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Friday, September 23, 2016

रूसी उपन्यास "आझकल के हीरो" ; भाग-2 ; 2. राजकुमारी मेरी - अध्याय-3

रूसी उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-2
2. राजकुमारी मेरी - अध्याय-3

16 मई

दू दिन के दौरान हमर काम बहुत आगू बढ़लइ । छोटकी राजकुमारी के हमरा से पक्का घृणा हइ । हमरा पर निर्दिष्ट दू-तीन चुटकुला लोग हमरा रिपोर्ट करते गेले ह, जे काफी तीक्ष्ण हइ, लेकिन साथे-साथ बहुत प्रशंसापूर्ण हइ । उनका अत्यंत विचित्र लगऽ हइ, कि हम, जे उच्च वर्ग के अभ्यस्त हिअइ, आउ पितिरबुर्ग के उनकर चचेरी-फुफेरी बहिन (cousins) आउ चाची-फूआ (aunties) लोग से एतना घनिष्ठ संबंध हइ, उनका से परिचित होवे के प्रयास नयँ करऽ हिअइ । हमन्हीं के भेंट रोज दिन बुलवार में कुआँ बिजुन होवऽ हइ । हम उनकर प्रशंसक, श्रेष्ठ सहायक (adjutants),  पीयर मास्कोवासी आउ अन्य लोग के  आकर्षित करे लगी अपन पूरा ताकत लगा दे हिअइ - आउ लगभग हमेशे सफलता मिल्लऽ हइ । हम हमेशे अपन घर पर अतिथि लोग से घृणा कइलिए ह, लेकिन अभी हमरा हीं रोज दिन घर भरल रहऽ हइ, लोग दुपहर आउ रात के भोजन करते जा हइ, ताश खेलते जा हइ - आउ अफसोस, हमर शैंपेन उनकर चुंबकीय आँख के शक्ति पर विजयोल्लास मनावऽ हइ !

कल्हे हमर उनका से भेंट चेलाख़ोव के दोकान पर होलइ । ऊ एगो शानदार फारसी कालीन पर मोल-जोल कर रहला हल । छोटकी राजकुमारी अपन माय के कंजूसी नयँ करे लगी समझाब करऽ हला - ई कालीन उनकर ड्रेसिंग रूम के केतना चकाचक बनइते हल ! ...  हम चालीस रूबल जादे देके ओकरा खरीद लेलिअइ; आउ एकरा लगी हमरा एगो कटाक्ष के पुरस्कार मिल्लल, जेकरा में अत्यंत मनोहर क्रोध चमक रहले हल । लगभग दुपहर के भोजन के बखत हम जान-बूझके एहे कालीन के अपन चेर्केस घोड़वा के पीठ पर डालके उनकर खिड़की बिजुन से होके ले जाय लगी औडर देलिअइ । वेर्नर ऊ बखत उनकन्हीं के घर पर हलथिन आउ हमरा बतइलथिन, कि ई दृष्य के प्रभाव अत्यंत नाटकीय ढंग के हलइ । छोटकी राजकुमारी अब हमरा विरुद्ध जिहाद छेड़े लगी चाहऽ हथिन । हम एहो नोटिस कइलिअइ, कि उनकर दू गो सहायक उनकर सामने हमरा शुष्क रूप से अभिवादन करते जा हइ, हलाँकि रोज दिन ओकन्हीं हमरा हीं दुपहर के भोजन करते जा हइ ।

ग्रुशनित्स्की एगो रहस्यमय मुद्रा अपनाऽ लेलके ह - ऊ अपन हाथ के पीठ पीछू रखके चल्लऽ हइ, आउ केकरो नयँ पछानऽ हइ; ओकर गोड़ अचानक ठीक हो गेले ह, ऊ जरी सुनी लंगड़ाऽ हइ । बड़की राजकुमारी से बातचीत करे के ओकरा अवसर मिल गेलइ आउ छोटकी राजकुमारी के कइसनो प्रशंसोक्ति सुनइलकइ । देखे में लगऽ हइ, कि ऊ (छोटकी राजकुमारी) बहुत दुष्तोषणीय (नकचढ़ी) नयँ हथिन, काहेकि तखने से ओकर अभिवादन के प्रत्युत्तर अत्यंत प्यारा मुसकान के साथ दे हथिन ।
"तूँ लिगोव्स्काया से पक्का नयँ परिचित होवे लगी चाहऽ हो ?" ऊ हमरा कल्हे कहलकइ ।
"पक्का नयँ ।"
"जइसन मरजी ! स्पा बिजुन अत्यंत मनोहर घर हइ ! सब स्थानीय (अर्थात् पितिगोर्स्क के) उत्तम वर्ग के लोग हियाँ परी हथिन ..."
"हमर मित्र, हम अस्थानीय (non-local) वर्ग से भी बहुत बोर हो गेलिए ह । आउ तूँ उनकन्हीं हीं जा हो ?"
"अभी तक तो नयँ । हम छोटकी राजकुमारी के साथ दू तुरी बतिअइलिए ह, आउ एकरा से जादे (नयँ) [1], लेकिन जानऽ हो, कइसूँ घर पर जबरदस्ती भेंट देना अशिष्टता हइ, हलाँकि हियाँ परी अइसन कइल जा हइ ... बात दोसर होते हल, अगर हम स्कंधिका (epaulettes) लगइतिए हल ..."
"अरे, अरे ! ई तरह तो तूँ बहुत जादहीं रोचक हो रहलऽ ह ! तूँ बस अपन लाभदायक परिस्थिति के लाभ नयँ उठा पावऽ ह ... सैनिक ओवरकोट तो एगो भावुक तरुणी के दृष्टि में तोहरा एगो हीरो आउ शहीद बना दे हको ।"
ग्रुशनित्स्की आत्मसंतुष्टि के साथ मुसकइलइ ।
"ई कइसन बकवास हइ !" ऊ बोललइ ।
"हमरा पक्का विश्वास हइ", हम बात जारी रखलिअइ, "कि राजकुमारी तोर प्रेम में पड़ गेलथुन हँ !"
ऊ कान तक लाल हो गेलइ आउ अपन छाती फुलइलकइ ।

