अपराध आउ दंड
भाग – 4
अध्याय – 5
दोसरा
दिन सुबहे, ठीक एगारह बजे, रस्कोलनिकोव एक बिल्डिंग में घुसलइ, जेकरा में _ थाना हलइ,
पुलिस अफसर के अन्वेषण विभाग में गेलइ, आउ अपन नाम पोरफ़िरी पित्रोविच के पास सूचित
करे खातिर निवेदन कइलकइ, त ओकरा ई बात से अचरज होलइ, कि लम्मा समय तक ओकरा नयँ बोलावल
गेलइ - जब तक ओकर नाम पुकारल गेलइ, तब तक कम से कम दस मिनट गुजर चुकले हल । जबकि ओकर
हिसाब से, लगऽ हलइ, कि लोग ओकरा पर तुरते झपट पड़ते जइतइ । ई दौरान ऊ प्रतीक्षालय में
खड़ी रहलइ, जबकि ओकर सामने से लोग अइते-जइते रहलइ, जेकरा, लगऽ हलइ, ओकरा से कोय सरोकार
नयँ हलइ । ओकर बाद वला कमरा में, जे दफ्तर नियन लगऽ हलइ, कइएक लिपिक बइठल कुछ लिख रहले
हल, आउ जाहिर हलइ, कि ओकन्हीं में से केकरो ई पता नयँ हलइ, कि रस्कोलनिकोव केऽ आउ की
हइ । बेचैन आउ शंकालु दृष्टि से अपन चारो तरफ देखलकइ, ई पता लगावे खातिर, कि कहीं ओकर
आसपास कोय पहरेदार तो नयँ हइ, कहीं कोय गुप्त रूप से नजर रक्खे वला, जेकरा ई बात पर
ध्यान रक्खे लगी नियुक्त कइल रहे, कि कहीं ऊ भाग नयँ जाय । लेकिन अइसन कोय बात नयँ
हलइ - ऊ तो बस, खाली छोटगर-मोटगर काम में व्यस्त दफ्तर के क्लर्क देखलकइ, बाद में आउ
दोसर-दोसर लोग, जेकरा में से केकरो ओकरा से कुछ लेना-देना नयँ हलइ - ऊ तुरते चारो तरफ
कधरो जा सकऽ हलइ । ओकर मन में ई विचार आउ अधिकाधिक पक्का होते गेलइ, कि अगर वास्तव
में ई कल्हे वला रहस्यमय अदमी, जमीन के अंदर से निकसके आल, ई भूत, सब कुछ जानऽ हलइ
आउ सब कुछ देखलके हल - त की वास्तव में ओकरा, रस्कोलनिकोव के, अब अइसे खड़ी रहे देल
जइते हल आउ शांति से प्रतीक्षा करे देल जइते हल ? आउ की वास्तव में एगारह बजे तक हियाँ
ओकरा लगी प्रतीक्षा कइल जइते हल, जब ओकरा खुद्दे आके हाजिर होना उचित लगते हल ? एकर
मतलब ई होलइ, कि ऊ अदमी या तो अभी तक कुछ नयँ रिपोर्ट कइलके हल, चाहे ... चाहे ऊ कुच्छो
जानवे नयँ करऽ हइ, आउ खुद अपन आँख से कुच्छो देखवे नयँ कइलके हल (आउ ऊ देखिए कइसे सकऽ
हलइ ?), आउ ओहे से, ओकरा, रस्कोलनिकोव के, साथ कल्हे होल घटना, फेनु, एगो भ्रम हलइ,
जे ओकर व्यथित आउ बेमार कल्पना के चलते बहुत अतिरंजित (highly exaggerated) हो गेले
हल । ई अनुमान कल्हिंएँ से, बहुत तीव्र भय आउ निराशा के दौराने, ओकर मन में दृढ़ होवे
लगले हल । अब ई सब कुछ फेर से सोचला पर आउ नयका संघर्ष लगी खुद के तैयार करते, अचानक
ऊ अनुभव कइलकइ, कि ऊ काँप रहल ह - आउ ई विचार के साथ ओकरा अपने अंदर क्रोध उबले लगलइ,
कि घृणास्पद पोरफ़िरी पित्रोविच के सामने डर से ऊ काँप रहल ह । ओकरा लगी सबसे खराब बात
हलइ फेर से ई अदमी से मिलना - ऊ ओकरा से अमापनीय (immeasurable) घृणा करऽ हलइ, बेहद,
आउ अपन घृणा से डरऽ हलइ कि एकरा चलते कहीं खुद के असलियत प्रकट नयँ हो जाय । आउ ओकर
क्रोध एतना तीव्र हलइ, कि ओकर कंपन तुरते बन हो गेलइ; ऊ शांत आउ साहसी चेहरा के साथ
अंदर जाय लगी तैयार हो गेलइ आउ खुद के वचन देलकइ (अर्थात् मने मन कसम खइलकइ) कि यथासंभव
जादे से जादे चुप रहतइ, बस देखते आउ सुनते रहतइ, आउ चाहे कम से कम अबरिए भर, चाहे जे
हो जाय, अपन बेमरियाहा चिड़चिड़ाल स्वभाव के नियंत्रित रखतइ । ठीक एहे बखत ओकरा पोरफ़िरी
पित्रोविच के सामने बोलावल गेलइ ।
मालूम
पड़लइ, कि ई बखत पोरफ़िरी पित्रोविच अपन दफ्तर में अकेल्ले हइ । ओकर दफ्तर एगो अइसन कमरा
हलइ, जे न बड़गर हलइ, न छोटगर; एकरा में हलइ - सोफा के सामने लिक्खे खातिर मोमजामा
(तैलपट, oilcloth) चढ़ल एगो बड़गर टेबुल, एगो डेस्क, कोना में एगो अलमारी आउ कुछ कुरसी
- सब्भे पीयर पॉलिश कइल लकड़ी के कार्यालयीन (official) फर्नीचर । कोना में, पीछू वला
देवाल में, चाहे ई कहना बेहतर होतइ, टट्टी में, ताला लग्गल दरवाजा हलइ - हुआँ आउ आगू
में, टट्टी के पीछू, यकीनन आउ कइसनो दोसर-दोसर कमरा होतइ । रस्कोलनिकोव के अंदर अइला
पर पोरफ़िरी पित्रोविच तुरते ऊ दरवाजा बन कर लेलकइ, जेकरा से ऊ अंदर अइले हल, आउ ओकन्हीं
अकेल्ले रह गेते गेलइ । ऊ अपन मेहमान से, प्रतीयमानतः (apparently, ऊपरी तौर से), बहुत
प्रसन्न आउ मिलनसार चेहरा के साथ मिललइ, आउ कुछ मिनट के बादे कुछ लक्षण के आधार पर
रस्कोलनिकोव ओकरा में जइसे कुछ परेशानी नोटिस कइलकइ - मानूँ ओकरा अचानक भ्रमित कर देल
गेल होवे, चाहे कुछ बहुत अकेले में गुप्त काम करते पकड़ल गेल होवे ।
"ओ,
परम आदरणीय महोदय ! त हियाँ अपने हथिन ... हमन्हीं के सीमा में ...", ओकरा तरफ
अपन दुन्नु हाथ बढ़इते पोरफ़िरी शुरू कइलकइ । "अच्छऽ, बइठ तो जाथिन बाबू ! आउ चाहे,
शायद, अपने के पसीन नयँ हइ, कि अपने के परम आदरणीय आउ ... बाबू कहके संबोधित कइल जाय
- मतलब, tout court [तू कूर (फ़्रेंच) = सब कुछ शॉटकट] ? किरपा करके एकरा बदतमीजी नयँ
समझथिन ... अइकी हियाँ जी, सोफा पर ।"
रस्कोलनिकोव
ओकरा पर से नजर बिन हटइले बइठ गेलइ ।
"हमन्हीं
के सीमा में", बदतमीजी खातिर माफी, फ्रेंच सूक्ति (mot, phrase) "तू कूर"
इत्यादि, इत्यादि - ई सब कुछ लक्षण विशेषतासूचक हलइ ।
"ऊ
हमरा तरफ दुन्नु हाथ बढ़इलक, लेकिन एक्को हाथ नयँ देलक, मिलावे से पहिलहीं खींच लेलक",
शंकापूर्वक ओकर दिमाग में कौंधलइ । दुन्नु एक दोसरा के तरफ नजर करऽ हलइ, लेकिन जइसीं
ओकन्हीं के नजर मिल्लऽ हलइ, ओइसीं दुन्नु बिजली नियन तेजी से एक दोसरा से नजर हटा ले
हलइ ।
"हम
अपने के पास ई कागज लइलिए ह ... घड़ी के मामले में ... अइकी जी । ठीक से लिक्खल हइ न,
कि फेर से लिख दिअइ ?"
"की
? कागज ? ठीक हइ, ठीक हइ ... परेशान नयँ होथिन, बिलकुल ठीक हइ जी", पोरफ़िरी पित्रोविच
अइसे बोललइ, मानूँ ओकरा कहीं जाय के जल्दी हलइ, एतना कह लेला के बाद, ऊ कागज लेलकइ
आउ एकरा देखलकइ । "हाँ, बिलकुल ठीक हइ जी ।
आउ जादे कुछ जरूरत नयँ हइ", ऊ सड़ासड़ बोल गेलइ आउ कगजवा के टेबुल पर रख
देलकइ । एक मिनट के बाद, दोसर चीज के बारे बतियावे बखत, ओकरा टेबुल पर से फेर से उठइलकइ
आउ अपना तरफ डेस्क पर रख देलकइ ।
"लगऽ
हइ, अपने कल्हे हमरा से बोललथिन हल, कि अपने हमरा से पुच्छे लगी चाहऽ हलथिन ... औपचारिक
रूप से ... हमर जनकारी के बारे ई ... हत्या के मामले में ?" रस्कोलनिकोव फेर से
शुरू कइलकइ, "लेकिन हम काहे लगी ई 'लगऽ हइ' जोड़ देलिअइ ?" बिजली नियन ओकर
दिमाग में ई बात कौंधलइ । "लेकिन काहे लगी एतना परेशान होवऽ हिअइ, कि हम ई 'लगऽ
हइ' जोड़ देलिअइ ?" तुरतम्मे ओकर दिमाग में ई दोसर विचार बिजली नियन कौंधलइ ।
आउ
ऊ अचानक अनुभव कइलकइ, कि ओकर संदेहात्मकता, खाली पोरफ़िरी के साथ संपर्क होला से, खाली
दुइए शब्द से, खाली दुइए नजर से, एक्के क्षण में दैत्याकार रूप धारण कर चुकल ह ...
