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Friday, August 07, 2009

21. मगही को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के प्रयास जारी : मंत्री

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_5654494.html

26 Jul 2009, 12:28 am

बोधगया (गया) । मगध विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग के सभागार में शनिवार को मगध अकादमी गया द्वारा डा. राम प्रसाद सिंह साहित्य पुरस्कार सीरीज समारोह का आयोजन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए सूबे के कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मगही भाषा को 8 वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रयास चल रहा है। मगही भाषा के प्रति सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी झुकाव है। मंत्री श्री मांझी ने मगही के उत्थान, प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में डा. सिंह के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी भाषी हीन भावना से ग्रसित है। इसलिए मगही भाषा उपेक्षित है। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र नाथ वर्मा ने कहा कि आजादी के बाद गांव-गांव में अंग्रेजी स्कूल खुला। और लोगों पर अंग्रेजियत हावी हो गया। लोगों को हिन्दी के प्रति श्रद्धा नहीं रहने के कारण आज निमंत्रण पत्र तक अंग्रेजी में छापा जा रहा है। समारोह के अध्यक्ष मविवि के कुलपति प्रो. वी.एन. पांडेय ने कार्यक्रम को जीवन्तता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्कृति या समाज लोकभाषा पर टिकी है। और उसका विकास भी उसी पर संभव है। लेकिन भाषा की दृष्टि से भारत आज भी गुलाम है। जबकि विश्व में भारत कई भाषाओं का संगमस्थली माना जाता है। समारोह को डा. वंशीधर लाल, मगही अकादमी के अध्यक्ष ओंकार आर्य, डा. इन्द्रदेव प्रसाद, कुमुद वर्मा आदि ने संबोधित किया। समारोह का उद्घाटन सूबे के कल्याण मंत्री श्री मांझी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री वर्मा व कुलपति प्रो.पांडेय ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर हिन्दी में विशिष्ट लेखन के लिए शैवाल जी, भोजपुरी में राजेन्द्र परदेशी व मगही में राम पुकार सिंह को पुरस्कृत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डा. रामप्रसाद सिंह व मंच संचालन डा. उपेन्द्र नाथ वर्मा ने की।

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