कालापानी
(साइबेरिया में जेल के जिनगी)
भाग-1; अध्याय-9: इसाय फ़ोमिच - स्नानघर - बकलूशिन
के कहानी
क्राइस्ट
के जन्म के उत्सव (अर्थात् क्रिसमस) नगीच आब करऽ हलइ । कैदी लोग एक तरह से धूम-धाम
से एकर इंतजार कर रहले हल, आउ ओकन्हीं तरफ देखके, हमहूँ कुछ तो असाधारण रूप से इंतजार
करे लगलिअइ । उत्सव के चार दिन पहिले हमन्हीं के स्नानगृह ले जाल गेलइ । हमर समय में,
विशेष करके हमर शुरुआत के कुछ साल, कैदी लोग के विरले स्नानगृह ले जाल जा हलइ । सब
कोय खुश हलइ आउ तैयारी शुरू कर देते गेलइ । भोजन के बाद जाय के निश्चित कइल हलइ, आउ
भोजन के बाद कोय काम नयँ हलइ । हमन्हीं के बैरक में से सबसे जादे खुश आउ दौड़-धूप कइले
हलइ उत्तेजित इसाय फ़ोमिच बुम्श्ताइन, एगो यहूदी कैदी, जेकरा बारे हम पहिलहीं चौठा अध्याय
में चर्चा कर चुकलिए ह । ओकरा पसीन हलइ सम्मोहन के हद तक, बेहोशी के हद तक भाफ स्नान
करना, आउ हरेक तुरी, जब कभी अखने हमरा पुरनका आदगारी में जाय के अवसर आवऽ हइ, हमन्हीं
के जेल के स्नान के बारे आद आवऽ हइ (जे अइसन महत्त्वपूर्ण हइ, कि एकरा बारे भुलाल नयँ
जा सकऽ हइ), त परम सुखी आउ अविस्मरणीय, जेल के हमर साथी आउ बैरक के हमर पड़ोसी, इसाय
फ़ोमिच के चेहरा के तस्वीर हमरा सामने तुरतम्मे सबसे पहिले उभरऽ हइ । हे भगमान, ई अदमी
कइसन हास्यजनक आउ अनोखा हलइ ! हम पहिलहीं ओकर रूप के बारे कुछ शब्द बता चुकलिए ह -
उमर पचास बरिस, दुब्बर-पातर, झुर्रीदार, गाल आउ निरार पर अत्यंत भयंकर दागल छाप, छरहरा,
दुर्बल, उज्जर चूजा नियन देह । ओकर चेहरा के भाव में सतत, आउ अविचल आत्मसंतुष्टि आउ
परम आनंद देखाय दे हलइ । लगऽ हइ, ओकरा कइसनो प्रकार के खेद नयँ हलइ, कि ऊ कठोर सश्रम
कारावास में पड़ गेले ह । चूँकि ऊ जौहरी हलइ, आउ शहर में कोय जौहरी नयँ हलइ, त ऊ अनवरत
कुलीन लोग आउ प्राधिकारी लोग खातिर खाली जौहरी के काम करऽ हलइ । तइयो ओकरा बल्कि कुच्छे,
लेकिन भुगतान करते जा हलइ । ओकर हाथ तंग नयँ रहऽ हलइ, बल्कि ठाठ से भी जीयऽ हलइ, लेकिन
ऊ पइसा बचा ले हलइ आउ सब्भे कैदी के सूद पर पइसा दे हलइ । ओकरा पास अपन समोवार, निम्मन
गद्दा, कप, डिनर-सेट (भोजन तैयार करे के पूरा सर-समान) हलइ । शहरी यहूदी लोग ओकरा साथ
अपन हेल-मेल आउ संरक्षण से वंचित नयँ कइले हलइ । हर शनिवार के ऊ मार्गरक्षी के अधीन
अपन शहरी प्रार्थना गृह जा हलइ (जेकर कानूनी तौर पर अनुमति हलइ) आउ सुख-चैन से दिन
काटऽ हलइ, हलाँकि अधीरतापूर्वक अपन बारह साल के जेल के अवधि पूरा करे के इंतजार कर
रहले हल, ताकि ऊ "शादी" कर सकइ। ओकरा में बिलकुल बचपना, मूर्खता, धूर्तता,
साहस, भोलापन, भीरुता, आत्मप्रशंसा आउ धृष्टता के हास्यजनक मिश्रण हलइ । हमरा बड़ी विचित्र
लगऽ हलइ, कि कैदी लोग ओकरा पर बिलकुल नयँ हँस्सऽ हलइ, हलाँकि खाली मनोरंजन खातिर छोटगर-मोटगर
मजाक करते जा हलइ । इसाय फ़ोमिच, स्पष्टतः, सब्भे लगी विषयांतर (diversion) आउ हमेशे
के मनोरंजन के माध्यम हलइ । "ऊ हमन्हीं हीं एक्के गो हइ, इसाय फ़ोमिच के स्पर्श
नयँ करहो", कैदी लोग बोलते जा हलइ, आउ इसाय फ़ोमिच हलाँकि समझऽ हलइ, कि बात की
हइ, लेकिन, उपरे-उपरे, अपन महत्त्व पर गौरवान्वित होवऽ हलइ, कि कैदी सब के बहुत मनोरंजन
होवऽ हइ । ऊ बहुत अजीब ढंग से कातोर्गा (कठोर सश्रम कारावास) में अइले हल (हमरा आवे
के पहिलहीं, लेकिन हमरा बतावल गेलइ) । अचानक एक तुरी, साँझ के पहिले, काम के बाद, जेल
में अफवाह फैललइ, कि एगो यहूदी के लावल गेले ह आउ कोर-द-गार्द (गार्ड-हाउस) में ओकर
हजामत कइल जा रहले ह आउ ऊ अभिए अंदर अइतइ । तखने जेल में एक्को गो यहूदी नयँ हलइ ।
कैदी लोग ओकर अधीरता से इंतजार कर रहले हल आउ जइसीं ऊ गेट से अंदर अइलइ, तुरतम्मे ओकरा
घेर लेते गेलइ । जेल के सर्जेंट सिविल बैरक में लेके गेलइ आउ पटरा वला बिछौना पर ओकर
जगह देखइलकइ । इसाय फ़ोमिच के हाथ में एगो बोरी हलइ जेकरा में ओकरा देल गेल सरकारी समान
के साथ-साथ ओकर खुद के समान भी हलइ । ऊ बोरी निच्चे रख देलकइ, पटरा पर चढ़लइ आउ गोड़
मोड़-माड़के बइठ गेलइ, बिन केकरो तरफ अपन नजर उठइले । ओकर चारो तरफ ठहाका सुनाय देलकइ
आउ साथ-साथ ओकर यहूदी कुल से संबंधित जेल के चुटकुला । अचानक भीड़ के चीरते एगो नौजवान
कैदी अइलइ, जे अपन हाथ में बहुत पुरनका, मैल-कुचैल आउ फट्टल-चिट्टल गरमी में इस्तेमाल
करे वला अपन पैजामा लेले हलइ, जेकरा में जेल के पैबंद (leg-wrappers) लग्गल हलइ । ऊ
इसाय फ़ोमिच भिर बइठ गेलइ आउ ओकर कन्हा थपथपइलकइ ।
"अच्छऽ,
प्यारे दोस्त, हम हियाँ छठा साल से तोर रस्ता देखब करऽ हियो । अइकी देखऽ, बहुत कुछ
देबहो ?"
आउ
ऊ ओकरा सामने लावल गुदड़ी के पसार देलकइ ।
इसाय
फ़ोमिच, जे जेल में प्रवेश कइला पर एतना सहमल हलइ, कि हँसी उड़ा रहल, विकृत आउ भयंकर
चेहरा वलन के ओकरा चारो तरफ से घेरले भीड़ के तरफ अँखियो उठावे के साहस नयँ जुटा पइलके
हल, आउ भीरुता के चलते एक्को शब्द मुँह से नयँ निकास पइलके हल, अब गिरवी के माल देखके,
अचानक चौंक पड़लइ आउ ऊ गुदड़ी पर तेजी से अँगुरी फेरे लगलइ । ओकरा रोशनी में उपरहूँ उठइलकइ
। सब कोय इंतजार कर रहले हल कि ऊ की कहतइ ।
"की,
चानी के एक रूबल तो शायद देबहो ? आउ एतना के तो ई हइए हइ !" इसाय फ़ोमिच दने आँख
मारते गिरवी देवे वला बात जारी रखलकइ ।
"चानी
के एक रूबल तो नयँ, हाँ सात कोपेक दे सकऽ हियो ।"
त
ई हलइ पहिलौका शब्द, जे जेल में इसाय फ़ोमिच के मुँह से निकसले हल । सब कोय हँसते-हँसते
लोट-पोट हो गेलइ ।
"सात
! अच्छऽ, बल्कि साते द; तोर खुशी ! लेकिन देखऽ, ई गिरवी के माल पर ध्यान रखिहऽ; एकरा
चलते तोरा अपन सिर से जवाब देवे पड़तो ।"
"सूद
तीन कोपेक, कुल मिलाके दस कोपेक", बीच-बीच में रुकते आउ काँपते स्वर में यहूदी
बात जारी रखलकइ, पइसा लगी हाथ के अपन जेभी में घुसइते आउ सहमल दृष्टि से कैदी लोग तरफ
नजर डालते । ऊ भयंकर रूप से भयभीत हलइ, लेकिन ओकरा धंधो करे के मन करब करऽ हलइ ।
"सालाना
हइ की, ई तीन कोपेक सूद ?"