आउ ई भयंकर रूप से खतरनाक हके - स्नायु (nerves) काँप रहल ह, चिंता बढ़ल जा रहल ह ।
"आफत ! आफत ! ... फेर से खुद के उगट देम ।"
"हाँ-हाँ-हाँ
! चिंता नयँ करथिन ! कोय जल्दी नयँ हइ, कोय जल्दी नयँ हइ, जी", पोरफ़िरी पित्रोविच
बड़बड़इलइ, टेबुल के पास आगू-पीछू चक्कर मारते, लेकिन बिन कोय उद्देश्य के, कभी खिड़की
तरफ लपकके जाय, त कभी डेस्क तरफ, त फेर से टेबुल तरफ, कभी रस्कोलनिकोव के संदेह भरल
नजर से बच्चे के कोशिश करइ, त कभी अचानक कज्जू ठहर जाय आउ ओकरा तरफ सीधे एकटक देखते
रहइ । ई दौरान ओकर छोटगर, मोटगर आउ गोल-मटोल आकृति (figure) बहुत विचित्र लग रहले हल,
मानूँ एगो छोटकुन्ना गेंद एने-ओने लुढ़क रहले हल आउ तुरते सब्भे देवाल आउ कोना से टकराके
वापिस आब करऽ हलइ ।
"हमन्हीं
के समय मिलतइ जी, हमन्हीं के समय मिलतइ जी ! ... आ अपने सिगरेट पीयऽ हथिन ? अपने के
पास हकइ ? अइकी जी, सिगरेट हइ जी ...", मेहमान के सिगरेट देते ऊ बात जारी रखलकइ
। "जानऽ हथिन, हम अपने के स्वागत तो हियाँ परी कर रहलिए ह, लेकिन वास्तव में हमर
क्वाटर तो हुएँ हइ, टट्टी के पीछू ... सरकारी जी, लेकिन हम अभी लगी बाहर रह रहलिए ह
। हियाँ कुछ नवीनीकरण के जरूरत हलइ । अभी लगभग तैयार हइ ... सरकारी क्वाटर, जानवे करऽ
हथिन, ई निम्मन चीज होवऽ हइ - हइ न ? अपने के की विचार हइ ?"
"हाँ,
निम्मन चीज", लगभग ओकरा तरफ व्यंग्यपूर्वक देखते रस्कोलनिकोव उत्तर देलकइ ।
"निम्मन
चीज, निम्मन चीज ...", पोरफ़िरी पित्रोविच दोहरइलकइ, मानूँ अचानक आउ कोय बिलकुल
दोसर चीज के बारे ओकरा ध्यान पड़ गेल होवे, "हाँ ! निम्मन चीज !" अंत में
ऊ लगभग चिल्ला उठलइ, अचानक रस्कोलनिकोव पर अपन नजर टिकइले आउ ओकरा बिजुन से दू कदम
के दूरी पर रुकके । जे गंभीर, विचारशील आउ रहस्यमय दृष्टि ऊ अब अपन मेहमान के तरफ निर्दिष्ट
कइले हलइ, ओकर तुलना में, ई कइएक तुरी ओकर मूर्खतापूर्ण पुनरावृत्ति, कि सरकारी क्वाटर
निम्मन चीज हइ, अपन क्षुद्रता के कारण, बहुत प्रतिकूल हलइ ।
लेकिन
ई रस्कोलनिकोव के क्रोध आउ भड़का देलकइ, आउ ऊ व्यंग्य भरल आउ काफी असावधान चुनौती के
कइसूँ रोक नयँ पइलकइ ।
“आउ
अपने जानऽ हथिन", ऊ अचानक पुछलकइ, लगभग ढीठ होके ओकरा तरफ देखते आउ मानूँ अपन
ढिठाई से आनंद के अनुभव करते, "प्रतीत होवऽ हइ कि अइसन कोय कानूनी नियम हइ, अइसन
कानूनी तरीका - सब्भे संभव अन्वेषणकर्ता लगी - सबसे पहिले दूर से शुरू करना, बहुत छोटगर-छोटगर
बात से, चाहे गंभीर से भी, लेकिन खाली बिलकुल असंबंधित (unrelated) से, यूँ कहल जाय
कि उत्साहित करना, चाहे बेहतर ई कहल जाय, कि पूछताछ कइल जाल अदमी के ध्यान हटाना, ओकर
सतर्कता के सम्मोहित करना आउ तब अचानक, सबसे अप्रत्याशित ढंग से ओकर ठीक सिर के चोटी
पे कोय घातक आउ खतरनाक प्रश्न से प्रहार करके ओकरा हक्का-बक्का कर देना; एहे बात हइ
न ? एकरा बारे, लगऽ हइ, आझतक पवित्रता से सब्भे नियमावली आउ नियमपुस्तिका में उल्लेख
कइल जा हइ न ?”
"अच्छऽ,
अच्छऽ ... त की, अपने सोचऽ हथिन, कि हम अपने के साथ ई सरकारी क्वाटर के बात ओहे से
कर रहलिए हल ... अयँ ?" आउ एतना कहला के बाद, पोरफ़िरी पित्रोविच अपन आँख जरी सन
मिचकइलकइ, मटकइलकइ; ओकर चेहरा पर कुछ तो प्रसन्न आउ धूर्त के भाव उभर अइलइ, निरार पर
पड़ल शिकन हट गेलइ, छोटगर-छोटगर आँख संकुचित हो गेलइ, चेहरा-मोहरा चौड़गर हो गेलइ, आउ
ओकरा अचानक उत्तेजित दीर्घ हँसी फूट पड़लइ, पूरा शरीर लहरा आउ झूल रहले हल आउ ऊ सीधे
एकटक रस्कोलनिकोव के आँख में आँख डालके देख
रहले हल । ऊ (रस्कोलनिकोव) खुद हँस पड़लइ, कुछ खुद के विवश करके; लेकिन जब पोरफ़िरी,
ई देखके, कि ओहो हँस्सब करऽ हइ, एतना ठठाके हँसलइ, कि लगभग लाल हो गेलइ, तब रस्कोलनिकोव
के घृणा अचानक सवधानी के सीमा पार कर गेलइ - ऊ हँसना बन कर देलकइ, नाक-भौं सिकोड़ देलकइ,
आउ पोरफ़िरी के लमगर आउ मानूँ सोचल-समझल अनवरत (unceasing) हँसी के पूरे अवधि के दौरान,
ओकरा तरफ से अपन नजर बिन हटइले, देर तक आउ घृणापूर्वक ओकरा तरफ देखते रहलइ । लेकिन लपरवाही दुन्नु तरफ
से साफ झलकऽ हलइ - लगलइ, कि पोरफ़िरी पित्रोविच अपन मेहमान के चेहरा पर हँस रहले ह,
जे ओकर हँसी के घृणा के दृष्टि से देख रहले हल, आउ अइसन परिस्थिति के ऊ (पोरफ़िरी) बहुत
कम्मे परवाह कर रहले ह । अंतिम बात रस्कोलनिकोव लगी बहुत महत्त्वपूर्ण हलइ - ऊ समझ
गेलइ, कि वास्तव में, पोरफ़िरी पित्रोविच पहिलहूँ बिलकुल नयँ अटपटा महसूस कइलके हल,
बल्कि एकर विपरीत, खुद ऊ, रस्कोलनिकोव, शायद, फंदा में फँस गेलइ; कि स्पष्ट रूप से
कुछ तो हकइ, जेकरा बारे ओकरा जनकारी नयँ हइ, कोय उद्देश्य; कि, शायद, सब कुछ के तैयारी
कइल जा चुकले ह आउ अभी, मिनट भर में ई प्रकट हो जइतइ आउ झपट पड़तइ ...
ऊ
तुरतम्मे सीधे मतलब के बात पर आ गेलइ, अपन जगह पर से उठलइ आउ अपन टोपी ले लेलकइ ।
"पोरफ़िरी
पित्रोविच", ऊ दृढ़ता से, लेकिन यथेष्ट तीव्र चिड़चिड़ाहट से शुरू कइलकइ, "कल
अपने इच्छा प्रकट कइलथिन हल, कि हमरा कोय तो पूछताछ खातिर आवे के चाही । (ऊ विशेष करके
"पूछताछ" शब्द पर जोर देलकइ ।) हम अइलिअइ, आउ अगर अपने के कुछ जरूरत हइ,
त पुछथिन, नयँ तो, हमरा चल जाय के अनुमति देथिन । हमरा पास समय नयँ हइ, हमरा काम हकइ
... हमरा ओहे अफसर के अंत्येष्टि में जाय के हइ, जे घोड़ागाड़ी से कुचला गेले हल, जेकरा
बारे अपनहूँ ... जानऽ हथिन ...", ऊ आगू बोललइ, आउ तुरतम्मे ई बात आगू जोड़ला पर
ओकरा गोसाके, आउ ओहे से तुरतम्मे आउ जादे चिड़चिड़ाके, "हम ई सब बात से तंग आ चुकलिए
ह जी, सुनऽ हथिन, आउ बहुत पहिलहीं से ... हम आंशिक रूप से एकरे चलते बेमार पड़ गेलिअइ
... एक शब्द में", ऊ लगभग चिल्ला उठलइ, ई महसूस करके कि बेमारी के चर्चा आउ भी
असंगत हलइ, "एक शब्द में - या तो हमरा से पूछताछ कर लेथिन, चाहे हमरा छोड़ देथिन,
तुरतम्मे ... आउ अगर पूछताछ करे के हइ, त दोसरा तरह से नयँ बल्कि औपचारिक ढंग से जी
! नयँ तो हम इजाजत नयँ देबइ; आउ ओहे से, अभी लगी अलविदा, काहेकि हमन्हीं दुन्नु के
अब करे लगी कुछ नयँ हइ ।"
"हे
भगमान ! अपने की कह रहलथिन हँ ! अपने के कउची के बारे पूछताछ करे के ?" तुरते
तान (टोन) आउ चेहरा के भाव बदलते, आउ क्षण भर में हँसना बंद करके, अचानक पोरफ़िरी पित्रोविच
कुड़कुड़ाय (cluck) लगलइ, "मेहरबानी करके, फिकिर नयँ करथिन", ऊ हलचल शुरू कर
देलकइ, कभी फेर से सगरो तरफ लपकते, कभी अचानक रस्कोलनिकोव के बइठावे के कोशिश करते,
"समय मिलतइ, समय मिलतइ जी, आउ ई सब बकवास हइ जी ! एकर विपरीत, हमरा तो खुशी हइ,
कि आखिर तो हमन्हीं के पास अइलथिन ... हम अपने के मेहमान जइसे स्वागत करऽ हिअइ । आउ
ई कमबख्त हँसी खातिर अपने, बबुआ रोदियोन रोमानोविच, हमरा माफ करथिन । रोदियोन रोमानोविच
? लगऽ हइ, बबुआ, अइसीं अपने के पुकारल जा हइ न ? ... हम अधीर अदमी हिअइ जी, अपने हमरा
अपन बहुत मर्मस्पर्शी टिप्पणी (poignant remark) से हँसा देलथिन; कभी-कभी, वास्तव में,
हम रबर के गेंद नियन हिलते रहऽ हिअइ, अध-अध घंटा तक ... हम स्वभाव से हँसोड़ हिअइ, जी
। अपन शरीरगठन के चलते हमरा एहो बात के डर लगऽ हइ कि हमरा कहीं लकवा नयँ मार दे । जरी
बइठ तो जाथिन, अपने की सोचब करऽ हथिन ? ... मेहरबानी करके, बबुआ, नयँ तो हम समझबइ,
कि अपने हमरा पर गोसाल हथिन ..."
