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Monday, January 20, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 3


[*12] 3. हमर पिताजी के सत्य स्थापित करे लगी पहिला प्रयास हुआँ परी, जाहाँ ओकरा कोय नञ् चाहऽ हइ, आउ एकर कीऽ परिणाम निकसलइ
विवाह के बाद हमर पिताजी पहिलहीं नियन अपन माता-पिता के साथ रहे के इरादा कइलथिन, लेकिन तुरतम्मे समझ में आ गेलइ कि ई असंभव हइ। उनकर माय कइसूँ ऊ आघात के क्षमा नञ् कर सकलथिन, जे उनकर महत्त्वाकांक्षा पर पहुँचले हल, आउ एगो जबरदस्त औरत के रूप में अपन नराजगी स्पष्ट रूप से व्यक्त कर दे हलइ। आउ सब कुछ भोगे पड़ऽ हलइ, निस्सन्देह, हमर भावी माय के। न तो नवयौवन, न ओकर सौन्दर्य, न बिन शर्त वला नम्रता (आज्ञाकारिता) - कुच्छो हमर मम्मा स्तिपानोव्ना के द्रवीभूत कर सकलइ। पिताजी के या तो अनुचित अपमान आउ तिरस्कार के एगो मूक दर्शक बनके रहे के हलइ, जे उनकर अर्धांगिनी के रोज दिन सहे पड़ऽ हलइ, चाहे खुद के घर में रहना शुरू कर देवे के चाही हल। ऊ दोसरौका के चुनलथिन। उनकर वेतन कम मिल्लऽ हलइ; लेकिन अकिक्सेयेव्का में सब कुछ सस्ता हलइ, आउ उनकर परिवार के आवश्यकता साधारण हलइ - कोय बिन तरद्दुद के ऊ एगो छोटगर गृहस्थी स्थापित करे में सफल हो गेलथिन। नवयौवन, सापेक्षिक संतोष, प्रेम से गरम कइल घरेलू अंगीठी (fireplace), आउ मुख्य रूप से - थोड़े सुनी में संतोष आउ भविष्य में विश्वास ऊ कइलकइ, जेकरा से हमर पिताजी तत्काल रूप से खुद के सुखी समझलथिन। उनकर जिनगी के ई पल के स्वर्णकाल कहल जा सकऽ हइ, उनकर अस्तित्व के रमणीय (idyllic) अवधि। लेकिन रमणीयता अल्पकालीन हलइ - ऊ त्वरित गति से एगो अइसन नाटक में बदल गेलइ, जेकर कष्टदायक समाप्ति उनका कब्र के छोर पर पहुँचा देलकइ।
हमर पिताजी के सामाजिक कामकाज के निश्चित रूप धारण करे में जादे समय नञ् लगलइ। हेड कलर्क के हैसियत से पहिलौके कुछ कदम से कमजोर लोग के रक्षक आउ बरियार लोग के दुश्मन के भूमिका अदा कइलथिन। घटना के शृंखला चालू होलइ, जेकरा में अनुचित दावा में प्रतिवाद करे आउ दुरुपयोग (घोटाला) के जाँच-पड़ताल में दृढ़ता बरते में उनकर द्वंद्वात्मक दक्षता (dialectical skill) बहुत स्पष्ट रूप से प्रकट होलइ। ई दुश्मन लोग के सतर्कता बढ़ा देलकइ आउ ओकन्हीं के क्रोध के प्रज्वलित कइलकइ। जबरदस्त लड़ाई चालू हो गेलइ। दुर्भाग्यवश, हमर पिताजी बिलकुल अकेल्ले हलथिन। उनकर दिमाग में खुद लगी मित्र दल निर्माण करे, एक प्रकार के पार्टी निर्माण करे के विचार नञ् घुसलइ। ऊ व्यावहारिक बुद्धिमानी के मामले में कुछ नञ् समझऽ हलथिन, जे जोश पर विजय पावऽ हइ आउ खुद में जोश पर नियंत्रण रक्खऽ हइ, लेकिन अपन नवजवानी के अनुभवहीनता में सोचऽ हलथिन कि सत्य के पक्ष में अपन अवाज उठाना काफी हइ, आउ निस्सन्देह ओकर जीत होतइ। बादो में अनुभव के पाठ भी उनका एकरा बारे कुछ नञ् सिखइलकइ।
रूसी सरकार द्वारा रंगरूट के चयन खातिर घोषणा कइल गेलइ। वोतचिना (पैतृक जागीर) के मालिक सब के एक निश्चित संख्या में रंगरूट सप्लाई करना आवश्यक हलइ। प्राधिकारी लोग एकर नियम के ड्राफ्ट में अइसन चालबाजी कइलकइ कि धनी लोग के, जेकरा तीन-चार प्रौढ़ बेटा हलइ, कइएक बहाना के आधार पर ई सामाजिक भार से मुक्ति दे देल गेलइ, जेकरा चलते ई भार खाली गरीब लोग पर पड़लइ। कइएक परिवार एकमात्र सहारा से वंचित हो गेलइ - कइएक शादीशुदा लोग के सिर भी मूँड़ देल गेलइ (अर्थात् रंगरूट में चयनित कर लेल गेलइ)। ई अन्याय पिताजी के क्रोधित कर देलकइ। ऊ जोश के साथ एगो विधवा के पक्ष में खड़ी होलथिन, जेकरा हीं से एकमात्र बेटा आउ सहारा के ले लेल गेलइ। लेकिन उनकर विरोध के कोय परिणाम नञ् निकसलइ। [*13] तब ऊ सीधे काउंट के लिख करके उनका सब घोटाला के प्रकट कर देवे के फैसला कइलथिन।
भयंकर तहलका मचलइ। काउंट के तरफ से इंस्पेक्टर अइते गेलइ; जइसन कि दस्तूर हलइ, अव्यवस्था के छानबीन करे आउ भविष्य में अइसन घटना नञ् होवे एकरा लगी कदम उठावे लगी अधिकृत होके। सदाचार के ई सब आदरणीय रक्षक, सबसे पहिले, दोषी लोग से भारी घूस लेलकइ, आउ बाद में ओकन्हीं के नञ् खाली सही, लगभग संत, घोषित कइलकइ, बल्कि हमर पिताजी के तहलका मचावे के दोषी घोषित करके एगो दुष्प्रचारक (slanderer) के मान्यता देलकइ। उनका ड्यूटी से बर्खास्त कर देल गेलइ, आउ काउंट के आगू के निर्देश आवे तक जेल में डाल देल गेलइ। लेकिन पिताजी हार नञ् मनलथिन। ऊ दुश्मन लोग के अपन चलाँकी से मात देवे के प्लान बनइलथिन आउ ओकन्हीं के रिपोर्ट काउंट के पास पहुँचे के पहिलहीं अपन रिपोर्ट भेजे के। लेकिन ई कइसे कइल जाय? एगो महत्त्वपूर्ण सामाजिक अपराधी के रूप में उनका पर सख्त पहरा रक्खल गेलइ आउ उनका न तो कागज-कलम आउ न स्याही देल गेलइ। हमर माय उनका भिर ई सब कुछ पहुँचावे के उपाय ढूँढ़ लेलकइ। ओकरा कैदी से मिल्ले लगी अनुमति देल गेलइ, आउ अइकी ऊ, अपन एक भेंट के दौरान, उनका कागज पहुँचा देलकइ, जे ऊ अपन टोपी में बारीकी से तह करके लइलके हल। ऊ जमाना में लघु रूसी के ई शिरोवस्त्र (headdress) में बहुत जगह होवऽ हलइ, जेकर उपरे वला हिस्सा लचीला होवऽ हलइ। हुएँ परी ऊ कलम छिपा लेलके हल, आउ स्याही के दवात के पावरोटी के एगो मोटगर टुकड़ा में!
दू दिन बाद पिताजी द्वारा भोगल जा रहल उत्पीड़न के वर्णन के साथ पत्र, काउंट के पास पहुँचे लगी रस्ता में हलइ। विरोधी लोग अभी होश में भी नञ् आ पइले हल, कि केस के आगू बढ़ावे के सब योजना के रोक देवे के सख्त औडर अइलइ कि हमर पिताजी के मुक्त कर देल जाय आउ उनका व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण देवे खातिर मास्को भेज देल जाय। पिताजी के विरोधी लोग पर एगो बड़गो धक्का लगलइ, आउ हमर पिताजी के मन में बड़गो आशा बँध गेलइ। लेकिन ई आशा तेजी से बिखर गेलइ।
ई सच हइ कि काउंट उनकर बात ठीक से सुनलथिन, लेकिन विरोधी पक्ष के निंदा पर आउ अधिक अनुग्रहपूर्ण दृष्टि से। पिताजी एगो चंचल, उत्तेजक मन के व्यक्ति घोषित कइल गेलइ, जे मानवता के कल्याण पर अधिक प्रसन्न होवऽ हइ, न कि काउंट लोग के। आखिर अभागल पिताजी के बेड़ी में जकड़के वापिस बस्ती में लावल गेलइ, जाहाँ परी स्थानीय प्राधिकारी के निगरानी में रहे के औडर देल गेलइ। हियाँ से उनकर कष्ट के शृंखला शुरू होलइ - अपमान, अत्याचार आउ हर तरह के वंचन (सुविधा के कमी, deprivations)।
सबसे पहिले तो दैनिक रोटी के बारे सोचे पड़लइ। पिताजी ऊ सब कुछ अपन स्मृति में संग्रह कइलथिन, जे मास्को में सिखलथिन हल आउ पुस्तक वाचन से प्राप्त कइलथिन हल, आउ अपन ज्ञान के छोटका भंडार के सदुपयोग करे के निर्णय कइलथिन। अलिक्सेयेव्का से लगभग पनरह विर्स्ता दूर एगो छोटगर गाम में अवदोत्या बरीसोव्ना अलिक्सान्द्रोवा नाम के एगो जमींदारिन रहऽ हलइ। ई नामी-गिरामी व्यक्तित्व, वर्तमान शताब्दी के शुरुआत के रूसी महिला जमींदार के प्रतिरूप (type) के चुपचाप उपेक्षा नञ् कइल जा सकऽ हइ। एकरा सिवाय ऊ हमर धर्ममाता (godmother) हलइ। हम ओकरा करीब चालीस साल से आद करऽ हिअइ। उँचगर कद, काफी भरा-पूरा देह, रूखा चेहरा आउ मरद के होशियारी वली, अपन कठोर चाल-चलन आउ आदेशात्मक व्यवहार से अप्रिय ढंग से हक्का-बक्का कर दे हलइ। ऊ एगो कुलीन महिला नियन रहऽ हलइ, हलाँकि ओकर संसाधन बड़गर नञ् हलइ। ओकरा हीं अकसर अतिथि एकत्र होते जा हलइ, विशेष रूप से पास में ठहरावल रेजिमेंट के अफसर लोग। अफवाह हलइ कि ऊ ओकन्हीं के नञ् खाली भरपेट भोजन आउ पेय से सत्कार करऽ हलइ, बल्कि अपन क्षीण हो रहल सौन्दर्य से भी। ओकर शिक्षा पढ़े-लिक्खे भर से जादे नञ् गेलइ, आउ सज्जे सँवरे लगी सिक्खे से आउ ऊ जमाना के रीति-रिवाज आउ फैशन के मोताबिक अपन आचार-व्यवहार के एगो जमींदारिन नियन बरकरार रक्खे से। लेकिन ओकर मिथ्याभिमान बड़गो हलइ। ऊ ऐशो-आराम में डुब्बल रहऽ हलइ, आउ ओहे से खुद  अपन जागीर के प्रबंधन में मोसकिल से कुछ हिस्सा ले हलइ, आउ घरबार के काम-काज बराहिल, भंडारी, गृहप्रबंधक (steward, butler, housekeepers) इत्यादि से करवावऽ हलइ।
ई सामंती महिला के एगो निरंकुश शासक के सब गुण हलइ। ऊ कइएक सो गुलाम के मालकिन हलइ, लेकिन खुद अपन बुरा प्रवृत्ति के गुलाम हलइ। ओकर अधीन अभागल लोग खातिर चाभुक आउ राक्षसी के रूप में, ऊ विशेष रूप से घरेलू नौकर-चाकर लगी आतंक हलइ, जे बाकी सब के अपेक्षा ओकर आँख के सामने जादे अकसर रहऽ हलइ। हमर ओकर स्मृति खाली हमर बचपन के दिन तक सीमित हइ। लेकिन हमर स्मृति सजीव हइ कि कइसे ऊ अपन प्रिय नौकरानी, पेलऽगेया, के अपन हाथ से बेलना से पिट्टऽ हलइ, कि कइसे दोसर नौकरानी सब के गाल पर थप्पड़ मारऽ हलइ, कि कइसे ओकर दोसर नौकरानी, दुन्याशा, जेकर सिर मूँड़ देल गेले हल, गरदन में जुआ के साथ कइएक दिन तक चल्लऽ-फिरऽ हलइ, कि कइसे अपन सब (नौकरानी) लड़कियन के बिच्छू-बूटी (nettles) से मारऽ हलइ। अइसन बात, लेकिन, केकरो क्रोधित नञ् करऽ हलइ - ऊ जमाना में अइसन रिवाज हलइ।
चार बुतरू के माय, अवदोत्या बरीसोव्ना दौड़धूप करके हमर पिताजी के खुद के हियाँ आके बस जाय लगी अनुमति प्राप्त कर लेलकइ, ताकि ऊ ओकर घर में एगो शिक्षक के काम कर सकथिन। ओहे से हम सब उदारोव्का जाके बस गेते गेलिअइ। अगर हमरा गलतफहमी नञ् हइ, त ई घटना सन् 1802 के हइ।
ई गाम रमणीय वातावरण लगी प्रसिद्ध हलइ। ई जमींदारिन के कोठी एगो उँचगर पहाड़ी पर हलइ, जेकर तलहटी में तिख़ायऽ सोसना नदी बहऽ हइ। पहाड़ी के चोटी पर से शुरू करके, एकर ढलान के समानांतर आउ ठीक नद्दी तक एगो शानदार बगीचा हलइ, जेकरा में कइएक फलदार पेड़ आउ शताब्दी-शताब्दी पुरनकन बलूत (oaks) हलइ। नद्दी के दोसरा तरफ, बहुरंगी फूल से भरल हरा-भरा घास के मैदान हलइ, जेकरा में रमणीय भिसा (willow) आउ नम्रा (pussy-willow) के समूह बिखरल हलइ। नद्दी के एक मनोहर मोड़ पर पनचक्की (water mill) हलइ। आसपास में पानी के फेन आउ बुलबुला उठ रहले हल, जलप्रपात के दूर के शोरगुल पहाड़ी के चोटी तक पहुँच रहले हल। कोठी के सामने पहाड़ी पर गाम फैलल हलइ। हमर पिताजी के एगो छोटगर लेकिन साफ-सुथरा मकान देल गेलइ, जे बाग के लगले हलइ। आउ हिएँ परी हम ई दुनियाँ में अवतरित होलिअइ, उदरोव्का में हमर माता-पिता के बस गेला के दोसरा या तेसरा साल, अर्थात् सन् 1804 या 1805 में।