"नयँ,
सालाना नयँ, बल्कि मासिक ।"
"तूँ
तो कड़ा सूदखोर हकऽ, यहूदी । आउ तोर नाम की हको ?"
"इसाय
फ़ोमिच ।"
"अच्छऽ,
इसाय फ़ोमिच, तूँ तो हियाँ दूर तक जइबऽ ! अलविदा ।"
इसाय
फ़ोमिच फेर से गिरवी (बंधक, रेहन) के जाँच कइलकइ, ओकरा लपटलकइ आउ ओकरा सवधानी से अपन
बोरी में रख लेलकइ, जबकि कैदी लोग खिखिअइते रहलइ ।
ओकरा
असल में सब कोय मानूँ पसीन करऽ हलइ आउ कोय भी ओकर दिल के ठेस नयँ पहुँचावऽ हलइ, हलाँकि
लगभग सब कोय ओकर कर्जदार हलइ । ऊ खुद्दे द्वेषहीन हलइ, मुर्गी नियन, आउ अपन प्रति सामान्य
रूप से सहानुभूति देखके, डींग भी हाँकऽ हलइ, लेकिन अइसन भोलापन वला हास्यास्पदता
(comicality) से, कि ओकरा तुरतम्मे ई बात लगी माफ कर देल जा हलइ । लूचका, जे अपन जमाना
में कइएक यहूदी के बारे जानऽ हलइ, अकसर ओकरा चिढ़ावऽ हलइ, आउ कोय विद्वेष के कारण नयँ,
बल्कि अइसीं, मनोरंजन खातिर, बिलकुल ओइसीं, जइसे कुत्ता, तोता, प्रशिक्षित जानवर आदि
से दिल बहलावल जा हइ । इसाय फ़ोमिच ई बात निम्मन से जानऽ हलइ, (ओहे से) बिलकुल नयँ नराज
होवऽ हलइ आउ मजाक के दक्षतापूर्वक उत्तर दे हलइ ।
"ए
यहूदी, हम तो तोरा पिटम्मस करे जा रहलियो ह !"
"तूँ
हमरा पर एक तुरी प्रहार करम्हीं, आउ हमरा तोरा पर दस तुरी", इसाय फ़ोमिच अकड़के
जवाब दे हइ ।
"ए
खाज-खुजली वला अभिशप्त !"
"खाज-खुजली
होवइ त होवइ, परवाह नयँ ।"
"ए
नोचनी वला यहूदी !"
"अइसने
सही, परवाह नयँ । नोचनी रहलो से की, हम धनी हकिअइ; हमरा पास पइसा हके ।"
"तूँ
क्राइस्ट के बेचलहीं ।"
"कोय
बात नयँ ।"
"शाबाश,
इसाय फ़ोमिच, शाबाश ! ओकरा स्पर्श नयँ करते जा, हमन्हीं हीं ऊ एक्के गो हका !"
कैदी लोग खिखिअइते हँस्सऽ हइ ।
"ए
यहूदी, तोरा फटका मिलतउ, आउ साइबेरिया चल जइमँऽ ।"
"हम
तो अइसीं साइबेरिया में हिअइ ।"
"आउ
दूर भेजल जइतउ ।"
"आउ
की हुआँ भगमान हथिन ?"
"हाँ,
ऊ तो हइए हथिन ।"
"तब
ठीक हइ न; अगर भगमान आउ पइसा होवइ, त सगरो निम्मन होतइ ।"
"शाबास,
इसाय फ़ोमिच, देखाय दे रहले ह, कि केतना निम्मन इंसान हइ !" चारो तरफ से लोग चिल्ला
हइ, आउ इसाय फ़ोमिच हलाँकि देखऽ हइ, कि ओकरे पर लोग हँस्सब करऽ हइ, लेकिन खुद के हौसला
दे हइ; सामान्य प्रशंसा ओकरा में स्पष्ट रूप से प्रसन्नता प्रदान करऽ हइ, आउ ऊ पूरे
बैरक में सुनाय पड़े लायक अवाज में पतरा उच्च स्वर में गावे लगऽ हइ - "ला-ला-ला-ला-ला
!" - एक तरह के बेसुरा आउ हास्यास्पद तान, एकमात्र गीत, बिन कोय शब्द के, जे ऊ
अपन पूरे जेल के अवधि के दौरान गइलकइ । बाद में,
हमरा साथ आउ नगीच के परिचय मिलला पर, ऊ हमरा शपथ के साथ विश्वास देलइलकइ, कि
ई बिलकुल ओहे गीत आउ ठीक ओहे सुर हइ, जे छो लाख यहूदी, छोटगर से लेके बड़गर तक, लाल
सागर पार करते बखत, गइते जा हलइ [1], कि दुश्मन लोग पर विजय प्राप्त होला पर हरेक यहूदी
ई सुर में गावे लगी परंपरा से बन्हल हइ ।
हरेक
शनिवार के पूर्वसंध्या के, शुक्रवार के साँझ के, दोसर बैरक के कैदी लोग हमन्हीं के
बैरक में जानबूझके अइते जा हलइ ई देखे लगी, कि इसाय फ़ोमिच अपन सैबथ (Sabbath, विश्राम
दिवस) कइसे मनावऽ हइ । इसाय फ़ोमिच एतना हद तक भोलापन रूप से शेखीबाज आउ घमंडी हलइ,
कि ई सामान्य रूप के कौतूहल से ओकरा आनंद भी मिल्लऽ हलइ । ऊ नियमनिष्ठता आउ देखावटी
अहमियत के साथ कोना में अपन छोटकुन्ना टेबुल के ढँक देइ, किताब खोलइ, दूगो मोमबत्ती
जलावइ, कुछ तो रहस्यपूर्ण शब्द बड़बड़इते रिज़ा (ऊ एकरा "रिझा" उच्चारण करइ)
पेन्हे लगइ । ई एगो बहुरंगी ऊनी लबादा हलइ, जेकरा सवधानी से अपन संदूक में रक्खऽ हलइ
। ऊ अपन दुन्नु हाथ में फीता लपेट ले हलइ, आउ सिर में, ठीक निरार पर, पट्टा से एगो
डिबिया बान्ह ले हलइ, अइसे कि लगइ कि इसाय फ़ोमिच के निरार से कोय हास्यास्पद सींग उगले
ह । ओकर बाद प्रार्थना चालू होबइ । एकरा ऊ पुनरावर्ती आरोह-अवरोह सुर में (sing-song)
पढ़इ, चिल्लाय, थुक्कइ, चारो तरफ अपन सिर घुमावइ, वहशी आउ हास्यास्पद संकेत करइ । वस्तुतः,
ई सब कुछ प्रार्थना के निर्दिष्ट संस्कार (विधान) हलइ, आउ एकरा में कुच्छो हास्यजनक
आउ विचित्र नयँ हलइ, लेकिन हास्यास्पद हलइ ऊ, जे इसाय फ़ोमिच मानूँ जानबूझके हमन्हीं
के सामने अपन संस्कार के देखावा आउ ढोंग करऽ हलइ । अचानक हाथ से ऊ चेहरा ढँक लेइ आउ
सिसक-सिसकके पढ़े लगइ । सिसकी बढ़े लगइ, आउ ऊ अशक्तता में आउ लगभग विलाप करते, डिबिया
लगल अपन सिर, कितब्बा पर झुकावइ; लेकिन अचानक, बहुत जोरदार क्रंदन के बीच, ऊ हँस्से
लगइ, आउ पुनरावर्ती आरोह-अवरोह सुर में गावे लगइ, कोय तो भावपूर्ण समारोही अवाज में,
कोय तो आनंद के अतिशयता से अशक्त अवाज में । "देखहो, ऊ केतना भावुक होल हइ
!" कैदी लोग बोलइ । हम एक तुरी इसाय फ़ोमिच के पुछलिअइ - ई क्रंदन आउ फेर अचानक
आनंद आउ परमानंद के उत्साहपूर्ण परिवर्तन के की अर्थ हइ? हमरा तरफ से अइसन प्रश्न इसाय
फ़ोमिच के अत्यंत पसीन पड़लइ । ऊ धीरे-धीरे हमरा समझइलकइ, कि रुदन आउ क्रंदन येरुशेलम
के क्षय के विचार व्यक्त करऽ हइ आउ ई विचार पर संस्कार के नियम ई बतावऽ हइ कि यथासंभव
उच्च स्वर में क्रंदन करे के चाही आउ अपन छाती पिट्टे के चाही । लेकिन अत्यंत तीव्र
रुदन के पल में ऊ, इसाय फ़ोमिच, के अचानक मानूँ अनजाने में, आद करे के चाही (ई अचानक भी
संस्कार के नियम में निर्दिष्ट हइ), कि यहूदी लोग के येरूशेलम वापिस आवे के भविष्यवाणी
हइ । हियाँ परी तुरतम्मे ओकरा में आनंद, गीत, हँसी फूट पड़े के चाही आउ प्रार्थना ई
तरह से आरंभ करे के चाही, कि ओकर अवाजे से यथासंभव अधिक से अधिक आनंद व्यक्त होवे,
आउ चेहरा से यथासंभव अधिक से अधिक भव्यता आउ उदारता । ई अचानक परिवर्तन आउ ई परिवर्तन के आवश्यक कर्तव्य इसाय फ़ोमिच के अत्यंत
पसीन पड़ऽ हलइ - एकरा में ऊ कोय तरह के विशेष, जटिल युक्ति देखऽ हलइ आउ गौरवान्वित मुद्रा में ऊ हमरा विधि (law) के ई जटिल
नियम (rule) बतइलकइ । एक तुरी, प्रार्थना के ठीक चरमोत्कर्ष के पल में, कमरा में ड्यूटी
