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Wednesday, March 11, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 3 ; अध्याय – 3



अपराध आउ दंड

भाग – 3

अध्याय – 3

"ऊ ठीक हका, ठीक हका !" अन्दर घुसते लोग के ज़ोसिमोव खुशी से चीखते बोललइ । ओकरा अइला करीब दस मिनट हो चुकले हल आउ कल्हीं नियन सोफा पर एक कोना में बइठल हलइ । रस्कोलनिकोव सामने दोसरा तरफ बइठल हलइ, पूरा पोशाक पेन्हले आउ सवधानी से नहइले आउ कंगही कइले हलइ, जे लम्बा समय से ओकरा साथ नयँ होले हल । कमरा तुरते भर गेलइ, लेकिन नस्तास्या तइयो भेंटकर्ता सब के पीछू-पीछू आवे में सफल हो गेलइ आउ सुन्ने लगलइ ।

वास्तव में, रस्कोलनिकोव करीब-करीब चंगा हलइ, खास करके कल्हे के तुलना में, खाली बहुत पीयर हलइ, अन्यमनस्क आउ उदास हलइ । बाहर से ऊ मानूँ एगो घायल या कोय तरह के तेज शारीरिक पीड़ा से पीड़ित अदमी नियन लगऽ हलइ - ओकर भौं तन्नल, होंठ भिंच्चल, आउ आँख लाल हलइ। ऊ बहुत कम बोलऽ हलइ आउ अनिच्छा से, मानूँ जोर लगइला के बाद, चाहे कोय फर्ज अदा करते नियन, आउ कभी-कभी ओकर चाल-ढाल में एक प्रकार के बेचैनी देखाय दे हलइ ।

कमी हलइ त हाथ में कोय पट्टी के या अंगुरी पर ताफ्ता (एक प्रकार के रेशमी कपड़ा) के लपेटन के, ताकि ओकर पूरा हुलिया ऊ अदमी जइसन होते हल, जेकर, मसलन, अंगुरी में बहुत दर्दनाक फोड़ा रहे, चाहे घायल हाथ, चाहे अइसीं आउ कुछ ।

लेकिन, ई पीयर आउ उदास चेहरो पर एक क्षण लगी मानूँ रोशनी के चमक आ गेलइ, जब माय आउ बहिन अंदर अइते गेला, लेकिन एकरा से ओकर पहिलौका नीरस अन्यमनस्कता के बजाय ओकर भाव में मानूँ अधिक केन्द्रित व्यथा में वृद्धि हो गेलइ । रोशनी तो तुरते धुँधला पड़ गेलइ, लेकिन व्यथा रह गेलइ, आउ ज़ोसिमोव, अभी-अभी डाक्टरी शुरू करे वला नौजवान डाक्टर के उत्साह से अपन मरीज के देखला आउ अध्ययन कइला पर ई बात नोटिस करके अचरज में पड़ गेलइ, कि अपन रिश्तेदार के आगमन से खुशी के बजाय, मानूँ घंटा-दू घंटा के यातना सह लेवे के ओकरा में एगो भारी गुप्त दृढ़ संकल्प हलइ, जेकरा टालल नयँ जा सकऽ हलइ । ऊ बाद में देखलकइ, कि कइसे बाद में होल बातचीत के लगभग हरेक शब्द जइसे एक प्रकार से ओकर मरीज के घाव के स्पर्श करऽ हलइ आउ ओकरा ताजा कर दे हलइ; लेकिन एकर साथे-साथ ओकरा आंशिक रूप से ई बात के अचरज हो रहले हल, कि कल्हे वला एकोन्मादी (monomaniac) के आझ अपन भावना के नियंत्रित करे आउ छिपावे के शक्ति आ गेले हल, जे कल्हे एगो बिलकुल छोटगरो शब्द से गोस्सा में लगभग भड़क उट्ठऽ हलइ ।

"हाँ, हम अब खुद देखऽ ही, कि लगभग चंगा ही", हार्दिक मन से रस्कोलनिकोव माय आउ बहिन के चूमते कहलकइ, जेकरा से पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के चेहरा चमक उठलइ, "आउ कल्हे नियन अब ई बात नयँ कह रहलियो ह", रज़ुमिख़िन के संबोधित करते आउ ओकरा साथ मित्रवत् हाथ मिलइते ऊ आगू बोललइ ।

"आ हमरो आझ इनका देखके अचरज होब करऽ हइ", ज़ोसिमोव शुरू कइलकइ, जे आगन्तुक के देखके बहुत खुश होलइ, काहेकि दसे मिनट में अपन मरीज के साथ बातचीत के सिलसिला के खोवे में सफल हो चुकले हल । "लगभग तीन-चार दिन में, अगर अइसीं चलते रहतइ, त बिलकुल पहिलहीं जइसन हो जइतइ, मतलब जइसन हलइ एक महिन्ना पहिले, चाहे दू ... चाहे, शायद, तीनो ? सचमुच ई बहुत पहिलहीं से शुरू होलो हल आउ अइसन हालत तक बनके अइलो ह ... हइ न ? त मानऽ हो न, कि शायद खुद्दे एकरा लगी दोषी हलऽ ?" ऊ सवधान मुसकाहट के साथ बात आगे बढ़इलकइ, मानूँ ऊ अभियो डर रहले हल कि कहीं ओकरा नराज नयँ कर देय ।
"बहुत संभव हइ", रस्कोलनिकोव भावशून्य मुद्रा में उत्तर देलकइ ।

"हमर कहे के मतलब हको", आउ खुश होते ज़ोसिमोव बात जारी रखलकइ, "कि तोहर पूरा तरह से चंगा होना, मुख्यतः, अब खाली तोरा खुद्दे पर निर्भर करऽ हको । अब, जबकि तोहरा से बातचीत करना संभव हो गेलो ह, हम तोरा अकीन देलावे लगी चाहबो, कि ई आवश्यक हको कि मौलिक, यूँ कहल जाय, असली जड़, जे तोहरा रोग के हालत पैदा कइलको हल, ओकरा हटावे के चाही, तभिए तूँ ठीक होबऽ, नयँ तो हालत बत्तरो होतो । ई मौलिक कारण हमरा नयँ मालूम, लेकिन तोरा तो मालूम होवहीं के चाही । तूँ बुद्धिमान हकऽ, आउ वस्तुतः, खुद्दे नोटिस कइलऽ होत । हमरा लगऽ हको, कि तोहर अव्यवस्था के शुरुआत आंशिक रूप से तोर विश्वविद्यालय छोड़े के समय से मेल खा हको । तोहरा खाली बइठना बिलकुल नयँ चाही, ओहे से परिश्रम आउ  सामने एक  दृढ़ निश्चित कइल लक्ष्य, हमरा लगऽ हको, तोहरा लगी बहुत सहायक हो सकऽ हको ।"

"हाँ, हाँ, तूँ बिलकुल सही हकऽ ... अइकी हम तुरते विश्वविद्यालय में योगदान (join) कर ले हियो, आउ तब सब कुछ ... पटरी पर आ जइतइ ..."