रस्कोलनिकोव
चुप रहलइ, सुनते रहलइ आउ देखते रहलइ, गोस्सा से लगातार त्योरी चढ़इले । तइयो ऊ बइठ तो
गेलइ, लेकिन अपन हाथ से टोपी बिन हटइले ।
"हम
अपने के खुद के बारे एक बात बतइबइ, बबुआ रोदियोन रोमानोविच, अइसे कहल जाय कि अपन व्यक्तिगत
विशेषता के विवरण में", कमरा में चहलकदमी करते पोरफ़िरी पित्रोविच बात जारी रखलकइ,
आउ पहिलहीं जइसन मानूँ अपन मेहमान के नजर से अपन नजर मिलावे से बचते । "जानऽ हथिन,
हम अविवाहित अदमी हिअइ, गैर-संसारी आउ गैर-जानल-पछानल, आउ साथे-साथ बरबाद अदमी, अकड़ल
(frozen) अदमी जी, हमर वइस ढल चुकलइ, आउ ... आउ ... आउ जइसन कि अपने नोटिस भी कइलथिन,
रोदियोन रोमानोविच, कि हमन्हीं हीं, मतलब हमन्हीं के रूस में, आउ सबसे जादे हमन्हीं
के पितिरबुर्ग के क्षेत्र में, अगर दूगो बुद्धिमान अदमी, आपस में बिलकुल अपरिचित, लेकिन,
अइसे कहल जाय, दुन्नु परस्पर आदर करे वला, जइसे कि अभी हमन्हीं दुन्नु जी, साथ-साथ
मिल जा हथिन, त पूरे आध घंटा तक बातचीत के कोय विषय नयँ खोज पावऽ हका - एक दोसरा के
सामने अकड़ जा हका, बइठ जा हका आउ परस्पर अटपटा महसूस करऽ हका।
सब
के बातचीत लगी विषय होवऽ हइ, उदाहरणार्थ, महिला सब के ... संसारी लोग के, मसलन, उँचगर
चाल-चलन के लोग के, हमेशे विषय होवऽ हइ, c'est de rigueur [से द रिगर (फ्रेंच) = ई
अनिवार्य हइ], लेकिन मध्यम श्रेणी के लोग, जइसे कि हमन्हीं - सब के सब लजालु आउ अल्पभाषी
होते जा हइ ... मतलब कि सोचते रहे वला । काहे अइसन होवऽ हइ जी, बबुआ ? कहीं ई बात तो
नयँ, कि हमन्हीं में कोय सामाजिक रुचि नयँ होवऽ हइ, जी, या कि हमन्हीं सब ईमनदारे जादे
होवऽ हिअइ आउ एक दोसरा के धोखा देवे लगी नयँ चाहऽ हिअइ, हमरा मालूम नयँ, जी । अपने
के की खियाल हइ ? जरी अपन टोपिया तो निच्चे रखथिन, जी, लगऽ हइ कि जइसे अभिए अपने के
निकस जाय के इरादा हइ, सचमुच, अपने के तरफ देखे में अटपटा (awkward) लगऽ हइ ... एकर
विपरीत, हमरा तो एतना खुशी हइ, जी ... "
रस्कोलनिकोव
अपन टोपी रख देलकइ, चुप्पी साधले रहलइ आउ गंभीरतापूर्वक आउ नाक-भौं सिकोड़ले, पोरफ़िरी
के खोखला आउ असंगत बकबक सुनते रहलइ । "ओकर वास्तव में इरादा की हइ, अपन खोखला
बकबक से हमर ध्यान अपकर्षित (divert) करे लगी चाहऽ हइ की ?"
"हम
अपने के कॉफी तो नयँ पिला सकऽ हिअइ जी, एकरा लगी ई उचित जगह नयँ हइ; लेकिन जरी सन पाँच
मिनट लगी एगो दोस्त के साथ काहे नयँ बइठल जाय, थोड़े सन बदलाव खातिर", बिन रुकले
पोरफ़िरी बड़बड़इते रहलइ, "आउ जानवे करऽ हथिन जी, ई सब सरकारी काम हइ ... आउ अपने,
बबुआ, बुरा नयँ मानथिन, कि हम लगातार, आगू-पीछू, चक्कर मार रहलिए ह; माफ करथिन, बबुआ,
अपने के ठेस पहुँचावे से हम बहुत डरऽ हिअइ, लेकिन चक्कर लगाना हमरा लगी बस जरूरी हकइ
जी । हमरा लगातार बइठे रहे पड़ऽ हइ आउ लगभग पाँचो मिनट खातिर चल्ले-फिरे के समय मिल
गेला पर बहुत खुशी होवऽ हइ ... बवासीर हइ न, जी ... हमेशे कसरत से इलाज के बारे सोचते
रहऽ हिअइ; एकरा बारे लोग के कहना हइ, कि स्टेट काउंसिलर, वरिष्ठ स्टेट काउंसिलर आउ
प्रिवी काउंसिलर भी मन मोताबिक रस्सी कूदते रहऽ हथिन, जी; एहे तो हइ विज्ञान, हमन्हीं
के शताब्दी में, जी ... जी हाँ ... लेकिन हियाँ के काम, पूछताछ आउ ई सब औपचारिकता के
बारे ... अपनहीं, बबुआ, अभिए खुद्दे पूछताछ के बारे जिक्र कइलथिन, जी ... आउ, जानवे
करऽ हथिन, वास्तव में, बबुआ रोदियोन रोमानोविच, ई सब पूछताछ कभी-कभी पूछताछ कइल जाय
वला के अपेक्षा खुद पूछताछ करे वला के जादे किंकर्तव्यविमूढ़ कर दे हइ ... एकरा बारे
अपने, बबुआ, बिलकुल समुचित ढंग आउ बुद्धिमानी से अभी टिप्पणी कइलथिन । (रस्कोलनिकोव
अइसन कोय टिप्पणी नयँ कइलके हल ।) "अदमी उलझके रह जा हइ, जी ! सचमुच उलझ जा हइ
! आउ हमेशे ओहे के ओहे चीज, हमेशे ओहे के ओहे चीज, ढोलक नियन ! अइकी संशोधन
(reform) आ रहले ह, आउ कम से कम हमन्हीं के पदनाम में तो बदलाव कइल जइतइ, हे-हे-हे
! [1] आउ जाहाँ तक हमन्हीं के कानूनी परंपरा के सवाल हइ - जइसन कि अपने एतना बुद्धिमानी
से अभिव्यक्त कइलथिन - हम अपने के साथ पूरा तरह से सहमत हिअइ, जी । कहथिन, कि सब्भे
आरोपी में से, सबसे अधिक गँवार किसानो में से, केऽ नयँ जानऽ हइ, कि ओकरा, उदाहरणार्थ,
पहिले असंबंधित प्रश्न से सम्मोहित कइल जइतइ (अपने के सुखद अभिव्यक्ति के अनुसार),
आउ बाद में अचानक ठीक सिर के चोटी पर प्रश्न के कुंदा से तो, जी, प्रहार करके हक्का-बक्का
कर देल जइतइ, हे ! हे ! हे ! ठीक सिर के चोटी पर, अपने के सुखद तुलना के अनुसार, हे
! हे ! त अपने वस्तुतः सोचलथिन, कि हम क्वाटर के बारे बात उठाके अपने के ... चाहऽ हलिअइ,
हे ! हे ! अपने तो व्यंग्यभाषी व्यक्ति हथिन । अच्छऽ, अइसन बात नयँ करबइ ! अरे हाँ,
प्रसंगवश, एक बात से दोसरा बात निकसऽ हइ, एक विचार से दोसर विचार उत्पन्न होवऽ हइ
- अपने पहिले कोय औपचारिकता के उल्लेख कइलथिन हल, अपने जानऽ हथिन, पूछताछ से संबंधित
जी ... लेकिन ई औपचारिकता में की रक्खल हइ ! जानवे करऽ हथिन, औपचारिकता कइएक हालत में,
बकवास होवऽ हइ । कभी-कभी खाली दोस्ताना बातचीत होवऽ हइ, आउ ई जादे फायदेमंद साबित होवऽ
हइ । औपचारिकता कभियो नयँ चल जइतइ (अर्थात् औपचारिकता के सहारा कभियो लेल जा सकऽ हइ),
एकरा लगी तो हमरा अकीन देलावे देथिन; आउ हम अपने से पुच्छऽ हिअइ, सार रूप में औपचारिकता
की हइ ? पूछताछ करे वला के हरेक पग पर औपचारिकता से बान्हल नयँ जा सकऽ हइ । पूछताछ
करे वला के काम, अइसे कहल जाय, कि एक स्वतंत्र कला हइ, एगो अप्पन तरह के, चाहे अइसने
कुछ ... हे-हे-हे !"
पोरफ़िरी
पित्रोविच एक मिनट दम लेलकइ । ऊ अइसीं बकबक करते रहलइ, बिन थकावट के, कभी निरर्थक खोखला
बात, त कभी अचानक कइसनो रहस्यपूर्ण शब्द निकासऽ हलइ आउ फेन तुरतम्मे बेसिर-पैर के बकवास
करे लगऽ हलइ । अब ऊ कमरा के अंदर एने-ओने लगभग दौड़ रहले हल, लगातार अपन मोटगर छोटगर
गोड़ के तीव्रतर आउ तीव्रतर गति से चला रहले हल, हमेशे जमीन तरफ नजर कइले, अपन दहिना
हाथ पीठिया तरफ धइले, आउ बामा हथवा के बिन रुकले झुलइते आउ तरह-तरह के इशारा करते,
जे हरेक तुरी ओकर शब्द से बिलकुल मेल नयँ खा हलइ । रस्कोलनिकोव अचानक नोटिस कइलकइ,
कि कमरा में एद्धिर-ओद्धिर भागते बखत, ऊ दू तुरी मानूँ दरवजवा के पास में रुकलइ, एक
क्षण लगी, आउ मानूँ सुन्ने के कोशिश कइलकइ ... "ऊ कुच्छो लगी इंतजार करब करऽ हइ
कीऽ ?"
"आउ
अपने, वास्तव में, बिलकुल सही हथिन जी", फेर से पोरफ़िरी, खुशी-खुशी, रस्कोलनिकोव
तरफ बेहद सादगी से देखते बात उठइलकइ (जेकरा से रस्कोलनिकोव चौंक गेलइ आउ तुरते सतर्क
हो गेलइ), "वास्तव में, सही जी, कि अपने न्यायिक औपचारिकता पर एतना बुद्धिमानी
से हँसलथिन, हे-हे ! ई अत्यधिक मनोवैज्ञानिक हमन्हीं के तरीका सब (कुछ तो, जरूर) बेहद
हास्यास्पद हइ जी, आउ शायद, अनुपयोगी जी, अगर बहुत औपचारिकता से बान्हल रहऽ हइ जी ।
जी हाँ ... अभियो तक हम औपचारिकता के बात कर रहलिए ह - अच्छऽ, हम केकरो समझ ले हिअइ,
चाहे बेहतर कहल जाय, कि हम केकरो पर, दोसरा, तेसरा पर, अइसे कहल जाय, कि शंका कर ले
हिअइ कि ऊ अपराधी हइ, जी, कोय हमरा सौंपल छोटगर केस में ... अपने तो वस्तुतः कानून
के पढ़ाय कर रहलथिन हँ न, रोदियोन रोमानोविच ?"
"हाँ,
पढ़ाय कर रहलिए हल ..."