Friday, January 17, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 2

अध्याय-2. हमर माता-पिता
हमर पिताजी के बचपन के पहिलौका साल के कुछ जानकारी हमरा तक पहुँचलइ। जब ऊ एगारह या बारह साल के हलथिन, त अलिक्सेयेव्का में काउंट शेरेमेतेव के एगो बराहिल (ऐजेंट) पहुँचलइ, गिरजाघर में गायक मंडली खातिर लड़कन के चयन लगी। पिताजी के उच्च स्वर (treble, descant, soprano voice) बहुत निम्मन हलइ, आउ उनका मास्को [*5] भेज देल गेलइ, काउंट के गिरजाघर के गायक मंडली (choir) में प्रवेश खातिर, जे तखनियों अपन कलाकारी लगी प्रसिद्ध हलइ।
ऊ जमाना के काउंट शेरेमेतेव, निकोलाय पित्रोविच, शानदार आउ ठाट-बाट के जिनगी जीयऽ हलइ, साम्राज्ञी एकातेरिना II के शासनकाल में एगो वास्तविक विशिष्ट व्यक्ति नियन। ऊ खाली एतने के योग्य हलइ। ई प्रसिद्ध युग के एक्को महत्त्वपूर्ण घटना में ओकर नाम नञ् मिल्लऽ हइ। समकालिक लोग के स्मृति में खाली एक भव्य उत्सव रह गेलइ, जे मास्को के उपनगरीय क्षेत्र में अवस्थित एगो पैतृक जागीर में ऊ दरबार खातिर आयोजित कइलके हल, जब ई (दरबार) मास्को में भेंट देलके हल। ऊ चीफ़-चैम्बरलेन (chief chamberlain, मुख्य शाही गृह-प्रबंधक) हलइ, लेकिन जे ओकरा न तो नैतिक आउ न बौद्धिक महत्त्व देलकइ - ऊ हमेशे खाली एगो शानदार आउ नगण्य दरबारी रहलइ। अपन जागीरदार (vassals) लोग के बीच ऊ एगो बरबाद आउ मनमौजी निरंकुश मालिक हलइ, स्वभाव से क्रूर तो नञ्, लेकिन अपन धन-दौलत से अत्यधिक भ्रष्ट। ऐशो-आराम में डुब्बल, ऊ कइसनो कानून नञ् जानऽ हलइ, सिवाय अपन सनक के। अतितृप्ति, आखिर, ओकरा हियाँ तक पहुँचा देलकइ कि ऊ खुद से नफरत करे लगलइ आउ खुद लगी ओइसने भार बन गेलइ, जइसन ऊ दोसरा लगी हलइ। ओकर विशाल धन-दौलत में एक्को चीज अइसन नञ् हलइ, जे ओकरा खुशी दे सकऽ हलइ। सब कुछ ओकर मन में खाली नफरत पैदा करऽ हलइ - महँगा भोजन, पेय, कला के वस्तु, अनगिनत नौकर-चाकर के चाटुकारिता, जे आतुर रहऽ हलइ ओकर इच्छा के आभास लगी - कि कहीं आउ कुछ तो उनका (मालिक के) नञ् चाही। आउ आखिर में, प्रकृति ओकरा अपन सबसे बहुमूल्य वरदान (आशीर्वाद) से वंचित कर देलके हल, नीन, जेकरा लगी, जइसन कि ऊ खुद्दे कहऽ हलइ, ऊ करोड़ो देवे लगी तैयार हलइ, हियाँ तक कि अपन समुच्चे जागीर के आधा भी।
अपन मौत के पाँच या छो साल पहिले ऊ एगो लड़की के प्यार में पड़ गेलइ, जे ओकर खुद के घरेलू थियेटर के अभिनेत्री हलइ, जे हलाँकि ओतना विशेष सुन्दर तो नञ् हलइ, तइयो एतना चलाँक हलइ कि ओकरा खुद से शादी करे लगी बाध्य करे में सफल हो गेलइ। कहल जा हइ कि ऊ बहुत दयालु भी हलइ आउ ऊ खाली ई दयनीय पागल के शांत आउ नियंत्रित कर सकऽ हलइ, जे खुद के कइएक हजार आत्मा के मालिक समझऽ हलइ, लेकिन खुद सँभार नञ् पावऽ हलइ। पत्नी के मौत पर, शायद, पूरा पागल हो गेलइ, कहूँ बाहर नञ् निकसऽ हलइ आउ परिचित लोग में से केकरो से नञ् मिल्लऽ हलइ। ओकरा बाद ओकर एगो बहुत कम उमर के बेटा रह गेलइ, काउंट द्मित्री (Dmitry)। एकर लालन-पालन में सक्रिय भाग लेलथिन त्सारिना  मारिया फ़्योदोरोव्ना।[1] लेकिन प्रकृति, दोसर मामले में ओकरा प्रति उदार रहलो पर, ओकरा विशेष योग्यता से वंचित कर देलकइ, आउ ओकरा बारे सब तरह के ध्यान देल गेला पर भी, ऊ न तो अपन अध्ययन में आउ न सामान्य विकास में आगू बढ़ पइलइ।


