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Thursday, February 19, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 2 ; अध्याय – 7



अपराध आउ दंड

भाग – 2

अध्याय – 7

रोड के बीच में एगो कल्यास्का (घोड़ागाड़ी) खड़ी हलइ, शानदार आउ रईस वला, जेकरा में एक जोड़ी जोशीला धूसर (grey) घोड़ा जोतल हलइ; एकरा में कोय बइठल नयँ हलइ, आउ खुद कोचवान अपन जगह से उतरके बगल में खड़ी हलइ; घोड़वन के लगाम से पकड़के रक्खल हलइ । चारो तरफ कइएक लोग के भीड़ लगल हलइ, आउ पुलिस वलन सबसे आगू हलइ । ओकन्हीं में से एगो के हाथ में जलता ललटेन हलइ, आउ जेकरा से ऊ  झुकके रोड पर के कोय चीज के तरफ रोशनी डाल रहले हल, जे पहिया के ठीक पास में पड़ल हलइ । सब कोय बतिया रहले हल, चिल्ला रहले हल, आह भर रहले हल; कोचवान भौंचक्का होल हलइ आउ बीच-बीच में दोहरइते जा रहले हल -
"कइसन बदकिस्मती ! हे भगमान, कइसन बदकिस्मती हइ !"

रस्कोलनिकोव यथासंभव भीड़ के चीरके अपन रस्ता बनइते हुआँ पहुँच गेलइ, आउ आखिर ऊ चीज देखलकइ, जेकरा चलते ई सब हंगामा आउ उत्सुकता हलइ । अभी-अभी घोड़वन से चँपा गेल एगो अदमी जमीन पर पड़ल हलइ, जे देखे में बेहोश लग रहले हल, बहुत खराब तरह कपड़ा पेन्हले, लेकिन 'कुलीन' पोशाक में, खून से पूरा लथपथ । ओकर चेहरा आउ सिर से खून बह रहले हल; ओकर चेहरा चुराल, छिलाल, आउ विकृत होल हलइ । ई साफ हलइ, कि ऊ बनाय तरी से घायल होल हलइ ।

"हे भगमान !" कोचवान विलाप करते बोललइ, "एकरा में हम की कर सकऽ हलिअइ ! अगर हम तेजी से गाड़ी हँकतिए हल, चाहे हम चिल्लाके ओकरा सवधान नयँ करतिए हल, तब कोय बात होते हल, लेकिन हम तो जल्दीबाजी में नयँ जा रहलिए हल, बल्कि धीरे से एक समरूप गति से । सब कोय देख रहले हल - लोग झूठा, त हमहूँ झूठा । पियक्कड़ तो मोमबत्ती सीधे नयँ रख सकऽ हइ (अर्थात् सीधे नयँ चल सकऽ हइ) - ई जग जाहिर हइ ! ... हम ओकरा देखऽ ही, रोड पार कर रहल ह, टग रहल ह, गिरते-गिरते बच रहल ह", हम चिल्लइलइ एक तुरी, आउ दोसरा तुरी, आउ तेसरा तुरी, आउ हम घोड़वन के रास घिंचलिअइ; लेकिन ऊ सीधे ओकर गोड़वा के निच्चे पड़ गेलइ ! जानबूझके गिरलइ, आ कि ऊ जादे पीले हलइ ... घोड़वन तो जवान हइ, भड़कैल - चौंक गेलइ, आ ऊ चिल्लइलइ - ई तो ऊ सब लगी आउ बत्तर सिद्ध होलइ ... आउ ई तरह दुर्घटना हो गेलइ ।

"बिलकुल एहे बात हलइ !" भीड़ में से कोय प्रत्यक्ष दर्शक के प्रतिसाद (response) सुनाय देलकइ ।
"ऊ चिल्लइले तो हल, ई बात सही हइ, तीन तुरी चिल्लाके ओकरा सवधान कइलकइ", दोसर अवाज अइलइ ।
"ठीक तीन तुरी, सब्भे सुनलकइ !" तेसरा चिल्लइलइ ।

लेकिन कोचवान बहुत परेशान आउ डरल नयँ हलइ । ई बात साफ हलइ, कि घोड़ागाड़ी एगो धनमान आउ बड़ा अदमी के हलइ, जे कहीं पर ओकर आगमन के प्रतीक्षा कर रहले हल; पुलिस वलन के वास्तव में ई बात के जिरिक्को फिकिर नयँ हलइ, कि ई अन्तिम मामला के कइसे निपटावल जाय । कुचलाल अदमी के थाना ले जाय के हलइ आउ फेर अस्पताल । केकरो ओकर नाम नयँ मालूम हलइ ।

एहे दौरान रस्कोलनिकोव भीड़ में रस्ता बनाके आउ आगू अइलइ, आउ आउ नगीच में झुक गेलइ । अचानक ललटेन के रोशनी ऊ अभागल के चेहरा पर पड़लइ; ऊ ओकरा पछान लेलकइ ।
"हम तो ओकरा जानऽ हिअइ, जानऽ हिअइ !" धकेलके बिलकुल आगे अइते ऊ चिल्लइलइ, "ई एगो सेवा-निवृत्त (रिटायर) सरकारी किरानी हइ, उपाधिधारी सलाहकार (टिट्युलर काउंसेलर), मरमेलादोव ! ऊ एज्जी रहऽ हइ, पासे में, कोज़ेल के घर में ... डागडर के पास जल्दी से जल्दी ! हम भुगतान कर देबइ, अइकी !" ऊ जेभी से पइसा निकसलकइ आउ पुलिस वला के देखइलकइ । ऊ आश्चर्यजनक रूप से उत्तेजित हलइ ।

पुलिस ई बात से खुश हलइ, कि कुचलाल अदमी के शिनाख्त हो गेलइ । रस्कोलनिकोव अपन नाम आउ पता दे देलकइ आउ बेहोश मरमेलादोव के जल्दी से जल्दी ओकर फ्लैट में पहुँचावे खातिर पुलिस के हर तरह से ऊ अइसे समझावे के कोशिश कइलकइ, मानूँ ऊ ओकर बाप के मामला होवे ।

"एज्जे परी, तीन घर के बाद", ऊ उत्सुकतापूर्वक बोललइ, "कोज़ेल, एगो धनमान जर्मन, के घर ... ऊ अभी यकीनन पी-पाके घर जा रहले होत । हम ओकरा जानऽ हिअइ ... ऊ पियक्कड़ हकइ ... हुआँ ओकर परिवार हइ, घरवली, बाल-बुतरू, एगो बेटी हकइ । अभी तो अस्पताल लेहीं जाय के हइ, लेकिन हिएँ, यकीनन, घरवा में एगो डाक्टर हथिन ! हम भुगतान कर देबइ, भुगतान कर देबइ ! ... कइसूँ हियाँ पर खुद के देख-भाल हो जइतइ, अभी मदद करते जइथिन, नयँ तो अस्पताल पहुँचते-पहुँचते तक तो ऊ मर जइतइ ..."

ऊ पुलिसवला के हाथ में चुपके से कुछ सरका देलकइ; ई काम लेकिन साफ आउ वैध हलइ, आउ कइसूँ हियाँ मदतो जादे नगीच में हलइ । कुचलाल अदमी के उठाके ले जाल गेलइ; लोग मदत लगी आगू अइते गेलइ ।

कोज़ेल के घर कोय तीस डेग दूर हलइ । रस्कोलनिकोव पीछू-पीछू गेलइ, सवधानी से मथवा पकड़ले हलइ आउ रस्ता देखाब करऽ हलइ ।

"एद्धिर, एद्धिर !" ज़ीना पर सिर के उपरे तरफ करके ले जाय के चाही; घूम जइते जाथिन ... अइकी अइसे ! पइसा हम देबइ, हम धन्यवाद देबइ", ऊ बड़बड़इलइ ।

कतेरिना इवानोव्ना, हमेशे नियन, जइसीं कुछ फुरसत मिल्लऽ हलइ, तुरते छोटकुन्ना घर में आगू-पीछू चहलकदमी करे लगऽ हलइ, खिड़की बिजुन से स्टोव तक आउ वापिस, छाती पर दुन्नु हाथ कसके आड़ा-तिरछा रखले, खुद से कुछ बोलते आउ खोंखते । एधिर हाल में ऊ अपन बड़की बेटी, दस साल के पोलेन्का, के साथ अकसर आउ कुछ जादहीं बातचीत करे लगले हल, जेकरा हलाँकि अभी बहुत कुछ समझ में नयँ आवऽ हलइ, लेकिन एतना तो ओकरा अच्छा से समझ में आवऽ हलइ, कि ओकर मइया के ओकर जरूरत हइ, ओहे से ऊ हमेशे अपन बड़गर बुधगर आँख से ओकरा तरफ देखते रहऽ हलइ आउ अइसे देखावा करऽ हलइ कि ओकरा सब कुछ समझ में आवऽ हइ । अभी पोलेन्का अपन छोटका भाय के कपड़ा उतार रहले हल, जेकर तबीयत दिन भर से ठीक नयँ हलइ, आउ ओकरा सुतावे के तैयारी में हलइ । ई इंतजार में, कि कखने ओकर कमीज उतारल जइतइ, जेकरा ओहे रात के धोवे के हलइ, ऊ कुरसी पर चुपचाप बइठल हलइ, गम्भीर, सीधे आउ बिन हिलले-डुलले, अपन गोड़ आगू तरफ फैलइले, दुन्नु गोड़ एक दोसरा पर दबइले, एड़िया साथ-साथ सटइले, लेकिन अंगूठा एक दोसरा से अलगे कइले । जे कुछ ओकर मइया ओकर बहिनी के साथ कह रहले हल, ऊ सुन रहले हल, होंठ बाहर तरफ पसारले, आँख फाड़ले आउ बिन हिलले-डुलले, बिलकुल ओइसीं जइसे कि साधारणतः सब्भे बुद्धिमान बुतरू के ऊ बखत बइठे पड़ऽ हइ, जब सुत्ते के पहिले ओकन्हीं के कपड़ा उतारे के रहऽ हइ । ओकरो से एगो छोटगर लड़की, बिलकुल चिथड़ा में, परदा के पास खड़ी हलइ आउ अपन बारी आवे के इंतजार कर रहले हल । ज़ीना तरफ के दरवाजा खुल्लल हलइ, ताकि बल्कि थोड़हूँ सन ऊ तंबाकू के धुआँ के लहर से जरी राहत मिल सकइ, जे दोसर कोठरियन से एकरा में घुस रहले हल, जेकरा चलते बेचारी तपेदिक  से ग्रस्त औरतिया के खाँसी के लमगर आउ कष्टदायक दौरा पड़ जा हलइ । लगऽ हलइ कि ई पिछले हफ्ते के दौरान कतेरिना इवानोव्ना आउ जादे दुबरा गेले हल, आउ ओकर गाल पर उभरल लाल चकत्ता पहिले से आउ जादे चमकऽ हलइ ।