पर के अफसर आउ मार्गरक्षी लोग के साथ मेजर प्रवेश कइलकइ । सब्भे कैदी अपन-अपन पटरा
के बिछौना भिर सावधान मुद्रा में खड़ी हो गेलइ, खाली एगो इसाय फ़ोमिच आउ अधिक चिल्लाय
आउ मुँह बनावे लगलइ । ऊ जानऽ हलइ, कि प्रार्थना अनुमत (allowed) हलइ, एकरा में बीच
में बाधा नयँ डालल जा सकऽ हलइ, आउ मेजर के सामने चिल्लाय में, जाहिर हइ, कि ऊ कोय जोखिम
नयँ उठा रहले हल । लेकिन मेजर के सामने मुँह बनावे में, आउ हमन्हीं के सामने देखावा
करे में ओकरा अत्यंत आनंद मिल रहले हल । मेजर ओकरा भिर पीछू मुँहें बस एक डेग के दूरी
पर पहुँचलइ - इसाय फ़ोमिच अपन टेबुल दने पीठिया करके घुम गेलइ आउ मेजर के चेहरा के ठीक
सामने अपन बाँह लहरइते, अपन उत्सवपूर्ण भविष्यवाणी के पुनरावर्ती आरोह-अवरोह में पाठ
करे लगलइ । चूँकि धार्मिक रूप से ओकरा लगी प्रदिष्ट (prescribed) हलइ, कि अइसन पल में
अपन चेहरा पर अत्यधिक आनंद आउ भव्यता अभिव्यक्त होवे के चाही, त ऊ अइसन तुरतम्मे कर
लेलकइ,कइसूँ खास करके कनखिअइते, हँसते आउ मेजर तरफ सिर हिलइते । मेजर अचंभित हो गेलइ;
लेकिन आखिरकार हँसी से फुफकरलकइ, ओकर आँख के सामनहीं ओकरा "मूरख" कहलकइ आउ
सीधे रवाना हो गेलइ, लेकिन इसाय फ़ोमिच आउ अपन चिल्लाहट के आउ तेज कर देलकइ । एक घंटा
के बाद, जब ऊ रात के भोजन कर रहले हल, त हम ओकरा पुछलिअइ - "आउ की होतो हल, अगर
मेजर, अपन मूर्खता के कारण, तोहरा पर गोसाऽ जइतो हल ?"
"कउन
मेजर ?"
"की
कउन मेजर ? की वास्तव में तूँ नयँ देखलहो हल ?"
"नयँ
।"
"ऊ
तो तोहर सामने एक अर्शीन [= 0.71 मीटर] दूरी पर खड़ी हलो, ठीक तोहर चेहरा के सामने ।"
लेकिन
इसाय फ़ोमिच अत्यधिक गंभीरतापूर्वक हमरा आश्वस्त करे लगलइ, कि ऊ पक्का कोय मेजर के नयँ
देखलके हल, कि अइसन बखत में, अइसन प्रार्थना के चालू रहते, ऊ एक प्रकार के आनंदातिरेक
(ecstasy) में हो जा हइ, एतना कि ऊ कुच्छो न देखऽ हइ आउ न सुन्नऽ हइ, जे कुछ ओकर चारो
तरफ होवऽ हइ । जइसन कि अभी हम देखऽ हिअइ, जब ऊ शनिवार के जेल में बिन कोय काम के अइसीं
एन्ने-ओन्ने चक्कर मारते रहऽ हलइ, ऊ कोय भी काम नयँ करे के पूरा प्रयास करते, जइसन
कि विधि के अनुसार शनिवार के ई प्रदिष्ट (prescribed) हलइ । कइसन-कइसन असंभव आउ अनोखा
बात ऊ हमरा हरेक तुरी सुनावऽ हलइ, जब ऊ अपन प्रार्थनागृह से वापिस आवऽ हलइ; पितिरबुर्ग
के कइसन-कइसन अनसुन्नल समाचार हमरा लगी लावऽ हलइ, हमरा विश्वास देलइते, कि ऊ ई सब अपन
यहूदी लोग से प्राप्त कइलके हल, आउ ओहो प्रत्यक्ष देखल आउ अनुभव कइल ।
लेकिन
हम इसाय फ़ोमिच के बारे बहुत जादहीं कह चुकलिअइ ।
पूरे
शहर में खाली दुइए गो सार्वजनिक स्नानघर हलइ । पहिला, जेकरा एगो यहूदी चलावऽ हलइ, क्रमसंख्या
से मार्क कइल कइएक कमरा में विभाजित हलइ, जेकरा में से हरेक कमरा के पचास कोपेक किराया
लगऽ हलइ आउ उच्च वर्ग के लोग लगी उपयुक्त हलइ । दोसरौके स्नानघर मुख्य रूप से सामान्य
लोग खातिर हलइ - जीर्ण-शीर्ण, गंदा-संदा, सकेत, आउ एहे स्नानघर में हमन्हीं के जेल
के कैदी लोग के ले जाल गेलइ । सर्दी पड़ रहले हल आउ रौदा हलइ; कैदी लोग ई बात से खुशी
मना रहले हल, कि किला से बाहर जाय लगी मिलतइ आउ शहर देखते जइतइ । चुटकुला आउ हँसी रस्ता
में कभी कमती नयँ होलइ । सैनिक के पूरा पलटन लोड कइल राइफल के साथ हमन्हीं के साथ हलइ,
जे पूरे शहर के लोग लगी एगो अचरज के बात हलइ । स्नानघर में तुरतम्मे हमन्हीं के दू
गुट में बाँट देल गेलइ - दोसरका गुट ठंढका प्रवेश-कक्ष में प्रतीक्षा कइलकइ, जब तक
कि पहिलौका गुट नेहाऽ हलइ, आउ अइसन करना जरूरी हलइ काहेकि स्नानघर छोटगर हलइ । लेकिन,
ई बात के बावजूद, कि स्नानघर एतना छोटगर हलइ, कि ई कल्पना करना मोसकिल हलइ, कि आधा
लोग भी हमन्हीं कइसे ओकरा में अँट पइलइ । लेकिन पित्रोव हमरा भिर से दूर नयँ रहलइ;
ऊ खुद, हमर बिन कहले, हमरा मदत करे लगी अइलइ आउ हमर देह रगड़के साफ करे लगी प्रस्ताव
रखलकइ । पित्रोव के साथ बकलूशिन भी स्वेच्छापूर्वक हमर सेवा प्रस्तुत कइलकइ, जे विशेष
विभाग के कैदी हलइ, जेकरा हमन्हीं हीं पायोनियर (अगुआ, पथप्रदर्शक) कहते जा हलइ आउ
जेकरा बारे हम अत्यंत खुशमिजाज आउ निम्मन अदमी के रूप में पहिलहीं निर्देश (refer)
कर चुकलिए ह [2], जे ऊ वास्तव में हलइ । हमरा ओकरा साथ पहिलहीं से थोड़े-बहुत परिचय
हलइ । पित्रोव हमरा कपड़ा उतारहूँ में मदत करऽ हलइ, काहेकि अभ्यस्त नयँ रहला से हमरा
कपड़ा उतारे में बहुत जादे टैम लगऽ हलइ, आउ प्रवेश-कक्ष में सर्दी हलइ, लगभग ओतने जेतना
प्रांगण में । प्रसंगवश - कैदी के कपड़ा उतारना बहुत मोसकिल होवऽ हइ, अगर ऊ अभी तक बिलकुल
नयँ सिखलके ह । पहिला, “अंदर के पट्टा” के जल्दी से खोले में सक्षम होवे के चाही ।
ई “अंदर के पट्टा” (under-fetters) चमड़ा के बन्नल रहऽ हइ, लंबाई में चार विर्शोक
(= 4 x 4.44 = 17.76 से.मी.) होवऽ हइ आउ गोड़वा में लग्गल लोहा के रिंग के निच्चे सीधे
जँघिया के उपरे पेन्हल जा हइ । अंदर के पट्टा
के एक जोड़ा के कीमत चानी के छो ग्रिव्ना (1 ग्रिव्ना = 10 कोपेक) से कमती नयँ होवऽ
हइ, तइयो हरेक कैदी अपना लगी खुद के खरचा पर लावऽ हइ, जाहिर हइ, काहेकि बिन पट्टा के
चलना-बुलना असंभव होवऽ हइ । बेड़ी के रिंग गोड़ में कसके फिट नयँ होवऽ हइ, आउ रिंग आउ
गोड़ के बीच में अँगुरी डालल जा सकऽ हइ; ई तरह से, लोहा के रिंग गोड़ पर चोट करऽ हइ,
एकरा रगड़ऽ हइ, आउ एक्के दिन में कैदी, बिन अंदर के पट्टा के, अपन गोड़ के रगड़ा-रगड़ाके
घायल कर लेतइ । लेकिन अंदर के पट्टा के निकासना ओतना मोसकिल नयँ हइ । जादे मोसकिल हइ
दक्षतापूर्वक बेड़ी के अंदर से जँघिया (अंडरवेयर) के निकासना । ई एगो वास्तविक करतब
(trick) हइ । जँघिया के निच्चे तरफ खींचके, मान लेल जाय, कि बामा गोड़ से, त ओकरा पहिले
गोड़ आउ बेड़ी के रिंग के बीच से होके पास करे के चाही; बाद में, गोड़ के मुक्त (free)