ई तरह से हमर पिताजी गिरजाघर के गायक मंडली (choir) में भरती हो गेलथिन (जब ज्येष्ठ शेरेमेतेव उनकर मालिक हलइ)। ई गिरजाघर (chapel) में एगो स्कूल हलइ, जाहाँ परी, संगीत के अलावे, अल्पवयस्क गायक लोग के पढ़े-लिक्खे लगी सिखावल जा हलइ। पिताजी असाधारण प्रतिभा प्रदर्शित कइलथिन ऊ सब चीज में, जे उनका पढ़ावल गेलइ। स्कूल आउ गायन के अतिरिक्त समय में ऊ बहुत पढ़ऽ हलथिन आउ विभिन्न तरह के ज्ञान अर्जित कइलथिन, अपन हैसियत से बहुत उँचगर। एकरा अलावे ऊ फ्रेंच भी सिखलथिन। उनका सब कोय मानऽ हलइ, नञ् खाली बुद्धि आउ प्रतिभा के कारण, बल्कि उदारता, सजीव आउ मनोहर आचरण के कारण भी। जल्दीए ऊ अपन साथी लोग के बीच प्रथम हो गेलथिन आउ काउंट शेरेमेतेव के जानकारी में भी आ गेलथिन।
भावपूर्ण आवेश में आउ कृतज्ञतापूर्वक बाद में ध्यान आउ दुलार लगी ऊ आद करऽ हलथिन, जे उनका प्रसिद्ध आउ अभागल देग्त्यारेव्सकी दे हलइ, [*6] जे कुछ समय बाद मर गेलइ, अत्यन्त कष्ट में, जेकरा कोय न तो समझलकइ आउ न बँटलकइ। ऊ पृथ्वी पर के अइसन भयंकर परिस्थिति के एगो शिकार हलइ, जब प्राकृतिक वरदान आउ आत्मिक श्रेष्ठता कोय व्यक्ति के भाग्य में मानुँ खाली उपहास आउ अपयश लगी मिल्लऽ हइ। प्रतिभा आउ दासता देग्त्यारेव्स्की के बरबाद कर देलकइ। ऊ पैदा होले हल कला के प्रति दृढ़ प्रवृत्ति के साथ - ऊ जन्मजात संगीतकार हलइ। ओकर असाधारण प्रतिभा जल्दीए विशेषज्ञ लोग के ध्यान ओकरा दने आकृष्ट कइलकइ, आउ ओकर मालिक, काउंट शेरेमेतेव, ओकर शिक्षा-दीक्षा के खरचा-बरचा देलकइ।  उत्तम शिक्षक लोग देग्त्यारेव्स्की के संगीत सिखइलकइ। आउ बेहतर प्रशिक्षण खातिर ओकरा इटली भेजल गेलइ। ओकर संगीत के रचना हुआँ परी ओकरा बहुत प्रसिद्धि देलकइ। लेकिन, पितृभूमि में लौटला पर, ओकरा कठोर जालिम से पाला पड़लइ, जे प्रति व्यक्ति कर (per capita tax) लगी कइल गेल संशोधित जनगणना के अनुसार प्रतिभाशाली व्यक्ति के आत्मा पर कानूनी अधिकार जताके, बिन कोय शर्त के ओकर रचनात्मक प्रतिभा के भी हथियाऽ लेवे लगी चहलकइ - ऊ ओकरा पर अपन लौह हस्त (iron hand) डाल देलकइ (अर्थात् काउंट अपन दास-संगीतज्ञ पर बहुत कड़ाई से पेश आवे लगलइ)।
देग्त्यारेव्सकी कइएक सुन्दर नाटक लिखलकइ, मुख्य रूप से आध्यात्मिक गायन खातिर। ऊ सोचऽ हलइ कि एकरा से ओकरा स्वतंत्रता मिल जइतइ। ऊ तरसऽ हलइ, ऊ खाली स्वतंत्रता लगी निवेदन करऽ हलइ, लेकिन ई नञ् मिलला से, शराब में अपन दुख के भुलावा खोजे लगलइ। ऊ बहुत पीअइ आउ अकसर, ओकरा अपमानजनक दंड देल जाय, फेर से पीअइ। आउ आखिर मर गेलइ, जब ऊ सामूहिक गायन खातिर हृदयस्पर्शी प्रार्थना लिख रहले हल। ओकर रचनावली में से कुछ तो चर्च संगीत के प्रेमी के बीच अभियो तक प्रसिद्ध हइ।
ई दौरान हमर पिताजी के गला के अवाज बदल गेलइ। ऊ सतरह बरिस के हो गेलथिन हल, जब काउंट के प्रशासनिक प्रथा के अनुसार, उनका एक जागीर में क्लर्क के काम खातिर भेज देवे के निर्णय कइल गेलइ। उनका उनकर मातृभूमि भेजल गेलइ, आउ चूँकि योग्यता आउ आचरण के अनुसार उनका उत्कृष्ट लोग में गिनल जा हलइ, ओहे से उनकर उमर कम होवे के बावजूद, उनका अलिक्सेयेव्का में हेड क्लर्क के मुख्य पद देल गेलइ।
अलिक्सेयेव्का एगो बड़गो आउ घना अबादी वला बस्ती हलइ। हुआँ लगभग सात हजार लोग रहऽ हलइ।
एकरा अलावे, लगभग नब्बे विभिन्न छोट्टे-बड़गो गाम एकर हिस्सा मानल जा हलइ, जेकरा से कुल अबादी बढ़के बीस हजार से कुछ जादहीं हो जा हलइ। ई बस्ती में दोहरा प्रशासन हलइ। कुछ के नियुक्ति काउंट द्वारा कइल जा हलइ, अर्थात् - प्रबन्धक (मैनेजर), हेड क्लर्क आउ मुखतार (एटॉर्नी)। बाकी ओब्षिना (कम्यून) द्वारा निर्वाचित होवऽ हलइ जेकरा अतऽमान कहल जा हलइ। ई दुन्नु समूह के समुच्चे स्टाफ, तथाकथित वोतचिना प्रशासन, अथवा ज़ेम्स्की या ज़ेम्स्त्वो (Zemstvo), के स्टाफ होवऽ हलइ, जेकरा में हेड क्लर्क, सब तरह के मामला के हाकिम रहऽ हलइ। आखिर में, एगो आउ प्राधिकारी वर्ग होवऽ हलइ - कम्यून असेंबली, जेकरा रूसी में मीर (Mir), वेचे (Veche) अथवा लघु रूसी (Little Russian, White Russian, or Ukrainian) में ग्रोमादा (Gromada, Assembly) कहल जा हलइ। एकर जिम्मेदारी रहऽ हलइ समुच्चे वोतचिना  के कल्याण आउ व्यवस्था से संबंधित समस्या पर निर्णय करना - वित्तीय मामला, मिलिट्री सेवा में रंगरूट के भरती आदि।
अइसन कार्य खातिर प्रशासन स्थापित कइल हलइ, लेकिन व्यवहार में ई दोसरे तरह के हलइ। सब तरह के प्रशासनिक शक्ति काउंट के बराहिल (ऐजेंट या प्रबन्धक, steward) के हाथ में केन्द्रित हलइ, आउ सामाजिक झरना आउ वस्तु सब के चलावे वला शक्ति हलइ धनी निवासी, तथाकथित मिषाने (मध्यमवर्गीय लोग)  के हाथ में। ई मिषाने लोग मुख्य रूप से व्यापारी हलइ, आउ ओकन्हीं में से कइएक लोग के पास बहुत पैसा हलइ, दू लाख या एकरो से जादे रूबल। ओकन्हीं के व्यापार के वस्तु हलइ अनाज, चर्बी आउ चमड़ा। ओकन्हीं के स्वभाव [*7] निम्मन नञ् होवऽ हलइ। ई सब पतित लघु रूसी लोग हलइ, चाहे, जइसन कि ओकन्हीं के व्यंग्य में कहल जा हलइ, पिरिव्योर्तकी (पूर्णतः बदलल, कायापलट होल), जे मस्काल[2] लोग से खाली बुराई अपनइलके हल। अपन धन से फुल्लल, ओकन्हीं खुद से निच्चे के लोग, अर्थात् खुद के अपेक्षा जादे गरीब लोग, के घृणा करऽ हलइ, बहुत जादे ठगी के काम करऽ हलइ आउ अपन समृद्धि लगी ठगी के ऋणी हलइ। ओकन्हीं ठाट-बाट के जिनगी जीयऽ हलइ, शहरी लोग के नकल करे के प्रयास करते, भव्य झुपान[3] धारण करऽ हलइ, लघु रूसी आउ रूसी कट के मिश्रण करके; अकसर शराब के महफिल आयोजित करऽ हलइ, अपन घर के अलंकृत करऽ हलइ, लेकिन फीका होवऽ हलइ। ओकन्हीं के पत्नी आउ बेटी धारण करऽ हलइ हद से जादे फैशनदार महीन कपड़ा के कुन्तूश[4], स्वर्ण के कशीदाकारी कइल ओचिपोक (टोपी), बाह्यवस्त्र के रूप में घंघरा, विशेष करके नमिस्तो (हार, कंठहार), जे बेशकीमती बड़गर मूँगा (प्रवाल) के साथ चानी आउ सोना के क्रॉस आउ अशरफ़ी (ducats) से जइसे-तइसे मिश्रित रहऽ हलइ।
वास्तविक लघु रूसी ढंग के आदमी, रिवाज, प्रथा आउ रहे-सहे के तरीका लगभग खास करके (अलिक्सेयेव्का के बाहर) फार्म में पावल जा हलइ। हुआँ परी रीति-रिवाज के वास्तविक होमरी [Homeric, अर्थात् आदिम] सरलता देखल जा सकऽ हलइ - नेकदिली, ईमानदारी आउ निःस्वार्थ आतिथ्य, जेकरा लगी लघु रूसी लोग हमेशे से प्रसिद्ध रहले ह। चोरी, धोखा, मास्को के साहस, मक्कारी - ई सब ओकन्हीं लगी अनसुन्नल चीज हलइ। मस्काल, ओकन्हीं के समझ के मोताबिक, खुद में ई सब विशेषता एगो गारी वला शब्द हलइ।
ई सब देहाती कृषक, अपन पितृसत्तात्मक (patriarchal) सरलता में, सभ्य समाज के बुराई से अनजान, अपन माँग में संतुलित (moderate) ,  संसार में बहुत निम्मन जमीन के मालिक होल आउ जमींदार के छोटगर ओब्रोक (कर, टैक्स) देके, बिलकुल खुशहाल जिनगी जीते हल, अगर ओकन्हीं के धनी मिषाने अर्थात् मध्यवर्गीय लोग नञ् दबइते हल। दुर्भाग्यवश, हियों परी, जइसन कि अकसर होवऽ हइ, धन-दौलत के मतलब शक्ति हलइ, जे कुछ लोग लगी दोसरा के सतावे खातिर काम आवऽ हलइ। मिषाने कइएक तरह से कृषक लोग के अपमानित करऽ हलइ - ओकन्हीं कभी अपन शक्ति से कृषक लोग के अधीन करे के प्रयास करऽ हलइ, त कभी ओकन्हीं के उपजाऊ जमीन के प्लॉट चाहे जंगल हथियाऽ ले हलइ, त कभी सामाजिक भार ओकन्हीं पर थोप दे हलइ, जेकरा खुद्दे नञ् ढोवे लगी चाहऽ हलइ। ई सब कुछ बिना सजा के होवऽ हलइ। काउंट के बराहिल सब खाली एहे सोचऽ हलइ कि कइसे जादे से जादे पैसा बनामूँ, आउ लोग में से निर्वाचित सब, यानी ग्रोमादा (कम्यून असेंबली) में ओहे मिषाने में से रहऽ हलइ, जे ग्रोमादा में चुनाव आउ वोट दुन्नु के व्यवस्था करऽ हलइ।
बस्ती में एगो आउ विशेष आउ बहुसंख्यक वर्ग के लोग रहऽ हलइ - शिल्पकार वर्ग - दर्जी, मोची, पीपा या बैरेल बनावे वला (coopers), लोहार इत्यादि। ओकन्हीं अब खेती नञ् करऽ हलइ, लेकिन अपन बनावल सामान के गाम आउ शहर के मेला में सप्लाई करऽ हलइ। ई सब औद्योगिक भ्रमण के दौरान ओकन्हीं के मस्काल लोग से पाला पड़ जा हलइ, ओकन्हीं मस्काल लोग के निडरता से संक्रमित हो गेते गेलइ आउ अधिकतर एक नम्बर के धूर्त बन गेलइ।
त अइसन हलइ समाज जेकर बीच रहके काम करे लगी पिताजी के पहिले तुरी बोलावल गेलइ। ध अलिक्सेयेव्का, शायद, सन् 1800 या 1801 में पहुँचलथिन। उनका तखने अभी-अभी अठारह बरिस के उमर होले हल। मिषाने उनकर दुर्भावपूर्ण स्वागत कइलकइ। अल्पवयस्कता के कारण उनका ओकन्हीं घृणा करऽ हलइ आउ उनका ओबषिना (कम्यून) के प्रशासन में भाग लेवे के योग्य नञ् समझऽ हलइ। लेकिन ओकन्हीं जल्दीए शांत हो गेलइ, ई समझके, कि ओकन्हीं लगी ओकरा में एगो नम्र औजार मिल जइतइ। लेकिन पिताजी के दिमाग में आउ कुछ हलइ। प्रतिभा के साथ-साथ प्रकृति उनका उत्साही, परोपकारी आउ भावुक हृदय देलके हल। [*8] ऊ अइसन व्यक्तित्व में से एक हलथिन, जेकन्हीं के सारी जिनगी अपन चारो तरफ के अव्यवस्था से संघर्ष करे आउ अन्त में एकर शिकार होवे के भाग्य में बद्दल रहऽ हइ। जइसन कि हम पहिलहीं ल्लेख कइलिअइ, ऊ बहुत कुछ स्वाध्याय से शिक्षा प्राप्त कइलथिन, लेकिन दुर्भाग्यवश, बौद्धिक आउ नैतिक रूप से ऊ लोग से बिलकुल अलग हलथिन, जेकन्हीं साथ उनका रहे पड़लइ आउ जेकन्हीं पर उनका निर्भर रहे पड़लइ। उनकर शिक्षा अनियमित हलइ, बिन कोय सिस्टम के आउ उनकर पेशा से मोसकिल से संबंधित। व्यावहारिक अर्थ से वंचित, ई खाली उनकर कल्पना के प्रज्वलित करऽ हलइ, सिर के विचार से भर दे हलइ, जे आसपास के वास्तविकता से मेल नञ् खा हलइ, आउ ओहे से, जे गर्त आउ गंदगी से उनका गुजरे के भाग्य में बद्दल हलइ ओकरा में ऊ मार्गदर्शन नञ् कर पइलकइ। उनकर शिक्षा उत्तम आउ अप्रत्याशित, लेकिन उनकर भाग्य के हानिकारक वरीयता (advantage) हलइ।
हमर पिताजी के अपन परिस्थिति के समझ बिलकुल नञ् हलइ। हियाँ तक कि देग्त्यारेव्स्की के उदाहरण से भी ऊ कुछ नञ् सीख पइलथिन। ऊ खाली इतिहास आउ उपन्यास के हीरो से परिचित हलथिन, आउ अपन जगत् के जीवन आउ कार्यकर्ता से नञ्। ऊ महत्त्व दे हलथिन खाली ओकरा, जे या तो वास्तविकता के उँचगर क्षेत्र में पावल जा हलइ, चाहे ओकरा प्रति अपन काल्पनिक आउ विचित्र पूरक में। अपन जिनगी के पहिलहीं कदम से ओइसन वीरता के भूत के गले लगावे लगी लपकलथिन, जेकर नामो नञ् खाली काउंट के वोतचिना (पैतृक जागीर) में अनजान हलइ, बल्कि रूसी जमीन के दोसर, बहुत अधिक आदरणीय स्थान में भी। अपन पदभार ग्रहण कइला पर, उनका तुरतम पक्का विश्वास हो गेलइ कि पाशविक बल (brute force) आउ धन, न कि मानवता आउ न्याय, लोग के मामला आउ किस्मत के फैसला करऽ हइ। तखने ऊ कल्पना कइलथिन कि विधाता उनका अपन मातृभूमि के नयका सामाजिक व्यवस्था लगी चुनलके ह, विशेष सुविधा प्राप्त (privileged) आउ निर्धन लोग के बीच संतुलन स्थापित करे लगी आउ अइसन व्यवस्था स्थापित करे लगी, जेकरा में निर्धन लोग हमेशे विशेष सुविधा प्राप्त लोग के सनक आउ स्वेच्छाचार के विरुद्ध खुद के सुरक्षा कर पावइ, अर्थात् ऊ अइसन काम हाथ में लेलथिन, जेकरा संसार में केकरो निपटावे में सफलता नञ् मिलले हल। ई विचार उनकर दिमाग में अइसन हावी हो गेलइ कि ऊ कइसनो तरह के सावधानी आउ बुराई से संघर्ष करे खातिर संसाधन के अपर्याप्ति के बारे भूल गेलथिन। 
काउंट के गुप्त ऐजेंट होवे के आशंका से धनी मिषाने लोग तो शुरू में उदास हो गेते गेलइ, लेकिन जल्दीए ई देखके ओकन्हीं के बेचैनी दूर हो गेलइ कि कइसूँ ओकन्हीं के तो गरममिजाज आउ अनुभवहीन लड़का से पाला पड़ले ह, जेकरा सँभारना असान होतइ - खाली ओकर उत्साह के जरी उग्र होवे देल जाय के चाही आउ धीरज धरके उचित अवसर के प्रतीक्षा करे के चाही। शुरुआत में स्थानीय अभिजात लोग (aristocrats) तइयो ई अवांछनीय सुधारक के दोसर शांतिपूर्ण तरीका से नियंत्रित करे के बारे आशान्वित हलइ। ओकन्हीं अपन बिरादरी में से केकरो से ओकर विवाह कर देवे लगी चहलकइ, ताकि ओकरा रिश्तेदारी आउ पारिवारिक मामला में उलझाके ओकरा अधिक दबैल बना देल जाय। लेकिन हियों परी पिताजी ई सब के विरोध कइलथिन। वस्तुतः ऊ विवाह करे में जल्दी कइलथिन, लेकिन अपन मन मोताबिक, दोसर के नञ्।
