मगही भाषा के विकास के लिए हर संभव प्रयास : जीतन
Jul 10, 11:40 pm [2008 Thursday]
पटना: डा. रामप्रसाद सिंह साहित्य पुरस्कार समारोह में मगही भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग जोरदार ढंग से उठी। समारोह का आयोजन अखिल भारतीय मगही साहित्य सम्मेलन एवं मगही अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन शोध संस्थान में किया गया। इस अवसर पर मगही के उत्कृष्ट सेवा के लिए रामदास आर्य उर्फ घमंडी राम और मैथिली के विद्वान मोहन भारद्धाज को डा. रामप्रसाद सिंह साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समारोह का उद्घाटन करते हुये अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बुद्ध काल की भाषा मगही उपेक्षा की शिकार है। मगही भाषा के विकास कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सर्वव्यापी भाषा मगही को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। इस अवसर पर बिहार राष्ट्रभाषा परिषद सह हिन्दी ग्रंथ अकादमी के निदेशक प्रो. रामबुझावन सिंह ने कहा कि मां के दूध की तरह मातृभाषा का संबंध है। किसी भी मातृभाषा के विरोधी नहीं हैं। हिन्दी के विकास के साथ-साथ मगही सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं का होना चाहिए। समारोह में प्रो. राम प्रसाद सिंह ने भी भाग लिया। समारोह की अध्यक्षता लालमणि कुमारी तथा स्वागत भाषण मगही अकादमी के अध्यक्ष सह निदेशक विनोद कुमार कर्ण ने किया। इस अवसर पर मैथिली अकादमी के अध्यक्ष रघुवीर मोरी, प्रो. उमाशंकर सुमन, सहित्यकार प्रो. बीएन विश्वकर्मा, राज कुमार प्रेमी आदि ने भाग लिया।
2 comments:
क्या मगही - हिन्दी का कोई शब्दकोश निकला है नारायणजी ?
अजित जी,
मगही-हिन्दी कोश की जानकारी के लिए निम्न कड़ी को क्लिक कीजिए -
http://magahi-sahitya.blogspot.com/2008/01/blog-post_1550.html
इसी जालस्थल पर "Labels" के अन्तर्गत "कोश" भी है । वहाँ क्लिक करने पर भी काम चल जायेगा ।
इस जालस्थल पर भेंट देने के लिए धन्यवाद ।
---नारायण प्रसाद
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