हो गेला पर, ई जँघिया के ओहे रिंग से वापिस डाले के चाही; बाद में ऊ सब कुछ, जे बामा
गोड़ से निकासल जा चुकले ह, ओकरा दहिना गोड़ के रिंग से होके पास करे के चाही; आउ तब
सब कुछ, जे पहिला रिंग से पास कइल गेलइ, ओकरा फेर से वापिस उलटा तरफ । नावा जँघिया
पेन्हे घड़ी भी एहे बात हइ । नौसिखुआ के एकर अंदाज लगानो मोसकिल हइ, कि ई कइसे कइल जा
हइ; सबसे पहिले हमन्हीं सब के ई सब कुछ कैदी कोरेनेव सिखइलकइ, तोबोल्स्क में, जे डाकू
के सरदार हलइ, आउ जेल में पाँच साल तक सिक्कड़ (चेन) में बन्हल हलइ । लेकिन कैदी लोग
एकर अभ्यस्त हो जा हलइ आउ सब कुछ बिन जरिक्को सनी दिक्कत के कर लेते जा हलइ । हम पित्रोव
के साबुन आउ घासनी (मार्जक, body scrubber) लावे लगी कुछ कोपेक देलिअइ; कैदी लोग के,
सच हइ, कि सरकारी साबुन देल जा हलइ, हरेक के एक-एक टिकिया, दू कोपेक के सिक्का के साइज
के, आउ पनीर के एगो टुकड़ा एतना मोटगर, जे साँझ के बखत "मध्यमवर्गीय" लोग
के हियाँ जलपान खातिर परसल जा हलइ । साबुन हिएँ परी, प्रवेश-कक्ष में, बेचल जा हलइ,
साथे-साथ स्बितेन [3], कलाची आउ गरम पानी । हरेक कैदी के, स्नानघर के मालिक के शर्त
के मोताबिक, खाली एक्के कठौती गरम पानी देल जा हलइ; जे कोय आउ निम्मन से नेहाय लगी
चाहऽ हलइ, त ऊ एक अद्धी (आधा कोपेक) में आउ दोसर कठौती ले सकऽ हलइ, जे प्रवेश-कक्ष
से ओकरा लगी एगो विशेष बनावल छोटकुन्ना खिड़की से सीधे स्नानघर में बढ़ा देल जा हलइ ।
हमर वस्त्र उतार के, पित्रोव हमरा हाथ से सहारा भी देलकइ, ई नोटिस करके, कि हमरा बेड़ी
में कदम बढ़ाना मोसकिल हो रहले ह । "ओकरा उपरे तरफ, छावा तक खींच लेथिन",
ऊ हमरा से बोलते रहलइ, हमरा बिलकुल एगो सेवक नियन सहारा देले, "आउ अइकी हियाँ
जरी आउ सवधानी से, हियाँ एगो सीढ़ी (step) हइ"। हमरा जरी लाजो बरलइ; पित्रोव के
विश्वास देलावे के मन कइलकइ, कि हम अकेलहूँ चल सकऽ हिअइ; लेकिन ऊ ई बात पर नयँ विश्वास
करते हल । ऊ हमरा साथ अइसे व्यवहार कर रहले हल मानूँ हम एगो बुतरू हिअइ, अपरिपक्व आउ
अनाड़ी, जेकरा मदत करना सब कोय के कर्तव्य हइ । पित्रोव सेवक तो बिलकुल नयँ हलइ, सबसे
पहिले तो ऊ सेवक नयँ हलइ; अगर हम ओकरा अपमानित करतिए हल, ओकरा मालूम हो जइते हल, कि
हमरा साथ कइसे बर्ताव करे के चाही । हम सेवा लगी ओकरा कुछ नयँ वादा कइलिए हल, आउ न
ऊ खुद्दे मँगलके हल । त फेर हमरा पीछू-पीछू आवे लगी (अर्थात् हमर देखभाल करे लगी) ओकरा
कउची प्रेरित करऽ हलइ ?
जब
हमन्हीं ठीक स्नानघर के दरवाजा खोललिअइ, त हम सोचलिअइ, कि हमन्हीं नरक में घुस गेते
गेलूँ । बारह कदम लम्मा आउ ओतने चौला एगो कमरा के कल्पना करथिन, जेकरा में शायद एकदम्मे
सो गो तक अदमी पैक हो गेलइ, आउ नयँ तो कम से कम शायद, अस्सी गो, काहेकि कैदी लोग कुल्लम
दुइएगो गुट में बाँटल गेले हल, आउ कुल दू सो लोग तक स्नानघर में अइते गेले हल । आँख
के आँधर कर देवे वला भाफ, कारिख, गंदगी, भीड़ अइसन हद तक, कि कधरो गोड़ रक्खे के जगहा
नयँ । हम डर गेलिअइ आउ वापिस जाय लगी चहलिअइ, लेकिन पित्रोव तुरतम्मे ढाढ़स देलकइ ।
कइसूँ, अत्यंत कठिनाई से, रस्ता बनइते फर्श पर बइठल लोग के, झुक्के लगी निवेदन करते,
ओकन्हीं के सिर के उपरे से पार करते बेंच तक पहुँचलिअइ । लेकिन सब्भे बेंच पर के सब्भे
सीट पर पहिलहीं से कैदी लोग बइठ चुकले हल । पित्रोव हमरा बतइलकइ, कि जगहा खरीदे पड़तइ,
आउ तुरतम्मे छोटकुन्ना खिड़किया भिर बइठल एगो कैदी के साथ मोल-जोल करे लगलइ । एक कोपेक
पर ऊ अपन जगह से हट गेलइ, तुरते पित्रोव से पइसा लेलकइ, जे ऊ दूरदर्शिता से अपन मुठिया
में दबइले स्नानघर में लेले अइले हल, आउ तुरतम्मे हमर जगहा के ठीक निच्चे घुस गेलइ,
जाहाँ अन्हेरा आउ गंदगी हलइ आउ जाहाँ परी सगरो लगभग आधा अँगुरी मोटगर चिपकाहा गंदगी
हलइ । लेकिन बेंच के निचहूँ वला सब जगह भरल हलइ; ओधरो लोग कुलबुला रहले हल । पूरे फर्श
पर हथेलियो भर जगहा नयँ हलइ, जाहाँ परी कि कैदी लोग नयँ सिमटके बइठल हलइ, अपन-अपन कठौती
से पानी उँड़ेलते । कुछ लोग ओकन्हीं बीच सीधे खड़ी हलइ आउ अपन हाथ में कठौती सँभालले
खड़िए-खड़िए नेहाब करऽ हलइ; ओकन्हीं के देह पर के गंदा पानी सीधे निच्चे बइठल लोग के
मूँड़ल सिर पर पड़ रहले हल । उपरौका तख्ता पर आउ हुआँ तक जाय लगी सब्भे सीढ़ी पर बइठल,
सुटकल आउ सिमटल, नेहाब करऽ हलइ । लेकिन बहुत कम लोग साबुन-पानी से खुद के धोब करऽ हलइ।
सामान्य लोग बहुत कम्मे गरम पानी आउ साबुन से देह धोवऽ हइ; ओकन्हीं खाली भयंकर रूप
से भाफ ले हइ आउ बाद में ठंढा पानी से फुहारा-स्नान करऽ हइ - एहे ओकन्हीं लगी पूरा
स्नान हइ । तख्ता पर लगभग पचास भूर्ज (birch) के टहनी एक्के साथ उपरे-निच्चे हो रहले
हल; सब कोय खुद के बेहोशी के हद तक ओकरा से चोट कर रहले हल । भाफ पल-पल बढ़ावल जा रहले
हल । अब ई गरम नयँ हलइ; ई झुलसावे वला ताप हलइ । सब कोय चिल्ला रहले हल आउ फर्श पर
घिसिअइला से सैकड़ो बेड़ी के खनखनाहट के अवाज भी आ रहले हल ... कुछ लोग, जे अपन जगह से
हट्टे लगी चाहऽ हलइ, दोसर लोग के बेड़ी से उलझ जा हलइ आउ खुद से निच्चे बइठल लोग के
सिर पे चोट लगा दे हलइ, आउ ओकन्हीं गिर जा हलइ, गरियावऽ हलइ आउ अपने साथ चोटियावल लोग
के भी घसीट ले हलइ । गंदा पानी सगरो से उमड़ रहले हल । सब कोय दिमाग के एक प्रकार के
नीसा, एक प्रकार के उत्तेजित अवस्था में हलइ; चीख आउ चिल्लाहट सुनाय देब करऽ हलइ ।
प्रवेश-कक्ष के खिड़की बिजुन, जाहाँ से पानी देल जा हलइ, गारी-गल्लम, घिचपिच, पूरा धक्कम-धुक्की
हो रहले हल । प्राप्त गरम पानी, गंतव्य स्थान तक पहुँचे के पहिले, फर्श पर बइठल लोग
के सिर पर छलकके गिरब करऽ हलइ । नयँ-नयँ (अर्थात् बीच-बीच में), आउ एगो मोछैल सैनिक
के चेहरा, हाथ में राइफल लेले, खिड़की भिर चाहे अधखुल्लल दरवाजा भिर हुलकके देख ले हलइ,
कि कहीं कोय अराजकता (अव्यवस्था, गड़बड़) तो नयँ हइ । कैदी लोग के मूँड़ल सिर आउ भाफ से
