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Saturday, May 23, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 4 ; अध्याय – 3



अपराध आउ दंड

भाग – 4

अध्याय – 3

सबसे बड़गर बात ई हलइ, कि ऊ, अंतिम क्षण तक, कइसूँ अइसन समाप्ति के आशा नयँ कइलके हल । ऊ अंतिम सीमा तक अपन अकड़ बनइले रखलकइ, अइसन संभावना के भी बिन अनुमान कइले, कि दुन्नु गरीब आउ बेसहारा औरत ओकर शासन के बाहर निकस जइतइ । ई दृढ़ विश्वास (conviction) के बहुत जादे सहायता कइलकइ घमंड आउ एतना जादे आत्म-विश्वास, जेकरा सबसे निम्मन संज्ञा देल जा सकऽ हइ - अहम्मन्यता (narcissism, egotism) । कंगाली से उपरे उठके, प्योत्र पित्रोविच के बेमारी के हद तक आत्मप्रशंसा के आदत पड़ गेले हल, अपन बुद्धिमत्ता आउ क्षमता के बहुत जादे आँकऽ हलइ आउ कभी-कभी, अकेले में, दर्पण में अपन चेहरो के प्रशंसा करऽ हलइ । लेकिन संसार में सबसे जादे ऊ, परिश्रम आउ कइएक स्रोत से प्राप्त, अपन दौलत से प्यार करऽ हलइ - ई ओकरा ऊ सबके बराबर पहुँचा देलके हल, जे कभी ओकरा से उँचगर हैसियत के हलइ ।

दुन्या के अब कड़वाहट के साथ ई बात के आद देलइते, कि ओकरा बारे खराब चरचा के बावजूद, ऊ ओकरा अपनावे के फैसला कइलके हल, प्योत्र पित्रोविच पूरा-पूरा दिल के बात बोललइ आउ अइसन "सरासर कृतघ्नता" पर बहुत क्रोध भी अनुभव कइलकइ । आउ ई दौरान, ऊ बखत दुन्या के साथ शादी के प्रस्ताव रखते, ऊ ई सब्भे अफवाह के बेतुकापन के बारे बिलकुल आश्वस्त हो चुकले हल, खुद मार्फ़ा पित्रोव्ना सार्वजनिक रूप से खंडन कर चुकले हल, आउ समुच्चा छोटका शहर बहुत पहिलहीं ई मामला के त्याग चुकले हल, जेकरा से दुन्या बिलकुल निर्दोष साबित हो गेले हल । आउ ऊ खुद्दे ई बात के अब इनकार नयँ करते हल, कि तखने ओकरा ई सब कुछ के जनकारी मिल चुकले हल । आउ तइयो ऊ अभियो दुन्या के उपरे उठाके अपन स्तर तक लावे के अपन निर्णय के बहुत जादे आँकऽ हलइ, आउ एकरा ऊ बड़गो उपलब्धि मानऽ हलइ । दुन्या के ई बारे अब झिड़की देते, ऊ अपन रहस्य के खुलासा कर देलकइ, दिमाग में पोसल विचार के, जेकर ऊ पहिलहीं कइएक तुरी प्रशंसा कर चुकले हल, आउ ओकरा समझ में नयँ आ रहले हल, कि काहे दोसर लोग ओकर उपलब्धि के प्रशंसा नयँ करऽ हइ । तहिया रस्कोलनिकोव से भेंट करे लगी जब गेले हल, तब ऊ एगो उपकारकर्ता के भावना के साथ, ई उपकार के फल लेवे खातिर तैयार होल, आउ बहुत मधुर प्रशंसा सुन्ने खातिर अंदर घुसले हल । आउ अब, ज़ीना से उतरते बखत, वस्तुतः अपना के ऊ बहुत जादे अपमानित आउ अस्वीकृत समझ रहले हल ।

