अनुमति दे हलइ। ऊ वचन देवे में बहुत उदार हलइ, लेकिन ओकरा पूरा करे में कंजूस।
ओकर स्वभाव के सबसे खराब पहलू हलइ चुगलखोरी। ऊ अपन सब पड़ोसी से या तो लड़ते-झगड़ते रहऽ
हलइ, चाहे मोकदमा लड़ते रहऽ हलइ। ओकरा साथ परिचय विरले बिन मोकदमेबाजी से काम चल्लऽ
हलइ। सब तरह के केस के प्रतिवक्ता (solicitors) ओकरा घेरले
रहऽ हलइ, जेकरा में से अधिकतर, खुद कानून से लगभग अनभिज्ञ, ओकर खाली खुशामद करऽ हलइ
आउ ओकर सब काम के बिलकुल उलझा दे हलइ।
ऊ
जान-बूझके सबसे बेहूदा प्रोजेक्ट अपन हाथ में ले हलइ, जब ओकरा लगऽ हलइ कि एकरा से ओकर
जायदाद में बढ़ंती होतइ आउ जिला में ओकर प्रभाव दृढ़ होतइ चाहे ओकर जायदाद के प्रबन्धन
में सुधार अइतइ। अइसन प्रोजेक्ट के साथ कोय
भी ओकरा हीं पहुँच सकऽ हलइ, आउ हर कोय, हलाँकि थोड़ही समय खातिर, ओकर विश्वासपात्र बन
सकऽ हलइ। चालबाज, निस्संदेह, जल्दीए प्रकट हो जा हलइ, आउ ऊ ओकरा भगा दे हलइ, लेकिन
तुरतम्मे आउ कोय दोसरा के झाँसा में आ जा हलइ। लेकिन ई विचित्र बात हलइ कि ईमानदार
व्यक्ति के ओकर अनुग्रह आउ विश्वास प्राप्त करना असान नञ् हलइ।
[*36] ठीक
ओहे
समय,
जब
हमर
पिताजी
उठावल
जाय
वला
कदम
खातिर
ओकर
सहमति
लगी
संघर्ष
करे
वला
हलथिन,
जे
स्पष्टतः
ओकर
पक्ष
में
हलइ,
मूर्ख
औरत,
यहूदी
फ़िदोसिया,
बिन
कोय
कठिनाई
के
अइसन
काम
लगी
खुशामद
करके
ओकर
अनुमति
ले
लेलकइ,
जेकर
फलस्वरूप
बाद
में
उत्पन्न
होल
परिस्थिति
से
निपटना
खुद
जमिंदारिन
आउ
ओकर
मैनेजर
दुन्नु
लगी
कठिन
हो
गेलइ।
मारिया फ़्योदोरोव्ना के हमेशे व्यस्त देखाय
देवे के सनक हलइ। ओकर कमरा वास्तव में एगो व्यावसायिक कार्यालय लगऽ हलइ। ओकर टेबुल
पेपर के ढेर हलइ, ओकर ढेर फर्श पर भी छितराल हलइ। ऊ बिन नागा के दिन के कुछ घंटा अपन
हाथ में कलम लेले गुजारऽ हलइ, अपन योग्य सलाहकार लोग से घिरल रहऽ हलइ चाहे फ़िदोसिया
के गुप्त रिपोर्ट सुनते रहऽ हलइ। ऊ विरले अइसन व्यक्ति के स्वागत करऽ हलइ जे बिन कोय
काम के आवल रहे आउ खुद कहूँ नञ् जा हलइ, ओकरा पास बड़गो संख्या में घरेलू नौकर हलइ आउ
लगभग दस घरेलू नौकरानी।
ई बेचारी सुबह से रात तक मालकिन के भय से काँपते
रहऽ हलइ कि कहीं ओकरा नराज नञ् कर देइ आउ खुद ओकर क्रोध के भाजन नञ् बन जाय, जेकर नतीजा
होवऽ हलइ ओकन्हीं के कोय स्तेपान स्तेत्स्का के हाथ में सुपुर्द कर देना। ई हलइ एगो
लंगड़ा बूढ़ा आउ घर में एगो विश्वासपात्र, जेकरा पास, आउ दोसर काम के अलावे, अस्तबल के
देखभाल के जिम्मेवारी हलइ, जेकरा में भूर्ज छड़ी (birch rods)
के पूरा संग्रह हलइ। ऊ अभागल सब लगी विपत्ति होवऽ हलइ, जे स्तेत्स्का के हाथ में पड़ऽ