लाल-टीस होल देह आउ भी कुरूप लगऽ हलइ । कभी कोड़ा आउ बेंत के फटका पड़ला से घाव के निशान
भाफ लेल पीठ असाधारण रूप से स्पष्ट देखाय देब करऽ हलइ, अइसन कि अभी ई सब पीठ बिलकुल
ताजा रूप से घायल प्रतीत हो रहले हल । भयंकर घाव के निशान ! ऊ सब देखके हम तो सिहर
उठलिअइ । (भाफ) आउ बढ़ावल जा हइ - आउ भाफ के घना, गरम बादल पूरे स्नानघर में छा जा हइ;
सब कोय हँस्से आउ चिल्लाय लगऽ हइ । भाफ के बादल से फटका खाल पीठ, मूँड़ल सिर, झुक्कल
हाथ, गोड़ कौंधे लगऽ हइ; आउ एकर उपरे इसाय फ़ोमिच सबसे उपरौका तख्ता पर अपन पूरा जोर
लगाके गला फाड़के चिल्ला हइ । ऊ भाफ अचेतन अवस्था आवे तक ले हइ, लेकिन, लगऽ हइ, कोय
गरमी ओकरा संतुष्ट नयँ कर पावऽ हइ; एक कोपेक में ऊ भाड़ा पर एगो भाफ स्नान करावे लगी
ले हइ, लेकिन आखिरकार ऊ (भाफ के गरमी) बरदास नयँ कर पावऽ हइ, भूर्ज के टहनी फेंक दे
हइ आउ ठंढा पानी अपन देह पर उँड़ेले लगी भाग जा हइ । इसाय फ़ोमिच निराश नयँ होवऽ हइ आउ
दोसरा के किराया पर रक्खऽ हइ, फेर तेसरा के - ऊ अइसनो परिस्थिति लगी मन पक्का कर ले
हइ, कि खरचा के परवाह नयँ करऽ हइ आउ पचमा अदमी भी भूर्ज के टहनी भाँजे लगी किराया पर
रक्खऽ हइ । "ई न होलइ स्वस्थ भाफ लेना, शाबाश इसाय फ़ोमिच !" निच्चे से कैदी
लोग ओकरा से बोलते जा हइ । इसाय फ़ोमिच खुद अनुभव करऽ हइ, कि ई पल ऊ सबसे उपरे हइ आउ
सबके मात कर देलके ह; ऊ जीत से आनंदित हो जा हइ आउ कटु, उन्मत्त अवाज में अपन हमेशे
के सुर अलापे लगऽ हइ - "ला-ला-ला-ला-ला", जेकरा से आउ सब अवाज शांत पड़ जा
हइ । हमर दिमाग में अइलइ, कि अगर हमन्हीं कभी झुलसा देवे वला गरमी में सब कोय होइअइ,
त ऊ एहे जगहा नियन होतइ । हमरा पित्रोव के ई अनुमान सूचित करे बेगर नयँ रहल गेलइ; ऊ
खाली चारो दने नजर फेरलकइ आउ चुपचाप रहलइ ।
हम
ओकरो लगी अपन बिजुन जगहा खरीदे चहलिअइ; लेकिन ऊ हमर गोड़वा भिर बइठ गेलइ आउ बोललइ, कि
ओकरा लगी बहुत अरामदायक हइ । एकरा अलावे बकलूशिन हमन्हीं लगी पानी खरदऽ हलइ आउ जरूरत
के मोताबिक लाके दे हलइ । पित्रोव घोषणा कइलकइ, कि ऊ हमरा गोड़ से लेके माथा तक धो देतइ,
ताकि "अपने बिलकुल साफ-सुथरा हो जइथिन", आउ हमरा भाफ लेवे पर जोर देलकइ ।
हम भाफ लेवे के जोखिम नयँ उठइलिअइ । पित्रोव हमरा पूरे शरीर में साबुन लगइलकइ ।
"आउ अभी हम अपने के नोश्की
("नोगी" के ऊनार्थक रूप, जेकर मतलब "गोड़" होवऽ हइ) धो देबइ",
ऊ अंत में बोललइ । हम जवाब देवे लगी चहलिअइ, कि हम खुद धो सकऽ हिअइ, लेकिन हम ओकर बात
के विरोध नयँ कइलिअइ आउ बिलकुल ओकर मनमे के अनुसार होवे देलिअइ । ऊनार्थक शब्द
"नोश्की" निश्चित रूप से कोय चापलूसी के लेशमात्र भी द्योतक नयँ हलइ; सीधे
पित्रोव हमर गोड़वा के "नोगी" नयँ कहलकइ, शायद, काहेकि दोसरा लोग लगी, वास्तविक
लोग लगी, गोड़ ("नोगी") हलइ, लेकिन हमर अभियो तक खाली "नोश्की"
(छोटकुन्ना गोड़) ।
हमरा
धो-धाके ओहे सब औपचारिकता के साथ, मतलब सहारा देले आउ हरेक डेग पर सवधान करते, जइसे
हम चीनी मट्टी के बन्नल होइअइ, ऊ हमरा स्नानघर के प्रवेश-कक्ष में ले गेलइ आउ कपड़ा
पेन्हे में मदत कइलकइ, आउ जब हमरा साथ सब कुछ बिलकुल खतम कर लेलकइ, तब वापिस स्नानघर
में भाफ लेवे लगी तेजी से चल गेलइ ।
जब
हमन्हीं घर (अर्थात् बैरक) पहुँचलिअइ, त हम ओकरा एक गिलास चाय पीए लगी कहलिअइ । चाय
से ऊ इनकार नयँ कइलकइ, पिलकइ आउ धन्यवाद देलकइ । हमर दिमाग में अइलइ कि ओकरा हम अपन
पइसा से आधा बोतल वोदका पिलइबइ । वोदका हमन्हीं के बैरक में हीं मिल गेलइ । पित्रोव
अत्यंत प्रसन्न हो गेलइ, पिलकइ, अपन घुरघुराके गला साफ कइलकइ, आउ ई नोटिस करके कि हम
ओकरा बिलकुल सक्रिय कर देलिए हल, तेजी से भनसाघर में घुस गेलइ, मानूँ हुआँ परी ओकरा
बेगर कुच्छो फैसला नयँ कइल जा सकऽ हलइ । ओकर स्थान पर हमरा भिर एगो दोसर सहभाषी (साथ
में बातचीत करे वला), बकलूशिन (पायोनियर) पहुँचलइ, जेकरा हम स्नानघर में हीं चाय लगी
अपना भिर बोलइलिए हल ।
बकलूशिन से जादे सुभवगर कोय अदमी के बारे हमरा मालूम
नयँ । सच हइ, कि ऊ केकरो ढील नयँ दे हलइ, ऊ अकसर लड़ाइयो-झगड़ा करते रहऽ हलइ, अपन मामला
में केकरो दखल पसीन नयँ करऽ हलइ - एक शब्द में, ऊ अपन बल पर खड़ी रह सकऽ हलइ । लेकिन
ऊ जादे देरी तक लड़ाय-झगड़ा नयँ करऽ हलइ, आउ लगऽ हइ, हमन्हीं हीं सब कोय ओकरा पसीन करऽ
हलइ । ऊ कहीं घुस जाय, ओकरा साथ सब कोय खुशी से मिल्लइ । ओकरा शहरो में लोग जानऽ हलइ
- दुनियाँ में सबसे विनोदी आउ कभियो अपन खुशमिजाजी नयँ खोवे वला व्यक्ति के रूप में । ई एगो उँचगर छोकरा हलइ, लगभग
तीस बरिस के, साहसी आउ सीधगर, काफी सुंदर, आउ मस्सा वला चेहरा । ई चेहरा ऊ कभी-कभी
एतना दक्षतापूर्वक विकृत कर ले हलइ, कोय ऐरा-गैरा नत्थू खैरा के भी नकल करते, कि ओकर
आसपास के लोग बिन हँसले नयँ रह सकऽ हलइ । ऊ जोकर (विदूषक) लोग में से एक हलइ; लेकिन
हँसी के हमन्हीं के नकचढ़ा द्वेषी लोग के ढील नयँ दे हलइ, ओहे से ओकरा कोय ई लगी बात
नयँ सुनावऽ हलइ, कि ऊ "फालतू आउ बेकार" अदमी हइ । ऊ जोश आउ जिनगी से भरल
हलइ । ऊ हमरा से जेल के हमर पहिलौके दिन के दौरान परिचित होले हल आउ हमरा बतइलके हल,
कि ऊ एगो कान्तोनिस्त [4] हइ, बाद में पायोनियर में सेवा कइलके हल आउ कुछ उँचगर अधिकारी
के बीच मशहूर आउ प्रिय व्यक्ति हलइ, जे बात पर, पुरनका आदगारी खातिर, ओकरा अभियो गर्व
हलइ । ऊ तुरते हमरा पितिरबुर्ग के बारे पुच्छे लगलइ। ऊ किताबो पढ़ऽ हलइ । हमरा भिर चाय
लगी अइला पर, ऊ शुरू में पूरे बैरक के हँसा देलकइ, ई सुनाके, कि कइसे लेफ़्टेनेंट शा॰
सुबहे हमन्हीं के मेजर के निम्मन से फटकार सुनइलकइ, आउ हमर बगली में बइठके, आनंदित
मुद्रा में हमरा बतइलकइ, कि लगऽ हइ, नाटक होतइ । छुट्टी (त्योहार) के दौरान नाटक के
योजना बनावल जा हलइ । अभिनेता लोग आ गेले हल, सजावट धीरे-धीरे कइल जा रहले हल । शहर
के कुछ लोग अपन पोशाक अभिनेता लोग के देवे के वचन देलके हल, अभिनेत्री लगी भी; एगो