"अच्छऽ,
त ई अपने लगी, अइसे कहल जाय, कि एगो उदाहरण हइ भविष्य खातिर - मतलब ई नयँ समझथिन, कि
हम अपने के पढ़ावे के हिम्मत कर रहलिए ह - अइकी जबकि अपराध पर अपने के कइसन-कइसन लेख
छप रहले ह ! नयँ जी, अइसीं एगो तथ्य आउ उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करे के हिम्मत कर
रहलिए ह - त अइकी अगर हम, उदाहरण लगी, ओकरा, दोसरा, तेसरा के हम अपराधी समझऽ हिअइ,
त काहे लगी, हम अपने के पुच्छऽ हिअइ, ओकरा समय से पहिले परेशान करिअइ, हलाँकि हमरा
ओकरा विरुद्ध सबूतो होलइ जी ? एक मामले में हो सकऽ हइ, उदाहरण के तौर पर, कि जल्दी
से जल्दी केकरो गिरफ्तार करना हमर कर्तव्य होवइ, लेकिन दोसरा कोय ऊ प्रकार के नयँ रहइ,
वास्तव में जी; त ओकरा काहे नयँ शहर में जरी एन्ने-ओन्ने घुम्मे-फिरे देल जाय, जी,
हे-हे ! नयँ, हम देखऽ हिअइ, कि अपने के ई बात बिलकुल नयँ समझ में आ रहले ह, ओहे से
हम अपने के आउ साफ-साफ बतावऽ हिअइ, जी - मान लेथिन कि हम ओकरा, उदाहरण के तौर पे, बहुत
जल्दी, जेल में डाल दे हिअइ, त वास्तव में अइसे कइला से ओकरा, शायद, नैतिक, तथाकथित
सहारा दे हिअइ, हे-हे ! अपने हँस रहलथिन हँ ? (रस्कोलनिकोव हँस्से के बारे सोचवो नयँ
कइलके हल - ऊ तो अपन होंठ भींचले बइठल हलइ, पोरफ़िरी पित्रोविच के आँख से अपन उत्तेजित
दृष्टि के बिन अलग कइले ।) तइयो वास्तव में होवऽ हइ एहे, जी, विशेष करके कुछ लोग के
मामले में, काहेकि लोग तरह-तरह के होवऽ हइ जी, आउ सब्भे के साथ निपटे के एक्के तरीका
होवऽ हइ, जी । अइकी अपने अभी बात कइलथिन - सबूत के; अच्छऽ, मान लेल जाय कि सबूत हकइ,
जी, लेकिन वस्तुतः सबूत तो, बबुआ, अधिकतर हालत में दुन्नु छोर पर होवऽ हइ (अर्थात्
दुन्नु तरह से प्रयोग कइल जा सकऽ हइ), आउ हम छानबीन करे वला हिअइ, ओहे से, हम स्वीकार
करऽ हिअइ, कि कमजोर अदमी हिअइ - हम अपन छानबीन के प्रस्तुत करे लगी चाहबइ, तथाकथित,
गणितीय आधार नियन बिलकुल स्पष्ट रूप से, अइसन सबूत प्राप्त करे लगी चाहबइ, कि ऊ दू
दुनी चार जइसन होबइ ! सीधा आउ निर्विवाद प्रमाण नियन होवे ! आउ अगर हम ओकरा गलत समय
पे बन कर दिअइ - यद्यपि हमरा ई पक्का विश्वास रहइ, कि ई ओहे हइ - त संभव हइ, कि हम
वास्तव में खुद के आगू के ओकर दोषारोपण के अपन साधने से वंचित हो जाऊँ, आउ काहे ? काहेकि
हम ओकरा, अइसे कहल जाय, एगो निश्चित परिस्थिति दे देबइ, मतलब, मनोवैज्ञानिक तौर पे
ओकरा निर्धारित आउ निश्चिंत कर देबइ, अतएव ऊ हमरा से दूर अपन खोल (shell) में चल जइतइ
- आखिरकार समझ जइतइ, कि ऊ कैदी हइ । अइकी कहल जा हइ, कि सेवस्तोपोल में, आल्मा के तुरते
बाद, अकलमंद लोग, ओह, एतना डर गेते गेलइ, कि अब तो दुश्मन सीधे बल के प्रयोग करके आक्रमण
करतइ आउ तुरते सेवस्तोपोल पर कब्जा कर लेतइ; लेकिन जइसीं ओकन्हीं देखलकइ, कि दुश्मन
नियमित घेराबंदी के पक्ष में हकइ आउ पहिला समांतर (parallel) खोल रहले ह, त कहल जा
हइ, कि अकलमंद लोग तो, जी, बहुत खुश होते गेलइ आउ निश्चिंत हो गेते गेलइ, मतलब कि कम
से कम दू महिन्ना तक तो मामला घिंचा गेलइ, काहेकि (केऽ जानऽ हइ) कहिया तक नियमित घेराबंदी
से कब्जा करतइ ! [2] फेनु हँस्सऽ हथिन, फेनु नयँ विश्वास करऽ हथिन ? समझऽ हिअइ, वस्तुतः
अपनहूँ सही हथिन । सही हथिन, जी, सही ! ई सब विशिष्ट उदाहरण हइ, अपने के साथ सहमत हिअइ;
प्रस्तुत उदाहरण, वास्तव में, विशेष हइ, जी ! लेकिन अइसन परिस्थिति में, प्रियतम रोदियोन
रोमानोविच, ई बात नोट करे के चाही - वस्तुतः सामान्य उदाहरण तो, जी, ओइसनका, जेकरा
पर सब्भे न्यायिक औपचारिकता आउ नियम लागू होवइ, आउ जेकर आधार पर ई सब के निर्माण कइल
जा हइ आउ पुस्तक में दर्ज कइल जा हइ, ऊ बिलकुल अस्तित्व में नयँ होवऽ हइ, जी, ई कारण
से, कि हरेक काम, हरेक, चाहे उदाहरणस्वरूप ऊ अपराधे काहे नयँ होवे, जइसीं ई वास्तव
में घट जा हइ, तभिए ई बिलकुल विशेष मामला में बदल जा हइ, जी; आउ कभी-कभी तो वस्तुतः
कइसन में - अइसन में जइसन पहिले कभी के घट्टल घटना से मेल नयँ खा हइ, जी । कभी-कभी
तो सबसे अधिक हास्यास्पद घटना अइसने तरह के होवऽ हइ, जी । अगर हम कोय भलमानुस
(gentleman) के बिलकुल अकेल्ले छोड़ दिअइ - न तो ओकरा अंदर करिअइ आउ न परेशान करिअइ,
लेकिन अगर ऊ जान लेय कि हरेक घंटा आउ हरेक मिनट, चाहे कम से कम ओकरा शंका हो जाय, कि
हम ओकरा बारे सब कुछ जानऽ हिअइ, ओकर अंदर के सब्भे रहस्य, आउ दिन-रात ओकर पीछा करऽ
हिअइ, लगातार ओकरा पर नजर रक्खऽ हिअइ, आउ अगर ओकरा हमरा बारे सचेतन रूप से
(consciously) हमेशे शक आउ डर रहइ, त वास्तव में, भगमान कसम, सचमुच ओकर दिमाग चकरा
जइतइ, ऊ खुद्दे हमरा भिर आ जइतइ, आउ शायद ऊ अइसन कुछ कर बइठतइ, कि जे दू दुनी, अइसन
कहल जाय, गणितीय रूप धारण कर लेतइ - आउ ई प्रसन्नता के बात हइ, जी । ई जाहिल देहाती
के साथ भी हो सकऽ हइ, आउ हमरा जइसन, बिलकुल बुद्धिमान अदमी, ओकरो में कोय विशेष दिशा
में विकसित, के साथ तो होना आउ भी पक्का हइ ! काहेकि, प्रियवर, ई समझना महत्त्वपूर्ण
हइ कि व्यक्ति कइसन दिशा में विकसित हइ । आउ स्नायु (nerves) तो, जी, स्नायु तो, जी,
अपने ई सब के बारे भुलिए गेलथिन हँ, जी ! वस्तुतः आझकल सब केतना बेमार, आउ खराब, आउ
चिड़चिड़ा देखाय दे हइ ! ... आउ पित्त तो, पित्त तो ऊ सब में केतना जादे रहऽ हइ ! आउ
वस्तुतः ई, हम अपने के बतइबइ, जरूरत पड़े पर एक तरह से खान हइ जी ! आउ एकरा में हमरा
की परेशानी हइ, कि ऊ छुट्टा शहर में घूम रहले ह ! घुम्मे देल जाय, अभी ओकरा घुम्मे
देल जाय, घुम्मइ; हम वस्तुतः अइसूँ जानऽ हिअइ, कि ऊ हमर प्यारा शिकार हइ आउ हमरा से
भागके कहीं नयँ जइतइ ! आउ ऊ भागके काहाँ जइतइ, हे-हे ! विदेश चल जइतइ की ? एगो पोल
(पोलैंड निवासी) विदेश भाग सकऽ हइ, लेकिन ऊ नयँ, खास करके जब हम ओकरा पर नजर रखले हिअइ,
आउ एकरा लगी कदम उठइलिए ह । ऊ देश के दूर-दराज गाँव में भाग के चल जइतइ की ? लेकिन
वस्तुतः हुआँ तो खाली किसान लोग रहऽ हइ, असली, गमार, रूसी; वस्तुतः आधुनिक विकसित व्यक्ति,
बजाय हमन्हीं के किसान जइसन परदेसी के साथ रहे के, जल्दी से जल्दी जेल में रहना जादे
पसीन करतइ, हे-हे ! लेकिन ई सब तो बकवास आउ फालतू चीज हइ । एकर की मतलब हइ - भाग जइतइ
! ई खाली औपचारिकता हइ; लेकिन मुख्य बात तो ऊ नयँ हइ; ऊ ई एक्के बात से हमरा भिर से
नयँ भाग जइतइ, खाली ई कारण से नयँ कि ओकरा भागके जाय लगी कोय जगह नयँ हइ - ऊ मनोवैज्ञानिक
तौर पे हमरा से नयँ भागतइ, हे-हे ! ई कइसन निम्मन अभिव्यक्ति हइ ! कहीं भागके जाय के
ओकरा जगहो मिलतइ, तइयो ऊ प्रकृति के नियमानुसार हमरा से भागके नयँ जइतइ । कभी फटिंगा
के मोमबत्ती के सामने देखलथिन हँ ? त अइसीं ऊ रहतइ, हमेशे हमर चारो तरफ मँड़रइते रहतइ,
मोमबत्ती के चारो तरफ नियन; अजादी ओकरा लगी प्रिय नयँ रह जइतइ, ऊ सोचते रहतइ, उलझल
रहतइ, ऊ खुद के चारो तरफ फँसा लेतइ, जइसे जाल में, आउ चिंता करते-करते मर जइतइ !
... एकरा अलावे - ऊ खुद्दे हमरा लगी कइसनो गणितीय करतूत, दू दुनी जइसन, तैयार करतइ
- अगर खाली ओकरा हम जरी लमगर अन्तराल दिअइ ... आउ ऊ हमर चारो तरफ चक्कर काटते रहतइ,
चक्कर काटते रहतइ, लगातार त्रिज्या (radius) कम आउ कम करते जइतइ - आउ गड़क ! सीधे हमर
मुँह में उड़के चल अइतइ, आउ ओकरा हम निंगल जइबइ, जी, आउ ई बहुत प्रसन्नता के बात होतइ
जी, हे-हे-हे ! अपने के अकीन नयँ होवऽ हइ ?"
