रूसी
उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-1
3.
पिचोरिन के डायरी – 1. तमान ; अध्याय-2
हम
नमदा के चोगा (felt cloak) से खुद के लपटलिअइ, आउ छरदेवाली भिर एगो पत्थल पर बैठ गेलिअइ,
दूर में अपन नजर गड़इते; हमरा सामने रात के आँधी से क्षुब्ध समुद्र फैलल हलइ, आउ शहर
में लोग के नीन आवे घड़ी के भुनभुनाहट जइसन एकर एकरस ध्वनि, हमरा पुरनका अतीत वर्ष के
आद देला देलकइ, आउ हमर विचार के उत्तर तरफ, हमन्हीं के ठंढगर रजधानी में पहुँचा देलकइ
। स्मृति से क्षुब्ध होके हम सब कुछ विसर गेलइ ... अइसीं करीब एक घंटा गुजर गेलइ, हो
सकऽ हइ जादहूँ ... अचानक कुछ तो एगो गीत के सदृश हमर कान में पड़लइ । ई गीते हलइ, आउ
औरतानी साफ गला - लेकिन काहाँ से ? ... कान देके सुन्नऽ हिअइ - धुन विचित्र हलइ, कभी
मंद आउ करुण, त कभी तीव्र आउ सजीव । सगरो नजर फेरऽ हिअइ - चारो दने कोय नयँ; फेर से
ध्यान से सुन्नऽ हिअइ - अवाज मानूँ असमान से आवऽ हइ । हम नजर उपरे कइलिअइ - हमर झोपड़ी
के छत पर एगो लड़की धारीदार पोशाक में खुल्लल केश के साथ खड़ी हलइ, एगो असली जलपरी
(mermaid) लगऽ हलइ । सूरज के किरण से अपन आँख के हथेली से बचइते, ऊ एकटक दूर में देख
रहले हल, कभी हँस्सइ आउ खुद से कुछ बात करइ, त कभी फेर से गावे लगइ ।
ई
गीत के एक-एक शब्द हमरा आद हइ –
मानूँ
अपन मरजी से
हरियर
समुद्र से होके
सब्भे
जहाज चल्लऽ हइ
उज्जर
पाल वला ।
ऊ
सब जहाज के बीच
हम्मर
प्यारा नाय,
नाय
बिन पाल के,
दूगो
चप्पू वला ।
आँधी
आवऽ हइ -
पुरनकन
जहाज
पाल
जरी सुन उठावऽ हइ,
समुद्र
में एन्ने-ओन्ने जा हइ ।
समुद्र
के प्रार्थना करबइ
हम
बहुत निच्चे झुकके –
"छू
मत तूँ, निर्दयी समुन्दर,
हमर
प्यारा नाय के -
ढोके
ले जा हइ नइया हम्मर
चीज
सब बेशकीमती ।
खेवऽ
हइ एकरा अन्हरिया रात में
दुस्साहसी
नाविक ।"
अनजाने
में हमर दिमाग में विचार अइलइ, कि रात में हम एहे अवाज सुनलिए हल; हम एक मिनट लगी विचारमग्न
हो गेलिअइ, आउ जब फेर से छत पर देखलिअइ, त लड़किया हुआँ परी नयँ हलइ । अचानक ऊ हमर पास
से दौड़के गेलइ, कुछ तो दोसर चीज गइते, अपन अँगुरी तोड़ते, बुढ़िया भिर दौड़के अंदर गेलइ,
आउ हियाँ परी ओकन्हीं बीच विवाद चालू होलइ । बुढ़िया नराज हो गेलइ, जबकि ऊ लड़किया जोर
से हँस पड़लइ । आउ अइकी देखऽ हिअइ, हमर उन्दिना (जलपरी) फेर से उदकते भागऽ हइ - हमरा