अर्दली के माध्यम से, अफसर के स्कन्धिका (epaulettes) सहित वरदी मिल्ले के भी आशा हलइ
। पिछलौका साल नियन, खाली मेजर ई नाटक के कहीं प्रतिबंधित करे के नयँ सोच लेइ । पिछले
साल क्रिस्मस के दौरान मेजर ठीक मूड में नयँ हलइ - कहीं तो जूआ में हार गेले हल, आउ
एकर अलावे जेल में हुड़दंग करते गेले हल, त ऊ जलन से (नाटक के मंचन पर) प्रतिबंध लगा
देलके हल, आउ अभी, शायद, एकरा में बाधा नयँ डाले लगी चाहतइ । एक शब्द में, बकलूशिन
उत्तेजित अवस्था में हलइ । ई स्पष्ट हलइ, कि नाटक मंचन के मामले में ऊ मुख्य सक्रिय
लोग में से एक हलइ, आउ हम तखनहीं पक्का वचन देलिअइ कि हम ई प्रस्तुतीकरण में जरूर उपस्थित
रहबइ । बकलूशिन के सरलहृदय के नाटक मंचन के बारे सफलता के प्रसन्नता हमर दिल में बस
गेलइ । एक शब्द से दोसरा शब्द में जइते-जइते हमन्हीं बीच गपशप चालू हो गेलइ । एकरा
अलावे, ऊ हमरा बतइलकइ, कि ऊ हमेशे पितिरबुर्ग में सेवा नयँ कइलकइ; कि ऊ हुआँ कुछ तो
गड़बड़ कइलकइ आउ ओकरा आर॰ [5] में स्थानान्तरित कर देवल गेलइ, हलाँकि, सर्जेंटके रूप
में, गैरिसन बटालियन में ।
"त
अइकी हुएँ से तो हमरा हियाँ भेजल गेलइ", बकलूशिन टिप्पणी कइलकइ ।
"लेकिन
काहे लगी ?" हम ओकरा पुछलिअइ ।
"काहे
लगी ? अपने की सोचऽ हथिन, अलिक्सांद्र पित्रोविच, काहे लगी ? वस्तुतः ई लगी, कि हम
प्यार में पड़ गेलिअइ !"
"हूँ,
एकरा चलते तो हियाँ नयँ भेजल जा हइ", हम हँसते एतराज कइलिअइ ।
"सच
हइ", बकलूशिन आगू बोललइ, "सच हइ, कि एहे मामला में हम हुआँ के एगो जर्मन
पर पिस्तौल चला देलिअइ । लेकिन वस्तुतः की एगो जर्मन के चलते निर्वासित करना सही हइ,
खुद्दे फैसला करथिन !"
"लेकिन
ई कइसे हो सकऽ हइ ? सुनाथिन तो, ई रोचक हइ ।"
"ई
तो अत्यंत हास्यजनक कहानी हइ, अलिक्सांद्र पित्रोविच ।"
"तब
तो आउ बेहतर हइ । सुनाथिन ।"
"की
सुनावे के चाही ? अच्छऽ, त सुनथिन ..."
आउ
हम हलाँकि हास्यजनक तो बिलकुल नयँ, लेकिन एगो हत्यारा के काफी विचित्र कहानी सुनलिअइ
...
"त
मामला ई हलइ", बकलूशिन शुरू कइलकइ । "जब हमरा आर॰ भेजल गेलइ, त हम देखऽ हिअइ
- शहर सुंदर आउ बड़गो हइ, खाली जर्मन लोग जादे हइ । वस्तुतः, हम, जाहिर हइ, अभियो नौजवान
अदमी हिअइ, प्राधिकारी के दृष्टि में निम्मन, अपन टोपी तिरछा रखले हम एन्ने-ओन्ने घुम्मऽ
हिअइ, मतलब, समय काटऽ हिअइ। जर्मन लड़की तरफ आँख मारऽ हिअइ । आउ हियाँ परी हमरा एगो
जर्मन लड़की पसीन पड़ गेलइ, ल्विज़ा। ओकन्हीं दुन्नु धोबिन हलइ, खाली सबसे धनी लोग के
पोशाक के, ऊ आउ ओकर चाची । चाची तो बूढ़ी हलइ, करकस्सिन, आउ बहुत खुशहाल जिनगी जीयऽ
हलइ । शुरू-शुरू में हम तो खिड़की भिर से गुजरऽ हलिअइ, लेकि बाद में ओकरा से वास्तव
में दोस्ती हो गेलइ । ल्विज़ा रूसी भी निम्मन से बोलऽ हलइ, लेकिन खाली अइसे, मानूँ
"र" आउ "ल" के उच्चारण ठीक से नयँ कर पावऽ हलइ - ऊ एतना प्यारी
हलइ, कि ओइसन से कभियो हमरा भेंट नयँ होल हल । हम शुरू में कभी ई, त कभी ऊ करे के कोशिश
कइलिअइ, लेकिन ऊ हमरा से - "नयँ, ई तूँ नयँ कर सकऽ ह, सशा, काहेकि हम अपन पूरा
निर्दोषता सुरक्षित रक्खे लगी चाहऽ हिअइ, ताकि हम तोहर योग्य पत्नी बन सकिअइ",
आउ खाली दुलारइ, एतना निम्मन से हँस्सइ ... आउ ऊ एतना निष्कलंक हलइ, जइसन ओकरा छोड़के
आउ कोय दोसर हमरा देखे में नयँ अइलइ । ऊ खुद्दे हमरा में शादी करे के इच्छा जगइलकइ
। त फेर कइसे नयँ शादी कइल जाय, सोचथिन ! त हम तैयार होवऽ हिअइ लेफ़्टेनेंट कर्नल के
पास निवेदन के साथ जाय लगी ... अचानक देखऽ हिअइ - ल्विज़ा मिल्ले लगी एक तुरी बाहर नयँ
निकसलइ, दोसरो तुरी नयँ अइलइ, तेसरो तुरी नयँ अइलइ ... हम चिट्ठी भेजऽ हिअइ; चिट्ठी
के कोय जवाब नयँ । हम सोचऽ हिअइ - ई की हइ ? मतलब, अगर ऊ हमरा धोखा दे रहले हल, त कोय
तरकीब निकास सकऽ हलइ, आउ चिठियो के जवाब दे सकऽ हलइ, आउ मिलहूँ लगी आ सकऽ हलइ । आउ
ऊ झूठो तो नयँ बोल सकऽ हलइ; अइसीं संबंध सीधे तोड़ देलकइ । ई ओकर चाची के काम होतइ,
हम सोचऽ हिअइ । हम ओकर चाची भिर जाय के साहस नयँ करऽ हलिअइ; ऊ हलाँकि (हमन्हीं बारे)
जानऽ हलइ, आउ तइयो हमन्हीं देखावा करऽ हलिअइ, मतलब शांत कदम से । हम मानूँ पगला गेलिअइ,
आखरी खत लिखलिअइ आउ बोलऽ हिअइ - "अगर नयँ अइबऽ, त खुद हम तोर चाची भिर चल अइबो"
। ऊ डर गेलइ, आउ अइलइ । कन्नऽ हइ; बोलऽ हइ, एगो जर्मन, शुल्ट्स, ओकन्हीं के दूर के
एगो रिश्तेदार, जे घड़ीसाज हइ, धनगर आउ वइसगर हो चुकले ह, ओकरा साथ विवाह करे के इच्छा
व्यक्त कइलकइ - "बोलऽ हइ, कि हमरो खुश करतइ, आउ खुद भी बुढ़ारी में बिन घरवली के
नयँ रहतइ; आउ ऊ हमरा प्यार भी करऽ हइ, बोलऽ हइ, कि लम्मा समय से इच्छा हलइ, लेकिन अभी
तक चुप हलइ, आउ खुद के तैयार कर रहले हल ।" "त अइकी”, बोलऽ हइ, “सशा, ऊ धनगर
हइ, आउ ई हमरा लगी खुशी के बात हइ; त की वास्तव में तूँ हमर खुशी से वंचित करे लगी
चाहऽ हो ?" हम देखऽ हिअइ - ऊ कन्नऽ हइ, हमरा गले लगा ले हइ ... ओह, सोचऽ हिअइ,
ऊ तो न्यायसंगत बात कर रहले ह ! एगो सैनिक से शादी करे से की फयदा, हलाँकि हम सर्जेंट
हिअइ ? "अच्छऽ ल्विज़ा, बोलऽ हिअइ, अलविदा, भगमान तोरा साथ देथुन; हमरा तोरा खुशी
से वंचित करे के कोय बात नयँ । आउ ऊ कइसन हको, निम्मन ?" - "नयँ, बोलऽ हइ,
बहुत उमरगर हइ, लमगर नाक ..." आउ ओहो हँस पड़लइ । हम ओकरा भिर से चल गेलिअइ; की
कइल जाय, सोचऽ हिअइ, भाग में नयँ हइ ! दोसरे दिन सुबह में हम ओकर दोकान भिर गेलिअइ,
रोड के बारे तो ऊ (ल्विज़ा) हमरा बता देलके हल । खिड़की से देखऽ हिअइ - जर्मन बइठल हइ,
घड़ी बना रहले ह, एहे कोय पैतालीस साल के, हुक नियन नाक, बाहर तरफ निकसल आँख
(bug-eyed), टेलकोट में, आउ उँचगर आउ लमगर कालर में, फैशनदार । हम अइसीं थूक देलिअइ;
हमरा ओज्जी परी खिड़की तोड़ देवे के मन कइलकइ ... लेकिन एकरा से की, सोचऽ हिअइ ! कुछ
नयँ छुए के, जइसीं गाड़ी से गिर गेलइ, मतलब बरबाद हो गेलइ (अर्थात् जे बात खतम हो गेलइ, ऊ खतम हो गेलइ) !