"तू यकीन नयँ करमँऽ, तूँ कल्पनो नयँ कर सकमँऽ, पोलेन्का", कमरा में चक्कर लगइते ऊ बोल रहले हल, "कि हमन्हीं बाऊजी के घर में केतना खुशी आउ शान से रहऽ हलिअइ आउ ई पियक्कड़ हमरा कइसे बरबाद कर देलक आउ तोहन्हीं सब के बरबाद कर देतउ ! बाऊजी स्टेट कर्नल हलथिन आउ ऊ बखत तक लगभग गवर्नर हलथिन; उनका खाली एक तरह से एक्के कदम आउ रह गेले हल, ओहे से सब कोय उनका पास आवऽ हलइ आउ कहऽ हलइ – ‘हम अपने के अब अपन गवर्नर मानऽ हिअइ, इवान मिख़ायलिच ।’ जब हम ... खे ! जब हम ... खों-खों-खों ... लानत हइ ई जिनगी पर !" ऊ खोंख-खोंखके खखार निकासते आउ हाथ से अपन छाती दबइते चीख पड़लइ, "जब हम ... आह, जब अंतिम बॉल नृत्य में ... प्रान्तीय मार्शल के हियाँ ... हमरा राजकुमारी बिज़ज़िमेलनाया (शाब्दिक अर्थ ‘बिन जमीन-जयदाद वली’) हमरा देखलका - जे हमरा बाद में अशीर्वाद देलका, जब हम तोर पापा से शादी कर रहलियो हल, पोल्या - ऊ तुरते पूछ देलका, ‘ई ओहे प्यारी लड़की हकइ न, जे स्नातक बने के बखत शाल के साथ नृत्य कइलके हल ?’ (ई भूड़ के ठीक कर लेवे के चाही; अइकी काहे नयँ सूय लेके अभिए रफू कर लेहँऽ, जइसे कि हम तोरा बतइलियो हल, नयँ तो बिहान ... खों ! बिहान ... खों-खों-खों ! ... आउ फटके जादे खराब हो जइतउ !" खोंखते-खोंखते बेदम होल ऊ कइसूँ चिल्लइलइ ।) ... तखनिए पितिरबुर्ग से अभी-अभी आल हला कामेर-यूंकर [7] राजकुमार श्शिवोल्स्कोय (शाब्दिक अर्थ "छैला") ... हमरा साथ माज़ुर्का नृत्य कइलका आउ दोसरे दिन प्रस्ताव के साथ आवे ल चहलका; लेकिन हम खुद्दे  सम्मानसूचक शब्द में उनका धन्यवाद देलिअइ आउ कहलिअइ, कि हमर दिल तो बहुत समय से कोय दोसर के होल हइ । ई दोसर कोय तोर बाऊ हलथुन, पोल्या; बाऊजी बहुत गोसा गेलथिन ... आ पानी तैयार हो गेलउ ? अच्छऽ, कमीज दे दे; आउ पेताबा ? ... लीदा", ऊ छोटकी बेटिया दने मुड़लइ, "तूँ आझ अइसीं बिन कमीजिए के सुत जइहँऽ; कइसूँ ... आउ पेताबा बगल में रख दे ... सब्भे एक्के साथ धोवा जइतउ ... ई चिथड़हवा की घरवा नयँ अइतइ, पियकड़ा ! कमीज तो पेन्ह-पेन्हके एक तरह से पोछना बना देलके ह, बनाय के चेथरी कर देलके ह ... सब कुछ एक्के साथ, ताकि दुद्दू रात लगातार तकलीफ नयँ करे पड़त ! हे भगमान ! खों-खों-खों-खों ! फेर से ! ई की हकइ ?" ऊ चिल्लइलइ, भीड़ के प्रवेशद्वार पर आउ लोग के ओकर कमरा में कुछ ढोके लइते देखके । "ई की हइ ? ई कउची ढोले आ रहला ह सब ? हे भगमान  !"  

"हियाँ कज्जा परी रखिअइ ?" पुलिस वला पुछलकइ, चारो तरफ देखते, जब खून से लथपथ आउ बेहोश मरमेलादोव के कमरा के अन्दर घुसा देल गेलइ ।
"सोफा पर ! सीधे सोफा पर पाड़ देथिन, मथवा ई करगी", रस्कोलनिकोव इस्तारा से बतइलकइ ।
"रोड पर गाड़ी से कुचला गेलइ ! पीयल हलइ !" ड्योढ़ी पर से कोय चिल्लइलइ ।
कतेरिना इवानोव्ना खड़ी रहलइ, चेहरा बिलकुल उज्जर पड़ गेले हल आउ ओकरा साँस लेवे में दिक्कत हो रहले हल । बुतरुअन डर गेले हल । छोटकी लिदोचका चीख पड़लइ, पोलेन्का तरफ लपकके गेलइ, ओकरा से लिपट गेलइ; ओकर सारा देह थरथरा रहले हल ।

मरमेलादोव के पाड़के रस्कोलनिकोव लपकके कतेरिना इवानोव्ना तरफ गेलइ ।

"भगमान खातिर, शांत रहऽ, डरऽ नयँ !" ऊ जल्दी-जल्दी कहलकइ, "ऊ रोड पार कर रहला हल, ऊ कल्यास्का (घोड़ागाड़ी) के निच्चे आ गेला, घबरा नयँ, ऊ होश में आ जइता, हम ओकन्हीं के हियाँ लावे लगी कहलिए हल ... हम तोहरा हीं पहिले अइलियो हल, आद करहो ... ऊ होश में आ जइता, हम भुगतान करबइ !"
"बस एहे होवे के रह गेले हल !" हताश होके कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ आउ अपन पति के तरफ झपटके गेलइ ।
रस्कोलनिकोव के तेजी से ई बात पर ध्यान गेलइ, कि ई औरत ऊ सब में से नयँ हइ, जे तुरते मूर्छित हो जइते जा हइ । तुरते ऊ अभागल के सिर के निच्चे तकिया रखा गेलइ, जेकरा बारे केकरो ध्यान नयँ गेले हल; कतेरिना इवानोव्ना ओकर कपड़ा उतारे लगलइ, ओकर देखभाल करे लगलइ, दौड़-धूप करे लगलइ आउ धीरज नयँ खोलकइ; अपन सुध-बुध खोके, काँपते होंठ के दाँत से दबाके आउ चीख के दबइले रखते, जे ओकर सीना से निकसे-निकसे वला हलइ ।

रस्कोलनिकोव केकरो समझा-बुझाके डाक्टर के बोलावे लगी भेज देलकइ । मालूम पड़लइ, कि डाक्टर एक्के घर छोड़के अगला घर में रहऽ हलइ ।

"हम डाक्टर के बोलवा पठइलिए ह", ऊ कतेरिना इवानोव्ना के कहते रहलइ, "घबरा मत, हम खरचा देबइ । पानी नयँ हकइ ? ... आउ रूमाल, तौलिया, चाहे अइसने कुछ, जल्दी से; अभी तक ई मालूम नयँ, कि ऊ केतना घायल हका ... ऊ घायल हका, मरला ह नयँ, ई बात पर विश्वास करऽ ... डाक्टर बतइता !"      

कतेरिना इवानोव्ना लपकके खिड़की भिर गेलइ; हुआँ कोनमा पर एगो टुट्टल कुरसी पर एगो बड़का गो मट्टी के बरतन में पानी धइल हलइ, जे ओहे रात बुतरुअन आउ मरद के छालटी (linen) के धोवे खातिर तैयार कइल हलइ । ई रात के बखत के धोवे के काम खुद कतेरिना इवानोव्ना करऽ हलइ, अपनहीं हाथ से, कम से कम सप्ताह में दू दिन, आउ कभी जादहूँ, काहेकि परिस्थिति अइसन हलइ, कि छालटी बदले लगी बिलकुल कुछ नयँ हलइ, आउ परिवार के हरेक सदस्य लगी एकक्के गो हलइ, लेकिन कतेरिना इवानोव्ना गन्दगी बरदास नयँ करऽ हलइ, आउ खुद अपना के तकलीफ उठावे लगी तैयार हलइ आउ अपन हूबा के बाहर, जब सब कोय सुत जा हलइ, धो-धाके गीला कपड़ा तानल रस्सी पर टाँगके पसार दे हलइ, ताकि सुबहे तक सूख जाय आउ सब्भे के ऊ साफ कपड़ा दे सकइ, न कि ओकरा घर में गन्दगी देखे ल मिलइ । ऊ बरतन उठावे के कोशिश तो कइलकइ, ताकि रस्कोलनिकोव के कहे मोताबिक ओकरा लेके आवइ, लेकिन भार के साथ गिरते-गिरते बचलइ । लेकिन रस्कोलनिकोव तौलिया खोज लेलकइ, ओकरा पानी से भिंगइलकइ आउ मरमेलादोव के खून से लथपथ चेहरा के पोछे लगलइ । कतेरिना इवानोव्ना ओज्जे परी खड़ी रहलइ, दर्द के साथ साँस लेते आउ हाथ से अपन सीना के दाबले । ओकरा खुद्दे मदत के जरूरत हलइ । रस्कोलनिकोव के समझ में आवे लगलइ, कि ऊ समझा-बुझाके कुचलाल अदमी के हियाँ लिवाके शायद अच्छा नयँ कइलकइ । पुलिस वला भी किंकर्तव्यविमूढ़ होल खड़ी हलइ।

"पोल्या", कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ, "सोनिया हीं दौड़के जो, तेजी से । अगर घरवा पर नयँ मिलतउ, त कोय बात नयँ, (ओज्जा परी के केकरो) बता दिहँऽ, कि बाऊ घोड़ागाड़ी से कुचला गेलथिन हँ, तुरतम्मे हियाँ चल आवइ ... जइसीं ऊ लौटइ । जल्दी कर, पोल्या ! आउ हाँ, मथवा पर ओढ़नी रख ले !"

