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Saturday, January 21, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-1 ; दृश्य-6



दृश्य-6
(आन्ना अन्द्रेयेव्ना आउ मारिया अन्तोनोव्ना मंच पर दौड़ल आवऽ हका ।)

आन्ना अन्द्रेयेव्ना - काहाँ परी, काहाँ परी हथिन ओकन्हीं ? आह, हे भगमान ! ... (दरवाजा खोलते) पति ! अन्तोशा ! अन्तोन ! (जल्दी-जल्दी मारिया से) सब कुछ तूँ, आउ सब कुछ तोरा चलते हो रहलो ह । आउ कुरेदे लगलँऽ - "हमर पिन काहाँ हइ, हमर शाल काहाँ हइ ?" (दौड़ल खिड़की बिजुन जा हका आउ चिल्ला हका) अन्तोन, कन्ने जा रहलऽ ह, कन्ने जा रहलऽ ह ? की, पहुँच गेलइ ? इंस्पेक्टर ? मोछैल ! कइसन मोंछ वला ?
मेयर के अवाज - बाद में, बाद में, प्रिये !
आन्ना अन्द्रेयेव्ना - बाद में ? हूँ - बाद में ! हमरा बाद में नयँ चाही ... हमरा एक्के बात चाही - ऊ कीऽ हइ, कर्नल? ऐं ? (तिरस्कारपूर्वक) चल गेला ! तोरा एकरा लगी हमरा जवाब देवे पड़तो ! आउ हमेशे ई तो "माय, माय, जरी ठहरऽ, पीछू से दुपट्टा में जरी पिन लगा लिअइ; बस अभिए ।" तोरो लगी अभिए ! तोरा बारे हम कुछ नयँ जान पइलूँ ! आउ हमेशे अभिशप्त हाव-भाव (नाज-नखरा); कहीं सुन लेलकइ, कि पोस्टमास्टर हियाँ परी हइ, कि बस अइना के सामने नखरा चालू हो जा हइ - कभी ई बगल त कभी ऊ बगल होते रहना । कल्पना करऽ हइ, कि ऊ एकरा पर मरऽ हइ, लेकिन ऊ बस तोरा दने अपन चेहरा बनावऽ हउ, जब तूँ अपन चेहरा दोसरा दने मोड़ ले हीं ।
मारिया अन्तोनोव्ना - त की कइल जाय, माय ? कोय बात नयँ हइ, दू घंटा में हमन्हीं के सब कुछ मालूम हो जइतइ ।
आन्ना अन्द्रेयेव्ना - दू घंटा बाद ! हम नम्रतापूर्वक धन्यवाद दे हिअउ । ई उत्तर से हमरा आभारी बना देलँऽ ! तोर दिमाग में ई काहे नयँ कहे के बात घुसलउ, कि एक महिन्ना बाद आउ बेहतर जानकारी मिल जइतइ ! (खिड़की से बाहर दने झुकते) अगे, अवदोत्या ! सुन्नऽ हीं ? की, अवदोत्या, तूँ सुनलहीं हँ, कि हुआँ परी कोय तो अइले ह ? ... नयँ सुनलहीं हँ ? बेवकूफ लड़की ! (ऊ) हथवा लहरावऽ हउ ? लहरावे देहीं, लेकिन तइयो तोरा कइसूँ ओकरा पुच्छे के चाही हल । एकरा बारे तोरा पता नयँ चललउ ! सिर में तो गोबर भरल हउ, हमेशे मंगेतर बैठल रहऽ हउ । ऐं ? जल्दीए चल गेते गेलइ ! त तोरा द्रोश्की के पीछू-पीछू दौड़के जाय के चाही हल । जो, जो अभिए ! सुनलँऽ, दौड़के जो आउ पूछ, कि काहाँ गेते गेलइ; आउ निम्मन से पूछ, कि आगंतुक केऽ हइ, कइसन हइ - सुनलँऽ ? दरार (सुराक) से हुलकके देख आउ सब कुछ जाने के कोशिश कर, आउ ओकर आँख कइसन हइ - कार हइ कि नयँ, आउ तुरतम्मे वापिस आव, सुनलँऽ ? जल्दी, जल्दी, जल्दी, जल्दी !
(चिल्लइतहीं रहे बखत परदा गिर जा हइ । ई तरह ऊ दुन्नु के खिड़की बिजुन खड़ी रहतहीं परदा दुन्नु के ढँक ले हइ ।)
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Wednesday, January 18, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-1 ; दृश्य-5



दृश्य-5
(ओहे सब आउ पुलस चीफ़)