दुन्या तो ओकरा लगी बिलकुल आवश्यक हलइ; ओकरा (दुन्या के) तरफ से इनकार ऊ सोचियो नयँ सकऽ हलइ। बहुत पहिलहीं से, कुछ साल पहिलहीं से, ऊ शादी के बारे मधुर सपना देखब करऽ हलइ, लेकिन ऊ लगातार पइसा बनावे के चक्कर में रहलइ आउ इंतजार करते रहलइ । ऊ हर्षावेश के साथ, बिलकुल गुप्त रूप से, एगो अइसन लड़की के बारे सोचते रहऽ हलइ - जे अच्छा चरित्र के होवे, गरीब (आवश्यक रूप से गरीब), बहुत जवान, बहुत सुंदर, निम्मन घराना के आउ पढ़ल-लिक्खल, बहुत भीरू, अत्यधिक कष्ट झेलल, आउ ओकरा सामने पूरा तरह से झुक्कल (नम्र) रहे, अइसन, जे जिनगी भर ओकरा अपन संरक्षक समझे, ओकरा आदर करे, ओकर आज्ञा माने, ओकरा पर अचरज करे आउ खाली अकेल्ले ओकरे । अपन काम-धाम से निपट लेला के बाद शांति से अराम करते बखत, कल्पना में ऊ, ई विमोहक आउ चुलबुला विषय पर, केतना दृश्य, केतना मनोहर घटना के निर्माण करते रहऽ हलइ ! आउ अइकी केतना साल के सपना लगभग साकार हो चुकले हल - अवदोत्या रोमानोव्ना के सौन्दर्य आउ शिक्षा से ऊ चकित हलइ; ओकर बेसहारा परिस्थिति ओकरा बेहद उत्तेजित कर देलके हल । हियाँ परी तो, जेतना के ऊ सपना देखलके हल, ओकरा से जादहीं हलइ - हियाँ हलइ एगो अइसन लड़की - जे स्वाभिमानी, विशिष्ट, उदार, शिक्षा-दीक्षा आउ लालन-पालन में ओकरा से उँचगर हलइ (ई बात के ऊ अनुभव करऽ हलइ), आउ अइसन जीव ओकर उपलब्धि पर जिनगी भर दासी नियन ओकर कृतज्ञ रहतइ आउ ओकरा सामने आदर से झुक्कल रहतइ, आउ ऊ तो असीम आउ पूरा तरह से शासन करतइ ! ... मानूँ सोद्देश्य, कुछ समय पहिले, लमगर सोच-विचार आउ पूर्वानुमान के बाद, आखिरकार ऊ अपन जीवन-वृत्ति (career) में परिवर्तन करे के, आउ अधिक विस्तृत कारोबार के क्षेत्र में प्रवेश करे के, आउ एकर साथ-साथ, धीरे-धीरे, समाज के आउ अधिक उँचगर वर्ग में पहुँचे के अन्तिम फैसला कइलकइ, जेकरा बारे ऊ बहुत पहिले से ऐयाशी के साथ सोच रहले हल ... एक शब्द में, ऊ पितिरबुर्ग के अजमावे लगी निश्चय कइलकइ । ऊ जानऽ हलइ, कि औरतियन से "बहुत आउ बहुत" लाभ मिल सकऽ हइ । सुन्दर, उदार आउ शिक्षित औरत के आकर्षण शक्ति ओकर रस्ता के आश्चर्यजनक रूप से रंगीन बना सकऽ हइ, ओकरा तरफ आकर्षित कर सकऽ हइ, तेजोमंडल (aura) के निर्माण कर सकऽ हइ ... आउ अइकी सब कुछ नष्ट हो गेलइ ! ई वर्तमान आकस्मिक, कुरूप संबंध-विच्छेद ओकरा पर वज्रपात नियन असर डललकइ । ई एक प्रकार के भद्दा मजाक, बेतुकापन हलइ! ऊ खाली एगो कण भर आत्मश्लाघा कइलके हल; ओकरा अपन पूरा बात कहे के समइयो नयँ मिलले हल, ऊ खाली एगो मजाक कइलके हल, बहक गेले हल, आउ ओकर अइसन गंभीर परिणाम होलइ ! आखिरकार, वस्तुतः ऊ दुन्या के अपन ढंग से प्यारो करऽ हलइ, ऊ अपन सपना में ओकरा पर हुकुमो चलाना चालू कर चुकले हल - आउ अचानक ! ... नयँ ! बिहाने, बिहाने सब कुछ फेर से स्थापित कर लेवे के चाही, इलाज कर लेवे के चाही, सुधार लेवे के चाही, आउ मुख्य बात - ई अभिमानी दुधमुँहाँ बच्चा के नष्ट कर देवे के चाही, जे सब कुछ के कारण हलइ । कष्टदायक अनुभव के साथ ओकरा आद पड़लइ, ओहो कइसूँ अनजाने में, रज़ुमिख़िन ... लेकिन एकरा बारे ऊ जल्दीए शांत हो गेलइ - "एकरो तो ओकर पासे-पास रक्खे के चाही !" लेकिन वास्तव में ऊ जेकरा से गंभीर रूप से डरऽ हलइ - ऊ हलइ स्विद्रिगाइलोव ... एक शब्द में, ओकरा सामने बहुत सारा परेशानी हलइ ...................................... ...................................... ...................................... ...................................... ...................................... ...................................... ......................
 