गोधूलिवेला में बैरक अइलिअइ, बिछौना पर पड़ गेलिअइ, आउ अइकी, विश्वास करथिन, अलिक्सांद्र
पित्रोविच, कि कइसे हम कन्ने लगलिअइ ..."
त
अइसीं एक दिन गुजर जा हइ, दोसरा, फेर तेसरा । ल्विज़ा से भेंट नयँ होवऽ हइ । आउ ई दौरान
ओकर एगो सहेली से सुन्ने में अइलइ (ऊ बूढ़ी हलइ, आउ एगो धोबिन, जेकरा हीं ल्विज़ा अइते-जइते
रहऽ हलइ), कि ऊ जर्मन हमन्हीं के प्रेम के बारे जानऽ हइ, काहेकि ऊ जल्दी से जल्दी ब्याह
के बात उठावे के निश्चय कइलकइ । नयँ तो ऊ अभियो लगभग दू साल आउ इंतजार करते हल । लगऽ
हलइ, ऊ ल्विज़ा से वचन लेलके हल, कि हमरा से
कोय मतलब नयँ रखतइ; कि शायद ऊ ओकन्हीं, चाची आउ ल्विज़ा, के साथ बुरा व्यवहार करऽ हइ;
कि जइसन कहल जा हइ, ऊ अभियो सोचब करऽ हइ, आउ अभियो तक बिलकुल पक्का निश्चय नयँ कर पइलके
ह । ऊ हमरा एहो बतइलकइ, कि परसुन, एतवार के, ऊ ओकन्हीं दुन्नु के सुबह में कॉफी लगी
निमंत्रित कइलके हल, आउ कि एगो आउ रिश्तेदार होतइ, एगो बूढ़ा, जे पहिले व्यापारी हलइ,
लेकिन अभी बहुत जादे गरीब हइ, आउ कहीं तो तलघर (basement) में पहरेदार के काम करऽ हइ
। जब हमरा मालूम पड़लइ, कि एतवार के ओकन्हीं, शायद, पूरा मामला के फैसला कर लेते जइतइ,
आउ हमरा एतना गोस्सा अइलइ, कि हम खुद के नियंत्रित (कंट्रोल) नयँ कर पइलिअइ । आउ ई
पूरा दिन आउ पूरा अगला दिन खाली हम ई कइलिअइ, कि एकरा बारे सोचते रहलिअइ। सोचऽ हिअइ,
कि ऊ जर्मन के मानूँ हम खा जइअइ ।
एतवार
के सुबह, हमरा कुछ नयँ मालूम हलइ, आउ जब प्रार्थना सभा (mass) समाप्त होलइ - हम उछल
पड़लिअइ, ओवरकोट चढ़ा लेलिअइ आउ जर्मन हियाँ रवाना हो गेलिअइ । सोचलिए ओकन्हीं सब्भे
हुआँ मिलतइ । आउ हम काहे लगी जर्मन हियाँ रवाना होलिअइ आउ हुआँ की कहे लगी चाहऽ हलिअइ
- हमरा खुद्दे नयँ मालूम । आउ कउनो परिस्थिति लगी हम पिस्तौल अपन जेभी में रख लेलिअइ
। हमरा पास ई खराब छोटकुन्ना पिस्तौल हलइ, पुरनका (old-fashioned) घोड़ा वला; जेकरा
से हम लड़कपन में गोली चलावऽ हलिअइ । एकरा से केकरो पर गोली चलाके मारना तो संभव नयँ
हलइ । तइयो हम ओकरा में गोली लोड कर लेलिअइ - हमरा जब बाहर निकास देते जइतइ, अपमानजनक
व्यवहार करे लगतइ - त हम पिस्तौल निकास लेबइ आउ सबके भयभीत कर देबइ । हम आवऽ हिअइ ।
दोकान में कोय नयँ हइ, सब कोय पिछुआनी भित्तर में बइठल हइ । ओकन्हीं के छोड़के, एक्को
आत्मा नयँ, कोय नौकर नयँ । ओकरा हीं कुल्लम एगो नौकरानी हलइ, ओहे रसोइया हलइ । हम दोकान
में से गुजरलिअइ; देखऽ हिअइ - दरवाजा हुआँ पर बन हइ, आउ ई दरवाजा पुरनका ढर्रा के हइ,
अंकुश (हुक) से बन होवे वला । हमर दिल धक्-धक् कर रहल ह, हम रुक गेलूँ आउ सुन्नऽ ही
- ओकन्हीं जर्मन में बात कर रहल ह । हम जइसीं जोर से गोड़ से धक्का दे हिअइ, कि दरवाजा
तुरतम्मे फटाक से खुल गेलइ । देखऽ हिअइ - टेबुल लगावल हइ । टेबुल पर बड़गो कॉफी के केतली
हइ आउ कॉफी स्पिरिट लैंप में उबल रहले ह । बिस्कुट पड़ल हइ; दोसर ट्रे पर वोदका के सुराही,
हेरिंग मछली आउ सॉसेज आउ एक प्रकार के शराब के बोतल हइ । ल्विज़ा आउ ओकर चाची, फैशनदार
पोशाक पेन्हले, सोफा पर बइठल हइ । ओकन्हीं के सामने एगो कुरसी पर खुद मंगेतर जर्मन
हइ, निम्मन से बाल झारले, टेलकोट में आउ आगू तरफ निकसल उँचगर कालर में । बगली में एगो
कुरसी पर एगो आउ जर्मन बइठल हइ, बूढ़गर, मोटगर, उज्जर केश, आउ चुपचाप । जब हम घुसलिअइ,
त ल्विज़ा पीयर पड़ गेलइ । ओकर चाची अचंभित होल उठ खड़ी हो गेलइ, आउ फेर बइठ गेलइ, आउ
जर्मन नाक-भौं सिकोड़ लेलकइ । ऊ गोसाल हलइ; आउ उठके हमरा से मिल्ले अइलइ –
"तोहरा",
बोलऽ हइ, "की चाही ?"
हम
तो सकपका गेलिअइ, लेकिन हमरा जोर से गोस्सा बर गेलइ ।
"हमरा",
बोलऽ हिअइ, "की चाही ! अतिथि के स्वागत करहो, वोदका पिलाहो । हम तोहरा हीं अतिथि
के रूप में अइलियो ह ।"
जर्मन
थोड़े सनी सोचलकइ आउ बोलऽ हइ ।
"बइठऽ
जी ।"
हम
बइठ गेलिअइ ।
"हमरा
वोदका तो देथिन", हम बोलऽ हिअइ ।
"अइकी",
बोलऽ हइ, "वोदका हको; किरपा करके पीयऽ ।"
"लेकिन
हमरा तो", बोलऽ हिअइ, "निम्मन वोदका चाही ।"
हमरा
बहुत गोस्सा बर जा हइ ।
"ई
निम्मन वोदका हको ।"
हम
अपमानित महसूस कइलिअइ, कि ऊ हमरा बहुत नीच समझऽ हइ । आउ एकरा से बढ़के ई, कि ल्विज़ा
देख रहले ह । हम पी गेलिअइ आउ बोलऽ हिअइ -
"ए
जर्मन, आउ तूँ एतना रूक्ष व्यवहार काहे करऽ हो ? हमरा साथ दोस्त नियन व्यवहार करहो
। हम दोस्ती लगी तोहरा हीं अइलियो ह ।"
"हम
तोहर दोस्त नयँ हो सकऽ हियो", बोलऽ हइ - "तूँ तो साधारण सैनिक हकऽ ।"
ई
बात पर हम तो बौखला गेलिअइ ।
"ए
हौआ", बोलऽ हिअइ, "सॉसेज बनावे वला ! लेकिन तूँ जानऽ हीं, कि अब से हम तोरा
साथ ऊ सब कुछ कर सकऽ हिअउ, जे हम चाहबउ ? त अइकी तूँ चाहऽ हीं, कि हम तोरा ई पिस्तौल
से शूट कर दिअउ ?"