ओह स्वाभिमान ! तूँ तो ऊ लीवर हकहीं, जेकरा से आर्किमेडीज़ पृथ्वी के उठावे लगी चाहऽ हलथुन ! ...
"तोहरा तो हमेशे मजाक सुज्झऽ हको !" ऊ बोललइ, अइसन ढोंग करते कि ओकरा गोस्सा बर रहले ह, "पहिला, ऊ हमरा अभियो एतना कम जानऽ हथिन ..."
"औरतियन के प्यार खाली ओकन्हिंएँ से होवऽ हइ, जेकन्हीं के ओकन्हीं नयँ जानऽ हइ ।"
"लेकिन उनका हम पसीन पड़िअइ, अइसन हमर कोय अपेक्षा नयँ हइ । हमरा खाली निम्मन घर से परिचित होवे के इच्छा हइ, आउ बहुत हास्यास्पद होते हल, अगर हमरा कइसनो आशा रहते हल ... लेकिन तोहन्हीं सब, उदाहरणस्वरूप, दोसरहीं बात हकहो ! तोहन्हीं पितुरबुर्ग के विजेता - खाली एक नजर डालऽ हो, कि औरतियन पिघल जइते जा हइ ... आउ जन्नऽ हो, पिचोरिन, कि छोटकी राजकुमारी तोरा बारे की कह रहलथुन हल ?"
"की ? ऊ तोहरा से हमरा बारे कुछ बोललथुन ? ..."
"लेकिन खुश मत होवऽ । हमरा उनका साथ कइसूँ कुआँ बिजुन संयोगवश बातचीत के मौका मिललइ । उनकर तेसरा शब्द (वाक्य) हलइ – ‘ई महाशय केऽ हथिन, जिनकर अइसन अप्रिय भारी नजर हइ ? ऊ अपने के साथ हलथिन, जब ...’ उनकर चेहरा तमतमा गेलइ आउ अपन प्यारा शरारत आद पड़ गेला पर ऊ दिन के नाम बतावे लगी नयँ चहलथिन । ‘अपने के ऊ दिन के नाम बतावे के गरज नयँ हइ’, हम उनका उत्तर देलिअइ, ‘ऊ हमेशे लगी हमर स्मृति में रहतइ ... ।’ हमर मित्र, पिचोरिन ! हम तोरा बधाई नयँ दे हियो; तोरा बारे उनकर विचार खराब हको ... आउ वास्तव में ई खेद के बात हको ! काहेकि मेरी बहुत प्यारी हथिन ! ..."