"नयँ, सबसे जादे, हम, हम दोषी हकूँ !" अपन मइया के गले लगाके आउ ओकरा चूमते दुनेच्का बोललइ, "हम ओकर पइसा के लोभ में पड़ गेलूँ हल, लेकिन हम कसम खा हियो, भइया - हम कल्पनो नयँ कइलूँ हल, कि ई अइसन अयोग्य अदमी हो सकऽ हलइ । अगर हम ओकर असलियत पहिले पछान लेतूँ हल, हम कइसनो लोभ में नयँ पड़तूँ हल ! हमरा दोषी मत ठहरावऽ, भइया !"
"भगमान बचइलका ! भगमान बचइलका !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बड़बड़इला, लेकिन कइसूँ अनजाने में, मानूँ उनका अभी तक कुछ समझ में नयँ अइले हल कि कीऽ हो गेले ह ।

सब कोय खुश हला, पाँच मिनट के बाद हँसियो पड़ला । खाली बीच-बीच में दुनेच्का के चेहरा पीयर पड़ जा हलइ आउ भौं टेढ़ा हो जा हलइ, ई सोचके कि कीऽ हो चुकले हल । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना ई कल्पनो नयँ कर सकला हल, कि ओहो खुश हो जइता; लुझिन के साथ रिश्ता टूटना उनका सुबह तक एगो भयंकर विपत्ति प्रतीत हो रहले हल । लेकिन रज़ुमिख़िन तो हर्षोन्माद में हलइ । ऊ एकरा पूरा तरह से अभिव्यक्त करे के हिम्मत नयँ जुटा पइलकइ, लेकिन ओकर सारा शरीर काँप रहले हल, जइसे कि बोखार में होवऽ हइ, मानूँ पाँच पूद (लगभग 80 किलोग्राम) [1] के बोझ ओकर दिल पर से निच्चे गिर पड़ल होवे । अब ओकरा पास अधिकार हइ कि उनकन्हीं के अपन पूरा जिनगी अर्पित कर सकइ, उनकन्हीं के सेवा कर सकइ ... आउ केकरा मालूम, अब फेर कीऽ ! लेकिन ऊ दूर-दूर के विचार के आउ अधिक भीरु होके दूर भगा रहले हल आउ अपन कल्पना करे में डरऽ हलइ । अकेल्ले खाली रस्कोलनिकोव लगातार एक्के जगहा पर बइठल रहलइ, लगभग उदास आउ अन्यमनस्क भी । ऊ, जे लुझिन के हटावे में सबसे जादे जोर दे रहले हल, अब मानूँ जे कुछ घटले हल ओकरा में सबसे कम दिलचस्पी ले रहले हल। दुन्या अनिच्छा से सोच रहले हल, कि ऊ (अर्थात् भाई साहेब) ओकरा पर अभियो तक नराज हका, आउ पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना ओकरा तरफ भय से देखते रहला ।
"स्विद्रिगाइलोव तोरा से कीऽ कहलको हल ?" दुन्या ओकर पास जाके पुछलकइ ।
"ओ, हाँ, हाँ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्लइला ।
रस्कोलनिकोव सिर उठइलकइ - "ऊ तोरा दस हजार रूबल उपहार में देवे लगी जिद कइले हउ आउ साथे साथ हमर उपस्थिति में तोरा एक तुरी देखे लगी चाहऽ हउ ।"
"देखे लगी ! संसार के कुच्छो लगी नयँ !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चिल्लइला, "आउ ऊ हिम्मत कइसे करऽ हइ ओकरा पइसा देवे के !"

तब रस्कोलनिकोव स्विद्रिगाइलोव के साथ होल अपन बातचीत के (काफी रुखाई से) बतइलकइ, लेकिन मार्फ़ा पित्रोव्ना के बारे भूत के चरचा छोड़के, ताकि फालतू बात में जाय नयँ पड़इ; आउ बिलकुल आवश्यक बात के अलावा, कइसनो बातचीत काहे नयँ रहे, ओकरा शुरू करे में घृणा अनुभव करके ।
"तूँ ओकरा कीऽ जवाब देलहो ?" दुन्या पुछलकइ ।
"पहिले कहलिअइ, कि हम तोरा कुच्छो नयँ बतइबउ । तब ऊ कहलकइ, कि ऊ खुद्दे सब्भे संसाधन से मोलकात के कोशिश करतइ । ऊ विश्वास देलइलकइ, कि तोरा प्रति ओकर भावावेग एगो सनक हलइ, कि ऊ तोरा प्रति अभी कुच्छो नयँ अनुभव करऽ हइ ... ऊ नयँ चाहऽ हइ, कि तूँ लुझिन से शादी करहीं ... सामान्यतः तो असंगत रूप से बोललइ ।"

