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Thursday, May 21, 2009

6.12. मगही ऋतु लोकगीतों का सांस्कृतिक एवं समाजशास्त्रीय अध्ययन


"मगही ऋतु लोकगीतों का सांस्कृतिक एवं समाजशास्त्रीय अध्ययन"

मगध विश्वविद्यालय, बोधगया की पी-एच॰डी॰ उपाधि हेतु प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध
नवम्बर 1990


निदेशकः शोधकर्ताः
प्रो॰ राम प्रसाद सिंह दशई सिंह
एम॰ए॰, साहित्याचार्य, एम॰ए॰, विद्यावाचस्पति
पी-एच॰डी॰, डी॰लिट्॰ रीडर, स्नातक एवं स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग
हिन्दी विभाग, जी॰जे॰ कॉलेज, रामबाग, बिहटा (पटना)
जगजीवन महाविद्यालय,
गया
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विषय-सूची ---------------------- पृष्ठ

कृतज्ञता-ज्ञापन ---------------------- क, ख


भूमिका ---------------------- 1-38
भारतीय वाङ्‍मय में ऋतुओं का महत्त्व, लोक साहित्य में विविध ऋतुओं का वर्णन, मगही लोकगीतों में ऋतुओं का महत्त्व, मगही लोकगीतों में विविध ऋतुओं के चित्र ।

प्रथम अध्याय ---------------------- 39-201
मगही लोकगीतों का वर्गीकरण, ऋतुगत वर्गीकरण, वसंत गीत, कजरी, पूर्वी, झूला, शारदीय गीत, बारहमासा, छमासा, चतुर्मासा, विषयगत वर्गीकरण, प्रेम, संयोग वियोग, परिवार, समाज, धर्म, संस्कार, विविध, शैलीगत वर्गीकरण - लिंगाधार पर, स्त्री-पुरूष - बाल ।

द्वितीय अध्याय ---------------------- 202-261
ऋतुओं की परम्परा, भारतीय वाङ्‍मय में ऋतुगीतों का उद्‍भव, ऋतुआश्रित वैदिक वाङ्‍मय, उपनिषदों का प्रतीकात्मक ऋतु चित्र, ऋतु एवं प्राकृतिक चित्रों का आकर पुराण, मध्यकालीन संस्कृत साहित्य में ऋतु चित्र, अपभ्रंश एवं हिन्दी साहित्य में ऋतु चित्रात्मक काव्य, मगही लोकगीतों में ऋतु गीतों की परम्परा ।

तृतीय अध्याय ---------------------- 262-335
"मगही ऋतु लोकगीतों का सांस्कृतिक अध्ययन -
संस्कृति, लोक संस्कृति, लोक संस्कृति के वाहक तत्त्व, जात-संस्कार, जनेऊ एवं विवाह संस्कार, विविध संस्कार, सांस्कृतिक अनुष्ठानों में ऋतुगीत गायन ।"

चतुर्थ अध्याय ---------------------- 336-392
"मगही ऋतु लोकगीतों का समाजशास्त्रीय अध्ययन -
समाजशास्त्र के विविध तत्त्व, व्यक्ति, परिवार, समाज, धर्म, राजनीति, अनुवांशिकता एवं जाति ।"

पंचम अध्याय ---------------------- 393-431
"मगही ऋतु लोकगीतों का लोकतात्विक अध्ययन -
लोकमानस, लोक-आस्था, लोक प्रवृत्ति, लोक-जीवन, लोक अनुष्ठान, लोकमंगल, लोकविलास ।"

षष्ठ अध्याय ---------------------- 432-467
"मगही ऋतु लोकगीतों का कलापक्षीय अध्ययन
भाव सौन्दर्य, काव्यगत कला सौन्दर्य, विविध अलंकार, लयात्मक सौन्दर्य, विविध ।"

सप्तम अध्याय ---------------------- 468-523
उपसंहार - शोध का सार संक्षेप, परिशिष्ट, ऋतुगीतों के वाहकों का परिचय, संदर्भ-ग्रन्थ आदि ।

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