"जेतना दम हउ, ओतना तेजी से दौड़के जो !" कुरसी पर बइठल बुतरू चिल्लइलइ, आउ एतना कहके, फेर से पहिलहीं नियन चुपचाप कुरसी पर सीधा होल बइठल रहलइ, अँखिया फाड़ले, एड़िया आगे मुँहें कइले आउ अंगुठवा के एक दोसरा से अलगे कइले ।

एहे दौरान कमरा एतना ठसाठस भर गेले हल, कि सेव के भी निच्चे गिरे के जग्गह नयँ हलइ । पुलिस वला सब चल गेले हल, खाली एगो के छोड़के, जे थोड़े देरी लगी रह गेले हल आउ ज़ीना पर से आके जामा हो रहल लोग के वापिस ज़ीना तरफ भगावे के कोशिश कर रहले हल । आउ एन्ने मैडम लिप्पेवेख़्ज़ेल के लगभग सब्भे किरायेदार अन्दर वला कमरा सब से उमड़ पड़ते गेलइ आउ शुरुआत में तो दरवजवा पर भीड़ लगइते गेलइ, लेकिन बाद में कमरा के अन्दर बाढ़ नियन आके जमघट लगावे लगलइ । कतेरिना इवानोव्ना भड़क उठलइ ।
"कम से कम शांति से मरे तो देते जा !" ऊ पूरे भीड़ पर चिल्लइलइ, "ई कइसन तमाशा बना के रखते गेलऽ ह ! सिगरेट के साथ ! खों-खों-खों ! कम से कम टोप तो पहन लेते जा ! ... एगो तो टोप में हकऽ ... भागऽ हियाँ से ! कम से कम मरलको के तो लिहाज करते जा !"

खोंखी से ओकर दम घुट गेले हल, लेकिन ओकर डाँट के असर पड़लइ । जाहिर हलइ, कि कतेरिना इवानोव्ना ओकन्हीं के डरो पैदा कर देलके हल; किरायेदार सब एक-एक करके वापिस दरवाजा तरफ ठेलम-ठेली करते चल गेलइ, संतोष के अइसन आन्तरिक अनुभव करते, जे हमेशे देखल जा हइ, नजदीकी से कजदीकी रिश्तेदारो सबन में, जब ओकन्हीं के कोय नजदीकी के आकस्मिक दुर्घटना घट जा हइ, आउ जेकरा से एक्को अदमी, बिन कोय अपवाद के, मुक्त नयँ होवऽ हइ, चाहे हार्दिकतम सहानुभूति आउ संवेदना काहे नयँ होवे ।

आउ एन्ने दरवाजा के बहरसी अस्पताल के बारे अवाज सुनाय देलकइ, कि हियाँ खाली-पीली (बेकार में) शांति भंग करे के नयँ चाही हल ।

"ई न कहीं कि मरहूँ के जरूरत नयँ हलइ !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ आउ लपकके दरवाजा खोलहीं जा रहले हल, ताकि अपन सारा गोस्सा ओकन्हीं पर फोड़ दे, लेकिन ठीक दरवजवे पर मैडम लिप्पेवेख़्ज़ेल से मुठभेड़ हो गेलइ, जेकरा अभी-अभी दुर्घटना के सूचना मिल पइले हल आउ माहौल ठीक करे खातिर ऊ दौड़ल-दौड़ल आ रहले हल । ऊ बेहद झगड़ालू आउ बेलगाम जर्मन औरत हलइ ।        

"आह, हे भगमान !" ऊ अपन दुन्नु हाथ जकड़ लेलकइ, "तोर मरद पीयल, घोड़वा चाँप देलकउ । ओकरा अस्पताल में ! हम मालकिन हकूँ !"
"अमालिया लूदविगोव्ना ! हम तोहरा से विनती करऽ हियो कि जरी सोच-समझके बात करऽ", कतेरिना इवानोव्ना अकड़के बात शुरू कइलकइ (मकान-मालकिन से ऊ हमेशे अकड़ के तान में बात करऽ हलइ, ताकि ओकरा 'अपन हैसियत ध्यान में रहइ', आउ अभियो खुद के ई संतोष से वंचित रहे ल नयँ चाहऽ हलइ), "अमालिया लूदविगोव्ना ..."
"हम तोहरा पहिलहूँ एक तुरी बतइलियो हल, कि हमरा कभी अमाल लूदगोव्ना बोले के हिम्मत नयँ करे के; हम अमाल-इवान हकूँ !"

"तूँ अमाल-इवान नयँ, बल्कि अमालिया लूदविगोव्ना हकऽ, आउ चूँकि हम मिस्टर लेबेज़नियात्निकोव जइसन तोहर चाटुकार सब में से नयँ हकियो, जे दरवाजा के पीछू में हँस रहलो ह (दरवाजा के पीछू वास्तव में हँसी आउ चीख सुनाय देलकइ - 'भिड़ गेलइ दुन्नु !'), त हम हमेशे तोहरा अमालिया लूदविगोव्ना कहके पुकारबो, हलाँकि पक्का ई हमरा समझ में नयँ आवऽ हको, कि तोहरा ई नाम काहे नयँ अच्छा लगऽ हको । तूँ खुद्दे देख रहलऽ ह, कि सिम्योन ज़ख़ारोविच के साथ की होले ह; ऊ मर रहला ह । तोरा से हम अभी ई दरवाजा के बन करे लगी आउ हियाँ अन्दर केकरो नयँ आवे देवे लगी विनती करऽ हियो । कम से कम शांति से मरे तो देहो ! नयँ तो, हम विश्वास देलावऽ हियो, बिहाने तोर व्यवहार के सूचना गवर्नर-जेनरल के मालूम पड़ जइतो । राजकुमार हमरा तब से जानऽ हथिन, जब हम नवयुवती हलिअइ आउ सिम्योन ज़ख़ारोविच के बारे खूब अच्छा से आदगारी हइ, जिनका पर कइएक तुरी उपकार कर चुकलथिन हँ । ई बात सब्भे के मालूम हइ, कि सिम्योन ज़ख़ारोविच के कइएक दोस्त आउ संरक्षक हलथिन, जिनका ऊ खुद्दे, अपन कमबख्त कमजोरी के बारे सोचके, अपन कुलीन गौरव के चलते मिलना-जुलना छोड़ देलका हल, लेकिन अब (ऊ रस्कोलनिकोव तरफ इस्तारा कइलकइ) हमन्हीं के मदत कर रहला ह एगो उदार नवयुवक, जिनका साधन आउ सम्पर्क हइ, आउ जिनका सिम्योन ज़ख़ारोविच बचपने से जानऽ हला, आउ ई पक्का विश्वास कर ल, अमालिया लूदविगोव्ना ... "

ई सब बात बेहद तेजी से कहल गेले हल, जइसे-जइसे बात आगे बढ़लइ, ओइसे-ओइसे आउ तेजी से, लेकिन खोंखी ई कतेरिना इवानोव्ना के वाक्चातुर्य (eloquence) के अचानक बाधित कर देलकइ । ठीक एहे पल मरे वला होश में आ गेलइ आउ कराह उठलइ, आउ ऊ ओकरा भिर दौड़के गेलइ । घायल अदमी आँख खोललकइ, आउ बिन पछनलहीं आउ बिन आद कइलहीं, अपन सामने खड़ी रस्कोलनिकोव के देखे लगलइ । ऊ साँस मोसकिल से, गहरा आउ विरल रूप से ले रहले हल; ओकर होंठ के कोना से खून रिस रहले हल; निरार पर पसेना के बून छलक अइले हल । रस्कोलनिकोव के नयँ पछानला पर ऊ बेचैनी से चारो तरफ देखे लगलइ । कतेरिना इवानोव्ना ओकरा उदास, लेकिन स्थिर दृष्टि से देख रहले हल, आउ ओकर आँख से लोर बह रहले हल ।

"हे भगमान ! उनकर पूरा सीना कुचला गेले ह ! खूने खून !" ऊ हताश होके बोललइ । "उनकर देह पर से सब्भे बाहरी पोशाक उतार देवे के चाही ! थोड़े सन घूम जा, सिम्योन ज़ख़ारोविच, अगर घूम सकऽ ह तो", ऊ चीखके ओकरा से कहलकइ ।
मरमेलादोव ओकरा पछान लेलकइ ।
"पादरी !" ऊ भर्राल अवाज में बोललइ ।

कतेरिना इवानोव्ना खिड़की भिर चल गेलइ, खिड़की के चौखट पर निरार झुका लेलकइ आउ हताश स्वर में बोललइ -
"ओह, लानत हइ ई जिनगी पर !"
"पादरी !" मिनट भर के चुप्पी के बाद मरे वला फेर से बोललइ ।
"बो-ला-वे ल च-ल गे-लो !" कतेरिना इवानोव्ना ओकरा चीखके बतइलकइ; ऊ चीख सुनलकइ आउ चुप हो गेलइ । सहमल आउ उदास दृष्टि से ऊ ओकरा खोज रहले हल; ऊ फेर से ओकरा भिर वापिस आ गेलइ आउ सिरहाना के पास खड़ी हो गेलइ । ऊ कुछ सहज महसूस कइलकइ, लेकिन जादे देर तक नयँ ।