"तूँ खुद्दे ओकरा बारे अपन मन में कीऽ राय बनइलऽ, रोद्या ? ऊ तोरा कइसन लगलो ?"
"हम स्वीकार करऽ हिअइ, कि कुच्छो ठीक से नयँ समझऽ हिअइ । दस हजार प्रस्तुत करऽ हइ, आ खुद्दे बोललइ, कि ऊ धनी नयँ हइ । ऊ घोषित करऽ हइ, कि कहीं तो चल जाय लगी चाहऽ हइ, आउ दस मिनट के बाद भूल जा हइ, कि ऊ एकरा बारे बोललइ । अचानक एहो बोलऽ हइ, कि शादी करे लगी चाहऽ हइ, कि लोग ओकरा लगी दुलहिन के प्रस्तावो रखते जा हका ... निस्संदेह, ओकर कुछ उद्देश्य हइ, आउ संभवतः - खराब हइ । लेकिन फेर अइसन मानना एक प्रकार से विचित्र लगऽ हइ, कि ऊ एतना मूर्खता से अइसन मामला  के शुरू करतइ, अगर ओकर मन में तोरा लगी खराब इरादा होतइ ... जाहिर हइ, कि हम, तोरा तरफ से, ई रकम लेवे से इनकार कर देलिअइ, एक्के तुरी हमेशे लगी । सामान्यतः ऊ हमरा बहुत विचित्र लगलइ, आउ ... मानूँ पागलपन के लक्षण वला ... भी ... । लेकिन हमरा गलतफहमियो हो सकऽ हइ; हो सकऽ हइ, कि हियाँ ऊ खाली अपन तरह के ढोंग रच रहल होवइ । मार्फ़ा पित्रोव्ना के मौत, शायद, ओकरा पर असर देखा रहले ह ।"

"भगमान उनकर आत्मा के शांति दे !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना उद्गार प्रकट कइलका, "उनका लगी हम हमेशे, हमेशे भगमान से प्रार्थना करते रहबइ ! ई तीन हजार के बगैर हमन्हीं के अभी की होते हल, दुन्या ! हे भगमान, जइसे असमान से गिरलइ ! ओह, रोद्या, वस्तुतः सुबह में हमन्हीं के नाम से खाली तीन रूबल रह गेले हल, आ हम आउ दुन्या, एहे सोच रहलिए हल कि घड़ी कहीं परी जल्दी से जल्दी गिरवी रख दिअइ, ताकि एकरा हीं से नयँ लेवे के चाही, जब तक कि खुद्दे ऊ अंदाज नयँ लगावऽ हइ ।"

स्विद्रिगाइलोव के प्रस्ताव पर एक प्रकार से दुन्या पर बहुत असर पड़लइ । ऊ लगातार सोचते रहलइ ।
"ऊ कुच्छो भयानक सोचलके ह !" लगभग काँपते, ऊ लगभग फुसफुसाहट में अपने आप से बोललइ ।

रस्कोलनिकोव ई अत्यधिक भय के नोटिस कर लेलकइ ।
"लगऽ हइ, कि हमरा आउ एक से जादे तुरी ओकरा देखे पड़तइ", ऊ दुन्या के कहलकइ ।
"ओकरा पीछा करते रहबइ ! हम ओकर पीछू-पीछू लग्गल रहबइ !" जोश में रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ । "ओकरा हम आँख से ओझल नयँ होवे देबइ ! रोद्या हमरा अनुमति देलका ह । ऊ खुद्दे आझ हमरा से कहलका, 'हमर बहिन के रक्षा करना' । आ अपने अनुमति दे हथिन, अवदोत्या रोमानोव्ना ?"
दुन्या मुसकइलइ आउ अपन हाथ ओकरा तरफ बढ़इलकइ, लेकिन चिंता ओकर चेहरा पर से नयँ जा रहले हल । पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना सहमल ओकरा तरफ देखते रहला; लेकिन, तीन हजार स्पष्ट रूप से ओकरा तसल्ली दे रहले हल । एक चौथाई घंटा (अर्थात् पनरह मिनट) बाद सब्भे बहुत सजीव बातचीत करे लगला । रस्कोलनिकोव भी, हलाँकि कुछ नयँ बोल रहले हल, लेकिन कुछ समय तक ध्यान से सुन रहले हल । रज़ुमिख़िन भाषण झाड़ रहले हल ।