ज़ोसिमोव, जे अपन बुद्धिमानी भरल परामर्श आंशिक रूप से महिला लोग के सामने अपन प्रभाव डाले खातिर शुरू कइलके हल, वस्तुतः जरी आश्चर्यचकित हो गेलइ, जब अपन भाषण समाप्त कइला पर आउ अपन श्रोता तरफ देखला पर, ओकर चेहरा पर एगो निश्चयात्मक उपहास नोटिस कइलकइ । लेकिन ई पल भर तक रहलइ। पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना तुरतम्मे ज़ोसिमोव के धन्यवाद देवे लगला, विशेष करके कल रात के ओकन्हीं के होटल में भेंट करे खातिर ।

"की, ई तोहन्हीं हीं रात में गेला हल ?" चिंतित होल नियन रस्कोलनिकोव पुछलकइ । "मतलब, तोहन्हीं सफर के बाद सुतलऽ नयँ ?"
"आह, रोद्या, वस्तुतः ई सब तो खाली दू बजे तक के बात हलइ । हम आउ दुन्या तो घरवो पर दू बजे के पहिले कभी नयँ सुत्ते जा हलिअइ ।"

"हमरो नयँ समझ में आवऽ हके, कि उनका कइसे धन्यवाद करूँ", त्योरी चढ़इते आउ निच्चे तरफ तकते रस्कोलनिकोव बात जारी रखलकइ । "पइसा के बात तो अलगे हइ - क्षमा करिहऽ, कि हम एकरा बारे उल्लेख कइलियो" (ऊ ज़ोसिमोव तरफ मुड़लइ), "हमरा ई समझ में नयँ आवऽ हके, कि कइसे हम तोहरा से अइसन विशेष ध्यान रखवावे के पात्र होलिअइ । हमरा बिलकुल ई बात समझ में नयँ आवऽ हके ... आउ ... आउ ई हमरा लगी एगो मन पे बोझ हके, काहेकि हमरा समझ में नयँ आवऽ हके - हम तोहरा खुले दिल से बता रहलियो ह ।"

"तूँ जरिक्को परेशान मत होवऽ", ज़ोसिमोव जबरदस्ती हँसते बोललइ, "मान ल, कि तूँ हमर पहिला मरीज हकऽ, आउ हमर भाय, हम डाक्टर लोग जब पहिले-पहिल प्रैक्टिस चालू करते जा हिअइ, त अपन पहिलौका मरीज सब के अपन बुतरू नियन प्यार करऽ हिअइ, आउ कुछ लोग के तो ऊ सब से लगाव हो जा हइ । आउ हमरा पास तो ढेर सारा मरीज नयँ हकइ ।"
"आउ हम तो एकरा बारे कुछ नयँ बोलऽ हियो", रज़ुमिख़िन तरफ इस्तारा करते रस्कोलनिकोव आगू बोललइ, "एहो तो हमरा से अपमान आउ तकलीफ के अलावा कुछ नयँ देखलका ।"
"अरे, ई की बकवास कर रहला ह ! तूँ आझ भावुक मूड में लग रहलऽ ह की ?" रज़ुमिख़िन उँचगर स्वर में बोललइ ।

अगर ओकर दृष्टि जरी आउ तेज होते हल, त देखते हल, कि हियाँ भावुक मूड बिलकुल नयँ हलइ, बल्कि बिलकुल एकर उलटे हलइ । लेकिन अवदोत्या रोमानोव्ना ई बात के समझ गेलइ । ऊ एकटक आउ बेचैनी से अपन भाय के देख रहले हल ।

"तोरा बारे तो, माय, हम तो बोले के हिम्मत नयँ कर सकऽ हिअउ", ऊ बात जारी रखलकइ, मानूँ ऊ सुबहे से कोय रट्टल पाठ सुना रहल होवे, "खाली आझे हमरा ई बात के जरी अंदाजा होलउ, कि कल्हे हियाँ हमर वापिस आवे के इंतजार में केतना तकलीफ होलो होत ।" ई सब कह चुकला के बाद, ऊ अचानक, चुपचाप आउ मुसकाहट के साथ, अपन हाथ बहिन तरफ बढ़इलकइ । लेकिन ई मुसकाहट में अबरी असली, अकृत्रिम भावना के चमक हलइ ।  दुन्या खुश होके आउ कृतज्ञतापूर्वक तुरते ओकरा तरफ बढ़ावल हाथ के धर लेलकइ आउ गरम जोश के साथ दबइलकइ । कल के वाद-विवाद के बाद ओकरा पहिले तुरी संबोधित कइलके हल । भाय-बहिन के बीच ई अन्तिम आउ शब्दहीन सुलह देखके माय के चेहरा हर्षातिरेक आउ खुशी से चमक उठलइ ।

"एहे से तो हम एकरा प्यार करऽ हिअइ !" रज़ुमिख़िन फुसफुसइलइ, जे सब कुछ बढ़ा-चढ़ाके बात कर रहले हल, कुरसी पर झटके से घूमके । "त एकर दिल में अइसन हलचल भी हइ ! ..."

"आउ केतना अच्छा ओकरा से ई सब होवऽ हइ", माय अपन मन में सोचलका, "कइसन उदार भाव के आवेग हइ ओकरा, आउ केतना सीधा-सादा ढंग से, कोमलता से अपन बहिन के साथ कल्हे के ई सब्भे गलतफहमी दूर कर देलकइ - बिलकुल ठीक क्षण में अपन हाथ बढ़इलकइ आउ ओकरा तरफ निम्मन तरह से देखलकइ ... आउ ओकर आँख केतना सुन्दर हइ, आउ पूरा चेहरा केतना सुन्दर हइ ! ... ऊ तो दुनेच्का से भी जादे सुन्दर लगऽ हइ ... लेकिन, हे भगमान, कइसन ओकर पोशाक हकइ, कइसन भयंकर रूप से कपड़ा पेन्हले हइ ! ... अफ़नासी इवानोविच के दोकान में वास्या, हरकारा, भी बेहतर कपड़ा पेन्हऽ हइ ! ... आउ हमरा अइसन लगऽ हके कि ओकरा भिर लपकके जाऊँ, आउ गले लगा लूँ, आउ ... रोवे लगूँ - लेकिन डरऽ हूँ ... कइसन लगऽ हके ऊ, हे भगमान ! ... अइकी अभी तो ऊ मीठगर-मीठगर बात करऽ हके, लेकिन डरऽ हूँ ! आखिर हम डरऽ हूँ काहे लगी? ..."
 "अरे, रोद्या, तोरा अकीन नयँ होतउ", अचानक ऊ कहना शुरू कइलका, ओकर टिप्पणी के जल्दी से जवाब देवे खातिर, "दुनेच्का आउ हम कल केतना हलिअइ ... दुखी ! अब, जब सब कुछ गुजर गेलइ आउ खतम हो गेलइ आउ हम सब फेर से खुश हकिअइ - अइसन कहल जा सकऽ हइ । जरी सोच, कि हम करीब-करीब सीधे रेलगाड़ी से उतरके हियाँ दौड़के आवऽ हूँ, कि तोरा गले से लगा लेऊँ, आउ ई औरत - अरे, अइकी हइ ऊ ! कइसन हँ, नस्तास्या ! ... ऊ अचानक हमरा बतावऽ हके, कि तूँ कम्पोन्माद (delirium tremens) में पड़ल हकँऽ आउ अभी-अभी डाक्टर भिर से चुपचाप घसक देलँऽ, सरसामी हालत में, रोड पर, कि आउ तोरा खोजे के चक्कर में लोग दौड़के तोर पीछू गेते गेला । तोरा विश्वास नयँ होतउ, कि हमन्हीं पर की गुजरल ! हमरा खाली एहे दिमाग में आल, कि कइसे लेफ्टेनेंट पोतान्चिकोव के दुखद मौत हो गेलइ, जे हमन्हीं के जान-पछान के, तोर बाऊ के दोस्त हलथुन - तोरा उनकर आद नयँ होतउ, रोद्या - ओहो कम्पोन्माद में अइसीं बाहर दौड़के भाग गेला हल आउ प्रांगण के कुआँ में गिर गेला हल, दोसरे दिन होके उनका बाहर निकासल जा सकलइ । आउ हमन्हीं, वास्तव में, ई बात के जादहीं बढ़ा-चढ़ा देलिअइ । हमन्हीं प्योत्र पित्रोविच के पास दौड़के जाके खोजहीं वला हलिअइ, ताकि बल्कि उनकरे मदत से ... काहेकि हमन्हीं वस्तुतः अकेल्ले हलिअइ, बिलकुल अकेल्ले", ऊ दुख भरल अवाज में बोलते रहला आउ अचानक रुक गेला, ई आद करके, कि प्योत्र पित्रोविच के बारे बात करना अभियो काफी खतरनाक हकइ, ई बात के बावजूद 'कि हम सब फेर बिलकुल खुश हकिहइ' ।"
"हाँ, हाँ ... ई सब, वास्तव में, दुख के बात हइ ...", जवाब में रस्कोलनिकोव बड़बड़इलइ, लेकिन अइसन अन्यमनस्क आउ लगभग लापरवाह भाव से, कि दुनेच्का अचरज में ओकरा तरफ देखे लगलइ ।