हलइ! ऊ एगो मास्टर (दक्ष) आउ कोड़ा से पिटाई करे में उत्साही व्यक्ति हलइ, खास करके
लड़कियन के, जे ओकरा पर खाली नजरो पड़ला पर भयभीत हो जा हलइ।
लड़कियन
में कुछ बहुत सुंदर हलइ, जेकरा में ख़्रिस्तिना नाम के लड़की भी हलइ, जे हमर बचपन में
भूमिका अदा कइलके हल। एकरा विपत्ति झेले पड़लइ, जे प्यार के कोमल प्रभाव पर नियंत्रण
नञ् रख पइलके हल - एकरा हर तरह के संभव यातना देल गेलइ। मारिया फ़्योदोरोव्ना नैतिकता
के कट्टर समर्थक हलइ आउ अपन घरेलू नौकारानी के शाश्वत कौमार्य के निर्देश दे हलइ। ऊ
ओकन्हीं के शादी करे के भी अनुमति नञ् दे हलइ।
ई
कहे के जरूरत नञ् कि हियाँ के अत्यचार, जइसन कि सगरो होवऽ हइ, अपन लक्ष्य नञ् प्राप्त
करऽ हलइ। लड़कियन चुपके-चोरी प्रेम प्रसंग में पड़ऽ हलइ, आउ जेतने जादे आकर्षण होवऽ हलइ,
ओतने जादे एकरा पर प्रतिबंध लगावल जा हलइ आउ ओतने जादे ओकन्हीं के भविष्य निराशाजनक
होवऽ हलइ। ओकन्हीं के खाली एहे बात के फिकिर होवऽ हलइ कि कहीं गर्भवती नञ् हो जाय,
आउ अधिकतर हालत में ओकन्हीं के एकरा में सफलता मिल जा हलइ।
मारिया
फ़्योदोरोव्ना के एगो बेटी आउ दू बेटा हलइ। बेटी, क्लियोपात्रा निकोलायेव्ना, एगो कज़ाक
जेनरल (सेनापति), शायद, देनिसोव से शादी कइलके हल। क्रोध, जे ओकर मइया में सोच-विचार
आउ स्वार्थपरता के कारण संयमित हलइ आउ कभी-कभी विवेकपूर्ण सावधानी के रूप ले ले हलइ,
बेटिया में सीमा नञ् जानऽ हलइ। ऊ हर तरह से दुष्ट हलइ आउ खाली दुष्ट; ओकरा कोय न सनक
हलइ, न खराब लत, जे बेहतर गुण के कमी के कारण, क्रूर स्वभाव के या तो जरी नरम चाहे
बेहतर कहल जाय तो हलका कर दे हइ। ओकर दिल में न तो कृपणता हलइ, न अहंकार, न कामुकता
(ऐयाशी), बल्कि खाली ऊ सब के हानि पहुँचाना, जे हानि के अनुभव कर सकऽ हइ; ऊ सब के विषाक्त
कर देना, जेकरा ऊ स्पर्श करे। विवाह के कुछहीं महिन्ना के बाद ओकर पति ओकरा भगा देलकइ।
ऊ अपन मइया हीं वापिस चल अइलइ आउ ऊ ओकरा हीं बस गेलइ, मानुँ ओकरा लगी आफत आउ प्राणदंड
बन जाय लगी। खाली कठोरहृदय मारिया फ़्योदोरोव्ना अइसन राक्षसी के उपस्थिति बरदास कर
सकऽ हलइ।
ओकर
बेटवन, बेटिया से जरी बेहतर हलइ। दुन्नु पितिरबुर्ग में सरकारी सेवा में हलइ। बड़का,
सामुइल (सैमुएल), बाद में वोरोनेझ में फौजदारी अदालत के [*37] चेयरमैन (अध्यक्ष) बनलइ आउ अपन प्रचंड स्वभाव से
अत्यंत बेलगाम जमींदार के भी हैरत में डाल दे हलइ। ऊ लोग के कोड़ा से पीट-पीटके जान
मार दे हलइ आउ जज नञ् हलइ, बल्कि जल्लाद। लेकि, कहल जा हइ, ऊ घूस नञ् ले हलइ। मारिया
फ़्योदोरोव्ना के छोटका बेटवा, फ़्योदोर, ओतना क्रूर नञ् हलइ, जेतना दगाबाज, आउ मनमौजी