"लेकिन काहे, काहे अपने के चल जाय के हकइ !" उमंग के साथ ऊ अपन भावविभोर भाषण के प्रवाह में बोल रहले हल, "आ छोटकुन्ना शहर में अपने कीऽ करथिन ? मुख्य बात हइ, कि अपने सब हियाँ एक साथ हथिन आउ एक दोसरा के जरूरत हथिन, वस्तुतः एक दोसरा के जरूरत हथिन - हमर बात समझथिन ! खैर, भले कुछ समय खातिर ... हमरो दोस्त के रूप में अपनाथिन, संगी-साथी के रूप में, आउ हम विश्वास देलावऽ हिअइ, कि एगो शानदार कारोबार चालू करते जइबइ । सुनते जाथिन, हम अपने के विस्तार से ई सब समझावऽ हिअइ - पूरा योजना !  हमरा आझ सुबहीं, जब कुच्छो नयँ होले हल, हमर दिमाग में ई कौंध चुकले हल ... अइकी बात ई हइ - हमर एगो चाचा हथिन (हम अपने सब के उनका से परिचय करइबइ; अत्यधिक नम्र आउ आदरणीय बुजुर्ग हथिन !), आउ ई चाचा जी के पास एक हजार रूबल के मूलधन (capital) हइ, आउ खुद पेंशन पर रहऽ हथिन आउ एकर उनका जरूरत नयँ पड़ऽ हइ । ई दोसरा साल हइ, कि ऊ हमर पीछू पड़ल हथिन कि हम ई एक हजार ले लिअइ, आउ उनका छो प्रतिशत सूद चुकइअइ । हमरा एकर पीछे कारण देखाय दे हइ - उनका खाली हमरा मदद करे के इच्छा हइ; लेकिन परसाल हमरा एकर जरूरत नयँ हलइ, लेकिन ई साल हम खाली उनकर आगमन के प्रतीक्षा कर रहलिए हल आउ ई ले लेवे के निर्णय कइलिअइ। तब अपने दोसरा हजार देथिन, अपने के तीन हजार में से; आउ ई शुरुआत खातिर काफी होतइ, आउ हमन्हीं सब एक साथ हो जइबइ । हमन्हीं कीऽ करते जइबइ ?"

हियाँ परी रज़ुमिख़िन अपन योजना के बारे समझावे लगलइ आउ ई बात पर बहुत विस्तार से बतइलकइ, कि कइसे लगभग हमन्हीं के सब्भे पुस्तक-विक्रेता लोग आउ प्रकाशक लोग के अपन विक्रय के उत्पाद (यानी प्रकाशित पुस्तक) के बारे बहुत कम जनकारी होवऽ हइ, आउ एहे कारण से खराब प्रकाशक होते जा हइ, आउ साथे-साथ कइसे निम्मन प्रकाशन सामान्यतः बिक जा हइ आउ लाभ दे हइ, कभी-कभी तो बहुत । आउ ओहे से रज़ुमिख़िन प्रकाशन के काम के बारे सपना देख रहले हल, दू साल दोसरा लगी काम कर चुकले हल आउ तीन यूरोपीय भाषा अच्छा से जानऽ हलइ, हलाँकि छो दिन पहिले रस्कोलनिकोव के, अपन भार पर आधा अनुवाद के काम लेवे आउ तीन रूबल अग्रिम (पेशगी) के साथ, ओकरा विश्वास देलावे के उद्देश्य से  कहलके हल, कि ऊ जर्मन में 'श्वाख़' [schwach (जर्मन) = कमजोर] हइ - आउ ऊ तखने झूठ बोललके हल, आउ रस्कोलनिकोव के मालूम हलइ, कि ऊ झूठ बोल रहले ह ।  