भिर आवऽ हइ, ऊ रुक गेलइ आउ हमरा एकटक आँख में आँख मिलाके देखे लगलइ, मानूँ हमरा हुआँ
देखके अचंभित हलइ; फेर लपरवाही के साथ मुड़ गेलइ आउ शांति से घाट (बंदरगाह) दने चल गेलइ
। बात हिएँ खतम नयँ होलइ - पूरे दिन ऊ हमर क्वाटर के आसपास मँड़रइते रहलइ; गाना आउ उदकना
एक्को मिनट बन नयँ होलइ । विचित्र जीव हलइ ! ओकर चेहरा पर पागलपन के कोय लक्षण नयँ
हलइ; एकर विपरीत, ओकर आँख तीक्ष्ण सूक्ष्मदर्शिता से हमरा पर टिक्कल हलइ, आउ ई आँख,
लगऽ हलइ, एक तरह के चुंबकीय शक्ति से संपन्न हलइ, आउ हर तुरी मानूँ कोय प्रश्न के प्रतीक्षा
में हलइ । लेकिन जइसीं हम बोले लगी शुरू कइलिअइ, कि ऊ धूर्ततापूर्वक मुसकइते भाग गेलइ
।
पक्का
हम कभी अइसन औरत नयँ देखलूँ हल । ऊ ओतना सुंदर नयँ हलइ, लेकिन सौंदर्य के मामले में
भी हमर खुद के पूर्वाग्रह हइ । ओकरा में बहुत कुछ कुलीनता हलइ ... औरत लोग में कुलीनता,
जइसन कि घोड़वन के नसल में होवऽ हइ, बड़गो बात हइ; ई खोज तरुण फ्रांस [1] के कइल हइ ।
ऊ (मतलब कुलीनता, तरुण
फ्रांस नयँ) अधिकांश में प्रकट होवऽ हइ चाल-ढाल में, हाथ-गोड़ में; खास करके नाक के
बहुत महत्त्व हइ । सीधा नाक रूस में छोटगर गोड़ के अपेक्षा अधिक विरल हइ । हमर गायिका
अठारह बरस से जादे के नयँ लगऽ हलइ । ओकर काठी के असाधारण लचीलापन, ओकर विशेष रूप से
खुद के सिर के मोड़े के ढंग, लमगर सुनहरा केश, ओकर जरी धूपताम्र (sun-tanned) गरदन आउ
कन्हा के त्वचा के एक प्रकार के सुनहरा झलक (tint) आउ विशेष करके सीधा नाक - ई सब कुछ
हमरा लगी आकर्षक हलइ । हलाँकि ओकर कनखी में कुछ तो वहशी आउ संदेहजनक पढ़े में अइलइ,
हलाँकि ओकर मुसकान में कुछ तो अनिश्चित हलइ, लेकिन पूर्वाग्रह में अइसन शक्ति हइ -
सीधगर नाक हमरा पागल बना देलकइ; हम कल्पना कइलिअइ, कि ग्योटऽ के मिन्योन (Goethe’s
Mignon) [2] खोज लेलिअइ, उनकर जर्मन कल्पनाशक्ति के ई विलक्षण सृजन - आउ ओकन्हीं दुन्नु
में बहुत साम्य हलइ - ओहे अत्यधिक चंचलता से पूर्ण स्तब्धता में तीव्र संक्रमण
(transitions), ओहे रहस्यमय वाणी, ओहे उछल-कूद, विचित्र गीत …
साँझ
नगीच अइला पर, ओकरा दरवजवा भिर रोकके, ओकरा साथ निम्नलिखित बातचीत कइलिअइ ।
"हमरा
बताव तो, सुंदरी", हम पुछलिअइ, "तूँ आझ छत पर की कर रहलहीं हल ?"
"ओह,
देख रहलिए हल, कि कन्ने से हावा बह रहले ह ।"
"तोरा
की जरूरत हलउ ?"