जल्दीए ओकर नजर छोटकी लिदोचका (ओकर लाडली) पर टिक गेलइ, जे कोनमा में दौरा पड़ल नियन काँप रहले हल, आउ ओकरा तरफ अचरज से अपन भोली-भाली आँख से एकटक देख रहले हल ।
"आ ... ह ... ", ऊ बेचैनी से ओकरा तरफ इस्तारा कइलकइ । ऊ कुछ तो कहे ल चाह रहले हल ।
"आउ की ?" कतेरिना इवानोव्ना चिल्लइलइ ।
"खाली गोड़ ! खाली गोड़ !" ऊ बड़बड़इलइ, सनकी नजर से लड़की के छोटगर खाली गोड़ तरफ इस्तारा करते।
"चु-प !" कतेरिना इवानोव्ना नराज होके चिल्लइलइ, "खुद्दे जानऽ ह, काहे ऊ खाली गोड़ हकइ !"
"शुक्र हइ, डाक्टर आ गेला !" खुशी से रस्कोलनिकोव चिल्ला उठलइ ।

डाक्टर अंदर घुसला, साफ-सुथरा बुढ़गर, जर्मन, चारो तरफ संदेह के नजर से देखते; रोगी के पास गेला, नाड़ी जँचलका, सवधानी से सिर टटोलके देखलका, आउ कतेरिना इवानोव्ना के मदत से खून से लथपथ कमीज के बोताम खोल देलका आउ रोगी के छाती उघार देलका ।

पूरा छाती घायल, कुचलाल आउ विकृत हलइ; दहिना तरफ के कइएक पसली टूट गेले हल । बामा तरफ से ठीक दिल के उपरे, एगो अशुभ, बड़गर, पीयर-कार धब्बा हलइ, खुर के क्रूर प्रहार । डाक्टर भौं सिकोड़लका । पुलिस वला उनका बतइलकइ, कि घायल अदमी चक्का में फँस गेले हल, आउ घसटाल, घूमते, रोड पर करीब तीस कदम तक चल गेले हल ।

"ई तो अचरज के बात हइ कि कइसे ऊ होशो में आ गेलइ", धीरे से डाक्टर फुसफुसाके रस्कोलनिकोव के बतइलका ।
"तोहरा की कहना हको ?" ऊ पुछलकइ ।
"अभी मर जइतइ ।"
"की वास्तव में कोय आशा नयँ हइ ?"   
"बिलकुल नयँ ! अन्तिम साँस पर हइ ... एकर अलावे, मथवा तो खतरनाक रूप से घायल हइ ... हुँ । शायद, खून निकासल जा सकऽ हइ ... लेकिन ... एकरा से कोय फयदा नयँ । पाँच चाहे दस मिनट में पक्का मर जइतइ।"
"त बेहतर हइ कि खून निकासके देखहो !"
"शायद ... लेकिन, हम पहिलहीं बता दे हियो, कि ई बिलकुल बेकार होतो ।"

एहे दौरान कुछ आउ कदम के आहट सुनाय देलकइ, प्रवेशमार्ग में भीड़ रस्ता देलकइ, आउ उज्जर केश वला, बुढ़गर, एगो पादरी अंतिम संस्कार के सारा साज-समान लेके दहलीज पर हाजिर होलइ । रोडे पर से एगो पुलिस वला ओकरा बोलावे खातिर चल गेले हल । डाक्टर तुरते ओकरा लगी जगह देलका, आउ दुन्नु परस्पर अर्थपूर्ण दृष्टि से देखलका । रस्कोलनिकोव डाक्टर के कुछ देर खातिर भी इंतजार करे लगी विनती कइलकइ । ऊ कन्हा बिचकइलका आउ ठहर गेला ।

सब कोय पीछू हट गेलइ । अपराध-स्वीकरण (confession) के संस्कार थोड़हीं देर में समाप्त हो गेलइ । मरे वला के शायदे ठीक से कुछ समझ में आ रहले हल; ऊ खाली टुट्टल-फुट्टल आउ अस्पष्ट अवाज निकास पइलकइ । कतेरिना इवानोव्ना लिदोचका के लेलकइ, कुरसी पर से बुतरुआ के उठइलकइ, आउ कोनमा में स्टोव के पास जाके घुटना टेक देलकइ, आउ बुतरुअन के अपना सामने घुटना टेकवइलकइ । छोटकी लड़किया काँप रहले हल; लड़का अपन नंगे घुटना पर बइठल, नियमित रूप से अपन हाथ उपरे उठावइ, क्रॉस के पूरा निशान बनावइ, आउ जमीन पर झुक जाय, आउ निरार टेक देय, अइसन लगऽ हलइ कि जेकरा से ओकरा विशेष आनंद मिल्लऽ हलइ । कतेरिना इवानोव्ना दाँत से अपन होंठ दबइले आँसू रोकले हलइ; ओहो प्रार्थना कर रहले हल, आउ कभी-कभी बुतरुआ के कमीज सीधा कर ले हलइ; घुटना के बल प्रार्थना करते आउ बिन उठले, ऊ दराजदार अनवारी के उपरे से ओढ़नी उठा लेलकइ आउ लड़की के बिलकुल नंगा कन्हा पर डाल देलकइ । एहे दौरान उत्सुक लोग अन्दर के कमरा सब के दरवाजा फेर से खोले लगलइ । दर्शक लोग आउ समुच्चे ज़ीना से किरायेदार लोग के प्रवेशद्वार में भीड़ लगातार घना होल जा हलइ, लेकिन कमरा के दहलीज कोय नयँ पार कइलकइ । खाली एगो मोमबत्ती पूरे दृश्य के प्रकाशित कर रहले हल ।

ठीक ओहे समय प्रवेशमार्ग से भीड़ के तेजी से चीरके पोलेन्का पहुँचलइ, जे दौड़ल अपन बहिनी के बोलावे लगी गेले हल । ऊ अन्दर घुसलइ, तेजी से दौड़े के वजह से ऊ मोसकिल से साँस लेब करऽ हलइ, अपन ओढ़नी उतार लेलकइ, आँख से अपन मइया के खोजलकइ, ओकरा बिजुन अइलइ आउ कहलकइ, "आ रहलो ह ! रोडवा पर मिललो हल !" ओकर मइया ओकरा टेहुना के बल झुका देलकइ आउ अपन बगल में कर लेलकइ । भीड़ के चीरके चुपचाप आउ सहमल-सहमल एगो लड़की अन्दर अइलइ, आउ तंगी, चिथड़ा, मौत आउ निराशा के बीच ई कमरा में ओकर अचानक आगमन एगो विचित्र बात हलइ । ओहो चिथड़ा में हलइ; ओकर पोशाक एक ग्रोश [1] के (अर्थात् बहुत सस्ता या साधारण) हलइ, लेकिन बाजारू ढंग पर सजावल-सँवारल, अपन खास दुनियाँ में प्रचलित स्वाद आउ नियम के मोताबिक, बिलकुल स्पष्ट आउ शरमनाक विशिष्ट उद्देश्य के दर्शावऽ हलइ । सोनिया प्रवेशमार्ग में दहलीज पर रुक गेलइ, लेकिन दहलीज पार नयँ कइलकइ, आउ चारो तरफ भौंचक होल देखे लगलइ, लगऽ हलइ, जइसे ओकरा लगी सब कुछ अनजान हलइ; चार तुरी बिक चुकला के बाद पहुँचल अपन भड़कीला रेशमी पोशाक, जे हियाँ पर बेतुका हलइ, जेकर लम्मा आउ भद्दा पुछल्ला, आउ बड़गर क्रिनोलिन (साया), जे पूरा प्रवेशद्वार के छेक लेलके हल, आउ ओकर हलका रंग के जुत्ती, आउ छतरी, जेकर रात में कोय जरूरत नयँ हलइ, लेकिन जेकरा अपना जौरे लेले अइले हल, आउ पुआल के गोल बेडौल टोप जेकरा में सुनहरा रंग के पंख लगल हलइ - ई सब के बारे भी भूल गेले हल । ई बचकाना, एक तरफ झुक्कल, पेन्हल टोप के निच्चे देखाय दे रहले हल एगो दुब्बर-पातर, पीयर आउ सहमल छोटगर चेहरा, मुँह खुल्लल आउ भय से एकदम स्थिर होल आँख । सोनिया छोटगर कद के कोय अठारह साल के लड़की हलइ, दुब्बर-पातर, लेकिन काफी सुन्दर सुनहरा केश वली, विलक्षण नीला रंग के आँख वली । ऊ बिछौना आउ पादरी तरफ एकटक देख रहले हल; तेजी से चलके आवे चलते ओहो हाँफ रहले हल । आखिरकार कानाफूसी, भीड़ में से कुछ शब्द, शायद, ओकरा तक उड़के अइलइ । ऊ निच्चे तरफ देखलकइ, दहलीज से एक कदम पार कइलकइ आउ कमरा में खड़ी हो गेलइ, लेकिन तइयो अभी तक दरवजवे भिर हलइ ।

अपराध-स्वीकरण (confession) आउ प्रभु-भोज (communion) समाप्त हो गेलइ । कतेरिना इवानोव्ना फेर से अपन मरद के बिछौना भिर अइलइ । पादरी पीछू हट गेलइ, आउ चलते-चलते, कतेरिना इवानोव्ना के उपदेश आउ सांत्वना के दू शब्द कहे लगी मुड़लइ ।

"आ एकन्हीं के हम की करबइ ?" बुतरुअन तरफ इस्तारा करते ऊ बीच में तीक्ष्ण स्वर में आउ चिढ़के बोललइ ।
"भगमान दयालु हका; सर्वशक्तिमान से सहायता के आशा करऽ", पादरी शुरू कइलकइ ।
"एह ! दयालु, लेकिन हमन्हीं लगी नयँ !"
"ई पाप हइ, पाप, मैडम", सिर हिलाते पादरी टिप्पणी कइलकइ ।
"आउ ई पाप नयँ हइ ?" मरे वला तरफ इस्तारा करते कतेरिना इवानोव्ना चिल्ला उठलइ ।
"शायद, ऊ लोग, जे अनजाने में ई दुर्घटना के कारण बनला ह, तोहरा हर्जाना देवे लगी सहमत हो जइता, कम से कम, आमदनी के नयँ रह गेला पर ..."
"तूँ हमर बात नयँ समझलऽ !" अपन हाथ हिलइते गोस्सा में कतेरिना इवानोव्ना चिल्ला उठलइ । "आ ऊ कउन बात के हर्जाना देता ? ई खुद्दे पी-पाके घोड़वा के निच्चे आ गेलइ ! कइसन आमदनी ? एकरा से कोय आमदनी नयँ, बल्कि खाली यातना हलइ । आउ ई पियक्कड़ सब कुछ पी गेलइ । ई हमन्हीं हीं चोरी कइलक आउ कलाली ले गेल, ई सब (बुतरुअन) के आउ हम्मर जिनगी के कलाली में बरबाद कर देलक ! आउ ई भगमान के किरपा हकइ, कि ई मर रहल ह ! अब हानि कम होत !"
"मरे बखत क्षमा कर देवे के चाही । ई पाप हइ, मैडम, अइसन बात मन में लाना महापाप हइ !"