"काहे, काहे अपन मौका खो देवल जाय, जबकि हमन्हीं के सबसे मुख्य संसाधन में से एगो उपलब्ध हइ - अपन खुद के पइसा ?" रज़ुमिख़िन जोश में आ गेलइ । "ई बात सच हइ, कि एकरा में बहुत परिश्रम के आवश्यकता हइ, लेकिन हम सब परिश्रम करबइ, अपने, अवदोत्या रोमानोव्ना, हम, रोदियोन ... कुछ प्रकाशन आझकल अच्छा मुनाफा दे हइ ! आउ कारोबार के मुख्य आधार ई बात में हइ, कि हम सब के मालूम पड़तइ, कि ठीक कउची के अनुवाद करे के चाही । हम सब अनुवाद करते जइबइ, आउ प्रकाशन के काम करते जइबइ, आउ अध्ययन करते जइबइ, सब कुछ साथे-साथ । अभी हम उपयोगी हो सकऽ हिअइ, काहेकि हमरा अनुभव हइ । हमरा प्रकाशक लोग के हियाँ चक्कर काटते जल्दीए दू साल पूर जइतइ, आउ ओकन्हीं के कारोबार के सब गुप्त पहलू मालूम हकइ । बरतन बनावे लगी साधु लोग के जरूरत नयँ, विश्वास करथिन ! आउ काहे, काहे लगी मुँह के सामने से रोटी के टुकरी के गुजर जाय देल जाय ! हाँ, हम खुद जानऽ हिअइ, आउ एकरा गुप्त रक्खऽ हिअइ, कि दू-तीन रचना अइसन हइ, कि जेकरा में से हरेक के अनुवाद करके प्रकाशित करे के खाली विचार पर हरेक पुस्तक पर सो रूबल लेल जा सकऽ हइ, आउ ओकरा में से एगो के विचार के हम तो पाँचो सो रूबल में नयँ बेचबइ । आउ अपने जन्नऽ हथिन, अगर हम केकरो कहिअइ, त शायद, ऊ हिचकिचइतइ - अइसन ओकन्हीं उल्लू होवऽ हइ ! आउ जाहाँ तक कारोबार के वास्ते दौड़-धूप, छापाखाना, कागज, बिक्री के सवाल हइ - ई सब हमरा पर छोड़ देथिन ! ई सब हमरा अच्छा से मालूम हइ ! हम सब छोटगर पैमाना पर शुरू करते जइबइ, फेर बड़गर तक पहुँचबइ, कम से कम हमन्हीं के खाय भर तो हो जइतइ, आउ सब्भे हालत में अपन लागत तो लौटा लेते जइबइ ।"

दुन्या के आँख चमक उठलइ ।
"अपने जे कुछ बोल रहलथिन हँ, हमरा बहुत पसीन हइ, द्मित्री प्रोकोफ़िच", ऊ बोललइ ।
"हमरा तो हियाँ, वस्तुतः, कुच्छो नयँ मालूम हके", पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना बोलला, "हो सकऽ हइ, ई अच्छो रहइ, लेकिन फेर आगू, भगमान जानऽ हका । कइसूँ तो नाया हइ, अनजाना हइ । वस्तुतः, हमन्हीं के हियाँ परी ठहर जाना जरूरी हइ, बल्कि कुच्छे समय तक ..."
ऊ रोद्या तरफ देखलका ।
"तूँ की सोचऽ हो, भइया ?" दुन्या पुछलकइ ।

"हम सोचऽ हिअइ, कि ओकर विचार बहुत अच्छा हइ", ऊ जवाब देलकइ । "जाहिर हइ, एतना जल्दी प्रकाशनगृह के सपना देखे के जरूरत नयँ हइ, लेकिन सफलता में बिन कोय शंका के पाँच-छो पुस्तक वास्तव में प्रकाशित कइल जा सकऽ हइ । हमरा खुद्दे एगो रचना के जनकारी हइ, जे जरूर चल जइतइ । आउ जाहाँ तक ओकरा कारोबार के सँभाल पावे के सवाल हइ, एकरा में कोय शंका नयँ हइ - ऊ कारोबार के बात समझऽ हइ ... लेकिन अपने के पास समझौता खातिर अभी काफी समय हइ ..."

"वाह, वाह !" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ, "अभी ठहरथिन, हियाँ परी एगो फ्लैट हइ, एहे घर में, ओहे मालिक के । ई एगो विशेष, अलग, ई सब नंबर वला किराया के कमरा सब से कोय संबंध नयँ हइ, आउ सज्जल-सजावल हकइ, किराया उचित हइ, तीन छोटगर-छोटगर कमरा हइ । पहिले तुरी खातिर ओकरा ले लेते जाथिन । अपने के घड़ी के बिहान गिरवी रखके पइसा ला देबइ, आउ फेर सब कुछ ठीक हो जइतइ । आउ मुख्य बात ई हइ, कि अपने तीनों एक्के साथ रह सकऽ हथिन, रोद्या भी अपने के साथ ... लेकिन, रोद्या, तूँ काहाँ चल पड़लऽ ?"