जिनगी गुजारऽ हलइ।
त
ई हलइ घाट, जेकरा तरफ जिनगी के लहर हम सब के भंगुर डोंगी (fragile canoe) के बहा ले गेलइ। लेकिन, हम दोहरावऽ हिअइ,
कि बुराई के साथ-साथ कहीं तो भलाई के कुछ न कुछ अंश रहऽ हइ - नञ् तो संसार में शाश्वत
सत्य आउ न्याय के कानून छिन्न-भिन्न हो जाय। ओहे से ई अचरज के बात नञ् हइ कि ठीक ओहे
मिट्टी पर, जे बेद्रियागा जइसन व्यक्ति पैदा करऽ हइ, हुएँ परी कभी-कभी बिलकुल दोसरहीं
प्रकार के व्यक्तित्व प्रकट हो जा हइ। पिसारेव्का बस्ती के ज़र्यास्कयऽ भाग, जइसन कि
उल्लेख कइल जा चुकले ह, मारिया फ़्योदोरोव्ना के भाय, ग्रिगोरी फ़्योदोरोविच ततारचुकोव,
के अधिकार में हलइ, जे एगो अत्यन्त मौलिक व्यक्ति हलइ, जेकरा में बड़गो निरालापन हलइ,
लेकिन साथे-साथ ऊ बहुत बुद्धिमान आउ उदार हलइ। ऊ बखत ऊ साठ से कइएक साल अधिक उमर के
हलइ। ऊ गंभीर शिक्षा नञ् पा सकले हल, काहेकि ऊ जमाना में रूस में अइसन शिक्षा अस्तित्व
में नञ् हलइ। लेकिन प्रकृति ओकरा बहुत निम्मन प्रतिभा आउ ऊ जमाना लगी विरला मानवीय
अभिलाषा प्रदान कइलके हल।
ई
बात रोचक हइ कि काहाँ से गत शताब्दी के मध्य आउ अन्त में हमन्हीं हीं अइसन लोग जुट
जइते जा हलइ आउ काहाँ से अपन विश्वविचार प्राप्त करते जा हलइ। ओकन्हीं के जिनगी देलकइ
ऊ प्रहार, जे प्योत्र महान (Peter the
Great)
के रुस्तमी हाथ (herculean hand) रूस में अज्ञानता
पर कइलकइ, लेकिन ओकन्हीं अभियो तक विरले हलइ आउ खाली कभी-कभार चकमक पत्थर पर कइल प्रहार
से चिनगारी नियन भड़क उठऽ हलइ। ओकन्हीं के आसपास कोय सहारा नञ् हलइ। एकातेरिना द्वितीय
(Catherine II) , सच हइ, प्रसिद्धि
चाहऽ हलइ, जेकरा अठरहमी शताब्दी के दार्शनिक, शासक लोग खातिर आकर्षक बना देलके हल
- लोग के मानवीकरण के प्रसिद्धि। ऊ बुद्धि,
प्रतिभा, विज्ञान आउ कला के संरक्षण कइलकइ (प्रोत्साहन देलकइ), ई विश्वास के साथ कि
ई सब रूस खातिर राजनैतिक शक्ति से कम जरूरी नञ् हलइ, कि एकरे साथ-साथ खुद के प्योत्र
महान के साथ इतिहास में स्थान प्राप्त करे लगी तैयारी कर रहले ह। एकातेरिना के बाद,
चयनित बुद्धिजीवी भी, जेकरा बारे अभी उल्लेख कइलिअइ, खुद ऊ काल के प्रवृत्ति अनुभव
करते गेलइ। ऊ भयंकर खाई से अनजान, जे विचार आउ एकर क्रियान्वयन, आउ प्रयास आउ लक्ष्यप्राप्ति
के बीच रहऽ हइ, ओकन्हीं सरलहृदयता से वोल्तायर आउ विश्वकोशकार के अध्ययन में लीन हो
जा हलइ आउ उत्कट अभिलाषा के साथ ऊ सब कुछ के अनुकरण करऽ हलइ, जे रूसी भाषा में ऊ जमाना
में मुद्रित आउ प्रकाशित होवऽ हलइ। आउ कम से कम पहिलौका जमाना के अपेक्षा बहुत कुछ
मुद्रित आउ प्रकाशित कइल जा चुकले ह। सुमारोकोव[4], नोविकोव[5], कुरगानोव[6], आउ