"अरे, हम आउ की चाहऽ हलिअइ", प्रयास के साथ आद करते ऊ बात जारी रखलकइ, "हाँ - माय आउ तूँ दुन्या, किरपा करके ई मत सोचिहँऽ, कि हम तोहन्हीं हियाँ पहिले नयँ आवे लगी चाहऽ हलिअउ आउ तोहन्हीं के अपना हीं पहिले आवे के इंतजार में हलिअउ ।"
"ई तो की कह रहलँऽ हँ, रोद्या !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भी अचरज में चिल्ला उठला ।
"ई की फर्ज निभावे खातिर हमन्हीं के जवाब दे रहला ह ?" दुनेच्का सोचे लगलइ, "ई समझौता कर रहला ह, आउ माफी माँग रहला ह, जइसे कोय सेवा कर रहला ह, चाहे कोय सबक आद कर लेलका ह ।"
"हम तो अभी-अभी जगलियो ह आउ आहीं के सोच रहलियो हल, लेकिन हमरा पोशाक के चलते देरी हो गेलउ; कल्हे ओकरा बतावे लगी भूल गेलिअइ ... नस्तास्या के ... ई खून के साफ कर देवे लगी ... अभी-अभी कपड़ा पेन्ह के तैयार होलियो हल ।"

"खून ! कइसन खून ?" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना परेशान हो उठला ।
"ई अइसीं ... परेशान मत हो । ई खून ई वजह से हइ, कि कल्हे, जब कुछ-कुछ सरसामी हालत में घूम रहलिए हल, त अचानक गाड़ी के निच्चे कुचलाल एगो अदमी मिल गेलइ ... एगो सरकारी किरानी ..."
"सरसामी हालत में ? तइयो तोरा सब कुछ आद हकउ !" रज़ुमिख़िन बीच में बोल उठलइ ।
"ई सही हइ", कइसूँ विशेष सवधानी से ई बात के जवाब देलकइ, "हमरा सब कुछ आद हके, छोटगरो से छोटगर बात, लेकिन हमरा ई पूछते जा - कि हम काहे लगी अइसन कइलइ, आउ हुआँ गेलिअइ, आउ ऊ बात बोललिअइ ? ई सब हम ठीक से बता नयँ सकऽ ही ।"

"ई तो बहुत परिचित घटना हइ", ज़ोसिमोव बीच में बोललइ, "कभी-कभी योजना बड़ी कुशलता से, बड़ी चलाकी से संपादित कइल जा हइ, लेकिन क्रिया-कलाप आउ एकर स्रोत के नियंत्रण अस्तव्यस्त रहऽ हइ आउ कइएक रोगजन्य छाप पर निर्भर करऽ हइ । सपना नियन ।"
"आ ई तो, शायद, आउ अच्छे हइ, कि ऊ हमरा लगभग पागल समझऽ हइ", रस्कोलनिकोव सोचलकइ ।
"हाँ, अइसे तो, शायद, स्वस्थ लोग भी अइसीं होवऽ हका", दुनेच्का टिप्पणी कइलकइ, बेचैनी से ज़ोसिमोव तरफ देखते ।

"यथेष्ट विश्वसनीय प्रेक्षण (observation)", ऊ जवाब देलकइ, "ई अर्थ में वस्तुतः हम सब्भे कोय, आ बहुत अकसर, लगभग पागल नियन होवऽ हिअइ, खाली जरी सन फरक के साथ, कि ‘रोगी लोग’ हमन्हीं के अपेक्षा कुछ जादे पागल होवऽ हइ, ओहे से हियाँ एगो विभाजक रेखा खींचना आवश्यक हइ । आउ सुव्यवस्थित व्यक्ति, सही हइ, लगभग बिलकुल नयँ होवऽ हइ; दसो, आ शायद, कइएक सो हजार में एगो अइसन मिल्लऽ हइ, आउ ओहो काफी कमजोर नमूना के रूप में ..."

अपन प्रिय विषय पर बकते समय ज़ोसिमोव के मुँह से लपरवाही में ‘पागल’ शब्द निकस गेला पर सबके त्योरी चढ़ गेलइ ।
रस्कोलनिकोव विचारमग्न होके आउ पीयर होंठ पर विचित्र मुसकान के साथ बइठल रहलइ, जइसे ई बात पर कोय ध्यान नयँ दे रहले हल । ऊ कुछ तो सोचते रहलइ ।
"अच्छऽ, त ई अदमी के की होलइ, जे गाड़ी के निच्चे कुचला गेले हल ? हम तोरा बिच्चे में टोक देलियो हल !" जल्दी से रज़ुमिख़िन उच्च स्वर में बोललइ ।
"की ?", मानूँ ऊ जग गेलइ, "हाँ ... हमर कपड़ा खूने-खून हो गेले हल, जब हम ओकरा ओकर फ्लैट में पहुँचावे में मदत कर रहलिए हल ... अच्छऽ, माय, कल हमरा से एगो माफ नयँ करे लायक काम हो गेलउ; वास्तव में हमर दिमाग नयँ काम कर रहल हल । हम कल्हे सब पइसा, जे तूँ हमरा लगी भेजइलँऽ हल, दे देलिअइ ... ओकर घरवली के ... ओकरा दफनावे खातिर । अभी विधवा हइ, तपेदिक के रोगी, दयनीय स्थिति वली औरत ... तीन-तीन गो छोटगर अनाथ बुतरू, भुक्खल ... घर बिलकुल खाली हइ ... आउ एगो बेटियो हइ ... शायद, तूहूँ दे देतहीं हल, अगर देखतहीं हल ... हमरा, लेकिन, कोय अधिकार नयँ हलइ, हम ई बात मानऽ हिअउ, खास करके ई जानके, कि कइसे ई पइसा के इंतजाम कइलहीं हल । दोसरा के मदत करे के पहिला अधिकार होवे के चाही, नयँ तो - "Crevez chiens, si vous n'êtes pas contents!" [(क्रेवे श्यैं, सि वू नेत पा कौंताँ!) - मर जो कुत्ते, अगर तूँ संतुष्ट नयँ हकँऽ ! (फ्रेंच)], ऊ हँस पड़लइ । "हइ न, दुन्या ?"