ई ध्यातव्य हइ, कि ग्रुशनित्स्की ओइसन लोग में से हइ, जे, औरत के बारे बात करते बखत, जेकरा साथ ओकन्हीं मोसकिल से परिचित हइ, ओकरा 'हम्मर मेरी', 'हम्मर सोफ़ी', पुकारते जा हइ, अगर ऊ ओकन्हीं के भाग्यवश पसीन पड़ गेलइ तब । हम गंभीर मुद्रा धारण कर लेलिअइ आउ ओकरा उत्तर देलिअइ - "हाँ, ऊ खराब नयँ हथिन ... खाली सावधान रहऽ, ग्रुशनित्स्की ! रूसी तरुणी सब अधिकतर खाली आध्यात्मिक प्रेम (platonic love) के प्रोत्साहन देते जा हका, ओकरा में विवाह के बिन मिश्रण कइले; आउ आध्यात्मिक प्रेम अत्यंत कष्टदायक होवऽ हइ।
छोटकी राजकुमारी, लगऽ हइ, ओइसनकन औरतियन में से हथिन, जे चाहऽ हथिन कि उनकन्हीं के लोग मनबहलाव करते जाय । अगर तोरा बिजुन लगातार दुइयो मिनट लगी बोर हो जइता, त तो तूँ अपुनर्लभ्य रूप से मर गेलऽ । तोर चुप्पी उनकर उत्सुकता के जागृत करे के चाही, तोर बातचीत एकरा कभियो संतुष्ट नयँ करे वला । तोरा उनका हर मिनट व्याकुल करे के चाही । ऊ तोरा लगी सार्वजनिक रूप से दसो तुरी स्थापित विचार के उपेक्षा करथुन आउ एकरा बलिदान के संज्ञा देथुन, आउ एकरा लगी खुद के पुरस्कृत करे खातिर तोरा यातना देवे लगथुन, आउ बाद में बस कहथुन, कि ऊ तोरा सहन नयँ कर सकऽ हथुन । अगर तूँ उनका अपन वश में नयँ कइलऽ, त उनकर पहिला चुंबन भी तोरा दोसर चुंबन के हक नयँ देतो । ऊ तोरा साथ मन भर प्रेम प्रदर्शन करथुन, आउ करीब दू साल के बाद अपन माय के आज्ञापालन के बहाने एगो राक्षस (कुरूप व्यक्ति) के साथ विवाह कर लेथुन, आउ खुद के आश्वासन देवे लगथुन, कि ऊ दुखी हका, कि ऊ तो एक्के अदमी के प्यार करऽ हला, मतलब तोरा, लेकिन भगमान उनका ओकरा से मिलन नयँ चाहऽ हला, काहेकि ओकरा पर सैनिक के ओवरकोट हलइ, हलाँकि ई मोटगर धूसर (grey) ओवरकोट के अंदर भावुक आउ उदार हृदय धड़कऽ हलइ ..."

ग्रुशनित्स्की मुक्का से टेबुल पर प्रहार कइलकइ आउ कमरा में आगू-पीछू चहलकदमी करे लगलइ ।
हम आंतरिक रूप से खिखिअइलिअइ आउ दू तुरी मुसकइवो कइलिअइ, लेकिन ऊ, भाग्यवश, ई नोटिस नयँ कइलकइ । साफ हलइ, कि ऊ प्रेम में पड़ गेले ह, काहेकि ऊ पहिले से जादे विश्वासशील हो गेले ह । ओकर अँगुरी में स्थानीय शिल्प के कार धातु के साथ चानी के अँगूठियो देखाय दे हइ । ई हमरा संदेहजनक लगलइ ... हम एकर जाँच करे लगलिअइ, आउ की देखऽ हिअइ ? ... एकर अंदरूनी हिस्सा में बारीक अक्षर में 'मेरी' नाम अंकित हलइ, आउ पास में - ऊ दिन के तारीख, जब ऊ (मेरी) मशहूर गिलास उठइलका हल । हम अपन खोज के गुप्त रखलिअइ। हम ओकरा से जबरदस्ती कबूल करवावे लगी नयँ चाहऽ हिअइ, हम चाहऽ हिअइ, कि ऊ खुद हमरा विश्वासपात्र चुन्नइ, आउ तब हम आनंदित होबइ ...
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आझ हम लेट उठलिअइ । कुआँ दने जा हिअइ - अभी तक कोय नयँ अइले ह । बहुत गरम होवे लगलइ । उज्जर रोएँदार बादर हिम-आच्छादित पर्वत से तेजी से दौड़ रहले हल, गरज वला तूफान के आशा देलइते । माशूक पर्वत के शिखर बुत्तल मशाल नियन धुआँऽ रहले हल । एकर चारो दने साँप नियन घुड़मुड़ियाल बादर के धूसर टुकड़ी सरक रहले हल, जे अपन प्रयास में मानूँ काँटेदार झाड़ी में बझ गेला के चलते रुक गेले हल । हावा में बिजली भरल हलइ । अंगूर के लत्तर से आच्छादित वीथि (alley) में हम दूर तक चल गेलिअइ, जे गुफा तक ले जा हलइ । हम उदास हलूँ । हम गाल पर तिल वली ऊ तरुणी के बारे सोच रहलूँ हल, जेकरा बारे हमरा डाक्टर बतइलका हल ... ऊ हियाँ काहे लगी हइ ? आउ की ऊ ओहे हइ ? आउ हम काहे सोचब करऽ हिअइ, कि ई ओहे हइ ? आउ हम काहे ई मामले में आश्वस्त हिअइ ? की गाल पर तिल वली औरत कम होवऽ हइ ! अइसे सोचते हम गुफा बिजुन पहुँचलूँ । देखऽ ही - एकर मेहराब के शीतल छाया में पत्थल के बेंच पर एगो औरत बैठल हइ, पुआल के बन्नल टोप लगइले, कार शाल लपेटले, आउ अपन सिर छाती पर धइले । टोप ओकर चेहरा छिपइले हलइ । ओकर सपना में बाधा नयँ आबइ, ई सोचके हम वापिस लौटे लगी चहलिअइ, कि एतने में ऊ हमरा दने तकलकइ ।
"वेरा !" अनजाने में हम चीख उठलिअइ ।
ऊ चौंक उठलइ आउ पीयर पड़ गेलइ ।
"हम जानऽ हलियो, कि तूँ हिएँ हकऽ", ऊ कहलकइ ।