रस्कोलनिकोव
जवाब नयँ देलकइ, ऊ पीयर आउ बिन टस-से-मस होल बइठल रहलइ, आउ लगातार तनाव भरल नजर से
पोरफ़िरी के चेहरा तरफ तकते रहलइ ।
"पाठ
बढ़ियाँ हइ !" ऊ सोचलकइ, आउ ओकर शरीर ठंढा पड़े लगलइ । "ई तो अभी बिलाय आउ
चूहा नियन रह गेले ह, जइसन कि कल्हे हलइ । आउ ऊ अपन ताकत बेफुसटंग के नयँ देखाब करऽ
हइ आउ ... सुझाव देब करऽ हइ - एकरा लगी ऊ बहुत जादहीं बुद्धिमान हइ ! हियाँ उद्देश्य
दोसर हइ, की हो सकऽ हइ ? ए, ई सब बकवास हको, भाय, तूँ हमरा डेराब करऽ ह आउ चकमा देब
करऽ ह ! तोरा पास कोय सबूत नयँ हको, आउ कल्हे वला अदमी के अस्तित्व नयँ हको ! आउ तूँ
खाली हमरा हक्का-बक्का करे लगी चाहऽ हो, पहिलहीं हमरा गोस्सा देलावे लगी चाहऽ हो, आउ
ई परिस्थिति में कुचले लगी चाहऽ हो, खाली झूठ हको, समाप्त हो जइबऽ, समाप्त हो जइबऽ
! लेकिन हमरा एतना जादे जनकारी काहे लगी दे रहलऽ ह ? ... की खराब स्नायु पर भरोसा कइले
ह ? ... नयँ, भाय, झूठ बोलऽ ह, समाप्त हो जइबऽ, चाहे तूँ कुच्छो तैयार कइलऽ ह ... अच्छऽ,
देखवे करबइ, कि की हुआँ तूँ तैयारी कइलहो ह ।"
आउ
ऊ अपन पूरा बल से भयंकर आउ अनजान महाविपत्ति लगी खुद के तैयार करते कमर कस लेलकइ ।
कभी-कभी ओकर मन करऽ हलइ कि ऊ टूट पड़इ आउ हिएँ स्थल पर पोरफ़िरी के गला दबा देइ । हियाँ
अन्दर घुसतहीं बखत से अइसन गोस्सा से ऊ डर रहले हल । ऊ अनुभव कइलकइ, कि ओकर होंठ सुक्खल
हलइ, दिल धड़धड़ कर रहले हल, होंठ पर फेन सुक्खल हलइ । लेकिन तइयो ऊ चुप रहे आउ समय से
पहिले एक्को शब्द नयँ बोले के फैसला कइलकइ । ऊ समझलकइ, कि ओकर अइसन परिस्थिति में एहे
सबसे निम्मन युक्ति हइ, काहेकि नयँ खाली कुछ बतइवे नयँ करतइ, बल्कि, एकर विपरीत, चुप्पी
से अपन दुश्मन के गोस्सा देलइतइ, आउ शायद, ऊ ओकरे खुद भेद के बात खोल देतइ । कम से
कम, ओकरा उमीद तो एहे हलइ ।
"नयँ,
हम देखऽ हिअइ, कि अपने के विश्वास नयँ होवऽ हइ, जी, हमेशे सोचते रहऽ हथिन, कि हम अपने
के साथ हानिरहित मजाक करऽ हिअइ", पोरफ़िरी ई बात के पकड़के आगू बोललइ, लगातार अधिकाधिक
प्रसन्न होते आउ बिन रुकले खुशी से हीं-हीं करते आउ फेर से कमरा में चक्कर लगावे लगते,
"आउ वस्तुतः अपने सही हथिन, जी; हमर आकृति ही खुद भगमान अइसन बनइलथिन हँ, कि दोसरा
के दिमाग में खाली हास्यजनक विचारे पैदा होवऽ हइ; विदूषक लगऽ हिअइ, जी; लेकिन हम अपने
के ई बतावऽ हिअइ, आउ फेर से दोहरावऽ हिअइ, जी, कि अपने, बबुआ, रोदियोन रोमानोविच, हमरा
बुढ़वा के माफ कर देथिन, अपने अभी नवजवान हथिन, जी, अइसन कहल जाय, पहिलका जवानी वला,
आउ ओहे से सबसे जादे मानव बुद्धि के आँकऽ हथिन, सब्भे नौजवान के उदाहरण के तरह । बुद्धि
के विनोदशील तीक्ष्णता आउ विवेक के अमूर्त्त (abstract) तर्क अपने के मोहित करऽ हइ,
जी । आउ जाहाँ तक, मतलब, सामरिक घटना के बारे हमर समझ हइ, ई बिलकुल, उदाहरणस्वरूप,
आस्ट्रिया के भूतपूर्व होफ़क्रिग्सराट (Hofkriegsrat) [3] नियन हइ - कागज पर तो नैपोलियन
के पराजित कर देते गेलइ आउ कैदी बना लेते गेलइ, आउ अपन अध्ययन-कक्ष में बड़ी होशियारी
से हिसाब-किताब करके अपन अनुकूल कर लेते गेलइ, आउ देखऽ, सेनापति मैक (General
Mack) तो अपन समुच्चे सेना के साथ आत्मसमर्पण कर दे हइ, हे-हे-हे ! देखऽ हिअइ, देखऽ
हिअइ, बबुआ, रोदियोन रोमानोविच, अपने हमरा पर हँस रहलथिन हँ, कि हम, अइसन असैनिक व्यक्ति,
हमेशे सामरिक इतिहास में से उदाहरण चुनके प्रस्तुत करब करऽ हिअइ । लेकिन की कइल जाय,
हमर कमजोरी हइ, सामरिक कार्य में लगाव हइ, आउ ओहे से ई सब सामरिक रिपोर्ट पढ़ना हमरा
अच्छा लगऽ हइ ... निश्चित रूप से हम अपन पेशा में चूक कइलिअइ । हमरा मिलिट्री में सेवा
करे के चाही हल, जी, सचमुच, जी । हम तो नैपोलियन, शायद, नयँ बन सकतिए हल, लेकिन मेजर
तो होइए सकऽ हलिअइ, जी, हे-हे-हे ! अच्छऽ जी, हमर प्रियतम, त हम अपने के अब, सब्भे
विस्तृत सच्चाई बतावऽ हिअइ, मतलब, ऊ विशेष घटना के बारे, जी - वास्तविकता आउ स्वभाव,
श्रीमान्, महत्त्वपूर्ण चीज हइ, आउ, ओह, कइसे कभी-कभी बिलकुल स्पष्ट गणना भी गलत साबित
हो जा हइ ! अजी, ई बुजुर्ग के बात जरी ध्यान से सुनथिन, गंभीरतापूर्वक बोल रहलिए ह,
रोदियोन रोमानोविच (ई कहते-कहते, मोसकिल से पैंतीस साल के पोरफ़िरी पित्रोविच वास्तव
में मानूँ अचानक पूरा बूढ़ा देखाय देवे लगलइ - ओकर अवाजो बदल गेलइ, आउ लगलइ जइसे पूरा
कुबड़ा हो गेले ह); एकर अलावे, हम बिलकुल खुला दिल के अदमी हिअइ, जी ... खुला दिल के
अदमी हिअइ कि नयँ ? अपने के की खियाल हइ ? हमरा तो लगऽ हइ, कि हम बिलकुल हिअइ - ई सब
चीज तो हम अपने के निःशुल्क बता रहलिए ह, आउ एकरा लगी कोय पुरस्कार नयँ माँग रहलिए
ह, हे-हे ! अच्छऽ, त बिलकुल अइसहीं जी, बात जारी रक्खऽ हिअइ जी - हमर विचार से, कुशाग्र
बुद्धि अद्भुत चीज हइ जी; ई, अइसे कहल जाय, प्रकृति के सौंदर्य हइ आउ जीवन के सांत्वना
हइ, आउ लगऽ हइ, कइसन-कइसन करतब देखा सकऽ हइ, कि कभी-कभी लगऽ हइ, कोय बेचारा छानबीन
करे वला के भी अंदाज लगावे पड़ऽ हइ, जे खुद्दे अपन कल्पना के धारा में बह जा हइ, जइसन
कि हमेशे होवऽ हइ, काहेकि ओहो आखिर मानव हइ, जी ! लेकिन बेचारा छानबीन करे वला के स्वभावे
मदत करऽ हइ जी, एहे तो मुसीबत हइ ! आउ एकरे बारे तो बुद्धिमानी में बह जाय वला नौजवान
लोग सोचते नयँ जा हका, "सब्भे बाधा पार कर जाय करते बखत" (जइसन कि अपने सबसे
बुद्धिमानी आउ सबसे धूर्त्त तरीका से अभिव्यक्त कइलथिन हल) । मान लेल जाय, कि ऊ तो
झूठो बोलऽ हइ, मतलब ऊ अदमी, जी, विशेष घटना जी, बदलल भेस में जी, आउ बड़ी निम्मन से
झूठ बोलऽ हइ, सबसे अधिक धूर्त्त तरीका से; हियाँ, लगऽ हइ, जीत हो गेलइ, अपन बुद्धिमानी
के फल के मजा उठावऽ, लेकिन ऊ - धड़ाम ! सबसे दिलचस्प, सबसे अपमानजनक जगह पर मूर्छित
हो जा हइ। मान लेल जाय, ओकरा बेमारी हइ, आउ कमरा में भी घुटन हइ, लेकिन तइयो, जी !
तइयो विचार तो दे देलकइ ! झूठ तो ऊ अद्वितीय बोललइ, लेकिन अपन स्वभाव के तो ध्यान में
नयँ रखलकइ । हिएँ तो, मक्कारी काहाँ हइ, मालूम चल जा हइ, जी ! दोसरा तुरी, अपन बुद्धिमानी
के चंचलता में बहके, ओकरा पर शक करे वला अदमी के मजाक उड़ावे लगऽ हइ, मानूँ जान-बूझके
पीयर पड़ जा हइ, मानूँ खेल में, आउ बहुत स्वाभाविक रूप से पीयर पड़ जा हइ, कि ऊ सच्चाई
के बहुत समान हइ, आउ अइकी फेनु विचार देलकइ ! हलाँकि कि पहिले तुरी धोखा देय, लेकिन
रात के तो ऊ (छानबीन करे वला) फेर से सोचतइ, अगर खुद मूर्ख अदमी नयँ हइ । आउ वस्तुतः
हरेक कदम पे अइसीं होते रहऽ हइ जी ! बात हिएँ खतम नयँ होवऽ हइ - ऊ खुद्दे आगू दौड़े
ल शुरू कर देतइ, दखल देवे लगतइ, जाहाँ ओकरा पुच्छल नयँ जा हइ, लगातार बोले लगी चालू
कर देतइ ओकरा बारे, जेकरा में, एकर विपरीत, चुप्पी साधे के चाही, दृष्टान्त (प्रतीक-कथा,
allegories) घुसाना चालू कर देतइ, हे-हे ! खुद्दे अइतइ आउ पुच्छे लगतइ - काहे हमरा बहुत पहिलहीं गिरफ्तार नयँ कइल गेलइ
? हे-हे-हे ! आउ अइसन सबसे चलाँको अदमी के साथ हो सकऽ हइ, मनोविज्ञानी आउ साहित्यकार
के साथ, जी ! मानव स्वभाव एगो दर्पण हइ जी, सबसे साफ-सुथरा दर्पण, जी ! ओकरा में देख
ल आउ प्रशंसा करऽ, एहे बात हइ जी ! लेकिन अपने के चेहरा पीयर काहे पड़ गेले ह, रोदियोन
रोमानोविच, कहीं अपने के घुटन तो नयँ हो रहले ह, खिड़की खोल दिअइ ?"
"ओ,
किरपा करके, फिकिर नयँ करथिन", रस्कोलनिकोव चिल्लइलइ आउ अचानक ठठाके हँस पड़लइ,
"किरपा करके, फिकिर नयँ करथिन !"