कतेरिना इवानोव्ना रोगी के पास व्यस्त रहलइ । कभी ऊ ओकरा पीये लगी पानी देय, कभी सिर से पसेना आउ खून पोछइ, तकिया सीधा करइ आउ पादरी के साथ बातचीत करइ, कभी-कभी ओकरा तरफ काम करते समय मुड़ जाय ।

"आह, फ़ादर ! ई खाली शब्द हकइ, शब्द ! क्षमा ! ऊ तो निसा में धुत्त अइते हल, अगर ऊ नयँ कुचलइते हल तो, ओकरा तो एक्के गो कमीज हइ, पूरा गंदा-संदा, आउ फट्टल-चिट्टल, ऊ तो लोघड़ जइते हल नीन लेवे लगी, आ हम सुबह तक पानी छपछपइते रहतिए हल, ओकर उतारल कपड़ा आउ बुतरुअन वला धोते रहतिए हल, आउ खिड़की के बाहर सुखइतिए हल, आउ अइसीं जब सुबह होते हल, त रफू करे लगी बइठ जइतिए हल - आउ अइसीं हमर रात गुजरऽ हइ ! ... त क्षमा के बात कइला से की फयदा ! हम तो क्षमा कर चुकलिए ह !"

गहरा, भयंकर खोंखी ओकर बात के बाधा डाल देलकइ । ऊ रूमाल पर थुकलकइ आउ पादरी के देखावे लगी आगे कइलकइ, दरद के मारे दोसर हाथ से अपन छाती पकड़ले हलइ । रूमाल पूरा खून में सन्नल हलइ ...
पादरी अपन सिर निच्चे कर लेलकइ आउ कुछ नयँ बोललइ ।

मरमेलादोव मौत के अन्तिम क्षण के संघर्ष कर रहले हल; ऊ कतेरिना इवानोव्ना के चेहरा से अपन नजर नयँ हटा रहले हल, जे फेर ओकरा उपरे झुक्कल हलइ । ऊ लगातार ओकरा कुछ कहे ल चाह रहले हल; ऊ कइसूँ अपन जीभ हिलाके कुछ अस्पष्ट शब्द निकासे ल शुरू कइलकइ, लेकिन कतेरिना इवानोव्ना, ई समझके, कि ऊ ओकरा से क्षमा माँगे ल चाह रहले ह, तुरतम्मे आदेश के लहजा में ओकरा पर चिल्लइलइ -
"चु--प ! कोय जरूरत नयँ ! ... जानऽ हिअउ, कि की कहे लगी चाह रहलँऽ हँ ! ...", आउ रोगी चुप हो गेलइ; लेकिन ओहे क्षण ओकर भटकत नजर दरवाजा के उपरे पड़लइ, आउ ऊ सोनिया के देखलकइ ...

अभी तक ऊोकर नजर ओकरा पर नयँ पड़ले हल - ऊ कोना में छाया में खड़ी हलइ ।

"केऽ हइ ? केऽ हइ ?" ऊ अचानक भर्राल आउ हाँफते अवाज में बोललइ, पूरा भयभीत होल, भय से आँख से दरवाजा तरफ इशारा करते, जाहाँ पर ओकर बेटी खड़ी हलइ, आउ उट्ठे के कोशिश कइलकइ ।
"पड़ल रह ! प-ड़-ल र-ह !" कतेरिना इवानोव्ना चिल्ला उठलइ ।

लेकिन ऊ अस्वाभाविक प्रयास से अपन हाथ के सहारे अपना के टिका लेलकइ । ऊ वहशी ढंग से एकटक अपन बेटी के देखते रहलइ, मानूँ ओकरा पछान नयँ पा रहल होवे । ऊ ओकरा एक्को तुरी अइसन पोशाक में नयँ देखलके हल । अचानक ऊ ओकरा पछान लेलकइ - अपमानित, टुट्टल, फैशनदार पोशाक पेन्हले आउ लज्जित मर रहल अपन बाप से बिदाई लेवे खातिर नम्रतापूर्वक अपन बारी के इंतजार कर रहले हल । ओकर चेहरा पर असीम वेदना झलक रहले हल ।

"सोनिया ! बेटी ! माफ कर दे !" ऊ चिल्लइलइ आउ ओकरा लगी अपन हाथ बढ़ावे के कोशिश कइलकइ, लेकिन संतुलन खोके ऊ सोफा पर से सीधे मुँह के बल जमीन पर धड़ाम से गिर गेलइ; लोग ओकरा उठावे खातिर लपकलइ, आउ फेर से सोफा पर पाड़ देते गेलइ, लेकिन अब ऊ मर रहले हल । सोनिया के हलका चीख निकस गेलइ, पास दौड़के गेलइ, ओकरा गले लगा लेलकइ आउ आलिंगने में देर तक रखले रहलइ । ऊ ओकरे बाँह में अपन प्राण त्याग देलकइ ।
   
"अपन मुक्ति पा लेलकइ !" कतेरिना इवानोव्ना अपन मरद के लाश देखके चिल्ला उठलइ, "लेकिन हम अब की करूँ ? हम एकरा दफनामूँ कइसे ! आ एकन्हीं के, एकन्हीं के बिहान खिलामूँ कउची ?"
रस्कोलनिकोव कतेरिना इवानोव्ना के पास गेलइ ।

"कतेरिना इवानोव्ना", ऊ ओकरा कहे ल शुरू कइलकइ, "पिछले सप्ताह तोहर स्वर्गीय पति हमरा अपन पूरा जिनगी आउ सब्भे परिस्थिति के बारे बतइलथुन हल ... विश्वास रक्खऽ, कि ऊ तोहरा बारे बहुत आदर से बात कइलथुन हल । ई शाम से, जब हम जनलियो, कि तोहन्हीं सब्भे से उनका केतना लगाव हलो आउ विशेष करके तोहरा, कतेरिना इवानोव्ना, ऊ केतना आदर आउ प्यार करऽ हलथुन, बावजूद अपन ई कमबख्त कमजोरी के, तब ई शाम से हमन्हीं दुन्नु में दोस्ती हो गेलइ ... अभी हमरा अवसर द ... कुछ करे खातिर ... अपन स्वर्गीय मित्र के ऋण चुकावे खातिर । अइकी ... बीस रूबल, लगऽ हइ, आउ अगर एकरा से तोहर मदत हो सकऽ हको, त ... हम ... एक शब्द में, हम फेर अइबो - हम जरूर अइबो ... हम, शायद, बिहाने अइबो ... अब हम चलऽ हियो !"

आउ ऊ तेजी से कमरा से निकस गेलइ, जल्दी से जल्दी भीड़ के चीरते ज़ीना पर पहुँच गेलइ; लेकिन भीड़ में अचानक निकोदिम फ़ोमिच से मुठभेड़ हो गेलइ, जिनका दुर्घटना के बारे सूचना मिल गेले हल आउ व्यक्तिगत रूप से सुव्यवस्था स्थापित करे ल चाह रहला हल । थाना में होल घटना के बाद से ओकन्हीं बीच भेंट नयँ होले हल, लेकिन निकोदिम फ़ोमिच तुरते ओकरा पछान लेलथिन ।

"ओ, तूँ हकऽ ?" ऊ ओकरा पुछलथिन ।

"मर गेलइ", रस्कोलनिकोव जवाब देलकइ । "डाक्टर आके गेला, पादरी आके गेला, सब कुछ ठीक-ठाक हो गेलइ । बेचारी औरतिया के बहुत परेशान नयँ करथिन, अइसीं ऊ तपेदिक (टीबी) के रोगी हइ । ओकरा ढाढ़स बँधाथिन, अगर कर सकऽ हथिन ... अपने दयालु व्यक्ति हथिन, हम जानऽ हिअइ ...", ऊ मुसकइते बात आगे बढ़इलकइ, उनकर आँख में आँख डालके देखते ।
"लेकिन तूँ तो पूरा खून से लथपथ हकऽ", निकोदिम फ़ोमिच टिप्पणी कइलथिन, ललटेन के रोशनी में रस्कोलनिकोव के वास्कट पर कइएक ताजा धब्बा देखके ।
"हाँ, भींग गेलिअइ ... हम तो खून में नहा गेलिअइ !" रस्कोलनिकोव कुछ विशेष तान से कहलकइ, फेर मुसकइलइ, सिर हिलइलकइ आउ ज़ीना पर से उतरके निच्चे चल गेलइ ।

ऊ चुपचाप उतर रहले हल, बिन कोय जल्दीबाजी के, पूरा बोखार में, लेकिन ओकरा एकर कोय आभास नयँ हलइ, पूरा आउ शक्तिशाली जीवन के नयका, असीम संवेदना अचानक उमड़ पड़ला के चलते ओकरा में बिलकुल लीन । ई संवेदना के ओइसनका संवेदना से तुलना कइल जा सकऽ हइ, जे केकरो मृत्युदंड के सजा सुना देवल व्यक्ति के तब होवऽ हइ, जब ओकरा अचानक आउ अप्रत्याशित रूप से क्षमादान मिल जा हइ ।

आधा ज़ीना पार कर चुकल ओकरा भिर से घर वापिस जा रहल पादरी गुजरलइ; रस्कोलनिकोव चुपचाप ओकरा साथ मौन सलामी के आदान-प्रदान करके आगे जाय देलकइ । लेकिन उतरे लगी कुच्छे अंतिम सीढ़ी बाकी रह गेले हल, कि ओकरा अचानक अपना पीछू तेजी से केकरो उतरे के आहट सुनाय देलकइ । कोय तो ओकरा पीछू-पीछू आ रहले हल । ई पोलेन्का हलइ; ऊ ओकरा पीछू दौड़ल आ रहले हल आउ पुकार रहले हल - "सुनहो न ! सुनहो न !"