"ई कीऽ, रोद्या, तूँ जा रहलऽ हँ ?" अलिक्सांद्रोव्ना पुछलका, जे कुछ भयभीत भी हो गेला हल ।
"अइसन क्षण में !" रज़ुमुख़िन चिल्लइलइ ।
दुन्या अपन भाय तरफ अविश्वसनीय आश्चर्य से देख रहले हल । ओकर हाथ में टोपी हलइ; ऊ जाय लगी तैयारी कर रहले हल ।
"लगऽ हइ कि तोहन्हीं सब हमरा मानूँ दफनावे जा रहलऽ ह, चाहे हमेशे लगी हमरा बिदा कर रहलऽ ह", ऊ कुछ विचित्र ढंग से बोललइ ।

देखे में अइसन लगलइ कि ऊ मुसकइलइ, लेकिन अइसनो लगलइ कि ई मुसकाहट नयँ हलइ ।
"आ वस्तुतः केऽ जानऽ हइ, शायद, हमन्हीं के ई आखिरी मोलकात होवइ", अचानक ओकर मुँह से निकस गेलइ।
ऊ अपने आप में ऊ सोच रहले हल, लेकिन कइसूँ खुद्दे जोर से बोला गेलइ ।
"तोरा कीऽ हो गेलो ह !" माय चीख पड़ला ।
"तूँ काहाँ जा रहलऽ ह, रोद्या", कुछ विचित्र ढंग से दुन्या पुछलकइ ।
"अइसीं, हमरा बहुत जरूरी हके", ऊ अस्पष्ट ढंग से उत्तर देलकइ, मानूँ ऊ जे कहे लगी चाहऽ हलइ, ऊ कहे में हिचकिचा रहल होवे । लेकिन ओकर पीयर पड़ल चेहरा पर एक प्रकार के दृढ़ संकल्प हलइ ।

"हम कहे लगी चाहऽ हलिअइ ... हियाँ आवे घड़ी ... हम अपने के कहे लगी चाहऽ हलिअइ, माय ... आउ तोरा, दुन्या, कि ई बेहतर होतइ कि हम सब के कुछ समय लगी अलगे रहे के चाही । हमरा तबीयत ठीक नयँ लग रहल ह, हमरा चैन नयँ हके ... हम बाद में अइबइ, खुद्दे अइबइ, जब ... संभव होतइ । हम अपने के आद करऽ हिअइ आउ प्यार करऽ हिअइ ... हमरा छोड़ देथिन ! हमरा अकेल्ले छोड़ देथिन ! हम अइसन फैसला कइलिए हल, पहिलहीं ... हम ई पक्का फैसला कइलिअइ ... हमरा साथ चाहे कुच्छो होवे, हम मर जइअइ, चाहे नयँ, हम अकेल्ले रहे लगी चाहऽ हिअइ । हमरा बिलकुल भूल जाथिन । ई बेहतर होतइ ... हमरा बारे कोय खोज-पुछार नयँ करथिन । जब जरूरत होतइ, त हमहीं आ जइबइ, चाहे ... अपने के बोला भेजबइ । हो सकऽ हइ, सब कुछ पहिले जइसन हो जाय ! ... लेकिन अभी, अगर हमरा प्यार करऽ हथिन, त हमरा छोड़ देथिन ... नयँ तो, हम अपने से नफरत करे लगबइ, हम अइसन अनुभव करऽ हिअइ ... अलविदा !"

"हे भगमान !" पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना चीख पड़ला ।
माय आउ बहिन दुन्नु भयंकर रूप से भयभीत हो गेला; रज़ुमिख़िन भी ।
"रोद्या, रोद्या ! हमन्हीं के साथ हिल्लत-मिल्लत से रह, पहिलहीं जइसन रहते जाम !" बेचारी मइया अपन उद्गार प्रकट कइलकइ ।
ऊ धीरे-धीरे मुड़के दरवजवा तरफ गेलइ आउ धीरे-धीरे कमरा से निकसे लगलइ । दुन्या ओकरा तक पहुँच गेलइ ।
"भैया, तूँ मइया के साथ की कर रहलहो ह !" ऊ फुसुसइलइ, ओकर आँख गोस्सा से जल रहले हल ।