"नयँ, अइसन बात नयँ हइ", दृढ़तापूर्वक दुन्या उत्तर देलकइ ।
"वाह ! त तोरो ... धारणा हउ ! ...", ऊ बड़बड़इलइ, ओकरा लगभग घृणा से देखके आउ व्यंग्यात्मक ढंग से मुसकाके । "हमरा समझ लेवे के चाही हल ... खैर, ई प्रशंसनीय हइ; तोरो लगी बेहतर हउ ... आउ अइसन लाइन तक पहुँचम्हीं, कि एकरा नयँ लाँघम्हीं - त दुखी रहम्हीं, लेकिन अगर लाँघम्हीं - त शायद, आउ जादे दुखी होम्हीं ... लेकिन, ई सब बकवास हइ !" ऊ चिढ़के बोललइ, अनिच्छापूर्वक भावना के प्रवाह में बह जाय के चलते झुँझलइते । "हम खाली ई कहे लगी चाहऽ हलिअउ, कि हम तोरा से, माय, माफी माँगऽ हिअउ", ऊ संक्षेप में आउ अचानक अपन बात खतम करते बोललइ ।

"बहुत हो गेलउ, रोद्या, हमरा अकीन हके, कि जे कुछ तूँ कर रहलँऽ हँ, सब कुछ बहुत निम्मन हउ !" खुश होल माय कहलका ।
"एतना अकीन मत कर", ऊ जवाब देलकइ, अपन मुँह के जरी विकृत करके मुसकाहट में बदलके । मौन छा गेलइ । ई पूरे बातचीत में, मौन में, समझौता में, क्षमा में, कुछ तो तनावपूर्ण हलइ, आउ सब कोय एकर अनुभव कर रहले हल ।
"अइसन लगऽ हइ कि जइसे ओकन्हीं हमरा से डरते जा हका", रस्कोलनिकोव मने-मन सोचलकइ, त्योरी चढ़ाके माय आउ बहिन के देखते । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना, वास्तव में, जेतने जादे देर तक चुप रहला, ओतने जादे भीरु होते गेला ।

"उनकर अनुपस्थिति में, लगऽ हइ, कि हम उनकन्हीं के प्यार करऽ हलिअइ", ओकर दिमाग में कौंधलइ ।
"जानऽ हीं, रोद्या, मार्फ़ा पित्रोव्ना मर गेलइ !" अचानक पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के मुँह से निकस गेलइ ।
"ई मार्फ़ा पित्रोव्ना केऽ हइ ?"
"ओह, हे भगमान, अरे ओहे मार्फ़ा पित्रोव्ना, स्विद्रिगाइलोवा ! हम तो तोरा पहिलहीं ओकरा बारे एतना सारा लिखलियो हल ।"
"अरे, हाँ, आद हउ ... अच्छऽ, त ऊ मर गेलइ ? आह, वास्तव में ?" अचानक ऊ चौंक पड़लइ, जइसे जग गेल होवे । "वास्तव में मर गेलइ ? कइसे ?"
"खाली कल्पना कर, कि बिलकुल अचानक !" ओकर उत्सुकता से प्रोत्साहित होके पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना त्वरित उत्तर देलका । "आउ ठीक ओहे समय, जब हम तोरा चिट्ठी पठइलिअउ, ठीक ओहे दिन ! कल्पना कर, कि ई भयंकर अदमी, लगऽ हइ, ओकर मौत के कारण हलइ । लोग के कहना हइ, कि ऊ ओकरा बड़ी मार मालके हल !"
"वास्तव में ओकन्हीं अइसीं जीयऽ हलइ ?" ऊ अपन बहिन के संबोधित करते पुछलकइ ।
"नयँ, बल्कि एकर खास उलटा । ओकरा साथ तो ऊ धीरज से पेश आवऽ हलइ, नम्र भी हलइ । कइएक बात में तो ऊ बहुत जादहीं ओकर स्वभाव पर आसक्त हलइ, पूरे सात साल ... कइसूँ अचानक धीरज खो बइठलइ ।"
"मतलब, ऊ बिलकुल ओइसन भयंकर नयँ हइ, अगर सात साल तक खुद के काबू में रखलकइ ? तूँ, दुनेच्का, लगऽ हइ, कि ओकरा सही ठहरा रहलहीं हँ ?"
"नयँ, नयँ, ई भयंकर अदमी हइ ! हम तो ओकरा से जादे भयंकर आउ केकरो कल्पना नयँ कर सकऽ हूँ", लगभग कँपते दुन्या जवाब देलकइ, भौं टेढ़ कर लेलकइ आउ सोच में डूब गेलइ ।

"ओकन्हीं के साथ ई घटना सुबह में होलइ", जल्दी-जल्दी में पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बात जारी रखलका, "एकर बाद ऊ तुरते घोड़ा के जोते के औडर देलकइ, ताकि दुपहर के भोजन के बाद तुरतम्मे शहर चल जाय जाल, काहेकि ऊ हमेशे अइसन हालत में शहर होके आवऽ हलइ; लोग के कहना हइ, कि ऊ दुपहर के खाना बड़ी डटके खइलके हल ..."
"मारो खइला के बाद ?"

" ... ओकर, लेकिन, हमेशे के ई ... आदत हलइ, आउ जइसीं ऊ दुपहर के खाना समाप्त करऽ हलइ, त जाय में कहीं देरी नयँ हो जाय, ऊ तुरतम्मे बाथरूम (स्नानघर) चल जा हलइ ... देखवे करऽ हीं, ओकर हुआँ एक प्रकार के स्नान-चिकित्सा चलऽ हलइ; ओकन्हीं के पास हुआँ ठंढा पानी के झरना हइ, आउ ऊ रोज दिन ओकरा में नियमित रूप से स्नान करऽ हलइ, आउ जइसीं पानी में घुसलइ, कि अचानक ओकरा साथ आघात !"
"बिलकुल !" ज़ोसिमोव कहलकइ ।
"आउ ऊ ओकरा दर्दनाक मार मालकइ ?"
"एकरा से की फरक पड़ऽ हइ", दुन्या जवाब देलकइ ।
"हूँ ! आ तइयो, तोरा मन करऽ हउ, माय, ई सब बकवास सुनावे के", चिढ़के आउ मानूँ अप्रत्याशित ढंग से रस्कोलनिकोव अचानक बोल उठलइ ।
"ओह, हमर दोस्त, हमरा समझ में नयँ आवऽ हलउ, कि हम की बात करिअउ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के मुँह से निकसलइ ।
"अरे की बात हउ, तोहन्हीं सब हमरा से डरऽ हीं की ?" ऊ विकृत मुसकान के साथ कहलकइ ।
"ई बात तो वास्तव में सच हइ", दुन्या कहलकइ, भाय तरफ सीधे आउ कठोरता से देखते । "माय, ज़ीना के उपरे चढ़ते बखत भय के मारे क्रॉस भी कर लेलके हल ।"