हम ओकरा भिर बैठ गेलिअइ आउ ओकर हाथ के अपन हाथ में ले लेलिअइ । बहुत पहिलहीं विस्मृत हो गेल कंपन ई मधुर स्वर सुनके हमर नस-नस में दौड़ गेल । ऊ हमर आँख में अपन गंभीर आउ शांत दृष्टि से देखलकइ । ओकर आँख में अविश्वसनीयता आउ कुछ तो तिरस्कार नियन अभिव्यक्त हो रहले हल ।

"लम्मा समय तक हमन्हीं के भेंट नयँ होलइ", हम कहलिअइ ।
"हाँ, लम्मा समय, आउ दुन्नु बहुत कुछ बदल गेते गेलिए ह ।"
"मतलब, तूँ हमरा अब नयँ प्यार करऽ हीं ? ..."
"हम शादीशुदा हिअइ !" ऊ कहलकइ ।
"फेर से ? लेकिन कुछ साल पहिलहीं एहे कारण हलइ, तइयो ..."
ऊ अपन हाथ झटकके हमर हाथ से अलगे कर लेलकइ, आउ ओकर गाल दहक उठलइ ।
"शायद तूँ अपन दोसरका पति के प्यार करऽ हीं ? ..."
ऊ उत्तर नयँ देलकइ आउ मुँह फेर लेलकइ ।
"कि ऊ बहुत ईर्ष्यालु हकउ ?"
मौन ।
"की बात हकउ ? ऊ नवयुवक, निम्मन, विशेष, धनगर हउ, आउ तूँ डरऽ हीं ..."

हम ओकरा दने तकलिअइ आउ भयभीत हो गेलिअइ । ओकर चेहरा गहरा निराशा व्यक्त कर रहले हल, आँख पर लोर चमक रहले हल ।
"हमरा बतावऽ", आखिर ऊ फुसफुसइलइ, "तोरा हमरा यातना देवे में बहुत खुशी होवऽ हको ? हमरा तो तोरा से नफरत करे के चाही । जब से हमन्हीं एक दोसरा के जानऽ हिअइ, तूँ हमरा तकलीफ के सिवाय कुच्छो नयँ देलऽ..."
ओकर स्वर में कंपन हलइ, ऊ हमरा दने झुक गेलइ आउ सिर हमर छाती पर टिका देलकइ ।
"शायद", हम सोचलिअइ, "तूँ पक्का एहे लगी हमरा प्यार करऽ हलहीं - खुशी भुल जा हइ, लेकिन तकलीफ कभियो नयँ ..."
हम ओकरा कसके आलिंगन कइलिअइ, आउ अइसीं हमन्हीं बहुत देर तक रहते गेलिअइ । आखिरकार हमन्हीं के ठोर पास अइलइ आउ गरम-गरम, आनंददायक चुंबन में मिल गेलइ । ओकर हाथ बरफ नियन ठंढा हलइ, जबकि सिर तप रहले हल । हियाँ परी हमन्हीं बीच अइसन बातचीत शुरू होलइ, जेकर कागज पर कोय मतलब नयँ होवऽ हइ, जेकरा दोहरावल नयँ जा सकऽ हइ आउ जेकरा आदो नयँ रक्खल जा सकऽ हइ । ध्वनि सब के अर्थ बदल जा हइ आउ शब्द के अर्थ व्यापक हो जा हइ, जइसन कि इटैलियन ऑपरा में होवऽ हइ ।

ऊ बिलकुल नयँ चाहऽ हइ, कि हम ओकर पति से परिचित होइअइ - ऊ लंगड़ा वृद्ध से, जेकरा पर बुलवार में खाली हमर सरसरी निगाह गेले हल । ऊ ओकरा साथ ब्याह खाली अपन बेटा खातिर कइलकइ । ऊ धनगर हइ आउ वाता से पीड़ित हइ । हम ओकरा पर एक्को व्यंग्य करे के खुद के अनुमति नयँ देलिअइ । ऊ ओकरा अपन बाप नियन सम्मान दे हइ - आउ पति के रूप में ओकरा धोखा देतइ ... सामान्यतः मानव हृदय विचित्र हइ, आउ स्त्री के तो विशेष रूप से !

