http://www.hindustandainik.com/news/2031_2221017,0060.htm
कंप्यूटरवा त जंखियाइये गेलै, सिखबै कहिया
शनिवार, 22 नवम्बर 2008 01:09
कंप्यूटरवा त जंखियाइये गेलै, सिखबै कहिया
शनिवार, 22 नवम्बर 2008 01:09
मदन
भागलपुर, 22 नवंबर
निम्न मध्य वर्गीय बच्चों के लिए कंप्यूटर की पढ़ाई किसी ख्वाब की मानिंद है। अंग्रेजी स्कूलों के बच्चे एक ओर जहां कंप्यूटर के साथ खेलते हैं वहीं सरकारी स्कूल के बच्चों ने अब तक कम्प्यूटर को छुआ तक नहीं है। ठीक पांच साल पहले बच्चों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के लिए जिला स्कूल में कंप्यूटर सोसाइटी केन्द्र खोला गया लेकिन कक्षाएं आज तक शुरू नहीं हो सकी हैं। इस केन्द्र में 50 कंप्यूटर लगाए गए थे। इनमें से 20 डीआरडीए भवन में तो 2 डीईओ कार्यालय में हैं। शेष 28 में से महज 13 ही ठीक हैं।
उपयोग में नहीं लाने के कारण शेष खराब हो चुके हैं। इस केन्द्र को चलाने के लिए निर्मित भवन के दरवाजे और खिड़कियां भी जर्जर हो चुके हैं। दरवाजे टूटे चुके हैं तो खिड़कियों के शीशे चटख गए हैं। ढाल होने के बावजूद भवन की छत से बारिश का पानी टपकता है। भवन में कंप्यूटर असुरक्षित होने के कारण इसे स्कूल के एक कमरे में रखा गया है। केन्द्र में आठवीं से दसवीं कक्षा के निम्न मध्य वर्गीय लड़के-लड़कियों को न्यूनतम शुल्क पर कंप्यूटर ट्रेनिंग देने की योजना थी। इसके लिए स्कूल के ही तीन शिक्षक चमकलाल यादव, कपिलदेव प्रसाद यादव और भूम बाबू चौधरी ने कंप्यूटर की ट्रेनिंग भी ली। इसके तहत 50 लड़कों का एक बैच बनना था और 5 बैच चलाने की बात थी। लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। पिछले जनवरी महीने में कुछ पहल हुई लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आ सका।
केन्द्र के कमेटी अध्यक्ष जिलाधिकारी हैं। एनआईसी के पदाधिकारी, स्कूल के प्राचार्य और डीईओ सदस्य हैं। इस बाबत स्कूल के प्राचार्य नीतीश चंद्र मंडल बताते हैं कि जब तक विभाग से कोई दिशा निर्देश नहीं आता है तब तक इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। डीईओ मधुसूदन पासवान भी इस संबंध में कुछ कहने से अपने को असमर्थ बताते हैं।
भागलपुर, 22 नवंबर
निम्न मध्य वर्गीय बच्चों के लिए कंप्यूटर की पढ़ाई किसी ख्वाब की मानिंद है। अंग्रेजी स्कूलों के बच्चे एक ओर जहां कंप्यूटर के साथ खेलते हैं वहीं सरकारी स्कूल के बच्चों ने अब तक कम्प्यूटर को छुआ तक नहीं है। ठीक पांच साल पहले बच्चों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के लिए जिला स्कूल में कंप्यूटर सोसाइटी केन्द्र खोला गया लेकिन कक्षाएं आज तक शुरू नहीं हो सकी हैं। इस केन्द्र में 50 कंप्यूटर लगाए गए थे। इनमें से 20 डीआरडीए भवन में तो 2 डीईओ कार्यालय में हैं। शेष 28 में से महज 13 ही ठीक हैं।
उपयोग में नहीं लाने के कारण शेष खराब हो चुके हैं। इस केन्द्र को चलाने के लिए निर्मित भवन के दरवाजे और खिड़कियां भी जर्जर हो चुके हैं। दरवाजे टूटे चुके हैं तो खिड़कियों के शीशे चटख गए हैं। ढाल होने के बावजूद भवन की छत से बारिश का पानी टपकता है। भवन में कंप्यूटर असुरक्षित होने के कारण इसे स्कूल के एक कमरे में रखा गया है। केन्द्र में आठवीं से दसवीं कक्षा के निम्न मध्य वर्गीय लड़के-लड़कियों को न्यूनतम शुल्क पर कंप्यूटर ट्रेनिंग देने की योजना थी। इसके लिए स्कूल के ही तीन शिक्षक चमकलाल यादव, कपिलदेव प्रसाद यादव और भूम बाबू चौधरी ने कंप्यूटर की ट्रेनिंग भी ली। इसके तहत 50 लड़कों का एक बैच बनना था और 5 बैच चलाने की बात थी। लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। पिछले जनवरी महीने में कुछ पहल हुई लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आ सका।
केन्द्र के कमेटी अध्यक्ष जिलाधिकारी हैं। एनआईसी के पदाधिकारी, स्कूल के प्राचार्य और डीईओ सदस्य हैं। इस बाबत स्कूल के प्राचार्य नीतीश चंद्र मंडल बताते हैं कि जब तक विभाग से कोई दिशा निर्देश नहीं आता है तब तक इस संबंध में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। डीईओ मधुसूदन पासवान भी इस संबंध में कुछ कहने से अपने को असमर्थ बताते हैं।
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