रस्कोलनिकोव के चेहरा जइसे आक्षेप (spasm) से विकृत हो गेलइ ।
"आह, ई तूँ की कह रहलहीं हँ, दुन्या ! किरपा करके गोस्सा मत कर, रोद्या ... तूँ अइसन बात काहे बोललहीं, दुन्या !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना भ्रमित होके बोले लगला, "ई बात सच हइ, कि जब हम हियाँ आ रहलिए हल, त समुच्चे रस्ता रेलगाड़ी में हम सपना देख रहलिए हल - कइसे हमन्हीं मिलबइ, कइसे हम सब एक दोसरा के सब कुछ बतइबइ ... आउ हम एतना खुश हलिअइ, कि हमरा रस्तो के भान नयँ होल ! लेकिन हम की कह रहलिए ह ! हम अभियो खुश हकूँ ... तूँ बेकार के बात मत कर, दुन्या ! हमरा तो बस एतने बात से खुशी हो रहल ह, कि हम तोरा देख रहलियो ह, रोद्या ..."
"बस, माय", ऊ दुविधा में बड़बड़इलइ, उनका तरफ बिन देखले उनकर हाथ दबइलकइ, "सब कुछ बतिया लेते जइबइ !"
ई कहके ऊ अचानक दुविधा में पड़ गेलइ आउ ओकर चेहरा पीयर पड़ गेलइ - फेर से एगो हाल के भयंकर संवेदना ओकर दिल पर से एगो घातक सिहरन (deathly chill) नियन गुजर गेलइ; फेर से ओकरा अचानक बिलकुल स्पष्ट आउ सुबोध हो गेलइ, कि अभी ऊ एगो भयंकर झूठ बोलले हल, कि नयँ खाली अब कभियो ओकरा बतियाय के मौका नयँ मिलतइ, बल्कि अब आगे कोय चीज के बारे, कभियो नयँ, केकरो साथ नयँ, कुच्छो बोल सकतइ । ई कष्टदायक विचार के छाप एतना बरियार हलइ, कि ऊ एक क्षण खातिर लगभग सब कुछ भूल गेलइ, अपन जगह पर से उठलइ, आउ केकरो तरफ बिन देखले, कमरा से दरवाजा तरफ चल पड़लइ ।
"ई तूँ की कर रहलहीं हँ ?" ओकर हाथ पकड़के रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ ।
ऊ फेर बइठ गेलइ आउ चुपचाप अपन चारो तरफ देखे लगलइ; सब लोग ओकरा तरफ किंकर्तव्यविमूढ़ होके देख रहले हल ।
"तोहन्हीं सब उदास काहे लगी हकहो !" ऊ अचानक बिलकुल अप्रत्याशित ढंग से चिल्लइलइ, "कुछ तो बोलते जा ! वस्तुतः अइसे बइठल रहे से की फयदा ! कुछ तो बोलते जा ! हमन्हीं सब बातचीत करते जाम ... हम सब एकट्ठा होते गेलूँ हँ आउ चुपचाप हकूँ ... कुछ तो !"

"भगमान के किरपा ! हम तो सोच रहलूँ हल, कि एकरा साथ कल वला कुछ शुरू होवे जा रहल ह", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना क्रॉस करके बोलला ।
"की बात हको, रोद्या ?" अविश्वास के लहजा में अवदोत्या रोमानोव्ना पुछलकइ ।
"कुछ नयँ, एगो बात आद पड़ गेल", ऊ उत्तर देलकइ आउ अचानक हँस पड़लइ ।
"खैर, कुछ आद पड़ गेलो, त ठीक हको ! नयँ तो, हम तो खुद सोचे लगलियो हल ...", सोफा पर से उठते ज़ोसिमोव बड़बड़इलइ । "लेकिन हमरा जाय के टैम हो गेलो; हम शायद फेर अइबो ... अगर तूँ हियाँ पर मिलबऽ ...", ऊ आदरार्थ झुकलइ आउ बाहर निकस गेलइ ।

"केतना निम्मन अदमी हइ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना टिप्पणी कइलका ।
"हाँ, उत्तम, श्रेष्ठ, पढ़ल-लिक्खल, बुद्धिमान ...", रस्कोलनिकोव अचानक एक प्रकार के अप्रत्याशित शीघ्रता आउ अभी तक के एक प्रकार के असाधारण सजीवता (animation) से बात करे लगी चालू कइलकइ, "हमरा आद नयँ पड़ऽ हके, कि बेमारी के पहिले हम ओकरा साथ काहाँ मिललूँ हल ... लगऽ हइ, कहीं तो मिललिए हल ... अइकी एहो बड़ी निम्मन अदमी हइ !" सिर हिलाके रज़ुमिख़िन तरफ इशारा कइलकइ, "तोरा ई पसीन हउ, दुन्या ?" ऊ ओकरा पुछलकइ आउ अचानक, नयँ मालूम काहे, हँस पड़लइ ।

"बहुत", दुन्या जवाब देलकइ ।
"ओफ, तूहूँ कइसन ... सूअर हकँऽ !" भयंकर रूप से लज्जित आउ लाल होल रज़ुमिख़िन बोललइ आउ कुरसी पर से उठ गेलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जरी सन मुसकइला, आउ रस्कोलनिकोव जोर से ठहाका लगइलकइ ।
"अरे, तूँ कद्धिर चललँऽ ?"
"हमहूँ ... हमरा जरूरी ..."

"तोरा बिलकुल नयँ जाय के, रुक ! ज़ोसिमोव चल गेलइ, ओइसीं तोरो जरूरी हो गेलउ । मत जो ... आ टैम की होलइ ? बारह बज गेलइ ? तोरा पास केतना सुन्दर घड़ी हकउ, दुन्या ! लेकिन तोहन्हीं सब्भे काहे लगी फेनु चुप्पी साध लेते गेलऽ ? लगातार खाली हम आउ हमहीं बोलते जा रहलियो ह ! ..."

"ई मार्फ़ा पित्रोव्ना के देल उपहार हइ", दुन्या उत्तर देलकइ ।
"आउ बहुत महँगा हइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना आगू बोलला ।
"ओहो ! केतना बड़गर हकइ, जनानी घड़ी तो लगभग नयँ लगऽ हइ ।"
"हमरा अइसने पसीन हके", दुन्या कहलकइ ।
"मतलब, ई मंगेतर के उपहार नयँ हकइ", रज़ुमिख़िन सोचलकइ आउ नयँ मालूम काहे खुश हो गेलइ ।
"आ हम सोच रहलिए हल, कि ई लूझिन के देल उपहार हइ", रस्कोलनिकोव टिप्पणी कइलकइ ।
"नयँ, ऊ अभी तक कोय उपहार दुनेच्का के नयँ देलथिन हँ ।"
"ओ ! आउ आद हउ माय, हमरा प्यार हो गेले हल आउ शादी करे लगी चाहऽ हलिअइ ?" ऊ अचानक बोललइ, मइया तरफ देखते, जे अप्रत्याशित मोड़ आउ तान से, जेकरा में ऊ बात करे लगी चालू कइलकइ, चौंक गेला ।
"ओह, हमर दोस्त, हाँ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना, दुन्या आउ रज़ुमिख़िन से नजर मिलइलका ।