वेरा के पति, सिम्योन वसिल्येविच गे...व, राजकुमारी लिगोव्स्काया के दूर के रिश्तेदार हइ । ऊ उनकर नगीच रहऽ हइ । वेरा अकसर राजकुमारी के घर जा हइ । हम ओकरा लिगोव्स्काया सब से परिचित होवे के आउ वेरा से अपन मन के हटावे खातिर छोटकी राजकुमारी के साथ प्रेम प्रदर्शन करे के वचन देलिअइ । ई तरह से हमर योजना बिगड़लइ नयँ, आउ हमरा मजा अइतइ ...

मजा ! ... हाँ, हम आत्मिक जीवन के ऊ अवधि से गुजर चुकलिए ह, जब खाली सुख खोजल जा हइ, जब दिल केकरो बहुत अधिक आउ भावावेश में प्यार करे के आवश्यकता अनुभव करऽ हइ । अभी हम खाली प्यार पावे लगी चाहऽ हिअइ, आउ ओहो कुछ लोग से । हमरा लगवो करऽ हइ, कि एगो स्थायी अनुरक्ति हमरा लगी काफी होतइ, दिल के दयनीय आदत ! ...

लेकिन हमरा लगी हमेशे एक बात विचित्र हलइ - हम कभियो अपन प्रेमिका के गुलाम नयँ होलिअइ; एकर विपरीत, हम हमेशे ओकन्हीं के इच्छा आउ दिल पर अजेय प्रभुत्व प्राप्त कइलिअइ, लेकिन एकरा बारे बिन कोय प्रयास कइले ।
काहे अइसन बात हलइ ? की ई कारण से कि हम कभियो कोय चीज के बहुत भाव (कीमत) नयँ दे हिअइ आउ ओकन्हीं मिनट-मिनट डरते रहऽ हलइ, कि हम कहीं हाथ से नयँ निकस जइअइ ? कि ई प्रबल जीव के चुंबकीय प्रभाव हइ? कि हमरा बस जिद्दी स्वभाव वली औरत से भेंट करे में सफलता नयँ मिललइ ?

ई कबूल करे के चाही, कि अपन खुद के इच्छावली औरत लोग के हम पसीन नयँ करऽ हिअइ - ई ओकन्हीं के मामला नयँ हइ ! ...

सच हइ, अब हमरा आद पड़लइ - एक तुरी, खाली एक्के तुरी, हम एगो प्रबल इच्छाशक्ति वली औरत से प्रेम कइलिए हल, जेकरा कभियो हम जीत नयँ पइलिअइ ... हमन्हीं दुश्मन के रूप में अलग होलिअइ, आउ तइयो, शायद, अगर हम पाँच साल पहिले ओकरा से मिलतिए हल, त हमन्हीं कोय दोसरे रूप में विलग होतिए हल ...
वेरा बेमार हइ, बहुत बेमार, हलाँकि ई बात के ऊ कबूल नयँ करऽ हइ, हमरा डर हइ, कि कहीं ओकरा टीबी (क्षयरोग) नयँ होवइ चाहे ऊ बेमारी, जेकरा fièvre lente [फ़्येव्र लाँत - (फ्रेंच) मंद ज्वर] कहल जा हइ - ई बेमारी रूसी बिलकुल नयँ हइ, आउ ओहे से हमन्हीं के भाषा (अर्थात् रूसी) में एकर कोय नाम नयँ हइ ।

गुफा में हमन्हीं के रहते गरज वला तूफान आ गेलइ आउ हमन्हीं के आधा घंटा जादे रुक्के पड़लइ । ऊ हमरा  विश्वसनीयता के कसम खाय लगी बाध्य नयँ कइलकइ, ई नयँ पुछलकइ, कि जब से हमन्हीं अलगे होलिए हल तब से हम दोसर औरत से प्यार कइलिए हल कि नयँ ... पहिलौके बेपरवाही से हमरा पर फेर से पूरा विश्वास कइलकइ - आउ हम ओकरा धोखा नयँ देबइ । संसार में ऊ एक्के औरत हइ, जेकरा धोखा देवे के हमरा शक्ति नयँ हइ ! हम जानऽ हिअइ, कि हमन्हीं फेर से अलगे हो जइते जइबइ, आउ शायद हमेशे लगी; दुन्नु कबर तक अलग-अलग रस्ता पर जइबइ । लेकिन ओकर आदगारी हमर आत्मा में अखंड रहतइ । हम ओकरा ई बात हमेशे दोहरइलिअइ आउ ऊ हमरा पर विश्वास करऽ हइ, हलाँकि ऊ एकर उलटे बात बोलऽ हइ । आखिरकार हमन्हीं अलगे होलिअइ । हम नजर से ओकरा देर तक पीछा करते रहलिअइ, जब तक कि ओकर टोप झाड़ी आउ खड़ी चट्टान सब के बीच ओझल नयँ हो गेलइ । हमर दिल दर्दनाक रूप से संकुचित हो रहले हल, जइसन कि पहिलौका बिदाई के बखत होले हल । ओह, ई भावना हमरा केतना आनंदित कर रहले हल ! की अपन लाभदायक झंझावात के साथ जवानी हमरा पास फेर से लौटे लगी चाहऽ हइ, कि ई खाली ओकर विदाई के निगाह (farewell glance) हलइ, अंतिम उपहार - स्मृति के रूप में ? ... आउ ई सोचना हास्यास्पद हइ, कि बाह्य रूप से हम अभियो बालक हिअइ - चेहरा हलाँकि पीयर हइ, तइयो ताजा हइ; हमर देह के अंग लचीला आउ सुडौल हइ; घना बाल लहरा हइ, आँख चमकऽ हइ, खून खौलऽ हइ ...