हम
पिस्तौल निकास लेलिअइ, ओकरा सामने खड़ी हो गेलिअइ आउ पिस्तौल ओकर सिर पर सीधे रखके भिड़ा
देलिअइ । ओकन्हीं (औरतियन) बइठल रहलइ - न तो जिंदा न मुरदा; मुँह खोले में डरइ; आउ
बुढ़वा, ऊ तो पत्ता नियन हिल्लब करऽ हइ, चुपचाप, पूरा पीयर पड़ गेलइ ।
जर्मन
अचंभित हो गेलइ, तइयो खुद के सँभाल लेलकइ ।
"हम
तोरा से भयभीत नयँ हकियो", बोलऽ हइ, "हम तोहरा से निवेदन करऽ हियो, कि एगो
इज्जतदार अदमी नियन, अपन मजाक के अभिए रोक द, आउ हम तोहरा से बिलकुल नयँ भयभीत हकियो
।"
"ए,
झूठ बोलऽ हँ", बोलऽ हिअइ, "डेराऽ हँ !"
"आउ
कउन बात लगी !" ऊ खुद पिस्तौल के निच्चे से अपन सिर हिलावे के साहस नयँ कर रहले
ह; अइसीं बइठल हइ ।
"नयँ",
बोलऽ हइ, "तूँ ई कइसूँ नयँ करे के हिम्मत कर सकऽ हो ।"
"लेकिन
काहे नयँ", बोलऽ हिअइ, "काहे नयँ हिम्मत कर सकऽ हिअइ ?"
"काहेकि",
बोलऽ हइ, "ई तोहरा हीं एकर सख्त मनाही हको आउ तोहरा एकरा लगी कठोर दंड देल जइतो
।"
मतलब
शैताने के ई मूरख जर्मन के बारे मालूम ! अगर ऊ हमरा खुद्दे आग बबूला नयँ करते हल, त
ऊ अभी तक जिंदा रहते हल; खाली वाद-विवाद के चलते अइसन घटना घटलइ ।
"मतलब
हम हिम्मत नयँ कर सकऽ हिअइ", बोलऽ हिअइ, "तोर कहे के मतलब हउ ?"
"नयँ-यँ
!"
"नयँ
हिम्मत कर सकऽ हिअइ ?"
"तूँ
ई हमरा साथ बिलकुल नयँ कर सकऽ हो ..."
"त
अइकी तोरा लगी, सॉसेज !" हम ओकरा पर फायर कर देलिअइ, आउ ऊ कुरसी पर लुढ़क गेलइ
। ओकन्हीं (औरतियन) चीख पड़लइ ।
हम
पिस्तौल जेभी में रख लेलिअइ, आउ रवाना हो गेलिअइ, आउ जब हम किला में घुसलिअइ, त हिएँ
परी किला के गेट भिर बिच्छू-बूटी (nettles) में फेंक देलिअइ ।
हम
घर अइलिअइ, बिछौना पर पड़ गेलिअइ आउ सोचऽ हिअइ - अइकी अब हमरा पकड़ लेते जइतइ । एक घंटा
गुजर जा हइ, दोसरा - नयँ पकड़ते जा हइ । आउ अइसीं गोधूलिवेला के पहिले हम विषादग्रस्त
हो गेलिअइ; बाहर निकसलिअइ; हमरा कइसूँ करके ल्विज़ा के देखे के मन कइलकइ । हम घड़ीसाज
के दोकान भिर से गुजरलिअइ । देखऽ हिअइ - हुआँ परी लोग के भीड़, आउ पुलिस हइ । हम ओकर
सहेली के पास गेलिअइ - ल्विज़ा के बोलाहीं ! जरिक्के सुनी इंतजार कइलिअइ, कि देखऽ हिअइ
- ल्विज़ा दौड़ल आवऽ हइ, आउ हमर गरदन से लिपट गेलइ, कन्ने लगऽ हइ – ‘ई सब कुछ लगी’, बोलऽ
हइ, ‘हमहीं दोषी हकिअइ, कि हम चाची के बात में आ गेलिअइ’ । हमरा ऊ एहो बतइलकइ, कि चाची
अइसन घटना घटला के बाद घर चल गेलइ आउ एतना भयभीत हो गेलइ, कि बेमार पड़ गेलइ आउ गुमशुम
रहे लगलइ; आउ खुद केकरो से कुछ नयँ बतइलकइ आउ हमरो केकरो से बतावे से मना कर देलके
ह; डरऽ हइ; ओकन्हीं के जइसन मन हइ, करे देहीं । ‘हमन्हीं के’ बोलऽ हइ, ‘ल्विज़ा, तखने
कोय नयँ देखलकइ’ । ऊ अपन नौकरानी के भी दूर भेज देलके हल, काहेकि ऊ ओकरा से डरऽ हलइ
। ऊ ओकर आँख नोचके निकास लेते हल, अगर जानते हल, कि ऊ शादी करे लगी चाहऽ हइ । दोकान
में काम करे वलन में भी कोय नयँ घर पर हलइ; सबके ऊ दूर कर देलके हल । ऊ खुद्दे कॉफी
बनइलकइ, खुद्दे खाना तैयार कइलकइ । आउ रिश्तेदार, पहिलहूँ जिनगी भर चुप रहलइ, कुछ नयँ
बोललइ, आउ जइसीं हाल के घटना घटलइ, ऊ अपन टोपी उठइलकइ आउ सबसे पहिले निकस गेलइ । आउ,
विश्वास हइ, हमेशे लगी चुप रहतइ, ल्विज़ा कहलकइ । त अइसन बात हलइ । दू सप्ताह तक हमरा
कोय नयँ पकड़लकइ, आउ हमरा पर केकरो शक्का नयँ हलइ । एहे दू सप्ताह के दौरान, विश्वास
करथिन चाहे नयँ करथिन, अलिक्सांद्र पित्रोविच, हम पूरा सुख के अनुभव कइलिअइ । रोज दिन
हम आउ ल्विज़ा दुन्नु मिल्लऽ हलिअइ । आउ ओकरा केतना, केतना हमरा से लगाव हो गेलइ ! कन्नऽ
हइ - "हम", बोलऽ हइ, "तोहर पीछू-पीछू, जाहाँ तोहरा भेजल जइतो, जइबो,
तोहरा लगी सब कुछ छोड़ देबो !" हम सोच रहलिए हल कि अभी हमर पूरे जिनगी के फैसला
हो जइतइ - एतना हमरा ऊ तखने दिल के पिघला देलके हल । लेकिन, दू सप्ताह के बाद हमरा
पकड़ लेल गेलइ । बुढ़उ आउ ल्विज़ा के चाची एकमत हो गेले हल आउ हमर विरोध में सबूत पेश
कर देते गेले हल ...
"लेकिन
ठहरऽ", हम बकलूशिन के टोकलिअइ, "ई सब कुछ लगी तोरा खाली कुल्लम दस बरिस चाहे
बारह बरिस खातिर, पूरे अवधि लगी सिविल विभाग में भेजल जा सकऽ हलइ; लेकिन तूँ तो विशेष
विभाग में हकहो । ई कइसे संभव हइ ?"
"ओह,
ई तो दोसरे मामला निकसलइ", बकलूशिन कहलकइ । "जब हमरा कोर्ट में लावल गेलइ,
कप्तान कोर्ट के सामनहीं हमरा गंदा शब्द से गारी-गल्लम कइलकइ । हमरा बरदास नयँ होलइ
आउ हम ओकरा बोलऽ हिअइ - "काहे लगी तूँ गारी-गल्लम कर रहलहीं हँ ? की तूँ नयँ देखऽ
हीं, कमीने, कि तूँ ज़ेर्त्सालो [6] के सामने बइठल हीं!" फेर मोकदमा दोसरे मोड़
ले लेलकइ, नावा तरीका से मोकदमा चललइ आउ ई सब कुछ के एक साथ विचार करके, आउ दंडादेश
सुनावल गेलइ - चार हजार (फटका) आउ हियाँ विशेष विभाग में । आउ जब हमरा दंड देवे लगी
बाहर ले जाल गेलइ, त कप्तान के भी बाहर ले जाल गेलइ - हमरा "हरा गली" से
होके, आउ ओकरा रैंक से वंचित करके सैनिक के रूप में काकेशिया (Caucasus)। फेर भेंट
होतइ, अलिक्सांद्र पित्रोविच । हमन्हीं के नाटक मंचन के दौरान जरूर आथिन ।"
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