"हूँ ! हाँ ! आ हमरा तोहरा से की कहे के हके ? हमरा तो बहुत कम्मे आद आवऽ हके । ऊ एगो बेमरियाही सन लड़की हलइ", फेर से अचानक सोच में खोवल आउ निच्चे तरफ मुँह करके ऊ बात जारी रखलकइ, "बिलकुल बेमरियाही; गरीब-दुखिया के भीख देवे में ओकरा बड़ी रुचि हलइ, आउ मठ के बारे हमेशे सपनइते रहऽ हलइ, आउ एक तुरी ओकर आँख से लोर ढरके लगलइ, जब ऊ हमरा एकरा बारे बोले लगलइ; हाँ, हाँ ... आद पड़ऽ हके ... बहुत अच्छा से आद हके । कइसन सीधी-सादी साधारण लड़की ... वस्तुतः, हमरा मालूम नयँ, हमरा ओकरा तरफ कइसे लगाव हो गेलइ, लगऽ हइ कि ई कारण से, कि हमेशे बेमार रहऽ हलइ ... अगर ऊ लंगड़ी चाहे कुबड़ी रहते हल, त शायद हम ओकरा आउ जादे प्यार करतिए हल ... (ऊ विचारमग्न रूप से मुसकइलइ)। त ... ई एक प्रकार के वासन्तिक सरसाम (spring delirium) हलइ ..."

"नयँ, ई खाली एगो वासन्तिक सरसाम नयँ हलइ", सजीवता से दुनेच्का कहलकइ ।

ऊ तनावपूर्ण ध्यान से बहिन तरफ देखलकइ, लेकिन ऊ ओकर शब्द नयँ सुनलकइ, चाहे समझवो नयँ कइलकइ। बाद में, गहरा सोच में, उठ गेलइ, मइया भिर गेलइ, ओकरा चूम लेलकइ, अपन जगह पर वापिस आ गेलइ आउ बइठ गेलइ ।
"तूँ अभियो ओकरा प्यार करऽ हीं !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना द्रवित होके बोलला ।
"ओकरा ? अभी ? ओह हाँ ... तूँ ओकरा बारे ! नयँ । ई सब तो अब जइसे दोसर दुनियाँ के बात लगऽ हइ ... आउ बहुत पहिले के बात । आउ ई चारो तरफ हियाँ हो रहल नियन जइसे नयँ लगऽ हइ ..."
ऊ ओकन्हीं के ध्यान से देखलकइ ।

"आउ अइकी तोहन्हिंयो के ... लगऽ हको कि तोहन्हीं के हजारो विर्स्ता दूर से देख रहलियो ह ... आउ ई तो शैताने के मालूम कि हमन्हीं एकरा बारे काहे लगी बात कर रहलिए ह ! आउ सवाल करे से की फयदा ?" ऊ चिढ़के पुछलकइ आउ चुप हो गेलइ, दाँत से नाखून कुतरते आउ फेर से सोच में डूबते ।
"कइसन खराब ई तोर फ्लैट हकउ, रोद्या, बिलकुल ताबूत (coffin) लगऽ हउ", भारी चुप्पी तोड़ते अचानक पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना कहलका, "हमरा अकीन हउ, कि आधा तो ई फ्लैट के वजह से तोरा अइसन उदासी हकउ ।"
"फ्लैट ...", ऊ लपरवाही से उत्तर देलकइ । "हाँ, फ्लैट के भी बहुत कुछ हाथ हलइ ... हम एकरो बारे सोचलिए हल ... लेकिन तोरा मालूम रहतो हल, कि कइसन विचित्र विचार अभी तूँ बतइलहीं, माय", विचित्र ढंग से हँसके ऊ बोललइ ।

अगर कुछ देर अइसन सिलसिला आउ चलते हल, त तीन साल के वियोग के बाद, ई साथ, ई परिवार, बातचीत के ई पारिवारिक तान (tone), कुच्छो के बारे बोले के पूरे असंभावना के हालत में - आखिर ओकरा लगी बिलकुल असह्य हो जइते हल । लेकिन एगो अइसन बहुत आवश्यक काम हलइ, जेकर येन केन प्रकारेण आझ फैसला हो जाय के चाही हल - अइसन ऊ खुद्दे फैसला कर लेलके हल, जब ऊ सुबह में जगले हल । अब ओकरा ई बात के खुशी हो रहले हल, कि ई काम एगो बहाना के रूप में मिल गेले हल ।

"सुन, दुन्या", ऊ गंभीर होके आउ रुखाई से बात शुरू कइलकइ, "वास्तव में हम तोरा से कल खातिर माफी माँगऽ हिअउ, लेकिन फेर से तोरा आद देलाना हम फर्ज समझऽ हिअउ, कि हम अपन मुख्य बिन्दु से पीछू नयँ हटबउ । खयँ तो हम्मे, खयँ लूझिन । चाहे हम नीच होवूँ, लेकिन तोरा नयँ होवे के चाही । अगर तूँ लूझिन के साथ शादी करमँऽ, त हम तोरा अपन बहिन माने लगी छोड़ देबउ ।"
"रोद्या, रोद्या ! ई तो बिलकुल ओहे हइ, जे कल्हे हलइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना दुखी होके चिल्लइला, "आउ तूँ अपना के नीच काहे कहऽ हीं, हमरा से ई बरदास नयँ होवऽ हउ ! कल्हिंयों एहे बात हलउ ..."

"भैया", दृढ़तापूर्वक आउ रुखाइयो से दुन्या जवाब देलकइ, "ई सब कुछ में तोरा तरफ से गलती हको । हम रात के बखत एकरा बारे सोचलियो आउ गलती खोज लेलियो । सब के जड़ ई हको, लगऽ हइ, कि तूँ समझऽ हो, कि हम केकरो सामने आउ केकरो लगी हम खुद के बलिदान दे रहलिए ह । अइसन बिलकुल नयँ हइ । हम खाली खुद लगी शादी कर रहलूँ हँ, काहेकि हमरा खुद लगी बहुत भारी पड़ रहल ह; आउ एकरा लगी, जाहिर हइ, हमरा खुशी होतइ, अगर हमर परिवार के एकरा से कुछ फयदा पहुँचतइ, लेकिन हमर फैसला में ई मुख्य प्रयोजन नयँ हकइ ..."

"झूठ बोलब करऽ हइ !" ऊ मने-मन सोचलकइ, गोस्सा में नाखुन कुतरते । "घमंडी लड़की ! माने लगी तैयार नयँ हकइ, कि परोपकार करे लगी चाहऽ हइ ! अरे, नीच चरित्र वाले ! ओकन्हीं प्यार तो करऽ हइ, लेकिन ई घृणा करे के बराबर हइ ... ओ, हमरा कइसन ... घृणा हके ऊ सबसे !"