ऊ ओकरा तरफ मुड़लइ । ऊ अंतिम सीढ़ी तक दौड़के पहुँच गेलइ आउ बिलकुल ओकरे सामने आके रुकलइ, एक सीढ़ी उपरे । प्रांगण से मद्धिम-मद्धिम रोशनी आ रहले हल । रस्कोलनिकोव लड़की के दुब्बर-पातर लेकिन सुंदर चेहरा देखके पछान गेलइ, जे ओकरा तरफ मुसका रहले हल आउ बचकाना खुशी के साथ ओकरा देख रहले हल । ऊ कोय समाद लेके दौड़ते आ रहले हल, जे स्पष्ट रूप से ओकरा बड़ी अच्छा लग रहले हल ।

"सुनहो न, तोहर नाम की हको ? ... आ काहाँ रहऽ हकहो ?" ऊ जल्दी-जल्दी हँफते-हँफते स्वर में पुछलकइ । ऊ ओकर कन्हवा पर अपन दुन्नु हाथ रखलकइ आउ एक तरह के खुशी के साथ ओकरा तरफ देखते रहलइ । ओकरा, ओकरा तरफ देखे में बहुत अच्छा लग रहले हल, ओकरा खुद्दे नयँ समझ में आ रहले हल कि काहे ।

"आ तोहरा केऽ भेजलथुन हँ ?"
"हमरा सोनिया दीदी भेजलको ह", लड़की उत्तर देलकइ, आउ अधिक मुसकाके ।
"हम समझ रहलियो हल, कि तोहरा सोनिये दीदी भेजलथुन होत ।"
"हमरा मइयो भेजलको ह । जब सोनिया दीदी भेजे लगल, त मइयो हमरा भिर आल आउ बोलल - 'जल्दी से दौड़के जो, पोलेन्का !' "
"आ तूँ सोनिया दीदी के प्यार करऽ हो ?"
"हम ओकरा सबसे जादे प्यार करऽ ही !" ऊ एक प्रकार के विशेष दृढ़ता के साथ बोललइ, आउ ओकर मुसकान अचानक आउ गंभीर हो गेलइ ।
"आ हमरा प्यार करबहो ?"
जवाब के बदले ऊ देखलकइ कि लड़की के चेहरा, आउ सिकुड़ल आउ आगू तरफ निकसल होंठ, भोलेपन से ओकरा चुम्मे खातिर ओकरा तरफ आगू बढ़ रहले हल । अचानक सलाय के काँटी नियर दुब्बर-पातर ओकर बाँह ओकरा कसके लपेट लेलकइ, मथवा ओकर कन्हा पर झुक गेलइ, आउ लड़की चुपके-चुपके कन्ने लगलइ, चेहरा ओकरा से लगातार अधिकाधिक दबइते ।

"पापा खातिर हमरा दुख हके !" एक मिनट के बाद ऊ बोललइ, लोर से भिंगल अपन चेहरा उठइते आउ हथवा से लोर पोछते, "अब तो मुसीबते-मुसीबत आल हके", ऊ अप्रत्याशित रूप से आगे बोललइ, अइसन विशेष सशक्त भाव से, जे बुतरुअन बेहद प्रयास करके अपनइते जा हइ, जब ओकन्हीं अचानक 'बड़कन' नियन बात करे लगी चाहऽ हइ ।
"आ पापा तोरा मानऽ हलथुन ?"
"ऊ लिदोचका के हमन्हीं सब में से सबसे जादे मानऽ हलथिन", ऊ बहुत गंभीर मुद्रा में आउ बिन मुसकइले बात जारी रखलकइ, बिलकुल बड़का नियन बात करते, "ई कारण से मानऽ हलथिन, कि ऊ छोट्टे गो हइ, आउ एहो कारण से, कि ऊ बेमार रहऽ हइ, आउ ओकरा लगी हमेशे कुछ न कुछ उपहार लावऽ हलथिन, आउ हमन्हीं के पढ़े लगी सिखावऽ हलथिन, आ हमरा व्याकरण आउ ईश्वरीय नियम", ऊ बड़ी गौरव के साथ बोललइ, "आ मम्मी कुछ नयँ बोलऽ हलइ, आ हमन्हीं जन्नऽ हलिअइ, कि ओकरा ई सब पसीन पड़ऽ हलइ, आउ पापा के ई बात मालूम हलइ, आ मम्मी हमरा फ्रेंच पढ़ावे लगी चाहऽ हइ, काहेकि हमरा अब शिक्षा प्राप्त करे के उमर हो गेलइ ।"

"आ तोहन्हीं के प्रार्थना करे आवऽ हको ?"
"हाँ, काहे नयँ, कर सकऽ हिअइ ! बहुत पहिले से; हम, काहेकि बड़गो हो गेलिए ह, त अपने आप चुपचाप प्रार्थना कर ले हिअइ, आ कोल्या आउ लिदोचका मम्मी के साथ जोर-जोर से; पहिले ओकन्हीं 'मरियम' के प्रार्थना करते जा हइ, आ बाद में आउ एक प्रार्थना – ‘हे भगमान, सोनिया दीदी के माफ कर द आउ आशीर्वाद द’, आ बाद में आउ – ‘भगमान, हमर दोसरका पापा के भी माफ कर द आउ आशीर्वाद द’, काहेकि हमर बड़का पापा तो पहिलहीं मर गेला, आ ई तो दोसरका हका, आ हमन्हीं उनको लगी प्रार्थना करऽ हियो ।"

"पोलेन्का, हमर नाम रोदियोन हको; कभी हमरो लगी प्रार्थना कर लीहऽ, आउ '(भगमान के) सेवक रोदियोन' खातिर - बस, आउ कुछ नयँ ।"
"अपन बाकी सारी जिनगी हम तोरा खातिर प्रार्थना करते रहबो", उत्साह से लड़की बोललइ आउ अचानक फेर से हँस पड़लइ, ओकरा तरफ लपकलइ आउ कसके ओकरा से लिपट गेलइ ।

रस्कोलनिकोव ओकरा अपन नाम बतइलकइ, पता देलकइ आउ बिहाने पक्का आवे के वादा कइलकइ । लड़की ओकरा से बिलकुल खुश होके चल गेलइ । दस से उपरे बज गेले हल, जब ऊ बाहर सड़क पर निकसलइ । पाँच मिनट के बाद ऊ ठीक ओहे पुल पर खड़ी हलइ, जाहाँ से हाले में औरतिया पनिया में छलाँग लगा देलके हल ।

"बहुत हो गेलइ !" ऊ दृढ़तापूर्वक आउ विजयी भाव से बोललइ, "मरीचिका दूर हट, मिथ्या भय दूर हट, भूत-पिशाच दूर हट ! ... जिनगी के अस्तित्व तो हकइ ! की वास्तव में हम नयँ जी रहलिए हल ? हमर जिनगी बुढ़िया के मरला से मर नयँ गेलइ ! भगमान स्वर्ग में ओकरा आद करे, आउ ... अब बहुत हो गेलो, मैडम, अब हमर पिंड छोड़ द ! अब तो विवेक आउ प्रकाश के साम्राज्य हइ आउ ... आउ इच्छाशक्ति के ... आउ शक्ति के ... आउ अब देखल जइतइ ! अब ताकत अजमा के देख लेवल जइतइ !" ऊ घमंड से बोललइ, मानूँ कोय अदृश्य शक्ति के संबोधित करके ओकरा चुनौती दे रहल होवे । "आउ हम वस्तुतः एक अर्शीन लम्मा-चौला जमीन पर रहे लगी सहमत हो गेलिए हल !"