मेयर - ओह, स्तेपान इल्यिच ! बताथिन, भगमान खातिर, अपने काहाँ गायब हो गेलथिन हल ? ई की हो रहले ह ?
पुलिस चीफ़ - हम कुछ पल खातिर हुएँ गेट के पीछू हलिअइ ।
मेयर - खैर, सुनथिन, स्तेपान इल्यिच । पितिरबुर्ग से एगो सरकारी अफसर अइला ह । अपने हुआँ की व्यवस्था कइलथिन हँ ?
पुलिस चीफ़ - बिलकुल ओइसीं, जइसे अपने औडर कइलथिन हल । हम सिपाही पुगोवित्सिन के देस्यात्स्की लोग के साथ रोड के फुटपाथ के सफाई लगी भेज देलिए ह ।
मेयर - आउ (सिपाही) देर्झिमोर्दा काहाँ हइ ?
पुलिस चीफ़ - देर्झिमोर्दा अग्निशामक गाड़ी में गेले ह ।
मेयर - आउ प्रोख़ोरोव नीसा में धुत्त हइ ?
पुलिस चीफ़ - हाँ, नीसा में धुत्त हइ ।
मेयर - अपने अइसे होवे कइसे देलथिन ?
पुलिस चीफ़ - ई तो भगमाने जानऽ हथिन । कल्हे शहर के बाहर हंगामा खड़ी हो गेले हल - हुआँ के स्थिति ठीक करे लगी गेले हल, लेकिन नीसा में धुत्त वापिस अइलइ ।
मेयर - सुनथिन, अपने अइसन करथिन - सिपाही पुगोवित्सिन ... ऊ उँचगर कद के हइ, ओहे से ऊ प्रभाव जमावे लगी पुल पर खड़ी रहइ । आउ मोची के दोकान बिजुन वला पुरनका छरदेवाली जल्दी से जल्दी गिरा देल जाय, आउ पोवार (पुआल) के बोझा रख देल जाय, ताकि लगइ कि कोय बिल्डिंग बन्ने वला हइ । जेतने जादे तोड़-फोड़ होवइ, ओतने जादे मेयर के क्रियाशीलता देखाय देतइ । ओह, हे भगमान ! हम तो भूलिए गेलिअइ, कि ऊ छरदेवाली बिजुन चालीस गाड़ी सब्भे तरह के कूड़ा-कर्कट के ढेर लग्गल हइ । ई कइसन घटिया (गंदा) शहर हइ ! खाली कहीं पर कइसनो स्मारक चाहे साधारण छरदेवाली खड़ी करऽ, कि शैताने के मालूम कि काहाँ से हर तरह के कूड़ा-कचरा के ढेर लगा देते जा हइ ! (उच्छ्वास ले हइ) आउ अगर आगंतुक सरकारी अफसर कोय विभाग में पुच्छे - "संतुष्ट हथिन तो ?", त जवाब देवे के चाही - "सब कोय संतुष्ट हइ, महामहिम ।" आउ जे कोय असंतुष्ट होवइ, ओकरा हम बाद में असंतुष्टि देखइबइ ... अरे, अरे ! हम तो पपियाहा हकूँ, कइएक तरह से पपियाहा । (टोप के बदले टोप के रक्खे वला डिब्बा ले ले हइ) भगमान करे, कि ई मामला जल्दी से निपट जाय, आउ हम हुआँ अइसन मोमबत्ती जलामूँ, जइसन कोय नयँ अभी तक जलइलके होत - हम ई धूर्त बेपारी सब में से हरेक पर तीन-तीन पूद (1 पूद = 40 रूसी पौंड = लगभग 16.58 किलोग्राम; 3 पूद = लगभग 50 किलोग्राम) मोम के कर (टैक्स) लगा देबइ । हे भगमान, हे भगमान ! चल्लल जाय, प्योत्र इवानोविच ! (हैट के जगह पर कागज के डिब्बा सिर पर लगा ले हइ ।)
पुलिस चीफ़ - अन्तोन अन्तोनोविच, ई डिब्बा हकइ, टोप नयँ ।
मेयर - (डिब्बा के बिगते) अच्छऽ, त ई डिब्बा हइ । भाड़ में जाय ई ! हाँ, त अगर पुच्छल जाय, कि गरीबखाना में गिरजाघर के निर्माण काहे नयँ कइल गेलइ, जेकरा खातिर पाँच साल पहिले अनुदान देल गेले हल, त ई बात बतावे में भुल्ले के नयँ चाही, कि निर्माण चालू कइल गेले हल, लेकिन ई आग में जल गेलइ । एकरा बारे हम रिपोर्टो भेज देलिए ह । नयँ तो, हो सकऽ हइ, कि कोय भूलके, मूर्खतापूर्वक बता देइ, कि एकर निर्माण तो चालुओ नयँ होले हल । आउ (सिपाही) देर्झिमोर्दा के कह देथिन, कि ऊ मनमर्जी कहीं जादे घुँस्सा नयँ चलाबइ; ऊ, व्यवस्था लगी, सब पर तेज नजर रक्खइ - चाहे जइसे होबइ, सही चाहे गलत । चल्लल जाय, चल्लल जाय, प्योत्र इवानोविच ! (चल जा हइ आउ फेर वापिस आवऽ हइ) आउ सैनिक सब के बिन पूरा वरदी के सड़क पर चक्कर नयँ मारे देथिन - ई कमीना नगर सेना खाली उपरे वरदी के कमीज पेन्हऽ हइ, आउ निच्चे कुछ नयँ रहऽ हइ ।
(सब कोय के प्रस्थान ।)

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