हिन्दुस्तान दैनिक, पटना संस्करण, 14 अगस्त 2010, पृष्ठ 8.
बख्तियारपुर। महाकवि योगेश की जन्मतिथि 23 अक्टूबर को प्रति वर्ष मगही दिवस के रूप में मनाया जायेगा। यह निर्णय अथमलगोला के नीरपुर में शुक्रवार को महाकवि योगेश फाउंडेशन के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय मगही भाषा सह कवि सम्मेलन के समापन मौके पर सर्वसम्मति से लिया गया। मगही एकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में कई कवियों ने अपनी कविता पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर जमकर तालियां बटोरीं। महाकवि योगेश के पुत्र पत्रकार मृत्युंजय कुमार ने कहा कि वे मगही एकादमी को 1950 के दशक का महत्वपूर्ण मगही पाण्डुलिपि उपलब्ध करायेंगे। सम्मेलन के दौरान मगही साहित्यकार रामनन्दन जी को वर्ष 2010 का योगेश शिखर सम्मान प्रदान किया गया। कवि दीनबन्धु, कारू गोप, जयराम और पंकज ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन कवि रामाश्रय झा ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, साहित्यकार, शिक्षाविद् आदि उपस्थित थे ।
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