"... हम अभी तो कमजोर हकूँ, लेकिन ... लगऽ हके, कि सब्भे बेमारी खतम हो गेल ह । हम जानऽ हलूँ, कि दूर हो जात, जब हम आझ बाहर निकसलूँ हल । अरे हाँ, पोचिन्कोव के घर, ई तो दुइए डेग पर हइ । अइसे रज़ुमिख़िन के पास तो पक्का जाहीं के हके, चाहे बल्कि दू डेग पर नहिंयो रहइ ... ऊ बाजी जीत लेय ! ... ओकरो कुछ संतोष मिलइ, कोय बात नयँ, मिले देल जाय ! ... शक्ति, शक्ति के जरूरत हइ - शक्ति के बगैर कुछ नयँ मिलतो; आउ शक्ति तो शक्तिए से मिल्लऽ हइ, एहे बात तो ओकन्हीं के मालूम नयँ", ऊ घमंड आउ आत्मविश्वास से बात आगू बढ़इलकइ, आउ पुल पर से चल पड़लइ, मोसकिल से अपन गोड़ आगू बढ़इते । घमंड आउ आत्मविश्वास हरेक पल ओकरा में बढ़ रहले हल; हरेक अगला पल ई ऊ व्यक्ति नयँ रहऽ हलइ, जे ठीक ओकर पहिले पल में होवऽ हलइ । लेकिन अइसन की विशेष होलइ, जे ओकरा एतना परिवर्तित कर देलकइ ? ओकरा खुद्दे नयँ मालूम हलइ; ओकरा, मानूँ डूबते के तिनका मिल गेल जइसन, अचानक लगे लगलइ, कि ओहो 'जी सकऽ हइ, कि आउ जिनगी हइ, कि ओकर जिनगी बुढ़िये के साथ नयँ मर गेले ह' । शायद, ऊ बहुत जल्दी में ई निष्कर्ष निकसलके हल, लेकिन ऊ एकरा बारे नयँ सोचऽ हलइ ।

"लेकिन हम ओकरा तो अपन प्रार्थना में 'सेवक रोदियोन' के आद रक्खे ल निवेदन कइलिए हल", अचानक ओकर दिमाग में कौंधलइ, "खैर, ई तो ... बखत के बात हलइ !" ऊ बात आगू बढ़इलकइ, आउ खुद ई अपन बचकाना हरकत पर हँस पड़लइ । ऊ सर्वोत्तम मनोदशा में हलइ ।

ऊ असानी से रज़ुमिख़िन के खोज लेलकइ; पोचिन्कोव के घर में नयका किरायेदार के बारे लोग के मालूम हलइ, आउ दरबान तुरते ओकरा रस्ता बता देलकइ । आधे ज़ीना से लोग के जमघट के शोर आउ सजीव बातचीत सुनल जा सकऽ हलइ । ज़ीना पर के दरवाजा पूरा खुल्ला हलइ; चीख आउ वाद-विवाद सुनाय दे रहले हल । रज़ुमिख़िन के कमरा काफी बड़गर हलइ, करीब पनरह लोग जामा हलइ । रस्कोलनिकोव ड्योढ़ी में हीं रुक गेलइ । हुआँ, परदा के पीछू, मकान-मालकिन के दूगो नौकरानी दूगो बड़का समोवार, बोतल, प्लेट आउ मकान-मालकिन के भनसा घर से लावल पकौड़ा आउ मसालेदार क्षुधावर्द्धक (hors d'oeuvres) के थाली जुटावे के काम में दौड़-धूप कर रहले हल । रस्कोलनिकोव रज़ुमिख़िन के बाहर बोलवइलकइ । ऊ हर्षावेश में दौड़ल अइलइ । पहिलहीं नजर में ई बात साफ हलइ, कि ऊ बहुत जादे पी लेलके हल, आउ हलाँकि रज़ुमिख़िन कभियो एतना नयँ पीयऽ हलइ, कि निसा में धुत्त हो जाय, लेकिन ई तुरी कुछ तो साफ देखाय देब करऽ हलइ ।

 "सुनऽ", रस्कोलनिकोव जल्दी से बोललइ, "हम खाली ई कहे लगी अइलियो, कि तूँ अपन बाजी जीत गेलऽ, कि वास्तव में ई केकरो नयँ मालूम कि हमरा साथ की हो जा सकऽ हको । हम अंदर नयँ जा सकऽ हकियो - हम एतना कमजोर हकियो, कि हम अभिये गिर जा सकऽ हकियो । आउ ओहे से नमस्ते आउ अलविदा ! आ बिहान हमरा पास अइहऽ ..."

 "तूँ जानऽ ह, हम तोरा घर पहुँचा दे हियो ! जबकि तूँ खुद्दे बोलऽ ह, कि कमजोर हकऽ, त ..."
"आ मेहमान सब ? ई घुंघराला केश वला के हइ, जे अभी-अभी एद्धिर हुलकलइ ?"
"ई ? आ एकरा तो शैताने जानऽ होतइ ! चाचा जी के शायद कोय जान-पछान के हइ, लेकिन हो सकऽ हइ, कि खुद्दे आ गेले ह ... ओकन्हीं के साथ हम चाचाजी के छोड़ दे हिअइ; ई एगो हीरा व्यक्ति हथिन; खेद हइ, कि तूँ उनका साथ अभी मिल नयँ सकऽ ह । लेकिन, ओकन्हीं के, सब्भे के मारऽ गोली ! ओकन्हीं के अभी हमर जरूरत नयँ हइ, आउ हमरो जरी दम लेवे के चाही, काहेकि, भाय, तूँ बिलकुल समय पे अइलऽ ह - आउ दुइयो मिनट होतो हल, त हम झगड़ पड़तियो हल, भगमान कसम ! अइसन-अइसन झूठ के पुलिंदा आउ फालतू बात बकते जा हइ ... तूँ कल्पनो नयँ कर सकऽ ह, कि अदमी आखिरकार केतना हद तक आदत से लचार नियन झूठ बोल सकऽ हइ ! लेकिन, काहे नयँ कल्पना कइल जा सकऽ हइ ? हमन्हिंयों तो खुद्दे की झूठ नयँ बोलऽ हिअइ ? त ओकन्हीं झूठ बोलऽ हइ त बोले देहो - लेकिन बाद में झूठ नयँ बोलते जइतइ ... बइठऽ एक मिनट, हम ज़ोसिमोव के बोलइले आवऽ हियो ।"

ज़ोसिमोव एक तरह से लालची नियन झपट पड़लइ; ओकरा में एक तरह के विशेष उत्सुकता हलइ; तुरते ओकर चेहरा खिल उठलइ ।

"तूँ तुरते सो जा", ऊ फैसला कइलकइ, रोगी के यथासंभव जाँच कइला के बाद, "आ रात के खातिर एगो पुड़िया लेते जा । लेवऽ न ? हम बिलकुल हाले में एकरा तैयार कइलियो ह ... एगो फक्की ।"
"बल्कि दूगो दे द", रस्कोलनिकोव जवाब देलकइ ।
फक्की तुरतम्मे ले लेवल गेलइ ।

"ई तो बड़ी बढ़ियाँ हइ, कि तूँ खुद्दे इनका पहुँचावे जा रहलहो ह", ज़ोसिमोव रज़ुमिख़िन से कहलकइ, "जे बिहान होतइ, से देखबइ, लेकिन आझ बहुत खराबो नयँ हइ - आझ सुबह से काफी फरक हइ । शताब्दी तक जीयऽ, शताब्दी तक सीखऽ ..."

"जानऽ ह, अभी हमरा कान में ज़ोसिमोव की फुसकलको, जब हमन्हीं बाहर निकस रहलिए हल ?" रज़ुमिख़िन टुभकलइ, जइसीं ओकन्हीं बाहर रोड पर अइते गेलइ । "हम तो, भाय, तोरा सब कुछ सीधे बता दे हियो, काहेकि ओकन्हीं सब मूरख हकइ । ज़ोसिमोव हमरा कहलको कि रस्ता में हम तोरा से खुलके बात करियो आउ तोरो खुलके बात करबइयो, बाद में ओकरा बतइअइ, काहेकि ओकर विचार हइ ... कि तूँ ... पागल हो चुकलहो ह, चाहे होहीं वला हकहो । तूँ एकर कल्पना करहो ! पहिला, तूँ ओकरा से तीन गुना बुद्धिमान हकहो; दूसरा, अगर तूँ पागल नयँ हकऽ, त तोरा थूक देवे के चाही, कि ओकर दिमाग में अइसन वहम हकइ; आ तेसरा, ई मांस के टुकड़ा, आउ अपन विशेषज्ञता के अनुसार - सर्जन, के अब दिमागी रोग के बारे धुन समइले ह, आउ तोरा बारे आखिरकार ओकर ई विचार आवे के कारण हको तोर आझ वला ज़म्योतोव के साथ बातचीत ।"

"ज़म्योतोव तोरा सब कुछ बता देलको ?"
"सब कुछ, आउ बड़ी बढ़ियाँ कइलकइ । हम अब सब सच समझ गेलिअइ, आउ ज़म्योतोव भी समझ गेलइ ... अच्छऽ, आउ एक शब्द में, रोद्या ... बात ई हको ... हम अभी जरी पीयल हकियो ... लेकिन एकरा से कोय हरज नयँ ... बात ई हको, कि ई विचार ... समझऽ हो न ? वास्तव में ओकन्हीं के दिमाग में पनप रहलो हल ... समझऽ हो न ? मतलब, कोय भी खुलके बोले के साहस नयँ कर रहले हल, काहेकि ई विचारे अइसन बेहद हास्यास्पद हइ, आउ खास करके जब ई घर के पेंटिंग करे वला के पकड़ल गेलइ, त ई सब कुछ धराशायी हो गेलइ आउ हमेशे खातिर समाप्त हो गेलइ । लेकिन ओकन्हीं अइसन बेवकूफ कइसे हो सकऽ हइ ? हम तखने ज़म्योतोव के थोड़े झड़लिअइ - ई सब बात खाली हमन्हीं बीच हइ, भाय; किरपा करके, कुछ इशारो नयँ करिहऽ, जे कुछ जन्नऽ ह; हम नोटिस कइलिए ह, कि ऊ गंभीर हइ; ई बात लविज़ा के घर पर के हइ - लेकिन आझ, आझ सब कुछ साफ हो गेलइ । ई सब में मुख्य रूप से इल्या पित्रोविच के हाथ हइ ! तखने ऊ थाना में तोरा मूर्छित होवे के फयदा उठइलको हल, लेकिन बाद में खुद्दे लज्जित होलइ; हम ई जानऽ हिअइ ..."