"एक शब्द में, हम प्योत्र पित्रोविच के साथ शादी करम", दुनेच्का बात जारी रखलकइ, "काहेकि दूगो बुराई में कम वला के हम चुन रहलूँ हँ । हम ईमानदारी से ऊ सब कुछ पूरा करम, जे ऊ हमरा से आशा करऽ हका, मतलब, उनका हम धोखा नयँ दे ही ... तूँ काहे लगी अइसे अभी मुसकइलऽ ?"
ओकरो चेहरा तमतमा उठलइ, आउ ओकर आँख में गोस्सा चमके लगलइ ।

"सब कुछ पूरा करम्हीं ?" जहरीला हँसी हँसते ऊ पुछलकइ ।
"कुछ खास हद तक । प्योत्र पित्रोविच के प्रस्ताव के तरीका आउ रूप से हमरा तुरते पता चल गेलइ, कि उनका की चाही । ऊ, जाहिर हइ, अपना के बड़गो समझऽ हथिन, लेकिन हम आशा करऽ हिअइ, कि ऊ हमरो इज्जत करऽ हथिन ... फेर तूँ काहे लगी हँस रहलहो ह ?"

"आउ फेर से तोर चेहरा काहे लाल होब करऽ हउ ? तूँ झूठ बोल रहलँऽ हँ, बहिन, तूँ जान-बूझके झूठ बोल रहलँऽ हँ, खाली अपन जनानी हठ के चलते, खाली अपन बिन्दु हमरा सामने रक्खे खातिर ... तूँ लूझिन के आदर नयँ कर सकमँऽ - हम ओकरा देखलियो ह आउ ओकरा साथ बतिअइलियो ह । मतलब, पैसा लगी खुद के बेच रहलँऽ हँ, आउ, मतलब, सब्भे हालत में तूँ नीच काम कर रहलँऽ हँ, आउ हम खुश हकूँ, कि तोर चेहरा, कम से कम, लाल हो सकऽ हउ !"

"ई सच नयँ हइ, हम झूठ नयँ बोल रहलूँ हँ ! ..." दुनेच्का अपन संतुलन खोके चिल्ला उठलइ, "हम उनका साथ शादी नयँ करम, ई बिन निश्चिंत होले कि ऊ हमरा इज्जत करऽ हका आउ हमरा बारे अच्छा राय रक्खऽ हका; हम उनका साथ शादी नयँ करम, ई बिन पक्का निश्चिंत होले कि हम खुद उनका इज्जत कर सकऽ हिअइ । भाग्यवश, हम एकरा बारे पक्का निश्चिंत हो सकऽ हिअइ, आउ ओहो आझे । आउ अइसन शादी नीचता नयँ हो सकऽ हइ, जइसन कि तूँ बोलऽ हकहो ! आउ अगर तूँ सहियो होतहो हल, आउ अगर हम कोय नीच काम करे के वास्तव में फैसला करियो लेतिए हल – त की हमरा से अइसन बात करना तोरा तरफ से निर्दयता नयँ हको ? हमरा से वीरता के माँग काहे करऽ हो, जे तोरो में, शायद, नयँ हको ? ई तो सरासर तानाशाही हको, ई अत्याचार हको ! हम केकरो तबाह करबइ, त खाली खुद के ...  हम अभियो केकरो गला नयँ रेत देलिए ह ! ... तूँ हमरा तरफ काहे अइसे देखऽ हो ? तोर चेहरा काहे पीयर पड़ गेलो ? रोद्या, तोरा की हो गेलो ह ? रोद्या, प्यारे ! ..."
"हे भगमान ! अरे ऊ तो बेहोश कर देलकइ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्ला उठला ।
"नयँ, नयँ ... बकवास ... कुछ नयँ ! ... थोड़े सन सिर में चक्कर आ गेल । बेहोशी बिलकुल नयँ ... तोरा तो मन में बेहोशी बइठ गेलो ह ! ... हूँ ! हाँ ... त हम की कहे लगी चाह रहलिए हल ? हाँ - तोरा आझ कइसे पक्का विश्वास होतउ, कि तूँ ओकरा आदर कर सकऽ हीं आउ ऊ ... इज्जत करऽ हइ, अइसन कुछ कह रहलहीं हल न ? तूँ, लगऽ हइ, कहलहीं, कि आझे ? कि हमरा सुन्ने में गलती होलइ ?"
"माय, भैया के प्योत्र पित्रोविच के चिट्ठी देखा देहीं", दुनेच्का कहलकइ ।  

पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना अपन काँपते हाथ से चिट्ठी देलका । ऊ बड़ी उत्सुकता से ई लेलकइ । लेकिन एकरा खोले के पहिले, ऊ अचानक एक तरह के अचरज से दुनेच्का तरफ देखलकइ ।
"विचित्र बात हइ", ऊ धीरे-धीरे बोललइ, मानूँ ऊ कोय नयका विचार से अचरज में पड़ गेल होवे, "अरे, हम काहे लगी ई सब बखेड़ा खड़ी कर रहलिए ह ? ई सब चीख-पुकार काहे लगी ? जो, जेकरा से मन करउ, शादी कर ले !"

ऊ मानूँ अपने आप से बोललइ, लेकिन बोललइ तो काफी जोर से कि दोसरा कोय के सुनाय पड़ जाय, आउ कुछ समय तक बहिन के तरफ देखते रहलइ, मानूँ दुविधा में पड़ल होवे । आखिरकार ऊ चिट्ठी खोललकइ, लगातार एक प्रकार के विचित्र अचरज नियन भाव (expression) बनइले; बाद में धीरे-धीरे आउ ध्यानपूर्वक पढ़े लगी चालू कइलकइ आउ ओकरा दू तुरी पढ़ गेलइ । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना खास रूप से बेचैनी महसूस कर रहला हल; आउ सब कोय कुछ खास के इंतजार कर रहला हल ।

"ई तो हमरा लगी अचरज के बात हइ", कुछ पल सोचला के बाद आउ मइया के चिठिया देके, ऊ बोले लगी शुरू कइलकइ, लेकिन विशेष रूप से केकरो तरफ बिन संबोधित कइले, "ऊ केस-मोकदमा देखऽ हइ, वकील हइ, आउ ओकर बातचीतो ओइसने हइ ... आचार-व्यवहार के साथ - लेकिन लिक्खऽ हइ बिलकुल अशिक्षित नियन।"
सब कोय में हलचल मच गेलइ; केकरो अइसन आशा बिलकुल नयँ हलइ ।
"लेकिन सब कोय तो अइसीं लिखते जा हइ", रज़ुमिख़िन बिच्चे में टिप्पणी कइलकइ ।
"तूँ वास्तव में पढ़लहीं हँ ?"
"हाँ ।"

"हमन्हीं इनका देखइलिए हल, रोद्या, हमन्हीं ... इनका से कुछ समय पहिले परामर्श लेलिए हल", दुविधा में पड़ल पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोले लगी शुरू कइलका ।
"ई वस्तुतः कानूनी शैली हइ", रज़ुमिख़िन बीच में बोल पड़लइ, "कानूनी दस्तावेज अभी तक अइसीं लिक्खल जा हइ ।"
"कानूनी ? हाँ, बिलकुल कानूनी, व्यावसायिक ... बहुत अशिक्षित नयँ, लेकिन बहुत साहित्यिक भी नयँ; व्यावसायिक !"
"प्योत्र पित्रोविच ई बात नयँ छिपावऽ हथिन, कि उनकर शिक्षा तामा के पइसा पर होले ह (अर्थात् सस्ता वला पढ़ाय-लिखाय), आउ उनका ई बात के गर्व हइ कि अपन बल पर जिनगी में अपन रस्ता बनइलथिन हँ", भाय के नयका तान (टोन) पर कुछ बुरा मानके अवदोत्या रोमानोव्ना टिप्पणी कइलकइ ।