अभियो तक जेकर गुण के आकलन नञ् कइल गेले ह, कोय फ़्योदोर एमिन[7], ख़ेरास्कोव[8], आउ
लोमोनोसोव[9],
फ़ोन-विज़िन[10],
देर्झाविन[11]
के बारे बिन कुछ कहले, विचार हेतु प्रचुर भोजन सामग्री (food for thought) देते गेलथिन। अइसनो पुस्तक के पाठक पावल
जा हलइ, जे सिदोरोव्स्की आउ पाख़ोमोव द्वारा अनूदित यूस्ती के कानूनी रचना चाहे प्लेटो
के रचना हलइ। ई सब कुछ, निस्सन्देह, कुच्छो सकारात्मक परिणाम नञ् देलकइ, लेकिन, कम
से कम, जे शिक्षा के मामले में हम सब से आगू हलथिन उन सब के रिवाज, प्रथा आउ जीवन के
साथ-साथ वस्तु के श्रेष्ठ कार्य-प्रणाली के बारे सोचे लगी प्रेरित कइलकइ आउ परिचित
करइलकइ। ऊ जमाना के विकास के आन्दोलन में भाग लेवे वलन उदार लोग (liberals) हलथिन, लेकिन ई शब्द के वर्तमान अर्थ में नञ्, बल्कि,
अगर ई तरह से अभिव्यक्त कइल जा सकऽ हइ, नकारात्मक [*38]
उदार लोग - ओकन्हीं रूसी राजनैतिक प्रणाली के परिवर्तन के मामले में कोय उपदेश चाहे
आदर्श-राज्य (utopias) के निर्माण नञ् कर रहलथिन हल, बल्कि ई आश्वासन से
संतुष्ट हलथिन कि रूस में नैतिक आउ बौद्धिक स्थिति में त्वरित सुधार होतइ, कि प्योत्र
महान के पूर्व के सब कुछ के ह्रास हो गेले ह, कि ऊ (अर्थात् रूस) प्रबोधन (enlightenment)
के पथ पर त्वरित कदम के गति धीमा नञ् करतइ।
एहे
लोग के तरह ग्रिगोरी फ़्योदोरोविच ततारचुकोव भी हलइ। हमर पिताजी के साथ ओकर घनिष्ठ मैत्री
हलइ, आउ हम ओकरा साथ अकसर भेंटऽ हलिअइ, अकसर ओकर बातचीत सुन्नऽ हलिअइ, जेकरा में से
बहुत कुछ हमर दिल में बैठ गेलइ।
ऊ
कद में छोटगर हलइ आउ थोड़े सुन कुबड़ा, शायद, सिर निच्चे मुँहें करके चल्ले के आदत से।
ओकर चेहरा हमन्हीं के अधिकतर पोमेषिक (जमींदार) के निर्जीव-समतल चाहे पूरा मनमौजी स्पंजी
(परजीवी) चेहरा से मेल नञ् खा हलइ। ई बुद्धि से साँस ले हलइ, मोसकिल से दृष्टिगोचर
व्यंग्य के झलक के साथ। ई आदमी विचारक हलइ - एकर साक्षी हलइ ओकर बड़गर, शांत चमक रहल,
आँख। ऊ शांत आउ नम्र हलइ - ई खास करके ओकर मुसकान में अभिव्यक्त होवऽ हलइ, हलाँकि ऊ
विरले मुसकाऽ हलइ, अपन सब क्रिया-कलाप में संतुलन आउ शांति बरतऽ हलइ।
लेकिन
ओकर व्यक्तित्व के सामान्य उदारता आउ आन्तरिक लालित्य, बेहूदा ढंग से ओकर पहनावा के
बाहरी रूप, अर्थात् पोशाक, के विचित्र दोषदर्शिता (cynicism) के साथ प्रतिकूलता
प्रदर्शित करऽ हलइ। ऊ हमेशे एक्के आउ ओहे नानकीन (फीका पीयर रंग के) फ्रॉक-कोट
धारण करऽ हलइ, जेकरा में तम्बाकू के धब्बा, हर तरह के धब्बा से भरल रहऽ हलइ, चिक्कट
(greasy) आउ हद दर्जा