"जद्धिर
से हावा आवऽ हइ, ओधरे से खुशी भी ।"
"की
? वास्तव में तूँ गीत से सुख के आमंत्रित कर रहलहीं हल ?"
"जाहाँ
गीत गावल जा हइ, हुएँ सुख आवऽ हइ ।"
"आउ
कहीं गलती से गाके खुद लगी शोक लइलहीं तब ?"
"त
एकरा से की ? जाहाँ बेहतर नयँ होतइ, हुआँ बत्तर होतइ, लेकिन खराब से निम्मन फेर जादे
दूर नयँ होवऽ हइ।"
"केऽ
तोरा ई गीत सिखइलको हल ?"
"कोय
नयँ सिखइलक हल; दिमाग में आवऽ हइ - आउ गावऽ हिअइ; जेकरा सुन्ने के हइ, ऊ सुनतइ; आउ
जेकरा नयँ सुन्ने के चाही, ओकरा समझ में नयँ अइतइ ।"
"आउ
तोर नाम की हउ, हमर गायिके ?"
"जे
बपतिस्मा कइलका, ऊ जानऽ हका ।"
"आउ
केऽ बपतिस्मा कइलथुन ?"
"हमरा
की मालूम ?"
"कइसन
धूर्त ! आउ अइकी तोरा बारे कुछ तो जान गेलियो ह ।"
(ओकर
चेहरा में कोय बदलाव नयँ अइलइ, न अपन होंठ हिलइलकइ, मानूँ एकरा से ओकर कोय संबंध नयँ
हलइ।)
"हमरा
मालूम हो गेलो ह, कि तूँ कल्हे रात के समुद्र तट पर गेलहीं हल ।"
आउ
हियाँ परी हम बहुत महत्त्वपूर्ण (अर्थात् गंभीर) मुद्रा में ओकरा सब कुछ बता देलिअइ,
जे देखलिए हल, ई सोचके कि ऊ परेशान हो जइतइ - लेकिन कुछ नयँ ! ऊ तो ठठाके हँस पड़लइ
।
"बहुत
कुछ देखलथिन, लेकिन बहुत कम जानऽ हथिन, ओहे से ताला-कुंजी में बन रखले रहथिन ।"
"आउ
अगर हम, मसलन, कमांडेंट के रिपोर्ट करे के बारे सोचलिअइ तब ?"
आउ
हियाँ परी हम बहुत गंभीर, बल्कि कठोर भी, मुद्रा बना लेलिअइ । ऊ एकदम से उछल पड़लइ,
गावे लगलइ आउ नुक गेलइ, झाड़ी में से एगो भयभीत चिरईं नियन । हमर अंतिम शब्द बिलकुल
अनुचित हलइ, तखने हम ओकर महत्त्व के शंका नयँ कइलिअइ, लेकिन बाद में हमरा एकरा बारे
पछतावा करे के मौका आ गेलइ ।
जइसीं
अन्हेरा छा गेलइ, हम कज़ाक के अभियान (campaign) पर नियन केतली गरम करे लगी औडर देलिअइ,
मोमबत्ती जलइलिअइ आउ टेबुल भिर बैठ गेलिअइ, प्रवास के पाइप से धूम्रपान करे लगलिअइ
। हम चाय के दोसरे गिलास खतम कइलिअइ, कि अचानक दरवाजा चरचरइलइ, हमर पीछू में पोशाक
के हलका सरसराहट आउ कदम के आहट सुनाय देलकइ; हम चौंक गेलिअइ आउ मुड़ गेलिअइ - ई ऊ हलइ,
हमर उन्दिना (जलपरी) !