ई घटना अइसे घटलइ। एक दिन साँझ के ऊ सोस्ना नदी पर के पुल पर से गुजर रहलथिन हल। गाय-भेड़ के झुंड रात लगी चारागाह से वापिस आब करऽ हलइ। हमेशे नियन, गाम से औरतियन के एगो भीड़ ओकरा दने उमड़ पड़लइ जेकरा बीच एगो नवयुवती हलइ। ओकर मनोहर सूरत आउ सरल आकृति पिताजी के ध्यान आकृष्ट कइलकइ। अपन दोस्त से ओकर नाम पता कइलथिन आउ जनलथिन कि ऊ एगो सामान्य हैसियत के एगो दर्जी के बेटी हइ, जे भेड़ के खाल के कोट [*9] बनावऽ हइ आउ ओकर नाम याग्न्यूक हइ। पिताजी के भाग्य के निर्णय हो गेलइ - ऊ लड़की के मनोहारी चेहरा उनका पर पूरा तरह से हावी हो गेलइ। तीन दिन के बाद ऊ ओकर माता-पिता के बतइलथिन कि ऊ ओकरा से शादी करे लगी चाहऽ हथिन। हमर मम्मा (दादी) तो हक्का-बक्का रह गेलइ, जब ऊ जनलकइ कि ओकर बेटा के चुन्नल लड़की कोय धनगर मध्यवर्गीय के बेटी नञ् हइ, बल्कि एगो गरीब साधारण दर्जी के बेटी हइ। बस्ती में पिताजी एगो बड़गो हस्ती हलथिन, पहिला, अपन प्रशासनिक पद के कारण, आउ दोसर, अपन प्रतिभा के कारण। मास्को के शिक्षा उनका एगो वास्तविक कुलीन (gentleman) बना देलके हल। ई सब कुछ उनकर माय के उनकर विवाह लगी बहुत अधिक लाभप्रद गणना के एगो आधार देलकइ। दुलहन खातिर ऊ आशा कइलके हल कि बस्ती के प्रथम श्रेणी के कउनो धनी के बेटी होत। नवयुवक के बेमेल विवाह से विचलित करे लगी यथासंभव हर तरह के मदद लेल गेलइ - तर्क, विनती, नसीहत। लेकिन सब व्यर्थ। रोमांचक भेंट, लड़की के सौन्दर्य, आउ खास ओकर गरीबी पिताजी के अपन निर्णय पर दृढ़ रहे लगी बाध्य कर देलकइ। लेकिन ऊ अपन निर्णय में भी (लघु रूसी के) रीति-रिवाज के अनुसरण नञ् कइलथिन। दुलहिन के माता-पिता के पास घटक (बरेखिया, matchmakers) भेजे के बदले, ऊ खुद्दे उनका हीं हाजिर होलथिन। उनकन्हीं पुरनका विचार के लघु रूसी हलथिन, जेकन्हीं में अभियो पहिलौका यूक्रेनियन के भावना नञ् मरले हल। ईमानदार आउ नेकदिल उनकन्हीं में मध्यवर्गीय आउ शिल्पकार वर्ग के पतित जगत् से कुच्छो समानता नञ् हलइ। उनकन्हीं के मुख्य पेशा खेती करना हलइ, लेकिन हमर नाना युवावस्था में भेड़ के खाल के कोट सीये लगी सीख लेलथिन आउ अभियो दर्जी के रूप में कुछ अतिरिक्त कमा ले हलथिन। उनकर परिवार के ई तरह से कोय खास कमी के अनुभव नञ् होवऽ हलइ।
उनकन्हीं सोस्ना नदी के किनारे, एगो छोटगर, छप्पर डालल, लेकिन पुताई कइल (whitewashed) झोपड़ी में रहऽ हलथिन, जेकर पिछुआनी में, ठीक नद्दी भिर ढालू पर, शाक वाटिका (kitchen garden) में पतगोबी, मटर, चुकंदर, मकई आउ कइएक तरह के फूल के क्यारी हलइ। हियाँ परी गुलाबी रंग के शानदार कार्नेशन फूल आउ विशाल सूरजमुखी शोभऽ हलइ, कइएक रंग के खसखस रंग बिखेरऽ हलइ, कनूपर[5] सुगंध बिखेरऽ हलइ, दरी पर नियन फैलल हलइ गेंदा, ब्लूबेल[6], ज़िन्ज़िवर आउ - कब्र के सजावट - कॉर्नफ़्लावर। बाद में हमर आक्रमण से ई शाक वाटिका के बड़गो बरबादी किस्मत में बद्दल हलइ, खास करके ऊ हिस्सा में, जाहाँ परी मिठगर मटर लचीला आउ लमगर पुंकेसर (stamens) के चारो तरफ लहरा रहले हल। नदी के पार, शाक वाटिका के ठीक सामने, चेरी के बाग हलइ - हमर नानी के स्वर्ग, जब ऊ अल्पवयस्क हलइ, बाद में ओकर बेटियन के, आउ अन्त में हमरो। हुआँ परी झमेठगर सेब, चेरी आउ नाशपाती के पेड़ हलइ, जे गरमी आउ शरद् ऋतु में फल से लद्दल रहऽ हलइ - हमर बचपन के आनन्द। लेकिन एकरा बारे बाद में।
वृद्ध माता-पिता तो हक्का-बक्का हो गेलथिन, जब जनलथिन, कि काहे लगी उनकन्हीं भिर एगो प्रसिद्ध अतिथि, हेड क्लर्क - हमर भावी पिता - अइलथिन हँ। "अइसन कइसे हो सकऽ ह", बूढ़ी माय बोललइ, "कि हमर कात्र्या तोर पत्नी होतो? ई तोर कइसन जोड़ी होतो? हम सब गरीब आउ सीधा-सादा लोग, आउ तूँ तो पढ़ल-लिक्खल, कुलीन, आउ ओकरो में एतना सुन्दर। कात्र्या के तो कुछ नञ् हइ, सिवाय कुछ स्कर्ट, समीज, आउ सिर पर के दुपट्टा के।"
हमर पिताजी तो ई बात पर एगो कइसनो आवेशपूर्ण भाषण झाड़ देलथिन, जे बूढ़ी के, जाहिर हइ, कुछ नञ् समझ में अइलइ। लेकिन आखिर में कात्र्या के बोलावे के फैसला कइल गेलइ आउ ओकरा पुच्छल गेलइ कि कीऽ ओकरा हेड क्लर्क, वसीली मिख़ाइलोविच, से शादी करना मंजूर हइ। हक्का-बक्का होल लड़किया, काँपते आउ लजइते, उत्तर देलकइ कि जइसन माता-पिता औडर देथिन ओइसीं करतइ।
[*10] तीन सप्ताह बाद विवाह सम्पन्न होलइ - जे दुलहा के माय खातिर गुप्त रूप से नराजगी के कारण होलइ आउ जेकरा से अलिक्सेयेव्का के अभिजात वर्ग अचरज होलइ, जे तखने से आखिर बहिष्कृत के घृणा करे लगलइ आउ उनका बरबाद करे लगी अपन इरादा में आउ दृढ़ हो गेलइ। हमरा अपन माय के शब्दचित्र खींचना (sketch a portrait) एगो कठिन कार्य हइ, किंवदन्ती से हमरा तक आवल ओकर नवयौवन के कहानी से ओकरा जोड़के, जे ओकर आउ अधिक प्रौढ़ावस्था से हमर खुद के स्मृति में अंकित रह गेले ह। ऊ अपन आप में एगो असाधारण व्यक्तित्व हलइ। जिनगी ओकरा तकलीफ के अलावे आउ कुछ नञ् देलकइ, लेकिन ऊ असाधारण गौरव के साथ अपन दुखद रास्ता तय कइलकइ आउ एगो सत्यनिष्ठ महिला के प्रभा मंडल (halo) के साथ कब्र तक गेलइ।
अपन नवयौवन में ऊ एगो सुन्दरी के रूप में जानल जा हलइ, आउ हमरो स्मृति में ओइसने चित्र अभियो तक प्रकट होवऽ हइ। ओकर सूक्ष्म, सुघड़ नाक-नक्शा अनन्त नम्रता अभिव्यक्त करऽ हलइ, आउ समय के साथ ओकर व्यवहार विशेष मनोहरता आउ तेजस्विता प्राप्त करते गेलइ। ऊ औसत से अधिक उँचगर आउ छरहरा बदन के हलइ। कार केश के कोमल लट ओकर उँचगर निरार के चारो तरफ आच्छादित हलइ। लेकिन सबसे उत्तम ओकर गहरा भूरा रंग के आँख हलइ - ओकरा में बहुत कोमलता आउ दया चमकऽ हलइ। जे कोय ओकरा देखऽ हलइ, ऊ निश्चित रूप से ओकरा प्रति प्रेम आउ आदर अनुभव करऽ हलइ। बिन कोय शिक्षा-दीक्षा के, ऊ अइसन निम्मन योग्यता वली हलइ जेकरा से एगो औरत दोसर अधिक परिष्कृत सामाजिक वर्ग के प्रथा, रीति-रिवाज आउ विचारधारा में खुद के ढाल ले हइ। हमर पिताजी बौद्धिक विकास में ओकरा से उपरे हलथिन। ऊ ई बात के समझऽ हलइ आउ ऊ उनका सामने श्रद्धा से झुक जा हलइ, हमेशे मन से उनकर विचार में प्रवेश करके ओकरा से सहमत हो जा हलइ, अगर रोमांचक आवेश आउ उनकर सनक के खेल से नञ्, त उनकर उच्च आकांक्षा से, जे उनकर चरित्र के बुनियाद में हलइ। ओकर प्राकृतिक बुद्धि असीम हलइ, जे समय के साथ विकसित आउ दृढ़ होवे में विफल नञ् होलइ। ई बुद्धि हलइ आश्चर्यजनक रूप से विश्वसनीय आउ सन्तुलित, बिन लेशमात्र के अहंकार के आउ बिन कोय नखरेबाजी के कुशाग्र। एकरा में ओकरा हमेशे स्थायी आधार मिल्लऽ हलइ हुआँ परी, जाहाँ ओकर पति के अधिक साहसी, लेकिन कमती लचीला बुद्धि लगी असानी से गोड़ के निच्चे से जमीन घिसके लगऽ हलइ।
ऊ सब घटना, जेकरा से हमर पिताजी के जिनगी भरल हलइ, वास्तविक लहर नियन, जब न तब उनकर नाजुक नाव के एक किनारा से दोसरा दने उछाल दे हलइ। ऊ भाग्य के एगो अत्यन्त विचित्र खिलौना हलथिन, अइसन भाग्य जे अन्तर्विरोध आउ कटु निराशा से भरल हलइ। एक तरफ तो मानुँ ऊ अपन स्वतंत्र आउ प्रतिष्ठापूर्ण पद के लाभ आउ विशेषाधिकार के उपयोग करऽ हलथिन, त दोसरा तरफ एगो कीड़ा नियन कुचल देल जा सकऽ हलथिन। हलाँकि विशाल बुद्धि आउ प्रतिभा के आधार पर, आउ ऊ गौरव के आधार पर, जेकरा से अपन मानवीय सम्मान के रक्षा करऽ हलथिन, भूमिका के आधार पर, जे उनका अपन जिनगी में अदा करे पड़ले हल, ऊ एगो दयनीय अभिनेता हलथिन। लोग के साथ संपर्क या मेल-जोल में कम अन्तर्विरोध नञ् हलइ - संयोग लगातार उनका अइसन लोग के संपर्क में लइलकइ, जे सामाजिक हैसियत आउ औपचारिक शिक्षा में उनका से बहुत ऊपर हलथिन। लेकिन उनकन्हीं उनका साथ नञ् खाली मन से बराबर के दर्जा के रूप में व्यवहार कइलथिन, बल्कि उनकन्हीं में से कइएक उनकर नगीची दोस्त भी हो गेलथिन। हमरा पास पिताजी के पत्राचार के कुछ भाग हइ, जे ई सब व्यक्तित्व के इनका प्रति आदर आउ सहानुभूति प्रमाणित करऽ हइ।
त अइसन वातावरण में हमर माय प्रवेश कइलकइ, ओकरा लगी खाली उत्तम हृदय, अप्रबुद्ध, लेकिन [*11] स्वस्थ बुद्धि आउ स्त्रीसुलभ स्वाभाविक प्रवृत्ति (female instinct)। ऊ अपन अनजान माहौल में खुद के ढाले में आउ असाधारण परिस्थिति के माँग सहित अपन स्त्री वर्ग के जिमेवारी के कठोर अनुपालन में मेल बैठावे में सफल हो गेलइ। हमेशे रसोई घर में, चरखा के पीछू, सूई के पीछू, ऊ एगो उत्साही कर्मी, रसोइया, दर्जिन, आउ अपन बुतरुअन लगी धाय हलइ। आउ ओकरे लोग देखलकइ गंभीरतापूर्वक, विनयपूर्वक, लेकिन सहज रूप से शहर के नामी-गिरामी लोग के साथ बातचीत करते, मानुँ ओकन्हीं साथ ऊ शताब्दी तक अपन जिनगी गुजरलके हल। ऊ साधारणतः सब कुछ सहज ढंग से आउ समय पर करऽ हलइ। ऊ धाराप्रवाह तो बातचीत नञ् कर पावऽ हलइ, लेकिन सहज आउ रोचक ढंग से बोलऽ हलइ, अकसर अपन बात में मौलिक लघु रूसी परिहास (humour) के छौंक लगाके।
लेकिन हमर माय के मुख्य शक्ति ओकर हृदय आउ चरित्र में हलइ। ऊ खुद दया आउ आत्म-बलिदान के मूर्तरूप हलइ। वस्तुतः ऊ जानऽ हलइ कि दुनियाँ में बुराई हइ - ऊ खुद ओकरा से बहुत कुछ सहन कइलके हल, लेकिन ओकरा पक्का समझ में नञ् अइलइ कि बुराई कइसे कइल जा हइ आउ दुनियाँ में भलाई के सिवाय दोसर चीज कइसे कइल जा सकऽ हइ। कोय ओकरा साथ सहनशक्ति आउ साहस के तुलना नञ् कर सकलइ, जेकरा से ऊ भाग्य के प्रहार के सहन कइलकइ। जे कुछ जिनगी के विषैला बना सकऽ हइ, ऊ सब्भे अनुभव कइलकइ - मानसिक पीड़ा, गरीबी, सब संभव कमी, सबसे प्रचंड आउ अप्रत्याशित विशेषता वला उत्पीड़न आउ सदमा। विपत्ति आउ दुर्भाग्य, लगऽ हलइ, ई बात के बहस करऽ हलइ कि ओकरा में से कउन आखिर ई औरत के सुन्दर, दयालु हृदय के पराजित कर सकतइ, जेकर दोष खाली एतने हलइ कि ऊ जी रहले हल। लेकिन केऽ देखऽ हलइ कि ओकर दुख-तकलीफ केतना गहरा दर्दनाक हइ? शायद खाली भगमान, जेकर सामने ऊ अपन हृदय के शांत आउ नम्र प्रार्थना में प्रकट करऽ हलइ, बिन ई पूछले कि कउन कानून के तहत ओकरा पर एतना भारी जूआ लादल गेले ह। प्रतिकूल परिस्थिति समय के साथ हमर पिताजी के चरित्र में परिवर्तन उत्पन्न कइलकइ। वास्तव में ऊ ओहे रहलथिन, लेकिन लोग के मामले में अधिक अविश्वासी (distrustful)  हो गेलथिन। जिनगी के उनकर विचार अधिक संशयालु (skeptical) हो गेलइ, आउ अपन भाग्य पर अधिक नैराश्यपूर्ण आउ चिंताजनक। उनकर अर्धांगिनी के चरित्र, एकर विपरीत, लगातार सुधरते रहलइ आउ विपत्ति के दबाव में खाली जादे बरियार होते गेलइ आउ, अइसन कहल जाय कि अंतिम रूप ले लेलकइ। ई एगो अद्भुत बात हइ कि सीधा-साद आउ अशिक्षित लोग के बीच पलल-बढ़ल, ऊ अपन धार्मिक विश्वास के मामले में अंधविश्वास आउ पूर्वाग्रह के विरोधी हलइ, जबकि जेकरा लोग एतना अकसर धर्म के अंश मान लेते जा हइ। ओकर स्वस्थ मन (बुद्धि) प्रत्येक निष्ठापूर्ण आउ विवेकपूर्ण वास्तविक माँग के कृत्रिम आउ खाली देखावटी से ठीक-ठीक भेद करऽ हलइ। ऊ परम्परा के आदर नञ् करऽ हलइ, बल्कि सदाचार के आउ खाली ओकरे महत्त्व दे हलइ।
लेकिन हमर पिताजी के, उनकर बाकी सब कुछ नियन, धार्मिक विश्वास में, विशिष्टता हलइ आउ अन्तर्विरोध से भरल हलइ। उदाहरणस्वरूप, ऊ वोल्टायर के बहुत प्रशंसा करऽ हलथिन आउ ओकर संशयवादी विचारधारा (sceptical views) से जरिक्को नञ् सकुचा हलथिन। तइयो, खुद धार्मिक विचार के हलथिन,  आउ "दैवी चीज" के बारे खाली आदरपूर्वक बात करऽ हलथिन, कभियो चर्च अनुष्ठान के उपेक्षा नञ् करऽ हलथिन। घर के कोय भी महत्त्वपूर्ण घटना के बखत, ऊ हमेशे पुरोहित के प्रार्थना सेवा खातिर आमंत्रित करऽ हलथिन, यद्यपि एकरा लगी अकसर भुगतान करना असान नञ् रहऽ हलइ। प्रार्थना के बखत ऊ हमेशे श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करऽ हलथिन, आउ एकर बाद ऊ फेर से वोल्टायर के धर्मविरुद्ध प्रहार खातिर दिल से उपहास करऽ हलथिन, विशेष रूप से पुरोहित (पोप) आउ संन्यासी (monks) के ऊपर ओकर उपहास पर।