तक जीर्ण-शीर्ण रहऽ हलइ। एकरा अलावे ओकर फ्रॉक-कोट में हमेशे बोताम नञ् लगल रहऽ हलइ,
जेकरा चलते अन्दर के कमीज देखाय दे हलइ आउ छाती से अलगे हो जा हलइ। ई हमर बचपन के लजालु
भावना बहुत प्रभावित होवऽ हलइ। सुडौलपन या सममिति (symmetry) खातिर ओकर चौड़गर
पतलून भी कभियो ठीक से कस्सल नञ् रहऽ हलइ। ग्रिगोरी फ़्योदोरोविच के कन्हा से बगल में
एगो बड़गर भद्दा थैली लटकल रहऽ हलइ, जेकरा ऊ तम्बाकू के थैली कहऽ हलइ; मुँह में एगो
पाइप अटकल रहऽ हलइ, आउ जेकरा ऊ तभिए हटावऽ हलइ जब ऊ सुत्तऽ हलइ चाहे खा हलइ।
पोशाक
के आधार पर सोचतहो हल कि तोहरा सामने कोय प्ल्यूशकिन हइ, जेकर कंजूसी मर्यादा आउ सहज
बुद्धि के सीमा के बाहर चल गेले ह। लेकिन एकर बावजूद ऊ उदार हलइ, क्षुद्र मितव्ययिता
बिलकुल सक्षम नञ् हलइ; सिवाय खुद के, ऊ सब मामले में, सफाई के ध्यान रक्खऽ हलइ आउ लालित्य,
सुविधा पसीन करऽ हलइ। ओकर नौकर-चाकर अपवादात्मक रूप से पोशाक से सुसज्जित आउ संपोषित
(maintained) रहऽ हलइ, घर
शालीनता से साफ-सुथरा नञ् कइल हलइ, लेकिन पूरा ठीक-ठाक हलइ। बाग, जेकरा ऊ खुद लगइलके
हल, बड़ी शानदार ढंग से सजावल गेले हल। आसपास के हरेक चीज ऊ जमींदार (अर्थात् ग्रिगोरी)
के उच्च दर्जा के विकास के साक्षी हलइ, जे हर मामले में अपन साथी लोग से हर तरह से
उपरे हलइ, सिवाय खुद के रहन-सहन के मामले में लापरवाही के।
ओकर
मनोवृत्ति के परिप्रेक्ष्य में कुछ अचरज के बात हलइ कि ततारचुकोव नारी जाति के प्रति
बहुत अनुग्राही (शौकीन) हलइ। बुढ़ापा ओकरा प्रेम प्रकरण में पड़े से बाधित नञ् करऽ हलइ।
ऊ ओकन्हीं में विविधता पसीन करऽ हलइ आउ मौत तक भी स्त्री के प्रति अपन दुर्बलता बरकरार
रखलकइ, आउ ऊ अस्सी साल के उमर में मरलइ।
ऊ
बहत्तर-तेहत्तर बरिस के उमर में दोबारा एगो अल्पवयस्क, आकर्षक बैरोनेस वुल्फ़ (Baroness Wolf)
से शादी कइलकइ आउ ओकरा से एगो बेटी पैदा कइलकइ। ओकर पहिलौकी पत्नी से दू गो
बेटी आउ तीन गो बेटा हलइ। ओकरा में से एगो मिलिट्री सेवा में हलइ, दोसरा मास्को विश्वविद्यालय
में [*39] अध्ययन कर रहले हल, तेसरा, तेरह साल
के बच्चा, कोय शैक्षणिक संस्था में प्रवेश खातिर तैयारी कर रहले हल।
ग्रिगोरी
फ़्योदोरोविच के जायदाद में छो सो आत्मा हलइ, बनिस्पत एक हजार के, जे ऊ अपन पिता के
मौत के बाद प्राप्त करे वला हलइ। मारिया फ़्योदोरोव्ना ओरा हीं से चार सो आत्मा छीन
लेवे में सफल हो गेलइ - एगो अइसन परिस्थिति, जेकरा प्रति ऊ विरक्ति देखइलकइ। ऊ अपन
बहिन के पसीन नञ् करऽ हलइ, लेकिन ई कारण से नञ्, कि ऊ ओकरा लूट लेलके हल, बल्कि ई कारण
से कि दिल आउ विचार से ओकर बिलकुल विपरीत हलइ। ग्रिगोरी फ़्योदोरोविच अपन हैसियत से