ऊ
हमरा सामने शांति से आउ बिन एक्को शब्द बोलले बैठ गेलइ आउ अपन नजर हमरा पर टिका देलकइ,
आउ मालूम नयँ काहे, लेकिन ई नजर हमरा चमत्कारिक रूप से नाजुक लगलइ; ई हमरा ओइसनकन नजर
में से एक के आद देला देलकइ, जे पुरनकन साल में हमर जिनगी के साथ स्वेच्छाचारिता के
साथ खेलले हल । ऊ, लगऽ हलइ, कोय प्रश्न के प्रतीक्षा करब करऽ हलइ, लेकिन पूर्ण अबोधगम्य
उधेड़-बुन (inexplicable confusion) में हम चुप रहलिअइ । ओकर चेहरा पर पसरल हलका पीलापन
ओकर मन में मच रहल खलबली के द्योतक हलइ; ओकर
हाथ बिन कोय उद्देश्य के टेबुल पर हलचल कर रहले हल, आउ हम ओकरा में हलका कंपन नोटिस
कइलिअइ; ओकर छाती कभी उँच्चा उठ जाय, त कभी, लगइ, ऊ साँस रोकले हइ । ई नाटक हमरा बोर
करे लगलइ, आउ हम ई चुप्पी के सबसे अरोचक (prosaic) ढंग से तोड़े लगी तैयार हो गेलिअइ,
मतलब ओकरा सामने एक गिलास चाय पीए लगी प्रस्ताव रक्खे के, कि अचानक ऊ उछलके खड़ी हो
गेलइ, हमर गरदन में अपन बाँह डाल देलकइ, आउ हमर होंठ पर आर्द्र, आग्नेय (moist,
fiery) चुंबन ध्वनित होलइ । हमर आँख के आगू अन्हेरा छा गेल, सिर चकराय लगल, अपन जवानी
के जोश में पूरा जोर लगाके ओकरा हम अपन आलिंगन में कस लेलिअइ, लेकिन ऊ, साँप नियन,
हमर हाथ के बीच से छिटक गेलइ, हमरा कान में फुसफुसइते - "आझ रात, जब सब कोय सुत
जाय, समुद्र तट पर आ जा", आउ तीर नियन कमरा से दौड़के भाग गेलइ । (भागते-भागते)
ड्योढ़ी में केतली आउ फर्श पर पड़ल मोमबत्ती के उलट देलकइ । "ई कइसन शैतान लड़की
हइ !" कज़ाक चिल्लइलइ, जे पुआल पर अराम कर रहले हल आउ बाकी बच्चल चाय से खुद के
गरमावे के मनसूबा बनइले हलइ । तभिए हमरा होश अइलइ ।
लगभग
दू घंटा के बाद, जब सब कुछ घाट पर शांत हो गेलइ, हम अपन कज़ाक के उठइलिअइ । "अगर
हम पिस्तौल से फायर करिअउ", हम ओकरा कहलिअइ, "त दौड़के समुद्र तट पर आ जइहँऽ
।" ऊ आँख फाड़के हमरा तरफ देखलकइ आउ यंत्रवत् उत्तर देलकइ - "जी, महामहिम
।" हम अपन बेल्ट में पिस्तौल रखलिअइ आउ बहरसी निकस गेलिअइ । ऊ खड़ी चट्टान के किनारे
पे हमर इंतजार कर रहले हल; ओकर पोशाक जरूरत से जादहीं हलका हलइ, ओकर लचीला कमर में
एगो ओढ़नी लपेटल हलइ ।
"हम्मर
पीछू-पीछू आथिन !" हमर हाथ पकड़के ऊ कहलकइ, आउ हमन्हीं उतरे लगलिअइ । हमरा समझ
में नयँ आवऽ हइ, कि हमर गरदन कइसे नयँ टुटलइ; निच्चे हमन्हीं दहिना दने मुड़लिअइ आउ
ओहे रस्ता से आगू बढ़लिअइ, जाहाँ परी हम अन्हरा के पीछा कइलिए हल । चान अभी नयँ उगले