[1] Tsarina Mariya Fyodorovna, wife of Paul I, assumed the role of chief guardian. See ch.5.
[2] मस्काल (Moscal)- (निदात्मक अर्थ में प्रयुक्त) मास्कोवासी।
[3] झुपान - पॉलिश आउ यूक्रेनियन द्वारा पेन्हल जाय वला एक प्रकार के मिरजई।
[4] कुन्तूश - कफ़्तान के रूप में प्राचीन यूक्रेनियन आउ पॉलिश, चौड़गर आस्तीन सहित बाह्यवस्त्र (outerwear)।
[5] कनूपर (tansy) - उपरे तरफ समतल पीयर रंग के बोताम नियन, सुगंधित पत्ता वला एगो सदाबहार यूरोपीय फूल।
[6] ब्लूबेल (bluebell) - घंटानुमा एक प्रकार के नीला फूल।

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 1

भूदासत्व से मुक्ति तक - हमर आत्मकथा (1804-1824)
(मूल शीर्षक - अपना बारे हमर कहानी आउ ओकरा बारे जेकर हम गोवाह हलिअइ)
लेखक - अलिक्सान्द्र वसील्येविच निकितेन्को (1804-1877)
मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद
 [*3]                             1. काहाँ आउ केकरा से हम संसार में पैदा होलूँ
वोरोनेझ गुबेर्निया (प्रान्त) में, जे पहिले स्लोबोद्स्का-उक्रयिन्सकयऽ कहला हलइ, तिख़ायऽ सोसना नामक नदी के किनारे, दू गो छोटका जिला शहर, ओस्त्रोगोश्क आउ बिर्यूच के बीच, अलिक्सेयेव्का नाम के एगो बड़गर गाम, या बस्ती हइ, जे लघु रूसी लोग (Little Russians, यूक्रेनवासी) से आबाद हइ, जेकन्हीं के रूसी राजनीति भूदास (serfs) बना लेलकइ। ओकन्हीं के एकर बिलकुल आशा नञ् हलइ, जब हजारो के संख्या में, सरकार के आदेश के अनुसार, यूक्रेन से चलके दोन नदी के पीछू, सोसना, कलित्वा आउ अन्य नदी के किनारे-किनारे बस गेलइ, जेकन्हीं के काम हलइ क्रिमिया के तातार के आक्रमण से रूस के सरहद के रक्षा करना।
अलिक्सेयेव्का बस्ती पहिले, शायद, चेर्कास्की प्रिंस (राजकुमार) लोग के प्रदान कइल गेलइ, आउ ओकन्हीं हीं से, शादी के दहेज के रूप में, काउंट शेरेमेतेव लोग के अधीन चल गेलइ, जेकन्हीं समुच्चे रूस में लगभग सब्भे गुबेर्निया में बहुत बड़गो संख्या के लोग के मालिक हलइ। कहल जा हइ कि आझकल ओकर संख्या लगभग डेढ़ लाख आत्मा (बंधुआ मजूर) हइ। अलिक्सेयेव्का बस्ती में मिख़ाइलो दानिलोविच नाम के एगो मोची रहऽ हलइ, जे तीन नाम से जानल जा हलइ - निकितेन्को, चेरेविक आउ मिद्यानिका। ऊ हला हमर बाबा (दादा)। हमरा आद पड़ऽ हइ ई बुजुर्ग के नेकदिल चेहरा, भर कल्ला उज्जर दाढ़ी, बड़गो नाक, भद्दा चश्मा लगल, बुढ़ारी आँख में दया आउ विचारमग्नता के अभिव्यक्ति के साथ। उनकर बाँह लड़ाई के चमकदार धारी से भरल हलइ। ऊ हलाँकि मोची के निम्मन काम नञ् कर पावऽ हलथिन, लेकिन तइयो ईमानदारी से कृषक लोग के चोबोत (बूट) आउ चेरेविक (जुत्ता) सीयऽ हलथिन,  हमरा प्रति बहुत कोमल, सबके प्रति स्नेहमय आउ दयालु हलथिन। लेकिन उनका कलाली से प्यार हलइ, जाहाँ परी अकसर ऊ नञ् खाली जे कुछ दिन भर रहटके कमा हलथिन, बल्कि अपन चमोटी, टोपी आउ भेड़ के चमड़ा के जैकेट भी छोड़ आवऽ हलथिन। जब पीयल नञ् रहऽ हलथिन, त मितभाषी, नम्र, समझदार रहऽ हलथिन, लेकि जब पीयल रहऽ हलथिन, त सामाजिक विषय पर बात करऽ हलथिन, कज़ाक आउ हेतमान सरकार (यूक्रेन में 16मी से 18मी शताब्दी) के प्रशासन के आद करऽ हलथिन - गाम के प्रशासन के अराजकता के कठोर आलोचना करऽ हलथिन आउ घर में भय के माहौल पैदा करऽ हलथिन, झिड़की आउ नसीहत के झड़ी लगाके, जेकरा अकसर ऊ अपन पेशा के हथियार से सुदृढ़ करऽ हलथिन - क्लिसिच्का (चमड़ा के चिकना करे के डंडा) आउ पोतिग (तसमा, strap)। उनका बिलकुल नञ् पसीन पड़ऽ हलइ कि कोय उनका कलाली में वोदका के कप बिजुन से कोय कइसनो बहाना करके बोलाके घर लावे, जेकर अकसर सहारा लेवे पड़ऽ हलइ, जब ई साफ पता चल जा हलइ कि ऊ पीके धुत्त होवे जा रहला ह।  [*4] ऊ ई बात के अनसुनी करे के साहस नञ् कर सकऽ हलथिन, लेकिन बिन विरोध के नञ्।  "हूँ, त अइसन दुष्टा, असंवेदनशील औरत हीं तूँ", अइसन परिस्थिति में ऊ हमर मम्मा (दादी) के डाँट-फटकार करऽ हलथिन, "हम अभी एगो बहुत जरूरी काम के बारे स्याबर (पड़ोसी) से चर्चा करहीं जा रहलुँ हल, कि अचानक - घर जो! अब तो शैताने के मालुम कि कब हम (फेर से) ऊ सब विचार के एकट्ठा कर पाम!"
मम्मा एगो अद्भुत औरत हलइ। एगो पुरोहित के बेटी के हैसियत से ऊ खुद के गाम के अभिजात-वर्ग (aristocracy) के सदस्य समझऽ हलइ आउ अपन गौरव के अहसास करऽ हलइ। ओकर संबंध आउ परिचय कुछ चुन्नल व्यक्ति, तथाकथित छोटगर व्यापारी लोग, के बीच सीमित हलइ, जेकरा में बस्ती के उच्च जाति के  लोग आवऽ हलइ। लोग ओकरा कभी केकरो साथ चानी के कप प्रयोग करते नञ् देखऽ हलइ, सिवाय ऊ सब महिला के, जे उत्सव के बखत सिर पर मलमल के बदले फैशनदार हैट, आउ उत्तम कपड़ा के कोट, जेकरा में कमर पर कशीदाकारी कइल रहऽ हलइ, आउ स्केटिंग रिंक पर (उँचगर एड़ी वला) बूट धारण करऽ हलइ। गरीबी के बावजूद, ऊ आतिथ्य-सत्कार (hospitality) के लघु रूसी प्रथा के धार्मिक रूप से निभावऽ हलइ आउ अपन अनुपम दया लगी जानल जा हलइ, जब ऊ अपन रोटी के अंतिम कोर भी जरूरतमंद में बाँट दे हलइ। ओकरा में जन्मजात परोपकारिता हलइ, जे ओकर शिक्षा के अभाव के पूर्ति करऽ हलइ आउ ओकर कर्म आउ आचरण के विशेष गौरव प्रदान करऽ हलइ। हमरा आद पड़ऽ हइ कि केतना कुशलतापूर्वक ऊ शहर के लोग आउ पमेशिक (अभिजात जमींदार, noble landowners)के साथ बातचीत शुरू करके जारी रक्खऽ हलइ, कि कइसन चतुराईपूर्ण आउ सूक्ष्म टिप्पणी के साथ अप्पन आउ दोसर के कहनियन के नमक-मिर्च लगाके प्रस्तुत करऽ हलइ, कि केतना सजीवतापूर्वक आउ सुसंगत रूप से एकातेरिना (कैथेरिन) II के जमाना के लौकिक विश्वास आउ किंवदन्ती के वर्णन करऽ हलइ, जेकरा हमेशे आदरपूर्वक प्रिय माता-रानी के नाम से पुकारऽ हलइ, कि केतना दृढ़तापूर्वक विषय के पक्ष आउ विपक्ष में तर्क करऽ हलइ, हमेशे अपन धारणा पर दृढ़ रहते। ओकर प्रतिष्ठा असाधारण हलइ। ओकरा लोग "बुद्धिमान स्तिपानोव्ना" चाहे "चतुर परास्कयऽ" छोड़के आउ कोय दोसर नाम से नञ् पुकारऽ हलइ।
हमर बाबा सम्माननीय वृद्धावस्था नञ् प्राप्त कर सकलथिन - नद्दी में पैरते बखत ऊ डूब गेलथिन जबकि ऊ साठो साल के नञ् हलथिन। मम्मा चार बुतरुअन के साथ रह गेलथिन - दू गो बेटी आउ दू गो बेटा के साथ। बेटियन में से, छोटकी, एलिज़ाबेता, स्वभाव से निम्मन आउ दयालु जीव, हमरा बहुत मानऽ हलइ आउ हमर पहिलौका खेल सब में सहभागी हलइ, हलाँकि उमर में ऊ हमरा से बहुत बड़गो हलइ। बड़की, इरीना, जेकर आचरण खराब हलइ, अकसर अपन माय लगी गहरा शोक के कारण बन्नऽ हलइ, लेकिन तइयो, ऊ ओकरा लगभग बाकी सब्भे बुतरुअन से जादे प्यार करऽ हलइ। दू बेटा में से बड़का, वसीली, हमर बाऊ हलथिन।
मम्मा स्तिपानोव्ना [निकितेन्को] शरीर संरचना में हट्ठी-कट्ठी हलइ। ऊ अपन सब्भे योग्यता के बरकरार रखते सो बरस के उमर में मरलइ। खाली मौत के पाँच बरिस पहिले ओकर दृष्टि जरी कमजोर पड़ गेले हल।