घर लौटला पर हम घोड़ा पर सवार होलिअइ आउ ओकरा सरपट स्तेप (steppe) में दौड़इलिअइ । हमरा विरान हावा के दिशा के विरुद्ध एगो जोशीला घोड़ा पर उँचगर घास से होके सरपट जाय में बड़ी अच्छा लगऽ हइ । हम लालच से सुगंधित हावा के घोंटऽ हिअइ आउ अपन दृष्टि नीलगर-नीलगर दूरी पर डालऽ हिअइ, आउ धुँधला-धुँधला वस्तु सब के रूपरेखा समझे के प्रयास करते, जे मिनट-मिनट अधिकाधिक साफ होते जा हइ । कइसनो शोक हमर दिल पर काहे नयँ पड़ल रहइ, कइसनो बेचैनी हमर विचार के काहे नयँ यातना देइ, सब कुछ मिनट भर में गायब हो जा हइ, आत्मा में हलकापन आवऽ हइ, देह के थकावट मन के चिंता पर विजय पा ले हइ । औरत के अइसन निगाह नयँ हइ, जेकरा हम नयँ भूल सकिअइ - दक्षिणी सूरज द्वारा प्रकाशित घुँघराला पर्वतश्रेणी के दृष्टिगोचर होला पर, नीला आकाश के दृष्टिगोचर होला पर, चाहे एक खड़ी चट्टान पर से दोसरा चट्टान पर गिरते धार के अवाज सुनते ।

हमरा लगऽ हइ, कि अपन मचान (watch-towers) पर उबासी लेते कज़ाक लोग, हमरा बिन कोय जरूरत आउ उद्देश्य के सरपट अइते देखके, ई पहेली से लमगर समय तक यातना झेललकइ, काहेकि शायद, पोशाक से हमरा ओकन्हीं चेर्केस समझ गेते गेलइ । हमरा वास्तव में बोलते जा हलइ, कि घोड़ा पर सवार चेर्केस के पोशाक में कइएक कबार्दियन के तुलना में हम जादे कबार्दियन लगऽ हिअइ । आउ वस्तुतः, जाहाँ तक युद्ध के ई उत्तम पोशाक के बात हइ, हम बिलकुल छैला हिअइ - एक्को गोटा फालतू नयँ; सामान्य सजावट वला बेशकीमती हथियार, टोपी पर के रोयाँ न जादे लमगर, न छोटगर; यथासंभव चुस्त टंगत्राण (leggings) आउ बूट; उज्जर बिश्मेत [2], गहरा भूरा रंग के चेरकेस्का [3] । हम बहुत लम्मा समय तक पहाड़ी लोग के घुड़सवारी के शैली के अध्ययन कइलिए ह - काकेशिया के फैशन में घुड़सवारी के अपन कला के मान्यता दे हिअइ, आउ एकरा में अपन स्वाभिमान लगी आनंदित होवऽ हिअइ । हमरा पास चार घोड़ा हइ - एगो अपना लगी, तीन गो प्रिय मित्र सब लगी, ताकि अकेल्ले मैदान में घुम्मे-फिरे बखत बोर नयँ होता । ओकन्हीं खुशी से हमर घोड़ा लेते जा हका आउ कभियो हमर साथ-साथ घुड़सवारी नयँ करते जा हका । दुपहर के बाद छो बज चुकले हल, जब हमरा आद पड़लइ, कि दुपहर के भोजन करे के समय हो गेले ह । हमर घोड़ा थकके चूर होल हलइ । हम बाहर रोड पर अइलिअइ, जे पितिगोर्स्क से जर्मन कोलोनी जा हइ, जाहाँ परी स्पा समाज अकसर पिकनिक पर जा हइ । रोड झाड़ी के बीच घुड़मुड़िअइते जा हइ, आउ छोटकन दर्रा में उतरऽ हइ, जाहाँ परी लमगर घास के छाया में शोरगुल करते कइएक नाला बहऽ हइ। चारो दने नीला पुंज (masses) के रंगभूमि (ऐंफिथियेटर) उट्ठऽ हइ - बेश्तू, ज़्मेयिनोय, झिलिज़नोय आउ लिसोय पर्वत [4] । स्थानीय बोली में 'बाल्का' कहल जाय वला अइसनकन नाला में से एगो में उतरके हम घोड़ा के पानी पिलावे खातिर रुक गेलिअइ । एतने में रोड पर शोरगुल वला शानदार जलूस देखाय देलकइ - महिला सब घुड़सवारी के कार आउ नीला पोशाक में, पुरुष घुड़सवार लोग चेर्केस आउ निझनी-नोवगोरद [5] के शैली के मिश्रण वला पोशाक में । आगू-आगू (घोड़ा पर सवार) राजकुमारी मेरी के साथ ग्रुशनित्स्की जाब करऽ हलइ ।