हल, आउ खाली दुइए गो छोटगर तरिंगन, दूगो रक्षक मार्गदर्शक नियन, गढ़गर नीला मेहराब
(आकाश) में टिमटिमा रहले हल । भारी लहर एक के बाद दोसर तालबद्ध आउ नियमित रूप से उठ
रहले हल, मोसकिल से एकमात्र नाय के जरी उपरे उठइते, जेकर तट पर लंगर डालल हलइ ।
"नाय में चढ़ल जाय", हमर सहगामिनी कहलकइ; हम हिचकिचइलिअइ, हम समुद्र में भावुक
सैर-सपाटा के शौखीन नयँ हिअइ; लेकिन पीछू हट्टे के समय नयँ हलइ । ऊ उछलके नाय में चल
गेलइ, हम ओकर पीछू, आउ हम होशो नयँ सम्हाल पइलिअइ, एकर पहिले कि हम नोटिस कइलिअइ कि
हमन्हीं नौका-विहार करब करऽ हिअइ ।
"एकर
की मतलब हइ ?" हम गोसाल कहलिअइ ।
"एकर
मतलब हइ", ऊ जवाब देलकइ, हमरा बेंच पर बैठइते आउ हमर कमर के अपन बाँह में लपेटते,
"एकर मतलब हइ, कि हम तोरा से प्रेम करऽ हियो ..."
आउ
ओकर गाल हमर गाल से चिपटल हलइ, आउ हम अपन चेहरा पर ओकर अग्निमय साँस (burning
breath) के महसूस कर रहलिए हल । अचानक कुछ तो जोर के अवाज के साथ पानी में गिरलइ -
हम अपन बेल्ट (चमोटी) पर हाथ ले गेलिअइ - पिस्तौल नयँ । ओह, हियाँ परी एगो भयंकर शक्का
हमर मन में घुस गेलइ, खून तेजी से हमर सिर में चढ़ गेलइ ! ... हम चारो तरफ नजर डालऽ
हिअइ - हमन्हीं तट से लगभग पचास साझेन (100 मीटर) दूर हिअइ, आउ हम पैर नयँ सकऽ हिअइ
! हम ओकरा खुद से ढकेलके अलगे करे लगी चाहऽ हूँ - ऊ बिलाय नियन हमर पोशाक के कसके धर
लेलकइ, आउ अचानक ओकर एगो जोरदार धक्का लगभग हमरा समुद्र में फेंक देलकइ । नाय डोले
लगलइ, लेकिन हम खुद के सम्हार लेलिअइ, आउ हमन्हीं दुन्नु के बीच भीषण संघर्ष चालू हो
गेलइ; क्रोध हमरा शक्ति देलकइ, लेकिन हम जल्दीए नोटिस कर लेलिअइ, कि हम अपन प्रतियोगी
के सामने कुशलता आउ चालबाजी में बराबरी नयँ कर पा रहलूँ हँ ... "आखिर तूँ की चाहँऽ
हँ ?" हम चिल्लइलिअइ, कसके ओकर छोटकुन्ना हाथ के पकड़ले; ओकर अँगुरी कड़कड़इलइ, लेकिन
ऊ ओह-आह नयँ कइलकइ - ओकर साँप नियन प्रकृति ई यातना के सहन कर गेलइ ।
"तूँ
देख लेलहीं", ऊ जवाब देलकइ, "तूँ रिपोर्ट कर देमहीं !" आउ अलौकिक शक्ति
से हमरा नाय में उलट देलकइ; नाय के किनारे हमन्हीं दुन्नु कमर से लटकल हलिअइ, ओकर केश
पानी के स्पर्श कर रहले हल - ई निर्णायक क्षण हलइ । हम अपन टेहुना के नाय के तल में
टिका देलिअइ, एक हाथ से ओकर जूरा धर लेलिअइ, दोसर से गला, ऊ हमर पोशाक के पकड़ छोड़ देलकइ,
