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Thursday, April 16, 2009

18. मगही स्नातकोत्तर परीक्षा में यशोदा कुमारी के गोल्ड मेडल

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_5366732_1.html

नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 7832 विद्यार्थी सम्मानित
4 Apr 2009, 10:12 pm

पटना नालंदा खुला विवि का चतुर्थ दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में हुआ, जिसमें 7832 छात्र- छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्नातकोत्तर की परीक्षा में अपने विषय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दस छात्र- छात्राओं को गोल्ड मेडल दिया गया। राज्यपाल डा. आर. एल. भाटिया ने दीप प्रज्ज्वलित करके समारोह का उद्घाटन किया।
श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में उपस्थित हजारों लोगों के समक्ष 2008 की विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण 7832 छात्र- छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसमें भूगोल के 534, राजनीतिक शास्त्र के 455, मनोविज्ञान के 290, समाज शास्त्र के 596, अर्थशास्त्र के 351, हिन्दी के 393, मगही के 17, इतिहास के 2250, जनसंचार एवं पत्रकारिता 332, लाइब्रेरी सांइस में 234, मास कम्यूनिकेशन के 46, मार्केटिंग मैनेजमेंट के 133, फिनांशियल मैनेजमेंट के 79, योगा के 58 तथा स्नातक की परीक्षा में उत्तीर्ण कला के 262, विज्ञान के 33,वाणिज्य के 68, लाइब्रेरी सांइस के 975, तथा कंप्यूटर सांइस के 26 छात्रों को सम्मानित किया गया। बीएस एवं बीसीए का पहला बैच था। साथ ही स्नातकोत्तर की परीक्षा में अपने विषय में अव्वल रहने वाले दस विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। भूगोल में बबली कुमारी, मगही में यशोदा कुमारी, हिन्दी में सोनाली भारती, समाज शास्त्र में रीता कुमारी, जनसंचार एवं पत्रकारिता में निशी पांडेय, इतिहास में रुपम कुमारी, राजनीति- शास्त्र में रविशंकर रजक, अर्थशास्त्र में संगीता मिश्रा, लाइब्रेरी साइंस में सुनीता सिंह तथा मनोविज्ञान में नलीनी वर्मा को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। राज्यपाल इन्हें गोल्ड मेडल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों को असफलता से घबराना नहीं चाहिये। असफलता ही सफलता का आधार है। विद्यार्थी असफलता से विचलित न हो और महापुरुषों से प्रेरणा लेकर सफलता के पथ पर अग्रसर होते रहें। उन्होंने कहा कि नालंदा खुला विवि ने समय पर नामांकन, परीक्षा आयोजित एवं परीक्षाफल प्रकाशित करके दूसरे विवि के लिए प्रेरणा बन गया है। इस अवसर पर विवि के कुलपति डा. वी. एस. दुबे ने कहा कि विवि लगातार प्रगति कर रहा है। विवि में पांच साल पहले मात्र दो हजार छात्र थे जबकि अभी छात्रों की संख्या एक लाख से अधिक है। उन्होंने कहा कि विवि में पांच साल पहले मात्र तीस कोर्स संचालित होते थे जबकि अभी 93 कोर्स चल रहे हैं जिसमें से 18 पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी हैं। रोजगारोन्मुखी कोर्स करने वाले छात्रों को नियोजन प्राप्त करने में भारी सफलता हासिल हुई। इसलिए भविष्य में इस प्रकार के अनेक कोर्स चलाये जायेंगे। वर्तमान सत्र में पंद्रह विषयों में पीएचडी कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है। उन्होंने कहा कि विवि में करीब तीन करोड़ की लागत से तीन सौ से अधिक कंप्यूटर वाला लैब स्थापित कर लिया गया है जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा कंप्यूटर लैब है। करीब दो करोड़ की लागत से केन्द्रीय सांइस लैब की स्थापना की जा रही है जिसकी सुविधा दूसरे विवि के छात्रों को भी उपलब्ध करायी जायेगी। कुलपति ने कहा कि विवि में महिला विद्यार्थियों को सभी कोर्स के शुल्क में पच्चीस प्रतिशत की छूट देने वाला देश का एकमात्र विवि है। इस प्रोत्साहन के परिणाम का काफी सुखद रहे और महिला विद्यार्थियों की संख्या पांच से बढ़कर पैंतीस प्रतिशत हो गयी। उन्होंने विद्यार्थियों को शुद्ध आचरण करने की सलाह दी। समारोह का संचालन प्रो. भूपेन्द्र कलसी ने किया। इससे पूर्व कुलसचिव (परीक्षा) डा. एस पी सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर मगध विवि के पूर्व कुलपति प्रो. शमशाद हुसैन, वीर कुंवर सिंह विवि के पूर्व कुलपति आईसी कुमार, मेजर बलबीर सिंह भसीन, प्रो. आरपी सिंह राही समेत कई शिक्षाविद उपस्थित थे।

2 comments:

संगीता पुरी said...

अच्‍छी जानकारी दी ...धन्‍यवाद।

नारायण प्रसाद said...

आपको यह जानकारी पसन्द आई, यह जानकर खुशी हुई ।