भूदासत्व से मुक्ति तक - अलिक्सान्द्र निकितेन्को के आत्मकथाः अनुवादक के भूमिका


भूदासत्व से मुक्ति तक - अलिक्सान्द्र निकितेन्को के आत्मकथा
अनुवादक के भूमिका
अलिक्सान्द्र रादिषेव के रूसी उपन्यास के मगही अनुवाद दिसंबर 2019 में समाप्त हो गेलइ। अब प्रस्तुत हइ एगो अइसन प्रसिद्ध रूसी लेखक के आत्मकथा के मगही अनुवाद जे पहिले तो एगो जमींदार के भूदास (खेतिहर बंधुआ मजदूर, serf) हलथिन, लेकिन अपन कठिन संघर्ष से उच्च शिक्षा प्राप्त करके रूस के एगो बहुत बड़गो हस्ती बन गेलथिन। उनकर नाम हइ - अलिक्सान्द्र  वसील्येविच निकितेन्को (1804 - 1877)। ऊ अपन आत्मकथा 1851 में लिक्खे लगी शुरू कइलथिन हल आउ 1877 में जब उनकर निधन होलइ, तबहियों उनकर ई आत्मकथा (1804-1824) अधूरे हलइ। हाँ, उनकर डायरी (1826-1877) बहुत विस्तृत हइ।
अलिक्सान्द्र  वसील्येविच निकितेन्को (1804 - 1877) काउंट शेरेमेतेव के एगो सुशिक्षित यूक्रेनी भूदास (खेतिहर बंधुआ मजदूर, serf) हला, जिनका कोंद्राती रिलेयेव आउ अन्य साहित्यकार लोग के दबाव में स्वतंत्रता देल गेले हल। ऊ दिसंबरवादी विद्रोह के मद्देनजर संकीर्ण रूप से उत्पीड़न से बच गेलथिन आउ निकॉलस I (1796-1855) के शासनकाल (1825-1855) के दौरान सेंसर के रूप में सेवा कइलथिन। ऊ एगो साहित्यिक इतिहासकार, सेंसर, सेंट पीटर्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आउ सेंट पीटर्सबर्ग एकेडमी ऑफ साइंसेज़ के सदस्य भी हलथिन। निकितेन्को बहुत विस्तृत डायरी खातिर उल्लेखनीय हथिन जे ऊ कम उम्र (22) से कइएक बरिस तक सुरक्षित रखलथिन हल, जे 19मी शताब्दी के मध्य में अपेक्षाकृत साहित्यिक आउ सामाजिक जीवन के प्राथमिक स्रोत के रूप में कार्य करऽ हइ। ई 1888-93 में प्रकाशित होलइ; बाद में आत्मजीवनी सहित एकर संशोधित संस्करण 1904 में आउ फेर 1955-56 में तीन खंड में प्रकाशित होलइ। डायरी के संक्षिप्त अंग्रेजी अनुवाद एकल खंड में 1975 में प्रकाशित होलइ।

Thursday, January 02, 2020

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्राः साम्राज्ञी एकातेरिना II के रादिषेव के पुस्तक "यात्रा" पर टिप्पणी


साम्राज्ञी एकातेरिना (कैथेरिन) II के रादिषेव के पुस्तक "यात्रा" (1790) पर टिप्पणी
26 जून से 7 जुलाई 1790 के दौरान लिक्खल

[ई टिप्पणी पहिले तुरी ओसिप माक्सिमोविच बोद्यान्स्की द्वारा प्रकाशित कइल गेले हल - च्तेनिया, LIV (1865), जुलाई-सितम्बर, पुस्तक III, अनुच्छेद V, पृ॰67—77, आउ बाद में बोरोज़्दिन, लापशिन आउ षिवोलेव द्वारा पुनर्मुद्रित कइल गेलइ - "रादिषेव के सम्पूर्ण रचनावली", 1909, खंड II, पृ॰300-308, (रूसी में) । एकर पुनःप्रकाशन कइल गेलइ - आ॰एस॰ बाबकिन (1952): "प्रोत्सेस आ॰एन॰ रादिषेवा", मास्को, पृ॰156-164. ई मगही अनुवाद में तारांकित संख्या रादिषेव के "यात्रा" (1790) के मूल रूसी पाठ के पृष्ठ संख्या निर्देशित करऽ हइ।]

[157] सं॰1

ई पुस्तक 1790 में प्रिंटिग प्रेस के बिन कोय उल्लेख के आउ शुरू में बिन कोय स्पष्ट अनुमति के; लेकिन अन्त में कहल गेले ह - "लोक शिष्टाचार विभाग के अनुमति से"। ई शायद झूठ हइ, चाहे भूल हइ। ई पुस्तक के इरादा हरेक पृष्ठ पर स्पष्ट हइ; एकर लेखक फ्रांसीसी भ्रान्ति से भरल आउ संक्रमित (infected) हइ, शासक आउ सत्ता के आदर कम करे लगी आउ लोग के प्रधान आउ प्राधिकारी के विरुद्ध भड़कावे लगी ऊ हर तरह से खोजऽ हइ आउ संभव सब प्रयास करऽ हइ।
ऊ लगभग मार्टिनवादी हइ; चाहे अइसने आउ कुछ, ओकरा काफी कुछ ज्ञान हइ, आउ कइएक पुस्तक पढ़लके ह। ऊ लगभग मार्टिनवादी हइ; चाहे अइसने आउ कुछ, एकरा काफी कुछ ज्ञान हइ, आउ कइएक पुस्तक पढ़लके ह। विषादग्रस्त स्वभाव के आउ सब कुछ उदासी के रूप में देखऽ हइ, ओहे से कार-पीयर चेहरा-मोहरा के हइ। अइसन नोट पृष्ठ *30 पर कइल हइ।
ओकरा पास यथेष्ट कल्पना हइ, आउ अपन लेखन कार्य में काफी साहसी हइ। पृष्ठ *36 पर के उद्धरण लेखक के मस्तिष्क के निर्दय विचार के प्रवृत्ति प्रमाणित करऽ हइ, il cite un fait atroce [(फ्रेंच) ऊ एगो नृशंस तथ्य के उद्धरण दे हइ)], जे हियाँ परी नञ् घट्टऽ हइ, अंग्रेज लोग कलकत्ता के दमघोंटू गरमी से मर गेते गेलइ, लेकिन मछुवाही नाव (fishing boat) के किराया पर लेल जा सकऽ हइ आउ कमांडर के कमांड के अपेक्षा ओकरा बिन पुछलहीं कहीं जल्दी, आउ एगो सुत्तल अदमी के दोषी नञ् मानल जा सकऽ हइ, काहेकि ओकरा लोग जगइलकइ नञ्।
लेखक के प्रवृत्ति दुर्भावना के तरफ हइ। पृष्ठ *60। ई आगू के पृष्ठ से विशेष रूप से स्पष्ट हइ। पृष्ठ *72, *73। ई (पृष्ठ) इरादा के प्रमाणित करऽ हइ कि काहे लगी ई पुस्तक लिक्खल गेलइ। लेखक के उपलब्धि पर बाजी लगावल जा सकऽ हइ कि ओकर एकरा लिक्खे के इरादा हलइ ई, कि ओकरा राजमहल के अंदर प्रवेश नञ् हइ; शायद पहिले कभी हलइ लेकिन अभी नञ् हइ - आउ अभी चूँकि नञ् हइ, त बुरा आउ ओहे से अकृतज्ञ हृदय वला, अब अपन कलम से संघर्ष कर रहले ह। पृष्ठ *75 पर। लेकिन कायरता देखइलकइ हमन्हीं के ई लबाड़िया (झूठ के पुतला)। अगर राजा के नगीच होते हल, त ऊ दोसरे राग गइते हल। हम सब अइसन कइएक लबाड़िया रस्कोलनिक (विधर्मी) के बीच देखलिए ह, आउ ओकन्हीं के हृदय जेतने अधिक कठोर रहऽ हइ, ओतने असानी से बाद में समय अइला पर बदल जा हइ।
हमरा मालुम नञ् कि दोसर शासक लोग के सत्ता के केतना बड़गो भूख रहऽ हइ, हमरा में तो बड़गो नञ् हइ।
पृष्ठ *76। चूजा सिखावऽ हइ माय के। दुर्भावना रहऽ हइ दुष्ट में, हमरा में तो ई नञ् हइ।
युद्ध के मतलब हत्या - ओकन्हीं कीऽ चाहऽ हइ, कि बिन सुरक्षा के तुर्क आउ तातार के कैदी बन जइअइ, चाहे स्वेड द्वारा जीत लेल जइअइ?
आदेश के पालन करे में विफलता के बारे आलोचना करके लोग खुद्दे पर दोषारोपण करते जा हइ।
पृष्ठ *77, *78, जे अपमानजनक उद्देश्य से लिक्खल गेले ह, जेकरा बारे बुराई के उन्मूलन खातिर सवधानी बरतल गेले ह, ओकर आलोचना कइल गेले ह
[158] पृष्ठ *79, कम से कम चिचागोव[1] के बारे तो बात नञ् करऽ हइ। पृष्ठ *80, ओकन्हीं सब बुद्धि खा चुकले , आउ खाली एगो सम्राट् बिन मतलब के हइ। एहे पृष्ठ पर दया के कार्य पर दोषारोपण कइल जा हइ।
पृष्ठ *81 पूरा गारी आउ द्वेषपूर्ण टिप्पणी से भरल हइ, ई दुराचरण आगामी पृष्ठ *82, *83, *84, आउ *85 तक लगातार जारी रहले ह। लेकिन एकर बावजूद ओकन्हीं ई सब उद्देश्य के बदनाम नञ् कर सकलइ, आउ एकरा पूरा करे तरफ बाध्य हो गेलइ, ओहे से समाज पर दोष लगावऽ हइ, आउ सम्राट् के निम्मन दिल चाहे उद्देश्य (इरादा) पर नञ्।
*86. खुद्दे बोलऽ हइ कि सपना देखलकइ।
पृष्ठ *88 जानकारी के उल्लेख करऽ हइ कि सौभाग्य से हमरा जाने के मोक्का मिलल। लगऽ हइ कि जानकारी लाइप्त्सिग (Leipzig) में प्राप्त होलइ, आउ जेकरा से शंका जा हइ श्रीमान रादिषेव आउ षेलिषेव पर, आउ जादे संभावना बात से हइ जबकि कहल जा हइ कि उनकन्हीं के घर पर प्रिंटिंग प्रेस स्थापित कइल हइ।
पृष्ठ *92, *93, *94, *95, *96, *97 मार्टिनवादी आउ अन्य ब्रह्मविद्यावादी (theosophists) के सिद्धान्त के उपदेश करऽ हइ।
पृष्ठ *98 अइसन (एतना अश्लील) हइ कि एकर उल्लेख भी नञ् कइल जा सकऽ हइ।
पृष्ठ *99, *100, *101. नोवगोरद, एकर स्वतंत्र सरकार आउ राजा इयोआन वसिल्येविच के क्रूरता के बारे बात करते बखत, दंड के कारण के बारे बात नञ् करऽ हइ, आउ कारण ई हलइ कि एकता (union) के स्वीकार करके, पॉलिश गणतंत्र (Polish Republic) के सामने आत्मसमर्पण कर देलके हल, ओहे से राजा धर्मत्यागी (apostates) आउ गद्दार लोग के दंड देलकइ, जेकरा में, सच कहल जाय तो, कोय कदम (कार्रवाई) नञ् खोजलकइ।
पृष्ठ *102. लेखक प्रश्न करऽ हइ - "लेकिन ओकर कीऽ अधिकार हलइ ओकन्हीं के विरुद्ध क्रूरता देखावे के, ओकर कीऽ अधिकार हलइ नोवगोरद पर कब्जा करे के?" उत्तर - नोवगोरद के प्राचीन प्रशासन (sovereignty) आउ कानून आउ समुच्चे रूस के आउ पूरे संसार के, जे सब विद्रोही आउ चर्च के धर्मत्यागी के दंडित करऽ हलइ। लेकिन हियाँ परी ई प्रश्न कइल जा हइ प्रशासन के अस्वीकार करे लगी, आउ ओहे से एकरा बिन उत्तर के छोड़ देल जाय के चाही।
पृष्ठ *103 पर। अइसन प्रश्न उठावल जा रहले ह, जेकरा चलते फ्रांस अभी तबाह हो रहले ह।