स्पा के महिला सब के अभियो विश्वास हइ कि चेर्केस लोग दिन दहाड़े आक्रमण कर सकऽ हइ । शायद एहे कारण से ग्रुशनित्स्की अपन फौजी ओवरकोट पर तलवार आउ दूगो पिस्तौल लटकइले हलइ । ऊ, ई हीरो के पोशाक में, काफी हास्यास्पद लगऽ हलइ । एगो उँचगर झाड़ी हमरा ओकन्हीं से छिपइले हलइ, लेकिन पतवन के बीच से होके हम सब कोय के देख सकऽ हलिअइ आउ ओकन्हीं के चेहरा के मुद्रा से अंदाज लगा सकऽ हलिअइ, कि बातचीत भावुक हलइ । आखिरकार ओकन्हीं ढलान के नगीच अइते गेलइ; ग्रुशनित्स्की छोटकी राजकुमारी के घोड़वा के लगाम अपन हाथ में ले लेलकइ, आउ तखने हमरा ओकन्हीं के बातचीत के अंतिम भाग सुन्ने में अइलइ–

"त अपने पूरे जिनगी काकेशिया में रहे लगी चाहऽ हथिन ?" छोटकी राजकुमारी बोललथिन ।
"हमरा लगी रूस की हइ ?" उनकर साथी बोललइ, "अइसन देश में जाहाँ हजारों लोग हइ आउ ई कारण से हमरा नफरत के नजर से देखऽ हइ, काहेकि ओकन्हीं हमरा से जादे धनगर हइ, जबकि हियाँ परी - हियाँ परी ई मोटका ओवरकोट अपने से परिचित होवे में बाधा नयँ डललकइ ..."
"एकर विपरीत ...", लजाल चेहरा लाल होल राजकुमारी बोललथिन ।
ग्रुशनित्स्की के चेहरा पर खुशी झलके लगलइ । ऊ बात जारी रखलकइ -
"हियाँ परी हमर जिनगी, जंगली लोग के गोली के बीच, कोलाहल करते, अगोचर रूप से आउ तेजी से बहतइ, आउ अगर भगमान हर बरिस हमरा लगी एगो चमकीला औरतानी नजर भेजता, एगो नजर, ओकरा जइसन ..."

एतने में ओकन्हीं हमरा सामने आ जइते गेला; हम अपन घोड़वा के चाबुक लगइलिअइ आउ झाड़ी से बाहर आ गेलिअइ ...
"Mon Dieu, un Circassien!.." [मौँ दिअ, अँ सिरकासिऐँ ! … - (फ्रेंच) हे भगमान, चिर्केस ! …], राजकुमारी आतंकित होल चिल्ला उठलथिन ।
उनका बिलकुल आश्वस्त करे खातिर हम जरी झुकके फ्रेंच में जवाब देलिअइ –
"Ne craignez rien, madame, – je ne suis pas plus dangereux que votre cavalier" (न क्रेग्ने रिऐँ, मादाम - ज न स्वि पा प्ल्यू दान्जेरऽ क वोत्र कावालिए - (फ्रेंच) डरथिन नयँ, मैडम - हम अपने के साथी से जादे खतरनाक नयँ हिअइ ! ..."
ऊ उधेड़बुन में पड़ गेलथिन - लेकिन कउन कारण से ? अपन खुद के गलती से, कि ई बात से, कि हमर जवाब उनका ढीठ लगलइ ? हमर तो कामना होतइ, कि हमर दोसर मान्यता सच होबइ । ग्रुशनित्स्की हमरा पर अप्रसन्नता के दृष्टि डललकइ ।