"एकरा में की बात हइ, अगर ऊ गर्व करऽ हइ, कोय तो कारण होतइ - हम विरोध नयँ करऽ हिअइ । तूँ, बहिन, लगऽ हउ, कि बुरा मान गेलँऽ, कि समुच्चे चिट्ठी में से हम अइसन तुच्छ मतलब निकसलिअउ, आउ सोचऽ हीं, कि हम जान-बूझके अइसन छोटगर बात पर बोले लगी शुरू कर देलिअउ, कि झुँझलाहट में तोरा चिढ़इअउ । एकर विपरीत, शैली के संबंध में हमर दिमाग में एगो बात अइलो ह, जे ई वर्तमान मामले में बिलकुल असंगत नयँ हउ । हियाँ एगो अभिव्यक्ति - "अपनहीं खुद दोषी होथिन", बहुत सार्थक आउ स्पष्ट रूप से जोड़ल हइ, आउ एकर अलावे, धमकियो हइ, कि ऊ तुरतम्मे चल जइतइ, अगर हम आ जइबइ । चल जाय के ई धमकी - बिलकुल ई धमकी नियन हइ कि तोहन्हीं दुन्नु के परित्याग कर देतउ, अगर ओकर बात नयँ मानम्हीं, आउ परित्याग करतउ अब, जबकि पितिरबुर्ग में बोला चुकलो ह । त तूँ अब ई बताव - की लूझिन के तरफ के अइसन अभिव्यक्ति से बिलकुल ओइसहीं बुरा मानल जा सकऽ हइ, जइसन अगर ऊ लिखते हल (ऊ रज़ुमिख़िन तरफ इस्तारा कइलकइ), चाहे ज़ोसिमोव, चाहे हमन्हीं में से कोय ?"

"न-नयँ", दुनेच्का सजीवता से जवाब देलकइ, "हम अच्छा से समझ गेलिए हल, कि ई बहुत नौसिखुआ जइसे अभिव्यक्त कइल गेले हल, कि ऊ शायद लिक्खे में दक्ष नयँ हका ... ई तूँ अच्छा तर्क देलहो, भैया ।  हमहूँ ई बात के आशा नयँ कइलिए हल ..."

"ई कानूनी ढंग से व्यक्त कइल हइ, आ कानूनी ढंग से आउ दोसर तरह नयँ लिक्खल जा सकऽ हइ, आउ शायद जेतना इरादा हलइ, ओकरा से जादहीं रुखाई प्रकट हो गेलइ । लेकिन, हमरा तोरा जरी हताश करे पड़तउ - ई चिट्ठी में आउ एक अभिव्यक्ति हकइ, हमरा पर एगो मिथ्यापवाद (तोहमत), आउ काफी घटिया किसिम के ।  हम पइसा देलिए हल कल्हे एगो विधवा के, तपेदिक से पीड़ित आउ दुख से टुट्टल दिल वला के, नयँ कि "दफनावे के बहाने", बल्कि सीधे-सीधे दफनाहीं के खरचा लगी, आउ बेटी-लड़की के हाथ में नयँ, जइसन कि ऊ लिक्खऽ हइ, ‘बदनाम चाल-चलन के’ (आउ जेकरा हम कल्हे जिनगी में पहिले तुरी देखलूँ हल), बल्कि ठीक ऊ विधवा के हाथ में । ई सब कुछ में, हमरा देखाय दे हइ हमरा कलंकित करे आउ तोरा साथ झगड़ा लगावे के बहुत त्वरित इच्छा । आउ फेर कानूनी तौर पे व्यक्त कइल हइ, मतलब, बहुत स्पष्ट रूप से उद्देश्य के प्रकटीकरण आउ बहुत सहज जल्दीबाजी के साथ । ऊ अदमी बुद्धिमान हकइ, लेकिन बुद्धिमानी से काम करे लगी - खाली बुद्धि काफी नयँ हइ । ई सब से ऊ अदमी के असलियत के पता चलऽ हइ, आउ ... हमरा नयँ लगऽ हउ, कि ऊ तोरा बहुत जादे समझऽ हउ । हम तोरा ई खाली नसीहत खातिर बता रहलियो ह, काहेकि हम हृदय से तोर भला चाहऽ हिअउ ..."

दुनेच्का जवाब नयँ देलकइ; ओकर फैसला हाल में कर लेल गेले हल, ऊ खाली साँझ के इंतजार में हलइ ।

"तब तोर की फैसला हउ, रोद्या ?" ओकर बातचीत में अचानक ई नयका व्यावसायिक तान (टोन) सुनके पहिलहूँ से जादे परेशान होल पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना पुछलका ।
" ‘की फैसला हउ’ मतलब ?"
"अइकी प्योत्र पित्रोविच तो लिक्खऽ हका, कि तोरा आझ साँझ के बखत हमन्हीं के साथ बिलकुल नयँ रहे के चाही, आउ ऊ चल जइता ... अगर तूँ आ जइम्हीं । त, की तूँ ... अइम्हीं ?"

"ई तो, वास्तव में, हमरा फैसला करे के नयँ हकइ, आ, सबसे पहिले, तोरा, अगर प्योत्र पित्रोविच के अइसनका माँग से तोरा बुरा नयँ लगतउ; आउ दोसरा, दुन्या के, अगर ओकरो बुरा नयँ लगतइ । आ हम ओहे करबउ, जे तोहन्हीं के बेहतर लगतउ", ऊ रुखाई से बोललइ ।
"दुनेच्का तो फैसला कर चुकले ह, आउ हम ओकरा से पूरे तरह से सहमत हकिअइ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना जल्दी से अपन बात रखलका ।

"हम फैसला कइलियो ह तोरा ई निवेदन करे के, रोद्या, आग्रहपूर्वक निवेदन करे के कि तूँ हमन्हीं के ई मोलकात के बखत जरूर हाजिर रहबहो", दुन्या कहलकइ, "अइबहो न ?"
"अइबउ ।"
"हम अपनहूँ से निवेदन करऽ हिअइ कि आठ बजे हमन्हीं हीं आ जइथिन", ऊ रज़ुमिख़िन तरफ मुड़लइ । "माय, हम इनको निमंत्रण दे रहलिए ह ।"
"बहुत अच्छा, दुनेच्का । जइसन तोहन्हीं एकरा में फैसला करते गेलँऽ", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला, "ओइसीं होतउ । आ हमरा लगी तो बहुत राहत मिलत; हमरा ढोंग करना आउ झूठ बोलना पसीन नयँ; बेहतर हइ कि सब कुछ सच-सच बोलल जाय ... चाहे एकरा लगी अब गोस्सा करऽ, चाहे नयँ करऽ, प्योत्र पित्रोविच!"


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2 comments:

सच मे है दम- मोहम्मद खुर्शीद आलम said...

magahi sahitya ke sewa ekra se badhiya aur ka hotai.

नारायण प्रसाद said...

हमरा से जेतना बन पड़ऽ हको ओतना कर रहलियो ह ।