पोरफ़िरी
ओकर सामने खड़ी होलइ, इंतजार कइलकइ, आउ अचानक खुद्दे ठठाके हँस पड़लइ, ओकर ठीक बाद। रस्कोलनिकोव
अपन बिलकुल अपस्मारी (epileptic) हँसी के अचानक तीक्ष्ण रूप से रोकके सोफा पर से उठ
गेलइ ।
"पोरफ़िरी
पित्रोविच !" ऊ उँचगर आउ स्पष्ट स्वर में बोललइ, हलाँकि अपन काँप रहल गोड़ पे मोसकिल
से खड़ी रह रहले हल, "आखिरकार हम साफ-साफ देखऽ हिअइ, कि अपने ई बुढ़िया आउ एकर बहिनी
लिज़ावेता के हत्या में हमरा पर पूरा तरह से शक्का करऽ हथिन । अपन तरफ से हम अपने के
हम घोषणा करऽ हिअइ, कि हम ई सब से बहुत पहिलहीं तंग हो चुकलिए ह । अगर समझऽ हथिन, कि
कानूनी तौर पे अपने हमरा पर अभियोग लगा सकऽ हथिन, त अभियोग लगाथिन; अगर गिरफ्तार कर
सकऽ हथिन, त गिरफ्तार करथिन । लेकिन ई बात के हम अनुमति नयँ देबइ, कि हमर आँख के सामने
हमरा पर अपने हँसथिन आउ हमरा सतइथिन ।" अचानक ओकर होंठ काँपे लगलइ, गोस्सा से
आँख जरे लगलइ, आउ अभी तक नियंत्रित अवाज गूँजे लगलइ । "नयँ अनुमति देबइ, जी
!" टेबुल पर अपन ताकत भर जोर से मुक्का मारके अचानक ऊ चिल्लइलइ, "सुन्नऽ
हथिन अपने ई बात, पोरफ़िरी पित्रोविच ? नयँ अनुमति देबइ !"
"हे
भगमान, फेर से ई बात के की मतलब हइ !" स्पष्टतया बिलकुल भयभीत होल पोरफ़िरी पित्रोविच
चिल्लइलइ, "बबुआ ! रोदियोन रोमानोविच ! प्रियतम ! बाबू ! ई अपने के की हो गेले
ह ?"
"नयँ
अनुमति देबइ !" रस्कोलनिकोव फेर से चिल्लइलइ ।
"बबुआ,
जरी धीरे ! लोग सुन लेतइ, त अंदर आ जइतइ ! ऊ बखत ओकन्हीं के हमन्हीं की कहबइ, जरी सोचथिन
!" डर के मारे पोरफ़िरी पित्रोविच फुसफुसइलइ, अपन चेहरा रस्कोलनिकोव के चेहरा के
पास लइते।
"नयँ
अनुमति देबइ, नयँ अनुमति देबइ !" यंत्रवत् रस्कोलनिकोव दोहरइते रहलइ, लेकिन ओहो
बिलकुल फुसफुसाहट में ।
पोरफ़िरी
तेजी से मुड़लइ आउ खिड़की खोले लगी लपकके गेलइ ।
"कुछ
तजगर हावा आवे देल जाय ! आउ बबुआ, अपने के थोड़े सनी पानी पीए के चाही, वस्तुतः ई दौरा
हकइ, जी !" आउ पानी लावे के औडर देवे खातिर ऊ लपकके दरवजवा दने गेलइ, लेकिन संयोगवश
ओज्जे परी कोनमा में पानी भरल सुराही हलइ ।
"बबुआ,
पी लेथिन", सुराही लेले ओकरा तरफ लपकके अइते ऊ फुसफुसइलइ, "शायद एकरा से
कुछ मदत मिलतइ ..."
पोरफ़िरी
पित्रोविच के भय आउ ओकर खुद के सहानुभूति एतना स्वाभाविक हलइ, कि रस्कोलनिकोव चुप हो
गेलइ आउ ओकरा तरफ बड़ी उत्सुकता से एकटक देखे लगलइ । लेकिन पानी ऊ नयँ लेलकइ ।
"रोदियोन
रोमानोविच ! प्यारे ! अइसे खुद के तो दिमाग फिरा देथिन, अपने के विश्वास देलावऽ हिअइ,
आ-आह ! ओ-ओह ! पी लेथिन ! हाँ, जरिक्को सनी पी लेथिन !"
ऊ
जबरदस्ती ओकरा पानी से भरल गिलास हथवा में दे देलकइ । रस्कोलनिकोव यंत्रवत् ओकरा अपन
होंठ भिर लइलकइ, लेकिन सचेत होला पर (recollecting himself) अरुचि के साथ टेबुल पर
रख देलकइ ।
"जी
हाँ, हमन्हीं के दौरा पड़ले हल जी ! अइसे अपने फेर से, बबुआ, पहिलौका बेमारी के वापिस
बोला लेथिन", पोरफ़िरी पित्रोविच मैत्रिक सहानुभूति के साथ कुड़कुड़इलइ, लेकिन तइयो
अभियो तक ऊ किंकर्तव्यविमूढ़ देखाय दे रहले हल । "हे भगमान ! कइसे अपन स्वास्थ्य
पर ध्यान नयँ रक्खऽ हथिन ? अइकी द्मित्री प्रोकोफ़िच कल्हे हमरा हीं अइले हल - हम सहमत
हिअइ, सहमत हिअइ, जी, हमर स्वभाव कटु हइ, खराब हइ, आउ अइकी अइसन मतलब निकासल गेलइ
! ... हे भगमान ! कल्हे अइलइ, अपने के बाद, हमन्हीं खाना खइलिअइ, ऊ बोलते रहलइ, बोलते
रहलइ, हम तो खाली हाथ फैला देलिअइ; हम सोचऽ हिअइ ... ओह तूँ, हे भगमान ! ऊ की अपने
के हियाँ से अइले हल ? लेकिन बइठ तो जाथिन, बबुआ, क्राइस्ट खातिर बइठ जाथिन !"
"नयँ,
हमरा हीं से तो नयँ ! लेकिन हम जानऽ हलिअइ, कि ऊ अपने के हियाँ गेलइ आउ काहे लगी गेलइ",
रस्कोलनिकोव तीखापन से उत्तर देलकइ ।
"जानऽ
हलथिन ?"
"जानऽ
हलिअइ । लेकिन एकरा से की ?"
"हाँ
ओहे, बबुआ, रोदियोन रोमानोविच, कि हमरा अपने के ओइसन कारनामा अभियो तक मालूम नयँ हइ;
सब कुछ के बारे हमरा सूचना मिलले ह, जी ! वस्तुतः हमरा मालूम हइ, कि कइसे अपने किराया
पर फ्लैट लेवे खातिर गेलथिन हल, खास रात में, जब अन्हेरा होवे लगले हल, आउ घंटी बजावे
लगलथिन हल, खून के बारे पूछ रहलथिन हल, आउ जेकरा चलते मजूर आउ दरबान सब चक्कर में पड़
गेले हल । वास्तव में हम तखने के तो अपने के दिमागी हालत तो समझऽ हिअइ ... लेकिन तइयो
वस्तुतः अइसे तो अपने अपन दिमाग खराब कर लेथिन, भगमान कसम जी ! अपने के माथा चकराय
लगतइ ! क्रोध तो अपने के बहुत जोर से उबल रहले ह, जी, शुभप्रद क्रोध, जी, ऊ सब मिलल
अपमान के चलते, पहिले तो भाग्य से, आउ बाद में पुलिस से, आउ अइकी एने-ओने दौड़ा-दौड़ी
कर रहलथिन हँ, कि, अइसे कहल जाय, सबके जल्दी से जल्दी सब कुछ खुलके बातचीत करे लगी
बाध्य कर देल जाय आउ बस एक्के तुरी में मामला खतम कर देल जाय, काहेकि अपने ई सब बेवकूफी
आउ ई सब शक्का से तंग आ चुकलथिन हँ । वास्तव में एहे बात हइ न ? हम अपने के इरादा के
अनुमान तो लगा लेलिए ह न, जी ? अइसे तो खाली अपनहीं खुद के नयँ, बल्कि रज़ुमिख़िन के
भी हमरा हीं चक्कर में डाल देथिन; वस्तुतः ऊ तो एकरा लगी बहुत भला अदमी हइ, खुद्दे
जानऽ हथिन । अपने के तो बेमारी हइ, आउ ओकरा में उदारता; बेमारी तो संक्रमण के चलते
ओकरो लगतइ ... हम तो अपने के, बबुआ, अइकी जब शांत हो जइथिन, तब बतइबइ ... जरी बइठ तो
जाथिन, बबुआ, क्राइस्ट के नाम पर ! किरपा करके जरी सुस्ता लेथिन, अपने के चेहरा तो
भयंकर लगऽ हइ; बइठ तो जाथिन ।"
रस्कोलनिकोव
बइठ गेलइ; ओकर कंपन जा रहले हल, आउ ओकर समुच्चे देह में गरमी आवे लगलइ । ऊ, डरल आउ
ओकर मित्रतापूर्वक आवभगत कर रहल पोरफ़िरी पित्रोविच के बात, बड़ी अचरज आउ तनाव में सुन
रहले हल । लेकिन ऊ ओकर एक्को शब्द के विश्वास नयँ कर रहले हल, हलाँकि विश्वास करे के
एक प्रकार के विचित्र झुकाव अनुभव कर रहले हल । फ्लैट के बारे पोरफ़िरी के अप्रत्याशित
शब्द ओकरा बिलकुल हक्का-बक्का कर देलकइ । "त ऊ फ्लैट के बारे कइसे जानऽ हइ
?" अचानक ओकर दिमाग में विचार अइलइ, "आउ ऊ खुद्दे हमरा बतावऽ हइ !"
"जी
हाँ, हमर कानूनी पेशा में लगभग अइसने एगो मामला हलइ, एगो मनोवैज्ञानिक मामला, बेमार
मनोदशा के मामला, जी", सड़ासड़ बोलते पोरफ़िरी बात जारी रखलकइ । "एगो अपने उप्पर
हत्या के कील ठोक लेलकइ, जी, आउ ऊ ठोकवो कइलकइ त कइसे ! पूरा विभ्रांति
(hallucination) के साथ अइलइ, तथ्य सब प्रस्तुत कइलकइ, परिस्थिति सब के बखान कइलकइ,
हमन्हीं में से हरेक के भ्रांत आउ चकित कर देलकइ, आउ काहे लगी ? खुद ऊ, बिलकुल अनजाने
में, आंशिक रूप से, हत्या के कारण हलइ, लेकिन खाली आंशिक रूप से, लेकिन जइसीं ओकरा
ई पता चललइ, कि ऊ हत्यारा सब के मौका देलकइ, त ऊ दुखी आउ हक्का-बक्का हो गेलइ, तरह-तरह
के कल्पना करे लगलइ, ओकर दिमाग बिलकुल फिर गेलइ, आउ ओकरा पक्का विश्वास होवे लगलइ,
कि खुद ओहे तो हत्यारा हकइ ! लेकिन शासी राज्यसभा (governing senate) आखिरकार मामला
के छानबीन कइलकइ, आउ ऊ अभागल के बरी कर देल गेलइ आउ ओकरा देखभाल लगी दे देल गेलइ ।
धन्य हलइ शासी राज्यसभा ! अगे माय, च्च-च्च-च्च ! त अइसन हालत में की होतइ, बबुआ ?
ई हालत में तो सरसाम धर ले सकऽ हइ, अगर अइसन आवेश (impulse) से अपन स्नायु के उत्तेजित
करे लगऽ हथिन, कि रात-बेरात जाके घंटी बजावऽ हथिन आउ खून के बारे पुच्छऽ हथिन ! वस्तुतः
अइसन सब मनोवृत्ति के तो हम अपन काम के दौरान अध्ययन कइलिए ह, जी । ई वस्तुतः कभी-कभी
अदमी के खिड़की से, चाहे घंटाघर (belfry, bell tower) से कूद जाय लगी प्रेरित करऽ हइ,
आउ ई संवेदना (sensation) केतना प्रलोभनकारी हइ । एहे बात दरवाजा के घंटी
(door-bell, call-bell) के साथ हइ, जी ... रोग हइ, रोदियोन रोमानोविच, रोग ! अपन रोग
के बहुत उपेक्षा करे लगलथिन हँ, जी । अनुभवी डाक्टर से सलाह लेवे के चाही, आउ अपने
के ई मोटू कउन काम के हथुन ! ... अपने के सरसाम हइ ! अपने से ई सब जे कुछ होवऽ हइ,
ऊ बिलकुल खाली सरसाम में !"