आउ हम पल भर में ओकरा लहर में फेंक देलिअइ ।
काफी
अन्हेरा हो चुकले हल; समुद्री फेन में ओकर सिर दू तुरी पल भर लगी देखाय देलकइ, आउ फेर
हमरा कुछ नयँ नजर अइलइ ।
नाय
के तल में हमरा पुरनका पतवार के आधा हिस्सा मिललइ आउ कइसूँ, लमगर प्रयास के बाद, नाय
के घाट लगइलिअइ । समुद्री तट पर से होते अपन झोपड़ी तरफ चुपके जइते बखत, हमर नजर अनजाने
में ऊ दिशा में चल गेलइ, जाहाँ पिछलौका रतिया के अन्हरा रात्रि वला पैराक (नाविक) के
इंतजार करब करऽ हलइ; चान आकाश पर चढ़ चुकले हल, आउ हमरा लगलइ, कि कोय तो उज्जर पोशाक
में तट पर बैठल हइ; उत्सुकता से उत्तेजित होल, हम चुपके से सरकते गेलिअइ, आउ खड़ी चट्टान
के उपरे घास में पड़ गेलिअइ; जरी सुन सिर के आगू निकासके, हमरा चट्टान पर से ऊ सब कुछ
देखाय देब करऽ हलइ, जे निच्चे होब करऽ हलइ, आउ बहुत अचरज नयँ होलइ, बल्कि लगभग खुशी
होलइ, जब हम अपन जलपरी के पछनलिअइ । ऊ अपन लमका केश से समुद्री फेन के गारके निकास
रहले हल; भिंगल कमीज के चलते ओकर लचीला कमर आउ उन्नत वक्षस्थल के उभार देखाय देब करऽ
हलइ । जल्दीए दूर में नाय नजर अइलइ, तेजी से ऊ नगीच आब करऽ हलइ; ओकरा से, पहिलौका रोज
नियन, तातार टोपी में एगो अदमी उतरलइ, लेकिन ओकर केश कज़ाक नियन काटल हलइ, आउ ओकर चमोटी
से एगो बड़गर छूरा लटकल हलइ ।
"यान्को",
ऊ कहलकइ, "सब कुछ खतम हो गेलो !"
बाद
में ओकन्हीं के बातचीत एतना धीमे जारी रहलइ, कि हमरा कुच्छो सुन्ने में नयँ अइलइ ।
"आउ
अन्हरा काहाँ हइ ?" अपन गला जरी उँचगर करके आखिरकार यान्को कहलकइ ।
"हम
ओकरा बोलवा भेजइलिए ह", जवाब हलइ ।
कुछ
मिनट के बाद अन्हरो आ गेलइ, अपन पीठ पर एगो बोरिया लेले, जेकरा नाय में रख देते गेलइ
।
"सुन
अन्हरा !" यान्को कहलकइ, "तूँ ऊ जगह के देखभाल करिहँऽ ...समझलहीं ? हुआँ
परी बेशकीमती समान हइ ... (नाम हम नयँ सुन पइलिअइ) के बता दिहीं, कि हम ओकर अब नौकर
नयँ हिअइ; मामला सब बिगड़ गेलइ, ऊ हमरा अब देख नयँ पइतइ; अब मामला खतरनाक हइ; काम खोजे
लगी दोसर जगह जाय वला हिअइ, आउ ओकरा अइसन दुस्साहसी अदमी मिल्ले वला नयँ । हाँ कह दिहीं,
कि अगर ऊ कुछ बेहतर पैसा देते हल, त यान्को ओकरा नयँ छोड़ते हल; आउ हमरा लगी सगरो रस्ता
हइ, जाहाँ खाली हावा बहऽ हइ आउ समुद्र गरजऽ हइ !" कुछ देर के चुप्पी के बाद यान्को
बात जारी रखलकइ - "ई (लड़की) हमरा साथ अइतइ; एकरा हियाँ रहना असंभव हइ; आउ बुढ़िया
