May 2016
April 2016
[33] 2016-04-26 एक तो करैला ऊपरे से चढ़ल नीम
[32] 2016-04-19 बेसी करके लोग मुखिया बने ला
बेदम हथन
[31] 2016-04-12 हाथी चले बजार कुत्ता भूंके हजार
[30] 2016-04-05 शराबबंदी एगो निम्मन कदम, बाकि
...
March 2016
[26] 2016-03-08 मेहरारू के मिले के चाही मान
आउ सम्मान
[25] 2016-03-01 वसंत के सुहावन मौसम में बजट
भी सुहाना हे
February 2016
[23] 2016-02-16 बसंत हेऽ प्यार आउ मनुहार के
असली मौसम
[22] 2016-02-09 सरस्वती पूजा सभे कोई भक्तिभाव
से मनाथिन
[21] 2016-02-02 हमरा त अप्पन गयाजी पर गुमान
हे
January 2016
[20] 2016-01-26 निशा के बुरा लत केतने घर उजाड़
देवऽ हे
December 2015
[16] 2015-12-29 पुराना भीती
गिरऽ हे, नया भीती उठऽ हे
September 2015
[12] 2015-09-29 पितरपख मेला
गयाजी के शान हे
[11] 2015-09-22 पानी के एक-एक
बूंद नियन होवऽ हे तोहर एक-एक वोट
[10] 2015-09-15 अप्पन स्वार्थ
में अदमी का-का करतूत नऽ कर रहलन हे
[09] 2015-09-08 उज्जर फूल
गंगा मइया के लहरा नियन लहरा मार रहल हे
[08] 2015-09-01 दिन पर दिन
काहे खतम हो रहल हे - मगहिया माटी के महक
August 2015
[07] 2015-08-25 छोटहन मोबाइल
हेऽ बड़ी काम के
July 2015
[03] 2015-07-28 परंपरा के
पाछे पगलाएल समाज के मुट्ठी भर लोग
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