देर शाम, मतलब लगभग एगारह बजे, हम बुलवार के लिंडेन वीथि (linden alley) में टहले लगी रवाना होलिअइ । सारा शहर सो रहले हल, खाली कुछ खिड़की में रोशनी कौंध रहले हल । तीन बगल से खड़ी चट्टान के शिखर कार देखाय देब करऽ हलइ, माशूक पर्वत के शाखा, जेकर शिखर पर अनिष्टसूचक बादर पड़ल हलइ । चान पूरब दने उग रहले हल । दूर में बरफ से आच्छादित पर्वत के रजतनुमा झालर (silver fringe) चमक रहले हल । संतरी के चिल्लाहट आउ रात भर लगी बहे लगी स्वतंत्र छोड़ देल गेल गरम झरना के शोर बारी-बारी से सुनाय देब करऽ हलइ । बीच-बीच में रस्ता पर घोड़ा के उच्च स्वर के टाप सुनाय देब करऽ हलइ, जेकर साथ-साथ नगाय तातार के गाड़ी के चर्र-चों आउ करुण तातार गीत भी । हम बेंच पर बैठ गेलिअइ आउ विचारमग्न हो गेलिअइ ... हम अपन विचार के मैत्रीपूर्ण बातचीत में उँड़ेल देवे के आवश्यकता अनुभव कइलिअइ ... लेकिन केकरा साथ ? "वेरा अभी की कर रहले होत ?" हम सोचलिअइ ... अइसन पल में ओकर हाथ दबावे खातिर हम बड़गो कीमत देवे लगी तैयार हो जइतिए हल ।

अचानक हमरा तेज आउ अनियमित कदम के आहट सुनाय दे हइ ... पक्का, ग्रुशनित्स्की होतइ ... ओहे हइ !
"काहाँ से ?"
"राजकुमारी लिगोव्स्काया के हियाँ से", ऊ बहुत शान से कहलकइ । "मेरी केतना निम्मन गावऽ हथिन ! ..."
"की तोरा ई बात मालूम हको ?" हम ओकरा कहलिअइ, "हम बाजी लगा सकऽ हियो, कि उनका ई बात मालूम नयँ, कि तूँ एगो यूंकर (कैडेट) हकहो । ऊ सोचऽ हथुन, कि तोरा पदावनत (demoted) कइल गेलो ह ..."
"हो सकऽ हइ ! हमरा एकरा से की मतलब ! ..." ऊ अन्यमनस्क रूप से कहलकइ ।
"नयँ, हम अइसीं ई बता रहलियो ह ..."

"आउ जानऽ हकहो, कि तूँ आझ उनका भयंकर रूप से नराज कर देलहो ? उनका लगलइ, कि ई अनसुनल ढिठाई हइ । हम उनका मोसकिल से विश्वास देला पइलिअइ, कि तोर लालन-पोषण बहुत निम्मन तरह से होलो ह आउ दुनियाँ के निम्मन से जानऽ हो, कि उनका अपमानित करे के तोहर कोय मंशा नयँ हो सकऽ हलइ । उनकर कहना हइ, कि तोर दृष्टि निर्लज्ज हको, कि तूँ, पक्का, खुद के बहुत उँचगर विचार के समझऽ हकहो ।"
"उनका कोय गलतफहमी नयँ हइ ...  आउ तूँ उनका समर्थन करे लगी नयँ चाहऽ हकहो ?"
"खेद हइ, कि हमरा अभी ई अधिकार नयँ हइ ..."
"ओहो !" हम सोचलिअइ, "स्पष्ट हइ, कि ऊ आशान्वित हो चुकले ह ..."

"लेकिन, तोरा लगी तो बत्तर हको", ग्रुशनित्स्की बात जारी रखलकइ, "अब तो उनकन्हीं से परिचित होना मोसकिल हको - आउ खेद के बात हको ! ई सबसे मनोहर घरवन में से एक हइ,  जे हमरा मालूम हइ ..."
हम मने-मन मुसकइलिअइ ।
"सबसे मनोहर घर हमरा लगी अभी अप्पन हके", उबासी लेते हम कहलिअइ, आउ जाय लगी उठ खड़ी होलिअइ।
"लेकिन कबूल करहो, कि तोरा पछतावा हको ? ..."
"कइसन बकवास हइ ! अगर हमरा मन करइ, त बिहाने हम शाम के बड़की राजकुमारी के घर जा सकऽ हिअइ..."
"देखल जाय ..."
"आउ तोरा खुश करे खातिर हम छोटकी राजकुमारी के साथ प्रेम प्रदर्शन भी करबो ..."
"हाँ, अगर ऊ तोरा साथ बात करे लगी तैयार होथुन ..."
"हम खाली ऊ पल के प्रतीक्षा करबो, जब तोर बातचीत उनका बोर लगतइ ... अलविदा ! ..."
"आउ हम घुम्मे-फिरे लगी जइबो - हमरा तो अभी कइसूँ नीन नयँ अइतो ... सुन्नऽ, बेहतर हइ कि रेस्तोराँ चल्लल जाय, हुआँ जूआ होब करऽ होतइ ... हमरा आझ जोरदार सनसनी के जरूरत हइ ..."
"जूआ में तोर हार के कामना ..."
हम घर रवाना हो गेलिअइ ।

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