रस्कोलनिकोव ओकरा तरफ निस्तेज आँख से देखलकइ ।
"कोय बात नयँ, हम अइबउ, हम अइते रहबउ !" ऊ जरी निचगर अवाज में बड़बड़इलइ, मानूँ ओकरा पूरा तरह से होश नयँ होवे, कि ऊ की कहे लगी चाहऽ हइ, आउ कमरा से निकस गेलइ ।
"निर्दय, भावनाहीन स्वार्थी !" दुन्या चिल्लइलइ ।
"ऊ पा-ग-ल हइ, भावनाहीन नयँ हइ ! ऊ पागल हइ ! अपने के ई नयँ देखाय दे हइ ? अपने ई सब के बाद खुद भावनाहीन हथिन ! ...", ओकर (दुन्या के) खास कान पर रज़ुमिख़िन फुसफुसइलइ, ओकर हाथ के जोर से दबाते ।
"हम अभिए अइबइ !" ऊ चिल्लइलइ, पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना तरफ मुड़के, जिनकर देह सुन्न पड़ गेले हल, आउ कमरा से दौड़ल बाहर चल गेलइ ।

रस्कोलनिकोव गलियारा के छोर पे ओकर राह देख रहले हल ।
"हम जानऽ हलिअउ, कि तूँ दौड़ल अइमँऽ", ऊ कहलकइ । "उनकन्हीं भिर वापिस चल जो आउ उनकन्हीं के साथे रह ... बिहानो उनकन्हीं के साथ रह ... आउ हमेशे । हम ... शायद, अइबउ ... अगर संभव होतउ । अलविदा !"
आउ, अपन हाथ बिन बढ़इलहीं, ऊ ओकरा भिर से चल गेलइ ।
"लेकिन तूँ जा काहाँ रहलँऽ हँ ? अइसन कइसे ? तोरा की हो गेलो ह ? की अइसे कइल जा हइ ! ..." बिलकुल किंकर्तव्यविमूढ़ होल रज़ुमिख़िन बड़बड़इलइ ।
रस्कोलनिकोव फेर से रुक गेलइ ।

"हमेशे खातिर कह दे रहलियो ह - कुच्छो चीज के बारे हमरा से नयँ पुछिहँऽ । तोरा लगी हमरा पास कोय जवाब नयँ हउ ... हमरा भिर नयँ अइहँऽ । शायद, हमहीं हियाँ अइबउ ... हमरा छोड़ दे, आ उनकन्हीं के ... नयँ छोड़िहँऽ । हमर बात समझऽ हीं ?"

गलियारा में अन्हेरा हलइ; ओकन्हीं एगो लैंप के पास में खड़ी हलइ । एक मिनट तक ओकन्हीं चुपचाप एक दोसरा के देखते रहलइ । रज़ुमिख़िन जिनगी भर ई मिनट के आद रखलकइ । रस्कोलनिकोव के ज्वलंत आउ एकटक दृष्टि मानूँ हरेक पल अधिक तीव्र होल जा हलइ, ओकर आत्मा में, चेतना में पैठते जा रहले हल । अचानक रज़ुमिख़िन चौंक पड़लइ । मानूँ ओकन्हीं बीच कुछ तो विचित्र घट रहले हल ... कोय प्रकार के विचार, मानूँ कोय इशारा; कुछ तो भयंकर, कुरूप आउ अचानक दुन्नु तरफ से बोधगम्य सरकके गुजरलइ ... रज़ुमिख़िन तो मुर्दा नियन पीयर पड़ गेलइ ।

"अभी समझ में आवऽ हउ ? ...", कष्टादायक रूप से विकृत चेहरा के साथ रस्कोलनिकोव अचानक बोललइ । "वापिस चल जो, उनकन्हीं भिर जो", ऊ आगू बोललइ, आउ तेजी से मुड़के घर से निकस पड़लइ ...

अब हम ई वर्णन नयँ करबइ, कि ऊ शाम पुलख़ेरिया अलिक्सांद्रोव्ना के हियाँ की-की घटलइ, कइसे रज़ुमिख़िन उनकन्हीं के पास वापिस गेलइ, कइसे उनकन्हीं के तसल्ली देलकइ, कइसे विश्वास देलइलकइ, कि बेमारी के हालत में रोद्या के अराम करे देवे के चाही, विश्वास देलइलकइ, कि रोद्या पक्का वापिस अइतइ, रोज दिन आल करतइ, कि ऊ बहुत-बहुत परेशान हइ, कि ओकरा आउ उत्तेजित नयँ करे के चाही; कि कइसे ऊ, रज़ुमिख़िन, ओकरा पर नजर रखतइ, ओकरा लगी एगो निम्मन डाक्टर, बहुत अच्छा डाक्टर लइतइ, पूरा डाक्टर लोगन के सलाह-मशविरा के प्रबंध करतइ ... एक शब्द में, ई शाम से रज़ुमिख़िन उनकन्हीं हीं बेटा आउ भाय हो गेलइ ।


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