एक
क्षण तो रस्कोलनिकोव के लगलइ कि सब कुछ चारो तरफ घूम रहले ह ।
"की
अइसन हो सकऽ हइ, की वस्तुतः", ओकर दिमाग में ई बात कौंधलइ, "ऊ अभियो झूठ
बोल रहले ह ? असंभव, असंभव !" ऊ ई विचार के अपना से दूर भगावे के कोशिश कइलकइ,
पहिलहीं से महसूस करते, कि बौखलाहट आउ गोस्सा ओकरा केतना हद तक पहुँचा सकऽ हइ, ई महसूस
करते, कि बौखलाहट से ऊ पागल हो जा सकऽ हइ ।
"ई
सरसामी हालत में नयँ हलइ, ई जाग्रत अवस्था में हलइ !" ऊ चिल्लइलइ, पोरफ़िरी के
चाल में प्रवेश करे (अर्थात् चाल के समझे) खातिर अपन दिमाग के पूरा जोर लगइते ।
"जाग्रत अवस्था में, बिलकुल होश-हवास में! सुन रहलथिन हँ ?"
"जी
हाँ, समझ रहलिए ह आउ सुन रहलिए ह ! कल्हियों अपने बोललथिन हल, कि ई सरसाम में नयँ,
खास करके ई जोर भी देलथिन हल, कि सरसाम में नयँ हलइ ! ऊ सब कुछ, जे अपने कह सकऽ हथिन, हम समझऽ हिअइ, जी
! ओ-ओह ! ... लेकिन, रोदियोन रोमानोविच, हमर उपकारकर्ता, कम से कम ई परस्थिति के तो
सुन लेथिन । अगर वस्तुतः अपने सचमुच अपराधी रहथिन हल, चाहे ई निंदित काम में कइसूँ
अपने के हाथ होते हल, त, भगमान के खातिर, की अपने खुद्दे ई बात पर जोर देथिन हल, कि
ई सब कुछ अपने सरसामी हालत में नयँ कइलथिन, बल्कि, एकर विपरीत, पूरे होश-हवास में
? आउ खास करके जोर देथिन हल, अइसन विशेष हठ के साथ जोर देथिन हल - की अइसन हो सकऽ हलइ,
की ई हो सकऽ हलइ, भगमान के खातिर ? बिलकुल एकर विपरीत, हमर विचार से । अगर कुच्छो अपने
के अंतःकरण में महसूस होते हल, त अपने ठीक ई बात पर जोर देथिन हल, आउ कहथिन हल, कि
निश्चित रूप से सरसाम में ! ठीक हइ न ? एहे बात हइ न ?"
ई
प्रश्न में कुछ तो धूर्तता सुनाय दे हलइ । पोरफ़िरी के रस्कोलनिकोव तरफ झुक गेला पर
ऊ सोफा के बिलकुल पीठ तरफ घसक गेलइ, आउ चुपचाप, सीधे, हक्का-बक्का होल ओकरा तरफ एकटक
देखते रहलइ ।
"चाहे
अइकी मिस्टर रज़ुमिख़िन के बात ले लेथिन, ई बात के, मतलब, कि ऊ कल्हे अपन मर्जी से बात
करे लगी अइलइ, कि अपने के उसकइला पर ? अपने के ठीक ई बात बोले के चाही हल, कि ऊ अपन
मर्जी से अइले हल, आउ ई बात छिपा लेथिन हल, कि अपने के उसकइला पर ! लेकिन अपने तो वस्तुतः
बिलकुल नयँ छिपावऽ हथिन ! अपने तो ठीक ई बात पर जोर दे हथिन, कि अपने के उसकइला पर
!"
रस्कोलनिकोव
कभियो अइसन नयँ कइलके हल । ओकर मेरुदंड से उपरे से निच्चे तक शीत लहर दौड़ गेलइ ।
"अपने
लगातार झूठ बोलते जा रहलथिन हँ", ऊ चेहरा के विकृत करके ओकरा पर बेमरियाहा मुसकाहट
लाके धीरे-धीरे आउ दुर्बल स्वर में कहलकइ, "अपने हमरा फेर से देखावे लगी चाहऽ
हथिन, कि हमर सब खेल के जानऽ हथिन, हमर सब जवाब के पहिलहीं से जानऽ हथिन", ऊ बोललइ,
खुद ई महसूस करते कि अपन शब्द के अब ओतना तौल नयँ पा रहले हल, जेतना चाही हल,
"हमरा डेरावे लगी चाहऽ हथिन ... चाहे खाली हमरा पर हँस्सऽ हथिन ..."
ई
बात बोलते, ऊ सीधे ओकरा तरफ एकटक देखना जारी रखलकइ, आउ अचानक फेर से असीम क्रोध ओकर
आँख में चमके लगलइ ।
"अपने
लगातार झूठ बोल रहलथिन हँ !" ऊ चिल्लइलइ । "अपने खुद अच्छा से जानऽ हथिन,
कि अपराधी के सबसे अच्छा पैंतरा ई होवऽ हइ, कि यथासंभव ऊ अइसन कुच्छो नयँ छिपावइ, जेकरा
छिपावे के नयँ चाही । हमरा अपने पर विश्वास नयँ हइ !"
"कइसन
चुलबुलिया हथिन अपने !" पोरफ़िरी खिखिअइलइ, "अपने से, बबुआ, जित्तल नयँ जा
सकऽ हइ; अपने के अंदर एक प्रकार के एकोन्माद (monomania) बइठल हइ । मतलब हमरा पर नयँ
विश्वास करऽ हथिन ? लेकिन हम अपने के कहबइ, कि अपने वस्तुतः विश्वास करऽ हथिन, एक चौथाई
अर्शीन तो विश्वास कर चुकलथिन हँ, आउ हम अइसन करबइ, कि पूरे अर्शीन [4] विश्वास करथिन,
काहेकि सचमुच हम अपने के प्यार करऽ हिअइ, आउ दिल से अपने के भलाई चाहऽ हिअइ ।"
रस्कोलनिकोव
के होंठ कँप्पे लगलइ ।
"हाँ
जी, चाहऽ हिअइ जी, आखिर बात अपने के कहबइ जी", ऊ अपन बात जारी रखलकइ, धीरे से
आउ मित्रतापूर्वक रस्कोलनिकोव के केहुनी से जरी सन उपरे बाँह पकड़के, "आखिर बात
कहबइ जी - अपन रोग पर जरी ध्यान देथिन । एकरा साथ अपने के परिवारो आल हइ; एकरा बारे
तो विचार करथिन । उनकन्हीं के तसल्ली आउ अराम देवे के चाही, लेकिन उनकन्हीं के तो खाली
डेरा रहलथिन हँ ..."
"एकरा
से अपने के की लेना-देना ? अपने के कइसे मालूम ? अपने के एकरा में एतना रुचि काहे लगी
हइ ? मतलब, अपने हमर पीछू लग्गल रहऽ हथिन आउ ई हमरा देखावे लगी चाहऽ हथिन ?"
"बबुआ
! ई तो हम खुद्दे अपनहीं से, अपनहीं से बिलकुल सब कुछ जनलिअइ ! अपने ई बात पर ध्यानो
नयँ दे हथिन, कि, अपन उत्तेजना में, खुद्दे सब कुछ बता दे हथिन - हमरो आउ दोसरो के
। मिस्टर रज़ुमिख़िन, द्मित्री प्रोकोफ़िच, से भी कल्हे बहुत सारा दिलचस्प विवरण
(details) मालूम होलइ । जी नयँ, अइकी हमरा बिचवा में टोक देलथिन, लेकिन हम कहबइ, कि
अपन शंकाशीलता (शक्कीपन) के कारण, अपन तमाम होशियारी के बावजूद, कोय चीज के समझदारी
से देखे के क्षमता अपने खो देलथिन हँ । अच्छऽ अइकी, मसलन, ओहे विषय पर, दरवाजा के घंटी
के बारे - अइसन अनमोल चीज, अइसन तथ्य (पूरा तथ्ये हइ जी !) हम अपने के अइसे, हाथ आउ
गोड़ से, हम एगो छानबीन करे वला, उघार देतिए हल ! आउ अपने के एकरा में कुछ देखाय नयँ
दे हइ ? अगर हमरा अपने पर जरिक्को सुनी शक्का होते हल, त की हम अइसे व्यवहार करतिए
हल ? एकर विपरीत, हम पहिले अपने के सब शक्का दूर कर देतिए हल, आउ ई बात के भान नयँ
होवे देतिए हल, कि हमरा ई तथ्य के बारे मालूम पड़ चुकले ह; आउ ई तरह से अपने के ध्यान
विपरीत दिशा में हटाके, अचानक, सिर के चोटी पर कुल्हाड़ी नियन (अपनहीं के अभिव्यक्ति
के अनुसार), हक्का-बक्का कर देतिए हल, आउ ई पुछतिए हल - 'बबुआ, हत्या कइल औरत के फ्लैट
में शाम के दस बजे, चाहे शायद एगारहो बजे, की कर रहलथिन हल ? आउ घंटी काहे लगी बजा
रहलथिन हल ? आउ खून के बारे काहे लगी पुच्छऽ हलथिन ? आउ काहे लगी दरबान सब के भ्रम
में डाल रहलथिन हल आउ पुलिस चीफ के पास थाना चल्ले लगी कहब करऽ हलथिन ?' त ई तरह से
हम व्यवहार करतिए हल, अगर हमरा अपने पर जिरिक्को सुनी शक्का होते हल । अपने के सब्भे
औपचारिकता के अनुसार गोवाही लेतिए हल, तलाशी लेतिए हल, आउ शायद अपने के गिरफ्तारो करतिए
हल ... मतलब, हमरा अपने उप्पर शक्का नयँ हलइ, अगर दोसरा ढंग से व्यवहार कइलिअइ ! आउ
कोय चीज के समझदारी से देखे के क्षमता अपने खो देलथिन हँ, आउ अपने के कुच्छो नयँ देखाय
दे हइ, हम दोहरावऽ हिअइ, जी !"
रस्कोलनिकोव
पूरे शरीर के साथ काँप उठलइ, जे बहुत असानी से पोरफ़िरी पित्रोविच नोटिस कर लेलकइ ।
"अपने
लगातार झूठ बोल रहलथिन हँ !" ऊ चिल्लइलइ, "हमरा अपने के उद्देश्य मालूम नयँ,
लेकिन अपने लगातार झूठ बोल रहलथिन हँ ... कुछ समय पहिले ई अर्थ में अपने नयँ बोललथिन
हल, आउ हमरा कोय गलतफहमी नयँ हइ ... अपने झूठ बोल रहलथिन हँ !"
"हम
झूठ बोल रहलिए ह ?" पोरफ़िरी बात आगू बढ़इलकइ, स्पष्टतया उत्तेजित होके, लेकिन बिलकुल
प्रसन्न आउ व्यंग्यात्मक चेहरा बनइले रखते, आउ शायद ई बात के जिरिक्को नयँ फिकिर करते,
कि मिस्टर रस्कोलनिकोव ओकरा बारे की सोचतइ । "हम झूठ बोल रहलिए ह ?" ...