के कह दिहीं, कि ओकरा मरे के टैम आ गेलइ, बहुत लमगर उमर तक जी लेलकइ, मामला के खतम
करे के समय आ गेलइ । हमन्हीं के आउ नयँ देख पइतइ ।"
"आउ
हम ?" अन्हरा करुण स्वर में बोललइ ।
"तोरा
से हमरा की मतलब ?" जवाब हलइ ।
एहे
दौरान हमर जलपरी नाय में उछलके चढ़ चुकले हल आउ अपन साथी के हाथ लहरा रहले हल; ऊ कुछ
तो अन्हरा के हाथ में रखलकइ, ई कहते - "ले, अपना लगी केक खरीद लिहँऽ ।"
"बस
?" अन्हरा कहलकइ ।
"अच्छऽ,
अइकी तोरा लगी आउ कुछ हउ", आउ गिरल पैसा पत्थर पर टकराके झनझना उठलइ ।
अन्हरा
ओकरा नयँ उठइलकइ । यान्को नाय में बैठ गेलइ, हावा तट तरफ से बह रहले हल, ओकन्हीं छोटगर
पाल चढ़इलकइ आउ तेजी से चल पड़लइ । चाँदनी में करिया लहर के बीच देर तक पाल कौंधते रहलइ;
अन्हरा लड़कावा बस कनते रहलइ, देर तक, बहुत देर तक ... हम उदास हो गेलूँ । काहे लगी
भाग्य हमरा ई ईमानदार तस्कर (स्मगलर) लोग के शांत मंडली में फेंक देलक हल ? प्रवाहमय
सोता में फेंकल पत्थल नियन, हम ओकन्हीं के शांति भंग कर देलिए हल, आउ पत्थल नियन, हम
खुद्दे लगभग तल में चल गेलूँ हल !
हम
घर लौट गेलिअइ । ड्योढ़ी में लकड़ी के मोमबत्ती के स्टैंड में लगभग जल चुकल मोमबत्ती
चर-चर कर रहले हल, आउ हमर कज़ाक, औडर के बावजूद, गहरा नीन में सुत्तल हलइ, अपन राइफल
दुन्नु हाथ से पकड़ले । हम ओकरा शांत छोड़ देलिअइ, मोमबत्ती लेलिअइ आउ झोपड़ी में चल गेलिअइ
। अरे ! हमर बक्सा, चानी के फ्रेम वला हमर तलवार, दागेस्तानी खंजर - जे सब हमर दोस्त
के देल उपहार हले - सब के सब गायब हले । हिएँ परी हम अंदाज लगा लेलिअइ, कि ऊ अभिशप्त
अन्हरा कइसन समान घींचके लइलके हल । यथेष्ट अविनम्र धक्का के साथ कज़ाक के जगाके, हम
ओकरा डँटलिअइ, गोस्सा कइलिअइ, लेकिन कुछ नयँ कइल जा सकऽ हलइ ! आउ की प्राधिकारी (authorities)
के ई शिकायत करना हास्यास्पद नयँ होते हल, कि एगो आन्हर लड़का हमर समान के चोरी कर लेलक,
आउ एगो अठारह साल के लड़की हमरा लगभग डुबा देलक ?
भगमान
के किरपा से, सुबह में प्रस्थान करे के अवसर आ गेल, आउ हम तमान छोड़ देलूँ । बुढ़िया
के साथ आउ बेचारा अन्हरा के साथ की होलइ - हमरा मालूम नयँ । आउ हमरा नियन भ्रमणशील
अफसर के, आउ ओकरो में डाक घोड़ागाड़ी के प्रयोग करे के अधिकार वला दस्तावेज के साथ सरकारी
काम-काज लगी जाय वला के, मानवीय सुख आउ दुख से कीऽ लेना-देना हलइ ! ...
- पहिला भाग समाप्त –
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