संतुष्ट हलइ, आउ, जे आउ अधिक मुख्य हइ, सब कोय ओकरा से संतुष्ट हलइ। ओकर कृषक लोग ओकरा
आदर करऽ हलइ - ओकर क्षेत्र में निम्मन से आउ आजादी से रहऽ हलइ। एक्को अइसन उदाहरण नञ्
हलइ कि ऊ केकरो नराज कइलके हल। ऊ जमाना लगी विरला बोध आउ सत्यनिष्ठा से अकसर हमर पिताजी
से बोलऽ हलइ - "कृषक लोग हमरा प्रति कइसूँ ऋणी नञ् हइ; बल्कि एकर विपरीत, हम ओकन्हीं
प्रति ऋणी हिअइ, काहेकि हम ओकन्हीं के परिश्रम पर जीयऽ हिअइ।"
ततारचुकोव
कोय मूलभूत सुधार (radical reforms) या कायापलट
के सपना नञ् देखऽ हलइ, काहेकि हमन्हीं के ऊ जमाना के सामाजिक प्रणाली के मौलिक बुराई
के रहते ऊ निम्मन से एकरा असंभव समझऽ हलइ आउ ई बात से आश्वस्त हलइ कि ई उद्देश्य खातिर
उठावल हरेक निजी कदम, मौलिक राज्य नीति (आदेश) द्वारा व्यर्थ साबित कर देल जइतइ।
अइसन
परिस्थिति में ऊ एक चीज संभव मानऽ हलइ - तथाकथित, वर्तमान परिस्थिति में, व्यक्तिगत
रूप से भलाई ऊ लोग में, जे ओकर प्रभाव में हइ, आउ ई उदारतापूर्वक, निःस्वार्थभाव से,
बिना कोय थकावट के, अकृतज्ञता से बिन दोलायमान होते, अगर अइसन बात घट जा हलइ, केकरो
से बिन कइसनो प्रशंसा के आशा करते।
ग्रिगोरी
फ़्योदोरोविच सरकारी सेवा में लमगर अवधि तक नञ् रहलइ आउ सूबेदार (ensign) के रैंक पर सेवानिवृत्त हो गेलइ। ओकरा में लेशमात्र
भी महत्त्वाकांक्षा नञ् हलइ।
[1] As early as 1721 Peter I decreed
that family members must not be sold apart from one another, and in the nineteenth
century Nicholas I twice forbade selling unmarried children away from their
parents. Nevertheless, forced separations continued. Peter Kolchin, Unfree
Labor: American Slavery and Russian Serfdom (Cambridge: Belknap Press of
Harvard University Press, 1987), 117–119. In 1804 Count Sheremetev issued an
order forbidding serfs to purchase widows and girls. Nevertheless, at the
beginning of the nineteenth century, on the Sheremetev estate in Ivanovo,
Vladimir province, a trade in the sale of girls in the marketplace developed.
They were brought for sale from Ukraine, and many wealthy serfs of Count
Sheremetev bought them in the pomeshchik’s name. K. N. Shchepetov, Krepostnoe
pravo v votchinakh sheremetevykh (Moscow: Trudy Ostankinskogo Dvortsa-Muzeya,
1947) 2: 103–104.
[2] Advertisements listed serfs for
sale in the Moscow News (Moskovskie Vedomosti) in 1797. For details, see:
Daniel H. Kaiser and Gary Marker, Reinterpreting Russian History: Readings,
860–1860s (New York: Oxford University Press, 1994), p. 295.
[3] सम्राट् अलिक्सान्द्र प्रथम
(1775–1825) के शासन काल 1801 से 1825 हलइ।
[4] Alexander Petrovich Sumarokov
(1718–1777), one of the leading writers of the eighteenth century, wrote in
many genres. Not only did he write plays, but he composed two operas, fables,
comic odes, songs, etc., and was also a journalist.
[5] Nikolai Ivanovich Novikov
(1744–1818) was a journalist, editor, and publisher of a series of journals
that were shut down by Catherine the Great because of their liberal content. He
condemned the system of serfdom. He was arrested and imprisoned until the death
of Catherine.
[6] Nikolai Gavrilovich Kurganov (1725
or 1726–1796), educator and writer, embraced the philosophy of the
Enlightenment, an eighteenth-century movement that encouraged the questioning
of traditional values and doctrines, emphasized the free use of reason,
inclined toward individualism, and attacked intolerance, dogmatism, censorship.
[7] Fyodor Alexandrovich Emin
(1735–1770), author of tales of romance and adventure, was the first Russian
author of prose fiction to spurn anonymity.
[8] Mikhail Matveyevich Kheraskov
(1733–1807) was a prolific writer who wrote in all the genres characteristic of
that period. In his day he was known as the Russian Homer.
[9] Mikhail Vasilyevich Lomonosov
(1711–1765), of humble origin, was one of the foremost minds of the Enlightenment.
He was a scholar and a scientist. In two works, Rhetoric (1748) and Grammar
(1757), he established rules for the Russian language.
[10] Denis Ivanovich Fonvizin
(1745–1792) was the leading Russian playwright of the eighteenth century. His
satires hold the stage even today. Fonvizin contended that a writer should be
“the first guardian of general welfare and raise his voice against abuses and
prejudices.”
[11] Garvriil Romanovich Derzhavin
(1743–1816), from an impoverished noble family, was the greatest Russian poet
of the eighteenth century. “Felitsa,” a satirical ode to Catherine the Great,
won her favor. A classical poet, he became poet laureate and held high
government posts.