अच्छऽ, लेकिन अभी अपने के साथ हम कइसन व्यवहार कइलिअइ (हम तो छानबीन करे वला हिअइ),
खास अपने के सुझाव देते आउ बचाव (defence) के सब तरह के उपाय बतइते, आउ खुद हम अपने
लगी ई सब्भे मनोदशा रखलिअइ - 'रोग, सरसाम, बहुत बुरा मान गेलथिन; विषाद आउ पुलिस',
इत्यादि, इत्यादि ? अयँ ? हे-हे-हे ! लेकिन हलाँकि, एक बात के माने हम कहऽ हिअइ, बचाव
के ई सब मनोदशा के साधन, बहाना आउ आना-कानी, बिलकुल बेबुनियाद हकइ, आउ दुधारी भी -
'बेमारी, सरसाम, दिवास्वप्न जइसन लगलइ, ई हमरा आद नयँ', ई सब तो ठीक हइ जी, लेकिन बबुआ,
काहे बेमारी में आउ सरसाम में सब कोय के बिलकुल अइसने दिवास्वप्न देखाय दे हइ, आउ दोसर
कुछ नयँ ? वस्तुतः दोसरो कुछ हो सकऽ हइ न, जी ? अयँ ? हे-हे-हे-हे !"
रस्कोलनिकोव
ओकरा तरफ अभिमानपूर्वक आउ घृणा से देखलकइ ।
"एक
शब्द में", ऊ आग्रहपूर्वक आउ उच्च स्वर में कहलकइ, उठते आउ साथे-साथ पोरफ़िरी के
थोड़े सन दूर ढकेलते , "एक शब्द में, हम जाने ल चाहऽ हिअइ - आखिरकार हमरा सन्देह
से परे मानऽ हथिन, कि नयँ ? बोलथिन, पोरफ़िरी पित्रोविच, सकारात्मक रूप से (positively)
आउ आखिरी तौर पे, आउ जल्दी से जल्दी, अभिए !"
"ओह,
कइसन मोसकिल काम हइ ! अपने के साथ कइसन मोसकिल काम हइ", बिलकुल प्रसन्नचित्त,
धूर्त्त आउ जरिक्को सन चिंता नयँ झलक रहल चेहरा बनइले पोरफ़िरी चिल्लइलइ । "लेकिन
अपने काहे लगी जाने लगी चाहऽ हथिन, काहे लगी अपने के एतना अधिक जनकारी चाही, जबकि अपने
के कुच्छो परेशान कइल जाय लगी शुरुओ नयँ कइल गेले ह ! वस्तुतः अपने तो बुतरू नियन कर
रहलथिन हँ - 'दे, जल्दी से आग हमरा हाथ में दे दे ! आउ एतना चिंता काहे करऽ हथिन ?
काहे लगी खुद्दे अपने आप के हमन्हीं पर थोप रहलथिन हँ, कउन कारण से ? अयँ ? हे-हे-हे
!"
"अपने
के फेर से कह रहलिए ह", रस्कोलनिकोव गोस्सा में बोललइ, "कि हम आउ बरदास नयँ
कर सकऽ हिअइ ..."
"की
जी ? अनिश्चितता तो ?" पोरफ़िरी टोकते बोललइ ।
"हमर
मजाक नयँ उड़ाथिन ! हम नयँ चाहऽ ही ! ... अपने के बता रहलिए ह, कि हमरा नयँ चाही !
... न बरदास कर सकऽ हिअइ आउ न चाहऽ हिअइ ! ... सुनऽ हथिन ! सुनलथिन !" ऊ चिल्लइलइ,
फेर से टेबुल पर मुक्का मारते ।
"धीरे,
धीरे ! लोग सुन लेतइ ! गंभीरतापूर्वक सवधान कर रहलिए ह - अपन खियाल रखथिन । हम मजाक
नयँ कर रहलिए ह, जी !" पोरफ़िरी फुसफुसइलइ, लेकिन अबरी ओकर चेहरा पर पहिलौका, नारी
जइसन उदार आउ भयभीत अभिव्यक्ति नयँ हलइ; एकर विपरीत, अब सीधे कठोरतापूर्वक त्योरी चढ़इले,
आउ मानूँ एक्के तुरी में सब्भे रहस्य आउ दुविधा दूर करते, आदेश दे रहले हल । लेकिन ई खाली एक पल तक रहलइ । हक्का-बक्का
होल रस्कोलनिकोव अचानक वास्तविक क्रोधावेश में आ गेलइ; लेकिन विचित्र बात हलइ - ऊ फेर
से धीरे बात करे के आदेश मान लेलकइ, हलाँकि ऊ क्रोध के सबसे तीव्र दौरा में पहुँचल
हलइ ।
"हम
खुद के सतावल जाय के अपने के अनुमति नयँ देबइ !" पहिलहीं नियन ऊ फुसफुसाय लगलइ,
पीड़ा आउ घृणा सहित तुरते ई समझते, कि ऊ आदेश के नयँ पालन नयँ कर सकऽ हइ, आउ ई विचार
के साथ आउ अधिक क्रोधित होते, "हमरा गिरफ्तार करथिन, हमर तलाशी लेथिन, लेकिन नियमानुसार
कार्रवाई करथिन, आउ हमरा साथ खेलवाड़ नयँ करथिन, जी ! साहस नयँ करथिन ..."
"नियम
के फिकिर अपने नयँ करथिन", पोरफ़िरी टोकते बोललइ, अपन पहिलौका धूर्त्त मुसकान के
साथ, आउ मानूँ प्रसन्नतापूर्वक रस्कोलनिकोव के प्रशंसा करते, "हम अपने के, बबुआ,
अभी घर पर जइसन मिल्ले खातिर आमंत्रित कइलिए हल, बिलकुल मित्रतापूर्वक !"
"हमरा
अपने के मित्रता नयँ चाही आउ हम ओकरा पर थुक्कऽ हिअइ ! सुन्नऽ हथिन न ? आउ अइकी - अपन
टोपी लेबइ आउ चल जइबइ । अच्छऽ जी, अभी की कहथिन, अगर गिरफ्तार करे के इरादा रहइ
?"
ऊ
अपन टोपी ले लेलकइ आउ दरवाजा तरफ बढ़लइ ।
"आ
एगो जरी गो आकस्मिक उपहार (surprise) नयँ देखे लगी चाहथिन ?" पोरफ़िरी खिखियाय
लगलइ, ओकरा फेर से केहुनी के उपरे पकड़ते आउ दरवजवा भिर रोकते । स्पष्टतया ऊ आउ जादे
खुश आउ चुहलबाज हो गेलइ, जेकरा से आखिरकार रस्कोलनिकव अपन आपा खो देलकइ ।
"कइसन
आकस्मिक उपहार ? ई की हइ ?" ऊ पुछलकइ, अचानक रुकते आउ डर से पोरफ़िरी तरफ एकटक
देखते ।
"आकस्मिक
उपहार, जी, अइकी हिएँ परी हकइ, दरवजवा के पीछू बइठल, हे-हे-हे !" (ऊ अप्पन अँगुरी
से टट्टी में बन दरवजवा तरफ इशारा कइलकइ, जेकरा से होके ओकर सरकारी क्वाटर पड़ऽ हलइ
।) "हम ताला लगा देलिए ह, ताकि भाग नयँ जाय ।"
"की
हकइ ? काहाँ ? की ? ..."
रस्कोलनिकोव
दरवजवा भिर आके ओकरा खोले लगी चहलकइ, लेकिन ओकरा में ताला लग्गल हलइ ।
"ताला
लग्गल हइ, जी, अइकी कुंजिया हकइ !"
आउ
वास्तव में, ऊ ओकरा कुंजी देखइलकइ, जेभिया से निकासके ।
"तूँ
लगातार झूठ बोल रहलऽ ह !" खुद के नयँ रोक पाके, रस्कोलनिकोव चिल्ला उठलइ,
"झूठ बोल रहलऽ ह, विदूषक कहीं के !" आउ ऊ दरवजवा तरफ पीछू घसकते, लेकिन बिलकुल
नयँ भयभीत पोरफ़िरी पर टूट पड़लइ ।
"हमरा
सब, सब कुछ समझ में आवऽ हइ !" ऊ झपटके ओकरा भिर पहुँचलइ । "तूँ झूठ बोल रहलऽ
ह आउ हमरा चिढ़ा रहलऽ ह, ताकि हम सब कुछ बता देऊँ ..."
"अब
आउ कुछ बता देवे लगी हइए नयँ हकइ, बबुआ, रोदियोन रोमानोविच । वस्तुतः अपने तो उन्माद
में पहुँच गेलथिन हँ । चिल्लाथिन नयँ, नयँ तो हम वस्तुतः लोग के बोलावऽ हिअइ, जी !
"झूठ
बोलब करऽ ह, कुछ नयँ होतो ! बोला ल लोग के ! तूँ जानऽ हलऽ, कि हम बेमार हिअइ, आउ हमरा
परेशान कर-करके क्रोधावेश तक पहुँचावे लगी चाहऽ हलऽ, ताकि हम सब कुछ बता देऊँ, त ई
हको तोहर उद्देश्य ! नयँ, तूँ तथ्य प्रस्तुत करऽ ! हम सब कुछ समझ गेलूँ ! तोहरा पास
कोय तथ्य नयँ हको, तोहरा पास हको खाली बकवास, ज़म्योतोव के तरह बेकार शक्का ! ... तोहरा
हमर स्वभाव मालूम हलो, हमरा उन्माद तक पहुँचावे लगी चाहऽ हलहो, आउ बाद में अचानक पादरी
आउ सभासद लोग के सहारा से हक्का-बक्का करे लगी ... त तूँ ओकन्हीं लगी इंतजार कर रहलहो
ह ? अयँ ? इंतजार कउन बात के ? काहाँ ? पेश तो करऽ !"
"लेकिन
हियाँ कइसन सभासद, जी, बबुआ ! अदमी के कइसन-कइसन कल्पना होवऽ हइ ! ई तरह से तो नियम
के अनुसार कार्रवाई नयँ कइल जा सकऽ हइ, जइसे कि अपने बोलऽ हथिन, अपने के तो विधि-विधान
(procedure) के जनकारी नयँ हइ ... लेकिन नियम तो नयँ चल जइतइ, जी, खुद्दे देख लेथिन
! ...", पोरफ़िरी बड़बड़इलइ, साथे-साथ अपन कान दरवाजा तरफ कइले सुनते रहलइ ।
वास्तव
में, ई समय दरवजवा भिर दोसरा तरफ के कमरा में से शोर-गुल जइसन सुनाय पड़लइ ।
"हलऽ
ल, ओकन्हीं आइए रहला ह !" रस्कोलनिकोव चिल्लइलइ, "त तूँ ओकन्हीं के बोलवइलहो
! ... तूँ ओकन्हीं के इंतजार करब करऽ हलहो ! तूँ राह देख रहलहो हल ... अच्छऽ, लावऽ
हियाँ सब्भे के, सभासद, गोवाह सब के, जे कुछ चाहऽ ह ... करऽ ! हम तैयार हकियो ! तैयार ! ..."
लेकिन
ओहे बखत एगो विचित्र घटना घटलइ, कुछ अइसन अप्रत्याशित, सामान्य जीवन के तौर पर, कि
निस्सन्देह न तो रस्कोलनिकोव, न पोरफ़िरी पित्रोविच के अइसन अंत के गुमान हलइ ।
No comments:
Post a Comment