सं॰2

ऊ सब कुछ, जे संसार में अभी स्थापित आउ व्यवस्थित हइ, अनुभव पर आधारित हइ, जेकर माँग हलइ कि अइसन होवे के चाही, आउ कोय मनमाना इच्छा के मोताबिक नञ्, आउ अगर दोसर तरह से होतइ, त बत्तर होतइ, काहेकि बेहतर आझ के निम्मन के दुश्मन हइ, आउ बेहतर होतइ कि जे जानल-पछानल हइ ओकरे पर दृढ़ रहल जाय, न कि अइसन रस्ता के निर्माण कइल जाय, जे अनजान हइ।
पृष्ठ *108. ओकरा वाणिज्य छल के ज्ञान हइ, जे सीमाशुल्क कार्यालय (custom house) में देखल जा सकऽ हइ।
पृष्ठ *109. *110. *111. ओकरे बारे। अन्तिम पृष्ठ पर, शुरू होवऽ हइ वाणिज्य कानून पर गरमागरम बहस, आउ खुद लेखक नञ् जानऽ हइ कि ओकरा कीऽ चाही, आउ जेकरे साथ पृष्ठ *112 के समाप्त करऽ हइ।
[159] पृष्ठ *113, *114, *115, *116 प्रमाणित करऽ हइ कि लेखक पूरा देववादी (deist) हइ आउ प्राच्य सनातन चर्च (Eastern Orthodox Church) के सिद्धान्त (उपदेश) के नञ् मानऽ हइ। ई विचार पृष्ठ *118 पर समाप्त होवऽ हइ।
पृष्ठ *119 आउ अगला, लेखक के उद्देश्य (इरादा) के रचना दर्शावऽ हइ, अर्थात् वर्तमान सरकार के प्रकार के दोष आउ ओकर बुराई। हियाँ परी मुद्दा हइ आपराधिक कानून। एकरे से भरल हइ पृष्ठ *120, *121, *122, *123।
पृष्ठ *124 दृढ़ हइ ई बात के प्रमाणित करे लगी कि सरकारी सेवा में रैंक के निर्माण अनुचित हइ। ई पृष्ठ के अन्त में लेखक खुद के मत के खंडन करऽ हइ, काहेकि  व्यक्ति के निम्न हस्ती के प्रवृत्ति दर्शावऽ हइ तब, जबकि ओकर प्रणाली (वर्तमान फ्रांसीसी प्रणाली) के अनुसार, सब हस्ती व्यक्ति के नाम आउ ओकर तथाकथित अधिकार के अंतर्गत बराबर निश्चित कइल जा हइ।
पृष्ठ *125 पर। एगो आउ निम्न हस्ती के उल्लेख हइ, जेकरा से निष्कर्ष निकसऽ हइ कि मिस्टर लेखक अपन सिद्धान्त में अभियो तक बहुत दृढ़ नञ् हका। लेकिन ऊ दरबार (कोर्ट) आउ दरबारी लोग के विरुद्ध अपन रोष के वर्षा करऽ हका। ई मिथ्यापवाद (slanders) ऊ आंशिक रूप से पुस्तक से लेलका ह, जेकरा पर दरबारी लोग कभियो उत्तर नञ् देलके ह, लेकिन तइयो अइसन दोषारोपण के विरुद्ध यथेष्ट दलील खोजल जा सकऽ हइ।
पृष्ठ *126, *127, *128, *129, *130, *131, *132, *133 में एगो गढ़ल कहानी हइ जेकरा में एगो जमींदार के अपन कृषक लोग पर वहशी व्यवहार, आउ मालिक आउ ओकर तीन बेटा के हत्या के वर्णन हइ।
पृष्ठ *134, *135 में ऊ हत्या के सफाई देल गेले ह। पृष्ठ *136 पर एगो गैर-कानूनी चर्चा शुरू होवऽ हइ।
पृष्ठ *137 पर फ्रांसीसी जहर बहावल जा हइ आउ पृष्ठ *138 आउ *139 तक जारी रहऽ हइ। लेकिन ई पूरा तर्क के एगो सरल प्रश्न से असानी से काटल जा सकऽ हइ - अगर कोय बुराई करऽ हइ, त कीऽ ई दोसरा के आउ अधिक बुराई करे के अधिकार दे हइ? उत्तर - बिलकुल नञ्। कानून आत्म-रक्षा में घातक प्रहार करे के अनुमति दे हइ, लेकिन एकरा में प्रमाण के माँग करऽ हइ कि कोय आउ तरीका से मौत के निवारण नञ् कइल जा सकऽ हलइ। ओहे से लेखक के समुच्चा चर्चा अनुचित, गैर-कानूनी आउ खोखला चिन्तन हइ।
पृष्ठ 140. नमेस्त्निक (गवर्नर) पर घूसखोरी के इल्जाम लगावल जा हइ आउ दुर्भाग्यवश तइयो एकरा लगी एक्के वैध अर्थ प्रस्तुत कइल जा हइ। पृष्ठ *141 पर, ई पृष्ठ के अन्त में नमेस्त्निक के भेंट के निंदा कइल गेले ह, लेकिन जे आवश्यक हइ, अगर ओकरा जाने के हइ कि ओकरा केकरा साथ काम करे के हइ आउ केऽ ओकर अधीन काम करऽ हइ, आउ केकरा साथ ओकन्हीं के काम करे के हइ। कि जन-कल्याण ई माँग करऽ हइ कि लोग एक दोसरा के नञ् जानइ आउ एक दोसरा से नञ् मिल्लइ-जुल्लइ, आउ अइसे रहइ जइसे भेड़िया सब एक दोसरा से दूर रहऽ हइ, चाहे जंगल-जंगल घुम्मऽ हइ?
पृष्ठ *142 पर नमेस्तनिक के अहंकार पर धावा बोलल जा हइ। वस्तुतः ऊ एगो विशिष्ट आदरणीय व्यक्ति हइ, आउ ओकरा साथ कानूनी तौर पर बहस करना अनुचित हइ, आउ बुद्धिमान व्यक्ति भी हियाँ परी मूर्ख बन्नल रह जा हइ।
[160] पृष्ठ *143, *144, *145, *146 बाहर के प्रस्ताव रक्खऽ हइ, जे कानून लगी घातक हइ आउ बिलकुल ओहे हइ जेकरा से फ्रांस उलट-पलट हो गेले ह। कोय अचरज नञ् होते हल, अगर ई बकबक करे वला के गिरफ्तार भी कर लेते हल।
पृष्ठ *147 पर ऊ कृषक के दयनीय स्थिति पर विलाप करऽ हइ, हलाँकि एहो विवादास्पद नञ् हइ कि निम्मन जमींदार के हियाँ पूरे संसार में हमन्हीं के कृषक के हालत से बेहतर नञ् हइ।
पृष्ठ *154, *155, *156 पर भद्रलोक (noblemen) के सरकारी सेवा में प्रवेश के वर्णन हइ, जेकरा में बाकी सब्भे नियन ओइसने दुर्भावना प्रकट कइल गेले ह।
पृष्ठ *156, *157, *158 पर लेखक के आत्मा के अहंकार दृष्टिगोचर होवऽ हइ आउ प्रभावशाली लोग पर ओकर शोक आउ नाराजगी, जेकरा ऊ अपन पुस्तक से प्रचार करे के प्रयास करऽ हइ, जइसे कि मिथ्यापवाद पूर्ण रूप से स्थापित आउ स्वीकृत हइ। पृष्ठ *159 पर ई आउ अधिक स्पष्ट हइ।

सं॰3

पृष्ठ *160, *161, *162, *1б3, *164, *165, *166, *167 में माता-पिता आउ बुतरुअन के बीच के संबंध के विनाश के वर्णन हइ आउ भगमान के कानून, दस धर्मादेश (Ten Commandments), पवित्र धर्मग्रन्थ, यूनानी ईसाई धर्म आउ सिविल नियम के बिलकुल विरुद्ध हइ। आउ ई चमुच्चे पुस्तक में ई स्पष्ट हइ कि लेखक क्रिश्चियन उपदेश के लेशमात्र भी आदर नञ् करऽ हइ, आउ ई स्वेच्छाचारिता के स्थान पर ऊ एक प्रकार के दर्शन स्वीकार कइलके ह, जे क्रिश्चियन आउ सिविल नियम के अनुरूप नञ् हइ।
पृ॰ *167 के अन्त में आउ *168, *169, *170 पर शिक्षा के नियमावली हइ; ई *171, *172, *173 पर जारी रहऽ हइ; एकर अन्त में कहल गेले ह, कउन हेतु से बाल-बुतरू के अंग्रेजी आउ लैटिन भाषा के शिक्षा देलकइ।
पृ॰ *174, *175 यथेष्ट गंभीरतापूर्वक सोचल-समझल हइ; *176, *177 बाल-बुतरू के शिक्षा के चर्चा जारी रहऽ हइ, ओइसीं *178, *179, आउ *180 भी। ई पृष्ठ पर, समुच्चा पुस्तक नियन, बेलगाम हो जा हइ, आउ लेखक के मानसिकता (mindset) लगभग अइसीं हइ। लगऽ हइ कि अनियंत्रित महत्त्वाकांक्षा के साथ पैदा होले हल, आउ खुद के उच्च पदवी लगी तैयारी कइलकइ, लेकिन चूँकि अभियो तक नञ् प्राप्त कर पइलके ह, ओकर अधीरता के पित्त (चिड़चिड़ापन) सब कुछ स्थापित पर सगरो उमड़ पड़ले ह आउ ई विशेष दर्शन के रचना कइलके ह, लेकिन जे ई शताब्दी के विभिन्न अर्द्ध-विवेकी, जइसे रूसो, ऐब्बे रेनाल आउ अइसने रोग-भ्रमित (hypochondriacs) से लेल गेले ह; तत्वमीमांसा (metaphysics) के संबंध में ऊ मार्टिनवादी हइ।
पृष्ठ *181 अइसने अर्थ में विवाह के बात करऽ हइ।
पृष्ठ *182. सामाजिक जीवन के नियमावली चालू होवऽ हइ। लेखक कहऽ हइ - अपन हृदय से पुछहो; ई कल्याणकारी हको। जे ई कहऽ हको, ओहे करहो, लेकिन अपन बुद्धि के अनुसरण करे के औडर नञ् देहो। ई प्रस्ताव बहुत विश्वसनीय नञ् हो सकऽ हइ।
पृष्ठ *182 पर रिवाज, नियम, कानून आउ गुण के विरुद्ध बात कइल जा हइ।
[161] पृ॰*184 पर सुकरात के उदाहरण प्रस्तुत कइल हइ आउ सब कुछ के बदले गुण के चयन करे के नियम देल हइ, लेकिन गुण के निर्धारण कइसे कइल जाय, ई अज्ञात रह गेलइ।
पृ॰*185 पर एकर आउ गुण के अर्थ के पुष्टिकरण कइल गेले ह। ई व्यक्तिगत चाहे सामाजिक होवऽ हइ।
पृ॰*186 पर कुर्तिउस (Curtius) के उदाहरण हइ आउ जीवन में व्यवहार के कुछ नियम के उपदेश देल गेले ह। ई प्रमाणित करऽ हइ कि लेखक वास्तव में अहंकारी हइ आउ खुद के बारे जादे सोचऽ हइ, बनिस्पत आउ दोसरा केकरो बारे।
पृ॰*187 पर लेखक फेर से लपकल अपन प्रिय विषय पर अइले ह - विशिष्ट व्यक्ति के अनुपस्थिति (गैरहाजिरी); ऊ कहऽ हइ कि ई रिवाज घृणास्पद, अर्थहीन, जीहुजूरिया, आउ जेकर भेंट देल जा हइ ओकरा में अहंकार आउ दुर्बल विवेक के प्रमाण हइ।
पृ॰*188. ई लेकिन पुष्टि करऽ हइ वस्तुतः ऊ पद पर के कर्तव्य (ड्यूटी) के अपवाद के।
पृ॰*189. छैलापन के बारे बात करऽ हइ, आउ लेखक ई पृष्ठ पर प्रमाणित करऽ हइ कि ऊ धनलोलुप नञ् हइ।
पृ॰*190, *191, *192, *193, *194 प्रमाणित करऽ हइ कि लेखक यथेष्ट कल्पनाशील हइ आउ रोगभ्रमी (hypochondriac) आउ विषादजनक विचार (gloomy thoughts) के प्रचार करना ओकरा पसीन पड़ऽ हइ, आउ हिएँ परी फेर से माता-पिता के अपन बाल-बुतरू पर नियंत्रण के निरर्थकता के उल्लेख कइल जा हइ, जे क्रिश्चियन आउ सिविल नियम के विरुद्ध हइ।
पृ॰*195. ई अवैध आउ वास्तविक दुराचारी अर्थ फैलावऽ हइ, जेकरे से पृ॰196 के समाप्त करऽ हइ; आउ हियाँ परी दैवी आउ सिविल नियम के प्रति कोय आदर नञ् देखाय दे हइ, बल्कि एकर बदले अनियंत्रित, अर्द्ध-विवेकी बकवास हइ।
पृ॰*197, *198, *199, *200, *201 में एगो खराब रोग के वर्णन हइ, जेकरा से लेखक ग्रसित हलइ। पृ॰*202 पर एकर दोष सरकार के देल जा हइ, आउ पृ॰*203 पर ओकरा बुरा-भला कहल जा हइ आउ गरियावल जा हइ, जे हमेशे शांति आउ नीरवता के उपदेश दे हइ।
पृ॰*204, *205, *206, *207, *208, *209 में कहानी हइ वलदाई आउ ऊ मठवासी (monk) के, जे झील के पैरके पार कइलके हल, आउ कुछ विशेष नञ् हइ।
पृ॰*210, *211, *212, *213, *214, *215, *216 में एद्रोवो के लड़की के कहानी हइ, हियाँ परी सगरो प्रहार कइल जा हइ कुलीन लोग (noblemen) पर आउ ओकन्हीं के कृषक लोग पर दुर्व्यवहार आउ उपद्रव पर।
पृ॰*217 पर सबसे जोरदार लेखांश (passage) हइ।
पृ॰*218. शायद ई अलिक्सान्द्र वसील्येविच सोल्तिकोव के कहानी होतइ। हियाँ परी न्याय पर हमला हइ; ई पृष्ठ के अन्त में शब्द हइ - "नञ्, नञ्, ऊ जीवित हइ, ऊ जीवित रहतइ, अगर ऊ चाहतइ!" ई टिप्पणी ध्यान देवे लायक आउ वास्तव में अपमानजनक हइ।
पृ॰*219, *220, *221, *222 पर अन्युतिना के कहानी जारी रहऽ हइ।
पृ॰*223 पर राजधानी, कुलीन लोग आदि के आचार-व्यवहार पर भड़ास निकासल जा हइ।
पृ॰*224 पर ओहे बात जारी रहऽ हइ, ओइसीं *225 पर भी।
पृ॰*226 गाम के माय सब के तुलना शहरी माय लोग से करऽ हइ; एहे तुलना पृ॰*227 पर जारी रहऽ हइ।
[162] पृ॰*228, *229. एद्रोवो के अन्युता के बारे लेखक के विभिन्न विचार।
पृ॰*230. गाम के दस साल के लड़कन के जवान लड़कियन से शादी के हानिकारक प्रथा के वर्णन करऽ हइ। लेखक के नञ् मालुम हइ कि अइसन शादी गैर-कानूनी हइ, चाहे जाने लगी नञ् चाहऽ हइ, काहेकि ओकर कहना हइ - "कानून के एकर मनाही करे के चाही हल।" हियाँ परी शादी के चर्चा प्राच्य ईसाई धर्म (Orthodoxy) के विरुद्ध हइ, काहेकि शादी एगो संस्कार (sacrament) हइ। पृष्ठ *231के अन्त में फेर से कुलीनता (gentry) पर प्रहार हइ - एगो पचास साल के अदमी के काहे लगी एगो पनरह साल के लड़की से शादी करे के चाही? हमन्हीं हीं एगो कहावत हइ - खाली एक अबाबील पक्षी (swallow) से ग्रीष्म ऋतु नञ् बन्नऽ हइ।
पृ॰*232, *233, *234, आउ *235 ई कहानी के उपसंहार हइ।