रस्कोलनिकोव बड़ी उत्सुकता से सुन रहले हल । रज़ुमिख़िन निसा के हालत में सब भेद खुलके बता रहले हल ।
"हम तखने मूर्छित होके ई कारण से गिर गेलिए हल, कि माहौल दमघोंटू हलइ आउ तेलगर पेंट के दुर्गन्ध हलइ", रस्कोलनिकोव कहलकइ ।
"अभियो समझावऽ हइ ! आ खाली पेंट के बात नयँ हइ - सूजन पूरे महिन्ने बन रहले हल; ज़ोसिमोव तो गोवाह हकइ ! आ ई लड़का अब कइसन चूर होल हइ, कि तूँ कल्पना भी नयँ कर सकऽ हो ! बोलऽ हइ, 'ई व्यक्ति के हम कानी अँगुरी के बराबर भी नयँ हकिअइ !' मतलब, तोहर । ओकर दिल में तो कभी-कभी, भाय, निम्मन भावना आवऽ हइ । लेकिन सबक, ऊ सबक जे तूँ ओकरा आझ 'बिल्लौर महल' में देलहो, ई तो उत्कृष्टता से भी उपरे हइ!  वास्तव में तूँ तो ओकरा शुरू में डेराइए देलहो हल, लगभग आक्षेप (convulsion) तक पहुँचा देलहो ! तूँ तो वस्तुतः ई सब भयंकर बकवास में ओकरा फेर से लगभग विश्वासे देला देलहो हल, आउ बाद में अचानक - ओकरा जीभ देखा देलहो, बोललहो, 'हले ले, ई ले  !' सर्वोत्तम ! ऊ तो कुचला गेले ह, अब बिलकुल बरबाद हो गेले ह ! तूँ तो उस्ताद हकऽ, भगमान कसम, अइसने ओकन्हींके चाही । ओह, हम हुआँ नयँ हलूँ ! ऊ अभी तोर बेचैनी से इंतजार कर रहलो हल । पोरफ़िरी भी तोरा साथ जान-पछान करे लगी चाह रहलो ह ..."

"ओ ... त एहो ... आ हमरा ओकन्हीं पागल कइसे समझ रहले हल ?"
"नयँ, ठीक पागल नयँ । हम, भाय, लगऽ हको, बात के बहुत बढ़ा-चढ़ाके बोल देलियो ... तूँ देखवे करऽ हो, हाल में ओकरा अइसन लगलइ, कि तोरा ई एक बिन्दु पर रुचि हको;  अब साफ हइ, कि काहे रुचि हकइ; सब परिस्थिति के जानते ... आउ ई कइसे तखने तोरा चिड़चिड़ा बना दे हलो आउ साथे-साथ तोर बेमारी से कइसे उलझ जा हलो ... हम तो, भाय, जरी पीयल हकियो, खाली, शैताने के ओकरा बारे मालूम, ओकरा कउनो तरह के तो विचार हइ ... हम तोरा कहऽ हियो - ऊ दिमागी बेमारी के धुन में पड़ गेलो ह । लेकिन तूँ ई बात के थूक द ..."

आधा मिनट तक दुन्नु चुप रहलइ ।
"सुनऽ, रज़ुमिख़िन", रस्कोलनिकोव बोले ल शुरू कइलकइ, "हम तोरा सीधे बता देवे ल चाहऽ हियो - हम अभी एगो मृतक के घर से होके आ रहलियो ह, एगो सरकारी किरानी मर गेलइ ... हम हुआँ अपन सब पइसा दे देलिअइ ... आउ, एकरा अलावे, हमरा एगो अभी अइसन जीव चुमलकइ, जे, अगर हम केकरो हत्या करतिए हल, तइयो ... एक शब्द में, हम हुआँ एगो आउ दोसर जीव के देखलिअइ ... एगो सुनहरा पंख के साथ ... लेकिन, हम झूठ के पुल बान्ह रहलियो ह; हमरा बड़ी कमजोरी अनुभव हो रहलो ह, हमरा सहारा द ... अभी इका ज़ीना हको ..."
"तोरा की हो गेलो ह ? की बात हको ?" रज़ुमिख़िन चिंतित होके बोललइ ।
"सिर में जरी चक्कर आ रहल ह, लेकिन बात ई नयँ हइ, बल्कि ई, कि हम बहुत उदास हकूँ, केतना उदास ! बिलकुल औरत नियन ... वास्तव में ! देखऽ, ई की हकइ ? देखऽ ! देखऽ !"
"की हइ ?"
"की वास्तव में देखाय नयँ दे हको ? हमर कमरा में रोशनी, देखऽ हो ? दरार में ..."

ओकन्हीं अन्तिम सीढ़ी पर खड़ी हलइ, मकान-मालकिन के दरवाजा भिर, आउ वास्तव में निच्चे से देखाय देब करऽ हलइ, कि रस्कोलनिकोव के दड़बा में रोशनी हकइ ।
"अजीब बात हइ ! शायद नस्तास्या होतइ ।" रज़ुमिख़िन टिप्पणी कइलकइ ।
"ऊ ई बखत कभी हमरा हीं नयँ आवऽ हइ, आउ ऊ तो कब के सुत्ते लगी चल गेले होत, लेकिन ... हमरा लगी कोय फरक नयँ पड़ऽ हइ ! अलविदा !"
"की मतलब ? हम तो तोरा पहुँचाइए देबो, दुन्नु साथे अन्दर चलल जाय !"
"हम जानऽ हियो, कि हमन्हीं दुन्नु साथे अन्दर जइते जइबइ, लेकिन हमरा एज्जे परी हाथ मिलावे के मन करऽ हको आउ हिएँ से तोरा अलविदा कहे के । अच्छऽ, हाथ द, अलविदा !"
"तोरा की हो गेलो ह, रोद्या ?"
"कुछ नयँ; चलल जाय; तूँ गोवाह होबऽ ..."

ओकन्हीं ज़ीना पर चढ़े लगलइ, आउ रज़ुमिख़िन के दिमाग में एक विचार कौंधलइ, कि ज़ोसिमोव शायद सही हइ । "अरे, हम तो अपन बकबक से ओकरा परेशान कर देलिअइ !" ऊ अपने आप बड़बड़इलइ । अचानक दरवाजा के पास पहुँचला पर ओकन्हीं के कमरा में अवाज सुनाय देलकइ ।
"हियाँ की हो रहले ह ?" रज़ुमिख़िन चिल्लइलइ ।
रस्कोलनिकोव पहिले दरवाजा पकड़लकइ आउ ओकरा पूरा खोल देलकइ, खोललकइ आउ चौखट पर अवाक् खड़ी रह गेलइ ।

ओकर माय आउ बहिन ओकर सोफा पर बइठल हला आउ डेढ़ घंटा से ओकर इंतजार कर रहला हल । काहे ऊ ओकन्हीं के प्रत्याशा बिलकुल नयँ कइलकइ, आउ न ओकन्हीं के बारे सोचवो कइलकइ, जबकि ओकरा हीं आझ दोहरा समाचार पहुँचा देवल गेले हल, कि ओकन्हीं निकल चुकला ह, रस्ता में हका, आउ कभी भी पहुँच सकऽ हका ? ई पूरे डेढ़ घंटा ओकन्हीं दुन्नु नस्तास्या के सवाल पर सवाल करते रहला, जे ओकन्हीं के सामने अभियो खड़ी हलइ आउ सब कुछ ओकन्हीं के विस्तार से बता चुकले हल । ओकन्हीं बहुत जादे डर गेला हल, जब सुनलका, कि ऊ बेमार हालत में "आझ भाग गेले हल", आउ जइसन कि बयान से साफ हलइ, कि पक्का सरसामी हालत में हलइ ! "हे भगमान, ओकरा की हो गेले ह !" दुन्नु रो रहला हल, दुन्नु ई डेढ़ घंटा के इंतजार के घड़ी बड़ी कष्टी से गुजरलका ।

खुशी आउ हर्षावेग के चीख रस्कोलनिकोव के आगमन के स्वागत कइलकइ । दुन्नु ओकरा तरफ झपटके अइला । लेकिन ऊ मरल नियन खड़ी रहलइ; असह्य आकस्मिक संवेदना ओकरा पर वज्र नियन आघात कइलकइ । आउ ओकर बाँह ओकन्हीं के आलिंगन करे खातिर उठ नयँ पइलइ - नयँ सकलइ । माय आउ बहिन आलिंगन में ओकरा जकड़ लेते गेला, ओकरा चूम लेते गेला, हँसला, कनला ... ऊ अपन डेग बढ़इलकइ, लड़खड़इलइ आउ मूर्छित होके फर्श पर गिर पड़लइ ।

आतंक, भयपूर्ण चिल्लाहट, कराह ... रज़ुमिख़िन, जे चौखट पर खड़ी हलइ, कमरा में तेजी से आगू अइलइ, रोगी के अपन मजबूत बाँह में धर लेलकइ, आउ क्षण भर में सोफा पर पाड़ देलकइ ।

"कोय बात नयँ हइ, कोय बात नयँ हइ !" ऊ माय आउ बहिन के चिल्लाके बोललइ, "ई खाली मूर्छा हइ, कोय खास बात नयँ हइ ! अभिये डाक्टर बतइलका, कि ओकर हालत अब बहुत बेहतर हइ, कि ऊ बिलकुल ठीक ! पानी ! अइकी अभिये ऊ होश में आ जइता, आ अइकी ऊ होश में आइयो गेला ! ..."

आउ दुनेच्का के हथवा के अइसे पकड़के, कि लगभग ओकर हाथ लगभग ऐंठिए देलकइ, ओकरा झुका देलकइ, ई देखावे लगी, कि 'ऊ होश में आ चुकले ह' । माय आउ बहिन रज़ुमिख़िन तरफ भगवत्कृपा नियन, भावपूर्ण आवेश आउ कृतज्ञता से देखलका; ओकन्हीं के नस्तास्या से पहिलहीं मालूम हो गेले हल, कि बेमारी के पूरा अवधि में ऊ ओकन्हीं के रोद्या खातिर कइसन भूमिका अदा कइलके हल, ई 'दक्ष नौजवान', जे नाम से ऊ साँझ के दुन्या के साथ अपन अंतरंग बातचीत के दौरान खुद पुलख़ेरिया अलिक्सान्द्रोव्ना रस्कोलनिकोवा ओकरा बारे चर्चा कइलका हल ।
 



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