सं॰4

पृ॰*236, *237, *238 पर व्यंग्यात्मक रूप से परमानंद के बात कइल जा हइ आउ अनुभव करावल जा हइ कि अइसन कोय चीज नञ् हइ। ई ओकर भूमिका हइ, जे, लेखक के कृषक लोग आउ ओकन्हीं के दासता के बारे कहे के इरादा हइ आउ सेना के बारे, जे संरचना आउ अनुशासन के आधार पर गुलामी में हइ। एहे सब हइ पृ॰*239, *240, *241, *242, *243, *244, *245, *24б, *247, *248, *249, *250, *251, *252 पर, आउ जमींदार लोग के विरुद्ध कृषक लोग के भड़कावे के प्रवृत्ति हइ, आउ सेना के प्राधिकारी के विरुद्ध। लेखक के "शांति" आउ "अमन-चैन" शब्द पसीन नञ् हइ।
पृ॰*253 से विजय पर प्रहार शुरू होवऽ हइ। पृ॰*254 आउ *255 विजय, उपलब्धि आउ उपनिवेश (settlements) के विरुद्ध झिड़की से भरल हइ। ई पृष्ठ के अन्त में ऊ कृषक लोग के विषय पर लौटऽ हइ। पृ॰*256 आउ *257 कृषक लोग के दशा के वर्णन करऽ हइ, जेकरा अपन खुद के खेती करे लायक जमीन नञ् हइ। पृ॰*258 पर वर्णन हइ कि कइसे लोग काम से थकके चूर हो जा हइ।
पृ॰*259 के अनुसार दास लोग अपन बेड़ी पसी करऽ हइ। ई सब अधिकतर ऐब्बे रेनाल के पुस्तक से लेल गेले ह।
पृ॰*260. फेर से अइसन शब्द निकसऽ हइ, जेकर प्रवृत्ति विद्रोह भड़कावे के हइ।
पृ॰*261. एहो ध्यान देवे लायक हइ।
पृ॰*262. जमींदार लोग के कृषक सब के स्वतंत्र करे लगी समझावे के प्रयास करऽ हइ, लेकिन कोय नञ् सुन्नऽ हइ।
पृ॰*263. एहे बात के जारी रक्खल जा हइ।
पृ॰*264. हियाँ परी बतावल जा हइ कि उपर्युक्त सब कुछ एगो कागज पर लिक्खल ओकरा रोड पर मिललइ।
पृ॰*265 पर रूस में कृषक लोग के मुक्ति के योजना हइ; ई योजना पृ॰*266 आउ *267 छेकऽ हइ।
पृ॰*268, *269, *270, *271, *272, *273, *274, *275, *276, *277 लिक्खल गेले ह ऊ सब जमींदार के प्रति घृणा पैदा करे लगी, जे कृषक लोग से खेती करे लायक जमीन के हथियाऽ ले हइ - लेखक ऊ सब के दंडित करऽ हइ, आउ एहे सरकार लगी भी बद्दल हइ।
[163] पृ॰*278, *279, *280, *281, *282, *283, *284, *285, *286, *287, *288 कोर्ट (दरबार) के रैंक के उन्मूलन से संबंधित हइ। हियाँ परी राजा के हिस्सा में सबसे अधिक पड़ऽ हइ, आउ ई शब्द के साथ अन्त होवऽ हइ - "कइसे पारस्परिक लाभ हेतु सत्ता स्वतंत्रता के साथ जोड़ल जाय के चाही"। ई सब से सोचल जा सकऽ हइ कि फ्रांस के आझकल के दुराचारी उदाहरण पर ओकर लक्ष्य हइ। ई आउ अधिक संभावित प्रतीत होवऽ हइ, काहेकि लेखक सगरो राजा आउ सत्ता पर प्रहार करे के अवसर खोजऽ हइ। अब मामला ओकरे से संबंधित हइ।
पृ॰*289, *290, *291, *292, *293, *294, *295, *296, *297, *298, *299, *300, *301, *302, *303, *304, *305 में पुस्तक के सेंसर के बदनाम करे के प्रयास हइ, आउ हियाँ परी साहसपूर्वक आउ अपमानपूर्वक प्राधिकारी आउ सरकार के बारे बोलऽ हइ, जेकरा, जइसन कि स्पष्ट हइ, लेखक घृणा करऽ हइ।
पृ॰ *306, *307, *308, *309, *310, *311, *312, *313, *314, *315, *316, *З17, *318, *З19, *320, *321, *322, *323, *324, *325, *326, *327, *328, *329, *330, *331, *332, *333, *334, *335, *336, *337, *338, *339, *340 पर भी ओहे सेंसर के चर्चा हइ। सबसे दमदार स्थल के पेंसिल से निर्दिष्ट कइल हइ। अन्तिम पृष्ठ पर ई शब्द लिक्खल हइ - "ऊ सम्राट् हलइ। बताहो तो, अगर सम्राट् के सिर में नञ्, त केक्कर सिर में जादे असंगति (inconsistencies) हो सकऽ हइ?" लेखक के राजा लोग पसीन नञ्, आउ जाहाँ कहीं ओकरा प्रति प्रेम आउ आदर के कम कर सकइ, हुआँ असाधारण साहस के साथ बहुत उत्साह से चिपक जा हइ।
पृ॰*341 पर शुरू होवऽ हइ, अपन मालिक के करजा के कारण हथौड़ा के चोट के अधीन एगो परिवार के दयनीय निलामी के कहानी, आउ ई पृ॰*342, *343, *344, *345, *246, *347, *348 तक जारी रहऽ हइ। पृ॰*349 पर ई शब्द से एकर अन्त होवऽ हइ - "ओकन्हीं (जमींदार लोग) के सम्मति से कोय स्वतंत्रता के आशा नञ् करे के चाही, बल्कि दासता के भारी-भरकम बोझ से हीं।" मतलब, आशा अटकल हइ कृषक लोग के विद्रोह पर।
पृ॰*350 से *369 तक छंदशास्त्र के चर्चा के वेष में एगो संबोध-गीत (ode) हइ, जे बिलकुल स्पष्टतया क्रान्तिकारी हइ, जेकरा में राजा लोग के टिकठी (scaffold) के धमकी देल गेले ह। क्रॉमवेल (Cromwell) के उदाहरण प्रशंसा के साथ प्रस्तुत कइल गेले ह। ई सब पृष्ठ आपराधिक इरादा वला हइ, बिलकुल क्रान्तिकारी। ई संबोध-गीत के बारे लेखक के पुच्छल जाय के चाही कि कउन अर्थ में आउ केक्कर ई रचना कइल हइ।
पृ॰*370 आउ आगू, *394 तक, कहानी हइ रंगरूट के चयन आउ उत्पीड़ित कृषक आउ अइसने लोग के बारे, जेकर लक्ष्य हइ स्वतंत्रता के प्रचार आउ जमींदार के उन्मूलन।
पृ॰*395 से *400. फेर से विशिष्ट व्यक्ति आउ दरबारी लोग पर प्रहार।
पृ॰*401 से *409 तक एगो आन्हर के कहानी हइ।
पृ॰*410 से *416 तक फेर से कृषक लोग के दयनीय जीवन के बारे।

सं॰5

लेखक के बता देथिन कि हम ओकर पुस्तक के कवर से कवर तक पढ़ लेलिए ह, आउ पढ़ते बखत हमरा सन्देह होलइ कि कहीं हम ओकरा नराज तो [164] नञ् कर देलिअइ। काहेकि हम ओकरा बारे कोय निर्णय करे लगी नञ् चाहऽ हिअइ जब तक कि ओकर सफाई नञ् सुन लिअइ, हलाँकि ऊ राजा लोग के बारे निर्णय करऽ हइ, बिन ओकन्हीं के अपन सफाई सुनले।
पृ॰*401 से *409 तक कहानी हइ एगो आन्हर के बारे, जेकरा ऊ अपन शाल भेंट कइलकइ।
पृ॰*410, *411, *412, *413, *414, *415, *416 कृषक लोग के दयनीय दशा के वर्णन जारी रक्खऽ हइ।
पृ॰*418 पर लोमोनोसोव के गुणगान शुरू होवऽ हइ आउ पुस्तक के आखिर तक चल्लऽ हइ। हियाँ परी मिराबो (Mirabeau) के प्रशंसा हइ, जे एक तुरी नञ् बल्कि कइएक तुरी फाँसी पर लटकाऽ देवल जाय के लायक हइ। हियाँ परी सा[म्राज्ञी] [लिज़ावेता] पि[त्रोव्ना] के अपमान दर्शावल गेले ह। हियाँ स्पष्ट हइ कि लेखक वास्तविक क्रिश्चियन नञ् हइ। आउ ई संभव प्रतीत होवऽ हइ कि ऊ खुद के नेता नियुक्त कर लेलके ह कि पुस्तक के माध्यम से चाहे आउ कोय तरीका से राजा लोग के हाथ से राजदण्ड (scepter)  छीन लेइ, लेकिन चूँकि अकेल्ले एकरा नञ् कर सकते हल, पहिलहीं से कुछ सुराग लगऽ हइ कि ओकरा पास कइएक सह-अपराधी (accomplices) हलइ; त ओकरा से पूछताछ कइल जाय के चाही, ई मामले में आउ ओकर वास्तविक इरादा के बारे। आउ चूँकि ओकर खुद कहना हइ कि ओकरा सत्य से प्रेम हइ, त ओकरा खुद लिक्खे लगी कहल जाय कि मामला कीऽ हइ। अगर ऊ सत्य नञ् लिखतइ, त हम प्रमाण खोजे लगी बाध्य हो जइबइ आउ मामला ओकरा लगी पहिले के अपेक्षा आउ जादे खराब हो जइतइ।
पृ॰*453 पर लेखक अपन वापसी यात्रा में ई पुस्तक के जारी रक्खे के वचन दे हइ। ई रचना काहाँ हइ? कीऽ एकर शुरुआत कइल गेले ह आउ काहाँ हइ? आऊ ई पंक्ति "लोक शिष्टाचार विभाग के अनुमति से" के बारे कहबइ कि एक तुरी (सेंसर से) अनुमति देवे वला के हस्ताक्षर हो गेला पर पुस्तक में कुच्छो जोड़ना धोखेबाजी आउ निंदनीय कार्य हइ। ई मालुम करे के प्रयास करे के चाही कि केतना प्रति प्रकाशित कइल गेलइ आउ ऊ सब काहाँ हइ।

[सं॰6]

ई टिप्पणी "तोबोल्स्क निवासी मित्र के नाम पत्र"[2] पर हइ।
एहो रचना मिस्टर रादिषेव के हइ आउ रेखांकित कइल स्थल सब से स्पष्ट हइ कि अपनावल रस्ता के बारे बहुत पहिलहीं से विचार कइल जा रहले हल, आउ फ्रांसीसी क्रान्ति ओकरा रूस में पहिला नेता नियुक्त करे के खुद निश्चय कइलकइ। हमरा लगऽ हइ कि षेलिषेव (चेलिषेव) लगभग दोसरा हइ; बाकी लोग तक पहुँचना जरूरी हइ, फ्रांस से जल्दीए आउ विग (wig) भेजल जइतइ।



[1] चिचागोव वसिली याकोवलेविच (1726-1809) - नौ-सेनाध्यक्ष (ऐडमिरल), जे 1788-1790 के स्वेडिश-रूसी युद्ध में बाल्टिक समुद्र में रूसी नौसेना (बेड़ा) के कमांड कइलके हल।
[2] "तोबोल्स्क निवासी मित्र के नाम पत्र" - ई बेनामी रचना रादिषेव द्वारा सन् 1790 के शुरुआत में घर के प्रिंटिंग प्रेस से प्रकाशित एगो छोट्टे गो रचना हइ।